हेलो एप्रीबडी इस दिग्राश सिंह राजपूत वेलकम टॉप चैनल इस वीडियो में क्लास टेंथ इकनॉमिक्स का चाप्टर चाप्टर है मनी एंड क्रेडिट इस चाप्टर को हम पढ़ने वाले हैं समझने आए रिवाइस करने वाले हैं देश इस गोइंग इस वीडियो जहां पर आपके नजरों के सामने से पूरा चाप्टर लगा कर निकल जाएगा आपको सारी चीजें समझ में जाएगी तो जिन्होंने ऐसा है कि अभी चैप्टर स्टार्ट नहीं किया है तो यूल हैव दी आइडिया वो एक रूप रेखा समझ में आजाएगी कि आखिर कार चैप्टर कैसे आगे बढ़ रहा है इस पूरी प्रोसेस कौन से कहां से कुशन बन किया है कुशन बन सकते हैं तो तो अल इन वन अगर बताऊं तो यह वन शॉट जो है ना तो एक बार में पूरे चैप्टर की चिंता खत्म करते हैं शुरू करें तो अगर मैं चैप्टर की ब्रॉड आउटलाइन आपको बताऊं तो दो शब्द से मिलकर चैप्टर बनाएं मनी एंड क्रेडिट एंड यह उस तरह का चैप्टर जो छोटे चैप्टर की कैटेगरी में आता है जितना भी आपका टेंथ का सेलेबर्स हैं तो मनी एंड क्रेडिट तो वह क्रेडिट वाले पार्ट में लोन सही होते हैं, गलत होते हैं, किस-किस प्रकार के लोन होते हैं, कहां-कहां से लोन मिल सकते हैं, फॉर्मल सेक्टर, इनफॉर्मल सेक्टर, और कैसे इनफॉर्मल सेक्टर से बचने के जरवत है, सेल्फ हेल्प ग्रूप क्या है, तो बेसिक फाइनेंशन लिटरसी अगर आपको समझना है, शुरू करते हैं money as a medium of exchange पैसा तो अगर हम बात करें क्या वाट इज दी इंपोर्टेंस ऑफ मनी तो आपके मिनद में गाना बजेगा क्या कि पैसा है तो बड़ी-बड़ी बात पैसा है तो लंबी-लंबी रहते तो पॉइंट यह है कि पैसा जाता आज आप देखेंगे तो हम एड़ यूमन भी हम क्या करते हैं एक सोसाइटी में रहते हैं उस सेसाइटी में अर्थ जो रहता है अर्थ यानि कि जैसे इकनॉमिकी बात करें अर्थशास्त्र होता है अर्थव्यवस्था होती है तो इकनॉमिक में money की help से क्या होते है, सारे transactions possible हो पाते हैं, money की help से हम क्या देख रहे हैं, कि economy चल रही होती है, economy के जो tires हैं, वो money है, पाइंट, तो, पैसा जो है, तो पैसे से हमारे day to day transactions हो रहे हैं, पैसे से हम क्या देख रहे हैं, अंग होता है, कि money is very important ठीक है पैसा है तो बड़ी बाते है अब दूसरी चीज क्या है what was the situation before the invention of money पैसा तो आ जाया गांधी जी की फोटो तो 1947 के बाद जैसे आजादी के बाद गांधी जी की फोटो लगी नोट पे तो उसके पहले क्या situation थी भी सर वह ब्रिटेन के अंपरर की फूट होगी वह नहीं उसके पहले और से लगाओ तो सर पहले मुगल्स जो थे तो वह अपने सोने के सिक्के निकाल देते थे उसके पहले हां तो सर उसके मतलब वह तो सोने के सिक्के कम निकाल देते में जूते ले लिए इस तरह से सिस्टम चलता था तो अब आप पॉइंट पर है क्या कि मॉडल फॉर्म आफ मनी जो आपको देखने को मिला फिर मनी जो है तो ट्रेडिशनल मनी को भी देखें जैसे प्रिशियस मेटल्स वगैरह जो था उसके भी पहले अगर आप जाओगे तब कैसे ट्रांजेक्शन होते थे तब समान की खरीद फिरोध कैसे होती थी तो तब बार्टर एक्सचेंज चलता था बार्टर एक्सचेंज एक्सचेंज कर लिया अब जिससे गर्म देखें क्या कि मुझे आप लोगों का मोबाइल चाहिए और अ तो मैं पास देने के लिए पैसे नहीं है तो मैं क्या बोलूंगा यह पैन ले लो और आपने पैन ले लिया और मैंने आपसे मोबाइल ले लिया ठीक है तो यह एक ट्रांजेक्शन है दे दो कि मैं तुम्हारा टीचर इतना नहीं करोगा कि तो अब यहां जैसे आप देख रहे हो कि यह जो ट्रांजेक्शन हुआ जहां पर गुड्स आफ एक्सचेंज इन रिटर्न ऑफ गु� वह सिस्टम बार्टर एक्सचेंज कहलाता है ठीक है? तो जब पैसे नहीं थे वड़ वास थे सिच्चिशन बिफोर दे इनवेंशन अफ मनी हाउ दे ट्रांजेक्शन्स यूज़ टू टेक प्लेस हाउ दे इकनॉमी ओपरेटेड तब बार्टर एक्सचेंज फाइन सामान लो सामान दो तो जैसे पहले एग्जांपल दिया गया बुक में कि एक जूता बेशने वाला जो है तो अगर पैसा है तो जूता बेशने वाला क्या करेगा कि जो भी गिराख आएगा उसको जूते देगा बदले में पैसे ले लेगा ठीक है और उसी पैसे से वो तो यह भी सही है बार्टर एक्सेंज बढ़िया है ठीक है आप पेंडे तो हम आपको मोबाइल देते हैं लेकिन यहां पर बोलो नहीं सर लॉस है इसमें हमारा क्योंकि आपको लग रहा है कि नहीं मेरे मोबाइल की वैल्यू ज्यादा सरके पैन का क्या है ठीक है तो आपको वह समझना है कि बार्टर एक्सेंज के लिए एक सिचुएशन जरूरी है क्या एक सिचुएशन यह जरूरी है कि जो मैं बेचना चाहता हूं तुम वह मतलब लेना चाहिए जो तुम्हारे पास सामान है वह तुम मुझे देना चाहिए तो बार्टर एक्सेंज कब होगा जब डबल कोइंसिडेंस ऑफ वांट होगी ठीक है डबल कोइंसिडेंस ऑफ वांट वाज़ अपनी रिक्विसिट कंडिशन फॉर बार्टर एक्शेंज अगेंड रिकॉल करते हैं बार्टर एक्सचेंज इस वेरी एसेंशियल मतलब इन दिए एप्सेंस पर मनी जो पैसा नहीं था तब बार्टर एक्सचेंज हो लेकिन उस बार्टर एक्शेंज के possible उस बार्टर एक्शेंज को reality में convert करने के लिए क्या था उस बार्टर एक्शेंज को reality में convert करने के लिए double coincidence of wants बहुत जरूरी थी यहाँ इसको समझना बहुत जरूरी है double coincidence of wants मतलब क्या है what a person desires to sell should exactly be same to what other wishes to buy जैसे मैं जो बेचना चाहरा हूँ वो same होना चाहिए जो तुम खरीदना चाहरे है उसके context में जैसे हम यहाँ पे transaction कर रहे हैं मैंने आपको pen दिया तो I am एवं डिजाइट टू सेल माय पेन एंड यू शुट ऑफ डिजाइड टू आफ थे इस पेन तभी तो ट्रांजिक्शन हो पाएगा कि तुम पेन चाहा कि वांस का डबल कोइंसिडेंस बायर और सेलर दोनों के बीच में म्यूचरली वह कि वह सिंच वह स्ट्रीशन मनना चाहिए कंडीशन मनना चाहिए तब तो बार्टर एक्सचेंज हो पाएगा तब तो बार्टर एक्सचेंज हो पाएगा नहीं तो क्या होगा बार्टर एक्सचेंज नहीं होगा भाई साहित ठीक है बड़ी दिक्कत जाएगी तब economy barter exchange पे चलती थी, वहाँ double coincidence of want, एक pre-requisite condition होती थी, अगर मेरे पास जूते हैं, और मुझे गेहू चाहिए, तो मैं किसी गेहू वाले को ढूंढूंगा, और मैं जाकर उससे बोलूंगा, भाईया जूते लो, गेहू दो, ठीक है, और वो अगर मना बोल देगा, law and order maintain करना होगा न, mutual consensus होना चाहिए, ठीक है, तो double coincidence of want, pre-requisite condition है, और यही इसका challenge बन गया, क्या, कि both the parties are not agreeing upon, दिए ट्रांजेक्शन या फिर दोनों पार्टीज के बीच में डबल कोई सिडेंस ऑफ वांट्स नहीं है तो ट्रांजेक्शन हो नहीं पाएगा समझ गए समझ नहीं आता बार्टर एक्सचेंज एक ऐसा सिस्टम ऑफ इन दिक्नोमी वेर गुड्स वा बिन एक्सचेंज वो एक पर्सन डिजाइस टू सेल शुड एक्जैक्टली भी दी सेव वाट अदर विशेष टू बाय तो यह डबल कोई सिडेंस ऑफ वांट और बार्टर एक्सचेंज हो गया और बार्टर एक्सचेंज वाले सिस्टम में चैलेंज है यही है कि अगर डबल कोई सिडेंस वांट नहीं है तो ट्रांजेक्शन नहीं हो पाएगा इसी चीज को रिजॉल करने के लिए अब क्या है जूते दो गेहू लो नहीं हो रहा था तो हम कि आप पैसे का इस्तेमाल करो देरफॉर मनी एक्स एजन इंटरमीडियट इन एक्सेंज प्रोसेस और यही क्वेश्चन आता है क्या कि हॉट मनी एक्स एज अ मीडियम ऑफ एक्सेंज और हॉट मनी एक्स एज अ इंटरमीडियट इन दिए ट्रांजेक्शन इन दिन इक्नोमी तो मनी क्या करता है मनी सीधी सिंपल सी चीज यह कर देता है क्या कि अब जैसे मुझे वही तो मेरे पास जूते है और मुझे गेहू खरीदना है तो कोई मुझे मतलब कोई भी व्यक्ति इक्नोमी में जिसे पर जूते चाहिए वो मेरे पास आएगा, मुझसे जूते ले जाएगा और पैसे दे जाएगा और मैं वो पैसे लेके जाओंगा बोलूंगा भाईया पैसे ले लोगे हूँ दे दो वो खुशी देगा क्योंकि money ने यहाँ पे क्या कर दिया है वो double coincidence of wants वाली need को eliminate कर दिय की तरह कैसे रोल प्ले करता है कि उससे ट्रांजेक्शन आसान हो गए मनी की स्टोर ऑफ वैल्यू है मनी को कोई वह नहीं करता है ऐसा कि मतलब वहां पर आपको डबल कोई इंसिडेंस वांट्स की जरूरत नहीं है इन देख सेंस ऑफ डबल अब सब्सक्राइब कि जूते दो पैसे लो क्योंकि डबल कोई सिटेंस वर्ल्ड की जरूरत नहीं पड़ी मनी एक्टेड एडियम ऑफ एक्सचेंज समझ गए चलो आगे बढ़ते हैं अब आज देखो तो पैसा क्या है ठीक है आगे नियुक्त पैसा क्या है तो यहां पर कि मनी जो है तो देरा वेरियस इवाल्यूशन इन दिमार्डन फॉर्म ऑफ मनी आज जो आप पैसा देख रहे हैं पेपर नोट और करंसी देखते हैं ठीक है कॉइंस देखते हैं तो हमेशा से वैसा नहीं रहा है ठीक है हमेशा से वैसा में लेकिन मनी का भी इवाल्यूशन हुआ है कैसे वाले शुरू हुआ मनी का अगर वाले शुरू की बात करें तो एक समय आनाज के बदले लोगों ने पशु खरीद लिया गाय खरीद ली भैस खरीद ली ग्यों दे दिया ठीक है तो इसके पहले तो वह सिस्टम चलता था फिर क्या है फिर फॉर डबल कोईंसिडेंस ऑफ वांट्स को खत्म करने के लिए प्रीशियस मेटल्स का इस्तेमाल किया के जेब में सी ढक्टी डाल लेंगे बस सोने का सिक्का बस काम जाएगा तो क्या हो रहा है कि प्रेशियस मेटल्स पर पहले वगैरह चलते थे फिर फ्लॉरियन ग्रेजोली क्या हुआ हम पेपर नोट्स पर कॉइंट पे स्विच हो गए पेपर नोट्स पर स्विच हो गए अब जिसे अगर आप देखेंगे तो इस तरह से इवोलूशन हुआ है करंसी का ठीक है तो करंसी जो आज जो हम पैसे का इस्तेमाल करें तो उसमें करंसी एक तरह का पैसा होता है जैसे आज हम कह सकते कि UPI भी एक तरह का क्या है पैसा है ठीक है क्यों कि हमने जो डिजिटली हमारा पैसा स्टोर करें रखा बैंक अकाउंड में ठीक है पेटियम पर इतने रुपे प्राप्त हु� पैसे वैसे नहीं थे पहले प्रीशियस मेटल्स वगैरह थे उसके पहले भी आप देखते थे ग्रेंस ही बदल लिया जाते थे ग्रेंस के बदले सामान ले जाता था आज आप देखो तो आज पेपर नोट और कॉइंस जो है इन्हें करंसी की तरह इसमाल किया जाता यह एक मॉडर्न फॉर्म ऑफ मनी है ठीक है अब एक चीज बताओ मॉडर्न फॉर्म ऑफ मनी है गांदी वाला वा उसकी intrinsic value थी सोने की सिक्के की लेकिन आज तो कागच का note है कागच के paper से aeroplane मना दे तो note से भी aeroplane मना दो मैं अपने छट पे सो उठा लूँगा फिर तो हम यहाँ जैसे अगर आप समझोगे न तो modern currency जो है तो modern currency की अपने आप में कोई value नहीं है लेकिन फिर भी हम उसे currency की तरह accept क्यों करते हैं सवाल तो यही सवाल आपका exam में बनेगा कि modern currency is not having its own value in itself it is a fiat currency इस विएट करंसी मतलब क्या है कि वह दस रुपए का भी पेपर इस्तेमाल नहीं हुआ पेपर बनाना प्रिंटिंग रिंटिंग में लेकिन उस पर 2000 लिखा है तो दुकानदार के पास जाते हैं गांधी जी हसते हैं वह दुकानदार भी हसता है और 2000 रुपए का समान में मिलता है ठीक है तो ऐसा कैसे पॉसिबल है ठीक है हम क्यों उस कागज के तुकड़ को एकसेबल अच्छा चलो ऐसे है ना मैं बढ़िया ब पाइंट है कि हम जो गवर्नमेंट इशू कर रही है अच्छा अंसर दीजिए मैंने ठीक है हम उस पेपर के तुकड़े को एक्सेप्ट क्यों करते हैं तो इन वाइट विए एक्सेप्ट इट एज अ मनी क्योंकि वह गवर्नमेंट के द्वारा आफराइज जाती है साधा फ्लो तमना मॉडर फॉर्म फॉर मनी में एक मॉडर फॉर्म पिछे फलट के देखेंगे तो पेपर मोट की वैल्यू तो कुछ नहीं है दूसरे पेपर की तरह होना चाहिए लेकिन उस पेपर को हम इतनी वैल्यू देते हैं कि पूरा जीवन उसके पीछे द्रोड़ लगाते निकाल देते हैं तो वो पेपर को हम accept क्यों करते हैं ठीक है क्यों कि इट आउथ कि जैसे आप कभी नोट देखना नोट में पढ़ना क्या लिखा है ठीक है कि मैं धारक को वचन देता हूं वह पूरी एक लाइन रहती है नीचे कि जिसके पास में यह जिसने इस नोट को धारण करके रखा जिसके पास इसका एंटाइटलमेंट उसके पास में राइट है कि यह नोट को इस कागज के टोकड़ों को जहां भी दिखाएगा वह 2000 का नोट है त दस रुपए का नोट है तो दस रुपए का उसको बदले में सामान मिले ठीक है तो गवर्नमेंट उसको ऑथराइज कर रही है ठीक है तो रुपी जो होता है इंडियन रुपी अब तुम यहां पर डॉलर चलाओगे कि तुम अपने कह सकते हैं कि कॉलोनी की किराना की दुकान रूपी को वाइडली एक्सेप्ट करवाया है एजर मीडियम ऑफ एक्सेंज रूपी को एजर करंसी स्टैब्लिश किया है तो सारे ट्रांजेक्शन में रूपी एक इंपॉर्टेंट रॉल प्ले करता है ठीक है तीरेजर बैंक ऑफ इंडिया इशूस करंसी नोट्स ऑन इसके लिए मुशे एक्सेप्ट करते हैं अच्छा अब किसी और ने वैसे नोट इशू कर दिया तो कोई और इन टाइटल डिनिए मतलब जैसे मोलते ना जाली नोट पकड़ में आगे फर्जी मूवी देखिए आपने तो कि इसके बारे में नो अधर इंडिविजियल और ओर्गनाइजेशन पेस अलाउड टू इशू कर कि इसे कोई रिफ्यूज भी नहीं कर सकता जैसा आपके पास में पैसा है और आपको डर लगा तो कागश का तुकड़ा है किसी ने लेने से मना बोल दिया तो ऐसा कोई मना भी नहीं बोल सकता ठीक है नो इंडिविजुअल इन इंडिया के लिए रिफ्यूज अप पेमेंट मेड इन रूपी तो अगर सवाल आता है कि वाइड वी एक्सेप्ट मॉडर फॉर्म ऑफ मनी आफ अपने आप में कोई नियुक्त लेंगे लेकिन कागज के तुकड़ा को क्यों एक्सेप्ट करते तो इस दिफर्मेंट के द्वारा ऑथराइज कोई और इशू करने सकता है कोई पेमेंट सेटल करने से मना बोल नहीं सकता है कि यह सारे फैक्टर के चलते करंसी आफ पेपरमाट और कोई जो है ना वह एक तरह का मॉडरन फॉर्म ऑफ मनी बनकर आते हैं ठीक है तो मेरे समझ में आया बहुत है दिमार फॉर्म ऑफ मनी करंसी इज अ मॉडरन फॉर्म ऑफ मनी वाय दिस इस दिल इजल रिकेब हैं अगर अपने बैंक में पैसा डिपॉजिट कर दिया वह भी एक तरह का क्या मनी पैसा है ठीक है क्योंकि जैसे बैंक में पैसा कहां से आया बैंक में आपका अकाउंट होता है और आपके अकाउंट में आप भी पैसे डालो लोग यह मत एक्सपेक्ट करना कि दिगरास सर जाकर डाल देंगे मेरे पास नहीं है ठीक है तो अब किस क्या हो रहा है अब जैसे अगर आप देखोगे तो डिपॉजिट्स बैंक जो होते हैं तो वह भी क्या है वह एक तरह का मनी ही है क्योंकि बैंक में रख दिया तो बैंक बोलते हैं बस लंच के बाद आना अब मतलब कि आपकी जब जरूरत होगी तो आप उसको निकाल सकते हैं ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर सकते हैं ठीक है तो डिपॉजिट विद बैंक जो है डिपॉजिट विद बैंक भी क्या एक तरह का पैसा ही है फाइड इट इज ऑलसॉट टाइप ऑफ मनी अब कैसे हो पहले क्या होता था पहले लोगों को सैलरी कैश में मिलती थी मैं सैलरी मिली लोगों को अब पूरी सैलरी ऐसी तो नहीं है कि बस मिल गई तो डालते आ रहे रोड़ पर अपनी जरूरतों का पैसा इंसान अपने पास रखता था और फिर एक्स्ट्रा था उसको क्या कर दिया जाता था बैंक के पास डिपॉजिट कर दे जाता था ठीक है पीपल डिपॉजिट इट विद बैंक अकाउंट लंच के बाद आना ठीक है तो क्या होता था कि आप बैंक में जो आपने पैसा जमा किया ना तो वह पैसा आपका है तो देट कैन विड्रॉन ऑन यूर डिमांड तो जब आपकी नीड होगी जब आपको डिमांड होगी ना तो आप उस पैसे को विड्रॉव हमें नीड होगी तो उस पर विड्रॉव किया जा सकते हैं ठीक है तो यह चीज ध्यान रखना आपको कि एक्स्ट्रा कैस्ट बैंक में जमा कर दिया तो वह आपका पैसा है और वह विड्रॉज किया जा सकता है आपकी डिमांड होगी और जब डिमांड पर विड्रॉज कर सकते हो तो उसे क्या कहेंगे डिमांड डिपॉजिट कहेंगे कैसे जो बैंक के पास पैसा डिपॉजिट किया था वह आपका पैसा है और जब आपकी डिमांड होगी तो आप मतलब आपको नीड फिल होगी कि हमें कुछ खरीदना है तो वह है तो इसके लिए डिमांड डिपॉजिट भी कहा जाता है ठीक है बाट तो वह टाइम ऑफ मनी करंसी currency के साथ में deposit with bank जो होते है they can be withdrawn on your demand therefore it is known as demand deposits अब demand deposit एक बड़ी interesting facility offer करते हैं वह interesting facility क्या है वह check की facility फिर गाना तो नहीं बज रहा है तो मेरे कानों में check करवाला ठीक है तो अब check क्या है ठीक है check मतलब एक तरह का एक पेपर होता है ठीक है उस पेपर को आप एक इंस्ट्रक्शन की तरह इस्तेमाल कर लेते हो समझाता हूं कैसे ठीक है बैंक में आपका पैसा है लेट से फॉर एग्जामपल आपने एक लाख रुपए अपने बैंक में जोड़ दिया बनाइए क्या करिएगा इतनी जब अकाउंट खुल आता है आपको ऐसा चेक बुक देती है ठीक है अच्छे से देखना समझ लेना है चीजें और अपने पैरेंट से पूछना मतलब क्या होता ना सोशल साइंस का तो ऑब्जेक्टिव है यह कि आप जो समाज में सीख रहे हैं समाज में रह रहा हो तो समाज सामाजिक ज्ञान होना और चेक बुक देखने की कोशिश करना फिजिकली समझने की और कुछ लोगों के आपके खुद की अकाउंट होंगे तो फिर बाती अलग है फिर तुम चेक कर ही कर रहे होंगे ठीक है तो अब जिसे अगर आप देखोगे तो चेक क्या होता है एक बैंक में जिसमें आपने आपका अकाउंट नंबर भी रहता है ठीक है आपका अकाउंट नंबर भी रहता है साथ यह कुछ कोड रहते हैं नंबर पर तो जो बैंक के काम करते हैं इनके साथ छेड़चार नहीं करना चाहिए ठीक है तो यह सारा रहता है अब यह आपको एक ऐसी लिफ्ले� अब इसमें आप क्या लिखेंगे आपको किसको पैसे देना है ठीक है आपको जिसको पैसे देना होंगे आप उसका नाम लिखना ठीक है कितने रुपए देना है वो अमाउंट लिखना अमाउंट लिखने के बाद में अपनी सिगनेचर कर देना अब यह बैंक के कोने में जैस और अगर अकाउंट पर ना भी लिखोगे तो भी दो लाइन अगर कोने में ऊपर खीच दोगे तो इसका मतलब यह होता है कि यह चेक से जो पैसे निकलेंगे वह पैसे हाथ में मत देना जो पैसा चेक लेकर आएगा उसके वह पैसे उसके अकाउंट में ट्रांसफर करना ठीक है जैसे अब इस चेक पर दो लाइन खींच दी गई है ना तो प्रेम कुमार नाम के दो लाइन का सिंफिकेंस होता है कहार कमिंग बैक टू दिस तो अब यह चेक कैसे इंटरेस्टिंग फैसिलिटी ऑफर कर रहा है तो यह ऐसे इंटरेस्टिंग फैसिलिटी ऑफर कर रहा है कि आपके बैंक अकाउंट में बढ़ाई हो एक लाख होगा कि मेरे अकाउंट में से 57000 रुपए कम करना और प्रेम कुमार नाम का एक व्यक्ति की मुझे पैसे देना उसका अकाउंट में पैसे दे दो आप ठीक है तो चेक कैसे चेक पेपर इंस्ट्रक्टिंग बैंक किसकी बैंक को तो मेरा अकाउंट जहां पर होगा तो मैं अपने बैंक को इंस्ट्रक्ट करूंगा यह सब लिखकर कि जो भी आपका नाम है शामलाल कि शामलाल को पैसे देना है उस टाइप से ठीक है तो चेक इज आप पेपर इंस्ट्रक्टिंग बैंक टू पे स्पेसिफिक अमाउंट फ्रॉम दिपर संस अकाउंट तो जिसका अकाउंट है उसी की चेक बुकों वूज नेम द चेक है बिन इशूड to the person in whose name यहाँ पर जैसे प्रेम कुमार के नाम से check issue हुआ है तो प्रेम कुमार को पैसे दो ठीक है शामलाल के नाम से issue हुआ है तो शामलाल को दो ठीक है तो जिसके भी नाम में हमने check issue करा है उसको पैसे दे दो चेक से तो self लिख देते हैं self लिख दिया तो मेरे पैसे मुझे दे दो भापस ठीक है तो यह सबझ में आया है आपको concept एकदम crystal clear होना चाहिए कि क्या modern form of money में currency ठीक है और दूसरी चीज करंसी के साथ में क्या हो गया करंसी के साथ डिपॉजिट बैंक हो गया डिपॉजिट बैंक जो होते हैं तो आपको उन्हें डिमांड डिपॉजिट भी कहा जाता है क्यों और एक इंटरेस्टिंग फैसिलिटी ऑफर लेते हैं चेक की वह भी समझ में आ गया ठीक है अब आते हैं किस चीज पर लोन एक्टिविटीज ऑफ बैंक अब आप ठीक है तो बैंक में हम पैसा जमा करते क्यों है पहली चीज और दूसरी चीज बैंक उस पैसे का अचार डालती है क्या पूरा पैसा एकट्टा कर रही है सिक्योरिटी गार्ड रख रही है इतने सारे लोग रख रहे है लंच करवाती है बैंक ठीक है तो बैंक उस पैसे का क कि बैंक आखिरकार उस पैसे का करती क्या है तो अब देखो यहाँ पे कि बैंक है ना लोन एक्टिविटी चलाती है लोन एक्टिविटी क्या होता है वो मैं आपको समझाता हूँ तो सबसे पहले तो बैंक में आपने जितना भी पैसा जमा किया है ना तो जित देती है ठीक है बैंक एक हमेशा कभी किसी को नहीं देती इन देश की बैंक आगे लोन चला देती है पैसे का तो बैंक पूरा पैसा कभी भी किसी को नहीं देती है बैंक को एक रिजर्व रखना पड़ता है वह मैं समझाता हूं क्या है जैसे मान लो कि लोगों ने सौ रुपए डिपोजिट की है ठीक है जनता जनारदन है पूरी जनता जनारदन ने मिलकर तो तभी कोई बापिस जमा भी करके जाएगा कोई थोड़ा लेकर जाएगा करमान लोग एक व्यक्ति ने दो रुपए जमा किया था ऐसा नहीं कि एक दिन आकर पूरे के पूरे दो निकाल कर ले जाएगा वह पता उसको कि 0.5 की जरूरत हो ठीक है तो बैंक क्या करती पर काम करती है कि नॉट ऑल दिपोजिटर्स विल कम ऑन दिसीम डेट बट डिपोजिटर्स विल कम लेकिन कुछ लोग आते रहेंगे पैसे मांगने अपने ठीक है तो बैंक क्या करती है 15 परसेंट का क्या कर लेती है कि सीएर होता है कैश रिजर्व रेशियो ठीक है तो कैश रिजर्व मेंटन करती है ठीक है बैंक कि अ कैश रिजर्व ताकि वह जो डेट उडे ऑपरेशन से ना लोग पैसा लेने आ रहे हैं कभी दिवाली की छुट्टी है तो हमें पटाके लेने हैं पैसे दे बैंक में आगर मैं पैसे निकाल तो वह उस तरह का काम करने के लिए बैंक करती छोटा सा रिजर्व बैंक क्या करती है उस 85 रुपीस को एक बड़ा शेयर जो रहता है दिन एवं पार्ट ऑफ डिपॉजिट इस यूज टू एक्सटेंड दिलोन एक बड़े पार्ट को लोन के फॉर्म में चला देती है बैंक बैंक बॉरोवर्स को देती है ठीक है बॉरोवर्स मतलब कि जिनको पैसे की जरूरत है जो बैंक से लोन ले लेते हैं ठीक है अब हर बॉरोवर विजेमालिया नहीं होता है तो ऐसे घबराना मत तुम कि बैंक ने तो सर हमारे से बोल दी जाकर सो जाओ और बैंक ने लोन दे दिया और लोन देने वाला वेक्ति अगर विजेमालिया निकल गया तो हम क्या करेंगे ठीक है तो बहुत सारे मेकनिजम्स होते हैं लेकिन आइड ठीक है जिसको पैसे की नीड होती है अब यही बैंक की एक्टिविटी है सिंपल बैंक की एक्टिविटी है तो इसमें क्या फायदा हुआ क्या नुकसान हुआ सब तो अब इसमें फायदा नुकसान क्या हुआ देखो कि डिपॉजिटर डिपॉजिटेड बैंक यहाँ पर ऐसा नहीं है कि मैं चारिटी करने के लिए बैठा हूँ बैंक क्या करेंगे बैंक यह बोलेगी कि जो बॉरोवर लोन लेके गए हैं तो तुमने अगर लोन लिया है मानलो 100 रुपे का तो लोटाओगे कितना 110 लोटाओ 115 लोटाओ इस तरह से चार्ज करती है ध्यान रखना और आप बोल सकते हो कि हमारा पैसा है हमने बैंक में इसलिए रखा था कि हमारा पैसा सेफ रहे सेफ के साथ में तुम हमें कुछ फायदा भी तो दो तो बैंक क्या बोलती है अच्छा आपने सौ रुपए रहे हैं तो हम आपको 105 दे रहे हैं ठीक है तो दो चीज हो रही है कि बैंक एक्सेप्ट एक लाइन पूरा समझा अब क्या रहा है, bank is charging interest on the borrower, borrower से interest charge करती है, 100 रुपे ले गए थे, 115 दो, and bank is paying interest to the depositor, अब interest pay भी कर रही है depositor को, लेकिन यहाँ एक चीज है, क्या, कि जो interest paid है न, जो borrower को दिया है, वो हमेशा कह रहता है, इसे कम रहता है दें दिए इंट्रेस्ट चार्ज्ड ठीक है मतलब कि अगर यहां एक पंधा रुपए ऊपर लिया तो लोटाई की बैंक पांच ही आपके साथ ही और साथ रुपए जो बच गया जैसे इनसे सौ के बदले 115 ले लिए ठीक है और इनको सौ रुपए दे दिए अब वह जो साथ या आठ रुपए का डिफरेंस रह गया ना वह क्या होता है वह बैंक की इनकम होती है देश इज बिजनेस ठीक है देश इज बिजनेस तो दिफरेंस बिट्ट्विन वाटिस चार्ज फ्रॉम दिबारोवर एंड वाटिस पेड़ इस दिपोजिटर इस दियर में सोर्स ऑफ इंकम तो बैंक्स का यह में सोर्स ऑफ इंकम होता है डिफरेंस बिटीन वॉट इस चार्ज कि अगर पंधार रुपए का इंटरेस्ट एंड इंटरेस्ट पेड इज सेवन रुपीस तो जो डिफरेंस है बीच का रुपए वह बैंक की इंकम हो गई समय सब्सक्राइब इस तरह से चल पाती है कि बैंक क्या करती है इकोनॉमिक जिन्हें जरूरत है उन्हें देती है और दोनों के बीच में क्या करती है मीडियेटर का काम करती है तो यह बैंक का काम होता है पैसे को लेकर बढ़ाई होमने चैप्टर का एक पार्ट कंप्लीट कर लिया मनी वाला एसपेक्ट जो था ठीक है मनी वाला एसपेक्ट ज चीज आती है कौन सी अब दूसरी चीज आती है क्रेडिट वाली अब क्रेडिट वाले एसपेक्ट को भी बहुत अच्छे से समझना जैसे आपने देख लिया कि मनी का क्या रोल है सर किस तरह से इवॉल हुआ है बैंक क्या रोल प्ले करती है वहां है अब दूसरा एसपेक्ट आता है क्रेडिट का कि वह ट्रोल डस दिख रेडिट प्लेस क्रेडिट होता है क्रेडिट क्या होता है तो क्रेडिट एक तरह का लोन हो गया रिडिट यानि कि लोन फाइन जैसे फर एग्जांपल यहां पर हम क्रेडिट कि लेंडर सप्लाइज थी बॉरोवर विथ मनी जो एक पैसा देने वाला व्यक्ति है वह क्या कर रहा है पैसा दे देगा किसको जिसे चाहिए रहेगा जो बॉरोवर है उसे ठीक है गुट्स भी दे सकता है सर्विस भी दे सकता है क्रेडिट को कि क्रेडिट में लेकिन ऐसा है कि एक लेंडर जो है लेंडर मतलब जो लेंड कर रहा है ठीक है जो दे रहा है तो एक एग्रीमेंट होगा जिसमें लेंडर जो है जो देने वाला है वह सप्लाई करेगा वॉरोवर को जो लेने वाला है उसे क्या सप्लाई करेगा वह मनी भी हो सकता है गुड्स भी हो सकता है सर्विसेस भी हो सकती है तो वह वोल सेल मतलब वोल सेल शॉप पर जाएगा और वहां से क्या करेगा सामान खरीद कर लिया गए उनको लेकर पैसे अभी दे रहा हूं बाद में दूंगा तो वह भी रिट है बदला गुड पर्चेज ऑन क्रेडिट पर गुड पर देगा है तो यहां पर आपको समझ लोगा कि एग्रीमेंट जहां पर क्या और लेंडर सप्लाई कर रहा है बॉरोवर उनके बदले के पैसे लोटा दूंगा जो सर्विस तुमसे लिए उनके बदले के पैसे लोटा दूंगा तो यह क्रेडिट होता है क्रेडिट को उधार कह सकते हैं ठीक है तो क्रेडिट को उधार कह सकते हैं अब आपको समझना कि आप उधार लेना सही या गलत है सर वह भूल जाते हैं या फिर हम उन्हें भूला देते हैं और हम ऐसा बोलते हैं पैसे की बात करेंगे तो बहुत अच्छा है अब वह दोस्तों के सरकल से बाहर हटकर देखा जाए कि रिप्लीट सही या गलत है तो हम वह समझेंगे टू डिफरेंट क्रेडिट सिट्वेशन में क्रेडिट समझना ना क्रेडिट मतलब एक एक एग्रीमेंट जहां पर लेंडर बॉरोवर को सप्लाई कर रहा है इन रिटर्न ऑफ दी फ्यूचर रीपेइमेंट फ्यूचर में वह पे कर दिया जाएगा ठीक है इसकी नीड क्या होती है तो बहुत से समय ऐसा होता है इकोनॉमी में चीजें आप जैसे तो वह लोन के फॉर्म में आदमी क्या करता है पैसे लेता है समझ गए वैसा रहता है ठीक तो अब हम यहां पर दो कहानियां पढ़ेंगे कहानी है सिंपल यह कहानी आप भी पढ़ सकते हो समझ सकते हो बुक में है तो एक है फेस्टिवल सीजन में स्टोरी ऑफ सलीम जूते बनाने वाला है ठीक है तो अब जैसे अगर आप देखेंगे यहां लेदर जो है उदाहर पर लियाता है, क्रेडिट पर मतलब, ठीक है, लेदर वगेरा जो रॉ मटीरियल लगता है, पूरे जूते बनाता है, जूते बनाने के बाद में क्या करता है, पूरा पैसा ले लेता है, और पूरा पैसा लेने के बाद में जिनका उदाहर था वो च� क्रेडिट के मदद से उनका क्या हो गया मतलब एक तरह से देखेंगे तो चांदी हो गया उन्होंने पैसा बना लिया लोन लेकर दूसरी सिट्वेशन पर आते हैं स्वपना की कहाने स्वपना भी क्या है यह किसान है अब स्वपना किसान है तो उसको भी खेती करना था खेती करने के लिए उसने लोन लिया लोन में क्या लिया उसने जैसे उसको बीज दबाईयां यह सारी चीजें खरीदनी थी तो उसने मन फसल होनी पाई तो कोई पैसा आया नहीं है तो चुकाना तो दूर की बात हो गई अब अगली बार खेती कर रहा है तो उसके लिए और पैसा लागेगा तो उसने और लोन ले लिया ठीक है और लोन ले लिया और इस बार लकी नहीं है उसकी फसल अच्छी हो जाती है तो साइकल में फ़स गई ठीक है एक साइकल में आ गई तो हम क्या देख रहे हैं यहां पर स्वप्ना दीदी नमस्ते बोलो ठीक है तो स्वप्ना के केस में क्या हो रहा है कि इन दिस्टिशन पुष दिवारों इंटो सिचुमेशन तो यह चैनल थे एक चैनल में है कि जहां पर वह लोन लेती है लोन के दलदल में फसती उसको रिपे करती किसी तरह से तो अगले टाइम में उसको फिर लोन लेना पड़ रहा है ठीक है तो यह डेब ट्रैप कहलाता है डेब ट्रैप मतलब क्या होता है ठीक है तो डेब ट्रैप का मतलब है कि डेब डेट मतलब क्या होता है लोन लेना ठीक है तो डेट मतलब होता है लोन लेना या फिर उधार ठीक है तो अब उधार का एक चक्र चलता है जहां पर रिस्क बहुत जैसे मेरे पताजी कहते है किसानी एक अंधा जूआ हो गया आज के समय में क्यों क्योंकि आप क्या कर रहे हो फसल लगा रहे हो जब तक वह कट के आपके घर नहीं आ जा रही है यू केनोट बिशॉर्ड ऑफ इसकी फसल होगी की भी नहीं होगी वह डेट ट्रैप में फ़स जाए ठीक है वह उधारी के चक्र में फ़स जाए जहां से रिकवरी बहुत पेनफुल हो जाती है जहां से निकलना बाहर बहुत पेनफुल हो जाता है ठीक है तो यह मैं दो क्रेडिट सिचुएशन पड़ी अब यहां पर आपको देखना सुनो लोन एक्टिविटी ऑफ बैंक पर बहुत कुछ नाते हैं चेक एडबल कोई सीधे वॉट बार्टर एक्सचेंज मॉडर्न फॉर्म ऑफ मनी जो है तो मॉडर्न फॉर्म मनी तो नहीं ऐसा नहीं है कि बड़ा कुछ नाएगा लेकिन उसमें यह कि वाइड वी एक्सप्ट मनी मॉडर्न फॉर्म ऑफ मनी फिर पेपर नोट्स एंड कॉइंस डिस्पाइड फैक्ट डेड नॉट है वेल्यू नेट्स ओन ठीक है तो वहां पर बताएंगे या फिर आरबिएई का बैंक विवीआईपी लोन एक्टिविटी बैंक आ जाता है कि हाउटी बैंक्स ऑपरेट ठीक है व्हाट इज दिफंटिंग ऑफ बैंक क्योंकि recovery painful हो जाती ना आपने पैसा ले भी लिया तो अ� कल कॉप चुकाने की स्थिति में आया तो अपनी जितना कमाया सब चुकाने में लगा दिया interest rate ज़्यादा होता है अभी formal informal पड़ेगे तो ये debt trap वाला scene होता है चरो अब आगे बढ़े हम तो हमने देख ले कि credit सही है गलत है तो it depends upon the risk involved कितनी risk है उस चीज़ पे निर्भर करता है तो कोई भी loan लेने जाएंगे तो वो loan कैसा होगा वो depend करता है उसके terms and conditions पे तो terms of credit एक शब्द निकल के आया है आया टर्म फॉर क्रेडिट मतलब क्या है कि जो आप लोन लेने जा रहे हैं उसके क्या टर्म सेंड कंडीशन सेंड उसके क्या टर्म सेंड कंडीशन सेंड सो ऑल दोस्ट टर्म एंड कंडीशन सेंड विच आर एग्रीड अपन बाय बॉरोवर एंड लेंडर आर नोनस टर्म फॉर क्रेडि� तो सारे terms of condition जो agreed upon है किसके द्वारा lender and borrower के बीच में for example अब मैं आया आपके पास में मैंने आपसे कहा लो मुझे उधार दे दो काम है आपने लाग सर दे देंगे ठीक है लेकिन आपने बोला कि एक सर तो उधार देंगे सर तो हमारे बीच में जो agreement हुआ वो क्या है वो terms of credit कहला आया लेकिन हमें पढ़ा देना तो अब क्या हो कि यहां पर जो credit activity हुई यह credit activity में terms and condition हमारे हिसाब से तय हुई अब यही चीज़ क्या होता यही चीज़ जैसे यही चीज़ मान लो कि अगर मैं किसी साहुकार के पास जाता हूँ ठीक है तो वहाँ पर terms and condition क्या होगी लाला सेट और हमारे बीच में अलग होगी समझ रहे हो तो क्या हुआ कि all those terms and conditions which are agreed upon by the borrower and lender तो borrower and lender के बीच में जो नियम शर्ते agree होती हैं वो terms of credit कहलाती है in a credit transaction ठीक है in a credit situation clear हुआ तो अब जैसे अगर आप देखोगे तो यहाँ पे कुछ मोटा माटी कुछ चीज़ें आती हैं जैसे collateral आता है, documentation आता है, mode of repayment आता है, interest rate आता है, ठीक है, तो जैसे एक शब्द आता है collateral, जब भी आप कहीं loan लेते हैं या देते हैं तो आप एक collateral या फिर कह सकते हैं शम्पति को असेट कहा जाता है देट दिन बॉरोवर ओन अब जैसे क्या हुआ मैं आपके पास लोन लेने आए नहीं आप तो दे दो गया वह लाला सेट के पास ही गया चलो तो लाला सेट बोलेगा क्या गैरेंटी है कि तुम लोन बापिस चुका दोगे मैं लोगा कि मैं खुद गैरेंटी हूं वह नहीं तो फिर वह ऐसे बोलेगा कि कुछ ठोस बताओ तो अब क्या हो गया कि बोल बोर्ड क्या है यह बोर्ड पोलेटरल की तरह इस्तेमाल कर जा रहा है इस ट्रांजेक्शन में ठीक है मतलब बोर्ड क्या है एक ऐसे ठीक प्रॉपर्टी है मेरी फिर चीज ओन बाय भी बॉरोवर तो कोलेटरल इस एंड ऐसेट देट दिव बॉरोवर ओन्स बॉरोवर यानि कि जो लोन ले रहा है उसके पास ऐसेट होता है वह कुछ बैंक कैसे लोन मतलब वह हो सकता है सर ऐसेट और अगर बैंक में पैसा है तो फिर बाहर क्यों जा रहा है लोन चाहे हैं हम चाहे कि बैंक में पैसा रखा है वैसी रखा रहे मुझे उस एप्डी के अलावा और कैस की जरूरत है तो मैं तो यह पेपर रख लो अगर मैं नहीं दे पाया तो आप तुड़वा लेना मेरी वह अब भी तुड़वाना नहीं चाहिए मुझे पता है कि मैं पैसे लूंगा तो लोटा दूंगा तो कभी-कभी डिपॉजिट्स विद बैंक्स को भी क्या किया जाता है तो इस एसेट देट दिवारों जो कि पैसे उधार लेने जा रहा है जो पॉरोवर है वह ओन करता है उस एसेट को और उसको क्या कर रहा है यूज करता है जगह एंटी टू दिलेंडर और जो लेंडर है लाला सेट को में गैरेंटी दे रहा हूं कि भाई साहब मैंने आपका लोन नहीं दिया तो यह बोर्ड बेच देना समझ आया अपने बिकने नहीं देंगे ठीक है चिंता मत करना तो ठीक है तो मैं क्या करूंगा यह लो पैसे तुम्हारे लाला ठीक है बोर्ड दे दो हमारा वापस तो क्या हुआ है कि कोलेटर एक तरह पर ऐसेट हो गया समझ गए कोलेटर एक तरह का ऐसेट हो गया जो कि बॉरोवर ओन करता है एजेड गैरेंटी टू दी लेंडर कि लेंडर क्या कि जब पैसे चुका दूंगा तो वह सामान मुझे वापस दे देना समझ गए पुरानी हिंदी पिछरों में जिस तरह से मां क्या करती थी अपने जेवराद जो है तो वह आ कि गिरवी रख देती थी ठीक है अपनी रखमान नहीं क्या कर देती उनको गिरवी रख देती थी तो यह कोलेटरल का कॉनसेप्ट है यह कोलेटरल का कॉनसे� क्यों बात करें तर्म ऑफ क्रेडिट में तो जब भी कभी लोन लिया जाता है बैंक से लोन ले जाओगा तो बैंक यह नहीं बोलेगा तुम भाग जाओगे हमें तुम पर विश्वास नहीं पैंक सीधा बोलेगा कि आप एक गैरेंटी दे दो एक कोलेटरल दे दो हमें कि इन केस इफ यू फेल मतलब वह सब लोग रहे पड़े लिखे तो ऐसे लाला की तरह नहीं बोलेंगे है ठीक है बैंक के लोग क्या बोलेंगे इन केस इफ यू फेल सर ओ मैम पिल सेल यू प्रॉपर्टी एंड रिकॉर आर लोन बैक तो वह पैटर्न इसका यूज़ यह कि अगर कल को मान लो मैं पैसा नहीं रिपे कर पाया तो इस को बेच के जिसने मुझे लोन दिया था वह अपना अमाउंट रिकवर कर लेगा है अगर हम बात करें किसी की टर्म्स ऑफ क्रेडिट की तो एक सिंपल टेक्निक बता रहा हूं ठीक है तो इसका ट्रेडबार्क लेना है अपने पभी वह टेक्निक क्या है दो को मो ठीक है दो को मो क्या है एक दो को तो इसमें प्रश्न देखो क्या है दो को मो इंटरनेट तो डॉक्यूमेंटेशन पहली चीज हो गया टर्म्स ऑफ क्रेडिट में इस टाइम ड्यूटी की फलाफला व्यक्ति को फलाफला ब्याज के दर पर इतने दिन के लिए इतना पैसा दिया जा रहा है यह आप लटाएंगे ऐसे लटाएंगे सारा सब कुछ तो वह डॉक्यूमेंटेशन एक पार्ट होता है डॉक्यूमेंटे� लोटाओं के कैसे मंथली इंस्टॉलमेंट दोगे तीन महने में इंस्टॉलमेंट दोगे साल में एक इंस्टॉलमेंट दोगे आप फिर साल के दो हिस्सों में अलग-अलग दो इंस्टॉलमेंट दोगे कैसे लोटाओं के पैसा ठीक है तो documentation required collateral mode of repayment and interest rate together comprises terms of credit ये सारी ची एक line में सारा ध्यान रहेगा docomo internet कि all these things together comprises of what is known as collateral ठीक है collateral ठीक है oh sorry terms of credit ठीक है all these things together comprises of terms of credit board नराज हो गया है और pen भी नराज हो गया है sir तुम पूरे example हमारे परी उड़ेल जो ठीक है कोई बात नहीं सांत है तो आप जैसे अगर आप देखोगे समय आया तक कहा नहीं clear होना चाहिए कि documentation required collateral mode of repayment and interest rate यह सारी चीजें तो यह जाती है जब भ�� आप किसी लोन को प्रोसेस करें जब भी आप क्रेडिट को मतलब क्रेडिट सिच्वेशन क्रेड करें तो उसमें ऑल थिस थिंग्स टोगेटर कंप्राइजेस वर्ड इन ओन एस टर्म्स ऑफ क्रेडिट ठीक है टर्म्स ऑफ क्रेडिट में वेरी प्रेडिट अलग रहेंगे आप में और हम में ट्रांजेक्शन होगा तो टर्म्स ऑफ क्रेडिट अलग रहेंगे तो लेंडर और बॉरोवर के नेचर पर डिपेंट करेगा कि वह क्या टर्म्स ऑफ क्रेडिट रखना चाहते हैं ठीक है यहां तक चीजें समझने आई तो अगर हम आगे बढ़े जैसे तो आगे आपके सामने क्या था वराइटी ऑफ क्रेडिट अरेजमेंट्स क्रेडिट इंपोर्टेंट है या नहीं है यह कहानिया है चैप्टर में वो जो पिले पेज है दोस्तों पर कहानी आप पढ़ लेना मैं आपको क्रक्स बता रहा हूं क्वेश्चन ऐसे ही बनता है इस टॉपिक से अगर क्वेश्चन बनेगा तो ऐसा नहीं कि शामल की कहानी बताओ रमा की कहानी बताओ और उनकी क शामल जो है तो money lender के पास जाता है money lender से बोलता है कि मुझे पैसे चाहिए तो वो से high interest rate चार्ज करता है और बोलता है कि बदले में फसल भी मुझे ही बेचना तो क्या हो रहा है variety of credit arrangements में एक हो गया money lender जहां पर आपको advantage का देखने मिल रहे है कि शामल को आसानी से loan मिल जाएगा वो शामल से शायद collateral नहीं मांगेगा लेकिन disadvantage है कि interest rate बहुत चार्ज कर रहा है terms of credit जो है तो उसमें conditions harsh रखी है तो रमा अपने एंप्लायर के पास जाती है और वहां से वह लोन मांग लेती है वह एंप्लायर भी क्या बोलता है कि वह एंप्लायर बोलता है कि मैं तुम्हें काम करो मेरे हाँ पैसे कम दूंगा ब्याज ज्यादा लगाऊंगा ठीक है तो वहाँ पर भी एडवांटेज क्या तो बैंक की बात करें बैंक आता है लोन ऑफ कॉर्परेटिव आ गए ठीक है तो लोन फ्रॉम कॉर्परेटिव के अ� कॉपरेटिव में क्या हुआ कि सारे किसान एक साथ आ गए उन सारे किसानों एक साथ आकर पैसा खटे की अपनी फसल एक साथ बेचते हैं तो यहां पर बिना कोलेटरल के अप्सेंस में क्या हो गया बिना कोलेटरल के अप्सेंस में उनका काम चल गया तो वह डिसेडवांटी था कि पेपर वर्क उसको कोलेटरल भी रखना पड़ेगा कुछ गिरवी अपना यह वह सारा लेकिन लेकिन क्या होगा कि लोन आसानी से मिल गया उसको लोन आसानी से मिल गया तो यह केस रहता है तो यह पूरा का लोन आसानी से पा जाते हैं ठीक है तो दिजार वे राइटी ऑफ क्रेडिट अरेंजमेंट्स वे राइटी ऑफ क्रेडिट अरेंजमेंट्स और इन्ही राइटी ऑफ क्रेडिट अरेंजमेंट्स के हिसाब से हम फॉरमल सेक्टर और इनफॉरमल सेक्टर समझेंगे ठीक है बहुत आगे हम चैप्टर में फॉरमल सेक्टर और इनफॉरमल सेक्टर क्या है समझो सबसे पहले अगर हम बात करें फॉरमल सेक्टर लोन नाम में समझ में आ रहा है कि फॉरमल व्यवस्थित है तो जैसे अ बैंक हो गया ठीक है अभी डोल मूवम देखा तो वह कुछ समान वह बेंक पेंट में लोन लेने जाते हैं क्या तो बैंक जैसे हो गया जहां पर क्या होता है कि लोग तैयार होकर जाते बढ़िये विवस्तित कपड़े बढ़ बेंद के जाते फॉर्मल सेक्टर हो गया मतलब जहां सब कुछ ट्रांसपीरेंट है जहां सब कुछ सिस्टम के हिसाब से जहां गवर्नमेंट सुपरविजिन के लोन लो तो यह फॉर्मल सेक्टर ऑफ क्रेडिट हो गया अब वहीं पर इनफॉर्मल सेक्टर ऑफ क्रेडिट क्या हो गया कि जहां पर आप लोन ले गए तो वह लोन लेने का तरह लोन नहीं दोगे तो तुम्हें उठाकर ले जाएंगे तो यह लोन नहीं दोगे मतलब देना इनफॉर्मल सेक्टर होता है जैसे अब मैं बता रहा हूं इनफॉर्मल सेक्टर ऑफ क्रेडिट का मीनिंग में आपके लिए कि देख दोस्त फ्रॉम वेयर दिलोन इस टेकन बट थी टर्म्स ऑफ क्रिडीट आफ नॉट क्लियर थिंग्स आफ डॉक्यूमेंटेड ठीक है दिन नेचर ऑफ टर्म्स ऑफ क्रिडीट में वेरी अपन दी लेंडर एंड बॉरोवर चलो आप रिष्टिदार से लेने के रिष्टिदार रिष्टिदार के केस में ऐसा भी सकता कि उसके पैसे डूब भी जाए सारी दिवर रहती है तो यहां पर क्या है कि लेंडर और बॉरोवर के नेचर पर डिपेंड करती है ठीक है जैसे फॉर एग्जांपल मनी लेंडर्स ट्रेडर्स ठीक है ट्रेडर्स की फॉरमल सेक्टर क्रेडिट जो होता तो वहां पर क्या होता है RBI जो है Reserve Bank of India अब एक चैप्टर में जो फेवरेट सवाल बनता है बार CBC का वो बता रहा हूँ मैं आपको क्या कि Reserve Bank of India Supervising the Function of Formal Sources of Loans तो वो आप बताएंगे कि Paper Notes और Coins इशू करती है ठीक है Government को Represent करती है और Reserve Bank of India Issues Currencies on behalf of Government उसके अलाबा कि पूरे फॉरमल सेक्टर को जितने भी बैंक से उनको क्या करना सुपरवाइज करने का काम होता है रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का कैसे करती है सर तो जाकर रेट डालती कि आरबिए नहीं आरबिए को बैंकर्स बैंक कहा जाता है वह यह देखती है कि आज दूसरे उनके पास में प्रॉपर कैश रिजर्व होना चाहिए क्योंकि लोगों ने पैसा जमा किया तो वो विश्वास में क्या किया कि जब हमें जरूरत पड़ेगी तो हम बैंक से निकाल कर सकते हैं तो RBI के पास में क्या होना चाहिए कैश रिजर्व होना चाहिए प्रोफिट मेकिंग बिजनेस लोन ना मिले जिनको जरूरत है उनको भी लोन मिले तो आप उन सारी चीजों को क्या करती है सुपरवाइस करती है आर्बिया उन सारी चीजों को सुपरवाइस करती है ठीक है आर्बिया यह तय करती कि क्या तो यह सारी चीजें जो है आरबिआई करती है ठीक है समझ आ गया वर्क्स फॉर आपको इस होट यार बेट सुपरवाइस और दिस आफ फॉरमल सेक्टर क्रेडिट सब कुछ रूल्स रेगुलेशन तय करना ठीक है एक प्रॉपर मीटिंग करना चेक मेंटेन करना कि अब वहीं आप देखोगे तो informal sector of credit में कोई भी supervision नहीं होता है वो लाला सेट अपने हिसाब से loan दे रहा है उसकी जो इक्षा हो वो loan देगा हो तो no organizations which supervise it तो यहाँ पर कोई organization नहीं है जो supervise कर रही है loan activity को तो फिर क्या है अपनी ढपली और अपना राग है तो यह अंधेरी नगरी चौपट राजा टकसेर भाजी टकसेर खाजा सुनाए आपने तो इन फॉर्मल सेक्टर में लूट पाट मची होती है इंट्रेस्ट रेट बहुत ज्यादा होते हैं जो लेंडर होते हैं वह अपने हिसाब से कुछ भी शर्ते नियम कानून लगाकर जाएं सकती है इन फॉर्मल सेक्टर ऑफ लोन्स में अब जब आप देख रहे हो ना कि फॉर्मल अच्छा फॉर्मल अच्छा है लेकिन फॉर्मल में दिक्कत है पेपर वर्क को लेटरल डॉक्यूमेंटेशन हर आदमी के पास होता नहीं तो व्यक्ति आसानी से लोन कहां से लेता है आसानी से लोन लेता है इन फॉर्मल सेक्टर से अब समस्या कि इन फॉर्मल तो 100 के बारे में 186 लोटाना है तो आदमी करज तले दब जाता है डेप ट्राप में फ़च जाता है तो interest rate जब बहुत जादा होता है ना तो cost of borrowing बहुत बढ़ जाती है cost of borrowing मतलब कि अगर आपने borrow किये 100 रूपे तो आपको 186 देना पड़ेंगे जो कि बहुत जादा है अब जब बहुत जादा cost of borrowing होती है कि large part of earning of the borrowers is used to repay the loan ठीक है borrowing का एक large part जो है वो लोन को रीपे करने में लग जाता है ठीक है बॉरोइंग का एक लार्ज पार्ट जो है लोन को रीपे करने में कैसे लग जाता है वो समझाता हूं कि मान लो 100 रुपे लिए 160 लोटाना है 100 लिए 160 लोटाना है तो इसके चक्कर में क्या होगा ना कि अगर मान लो मैंने कमाया भी यह समझना होगा कि large part of earning ठीक है अगर हमने कुछ borrow किया है high interest rate पे उसका एक बड़ा हिस्सा जो है तो वो repay करने में चले गया और फिर जब रीपे करने के बाद देखा कि खाया पिया कुछ नहीं पैसा सब खत्म तो फिर आदमी को फिर लोन लेना पड़ता तो वो एक डेप ट्रैप में फज जाता है जैसे स्वपना के केस में देखा कि अगर उसकी फसल हो भी गई तो एक साल हुई है तो पिछले दो तीन साल में अ� कि देश को इसका नुकस्तान का यह सवाल बनता देखो अगर यह सारी एक्टिविटी को देखने के बाद आपको समझ में आ रहा है क्या कि अगर कॉस्ट ऑफ बॉर्यंग बहुत ज्यादा होगी ठीक है लोग इनफॉर्मल सेक्टर में जाएंगे तब क्या होगा कि कोई लोन ही नहीं लेगा लोग डरेंगे कि आप पैसा ले कंट्री के अंदर कोई इकोनॉमिक एक्टिविटी स्टार्ट नहीं होगी, कोई बिजनस स्टार्ट नहीं करेगा, कुछ नया काम नहीं चालू करेगे और उसके चलते के बाद कोई कंट्री की इकोनॉमिक रो नहीं कर पाएगी तो वहीं जबकि आपको यह वाला वा क्यों? क्योंकि country में भी जब cheap और affordable credit होगा तबी loan activities बढ़ेंगी, loan activities बढ़ेंगी तबी क्या होंगे?
Businesses चलेंगे, हमारी economy बढ़ी होगी और borrower को भी तबी फायदा है क्यों? क्योंकि जब cheap और affordable credit होगा, cheap से मतलब यह नहीं कि सस्ता मतलब वैसा सस्ता वाला वैसा वाला नहीं सस्ता in the sense कि कम interest rate पे loan मिलना चाहिए क्यों कि कम interest rate पे loan मिलेगा तब क्या हो पाएगा तब economic activities जादा चलेंगी borrower भी confident feel करेगा और loan लेगा अब जब बहुत जादा लाइट होगा तो बॉरोवरी खुद डर कर नहीं भाई सब हाथ नहीं लगा और जल जाएंगे ठीक है तो यह केस रहता है समय फॉर्मल सेक्टर क्रेडिट इन इंडिया हॉट इन फॉर्मल सेक्टर इस बैड हॉट फॉर्मल सेक्टर इस गुड लेकिन इनफॉर्मल अच्छा नहीं है लेकिन अब बात कर रहे हैं कि हूं गेट्स वॉट किसको मिल क्या रहा है किसको मिल क्या रहा है यह देखें तो यह पाइचार्ट दिया गया इस पाइचार्ट को एनलाइज करो बस सिंपल तो पूर्व हाउसवों जो है ना तो informal sector में sir गरीब आदमी है और informal sector में तो और फ़स जाएगा क्यों जा रहा है बचा लो अभी बचाते हैं कि वो क्यों जा रहा है वो भी बताते हैं आपको ठीक है household with few assets तो जिनके पास थोड़े बहुत asset हैं उसमें भी 53% क्या हो रहे हैं informal sector से ले रहे हैं और purple color यानि कि formal sector अब वहीं आप rich household को देखोगे तो 90% of rich household are taking loan from formal sector पैसा भी खूब है और सर फॉर्मल सेक्टर में भी ले रहे हैं तो फसेंगे भी नहीं इनको फसाना है का नहीं मतलब ऐसा नहीं कि अमीर को फ़जा दो गरीब को बचा लो सभी के साथ सही होना चाहिए ना तो पॉइंट क्या है लेकिन गरीब एक्टी फिर भी इन फॉर्मल सेक्टर में वहीं देखकर गलती क्यों कर रहा है वह सर चैनल मनी एंड क्रेडिट लोन फॉर्मल सेक्टर एंड मेजरिटी आफ दिपूर हाउसफॉल्ड लोन फॉर्मल सेक्टर बट व्हाट इज दी रीजन ठीक है सवाल है कि यह क्यों हो रहा है तो वाइड पूर हाउसफोल्ड बॉरोज फ्रॉम इनफॉर्मल सेक्टर डिस्पाइड दी फैक्ट कि इनफॉर्मल सेक्टर में तो फ़स जाएंगे पर वह क्यों जा रहे हैं तो उसके पीछे का कारण है वह कारण यह बड़ा सिंपल सा कि फॉर्मल सेक्टर स्टिल मीट्स ऑनली अब फॉर्मल सेक्टर में जानते हो भी क्यों जा रहा है क्योंकि उसके पास या तो कोलिटरल की कमी है फॉरमल सेक्टर वाले पेपर मांगेंगे कोलिटरल मांगेंगे वह सारी चुकी कमी है तो बैंक लोन नहीं दे रही है उनको समय बैंक उनको लोन दे रही है तो यह दिक्कत आ रही है शॉक से जा रही है कि नहीं लाला सेट को देंगे परसेंट बैंक को नहीं देंगे तो ज्यादा इंटरेस्ट देंगे ठीक है तो पॉइंट होता है कि दिक्कते हैं पूरा आफ के साथ में लैक ऑफ अवेरनेस लैक ऑफ नॉलेज documentation की कमी, collateral की कमी और formal sector जो है तो उसकी पहुच नहीं है rural household तक ठीक है, बहुत सारे लोग कभी bank में नहीं गए होते हैं, bank account नहीं खुला होता है तो ये सारी समस्या होते हैं, उन्हें ये ही पता होता है कि banks उनको loan भी मिल सकता है तो इन दिक्कतों के चलते, the formal sector still meets only about half of the total credit needs of the rural people and they do not have collateral they do not have the required knowledge documentation, और इसी के चलते वो कहां चल जाते, informal sector में समस्या है पर समस्या पर नहीं समधान पर फोकस करता है तो सलूशन क्या मिल सकता है यहां पर सलूशन यह मिल सकता है कि इट इज नेसेसरी देट बैंक्स एंड कॉपरेटिव्स इंक्रीज देर लेंडिंग पर्टिकुलरली रूरल एरिया फोटेड डिपेंडेंट अंधेरे को हटाना है उजाले को पहुंचाना पड़ेगा ना दोस्त ठीक है तो वहीं यहां पर भी करना है कि जो पूर्व हाउस होल्ड इन फॉर्मल सेक्टर से ज्यादा लोन ले रहे हैं तो अगर हमें बचाना है तो फॉर्मल सेक्टर तक उनकी पहुंच बढ़ा गवर्नमेंट का लॉ है क्या कि हर डिस्ट्रिक्ट में बैंक में मतलब कोई भी एक बैंक है तो उस बैंक को इंशॉर करना पड़ेगा कि हर डिस्ट्रिक्ट में वह कुछ ब्रांचेंट अपनी रूरल एरिया में खोले गाओं में खोले ग्रामिनी छेतर में खोलें अ बात करेंगे लोगों से बिल्कुल बाइक चलाओ उनको वहां पर बैंक गांव में इसलिए खुलवाने के लिए बोल रहे हैं कि तुम गांव के लोगों की क्रेडिट नीड को मिट करो समझे तो व्हाट कैन बीडी सोलीशन टू इंप्रूव दी क्रेडिट सिच्वेशन इन रूरेल ए नेसेसरी कर दो बैंक्स और कॉपरेटिव्स के लिए कि वो ज्यादा से ज्यादा रूरल हाउसफोल्ड तक जाए अब गाओं में भी जाने के बाद ऐसा नहीं है कि सिर्फ गाओं के जो अमीर पटेल लोग हैं उन्हीं को क्या मिले लोन मिले ठीक है वाइल फॉर्मल स लोन लो यहाँ पे आपको समझ में आया हो कि कहाली क्या है कि formal और informal credit में who gets what and what is the problem over there and how it can be solved ठीक है यह question बनता है और यहाँ पे कैसा question बनता है कि why do poor household borrow it from informal sector how can this problem be solved तो इस प्रॉब्लम कैंड फॉर रूप क्यों बॉरो करते हैं तो देखती बात है कि क्योंकि फॉर्मल सेक्टर है नहीं है भी तो गरीबों के पास पोलेटर नहीं है डॉक्यूमेंटेशन नहीं है रिक्वाइड नॉलेज नहीं है ठीक है यह सारी चीज हो गई है अब यह समस्या ऐसा रिक्टर की क्या सिखाया मैंने समस्या पर इस समाधान पर फोकस करेंगे आ जाओ तो अब समाधान देखते हैं जिससे सेल्फ हेल्प ग्रुप यह जो लास्ट टॉपिक आपके चप्टर का यह सलूशन है सेल्फ हेल्प ग्रुप एक सलूशन है किस चीज का क्रेडिट प्रॉब्लम का अ कि जैसे हमने क्या देखा कि सर जहां दात है वह चने नहीं है चने वह दात नहीं है मतलब बिना घुमाय बताओ कि गरीब व्यक्ति को लोन की सक्त जरूरत है सही माने में उसको लोन मिलना चाहिए लेकिन उसके पास डॉक्यूमेंट ठीक है how to solve this problem meaning समझ में आया मतलब meaning की ज़रूरा यहाँ लिखा होना चाहिए था कि context क्या है कि ये स्थिति थी क्या स्थिति थी कि गरीब व्यक्ति जिसके पास paper और documentation की कमी है और loan की ज़ादा जरूरत है उस तक कैसे loan पहुँचे कि paper और documentation की कमी के बिना भी loan पहुँच जाए तब emerge होता है self-help group for the poor ठीक है self-help group क्या है तो this emerge as an alternative against the challenges of borrowing from bank कंटेक्स्ट लिखें ठीक है कंटेक्स्ट समझ में आया कि सेल्फ एल्प ग्रुप किस स्थिति में उत्पन्न हुआ नीड इज दी और फिर इनवेंशन तो यह जरूरत थी कि मैं कुछ ऐसा अल्टरनेटिव ढूंढा जाए जहां पर जो है खास-खास करके पूर हाउस होल्ड जो है तो वह डिचा लेंजेस दिया फेसिंग उनके पास कोलेटरल नहीं बैंक में लोन लेने जाएंगे तो बैंक वाले बोलते हैं कि गिरवी क्या रखोगे तुम्हारे पास कोई प्रॉपर्टी अपने व्यक्ति को अपने व्यक्ति क एक आदमी ने 1000 रुपए डाला तो वह 1000 दिख रहा है लेकिन जब 30 लोगों ने 1000 र ठीक है अब यह 30,000 का जो अमाउंट है ना इस 30,000 के अमाउंट को क्या कर सकते हैं जैसे 30 में से किसी एक को ज़रूरत थी तो उन्होंने आपस में अपने फंड में से किसी एक को ज़रूरत थी तो उसको बोल दे कि ले तू ज़रूरत ज़्यादा है तू दे अब क्या है व और उससे interest rate भी वो लाला सेट की तरह बहुत जाधा चार्ज नहीं करेंगे इतना चार्ज करेंगे कि जिससे थोड़ी और कमाई हो क्योंकि वो bank से भी loan नहीं जाए पॉइंट क्या हो रहा है पॉइंट यहां पर यह रहा है बड़ा सिंपल सा कि अपनी क्रेडिट नीड्स को फुलफिल करने के लिए लोगों ने एक मतलब एक अकेला ठक जाएगा साथ ही हाथ बढ़ाना ठीक है मिलकर हाथ बढ़ाना तो सारे लोग एक साथ आये तो उससे क्या हो गया कि वह संघटन में शक्ति दिखी और शक्ति की मदद से क्या करा उन्हें अपनी खुद की मदद खुद कर ली सेल्फ हेल्प ग्रुप्स ठीक है तो सेल्फ हेल्प ग्रुप्स क्या है बिसिकली जैसे कर देखे हम तो ये समय में आ गया था कि कैसे चैलें� नहीं दे रही है कोलेटरल नहीं है डॉक्यूमेंटेशन नहीं है ठीक है मनीलेंडर के पास जाएंगे तो मनीलेंडर बहुत इंटरेस्ट चार्ज करेगा इसी के चलते दे क्रिएटेड सेल्फ ग्रुप जहां पर आपको देखने को चल रहा है कि पीपल कमेंट पूल वेर सेविंग्स ठीक है पूप पीपल कम कलेक्ट या फिर पूल करना विखटा करना देर सेविंग्स आटिपिकल सेल्फ ग्रुप है 50-20 मेंबर्स यूज़ वे बिलॉगिंग टो वन नेबरहुड पर कि सब एक दूसरे के आसपास वाले होते हैं फूल मीट एंड सेवर गुलर ने जो मीटिंग करते हैं पैसा बचाते हैं और उस पैसे से एक दूसरे की मदद करते हैं अब वह जब पैसा बना पा रहे हैं बचा पा रहे हैं तो वह बैंक भी दिखा सकते हो कि देख बैंक वाले भी या क्या कि तुम हमें लोन नहीं देना चाहे थे जबकि ऐसा नहीं है कि रहे हैं तो बैंक को वो यह भी दिखा चाहते कि दोमने सेव करते एक लाख रोपए घटे कर लिए तब बैंक को भी कॉनफिडेंस आता है तो कभी-कभी सेल्फ़ेल्ड ग्रुप अपनी सेविंग्स के बेसिस पर बैंक से भी लोन ले लेते हैं कि हम तो जब बि तो आप हमारी credentials को हमारे, ऐसे बोलते हैं, civil बनाया है bank का हमारा, तो वो civil दिखाते हैं, कि देखो हमारे self-help group ने कितने अच्छे से पैसा save किया है, तो हम आगे भी save करेंगे और लोटा देंगे तुम्हारा पैसा, तो bank से loan भी ले लेते हैं कभी-कभी ऐसे, ठीक है, तो self-help group is a typical group of 15 to 20 members, usually belonging to one neighborhood, who meet and save regularly, saving per member varies from 25 to 100 rupees, करता है, पैसा save करते चले जाता है, depending on the ability of the people to save, member can take small loans from the group itself to meet their needs on a reasonable interest rate without any harsh terms of credit, reasonable interest rate पर harsh terms of credit के बिना उसको पैसा आसानी से मिल जाता है, तो ये कहानी है किसकी, ये कहानी होगी आपको self-help group की, अब देखो जो members होंगे, वो members ही खुद निडने लेंगे, तो decision regarding the saving and loan activities आज टेकन बाइट ग्रुप में तो जो ग्रुप में वह यह निर्णय लेते हैं कि क्या करना है कितना ब्याज चार्ज करना कितना इंटरस्ट्रेट चार्ज करना है ठीक है किसको लोन देना है किसको नहीं देना है ग्रुप में कोई भी अगर इंजर डिसीजन लेना होगा तो यह सारी चीजें कौन है यह सारी ची ठीक है जैसे विमेन है तो बहुत सारी महिलाएं सेल्फ ग्रुप में एक साथ आती है वह अपनी सेविंग्स पूल करके अपनी जरूरतों के रूप का पाठ होती है तो महिलाएं न्यूट्रीशन के ऊपर डिस्कस करते डिसीजेस के ऊपर डिस्कस करते हैं वह महिलाएं अपने खिले पर कैसे लग गई तो लेंगे कि रिंग की कि पापा जो है तो बहुत दारू पीके आते हैं मार पीट करते हैं तो मिलाई बोलती नहीं तुम्हें नहीं सहना चाहिए तो डोमिस्टिक वायलेंस सोशल इशूज ठीक है तो इन सारी चीजों पर क्या पति बातें होती हैं ठीक है रूरल पूर्व जो है जो कि डिप्रा तो उसको loan मिल जाता है इस तरह से तो self-help group जो है तो ऐसे मददगार साबित हुए ग्रामीन bank of Bangladesh एक example है self-help group का ग्रामीन bank of Bangladesh में जैसे जो प्रोफेसर मुहमद यूनिस जो है तो इन्होंने ग्रामीन bank of Bangladesh चालू किया एक self-help group Nobel Peace Prize भी मिला है credit की जो need थी उसको एक तरह से क्रैक करा है कि हां कैसे उनकी नीड फुल्फिल हो जाए अब इन दिए आप से फॉलिटर एंड डॉक्यूमेंटेशन ठीक है तो नीड इज दी मदर ऑफ इनवेंशन और उसी का एक एग्जांपल सेल्फ एल्व ग्रुप भी है कि जहां से क्रेडिट नीड्स ग���ीबों की पूरी हो सकती है आसानी से ठीक है तो इस वास दी होल चैटर आई होप यू पीपल इंजॉयड इट ठीक है तो यह पूरा चैप्टर जिन्होंने चैप्टर नहीं पढ़ा था तो आपको मोटा माटी पूरी चीजें समझ में आ गई एंसेड एक बार रीड करना ठीक है और साथ इस चाप्टर के जो notes हैं या आप telegram channel से अभी बस session देखो और उसके बाद ले सकते हो तब तक अपना ध्यान रखो मुस्कुरा ज़रहो अभी के लिए sign off करता हूँ signing off with this together we can we will thank you very much