श्वसन और गैसों का आदान-प्रदान
अध्याय का परिचय
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ब्रीदिंग और रेस्पिरेशन का अंतर
- ब्रीदिंग: ऑक्सीजन लेना और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ना।
- रेस्पिरेशन: ऑक्सीजन का उपयोग करके ऊर्जा का उत्पादन।
श्वसन की प्रक्रिया
- न्यूट्रिएंट्स का मेटाबॉलिज्म: खाने से ऊर्जा प्राप्त होती है, जिसमें ऑक्सीजन का महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन: कोशिकाएँ ऊर्जा उत्पादन के दौरान CO2 का उत्पादन करती हैं, जिसे बाहर निकालना आवश्यक है।
श्वसन अंग और उनके प्रकार
- श्वसन अंग जानवरों के आवास और संगठन के स्तर पर निर्भर करते हैं:
- लोवर इनवर्टीब्रेट्स: स्पंज, सिलेंट्रेट्स, फ्लैटवॉर्म्स - स्किन से गैस एक्सचेंज।
- अर्थवर्म: मॉइस्ट क्युटिकल से गैस एक्सचेंज।
- इंसेक्ट्स: ट्रेचियल ट्यूब्स।
- गिल्स: एक्वेटिक आर्थ्रोपोड्स में।
- लंग्स: थलैटल जीवों में जैसे कि पक्षी, सरीसृप, और स्तनधारी।
- फ्रॉग: लंग्स, गिल्स और मॉइस्ट स्किन से।
मानव श्वसन प्रणाली
- बाहरी नासिका छिद्र
- नेज़ल पैसज
- नेज़ल चेंबर
- फैरिंग्स: जहाँ फूड पाइप और एयर का साझा रास्ता होता है।
- लेरिंग्स: ध्वनि बॉक्स, जिसमें ग्लॉटिस और एपीग्लॉटिस होता है।
- ट्रेकिया: मुख्य वायु नली।
- ब्रॉन्काई: दो मुख्य शाखाएँ - दाहिना और बायाँ।
- ब्रॉन्कियोल्स और अल्वियोलाई: गैसों का आदान-प्रदान होता है।
श्वसन की प्रक्रिया
- इनस्पिरेशन: वायु का अंदर आना।
- एक्सपिरेशन: वायु का बाहर जाना।
- ये प्रक्रियाएँ वॉल्यूम और प्रेशर के बदलाव से निर्धारित होती हैं।
गैसों का आदान-प्रदान
- वायु में गैसों का आदान-प्रदान: अल्वियोलाई और रक्त के बीच होता है।
- तीन कारक: कंसेंट्रेशन ग्रेडियंट, गैसों की घुलनशीलता, और मेम्ब्रेन की मोटाई।
ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन
- ऑक्सीजन:
- 97% हीमोग्लोबिन (RBCs) द्वारा ट्रांसपोर्ट।
- 3% प्लाज्मा में घुला।
- कार्बन डाइऑक्साइड:
- 20-30% हीमोग्लोबिन द्वारा ट्रांसपोर्ट।
- 70% बाइकार्बोनेट के रूप में।
श्वसन प्रणाली के विकार
- अस्थमा: ब्रॉन्काई और ब्रॉन्कियोल्स में सूजन।
- एम्फाईसीमा: अल्वियोलाई की दीवारों का क्षय, जिससे सतह क्षेत्र कम होता है।
- व्यवसायिक श्वसन विकार: धूल और रसायनों के संपर्क में आने से होता है।
निष्कर्ष
- श्वसन प्रणाली संपूर्ण शरीर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करती है।
- श्वसन संबंधित विकारों की पहचान और प्रबंधन आवश्यक है।
इस नोट्स को पढ़कर आप श्वसन और गैसों के आदान-प्रदान के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
NCERT पुस्तक का संदर्भ लें।