अस्सलाम वालेकुम दिस इज मोद पीरजादा इन वाशिंगटन यूनाइटेड स्टेट्स इससे पहले कि मैं आगे चलूं मैं आपसे तरा करना चाहता हूं कि मुझे बड़ा शदीद फ्लू है और फ्लू की वजह से बड़ी मेरी एनर्जी ट्रेन हुई हुई है जोर तो मैं बहुत लगा रहा हूं कहने में फ्लू बिल्कुल मामूली सी एक बीमारी है कुछ भी नहीं है लेकिन उससे बहुत कंफ्यूजन होती है बहुत सी एनर्जी जो है वो ड्रेन हो जाती है ता हम मेरे पास बहुत इंटरेस्टिंग डेवलपमेंट्स है सियासत से इमरान खान जनरल फैज पाकिस्तान तहरीक इंसाफ से तो उनका ताल्लुक है ही लेकिन उसम कुछ डेवलपमेंट्स ऐसी है जिनका राहे रास आपसे तालुक है और इसे बड़े गौर से आप सुनिए सबसे पहले मैं आपसे रिक्वेस्ट करूंगा इससे पहले कि पॉलिटिकल डेवलपमेंट्स की तरफ चलें कि अगर आपने ये चैनल अभी तक सब्सक्राइब नहीं किया आप इस चैनल को जवाइन करें इसके बेल आइकन पे क्लिक करें ताकि आपके नोटिफिकेशंस आपको मिल सके इसकी वीडियोस को शेयर करें इसके ऊपर कमेंट करें वीडियो पसंद आती है तो उसे लाइक करें इन तमाम चीजों से चदी निजामुद्दीन साहब की फायरवॉल द सो कॉल्ड फायरवॉल उसका भी बहुत जिक्र होगा इस वीडियो के अंदर कि फायरवॉल है या वो डाटा मैनेजमेंट सिस्टम है ये क्या चीज है अ उस से कुछ थोड़ा सा उसका मुकाबला करने में मदद मिलती है तो अभी चलते हैं पाकिस्तान की डेवलपमेंट्स की तरफ जी अब जो डेवलपमेंट्स हमारे सामने हैं उनमें बहुत दिलचस्प तो वो है जहां इमरान खान ने अब बाकायदा तौर पे फॉर्मली ये डिमांड कर दी है जो पाकिस्तान के तमाम जराय अबला अख बारात की हेडलाइन है कि जनरल फैज का जो मुकदमा कोर्ट मार्शल अगर उसका ताल्लुक मे नाथ के वाक्यात से है तो फिर वो एक ओपन ट्रायल होना चाहिए ताकि दुनिया देख सके कि क्या शवा हैद हैं क्या मामला है और इमरान खान ने बड़े कटेगो कली क्लेयर ये पोजीशन ले ली है इसके ऊपर पीएमएलएन की तरफ से और पीएमएलएन से नथी जितने भी जराय अलाक के लोग हैं एंकर पर्सन हैं उनकी तरफ से बड़ी बहस हो रही है और इसका अपेरेंटली अपेरेंटली कहना जरूरी है लेकिन हमें ठीक तरह से पता नहीं है इसका आईएसपीआर की तरफ से भी बड़ा दं शिकन किस्म का जवाब दिया गया लेकिन ये डेवलपमेंट है ही इसके साथ पाकिस्तान तहरीक इंसाफ का 22 अगस्त का जो जलसा था नोल का जैसे आप इस्लामाबाद अंदाजा लगाए कि नोल तक चला गया है लेकिन नोल का जो जलसा जिसकी पहले इजाजत दे रखी थी और जिसका पाकिस्तान तहरीक इंसाफ बहुत चर्चा कर रही थी और मरवत साहब उसके हवाले से बहुत ज्यादा दावे कर रहे थे अब कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर ने उसका एनओसी जो है वो कैंसल कर दिया है इस हवाले से पाकिस्तान तहरीक इंसाफ के जो लीडर्स हैं शोएब शाहीन साहब और इस्लामाबाद की पुलिस के दरमियान में एक बड़ा इंटरेस्टिंग मुकलमा मैंने देखा जिसकी ऑडियो वीडियो जो है मैं आपसे शेयर करूंगा लेकिन इन तमाम चीजों की तरफ चलने से पहले मैं चाहता हूं कि हम चले कि पाकिस्तान के आमी चीफ जनाब इज्जत माब जनरल आसम मुनीर साहब डीजी आईएसपीआर और पाकिस्तान के पीटीए के जो चेयरमैन हैं जनरल हाफी रहमान साहब रिटायर्ड मेजर जनरल हफीजु रहमान साहब पाकिस्तान की जो आईटी की मिनिस्टर हैं शाहजा फातिमा ख्वाजा साहिबा जो कि ख्वाजा आसिफ की बताया जाता है कि नीस है इन सब की जो पोजीशन है इंटरनेट के हवाले से सोशल मीडिया और इंटरनेट की स्पीड के हवाले से उसमें कैसे एक बड़ा ही विजिबल किस्म का ताजाद जो है पाया जाता है और ये किस तरह से आप सब लोगों को पाकिस्तान की यूथ को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं सबसे पहले इसे देखें कि 21 अगस्त को पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसम मुनीर साहब ने हाफिज साहब ने स्टूडेंट्स जो जबरदस्ती किसी एक हॉल में सहमे हुए डरे हुए स्टूडेंट्स इकट्ठे किए गए थे उनसे उन्होंने खिताब किया इस खिताब का छोटा सा टुकड़ा मैं आपको दिखाता भी हूं और यह मानना पड़ता है कि जनरल साहब ने गुजर्ता एक डेढ़ साल में जो जुल्म सतम किया है पाकिस्तान के लोगों पे उसके बाद जनरल साहब की अपनी खुद एतमाद के अंदर और बोलने की सलाहियत में खासा इजाफा हो गया है वरना जनल साहब जब आए थे तो वो ठीक तरह से बोल भी नहीं सकते थे यह सारों का यही होता है जब जनरल मुशरफ आए थे वो भी नहीं बोल सकते थे जब जनरल जया आए थे वो भी नहीं बोल सकते थे लेकिन जब आप जिस तरह से जुल्मो स करते हैं लोगों के ऊपर तशदूद में आप और ज्यादा स्मूथ हो जाते हैं तो जनल साहब ने इन स्टूडेंट से खिताब करते हुए कहा कि सोशल मीडिया की जो तबाह करियां है उसके जो मुजम आत हैं उसकी जो इंप्लीकेशंस हैं उसके जो मनफी असरात हैं उनसे बचाना यूथ को यानी आप सब लोगों को रियासत की जिम्मेदारी है इसमें गौर कीजिए इस चीज का कि जनरल साहब अपने आप और अपने दो ढाई जननल साहिबान को रियासत समझते हैं हालांकि रियासत एक पूरा सिस्टम और एक निजाम है लॉज का प्रोसीजर्स का प्रोसेसेस का पॉलिटिकल प्रोसेस का रियासत किसी एक बिल्डिंग किसी एक टैंक किसी एक बंदूक और किसी एक जनरल साहब का नाम नहीं है लेकिन जनरल साहब चूंकि अपने आप को रियासत समझते हैं और आपको पता है कि चंद अरसा पहले पाकिस्तान के एक प्रॉमिनेंट टीवी एंकर स्ट्रोक सोशल मीडिया के जो जुदा अगड़ी हैं उनसे जब उनकी मुलाकात हुई तो जनल साहब ने अपने आप को कहा था कि आप एक इंसान से नहीं अब आप एक इदार से मुलाकात कर रहे हैं तो जनल साहब जो है वो साइकोलॉजिकली उनकी स्टेट ऑफ माइंड ऐसी है कि व अपने आप को एक लेकिन इन स्टूडेंट से बात करते हुए जनल साहब ने और भी बड़ी इंटरेस्टिंग किस्म की बातें की उन्होंने उनको याद करवाया कि शाम सीरिया इराक लेबनान लिबिया और बहुत से और मुल्क जो हैं वो तबाह हो गए तबाह का ये उन्होंने नहीं बताया कि क्यों तबाह हो गए लेकिन एशन बुनियादी तौर पर जनल साहब की ये है कि अगर फौज ताकतवर नहीं होती तो माशे जो हैं ये मुल्क जो है वो डिस्ट्रॉय हो जाते हैं अब जनरल साहब की सादगी प कौन बात करे कि ये जितनी भी सिचुएशंस है ये मुख्तलिफ किस्म की है और ये तमाम जो अच्छा कश्मीर का भी उन्होंने नाम लिया जिसकी तरफ मैं आता हूं लेकिन कि जहां-जहां तबा कारी हुई है लिबिया के अंदर सीरिया के अंदर या इराक के अंदर सबके सरकमस्टेंसस भी मुख्तलिफ हैं और हर जगह पे एक पॉलिटिकल प्रोसेस का फेलियर है इंटरनल एंड एक्सटर्नल इंटरनल एंड एक्सटर्नल पॉलिटिकल प्रोसेस के फेलियर के नतीजे में माशे तबाह होते हैं रियासतें तबाह होती हैं और सीरिया को सीरिया की फौज नहीं बचा सकी वहां पे रूस को लैंड करना पड़ा अपनी फौजी ताकत के साथ सीरिया को स्टेबिलिटी देने के लिए लेकिन जो सबसे ज्यादा यानी इंटरेस्ट एक बात उन्होंने की कश्मीर की कश्मीर का जिक्र पता नहीं जन साहब ने कैसे किया आज सूरते हाल यह है कि 999999 फ कश्मीरी जो मकज जम्मू और कश्मीर में रहते हैं और बहुत बड़ी तादाद में जो आजाद कश्मीर में रहते हैं वो इससे कन्वेंस हैं कि जनरल साहब और जनरल साहब के जो प्रेडिसेसर्स हैं उनसे पहले जो आए 80 से लेकर आज तक उनकी जो गलत पॉलिसीज थी जिन्होंने कश्मीरी यूथ जो हिंदुस्तान के अंदर बहुत बेहतर इंटीग्रेटेड थी कम से कम उनकी क्वालिटी ऑफ लाइफ बहुत बेहतर थी उनके पास बहुत अमन था उनकी एक रोप था उनका कम से कम जम्मू एंड कश्मीर कश्मीर में उनकी तमाम सूरते हाल को तबाह कर दिया जब जनरल साहब और उनसे पहले आने वाले जनरल साहिबान जो हैं उन्होंने कश्मीरी नौजवानों के हाथ में बंदूक पकड़ाई एक ऐसा जिहाद और एक ऐसी मिलिटेंसी वहां पे शुरू की जिसके एंड्स को ये मैनेज नहीं कर सकते थे और जब चीजें मुश्किल हो गई तो ये सरेंडर करके उस सूरते हाल में से निकल गए और थ्रू आउट इल्जाम यह है कि अपने इंटरनल पॉलिटिकल रिक्वायरमेंट्स और सियासी जरूरियत को कश्मीरियों के एक्सपेंस पे पूरा किया और जब उन्होंने आर्टिकल 370 खत्म करके उनके बुनियादी हुकूक उनसे छीन लिए प्रॉपर्टी के हवाले से इन्वेस्टमेंट के हवाले से वहां की सारी क्लाइमेट चेंज हो गई तो जनरल साहब के जो प्रेडिसेसर हैं जनरल बाजवा उन्होंने टोटल मुकम्मल खामोशी और सरेंडर इख्तियार किया उल्टा सारा मलबा इमरान खान के ऊपर डाल दिया और कुछ भी नहीं किया आज मकबूजा जम्मू और कश्मीर के लोग जो हैं वो इस तल्ख हकीकत से अच्छी तरह से वाकिफ है लेकिन अनफॉर्चूनेटली जनरल साहब जाहिर है कि इस्लामाबाद में बच्चों को बुला के पिंडी इस्लामाबाद में उनको कुछ भी बुता सकते हैं जन साहब जो है अच्छा एक मैंने जो चीज देखी है बहुत इंटरेस्टिंग बहुत अफसोस की यह बात है कि जब हम छोटे थे या जमाना जाहिल में या इनोसेंस के जमाने में थे हम समझा करते थे ऑफिसर एंड जेंटलमैन हमारा ख्याल था था कि ऑफिसर क्लास जो है ये बाकी लोगों से ज्यादा सच बोलती है शायद हम सिविलियन या सरकारी मुलाज मन जो होते हैं सिविल सर्वेंट्स वो शायद इतना सच नहीं बोलते हम लोग मीडिया में इतना सच नहीं बोलते सियासत दन झूठ बोलते हैं तो जनरल साहिबान जब भी कुछ कहते हैं चूंकि रियासत है तो ये सच बोलते होंगे तल्ख तजुर्बा से यह पता चला है कि पाकिस्तान में सबसे ज्यादा जो झूठ बोलने की कैपेसिटी है वो पाकिस्तान के जनरल साहिबा बान की है अगर आप इनकी सिर्फ पोजीशन twitter4j वो बहुत महफूज है जब हम आपके जो है रोशन और चमकते चेहरे देखते हैं आपकी आंखों की चमक देखते हैं तो हमें यकीन हो जाता है कि हमारा मुस्तकबिल इस पाकिस्तान का मुस्तकबिल वो मजबूत हाथों में इस फुटेज को देखें यूथ की आंखों में शायद ही कोई हो जिसमें चमक हो ज्यादातर उनके अंदर मायूसी नजर आती है खौफ नजर आता है सहमे हुए हैं उनको अंदाजा है कि वक्त के जाबर के सामने वो बैठे हैं उनको जबरदस्ती घरों से लाकर यहां बैठा दिया गया है कोई बात अगर गलत कर दी किसी ने सांस भी गलत ले लिया तो उसके उसके खानदान की जिंदगी जो है वो मुश्किल में पड़ जाएगी और एक और भी इसमें बदनसीब किस्म की चीज देखें इनमें से अच्छी खासी परसेंटेज ऐसी है कि उनके अगर आप चेहरों को देखेंगे तो आपको लगता है कि वो नौजवान है हालांकि लेकिन उनको हाई कैलोरिक फूड और डाइट उनको नहीं मिलती और वो माल नरेश लगते हैं और लगता है कि उनको क्लास से प्रोटीन जो हैं खाने में खुराक के अंदर क्लास से प्रोटीन जो हैं उनको नहीं मिल रहे लेकिन जन साहब ने अच्छा ये जन साहब ने पहली दफा सोशल मीडिया के ऊपर हमला नहीं किया इससे पहले जन साहब ने चंद दिन पहले रोज ही करते रहते हैं हर हफ्ते जब जन साहब को मौका मिलता है तो जन साहब अपना गुस्सा जो है वो सोशल मीडिया के ऊपर निकालते हैं और हर दफा कहते हैं कि सोशल मीडिया झूठ फैला रहा है फेक न्यूज़ फैला रहा है प्रोपेगेंडा कर रहा है हालांकि जितना झूठ जनल साहब और जनल साहब के कोलीग और हुकूमत बोलते हैं वो सोशल मीडिया सारा एक टांक के ऊपर भी खड़ा हो जाए तो इतना नहीं बोल सकता लेकिन जनल साहब ने जो कुछ कहा यानी 14 अगस्त को जब कैडेट्स के साथ बात कर रहे थे उस वक्त भी उन्होंने कहा कि जो सोशल मीडिया जितने लोग बाहर बैठे हुए हैं इनको बरूनी ताकत कितना बड़ा झूठ है कि इनको बैरून ताकतें सपोर्ट कर रही है हकीकत यह है कि सारी दुनिया की मगरिब की हिंदुस्तान की बैरून ताकतें टैसेटली डायरेक्टली और इनडायरेक्ट ली जो है वो जान साबी को सपोर्ट कर रही हैं आप देखें कि एक भी दफा अमेरिका की हुकूमत ने ब्रितानिया की हुकूमत ने यूरोपियन यूनियन ने ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड ने किसी भी जो की कंट्री है यूरोप का उसकी हुकूमत ने अमेरिकन कांग्रेस को छोड़ दें किसी की भी एडमिनिस्ट्रेशन हुकूमत ने जनरल साहब ने जो उधम बचाया हुआ है पाकिस्तान में उसके बारे में किसी ने भी क्रिटिकल कमेंट्स जो है वो पास नहीं किए लेकिन जनरल साहब कह रहे हैं कि बैरून ताकतें जो हैं वो सोशल मीडिया के पीछे खड़ी हैं कोई जन साहब से पूछ ले अगर कोई आजाद मशरा होता कि भाई कौन सी बैरून ताकतें जो है इसके पीछे खड़ी हैं लेकिन मैं पिछली कई हेडलाइंस आपको दिखाता हूं जो आईएसपीआर की हेडलाइंस भी हैं जनल साहब की हेडलाइन है सोशल मीडिया के खिलाफ से और फिर मैं आपको दिखाता हूं कि पीटीए के जो चेयरमैन है हफीजु रहमान साहब जो पहुंचे पार्लियामेंट की एक सब कमेटी के सामने आईटी के हवाले से वहां उन्होंने किस किस्म की बातें की अब आपको पता है कि इंटरनेट की जो स्लो स्पीड है पाकिस्तान में उसकी वजह से पाकिस्तान की जो बिजनेस कम्युनिटी है वो बहुत परेशान है पाकिस्तान के एकेडमिक सर्कल्स बड़े परेशान है लोग कहते हैं कि ऑडियो मैसेज नहीं भेज पा रहे कोई वीडियो डाउनलोड नहीं कर पाते कुछ छोटा सा डॉक्यूमेंट अगर किसी ने भेजना होता है एक यूनिवर्सिटी से दूसरी यूनिवर्सिटी में चंद किलोबाइट का एक एमबी का दो एमबी का वो डॉक्यूमेंट भेजना उनके लिए मसला है इस हवाले से पाकिस्तान की पार्लियामेंट की एक सब कमेटी जो है इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की जिसको लब मोइनुल हक साहब हेड कर रहे थे वहां जनरल हफीज मेजर जनरल हफीजु रहमान साहब जो पीटीए के चेयरमैन है पहले ज इस प बात पे गौर करें कि पीटीए के जो चेयरमैन है वो एक रिटायर्ड जनरल साहब है जो भी वो बैठे हुए हैं तो वहां जनरल साहब जो है वो पेश हुए और जनरल साहब ने वहां पर इतनी जबरदस्त बातें की जब उनसे इंटरनेट की स्पीड के बारे में क्योंकि आपको पता है कि पाकिस्तान के अखबारों में मुसलसल ये खबरें छप रही हैं कि पाकिस्तान की बिजनेस कम्युनिटी इंडिपेंडेंट सर्विस प्रोवाइडर एकेडमिका यूनिवर्सिटीज फ्रीलांसर्स मुसलसल ये इल्जाम लगा रहे हैं कि हुकूमत इंटरनेट को सेंसर करने के लिए और उसकी सो कॉल्ड फायरवॉल के जो एक्सपेरिमेंट्स कर रही है उसके नतीजे में इंटरनेट की स्पीड जो है वो बहुत कम हो चुकी है मैंने एक दो दिन पहले आपको कुछ इमेजेस इसके दिखाए थे जो मैं कोशिश करता हूं कि आपको दोबारा दिखा दूं कि मैं जहां वाशिंगटन में हूं वहां पे मुझे मेरा ख्याल है 600 500 एमबीएस का डाउनलोड आसानी से मिल जाता है और मेरा अपलोड भी मेरा तकरीबन 200 एमबीएस का है मैंने आपको दिखाया था कि लाहौर से मुझसे किसी ने इमेजेस शेयर किए पीटीसीएल के जिनको डाउनलोड भी 24 26 मिल रहा है अपलोड भी 2426 जो है वो मिल रहा है वैसे अच्छी बात है कि उनको अपलोड कम से कम थोड़ा सा बेहतर मिल रहा है कुछ अपलोड तो कर सकते होंगे लेकिन ये हालात है तो इस सारे सरकमस्टेंसस के अंदर जनरल हफीजु रहमान साहब जो हैं अ उनसे खासे ख सख्त किस्म के स्ट्रेट किस्म के क्वेश्चन जो है पूछे और क्वेश्चन उनसे पूछे पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के एमएनएस ने और और एमकेएम के एमएनएस ने और पीटीआई के एमएनएस ने पीएमएलएन वाले वहां पे खामोश ही रहे उनको कोई दर्द नहीं है लोगों की इंटरनेट की स्पीड का वैसे भी उन्होंने इंटरनेट को क्या करना है इस किस्म का पढ़ाई लिखाई का काम या प्रोफेशनल तो उन्होंने कभी किया ही नहीं वो तो मारपीट ही करते हैं तो जब उनसे सवाल पूछे गए तो जनरल साहब ने बहुत ही जबरदस्त पोजीशन इख्तियार कर ली अब आप दूसरी पोजीशन देखें कि आर्मी चीफ के कह रहे हैं 14 अगस्त को कि मैं छोडूंगा नहीं और बैरून ताकतें साजिश कर रही हैं और हम इनको छोड़ेंगे नहीं और आईएसपीआर मसल सेल के क रहा है कि कंट्रोल मैकेनिज्म को बेहतर करने की जरूरत है और सोशल मीडिया को कंट्रोल करने के लिए जो कुछ करना चाहिए था वो नहीं हुआ ये सारी हेडलाइंस है मैं अखबारों की बात कर रहा हूं लेकिन जनरल हफीजु रमान जो पीटीए के हैं उन्होंने पार्लिमेंट में जाक यह कहा कि इंटरनेट की जो स्पीड कम है उसका हमारे से तो कतई तौर पर कोई ताल्लुक ही नहीं है वो एक मरीन केबल जो है वो टूट फूट गई है उसको कोई चोट लगी है जख्मी हो गई है मरीन केबल उसको शाक खा गई है उसको वेल खा गई है और यह 27 या 28 अगस्त तक ये फायर व ये जो मरीन केबल है ये ठीक हो जाए और इंटरनेट की सारी स्पीड जो है वो 28 अगस्त को वापस आ जाएगी उसके अलावा भी उन्होंने कुछ इंटरेस्टिंग बातें की कि इसमें कोई बैरून साजिश भी हो रही है फिर उन्होंने कहा कि लोग वीपीएन का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन ज्यादा इंटरेस्टिंग जो उन्होंने बात की उन्होंने कहा कि कोई फायरवॉल जो है हम नहीं लगा रहे अब ये क्लियर नहीं है उनके कॉमेंट्स की जो नेचर थी उससे समझ नहीं आ रहा कि वो ये कह रहे हैं कि फायरवॉल के खिलाफ जो रद्दे अमल हुआ उसके बाद हमने फायर वॉल लगाने का प्लान एंडन कर दिया है या वो कह रहे हैं कि कभी हमने कोई फायर बॉल लगाई ही नहीं आपको याद है कि उमर चीमा साहब से एक स्टोरी बकायदा मेरा ख्याल है लीक करवाई गई थी फायरवॉल का डराना देने के लिए और मैंने उसी वक्त आपको ये कहा था कि फायरवॉल का मसला ही नहीं है यहां पे यहां पर इनके पास डिफरेंट किस्म की मेथड जीी और टैक्टिक्स हैं बिकॉज़ फायरवॉल का जिक्र तो अभी दो महीने पहले हुआ है इस नाचीज के चैनल पे तो एक साल से मई 2 2 से मुसलसल सिलेक्टेड टारगेटेड अटैक होते हैं और जैसे ही वीडियो ऊपर जाती है मैं अभी बल्कि कोशिश करता हूं कि आपको कोई दिखाऊं एक दो उसके स्पेसिमेंस कि कैसे उसमें जब वीडियो ऊपर जा रही होती है तो उसको डिप्स आती हैं तो इस ह तक मैं भी जैनल साहब से इत्तेफाक करता हूं कि खाली फायरवॉल का मामला नहीं है पूरा सिस्टम है जो उन्होंने बनाया लेकिन जन साहब ने कहा जी कोई फायरवॉल हम नहीं लगा रहे फिर उन्होंने कहा कि हमारा वीपीएन को बैन करने का भी किसी किस्म का कोई प्लान हमारा नहीं है हम सिर्फ एक डाटा मैनेजमेंट सिस्टम जो है वो हम चला रहे हैं अब आपको याद होगा कि डाटा और उन्होने साथ उन्होंने एक बड़ी इंटरेस्टिंग बात की उन्होंने कहा कि अ ये तो अफगानिस्तान का अफगान तालिबान का भी हक है कि व अफगानिस्तान के अंदर भी वो अपना डाटा मैनेजमेंट सिस्टम बना सकते हैं अब सूरते हाल ये हो चुकी है कि पाकिस्तान का पीटीए का चेयरमैन जो है देखने में भी वो थोड़े से तालिबान की तरह कहीं लगते हैं लेकिन वो ये कह रहे हैं कि अफगान तालिबान के साथ जाके पाकिस्तान को वो कंपेयर कर रहे हैं अंदाजा लगा ले सोच का जनल साहब जो है उन्होंने उनसे सवाल पूछा बैरिस्टर गोहर अली खान ने कि ये की नीस है और उनकी जो क्वालिफिकेशन है मिनिस्टर बनने के लिए वो है भी यही कि वो ख्वाजा आसिफ साहब की नीस है उसके मुकाबले में वो लोग अक्सर सोशल मीडिया के ऊपर हिंदुस्तान के इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के जो मिनिस्टर हैं उनकी प्रोफाइल शेयर करते रहते हैं कंपैरिजन करने के लिए कि उन्होंने यूपे से टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट पढ़ी और और भी बहुत कुछ पढ़ा है और हमारी जो है वो तो चली गई होंगी लम्स में जरा दाखिला उनको दिला दिया गया होगा तो अब ये बिल्कुल मुखर गए हैं यहां पर इन तमाम चीजों से और लेकिन अगर यह पोजीशन ली है जनरल साहब ने यहां पे पार्लियामेंट के सामने तो जनरल साहब का जो वकील है पीटीए का उसने लाहौर हाई कोर्ट के सामने जरा और ही किस्म की पोजीशन ली लाहौर हाई कोर्ट के जस्टिस शकील अहमद के सामने जो पिटीशन थी वहां पे पीटीए के जो वकील हैं उन्होंने कहा कि चार वजू हात है इंटरनेट के बहुत स्लो होने की एक तो वही कि मरीन केबल जो है वो टूटी हुई है उसकी रिपेयर हो रही है दूसरा यह है अ के एक आईएएसपी है आईएएसपी है इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर उसने कोई मिस मैनेजमेंट कर दी है प्रोटोकॉल्स की बहुत बड़ी और उस आईएसपी का नाम उन्होंने ले लिया उन्होंने कहा कि उसके बहुत से लोगों को बतरस कर दिया गया उसके खिलाफ बहुत सख कारवाई हुई है जिसकी वजह से इंटरनेट ने सफर किया है तीसरा उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को हिंदुस्तान के रियासती इदार ने पाकिस्तान के इंटरनेट के ऊपर हमला किया ये बड़ी इंटरेस्टिंग बात है शहीद अरशद शरीफ का कत्ल हो तो आपके कहने लग जाए कि हिंदुस्तान ने किया है ठीक है 14 अगस्त को पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने इंटरनेट के हवाले से और सोशल मीडिया के हवाले से धमकी लगाई और 15 अगस्त को आप ये कह रहे हैं कि हिंदुस्तान के इदार जो हैं उन्होंने जान साहब की ख्वाहिश को अमली जामा पहनाने के लिए पाकिस्तान के इंटरनेट के ऊपर हमला कर दिया हालांकि 14 अगस्त की रात को ही जब जनल साहब की स्टेटमेंट के बाद पाकिस्तान में इंटरनेट जो है वो मोर और लेस बिल्कुल बंद हो गया था स्लो हो गया था लेकिन हिंदुस्तान ने किया वो जान साहब ने नहीं किया चौथी वजह उन्होंने उसकी ये बताई है कि लोग पाकिस्तान में चूंकि वीपीएन इस्तेमाल कर रहे हैं उस वजह से इंटरनेट जो है बहुत स्लो है जस्टिस शकील अहमद ने उनकी सारी बातों को रद किया उनको कहा कि ये आपकी तमाम एक्सप्लेनेशन काबिल कबूल नहीं है आप ऐसा करें कि क्लॉज यानी पैरा वाइज इसका जवाब जो है एक एक पैरा का जवाब लेकर अदालत के सामने लेकर आए और वो 27 तारीख को लेकर आए अब मैं आपकी तवज्जो एक खबर की तरफ दिलाता हूं जो इसी से रिलेटेड है और मुझे बहुत शक है कि आप में से अक्सर लोगों ने इस खबर को नजरअंदाज कर दिया होगा एक पाकिस्तानी कोई यंग नौजवान है जिसका नाम है फरहान आसिफ उसको गिरफ्तार कर लिया है लाहौर में एफ आईए ने और उसके ऊपर इल्जाम यह है कि वो एक वेबसाइट चलाता था चैनल 3 के नाम से और यह वेबसाइट वो है जिसने सबसे पहले स्टॉक पोर्ट के हवाले से एक डिस इंफॉर्मेशन की कि वहां पर जिस शख्स को गिरफ्तार किया गया है तीन बच्चियों के कत्ल के लिए स्टैबिंग में वो कोई पाकिस्तानी या मुसलमान है उसको गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके ऊपर इल्जाम है कि उसने बच्चियों को स्टैबिंग की और बतानिया की जो एक अखबार है आईटीवी या टेलीविजन चैनल है आईटीवी उसकी वेबसाइट के ऊपर यह है कि सबसे पहले यह खबर जो है पाकिस्तान से य चैनल थी से यह खबर आई और उसके बाद यह खबर पिक अप हो गई और इससे बहुत बड़ी डिस इंफॉर्मेशन हुई अब यहां बात जो चीज नोट करने वाली है कि अगर इसने ये जो लाहौर में बैठा हुआ नौजवान है फरहान फरहान आसिफ इसको पता नहीं किसने बताया होगा कि बतानिया में यह हो गया किसी ने इसको बताया होगा इसने ये एक गलत खबर जो है वो पब्लिश कर दी है लेकिन इसको पाकिस्तान की एफ आईए ने किसी बतानिया की नेशनल क्राइम एजेंसी वहां की पुलिस की रिक्वेस्ट के ऊपर अपेरेंटली गिरफ्तार नहीं किया जो अखबारों से पता चल रहा है बल्कि आज खुद उन्होंने कहा है कि आई आईटीवी के अंदर यानी इंडिपेंडेंट टीवी जो है आईटीवी 3 जो है चूंकि उसमें इसके हवाले से खबर आई है तो इन्होंने खुद ही इसके खिलाफ एक्शन किया इसमें कोई शक नहीं है कि जो इल्जाम इसके ऊपर है अ फरहान आसिफ के ऊपर इसने अगर ऐसा किया तो बहुत बड़ी गैर जिम्मेदारी इसने की है और इसकी बाज पुरुष होनी चाहिए इससे यह भी पता चलना चाहिए कि इसको यह खबर कहां से मिली थी जो इसने दी है बिकॉज ये खबर सही नहीं थी और इससे बहुत सी तल्खी पैदा हुई है और अपेरेंटली ये कहा जाता है कि जो राइट्स ट्रिगर हुए हैं वो इस खबर की वजह से हुए हैं लेकिन यहां जो चीज नोट करने वाली है कि ये एफ आईए का जो एक्शन है ये खालिस्तान पॉलिटिकल लगता है कभी होता नहीं है कि किसी मुल्क की पुलिस जो है वो एक अखबार की खबर के ऊपर किसी के खिलाफ कारवाही करना शुरू कर दे पाकिस्तान में चंद बरस पहले बहुत 10 साल पहले मेरा ख्याल है 10 11 बरस पहले बोल्ड टेलीविजन को जब टारगेट करना था और नवाज शरीफ साहब के साथ जितने टैलेंट चैनल्स उस वक्त मिले हुए थे इन चैनल्स ने मिलके एक प्लान किया फिर न्यूयॉर्क टाइम्स की एक स्टोरी थी जिसके बारे में इल्जाम ये है यही चैनल्स वाले मुझे बताते हैं कि वो स्टोरी भी पाकिस्तान के एक बहुत बड़े चैनल ने कुछ स्टोरी छप पाई थी न्यूयॉर्क टाइम्स में बोल के हवाले से और उस स्टोरी को इस्तेमाल करते हुए बोल चैनल को शट डाउन कर दिया गया उसके मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया उनकी अपनी भी बड़ी गैर जिम्मेदारी की कहानियां है एजक की एजुकेशन वैर की उसमें कोई शक नहीं है कि उन्होंने भी बड़ी रिस्पांसिबिलिटी की हुई है लेकिन वहां पर जो चीज की गई वो एक स्ट्रेटेजिक हमला था जिसमें नवाज शरीफ साहब के साथ बहुत से टेलीविजन के टाइकून जो हैं वो उसमें शामिल थे और उस वक्त भी ये बात मेरी डिस्कस हुई थी एफ आईए के लोगों के साथ इवन फौज के लोगों के साथ आईएसआई से और उनका ये ख्याल था कि उस वक्त उनकी पोजीशन ये थी उस वक्त वत के जो सीनियर अफ सरान थे कि किसी भी अखबार की खबर के ऊपर किसी और मुल्क का जो इन्वेस्टिगेशन इदारापल्ली कारवाई कर सकते हैं लोगों को गिरफ्तार कर सकते हैं और इसको य एक बेसिस बनाना चाहते हैं प्रेसिडेंट बनाना चाहते हैं इसको गौर से देखें फॉर्चूनेटली जब इन्होंने मैजिस्ट्रेट के सामने इस फरहान आसिफ को प्रेजेंट किया और 14 दिन का रिमांड मांगा तो मैजिस्ट्रेट मैजिस्ट्रेट को बहुत ज्यादा इनसे कन्वेंस नहीं हुए उन्होंने फरहान आसिफ का सिर्फ एक दिन का रिमांड दिया है और फरहान आसिफ का भी ये कहना है कि मेरा तो बिल्कुल अननोन सी वेबसाइट है अननोन सा मेरा बनाने की कोशिश करेंगे वो बन नहीं पाएगा बिकॉज़ यहां पर इतना लूला लंगड़ा किस्म का लीगल ढांचा जो है वो एजिस्ट नहीं करता है अब आए उस मदर ऑफ ऑल डेवलपमेंट्स की तरफ जहां इमरान खान ने बाश काफ अल्फाज में यह डिमांड कर दिया कि फॉर्मर डीजी आईएसआई जनरल फैज हमीद की अगर मिलिट्री कोर्ट मार्शल का ताल्लुक मे नाइंथ के वाकत से है उसमें अगर इमरान खान की भी कोई इंप्लीकेशन बनाई जाती है इवॉल्वमेंट बनाई जाती है तो फिर इसका एक ओपन विजिबल शफाफ ट्रायल होना चाहिए ताकि दुनिया देख सके कि जनरल फैज हमीद ने क्या खिया उसका इमरान खान के साथ क्या ताल्लुक था क्या शवा हैद है क्या एविडेंसेस जो है वो इसके हवाले से पाई जाती अब ये ऐसी पोजीशन है और उसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि जनरल फैज के साथ जब मैं प्राइम मिनिस्टर था और वो डीजी आईएसआई नहीं रहे तो मेरा उनसे कोई एक्टिव राबता नहीं था और जब एक दफा रिटायर हो गए तो उनकी कोई खास ऐसी कैपेसिटी थी नहीं मेरी मदद करने के लिए इसके ऊपर पीएमएलएन के मिनिस्टर्स की तरफ से उनके एक्टिविस्ट की तरफ से और उनसे नथी जो बड़े स्मार्ट किस्म के टीवी एंकर पर्सन हैं उनकी तरफ से इमरान खान के ऊपर बहुत जबरदस्त किस्म के हमले हो रहे हैं लेकिन पहले इसको ज मैं समझता हूं कि इमरान खान ने आहिस्ता आहिस्ता एक बिल्कुल करेक्ट पोजीशन ले ली है जो असू बिल्कुल करेक्ट पोजीशन है पहली पोजीशन उनकी ये थी कि अगर जनरल फैज के खिलाफ हाउसिंग का और करप्शन के या मिलिट्री के अंदर के कोई मामलात है तो ये मिलिट्री का अपना एक इंटरनल डिसिप्लिन है लेकिन अब उनकी पोजीशन ये है कि अगर इसका ताल्लुक मुझसे है और मे नाइंथ के इसके ऊपर इल्जा मात है तो फिर इसका एक ओपन ट्रायल होना चाहिए ये एक बड़ी क्लियर विजिबल किस्म की पोजीशन है अब इसके ऊपर फौरी तौर पर कहते हैं कि एक जवाब भी आया लीव तो सभी करते हैं कि जवाब जो है वो आईएसपीआर की तरफ से आया ये और बात है कि टेलीविजन चैनल में तो दर्जनों टिककर चले वहां पे आईएसपीआर का नाम नहीं लिखा गया वहां सिर्फ रियासती इदार सिक्योरिटी एजेंसीज और इस तरह के नाम वहां पे लिए गए और वो जो टिकर है वो ये कहते हैं कि इमरान खान कौन होता है रियासती इदार ये कह रहे हैं कि इमरान खान कौन होता है यह डिमांड करने वाला कि ट्रायल ओपन होना चाहिए लेकिन फिर साथ ही ये भी है कि अगर ट्रायल हुआ तो ओपन ही होगा मुझे यह थोड़ा सा शक है कि यह ट्रायल शायद उस तरह से हो ही ना पाए जिस तरह से इनकी ख्वाहिश थी कि यह ट्रायल होगा और उसमें से य अपने लिए को बहुत ज्यादा माना खस किस्म उनका रिजल्ट जो है निकाल सकेंगे उसकी वजह यह है कि इनको अल्टीमेटली एक सर्टेन मोरल अथॉरिटी चाहिए होती है यह चाहते हैं कि जो चीज करें उसका एक उसमें कोई उसकी कोई उसको कोई यकीन करने वाली भी सूरते हाल हो उसको कोई क्रेडिबिलिटी भी उसकी होय इनकी बहुत बड़ी मजबूरी है इसीलिए ये गुजर्ता सवा साल से कोशिश करते रहे कि एटीसी के जरिए हाई कोर्ट्स के जरिए सुप्रीम कोर्ट के जरिए इमरान खान की कन्वेंशन हो वरना मिलिट्री कोर्ट की ऑप्शन तो हमेशा इनके पास एजिस्ट करती थी मिलिट्री कोर्ट का इनको ख्याल इसलिए आया कि इनकी जो फर्स्ट ऑप्शन थी जो इनकी स्प्लेंडिड ऑप्शन है कि दुनिया को बताना चाहते हैं क्यों दुनिया में बहुत दफा ऐसा हुआ है जैसे मलेशिया में होता रहा है जैसे ब्राजील में हुआ है कि सिविलियन कोर्ट्स के जरिए अपोजिशन लीडर्स जो हैं उनकी कन्वे हो गई और उनको 5 साल के लिए 10 साल के लिए पॉलिटिक्स से निकाल दिया गया ये और बात है कि वहां पर भी वापस आ जाते हैं तो कोशिश इनकी भी यही थी कि हम अदालती प्रोसेस के जरिए इमरान खान को पॉलिटिक्स से बाहर कर देंगे जब वो इनकी पोजीशन फेल हो गई तो इन्होंने मिलिट्री ट्राइल का सोचा लेकिन मिलिट्री ट्रायल अभी इनका शुरू हुआ नहीं है तो ये इतना गंदा हो गया है और इस पर इतनी बहस हो रही है और दुनिया भर में इसकी बात छप रही हैं और पाकिस्तान में भी वी लॉगर्स ने इसका जिक्र कर कर के इसको डन टू डेथ कर दिया है कि मुझे बहुत शक है कि हो सकता है ये एक रीकैलकुलेशन या रिएसेसमेंट करें बिकॉज ये जो चीज है ना कि अगर हुआ तो ओपन ट्रायल होगा ये इससे भी आपको थोड़ा सा अंदाजा होता है कि शायद ये चीजें उस तरह से मूव ही ना कर सके जिस तरह से इनका शुरू में ख्याल था अब अता तार साहब ने एक बड़ा हमला किया इमरान खान पे उन्होंने कहा कि इमरान खान ने सबको इस्तेमाल करके फेंक दिया है और आज चकि इमरान खान ने कहा है कि जनल फैज से मेरा राबता नहीं था ये जनल फैज मेरी किस मदद कर सकते थे वो तो मेरे लिए किसी काम के नहीं थे रिटायरमेंट के बाद तो उसके हवाले से अता तार साहब ने भी उनके साथ जो पीएमएलएन के नथी कुछ मशहूर एंकर पर्सन हैं उन्होंने भी इमरान खान पे बहुत ज्यादा ताबड़तोड़ हमले किए हैं और उनका कहना यह है कि जनरल रिटायरमेंट के बाद भी उसका बड़ा उसको पता होता है कि फाइल कैसे मूव करती है तो चपरासी क्या करता है वगैरह वगैरह वगैरह इस तरह की बातें उनकी हैं असल में इमरान खान कुछ और कह रहे हैं इमरान खान ये कह रहे हैं कि जब एक डीजी आईएसआई डीजी आईएसआई नहीं रहता वो अपनी पोजीशन पे नहीं होता एक कोर कमांडर नहीं होता तो उसके पास उस इदार के अंदर फौज जैसे इदार में को इतना असर रसूक नहीं होता कि वो मेरी जिस किस्म की मुश्किलों में मैं फंसा हूं मेरी कोई मदद कर सकता मुझे याद है कि शहीद अरशद शरीफ के कत्ल के फौरन बाद भी एक कहानी निकाली गई थी बाज मीडिया के टाइकून को ये ब्रीफ किया गया कि ये जनरल फैज वगैरह ने कर दिया है ताकि आसम मुनीर की अपॉइंटमेंट ना हो सके कंट्रोवर्सी जनरेट कर जाए मैंने उस वक्त भी ये सवाल उठाया था कि जनरल फैज तो अक्टूबर नवंबर 2021 में डीजी आईएसआई नहीं रहे और शहीद अर्श शरीफ का कत्ल हुआ है 23 अक्टूबर 2022 को तो इतने अरसे के बाद एक डीजी आईएसआई का इतना इन्फ्लुएंस पाकिस्तान के अंदर चले फिर भी थोड़ा सा हो सकता है कि वो कीनिया तक जाकर चीजों को मैनेज कर ले ये बड़ा मुश्किल है और अगर वाकई ऐसा होता तो यकीन माने अग जनरल फैज का इनके पास कोई एविडेंस होती कि शहीद अरशद शरीफ के कत्ल के साथ जनरल फैज का कोई तालुक है तो आपका खैर है कि इन्होंने दो में दो साल वेट करना था इन्होंने वेट नहीं करना था इसी तरह से जो इन्होंने अभी चीजें चलाई है अच्छा अब ये जो एंकर पर्सन है पीएमएलएन के और तातार साहब हैं ये सारी इस बहस के अंदर एक बड़ी इंटरेस्टिंग चीज भूल ही गए शायद आप लोग भी भूल गए हो बिकॉज जिस तरह से बहस हो रही है गु बता 48 घंटों से ज्यादा से सारी बहस ये हो रही है कि जनरल फैस का मे नाथ की साजिश के साथ ताल्लुक है वो इमरान खान के साथ मिले हुए थे यह सब भूल ही गए भूल गए हर बात भूल ही गए कि जनरल फैज को पकड़ा था एक रियल एस्टेट प्रॉपर्टी टाइकून की कंप्लेंट पे और मामला उसका यह था कि वहां पर रुपए पैसे के लेनदेन है करप्शन है उसकी कोई अब बात हो ही नहीं रही अब सारी बात ये हो रही है कि एविडेंस मिल गई ख्वाजा आसिफ भी बात कर रहे हैं अ तारण भी बात कर रहे हैं इरफान सिद्दीकी साहब भी बात कर रहे हैं उनके जो बहुत ही मंजूर नजर जनाब मंसूर अली खान साहब है वो भी यही बात कर रहे हैं कि इमरान खान और जनरल फैज के दरमियान में मे नाथ के हवाले से एक गठजोड़ था और यही सारी बात हो रही है तो वो जो कवर मोईज साहब ने एप्लीकेशन दी हुई थी करप्शन के हवाले से उसका क्या हुआ वो किधर चीज चली गई वो तो बात ही गुम हो गई दरमियान में इमरान खान पर बात करते करते इनको उसका एहसास ही नहीं रहा है अब इस आखरी डेवलपमेंट की तरफ आए कि पाकिस्तान तहरीक इंसाफ ने जो बहुत तम तराक से अपना जलसा करना था 22 अगस्त को इस्लामाबाद के करीब नोल फाटक वाली जगह पे और जिसका एनओसी उनको इस्लामाबाद हाई कोर्ट के एक हुकुम के बाद कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर ने दिया हुआ था वो आज शाम को कोई जो पाकिस्तान में शाम थी 56 बजे उसको कैंसिल कर दिया गया और उसके बाद अब पीटीआई का ये कहना है कि हमें हमारे पास तो चूंकि अदालत के कहने पे हमें एनएसवी मिला था हम तो ये जलसा जरूर करेंगे और आपके नॉलेज में होगा कि मरवत साहब कह चुके हैं कि हम बहुत बड़ा जलसा करेंगे वो भी इसमें ईगर हैं गौहर भी ईगर है और भी बहुत से लोग उसमें बहुत ईगर हैं शोएब शाहीन साहब आगे आ गए हैं और शोएब शाहीन साहब और दीगर पीटीआई के लीडर और इस्लामाबाद की एक पुलिस के यूनिफॉर्म ऑफिसर के दरमियान इस हवाले से जो बहस हो रही है वो मैं अभी आपका टुकड़ा उसको आपको सुनाता हूं बेसिक पॉइंट यह है पाकिस्तान तहरीक इंसाफ का कि हमें यह परमिशन पुलिस ने यह कमिश्नर ये डिप्टी कमिश्नर ने खुद से तो दी ही नहीं थी हाई कोर्ट के एक हुकम में कि इनको सिक्योरिटी प्रोवाइड की जाए परमिशन दी जाए हमें एनओसी दिया गया था अब उस एनओसी को ये कह के कि बहुत बड़ी मीटिंग हुई है आज के दिन में 21 अगस्त में कमिश्नर साहब की लीडरशिप में जिसमें डिप्टी कमिश्नर भी थे उसमें एजेंसियां भी हसास इदार ये लफ सुनके आपको हंसी नहीं आ जाती हसास इदार है जितना इन बेचार का मिसयूज किया गया उसके बाद इनकी कौन सी हसास बची है हसास वो होते हैं जो नजर भी ना आते हो तो वहां पर एमआई भी थी तो आईएसआई भी थी तो आईबी भी थी तो उन सब ने फैसला किया कि चूंकि बांग्लादेश के मैच भी हो रहे हैं तो लॉ एंड ऑर्डर का बड़ा खतरा है और फिर उन्होने कहा कि अय हम एनओसी जो है उसको विड्रॉ करते हैं तो ये जो डायलॉग हो रहा है इसका टुकड़ा मैं आपको दिखाता हूं जिसमें शोएब शाहीन उनको यह बता रहे हैं कि अगर आप हमें सिक्योरिटी नहीं दे सकते तो जितने लोग आप लेके आए हैं हमें समझाने के लिए इतने ही हमें दे दें बाकी हमें कोई और मसला नहीं है और हमें परमिशन डीसी साहब ने दी भी नहीं थी हमें तो परमिशन दी थी इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने अब ये जलसा होता है या नहीं होता इसमें देखना ये बहुत बड़ा टेस्ट और इम्तिहान है पीटीआई की लीडरशिप की सिंसेरिटी का भी उनकी थोड़ी सी हिम्मत का भी अ अगर तो ये लोग वाकई जननली सिंसियर हैं और ये डिटरमिन है तो इनको गुम हो जाना चाहिए अब तक जब मैं बात कर रहा हूं ये सब अपने घरों में ना हो ये गुम हो ताकि पुलिस इनको गिरफ्तार ना कर सके और ये मुख्तलिफ डायरेक्शन से वहां पर पहुंचे और डिफरेंट टोल में इनके पास कोई स्ट्रेटेजी होनी चाहिए थी इतने मासूम तो नहीं हो सकते कि ये कहे कि हमें नहीं पता था कि हमारा एनओसी कैंसिल हो जाएगा तो इनके पास एक हिकमत एमली और स्ट्रेटजी होनी चाहिए कि पिंडी से वहां से पिशा से मुख्तलिफ जो एड जॉइनिंग एरियाज हैं वहां से बड़े-बड़े जलसों की शक्ल में लोग वहां पर पहुंचे जिसका पुलिस रास्ता ना रोक सके और फिर ये लीडर्स भी मरवत साहब वगैरह मोटरसाइकिल्स पे छुप छुपा के हुलिया बदल के वहां पहुंच जाए अगर ये सिंसियर हैं और ये वाकई डिटरमिन हैं कि इनको एक शो फोर्स करना है तो ये इनके लिए बहुत बड़ी अपॉर्चुनिटी है जलसा करने के मुकाबले में एक ऐसा जलसा या बलवा करना जिसका रास्ता रोक रहे हो और यह असूल पे भी हो वो कहीं ज्यादा उसका इंपैक्ट होगा देखना यह है कि ये रात को सारे गिरफ्तार होते हैं कैंसिल कर देते हैं सुबह उस जगह के ऊपर पहुंचते हैं मैं यहां पे आपको ये डायलॉग बड़ा इंटरेस्टिंग है शब शाहीन साहब के दरमियान पुलिस वालों के दरमिन वो मैं आपको यहां प सुनाता हूं डीसी ऑफिस से जाहिर है वहां से इजाजत होगी तो हमें तो कोई तराज नहीं डीसी साहब ने इजाजत नामा दिया है कोर्ट के आर्डर पे सर कोर्ट के आर्डर का रेफरेंस देके दिया हुआ है असल इजाजत नामा हमारे पास कोर्ट का है अब जो चीफ कमिश्नर ने उसको कैंसिल किया उन्होंने कहा जी हमारे पास सिक्योरिटी फालतू नहीं है जो आपको दे सके इसलिए हमारे जिम्मे ना रखें हाई कोर्ट का फैसला है कि आप इनको सिक्योरिटी दें अब आप हमें सिक्योरिटी देने का जो फैसला है सिर्फ वो फैसला करना है कि आप हमें देंगे या नहीं देंगे डीसी ऑफिस से क्यों बहस करें उसकी रीजन यह है कि डीसी ऑफिस ने ही जाकर इस्लामाबाद हाई कोर्ट में अंडरटेकिंग दी है