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Gujarat: Confluence of Culture and Tourism

अनूठा गुजरात हमारा भारत देश महान है। इसमें 29 राज्य वसात केंद्र शासित प्रदेश हैं। इन ही राज्यों में से एक राज्य है गुजरात। विविद संस्कृतियों और लोक कलाओं को समेटे गुजरात एक अनूठा राज्य है, जहां परंपराओं वा आधुनिक्ता का अनुपम समावेश हुआ है। विशाल सागर तट, भाती की लोक संस्कृतियां, सोमनात का मंदिर। दूर तक फैला कच्छ का रेगिस्तान श्री कृष्ण की नगरी ध्वारिका साबर्मती का आश्रम इन सब से मिलकर ही तो बना है गुजरात। गुजरात का नाम लेते ही याद आता है यहां धूम धाम से मनाया जाने वाला नवरात्री महुतसव और गर्बा नुरित्य करते थिरकते जूमते गुजराती लोग। पश्चिमी भारत में स्थित गुजरात एक अत्यंत महत्वपून राज्य है। प्राचीन काल में यहां गुर्जरों का सामराज्य होने के कारण इसे गुर्जर भूमी कहा जाता था। यहीं से इसका नाम गुजरात पड़ा। मौर्य, गुप्त, प्रतिहार जैसे अनेक प्रसिद्ध राजवंशों ने यहां राज किया। महमूद गजनवी दुआरा सत्रह बार की गई लूट पाठ के बावजूद, चालुक के राजाओं का शासनकाल, गुजरात में प्रगती और समरधी का युग था। गुजरात ने अपनी परंपराओं को आज तक जीवित रखा है। प्रतिवर्ष 14 जन्वरी को एहमदाबाद में मकर संक्रांती पर अंतर राष्ट्रिय पतंग उत्सव मनाया जाता है। यहां विभिन्न उत्सवों पर विभिन्न मेले भी लगते हैं, जिनमें तरनेतर मेला, शामलाजी मेला, भावनात मेला, माधवराय मेला। अम्बाजी मेला आदी प्रसिद्ध हैं। राज्य का सबसे बड़ा वार्षिक मेला द्वारिका और डाकोर में जनमाश्टमी के अवसर पर आयोजित होता है। नवरात्रे, डांगी दर्बार आदी भी यहां के प्रमुक पर वहें। गुजरात, कपास, मुंगफली, नमक वो दूद के उत्पादन में अग्रणी है। दवाईयों के उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। यह कपड़ा, तेल और साबुन जैसे महत्वपूर्ण उद्यूगों के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराता है। गुजरात की राजधानी गांधी नगर है। एहमदबाद हवाईयड्डा यहां का अंतर राष्ट्रिय हवाईयड्डा ववडोदरा जंक्षन यहां का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है। एहमदबाद गुजरात का सबसे बड़ा शहर है। यहां के सूती वस्त्रो द्योग की वजह से इसे भारत का मैंचेस्टर भी कहा जाता है। गुजरात में मुख्यतह गुजराती और हिंदी भाषा बोली जाती है। गुजराती भाषा का यहां व्यापक प्रयोग होता है। गुजराती में लिखित महत्मा गांधी की विलक्षन रचनाएं अपनी सादगी और अनूठी पन के लिए प्रसिद्ध हैं। नरसी मेहता प्रीमानन्द दयाराम दयानन्द सरस्वति महत्मा गांधी सरदार वल्लबभाई पटेल तथा सुप्रसिद्ध क्रिकेट खिलाडी रणजी जैसे व्यक्तित्वों ने गुजरात को और अधिक महत्वपून बना दिया है। गर्बा तथा डांडिया यहां की प्रमुख लोक नृत्य हैं। यहां की रहन सहन और पहनावे पर राजस्थान का काफी गहरा प्रभाव गृष्टिगोचर होता है। यहां का भवई लोक नृत्य काफी लोकप्रिय है। श्रीप की दृष्टि से गुजरात काफी समृद्ध है। रुद्र महले, सिध्धपुर्व, महाकाली महाले, पावागड, गलतेश्वर, द्वारिकानात का मंदिर, शत्रुन जै पालिताना के जैन मंदिर आदी काफी प्रसिद्ध हैं। एहमदबाद वसूरत के लगु मंदिरों का काश्ठ शिल्प तथा पौरानिक मूर्टियां धर्शनीय हैं। गुजरात अपनी कला वश्चिल्प की वस्तूओं के लिए भी प्रसिद्ध है। गुजरात आने वाले परियटक, जामनगर की बांधनी साडियां, पाटन का उत्कृष्ट रेशमी वस्त्र, पटोला, खिलोनी, तथा पालनपुर का इत्र खरीदना नहीं भूलते। जो सोमनाथ, द्वारिका, मुधेरा, थान, गिरनार जैसे मंदिरों और स्मारकों में संग्रक्षित है। परियटन की दृष्टी से गुजरात काफी सम्रुध राज्य है। रॉयल बैलिस, सरदार सरोवर्बांद, द्वारिका धीश मंदिर, सोमनाथ मंदिर, हाजी पीर दर्गा, गिरवन राष्ट्रिय पार्क। लोथल, वड्धोलाविरा, सिंधुगाटी सभ्यता की खुदाई से चर्चित आधुनिक शहर, कच्छकारेगिस्तान, कीर्ति मंदिर, साबरमती आश्रम, लक्ष्मी विलास पैलिस, वोट्सन म्यूजियम आदी, गुजरात में प्रमुख रूप से पर्यटुकों को अपनी ओ गुजरात राज्य भारतिय सभ्यता वश्वस्कृती से परिपूर्ण है। यहां एक ओर हम��री सांस्कृतिक परमपराएं अभी तक सजीव हैं। तो दूसरी ओर इनमें आधुनिकता का भी समावेश दिखाई देता है। जो व्यक्ति इस राज्य में एक बार आता है, वह बर्बस ही इसकी ओर आकृष्ट हो जाता है।