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एटम संरचना और सब-अटॉमिक पार्टिकल्स

अथाच्छेत्वामिमं धर्म्यं संग्रामं नकरिश्यसे तातास्वधर्मं कीर्तिम्चा हित्वापापं वाप्षसे कि अजय को इस लाइट एंड द मोस्ट इंपैक्टफुल लेवर ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म देड़ एड़ फिजिक्स वल्ला तो मेरे प्यारे बच्चों दिल के सच्चों मैं कामदा करता हूँ कि आप लोग बहुत ही ज़ादा स्वस्थ, मस्थ और भैतरीन से होंगे तो दोस्तों आज के इस पर्टिकुलर लेक्चर के अंदर आपके प्यारे structure of atom in one shot यानि कि ये प्यारा सा भैतरीन सा chapter हम लोग one shot में यहाँ पर कि यहाँ पर जो हमारा fractional atomic mass यानि कि जो atomic mass का concept है, valency है, यह सब हम पहली atoms and molecules में ख़दम कर चुके हैं, because यह उसी particular chapter में होने चाहिए थे, logically तो यह भी, यह दोनों मिलकर एक ही chapter होना चाहिए था, और एक single flow होना चाहिए था, लेकिन चलिए कोई बात नहीं, अब यहाँ पर हम क यहाँ पर सबसे पहले बात होगी introduction to subatomic particles, फिर उसके बाद दोस्तों बात होगी Thompson साथ के atomic model और drawback के बारे में, फिर उसके बाद rather force alpha scattering experiment, then उसके बाद rather force atomic model and drawbacks, and then उसके बाद बहुर अटॉमिक model and drawbacks, and then उसके बाद ISO species, तो जितना आपके NCRT में है उससे आपको जादा ही हम बताएंगे, बिलकुल भी tension आप मत लेना दोस्तों, ठीक है सुनील भी आप, so let's start with the introduction to the subatomic particles, अब यह act, में मतलब क्या है हम क्यों यहां पर एटम के फर्दर अंदर जाने के लिए सोच रहे हैं हम क्यों यह सोच रहे हैं कि एटम भी फर्दर किसी और चीज से मिलकर बना हुआ है यह थॉट प्रोसीजर हमारे दिमाग में क्यों आ रहा है तो चलिए इसको हम लोग आंसर करते हैं तो और डेल्टन साब बड़े ही confidently यहाँ पर यह बताते हैं कि atomic indivisible particle of matter है यानि कि further atom से छोटा यहाँ पर कुछ नहीं है और वो सबसे छोटा particle है वो किसी चीज से मिलकर नहीं बना तो अगर डेल्टन की atomic theory सही है तो why it was unable to explain the below facts आप यह सारे facts क्यों नहीं समझा पारे हो यह questions जब हमारे दिमाग में आते हैं तो आपकी theory इन questions को answer क्यों नहीं कर पाती देशिक एक सिंपल सा सवाल, सबसे पहला सवाल, जो आपके भी दिमाग में आ रहा होगा, Why do atoms combine to form molecules? सबसे पहली चीज़ आप ये बताईए, कि अगर atoms सबसे छोटे हैं, तो ऐसी क्या चीज़ है जिसकी वज़े से atoms जुड रहे हैं? दिमाग लगाने वाली बात है, अगर atoms सबसे छोटा particle है, ये सबसे छोटा particle है, Why are atoms combining to form the molecules? अच्छा ये बात एक सवाल हमारा हुआ दूसरा सवाल आप सुनिये आप कहते हैं कि atoms सबसे छोटा particle है matter का और एक particular element के सारे atoms समान होते हैं तो एक particular के सारे atoms समान हैं तो उनके mass और properties भी एक समान है ठीक है, डेल्टन साहब तो फिर आप ये बात बताईए, है न, why do atoms of the same element differ from each other in masses, ऐसा भी मिला है, कि same element के जो atoms हैं, उनके masses में अंतर है, अब अगर एक element के सारे atoms समान हैं, तो सबका mass same होना चीज़, उनके mass में, या नि, द्रवेमान में परिवर्तन आ रहा है, इसका ये मतलब है, कि एक particular element के जो atoms हैं, द्रवे मान में अंतर और ऐसा भी हो सकता है कि atoms of different elements का same mass हो, जबकि ये delton की theory की just opposite है, delton कहते हैं, एक element के सारे atoms का mass same है, दूसरे element के सारे atoms का mass same है, लेकिन इन दोनों particular element के atoms को compare कराएंगे, तो इनके masses अलग-अलग होंगे, तो फिर ये बात कैसे हो रही है, यानि atom के mass को decide करने वाली कोई और चीज़ है, जो atom के अंदर ही present है, बस आप है कि उसको मानना नहीं चाते हैं, है ना? तो यहां तक सभी के दिमाग में यह सवाल जो है, मैं कामना करता हूँ कि सभी के दिमाग में सवाल घंटी बजा रहे होंगे, और अगर आपके दिमाग में घंटी बज रही है, और अगर आपने atoms and molecules मेरा one shot lecture देखा है, तो obviously आपको इसके पीछे का answer पता है, कि अगर मैं आपस और वो सबसे छोटे particles नहीं है, तो मेरे दोस्तों का answer यहाँ पर 100% होगा, कि हाँ भाई, atoms divisible particles हैं, है न, atoms are divisible particles of matter, it means, atoms are further made from subatomic particles, अरे यार सुनील भाई, ये बिल्कुल हम आपकी बात से aligned है, कि ऐसा है, ऐसा 100% है सुनील भाई, अगर ऐसा नहीं है, तो ये जो observation से ये कैसे आ रही है, ये जो सवाल हमारे दिमाग में बार-बार घंटी बजा रहे हैं, इनका explanation क्या है, तो इनका explanation सिफ तब और तब possible है, जब हम ये मान ले कि atoms are further made from subatomic particles, यानि atoms क्या है, divisible है, वो basically subatomic particles में मिलकर बने हैं जी सुनिल भी आप अच्छा आपको मैं बात बताओ यह जो divisibility के बारे में हम बात करते हैं इसका सबसे बहुत आईडिया पता है लोगों कैसे लगा लोगों सबसे बहुत आईडिया पता है लोगों कैसे लगा ना आप कह सकते हैं आटम सुनिल भी आप सही में हाँ अब ये वोई चीज है जो आप और मैं, मतलब आपके बच्चवन में आप करते थे और मेरे बच्चवन में, अब ये आप कर रहे होगे और मेरे बच्चवन में मैं करता था, कराए की नहीं कराए, बाई स्कूल के अंदर ऐसे पै, वो जो स्केल होती थी, उसको ऐसे सूखे ब हम बोल रहे हैं ये जादू तो ये सबसे पहला indication है कि atoms are further divided into subatomic particles सुनिल ये कैसे है मैं आपको समझाता हूँ So one of the first indications that atoms are not indivisible comes from studying the static electricity ये कि आपके atoms indivisible नहीं है बल्कि divisible है subatomic particles में इसका सबसे पहला evidence है static electricity अब जैसे कि for example आप क्या कीजिए एक plastic के कंगे को आप dry hair से rub कर दीजिये बल्कि ऐसे उसको बार घुमाईए तो यहाँ पर जो comb है ना वो basically electrically charged हो जाएगा जैसे कि मान लीजिए यह आपका comb है अब आपने क्या करा इसको सुखे जो बाल है dry hair इसमें तेल नहीं लगावा उनमें अगर आपने इसको बहुत जोरदार तरीके से बार rub किया तो because of friction बालों के जो कुछ electrons हैं जो हमें आज पता है negatively charged particles को electron कहते हैं तो वो जो negatively charged particles हैं वो basically बालों से transfer हो गए कंगे पे चले ज उनको नहीं पता कि यहाँ पर negative आ रहा है या positive आ रहा है, उन्होंने वैसे एक behavior देखा कि ऐसे rub किया और paper के टुकडों पर रखा वो चुपक दे, अब यह paper के टुकडे क्यों चुपक रहे हैं, क्योंकि paper के टुकडों का जो positive वाला part होगा, कौनसा वाला part, positively charged part जो हो कैसे? बाई कंगा नेगेटिवली चार्ज हो गया होगा और पेपर के पॉजिटिवली चार्ज पार्ट को अपनी तरफ खींच रहा होगा। उसी प्रकार ये चीज़ आप पानी के साथ कर सकते हैं कि बाई पानी की धार निकल रही है और आपने यहाँ पर बलून को अपने सर अब इससे ये क्यों हमें समझ में आता है, कि atom is divisible and consists of charged particles, इससे क्या हमें समझ में आ रहा है, कि नहीं, atom हमारा divisible है, वो further subatomic particle से बना है, तब ही तो ये interaction possible है न, ये कंगा यहाँ पर paper को attract क्यों कर रहा होगा, ये तो atom से मिलकर बना है न, तो ये क्यों attract कर रहे हैं? क्योंकि यहाँ पे जो atoms हैं वो further subatomic particles से बने हैं, और ये जो behavior है that is because of subatomic particles, ठीक है ना? So this behavior, this behavior is because of, is because of subatomic particles. तो ये चीज़े जो हैं लोगों को सोचने पे मजबूर कर रही थींग. अब इसी की वजह से बहुत सारे experimentation हुए, जिसमें कि सबसे पहले 1830s में Michael Faraday साहब ने एक gas discharge tube experiment करा, फिर Gisler साहब ने किया, Krug साहब ने किया, फिर उसी experiment को Thompson साहब ने किया, और बाद में उससे electron की discovery हो गई, ठीक है ना? तो यहाँ पर हमारे पास majorly तीन subatomic particles हैं, कौन से? तीन subatomic particles हैं, जो की, जिनका discussion हम majorly कर रहे हैं, ऐसा नहीं कि ये सिर्फ तीन है, अपने तीन subatomic particles के बारे में majorly चर्चा करते हैं, पहला हमारे पास है electron, दूसरा हमारे पास है proton, तीसरा हमारे पास है neutron, अब देखिए, electron का symbol E, proton का symbol P, neutron का symbol N, electron का E, proton का P, neutron का N, अब electron पे जो actual charge वो कितना है, minus 1.6 into 10 की power minus 19 coulomb, इधर हो जाएगा plus 1.6 into 10 की power minus 19 coulomb, और neutron हो जाएगा neutral, इस पे कोई charge नहीं होता, फिर से सुनिये, यह atoms and molecules में मैंने आपको पढ़ाया भी है, electrons are negatively charged, protons are positively charged, neutrons are neutral, तो actual जो value है, वो यह है, अगर relative terms में हम पढ़ते हैं तो हम electron को minus 1 दे रहे हैं तो इसको plus 1 दे रहे हैं और यह तो zero ही रहेगा relative मतलब दैसे कि मैं बोलूं कि sodium में 11 proton और 11 electron है तो वो electrically neutral है तो हमने बोलते हैं कि 1 proton plus 1 है तो 11 proton plus 11, 11 electron minus 11 इसलिए electrically neutral है उसके बाद अगर हम mass की चर्चा करते हैं तो electron का mass है 9.1 into 10 की power minus 31 kilogram प्रोटोन का मास है 1.67 x 10 की पावर माइनस 27 किलोग्राम और नेटरोन का मास है 1.67 x 10 की पावर माइनस 27 किलोग्राम छोटी चीज नोट करना देखो ये फिगर नोट करो इतना यानि तुम्हारे दिमाग में एक चीज और नहीं चीज है नेटरोन हलका सा भारी है प्रोटोन से पोटॉन बोल रहा हूँ, प्रोटॉन से, रीजन यहाँ पर यह है, क्योंकि न्यूट्रॉन फर्दर बने हैं दो डाउन क्वार्क और एक अप क्वार्क से, और प्रोटॉन बना है दो अप क्वार्क और एक डाउन क्वार्क से, इसलिए स्लाइटली देखिए प्रोटॉन का म तो इसका credit दिया जाता है जेजे थॉमसन सहाब को, ठीक है, proton की discovery का credit, NCRT कहती है E. Goldstein, लेकिन आपको लिख कर आना रधरफोड, आप school exam में लिख कर आ सकते ��ैं, E. Goldstein कोई दिक्कत वाली बात नहीं है, पर actual में रधरफोड ने discover किया था, मैं आपको बता दू, E. Goldstein, ठीक है न लेकिन एक्चुअल क्रेडिट जाता है रदर फोर्ट साहब को याद रखिएगा द एक्चुअल क्रेडिट आफ डिसकवरी प्रोटोन गोस्ट टू अ यह बात आपको याद होनी चाहिए और नेटरोन की डिस्कवरी का क्रेडिट हमारा जाता है जेम्स चैडविक को किसको जाता है जेम्स चैडविक को तो एलेक्ट्रोन की डिस्कवरी का क्रेडिट जेज� तो फिर जेजे थॉमसन साहब में 1904 के अटॉमिक मॉडल में इसको क्यों नहीं बोला, मतलब इसके बारे में क्यों नहीं बात करी, अगर आप ये दिमाग लगाओ कि आइगिन गोल्डस्टेन साहब ने डिसकवर किया, मान लेता हूँ, 1886 में एक्सपेरिमेंट किया था न, त 1932 ठीक है जी तो यह आपके फर्दर सब टॉमिक पार्टिकल्स है जिनसे हमारा जो एटम है वह मिलकर बना होता है कामना करता हूं आपको यह बात अच्छी तरीके से समझ में आ गई होगी अगर आती जाए तो आए भाइया का नारा कॉमेंट सेक्शन में मुझे जरूर दिखना चाहिए मुझे आए भाइया जरूर से कॉमेंट फेक्शन के अंदर समझे मेरे बंदर चलो अब देखो बेटा अब हमें ये पता चल चुका है कि atom further divisible है, यानि atom subatomic particle से मिल कर बना है, और सबसे पहला subatomic particle मैं आपको बताऊं, जो मिला था, that was, ये किस year में मिला था, ये year भी लिख देता हूँ मैं, ये आपको 1896, ये कुछ sources लिखती हैं, 1897, प्रोटोन है 1917, और neutron है 1932, यह लगभग approximate years है, एक दो साल आगे पिछे आपको मिल सकते हैं, पर यह आपको याद होना चाहिए कि सबसे वहले यह discover हुआ, फिर यह discover हुआ, main idea मेरा यह है, अब यहाँ पर जब सबको समझ में आया कि हमारे जो atoms है further divisible है, यानि कि वह further मिलकर subatomic particles से बने है, तो लोगों ने बोला कि अंदर का structure कैसा होगा atom का, अब सब वहाँ पर imagine कर रहे हैं, तो यहाँ पर आता है term, atomic model, देखिए atomic theory नहीं है, atomic model लिखा है, इसका मतलब क्या है दोस्तो, how an atom looks internally or, how subatomic particles, subatomic particles are, अरेंज्ड इनसाइड एन एटम मेरी बात समझ में ही अब यह हर कोई ढूंढना चाह रहा है कि भाईया एक एटम के अंदर सब अटॉमिक पारेटिकल्स कैसे एरेंज्ड है एक परेटिकुलर एटम के अंदर सब अटॉमिक पारेटिकल्स का अरेंज्डमेंट कैसा होगा हर को तो यह जो अटॉमिक मॉडल है इट वॉज गिवन इन दी एयर 1904 उन्नेस्सो चार में थॉमसन साहब ने अपना अटॉमिक मॉडल दिया जहां पर उन्होंने बताया कि भाई साहब एक जो आपके पास आटम है उसके अंदर कैसे आपके पॉजिटिव और नेगेटिव चार्� अब आपके दिमाग में सवाल आएगा positive charge कहां से आया? मैं बताता हूँ कहां से आया? मैं बताता हूँ कहां से आया? तो एक चीज आपके दिमाग में होनी चीज है what was known at that time? उस समय पे क्या पता था? what was known at that time? उस समय पे क्या पता था? अब उस समय पे आपके दिमाग में जो Thompson आपको पता था atom consists of एटम कंसिस्ट ऑफ नेगेटिवली चार्ज पार्टिकल्स जिसको उन्होंने खुद खो जाता नेगेटिवली चार्ज पार्टिकल्स कॉल्ड इलेक्ट्रोंस एक चीज तो उनको यह पता थी और दूसरा एटम इज एलेक्ट्रिकली न ध्यान चे सुनना उस समय पे दो बाते उनको पता थी पहली बात ये पता थी कि अटम के अंदर negatively charged particles यानि कि आपके electrons हैं जो उन्होंने खुद discover किये इसका एक interesting fact भी बता दूँ electron का जो नाम electron है वो JJ Thompson ने नहीं दिया Thompson ने तो इसको जब discover है तो नाम दिया corpuscle electron का नाम electron आता है G.J. Stoney के एक research paper से G.J. Stoney ने 1874 में एक research paper दिया था उसमें एक particle की जो characteristic थी वो basically electron से match कर दिया है थॉम्सन साहब ने तो कॉर्पिसल नाम दिया था, पर आप ये समझे उस समय हमें क्या पता था, कि आटम के अंदर नेगिटिवली चार्ज पार्टिकल्स एलेक्ट्रॉन्स प्रजेंट है, और आटम एलेक्ट्रिकली न्यूटरल है, क्योंकि अगर आटम के अंदर सिर्फ एल प्रोटोन नहीं बोला उन्होंने सब अटॉमिक पार्टिकल नहीं बोला उन्होंने कहा एक आटम है और आटम में नेगेटिवली चार्ज जो सब अटॉमिक पार्टिकल है एलेक्ट्रोन लेकिन उसके चार्ज को नेटरलाइज करने के लिए वहाँ पर पॉजिटि इक्वल अमाउंट ऑफ पॉजिटिव चार्ज इट मीन्स इक्वल अमाउंट ऑफ पॉजिटिव चार्ज इज आल्सवर्ड बात समझ में आ रही है आप देखो मैं उनके थॉट प्रोसेस पर आपको लेकर जा रहा हूं मैं उनके थॉट प्रोसेस पर आपको लेकर जा रहा ह� यानि कि यहाँ पर positive charge भी equal amount में है, जितना negative charge है उतना ही positive charge है, negative charge एक subatomic particle के format में है, लेकिन positive charge जो है, वो subatomic particle नहीं है, तो अब यह imagine कर रहे हैं कि मैं positive charge और negative charge कैसे arranged होगा atom के अंदर, अब वो यह imagine कर रहे हैं, ठीक है ना, तो इसी के लिए उन्होंने क्या दिया, now, अब इसी के लिए उन्होंने atomic model दिया, how they are arranged, how they are arranged in an atom, यानि कि ये atom के अंदर किस प्रकार से arranged होंगे, इसी के लिए आया आपका Thomson's atomic model, काम न करता हूँ, मैं आपको scientific thinking यहाँ पर दे पा रहा हूँ, अब यहाँ पर Thomson's आपके लिए यह problem है कि भाईया, नेगिटिवली चार्ज सब अटॉमिक पार्टिकल्स के बराबर हमारे पास पॉजिटिव चार्ज है लेकिन पॉजिटिव चार्ज कोई सब अटॉमिक पार्टिकल यहाँ पर नहीं है। उस पर उन्नेस सो चार्ज में उन्नेस सो चार्ज की बात हो रही है एट दे टाइम इदाइन्स उन्नेस सो चार्ज की बात हो रही है उस समय सिर्फ एलेक्ट्रोंस थे तो नोने का यार पॉजिटिव चार्ज जो होगा ना वो किस तरीके से अरेंज्ड होगा और नेगिटिव इसके लिए उन्होंने एक atomic model दिया अब देखिए वो क्या सोचते हैं तो हमारे Thompson साहब गए होंगे किसी party के अंदर Christmas party वहाँ पर Christmas की pudding आई होगी बड़े परिशान से होंगे जैसे ही pudding को काटा चबाने के लिए तो pudding को देखा ओ भाई साब pudding को खाने के लिए काटा और जैसे ही मारो atom अशान दिखे यह मेरा एटम तो ऐसा दिखता अंदर से मेरा एटम अंदर से ऐसा ही दिखता है मेरा एटम अंदर से बोले मतलब बोले देखो समझो बोले यह जो बेग्ड पार्ट है ना आपकी पुडिंग का जो बेग्ड पार्ट है रेजिन्स है या बेसिकली प्लम है या बेसिकली अधर ड्राइफ्रूट्स यहाँ पर डलेवे हैं यह रिप्रेजेंट करते हैं इलेक्ट्रोन को समझ रहे हो तो जो पुडिंग है उसके अंदर जो बेक्ड पार्ट है वो रिप्रेजेंट करता है आटम के पॉजिटिव स्फियर को वो रिप्रेजेंट करता है आटम के नेगेटिवली चार्च पार्टिकल यानि कि इलेक्ट्रॉन को किसको represent करता है negatively charged particle यानि की electron को represent करता है भाई साहब OP तो अच्छे इसकी दूसरे इंटरप्रेटेशन क्या है तुमने आवाटरमेलन तो मैं काम ना करता हूं सभी नहीं खाया होगा तरबूस कहते हैं हिंदी भाज़ा में तरबूस को ऐसे कार दूं करके कार दिया तो अब इसका यह जो लाल पार्ट ना रेड इटेबल पार्ट ह और इसके अंदर ये जो काले-काले बीज हैं, कौन से? इसके अंदर जो ये काले-काले बीज हैं, है न? ये basically किसको represent करते हैं? Black seeds, ये किसको represent करते हैं? ये represent करते हैं आपके electron को, मेरी बात समझ में आगे ही क्या? तो जिस प्रकार से तरबूस के अंदर ये लाल खाने वाला भाग है, वो represent करता है atom के positive sphere को इन्होंने कहीं पर भी इसको subatomic particle नहीं बोला positive sphere बोला और positive sphere के अंदर यहाँ पर electrons चारो तरफ distributed है तो यहाँ पर काले-काले seeds उसके analogy ली कि जैसे कि हमारे तरबूस के अंदर काले-काले beads चारो तरफ distributed है उसी प्रकार से electron भी distributed है तो यह था हमारा Thompson साहब का atomic model कि atom जो है वो अंदर से ऐसा दिखता है तो according to Thompson, an atomic model is similar to the Christmas pudding or watermelon. या तो वो ऐसा दिखता है, या तो वो ऐसा दिखता है. इसी की वज़े से, इस model को हम बोलते है, plum pudding model, raisin pudding model, या basically watermelon model. इसी की वज़े से, इसके जो नाम है, that is basically, plum pudding, raisin pudding, and basically watermelon model. ठीक है? जी. अब देखिए, यहाँ पर हमारे पास क्या-क्या postulates हैं, Thomson's atomic model के, आईए इसके बारे में थोड़ी सी चर्चा करते हैं, ठीक है, समस्ते हैं इस particular चीज़ को, तो Thomson साहब ने क्या-क्या बोला, आप तो आपको समझ में आई ही गया होगा, postulates यहाँ ने क्या-क्या बातें बताई, an atom consists of positively charged sphere, and electrons are embedded in it uniformly, यानि की, atom क्या है, एटम के अंदर एक positively charged sphere है, और उसके अंदर negatively charged electrons चारो तरफ uniformly, यानि एक समान तरीके से present है, दूसरा, the negative and the positive charges are equal in magnitude, इसलिए तो एटम electrically neutral है, आप समझ रहे हो, अरे Thompson ने तो अपना model देने से पहले उनको पता था ना, कि एटम electrically neutral है, यानि यहाँ पर positive charge भी होगा, और जितना positive charge उतना ही negative charge है, अब इन दोनों का arrangement कैसा है, उसके लिए मैं atomic model दे रहा हूँ, उनको यह बात तो पता ही थी, कि atom electrically neutral है, यानि कि जितना magnitude positive charge का होता है, यह negative charge है, negative charge electron के format में present है, positive charge उन्होंने बोला कि sphere हो गया, अब उसके अंदर electron सा वो drawback का सबसे बड़ा कारण बनेगा आगे चलके, इन्होंने बोला, the mass of an atom is distributed uniformly throughout it, यानि कि परमानु का द्रविमान, यानि कि उसका जो mass है, हर जगह, हर जगह एक समान है, या पहला हुआ है समझ रहे हो यानि कि जो उसका मास है वो चारो तरफ यूनिफॉर्मली डिस्ट्रिब्यूट हुआ है ऐसा नहीं कहीं एक जगह पर कंसंटेंटेड ऐसा कुछ नहीं है चारो तरफ यूनिफॉर्मली डिस्ट्रिब्यूट है अब यही यहाँ पर प्रॉब्लम क्रिएट करेगा अभी इसके बाद यहाँ पर आते हैं रधरफोट साहब अब रधरफोट साहब experiment perform करते हैं जिसको अभी हम पढ़ेंगे that is basically the Rutherford's alpha scattering experiment तो यहाँ पर it was unable to explain the observations of the Rutherford's alpha scattering experiment यानि कि जो Rutherford's सहाब का alpha scattering experiment था उसकी observations को समझाने में बिल्कुल सामर्थ नहीं था यह नहीं समझा पाया उसकी observations को और दूसरा सबसे बड़ा negative pointer यह it was not able to explain how the positive sphere will hold the negatively charged electrons that are placed in the direct contact. It does not explain the stability of an atom. समझिए पहला, रदरफोर्ड साहब जो अलफा स्केट्रिंग एक्सपेरिमेंट करेंगे, उसके अब्जरवेशन्स को बिल्कुल भी अटॉमिक मॉडल सैटिस्फाई नहीं करता है। दूसरा, भाई साब आपने positive charge और negative charge direct contact में रख दी। यहाँ पर system में unbalanced forces आने लग जाएगी, electron को चारों तरफ से चीज़े attract करने लग जाएगी, तो आपका atom तो unstable हो गया, लेकिन atom तो stable दिखता है हमको, शान्त है, कोई दिक्कत नहीं है, it is stable, तो यहाँ पर यह चीज़ जो है ना, अब इसके पीछे का explanation बहुत depth में है, लेकिन मै इसका मतलब आप जिस तरीके से imagination कर रहे हो ना कि positive और negative charges इस तरीके से distributed होंगे वो तरीका आपका गलत है because वो instability की तरफ ले कर जा रहा है इसको समझ गया आप? जी यहाँ तक अगर समझ में आ जाए तो एक बार आये भीया लेकर दे ना Thompson साफ का atomic model atom की stability को नहीं समझाता है लेकिन atom stable है आप imagine कर रहे हो कि internal structure ऐसा होगा लेकिन आपका internal structure उसकी stability नहीं समझा पा रहा, वो stable है, लेकिन आप जो imagine कर रहे हो structure की ऐसा दिखता होगा, वो आपका imagination गलत है, तो Thompson गए, अब आते हैं यहाँ पे, Rutherford के experiment में, Rutherford's Alpha Scattering Experiment, ठीक है न, Rutherford's Alpha Scattering Experiment, तो यहाँ पर हुआ क्या था, a series of experiments, a series, of experiments were performed were performed between 1908 to 1913 by Hans Giger and Ernest Marsden under guidance of Rutherford बात समझ में आ रही है क्या मैंने क्या बोला मैंने यहां पर आपको बोला कि एक सीरीज अप एक्सपेरिमेंट यहां पर परफॉर्म की गई 1908 से लेकर 1913 के बीच में दो साइंटिस्ट थे हैंस गेगर एंड अर्नेस्ट मार्च्टन अब देखिए यहां पर यह कौन थे हैंस गेगर वह जूनियर रिसर्च फैलो है ना जो कि रदरफोड की गाइ� और यहाँ पर बैचलर ओफ साइंस के सुडेंट थे अर्निस मार्शडन, तो हैंस गिगर अर्निस मार्शडन को भी इस experiment में involve कराते हैं, और यह दोनों के दोने इस experiment को perform करते हैं under the guidance of Rutherford, ठीक है, तो इसलिए alpha scattering experiment को हम लोग और दो किस नामों से जानते हैं, और इसको आप आ� क्या नाम होता है? गोल्ड फॉइल एक्सपेरिमेंट ये सारे के सारे इसी एक्सपेरिमेंट के नाम है ठीक है? गीगर मार्जन एक्सपेरिमेंट, गोल्ड फॉइल एक्सपेरिमेंट या रधरफोट साहब का अलफा स्केटरिंग एक्सपेरिमेंट अब इसको स्टार्ट करने से पहले सबसे बहुत बहु removing two electrons from the helium gas and having HE2 plus ions is alpha particles यानि अगर आपने helium gas से two electrons remove करके HE2 plus ions बनाएं तो लोग कहते की ये alpha particle है अब ध्यान से सुनना correct answer क्या है? no ये alpha particle नहीं है अरे तुम इसको इस analogy से समझो ये मान लो मैं हूँ ये मान लो ये for example तुम मेरे को एक बात बताओ ये मान लो की सुनील भाईया है ठीक है और ये मान लो तुमारा पोलर बियर है ध्यान जे सुनना पोलर बियर ठीक है ना पोलर बिय PB लिख देते हैं, जैसे यहाँ पे लिखा SB, यहाँ पे लिख देते हैं PB, Polar Beer, ठीक है, सुनील बाईया और Polar Beer, SB और PB, अब यह comparison अच्छा लगेगा, SB, PB. SB और PB के बीच में comparison है, अब मेरी बात को थोड़ा सा ध्यान से सुनना, कि polar bear और Sunil भाईया के बीच में यहाँ पर क्या similarity है, मैं आपसे पूस्तो क्या similarity है, तो देखिए, दो आँख, एक मु, दो हाथ और दो पैर, configuration is same, body configuration is same, हम दोनों की body configuration जो है, वो same है, body configuration is same, बट मैं आपसे पूछता हूं क्या हमारा सोर्स सेम है बट आर्स बट आर पेरेंट्स आर डिफरेंट यह आप समस्ते ही नहीं समस्ते हैं इतनी बात आप समस्ते ही नहीं समस्ते हैं अब यह तो पॉसिबल नहीं है कि मेरे माता पिता से पोलर बियर पैदा हो जाए या पोलर ब मेरे दो पैर, इसके दो पैर, मेरे दो आथ, इसके दो आथ, मेरी दो आथ, इसकी दो आथ, मेरा एक मूँ, इसका एक मूँ, ये similarity हमारी configuration की, body configuration same है, लेकिन हमारा source same है क्या, नहीं, उसी प्रकार alpha particles की configuration यहाँ पर इससे समान होती है, इसका ये मतलब नहीं है कि helium gas में से electron निका रिमोविंग टू एलेक्ट्रोंस फ्रॉम हीलियम गैस एन एविंग एची टू फ्लॉस एंस अल्फा पार्टिकल्स नो यह गलत है हम अल्फा पार्टिकल्स तो इससे कंपैर इसलिए करवाइंगे अभी क्योंकि इन दोनों की कॉन्फिगुरेशन से मैं जैसे हम दोनों की कॉ अटॉमिक नंबर कितना होता है? अटॉमिक नंबर होता है यहाँ पे 2, नंबर of positively charged particles हमारे पास है 2, neutralize करने के लिए number of negatively charged particles है 2, and इसके अंदर इसका मास्ट नंबर क्योंकि होता है 4, जो मैं पढ़ा चुका हूँ मेरे यार, तो यह भी होगा हमारे पास 2. मास्ट नंबर 4 क्योंकि होगा? 2 proton और 2 neutron जोड़ देंगे तो मास्ट नंबर कितना हो गया? 4, इस सब मैं पढ़ा चुका हूँ atoms and molecules में. तो helium जिसका atomic number है 2, इसके अंदर number of proton 2, number of electrons 2, and number of neutrons 2. अब मैं case imagine करता हूँ, imagine, imagine that two electrons are removed from helium. आप imagine करो कि आपने दोनों के दोनों electrons यहां से निकाल दिया है, वैसे तो possible नहीं है, but आपने निकाल दिया है. अब जब आपने यहां पर निकाल दिये, तो यहां पर आप मुझे बताओ number of positively charged particles दो. number of negatively charged particles 0 and neutrons 2 number of positively charged particles 2 number of negatively charged particles 2 number of negatively charged particles 0 number of neutral particles 2 number of neutral particles 2 बाई मैं कह रहा हूँ आपने यहाँ से 2 electrons निकाल दिये तो यहाँ पे यह हो गया 0 बाकी तो चीज़े क्या होंगी 2 और 2 clear अब positively charged particles यहाँ पर 2 हैं, लेकिन negatively charged particles क्या है? 0 है, positively charged particles यहाँ पर 2 थे, negatively charged particles 2 थे, तो यह neutral था, लेकिन positively charged particles 2 है, negatively charged particles क्या है? 0 है, बाई positively charged particles 2, negatively charged particles 2 तो neutral, positively charged particles 2, negatively charged particles 0, electron 0 है, तो यहाँ पर क्या जाएगा, एक imbalance आ जाएगा, helium का cut-in मन जाएगा 2 plus, यहाँ पर क्या जाएगा, यहाँ पर क दो प्रोटोन और दो न्यूट्रोन हैं तो मैंने आपसे बोला ही 2 प्लस आयंस में दो प्रोटोन और दो न्यूट्रोन हैं अब आपको बताता हूँ अलफा पार्टिकल्स जिनको हम साइंटिफिकली बोलते हैं उनके अंदर भी एक्चॉल में दो प्रोटोन और दो न्यूट्रोन होते हैं हीलियम गैस से नहीं बनाये गए So it's similar to HE2+, in terms of configuration, but it is not produced from helium gas. यानि कि alpha particles में भी दो protons और दो neutrons हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आपने इनको helium gas से बनाया है, इनका source अलग है, मैं भी बताऊंगा इनका source क्या है. तो alpha particles इनको हम बोलते हैं, उनके अंदर भी दो protons और दो neutrons होते हैं, तो इनकी configuration क्या है, इसके समान है इसकी configuration, इसलिए हम इसको compare करवाते हैं उससे. पर इसका ये मतलब नहीं कि alpha particles आपने helium gas में से 2 electron निकाल कर alpha particles बनाया तो ये गलत बात है, alpha particles बनते है alpha decay से, जो अभी मैं आपको बताऊंगा, समझ में आगी बात, जी, अब alpha particles बनते है alpha decay से, इससे बनते है alpha decay, when, when axis of, axis of proton and neutron, आदम न्यूक्लियस ऑफ एटम न्यूक्लियस एजेक्ट्स प्रोटोन्स एंड न्यूट्रोन्स टू बिकम स्टेबल और यह आपको बात करता है अलफा डी के अलफा को रिप्रेसेंट करते हैं तो यह अलफा डी के ऐसे भी लिख सकते हैं अब इसमें अच्छल में क्या होता है जब आपके आटम के नूक्लियस में पॉजिटिवली चार्ज पार्टिकल्स और नूटर स्टेबल होने के लिए इसे अलफा डीके कहते हैं बहुत सरल भाषा मैं समझा रहा हूँ तो इसे मालो ये प्रोटॉन है और ये प्रोटॉन है ये पॉजिटिवली चार्ज तो नियोकलेज ये करेगा अपने अंदर से क्या करेगा प्रोटोन्स नियोट्रोंस की उल्टी करेगा उनको बाहर निकाल देगा इससे अलफा डीके कहते हैं ठीक है बहुत सरल भाषा मैं आपको समझाने की कोशिश कर रहा हूँ क्योंकि आपके सिलेबस में नहीं है बहुत स अलफा डिके में क्या होता है कि यहाँ पर element से 2 protons and 2 neutrons बाहर निकलाते हैं क्या बाहर निकलते हैं? 2 protons और 2 neutrons बाहर निकलते हैं तो 2 protons और 2 neutrons बाहर निकलने का मतलब क्या है? 2 protons गए तो atomic number 2 से reduce हो गया 2 protons और 2 neutrons मिला के mass number हो गया 4 तो mass number जो है वो basically 4 से reduce हो गया और यह element बन गया वाई अब यहाँ पर यह जो species आपकी निकल रही है, इसी को ही आप बोलते हैं alpha particle, this is called as the alpha particle, जिसके अंदर दो protons हैं और दो neutrons हैं, यह तो इसका क्या लिखावा है, यह दो protons और यह चार बता रहा है, that is the sum of protons plus neutrons, यहाँ नहीं कि चार, ठीक है, इसे basically कहते हैं alpha particle, जैसे for example हमने ले र� या for example हमने ले रखा है radium ठीक है ना तो इनका जब alpha dk होगा तो आप observe करिएगा धियान से ये atomic number है 92 तो number of protons 2 से reduce होंगे तो ये हो जाएगा 90 यहाँ पर 88 2 से reduce हो जाएगा तो 86 अब 2 protons के साथ 2 neutrons भी जाएगे minus 2 protons मैं इसको short में लिखना हूँ 2 protons plus 2 neutrons minus 2 protons plus 2 neutrons यानि कि 2 protons और 2 neutrons आपने इसमें से बाहर निकाल दिये हैं ठीक है तो atomic number 2 से reduce हो गया और अगर आप देखेंगे यहाँ पे mass number तो mass number आपका 4 से reduce हो गया mass number को आप देखेंगे 4 से reduce हो गया तो यहाँ पे यह जो species निकल रही है हमारे पास this consist of 2 protons and 2 neutrons अरे आपके पास यह element है यहां से दो प्रोटोन और दो न्यूट्रोन निकला है यहां से भी दो प्रोटोन और दो न्यूट्रोन निकला है क्योंकि यहां पर इनकी न्यूक्लियस में बहुत ज्यादा प्रोटोन न्यूट्रोन हो गए थे स्टेबल होने के लिए ने प्रोटोन न्यूट्रोन की उल्ट atomic number 2 से reduce हो गया, यहाँ पर हमारे पास नया element बनेगा thorium, यहाँ पर हमारे पास नया element बनेगा radon, और ये साथ में हमारे पास निकले alpha particles ठीक है? जी तो क्या यहाँ पे alpha particles का source helium gas था? नहीं alpha particles का source था ऐसे particular elements जो unstable हैं ठीक है न? इनको हम basically ये भी बोल सकते हैं radioactive elements बोल सकते हैं कैसे elements? radioactive elements यानि ऐसे elements जो अभी के लिए आप याद रखना आपको alpha decay शो कर रहे हैं और भी बहुत सारे तरीके के हैं बीटा डीके गामा डीके लेकिन अभी आप इतना समझो ये आपके रेडियो एक्टिव एलिमेंट्स हैं जो इस प्रकार का आपको रेक्शन शो करते हैं ठीक है अच्छा सुनिल भीया क्या ये केमिकल रेक्शन है नहीं भाईया ये नूकलियर रेक्शन है कौन सी रेक्शन है नूकलियर रेक्शन इसमें कौन इंवाल्ड है नूकलियस इंवाल्ड है नूकलियस आफ आटम इस इंवाल्ड ठीक है, nucleus of atom is involved here, यहाँ पे atom का nucleus involved है, so that is the reason it is called as the nuclear reaction, जी सुनील भी है, अब देखिए जो रधरफोड साहब ने या जो गीगर मार्जडन ने experiment किया था, alpha scattering experiment में, उस पे सबसे पहली चीज़, alpha particle में काम ना करता हूँ, सबको clear हो गया होगा, पहले एक बार pause लेकर देखो तु अब ये setup था जिसके उपर इस alpha particle experiment को करवाया जा रहा था अब इसके अन्नर सबसे पहली चीज थी हमारे पास source of alpha particles यानि कि alpha particle experiment में alpha particle चाहिए तो उनका एक source भी चाहिए source यहाँ पर use किया गया था हमारे पास radium ये radium radium को हमने क्या करा है सबसे पहले एक lead का block लिया है और उस lead के block के अंदर यहाँ पर एक छोटा सा hole किया है, और यहाँ पर हमने क्या रखा है हमारा source, that is S, source को रखा है हमने, यह source, तो सबसे पहले उन्होंने क्या करा, एक lead के block के अंदर, lead metal के block के अंदर, आपके source of alpha particles, यानि की for example radium को रख दिया है, और एक छोटा सा hole है उसमें से, अब यहाँ पर, यहाँ पर alpha particles इधर से निकलेंगे तो सबसे पहला सवाल आता है lead block क्यों lead block को use करने का reason क्या है to ensure no leakage of alpha particles यह यहाँ पर lead के block में बंद करके चोटा सा hole देने का simple सा reason यह है alpha particle चारो तरफ atmosphere में leak ना करे इसके लिए lead के block के अंदर हम alpha particle के source को बंद रखते हैं और सिर्फ एक छोटे से hole से alpha particle बाहर आएंगे उसके बाद दूसरी चीज हमारे पास क्या है lead का plate है दूसरी चीज हमारे पास क्या है दूसरी चीज हमारे पास है lead का plate इसे हम कहते हैं collimator क्या बोलते है collimator अब collimator क्या है इसे हम कहते हैं collimator सबसे पहले आपने एक source लिया, उसको एक lead के block में बंद किया, एक छोटा सा hole लिया, सिर्फ यहां से alpha particle निकलेंगे, radium का करेगा, alpha particles निकलेगा, alpha particles निकलेंगे, अब यह alpha particles बिल्कुल straight line में ही travel करें, इसके लिए हम लोग क्या करेंगे यहाँ पर, इसके लिए हम लोग यहाँ उसके बाद तीसरी चीज हमारे पास क्या है तीसरी चीज हमारे पास है गोल्ड का फॉयल तीसरी चीज हमारे पास क्या है एक गोल्ड का फॉयल है यहाँ पे अब गोल्ड का फॉयल क्यों यूज़ कर रहे हम लोग सिल्वर का यूज़ कर सकते हैं एलिमिनियम का यूज़ कर सक तो simple सा answer ये है कि सबसे most malleable metal आपका gold है अब most malleable का मतलब है कि सबसे पतली जो sheet हम बना सकते हैं या जो सबसे thinnest foil हम बना सकते हैं वो सिर्फ gold की बन सकती है सारे metals में जो सबसे पतली foil आप बना सकते हो gold की बना सकते हो तो सबसे पतली foil क्यों? दिमाग में सवाल आना चीज़ बार कि सबसे पतली foil की जरूरत क्या है? निगरा पतली फ� मोटी करूँगा, नहीं करूँगा, पतली यूज़ नहीं करूँगा, मोटी करनी है, मेरा मन है मोटी फॉयल यूज़ करने का, नहीं करूँगा पतली फॉयल यूज़, मोटी फॉयल यूज़ करूँगा, अब देखिए, यहाँ पर पतली फॉयल यूज़ करने के पीछे का पतली metal की foil यूज़ करेंगे और जब alpha particle उससे आके भिड़ेंगे alpha particle यहाँ पे straight line में आके सीधे से भिड़ रहे हैं तो वो यह चाहते थे कि जो alpha particle यहाँ पर भिड़े foil से तो उसके बाद अगर उसके path में कोई भी परिवर्तन आ रहा है तो वो परिवर्तन स फॉइल मोटी थी इसकी वज़े से अलफा पार्टिकल गया तो इस फॉइल को पार करने के चकर में उसका पात चेंज हो गया वो रुक गया तो इससे तो आटम को बारे में हम नहीं पढ़ पाएंगे ना हम आटम को जानना चाहते हैं तो हम इतनी पतली मेटल की फॉइल यू� Thinest metal foil was required so that if alpha particles are deflecting from their path, it should happen because of the interaction with atom and not because of the thickness of foil. सबसे पतली metal की foil यूज़ करने के पीछे का reason यह था कि यहाँ पर अगर alpha particle के path में कोई change आता है तो वो alpha particle के path का change atom से interact करने की वज़े से हो ना कि foil की मोटाई की वज़े से हो. इसलिए सबसे पकली फॉयल यूज़ की गई अब मान लो मान लो कि यहाँ पर जो अलफा पारेटिकल्स हैं वो यहाँ आने के बाद कुछ हो सकते हैं जो आइडल पात में यहाँ जाए लेकिन उनका दिमाग यह कह रहा था कि मान लो इदर चला गया तो हम क्या करते हैं कि यहाँ पर एक क्या करते हैं जिससे कि हमें यह पता लगेगा कि photographic plate के उपर, जैसे alpha particle मालनो यहां बिड़ा, तो यहां एक spark आएगा, जिससे हमें पता लगेगा कि alpha particle यहां आया है, मतलब यह gold foil ��गी वी थी, और यहां पे चारो तरफ आपकी photographic plate लगी वी है, यहां पे spark आएगा, इसका मतलब कि alpha particle यहां से बिड़ा, तो यहां पे photographic plate में क्या लगा रखा था, silver activated zinc sulfide screen, जिसे हम technical भाषा में बोलते है skintillator, क्या बोलते है, skintillator, अब यहाँ पर skintillator क्या करता है? produces small flashes or sparks when alpha particle strikes on it यानि कि यहाँ पर सिल्वर एक्टिवेटिड जिंक सल्फाइड की स्क्रीन का इस्तेमाल हुआ है यानि के एक तरह तरफ से मैं डोपिंग वॉपिंग तो आपको नहीं बता पाऊंगा आप यह समझो कि जिंक सल्फाइड की स्क्रीन के साथ आपने सिल्वर का इस्तेमाल कर रखा है इन दोनों का इसे technical भाषा में इसका एक नाम है और technical भाषा में इसे basically कहा जाता है scintillation क्या कहा जाता है technical भाषा में इसे कहा जाता है scintillation चोटी-चोटी चिंगारियां या sparks आ रही हैं that is scintillation और सबसे आखरी में अब देसे मान लीजिए कि alpha particle यहां से जा रहा था इदर चला गया तो यह कितने angle से deflect हुआ इदर गया तो कितने angle से deflect हुआ मान लो इसका original path यह था वो यहां से आया इधर चिंगारी आ गई तो अपने इस original path से वो कितना deflect हुआ है उसको नापने के लिए यहाँ पर हमारे पास क्या है movable detector है we have a movable detector here क्या है हमारे पास हमारे पास यहाँ पर है एक movable detector बात समझ में आ गई समझ में आया की नहीं आया है movable detector समझ में आया की नहीं आया है समझ में आया है यह original path था, लेकिन यह original path जो alpha particle का, वो कैसे change हो, जैसे वो gold foil से भिड़ा हो का मान लो, और for example, ऐसा हम imagine करके चल रहे हैं, नदरपोर्ट ने बोला है कि, उसने setup इसलिए ऐसा बना है, कि यहां से आया और इदर गया, इदर जैसे इस park आया, movable detector क्या करेगा, यहां से सीधा यहां चला जाएगा, तो उसको समझ में आएगा कितने angle पर deflect हुआ है, यहां से सीधा इदर चला जाएगा, तो उसको समझ में आएगा कितने angle पर यहां पर वो original path से deflect हुआ है, ठीक है ना measures the deflection of alpha particle from original path यानि कि यह alpha particle का यह मान लो देशिए कि alpha particle का original path है यहां से लेकिन यहां चला गया तो यह original path से कितना यहाँ पर deflect हुआ है इसको measure करता है कितना यहाँ पर deflect हुआ है इसको measure करने के लिए यहाँ पर हम movable detector का इस्तिमाल करते हैं सबसे पहला हमारे पास source of alpha particles, then lead plate, then basically gold foil then basically हमारे पास silver activated zinc sulfide की screen that is scintillator and सबसे आखरे में हमारे पास है basically movable detector कामना करता हूँ कि यह setup आपको बढ़िया तरीके से समझ में आया हो अब देखिए यहाँ पर होगा क्या, कि यहाँ से यह अल्फा पार्टिकल्स को निकालेगा आपका सोर्स, यह अल्फा पार्टिकल्स यहाँ पर क्या करेंगे, लीक ना करें, इसके लिए ह��ने लेड का ब्लॉक यूज़ करेंगे, चोटा सा होल है तो यह स्ट्रेट लाइन में but it is because due to the interaction with atom अब उसके बाद यहाँ पर अपने original path से जितना भी यह deflect करेंगे जहाँ पर भी जाएंगे वहाँ पर एक spark generate होगा that is scintillation movable detector उस angle of deflection को measure करेगा कि यहाँ से इतने angle पर deflect हुए हैं ठीक है जी सुनिल भी आप चलो तो अब यहाँ पर observations क्या हैं आप उसको थोड़ा सा समझना observations यहाँ पर क्या हैं उसको थोड़ा सा समझना अब यहाँ पर रदरफोट साहब ने जो observations देखी है जो basically उसे conclusions आये उसको धोड़ा से ध्यानते समझना तो पहली observation यह थी that the most of the alpha particles pass through the gold foil without any deviation or deflection तो पहले इनके दिमाग में यहाँ आया कि जब उन्होंने बहुत सारे alpha particles को उसके ऊपर incident कराया तो most of the alpha particles उसको pass करते वे निकल So most of the alpha particles pass through the gold foil without any deflection. यानि कि बिना deflect हुए, वो सीधे के सीधे वहाँ से निकल गए. अब यहाँ पर उनने क्या करा? ये तो आपकी मान लिए conclusion number 2 है. Conclusion 2 है. उनके दिमाग में जो first conclusion आई, conclusion 1. In alignment with Thomson model. पहली वाली in alignment with Thomson model क्यों आई? वो मैं आपको बताता हूँ मान लो उन्होंने अल्फा पार्टिकल एटम पर शूट करना स्टार्ट किया तो उन्होंने देखा कि मोस्ट अल्फा पार्टिकल ऐसे बिना डिफ्लेक्ट हुए अपने ऑरिजिनल पार्ट से बिना डिफ्लेक्ट है सीधे की सीधे जा रहे हैं अब Thompson के हिसाब से क्या था कि mass जो है वो uniformly distributed है atom का, atom का जो mass है वो क्या है uniformly distributed है, है न, यही तो है, यह basically atom का mass uniformly distributed है, है न, mass of atom is uniformly distributed, है न, अब देखो यहाँ पर एकदम से थोड़ी थॉमसन को गलत साबित किया होगा और एकदम से तो कोई भी चीज नहीं हो रही है उनको यह था कि थॉमसन ने क्या बोला है क्या वो सही है वो गलत है हम अपने experiment की observation से पता लगाएंगे तो थॉमसन ने बोला था कि आटम का जो मास ह pass through the gold foil without any deflection or deviation तो अगर atom का mass uniformly distributed होगा तो alpha particle चीरते में निकल जाएंगे अलफा particles alpha particles passed without any deflection समझ में आया? तो पहली उनकी जो conclusion थी, इस observation की पहली conclusion यह थी, यह first conclusion थी, जो कि Thompson model के alignment में थी, कि देखो, Thompson ने यह बोला कि atom का जो mass है, वो uniformly distributed है, और अगर हम इस पर alpha particle डालेंगे, तो alpha particles इनको छीरते में निकल जाएंगे, तो कि यह atom का mass uniformly distributed है. अलफा पार्टिकल्स इतने हेवी पार्टिकल्स हैं इतनी हाई स्पीड से आएंगे तो अटम को चीरते वे निकल जाएंगे बेना डिफलेक्ट वे यह छोटा-छोटा डिफलेक्शन देंगे तो इस वाली ऑब्जरवेशन पर उनका कंक्लूजियन यह था कि यार थॉम्सन सह उन्होंने कहा नहीं थॉम्सन गलत बोल रहा है उन्होंने दूसरी observation और तीसरी observation ने दिमाग खराब कर दिया सम alpha particles deflected at small angles यहां तक भी उनको लग रहा था कि चलो ठीक है gold foil की थोड़ी बहुत तो मोटा ही है ना उसकी वज़े से deflect ह और मुड़के वापिस पीछे चला गया, तब रधरफोर्ट ने बोला नाई, इस दे गेम चेंजर ओब्जरवेशन, ये आपकी गेम चेंजर ओब्जरवेशन है, बोला नाई, थॉमसन तुमने गलत बताया है, बोले अलफा पार्टिकल म अब हमारे अलफा पार्टिकल इतनी स्पीड से जा रहा है और आटम से भिड़के वापिस पीछे आ रहा है यानि यहाँ पे आटम में कोई चीज ऐसी है जो एक तो पॉजिटिवली चार्ज है उन्होंने ऐसा इमेजिन किया कि भाई अलफा पार्टिकल यहाँ से गया तो वा बाई यू गया और यू वापिस आ गया, retrace the original path, नहीं न, one out of 10,000, one out of 15,000, one out of 12,000, one out of 20,000, अलग-अलग बुक में अलग-अलग दे रहा होता है, वो alpha particle यू गया, और उसने अपने original path को retrace के, मतलब यहां से वापिस यहां आया, अब ये कब possible है, जब वो जिस चीज से interact कर जब इस चीज से इंट्रैक कर रहा होगा है, positively charged होनी चीज होनी ये मालो छोटा बच्चा है और मैं स्पीड से बागते वे जाओं तो मैं तो गिरा दूँगा उसको, लेकिन अगर यहाँ बिक्षो गड़ा हो, मैं स्पीड से बागते वे जाओं तो भिड के मैं पीछे गिरूँगा न, क्योंकि बिक्षो का वजन जादा है, तो इससे दो ब तो यहाँ पर ये बात हमें समझ में आई तो रदर फोट ने का नाई कुछ अलफा पार्टिकल यहाँ से निकल रहे होंगे इसलिए इससे इंटरेक्ट नहीं कर पाए और जो यहाँ से बिल्कुल इससे center में जाके भिडा होगा, या इससे interact किया होगा इस particular part से, जो की positively charged part है, जो बहुत heavy है, उससे interact किया होगा, तो उसने इसको पीछे धक्का मार दिया होगा, तो अब उनका दिमाग बिल्कुल परिवर्तित हो गया, बोले नहीं, atom का जोल तो कुछ और है, जैसा Whatever is present at the center of atom is positively charged. सबसे पहली चीज़, यानि कि वो चीज़ क्या है? Positively charged है, तब ही तो यहाँ पर एक force of repulsion लगा है. Because force of repulsion made alpha particle to retrace the path. उसी की वज़े से तो उसने अपने path को क्या किया है? Retrace किया, वापिस पीछे आया है. Or the volume of this positively charged part is too small as compared to the total size of an atom. और इसका volume कम क्योंकि बहुत सारे alpha particles नहीं है कि जो कि retrace कर रहे हैं, एक alpha particle retrace कर रहा है और कुछ अपने angle से deflect कर रहे हैं, और most of the alpha particles निकलते जा रहे हैं, इसका मतलब इस positively charged part का जो volume है, या नहीं, जो item है, जो space ले रहा है, बहुत छोटी है, atom के size के comparison में, और यहाँ पे तीसर that mass of atom is concentrated at this center which is positively charged इस positively charged part में इतना जादा वजन है कि इतने heavy particles को वापिस deflect back करा रहा है पहला तो positively charged है इसलिए force of repulsion लग रहा है दूसरा बहुत heavy है तबी तो alpha particle को धक्का दे के पीछे फैक दिया तो रदर फोट ने इसका नाम पता है क्या रखा? रदर फोट named this positively small part. रदर फोट ने क्या नाम रखा? पता है आपको? रदर फोट ने बोला कि atom जो है, उसका mass uniformly distributed नहीं है जैसा Thompson बोल रहा है. Instead, atom का जो majorly mass है, वो उसके center पे concentrated है, और वो positively charged है, और उसका नाम उन्होंने रखा nucleus, जिसका मतलब होता है little nut. क्या होता है, इसका मतलब little nut, क्योंकि बहुत चोटा सा part है, इसलिए इसका नाम होता है, इसका मतलब little nut, ठीक है, जी, तो फिर उन्होंने अपनी पहली conclusion जो है, ये दी थी, Thompson model के alignment way, it got changed, ये वाली जो conclusion थी, got changed to this, अब उन्होंने कहा नहीं मास यूनिफॉर्मली डिस्ट्रिब्यूटेड नहीं है मास आटम का सेंटर में कंसंटरेटेड है और वो पॉजिटिवली चार्ज्ड है उसका नाम नूकलियस है और मोस्ट आटम की क्या है खाली है तो ये जो अलफा पारेटिकल्स बिना डिफलेक्ट हुए यहां से निकल रहे हैं वो इसलिए निकल रहे हैं क्योंकि ये वाला जो स्पेस आटम का वो बेसिकली खाली है इसलिए निकल जा रहे हैं अपने original path को retrace कर जाएंगे, यह था Rutherford's आपका alpha scattering experiment, तो यहाँ पर atom के model का, जो structure है, अब Rutherford's आप देंगे, बोलेंगे Thompson तू गलत बता रहा है, अब सही मैं बताऊंगा, अब यहाँ पर NCIT का चोटा सा सवल कर लेते हैं, Rutherford's alpha particle scattering experiment, was responsible for the discovery of, अब alpha particle scattering, scattering का मतलब basically क्या होता है, deflection, प्रॉब्लम ओरिजिनल पाथ तो अल्फा पार्टीगल के अपने ओरिजिनल पाथ से डिफ्लेक्ट हुए थे क्या हां या ना मैंने डिफ्लेक्ट हो जाना भटक जाना थे तो क्या पार्टीगल ओरिजिनल पाथ से डिफ्लेक्ट हुए थे हां हुए थे और किसके इंटरेक्ट करने की वजह से पॉजिटिव ली चार्ज पार्ट जिसमें मोस्ट आफ द मास आफ एन आटम कंसंट्रेटेड है और इससे हम बोलते हैं nucleus क्या बोलते हैं nucleus तो रदरफोड की alpha particle scattering experiment से nucleus यानि जिसको हिंदी में कहते है नाबिक क्या कहते है नाबिक उसकी discovery हुई थी चलो एक बार लिख देना आए भाईया आगे चलते हैं अब यहाँ पर यहाँ पर रदरफोर्ड अटॉमिक मॉडल एंड दी ड्रॉवेक्स अब क्योंकि भाईया थॉमसन साहब तो सोच रहे थे कि जो अटम का मास है वो यूनिफॉर्मली डिस्ट्रिबूर्ड है लेकिन जो मॉडल पे अपलाय नहीं होती है इसी की वज़े से रदरफोर्ड साहब नया अटॉमिक मॉडल दिया So it was proposed in 1911, it is called as the planetary model or nuclear model of an atom. Nuclear model is because first atomic model, first atomic model इन विच न्यूक्लियस वॉस डिस्कस्ट पहला यह आपका अटॉमिक मॉडल था जिसके अंदर आपका न्यूक्लियस का कि यहां पर आटॉमिक मॉडल को सोलर सिस्टम से कंप्यूट किया गया था अटॉमिक मॉडल वाज कंपेयर्ड टू सोलर सिस्टम सॉर मंडल से कंपेयर किया गया था इसीलिए इसे प्लेनेटरी मॉडल ऑफ आटम भी हम लोग कहते हैं कामना करते हैं सारी बाते समझ में आ रही होगी सभी को कोई दिक्कत वाली बात नहीं है जी सुनिल भी नहीं है बह तो प्रपोस किया गया था 1911 में, इससे बेसिकली हम क्या बोलते हैं, planetary model या फिर nuclear model of an atom, nuclear model इसलिए because पहला atomic model था जिसपे nucleus का discussion किया गया, planetary model इसलिए because इस atomic model को solar system से compare भी करवाया गया था, मैं arrangement आपको समझाता हूँ, आपको मेरी बात समझ में आ जाएगी, अब हमें यह चीज कि atom का mass चारो तरफ distributed नहीं है बलकि उसका जो mass है वो center में distributed है और वो positively charged part है जिसका नाम है nucleus पर फिर यहाँ पे electrons कहा है उसी के लिए atomic model दिया गया तो उन्होंने क्या बताया ध्यान से आप सुनना इस बात को बहुती ज़ादा गौर से सुनना तो आपको मेरी बात समझ में आएगी सबसे पहला तो उन्होंने बोला कि एक परमाणू में positively charged part होता है, center में, और most of the mass of atom जो है वहीं पे concentrated होता है, तो ये मान लिजिए for example, atom का nucleus है, ठीक है, और most of the mass atom का यही concentrated है, दूसरा, नेगेटिवली चार्ज्ड पार्टिकल्स यानि कि जो आपके एलेक्ट्रोन्स है वो इस नूक्लियस के चारो तरफ घूमते हैं और बिट्स में सरकुलर और बिट्स में घूमते हैं यानि कि देशी नूक्लियस है तो इसके चारो तरफ और बिट्स में इसके चारो तरफ और एलेक्ट्रोन गूनेंगे भाई यह तो हमारे सोलर सिस्टम जैसा लग रहा है वहां लेकिन तो यह कंपेरेजन करवाना नहीं चाहिए बट स्टिल ऐसा उन्होंने कंपेर किया था अब यह उन्होंने बोला कि देशे यहां पर सोलर सिस्टम में जिसमें सूर्य होता है उसी प्रकार और यहां पर planet होते हैं, for example earth है, तो यह क्या करेगी, इसके चारों तरफ घूमती है, सूर्य के चारों तरफ, तो जिस प्रकार हमारे solar system में, सौर मंडल में, सूर्य के चारों तरफ, हमारे planet घूमते हैं, उसी प्रकार हमारे atom के अंदर, nucleus के चारों तरफ, circular orbits में, electron घूमते हैं, अब देखो, atom के internal structure को ऐसे define कर रहे हैं, कि atom बोले जिस प्रकार सौर मंडल में बीच में सूर्य है और धरती और बाकी ग्रह उसके चारों तरफ घूमते हैं उसी प्रकार एटम के बीच में परमाणों के बीच में नाबे के और उसके चारों तरफ नेगेटिवली चार्ज्ड पार्टिकल्स एक डेफिनेट पाथ में घू एलेक्ट्रोन कैन बी एट रेस्ट इन टेरो बैंक क्या एलेक्ट्रोन रेस्ट पर हो सकते थे ऐसा क्यों बोला कि घूम रहे हैं रुकेवे भी तो हो सकते थे एक्स्ट्राय पर पढ़ाऊंगा रुकेवे भी तो बोल सकते थे रधरफोट ने क्यों बोला कि चारो तरफ घूम घूम रहे हैं ठीक है रेस्ट पर भी हो सकते थे तो रेस्ट पर होते तो क्या होता पॉजिटिवली चार्ज न्यूक्लियस पॉजिटिवली चार्ज न्यूक विच इज हेवी वुड अट्रैक्ट इलेक्ट्रोन सो पॉजिटिव एंड नेगेटिव चार्ज इस इन डायरेक्ट कॉंटेक्ट पॉइंट समझ रहे हो अब उन्होंने ऐसा क्यों बोला तो रदरफोड ने बोला कि अगर मेरे इलेक्ट्रोन्स रेस्ट पर मान लो कि मैं बोलता हूँ ये न्यूक्लियस और एलेक्ट्रोन्स जैसे ओर्बिट में रेस्ट पे है या रुके वे हैं, तो ऐसा मैं इसलिए नहीं बोल रहा हूँ क्योंकि जो न्यूक्लियस जैसे वो पॉजिटिवली चार्ज और बहारी है, एलेक्ट्रोन को सीधा अपने आप मेरी बात समझ रहे हो कि नहीं समझ रहे हो, थॉमसन के मॉडल में ये दिक्कत थी न, कि positive और negative चार्ज को direct contact में रख दे, जिससे कि unbalanced forces आईगी, तो आप atom की stability नहीं समझा सकते, अगर ये बोलते कि electron मेरा rest पर है, तो positively चार्ज पार्ट जो की बड़ा heavy है, सीधा electron अंदर पर यहाँ पर game थोड़ा आलग होगा बोले मतलब बोले समझो बोले जैसे मान लो पॉर एक्सांपल साम का सुहाना सा मौसम है तो बोले बईया मौसम ये मौसम है सुहाना बोले मौसम ये मौसम है सुहाना ऐसे में मेरा गाड़ी में घूम के आना मैं सुन्दर कन्या और मेरे दो दोस्त और चल रही है गाड़ी सीधी फिर एक मोड आया मैं उते दिल छोड़ आया एक मोड आया मैं उते दिल छोड़ आया तो बईया एक मोड जो आया है तो उससे क्या होगा मेरे राजा बजाओ मेरे साथ बैंड बाजा अगर गाड़ी को मैं इदर मोडता हूँ तो मुझे धक्का पड़ेगा इदर और गाड़ी को अगर इस डिरेक्शन में मोडता हूँ तो धक्का पड़ता इदर मतलब हर केस में सेंटर से बाहर की तरफ एक फोर्स लग रहा है तो आउटवर् कि देट इस कॉल्ड एस दी सेंट्रीफ्यूगल फोर्स एफ सी सेंट्रीफ्यूगल फोर्स एफसी आपका यहां पर सेंटर से बाहर की तरफ एक फोर्स लग रहा है देट इस बेसिकली आउटवर्ड फ्रॉम द सेंटर विच इस बेसिकली कॉल्ड एस बाहर की तरफ लगता है outward from the center that is called as the centrifugal force इसको basically हम कहते है centrifugal force that is outward from the center center से बाहर की तरफ ठीक है जी अब यहाँ पर होता क्या है कि यहाँ पर होता क्या है कि यह मान लीजिए आपका nucleus है और यह मान लीजिए आपका electron है ठीक है न इधर मान लेते हैं एलेक्ट्रोन को, अब मुझे बताइए कि ये एलेक्ट्रोन अगर यहाँ पे घूम रहा होगा, एक सर्कुलर पात में घूम रहा होगा, तो सेंटर से बाहर की तरफ एक फोर्स लग रहा होगा, that is basically F C, और ये किसको बैलेंस कर रहा होगा, जो यहाँ पे अगर ये rest भी होता, ये move भी कर रहा है, तो यहाँ पर जो positively charged nucleus है, वो इस electron को अपनी तरफ घशीटने कोशिश कर रहा होगा, खीचने कोशिश कर रहा होगा, तो ये जो Fe है, ये electrostatic force of attraction है, लेकिन अगर ये यहाँ पर घूम रहा है, circular path में, तो center से बाहर की तरफ एक force लगता ह मान लो कि यहाँ पर क्या होता है घूम नहीं रहा होता य तब तो ये इसको attract कर लेता, positive और negative charge direct contact में आ जाते, Thompson का miniature model बन जाता, लेकिन क्योंकि यहाँ पर electrons चारो तरफ गूम रहे हैं, तो center से बाहर की तरफ एक force लग रहा है, that is FC, और towards the center एक force लग रहा है, that is FE, तो क्योंकि FC is equals to FE, इस वज़े से ये circular path में गूमते रहते हैं, और electrons आ तो यह जो centrifugal force है, यह center से बाहर की तरफ लगती है, और यह किस force को balance कर देती है, इस electrostatic force को balance कर देती है, जो कि nucleus इस electron के उपर लगा रहा है, जिसको अंदर खीचने के लिए लगा रहा है, इसको balance कर देगी यह वाली force, जिसकी वज़े से circular path में continuously घूमता रहेगा, तो इसलिए रधरपोर्ट ने बोला कि वो एक इस particular path में घूमता रहता है, चैनल पर देखिए जब इस पर्टिकुलर पास में घूमेगा तो यह जो electrostatic force towards the center लग रही थी, अब यहाँ पर electron पर जो force लग रही है, outward from the center लग रही है, that is FC, तो यह जो FC है, इस FE को balance कर लेगा, अगर FC इस FE को balance कर लेगा, तो यहाँ पर electron circular path में घूमता रहेगा, so electrons revolve around the nucleus in the circular orbit, because यह जो centrifugal force है, this balance is the electrostatic force, और इसकी वज़े से electron nucleus में नहीं गिता, तीसरा observation होंगा क्या था, that the size of the nucleus, इस वेरी स्मॉल एस कंपेर्ट टू द टोटल साइज ऑफ एटम अब जो यह तो हमें पता ही है कि भाईया इतने सारे अल्फा पार्टिकल डाले मोस्ट ऑफ अल्फा पार्टिकल तो बिना डिफ्लेक्ट हुए निकल गए कुछ अल्फा पार्टिकल डिफ्लेक्ट होने मेजर होता है वह किसमें मेजर होता है मेजर इन एफम यानि कि अ फैम्टो मीटर या फर्मी मीटर में मेजर होता है, जिसमें कि 1 फैम्टो या फिर 1 फर्मी is equals to 10 की power minus 15 meter होता है, थोड़ा सा पतले पैन से लिख देते हैं, यह हो जाएगा 1 फैम्टो या फिर 1 फर्मी is equals to 10 raised to the power minus 15 meter, यानि 1 meter divided by 10 to the power 15 इतना ज़्यादा छोटा scale में measure होता है और size of atom जो measure होता है that is on angstrom तो 1 angstrom is equals to 10 to the power minus 10 meter या फिर आप बोल सकते हो कि 1 meter को divide करो 10 to the power 10 से उस scale में ये measure होता है तो atom का size nucleus के size से 5 बुना बड़ा है 10 to the power 5 times बड़ा है 10 raise to the power 5 times बड़ा है, atom का size measure होता है angstrom में, और इसका size measure होता है femto या fermimeter में, अब यहाँ पर आ गया बईया drawback, यह animal movie है, animal movie चालू हो रही है, animal movie, बॉबी देवल के एंट्री हो गई ये बॉबी देवल मैक्सवेल आ गई है मैक्सवेल ना न एक बात बताइए, बोले क्या, बोले ये जो एलेक्ट्रोन है, बोले अच्छा एलेक्ट्रोन, बोले नेगिटिवली चार्च पार्टिकल, देखे कितने एकसाइड़े है, अच्छा अच्छा, एलेक्ट्रोन नेगिटिवली चार्च पार्टिकल, बहुत बढ़िया constant speed but at every point the direction is different बोले मतलब तो बोले देखिए यहाँ पे हमारे रदरफोर्ट साहब समझाते हैं कि ये देखिए ये आपका एलेक्ट्रोन है अब ये एलेक्ट्रोन नेगिटिवली चार्ज पार्टिकल है और ये यूनिफॉर्म सर्कुलर मोशन में यानि कि अगर ये कॉंस्टेंट स्पीड पे यहाँ पर मूव कर रहा है पर यहाँ पर बात ये है कि हर पॉइंट पे जो इसकी डारेक्शन है वो टेंजेंशल होगी और इसको आप वेरिफाई बहुत आसानी से कर भी सकते हैं आप इसे बहुत आधिक प्रवाइब कर सकते हैं। आप एक पत्थर को रसी से बांधे और उसको जोर से घुमाना शुरू करें। आप उसको जहां छोड़ेंगे तो वह चला जाएगा। इस तरह को छोड़ेंगे तो वह चला जाएगा। तो constant speed से अगर वह move करेगा but every point the direction is different। यानि कि electron जब इस uniform circular motion में है, यानि nucleus के चारों तरफ घूम रहा है, तो इसकी speed तो constant है, लेकिन इसकी हर point पे direction जो है, वो different है, तो आप मेरे को बताओ velocity change होगी या नहीं होगी, velocity depends on magnitude and direction both, इसका मतलब हर point पे velocity change हो रही है, और अगर velocity change हो रही है, इसका मतलब accelerated particle है, because what is acceleration? एक particular time में, कितना velocity में change आ रहा है that is acceleration तो जब velocity हर point पे change हो रही है तो यह accelerated particle है Maxwell ने इतना सुन लिया लोड बबनी का बास आपने इतना बोल दिया वो इतना ही सुनना था बोले एक बार फिर repeat करो तो उन्होंने repeat किया कि electronic negatively charged particle है जब वो negatively charged particle यहाँ पर uniform circular motion में होगा तो उसकी speed हर point पे same है लेकिन हर particular point पे क्योंकि direction different है इसलिए उसकी velocity change हो रही है इसलिए वो accelerated है उन्होंने कहा बस आपका game over बोले आप सुनो बोले आपको मेरी electromagnetic wave theory के बारे में पता है क्या या electromagnetic theory या electromagnetic radiation theory के बारे में पता है क्यों ना भाई सा मेरे को क्या पता क्यों तो आप नहीं पता तो अब पता लगेगा तो Maxwell कहते है according to my electromagnetic theory कोई भी charged particle अगर accelerated है तो वो electromagnetic radiation निकालता है कोई भी charged particle अगर accelerated है यानि कि electronic charged particle accelerated है तो वो अपने अंदर से radiation निकालेगा अब ये radiation कैसे निकलेगी यानि कि वो continuously वो क्या करेगा continuously अपने अंदर से radiation electromagnetic radiation हर point पे यहाँ पे क्या करेगा वो हर पॉइंट पे एनर्जी इमिट करेगा जिसकी वजह से उसकी ओर्बिट श्रिंग करेगी यानि कि वो धीरे एनर्जी इमिट करता जा रहा है इस प्रोटीव इसलिए एलेक्ट्रो मैगनेटिक रेडिएशन अपने अंदर से निकाल रहा है और वह ऐसे ऐसे करके सीधा कोई जाएगा बीच में मतलब बोले एक्सेलेरेटेड चार्ज पार्टिकल अपने अंदर से एलेक्ट्रो radio wave, microwave, infrared, ultraviolet, ये सब electromagnetic waves हैं, तो यहाँ पर होगा, their orbit will shrink, and ultimately electron will fall into the nucleus, this doesn't define the stability of atom, भाई अगर ये negative charge फिर से positive charge के contact में आ गया, तो similar to Thomson's model, ये तो again Thomson's model जैसा हो गया, similar to, थॉम्सन अटॉमिक मॉडल बोले फिर आपके अटॉमिक मॉडल और थॉम्सन के मॉडल में डिफरेंस क्या है पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज तो दोनों के ही जब आप भी पॉजिटिव स्वियर में नेगेटिवली चार्ज एलेक्ट्रोंस उसने रख दी थे आपके यहाँ पर नेगेटिवली चार्च पार्टिकल आपके न् तो आपका मॉडल तो थॉमसन जैसे हो गया ना, पॉजिटिवली चार्ज पर, नेगटिवली चार्ज पर, डारेट कोंटेक्ट पहेंगे, अनबैलेंच पोर्सेज आईगी, आप आटम की स्टेबिलिटी नहीं डिफाइन कर सकते, थॉमसन ने, रदरफोर्ट ने एक मिनट सोचा, रदरफोर्ट ने कहा, नहीं, मैं तो बोल नहीं रहा कि एलेक्ट्रोन आपके मूव कर रहे हैं, वो तो रेस्ट पर है, बोले र between the dense nucleus and electrons would pull the electrons towards the nucleus to form a miniature version of Thomson's model बोले rest पे रह नहीं सकते एलेक्ट्रोन फिर Thomson's model बन जाएगा और अगर वो circular path में घूम रहे हैं तब भी Thomson's model तक ही आ रहे हो इसका मतलब आप भी गलत हो यानि कि अनिल कपोर जी को लॉर्ड बॉबी ने यहाँ पे डिश क्या गोली मारती है अब कौन आएगा पापा, आपको कैसे मारा, मैं उरनबीर कपू, मेरे पापा को कैसे मारा, मेरे पापा को जिसने मारा है, उससे मैं मारूंगा, कौन, बोहर, लेकिन बोहर जो थे, वो रधरफोड के बच्चे नहीं थे, सुडेंट थे, सो बोहर वाज़ ए स्टुडेंट आफ रधरफ और बोलते हैं टा ना का बेटा था मूवी में रनबीर कपूर तो रनबीर कपूर ने अनिल कपूर जी को बचाया था और लॉर्ड बॉबी का यहां पर कतल किया था तो लॉर्ड बॉबी और कोई नहीं यह है मैक्सवेल और मैक्सवेल से रदर फोर्ट को किसने बचाया बॉर ने रदी के रनबीर कपूर ने और आखिरी में यह जीतते हैं और यह हार जाते हैं अजय को अग्जार विभाई ने आएंगे अ तो direct बहुर के model तक हम नहीं पहुंचते, बीच में plank की quantum theory आती है, बहुत सारी चीज़े आती है, black body radiation, photoelectric effect, electromagnetic spectrums, emission and absorption spectrum, emission spectrum of hydrogen, there are lot of things जिसके बाद यह model आया है, बट चलो कोई ना, तो to overcome the drawbacks of the Rutherford's atomic model, Niels Bohr gave an atomic model in 1913, यानि कि यहाँ पर बहुर ने इनी के model को बढ़िया से explain करा, ताकि ये जो Maxwell की theory है, वो यहाँ पे इसको गलत साबित ना कर सके, तो ये जो इसको गलत साबित कर रहे हैं, उसके लिए बहुत यहाँ पर खड़े वे, और उन्होंने बोला कि मैं समझाता हूँ, कि वो actual में क्या कहना चाते हैं, मैं उसको redefine करता हूँ, सही से बताता हूँ, and the electrons revolve around them in circular paths तो बोले हि same तुम तो रदरफोट कर रहे हो बोले सुनो ये जिनके अंदर घूमते हैं उनको हम बोलते हैं discrete orbits यानि कि ये वो path है जिसका radius और energy हमेशा fix रहेगा मतलब बोले भाई साब ओर्बिट जो आपने बोला ना कि जिस भी पर्टिकुलर पात में एलेक्ट्रोन घूम रहा है उसकी ओर्बिट यहाँ पर श्रिंक हो जाएगी और वो नूकलियस में आके गिरेगा ऐसा कुछ नहीं होगा जिस पात में वो घूम रहा है वो पात हमेशा फिक् यानि कि ये जो discrete orbits या shells है इनको energy levels बोलते हैं और इनको letters K, L, M, N से represent करते हैं बोले इसका मेरा कहने का मतलब ये है कि मान लो ये nucleus है और बोले कि ये एक orbit हुई मान लो बोले कि ये एक और orbit हुई मान लो ठीक है एक मिनट बोले की देसे मान लो ये एक और बिट हुई तुमारी ठीक है फिर मान लो कि ये तुमारी दूसरी ओर्बिट हुई ठीक है यह मान लो तुम्हारी तीसरी ओर्बिट हुई ठीक चलो तो उनका पॉइंट यह था कि इस ओर्बिट को मैं नाम दे रहा हूँ के इसको दे रहा हूँ L इसको दे रहा हूँ M यह तुम्हारा है बीच में नूकलियस तो बॉर ने बोला कि सुनो अब मैं अच्छे से समझाता हूँ आटम के बीच में है नूक्लियस और एलेक्ट्रोन जो यहाँ पर घूमता है वो ऐसी ओर्बिट्स में घूमता है जिनका रेडियस हमेशा फिक्स रहेगा यह रेडियस कभी भी आपका चेंज नहीं होगा यह आपकी गलत फैमी है वो कभी भी अपने path को shrink करके nucleus में dip की नहीं लगाएगा क्योंकि atom stable है तो वो ऐसे समझा रहे हैं और बोला कि इस particular path की energy fix होगी दैसे इस path की energy E1 है इस path की energy E2 है इस path की energy E3 है तो हर particular path की जो energy होगी वो हमेशा क्या होगी fix होगी तो atom consist of small positively charged nucleus in the center and it like इलेक्ट्रोन रिवॉल्व अरांड डाइमिंट डिस्क्रीट यानि कि सेपरेट ऑर्बिट में घूमेंगे इन ऑर्बिट की रेडियस जो है वह फिक्स्ट होगी और इनकी एनर्जी जो है वह भी बेसिकली आपकी फिक्स्ट होगी तीसरा एस लॉन एज इन इलेक्ट्रोन इस तो energy emit करेगा, उसकी orbit shrink करेगी, ऐसा कुछ नहीं होगा, क्योंकि, सुनिये, पहले तो ये radius और energy orbits की क्या है, fixed है, radius fix है, तो ये जो orbits है, ये stationary orbits है, stationary orbits, and won't shrink, तो पहली बात का तो जवाब उनको ये दिया, कि ये जिस path में गूम रहे है, इन path का radius और energy fix है, इसका मतलब यह path कभी भी shrink नहीं होगा, electron इसमें घूम रहा है तो घूमेगा, और जब तक electron एक particular orbit में घूम रहा है, ना तो energy lose करेगा, ना ही energy gain करेगा, as long as an electron is revolving in a particular orbit, it can neither lose or gain energy, thus atom is अगर मान लो एलेक्ट्रोन इसके अंदर घूम रहा है तो ना तो वो एनरजी लूस करेगा ना ही गेन करेगा और जब वो एनरजी लूस और गेन करेगा नहीं तो वो एक पर्टिकुलर फिक्स्ड पात में ही घूमता रहेगा यहाँ पे तो तुम जो कह रहे हो ना गोल गूमेगा एनरजी इमिट करेगा और बिट स्ट्रिंग करेगी नहीं होगा क्योंकि इसका रेडियस फिक्स है इसकी energy फिक्स है यह इसी particular path में घूमता रहेगा इसकी energy में कोई परिवर्तन नहीं आता है तो Maxwell ने कहा फिर तो तुम गलत बोल रहे हो क्यों electron lower energy level चाहिए higher energy level पे नहीं जाता है energy absorb नहीं करता बोले करता है बिलकुल करता है बोले जिस तरीके से तुम बोल रहे है उस तरीके से अब बोले मान लो उसको इस वाले लेवल से इस वाले लेवल पर जाना है ठीक है या मान लो इस वाले लेवल से इस वाले लेवल पर जाना है तो बोले इस energy level का नाम है E1 इस energy level का नाम है E2 ठीक बोले मान लो कि electron कहाँ पर है यहाँ पर है ठीक जब तक इसके अंदर घूमेगा तब तक ना तो energy लूस करेगा ना ही gain करेगा अगर इसे gain और लूस का game करना है तो तो अपनी orbit को change करना पड़ेगा, क्योंकि इस orbit की एक fixed energy है, इसका एक fixed radius है, यह energy में परिवर्तन नहीं आएगा, जब तक इसके अंदर घूमेगा, तब तक इसके energy में परिवर्तन नहीं आएगा, मान लो इस energy level में अगर घूम रहा है nucleus के चारो तरफ, और इसका जो, इसको थो यह ऐसे फर्स्ट और एक काम करते गोला ही बना देते हैं यह देखो यह पह दूसरी, for example यह हुई, चीक है न, चल, अब यहाँ पे ध्यान चे समझो, यह कहना चाहें है कि जब तक electron इसके अंदर घूमेगा, जब तक इसके अंदर घूमेगा, इसकी energy में कोई परिवर्तन नहीं आएगा, मालो इसके में 10 electron volt या 10 joule की energy, तो electron की energy हमेशा 10 joule ही रहेगी, ऐ कम या जादा नहीं होगी उतनी रहेगी तो बोले इसका मतलब इसकी energy कभी change नहीं होगी बोले किसने बोला change नहीं होगी आप क्या करो इसको energy provide करो बोले कितनी भी दे तो बोले नहीं कितनी भी नहीं यही चीज समझाना चाहें बोर कि electron ऐसा नहीं कहीं पे भी कुद जाएगा तो बोले कि आपको अगर energy देनी हो तो आप इसको E2-E1 की energy दीजिए इस energy difference की energy तो बोले कि यह क्या करेगा बोले जंप करके यहाँ आ जाएगा बोले हाँ आ जाएगा इधर आ जाएगा बोले अगर इसको यहाँ से वापिस ईवन पर जाना हो तो बोले अगर वापिस ईवन पर जाना है तो फिर से ईवन पर चला जाएगा और एनर्जी यहाँ पे gain करी तो सीधा यहाँ आएगा, यहाँ पे lose करी तो सीधा यहाँ जाएगा, ऐसा नहीं है कि अगर मान लो इन दोनों का energy difference है E2-E1 का 15 जूल और तुमने 40 जूल दे दिया तो यहाँ से यहाँ कूद जाएगा, नहीं कूदेगा, exact इतनी energy difference दोगे यहाँ से यहाँ क� बहुत साफ का कहना है कि जब तक इस ओर्बिट के अंदर है इसकी एनरजी हमेशा फिक्स रहेगी इसकी एनरजी में चेंस तब आएगा जब यहां से इन एनरजी डिफरेंस का एनरजी अब्जॉर्ब करके कूद के यहां जाए तो एलेक्ट्रोन की हाईर एनरजी हो गई अब वो फिर से एनरजी रिलीज करके यहां से यहां आएगा पर इसका यह मतलब है कि वो इनके बीच में जो एनरजी लेवल से ना यहां पर ऐसा नहीं कि इदर सब जेगे ए ऐसा नहीं कि यहां से यहां कूदा फिर यहां कूदा ऐसा नहीं होगा यानि हर पॉइंट पे एनर्जी लूज नहीं कर रहा होगा समझ रहे हैं So the change in energy of electron takes place only when the electron moves from one energy shell to another जब तक वो एक particular shell या orbit में है उसकी energy हमेशा fix रहेगी यह आपको समझना पड़ेगा क्या बात है अब यहाँ पर drawback तो बहौर के model के भी है आप 11 में होगे तो और detail में बताऊँगा अभी सिर्फ आप इतना देखना यह model सिर्फ और सिर्फ hydrogen and hydrogen like ions पे applicable है यानि जिनके पास सिर्फ one electron होगा उनी पे applicable है यह सिर्फ और सिर्फ one electron species पे applicable है on one electron species not on multi electron यानि जिनके पास एक से ज़्यादा एलेक्ट्रोन है उनके ऊपर ये application आपका नहीं होगा, चलिए, नाओ, last topic isotopes, its applications and the isobars, अब देखें सबसे बहले term ये जो iso है, इसका मतलब होता है, इस term का मतलब होता है, iso या फिर equal सेम या इक्वल होगी, तब ISO word का इस्तेमाल होगा, ठीक है, कामना करता हूँ, यहाँ पर थोड़ी speed नहीं बढ़ी है, आपको यह चीज़ अच्छी तरीके से समझ में आ गई है, यह सारी की सारी बाते अच्छी तरीके से समझ में आ गई है, रिवाइस करवा देता हूँ, आटम के बीच में नूकलियस है, एलेक्ट्रोन्स इनके चारो तरफ energy levels या shells या basically orbits में घुमते हैं, जिनकी radius और energy fix है तो यानि electron जब तक इसके अंदर है ना तो energy को निकालेगा ना gain करेगा इसकी energy fix रहेगी और orbit भी shrink नहीं करेगी उसका ये path हमेशा fix रहेगा इसके energy में change तब आएगा जब वो एक orbit से दूसरी orbit में जाएगा या दूसरी orbit से पहली orbit में आएगा चल अब देखो ISO word का मतलब होता है same या फिर equal अब देखो यहाँ पर isotopes और isobars, isotopes में क्या होता है, atoms of the same element, यानि same परमानु के, same तत्व के परमानु, same तत्व के परमानू, which have same atomic number, अब देखो यहाँ पे क्या है same, same atomic number है, that have the same atomic number, but different mass number, यानि कि same element के ऐसे atoms जिनकी atomic number तो same है, लेकिन mass number क्या है, different है, जैसे for example इसको represent कैसे करेंगे, इन दोनों का जो representation उसमें से isotope का representation हम लोग कैसे करेंगे इसको थोड़ा सा समस्ते हैं element तो दोनों same है तो इनका chemical symbol क्या होगा for example x atomic number is z same what is different यहाँ पर हो जाएगा a और यहाँ पर हो जाएगा a dash So these are the atoms of the same element, यानि कि same element के atoms हैं तो atomic number क्या हो जाएगा same, mass number क्या हो जाएगा different. जैसे for example इसका mass number हमारे पास है a और दूसरे वाले का mass number हमारे पास है a dash. अब mass number is equals to number of protons plus number of neutrons. इसका mass number लिखेंगे that is also equals to number of protons that is z. number of protons तो दोनों के अंदर same है क्योंकि same atomic number है number of neutrons कितने हो जाएंगे obviously आपकी number of neutrons क्या होंगे n-होंगे number of neutrons different है इसलिए तो mass number different है अरे देखिए same element के atoms है atomic number same है यानि कि number of proton तो 100% same होगा तो mass number different क्यों है क्योंकि number of neutrons क्या होंगे different होंगे कि यहाँ पे isotopes में number of protons क्या होते हैं? number of protons same होते हैं जितने protons होंगे उतने ही हमारे पास neutral species है तो electrons भी होंगे different क्या होंगे number of neutrons इसलिए mass number में क्या है? अंतर आता है same element मान लीजिये x एक्स अटॉमिक नंबर सेम होगा ज़ और ज़ तो नंबर आफ प्रोटोंस क्या होंगे सेम होंगे दोनों के अंदर क्योंकि नंबर आफ प्रोटोंस सेम अटॉमिक नंबर सेम है जितने प्रोटोंस होते ने एलेक्ट्रोंस होंगे जब एलेक्ट्रिकली न्यूटरल 17 है मास्ट नंबर है 35 और 37 अ carbon के atoms है, 3 का mass number देखिए, अलग है, 12, 13, 14, hydrogen के atoms है, same element के atoms है, तो atomic number देखिए, same है, mass number देखिए, 1, 2, और 3, ठीक है न, अब इसी से हम थोड़ा सा इसको समझते हैं, जैसे for example, मैं यहाँ पे लिखता हूँ 1H1, यहाँ लिखता हूँ 1H2, और यहाँ लिखता हूँ 1H3, इसको हम लोग क्या बोलते हैं? ड्यूटीरियम भी बोलते हैं और इसको हम लोग क्या बोलते हैं? ट्रेटियम भी बोलते हैं और इसको हम लोग क्या बोलते हैं? प्रोटियम भी बोलते हैं ठीक है ना? तो P stands for प्रोटियम D stands for ड्यूटीरियम and T stands for ट्रेटियम ठीक है? isotopes of hydrogen. अब यहाँ पे छोटी सी बात मैं आपसे पूछता हूँ, ध्यान से समझना, यहाँ पे तीनों में number of protons, यानि की positively charged particles कितने होंगे, फिर number of electrons कितने होंगे, और फिर आप बताएंगे number of neutrons कितने होंगे. ठीक है? समझ में आ रही है बात? जी सुनिए लिया अब ध्यान से मेरी बात सोचना अटॉमिक नंबर तो इन तीनों का क्या है? एक, तो नंबर आफ प्रोटॉन्स कितने होंगे? नंबर आफ प्रोटॉन्स, नंबर आफ एलेक्ट्रोंस number of neutrons कितने होंगे? देखो, same element के atoms है, atomic number same है, तो number of protons कितने होंगे? एक एक, neutralize करने के लिए number of electrons एक एक, mass number कितना है? इसका एक, तो देखिए, neutrons को identify करना है, n equal to a minus z करना पड़ेगा, mass number is equal to number of protons plus neutrons, अगर आप mass number में से number of protons को minus कर देंगे, तो number of neutrons आ जाएंगे, तो देखिए mass number एक में से एक proton गया number of neutron 0 mass number हमारे पास है दो दो में से एक proton गया number of neutrons एक mass number हमारे पास है यहाँ पर तीन तीन mass number है तीन में से अगर एक proton गया तो number of neutron कितने हो गया दो mass number is equal to number of protons plus number of neutrons होता है तो number of neutrons is equal to mass number minus number of protons मास नमबर एक, दो और तीन, इसमें से number of protons को minus कर दिया, number of neutrons आ गए, तो number of neutrons हमारे पास क्या है यहाँ पे, these are different, इससे आपका NCRT index का एक सवाल भी खतम हो गया, सारी majorly सवाल हमने सारे के सारी लगबख खतम कर दिये हैं, सवाल तो आपके सारी हो जाएंगे, आप देखना, स अब आती है isobars की बारी, so these are the atoms of the different elements, यानि कि ये same element के atoms थे, ये different elements के atoms हैं, which have the different atomic number, अब ये different element के atoms हैं, तो different atomic number होगा, लेकिन कुछ तो same होगा, that is the mass number is same, यानि कि number of protons plus neutrons का sum same है, for example, यहाँ पर ये x element है, तो Z atomic number है, यह basically Z element है, atomic number Z dash है, लेकिन यहाँ पर मस्त बात क्या है, इसका mass number A है और इसका mass number भी A है, जैसे यहाँ पर mass number A है, so mass number is equal to number of protons plus number of neutrons, mass number is A, that is further equals to number of protons which is Z dash plus number of neutrons क्या होंगे, N dash, कुछ भी same नहीं होगा for example 7 है mass number तो 7 हमारे पास कैसे आ रहा होगा 3 plus 4 या ऐसी भी आ सकता है 5 plus 2 7 तो यहाँ पर क्या है कि बस number of protons और neutrons का sum जो है वो 7 के समान आया यानि कि जो number of protons plus neutrons को जब add कर रहे हैं तो mass number की value same आ रही है पर इसका यह मतलब नहीं है कि number of protons और neutrons जो है दोनों species में same होगे ऐसा 100% है कि नहीं होगे क्योंकि ये different element के atoms हैं तो इनके atomic number different है और इनके number of neutrons भी 100% different होगे तबी तो ये जब add होगा तो mass number क्या आएगा? सेम आएगा तो यहाँ पे number of protons जितने proton होते हैं electron and neutrons सब के सब isobar में क्या होते हैं different होते हैं आईसो टोप्स के अंदर देखें number of protons दोनों में अलग है जितने proton इसमें होंगे उतने electron होंगे तो इनके तरह number of proton और electron दोनों में different होए number of neutrons भी क्या होए different होए तो आईसो बार्स के अंदर number of protons electrons और neutrons आप सब compare करा दीजिए सब different होगा आर्गन के atoms है, mass 40, calcium के atom mass 40, carbon के atom mass 14, nitrogen के atom mass 14. ठीक है न, देखिए, different element के atoms है, लेकिन mass number क्या है, same है, आप ये calculate भी कर सकते हैं, देखो, अब यहाँ पर for example 14 कैसे आया, यहाँ पर 14 कैसे आया होगा, mass number is equal to number of protons plus number of neutrons, mass number is equal to number of protons, यानि कि 7, plus number of neutrons n तो यहाँ पर हो जाएंगे हमारे पास 8 neutrons इस वाले case में और यहाँ पर हमारे पास हो जाएंगे 7 neutrons यहाँ पर 6 proton है 8 neutron है 7 proton है 7 neutron है मैंने यही बोला कि इनका जो sum है वो basically सिर्फ सेम आ रहा है 7 plus 7 14 6 plus 8 14 पर इसका कहीं भी यह मतलब नहीं है कि number of proton and neutron same होंगे यहाँ पे proton 6, यहाँ पे proton 7, यहाँ पे neutron 8, यहाँ पे neutron 7, तो 7 plus 7, 14, यहाँ पे 6 plus 8, 14. तो आईसो बार्ट्स में ना तो प्रोटोन का नंबर सेम होगा, ना एलेक्टोन का नंबर सेम होगा, ना ही न्यूट्रोन का नंबर सेम होगा अब जितने प्रोटोन हैं इसके अंदर उतने एलेक्टोन होगी, जितने प्रोटोन हैं इसके अंदर उतने एलेक्टोन होगी सबसे पहला uranium का एक isotope uranium 235 is used as a nuclear fuel in nuclear reactors that is for power generation के लिए इसका इस्तिमाल किया जाता है बिजली के उत्पादन के लिए इसका इस्तिमाल किया जाता है यहां से हमारे पास start होते radio isotopes radio isotopes वो होते हैं जो basically आपके medical purpose में इस्तिमाल किया जाते हैं for medical purpose किसके लिए? यानि medical purpose के लिए जो isotopes का इस्तिमाल होता है उनको हम basically बोलते हैं radio isotopes और यहां से competitive exam में दरूर सवाल आते हैं जैसे कि cobalt के एक isotope cobalt 60 it is used for the treatment of cancer यह cancer के treatment के लिए use किया जाता है उसी प्रकार phosphorus का isotope 32 it is used for the treatment of leukemia that is basically blood cancer इसके इस्तिमाल के लिए use किया जाता है तो cancer के treatment के लिए cobalt 60 phosphorus 32 blood cancer के treatment के लिए उसी प्रकार iodine 131 is used for the treatment and the diagnosis of goiter. Goiter क्या होता है? Swollen glands in neck. यानि कि आपका जो neck है ना, वहाँ पर क्या हो जाता है? Swollen glands आते हैं, इसको गेंगा भी कहते हैं हिंदी में, ये part पूरा इससे सूच जाता है. तो iodine की कमी की वज़े से आपको goiter हो जाता है. तो गोईटर के treatment और diagnosis करने के लिए हम iodine 131 का इस्तेमाल करते हैं एक knowledge के लिए आपको बात बता दूँ iodine की कमीज से बहुत सारी दिक्कत हैं आपको सबसे वेला iodine की कमीज से क्या होता है iodine की कमीज से आपको हो जाएगा गोईटर iodine की कमीज से होता है creatinism यह extra knowledge के लिए बता रहा हूँ क्रेटनिज्म का मतलब होता है mentally retarded kids are born mentally retarded child is born तो देखिए अगर आपके घर के अंदर कोई भी महिला हो या आसपास में कोई भी महिला हो आपकी माता जी बहन जी जो भी हो उनको बताइएगा कि pregnancy के दौरान iodine का intake जरूर करे वरना जो बालक पैदा होगा वो mentally रूप से retarded पैदा होगा तो lack of iodine से दोस्तो क्या होता है? lack of iodine से पहला होता है goiter यानि गेंगा और दूसरा होता है cretinism ठीक है? अब आपको iodine का intake बॉडी में कैसे बढ़ाना है वो भी बता देता हूँ ठीक है न? intake of iodine कैसे होना चाहिए बॉडी में? intake of iodine तो intake of iodine सबसे पहला iodized salt आयोडाइज्ड सॉल्ट खाना चाहिए जो मार्केट में मिलता है नमक के अंदर पोटेशम या फिर सोडियम आयोडाइज्ड डला होता है जो बॉडी के अंदर जो आयोडीन की कमी है उसको पूरा करता है दूसरा आपको सीफूड खाना चाहिए आयोडाइज्ड डला होता है नहीं है ना किसी को लेकर भाई आपको में नॉनवेज खाने के लिए मजबूर करें भाई मैं ऐसे नहीं कर रहा हूं आपको बता रहा हूं ठीक है मैं खुद नहीं खाता तो मैं आपको क्यों मजबूर करूँगा तो इंटेक ओफ आयोडिस सॉल्ट या फिर सीफूट इसकी कमी से ये सब हो जाता है अच्छा और application isotopes के अगर तो आपने देखा होगा, fossil fuels जो होते हैं, उनकी age बता देते हैं, wooden samples की age बता देते हैं, यह इतने साल पहले का, यह इतने हजार साल पहले का है, that is with the help of carbon-14. So age of fossil fuels, wooden samples, etc. तो जब हमें चीजों की actual उमर बतानी कितने साल पहले का है, यह कितने साल पहले था यह, तो carbon-14 की मदद से हम यह करते हैं, उसी प्रकार, कि सोडियम 24 और आर्सेनिक 74 आपके ट्रेसर की तरह काम करते हैं ट्रेसर क्या होते हैं दीजर इंजेक्टेड इन बॉडी इंजेक्टेड इन बॉडी आपकी बॉडी में जगह इंजेक्ट किए जाते हैं एंड इज एक्यूमिलेट एट लड़ प्लॉट और ट्यूमर यह आपके ब्लड प्लॉट या फिर ट्यूमर पर एक्मिलेट हो जाते हैं इमिट रेडिएशन इमिट रेडिएशन विच हेल्प अस टू लोकेट देर पोजीशन इन बॉडी बात खत्म मैंने क्या बोला है सबसे पहले sodium का isodope 24 और arsenic 74 ये जो लिखा हुआ है ये इनके mass numbers लिखे हुए ठीक है ना तो ये क्या है ये mass numbers है जैसे carbon का mass number 14 atomic number 6 mass number 14 ये सारे mass number है ठीक है ना जैसे carbon का atomic number हो गया ये C14 का मतलब हो गया कि ये ऐसा इसको इन्होंने ऐसे लिख दिया है तो इससे confused नहीं होना है ठीक है तो sodium 24 और arsenic 74 जो है, tracers है, तो यह आपकी body में inject किये जाते हैं, और आपकी body में जहां पर भी खून के ठक्के हैं, यह basically abrupt growth है, किसी भी particular tissue की, तो यह वहां जाकर इखटे हो जाते हैं, वहां से radiation emit करते हैं, जिसकी मदद से अपने detect कर लेते हैं, अच्छा यहां से radiation आ रही है, म तो यह डिटेक्ट करता है इस यूज़ टू डिटेक्ट ब्लड क्लॉट्स इन बॉडी खून के ठक्के जो आपके शरीर में उसको आइडेंटिफाई जाएगा और दिस यूज़ टू डिटेक्ट टूमर इन बॉडी यानि कोई भी टिशू की अब्रफ्ट ग्रोथ है तो यह वहां जाकर अक्कुमिलेट हो जाएगा और इससे में पता लग जाएगा यह अक्कुमिले आपके ट्यूमर की या बेसिकली क्लॉट की लोकेशन पता लग जाएगी ठीक है लिया रहे सभी को मजा आ रहा है खूब मजा आ रहा है खूब मजा रहा है तो यह आए की बहुत चार में कमी नहीं होनी चाहिए आए की बहुत आईसोटोप्स आफ एन एलेमेंट हैव सेम फिजिकल प्रॉपर्टीज डिफरेंट केमिकल प्रॉपर्टीज डिफरेंट नंबर आफ न्यूट्रोन्स या बेसिकली डिफरेंट अटॉमिक नंबर आईसोटोप्स आफ एन एलेमेंट हैव डिफरेंट अटॉमिक नंबर दे आ बट याद रखना same chemical properties होगी same chemical properties क्यों होगी आपसे अगर कोई पूछता है कि इनकी रसायनिक गुण same क्यों होगी isotopes के याद रखिये रसायनिक गुण होते है valence electrons की वज़े से तो क्योंकि इनके पास same number of valence electrons होगे because of same number of valence electrons कि इसीलिए केमिकल प्रॉपर्टीज भी सेम होगी जैसे फॉर एग्जांपल मैंने बोला कि आपके पास क्या था क्लोरीन 17 के दो आटम्स है क्लोरीन 17 35 और 37 तो इनके अंदर नंबर आफ प्रोटोन सेम है तो नंबर आफ एलेक्ट्रोंस अटॉमिक नंबर होते हैं डिफरेंट फिजिकल प्रॉबर्टी सेम केमिकल प्रॉबर्टी डिफरेंट नंबर आप नियुक्त रोड से यह सही है वह खत्म हो गया तो दोस्तों कामना करता हूं कि यहां पर आपको सारी चीजें अच्छे समझ में आ गई होगी डू लेट मी नो योर फीडबैक इंटू दी कॉमेंट सेक्शन मिलते हैं किसी और सीरीज में किसी और