हेलो दोस्तों वेलकम बैक दोस्तों इस वीडियो के अंदर हम लोग डिस्कस करेंगे मैनेजरल इकोनॉमिक्स का यूनिट सेकेंड यूनिट फर्स्ट को अलरेडी मैं अपलोड कर चुका हूँ उसका लिंक आप लोगों को डिस्क्रिप्शन बॉक्स में मिल जाएगा यहाँ पर देखो दो words है यहाँ पर demand है और supply है ठीक हो जो demand के बारे में हम लोग सबसे पहले पढ़ेंगे demand क्या होती है उससे related कितने भी चीजे हैं सारी चीजों के बारे में हम लोग discuss करेंगे तो हम लोग supply के ऊपर discuss करेंगे ठीक है तो सबसे पहले देखो आप demand से आप क्या acquire it, मतलब कि आप क्या समझते हो कि demand से आप समझते क्या हो जैसे मानलो अगर मैं केवल अभी बात बोलूं कि demand मतलब क्या होती है, तो demand किसी भी चीज की हो सकती है, हमें पैसों की demand है, हमें घर की demand होती है, हमें कपड़ों की demand होती है, हमें बहुत सारे product होते हैं, जैसे कि हमें laptop, fridge, TV, cooler, गर्मियों में एसीओ कूलर की डिमांड होगी फ्रेन की डिमांड होगी तो वह डिमांड क्या होती है मतलब किसी भी प्रोडक्ट की हो सकती है हमको पैसों की डिमांड हो सकती है तो डिमांड किसी भी चीज की होगी बट डिमांड क्या है डिमांड तभी एक फील होती हो सकती है जब अगर आपके पास आपके मन में क्या हो उसको पाने की क्या हो डिजायर अगर आप उसको पाने के लिए डिजायर बल हो मतलब आपको लगता है कि मुझे यह चीज पानी चीज कास मेरे पास यह चीज होती दूसरा यह होना चाहिए कि आपके पास में willingness to pay for it मतलब कि अगर आपके पास में पैसे हैं तो उसके लिए पै करने के लिए पैसे भी होने चाहिए अब मान दो कि मेरे पास सब की desire होती है कि चलो भाई ठीक है मेरे पास भी scooter हो मेरे पास भी car हो मेरे पास में कोई भी ऐसी सामान चीज हो है ना तो सबके पास में डिजायर होती है बट वहां पर विलिंगनेस की बात करें तो कौन-कौन उसके लिए पे करने के लिए विलिंगनेस है मतलब कि कौन विलिंगनेस है वाले कौन उसमें पे करना चाहता है सब्सक्राइब कर सकता हूं बट अगर काम कर सकता हूं या फिर मुझे और कहीं पर देना है तो मैं एक लाख रुपए की स्कूटी वहाँ पर नहीं खरीदूंगा मुझे डिजायर तो है बट वहाँ पर मैं एक लाख रुपए की स्कूटी नहीं खरीदूंगा ठीक है और मेरे पास में एबेलिटी मतलब कि एबेलि उसका उसकी विलिंगनेस भी होनी चाहिए और साथ में आपके पास में अबिलिटी भी होनी चाहिए यानि कि एक लाख रुपए होने भी चाहिए ठीक है स्कूटी को खरीदने के लिए तो यही इन तीनों चीजें जब भी मिल जाती तो यही क्या होती तभी एक डिमांड पू अगर उसका मान लूँ उसकी ख़ुआई से कि चलो ठीक है मुझे एक कार्ज चाहिए ठीक है बट अगर उसके पास में दोनों चीजें डिजायर है और विलिंगनेस है वो खर्च करने के लिए भी चाहता है बट अगर उसके पास में एबिलिटी नहीं है ठीक है अब एबिलि� वह खर्च भी करना चाहता है लेकिन अगर उसके पास में एबिलिटी नहीं पैसे नहीं तो फिर वह करेगा क्या है तो वहां पर डिमांड फुल्फील नहीं होते तो यही होती है हमारी डिमांड अगर यहां पर से तीन वर्ड्स आप लिख देते हो तो यह तीनों वर्ड्स ही ठीक है अब जैसे मैं मार्केट की डिमांड की बात करूं तो जैसे फेस्टिवल सीजन आता है फेस्टिवल सीजन में क्या होता है कि होली आई दिवाली आई होली में क्या होता है कलर्स की डिमांड बढ़ जाती है पूरे सीजन तो कलर नहीं बिकेगा दंग जो होते हैं कलर हो अपनी साधी के लिए पटाकों को खरीदेगा तो वह क्या होगा इंडिविजॉल डिमांड हो गया उसने अपने लिए खुद मतलब कि उसकी अपने एक व्यक्ति के लिए हो रही है ठीक है वहीं पर अगर मार्केट की डिमांड होती जब वह उन सारे पटाकों जब दीपा मैं अपने लिए क्या करके लेकर क्या है एक मैं क्या किया मैंने डायरेक्ट डिमांड में जैसे कि मुझे भूख लगी मैं क्या करूँगा अपने लिए क्या करूँगा ब्रेड का पैकेट लेकर क्या है और खा लिया ये मेरी क्या हो गई डायरेक्ट डिमांड मैं अपने ल जो कंजीमर होता है वही डायरेक्ट जाकर के पर्चेस करता है बट यहां पर क्या होता है कि इन डायरेक्ट डिमांड में कस्टमर पर्चेस करता है जैसे कि ब्रेड का पैकेट तो बिकना ही है ठीक है ब्रेड का अगर पैकेट कंजीमर लेकर के जाया तो वह क्या होगा ड जाता है वहीं अगर कोई मान लो कि कोई दूसरा है जो मान लो जो ठेलें पर मठा ब्रेड लगाते हैं अगर वो कोई ले कर को लेने के लिए जा रहा तो वो क्या होगा इंडारेक्ट डिमांड हो गई है ना इंडारेक्ट डिमांड का मतलब जैसे अगर वो ले करके जा रहा और भी पैसे उससे बढ़ाने के लिए ले करके जा रहा है उसकी demand को है ना तो यह हो गए हमारा direct और indirect उस लिए जोइन demand कोई भी चीज कर जैसे मेरे पास में phone है तो phone का phone कब तक नहीं चल सकता जब हमारे पास में charger नहीं हो तो charger और phone नो लो एक दूसरे की क्या है compliment लें ठीक है है ना joint demand जैसे pen हो गया pen की इंक के बिना नहीं चल सकता तो यह हमारी क्या होगी ज्वाइन डिमांड मतलब कि एक प्रोडक्ट कभी दूसरे प्रोडक्ट के बिना ना चले वही क्या है ज्वाइन डिमांड फिर आगे कंपोजिट का मतलब क्या हो गया कि किसी भी एक प्रोडक्ट से अगर टॉर्च को भी यूज कर सकता हूं उसमें मैं टेलीवीजन नहीं है फिर भी मैं अपना इंटरेटेइनमेंट कर सकता हूं ठीक है इसके अलावा मोबाइल से और क्या कर सकता हूं रेडियो भी सुन सकता हूं है ना कैमरे को भी यूज कर सकता हूं वो entertainment भी कराता है इसके साथ ही साथ में वो हमारे पास information भी provide करता है तो हो गया composing demand तो competitive demand की बात किया जाये तो competitive demand यह होती है जैसे कि कभी भी एक product जब भी होता है वो unavailable रहता है तो उसकी जगे हम दूसरा product खरीद लेता है जैसे कि मालो कि मुझे parley जी biscuit चाहिए तो पाले जी बिस्किट नहीं मिला तो मैं उसकी जगे सैनफेस्ट ले लूँगा या फिर टाइगर ले लूँगा है ना तो को लेकर काम चले तो वह क्या हो गया हमारी कंपोजिट डिमांड कंप्यूट सॉडी कंप्यूटिव डिमांड की मतलब कि उस जगह कोई भी आइटम जो भी होता है वह सॉर्ट टर्म के लिए बहुत ज्यादा बिकता है ठीक है तो वह भी सॉर्ट टर्म वहीं पर लॉन्ग टर्म क्या होते हैं जिसमें हर महीने 12 महीने क्या हो कि जो भी होते हैं लोग होते हैं वह क्या करते हैं उसको बेचते हैं और जो खरीदने आले उसको खरीदने ठीक है तो वह गई मांदि फ्लॉम एंड टॉप डिमांड ठीक है यह सारी चीजें क्लियर हो गया टाइप ऑफ डिमांड क्या होती है अब देखो यहां पर डिटर्मिनेंट्स ऑफ डिमांड डिटर्मिनेंट्स का मतलब क्या होता है कि डिमांड कहां से निश्चित किया देता है मतलब डिमांड को क्या चीज कौन-कौन से फैक्टर से जो कि अफेक्ट करते हैं तो सबसे पहले आपका हो गया प्राइस ठीक है ज टमाटर के रेट हमने सुने है कि 80 रुपए किलो, ठीक है तो हम नहीं खरीदेंगे, हम क्या करेंगे उसमें आधा किलो खरीद सकते हैं, जो भी टमाटर 40 रुपए दे करके आधा किलो खरीद सकते हैं, यह ना 250 ग्राम खरीद सकते हैं, ठीक है, बट हम एक किलो नहीं खरीदते तो हमारे उसके साथ से क्या हो जाती है डिमांड कम हो जाती है बट अगर हमने सुना जा करके 20 रुपए किलो टमाटर तो हम फिर 1 किलो खरीद लेते हैं और फिर 2 किलो खरीद लेते हैं क्योंकि उसकी प्राइस कम है तो हम उसके साथ से क्या करते हैं तो ये भी फैक्टर अफेक्ट करता है वह भी बिस्किट बना रहा है बट ओरियो भी बिस्किट बना रहा है ठीक है बट वहां पर पाले जी की देखो तो कितनी ज्यादा डिमांड है बट वहीं ओरियो की देखो तो उसकी कम डिमांड है क्योंकि उसका relative ही goods है बट अगर उसकी price जो भी high है आपका ज्यादा मन करेगा खर्च करने का और ज्यादा अपने लिए products और चीजों को खरीदने का तो यह हो गया हमारा determinants of demand मतलब factory यह भी हमारा इंफ्रेंस करता है कि इंकम भी हमारी इंफ्रेंस करते इसके अलावा वैदर कंडीशन जैसे मान लो बाद इस आई तो जैन को बिजार बिखने लगे छाता ज्यादा बिखने लगे तो वैदर की कंडीशन पर भी कोई प्रोटेक्ट की क्या होती प्रोटेक्ट यह टेक्स्ट सॉइट जो भी हमारा टेक्स होगा जो भी किसी चीज के ऊपर जो भी government tax लगा रही है तो वो हो गया tax के rate हो गया जैसे कि अगर किसी भी product के ऊपर ज्यादा tax लग रहा है तो हम उस product को नहीं खरीदेंगे और किसी product के पर कम टैक्स लगता है तो हम उसको प्रोटेक्ट को खरीद लेंगे ना फिर ग्रोथ आफ पॉपुलेशन जब ज्यादा पॉपुलेशन होगी तो किसी भी चीज की ज्यादा डिमांड होगी अगर कम पॉपुलेशन होगी तो किसी भी चीज की कम डिमांड होगी इसी तरीके स कितना भी महंगा हो कितना भी सस्ता हो मुझे तो यही वाला iPhone चाहिए है ना तो यह क्या है taste है या preference कि मैं किस चीज को preference दूँगा है ना त टेस्ट ऑफ रेफरेंस के ऊपर भी हमारी डिमांड डिपेंड करती है और फैक्टर यह भी होता है कि एक फैक्टर यह भी होता है कंजूमर का एक्सपेक्टेशन कंजूमर का एक्सपेक्टेशन के में जब बात आते हैं तो कंजूमर इसमें एक्सपेक्ट करता है डिमांड को इंफ्रेंस करते हैं इसके अलावा देखो आप यहां पर चार चीजें आ गई आपकी डाइन डिमांड फंसन डिमांड सेट्डूल डिमांड कर एंड सिफ्टिंग इन डिमांड कर तो यह सारी चीजों को हम अभी एक झटके में सारी चीजों को चीजें ना यह सारी चीजी क्या है डिमांड के फंसन है डिमांड के कौन-कौन से फंसन से यही है कि वह अ यही सारे फंचन से डिवांड के है ना फिर यहां पर अगर डिमांड कर दिमांड सेटडूल की बात कर जाता तो डिमांड सेटडूल कुछ नहीं यह क्या है एक तरीके से ग्राफिकल रिप्रेजेंटेशन जैसे मैंने बताया टमाटर आलाब की टमाटर क्या होगा टमाटर अगर मान लो 10 रुपए किलो है तो उसको क्या होंगे लोग ज्यादा मिलेगा कम खरीदेंगे सौफ लोग तो यहां पर उसकी क्या होगी हाई डिमांड होगी ना बट अगर यहां पर उसकी लोग उसकी हाई प्राइस है तो उसकी डिमांड क्या हो जाएगी कम हो जाएगी है ना यह क्या है जैसे इसकी यह क्या है यह हमारी प्राइस हो गई और यह हमारी डिमांड होगी इससे आप देखना अगर देखो प्राइस कम है तो डिमांड उसकी क्या होगी ज्यादा होगी टमाटर बीस रुपए किलो है उसकी डिमांड बढ़ेगी यानि कि लोग एक किलो दो किलो इस तरीके से खरीदेंगे टम जो प्राइस है प्राइस हमारी ज्यादा है यानि कि जो टमाटर है वह अगर अस्ती रुपए किलो है तो उसकी डिमांड क्या होगी कम होगी केवल लोग ढाई सौ ग्राम खरीदेंगे फिर आधा किलो खरीदेंगे ठीक है तो आई हॉप कि इतना क्लियर हो गया होगा आपको आज अच्छे से और इसी चीज को जब आप इस तो demand curve क्या होता है जो आपने यहाँ पर जो आपने चीज यहाँ पर represent करी है ना data के form में अब इसी को आप क्या करो यहाँ पर graph के form में दिखा दो तो यही क्या है दोस्तों यही हमारा demand curve है ना यहाँ पर यह demand curve है तो यहाँ पर demand curve यहाँ पर थोड़ा हसने आली बा तो देखो मान लो दस रुपए की जब डिमांड है दस रुपए की अगर प्राइस है इधर प्राइस आता है और इधर आपका क्या आता है प्राइस कम हुई तो आप क्या करोगे 200 खरीदोगे ठीक है इसी तरीके शेयर इसकी प्राइस आप क्या करोगे 300 खरीदोगे तो आप यहां पर से दो रुपए उसकी प्राइस हो गई तो आप क्या खरीदोगे और भी ज्यादा खरीदोगे तो जो आपने यहां पर से खाया है वही सारी चीजें यहां पर से रिप्रेजेंट कर दे तो यही होता है दोस्तों डिमांड करव हमारा आई होप की डिमांड करवी क्लियर है और दोस्तों सिफ्टिंग ऑफ डिमांड क्या होता है सिफ्टिंग ऑफ डिमांड यही होती वहां पर फेस्टिवल सीजन आते हैं उन सारी चीजों की प्रोडक्ट्स और भी ज्यादा रिमांड बढ़ जाता है इसी चीज को बोलते हैं सिफ्टिंग डिमांड कर्व यानि पर कुछ भी यहां पर नहीं करना बस दो लाइन से इस तरीके से खींच देने की demand जैसे मैंने बताएं कि अगर low कम अगर जादा price है तो demand उसकी क्या और जब वहाँ पर से ज़्यादा कम प्राइस है तो demand क्या होगी वहाँ पर से आपकी उसकी high होगी तो यही चीज मैंने अभी बताया न जो भी graphical representation जो भी अभी data के form में बताया और जो भी मैंने अभी graph के form में बताया वो यही है यही चीज तो बताइए है यहां पर से जो भी यहां पर लिखा हुआ है यह क्या है यहां पर से यही तो है यही तो चीज यहां पर डिमांड कर भी तो यहां पर बना हुआ है यह देखो यह क्या है डिमांड कर भी तो यहां पर बना हुआ है तो यही चीज लिखी है यहां पर तभी लॉ ऑफ डिमांड काम करेगा और इन सिच्वेशन में लॉ ऑफ डिमांड काम नहीं करेगा ठीक है अगर इस किसी के टेस्ट और प्रेफरेंस में चेंज होगा अगर कोई भी यह सोचेगा भी यह कम हो प्राइस ज्यादा हो प्राइस हमको तो चाहिए ही वहीं जाए सौ लोग है ठीक है किसी मान लोग इस किसी कंट्री में 200 लोग है ठीक है वैसे तो होता नहीं कंट्री तो उसकी डिमांड क्या होगी कम होगी वहीं पर अगर चार्ट करोड़ लोग वह किसी भी कंट्री के अंदर तो आप उसकी जो डिमांड होगी वह भी बढ़ जाएगी ठीक है तो इस केस में भी लॉट डिमांड काम नहीं करता अगर देखो भाई इनकम अगर इसी बढ़ेगी तो इसके साथ में उस तीन यहां पर क्या होते हैं, exceptions हो सकते हैं, और exceptions को यहां पर से आप इस तरीके से भी बोल सकते हैं, जो भी gift and goods होते हैं, gift and goods जैसे कि salt हो गया, आटा हो गया, चाहिए आटा कितने भी भाव बढ़े, कितना भी सस्ता हो जाए, नमक कितना भी सस्ता हो, कितना भी बढ़ जाए, इसी तरह से वैबलन गुट्स हो गया जैसे ऐसे चीजें जो आपकी जैसे स्टेटस को सोखते जैसे कि एप्पल के फोन हो गया है ना बीमडव्लू की कार हो गए तो यह सारे चीजें क्या होते हैं तो स्टेटस को मेंटेन करके रखते हैं अगर आप इन सीजों को ले करके जाते हो तो इसका मतलब यही आपको अगर इनकी मतलब यही खास बात होती जितना इनकी दिन का इनकी प्राइस बढ़े जितना इनकी प्राइस बढ़ेगी उतना ही इनकी मतलब इनका मतलब क्या होगा इनका मतलब उसकी चीज की डिमांड बढ़ेगी डिमांड उस तरीके से नहीं बढ़ेगी बढ़ा लोगों का देखने का नज़दिया क्या होगा वह अलग होगा ठीक है तो इसके बीच डिमांड होती है वह कोई कम नहीं होती जितनी इसकी डिमांड है थी वह उतनी रहती है या फिर उसकी डिमांड बढ़ती है ना उसमें यहां पर वेबलैंड गुड जैसे कि यह क्या क्योंकि यह शो करते हैं कि सिंबल होते हैं स्टेटर्स क्या होती है law of demand काम नहीं करता है तो ठीक है तो यहाँ पर इस तीनों चीज़े हैं मैंने बता दिया अब इसके बाद में देखो use of elasticity तो यहाँ पर से थोड़ा सा आपको कस्ट करना प� इसको हटा करके यहां पर से आप भी आपको देखना पड़ेगा पहले आप देखो कि लेस्टिसिटी ऑफ डिमांड होती क्या है यहां पर से कॉपी से थोड़ा आपको पड़ना पड़ेगा ठीक है इधर देख रहा है आप इलेस्टिसिटी ऑफ डिमांड क्या होती है इधर इसके बाद में हमारा यहाँ पर से आता है यहाँ पर देखो जो इलेक्सिटी ऑफ डिमांड होती है उसके जो मेजर तीन टाइप होते हैं ठीक है उसके मेजर टीन टाइप कौन-कौन से होते हैं एक ही होता है प्लास्टिक इलेक्सिटी इनकम इलेक्सिटी एंड क्रॉस इलेक्सिटी इसके अलावा हमारे एडवर्टी� तो प्राइस एलेस्ट्रिसिटी होती प्राइस एलेस्ट्रिसिटी क्या होती है इसके बारे में डिस्कस करते हैं ठीक है तो प्राइस एलेस्ट्रिसिटी ऑफ डिमांड यह क्या होती है दोस्तों किसी चीज की प्राइस कर से बढ़ती है जैसे मैंने बता हूं जैसे जो भी प्राइस होती है अगर वह कम प्राइस होगी तो उसकी डिमांड ज्यादा होगी अगर ज इन डिमांड एंड परसेंटेज चेंजेज इन प्राइस ठीक हो तो यह सी चीज को आपको अगर ग्राफिकल रिपेजेंटेशन में लिखना हो तो सॉरी अगर आपको इस तरीके से बताना हो तो आप ग्राफ्स के फॉर्म में इसको किस तरीके से बता दोगे तो यहाँ पर ज देखो यहां पर 5 types of price elasticity of demand लिखा हुआ है सबसे पहले क्या है कि perfectly elastic, perfectly inelastic, unitary elastic, relatively elastic ठीक है और इसको आप less elastic और high elastic के नाम से भी जान तकते हो relatively inelastic तो यहां पर अगर आपको नहीं समझा तो एक चीज को बनाते चलो देखो law of demand sorry इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड इलास्टिसिटी का मतलब होता है चेंजमेंट किसी जैसे रबड की बॉल हो गई तो रबड की बॉल क्या होती है उसको हम अगर पचकाते हैं तो फिर भी वो अपने फॉर्म में वापस आ जाती है तो जैसे रबड बैंड होते हैं अगर हम उसक और प्राइस, इनकम और इसके साथ में आपके क्रॉस जो होती है ये तीन मेजर होते हैं और इनकम आपका advertisement है और advertisement के अलावा आपका arc elasticity है वो आपके minor में आते हैं तो यहाँ पर सबसे पहले हम लोगों ने प्राइस को उठाया अब प्राइस के भी 5 types हैं तो यहाँ पर देखो perfectly elastic, perfectly elastic का मतलब ये होता है दोस्तों कि कि अगर आपकी जो भी demand होती है जैसे कि यहाँ पर जो भी आपके price होते हैं price आपका same हो रहता है मतलब कि वहाँ पर price में आपके कोई भी changement नहीं होता है थोड़ा बहुत changement हो सकता है बट आपकी जो demand होती product की वो क्यों होती है बढ़ती रहती है तो यहाँ पर इसी को चीज को हम क्या बोलते हैं इसी चीज को हम बोलते हैं perfectly elastic है ना इसको हम लोग EP is equal to infinite से define करते हैं जब आपकी कोई भी जो भी demand होती है वो क्या होती दोस्तों वो बढ़ती जाती है उसके price में कोई भी changement नहीं होता है जैसे कि देखो जियो का अगर बात करें तो जियो में देखो जियो का जब sim आया था तो उसमें price का कोई changement नहीं होता है तो इसको आप इस तरीके से graph के form में बताओगे represent करोगे यहाँ पर देखो, perfectly inelastic, perfectly elastic को बता दिया, अब perfectly inelastic को बताओ, यहाँ पर इसे EP equals to, वहाँ पर क्या था, infinite था, यहाँ पर क्या है, zero है, इसमें आपके क्या है, देखो, price बहुत ज़्यादा बढ़ती है, फिर घटती रहती है, इसके साथ में जो आपकी demand होती है, वो उतनी की पर्फेक्टली इन इलास्टिक ठीक है तो इस तरीके से इसको आप ग्राफ के फॉर्म में बना सकते हो बट अगर आप ग्राफ के फॉर्म में बना तो इस तरीके से आप ग्राफ के फॉर्म में बना देखो यूनिट्री इलास्टिक में क्या होती है कि जितने परसंटेज से आपने प्राइस को बढ़ाया होता है उसी किसाब से जो भी डिमांड होती हो वह भी कम हो जाती है फिर बढ़ जाती है फिर घट जाती है देखो अगर मेरे टमाटर के रेट चार रुपए थे ठीक है तो चार रुपए के साथ से हम क्या कर रहे थे जैसे तो हम चार रुपए के साथ से अगर टमाटर को खरीद रहे थे तो ज्यादा टमाटर के रेट दिखो आठ हो गए है ना चार के जगह आठ हो गए यानि कि 50% बढ़ गया तो उसी के साथ से देखो 20 से तो यहाँ पर देखो कि जैसे ही प्राइस बढ़ा उस चीज की क्या हो गई प्रोडक्ट की जैसे टमाटरों की क्या हो गई डिमांड भी उतनी तेजी से कम भी हो गई जितने इसाब से प्राइस बढ़ता है या घटता है उसी इसाब से उसकी डिमांड भी बढ़ जाती है फि एलास्टिक ठीक है अब यहां पर देखो रिलेटिवली एलास्टिक को किस तरीके से आप रिपेजेंट कर सकते होते हैं जिस रेशियों में घटते हैं फिर बढ़ते हैं उस हिसाब से आपके जो भी डिमां� तो यहाँ पर से इसका अगर मान लो कि आपके price 10% के साथ से बढ़े तो यहाँ पर से जो उसकी demand होगी वो 20% के साथ से कम हो जाएगी या फिर बढ़ जाएगी इसी चीज को आपको relatively elastic के नाम से आप इसको बोल सकते हो ठीक है और इसके अलावा एक और है यहाँ पर से एक और वो होता है हमारा Relatively Inelastic यहाँ पर देखो Relatively Inelastic जब आपके प्राइस जो होते हैं वो कम होते हैं आपके प्राइस में क्या होते हैं आप प्राइस में थोड़ा सा ज़्यादा रेशियो में कम करते हैं और फिर घटाते हो और फिर बढ़ाते हो अपने price को बट उसके सापसे आपकी जो भी demand है उसमें कोई फरक नहीं पड़ता है ठीक है तो उस case को क्या बोलते हैं उस case को हमको बोलते हैं कि relatively inelastic demand ठीक है तो 5 types हैं दोस्तों आए एक बार comment box में comment करके बता देना please like कर देना ज़रूर से तभी unit 3 का भी थोड़ा आपको पता है ये कि motivation मिलेगा जल्दी वीडियो post होगा हलांकि पांचों वीडियो पांचों यूनिट मैं कोशिश करूंगा कि दाद तक के आप लोगों के साथ हो जाएं ठीक है इसके अलावा यहां पर देखो हमारा अब आता है इनकम इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड में क्या है दोस्तों उसमें आपकी इनकम के ऊपर से मैटर करती है जो भी आपकी जो भी प्रोडक्ट होते हैं उनकी जो भी प्राइजिंग होती है पर्चेजिंग पावर इनकम के ऊप इनकम इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड यह टोटल कितने तरीके की होती है यह प्राइस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड कितने टाइप की थी वह फाइव पॉजिटिव का मतलब कि जिस राप से मान लो कि अभी मैं दस हजार रुपए कमा रहा हूँ तो मैं दस हजार रुपए कमा रहा हूँ जैसे मेरे बीस हजार रुपए होंगे तो मेरे उसके साप से खर्चे भी बढ़ जाएंगे मेरे बाँच हजार रुपए का मैं खरा करता हूँ उनसे सारे सामान खरीद लेता हूँ और पांच हजार और 5000 रुपए मेरे एक्सपेंसेंस दें तस्तर रुपए में से और 5000 रुपए सेव कर लेता हूं अब मेरे मान लोग मेरे खर्चे बढ़ गए सॉडी मेरे जो भी इनकम है वह बढ़ गई मेरे जो भी इनकम है वह बढ़ गई मेरे दस से 20 अजार तो इस रेशियों में मेरे क्या हुए वह बढ़े अ इनकम बढ़ी उसी ratio मेरे खर्चे भी बढ़ गई ये हो गया दोस्तों positive income elasticity ठीक है तो इस तरीके से आप ग्राफ के form में बनाओगे वहीं पर zero income elasticity में क्या होता है कि जैसे मान लो एक आदमी है तो उसकी जितने जिस भी इसाब से जितने भी उसके expenses होते हैं वो उस ratio में नहीं ब है अब अभी मेरी मान लो इनकम 10,000 से मान लो डायरेक्ट 60,000 रुपए हो गई तो मेरे इतने थोड़ी नहीं खर्चे बढ़ जाएंगे ना मैं चलाऊंगा तो अपने घर खर्च मान लो 30 30,000 रुपए चला लिया उस रेशियों में नहीं बढ़ जाएंगे ना तो यहां पर मेरी जो भी डिमांड है वह उतने तेजी से बढ़ेगी यहां पर देखो मेरी जो डिमांड है वह क्या है इकदम फिक्स है उस रेशियों में नहीं बढ़ जाएंगे तो यहां पर इसको क्या बोलेंगे जीरो इनकम इलास्टिसि� बटन दस हजार से 60,000 कमाने लगा और दस हजार से मैं डायरेक्ट एक लाख रुपए कमाने लगो ठीक है तो उसी साथ से मेरे जो भी खर्चें वह तो बिल्कुल नहीं बढ़ेंगे ठीक है तो बिल्कुल भी उस रेशियों में नहीं बढ़ेंगे और मैं घर खर्च मान लो कि एक लाख रुपए मेरी इनकम है और मैं घर खर्च के वर्ष 30,000 रुप� तो यहाँ पर से इसके आप इस तरीके से आप इसको बना सकते हैं जो भी स्वीर डिमांड होती वो कम हो जाती है आपके खर्चों के साथ से ठीक है तो आप इसको इस तरीके से ग्राफ के फॉर्म में रिप्रेजेंट कर सकते हो ठीक है अभी देखो यहाँ पर क्या है आगे इ जो भी होता है इसमें क्या होता है कि कोई भी चीज के आप जो भी प्रोडक्ट ए है मान लोगी मैं एक पालेजी बिस्किट लेता हूं ठीक है दूसरा क्या है मेरे पास में ओरियो का बिस्किट का पैकेट है ठीक है यहां पर ओरियो का बिस्किट का पैकेट ना लो आप क्या करो कि उसका सेम प्राइस वाला ले जैसे मान लो पांच रुपए का वह भी आता है पालेजी पांच रुपए का आपका सेंट फीस भी आता है ठीक है तो यहां पर से दो के इससे आप अगर आपको लो पालेजी जो भी आपका पालेजी बिस्किट है वो उसके प्राइज 5 रुपए से 10 रुपए हो जाते हैं ठीक है तो आपके उसकी डिमांड क्या होगी कम हो जाएगी लेकिन जो आपका सेंफिस्ट है वो उसके 5 रुपए के 5 रुपए ही बने रहेंगे इसी को आपके क्या बोलते हो cross elasticity किसी एक प्रोडेक्ट के खर्चे जो भी प्राइज होती है उसमें कम या जादा होने से दूसरे प्रोडेक्ट के जो भी वहाँ पर उसकी डिमांड में जो फर्क आ जाता है इसी को दोस्तों क्या बोलते है cross elasticity बोलते हैं जैसे कि देखो यहां पर जिसको एक एग्जांपल मैंने दिया हुआ है देखो यहां पर जैसे एप्पल लिखा हुआ है ठीक है एप्पल के प्राइस दस रुपए है ठीक है बनाने के भी प्राइस दस रुपए है ठीक है मैं यहां पर से खरीदता हू टीज पर आ गई बट हमारे जो भी यहां पर सेकंड बनाना है बनाने की जो मेरी प्राइस है वह सेम रही देखो दस रुपए पहले भी थी दस रुपए भी बाद में भी हो गई तो उस असाप से देखो मेरी यहां पर से 20 उसकी जो भी डिमांड है वह कितनी ज्यादा बढ़ इसी को तो बोलते हैं हम लोग cross demand के नाम से बोल सकते हैं इसको हम लोग ठीक है तो यहां पर से इसको आप tabular के form में इस तरीके से बना सकते हो और इसको आप ऐसे represent कर सकते हो formula के साप से a b equals to promotional change in demand b और promotional change in price a ठीक है इस तरीके से आप इसको represent कर सकते हो form इसके formula के साप से अभी देखो फिर आगे क्या है इदर यहां पर बात करें आर्ग elasticity की तो आर्ग elasticity क्या होती है आर्क इलास्टिसिटी कुछ नहीं आपको बस वही जो लॉफ डिमांड है उसका बनाना है ग्राफ और यहां पर से ये आर्क एक छोटा सा दिखा देना है यही क्या होता है दोस्तों आर्क इलास्टिसिटी इसमें ज़्यादा फोकस नहीं करो और एडविटीजमेंट इलास्� फर्क आ जाता है इसी को बोलते हैं हम लोग advertisement elasticity जैसे कि मान लोग कोई भी product है वो नहीं बिखता तो हम उसका क्या करेंगे advertisement करेंगे और जैसे ही advertisement करेंगे लोगों को उसके बारे में पता चले गया aware होंगे लोग तो क्या करेंगे उस product को खरीदने लगे यही होते हैं हमारी advertisement elasticity ठीक है तो अभी चलो यहाँ पर से वापस से हम लोग चलते हैं कि देखते हैं इधर पर कि यूज ऑफ इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड इन मैनेजरल डिसीजन मेकिंग यहाँ पर देखो यूज क्या है इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड अभी तक हम लोगों ने पढ़ा है ना कि इनका use क्या है managerial decision making में इससे आप क्या कर सकते हो सबसे पहली बात तो आप इसका क्या कर सकते हो determination of price मतलब price को आप क्या कर सकते हो determine कर सकते हो determination कर सकते हो इसके बाद में जैसे कि कोई भी एक manager होगा उसको ये पता चल जाएगा determination of price में कि उसको ये चीज पता चल जाएगी कि हमक पेट्रोल क्या है एक तरीके का necessary product है ना अब product जैसे necessary उसके बिना तो कोई काम चलेगा नहीं तो पेट्रोल में क्या होता है पेट्रोल के दामों में घटाया जाता है बढ़ाया जाता है उसमें tax भी सरकार अच्छे से लेती है एकदम जिससे कि जो भी है लोगों को देना ही प तो यहाँ पर क्या है कि इनक्रीज उसकी जो प्राइस होती है उसमें इंक्रीजमेंट किया जाता है बट जो भी कुछ एक FMCG प्रोडक्ट है जैसे कि आपका मान लो कंग्हा हो गया तेल हो गया शैंपू हो गया तो इसमें आपके कोई भी फर्क नहीं आता है क्योंकि शैंपू तेल इसमें अगर ज्यादा प्राइस का वह कर दिया प्राइस किसको बढ़ा दे तो इसकी डिमांड तो कम हो जाएगी बट अगर मैं हमने पेट्रोल के दामों को बढ़ा दिया एना जोड की टैक्स को बढ़ा दिया तो वहां पर उसकी डिमांड गवर्मेंट ने हमको एकटम फ्री इस वजह से मतलब ऐसे टैक्स फ्री इस वजह से प्रोवाइड करके रखा है हलांकि वाटर पर तो टैक्स लगता ही है लेकिन हम सभी लोग इसका कंज्यूम अच्छे से कर सके तो यहां पर एक डिस्क्रिमिनेशन ऑफ प्राइस का दूसरा यूज क्या होता है कि हम से क्या कर सकते हैं एक मैनेजर क्या कर सकते हैं डिस्क्रिमिनेशन कर सकते हैं सेम प्रोडेक्ट को डिफरेंट प्रा� ज्यादा पैसों में बिकेगा है ना तो वही क्या होता है discrimination of price कहां पर और shifting of tax burden जैसे कि मान लो अगर बोला जाएगा tax burden का मतलब होता है दोस्तों कि जैसे कि कोई भी ऐसा burden जैसे कि टैक्स का जो बर्डर होता है, जैसे कि अगर उसकी डिमांड कम हो दे होती है, अगर कोई भी प्रोटेक्ट की डिमांड कम होती है, तो जो बेचने वाला सेलर होता है, उसका टैक्स वो ज़्यादा पे करता है, कन्जूमर उसका टैक्स कम पे करता है, अगर उसकी जो पे करता है उसके उस टैक्स के लिए है तो यही होता है सिफ्टिंग ऑफ डिमाइट टैक्स बर्डन लुट टैक्स के बर्डन के बर्डन किसके ऊपर डाला जाता है बर्डन खरीदने वाले को पर जाना डाला जाता है फिर बेचने वाले को पर डाला पर इसमें जो बायर्स होता है यानि कि जो भी खरीदने वाला होता है वह क्या करता है अ वह ज्यादा पार्ट पे करता है टैक्स का और कंजीमर जो भी सॉडी जो भी बेसेलर होता है वह कम पार्ट पे करता है और जब भी डिमांड कम होती है जब डिमांड कम होती किसी प्रोडक्ट की तो उस केस में जो भी प्रोड्यूजर है फिर बेचने आला सेलर है वह उस चीज का उस प्रोडक्ट का ज्यादा पार्ट को पे करता है उस टैक्स के पेक पार्ट को ज्यादा प्लानिंग तो इससे हम क्या कर सकते हैं इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड से हम अपने प्रोडक्शन की प्लानिंग कर सकते हैं इसके अलावा हम इसमें से डिसीजन मेकिंग कर सकते हैं एडवर्टीजमेंट के लिए और इन्वेस्टमेंट के डिसीजन मेकिंग को भी कर सकते हैं कि कहां पर हमको कौन से चीजों का एडवर्टीजमेंट कि हम बात कर देते हैं यहां पर इन्वेस्टमेंट के डिसीजन को ले सकते हैं कहां पर से हमको कौन से जो भी हमको प्रॉफिट हुआ कहां पर से हमको कोई भी जमीन कोई भी लैंड खरीद लिया इन्वेस्टमेंट कहां पर कर सकते हैं यह होता है तो अभी देखो डिमांड फोरकास्टिंग मीनिंग डिमांड क्या होती डिमांड फोरकास्ट से आपके समझते हो फोरकास्ट का क्या मतलब होता है कि भविष्ट वानी किसी चीज का ना डिमांड फ्यूचर में उसकी कैसे किस तरीके डिमांड रहने वाली तो यह ही है कि इट इस द प्रेडिक्शन जो भी स्मार्टफोन है वो क्या है वो ज्यादा बिक रहे है ना तो फ्यूचर में क्या चीज बिकेगा क्या फ्यूचर में भी किसी स्मार्टफोन इसी तेजी से बिकते रहेंगे अभी जो भी हमारे जो भी कीपेड वाले फोन होते वह कम बिकते हैं वहीं पर demand forecasting demand forecasting involves use of various informal forecast techniques जैसे हम कुछ studio का guess करते हैं historical cells देखते हैं उसका देखते हैं कि पिछले कुछ सालों में इसके कितना भी किस तरीके का रहा उसका ग्राफ देखते हैं जिससे हमको सोना चांदी खरीदना होता है तो हम देखते ना कि ग्राफ नीचे रहा ऊपर रहा कब बढ़ रहा है कब घट रहा है इसको तो और डाटा यह demand जिस साथ होगी उसी ही साथ हम क्या कर सकते हैं production कर सकते हैं मान लो demand का production ज्यादा हमने बना लिया उसी ही साथ से ज्यादा भर के रख दिया तो वो क्या होगा हमारा material waste होगा finished good है ना फिर वहीं पर देखो cost की हम saving कर सकते है improve quality reduce risk reduce uncertainty ये हो गया उसके बाद में reduce wastage और save raw material है ना effective decision making increase profit reduce environmental issues help to take decision फॉर एडवर्टीजमेंट यह कुछ एक इंपोर्टेंस है डिमांड की फोरकास्ट हम क्यों करते हैं भविष्वानी क्यों करते हैं डिमांड की यह सारे इसके कुछ एक यहां पर लिखे हुए इंपोर्टेंस ठीक है तो इन साथ इस चीजों का आप स्क्रीन डिमांड फोरकास्टिंग टाइप्स यहां पर दो तरीके की होते हैं दो तरीके की होती टाइप्स डिमांड फोरकास्टिंग की सॉर्ट टर्म डिमांड फोरकास्ट एंड लॉन्ग टर्म डिमांड फोरकास्ट ठीक है इसमें देखा आता है कि प्रोडक्शन पॉलिसी जैसे कि बोला जाए जैसे जो भी डिमांड होती है उसको हम दो तरीके से फोरकास्ट कर सकते हैं शॉट टाइम के लिए और लॉन्ग प्रोडक्शन से रिलेटेड पॉलिसी है उसको हम चेंज कर सकते हैं ना प्रोडक्शन को घटा बढ़ा सकते हैं जोटीन सप्लाई आफ मैटेरियल्स को घटा बढ़ा सकते हैं पॉसिबल बेस्ट पॉसिबल यूज आफ मशीन वहीं पर जब भी अगर लॉन्ग टर्म में डिमांड की फोरकास्ट करनी होता तो मुश्मी क्या करते हैं हम क्या ठीक है अब सॉर्ट टर्म में जैसे मान लो कि मेरे मिठाई के दुकान है उसमें लड्डू बनाने का आउडर आ गया जादा एकदम से तो इसके लिए कि हम अलग से जमीन खरीदेंगे नहीं अगर मेरे पास में आता ही रहता है आता रहता है लॉंग टर्म में है तो उसमें क् बढ़ती चली जाती है तो इस वजह से हम क्या करना पड़ेगा अपनी जो भी जमीन है उसको बढ़ाना पड़ेगा यानि कि अपनी दुकान को बढ़ा करना पड़ेगा और अगर स्टॉर्ट टाइम में जैसे मैं इकदम से मान लो कि केवल फेस्टिवल सीजन आया और अच्� कि कैपेसिटी को इंग्रीज करोगे मशीन की प्लानिंग करोगे तो यह सारी चीजें आती हैं आपकी लॉन और सॉट में आई हूप की समझ में आ गया होगा दोस्तों 40 मिनट हो चुके हैं और अभी भी थोड़े सी चीजें भी बाकी हैं सप्लाई तब पर भी बाकी थोड़ा सा पेशेंस रख करके देख लो सारी चीजों को एक वीडियो में ही कर करूंगा अब अभी मेरा भी थोड़ा सा मुझे दर्द हो रहा है बट यहां पर किया गया है ना क्योंकि कल एग्जाम भी है तो यहाँ पर देख लो एक बार क्या है कि method of demand forecasting, demand forecasting के कौन-कौन से method क्या है कि method of demand forecasting, जैसे कि अगर देखा जाये तो आपकी demand forecasting के कौन-कौन से method होते हैं तो दो major methods होते हैं, quantitative और qualitative, ठीक है qualitative method और quantitative method, दो methods होते हैं अब आते हैं direct हम लोग supply analysis पर, supply क्या होती है, जैसे कि जितनी भी जो भी product होता है जैसे कोई भी product होता है वो हमारे तक किस तरीके से पहुचता है हमारे तक किस तरीके से पहुचता है इसी चीज को तो बोलते है supply analysis या तो हम दुकान में जाते हैं खरिदने या फिर हम लोग online किस तरीके से मंगाते हैं तो वो supply होती है मतलब कि supply किस तरीके से product का जो भी supply किस तरीके से आ रहा है किस तरीके से जा रहा है यही होती है हमारी supply का analysis तो supply means to give or provide something मतलब कि किसी चीज को देना और किसी चीज को provide करना to fulfill the demand of customer producer नहीं ना गुट सप्लाई इट्टू कस्टूमर एट पर्टिकुलर टाइम वायर रिटेलर होल सेलर आफ्टर फिक्सिंग द प्राइस में लगी किस तरीके से आप रिटेलर को रहते हो इसके बारे में एक एक्सांपल लेते हैं अगर कोई भी दुकान वाला है, जैसे मान लो कोई सबजी वाला है, अगर उसको ज़्यादा profit मिल रहा है, तो वो उसका क्या करेगा, ज़्यादा-ज़्यादा supply करेगा, बट अगर उसको कम profit मिल रहा है, तो वहाँ पर वो कम से कम supply करेग इसको हटाते हैं यहां पर सब्सक्राइब बढ़ेगी अ प्राइस डिक्रीज होंगे, सप्लाई भी उसकी क्या होगी, डिक्रीज होगी, ठीक है, तो यह चीज आपको बस ध्यान रखनी है, जैसे हम लोगों ने वहाँ पर उसकी डिमांड और प्राइस का एनालेसिस किया था, यही होता है, दोस्तों, कि कमोडिटी के प्राइस किस पर ज प्राइस ज्यादा उसको मिलेगा तभी वो ज्यादा बेचेगा ठीक है तो यही होते है कमोडिटी की प्राइस एक तो यह हो गया आपका डिटर्मिनेंट सेक्टर हो गया दूसरा क्या हो गया फैक्टर की प्राइस ऑफ प्रोडक्शन फैक्टर जैसे कि अगर आप जाते रहोगे तो आपकी जो भी सप्लाई होगी वह क्या हो इसके इसमें डिक्रीज हो जाएगी ना क्योंकि उसके इसमें आप ज्यादा प्रोडक्शन कर नहीं पाओगे सब सभी लोगों को आपको ज्यादा पैसे देने है तो आप उसके इसमें करती है दोस्तों इट मलेगी जो गवर्नमेंट होती है मोर टैक्स अब मोर टैक्स जैसे कोई भी चीज क्या करती है अगर जो भी government है, अगर जो government है, अगर वो किसी प्रोडक्ट के ऊपर ज्यादा टैक्स लगाती तो उस केस में जो सप्लाई होती है उस केस में सप्लाई जो भी होती है वो क्या हो जाती है डिक्रीज हो जाती है तो इसका एक यह भी फैक्टर है टैक्स की पॉलिसी हो गया फिर यहाँ पर इंवार्मेंटल एंट वैटर्स की क बारिश कम होती है तो वहाँ पर सप्लाई वहाँ पर उन रेन कोट की सप्लाई या छातों की सप्लाई कम होगी और जहां पर ज्यादा बारिश होती तो वहां पर छाते और रेन कोट क्या होंगे ज्यादा बिखेंगे तो वहां पर सप्लाई भी ज्यादा होगी और प्रेसिडेशन के ऊपर प्राइस के ऊपर मैटर करती है अब देखो सप्लाई फंचन क्या होता है इन सारे चीजों को अगर देखिए यहां पर से इस तरीके से रिप्रेजेंट कर दिया जाएं इस फॉर्म में तो यही क्या हो और सप्लाई के सप्लाई से रिलेटेड अब देखो लॉट सप्लाई क्या बोलता है लॉट सप्लाई को पहले आपको बता चुके लॉट डिमांड कर्व बनता है मैंने लॉट सब जो सप्लाई होता है सप्लाई कर्व कुछ इस तरीके से बनता है डिमांड करवा कैसे बनता था ऐसे बनता था बट जो आपका यहां पर सप्लाई कर वह कैसा बनता है ऐसा सीधा है ना तो यह आपको ध्यान रखना यह सप्लाई होती है और यह आपका डिमांड होता है ठीक है और इस फॉर्म में आप दिखा सकते हो जैसे आपकी जो भी प्राइस है वो कम है तो सप्लाई भी कम है 5 है आपकी प्राइस ज़्यादा हो गई 4 हो गई तो उसकी सप्लाई भी क्या हो ठीक है और equilibrium price क्या होता है यह price ऐसा होता है जहां पर देखो यहां पर यह demand curve है यह आपका क्या है demand curve है अब हम लोग पढ़ गया है और यह क्या है दोस्तों supply curve है जहां पर यह दोनों point intersect करते हैं ठीक है इसी को हम लोग क्या बोलते है equilibrium price बोलते हैं मतलब कि जहां पर हमको कोई भ ना मुझे एक रुपए का प्रॉफिट होता है ना ही मुझे एक रुपए का लॉस होता है तीक है तो उस पीछ उसी पॉइंट को हम क्या बोलते हैं एक विदेम पॉइंट बोलते हैं ठीक है और इसको अच्छे तरीके से सबको यह बात बता है बट यहाँ पर इसको इस चीज तो अभी आप इस सारी चीजों को अच्छे से कर पाओगे ठीक है अब नेक्स्ट वीडियो में दोस्तों आयो किसी के साथ में सेकंड यूनिट खत्म हो चुका है नेक्स्ट वीडियो में हम लोगा प्रोडक्शन पंचन स्टार्ट होता है ठीक है तो यह हो बट आगर आप इतना कर देते हो लाइक करते हो शेयर करते हो अपने दोस्तों के साथ में तो से मेरा भी कुछ फायदा हो जाता है ना नहीं तो मेरी क्या मतलब इतना मेहनत करने का ठीक है तो I hope दोस्तों सारी चीज़ी clear है कोई भी अभी दिक्कत है डाउट है तो please at least comment box में comment करके बताओ और हाँ PDF चाहिए तो उसके लिए आप WhatsApp कर सकतो मिलते हैं next video मे