ओन दा मौर्निंग ओ 14 जुलाई 1789 14 जुलाई 1789 की सुवे फ्रांस के एक सहर पैरिस में आतंग का माहौल था हुआ ये कि किसी ने अपनी तरफ से बना कर एक अफ़वा जंता में फैला दी और वे अपने सैनिकों से जनता को मरवाना चाहता है दूसरे यह ख़वर पेट्रोन में लगी हुई आग की तरह पूरे के पूरे फ्रांस में फैल गई इस ख़वर को लेकर जनता में डर का माहूल बना हुआ था और सभी लोग आपस में डिसकस करने लगी कि अगर हमें राजा के अगेंस्ट खड़े होकर विद्रो करना है लगते हुए हत्यारों को जबरदस्ती लूट लेते हैं और लोगों ने यही किया सबसे पहले उन्होंने कई लोगों की तादाद में मिलकर बास्तील किले की जेल को तोड़ दिया जिसमें उन्हें भारी मात्रा में गोला बारूद मिलने की प्रादों के रूप में सजाना चाहते थे तो इस नहीं है कि इस घटना के बाद फिर कोई घटना नहीं हुई थी बल्कि इसके बाद कई दिनों तक पेरिस तथा देश के दिहाती इलाकों में कई सारी लड़ाइयां हुई है जिसका रिजल्ट यह रोटीन से सर काटकर मार दिया गया तो दोस्तों ऐसा क्यों हुआ और कैसे हुआ चली जानते इस वीडियो में तो दोस्तो इसे जानने के लिए हमें जाना पड़ेगा अठारवी सदी में तो दोस्तो चलते हैं फ्रांस सुसाइटी टूरिंग दा लेट एटिंस सेंचुरी तो दोस्तो ये बात है 1774 की जब बूर्बो राजवन्स का लूइस सिक्ष्टीन नामक राजा राजगद्धी पर और बर्सेल की महल की सानो सोगत बनाए रखने के लिए राजा को पैसे की जरूरत तो थी और लुइस 16 के सासन काल में बृतेन से अमेरिका की 13 कॉलोनीज को छुडाने के लिए मदद की थी जिसके कारण फ्रांस के उपर 1 बिलियन लिब्रे से भी अधिक करज हो चुका था और 2 बिलियन लिब्रो का करज पहले से था अब जो करजदार थे वो राजा से 10% इंटरेस्ट के साथ मांग करने लगे इदर राजा की सामने करज की चिंता उपर से सेना का करज राजदरवार का खर्च, सरकारी कार्यालों का खर्च, बिद्यालों को चलाने का खर्च इन सब की चिंताएं फ्रांस के राजा को सताने ले गए तो जो फ्रांस का राजा था लूज 16 उसने क्या किया कि जो फ्रांस के लोगों के ऊपर टेक्स बढ़ा दिया पहला स्टेट था किलरजी, मतलब वो लोग जो चर्च में काम करते थे और थर्ड था जिसमें बचे हुए सारे लोग आते थे जैसे की जो बड़े-बड़े बिजनेसमेन थे, मर्चेंट्स थे, लॉयर थे, किसान थे, मजदूर थे, इस तरीकी के लोग थर्ड स्टेट में आते थे फ्रांस की पूरी जनसंग्या में से 90% किसान थे बलकि ये तो नाम के ही किसान थे और दूसरी तरफ थर्ड स्टेट के लोगों को सारे के सारे टेक्सेस भरने पड़ते थे जैसे कि जो टेक्स किसानों के दुआरा चर्च में जाता था उसे हम टित कहते थे ये टेक्स फजल का दसवा इस्सा होता था और इसे धार्मिक टेक्स भी कहा जाता था जैसे कि तमाकू, नमक तो दोस्तो इस परकार राजा ने महल के सारे खर्च जनता के उपर डाल दिये थे और राजा उनसे जबरदसी टेक्स बसूलने लगा और उसे भरते कौन थे मातर थर्ड स्टेट के लोग तो दोस्तो 1715 में फ्रांस की population थी 2.3 करोड और 1789 में फ्रांस की population बढ़कर हो गई 2.8 करोड तो आप देख सकते हो कि जो फ्रांस की population थी वो continuously बढ़ती जा रही थी अब आप खुदी सोचो अगर population बढ़ेगी तो उनकी demand ही बढ़ेगी मगर population के बढ़ते लोगों को जाधा food की requirement थी गरीब और गरीब होते गए और अमीर होते गए ऐसा नहीं है दोस्तों कि लोगों ने इसका बिरोध नहीं किया बलकि बिरोध किया था बलकि काफी बड़ा रिवॉल्ट किया था पर वो उतना एफेक्टिव साबत नहीं हुआ क्योंकि लोगों के पास सब ना पैसा था और ना ह अब जैसे जैसे समय निकलता जा रहा था लोगों की इंकम बढ़ती जा रही थी लोग एजुकेट होते जा रहे थे उन्हें नए नए आइडिया जाने लगे तब लोगों को रियलाइज होने लगा कि हमारे साथ तो ये गलत हो रहा है अब जो एजुकेटिड लोग थे उनका मानना ये था कि लोगों को आधिकार उनके जन से नहीं ऐसे जॉन लॉकी और जॉन जाक रूशो नाम के दो फुलोशफर इनका भी यही मानना ये था कि एक ऐसी सुसाइटी होनी चाहिए जहांपर सबको फ्रीडम हो और सारे के सारे कानून सबके लिए बरावर होने चाहिए और गबर्मेंट ऐसी होनी चाहिए जो जनता की बात सुने इसके उपर जॉन लौकी ने अपनी किताब टूटरिटाइ� वनार्ची गवर्मेंट का जम के वरोध किया था अब दोस्तों टेक्स तो पहले से ही बड़ा हुआ था ऊपर से महंगाई भी इतनी बड़ गई थी कि लोगों को खाना भी नसीव नहीं हो रहा था फिर क्या था दोस्तों जनता राजा पर वढ़क गई और यहीं से श आप सभी को पता चली गया होगा कि लूज सिक्स्टीन का खजाना खाली हो चुका था कर्जदारों की मांग बढ़ गई थी और उसको चुकाने के लिए राजा ने जनता पर टैक्स बढ़ा दिए थी पर क्या आपको पता है कि प्राचीन राज्यतंत्र के अनुसार कोई तो दोस्तों स्टेट जनरल एक ऐसी पॉलिटिकल बॉडी थी जिसमें तीनों स्टेट अपने अपने स्टेट से रीपरिजेंटिटिव भेजते थे लेकिन केवल राजाई तय करता था कि जी मीटिंग कब बुलाई जानी चाहिए लेकिन फिर उसके बाद लुइस 16 ने 5 माई 1789 को नए टेक्स बढ़ाने के लिए मीटिंग बुलाई अब दोस्तों इस सभा में किसानों तथा कारिकरों को अंदर जाने की परमीशन नहीं थी तो दोस्तों इन्होंने क्या किया कि 4000 पत्रों में अपने सिकायते और मांगे लिखकर अस लेकिन दोस्तों असेंबली के अकॉर्डिंग हार एक स्टेट को केवल एक एक बोट डालने का ही अधिकार था पर आपकी बार क्या हुआ कि जो थार्ड स्टेट के लोग थे उन्हें ये मनजूर नहीं था और ये ही सभी लोग 20 जून को बरसाय के इंडू टेनिस कोट में जमा हुए मिलकर एक DCL लिया कि जब तक हम एक ऐसा Constitution नहीं बना लेते जिसमें राजा के पास कम पावर हो तब तक हम सब लोग मिलकर स्टेकल करते रहेंगे और राजा के खिलाब लड़ते रहेंगे। उन्होंने अपने आपको एक National Assembly घोज़त कर लिया था। दोस्तों उस Assembly के दो लीडर बनाये गए। पहला था Miraville और दूसरा था Abyssinia इन दोनों ने Assembly को लीड किया। दूसरी तरफ फ्रांस में कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। जिसके कारण क्या हुआ कि फ्रांस की जो अ लोगों में भुकमरी इतनी बढ़ गई थी कि औरतों ने जबरदस्ती खाने पीने की चीजों को दुकानदारों से छीन लिया यह देखकर राजा ने सेना को आदिस दे दिया कि तुम सहर में प्रवेश करो जैसे ही सेना ने सहर में प्रवेश किया तो लोगों में हडकंप मच गया फिर क्या था दोस्तों लोगों की भीड ने 14 जुलाई को बासिल के किले पर धावा बोल दिया क्योंकि गाउं गाउं में अववा फैल रही थी कि राजा ने किसानों की फसले बरवात करने के लिए बा प्रश्नाओं के सरकारी अन्य भंडारों को लूट लिया और साथ में टेक्सों से संबंधित डोकुमेंट्स वही जला दिया आखिर में व्रोधी प्रजा की ताकत का अंदाजा लगाकर राजा ने नेशनल असेमिली को माननिता दे दे तो दोस्तों आपको तो राजा की पावर लिमिटेड कर दी जाए तो फाइनली चार अगस्त सत्रा सौ नवासी की रात को नेशनल असेमिली ने एक ओर्डर पास किया जिसमें फर्स्ट स्टेट के लोगों से कहा गया कि आप च और जो चर्च में फसल का दस्वा इससा टेक्स के रूप में दिया जाता था यानि कि धार्मिक टेक्स टित को बंद कर दिया जाए जिससे क्या हुआ कि गबर्मेंट को 2 बिलियन लिबरों को फायदा हुआ अब धीरे धीरे नेशला असेम्बली ने 1791 में एक नया कंस्टिटूशन तयार कर लिया पहली वो होती है जो कानून बनाती है दूसरी वो होती है जो ये देखती है कि जो ये रूल्स बने हैं और तीसरी वो होती है अगर कोई rules follow ना करे तो उसे सजा देनी का काम कौन करती है जूडी सरी करती है अब दोस्तो देखते हैं कि 1791 में जो नया constitution बना था वो कैसा था तो जो फ्रांस की total population थी वो थी 28 million उस में से 4 million लोगी ऐसे थे जो vote डाल सकते थे और जिने फ्रांस की लोग active citizens कहते थे इसके अंदर वो लोग आते थे जो की male हो और उनकी उम्र 25 अच्छी साल से ज्यादा हो और जो गबर्मेंट का टैक्स भी भरते हो और थ्री मिलियर लोग ऐसे थे जिन्हें फ्रांस में पैसिब सिटीजन्स कहते थे जो कि जैसे की बच्चे, औरते और वो लोग आते थे जिनकी उमर 25 साल से कम हो अब जो एक्टिव सिटीजन्स थे वो बोट डाल कर एक जज चुनते थे और साथ में 50,000 एलेक्टर्स चुनते थे अब जो 50,000 एलेक्टर्स थे उनी में से 745 मेंबर नैशनल असेम्ली के लिए बनते थे और जो 745 मेंबर थे वही राजा पर कंट्रोल रखते थे अब राजा के पास केबल एकी पावर थी वो थी वीटो पावर और जो National Assembly थी वही मंत्रियों को कंट्रोल भी करती थी तो ये जो Constitution बना था इसके अकोडिन लोगों को कई सारे अधिकार मिले जैसे कि Right to Life, Freedom of Speech, Freedom अब दोस्तों राजा ने हाँ तो कर दिया था कि वो कंस्टिटूशन को मान रहा है लेकिन वास्तम में वो नहीं चाहता था कि उसकी पावर कम हो उसने अपने आसपास के देशों के साथ मिलकर सीगरेट प्लांस किये लेकिन राजा और आसपास के देश कुछ कर पाते तो दोस्तों उस वार में काफी ज़्यादा लोग मारे गए थे उसके साथ साथ काफी ज़्यादा money का भी loss हुआ था तो दोस्तों 1791 में जो constitution बनाया गया था इसमें धनवानों को ज़्यादा important माना गया था और जो गरीव थे किसान थे उनको कम महत्व महत्व दिया गया था तो लोगों ने क्या किया अपनी आवाज सुनाने के लिए पॉलिटिकल क्लब्स बनाए तो यह क्या होते हैं तो यह बहुत है जिसमें अलग-अलग बिचारों के लोग अपनी अलग-अलग बातों को बताते हैं ताकि उनकी बातों पर वर्वेंट ध्यान दे और उनकी बातें भी सुनी जाए ऐसी क्लिप था जिसका नाम तो ज अब जो इस किलब की लोग थे उनकी कुछ अलगी प्रकार की ड्रेज थी इस किलब बाले लोगों को सुगुलत भी कहा जाता था और एक ऐसी योजना बनाये कि राजा को महल में ही गुशकर राजा को बंदी बना लिया जाए और फिर National Assembly ने चुनाओ कराए फाइनली 21 सेप्तेमन 1792 को राजसाई राजतंतर का अंत कर दिया गया और फिर Monarchy सिस्टम खतम हुआ और एक नया Republic सिस्टम यानि की बोट डालने का सिलसला सुरू हुआ अब जो फ्रांस था वो एक Republic country बन चुका था और जो लूइस 16 था जो बंदी बना लिया गया था उसे राज द्रो के आरोप में मौत की सजा सुना दी गए फाइनली 21 जैनवरी 1793 को प्लेस दी कॉंकार्ड में राजा को ग्लोटीन से सर काट कर मार दिया गया और सब को बोट डालने का अधिकार मिल गया अब जो जोकोविन किलब की जो सरकार थी यानि की रोवर्शपियर की सरकार वो क्या करने लगे की फ्रांस में जो भी गर्तंतर के खिलाब होता चाहे वाइ उसकी स्वेम की उसे जेल में डाल कर मुकदमा चलाया जाता था और दोसी पाए जाने पर ग्लोटीन पर चड़ा कर उसका सर कलम कर दिया जाता था पर जो जैकोविन किलव था उसने एक कम काविले तारीफ किया था वो थी abolition of slavery तो जी slavery क्या थी तो दोस्तो फ्रांस की जो colony थी Caribbean में Martinique, Guadeloupe and San Domingo तो यहां से क्या होता कि कई सारी चीजे इंपोर्ट होकर फ्रांस के अंदर आती थी जैसे कि तमाकू, इंडिको, सुगर, कॉफी तो इस तरीके की चीजे यहां से फ्रांस के अंदर आती थी पहले तो ट्रेडर्स फ्रांस से निकलते थे और अफरिकन कॉश्ट तक जाते थे और उन्हें हातों में हटकडिया डालकर एटलांटिक महासागर से होकर करेबियाई देशों तक ले जाया जाता था वहाँ पर उनसे जबरस्ती काम कराया जाता था फिर वहाँ से इंडिगो, तमाको, सुगर, कौफी ये सब बापश फ्रांस में लाया जाता था उपर से रोविश्वेर सरकार ने चर्चों को बंद करवा दिया और उनकी जगह सरकारी दफतर और बैराक बनवा दिये गए और लगातर देशों से मजदूरों को खरीदता और बेचने लगा और लगातर लोगों को खरीदा और बेचा जाने लगा तो दोस्तों इसके साथ भी वही हुआ जो सबके साथ होता आया है तो 1794 में उसे दोसी खोज़त कर दिया गया और उसे ग्रफतार करके ग्लोटीन पर चड़ा कर उसका सरकलम कर दिया और दोस्तों यहां से जैकोविन क्लब का एंड हो गया 1789 की गर्मियों में एक महत्वपूर्ण कानून लागू हुआ था कि कोई भी बुके या न्यूसपेपर या स्टेज परफॉर्मेंस, नाटक, सत्संग, जिलूस बिना राजा के अधिकारियों की परमीशन के बगएर नहीं किये जा सकते थे वो कुछ भी छाप सकते थे अब जो अमीर लोग थे उन्होंने गवर्मेंट की पावर को अपने हाथ में ली ली फिर उसके बाद एक नया कंस्टिटूशन बना फिर उसके अनुशार जिसके पास जाधा पैसा होगा वही बोट कर सकता था इस कंस्टिटूशन की अकोडिक दो लेजिस्टिलेटिव काउंसिल बनाएं गई इन दोनों काउंसिल का काम था कि पाँच मेंबर की बॉडी बनाना यानि कि एक दूसरे में तकराग होने लगी जिसका फायदे नेपोलियन बोनापार्ट ने उठाय नेपॉलियन ने पहले तो यूरोप के लिए बहुत कुछ किया तो लोगों को लगा अच्छा है लेकिन बाद में पता चला कि नेपॉलियन तो बहुती क्रूअल किंग था फाइनली 1815 में बाटरलू की लड़ाई में नेपॉलियन हार गया