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संविधान और लोकतंत्र का महत्व

क्लास नाइंथ रापिड रिविजिन कॉंस्टिटूशनल डिजाइन डेमोक्रिसी समझने के बाद ये जो चाप्टर है ये चाप्टर आपको बताता है कि किस तरह से डेमोक्रिसी को जो बेट प्रोवाइड करता है वो है कॉंस्टिटूशन साथ एफरिका क जरूरत है इंडियन कांटिवेंट एसेम्बली क्या थी इंस्टिटूशनल डिजाइन क्या है यह सारी चैप्टर में पढ़ने वाले हैं हला एवरीबडी इस दिग्राज सिंह राजपूत वेलकम टॉट चैनल साथ एफरिका वहां आपको देखने को मिलता है कि वहां अपार्थाइड का सिस्टम था स्किन कलर के बेसिस पर ब्लैक्स और वाइट्स के बीच में डिस्क्रिमेशन था कलर्ड लोग मतलब ऐसा नहीं कि सत्रंगी लोग अब इस चाले कलर्ड यानि कि जो नॉन ब्लैक्स थे इंडियन थे उन लोगों के साथ में डिस्क्रिमेशन होता था और इसे गवर्नमेंट सपोर्ट करती थी इस सिस्टम को पर डेला आपको जेल हो जाती है वह अपने जीवन के अठामित साल जो है 1964 से लगाकर अठामित साल जो जेल में बिताते जाते हैं इस संघर्ष के इस डिस्क्रिमेशन के अगेंस्ट में अब अगर आप जैसे देखेंगे तो और 1950 के बाद से ही क्या होता है कि इस रेशल डिस्क्रिमेशन के अगेंस्ट में आवाज बहुत तेजी से उठने लगी थी यह सिस्टम प्रेग्रेगेशन की पॉलिसी सारी पब्लिक फैसिलिटी ब्लैक्स और वाइट्स के लिए अलग-अलग होती लेकर काम करने जाना पड़ता था ब्लैक्स को वाइट वाले रीजन में और तरह-तरह के रिलीजियस प्लेसेस पर डिस्क्रिमिनेशन के अगेश्ट में सारे मूवमेंट को कॉर्डिनेट किया और आखिर का 26th एप्रेल 1994 में नलसर मंडेला अठाविस सालों के बाद जेल से बाहर आते हैं देश आजाद होता है रिपब्लिक बनता है अपार्थाइड के सिस्टम को खत्म किया जाता है और जो ओपरेश्ड थे और जो ओपरेशर थे वो लोग साथ रहकर आगे देश कैसे चलेगा ये तै करने वाले थे ट्रस्ट कैसे आगे से ऐसे कुछ चीजें नहीं करेंगे और दिशोष की कंस्टिटूशन एक ब्रिज की तरह काम करता है जो ट्रस्ट बनाता है सवाल यह उठता है कि हमें कंस्टिटूशन क्यों चाहिए रहता है क्योंकि कंस्टिटूशन अलग-अलग काम करता है जैसे साउथ जगह की कहानी से हमने देखा कि वह डिग्री ऑफ ट्रस्ट जनरेट होता है कंस्टिटूशन से कंस्टिटूशन यह इंशॉर करता है कि government बनेगी किस government के पास कितनी power होगी तीसरी चीज़ constitution ये भी ensure करता है कि कही government अपनी power का excessive इस्तमाल ना कर ले हद से बाहर लिकल कर उस constitution के लोगों को परिशान ना कर दे तो constitution वो लगाम भी लगाता है चौती चीज़ कंशिडीशन यह भी इंशार करता है कि जैसे लोग होंगे वह वैसा कंशिडीशन बनाएंगे अगर एक चोरों के देश में कंशिडीशन बनेगा तो वहाँ चोरी करने पर प्राइस दिया जाएगा तो इसलिए कंशिडीशन एक्सप्लेंस दिए एसपिरेशन ऑफ दी पीपल जैसे लोग होंगे वैसा संविधान होगा या फिर जैसा संविधान होगा वह उस तरह की भावनाओं को दर्शाता होगा तो बेसिकली यह कंशिडीशन के फीचर से इसलिए हमें कंशिडीशन चाहि लिए एनी कंट्री और उन सेट ऑफ रूल्स के थूब कंट्री गवर्न होती है अब बात करते हैं इंडिया की मेकिंग ऑफ दी इंडियन कॉंस्टिडीशन साउथ एफ्रिया की तरह हमारे भी बहुत समस्याई थी कॉंस्टिडीशन बनाते हैं क्योंकि आज जितना आसान दिख रहा है उतना आसान था नहीं देश आजाद हुआ था पार्टिशन का खून खराबा वह मनना चाहिए क्या rights होना चाहिए in fact आप जिसे देखेंगे तो 1931 के कराची session में मोती लाल नेहरू ने constitution का draft present भी किया था लेकिन तब चीज़ें capitalize नहीं हो पाई बाकि हमें एक चीज़ समझना होगा कि हमारी constitution making process में हम एकदम बुद्धू नहीं थे क्यों क्योंकि हमारे leaders को एक first hand experience था जो आप देखेंगे government of India act 1935 था जो provincial legislative councils थी उसमें काम करते हुए हमारे लोग ये जानते थे कि आखिरकार एक सम्विधान कैसे होगा कैसे देश चलाया जाएगा उसके अलावा भी वर्ल्ड में हमने जो चीज़े हो रहे थे उससे बहुत सारा इंस्पिरेशन लिया फर एक्सांपल फ्रेंट्स रेवुलूशन के जो आइडियल्स है वो हमारी सिस्टम हमने कहां से लिया रशिया से लिया और इस तरह से इंडियन काम किया Constituent Assembly ने Constituent Assembly वो body है elected members की जिसने पूरा का पूरा constitution बनाया Constituent Assembly का election होता है July 1946 में December 1946 से ये body काम करना शुरू करती है लेकिन इसी बीच में धुमतानाना हो जाता है और country का partition होता है partition के बाद में 299 members जो थे Indian Constituent Assembly के लिए काम करते हैं और 26th November 1949 को Constitution का draft ready कर देते हैं 1950 26th January के दिन हम Constitution को adopt कर लेते हैं और उस दिन से Republic बन जाते हैं सम्विधान होना परियाप्त नहीं है बहुत सारे देशों में सम्विधान है लेकिन सिर्फ एक पेपर की तरह है फिर हम हमारे सम्विधान को इतना क्यों मानते हैं क्योंकि 75 साल के बाद भी आज भी उस Constitution की respect की जाती है अब बहुत सारे कारण है पहली चीज तो यह है क्योंकि Constitution को किसी ने Majorly question नहीं किया है हर वेक्ति ने Constitution को Accept किया है वो Change होता रहता है Upgrade होता रहता है तो वहाँ पे वो समय के साथ बदल भी रहा है तीसरी चीज वो Fair Geographical Share को Represent करता है करता है और चौथी चीज जिस तरह से कॉल्सिडेशन मना है वह अपने आप में बहुत नोबल था हर एक चीज को डिबेट किया डिस्कस किया हर एक चीज क्यों है कैसे है उसको रिकॉर्ड किया गया और यह कॉंस्टिट्वेंट एसेंबली डिबेट के लाम से पूरे की पूरी चीजें डॉक्यूमेंटेड है जिसे आज भी रिफरेंस के तौर इस्तेमाल किया जाता है जब भी सवाल उसके अंदर क्या है उस चीज को समझना है तो ये समझना ह लोगों ने बनाया है क्योंकि जो लोग बनाएंगे उनके विचार उसमें रिफ्लेक्ट होंगे तो जैसे अगर आप देखेंगे तो महात्मा गांधी जो है वह कहते हैं कि हमारे देश को आजादी सही मायनों में तब मिलेगी जब हर एक व्यक्ति खत्म हो जाएगा जब महिलाओं को समान अधिकार मिल जाएंगे जाना और यह वैल्यूज जो है हमारे कॉन्ट्रीशन में रिफ्लेक्ट होती है यह फिलोसोफी यह ड्रीम है सिमिलरली ब्याद यार अमिटकर ने भी Constituent Assembly में यह कहा कि उन्होंने यह अपना एक चिंता जाहिर करी कि हम social life और economic life में inequality से भरे हुए हैं और political life में equality की तरफ जा रहे हैं तो अभी जब तक हर front पे equality नहीं आएगी तब तक मुझे यह doubt है कि democracy पूरी तरह से establish होगी या नहीं और similarly जवालना नहरू का भी यह vision था जो बता रहे थी कि इंडिया अब एक glorious future की तरफ आगे बढ़ रहा है इस तरह से हमारे जो leaders हैं उनकी फिलोसोफी जो है वो Constitution में Reflect करती है और Constitution उन Leaders का आईना है Similarly आप देखेंगे तो Preamble भी Constitution की फिलोसोफी को दर्शाता है वो बताता है कि आखिरकार Constitution क्या है पहली चीज़ Preamble होता क्या है तो Preamble एक ID Card की तरह है एक Introductory Statement की तरह है एक Poem की तरह है जो ये बताता है कि आखिरकार Constitution के अंदर क्या है वर्ड की अलग-अलग Countries ने अपने Constitution में Preamble Adopt किया है चाहे आप USA को देख लो चाहे आप South Africa को देख लो Similarly, India's preamble starts like this, We the people of India, where this value is held that no one has handed over this constitution to you, this is made by the people of the country. We the people of India, having solemnly resolved to constitute India into a sovereign, socialist and secular democratic republic. Every word of this word carries a value within itself.

Sovereign means that we are free, we can make our own decisions, no one will tell us what decisions you have to make. So, Socialist का मतलब यह है कि wealth जो है वो socially generate होती है तो वो socially distribute भी होना चाहिए समाज में अर्थ का बराबर रूप से क्या होना चाहिए distribution होना चाहिए Secular का मतलब कि हम सारे धर्मों को equal treat कर रहे हैं कोई एक धर्म जो है वो prominent नहीं है या फिर कोई एक religion को extra special treatment नहीं दिया जाएगा Democratic का मतलब यह है कि यह एक democratic setup है जहाँ पे people have the supreme power लोग सरकार चुनेंगे और उससे साफते देश चलेगा Republic का मतलब यह होता है जहां पर हेड ऑफ दी स्टेट जो होगा एक इलेक्टेड परसन होगा आगे प्रिमबल कहता है एंड टू सिक्योर आल इट्स सिटिजन्स जस्टिस इक्वैलिटी लिबर्टी एंड फर्टेनिटी जो कि यह बताता है कि जस्टिस होना चाहिए हर सेंस में इक्वैलिटी होना प्रियंबल है लास्ट टॉपिक है इंस्टिटूशनल डिजाइन जहां पर यह बताया जाता है कि कॉन्स्ट्रीशन में वैल्यूज और फिलोसोफी जो है उसके अलावा यह भी बताया गया कि कौन से इंस्ट्रीशन कैसे काम करेंगे वह इंस्ट्रीशन यह बताते हैं कि चुनाव कैसे होंगे चुनाव कैसे होने के बाद में लीडर के पास कितनी पावर होगी कौन क्या निन्नाय कॉन्स्ट्रीशन पत्थर की लकीर नहीं है उसे समय के अनुसार बदला जा सकता है डिस्पेक्टिड अथॉरिटीज के द्वारा तो इस वास थी वोल चैप्टर आई होप यू गाइस इंजॉयड इट इस चैप्टर का पूरा फूल चैप्टर एक्सप्लेशन आपको इसी चैनल पर मिल जाएगा अभी के लिए साइन ऑफ करता हूं टोगेदर वी कैन वी विल थैंक