C प्रोग्रामिंग का परिचय और महत्व

Aug 8, 2024

पहला लेक्चर: C प्रोग्रामिंग परिचय

परिचय

  • शिक्षक: 16 साल का अनुभव, प्रोग्रामिंग एक्सपर्ट (C, C++, Java, Python)
  • लक्ष्य: प्रोग्रामिंग बेसिक्स से शुरू करना
  • धैर्य की आवश्यकता: तीन दिन के लिए बेसिक से शुरू करेंगे, जिससे foundational concepts बन सकें।

प्रोग्रामिंग की आवश्यकता

  • हमेशा कोई न कोई प्रोग्राम: ATM मशीन, Google Map, वाशिंग मशीन, आदि।
  • मशीन की भाषा: मशीन सिर्फ 0 और 1 समझती है (बाइनरी भाषा)।
  • कंप्यूटर: डम्ब डिवाइस, केवल दिए गए इंस्ट्रक्शन को फॉलो करता है।

प्रोग्राम और कंपाइलर

  • प्रोग्राम: सेट ऑफ इंस्ट्रक्शन, लिखे गए प्रोग्रामिंग भाषा में।
  • कंपाइलर: अनुवादक, प्रोग्राम को मशीन लैंग्वेज (0 और 1) में परिवर्तित करता है।

लाइब्रेरी और हेडर फाइल्स

  • लाइब्रेरी: पहले से बने हुए कोड का संग्रह, जैसे प्रिंटफ फंक्शन।
  • हेडर फाइल: लाइब्रेरी के फंक्शंस की जानकारी स्टोर करती है।

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज़ का महत्व

  • सिंटेक्स: प्रोग्रामिंग भाषा के नियम, जैसे इंग्लिश भाषा में ग्रामर।
  • इंटरफेस: प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की हेडर फाइल्स जो इन-बिल्ट फंक्शंस प्रदान करती हैं।
  • प्रिंटफ फंक्शन: प्रोग्राम में आउटपुट दिखाने के लिए यूज़ किया जाता है।

वेरिएबल्स

  • वेरिएबल: डेटा को स्टोर करने के लिए कंटेनर्स, समय के साथ बदल सकते हैं।
  • इंडेंटिटी: वेरिएबल के नाम से मेमोरी लोकेशन पहचानी जाती है।
  • टाइप: हर वेरिएबल का एक प्रकार होता है, उसी प्रकार का डेटा स्टोर कर सकते हैं।

यूजर और प्रोग्रामर

  • यूजर: जो पहले से बने हुए प्रोग्राम्स को यूज़ करता है।
  • प्रोग्रामर: जो प्रोग्राम्स को लिखता है।

प्लेटफॉर्म इंडिपेंडेंस

  • विंडोज और लिनक्स: अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर प्रोग्राम्स को रन करना।
  • .exe और .out फाइल्स: विंडोज और लिनक्स के लिए अलग-अलग रनएबल फाइल्स।

सारांश

  • प्रोग्रामिंग की बेसिक्स: प्रोग्राम, कंपाइलर, लाइब्रेरी, वेरिएबल्स आदि की परिचय।
  • सीखने की प्रक्रिया: धीरे-धीरे बेसिक्स से एडवांस टॉपिक्स की ओर बढ़ेंगे।
  • अगला टॉपिक: Data Types और Cyclic Property