Hello everyone, welcome back to Education भईया आज के वीडियो में हम लोग पढ़ने वाले हैं Indigo चाप्टर को जिसे लिखा है Louis Fisher ने, वैसे जी नहीं पता Louis Fisher ने 1918 और 1920 के बीच में as a volunteer काम करा था British Army के लिए, लेकिन फिर बाद में चलके Louis Fisher गांधी जी पे एक बुक लिखते हैं जिस बुक का नाम है The Life of Mahatma Gandhi और माना जाता है कि ये अब तक गांधीजी पे लिखी गई बेस्ट बुक है और आज जो हम चाप्टर पढ़ेंगे Indigo ये इसी बुक का एक एक छोटा सा पार्ट है मतलब इसी बुक का एक एक्स्ट्रैक्ट है लेकिन इससे पहले कि मैं तुम्हें चाप्टर को प्लीन करना स्टार्ट करूँ, मैं तुम सबसे रिक्वेस्ट करता हूँ कि प्लीज कॉपी और पिन लेके बैठ जाओ, क्योंकि ये चाप्टर तुम्हारे द और साथ ही साथ 10 से भी ज्यादा कैरेक्टर से जिनको तुम तभी याद रख पाओगे जब तुम मेरे एक्सप्लेनेशन के साथ नोट डाउन भी करते जाओ। तो तुम्हारा exam में एक number भी इस chapter से नहीं कटेगा ये पहुँची easy chapter है and trust me तुम्हारा 5 marks भी secure हो जाएगा क्योंकि हर साल इस chapter से एक ना एक question आता ही है या तो वो question 5 marks का हो सकता है य��� तो 2 questions भी आ सकते हैं दो-दो marks के और इसके अलावा अप को डाउनलोड करके मेरे paid course को भी join कर सकते हो, जिसमें तुम्हें सारे chapter के notes, explanation, videos, writing section एकदम अच्छे से, साथ ही साथ paper presentation और time management के उपर भी तुम्हें वीडियो देखने को मिल जाएगी, जैसे ही तुम course में join करोगे, तुम्हें 48 hours के अंदर और मैं खुद personally तुम्हारे सारे homebugs को चेक करूँगा बस एक चीज याद रखना कि अगर तुम लोग course खरीदने जा रहे हो तो सर्फ UPI ID से ही pay होगा कोई भी valid for example phone pay या Paytm से pay नहीं होगा हाँ तुम card से भी कर सकते हो लेकिन students के पास card generally होते नहीं है तो तुम लोग simply UPI ID से pay कर सकते हो तो चलो अब chapter को पढ़ते हैं लुइस फिसर बताते है कि वो गांधी जी से 1942 में आस्रम अफ सिवाग्रम में मिले थे मतलब desire या फिर तुम कहा सकते हो motivation कहां से आया तो वो साल है 1917 लेकिन अगर तुम्हें ये जानना है कि 1917 में क्या हुआ था तो तुम्हें सबसे पहली ये जानना पड़ेगा कि 1916 में क्या हुआ था तो ये बात है National Conviction of Indian National Congress की जो की लखनौ में हो रहा था और वहाँ पे 2301 delegates आए वे थे मतलब 2301 delegates आए वे थे जिनने नहीं पता delegates का मतलब representatives होता है ओके और साथ ही साथ बहुत सारे आई मीन बहुत सारे विजिटर्स आए वे थे और उन्ही विजिटर्स में से एक था राजकुमार सुखला जो की गांधी जी से मिलने आया था ये नाम याद रखना राजकुमार सुखला ये इस पूरे स्टोरी का वन अफ़ दा मेजर कैरेक्टर है जब गांधी जी सुकला को देखते हैं तब उन्हें वो बहुत ही ज़्यादा गरीब और इमिसियेटेट दिख रहा था जो की चमपारन डिस्ट्रिक्ट में चल रहा था वैसे गांधी जी ने चमपारन डिस्ट्रिक्ट का कभी नाम तक नहीं सुना था और मुझे पता है तुम लोगों ने भी नहीं सुना होगा तो चमपारन डिस्ट्रिक्ट लाइ करता है foothills of Himalaya के नीचे और Nepal के just बगल में वो तुम्हारे इस problem को solve कर देंगे वैसे यहाँ पे एक चीज अच्छे से याद रखना उन्हें हम share croppers कहते हैं, क्योंकि वो लोग ऐसे किसान थे, जो लोग अपने उगाएवे हिस्से का जो crop है, उसे as a rent देते हैं landlords को, क्योंकि Champaran district में जो किसान है न, वो landlord को as a rent पैसा नहीं देते हैं, बल्कि अपने उगाएवे crop का हिस्सा देते हैं, कितना हिस्सा देते हैं वो हम आगे जानेंगे, कि क्यों चमपारन डिस्ट्रिक्ट के peasants को हम लोग share croppers कहते हैं, और जो राजकुमार सुखला था ना वो भी उनही सेर क्रॉपर्स में से एक था तो जब राजकुमार सुखला गांधी जी से पहली बार मिलते हैं तो गांधी जी उन्हें बोलते हैं कि देखो सुखला मेरा क्वेंबपुर में अपॉइंटमेंट है वो गांधी जी के पीछे हफ्तों तक चलते हैं और चलो ना हमरे साथ चमपारें विहारी थे ओविस सी बात है उनका इसन्ट कुछ ऐसा ही होगा जिसके बाद जो गांधी जी होते हैं वो राजकुमार सुखला का डेडिकेशन देखकर बहुत ज़्यादा खुस हो जाते हैं और फिर वो बोलते हैं कि अच्छा ठीक है मैं सचन सच डेट को कॉलकता आओंगा तो मुझे वहीं पत्ना का ट्रेन में बैट जाते हैं सुखला जो होते हैं ना वो गांधी जी को राजिंदर प्रसाद जी के घर ले जाते हैं जो की उस टाइम पे एक लॉयर थे और हाँ ये वही राजिंदर प्रसाद है उनकी according जो राजकुमार सुखला था वो बार राजिंदर प्रसाद को तंग किया करता था बार ये बोल कर कि please indigo share croppers की help करिये और उन servants को ये भी लगता है ना कि जो गांधी जी है वो सुखला के साथ आया वो कोई normal सा peasant है इसलिए वो जो servant होते हैं वो गांधी जी को will से पानी निकालने भी नहीं देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि हो सकता है ये जो गांधी जी होंगे न ये untouchable होंगे और उस टाइम पे untouchability एकदम peak पे था और उन servants को लगता है कि अगर ये लोग दोनों well से पानी इसके बाद जो गांधी जी होते हैं वो decide करते हैं कि उन्हें अब यहां से चले जाना चाहिए इसलिए वो decide करते हैं कि ये share cropper वाले problem को solve करने के लिए उन्हें और भी ज़्यादा information चाहिए और गांधी जी इनसे पहली बार टैगोर्स सांती निकेतिन स्कूल में मिले थे जेबी क्रिपलानी जो होता है ना वो 15 अप्रिल 1917 के मिडनाइट में एकदम स्टेशन में पहुँँच जाता है गांधी जी को पिक करने और अपने साथ जेबी क्रिपलानी बहुत सारे स्टूडेंट्स को भी लेके आ जाता है प्रोफेसर मलकानी जो थे ना वो गॉर्मेंट स्कूल के टीचर थे बहुत सारे बच्चे प्रोफेसर क्रिपलानी और प्रोफेसर मलकानी के बीच में कंफ्यूज हो जाते हैं और एग्जाम में गलत लिख के आ जाते हैं तुम लोग यहाँ पे difference याद रखना आदमी के घर में रुके हुए हैं वो ब्रिटिस गॉर्मेंट के लिए काम करता है अव्यस्ती बात है अगर गॉर्मेंट स्कूल का टीचर है तो ब्रिटिस गॉर्मेंट के अंदर ही काम कर रहा होगा न उस टाइम ब्रिटिस रूल तो यहां से भी बहुत बार कुछ ना आता है तो यह पॉइंट को भी याद रखना होके और यह बात इतना जदा एक्स्ट्रॉडनेरी इसलिए भी है क्योंकि अगर ब्रिटिस गॉर्मेंट को इस बारे में पता चल जाता तो प कोई चैंपियन आया है तो बहुत सारे सेयर क्रॉपर्स अपने पैरों में चलकर मतलब पैदल गांधी जी से मिलने आने लगते हैं। चीट करते हुए, मतलब डाटते हुए कहते हैं, तुम सब lawyers को सरम नहीं आता, तुम लोग इन सभी peasants का मजबूरी का फैदा उठाकर इनसे fees charge कर रहे हो, मुझे समझ में आ चुका है कि आखिर problem कहा है, पहली बात तो इन peasants के against जितने भी लोग हैं, जो landlords हैं, वो सब Britishers हैं, सबसे पहले तो इन्हें अपने अंदर से वो डर निकालना होगा चलो इन पीजेंट्स के बारे में तो बाद में बात करेंगे तुम जो स्टूडेंट्स हो जो इस साल 12th का बोर्ड एक्जाम देने वाले हो कि हर साल किस type का question आता है और इस साल तुम्हार exam का pattern क्या है अकॉर्डिंग है इसमें तुम्हें 2000 से भी ज्यादा क्वेश्चन देखने को मिल जाएंगे और सभी क्वेश्चन के आंसर्स भी देखने को मिल और obviously ये 100% latest syllabus के according है and ये सब तो मैंने तुम्हे basic चीजे बताई तो इस book के अंदर है प्रस्ट अब चलो चाप्टर को continue करते हैं देखो अब यहाँ पे ध्यान से सुनना क्योंकि अगर तुम्हें ये वाला point समझ में नहीं आया मतलब बड़े जो property है वो Englishmen own करते हैं मतलब Britishers own करते हैं और ये जो Englishmen है ना ये Indian peasants से काम करवाते हैं और बदले में बोलते हैं कि तुम लोग मुझे direct rent के तौर पे पैसा मत देना, बलकि मैं तुम्हें जितना land दे रहा हूँ ना, उस land के 15% में, 1,5, 15% में तुम्हें सिर्फ indigo crops को ही उगाना है, और सारे के सारे indigo crops को हमें लाकर देना है मतलब landlord को लाकर देना है तो यही है तुमारा 15% वाला arrangement system जिस पे तुमारे exam में कई बार question आता है कि जो चमपारन के British landlords थे वो इंडियन पीजन्ट से काम करवाते थे और अपने लैंड के 15% हिस्सा में इंडिगो उगवाते थे और सारे इंडिगो को अपने पास लाकर देने पोलते थे इसके बाद वो जो British Landlords होते थे वो उन सारे Indigo को Foreign Market में जाके बेच कर आ जाते थे और हाँ चमपारन डिस्ट्रिक्ट में इंडिगो मेजर कॉमर्सियल क्रॉप था I hope तो तुम्हें ये बात समझ में आ गया होगा अब हम आगे बढ़ते हैं देखो तुम्हें ये तो समझ में आ गया कि 15% वाला अरेंजिमेंट क्या था लेकिन यहाँ पे किसी को problem नहीं हो रहा था ना ज़ादा peasant को problem हो रहा था नाहीं landlord को problem हो रहा था वो इससे भी ज़ादा important है क्योंकि यहाँ से भी question आते हैं तो होता क्या है एक दिन landlords को पता चलता है कि Germany में synthetic indigo आ गया है। जो की बहुती ज़्यादा सस्ता है और बहुती ज़्यादा large amount में produce हो रहा है तब landlords को समझ में आ जाता है की अब उन्हें indigo से मोटा profit नहीं होने वाला है अगर वो foreign market में जाके बेचेंगे तो उन्हें उतना ज़्यादा profit नहीं होगा क्योंकि obviously सब कुछ demand and supply का landlords होते हैं वो peasants के साथ brain game खेलते हैं landlords peasants को बोलते हैं कि हम तुम्हे ये 15% वाले arrangement से free कर रहे हैं बस तुम सबको हमें compensation देना होगा कुछ peasants agree कर लेते हैं कि ठीक है हम compensation दे देंगे और वो लोग compensation दे भी देते हैं वहीं पे कुछ peasants agree नहीं करते हैं वो लोग कहते हैं कि भाई तुम लोग हमें free कर रहे हो हमें तो कोई problem नहीं है तो हम लोग compensation क्यों दे हमें compensation देने का कोई shock नहीं है और इसलिए कुछ peasants lawyer को hire कर लेते हैं वहीं पे जो landlord थे वो thugs को hire कर लेते हैं इसके बाद जो भी peasants होता है जो भी farmer होता है किसान होता है वो compensation देने से agree नहीं करता है तो ये जो landlords थे ना वो उसके घर में थक बेजवाते थे उसके साथ जबरदस्ती करते थे, मारते थे, पीटते थे और जबरदस्ती compensation लेते थे धीरे जर्मनी के synthetic indigo के बारे में चमपारन के almost सारे peasants को पता लगने लगा और सभी peasants अपनी दिये वे compensation को वापस माँगने लगे landlord से लेकिन landlord देने वाले कहा थे उन्होंने तो thug भी hire करके रखा था जो भी उनसे compensation माँगने आता वो उन्हें ठोक देते थे इसके बाद entry होती है गांधी जी की लेकिन अभी भी उनके पास ज़्यादा facts नहीं थे जिसके लिए गांधी जी British Landlord Association के Secretary के पास जाते हैं लेकिन Secretary गांधी जी को बोलता है कि वो किसी भी outsider को कोई भी information नहीं देंगे जिस पे गांधी जी कहते है कि यहाँ पे खड़ा अगर कोई outsider है ना तो वो तू है मैं नहीं हूँ लोग इस जगा पे खड़ा अगर कोई outsider है ना तो वो तुम हो मैं नहीं हूँ और तिरहट छोड़ के चले जाने की धमकी भी देता है लेकिन गांधी जी कहां डरने वाले थे वो मोतिहारी डिस्ट्रिक्ट जाते हैं जो की चमपारन का कैपिटल है और वहीं पे बहुत सारे लॉयर्स को लेकर एक हेडक्वार्टर खोल लेते हैं और वहीं से अपना एक पीजेंट को बहुत ही ज्यादा मारा पीटा गया है मतलब मैं ट्रिप्ट किया गया है गांधी जी अगले ही सुबह एक प्रेटेंडेंट का एक मेसेंजर अपनी कैरेज में बैठ कर आता है और गांधी जी को ओवर टेक करते वे बोलता है कि आप आगे नहीं जा सकते हैं आपको वापस मेरे साथ चलना पड़ेगा क्योंकि आपके लिए एक ली� वो वायलन टाइप के आदमी नहीं थे, वो लौ का बहुत ही अच्छे से पालन करते थे, इसलिए वो बोले कि ठीक है, मैं तुम्हारे साथ चलने के लिए तैयार हूँ, इसलिए वो उसके साथ वापस आ जाते हैं, और उसके बाद जब वो उस लीगल नोटिस को खोल कर पूरी रात गांधी जी सो नहीं पाते हैं सबसे पहले तो गांधी जी राजिंदर प्रसाद को एक लेटर लिखते हैं और उस लेटर में लिखते हैं कि राजिंदर प्रसाथ तुम और अपने सारे influential friends को लेके चमपारन आ जाओ। और साती सात वाइसराय को भी सारी report भिजवा देते हैं, क्योंकि सारे Peasants अपने Hero को Support करने के लिए Court के बाहर आए वे थे इन Britishers को पता नहीं था कि गांधी जी का Background क्या है, गांधी जी का Record क्या है इन्हें तो ये भी नहीं पता था कि गांधी जी South Africa में क्या बवाल मचा क्या है वो गांधी जी से help मांगता है कि आप please इन सब लोगों को थोड़ा side हटने बोल दीजे please आप से request कर रहे हैं गांधी जी भी बहुती politely और friendly way से उन Britishers की help करते हैं और कहते हैं लोगों को कि थोड़ा सा पीछे हट जाओ इसके बाद भी जो Britishers थे ना वो बहुती ज़्यादा डरेवे थे और इसलिए वो trial को और ज़्यादा delay करने लगते हैं ठीक है तुम लोग से part