हेलो हेलो फ्रेंड्स महीने में रूपाली एंड आज की वीडियो में हम डिस्कस करेंगे प्रोसीजर फॉर अमेंडमेंट्स लेट्स गेट स्टार्टेड व्हाट इज अमेंडमेंट अमेंडमेंट क्या होती है जब भी कॉन्स्टिट्यूशन में एक चेंज जाना होता है कुछ मॉडिफाई करना होता है तो उस चेंज लाने के प्रोसेस को हम अमेंडमेंट बोलते हैं नो अब हमें अमेंडमेंट क्यों चाहिए वहीं कॉन्स्टिट्यूशन में क्योंकि जब अ कॉन्टिट्यूशन इंप्लिमेंट हुआ था 1950 में और आज के टाइम पर ज़मीन आसमान का डिफरेंस है उस टाइम पर जो सोशल पॉलीटिकल नीड्स की सुसाइटी कि वह आज के टाइम से डिफरेंट है तो जैसे सोसायटी की सोशल पॉलीटिकल नीड्स अपडेट होती रहती है ना कि वॉल्व होती है ट्यूब विद टाइम वैसे ही कॉन्स्टिट्यूशन को भी अपडेट करना नेसेसरी होता है तो इसीलिए अमेंडमेंट खिलाने की जरूरत होती है कॉन्स्टिट्यूशन में बर्फ जो अमेंडमेंट वाली का प्रोसीजर है वह ना ज्यादा रिजल्ट है ना वह फ्लैक्सिबल है मतलब कि अगर मैड्रिड की बात करूं तुझे यूएसए का कॉन्ट्रिब्यूशन है वह बहुत स्ट्रिक्ट है वहां पर अमेंडमेंट्स लाना इतना इजी नहीं है बड़ौदा दर हैंड अगर मैं योगी का अब कॉन्स्टिट्यूशन की बात करूं तो वहां की कॉन्टिट्यूशन में अमेंडमेंट्स लाना इजी है मतलब यूके का कॉन्टिट्यूशन फ्लैक्सिबल है तो जो इंडिया का कॉन्स्टिट्यूशन है वह ना रिजल्ट है न फ्लैक्सिबल यह पूरी तरीके से वह इन दोनों का मिक्सचर है मतलब हाइब्रिड नेचर इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन का इतना तब भी नहीं कमेंट करना बट इतना इजी भी नहीं है कि अमेंडमेंट होती रहती है अब जो अमेंडमेंट क्या प्रोसीजर है वह आर्टिकल 368 के 50 इवेनिसेंट है आर्टिकल 368 से जरा हमारा कॉन्स्टिट्यूशन बन रहा था तो जो प्रेम अर्ज अपऑन ट्यूशन के उन्होंने हर कंट्री ककून ट्यूशन पढ़ाता था कि हर कंट्री के जो अच्छे फीचर्स है वह हम अपने कॉन्स्टिट्यूशन में ले सकते ठीक है तो उन्होंने थे प्रोसीजर कोड अमेज़ों साउथ अफ्रीका से बोरो किया है जो यह फीचर है वह साउथ अफ्रीका टीम ने फॉलो किया है अब आर्टिकल 368 के अंदर पार्लियामेंट को पावर दी है कॉन्स्टिट्यूशन के किसी भी पाठ को अपग्रेड करने की किसी भी डॉक्युमेंट तो कर सकते हैं प्लस कर सकती है पार्लियामेंट एक्सट्रेक्ट बेसिक स्ट्रक्चर ऑफ़ कॉन्स्टिट्यूशन जो यह पार्टी जो बेसिक स्ट्रक्चर आफ थे कांस्टीट्यूशन का उन वह ऑडिटर नहीं कर सकती पार्लियामेंट बेसिक स्ट्रक्चर के अंदर क्या-क्या आता है इंडिपेंडेंस आफ ज्यूडिशरी उसका ऑपरेशन आफ पावर रूल ऑफ लॉ एस एक्स्ट्रा तो जो बेसिक स्ट्रक्चर आफ थे कांस्टीट्यूशन का वह पार्लियामेंट अमेंड्स नहीं कर सकती और यह किस-किस में डिसाइड हुआ था यह हुआ था केशवानंद भारती केस में अब जो अमेंडमेंट है वह इन तरीकों से लाई जा सकती है एक तो है थ्रू आर्टिकल 368 जिसके अंदर दो प्रति इससे एक स्पेशल मैच्योरिटी एक स्पेशल में जॉर्ज लिटिल प्लस नोटिफिकेशन माय स्टेटस पे क्वालिटी तो चाहिए उसके साथ चाहिए स्टेट का कंसेंट भी चाहिए अगर कोई भी पैडल प्रोविजन में हम ऑपरेशन कर रहे हैं या कोई भी चेंज ला रहे तो स्टेट का कंटेंट भी जरूरी होता है मेहनत सिंपल मेजॉरिटी तो बेसिकली यह तरीका होता है अमेंडमेंट लाने का अब जो अमेंडमेंट बिल प्रेसिडेंट होता है ना तो कोई भी हाऊस इनिशिएटिव ले सकता है ऐसा जरूरी नहीं है कि पहले लोकसभा लेगा या पहले राज्य सभा लेकर नहीं कोई भी हाउस पहले इनिशिएटिव ले सकता है बिल प्रेजेंट कर सकता है यही रिक्वेस्ट इन यूपीएससी में पूछा गया है कि कौन सा माउस पहले विल प्रेजेंट करता है अमेंडमेंट बिल तो ऐसा जरूरी नहीं है कि लोकसभा करेगा और राज्यसभा दोनों हाउस में से कोई भी इनिशिएटिव ले सकता है याद रखना लाइट्स एंड कैन बे इंट्रोड्यूस्ड बाय मिनिस्टर और प्राइवेट मेंबर मतलब कोई भी प्रेजेंट कर सकता है बिल मिनिस्टर्स भी कर सकते हैं प्राइवेट मेंबर बिल कर सकते हैं प्राइवेट मेंबर कौन होते हैं देखो लोकसभा में सपोच 545 सीट से ठीक है तो फाइल थर्टी फर्स्ट में से सबके सब तो मिनिस्टर्स नहीं होंगे ना तो जो मिनिस्टर्स नहीं है वह प्राइवेट मेंबर है सिंपल डेफिनेशन यही है इसकी जो मिनिस्टर नहीं है वह प्राइवेट मेंबर्स सब तो दोनों में से कोई भी प्रेजेंट कर सकता है बिल अब जो बिल है वह दोनों वायर्स मतलब लोकसभा और राज्यसभा में सेपरेटली पास होना चाहिए ऐसा नहीं है कि लोकसभा में फ़ालतू के राज्यसभा में नहीं हुआ तो दोनों हाउस ने मिलकर ज्वाइंट सेटिंग कर ली और फिर बिल्कुल मेजॉरिटी के साथ पास करवा दिया नहीं ऐसा नहीं होगा जॉइंट सेटिंग नहीं हो सकती दोनों उस इसमें सेपरेटली पास होना चाहिए अब दोनों उसमें सेपरेटली पास हो गया ठीक ए मेजॉरिटी के साथ तो उसके बाद बिल जाता है प्रेसिडेंट के पास अब प्रेसिडेंट को वह बिल साइन करना पड़ता है क्योंकि जो अमेंडमेंट बिल होता है ना वह प्रेसिडेंट अपने पास रोक कर नहीं रख सकता या फिर वापस नहीं बेच सकता फॉर रिकंसीडरेशन यह मैंडेटरी फॉर प्रेसिडेंट के लिए कि उसको अमेंडमेंट बिल पर साइन करना पड़ेगा ही हिस्ट्री टाइमलाइन है और यह मैंडेटरी कब हुआ यह मैंडेटरी 2014 ऑल ट्यूब चेनल अमेंडमेंट के बाद से मैंडेटरी होगा कि प्रेसिडेंट को साइन करना पड़ेगा अब जैसे ही प्रेसिडेंट साइन कर देता है उस बिल को तो वह बिल बन जाता है अब हम टाइप्स ऑफ अमेंडमेंट को डिटेल में पढ़ते हैं कि कौन-कौन से पार्ट्स है जो इन के थ्रू पेमेंट हो सकते हैं तो यह तीन तरीके हैं जिनसे कॉन्स्टिट्यूशन को अमन किया जा सकता है सबसे पहला है बाय सिंपल मेजॉरिटी सेकंड है 22 फैशन में क्वालिटी एंड थर्ड है बाद स्पेशल मेजॉरिटी एंड डेफिनेशन आफ स्टेट्स इन को डिटेल में पड़ने से पहले इस चीज जाना जरूरी है जो आर्टिकल 368 है वह अमेंडमेंट ऑफ़ कॉन्स्टिट्यूशन से डिलीट करता है और अमेंडमेंट ऑफ़ कॉन्स्टिट्यूशन याद स्पेशल मैच्योरिटी के थ्रू हो सकती है इस पेशे में जो रिलेटिव विद राइट ए एप्लीकेशन में फादर टोटल स्टेट्स ठीक है अगर हम कोई चेंज ला रहें बदल रहे हैं कुछ कॉन्स्टिट्यूशन में थ्रू सिंपल मेजॉरिटी पार्लियामेंट दिन इट इस आउटसाइडर्स को पॉलीटिकल्स 368 की आर्टिकल 368 के अंदर नहीं आएगी तो आर्टिकल 368 के अंदर से दो प्रोसीजर्स है सिर्फ दो ही टाइप से फर्स्ट इस बार स्पेशल मेजॉरिटी अंतरिक्ष लेकिन इस स्पेशल अमेज़न में ऑफ द स्टेट्स मुद्दे की सिंपल मेजॉरिटी के थ्रू बिल कैसे पास होता है बहुत ही इजी है सिर्फ तीन चीज़े याद रखनी है एक तो जितने लोग उस वक्त मेंबर्स प्रेजेंट हाउस में और वह प्रेसिडेंट लोग वोट कर रहे हैं और वह कितना होना चाहिए मोर थन फिफ्टी परसेंट ठीक है तो मान लो लोकसभा में टोटल मेंबर्स आफ 543 ठीक है अब 543 में से प्रेसिडेंट कितने उस वक्त शौक पचास परसेंट कितना हुआ 50 ठीक है तो यहां पर लेकर मोर थन 50 पर सेंट तो 50 प्लस वन या फिर 50 से ज़्यादा वोट अगर मिल जाएंगे फेवर में आ जाएंगे तो वह बिल पास हो जाए कि अब यह सेम चीज राज्यसभा में भी ले लो मान लो राज्यसभा में प्रेसिडेंट है दोस्तों लोग ठीक है दोस्तों का आधा कितना हुआ शॉट तो हमें सौ से ज़्यादा वोट चाहिए फेवर में बिल पास कराने के लिए ठीक है तो एक चीज याद रखना कि जो लोग प्रेसिडेंट है ना वही वोट दे सकते हैं जो लोग आप सेंटर को बोल रहे बाद में कि हमने तो हम अब वोट दे रहे अपना नहीं जो लोग प्रेसिडेंट है और जो लोग वोट दे रहे हैं उन्हीं उसी बेसिस पर बिल पास होगा अब देख लेते हैं कि सिंपल मेजॉरिटी के थ्रू क्या-क्या चेंजेस लाए जा सकते हैं सबसे पहला एडमिशन और स्टैब्लिशमेंट ऑफ न्यू स्टेटस न्यू स्टेट को स्टैब्लिश करना सेकंडरी फॉर्मेशन ऑफ न्यू स्टेट एंड ऑपरेशन आफ एरियाज बाउंड्रीज और नेमस आफ एक्जिस्टिंग स्टेट न्यू स्टेट को फॉर्म करना या फिर जो एक्जिस्टिंग स्टेट से उनके एरिया बाउंड्रीज को ऑडिटर करना या उनका नेमस डिसाइड करना नेक्स्ट अवॉर्ड्स 9 क्रिएशन आफ लेजिसलेटिव काउंसिल आफ स्टेट्स जो विधान परिषद होती है स्टेटस केंद्र उनको या टो डिसोल्व कर देना पॉलिश कर देना या फिर न्यू लेजिस्लेटिव कॉउंसिल क्रिएट करना नेक्स्ट ए सेकंड शेड्यूल के अंदर जो इंवॉल्वमेंट से अलार्म सेट ए प्रिविलेज है गवर्नर प्रेसिडेंट स्पीकर्स के उनको उनकी सैलरी डिसाइड करना या उसमें कोई चेंजेस लाने हो तो वह सब हम सिंपल मेजॉरिटी के थ्रू कर सकते हैं दिन कोरम इन पार्लियामेंट कोरम क्या होता है एक मिनिमम अटेंडेंस होती है पार्लिमेंट जिसके बाद ही पार्लियामेंट फंक्शन कर दिए तो अभी जो डिसाइड परसेंटेज है वह ऐड टेन परसेंट अगर टेन परसेंट से कम लोग प्रेसिडेंट होंगे पार्लियामेंट में तो पार्लियामेंट फंक्शन नहीं करेंगे इसलिए टेन परसेंट से ज्यादा होने चाहिए या टेन परसेंट होने चाहिए नेक्स्ट सैलरीज एंड एलाउंसेस ऑफ द मेंबर ऑफ पार्लियामेंट टीके f10 रूल्स आफ प्रोसीजर इन पार्लियामेंट जो पार्लियामेंट के रूल आफ प्रोसीजर है वह देखना दिन प्रिविलेजेस आफ पार्लियामेंट इट्स मेंबर्स एंड का चीज वह है उसके मेंबर्स कमिटी आफ पार्लियामेंट कि उसकी प्रिविलेजेस देखना उसमें कोई चेंज लाना नैक से नंबर और यह जिंजर जिंजर सुप्रीम कोर्ट यूजर्स कौन होते हैं जजेस और फलों व रंग तो अभी हायर रैंक पर कौन सा जज होता है सीआईए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया तो उसके नीचे जितने भी जज होंगे ना उनको हम ट्यूशन जज बोलेंगे ठीक है तो उनके वजन जिसके नंबर्स में चेंज लाना हो कोई तो सिंपल मेजॉरिटी के थ्रू कर सकते हैं दिन सिटीजनशिप में जो एक्वायर है कैसे करते हैं सिटीजनशिप डोमिनेशन में अगर कोई प्रोसेस में चेंज लाना हो तो वह विस्तरों सिंपल मेजॉरिटी हो सकता है इलेक्शंस टो पार्लियामेंट एंड स्टेट लेजिसलेटर्स इलेक्शन के प्रोसेस जो पार्लियामेंट स्ट्रीट लेजिस्लेचर में लक्षण का प्रोसेस में कुछ चेंज लाना हो तो वह भी चेंज हो सकता है थ्रू सिंपल मेजॉरिटी डंडी लिमिटेशंस आफ कांस्टीट्यूएंसीज यूनियन टेरिटरीज में कोई चेंज लाना हो तो फिर शेडयूल जो एडमिनिस्ट्रेशन आफ शेड्यूल्ड एरियाज एंड शेड्यूल्ड ट्राइब कि उसके रूल्स एंड रेगुलेशंस में चेंज 99 या बनाने हूं कोई रूल्स एंड रेगुलेशन उसमें चेंज लाना हो तो भी थ्रू सिंपल मेजॉरिटी हो सकता है तीन सिमिलरली सिक शेडयूल में आड्मिनिस्ट्रेशन जो है ट्राईबल एरियाज का उसमें भी कोई चेंज लाना हो तो वह भी हो सकता है तू सिंपल मेजॉरिटी तो यह काफी सारी चेंजेस सिंपल मेजॉरिटी के स्कूल नहीं जा सकते हैं अब देखते स्पेशल मैच्योरिटी यह बोल रहा था मैं जॉन रेडक्लिफ टोटल मेंबर शिप ऑफ थीसस उस एंड मेजॉरिटी आफ two-third आफ मेंबर्स आफ थिस हाउस प्रेजेंट एंड वोटिंग सबसे पहली चीज यह बोल रहा है तो मैं गारंटी ऑफ द टोटल मेंबरशिप आफ ईच हाउस तो मान लो लोकसभा की टोटल मेंबरशिप कितनी है 543 543 की मैच्योरिटी क्या होगी आधे से ज्यादा तो पार्टी का आधा कितना अगर 271 520 मान लेते हैं तो अगर 272 लोग किसी चीज में फेल मेंबर्स पीर वोट कर लुट तो बिल तो पास हो जाना चाहिए ना नहीं यहां पर एक चीज और बोली इसके साथ की एंड मेजॉरिटी आफ two-third आफ मेंबर्स आफ टीचर्स प्रेजेंट एंड वोटिंग तो अब तो अगर हम लोकसभा की बात करें तो मान लो 543 में से उस वक्त 300 लोग ही प्रेसिडेंट है तो अब 30 टू थर्ड कितना होगा 209 दो ठीक है और मान लो उन दोस्तों 300 लोगों में से 250 लोगों ने वोट कर दिया फेवर में तो अब यहां पर यह टू थर्ड को तो क्रॉस कर रहा है ना तो बिल तो पास हो जाना चाहिए ना नहीं बिल पास नहीं होगा क्योंकि मैंने अभी बताया कि जितना भी टू थर्ड आएगा ना वही टू थर्ड हाफ को क्रॉस करना चाहिए जो टोटल में जो रिलेटिव उसके हाफ को क्रॉस करना चाहिए नहीं समझ में वन लाइक फॉर एग्जांपल देखते हैं तो सेकंड्स बोला था कि जितने भी लोग अब उस हाउस में प्रेसिडेंट है ना और वोट करें तो उसमें जो अल्टिका टू टू थर्ड चाहिए ठीक है तुम मान लो अब चार सौ लोग प्रेसिडेंट है तो 400 का में जो अ मतलब टू थर्ड कितना होगा 250 है ना मान लो 260 लोग वोट कर देते हैं व में अभी टू थर्ड वाले क्राइटेरिया को तो मैच कर रहा है मतलब two-third मेजॉरिटी तो है लेकिन क्या यह इस वाले क्राइटेरिया को मैच कर रहा है नहीं यह अभी भी जो टूटा है ना वह पार्लियामेंट कि टोटल स्ट्रैंथ का हाफ होना चाहिए और यह इस हाफ को क्रॉस नहीं कर रहे मान लो वो 260 की जगह 300 लोग वोट करते तो क्या अभी क्राइटेरिया कर रहा था पूरा हां अब यह पूरा क्राइटेरिया फॉलो करें क्योंकि टू थर्ड से भी ज्यादा है और यह इस हाफ को भी क्रॉस कर रहे हैं मतलब 270 से भी ज्यादा है तो अब यह बिल पास हो जाएगा और यह सेम प्रोसीजर लोकसभा में भी वह पोलो होगा अब यहां पर एक और चीज ध्यान रखनी है ऐसा न हो कि आप जो यह मेजॉरिटी होगी टोटल मेंबरशिप कि इसका तो ध्यान रखें हो लेकिन यहां पर जो भी टूट वाला क्राइटेरिया है ना वह फॉलो ने कार्यों नहीं दोनों चीजों को फॉलो करना है दोनों चीज दोनों क्राइटेरिया पूरे होने चाहिए मतलब मान लो अगर 500 लोग प्रेसिडेंट है ठीक है उस वक्त और 500 में से 290 लोगों ने वोट किया है तो 290 270 वाला क्राइटेरिया तो पूरा कर रहे हैं लेकिन क्या यह 500 का टू थर्ड है 290 नहीं तो यहां पर दोनों क्राइटेरियास फुल होने चाहिए तभी एक बिल पास होगा आयोग आपको थोड़ा सा क्लियर होगा स्पेशल मैच्योरिटी एम आई नोट थोड़ा सा ट्रिक है यह बट अगर आपको नहीं समझ आया हो तो रिमाइंड करके दोबारा से सुन लेना एक बार अब हम देखते हैं कि स्पेशल मैच्योरिटी के थ्रू अ क्या-क्या प्रोविजंस एंड हो सकते हैं देखिए अब तो सबसे पहला है फंडामेंटल राइट्स फंडामेंटल राइट्स चेंज कर सकता जॉइंट कर सकते हैं हमने पहले किए भी है राइट टू एजुकेशन को ऐड किया है और राइट टो प्रॉपर्टी को हटाया भी है लेकिन चेंज करते वक्त जो कोर वैल्यू है ना वह चेंज नहीं होनी चाहिए जो बेसिक स्ट्रक्चर है वह खराब नहीं होना चाहिए यह ध्यान रखना है उसके बाद राय डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स आफ स्टेट पॉलिसी भी चेंज कर सकते हैं इन ऑल दर प्रोविजंस विच आईएस नॉट रिकवर्ड बाय द फर्स्ट एंड थर्ड कैटेगरीज़ मतलब पोस्ट क्या थी हमने जो देखी थी वह थिस सिंपल मेजॉरिटी और थर्ड क्या थी SIM स्पेशल मैच्योरिटी प्लस रेक्टिफिकेशन आफ थे स्टेट तो इन दो को छोड़कर जितने भी प्रोविजंस बच्चे हुए ना वह सब स्पेशल मैच्योरिटी के थ्रू पेमेंट हो सकते हैं अब स्पेशल मेजॉरिटी एंड नोटिफिकेशन और स्टेटस में बोल रहा है स्पेशल मेजॉरिटी आफ पार्लियामेंट एंड नोटिफिकेशन बर नॉट लूज वन ऑफ द स्टेट लेजिसलेटर्स तो यह बोल रहा है एप्पल फेडर फीचर को इफेक्ट कर रहे हैं उसमें प्रोविजन लाड चेंज चला रहे थे तो उसके इसमें बिल्कुल सारे स्टेटस मुकेश के पास भेजा जाएगा एंड हाफ स्टेज का अप्रूवल होना चाहिए मतलब 50% स्टेट का प्रोफाइल होना चाहिए तो अपने अभी कितनी स्टेटस 28th टोटल 28 में से अगस्त 23rd अप्रूवल दे देंगे उस बिल को फीवर कर देंगे तो वह बिल पास हो जाएगा ठीक है तो इस पेशे में जो अभी तो चाहिए उसके साथ अगर कोई फेडरर फीचर इफेक्टिव है तो स्टेट का कंसेंट भी चाहिए अब देखते हैं कि स्टेट के कंटेंट की कहां का जरूरत होती है सबसे पहला इलेक्शन आफ थे प्रेसिडेंट आईएस माइनर जो प्रेसिडेंट का इलेक्शन होगा इसका जो प्रोसेस होगा उसमें अगर कोई चेंज लोग तो स्टेट का कंटेंट जरूरी है दिन नेक्स्ट एक्सटेंट आफ एग्जीक्यूटिव पावर ऑफ द यूनियन एंड स्टेट तुझे एग्जीक्यूटिव पावर है यूनियन एंड स्टेट कि उसमें अगर कोई चेंज लाना होगा उन पॉइंट्स को एक्सटेंड करना होगा कम करना होगा तो उसमें भी स्टेट फिर कंसेंट की जरूरत है इन सुप्रीम कोर्ट एंड हाई कोर्ट से रिलेटेड कोई अमेंडमेंट होगी तो उसमें भी स्टेट हुसैन की जरूरत होगी तो इन डिसटीब्यूशन आफ लेजिसलेटिव पावर्स बिटवीन द यूनियन एंड स्टेट जो भी लेजिसलेटिव पावर्स का डिस्ट्रिब्यूशन होगा स्टेट ओर यूनियन में उसके अंदर भी जरूरत होगी को अनफ्रेंड की दिन एनी आफ थे लिस्ट इन द सेवंथ शेड्यूल रिबन शिड्यूल है वह बहुत ही ज्यादा इंपोर्टेंट है इसके अंदर कौन-कौन सी लिस्ट होती है फॉर सकती है यूनियन लिस्ट ए कैंडिडेट लिस्ट थर्ड कांग्रेस लीस्ट इन तीनों लिस्ट में जो भी चेंजेस लाने होंगे उसमें कल स्टेट का कंसेंट लेना मैंडेटरी है दिन रिप्रेजेंटेशन आफ सीट्स इन पार्लियामेंट तो जो भी रिप्रेजेंटेशन होगा पार्लियामेंट के अंदर स्टेट का की कितनी सीट मिलेंगी यह सब कुछ भी अगर चेंज लाना होगा तो स्टेट के कंसेंट की जरूरत है दिन पावर ऑफ पार्लियामेंट टो अमेंड कांस्टीट्यूशन एंड प्रोसीजर्स टो आर्टिकल 368 कम पड़ रहे हैं अभी अगर इसमें भी चेंज लाना होगा तो इसके लिए भी स्टेट के कंसेंट की जरूरत हैं सिर्फ इस वीडियो आए हो आपको अच्छी लगी होगी वीडियो इन केस आफ एनी अनवांटेड आर्मी क्वेश्चन इज द कमेंट सेक्शन में हेलो एंड इमेजेस नेक्स्ट वीडियो बनाऊंगी व होगी इंपोर्टेंट कांस्टीट्यूशनल अमेंडमेंट्स पर तो अगर आप मेरे 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