Coconote
AI notes
AI voice & video notes
Export note
Try for free
ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश शासन
Aug 1, 2024
क्लास 8 हिस्ट्री: ट्रेड से टेरिटरी
अध्याय का परिचय
इस अध्याय का नाम:
"ट्रेड टू टेरिटरी: ईस्ट इंडिया कंपनी एस्टैब्लिश पावर"
अध्याय का मुख्य उद्देश्य: ब्रिटिशों की भारत में सत्ता कैसे स्थापित हुई।
अध्याय पढ़ने का कारण: अध्याय में ऐसा कंटेंट है जो आज से भी संबंधित है।
अध्याय की प्रमुख बातें
ईस्ट इंडिया कंपनी का आगमन
ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रारंभ: 1600 में व्यापार के लिए भारत आई।
प्रारंभ में मुख्य उद्देश्य: मसाले, कपड़ा, और चाय का व्यापार।
कंपनी ने व्यापार के दौरान स्थानीय राजाओं के साथ मिलकर काम किया।
भारत में स्थिति
भारत में विभिन्न राजाओं का शासन था।
मुग़ल साम्राज्य का धीरे-धीरे पतन हो रहा था।
स्थानीय राजा अपनी स्वतंत्रता का अनुभव कर रहे थे।
हिंदू और मुस्लिम कानून का प्रभाव
भारतीय समाज में धार्मिक कानून का बड़ा प्रभाव था।
विभिन्न धार्मिक समुदायों के अलग-अलग कानून थे।
ब्रिटिश शासन की नीतियाँ
सब्सिडियरी अलायंस
:
भारतीय शासकों को अपनी खुद की सेना नहीं रखने दी गई।
कंपनी ने अपनी सेना रखी और भारतीय शासकों को सुरक्षा का आश्वासन दिया।
डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स
:
यदि किसी राजा का कोई उत्तराधिकारी नहीं था, तो उसकी भूमि कंपनी के अधीन आ जाती थी।
महत्वपूर्ण युद्ध
बैटल ऑफ प्लासी
(1757):
ब्रिटिशों ने बंगाल में अपनी शक्ति स्थापित की।
बैटल ऑफ बक्सर
(1764):
मुग़ल और अन्य स्थानीय शासकों के खिलाफ विजयी रहे।
कंपनी के प्रशासनिक बदलाव
ब्रिटिशों ने भारत में प्रशासनिक ढांचे में बदलाव किए।
नया न्याय प्रणाली
:
जस्टिस सिस्टम को आधुनिक बनाया गया।
अदालतों की स्थापना की गई:
फौजदारी अदालत
और
दीवानी अदालत
।
कंपनी की सेना
कंपनी आर्मी
:
पहले केवलारी का प्रयोग, बाद में इन्फेंट्री पर जोर दिया गया।
यूनिफॉर्म मिलिट्री कल्चर को अपनाया गया।
बदलाव का प्रभाव
भारतीय शासकों की ताकत कमजोर हुई।
स्थानीय रिवाज़ों और कानूनों को नजरअंदाज किया गया।
निष्कर्ष
ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने व्यापार से युद्ध और राजनीतिक चालबाज़ियों के माध्यम से भारत में अपनी शक्ति स्थापित की।
भारत में ब्रिटिश शासन का प्रभाव लंबे समय तक महसूस किया गया।
📄
Full transcript