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क्लास 10 इतिहास: राष्ट्रीय आंदोलन

हेलो हेलो एवरीवन आज हम पढ़ने वाले हैं क्लास 10th हिस्ट्री चैप्टर नंबर सेंड जिसका नाम नेशनल एंथम इन इंडिया तो सबसे पहले हम यह समझते हैं कि नेशनल टीम इंडिया का मतलब क्या होता है तो नेशनल का मतलब होता है अपने देश के प्रति प्यार और आसान भाषा में कह सकते तो आखिर हमारे देश के लोगों के बीच में देशभक्ति की भावना पैदा हुई और इस फीलिंग को नियुक्तियां चलिए जानते हैं [संगीत] कि हमारे चैप्टर की शुरुआत होती है 90 यह सब्सक्राइब तो आप उसमें लड़ाई लड़ने लगती थीं और दूसरी तरफ सेंट्रल पावर पावर में रूस ब्रिटेन और अमेरिका जापान और सेंट्रल पावर में जर्मनी और अंपायर थे तो यह दोनों में लड़ाई लड़ रही थी और इसी के नाम से लड़ाई लड़ रहा था हमारी नहीं था लेकिन उस समय था वह हमारे ऊपर कब्जा बनाए हुए यानि कि उस समय पर हम ब्रिटिश कॉलोनी थे ब्रिटिशर्स फॉर थे और ब्रिटिश कॉलोनी थे इसलिए हमारी पड़ रहा था अब पड़ रहा था चलिए जानते हैं इंपेक्ट ऑफ फर्स्ट वर्ल्ड वॉर ऑल इंडिया पहला की जो ब्रिटिश राज से लड़ रहे थे जिस वजह से वह अपना डिफेंस एक्सपेंडिचर बढ़ा रहे थे और उसके लिए पैसों की जरूरत थी तो इसके लिए ब्रिटिश गवर्नमेंट थी वह कस्टम ड्यूटी और इनकम टैक्स बढ़ाने के कारण महंगाई बढ़ती जा रही थी हर वस्तु की कीमत लगभग पूरी हो चुकी थी जिसके कारण बहुत परेशान थे ब्रिटिश गवर्नमेंट इन लोगों को सब्सक्राइब लोगों को सबस्क्राइब थी वह भी हमारा साथ नहीं दे रही थी 90 की जो फसलें थी वह बरसात न होने के कारण खराब हो जाती है और में कमी हो जाती है इस वजह से लोगों के मरने और साथ में यही वह समय था जब में महामारी फैल रही थी जिसका नाम था जिससे सारे लोग मर जाते हैं दोस्तों 1921 केसेस के साथ यह बताया जाता है कि इंडिया के लगभग 13 नियुक्ति और इस मार्ग के लोगों को लग रहा था कि समस्या खत्म होने के साथ ही खत्म हो लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब स्कूल में को जरूरत है कि युद्ध की समस्याओं को खत्म कर तो फाइनली जनवरी 1954 में की कि महात्मा गांधी गांधी जी साउथ अफ्रीका इंडिया और आइडिया लेकर आते हैं जिसका नाम था जो भी हम प्रेम बिना किसी सब्सक्राइब पर चलकर शांतिपूर्ण तरीके से गांधी जी ने साउथ अफ्रीका में 106 सब्सक्राइब करें फोन किया था जो कि साउथ अफ्रीका के रेजिडेंट सिस्टम के खिलाफ गांधी जी का आंदोलन सफल रहा था और उनके इस नए आइडिया की वजह से उन्हें साउथ अफ्रीका में खूब पॉपुलैरिटी मिली थी और फिर जयपुर इंडिया आए तो उन्होंने भारत में भी तीन अलग-अलग जगहों पर सत्याग्रह आंदोलन स्टार्ट ढूंढ तो भारत के अंदर गांधी जी ने सबसे पहला सत्याग्रह आंदोलन 1917 में स्टार्ट किया था जो किधर चंपारण बिहार में तो यह लांच किया गया था इंडिगो फेमस के लिए उस समय पर क्या हो रहा था कि जो ब्रिटिश राज से विन्फॉर्म्स को फोर्स करते थे इंडिगो की फसल उगाने के लिए यानि कि नील की फसल उगाने के लिए और जहां तक यह जाती थी वह जमीन बंजर हो जाती है इससे किसानों को भी मतलब किसानों की जमीन भी खराब हो रही थी ऊपर से पैसे भी मिल रहे थे तो सब्सक्राइब तो यहां पर हम क्या करेंगे इस पर करते हैं और करें और सब्सक्राइब है तो यहां पर सक्सेस मिलने के बाद 1972 में गांधी जी जाते हैं गुजरात के खेड़ा डिस्टिक वहां पर वह देखते हैं यहां पर खराब होंगे इस था कि उनकी फसलें खराब हो गई थी और नाम की बीमारी फैल रही थी वहां पर जिस वजह से किसान थे गवर्नमेंट टो सपोर्ट करते हैं और दूसरा करें और डिमांड करते हैं दूसरा सब्सक्राइब किसान अधिक हो जाता है इस नोट में गांधी जी ने उनको बहुत ही कम मिलते हैं उनको बहुत कम पैसा मिलता तो सब्सक्राइब चीजों के दाम बढ़ रहे थे इसलिए जो थोड़ा ज्यादा बिजली की डिमांड कर रहे थे कि कोट अपना तीसरा सत्याग्रह आंदोलन लांच करते हैं और मांग करते उनकी बिजनेस बढ़ाने के लिए तो यह मुमेंट भी सक्सेसफुल रहता है तो गांधी लगातार तीन बड़े सत्याग्रह आंदोलन करते हैं देश के अलग-अलग हिस्सों में अश्लील रहते हैं जो आंदोलन के अलग-अलग जगहों पर सबस्क्राइब सब्सक्राइब कर दिया जिसका नाम था 1995 किया गया था यह सब्सक्राइब सब्सक्राइब करें तो उसको दो साल की जेल में डाल दिया बिना किसी मतलब कोई मौका नहीं दिया जाएगा करने के लिए नियुक्त कि किस लोक को ब्लैक लॉबी बोला जाता है और ब्रिटिश गवर्नमेंट जिस किसी पर भी होता था उसको सीरियल में डाल देती थी 2 साल की चाहे कोई आम नागरिकों को [संगीत] सब्सक्राइब जरुर [संगीत] सब्सक्राइब मतलब स्कूल गेम्स में सब्सक्राइब करें लिए नियुक्त इस मूवमेंट की शुरुआत करते गांधी कहते हैं कि युवा पूरे देश के अंदर हड़ताल शांतिपूर्ण तरीके से यह पूरा 6 अप्रेल को हड़ताल करने लगता है इस हड़ताल के चलते रेलवे वर्कशॉप को बंद कर दिया जाता है पर चले जाते हैं कि युति हो पंकज को ब्रिटिश राज से वो डर जाते हैं उन्हें डर था कि कहीं यह लोग कम्युनिकेशन लाइन को खराब न करें इससे बचने के लिए ब्रिटिश गवर्नमेंट थी वह पॉलिटिकल लीडर्स को पकड़ना शुरू कर दी अमृतसर के सारे पॉलिटिकल लीडर्स को जेल में डाल दिया जाता है और गांधी को दिल्ली जाने से रोक दिया लेकिन दस अप्रैल को जो है वह अमृतसर में शांतिपूर्ण जुलूस पर बहुत गुस्सा आता है और वहां पर पोस्ट ऑफिस पर रेलवे स्टेशन पर हमला करने [संगीत] के बाद अब जो पॉवर थी और उस समय पर मिलिट्री की कमान थी जनरल डायर के पास होता था बहुत सारे लोग इस में लगा हुआ था है तो ज्यादातर लोग पैसा जी का मेला मनाने के लिए आए थे यह लोग इनोसेंट लेने नहीं पता था कि मार्शल नाम को लॉक लगा हुआ है तो यह सारे लोग चैन से पैसा जी का मेला मना रहे थे पर इस बार में कुछ लोग ऐसे भी थे जो प्रोटेस्ट कर रहे थे तो यह सब पता चला कि में बहुत सारे लोगों के साथ आता है और के सारे दरवाजे बंद कर दिए और लोगों पर अंधाधुंध गोलियां जिस वजह से बहुत से लोगों की जान चली को जलियां वाला बाग में ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया बहुत सारे लोग सड़कों पर आ जाते 48 होने लगती है जनता और पुलिस के बीच में क्लास होने लगते हैं लोगों पर हमला कर देते हैं मतलब गवर्नमेंट होती है इतनी शक्ति को दबाना शुरू करते हैं उन पर पड़ जाती है आधुनिक रावण कराया जाता है उन्हें सैल्यूट करने के लिए फोर्स किया जाता है लोगों को मारे जाते हैं कई सारे गांव के ऊपर बम गिराया गांधी कभी नहीं चाहते थे बॉयज कि यह सब गांधी जी को बहुत बुरा लगता है और सत्य को बंद करा और अपना आंदोलन वापस ले अब यहां पर गांधी जी को लगता है कि अंग्रेजों से लड़ने और बड़ा आंदोलन करने की जरूरत है और इसके लिए हिंदू और मुस्लिम जरूरी है अगर हिंदू और मुस्लिम और हिंदू और मुस्लिम एक हो गए थे इंडिपेंडेंस फ्रॉम थे ब्रिटिश मुस्लिम सब्सक्राइब करें तो यह था कि आप तो लड़ रहे थे वह समय पर टंकी का जो राजा था वह तक एलिफेंट जिसे हिंदी में बोला जाता है खलीफा यह जो राजा था वह इस्लामिक हेड माना जाता और जितने भी मुस्लिम से उनकी बहुत ही ज्यादा रिस्पेक्ट करते थे तो होता क्या है कि वह मैटर की हार जाता है और प्रिंटिंग जीत जाता है अब जनता में एक अफवाह फैलने लगती है कि जो ब्रिटेन है वह टर्की के राजा की ऊपर यानी कि खलीफा के ऊपर एक स्टैंड पोस्ट करने वाला मतलब ऐसा कानून लाने वाला है जो कि युद्ध इंडियन मुस्लिम से उनको बहुत बुरा लग रहा था कि युवक उनके ऊपर सब्सक्राइब [संगीत] सब्सक्राइब और मुस्लिम की दुश्मनी हो गई थी ब्रिटिश हो गई थी तो यहां पर हमारा दुश्मन तो गांधी जी तो यह लगती है कि हिंदू और मुस्लिम को एक करने के लिए तो होता है कि मार्च 2019 में मुंबई के अंदर एक कमेटी बनाई जाती है जिसका नाम था यह मुस्लिम लीडर्स के द्वारा थे जिनका नाम मोहम्मद अली और यह दोनों को सबस्क्राइब मतलब बड़ी तादात में कर सकते हैं नहीं कर सकते हैं बिल्कुल कर सकते हैं अगर यह दोनों मिल गई तो आंदोलन बहुत बड़ी स्क्रीन पर और अपने पति को सबस्क्राइब तो फाइनली 90 कोलकाता के अंदर सब्सक्राइब कर लेते हैं कांग्रेस लीडर्स सब्सक्राइब और नया आंदोलन शुरू करने का विचार करते हैं जिसका नाम था 99 क्वेश्चन मोमेंट यानि कि असहयोग आंदोलन अब सवाल यह उठता है कि गांधी जी non-cooperation मूवमेंट शुरू करना चाहते थे non-cooperation गांधी जी ने गांधी जी ने 90 हिंद स्वराज में बताया था कि ब्रिटिश इंडिया में उन लोगों ने उनके साथ कॉर्पोरेट किया था कि उनका सहयोग किया था और अगर इंडिया के लोग ब्रिटिश के साथ कॉर्पोरेट करना बंद कर दें तो एक साल के अंदर ही ब्रिटिश रूल खत्म हो और हमारे देश के लोगों को मिल जाए इसलिए गांधी चाहते थे इंडियन प्रैक्टिशनर्स के साथ गांधी जी मुस्लिम लीडर्स के साथ मिलकर non-cooperation मूवमेंट स्टार्ट करना चाहते थे non-cooperation मूवमेंट के लिए गांधी जी कहते कहते हैं कि सबसे पहले तो गवर्नमेंट के टाइटल से उनको सरेंडर करना होगा दूसरी चीज कि ब्रिटिश गवर्नमेंट सर्विस उनको कूटकर झाल जैसे कि सिविल सर्विस आर्मी स्कूल स्पोर्ट्स लेजिस्लेटिव कॉउंसिल स्कूल एंड फॉरेन गुड्स इन सब कुछ करना पड़ेगा ना सब्सक्राइब करें और इस सर्विस के लिए काम करें गांधी कहते हैं कि अगर हमारे आंदोलन के खिलाफ अश्लील दबाने का प्रयास करती तो सब्सक्राइब की गर्मियों के दौरान दोनों ही निकल पड़ते हैं कि अलग-अलग जगहों पर प्रचार-प्रसार करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को नौकरी पर जा सके ताकि मूवमेंट बड़ी स्क्रीन पर हो सके पर इंडियन नेशनल कांग्रेस को सपोर्ट नहीं कर रही थी क्यों नहीं कर रही थी तो इसके कुछ कारण गांधी चाहते थे कि ब्रिटिश सब्सक्राइब कर देना लेकिन कांग्रेस ने नवंबर में होने वाले इलेक्शंस कोट करना नहीं चाहती थी कि वह सोच रहे थे कि अगर हम इलेक्शन जीत गए तो हमारे पास कुछ पावर आ जाए गवर्नमेंट और कुछ चेंजेस कर सकेंगे ब्रिटिश पॉलिसी इसके अंदर दूसरा कांग्रेस को यह डर था कि non-cooperation मूवमेंट वास क्रीटेड इन दोनों अभियुक्त आंदोलन को सपोर्ट नहीं कर रहे थे लेकिन नागपुर में कांग्रेस का होता है जिसमें कांग्रेस अघ्यक्ष लिए तैयार कर लेती मतलब आंदोलन पर नियुक्त मुस्लिम सपोर्ट भी मिल गया था और कांग्रेस का मतलब सब्सक्राइब करने तो फाइनली जनवरी 09 ऑपरेशन मूवमेंट कर दिया तो चलिए देखते हैं कि कैसे इस आंदोलन के अंदर क्या-क्या जाता है तो सबसे पहले हम देखते हैं दम मूवमेंट इन थे टाउन मतलब डांस यानी कि शहरों में या आंदोलन किस तरीके से होता तो टाउन के अंदर सबसे ज्यादा पार्टिसिपेट किया था मिडिल क्लास लोगों को टाउन में होता तो इस मूवमेंट के चलते में रहने वाले हजारों बच्चों ने गवर्नमेंट स्कूल्स कॉलेजेस को छोड़ दिया रिजाइन कर दिया इस नियुक्ति से बंद कर दिया पॉलीटिकल पार्टी ने Bigg Boss को लेकर सब्सक्राइब कर दिया गया मतलब लोगों को लेकर में जाने से रोक दिया गया और पॉइंट्स को [संगीत] सबस्क्राइब कि लुट मतलब जो कपड़े 90 के बीच में उनका आधी मात्रा में होने लगता है कि खोज मरचेंट्स और ट्रेडर्स होते हैं वह फॉरेन गुड्स को खरीदना और बेचना बंद कर देते हैं जिस वजह से इंडियन टैक्सटाइल मिल्स और हैंडलूम्स का प्रोडक्शन बढ़ जाता है यानि कि काफी मात्रा में स्वदेशी कपड़ों का बनना शुरू हो जाता है और जो इंडियन लॉ थे वह पॉइंट्स को छोड़कर इंडियन प्लॉट्स यानी कि खादी कपड़ों को पहनना शुरू करते थे तो दोस्तों यहां तक आपको लग रहा होगा कि यह जो non-cooperation मूवमेंट है वह शहरों के अंदर बहुत अच्छे से चल रहा है लेकिन ऑप्शन जैसा नहीं था धीरे-धीरे क्या होता है कि जो non-cooperation मूवमेंट था कुछ शहरों के अंदर धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगता है यानि कि रोड उन्हें लगता है अब सिलेंडर क्यों होने लगता है तो इसके पीछे कारण है पहला कारण था कि जो इंडियन क्लॉक थे यानी कि जो खादी क्लॉथस थे वह बहुत महंगे थे क्योंकि उन्हें हाथों से बनाया जाता था इसलिए जो गरीब लोग उन्हें मजबूरीवश फॉरेन प्लेयर्स को खरीदना पड़ रहा था क्योंकि वो सकते थे क्योंकि वह मशीन से बंधी दूसरा कारण था कि इंडियन इंस्टिट्यूशंस की कमी थी मतलब इंडिया कि उनके कोई स्कूल्स एंड कॉलेजेस नहीं थे ब्रिटिशर्स के थे तो उस समय पर कोई भी अल्टरनेटिव नहीं था जिस वजह से सारे स्टूडेंट्स और टीचर्स ने मजबूरी में आकर फिर से गवर्नमेंट स्कूल्स कॉलेजेस को ज्वाइन करना शुरू कर सिमिलरली थे उनके पास कोई और ऑप्शन नहीं था इस वजह से भी मजबूरी में गवर्नमेंट कर लेते हैं तो यह था वह धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगा लगा रे कंट्री कंट्री साइड में ग्रामीण इलाकों में यह इस तरीके से चल रहा था तो ग्रामीण इलाकों में किसानों और दूसरा ट्राईबल पापुलेशन यानी कि लोग तो सबसे पहले हम देखेंगे उनके लिए नियुक्त कि सब्सक्राइब नियुक्त बड़े परेशान हैं तो अब क्यों अरे शांति क्योंकि वह काफी ज्यादा रैंच करते थे किसानों से और भिगोकर भी कराते थे मतलब कि किसानों का काम भी कराते थे और उसका उन्हें कोई पैसा भी नहीं देते थे यह समस्या केवल अवध की नहीं थी बल्कि पूरी की थी लेकिन इसलिए की बात करते हैं वह डिमांड करते किसी के लिए दूसरा को खत्म कर दिया और दूसरा पहलू से उनका सोशल सब्सक्राइब [संगीत] नियुक्त किया तो subscribe से उनके फैंस की डिमांड नियुक्त स्टार्ट करते करते हैं यह मतलब जितने भी से लौटे थे उनको बेसिक सर्विसेज बंद कर दें कि युद्ध टॉर्च बंद कर देते हैं और जो बहुत समय तक उनके कपड़े धोने बंद कर दें मतलब स्कोर है उन्हें देना बंद कर देते हैं जैसे कि आपको नियुद्ध लुट अभियुक्त का नाम था पंडित जवाहरलाल नेहरु पंडित जवाहर लाल नेहरू और रामचंद्र यह दोनों मिलकर किसान सभा जिसका नाम था अवध किसान सभा की नियुक्ति में बनाई गई थी इतनी अच्छी साबित हुई 1 महीने में आसपास के किसानों का आंदोलन चल रहा था वह धीरे-धीरे सब्सक्राइब को लूट लेते हैं इसको कट कर लेते हैं और क्वेश्चन मतलब कोई भी कुछ भी कर रहा है आप मुझे कह रहा था कि हम तो गांधी जी के कहने पर कर रहा है तो देखा आपने धीरे-धीरे जो मूवमेंट फॉर बॉयज होने लगा था इस वजह से गांधी जी को सब्सक्राइब करें यहां पर यह लगता है अब हम देखते हैं कि किस तरीके से चलता तो आंध्र प्रदेश में जगह के नाम से क्या होता है कि वह जो पापुलेशन थी मतलब कि जो लोग परेशान क्यों परेशान थे कि ब्रिटिश ने उनकी फॉरेस्ट एरिया कर दिए थे मतलब जंगलों में जाने से रोक दिया और आप तो जानते हैं कि ट्राईबल पापुलेशन होती है पर कितनी रहती है होने चाहिए फ्रूट एंड वेजिटेबल चाहिए को चलाने के लिए जगह चाहिए और यह तो मिलता है वह बहुत ज्यादा क्योंकि वीडियो में अपना अधिकार समझते थे कि उन्हें लग रहा था कि ब्रिटिश शासन से उनका अधिकार छिन रहे ऊपर छूने बेगारी कराने के लिए भी प्रेरित किया जाता था मतलब बिना पैसों के काम कराने के लिए फोर्स किया जाता था इस वजह से जो ट्राईबल पापुलेशन थी उन्हें ब्रिटिश राज के ऊपर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था तो इनकी मदद के लिए एक व्यक्तित्व के आते हैं जिनका नाम था अल्लूरी सीताराम राजू क्लेम कर देगी स्पेशल पॉवर से प्रिडिक्शन करने के आने की भविष्यवाणी करने और कैदी की गोली भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती थी जिसे सब्सक्राइब कपड़े पहनने चाहिए शराब नहीं पीना चाहिए गांधी जी बिल्कुल अगर आप तो नहीं बल्कि युवा सीरवी सीरवी 90 से स्टार्ट करते हैं जिसका नाम था वो मैं इसमें यह लोग क्या करते हैं नाटक करते हैं पुलिस स्टेशन पर कई सारे ब्रिटिश ऑफिसर को मारने लगते हैं लेकिन अनफॉर्चूनेटली 90 क्या होता है कि जो आलू सीताराम राजू थे पकड़े जाते हैं और उन्हें मार दिया जाता है लेकिन तब तक वे उन लोगों को यह प्लांट होता कि बहुत सारे लोग प्लांटेशन वर्क किया हुआ था कि नाम तय हुआ था जिसके मुताबिक प्लांटेशन वर्क विदाउट परमीशन के को छोड़कर नहीं जा सकता लेकिन जब को पता चला कि गांधी को स्टार्ट किया तो वर्कर्स को छोड़कर भागने लगे लेकिन जब अपने घरों की तरफ जा रहे होते हैं तब रास्ते में पकड़ लेती है और यह बहुत ही बुरी तरह से मारा जाता है तो दोस्तों अभी तक हमने अलग-अलग जगहों के मूवमेंट के बारे में देखा हमने सिटीज के मूवमेंट को देखा गांव के मूवमेंट को देखा ट्राइबल और प्लांटेशन बॉक्स के मूवमेंट को देखा तो यहां पर हम क्या देखने को मिला कि लोग गांधी जी के non-cooperation मूवमेंट को अलग-अलग तरीके से इंटरप्रेट कर रहे थे सब लोग अलग-अलग तरह से सोच रहे थे सबके लिए स्वराज का मतलब अलग था और हम यह भी देखा कि धीरे-धीरे यह मूवमेंट बॉईल होने लगा था यानि कि हिंसा करने लगा था इसी दौरान 1992 में क्या होता है chauri-chaura इंसीडेंट होता है चौरी चौरा एक जगह गोरखपुर डिस्टिक तो यह क्या होता है कि बहुत सारे लोग यहां पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे यानी कि डिमोस्ट्रेशन कर रहे थे मार्केट के अंदर तो वहां की लोकल पुलिस के ऊपर अटैच कर देती है यानि कि उन पर लाठी चार्ज से लोगों को पुलिस पर गुस्सा पुलिस स्टेशन में आग लगा दी पुलिस यह सब को लेकर गांधीजी को और बुरा लगता है और non-cooperation मूवमेंट को विदड्रॉ कर लेते हैं यानी कि बंद करा देते तो यहां पर जो non-cooperation मूवमेंट था वह खत्म हो जाता है थर्ड टॉपिक अवॉइडेंस मूवमेंट non-cooperation मूवमेंट के खत्म होने के बाद जो यह समझ में आ जाता कि कोई भी पोस्ट करने से पहले लोगों को प्रॉब्लम होना जरूरी लोगों को यह पता होना चाहिए कि किस तरीके से करने का मकसद ताकि लोग पहले की तरह गलत तरीके से इंटरनेट दोस्तों क्या होता है कि कांग्रेस के लिए तो यह लगता है कि करने की वजह इलेक्शन में पार्टिसिपेट करना चाहिए सब्सक्राइब तो इसके लिए तो लीडर्स जिनका नाम था और मोती लाल नेहरू पार्टी बनाते हैं जिसका नाम था लेकिन दोस्तों जवाहरलाल नेहरू थे आज सुभाष चंद्र बोस से पुष्प पार्ट्स पीढ़ी नहीं करते वह कहते हैं कि अगर लोगों को पूर्ण स्वराज लाना है तो उसके लिए और बढ़ा स्ट्रगल करने की जरूरत है ना कि इलेक्शन लड़ने दोस्तों समय पर इंडिया की सिचुएशन कुछ और सब्सक्राइब कीजिए तथा ग्रेट डिप्रेशन में यह स्टार्ट हुआ था 90 ग्रेट डिप्रेशन की वजह से Bigg Boss डिप्रेशन के चलते सब्सक्राइब दूसरा घ्र घ्र नहीं बेच पा रहे और रस को सब्सक्राइब करें कि चीन में गवर्नमेंट थी जिसका नाम तो टूरिस्ट गवर्नमेंट तो ब्रिटेन की गवर्नमेंट क्या करती है यह कमीशन बनाते 1977 में यानी कि कुछ लोगों का ग्रुप बनाएं इस कमीशन को लीड कर रहे थे वह सर जॉन साइमन कमीशन को क्यों बनाया गया था इसका सब्सक्राइब था इसका सब्सक्राइब के ट्यूशन को रिव्यू करने को चेंजेस को सजेस्ट करना क्योंकि लुट सब्सक्राइब पर कमीशन में प्रॉब्लम मेंबर मेंबर सब्सक्राइब नहीं तो यह लग रही थी कि युवा और इसमें कोई भी प्रॉब्लम तो यह 90 तो बहुत सारे लोग इसका विरोध करते हैं चाहे वह कांग्रेस हो चाहे वह सारे लोग मिलकर कमीशन का विरोध करते हैं धोरों से नारा लगाते हैं वह बैक साइड यानि कि सफेद तुम बापू चलेगा इतना हंगामा देखकर ब्रिटिश गवर्नमेंट को लगा कि कहीं सिचुएशन हाथ से न निकल जाए तो उस समय पर ब्रिटिश गवर्नमेंट का जो 22 रॉय था बोतल लॉर्ड इरविन तो लॉर्ड इरविन सिचुएशन को कंट्रोल करने के लिए हमें दो ऑफर देता है पहला ऑफर देता है इंडिया के डोमिनेशन स्टेटस का मतलब लॉर्ड इरविन कहता है कि आप इंडिया का डोमिनियन स्टेटस ले लो मतलब आप लोग रूल करना आप लोग सब कुछ करना लेकिन इंडिया रहेगा ब्रिटिश है यह में और दूसरा ऑफर देता है कि हम एक राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस करेंगे इसमें इंडिया के फ्यूचर कांस्टीट्यूशन के बारे में डिस्कस करेंगे तो यह दो ऑफर देता है लेकिन जो कांग्रेस हुए इन दोनों तरफ से खुश नहीं थी स्पेशली जो रेडिकल्स यानी कि जो गर्म स्वभाव के व्यक्ति थे कांग्रेस के अंदर जैसे कि जवाहरलाल नेहरू और सुभाषचंद्र बोस यह कहते हुए दिन स्टेटस नहीं चाहिए हम छोटी-मोटी आजादी नहीं चाहिए हमें पूरी चाहिए पूर्ण स्वराज चाहिए मैं इसी बात को इन दिसंबर 1979 में और जब लाहौर में कांग्रेस का रिएक्शन होता है तो वहां पर पंडित जवाहरलाल नेहरू को रिज़ॉल्यूशन पास करते हैं और ऑफिस से लिए डिमांड करते हैं पूर्ण स्वराज की यानि कि फुल इंडिपेंडेंस की और यह ऐलान करते हैं कि हम आने वाली छब्बीस जनवरी उन्नीस सौ तीस को ऐसे इंडिपेंडेंस डे सेलिब्रेट करेंगी और हम आजादी की लड़ाई के लिए शपथ भी लेंगे पर अफसोस इस बात को ज्यादा टेंशन नहीं मिलता है और बहुत कम लोग डे को सेलिब्रेट करते तस्वीर विडमेंट यह सब देखकर गांधी जी को लगा कि पहले लोगों को एकजुट करना जरूरी हो तो इस समय गांधी जी को एक ऐसी चीज है जिससे को नियुक्त किया जा सके तो यह सारी गांधी जी को गांधी जी को लगाकर सोएं का सिंबल बन सकता है लोगों को यह करने के लिए गांधी जी ने अब ऐसा क्या देखा तूने से पावरफुल सिंबल बना दिया कंट्री को यूनाइटेड करने के तो इसमें तीन पॉइंट पहला कि नमक हर कोई सवाल करता चाहे वह अमीर हो चाहे वह गरीबों दूसरा के पहले क्या होता था कि ब्रिटिश गवर्नमेंट थी उन पर काफी टैक्स लें और फोल्ड का प्रोडक्शन केवल ब्रिटिश गवर्नमेंट कर सकती थी नहीं कर सकते थे और ऊपर से तो यह समस्या पूरे देश की थी इसलिए गांधीजी के नमक को यूनाइटेड करने के लिए तो क्या करते हैं लिखते हैं कि युवक के अलग-अलग सब्सक्राइब और यह कहते हैं कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गई तो हम इस विडियो को स्टार्ट कर [संगीत] लेता हूं कि नजरअंदाज कर देता है तो जब गांधीजी की डिमांड नहीं मानी जाती है तो गांधी स्टार्ट करते हैं जिसे कहते हैं तो गांधी जी ने 7828 के साथ निकल पड़ते हैं तो यह चलिए शुरू करते हैं साबरमती आश्रम से दांडी गुजरात यह पूरी यात्रा 240 माइल्स कि गांधीजी और उनके पति 10 माय चैनल सब्सक्राइब और नियुक्त को गांधी जी और पहुंच जाते और वहां पर गांधी जी गैरकानूनी तरीके से नमक और को तोड़ते हैं और यहीं से शुरुआत होती है सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट के लिए ऑपरेशन मूवमेंट का मूवमेंट था और सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट है क्या अंतर है non-cooperation मूवमेंट उसमें सब्सक्राइब नहीं करना है कि वे जो सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट इसका ऑब्जेक्टिव था कि हमें ब्रिटिश राज के साथ कॉर्पोरेट भी नहीं करना है और साथ में हम उनके कानूनों को भी तोड़ना है क्यों कि गांधी जी ने नमक कानून को तोड़कर सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट की शुरुआत कर दी थी तो उन्हें देखकर देश की अलग-अलग जगहों पर भी लोग नमक कानून को तोड़ने लगते लोग पॉइंट्स को बाइकोट करने लगते हैं लेकर चॉप को पिक कर देते हैं और जो पिज़्ज़ा ब्रेड से उस चौकीदारी टैक्स देना बंद कर देते हैं और दोस्तों जब ट्राइबल लोग थे वह फॉरेस्ट लो इसको तोड़ देते हैं मतलब जंगलों में * स्टार्ट कर देते हैं यह सब देखकर ब्रिटिश गवर्नमेंट थोड़ा रहेगी तो ब्रिटिश गवर्नमेंट या क्या करती है एक-एक करके जो पॉलिटिकल लीडर्स थे जो कि आंदोलन कर रहे थे उनको रेस्ट करना शुरू कर देती है इस वजह से बॉईल एंड क्लासेस होने लगते हैं गवर्नमेंट लोगों को गोली मारना शुरु कर देती है देखते ही देखते अप्रैल 1962 में अब्दुल गफ्फार खान जो कि पेशावर में आंदोलन कर रहे थे उनको अरेस्ट कर लिया जाता है और बाद में जाकर महात्मा गांधी जी को भी अरेस्ट कर लिया जाता है यह सब देखकर जनता और भी ज्यादा बढ़ जाती है और काफी ज्यादा बॉईल होने लगता है इंडिया के लगभग एक लाख लोगों को जेल में डाल दिया जाता है यह सब देखकर गांधी जी को बहुत बुरा लगता है गांधी जी बॉयज बिल्कुल नहीं चाहते इसलिए गांधीजी सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट को भी फोल्ड कर देते हैं यानी कि बंद करते थे और पेट साफ होता है यानि कि एक समझोता होता है गांधीजी और लॉर्ड इरविन के बीच जिसे बोला जाता है gandhi-irwin पैक्ट यह हुआ था इस समझौते में होता है कि गांधी जी से बोला जाता है जिसे कहते हैं उनको कांफ्रेंस में पार्टिसिपेट करना होगा तो गांधीजी कहते हैं कि मैं तैयार हूं यह कंडीशन है इन पॉलीटिकल लीडर्स को अरेस्ट करके रखा है उनको रिलीज़ करना तो यह तो यह गांधी गांधी जी को अटेंड अपने के लिए जैसा कि समझौता हुआ था लॉर्ड इरविन के साथ लेकिन अफसोस वहां पर गांधी जी की कोई बात नहीं सुनी जाती है यानि कि गांधी जी तो वह काफी ज्यादा पॉइंट रहते थे और लोगों ने कांग्रेस पार्टी को भी क्लियर कर दिया था मतलब गांधी की गैरमौजूदगी में बहुत अच्छा लगता है कि हमारे साथ धोखा हुआ है और डिसाइड करते हैं फिर से सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट को लांच करें और यह भी लेकिन था मुमेंटम मूवमेंट से उन्हों ने सब्सक्राइब सब्सक्राइब टो व्हाट्सएप यूपी तो इनके साथ क्या था यह जो लोग थे वह कमर्शियल क्रॉप्स ठाट थे मतलब पैसे कमाने के लिए फसलें उगाते थे इकोनामिक डिप्रैशन जाता है तो यह रिप्रेजेंटेटिव वॉइस आफ डिप्रैशन के चलते फसलों के दाम गिर गए थे इसलिए इन खंभों को सब्सक्राइब नहीं कर पा रहे तो गांधी जी ने स्टार्ट किया तो यह लोग काफी ज्यादा करते करते हैं क्योंकि को करवाना था लेकिन इस बात से बहुत बुरा लगता है और सब्सक्राइब होता है वह बंद कर दिया जाता है और रेट भी कम नहीं हुआ था तो जब गांधी जी ने एसिड मूवमेंट को फिर से लांच किया तो इन लोगों ने या फिर से पार्ट्स नहीं किया कि सोच रही थी कि ही नहीं तो क्या करें इससे तो अब हम देखकर पुअर पीजेंट्स के बारे में जान के ऊपर प्रेसिडेंट से निकले जो गरीब किसान थे उन्होंने इस तरीके से पार्टिसिपेट किया और क्योंकि जो पिज़्ज़ा से वह क्या करते थे उनके पास खुद की कमी नहीं थी इसलिए बड़े-बड़े जमींदार थे उनकी जमीन पर खेती करते थे और उनके बदले बॉयज थे इकोनामिक डिप्रैशन था वह कंटिन्यू था इस वजह से Bigg Boss को स्टार्ट करते हैं कि को माफ कर दो उसको लेकिन कांग्रेस को सपोर्ट नहीं कर रही थी क्योंकि जो बड़े-बड़े जमींदार थे नहीं सपोर्ट करेंगे जो बड़े से नाराज हो सब्सक्राइब करें है अब हम देखते हैं कि जो बिजनेस क्लास थी उसने किस तरीके से और क्यों पार्टिसिपेट किया था तो दोस्तों जो बिजनेस क्लास थी जैसे कि जो मर्चेंट से इंडस्ट्री लिस्ट इन कि उस समय पर दो समस्या चल रही थी पहली जो ब्रिटिश गवर्नमेंट थी उसने ऐसी पॉलिसी बना रखी थी सब्सक्राइब मतलब ऐसा कानून बना रखे थे जिससे बिजनेसमैन बिजनेस नहीं कर पा रहे थे कि यह कर सकते नहीं कर सकते हैं तो यह चहिए इसको चाहिए कि बिजनेस एक्टिविटीज को दूसरी समस्या थी कि में सिर्फ सिंपल होता है इस वजह से सब्सक्राइब कीजिए फॉर थे वह सकते हो तो ऐसे ही नहीं इसलिए जो बिजनेस क्लास यह सारे लोग इस बिजनेस क्लास 2 फेडरेशन जिसका नाम था कि इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल कांग्रेस जो कि नौ टीमें बनाई गई थी और दूसरी फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की फांसी की जो कि 1977 में बनाई गई थी और दो बड़े इंडस्ट्रीज के जो कि बिजनेस क्लास को लीड कर रहे थे जिनका नाम था पर उत्तम दास ठाकुर दास बिरला विडियो स्टार्ट किया जाता है तो बिजनेस क्लास थी वह बहुत ज्यादा करते हैं जो बाहर से होता था उसे खरीदना और बेचना बंद कर दे और साथ में यह मूवमेंट को सपोर्ट भी करते हैं मतलब मूवमेंट के लिए पैसे वगैरह चैनल को सब्स्क्राइब नहीं करते हैं गांधी जी के प्रोग्राम को फॉलो करते थे लाइक बटन ए प्रोग्राम इन प्रोग्राम्स को फॉलो करते थे तो उनके लिए उनका मोमेंट यह ताकि उनको जो कम बिजनेस मिलती है वह बढ़ा दी जाएं और वर्किंग कंडीशन से उनको इंप्रूव किया जाए पर दोस्तों जो कांग्रेस थी वहीं को सपोर्ट नहीं करती है क्योंकि मूवमेंट में बड़े-बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट ने भी पार्टिसिपेट किया था तो कांग्रेस यह सोच रही थी कि वर्कर्स को सपोर्ट किया तो कई Industries सपना सपोर्ट आप उस नाले इसलिए कांग्रेस वर्कर्स को सपोर्ट कर ही रही थी अब हम देखिए पार्टिसिपेशन उम्र की महिलाओं ने किस तरीके से पार्ट्स किया था तो मैंने सेट किया था जब गांधी की दांडी मार्च कर रहे थे तो थोड़ा-बहुत थे तो हजारों महिलाएं घर से बाहर आ जाती थी गांधी जी को सुनने के लिए काफी ज्यादा सेट किया था प्रोटेस्ट मार्च फॉर मैन्युफैक्चरिंग में और इन सबके लिए कई सारी महिलाएं काफी ज्यादा रहा था लिमिट्स क्विड इस मूवमेंट अब हम देखते हैं कि सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट में कमी रह गई थी तो दोस्तों ऐसा नहीं था कि सिडल ने पार्टिसिपेट किया बल्कि ऐसे भी थे जिन्होंने इस मूवमेंट में नहीं किया था और दूसरा मुस्लिम्स इन दोनों पार्ट्स नहीं किया था तो सबसे पहले देखते हैं इसके बारे में उन्होंने क्यों नहीं किया था तो इसका था कि दलित ने इसलिए नहीं किया था क्योंकि जो कांग्रेस को सपोर्ट नहीं कर रही थी बल्कि इग्नोर कि कांग्रेस को यह डर था कि अगर उसको सपोर्ट किया तो जो हिंदू हो हिंदू थे उनका पार्टिसिपेशन था इसलिए कांग्रेस को सपोर्ट करके सब्सक्राइब नहीं था इस वजह से कांग्रेस थी उधर तो सपोर्ट नहीं कर रही थी लेकिन दोस्तों भले ही कांग्रेस सपोर्ट नहीं कर रही थी लेकिन दोस्तों जो गांधी जी ते वह पूरा सपोर्ट कर रहे थे दलित लोगों को गांधी जी कहते थे कि दलित हरिवंश यानी कि भगवान की संतान और गांधी कहते थे कि अगर सब्स्क्राइब यानि कि छुआछूत की सोच है उसे नहीं तो हम कभी भी नहीं मिले इसलिए जो दलित लीडर थे सब्सक्राइब की मांग कर रहे थे मतलब एक अलग से की मांग करें कि युद्ध जीते वह भी काफी सपोर्ट करते हैं कि हां चैनल को सब्सक्राइब करें कि युवा ही बनाई थी जिसका नाम सब्सक्राइब में बनाई गई थी लेकिन दोस्तों गांधी-जी गांधी जी गांधीजी को सबस्क्राइब की मांग की है है क्योंकि गांधी जी लोगों को जोड़ना चाहते थे ना कि तोड़ना चाहते थे गांधी जी का मानना यह था कि टिप्स को अगर सेपरेट इलेक्टोरेट्स दे दिया गया तो इससे सोसायटी और डिप्रेशन और प्रेग्नेंट कम होगा तो अपनी बात मनवाने के लिए फास्ट उंटो डेथ स्टार्ट करते हैं मतलब गांधी जी खाना वगैरह कहते हैं कि चाहे लेकिन मैं नहीं करते थे इसलिए शीघ्र मतलब समझोता होता है अंबेडकर और गांधी के बीच में प्रॉमिस करते हैं कि मैं तो पर मैं सबस्क्राइब तब आप देखते होंगे कि Bigg Boss होती है जैसे कि एससी-एसटी तो यह भी रिजर्वेशन मिलता है तो यह के कारण हो पाया अब बात करते मुस्लिम मुस्लिम कम्युनिटी ने विड ऊ क्विक पार्ट्स पर नहीं किया अब क्यों पार्ट्स पर नहीं चाहिए इसके पीछे कारण जैसा कि आप सभी को पता है कि non-cooperation मूवमेंट स्टार्ट हुआ था तब हिंदू और मुस्लिम एक साथ कर रहे थे यूनाइटेड थे लेकिन धीरे-धीरे क्या होता है कि हिंदू और मुस्लिम के बीच टेंशन क्यों लगता है क्योंकि कि इस पर यानि कि धर्म की पर अलग-अलग जैसे कि हिंदुओं के लिए हिंदू महासभा करके और मुस्लिम के लिए था मुस्लिम क्लिक करके तो यह पावर में आने लगे तो इन दोनों का टेंशन काफी बढ़ने लगा था लेकिन यह कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने बनाना चाहिए ताकि ब्रिटिश राज के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सके मुस्लिम कम्युनिटी के थे जिनका नाम था मुहम्मद अली जिन्ना तो यह डिमांड करते हैं कि कांग्रेस नियुक्ति है वह कह रही थी कि सबके लिए इलेक्टोरेट होना चाहिए ना कि अलग से कोई रखो रेट होना चाहिए तो बहुत कन्वेंस करने के बाद मोहम्मद अली जिन्ना तैयार हो जाता है जॉइंट इलेक्टोरेट के लिए ऊपर इनकी कुछ कंडीशन सी जैसे कि वह चाहते थे कि सेंट्रल असेंबली ओं मुस्लिम्स के लिए 130 से ज़्यादा कर दी जाए और बंगाल और पंजाब में जितनी मुस्लिम पापुलेशन है उसी के हिसाब से सीट मिले मगर कांग्रेस ने इन कंडीशन स्कोर नहीं - जिस वजह से कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच में दूरियां बढ़ती गई इसलिए जब 9030 में गांधी जी ने सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट स्टार्ट किया तब मुस्लिम कम्युनिटी ने पार्टिसिपेट ही नहीं किया था लास्ट टॉपिक हमारा द सेंस आफ कलेक्टिव ब्लॉगिंग मतलब इस टॉपिक में हम पढेंगे कि लोगों में सेंस आफ कलेक्टिव लॉगिन एस कैसे आती है मतलब सामूहिक अपने पन का भाव कैसे पैदा होता है तो इसमें पांच पॉइंट है पहला यूनाइटेड स्टेट्स उस समय पर क्या था कि सब लोगों का एक ही मकसद था कि इंडिया को ब्रिटिश शासन से आजाद कराना यानी कि यहां पर सबका एक ही वजन तो सभी लोग मिलकर स्ट्रगल करते हैं जिस वजह लव यू नाइट होने लगते हैं लोगों में यूनिटी की फीलिंग्स आने लगती है दूसरा कल्चरल प्रोसेस दोस्तों लोगों ने अपने देश के कल्चर के साथ लेट करना स्टार्ट कर दिया था बहुत सारी शॉर्ट स्टोरीज फोक सोंग रीजनल लैंग्वेज इन सबके चलते लोग अपने कल्चर के साथ जुड़ने लगते हैं यानी कि अपने कल्चर केसर लेट करने लगते हैं तीसरा फिगर्स एंड इमेजेस 80 जो आर्टिस्ट थे वह कंट्री को रिप्रजेंट करते थे अलग-अलग लोगों के जैसे कि जर्मनी जर्मनी फ्रांस की मेरियन तो इस तरीके से एंट्रीज को रिप्रजेंट किया जाता था अलग-अलग जैसे कि हमने पिछले चैप्टर में भी ठीक उसी प्रकार से श्योर में इंडिया को रिप्रजेंट किया जाता है भारत माता भारत माता की सबसे पहले बनाई थी बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय और भारत माता की शरण में एक गीत लिखा था जिसका नाम था वंदेमातरम सॉन्ग उन्होंने अपनी नोबल आनंदमठ में फॉलो किया था इन फैक्ट जब 1905 में स्वदेशी मूवमेंट चला था तब बढ़-चढ़कर लोगों ने वंदे मातरम सॉन्ग को गया था और बाद में जाकर रविंद्रनाथ टैगोर ने भारत माता की पेंटिंग बनाई जिसमें जो भारत माता थी काम कंपोस्ट और डिवाइन एंड स्पिरिचुअल दिखाई दे रही थी फोर्थ लेग तो फ्लैग की वजह से भी लोगों में सेंस आफ कलेक्टिंग ब्लॉगिंग ने इस जाती है क्योंकि जो लेग होता है वह पूरी कंट्री को रिप्रेजेंट करता है तो हमारे देश के लिए भी अलग-अलग फ्लैग बन गए थे जैसे कि बंगाल में जब स्वदेशी मूवमेंट हुआ तो एक फ्लैग बनाया गया था जिसमें तीन कलर ग्रीन यलो और रेड और इसमें ऊपर की साइड 800 टेस्ट विकेट प्रोविंसेस को दर्शा रहे थे बाद में जाकर 1971 में गांधी जी ने बनाया था जिसमें रेड ग्रीन कलर और बीच में स्पिनिंग व्हील था जो कि फ्लाइट को रिप्रजेंट करता था इंटरप्रिटेशन आफ हिस्ट्री लोगों को समझ में आया कि टाइम में हमारा देश बहुत डेवलपर था हर फील्ड में चाहे वह आर्ट एंड एग्रीकल्चर हो रिलिजन एंड कल्चर और सब कुछ बहुत अच्छा था हमारी टीम बहुत गजब की थी लेकिन जब से यह अंग्रेज आए हैं तब से हमारा परिचय डिक्लाइन होता है यानि कि गिरता चला गया तो अगर हमें बाप से पहले जैसी तरह की चाहिए तो सबसे पहले तो हमें ब्रिटिश रूल से इंडिया को आजादी दिलानी होगी तो इस तरीके से लोगों में अपने पन का भाव आने लगता है और धीरे-धीरे नेकलेस की जो फीलिंग होती है उस पर होने लगती है और बाद में जाकर हमारे देश को आजादी मिल जाती है आई हॉप आपको यह वीडियो पसंद आई होगी अगर आपको यह वीडियो पसंद आई तो आप इस वीडियो को लाइक कर सकते हो और आप इस चैनल को सब्सक्राइब भी कर सकते हो से क्लास टेंथ की वीडियोस आगे देखिए मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में तब तक के लिए टेक केयर बाय-बाय और हां इंस्टाग्राम पर फॉलो कर लेना लिंक डिस्क्रिप्शन में आ