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Basics of Money and Banking

What's up everyone, welcome back to the channel तो आज हम cover करने वाले हैं The Money and Banking बहुत छोटा सा topic है और बहुत ही कम number का आता है बट जितने भी number हैं सब bonus हैं तो आओ जली से cover करते हैं Money and Banking को और अपने macro को ending की तरफ लेके चलते हैं चलिए लेट्स बिगेन चलिए जी शुरू करते हैं हम लोग मनी के साथ तो देखो सबसे विले मनी के अगर मैं बात करूँ ना तो हमारे पास money का चक्कर कहां से आया? वो सब हम यहाँ पे देखने वाले हैं आज आज मज़ा आने वाला है money तो देखो पहले जमाने में तो money होता ही नहीं था पहले एक system होता था जिसको हम क्या बोलते थे? barter system इसको हम बाटर सिस्टम तो बाटर सिस्टम क्या होता था बाटर सिस्टम वाज़ सिस्टम जिसके अंदर गुड्स के बदले में गुड्स बदले जाते थे वहीं पहले पैसा तो होता नहीं था हम बोलते थे कि भाई मुझे जो चाहिए वह आपके पास है जो आपको चाहिए हो मेरे तो बाटर सिस्टम की वज़ा से एकॉनमी प्रॉपर चलती रहती थी बट बाटर सिस्टम में कुछ कमिया थी बाटर सिस्टम में क्या कमिया थी चार में कमिया थी जिन कमियों को पूरा करने के लिए ये पर्टिकलर टर्म फंक्शन में आई जिसे हम money बोलते हैं देखो सबसे पहली कमिया थी वो थी double coincidence of wants इसका मतलब जो मुझे चाहिए वो आपके पास तो है लेकिन जो आपको चाहिए वो मेरे पास नहीं है तो double coincidence of wants नहीं हुआ मेरा coincidence तो हो गया सामने वाले को coincidence नहीं हुआ तो बड़ी problem आती थी goods को exchange करने में goods के बदले में तो एक तो problem ये थी थी डबल कोई चैनल सब्सक्राइब करते थे कई बार चीजों को जैसे फॉर एग्जांपल मैंने आपको का आप आपसे मैं एक किलो राइज ले लूँ उसके बदले मैं आपको एक किलो नमक दे दूँगा ठीक है या नहीं है अब बेसिकली राइज और नमक की तो वाल्यू में फरक होता था न जैसे फ़र एजांपल मैं आपको बोलू फिर से कि आप मेरे से एक किलो राइज ले लेना तो मेजर्मेंट नहीं हो पड़ा था जैसे आजकल लोग क्या करते हैं वेल्थ को स्टोर कर लेते हैं, भाई, future के लिए, पहले ऐसा नहीं होता था, पहले क्या होता था, भाई, किसी ने, for example, टोमाटो स्टोर कर लिये, कि 6 महिने बाद use करूँगा, 6 महिने बाद अलमारी खोली, भाई साब, टोमाटो तो निकला, तो स्टोर भी नहीं होता था, चोटी जीज क्या होती थी, standard of default payments, स्टैंडर्ड ऑफ डेफट पेमेंट्स स्टैंडर्ड ऑफ डेफट पेमेंट्स का क्या मतलब होता है स्टैंडर्ड ऑफ डेफट पेमेंट्स का मतलब होता है लोन वगैरह देना या इंस्टॉलमेंट में पे करना फ्यूचर में पे करना बेसिकली अब किसने करा? money ने पैसे ने कर दिया अब भाई coincidence की जुरती नहीं है मुझे जो लेना है मैं पैसे की terms में measure कर सकता हूँ और उसको सिज़ा सिज़ा जाके खरीच सकता हूँ measure of value हो गया आप किसी भी चीज़ को quantity की terms में pay कर सकते हो store भी कर सकते हो आप पैसे को future के लिए आप उसका किसी से loan भी ले सकते हो तो money ने तो सब sort कर दिया तो money है क्या basically money है हमारे पास money is anything which is generally accepted as a medium of exchange जिसके बदले में हम कुछ भी exchange कर सकते हैं measure of value, store of value, standard of deferred payments next आता है guys the functions of money money कितने functions perform करता है डेफिनेशन में तो लिखे भी थे functions दो functions हैं एक है primary एक है secondary primary function होता है जिसको हम बोलते हैं the most important function of money और secondary होते हैं जो बहुत important नहीं है बट फिर भी होते हैं सबसे वहले primary की बात करें तो medium of exchange medium of exchange का मतलब कि money एक माध्यम है medium का मतलब माध्यम जिसकी मदद से आप कुछ भी चीज एक्सचेंज कर सकते हो, आपका जो मन करे खरीदने का आप खरीद सकते हो with the help of money, measure of value, आप हर चीज की quantity measure कर सकते हो in terms of money, कोई चीज इतने रुपे लीटर है, कोई चीज इतने रुपे किलो है, कोई चीज इतने रुपे गज है, हर quantity को money की terms मतलब होता है future payments, तो आप loan वगेरा ले सकते हो और आराम से pay कर सकते हो future में, किष्टो में with the help of money, store of value आप money को obviously store कर सकते हो, store of wealth possible है, check करो, medium of exchange, money as a medium of exchange means that it can be used to make payments for all the transactions, it means, अब measure of value की बात करें, money works as a common denomination, common denomination का मतलब money की term में सब तोला जा सकता है, उसके बारे में, secondary की बात करें तो standard of deferred payments means money acts as a standard for payment which are to be made in future future में हम pay कर सकते हैं आराम से store of value it can be used to transfer purchasing power from present to future आप अभी इसको save करके अपनी purchasing power future में transfer कर सकते हो मतलब आप future में उसको use कर सकते हो correct अब आता है guys हमारे पास एक topic जिसको हम बोलते है money supply तो what is money supply? money supply basically होता है the total volume of money held by public at a particular point of time यानि एक particular पर जनता के पास जितना भी टोटल पैसा है उसको हम money supply बोलेंगे ठीक है क्या है money supply money supply refers to the total volume of money held by public at a particular point of time अब point of time है तो ये stock हुआ या flow हुआ point of time है तो ये एक stock concept हुआ तो क्या बोलेंगे it is a stock concept that is it is concerned with a particular point of time उसके बाद हमारे बाद आता है कि money में क्या क्या आएगा it includes money held by public only यानि यहाँ पे जो held by public लिखा हुआ है न ये नहीं चाहिए बहीया हमें कि अ इसका क्या मतलब है held by public only?

Public का मतलब है यहाँ पे the money using sector, not money creating sector, यह याद रखना हमें यहाँ पे money using sector लेना है, that is individuals and firms, perfect, तो हम जब money की बात करेंगे, money supply की बात करेंगे, तो the total volume of money which is held by public, public में money using sector लेना है mainly, perfect, सही हो गया, done है जी, अब आता है हमारे बाद एक topic, the majors of, of money supply, अगर हम measures of money supply की बात करते हैं, तो हमारे पास 4 measures होते हैं, यानि यह जो money supply है न, total volume of money यानि जनता के पास जो total पैसा है वो अलग-अलग forms में है, भाई किसी ने bank में रखा हुआ है, अब bank में भी किसी ने demand deposit करा हुआ है, किसी ने saving deposit करा हुआ है, किसी ने fixed deposit करा हुआ है, किसी ने post office में रखा हुआ है, तो अलग-अलग forms में हैं तो money supply को 4 forms M1, M2, M3, M4 आपके syllabus में mainly M1 है, M2, M3, M4 आपको सिर्फ एक reading लगा लेनी है, ठीक है, चलो, अब हम देखते हैं सबसे बहुत है M1 होता क्या है, तो M1 को हम लोग transaction money बोलते हैं, transaction money क्यों बोलते हैं, क्योंकि ये basically होता क्या है, सबसे ज़ादा liquid होता है, इसके अंदर सबसे ज़ादा transactions कर जाती हैं, तो क् M1 सबसे ज़ाधा liquid measure है as all its components are easily used as a medium of exchange सबसे कम liquid होता है M4 मीचे हम जैसे जाते जाएंगे liquidity कम होती चली जाएगी ठीक है जी अब M1 में आता क्या है कैसे याद रखोगे M1 में मैं हमेशा से बोलता हूँ याद कर लो CC DD OD ठीक है या नहीं है CC, DD, OD तो ये हमारे पास M1 आ गया तो M1 में हमारे पास आएगा करें और सिक्के हैं अपने पास तो क्या बोलूंगा इट कंसिस्ट ऑफ पेपर नोट्स एंड कोईंस हेल्ड बाय द पब्लिक करंसी मनी ऑल्सॉट अम्ड आज फिएट मनी करंसी मनी को हम लोग क्या बोलते हैं फिएट मनी बोलते हैं यानि कि जो उसको हम Fiat money बोलते हैं, Fiat money is defined as the money which is under the Fiat or order from the government to act as money, ठीक हो गया, perfect हो गया, it is also termed as legal tender money as it can be legally used to make payments, इसको हम legal tender money भी बोल देते हैं, legal tender money का क्या मतलब है कि इसको हम legally use कर सकते हैं to make payments, CC हो गया, CC के बाद DD, DD कौन है, demand deposits, डिमांड डिपॉजिट्स ऑफ ऑल द कमर्शियल बैंक्स यानी कि कुछ पैसा बैंक में भी तो रखा बाओगा जो आप ऑन डिमांड कभी भी विड्रॉअ करोगे उसको हम डिमांड डिपॉजिट्स बोलते हैं क्या है डिमांड डिपॉजिट्स आट दोस्ट डिपॉजिट् इट मस्ट वी नोटेड डाइट डिमांड डिपॉजिट आट टेकन ऑन नेट बेसिस तट इज इंटर बैंक डिपॉजिट आर एक्सक्लूडेड नेट लेने हैं इंटर बैंक डिपॉजिट नहीं लेने अगर एक बैंक ने दूसरे बैंक में जमा कराएवे हैं तो वह नहीं दीदी ओदी ठीक है जी चालो अब देखो M2 M3 M4 इसका सिर्फ आपको रीड करना है M2 में क्या क्या आता है M1 पूरा ठीक है सिर्फ reading purpose के लिए बता रहा हूँ syllabus में सिर्फ M1 है M1 पूरा plus SD SD का मतलब जो saving deposits है with post office saving banks M3 में क्या क्या आ जाएगा हमारे पास M3 में आ जाएगा M1 पूरा plus TD 1 plus 3D, 3D का मतलब time deposit, यानि कि FD की बात हो रही है, जो fixed time के लिए रखे जाती है, उसके बाद M4 में क्या जाता है, M4 में जाता है, हमारे पास M3, plus total deposit with post office saving banks, so, तो आपको चुका टोटल डिपोजिट पोस्ट ऑफिस विंग बैंक्स और आ गया सही बस सिर्फ इसका आपको फॉर्मुला पता होना चाहिए रीडिंग लगानी है एक डाट इज इट सही है जी परफेक्ट है जी यह होता है हमारे पास बेसिकली सारा का सारा क्या पैक्ट है एम वन सबसे ज्यादा लिक्विड होता है एम थी को हम सबसे ज्यादा यूज करते हैं वाइटली यूज अजर आफ मनी एडिगेट मॉनिटरी रिसोर्स किसको बोलते हैं? M3 को बोलते हैं, क्योंकि M3 में हर प्रकार के डिपोजिट्स कवर हो जाते हैं, देखो सब कुछ आ गया M3 में, M1 पूरा आ गया, इसके बाद M1, M3 को हम लोग क्या बोलते हैं? M1, M2 को हम लोग बोलते हैं Narrow Money, और M3, M4 को हम लोग बोलते हैं Broad Money, ठीक है? High Powered Money क्या है? It is the money produced by, by RBI and government high powered money consists of currency and cash reserves with the bank, वो basically high powered money है, जो किसने produce करी है हमारे पास, RBI ने और government ने, भाई जब हम government की बात करते हैं तो Ministry of Finance की बात करते हैं इसके साथ साथ जो reserves हैं, वो भी हमारे high powered money में आ जाते हैं, तो उपर मैंने fiat money आपको दिखाया, legal tender money दिखाया, high powered money आपको दिखा दिया, इसके बाद money कैसे यह आपको बस एक बार पता होना चाहिए कि जैसे सबसे पहले क्या होता था सबसे पहले बेटा जी commodity money होता था commodity money का मतलब butter system है ना जैसे कि लोग exchange करते थे salt, skin, fur सही है उसके बाद metallic money metallic का मतलब सिक्के आ गए metals के उसके बाद paper money सर सिक्के लोगों ने पिगला पिगला के उसको बेचना शुरू कर दिया था फिर paper money आ गया उसके बाद credit money आ गया है ना, plastic money आ गया, plastic money यानि cards वगैरा आ गया, अभी आजकल e-money, paytm और ये सब आ गया है, तो हमारे पास money इस तरीके से evolve कर रहा है, सही, commodity money से metallic money, metallic से paper, credit, plastic, e-money, ये सब हम देख रहे हैं.

अब हमारे पास आता है, इसको आप ध्यान से देख लो, इसका स्क्रीन शॉट भी ले लो, इसमें से मैंने बहुत सारे आपको दिखा दिया है, बट फिर भी चेक कर लो, Fiat Money, Fiduciary Money, Full Bordered Money, Credit Money, Representative Money, तो सबसे पहले हमारे पास आता है guys, Fiat Money, Fiat Money जो जो मैंने आपको बताई दिया है जो गॉर्मेंट ऑर्डर है फियेट का मतलब क्या होता है ओर्डर याद रखना ठीक है फियेट मतलब ओर्डर इट इस डिफाइंड अज़ द मनी विच अंडर द फियेट और ओर्डर फिडूशरी मनी क्या होता है फिडूशरी मनी वो है जो की एक्चुल में मनी नहीं है लेकिन हम उसको मनी मानते हैं जैसे की चेक्स जितने भी चेक्स होते हैं वो सब फिडूशरी मनी का पार्ट बन जाते हैं क्या लिखा है? फिडूशरी मनी refers to the money backed by trust between the payer and the pay अब पेर और पेर भाई चेक पे लिखा ही तो होता है कि इतना पैसा है तो trust होता है एक seller और buyer के बीच में इस वैसे हम चेक को भी मनी की तरह treat करते हैं फुल बॉडीड नाम में ही है जिसकी face value और उसकी intrinsic value same होती है इसका मतलब क्या है यानि जैसे पहले के time पे होते थे या हम कई बार ऐसा बोलते हैं कि जो 10 रुपे का coin है उसके अंदर जो metal लगावा है ना वो भी 10 का ही है तो यानि कि exactly क्या होता है कि जो उस पे लिखावा amount है वो और जो उसकी actual cost है metal की जो value है वो दोनो same हो पूर्व बॉडीड मनी क्रेडिट मनी क्या होता है क्रेडिट मनी जितने भी नोट होते हैं अब सब्सक्राइब लिखा है यानि उसका जो मनी वैल्यू है वह ज्यादा है क्रेडिट मनी इसके बाद हमारे पास होता है रिप्रेजेंटेटिव मनी क्या होता है कि कोई ऐसा पे� जो किसी money को represent कर रहा है, अब suppose आपने एक जगा से दूसरी जगा कहीं जाना है, ठीक है, अब आपके बास gold है, suppose एक लाख रुपे का, तो आपने क्या करा, उस gold को एक vault में रखा, vault आप मान लो एक तरीके से, कि जैसे photo vault होता है, ना store करने की जगा होती है, आपने इस तरीके से मान लो कि bank के locker में रखा, और bank ने आपको लिख के दे दिया, कि हाँ ठीक है, हमने verify कर लिया, यह एक लाख का gold आपका है, यह आपने हमें, हम आपको एक paper पे एक representation दे देते हैं इसकी, कि ठीक है आपके पास एक लाग की security है, सही है, अब मैं gold carry करके इदर से उदर नहीं जा रहा हूँ, अगर carry करूँगा तो चोरी हो सकता है, मुझे नुकसान हो सकता है, अब कागस के तुकड़े हैं और कोई क्या करेगा, लेकिन वो तो वैल्यू आफ रिपेजेंटेटिव फुलवर्डिट मनी इस मच हाइयर देने इस वैल्यू एज आफ कमोडिटी मतलब कि जो उस पर वैल्यू लिखी हुई है ना वह काफी ज्यादा है एस कंप्यूट टू उसकी खुद की कमोडिटी वैल्यू अब कागर की क्या ही वैल्य बात समझ आ गई तो पाँच चीजें हो गई फियट मनी जो ऑर्डर से होता है फिडूशरी बेसिकली जो हम ट्रस्ट के बेसिस पर एक दूसरे के साथ एक्सचेंज करते हैं फुल बॉडी जिसके उपर जो लिखा है और जो उसका एक्चुल वाल्यू है दोनों सेम है उसके ब वो सिर्फ money का meaning उसके components और money supply और M1 बस इतने तक ही restricted है, ये सारी चीज़ें इसलिए मैं आपको पढ़ा रहा हूँ कि कई बार, अब CBSE है यार, ये important topic है, पूछ सकता है, इसलिए हमने ये लिख लिया, ठीक है, इसलिए के साथ guys हमारा money होता है समाप्त, और अब हम चलते हैं most important money creation by commercial banks and central banks and its functions. So first of all we talk about central banks.

But before that we understand what happens in the banking system. So see, bank is an institution whose work is to accept money from us, accepting deposits, giving us loans, granting loans, and making investments, investing with the aim of earning profits. Any bank works to earn money. अब banks basically वो होते हैं दो प्रकार के, एक तो होते हैं जो जनता के साथ deal करते हैं, जिसमें public, आप और मैं, हम लोग जाके deal करते हैं, अपना पैसा जमा कराते हैं, वहाँ से loan लेते हैं, ऐसे banks को हम लोग बोलते हैं, commercial banks, हमारे आसफास जितने भी banks हैं, HDFC, ICICI, IPN, BSBI, and ETC, ETC, ETC यानि अगर ये बेटा है तो वो पापा है, यानि इन सभी उपर एक बैंक है, जो इन सभी बैंकों का बैंक है, जो गवर्मेंट का बैंक है, जो सभी बैंकिंग स्ट्रक्चर को कंट्रोल करता है, ओपरेट करता है, डायरेक्ट करता है, उसको हम बोलते हैं Central Bank, समझ गए?

तो Central Bank हर कंट्री में एक सबसे Apex, सबसे Supreme Bank होता है, सबसे बड़ा बैंक होता है, सही है? हमारे देश में जो सबसे Supreme, सबसे Apex, सबसे बड़ा बैंक है उसको हम Reserve Bank of India बोलते हैं RBI और आज से आप क्या बोलोगे RBI 1935 सर RBI 1935 क्योंकि उसकी date भी तो याद रखनी है कब establish हुआ तो date याद रखने का यही तरीका होता है topic के साथ year जोड़ लो जैसे IPR 1956 तो याद रहेगा जितनी बार IPR बोलोगे date याद रहेगी RBI 1935 भूलोगे नहीं बिलकुल भी तो अब हम शुरू करते हैं Central Bank है क्या तो देखो central bank is an apex body apex यानि supreme body which control, operate रेगुलेट एंड डायरेक्ट तो एंटायर बैंकिंग एंड मोनिटरी स्ट्रक्चर ऑफ द कंट्री पूरे देश के बैंकिंग और मोनिटरी स्ट्रक्चर को यह ऑपरेट कंट्रोल डायरेक्ट करके चलता है इंडिया का सेंटरल बैंक आर बीआई है इस्टेब्लिश हुआ फर्स्ट एप्रेल 1935 को फर्स्ट एप्रेल आपको याद रहेगा जहां से साल शुरू होता है ना अच्छा जी इसके बाद सेंटरल बैंक के क्या-क्या फंक्शंस है बेटा जी अब देखो सेंटरल बैंक के फंक्शंस बहुत शांदार है यार सबसे पहले जो हमारा सेंटरल बैंक का फंक्शन है वह है कर दो अथॉरिटी का मतलब Central Bank has the power to issue all the currency in India except देखो इन्स एंड वन रुपी नोट एक रुपे का नोट और सिक्के को छोड़कर सभी करंसी हमारे देश में कौन इशू करता है द आरबिए एकी बॉडी है जिसको यह पावर दी गई है सर क्यों ताकि स्टेबिलिटी बनी रहे अलग मेटीरियल ना बात हो जाता है कौन सा अच्छी है कौन सा नकली है तो इस वजह से एक ही बॉडी को पावर दी गई है कि भाई आप आप ही पूरे देश के लिए करंसी चापो आप ही पूरे देश के लिए काम करो और उस पर्टिकुलर बॉडी का क्या नाम है जिसको यह आफ ऑरिटी है वह चैनल बैक रब्बीए सिंपल तो सबसे पहला जो फंक्शन आता है वह आता है करंसी ऑथॉरिटी दूसरा क्या होता है बैंकर टू द गवर्नमेंट भी हमारा बैंकर जैसे कमर्शल बैंक है वैसे ही सरकार का बैंकर कौन है सेंटरल बैंक तो गवर्नमेंट का एजेंट बैंकर supervisor, सरकार का पैसा कौन जमा करेगा, सरकार को loan कौन देगा, सरकार के बिहाफ पर transactions कौन करेगा, वो सब ये करने वाला है, bankers bank, सबी banks का bank कौन है, RBI, banks अपना पैसा कहां जमा करेंगे, bank loan कहां से लेंगे, banks किसकी instructions follow करेंगे, किसकी guidelines पर चलेंगे, सबी से बड़ा, सबसे बड़ा bank, RBI, controller of money supply, अब money supply पढ़के आए ना कि देश में हमारी economy में, एक particular time पे जनता के पास कितना पैसा है अब जितना जादा पैसा होगा जनता के पास उतना वो demand करेंगे डिमांड करेंगे तो inflation होगा, महंगाई बढ़ेगी, तो कई बार money supply को control करना पड़ता है, RBI को कोशिश करनी पड़ती है money supply को रोकने की, तो money supply को control भी कौन करता है, RBI करता है, इसको भी हम detail में पढ़ने वाले हैं, and the custodian of foreign exchange reserves, यह मैंने आपको foreign exchange rate में भी बताया था, कि हमारे पास सबसे ज़ादा, सबसे ज़ादा क्या, सारा, देश का सारा foreign exchange reserve, जितना भी foreign exchange देश में आता है, किसके पास होता है RBI के पास होता है RBI के पास custody है हमारे देश में आने वाले पूरे foreign exchange की ठीक है तो याद रहेगा currency authority, banker's bank, banker to the government, controller of money supply, custodian of foreign exchange, reserve ठीक है आओ अब इसको one by one चेक करते हैं सबसे पहले जो main function है वो है currency authority in India RBI has the sole right, sole का मतलब अकेला सिंगल राइट आफ इशूइंग पेपर करंसी नोट एक्सेप्ट क्या-क्या छोड़कर एक रुपए का नोट और कॉइंस जो मिनिस्ट्री आफ फाइनांस इशू करता है ठीक है एडवांटेजेस क्या होंगे सेंट्रल बैंक को पावर मिलता है कि वह अपने जनता का trust बना रहता है कि हाँ ठीक है एकी जगा से आ रहा है तो इसके अंदर असली नकली का बहुत जाता इशू नहीं होगा सही है जी दूसरा क्या आता है हमारे बास banker to the government banker to the government का क्या मतलब है RBI acts as a banker मैंने आपको बताया bank सरकार का agent सरकार का agent कैसे जैसे हमारे लिए agent कौन है हमारा bank है ना हमें कोई payment करनी है हमें कोई receipts लेनी है वो सब हमारा bank लेता है हमारे भी हाफ़ पे तो अब government के लिए भी कोई ना कोई तो agent होगा ना वो RBI है ठीक है एंड फाइनेंशल एडवाइजर कौन है गॉर्मेंट का वह भी सेंटल बैंक ही है ठीक है इट मेंटेंस अ करंट अकाउंट फॉर किपिंग द कैश बैलेंस सभी कैश बैलेंस सारा कैश बैलेंस कौन मेंटेन करके रखता है सरकार का आरबियाई केंटेन करके रखता है इट एक्सेप्ट रिसेप्ट एंड मेक पेमेंट्स फॉर द गॉर्मेंट सारा गया सिंपल ठीक है बैंकर एंड सुपरवाइजर यह सिंपल है कि जो रिष्टा हमारा कमर्शल बैंक्स के साथ है वही रिष्टा कमर्शल बैंक्स का हम अपना पैसा जैसे कमर्शल बैंक के पास रखते हैं, वैसे ही कमर्शल बैंक अपना पैसा सेंटल बैंक के पास रखते हैं. हम लोन लेने के लिए जैसे कमर्शल बैंक के पास जाते हैं, वैसे ही कमर्शल बैंक लोन लेने के लिए सेंटल बैंक के पास जाते हैं. तो सेम रि� उसके बाद as a banker to the banks, जब banks का banker है, यानि सभी banks का bank है, तो RBI क्या-क्या role play करता है?

तीन roles, number one custodian of cash reserves, custodian of cash reserves का मतलब इन सभी banks का, के जितने भी cash reserves हैं, ये सभी cash reserves किसकी custody में रहते हैं, RBI की custody में रहते हैं, तो RBI के पास इन सभी banks के reserves रहते हैं, deposits रहते हैं, lender of last resort, lender of last resort का मतलब क्या होता है, ये है भी South India सवाल, इसको ध्यान से करना, lender of last resort का मतलब होता है कि जब commercial banks को पैसे की जुरत हैं, और उनको किसी भी source पैसा चेक कर लिया कहां से मिल सकता है, कहां से मिल सकता है और कहीं से नहीं मिल रहा है, तो उनकी आखरी उम्मीद बन के कौन आता है, Central Bank आता है, तो उनके लि एकदम लास्ट में, the lender of last resort is RBI. क्या लिखा है? When commercial banks fail to meet their financial requirements from other sources, they approach central bank to give them loans as a lender of last resort.

Last आता है clearing house. Clearing house का मतलब क्या है? कि देखो कई बार ही होता है कि एक bank को, suppose PNB को SBI से कुछ payment clear करवानी है.

अब दोनों का खाता कहां पे RBI के पास है? तो RBI acts as a clearing house, clearing house का मतलब कि एक और दूसरा दोनों के बीच का settlement clear कौन कराएगा, RBI settle करादेगा, तो दोनों ही banks का जो clearing house है, वो RBI है simple, ठीक है, यह आजाता है custodian of cash reserve, lender of last resort and clearing house next we have controller of money supply and credit, यह बहुत important है, इसको मैं आपको आराम से समझाता हूँ, आजो कंट्रोलर ऑफ मनी सप्लाई इसका क्या मतलब है देखो फॉर एग्जांपल यह पब्लिक है यह चिंटू चिंटी है ठीक है यह हमारे पास चिंटू है और यह हमारे पास चिंटी है सही है तो यह जो चिंटू चिंटी है यह जनता है ये किस के साथ deal करती है? ये deal करती है commercial banks के साथ. Commercial bank कौन है?

PNB, SBI, ये हमारे commercial banks है. और PNB, SBI किस के साथ deal करते हैं? ये deal करते हैं central bank के साथ, जो कि हमारा RBI, Reserve Bank of India. ठीक है?

अब अगर public के पास money supply जादा होगा, अगर पैसा जादा होगा, तो ये demand भी जादा करेंगे चीजों की economy में. जनता के पास पैसा है तो डिमांड भी ज्यादा होगा और डिमांड अगर बहुत ज्यादा होगा और सप्लाई नहीं हो पारी इकॉनमी में डिमांड बढ़ रही है बढ़ रही है बढ़ रही है चीजों की लेकिन सप्लाई नहीं बढ़ पारी तो उससे महंगा ही होती है इं� के पास भी एक power है, यानि सरकार भी इस money supply को control कर सकती है, वो भी आप पढ़ोगे chapter number 9 में, excess demand, deficient demand में, और RBI के पास भी power है, कि वो इस money supply को control कर ले, अभी इस particular chapter में, जो हमें पढ़ना है, वो पढ़ना है, RBI कैसे money supply control करता है, how can RBI control money supply, तो RBI कैसे control कर सकता है, RBI के पास एक power है, कि RBI के पास दो instruments हैं, कौन-कौन से दो instruments हैं, एक, एक है हमारे पास quantitative, और एक है हमारे पास qualitative, एक quantitative, और एक है qualitative, अब quantitative में क्या क्या आता है, quantitative में आता है सबसे पहले bank rate, दूसरा आता है repo rate, तीसरा आता है reverse repo rate, चोटा आता है हमारे पास, reverse rapport rate, open market operations, And then we have legal reserve requirements. LRR की full form क्या होती है? Legal reserve requirements.

ठीक है? सबसे पहले bank rate और repo rate की बात करते हैं. Sir, bank rate और repo rate क्या है? दोनों same हैं. Okay?

दोनों हमारे पास same है, कुछ खास फरक नहीं है. दोनों में क्या difference है? मैं आपको समझाता हूँ.

देखो. सपोज पबलिक को लोन लेना है तो पबलिक लोन लेने किसके पास जाती है जनता लोन लेने के लिए किसके पास जाती है कॉमर्शल बैंक्स के पास क्या बोलती है लोन दे दो लोन दे दो अब यह जो लोन इनको मिलता है इसके बदले में इनको इंटरस्ट पे करना होता है तो तो ये loan लेने किसके पास जाते हैं? जाते हैं RBI के पास इसको बोलते हैं loan दे दो please loan दे दो RBI बोलता है ठीक है अगर आपको loan चाहिए तो हम आपसे कुछ interest चार्ज करेंगे उस interest को बोलता है ये bank rate और repo rate अगर वो loan जो है वो long term के लिए है लंबे समय के लिए है तो जो interest RBI लगाएगा उसको bank rate बोलते हैं अगर वो ई loan short term के लिए है interest RBI लगाएगा उसको हम reparate बोलते हैं तो basically होता क्या है If the loan is for short term, शौट टर्म के लिए होता है, तो उसको हम लोग बोलते हैं repo rate.

And if the loan is for long term, तो उसको हम लोग बोलते हैं bank rate. ठीक हो गया? Perfect हो गया?

Long term के लिए bank rate, short term के लिए repo rate. उसके बाद क्या आता है? कि अगर, suppose, for example, अभी हमें money supply control करना है.

टॉपिक का नाम क्या है? Controller of money supply. पैसा नहीं जाने देना. तो अगर हमें पैसा नहीं जाने देना, तो क्या हम RBI की तरफ से ही लोन का रेट बढ़ा दें? लोन महंगा कर दें?

अगर लोन महंगा हो जाएगा, तो इनको लोन महंगा मिलेगा? इनको महंगा मिलेगा, तो ये public को भी महंगा देंगे? तो आपने सुना होगा कि आजकल repo rate बहुत बढ़ावा है, आजकल RBI ने repo rate बढ़ाया हुआ है, तो repo rate... क्यों बढ़ाया हुआ है क्योंकि RBI चाहता है कि banks loan ना दें अब अगर repo rate बढ़ा हुआ होगा तो banks को भी rate जादा मिल रहा है तो ये further rate भी जादा देंगे तो public में loan महेंगा हुआ हुआ होगा जैसे आजकल loan महेंगा है समझ रहे हो loan आजकल बहुत महेंगा है तो आजकल loan महेंगा क्यों है क्योंकि पीछे से repo rate और bank rate दोनों बढ़े हुए समझ में आया देखो आज की term से relate करो अगर आपके parents finance में हैं तो उनसे पूछो कि आजकल repo rate बहुत बढ़ावा है, कि आजकल bank rate बहुत बढ़ावा है, क्यों बढ़ावा है, कारण यही है कि RBI money supply control कर रहा है, समझे, तो जब यह बढ़ जाएंगे दोनों, bank rate और repo rate तो money supply अपने आप control होने लगेगा, समझे, अब त अगर जनता के पास जितना भी पैसा है वो banks में जमा करें चाहे वो FD करें चाहे वो RD करें चाहे वो saving deposit में रखें तो bank इनको interest देता है ना bank interest देता है नहीं देता है जो भी पैसा है वह यहां पर जमा कर दें डिपॉजिट कर दें तो डिपॉजिट करें तो इनको जो इंटरस्ट मिलता है जो इंटरस्ट मिलता है उसको रिवर्स रेपोरेट बोलते हैं तो reverse repo rate वो rate है जो commercial bank को मिलता है किसके थूँ central bank के थूँ अगर वो अपना पैसा जमा करते हैं इनके पास अब समझो करना क्या है money supply को control करना है हम यह चाहते हैं कि पैसा यहाँ पे ना पहुचे तो RBI reverse repo rate को भी बढ़ा देता है RBI बोलता है हमारे पास पैसा जमा करो हम आपको खुब interest देंगे अब जब यह अपना पैसा सारा यहाँ जमा कर देंगे interest की लालच में बचेगा नहीं इनके पास पब्लिक को देने के लिए कुछ नहीं बचेगा तो मनी सप्लाई अपने आप कम हो जाएगा तो मनी सप्लाई कम करने के लिए आर्बीआई रिवर्स रेपो रेट भी बढ़ा देता है कि आप हमारे पास जमा करो हम आपको ब्याज देंगे बाई ब इसके बाद क्या आता है? Open market operations.

Open market operations का मतलब क्या होता है? Open market operations का मतलब होता है the sale and purchase of government securities. बहुत सारी government की securities आती है, government bonds आते है, government securities आती है, जो कि RBI sell करता है on behalf of government.

सरकार के बिहाफ़ पे RBI सेल करता है और RBI ही पर्चेस भी करता है अब अगर RBI को economy में से money निकालना है, money supply कम करना है तो RBI क्या करे? RBI क्या कोशिश करेगा? RBI कोशिश करेगा to sell the securities RBI क्या कोशिश करेगा? To sell the security Sir, बेचने से क्या होगा?

देखो अगर RBI security बेचता है अगर आज मेरे पास पैसा है तो मैं market में कुछ भी demand करता हूँ money supply बढ़ावा होगा तो मैं कुछ भी demand करूँगा महंगाई बढ़ेगा लेगी लेकिन अगर मैंने एक बार सिक्योरिटी खरीद ली अपना पैसा शेयर्स में डाल दिया या सिक्योरिटीज में डाल दिया सरकारी सिक्योरिटी में डाल दिया मेरा पैसा तो ब्लॉक हो गया मैं तो निकाल नहीं सकता क्योंकि इन सिक्योरिटीज के अंदर ल� सकते एक पर्टिकलर पॉइंट से पहले समझे सब्सक्राइब ने दो साल का लॉक इन लगाकर एक सिक्योरिटी ऑफर करी और गॉर्नमेंट सिक्योरिटी होती है जनता ढूंढ रही होती है क्योंकि एक तो इस पर टैक्स नहीं होते दूसरी बात इसमें खरीद ली जैसे ही पब्लिक ने सिक्योरिटी खरीदी जनता ने खरीदी तो बेचेगा तो क्या सारा पैसा इधर आ गया पब्लिक से सारा पैसा निकल कर दिया गया नहीं आ गया तो मनी सप्लाई अपने आप ही कम हो जाएगा यह जाएगा money supply कम करने के लिए RBI क्या करता है? प्रेस्टीटीज को बेचता है पर फेक्ट लास्ट क्वांटिटीटिव क्या होता है एलार एलार एलार है सर एलार होता है लीगल रिजर्व रिक्वायरमेंट्स इसका फुल फॉर्म क्या है लीगल रिजर्व रिक्वायरमेंट्स अब इसमें भी दो होते हैं एक होता है कैसे रिजर्व रेशो नेटिव सीएर आर कैसे रिजर्व रेशो और एक होता है एसलार नेटिव स्टेटू ट्री अ Statutory Liquidity Ratio इसका मतलब क्या है अब आओ मैं आपको यह समझाता हूँ बड़े धियान से यह Chintu है Chintu यानि Public यह किसके साथ डील करेगा PNB SBI के साथ यानि Commercial Bank के साथ Commercial Bank किसके साथ डील करेगा RBI के साथ ठीक है अब होता क्या है यह Chintu जितना भी पैसा यहाँ पर Deposit करता है सबोस Chintu ने Deposit करा 100 रुपे तो PNB का करता है इस पैसे को Loan की फॉर्म में बाटता है दूसरी जनता को इसको क्या करता है ये loan की form में बाटता है ठीक है लेकिन RBI के नियम है कि जितना भी पैसा commercial bank के पास as a loan आया sorry as a deposit आया उस पूरे deposit को वो as a loan नहीं दे सकता उसको कुछ ratio में अपने पास पैसा बचाना है और कुछ ratio RBI के पास रखना है suppose मैं assume कर रहा हूँ कि अपने पास रखो 10% और हमारे पास रखो 10% तो 100 रुपे का 10% 10% 10 रुपए तो अपने पास रखेगा, 100 का 10% 10 रुपए RBI के पास रखेगा, तो इसके पास अब कितना बचा 80, वो 80 बाटेगा in the form of loan, वो 80 बाटेगा in the form of loan, तो economy में money supply कितने का add हो रहा है 80 का, money supply 80 का आ रहा है नहीं आ रहा है, अब RBI चाहता है कि money supply कम हो, money supply जादा ना हो, और 10 से 20% इसको कर दे, तो 100 का 20% यहाँ 10 की जगा 20 रखना पड़ेगा, यहाँ भी 10 की जगा 20 रखना पड़ेगा, 40 यहाँ रख दिया, तो loan 80 नहीं जाएगा, 60 जाएगा, अपने आप देखो 20 का money supply कम हो गया या नहीं हो गया, तो RBI क्या करता है, money supply कंट्रोल करने के लिए, जो reserves का requirement है, जो अपने पास रखना होता है, उसको हम बोलते हैं SLR, देखो, S से SLR, S से self, का मतलब अपने पास रखना है जो सेंटरल बैंक के पास रखना है यानि आर्बीआई के पास रखना है उसको हम बोलते हैं सी आर्ड ए सी सेंटरल बैंक और सी से सी आर्ड इसका मतलब जो रिजर्व आर्बीआई के पास रखना है यह वाला इसको बोलेंगे सी आर्ड और जो रिजर्व अपने खुद के पास रखना है उसको हम बोलते हैं ऐसे लाइट मनी सप्लाई कंट्रोल करने के लिए दोनों को ही बढ़ाना होता है SLR भी बढ़ा दो CRR भी बढ़ा दो दोनों बढ़ जाएंगे तो अपने आप money supply control हो जाएगा बात समझ में आई है ना बढ़िया topic तो money supply control करने के लिए bank rate repo rate बढ़ाओ reverse repo rate बढ़ाओ open market operations में security इसको sell करो और legal reserve requirement में CRR का rate भी बढ़ाओ और SLR का rate भी बढ़ाओ तो पैसा कम से कम जाएगा economy में अब चलते हैं qualitative restrictions में qualitative में जो सबसे पहला आता है वो आता है margin requirements क्या होता है मार्जिन रिक्वायरमेंट का क्या मतलब है मार्जिन रिक्वायरमेंट का मतलब होता है द डिफरेंस बिट्वीन लोन एंड सिक्योरिटी आप कभी भी लोन लेने के लिए जाओ आपको वहां पर सिक्योरिटी रखनी पड़ती है कि सबसे सिक्योरिटी का अमाउंट बच्चे हमेशा ज्यादा होता है क्यों ज्यादा होता है वहीं कल को इस पॉपर्टी की वैल्यू कम हो ने सो का loan दे दिया और सो की ही संपत्ती रखी इसने एक रुपया भी pay नहीं करा जब आप इसको बेचने के लिए निकले तो इसकी value 80 निकली 20 का loss हो गया नहीं हो गया तो इसलिए bank हमेशा security amount ज़्यादा मांगता है कि वहीया उसका loss नहीं होना चाहिए बिल्कुल भी सही अब बीच में, 20 रूपीज का मार्जिन है ना इसे बढ़ाओ, इस मार्जिन को 20 से बढ़ा के 50 करो, यानि अब अगर 100 का लोन लेना है तो 120 नहीं 150 की security रखनी बढ़ेगी तो देखो पहले जो लोन, 120 पे शायद लोन ले लेते, 150 पे आप कम लेंगे ना, अपने आप जब कम पहुंचेगा, तो मार्जिन की मदद से भी RBI इस तरीके से money supply को कर लेता है control कैसे control करा margin को बढ़ा दिया loan और security के amount में difference को बढ़ा दिया जैसे ही difference बढ़ाया difference बढ़ाने से अपने आप लोग कम loan लेंगे money supply control हो गया आई न बात समझ वे margin requirement यह भी बढ़ाना है देखो सब बढ़ाना है money supply control करने के लिए सब बढ़ाना है और अगर money supply बढ़ानी हो तो उल्टा कर दो I'm so sorry मेरा गला खराब है बच्चे बट तुम्हारे exam से तो काम तो करेंगे है ना इसके बाद होता है margin requirement के बाद moral suasion moral suasion क्या है moral suasion combination है दो शब्दों और एक होता है pressure, RBI साफ साफ बोल देता है कि भाईया ऐसा है, हम आपको प्यार से समझा रहे हैं, किसको बोलता है, commercial banks को, ऐसा है हम आपको प्यार से समझा रहे हैं, कि आपको loan नहीं देना, यानि RBI कर देता है discourage. लेंडिंग आपको लोन नहीं देना तो या तो प्यार से मान लो अगर प्यार से नहीं मानोगे तो हम प्रेशर से भी मनवा सकते हैं आपको मारी बात माननी ही पड़ेगी तो RBI यहाँ पे इंस्ट्रक्ट करता है सभी बैंक्स को कि भाईया ऐसा है आपको loan नहीं बाटना कैसे भी करके money supply control करना है तो हमें loan देना रोकना होगा तो stop this, stop giving easy loans तो RBI यहाँ पे advise करता है सभी commercial banks को to discourage lending ठीक है, उसके बाद लास्ट आता है बेटा, selective credit control, selective credit control का क्या मतलब है, selective credit control का मतलब है कि भाईया credit rationing करके चलो, credit rationing क्या technique है, credit rationing, credit rationing का मतलब होता है समझदारी से loan बाटो, अब देखो हर sector का तो पैसा नहीं बंद किया जा सकता है, हर sector को तो मना नहीं किया जा सकता है कि पैसा नहीं है, loan देना भ तो money supply को control करने के लिए यहाँ पे हमें करनी पड़ती है credit rationing credit rationing का मतलब कि हम कुछ selective sectors को पैसा देंगे बाकी को पैसा नहीं देंगे तो money supply control करेंगे but in a very calculative manner जिसको हम बोलते है selective credit control तो ये सारे screenshot ले लो जल्ली से ने आपको समझा दिये ये सारे options हैं 99.9% chances हैं कि आपका paper यहीं से आने वाला है, इसी particular topic से आएगा, तो quantitative और qualitative, यह सब options हैं, जिनकी मदद से हम लोग क्या करते हैं, money supply को control करते हैं, हम लोग मतलब RBI, ठीक है, आओ जी, देखते हैं अब क्या लिखा है Controller of Money Supply के लिए Repo Rate Repo Rate is the rate at which Central Bank Lends money to Commercial Bank to meet their Short Term Needs Increase in Repo Rate increases the cost of borrowings जिससे Commercial Banks को भी Lending Rate बढ़ाने पड़ते हैं As a result It discourages the borrowers From taking loans Bank Rate बिलकुल सेम इसी को हम Discounted Rate भी बोलते हैं Discount Rate भी बोलते हैं Long Term के लिए होता है रिवर्स रेपोरेट प्लीज मेक इट रिवर्स रिवर्स रेपोरेट अपोजिट होता है जो मैंने आपको समझा है अगर आप पैसा जमा करोगे तो आपको इतना इंटरस्ट देंगे इसको भी बढ़ा देता है ताकि पैसा एब्सॉर्ब कर लिया जा� मार्जिन रिक्वायरमेंट हमारे पास क्वालिटेटिव में आता है मार्जिन रिक्वायरमेंट में हम क्या कंसिडर करके चलते हैं मार्जिन में हम कंसिडर करके चलते हैं दिफरेंस बिट्वीन लोन एंड सिक्योरिटी मार्जिन को भी बढ़ाना है ठीक है नेक्स्ट आ र का मतलब क्या है कि जितना भी foreign exchange का custody होगा वो सब किसके पास होगा RBI के पास होगा देश में क्या लिखा है the central bank also acts as a custodian of country stock of gold and reserves of foreign exchange this function enable the central bank to exercise a reasonable control on foreign exchange ठीक है लो guys अब आगे हमारे पास last topic जिसको हम बोलते है money creation या फिर credit creation और इसको समझने के लिए हम लोग को चलना होगा वापिस से board पे तो चलिए फिर उज़र चलते हैं आ गए अब हम बोर्ड पे अब हमारे साथ साथ आपको heading डालना है money creation या फिर credit creation ठीक है इसी को हम लोग कई बार ना money multiplier भी बोलते हैं money multiplier एक चाप्टर है ADS चाप्टर नमबर 8 वहाँ पे आप investment multiplier पढ़ते हो और यहाँ पे आप money multiplier पढ़ते हो तो macro में आपको 2 multiplier पढ़ने है दोनों का working लगबग similar सा है वहाँ पे आप पैसा बनाते हो एक concept के मदद से जो की है हमारे पास MPC यहाँ पे banks पैसा बनाते हैं एक concept के मदद से जिसको हम बोलते हैं LRR Legal Reserve Requirements अभी पढ़ाया ना तो money creation क्या होता है money creation एक ये concept है जो ये बोलता है कि जो commercial banks हैं commercial banks आपकी एक deposit से कई गुना पैसा generate कर लेते हैं यानि आपने जो bank में deposit करा, bank उस deposit को further loan बाटता है, और loan बाटते बाटते bank का पैसा कई गुना multiply हो जाता है, तो अइसा कैसे, आओ समझे, इस concept को समझने के लिए आपको दो तीन assumptions लेने पड़ेंगे, सबसे पहला assumption कि economy में cash नहीं है, सबसे पहला, सब कुछ bank से होता है, ठीक है, दूसरा, जितने भी bank, बैंक बैंक बैंक बैंक बैंक बैंक एक particular इंसान का खर्चा है तो दूसरे इंसान की income है, ये concept है जो घूमता रहता है, सही, चलो, इसको लिखने की भी जरूरत नहीं है हमें, अब हमें multiplier पढ़ने के लिए हम सबसे पहले start करेंगे, यहाँ पे हम लोग लिखते हैं, इनिशियल डिपॉजिट ठीक है इधर मैं राउंड लूंगा इनिशियल डिपॉजिट उसके बाद बैंक क्या करता है डिपॉजिट से लोन बाट देता है कुछ पैसा अपने पास सेव कर लेता है जिसको हम बोलते हैं LRR Legal Reserve Requirement legal reserve requirements for example मैं assume करके चल रहा हूँ 0.20 और 20% LRR मैं कितना मान के चल रहा हूँ 20% मान के चल रहा हूँ for example चिंटू ने चिंटू ने round 1 वन में एक हजार रुपए जमा करें कितना पैसे जमा कर रहा है एक हजार एक हजार बैंक में आएगा आएगा या नहीं आएगा तो एक हजार जब चिंटू ने जमा करें तो बैंक क्या करेगा इस एक हजार रुपए में से बीस परसेंट रिजर्व करेगा एलार इस परसें� लोन बाट देगा, अब भाई जिसको आपने लोन दिया, पैसा निकालेगा वो, पैसा निकाल कि क्या करेगा, फिर खर्चा करेगा, खर्च करेगा तो सब कुछ किस के थ्रू हो रहा है, बैंक के थ्रू because there is no cash, सब कुछ बैंक के थ्रू हो रहा है, तो ये पैसा लोन वाला घूम के क्या वापिस से round 2 में फिर बैंक में आ गया, फिर से यानि कि 160 रुपीज का reserve बनाएगा, और bank के बाद 640 बचेगे, जिसको वो loan के form में distribute कर देगा, सही, अब जिसको भी distribute करेगा, वो क्या करेगा इस पैसे का, वो basically इस particular amount से, फिर खर्चे करेगा, खर्चा करेगा, तो फिर जहां भी payment करेगा, 640, third round में, इस 640 का फिर 20%, तो 20% हमारे पास हो जाएगा, 64 या जाएगा 120, 28 ठीक है तो यहां बच गए लेट सपोस 512 अ है फैम नॉट रॉन तो 512 जो भी अमाउंट होगी यह फिर खर्चा होगा घूम के फिर यहां जाएंगे 512 तो इस तरीके से यह सिस्टम चलता जाएगा यह सिस्टम चलता रहेगा राउंड रहेंगे होते रहेंगे यह राउंड होते रहेंगे होते रहेंगे राउंड फिफ्ट राउंड सेक्स राउंड सेवन एंड सो ऑन राउंड चलते रहेंगे यह कब खत्म होगा प्रोसेस जब आपका जो इनीशियल डिपॉजिट तो यह आपके पास आ जाएगा 4000 और जब आप इसका total करोगे पूरी table का अब यह मत कहाना कि सर यह sum करके तो 4000 नहीं है बेटा पूरी table बनाना बोर्ड्स के बाद जब समय होगा न पूरी table बनाना यह भी पूरी नहीं बनाना तो इसका total होगा 5000 सर कैसे पता चला हमें देखो न इस multiplier का इसको money multiplier बोलते हैं वो पांच गुना हो जाएगा फाइव टाइम्स हो जाएगा तो अगर मैंने 1000 जमा करे थे तो हमारे पास जो final, या मैं बोल दूं, total deposit जो होने वाला था, जो total deposit होने वाला था, वो होने वाला था, initial deposit multiplied by multiplier, initial deposit कितने थे, 1000, multiplier आया था 5, तो होने वाला था 5000, वो ही हुआ, हो गया या नहीं हो गया, तो आप LRR और Initial Deposit की मदद से ये find out कर सकते हो, कि आपके पास Total Deposit कितना होने वाला है, तो जो Total Deposit आया, वो हमारे पास आया था 5000, क्योंकि हमारे को पता था, कि Multiplier की value 5 times है, Multiplier की value कितनी है, 5 times है, मात समझ में आई, अब मैं आपको एक छोटा सा homework देता हूँ, आप मुझे comment section में बताना, कि Initial Deposit तो है 50,000, और LRR है 0.10 या 10% कुछ भी मान लो और आपको मुझे बताना है कि टोटल डिपोजिट कितना आएगा यह आपका होमबर्ग है ठीक है, perfect है, इस तरीके का एक number का सवाल भी आप से पूछ सकता है, ओके, तो this is how multiplier works, देख रहे हो कितना पैसा बना लिया, अब इसको sir exam में कैसे लिखके आना है, आजाओ तुम्हें दिखाता हूँ कैसे लिखके आना है, through the process, ऐसे लिखना है बिल्कुल as it is, through the process पैसा बना लेते हैं जो इनिशियल इसी को प्राइमरी भी बोलते हैं उससे काफी जादा होता है ठीक है इस प्रोसेस बेटर अंडरस्टोड बाई मेकिंग टू असम्शन्स एंटायर बैंकिंग पार्किंग सिस्टम इस टर्म डाइवन यूनिट इसको मैं बोलते हैं सभी रिसेप्स और पेमेंट किसके तुम होती हैं बैंक के थ्रू होती है यानि देर इस नो कैश ओके अब समझते हैं देखो सपोर्ज एन इनिशियल प्राइमरी डिपॉजिट आर मेडिन बैंक्स ऑफ रूपीज एक हजार एक हजार का डिपॉजिट हुआ एलर ट्वेंटी पर सेम मेरा वाला एक्सांपल इट मींस है ठीक है थे सपोर्ज दे लेंड लोन ऑफ आज तो द बोरोवर्स विड्रॉग अ entire amount 800 for making payments जब payment होगा it comes back into the bank in the form of deposit फिर आ गया because all the transactions are routed through banks hence it will increase the demand deposit of bank by 800 दूसरे round में 800 से demand deposit बढ़ने वाले हैं हो गया इसके बाद bank फिर से क्या करेगा हम फिर लिखेंगे now with 800 bank keep 20% as reserves and lend the balance 640 ये circle चलता रहेगा चलता रहेगा ठीक है, the deposit keeps on increasing in each round by 80%, 80% से बढ़ते रहेंगे, and at the same time reserves भी बढ़ते रहेंगे 80% से, ठीक है, बढ़ते जाएंगे, from the above table, अब हम इस table की मज़द से, अब वहाँ पे मत लिखके आना कि तुमने one up all, पहले लगा लिया था आप पूरा या टोटल कर देना ठीक है यही पाँच गुना क्या है multiplier, फिर भी multiplier का formula कोई पूछ ले, तो 1 upon LRR ओके एक छोटा सा topic हमारे बाद और बचा the difference between central and commercial banks, आप एक बार ये बस read लगा लेना है और पता होना चाहिए बस, screenshot लो जल्दी से मतलब क्या है status, ये apex है, वो एक unit है ownership, ये usually सरकार objective, public interest उसका profits कमाना, number of banks ये एक ही होता है, ये multiple हो सकता है सकते हैं public dealing यह नहीं करता वो करता है तो यह हमारे पास एक छोटा सा difference है central bank और commercial banks में और इसी के साथ boys and girls ladies and gentlemen chintus and chintis हमारा chapter हो गया है समाप chapter का unity हो गया है समाप जिसमें हमने cover करा है money and banking I hope आपको बहुत अच्छे से समझ में आ गया होगा और सारी चीज़ें आपने बहुत अ कर दो