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नो कॉस्ट EMI और बैंकिंग प्रणाली

नो कॉस्ट EMI को लेके RBI को नोटिस जारी करना पड़ा कि एक तरह का धोका है जो मोस्ली कंपनिया करती हैं और बैंक चाहते हैं कि आप मिस करो EMI ताकि इनके बाकी के ओप्शन भी खुल जाएं लेकिन ये EMI के option की वज़े से जिसकी salary 30-35,000 है वो भी iPhone खरीद रहा है और ये आपको एक debt trap की तरफ फसाता है जानपूछ के इसका नाम no cost EMI रखा गया है आप try करके देख लेना कि कभी भी इसको no interest या फिर interest free EMI नहीं बोलते हैं देखें बैंक का यूज़ हम करते हैं पैसा निकालने या फिर जमा करने के लिए या फिर लोन लेने के लिए पैसा निकालने और जमा करने के लिए बार बार बैंक ना आना पड़े इसके लिए बैंक ने डेविट कार्ट दे रखा है ऐसे ही अगर कोई समान खरीदना है या और ये सबको नहीं दिया है, ये उन customers को दिया है, जिनके उपर bank को भरोसा है, कि हर महीने काम करके ये लोग कमाई कर लेते हैं, अब देखिए जो bank है, ये कोई manufacturing plant लगा के कमाई नहीं करता है, bank के अंदर लोग अपना पैसा जमा करते हैं, और उस पैसे को bank loan पर देता इंटरस्ट कमाता है और इस जो इंटरस्ट है एक मेजर तरीका होता है बैंक का पैसे कमाने का इसलिए जितना ज्यादा लोग लोन लेंगे उतना बैंक का फायदा होगा अब बैंक से लोन लेना एक बहुत ही कॉंप्लीकेटेड प्रॉसेस है बैंक चेकर लगाने होते हैं वेरिफिकेशन होते हैं कैंसिल चेक दो बहुत सारी चीजें होती है इसलिए इंसान के सामने दे दिया ताकि लोगों की थोड़ी आदत खराब हो क्योंकि जब कोई क्रेडिट कार्ड लेता है तो उसको ऐसा नहीं लगता कि कोई लोन ले रहा है यह ऐसा लगता है कि अगर जरूरत पड़ेगी तो एमरिजनसी के लिए होना चाहिए तो इसको रख लेते 50 दिन तक बिना किसी इंट्रस्ट के लोन और मन करें तो साल दो साल में ईएमआई करकर देते रहो कैश बैक रिवॉर्ड अब लाख रुपए का आईफोन है वो साल भर के लिए आपको नो कॉस्ट EMI पे दे रहा है बिना किसी इंटरस्ट के तो उसने उसका फायदा क्या है वो भी एक अञ्यान आदमी को दे रहा है आज की डेट में जहां हवा लोग गुबारे में बांध के बेच दे रहे हैं वहाँ पे बैंक सारी चीजें फ्री में क्यों दे रहा है देखिए बैंक इतने स्टाफ की सैलरी और मार्केटिंग पे पैसा लगा के चैरिटी करने नहीं बैठा है वो जब तक कमाये गए नहीं त जिसे बैंक ने नाम दिया है credit card cycle अगर एक example से समझे तो एक credit card है जिसकी cycle 1 April से 1 May तक है इसका मतलब यह हुआ कि 1 April से 1 May तक आप जितनी भी shopping करोगे उसका bill next day यानि कि 2 May को generate होगा और जो उसकी payment होगी आप 20 दिन के बाद कर सकते हो इसका मतलब कि 2 April को अगर आपने कोई चीज खरीदी है तो 50 दिन तक का time मिलता है आपको payment करने का और बैंक आपको इतना time इसलिए देता है क्योंकि यह जो एक month का time है 1 May से 1 April तक का इसमें आप credit card इस बैंक का यूज करके ज्यादा से ज्यादा शॉपिंग करें और आपके हर ट्रांजेक्शन से बैंक को फायदा होगी यह सबसे पहला तरीका होता है बैंक का आपसे कमाने का यह पूरा गेम समझने के लिए आपको एक चीज समझनी होगी वो है नेटवर्क कंपनी नेटवर जाकर ही पैसा निकाल सकते हैं जबकि ATM machine और debit card की जो technology है वो हर bank की same थी अगर bank चाहते हैं तो एक दूसरे के ATM को use करने दे सकते थे लेकिन उसके बाद भी use नहीं करने देते थे और वो इसलिए नहीं करने देते थे क्योंकि उसके लिए customer की details bank को आपस में share करनी पड़ती ना बना ले पता चले एक ATM machine को use करवाने के चक्कर में दोनों bank एक दूसरे के customers को reach कर रहे हैं और आप देखो कि कोई भी business हो कोई भी अपने competitor को अपने customer का data नहीं share करेगा तो जो उनका डर था वो काफी genuine था अब यहाँ पे network company picture में आती है जैसे की visa, mastercard, American express, रुपए इन्होंने कहा कि ऐसे तो हर bank का नुकसान है पूरे इंडिया में machines बहुत लगानी पड़ेगी बहुत सारा पैसा लगाना पड़ेगा और infrastructure भी बहुत बड़ा लगाना पड़ेगा तो आप एक काम यह करो कि customer की details आप आप आपस में मत शेयर करो यह डिटेल्स आप हमें दे दो जब कोई एटियम लेकर आएगा हम उसकी डिटेल्स खुद वेरिफाई करेंगे और जैसे डिटेल्स वेरिफाई होंगी आप एक दूसरे को अपने एटियम में जो ट्रांजेक्शन्स हैं वो परफॉर्म करने देना और और तब से कोई भी बैंक का debit card हो आप किसी भी बैंक के ATM में जाकर पैसा निकाल सकते हैं और same इसी तरीके से आपके पास किसी भी बैंक का credit card हो और दुकंदार के पास किसी भी बैंक की machine हो सब में चल जाती है ये सब होता है visa, master card इन सब की वज़े से जितने भी लोग card यूज़ करके पैसे का transaction करते हैं सबका data इन network companies के पास होता है ये जो visa और master card हैं ये सारी American company हैं लेकिन government ने ये rule लगाया हुआ है कि companies को India का सारा data इंडिया के अंदर ही रखना होगा इसलिए इनके जो data center होते हैं वो इंडिया के ही अंदर होते हैं वीजा, मास्टर कार् आप ऑल ओवर वर्ड में कहीं भी ट्रांजेक्शन कर सकते हो और दुनिया का कोई भी बैंक हो वो बस नेटवर्क कंपनी से आपका डेटा वेरिफाई करेगा और ट्रांजेक्शन करने देगा। दूसरा होता है इशूर बैंक इशूर बैंक वह बैंक होता है जिस बैंक का आपके पास क्रेड़ कार्ड होता है अगर आपके पास सब्सक्राइब करेड कार्ड है इस केस में इशूर बैंक जो है वह होगा सब्सक्राइब तीसरा होता है क्वेश्चन बैंक दुकंदार जिस बैंक की मशीन यूज करके आपके क्रेड़ कार्ड से पैसा कारता है उस बैंक को कहते हैं एक्वेरिंग बैंक अगर दुकंदार के पास ऐसी ऐसी बैंक की मशीन है तो उस केस में एक्वेरिंग बैंक जो होगा वह ऐसी ऐसी बैंक होगा और चौथा आदमी हो के लिए आपने SDFC bank का credit card निकाला और दुकंदार ने ICIC bank की machine में आपका card लगा के पैसे काट लिये तो इस case में SDFC हो गया issuer bank और ICIC हो गया acquiring bank तो जैसे ही आप अपने credit card machine में लगाओगे network company यानि के visa, mastercard, American express वो इस transaction की details खुद verify करके issuer और acquiring bank को approval दे देगी और जैसे ही network company से approval आएगा issuer bank जो है वो acquiring bank को 98 रुपीज देगा और दो रुपए अपने पास रखेगा और जो acquiring bank है उस 98 रुपीज में से एक रुपे अपने पास रखेगा और 97 रुपीज दुकनदार को दे देगा अब यह जो acquiring bank है उस बचे हुए एक रुपे में से 50 पैसा network company को देगा और 50 पैसे अपने पास रख लेगा एक 100 रुपे की transaction से 2 रुपे जिस bank का credit card आपके पास था उसने कमाया 50 पैसे network company ने कमाया और बाकी 50 पैसे जिस bank की machine थी उसने कमाया जो होता है चेंज होता रहता है आप देखोगे यही रीजन है कि दुकंदार मना करता है या फिर पैसे ज्यादा मांगता है जब आप उसको ट्रेड कार्ट दिखाते हो और जो मेट्रो सिटी के दुकंदार होते हैं फिर मॉल के अंदर दुकंदार होते हैं यह कदम और आगे होते हैं यह पहले से ही अमाउंट प्रोडक्ट के अंदर आड कर देते हैं यह अमाउंट बहुत छोटा लग रहा है लेकिन जब पूरे वर् डॉलर की है ये companies दुनिया की सबसे बड़ी payment processing institutes है और इनकी growth भी last 5 से 10 साल में काफी अच्छी रही है अब सोचने की बात ही है कि ये जो video है यह आप YouTube पे ही तो देख रहे हो credit card से आप Netflix या फिर Spotify का subscription लेते हो या Amazon से shopping करते हो अपने Apple के iPhone से तो ये जो सारी companies है ये US based ही तो है अभी recent correction की वज़े से major US companies like Amazon, Google, Tesla और Apple के stock prices काफी कम हुए हैं और expert बोल रहे हैं कि ये best time है US stock में invest करने का क्योंकि ये जो बड़ी company है ये long term में जरूर grow करेंगी पहले इंडिया से US stocks में invest करने में काफी commission, paperwork, brokerage charges लगते थे पर अब IND money app से आप इंडिया से US stock में बिना किसी brokerage, commission या account opening fee के invest कर सकते हैं सबसे अच्छी बात है कि इस एप से आप fractions में भी stocks खरीज सकते हैं और US stocks में monthly या weekly SIP भी setup कर सकते हैं सिर्फ 500 रुपए से और मैं आपको IND Money के साथ मिलके Apple कंपनी के stocks worth Rs 750 बिल्कुल free में दे रहा हूँ आपको बस description link से IND Money एप डाउनलोड करना है और उस पर sign up करना है और अपने free US stock account में first time funds deposit करने पर आपको Rs 750 के Apple stock free में मिल जाएंगे तो portfolio diversification के point से आप IND money से अपनी US stock investment journey शुरू कर सकते हैं यही जब एक transaction होता है तो इस पूरे case में जो issuer bank होता है जिस bank का customer credit card use करता है वो सबसे यादा मुनाफ़ा रखता है अपने पास यह तो एक तरीका हो गया इसके साथ साथ issuer bank जो है वो और भी कई तरीके से पैसे कमाता है transaction charges, late payment charges, EMI interest charges, cash withdrawal fee, over limit fee, annual fee इसके अलावा भी कई companies से tie up करके, point redeem करके ऐसे कई तरीके से पैसे कमाता है तरीके हैं जिससे इशू और बैंक काफी पैसे कमाता है यही रीजन है कि हर बैंक चाहता है कि वो हर केस में इशू और बैंक बने हैं इसलिए आपको बैंक कैसे भी करके अपने बैंक का क्रेडिट कार्ड देना चाहता है और इशू औ से लेके आपके फोन, SMS तक हर जगा अपने स्टाफ को आपके पीछे लगा देता है कि कैसे भी करके आप उसका क्रेडिट कार्ड ले लो। जितना पुष्ट बैंक आपको क्रेडिट कार्ड के लिए करता है उतना किसी भी चीज के लिए नहीं करता। एक बैंक को क्रेडिट कार्ड देने से कितना फायदा होता है इस बात का अंदाजा आप इस चीज से लगा सकते हैं कि 12.7% लोग क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ड कर देते हैं पैसा नहीं दे पाते हैं उसके बाद भी बैंक कॉस्ट एम आई आपको बोलते हैं इसमें भी आपका नुकसान होता है नो कॉस्ट एम आई को लेकर आर्बिआई को नोटिस जारी करना पड़ा कि एक तरह का धोका है जो मोस्ली कंपनिया करती हैं इसमें चीजें छुपाई जाती हैं कस्टुमर्स से जानपूछके इसका ये कभी भी इसको no interest या फिर interest free EMI नहीं बोलते हैं क्योंकि अगर वो ऐसा करेंगे तो legally वो गलत साबित हो जाएंगे court में अब ये जो no cost EMI है ये काम कैसे करती है इसको एक mobile के example से समझते हैं अगर किसी customer को mobile खरीदना है तो customer के पास 3 option होते हैं चाय online या फिर offline लेकिन bank ऐसा नहीं चाता है bank चाता है कि आप credit card यूज़ करो और EMI पर लो सबसे पहला benefit तो ये होता है कि product जादा बिखता है अब पहले जहां mobile company 1000 mobile बेच के 10,000 कमा रही थी, अब हो सकता है वो 3000 mobile बेच के 30,000 कमाने लगे, क्योंकि EMI के option से लोगों की purchasing power बढ़ जाती है, और लोग जादा खरीदते हैं, और जब mobile company जादा कमाएंगी, तो bank के साथ वो profit भी ज़्यादा share करेंगी, दूसरी चीज जैसे ही आप EMI से कुछ लेते हैं, तो ये एक loan की तरह act करता है, यह आपके मोबाइल की कीमत को बढ़ा देता है। और तीसरी चीज जो इंटरेस्ट का अमाउंट होता है वो पैसा टोटल प्राइस में ही आलरेडी आड़ कर दिये जाता है। और एक चीज नो कॉस्ट EMI की ऑप्शन में और होती है पहले ही इंट्रस्ट अमाउंट आपसे लेते हैं और जब आपकी EMI पूरी होती है तो कैश बैक या ब अगर किसी को आपसे इंटरेस्ट नहीं लेना EMI पे, तो पहले लेकर आपको वापिस क्यों करेगा? वो डेवन से नहीं लेगा, वो इसलिए क्योंकि जो इंटरेस्ट अमाउंड होता है, उसपे GST लगता है, अगर 12% का interest rate चल रहा है, तो शुरू के 6 महिने interest नहीं लेंगे, और बाद के 6 महिने बचे हैं, उसमें 24% का interest लेते हैं, और EMI की option में आप मोल भाव भी नहीं कर पाते हो, तो 1-2000 का नुकसान वो भी होता है, ऐसे कर कर के जो interest आप बचाते हो, उसकी जगह आपको double amount पे करना हो नो कॉस्ट इमाई ये पुराने या आउटडेटेट प्रोडक्ट में रखते हैं जो नहीं बिकते हैं नो कॉस्ट इमाई का सिंपल सख्मंडा है सेल मोर, सेल फास्ट और सेल आउटडेटेट कि उसके पास पैसे हैं तो एक तरह से आप उधार लेके समान खरीद रहे हो अब इसमें आप यह भी कह सकते हो कि इसमें कौन सी बहुत बड़ी चीज है किसी के आगे पैसे तो नहीं माँगने पड़ रहा है कोई लोन तो नहीं लेना पड़ रहा है थोड़ा बहुत पैसा ज़्यादा भी लग रहा है तो क्या हुआ इतने ही लोग iPhone खरीदेंगे एक साथ इतना सारा पैसा देखे लेकिन ये EMI के option की वज़े से जिसकी salary 30-35,000 है वो भी iPhone खरीद रहा है और ये आपको एक debt trap की तरफ फसाता है पहले तो आप देड़ लाख का फोन ज़्यादा ज़्यादा इंटरस्ट देके दो लाख में खरीदते हो और उसके बाद जो नौकरी आप अपनी शर्तों पर कर रहे होते हो अब वो मजबूरी में करनी पड़ती है आपको इसके उपर से आपको मिनिमम अमाउंट का जो ऑप् ज्यादा है अगर आप इंटरेस्ट एक दिन लेट हो जाते हो तो एक दिन का इंटरेस्ट नहीं लेते हैं 45 डेस्ट पर इंटरेस्ट लगाते हैं आपने पुरानी मूवी में देखा होगा जो जमीदार होता हो गरीबों की जमीन गिरवी रखता है और उनको पैसे देता है प� इस उमीद में कि आगे पैसे आ जाएंगे, कल अमीर हो ये सब सोच के जब आप प्रोड़क्ट बिना सोचे समझे खरीदेंगे तो आप एक डेट ट्रैप में फसेंगे। मालिज़े आपको देड़ लाग का आईफोन देना है आप उसको क्रेडिट कार्ट से भी ले सकते हो। लिखे क्रेडिट कार्ड आप जब भी यूज़ करें हमेशा फुल पेमेंट करनी है आपको मिनिमम अमाउंट देने के चक्कर में ना पड़ें और कुछ जगांपे आपको क्रेडिट कार्ड बिलकुल नहीं यूज़ करना है जैसे की पेट्रोल पंप यहाँ पे 1% सर्विस फी और अराउंट 7.2% GST लगता है दूसरा IRCTC में जब आप बुकिंग करते हो तो उसमें 1-2% एक्स्ट्रा लगता है उस टाइम पर आपको क्रेडिट कार्ड बिल्कुल यूज़ नहीं करना है। Paytm, Gpay, Amazon Pay इन सब के वैलेट में पैसा एड़ करने के लिए क्रेडिट कार्ड बिल्कुल यूज़ नहीं करना है। 2-3% fee दूसरा आपको किसी भी कीमत पे credit card से cash withdraw नहीं करना है वरना आप एक बहुती बुरे debt trap में फसेंगे balance transfer यानि के एक credit card से दूसरे credit card को pay नहीं करना है interest rate और processing fees extra लगेगी insurance या फिर जो LIC के premium होते हैं इसको भरने के लिए credit card बिलकुल use नहीं करना है एक से देड़ परसेंट extra लगता है इसमें credit card का जो bill generate होता है उसको cash या फिर check से भी नहीं भरना चाहिए उसमें भी extra charges देने होते हैं 300 से 500 तक और जब आप credit card ले रहे हैं तो उस समय भी पहले आपको देखना है पहली चीज़ आपको यह देखनी है कि आपके टाइप का क्रेडिट कार्ड हो आप साल में एक या दो बार फ्लाइट यूज कर रहे हैं उसके लिए आपने फ्लाइट और लॉन्ज वाला क्रेडिट कार्ड ले लिया है तो वो आपके लिए बेनिफी� आपको interest rate भी compare करने है और यह जो credit card की annual fee होती है यह भी आपको compare करनी है या तो इकदम कम हो या फिर हो ही ना और कुछ लोग यह भी कहते हैं कि यह free card है जिसमें पहले साल तो fees नहीं लगती है लेकिन उसके बाद अगर आप देखोगे तो वो charge करना शुरू कर देते हैं तो इंफर्म करनी है और किस बैंक का कार्ड लेना या ऑनलाइन एमेज़न या फ्लिप कार्ड पर जाकर 20-30 प्रोडक्ट्स को रिव्यू कर सकते हैं कि कौन से बैंक का कार्ड ज्यादा ऑफर दे रहा है अब जो लोग रेड कार्ड के ट्रैप में ऑलरेडी बस गए और हर पेमेंट देकर आपका क्रेट कार्ड कभी खत्म नहीं होगा आप पैसे देते रहेंगे लेकिन वह कभी खत्म नहीं होगा क्योंकि इस पर इंटरेस्ट लगता बहुत ज्यादा लगता है वह थर्टी सिक्स परसेंट के करीब लगता है पूरे साल का इससे अगर आपको या फिर लोन उठाएं पर्सनल लोन उठाएं उससे पूरा करेंगे जो पर्सनल लोन होता है वह 14 से 15 परसेंट पर मिलेगा नहीं होगा आपके पास कोई भी लोन हो चाहे कार लोन हो होम लोन हो परसनल लोन हो ये चीज याद रखियेगा कि क्रेडिट कार्ड जो है वो आपको सबसे पहले खतम करना है क्योंकि उस पे जो इंटरस्ट लगता हो बहुत जादा लगता है और बिफोर एंडिंग दा वीड