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एनटीए डेटा एनालिसिस का सारांश
Jul 23, 2024
एनटीए डेटा एनालिसिस
परिचय
हर स्टेट का डेटा एनालिसिस तैयार है
वीडियो का उद्देश्य: कट ऑफ पॉइंट्स के बारे में जानकारी देना
वीडियो का फोकस: मेरिट लिस्ट में स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ने या घटने पर
डेटा में एक लिमिटेशन: डोमिसाइल और सेंटर के असंगत आंकड़े
महत्व
स्टेट की मेरिट लिस्ट में बदलाव और उसके कारण कट ऑफ की संभावनाएँ
विशेष रूप से कोचिंग हब सेंटर (राजकोट, सीकर, नमा)
एनालिसिस का प्रयास: पिछले साल की मेरिट लिस्ट के साथ कल के डेटा की तुलना
हरियाणा
डेटा
: 1520 स्टूडेंट्स (1-30,000 रैंक में)
ध्यान देने योग्य
: कुछ स्टूडेंट्स दिल्ली सेंटर में पेपर देते हैं
पिछला डेटा
: 1150 स्टूडेंट्स
परिणाम
: हरियाणा की कट-ऑफ में मामूली बढ़ोतरी संभव
उत्तर प्रदेश
डेटा
: 3387 स्टूडेंट्स (1-30,000 रैंक में)
ध्यान देने योग्य
: यूपी के बच्चे अक्सर बाहर जाकर पेपर देते हैं (कोटा, पटना, आदि)
पिछला डेटा
: 3480 स्टूडेंट्स
परिणाम
: यूपी में अधिकांश बच्चे कोचिंग सेन्टरों में जाकर पेपर देते हैं, इसलिए संभवतः कोई बड़ा परिवर्तन नहीं
पंजाब
डेटा
: 494 स्टूडेंट्स (1-30,000 रैंक में)
ध्यान देने योग्य
: पंजाब के बच्चे दिल्ली बॉर्डरस्थ इलाकों में पेपर देते हैं
पिछला डेटा
: 482 स्टूडेंट्स
परिणाम
: कोई आवश्यक परिवर्तन नहीं
राजस्थान
डेटा
: 6697 स्टूडेंट्स (1-30,000 रैंक में)
ध्यान देने योग्य
: बहुत सारे आउटसाइडर्स (कोटा, सीकर आकर्षण)
पिछला डेटा
: 3724 स्टूडेंट्स
परिणाम
: राजस्थान में इस साल कट-ऑफ बढ़ने के आसार
उत्तराखंड
डेटा
: 229 स्टूडेंट्स (1-30,000 रैंक में)
पिछला डेटा
: 209 स्टूडेंट्स
परिणाम
: कोई बड़ा बदलाव नहीं
मध्य प्रदेश
डेटा
: 649 स्टूडेंट्स (1-30,000 रैंक में)
ध्यान देने योग्य
: एमपी के बच्चे इंदौर, भोपाल के कोचिंग सेंटर में जाते हैं
पिछला डेटा
: 515 स्टूडेंट्स
परिणाम
: कट-ऑफ में मामूली बढ़ोतरी संभव
केरल
डेटा
: 2835 स्टूडेंट्स (1-30,000 रैंक में)
पिछला डेटा
: 2553 स्टूडेंट्स
परिणाम
: संख्या बढ़ी है, कट-ऑफ हाई साइड पर रह सकती है
दिल्ली
डेटा
: 1326 स्टूडेंट्स (1-30,000 रैंक में)
ध्यान देने योग्य
: दिल्ली में आउटसाइडर पेपर देते हैं
ज्यादा इंपॉर्टेंट डेटा
: 540 स्टूडेंट्स 674 के ऊपर मार्क्स (1-12,500 रैंक में)
आईपीयू मेरिट लिस्ट
: 670 स्टूडेंट्स (1-12,500 रैंक में)
परिणाम
: आउटसाइडर्स के कारण, दिल्ली का असल नंबर कम होगा, कट-ऑफ में कमी संभव
बिहार
डेटा एनालिसिस संभव नहीं: काउंसलिंग बॉडी की ट्रांसपेरेंसी न होने से
मोटा-मोटी: बिहार के बच्चे बहुत अच्छे क्वांटिटी में हैं, एनालिसिस कठिन है
नोट्स
स्टेट की मेरिट लिस्ट में कोई भी एग्जैक्ट निष्कर्ष निकालना मुश्किल है, लेकिन मोटा-मोटी वही रहेंगे जो बताए गए हैं।
हर एक स्टेट की काउंसलिंग ट्रेंड व न्यूज की गतिविधियों पर ध्यान देना जरूरी है।
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