सो हेलो एवरीवन एंड वेलकम टू द न्यू लेक्चर ऑफ एफ आरबी दैट इज फी डिवीजन बैच और यह होने वाला है पॉलिटी का लेक्चर टू ठीक है तो पिछले लेक्चर में हम लोगों ने किया था मेकिंग ऑफ कॉन्स्टिट्यूशन यानी संविधान हमारा किस तरह से बना था अब संविधान की किताब हमारी बन चुकी है जो कि लार्ज टन कॉन्स्टिट्यूशन है पूरे वर्ल्ड का हमने देखा था एंड इट कंटें हाउ मेनी आर्टिकल्स तो उसमें अभी वो चलो आज हम अभी लेक्चर में पढ़ लेंगे कि उसमें कितने आर्टिकल्स थे कितने शेड्यूल थे सारी चीजें तो इस लेक्चर में हम क्या पढ़ने वाले हैं प्रिंबल जो कि एक हमारी कांस्टिट्यूशन की समरी कहलाती है देन उसके बाद हम कांस्टिट्यूशन के शेड्यूल्स यानी अनुसूचियां पढ़ेंगे एंड देन सोर्सेस ऑफ़ कॉन्स्टिट्यूशन यानी कि संविधान के श्रोत यानी कौन सी चीज हमने कॉन्स्टिट्यूशन में किस कंट्री से बोरो करी है ठीक तो चलिए स्टार्ट करते हैं यानी कि एक तरह से कांस्टीट्यूशन बन चुका है और उसके अब हम इंग्रेडिएंट्स देखने वाले हैं कि उसमें क्या-क्या कंटेंड है सबसे पहले तो आता है प्रिंबल दैट इज जिसको हम हिंदी में प्रस्तावना बोलते हैं और इसको हम कांस्टिट्यूशन की समरी बोलते हैं तो जिस तरह हमारी कोई भी बुक होती है और कोई भी बुक को स्टार्ट करने से पहले उसके पहला जो पेज होता है वो होता है समरी जो मैं उस बुक के बारे में सारी चीजें बताता है सेम गोज विद प्रिंबल प्रिंबल पढ़ने से हमें कॉन्स्टिट्यूशन के बारे में चीजें पता चलती हैं इसीलिए एनए पालखी वाला जी ने इसको आईडी कार्ड ऑफ़ द कॉन्स्टिट्यूशन बोला था मुंशी जी ने किस कमेटी के चेयरमैन थे मुंशी जी बिजनेस एडवाइजरी कमेटी प्लस साथ ही साथ ड्राफ्टिंग कमेटी के एक मेंबर भी थे तो इन्होंने इसको पॉलिटिकल होरोस्कोप बोला था और अर्न बाकर ने इसको की नोट ऑफ़ द कॉन्स्टिट्यूशन बोला था होरोस्कोप का मतलब होता है कि जिसमें आप होरोस्कोप इज लाइक कि इस छोटे से पार्ट में आप देख के पूरी सारी चीजें आप बड़ा सा व्यू ले सकते हैं तो वही है प्रिंबल को आप पढ़ के प्रिंबल को देख के उसमें पूरे कॉन्स्टिट्यूशन के बारे में आप समझ सकते हैं कि पूरे कॉन्स्टिट्यूशन में क्या-क्या दिया होगा ठीक अब प्रिंबल की अगर बात करें तो इसको हमने कहां से बॉरो किया इसको हमने यूएसए से इस कांसेप्ट को बॉरो किया लैंग्वेज हमने ऑस्ट्रेलिया से ली है अब इतना कॉम्प्लेक्शन वेज कहां से ली है वो जब भी आपसे पूछेगा तो सिंपली पूछेगा प्रिंबल इज बरोड फ्रॉम आंसर इज यूएसए ठीक है ऑस्ट्रेलिया को आप भूल सकते हो अगर कभी पूछेगा तो आपको वो तो याद हो ही गया है लेकिन ध्यान में रखना है यूएसए से हमने बोरो किया इट इज मॉडिफाइड फॉर्म ऑफ ऑब्जेक्टिव रेजोल्यूशन तो कल के लेक्चर हम लोगों ने देखा था कि उद्देश्य प्रस्ताव नेहरू जी ने पास किया था कांस्टीट्यूएंट असेंबली के सामने कब 13 दिसंबर 1946 को यह पास होता है और इसको 22 जनवरी 1947 को अडॉप्ट किया जाता है ठीक है इस ऑब्जेक्टिव रेजोल्यूशन को 22 जनवरी 1947 को अडॉप्ट किया जाता है बाय द कॉन्टेंट असेंबली और यही बाद में बनता है क्या प्रिंबल प्रस्तावना ध्यान इस चीज का रखिएगा कि जो प्रिंबल था यानी जो प्रस्तावना है यह जब हमारा पूरा कांस्टिट्यूशन बन गया था जब हमारा पूरा संविधान बन गया था उसके बाद बना था समझ रहे हैं आप क्योंकि अब मान लो कि कोई बुक है ठीक है तो बुक की समरी तो आप तभी बता सकते हो ना जब पूरी बुक लिख गई हो या फिर मान लो उसका इंडेक्स है तो उसका इंडेक्स तो आप तभी बता सकते हो ना जब पूरी बुक उसकी लिख गई हो पहले कैसे बता सकते हो तो प्रिंबल जो है ये बाद में जब पूरा कंस्टीटूशन बन गया था उसके बाद क्रिएट हुआ था लेकिन इट वाज बेस्ड ऑन ऑब्जेक्ट लेशन उद्देश प्रस्ताव से एक तरह से मिलता जुलता था या फिर उद्देश प्रस्ताव का ही मॉडिफाइड फॉर्म था प्रिंबल प्रिंबल के अगर इंग्रेडिएंट्स की बात करें कि इसमें क्या क्या कंटेंड है सोर्स ऑफ अथॉरिटी ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन दिया है कि जो संविधान है उसको अपनी जो पावर्स है उसकी पावर का स्रोत क्या है सोर्स क्या है कंट और अगर हम बात करें इसमें नेचर दिया है कि हमारा कांस्टिट्यूशन का नेचर क्या है हमारी कंट्री का नेचर क्या है और उसके ऑब्जेक्टिव्स क्या है ठीक तो सबसे पहले सोर्स ऑफ अथॉरिटी क्या है का पावर कहां से डिराइवर करता है पीपल ऑफ इंडिया से कैसे पता चलता है क्योंकि पहली लाइन ही प्रिंबल में है ओपनिंग लाइन वी द पीपल ऑफ इंडिया हैविंग सोमली रिजॉल्व टू कांस्टीट्यूट इंडिया इनटू अ डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट सेकुलर रिपब्लिक यानी कि हम भारत के लोग जो है भारत को इस तरह से बनाना चाहते हैं ठीक है तो वी द पीपल ऑफ इंडिया यानी कि जो लोग हैं भारत के वही संविधान की शक्ति का स्रोत है नेचर की बात करें सॉवरेन सोशलिस्ट सेकुलर डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ये नेचर है यहां पर मैंने एक गलती कर दिया एंड दैट इज कि प्रिंबल मैंने यहां पे नहीं लगाया लगाता तो थोड़ा और बेटर तरीके से आप समझ पाते नहीं तो आप अभी तुरंत जाके प्रिंबल को देख सकते हैं इस तरह से लाइन लिखी हुई वी द पीपल ऑफ इंडिया हैविंग सोलेनली रिजॉल्वड टू कॉन्स्टिट्यूशन इंडिया इंटू अ डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट सेकुलर एंड रिपब्लिक तो यहां पे ये जो सॉवरेन सोशलिस्ट सेकुलर डेमोक्रेटिक रिपब्लिक लिखा हुआ है यह कॉन्स्टिट्यूशन के नेचर को बताता है अब हमें एक-एक टर्म का मतलब पता होना चाहिए बहुत डीप में घुस के नहीं पढ़ना है बट फिर भी एक आईडिया तो होना चाहिए सॉवरेन का मतलब यह होता है कि वी आर इंडिपेंडेंट टू टेक आवर डिसीजंस हम कॉमनवेल्थ के पार्ट जरूर हैं कॉमनवेल्थ में वोह वो कंट्रीज आती हैं जो कभी ना कभी ब्रिटेन की कॉलोनी रही थी और ब्रिटेन खुद दैट डजन मीन कि हम बाद दे हैं कॉमनवेल्थ हमने पिछले लेक्चर में देखा था कि हमने कॉमनवेल्थ की मेंबरशिप को कब रेटफिट को दैट डजन मीन कि हम बाद दे हैं हम जब चाहे हट सकते हैं ठीक है तो वी आर इंडिपेंडेंट टू टेक आवर डिसीजन सोवन सोशलिस्ट का मतलब होता है समाजवादी यानी कि जहां पे रूल चल होता है गवर्नमेंट का एक तरह से हम बोल सकते हैं कि सोशलिस्ट और कैपिटिस इकॉनमी मैंने आपको डिफरेंस समझाया था इकोनॉमिक्स में समाजवाद का मतलब यही होता है कि जहां पे पॉपलिन मेजर इस तरह से लिए जाते हैं कि भाई लोगों के हित में जो चीजें करी जाती है ना कि यहां पे प्रॉफिट मेन मोटिव होता है सेकुलर की अगर बात करें जिसको समाजवाद बोलते हैं यहां पे इसका मतलब यह है कि सारे धर्मों को मान्यता है ठीक है इंडिया में अगर हम बात करें तो पॉजिटिव सेकुलरिज्म है दो तरह के सेकुलरिज्म होते हैं तो इंडिया में पॉजिटिव है यानी कि हर धर्म को मानता है नेगेटिव किस तरह से होता है यूएसए में नेगेटिव कि हम किसी धर्म से हमारा कोई लेना देना नहीं है अपना जो मन है वो करो हमारे यहां क्या क्या है स्टेट का इंटरफेरेंस रहता है सेकुलर मैटर्स पे और हर धर्म को समान मान्यता मिली हुई है अनलाइक दी इस्लामिक स्टेट ऑफ पाकिस्तान जो सिर्फ इस्लाम को ही मान्यता देता है डेमोक्रेटिक का मतलब होता है जैसे अब्राहम लिंकन ने डिफाइन किया था गवर्नमेंट ऑफ द पीपल बाय द पीपल एंड फॉर द पीपल यानी कि लोगों की लोगों के द्वारा लोगों के लिए सरकार रिपब्लिक का मतलब होता है गणतंत्र जिसको अगर हम बात करें रिपब्लिक का जो एक्चुअल मीनिंग होता है वो होता है कि जहां पे जो हेड है स्टेट का स्टेट का मतलब एक तरह से पूरी कंट्री को मानि है तो हेड इज इलेक्टेड यानी कि वो निर्वाचित है जैसे इंडिया में हेड कौन है प्रेसिडेंट तो वो इलेक्टेड है कि नॉमिनेटेड इलेक्टेड है निर्वाचित है वोटिंग होती है भले हम डायरेक्टली वोट नहीं करते इनडायरेक्ट इलेक्शन होता है लेकिन वोटिंग तो होती है लेकिन अगर हम बात करें जैसे यूके जैसी कंट्रीज है वो रिपब्लिक नहीं है क्योंकि वहां पे मोनाज होता है ठीक है मोनार्क होता है जैसे कि अभी किंग चार्ल्स द थर्ड चल रहे हैं इससे पहले क्वीन एलिजाबेथ चल रही थी ठीक है तो वहां पे क्वीन एंड कि हेरेडिटरी हेड होता है इलेक्टेड नहीं होता है तो इसलिए वोह आपका एक रिपब्लिक नहीं हुआ ऑब्जेक्टिव्स की अगर बात करें तो उसी के नीचे इसके वि द पीपल ऑफ इंडिया हैविंग सो रिजॉल्व टू कांस्टीट्यूट इंडिया इनटू अ डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट सेकुलर रिपब्लिक इसके नीचे ठीक है जस्टिस लिबर्टी इक्वलिटी फ्रेटरनिटी दी हो ये क्या है ये हमारे ऑब्जेक्टिव्स हैं स्रोत स्रोत तो ये हो गया ये नेचर हो गया और ऑब्जेक्टिव्स कि हम क्या अचीव करना चाहते हैं तो हम जस्टिस अचीव करना चाहते हैं कितने तरह के तीन तरह की सोशल इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल लिबर्टी कितनी तरह की पांच तरह की थॉट एक्सप्रेशन बिलीफ फेथ एंड वरशिप इक्वलिटी कितने तरह की दो तरह की स्टेटस एंड अपॉर्चुनिटी फ्रेटरनिटी सिर्फ एक तरह की जस्टिस लिबर्टी इक्वल लिबर्टी का मतलब लिबर्टी का मतलब होता है जहां पे कोई कंस्ट्रेंट्स ना हो कंस्ट्रेंट्स का मतलब है कि कोई बाध्यता ना हो आराम से खुला आप जो करना चाहते हैं कर सकते हैं इक्वलिटी का मतलब है समानता जस्टिस का मतलब है नया फ्रेटरनिटी का मतलब है बंधुत्व अभी हम देखेंगे कि हमने प्रिंसिपल्स कहां से लिए जैसे जस्टिस के प्रिंसिपल रशिया से लिए और यह हमने फ्रेंच रेवोल्यूशन से लिए अभी यह 100% लिख के ले लो मुझसे 100% ना सीपीओ और सीएचएसएल एग्जाम में पूछे तो कहना जस्टिस लिबर्टी इक्वलिटी कितने तरह की और कौन-कौन इसके टाइप्स है रट डालना इसको सोशल इकोनॉमिक पॉलिटिकल लिबर्टी थॉट एक्सप्रेशन बिलीफ फेथ एंड वशिप इक्वलिटी ऑफ स्टेटस एंड अपॉर्चुनिटी अमेंडमेंट की अगर बात करें तो प्रिंबल में मात्र एक ही बार आज तक अमेंडमेंट हुआ है एंड दैट वाज 42 अमेंडमेंट ऑफ 1976 जिसको कि हम मिनी कॉन्स्टिट्यूशन के नाम से जानते हैं इस अमेंडमेंट को इस संशोधन को इसने किया क्या था अमेंट करके अमेंडमेंट का मतलब होता है कोई चेंज करना कोई चीज ऐड करना हटाना या फिर उसको रिप्लेस करना तो हमने यहां पे ऐड किया था इंटीग्रिटी सोशलिस्ट और सेकुलर तीन वर्ड को आप इसको सिस से याद कर सकते हो फिर आईएसएस से याद कर सकते हो जैसा आपका मन हो लेकिन याद रटना है इसको सोशलिस्ट सेकुलर और इंटीग्रिटी ये तीन वर्ड्स आपको रटे हुए होने चाहिए तो ये तीन वर्ड जोड़े गए थे इस पर्टिकुलर 42 अमेंडमेंट से फिर कुछ केसेस है जो एसोसिएटेड है प्रिंबल से पहला केस हुआ था बेरू बारी यूनियन केस 1960 में जिसमें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह बोला था कि प्रिंबल इज नॉट अ पार्ट ऑफ कांस्टिट्यूशन यहां पर मैं लिखवा दूंगा लिखा नहीं है ठीक है प्रिंबल इज नॉट अ पार्ट ऑफ कांस्टिट्यूशन जो प्रस्तावना है वो संविधान का हिस्सा नहीं है नॉट अ पार्ट ऑफ कांस्टिट्यूशन हेंस इट कैन नॉट बी अमेंडेड इट कैन नॉट बी अमेंडेड इसीलिए इसमें अमेंडमेंट नहीं हो सकता है केशव नंदा भारती केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपना इंस्टेंस एकदम चेंज कर दिया एकदम बदल दिया उसने बोला यस प्रिंबल इज यस अकॉर्डिंग टू अब क्वेश्चन का मतलब है कि उसने यहां पर जब बात आई कि क्या प्रिंबल कांस्टिट्यूशन का पार्ट है या नहीं है और क्या उसको अमेंडमेंट किया जा सकता है उसमें या फिर नहीं तो बेरुबारी ने बोला नहीं केबीसी ने निकेशन न द भारतीय केस जो 1973 में बोला उसने बोला यस इट कैन बी तो फिर क्या सही माना जाएगा यह सही माना जाएगा क्यों क्योंकि यहां पर ज्यादा जजेस की बेंच थी ना यानी यहां प 13 जजेस थे और 13 अगर आपको कोई सुप्रीम कोर्ट अपने ही जो कोई भी उसने कोई भी मान लेते हैं डिग्री ऑर्डर पास किया उसको रिवर्स कर सकता है लेकिन तभी कर सकता है जब ज्यादा जजेस की बेंच हो गई तो इसने रिवर्स कर दिया और बोला यस इट इज अ पार्ट ऑफ कांस्टिट्यूशन एंड हेंस इट कैन बी अमेंडेड उसमें संशोधन किया जा सकता है और इस सेम चीज को कंफर्म किया एलआईसी केस में एलआईसी वर्सेस यूनन ऑफ इंडिया केस में उसने बोला यस कि प्रिंबल इज अ पार्ट ऑफ कांस्टिट्यूशन एंड हेस इट कैन बी अमेंट इसीलिए फिर ये अमेंडमेंट हुआ 4 से अमेंडमेंट प्रिंबल खत्म अभी आते हैं शेड्यूल्स में अनुसूचियों में तो अनुसूचियों की अगर बात करें तो ये है क्या अनुसू क्या शेड्यूल्स हैं क्या तो देखो हमारे कांस्टिट्यूशन जब हमारा बना बनके तैयार हुआ तो उसमें अगर हम आर्टिकल्स की बात करें अनुच्छेदों की बात करें तो 395 आर्टिकल्स थे और कितने पार्ट्स में कांस्टीट्यूशन डिवाइडेड था तो यह 22 भागों में डिवाइडेड था और इसमें अनुसूचियां थी आठ ठीक है और अभी अगर बात करें कितने पार्ट्स हैं तो अभी करंट में 25 पार्ट्स हैं कांस्टीट्यूशन के और शेड्यूल्स की अगर बात करें तो 12 यानी कि 12 अनुसूचियां है आर्टिकल चेंज होते रहते हैं तो आपको याद रखने की जरूरत नहीं है अभी तो मोर दन 440 आर्टिकल्स है आई थिंक 448 आर्टिकल्स हैं अभी करंट में अगर बात करें ठीक है तो पार्ट्स 25 है एंड शेड्यूल्स 12 है तो जो भी चीज आर्टिकल में कंटेन नहीं है वो चीज यहां पे आपके शेड्यूल्स में लिखी हुई है 12 शेड्यूल्स है जब कांस्टिट्यूशन बना था तब आठ शेड्यूल यानी आठ अनुसूचियां थी और अभी 12 अनुसूचियां है एक-एक करके हम देखेंगे इनको याद रखने की ट्रिक ये होती है टियर्स ऑफ ओल्ड पीएम जिनको नहीं पता टी ई ए आर एस टियर्स यानी आंसू ऑफ ओल्ड बूढ़ा पीएम प्राइम मिनिस्टर ठीक है तो टीयर्स ऑफ ओल्ड पीएम ऐसे याद करना है हमें ठीक है टियर ऑफ ओल्ड पीएम तो हमने पहला लेटर ले लिया और उससे बना ली ट्रिक टी से क्या है टेरिटरीज एक्सपेंशन एक्सपेंशन होगा या फ एक्सपेंशन फर एक्सटेंशन बोल सकते हैं एंड जूरिडिक्शन तो पहला जो शेड्यूल है उसमें यह लिखा हुआ है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के नाम और उनका जूरिडिक्शन या उनका क्षेत्र अधिकार कितना है सिंपल इसमें क्या लिखा हुआ है नेम्स एंड टेरिटोरियल जूरिस क्शन ऑफ स्टेट्स एंड यूटी सिंपल सेकंड टीयर्स ई एमोल्यूमेंट एमोल्यूमेंट का मतलब होता है भत्ता कि कितना अलाउंस मिल रहा है तो किसकिस का अलाउंस लिखा हुआ है इसमें तो इसमें प्रेसिडेंट हो गया प्रेसिडेंट के अलावा गवर्नर हो गया स्पीकर एंड डिप्टी स्पीकर ऑफ लोकसभा स्पीकर एंड डेप्युटी स्पीकर ऑफ लोकसभा एंड लेजिसलेटिव असेंबली चेयरमैन एंड डेप्युटी चेयरमैन ऑफ लेजिस्लेटिव सॉरी चेयरमैन एंड टी च चेयरमैन ऑ राज्यसभा एंड लेजिसलेटिव काउंसिल ठीक है चेयरमैन कौन होता है हमें पता है जो राज्यसभा का चेयरमैन होता है वो कोई और नहीं बल्कि हमारा वाइस प्रेसिडेंट ही होता है ठीक है चेयरमैन एंड डेप्युटी चेयरमैन ऑफ राज्यसभा ये सब के बारे में मेंशन है कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल का भी यहां पे मेंशन है यहां पे सुप्रीम कोर्ट एंड हाई कोर्ट के जजेस का भी एमोल्यूमेंट मेंशन है वही अगर हम एफर्मेशन ओथ की बात करें तो किसकी मेंशन है प्रेसिडेंट गवर्नर इन सबकी मेंशन नहीं है इसमें ओथ वगैरह किसकी मेंशन है ओथ मेंशन है यहां पे जो हमारे पार्लियामेंट जैसे अभी जो ओथ शपथ ग्रहण हुआ है तो इन सब की जो ओथ वगैरह वो सब मेंशन है यहां पे जो हमारे न्यूली इलेक्टेड मेंबर ऑफ पार्लियामेंट होते हैं न्यूली इलेक्टेड मेंबर ऑफ लेजिस्लेटिव असेंबली होते हैं एमपीज एमएलएस इनकी मिनिस्टर्स की ओथ यहां पे लिखी हुई है प्लस यहां पे कैग कंट्रोलर ऑडिटर जनरल भी है प्लस सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जो जजेस हैं उनका भी एफर्मेशन एंड ओथ यहां पे मेंशन है क्या सर यह हमें याद करना है जो आपने बताया अगर यह शेड्यूल्स आपको याद है तभी आप उस चीज को याद करिएगा नहीं तो पहले शेड्यूल्स पे फोकस करिए रेयर ही है कि ये इस तरह से क्वेश्चन आता है कि एमोल मेंट किस-किस का मेंशन है जो यहां पे मैंने आपको बताया अफर मेंे जो अभी मैंने बताया प्रेसिडेंट थर्ड शेड्यूल में आपका प्रेसिडेंट नहीं है गवर्नर नहीं है स्पीकर चेयरमैन ये सब कोई नहीं है कौन है जो न्यूली इलेक्टेड मेंबर ऑफ पार्लियामेंट है लेस मेंबर ऑफ लेजिस्लेटिव असेंबली हैं और जो आपके मिनिस्टर्स हो गए और आपके कैग हो गया और आपका सुप्रीम कोर्ट एंड हाई कोर्ट के जजेस हो गए ये आपको तभी याद करना है जब बाकी सारी चीजें याद हैं क्योंकि बहुत कम ही क्वेश्चन पूछता है इससे राज्यसभा में सीटों का आवंटन दिया है फोर शेड्यूल में यानी कि किस स्टेट से कितनी सीट राज्यसभा को निकलेंगी जैसे सिक्किम से मात्र एक सीट निकलती है यूपी से सबसे ज्यादा 31 31 सीट निकलती है यूपी से चाहे लोकसभा चाहे राज्यसभा सबसे ज्यादा सीट जाती है ठीक है तो ये आपको ध्यान रखना है कि राज्यसभा में सीटों का आवंटन शेड्यूल्ड एरियाज यहां पर दिए हुए तो काफी सारे स्टेट्स है जहां पर प्रेसिडेंट के पास ये पावर होती है कि वो किसी भी एरिया को जहां पर शेड्यूल ट्राइब रह रही हो एसटी पॉपुलेशन ज्यादा हो तो उनके इंटरेस्ट को कंजर्व करने के लिए प्रेसिडेंट फ्रॉम द एडवाइस ऑफ गवर्नर वो किसी एरिया को शेड्यूल्ड एरिया डिक्लेयर कर सकता है जहां पर उनको यह पावर आ जाती है कि भाई आप वहां पर ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल आप सेट अप कर सकते हैं और यहां यह होते हैं जो शेड्यूल सिक्स में य अदर शेड्यूल्ड एरियाज या फिर इनको हम ट्राइबल एरियाज के नाम से जानते हैं ट्राइबल एरियाज और ध्यान रखिएगा शेड्यूल्ड एरियाज अगर हम बात करें अभी टोटल 10 भारत में राज्य हैं जिनके पास शेड्यूल्ड एरियाज है यह भी फैक्ट उतना ज्यादा इंपॉर्टेंट नहीं है क्योंकि उतना ज्यादा अभी तक इस पर क्वेश्चन नहीं बने ठीक है कितने स्टेट्स हैं 10 स्टेट्स है यहां पे आपके और वही अगर बात करें ट्राइबल एरियाज तो ये चार राज्यों में असम त्रिपुरा मिजोरम एंड मेघालय यह बहुत इंपॉर्टेंट है किस टर्म्स में इसमें कौन-कौन से स्टेट्स हैं तो याद कैसे रखना है याद रखना है हमें एटीएम मनी से एटीएम मनी असम त्रिपुरा मिजोरम एंड मेघालय लेकिन पता है ऑप्शन में क्या देगा वोह आपको पक्का 100% अगर इस पे क्वेश्चन आया तो मणिपुर ऑप्शन में देगा क्योंकि दो दो एम है तो आपको लगेगा मणिपुर भी तो ध्यान रखना इस एटीएम में मनी नहीं है बस ठीक तो ट्राइबल एरियाज के पास पावर होती है कि यहां पे था कि ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल सेट अप कर सकते हैं यहां पे ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल सेटअप की जाएंगे ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल इनके पास इतनी पावर होती है यहां पे कि यहां पे कोई भी पार्लियामेंट या फिर स्टेट लेजिसलेच्योर यह भी बहुत इंपॉर्टेंट है इसमें क्या दिया हुआ है तो इसमें तीन लिस्ट दी हुई है यूनियन स्टेट एंड कॉन्करेंट संघ राज्य और समवर्ती सूची यूनियन लिस्ट में वो सब्जेक्ट्स हैं जिसमें कि हमारा पार्लियामेंट लॉ बना सकता है देश के संसद कानून बना सकती है स्टेट लिस्ट में वो सब्जेक्ट है जिसमें कि राज्य का विधानमंडल यानी स्टेट लेजिसलेच्योर दोनों ही लॉ बना सकता है लेकिन अगर दोनों ने बना दिया तो यूनियन का प्रीवेल करेगा यानी कि पार्लियामेंट ने जो लॉ बनाया वो प्रीवेल करेगा वो ऊपर रहेगा यानी कि कॉन्करेंट में अपर हैंड होता है पार्लियामेंट के पास इसमें कौन-कौन से सब्जेक्ट हैं तो इसमें यह मत सोचना यह पांच सब्जेक्ट हैं 100 प्लस सब्जेक्ट्स हैं ध्यान रखिएगा लेकिन हमें सब तो रटने नहीं है बेसिक सेंस पकड़ के चलना है कि यूनियन लिस्ट में वो जो बहुत इंपॉर्टेंट सब्जेक्ट है वो होंगे जिनका लेना देना पूरे देश से है एक सर्टेन पार्ट से नहीं तो डिफेंस बैंकिंग करेंसी फॉरेन अफेयर्स कम्युनिकेशन यूनिन लिस्ट में आते हैं स्टेट में अगर बात करें पुलिस ट्रेड एग्रीकल्चर इरिगेशन हेल्थ एंड सैनिटेशन यह सब आपका स्टेट लिस्ट में आता है जो छोटे-छोटे मैटर्स है ठीक है पुलिस स्टेट एग्रीकल्चर इरिगेशन हेल्थ बस एक ही यूटी हमारा दिल्ली का अगर हम बात करें तो दिल्ली का जो पुलिस है वो सेंटर के हाथ में है और वो इसका रीजन य है क्योंकि दिल्ली हमारी कैपिटल है कंट्री की तो उसमें थोड़ा ज्यादा इंपॉर्टेंट हो जाता है सिक्योरिटी कॉन्करेंट लिस्ट की बात करें तो एजुकेशन फॉरेस्ट ट्रेट मैरिज एडॉप्शन सक्सेशन वेट्स एंड मेजर्स यह सारी चीजें आती हैं ठीक है और याद कैसे रख लेंगे कि जैसे जैसे मैरिज वगैरह है डाइवोर्स हो गया ठीक है डाइवोर्स हो गया तो यह सब क्योंकि मैरिज किसी के बस की बात तो इसलिए इसको बीच में डाल दिया एंड इसी में आपका ट्रेड यूनियन भी आ जाएगा ठीक है इसी में ही आपका ट्रेड यूनियन अगर पूछ ले तो ट्रेड यूनियन इसी में आ जाएगा और अगर बात करें बेटिंग एंड गैंबलिंग तो ये स्टेट लिस्ट में आ जाएगा बेटिंग एंड गैंबलिंग ये जो आपका फॉरेस्ट और जो है ना ये फॉरेस्ट एजुकेशन ये पहले स्टेट लिस्ट में आते थे देन 42 अमेंडमेंट ने उठा के या स्टेट लिस्ट है इसको कॉन्करेंट लिस्ट में डाल दिया सबसे ज्यादा सब्जेक्ट इसमें है देन इसमें एंड देन सबसे कम स्टेट लिस्ट में सब्जेक्ट है क्लियर अभी आते हैं एथ शेड्यूल में आठवी अनुसूची में जिसमें कि दी हुई है क्या ऑफिशियल लैंग्वेजेस यानी कि आधिकारिक भाषाएं दी हुई है ओरिजनली 14 दी हुई थी यानी कि जब कांस्टिट्यूशन बना था और अभी 22 है यानी 22 है यानी आठ लैंग्वेजेस ऐड हुई है कौन-कौन सी ऐड हुई है 21 अमेंडमेंट से सिंधी ऐड हुई है 71 अमेंडमेंट से कनकनी मणिपुरी और नेपाली कनकनी आपको पता है हमने अभी जोग्राफी पढ़ा था तो कनकन कोस्ट किसको बोला था महाराष्ट्र और गोवा तो यह सदन महाराष्ट्र गोवा में जो लैंग्वेज बोली जाती कोन कनी मणिपुर में मणिपुर मणिपुरी और नेपाली नेपाल का जो एरिया वहां पे तो कौन कररी मणिपुरी और नेपाली यह आपका 74 अमेंडमेंट से जोड़ा गया 92 अमेंडमेंट से जोड़ा गया बोडो डोगरी मैथली और संथाली कैसे याद कर सकते हैं ठीक है बी डी एस एम ठीक है ऐसे करके याद कर सकते इसको के एम एन है ना के एम एन आसानी से याद हो जाएगा बी डी एस एम ठीक है 96 अमेंडमेंट ने क्या किया था ओडिया को जोड़ा नहीं था एक्चुअल में ठीक है तो ध्यान रखना पहले इसका बस नाम चेंज किया इसने होता था आपका ये ओडिया और फिर हो गया अभी ओडिया तो बस नाम चेंज किया तो आप देख सकते हैं एक दो तीन चर पा 6 सा आ टोटल आठ लैंग्वेज अच्छा कभी कभी पूछ लेता है इसमें से कौन सी लैंग्वेज है कौन सी नहीं है तो एक जो ऑप्शन जो देता है वह भोजपुरी देता है तो भैया भोजपुरी नहीं है ठीक है तो आपका भोजपुरी नहीं है चलो भैया इसको राजा जी को बंद करते हैं आगे बढ़ते हैं लैंड रिफॉर्म्स ठीक है नाइ शेड्यूल है ये आपका तो लैंड रिफॉर्म्स में क्या दिया हुआ है तो एक्चुअल में फर्स्ट कंट अब देखो आठ शेड्यूल्स थे जब कांस्टीट्यूशन बना था और अभी टोटल कितने हैं 12 हैं तो यानी चार ऐड हुए हैं नाइंथ 10th 11थ एंड 12थ तो नाइंथ ऐड हुआ है फर्स्ट अमेंडमेंट से पहले यही याद करना है आपको कि किस अमेंडमेंट से ऐड हुआ है बहुत इंपॉर्टेंट है ये तो ये फर्स्ट से ये 52 से ये 73 अमेंडमेंट से और ये 74th अमेंडमेंट से ये बहुत इंपॉर्टेंट है ठीक है अब है क्या तो इसमें लैंड रिफॉर्म्स एक्चुअली जब अ हमारा देश आजाद हुआ था तो कुछ जमीदार के पास बहुत पार्ट ऑफ लैंड था और कुछ लोगों के पास एकदम लैंड नहीं थी जो पेजन क्लास था ठीक है बिकॉज ये ये सिस्टम मुगल्स के टाइम से चलता चलाया तो ब्रिटिशर्स ने इसको खूब अच्छे से डेवलप किया जिसकी वजह से कुछ लोगों के पास बहुत ज्यादा जमीन और कुछ लोगों के पास बिल्कुल नहीं तो इसी वजह से यहां पे एक लैंड सीलिंग लेके आई है गवर्नमेंट कि भाई कोई भी एक सर्टेन पार्ट के बियोंड लैंड होल्ड नहीं कर सकता है तो ही है लैंड रिफॉर्म्स और इसमें इसने ये बोला था कि हम कोई भी चीज डाल देंगे किसने बोला अ मतलब पार्लियामेंट ने बोला कि कोई भी हम इसमें एक्ट जो डालेगा वो इट विल बी बियोंड जुडिशल रि यानी कि जुडिशरी जो है जो न न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती उसमें यानी कि न्यायालय समीक्षा नहीं कर सकता है उसमें रिव्यू नहीं कर सकता है कि भाई सही है गलत है उसमें अपना जजमेंट पास नहीं कर सकता है यानी कि उसको पूरी तरह से इम्युनिटी मिल जाएगी हमारा एक केस हुआ था ध्यान रखिएगा एंड वो केस था आईआर कोएलो केस इस पर्टिकुलर केस में सुप्रीम कोर्ट ने यह बोला कि याद करो आई आर कोएलो केस 2007 में तो सुप्रीम कोर्ट ने यह बोला याद करो केबीसी केस में 1973 में सुप्रीम कोर्ट ने बोला था जो कि 13 जजेस बेंच थी कि बेसिक स्ट्रक्चर नाम की कोई चीज होती है और कोई भी चीज अगर बेसिक स्ट्रक्चर को डिस्ट्रॉय करेगा तो उस परे जुडिशियस रिव्यू हो सकता है नयक समीक्षा हो सकती है तो यानी कि जो जुडिशियस रिव्यू है वो बेसिक फीचर है हमारे कॉन्स्टिट्यूशन का अपने आप में तो उसको लिया नहीं जा सकता यानी कि लैंड जो नाइ शेड्यूल में अगर कोई भी चीज अगर डालेगा चाहे पार्लियामेंट चाहे स्टेट लेजिसलेच्योर कोएलो केस में बोला गया जिसको कि हम फेमस नाइंथ शेड्यूल केस के नाम से जानते हैं बेसिक स्ट्रक्चर क्या होता है मैं इन शॉर्ट समझा देता हूं तो बेसिक स्ट्रक्चर जो है ये कहीं पर भी कांस्टिट्यूशन में संविधान में नहीं है कहीं नहीं लिखा हुआ संविधान में यह केबीसी दैट इज केशन ऑन द भारतीय केस 1973 में जो हुआ था उसमें निकल के आया था ये बेसिक स्ट्रक्चर कि ये उसमें वो वो चीजें हैं जिसमें कि पार्लियामेंट एक तरह से अभी हम देखेंगे जब फंडामेंटल आइटम को पढ़ाऊंगा तो वहां पे देखेंगे ठीक है अभी के लिए स्किप करो डिफेक्शन लॉ के अगर बात करें तो ये 10 शेड्यूल में है जिसको 52 अमेंडमेंट से ऐड किया गया था इसको हम दलबदल विरोधी कानून के नाम से जानते हैं जब कोई एमपी या फिर एमएलए पार्टी छोड़ के जाते हैं इधर से उधर तो उसमें उनके खिलाफ डिफेक्शन लगता है अगेन पार्लियामेंट वाले चैप्टर में वहां पर देखेंगे कि दल बदल वाला कानून लगता है जिसके तहत उनको डिसक्वालीफाई कर दिया जाता है और ये पावर होती है जो भी लोकसभा का स्पीकर या फिर लेजिसलेटिव असेंबली का जो स्पीकर होता है उसके पास देन जो 11 शेड्यूल है इसमें दिया हुआ पंचायत के बारे में और इसको ऐड किया गया था 73 अमेंडमेंट और इसमें टोटल कितने फंक्शनल आइटम्स हैं तो 29 फंक्शनल आइटम्स हैं और 12 में नगरपालिका ने मुसिपालिटी के बारे में दिया हुआ है और इसमें कितने 18 फंक्शनल आइटम्स हैं एंड वंस अ लेजेंड सेड दैट नगरपालिका को गड्ढे भरने चाहिए है ना चलो तो स्टार्ट करते हैं अभी सोर्सेस ऑफ कॉन्स्टिट्यूशन संविधान के श्रोत तो यहां पर हमारे शेड्यूल्स भी खत्म होते हैं ठीक है और आई थिंक यहां तक को कोई डाउट नहीं होगा आगे बढ़ते हैं अगर डाउट है तो कमेंट सेक्शन में लिख सकते हैं वैसे तो होना नहीं चाहिए स्टार्ट करते हैं संविधान के श्रोत यानी कौन सी चीज हमने कहां से ली कॉन्स्टिट्यूशन में तो सबसे पहले आते हैं गवर्नमेंट ऑफ इंडिया 1935 पे क्यों सबसे पहले क्योंकि सबसे ज्यादा जो इन्फ्लुएंस रहा हमारी कॉन्स्टिट्यूशन में फिर सबसे ज्यादा चीजें हमने बरो करी अपने संविधान में वो गवर्नमेंट ऑफ इंडि 1935 से करी ठीक है जैसे कि इमरजेंसी प्रोविजंस सुप्रीम कोर्ट का एस्टेब्लिशमेंट पब्लिक सर्विस कमीशन ऑफिस ऑफ गवर्नर फेडरल स्कीम यह हमने गवर्नमेंट ऑफ इंक्ट 1935 से लिया और एक चीज याद रखिएगा कि कुछ इमरजेंसी के प्रोविजन जैसे सस्पेंशन ऑफ फंडामेंटल राइट्स ड्यूरिंग द नेशनल इमरजेंसी यानी कि राष्ट्रीय आपातकाल के समय जो हमारे फंडामेंटल राइट्स मौलिक अधिकार जो सस्पेंड हो जाते हैं वो हमने जर्मनी का जो वेमार कॉन्स्टिट्यूशन है वहां से ली है चीजें ठीक है आगे बढ़ते हैं अभी यूके से हमने क्या-क्या चीजें ली तो पार्लियामेंट्री फॉर्म ऑफ गवर्नमेंट दैट इज जो संसदीय प्रणाली है पार्लियामेंट्री प्रिविलेजेस यानी कि जो सांसद लोग होते हैं और संसद एज अ हो और सांसदों की एज एन इंडिविजुअल जो कुछ प्रिविलेजेस होती हैं जो स्पेशल इनको कुछ राइट्स मिले हुए हैं वो यहां से लिए है सिंगल सिटीजनशिप एनी एकल नागरिकता यानी कि अभी समझेंगे हम अगले लेक्चर में ठीक है जितना समझ में आया तो ठीक है नहीं आगे समझ में आ जाएगा आपको रूल ऑफ लॉ की अगर बात करें यानी कि कानून का नियम होगा ये हमने यूके से लिया है जो हमरे प्रेरोगेटिव रिट्स है परमा अधिकारी रिट हैं जो हमारे फंडामेंटल राइट्स के सस्पेंशन के टाइम प काम आती है हम देखेंगे मौलिक अधिकार वाले चैप्टर में वो हमने यूके से ली है फिर यूएसए से बात करें तो यूएसए से बात करें क्या लिया और एक चीज हां ये लेजिस्लेटिव प्रोसीजर यानी कि जिस तरह से हमारा कोई भी लॉ बनता है उसको लेजिस्लेटिव प्रोसीजर बोलते हैं वो भी हमने यूके से लिया बिकॉज़ अगर पार्लियामेंट्री फॉर्म ऑफ़ गवर्नमेंट लिया तो ओबवियस बात है लेजिस्लेटिव प्रोसीजर तो लिया ही होगा बिकॉज़ लेजिसलेटिव प्रोसीजर का मतलब है लॉ कैसे बनता है और लॉ कैसे बनता है हमें पता है पार्लियामेंट से जब पास होती है पार्लियामेंट मतलब लोकसभा राज्यसभा और प्रेसिडेंट ठीक है और बाई कैमरल जो लेजिसलेच्योर सेंटर में भी और स्टेट में भी हमें पता है कि सेंटर में लोकसभा है और राज्यसभा है तो इसको हम बाय कैमर लेजिसलेच्योर सधन है इसी तरह हमारे कुछ राज्य हैं सारे नहीं कुछ हैं कितने स्टेट्स हैं जरा बताइए कमेंट में जहां पे आपको बाय कैमरा लेजिसलेच्योर प्रिंबल अभी देखा सेपरेशन ऑफ पावर यानी कि शक्तियों का बंटवारा सुप्रीमेसी ऑफ कांस्टिट्यूशन और ध्यान रखना इंडिया में स्ट्रिक्ट सेपरेशन ऑफ पावर नहीं है सेपरेशन ऑफ पावर तो है लेकिन यूएसए जैसा स्ट्रिक्ट सेपरेशन ऑफ पावर नहीं है ठीक है सेपरेशन ऑफ पावर का मतलब होता है लेजिस्लेटर यानी विधानमंडल एग्जीक्यूटिव यानी कि आपका जो कार्यपालिका होती है और जुडिशरी यानी कि न्यायपालिका इनके बीच में सेपरेशन तो है लेकिन स्ट्रिक्ट सेपरेशन नहीं है अब ज्यादा डीप पे इस में नहीं जा रहे हैं सुप्रीमेसी ऑफ कांस्टिट्यूशन है यहां पे ठीक है यानी कि संविधान सुप्रीम है इंडिपेंडेंस ऑफ जुडिशरी न्यायपालिका की स्वतंत्रता और न्यायिक समीक्षा जुडिशल ये दोनों चीज ली है इक्वल प्रोटेक्शन ऑफ लॉज यानी कि सबके समान कानूनों का जो समान संरक्षण होगा यानी कानूनों का समान संरक्षण इलेक्शन ऑफ द हेड ऑफ द स्टेट यानी जो हेड ऑफ द स्टेट होता है यूएसए में प्रेसिडेंट होता है हमारे यहां भी प्रेसिडेंट होता है लेकिन इनके यहां डायरेक्टली इलेक्टेड होता है हमारे यहां इनडायरेक्टली इलेक्टेड होता है राष्ट्रपति का जो महाभियोग है दैट इज इंपीच मेंट ऑफ प्रेसिडेंट यानी कि राष्ट्रपति को हटाने की प्रक्रिया को इंपीच मेंट बोलते हैं प्रेसिडेंट वाले चैप्टर में देखेंगे और इनकी जो पोस्ट है प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट की जो पोस्ट है ये भी हमने यूएसए से ली है और फाइनेंशियल इमरजेंसी ध्यान रखना फाइनेंशियल इमरजेंसी यहां से नहीं फाइनेंशियल इमरजेंसी हमने ली है जर्मनी के कांस्टीट्यूशन से ठीक है अभी आते हैं कनाडा से तो कनाडा से हमने फेडरेलिज्म लिया है यानी कि जिसको संघवाद बोलते हैं अब देखो फेडरेलिज्म आपको यहां यहां पे भी देखने को मिलेगा फेडरल स्कीम यहां पे बट यहां पर जो फेडरलिस्ट म है दैट इज फेडरेशन विद अ स्ट्रांग सेंटर क्या है फेडरेशन विद अ स्ट्रांग सेंटर इसका मतलब यह है कि हमारे यहां पे जो फेडरेशन है फेडरेशन का मतलब होता है संघवाद जिसमें कि सेंटर और स्टेट्स एज जो हमारी डिफरेंट यूनिट्स हमें पता है भारत में एक ही सेंटर है और बहुत सारे राज्य कितने 28 राज्य हैं तो इनके बीच में जो शक्तियों का बंटवारा है जो डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ पावर है उसको फेडरेशन बोलते हैं लेकिन हमें पता है हमारे राज्य में हमारे देश में सेंटर यानी केंद्र के पास ज्यादा पावर है ठीक है किसके पास ज्यादा पावर है केंद्र के पास ज्यादा पावर है सेंटर के पास ज्यादा शक्तियां है जिसकी वजह से इसको हम फेडरेशन विथ स्ट्रंग सेंटर बोलते हैं और यह सेम चीज कनाडा में भी चलती है सेंटर अपॉइंट्स गवर्नर ऑफ द स्टेट यानी कि जो ऑफिस ऑफ गवर्नर भी ऊपर देखा था गवर्नमेंट ऑफ इंडि 1935 से लिया लेकिन जो सेंटर यानी जो केंद्र नियुक्ति करता है राज्यपालों की राज्यों में वो चीज हमने कनाडा से ली है एंड रेसिड पावर रेस्ट विद द सेंट तो अभी हमने देखा था यूनियन लिस्ट स्टेट लिस्ट और कॉन्करेंट लिस्ट मान लेते हैं कोई एक ऐसा सब्जेक्ट निकल के आ जाता है जो तीनों लिस्ट में ना हो तो उसको हम बोलते हैं रेसिड लिस्ट और वो रेसिड जो पावर होता है उसपे लॉ बनाने का जो पावर होता है वो सेंटर के पास होता है तो फेडरेशन विद अ स्ट्रांग सेंटर सेंटर अपॉइंट्स द गवर्नर रेज डवरी पावर विद द सेंटर सी से सेंटर और सी से कनाडा एंड एडवाइजरी जुशन ऑफ सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के जो न न्यायिक क्या बोल सकते हैं इसको एडवाइजरी नहीं न्यायिक जो क्षेत्राधिकार है वो भी कनाडा से हमने लिया है ये हम देखेंगे सुप्रीम कोर्ट का आर्टिकल नंबर 143 है जो इसको य पावर देता है प्रेसिडेंट एडवाइज लेने जाता है सुप्रीम कोर्ट के पास हम सुप्रीम कोर्ट वाले लेक्चर में देखेंगे ऑस्ट्रेलिया से हमने क्या लिया बड़ा आसान है याद करना एस से सिटिंग हो जाएगा सिटिंग का है ये है जॉइंट सिटिंग यानी संयुक्त बैठक पढ़ेंगे आगे लोकसभा और राज्यसभा की जो संयुक्त बैठक होती है आज तक तीन बार हुई है तो एस से सिटिंग हो जाएगा टी आर ए से ट्रेड एंड कॉमर्स हो जाएगा और एल से हो जाएगा लिस्ट एल से हो जाएगा लिस्ट कौन सी लिस्ट कॉन्करेंट लिस्ट तो समवर्ती सूची ली है ऑस्ट्रेलिया से एंड डिवीजन ऑफ पावर बिटवीन द सेंटर स्टेट ये उतना इंपॉर्टेंट नहीं है आप इसको स्किप कर सकते हो ठीक है एक्चुअल में जो हमने सेपरेशन ऑफ पावर लिया वो यूएसए से लिया आयरलैंड से बड़ा आसान है आर ईडी निकाल लो इसे आयरलैंड का आर ईडी रेड निकाल लो आर से हो जाएगा राज्यसभा यानी नॉमिनेशन ऑफ मेंबर्स इन राज्यसभा हमको पता है कि प्रेसिडेंट यानी राष्ट्रपति 12 सदस्यों को नामित करता है राज्यसभा में 12 मेंबर्स को नॉमिनेट करता है राज्यसभा में वो लिया है ठीक है ई और ध्यान रखना इलेक्शन नहीं लिया है इलेक्शन टू राज्यसभा नहीं लिया है राज्यसभा में जब हम पढ़ेंगे तो वहां देखेंगे 250 मैक्सिमम मेंबर हो सकते हैं जिसमें 238 टू 38 इलेक्टेड होते हैं 12 नॉमिनेटेड यानी नामित होते हैं अब इनमें से जो नॉमिनेशन है वाली प्रक्रिया वो तो हमने एयरलाइन से लिए लेकिन जो इलेक्टेड होते हैं ये हमने लिया है साउथ अफ्रीका के कॉन्स्टिट्यूशन से दक्षिण अफ्रीका के संविधान से साउथ अफ्रीका कांस्टिट्यूशन से हमने क्या-क्या लिया है एक चीज तो ली है आपकी इलेक्शन ऑफ मेंबर्स इलेक्शन इन राज्यसभा जो होता है वो लिया है हमने जो कि हमारा अपर हाउस है और साउथ अफ्रीका से ही हमने प्रोसीजर ऑफ अमेंडमेंट लिया है यानी जो हमाने संविधान का संशोधन का जो पूरा प्रक्रिया िया है वह हमने यहीं से लिया है साउथ अफ्रीका कंस्टीटूशन से क्लियर जर्मनी से हमने क्या लिया जहां का वेमार कांस्टिट्यूशन है एक तो प्रेसिडेंट की पावर ड्यूरिंग इमरजेंसी सस्पेंशन ऑफ फंडामेंटल राइट ड्यूरिंग इमरजेंसी और जो हमारी फाइनेंशियल इमरजेंसी वित्तीय आपातकाल व हमने जर्मनी का जो वेमार कांस्टिट्यूशन है वहां से ली है रशिया यानी यूएसएसआर जो अवा यूएसएसआर है उससे हमने क्या लिया है तो उसे हमने फंडामेंटल ड्यूटीज मौलिक करत लिए आइडियल ऑफ जस्टिस सोशल एंड क्या लिखा हुआ यहां पे आइडियल ऑफ जस्टिस यहां से लिए ठीक है आइडियल ऑफ जस्टिस कौन क्या-क्या है आइडियल ऑफ जस्टिस तो ये है सोशल अभी हमने देखा था इकोनॉमिकल एंड पॉलिटिकल ठीक है तो ये जो आइडियल है तीन तरह के ये हमने लिए यूएसएसआर कांस्टिट्यूशन से एंड फाइव ईयर प्लान हम देख चुके हैं इकोनॉमिक्स में यह भी हमने यूएसएसआर से ही बोरो किए थे फ्रांस से अगर बात करें तो यहां हमने लिबर्टी इक्वलिटी फ्रेटरनिटी जो अभी हमने देखा था प्रिंबल में उसके कंसेप्ट बरो किए हैं एंड रिपब्लिक भी बरो किया लिबर्टी इक्वलिटी फ्रेटरनिटी और रिपब्लिक सिस्टम यानी कि जहां पे हेड इलेक्टेड होगा एंड जापान से हमने प्रोसी एस्टेब्लिश बाय लॉ यानी कि विधि के विधि के द्वारा स्थापित जो प्रक्रिया है वो हमने लिया है यानी कि विधि के द्वारा जो स्थापित प्रक्रिया है कि कोई भी बिल को अगर एक्ट बनना है देन उसको लॉ बनना है तो पहले लोकसभा से देन राज्यसभा से जरूरी नहीं पहले लोकसभा लोकसभा राज्यसभा दोनों से देन पास होना चाहिए देन उसको प्रेसिडेंट की एेंट मिलनी चाहिए सहमति मिलनी चाहिए इसी को बोलते हैं प्रोसीजर एस्टेब्लिश बाय लॉ ये हमने जापान से लिया खत्म हो गया लेक्चर ठीक तो आई होप यह लेक्चर काफी थोड़ा सा बड़ा हो गया क्योंकि काफी सारी चीजें देखिए प्रिंबल शेड्यूल सोर्स तो थोड़ी बड़ी तो चीजें थी तो इस वजह से सारी चीजें कवर करने में थोड़ा सा टाइम लग गया कोई नहीं यहां पर आपने टाइम पास नहीं किया ठीक है अने कुछ अच्छी चीजें सीखी है बाकी किसी कोई डाउट वगैरह है तो आप कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं बाकी मिलते हैं अगले लेक्चर में इस पर्टिकुलर लेक्चर का माइंड में आपको जो पीडीएफ है वो आपको मिल जाएगा परमार एसएससी टेलीग्राम प और आई होप सभी लोग क्विज भी अटेंप्ट कर रहे होंगे जो क्विज ग्रुप है जिसका लिंक डिस्क्रिप्शन में दिया हुआ है वीडियो पसंद आती है तो जो करना है वो करो ठीक धन्यवाद