हेलो बच्चों उम्मीद है आप बहुत ही अच्छे होंगे और जबरदस्त तरीके से अपनी पढ़ाई कर रहे होंगे यह मैं डिटेल वन शॉट लेकर आया हूं चैप्टर नंबर थ्री का करंट इलेक्ट्रिसिटी का इस वन शॉट को देखने के बाद यानी इस वन शॉट में जो मैं कवर करूंगा सारे कांसेप्ट में कवर करने वाला हूं सारे डेरिवेशंस में कवर करने वाला हूं और काफी न्यूमेरिकल लगवाने वाला हूं यानी अगर यह वन शॉट आप शुरू से लेकर अंत तक पूरा वन शॉट देखते हैं तो आपके हर सवाल निकलने लगेंगे सारे डेरिवेशंस आपको आ जाए आंगे और सारे फंडे क्लियर हो जाएंगे और यही नहीं यह जो वन शॉट डिटेल वन शॉट है आप बहुत ही मतलब सरप्राइज होंगे कि जितना टोटल टाइम मैं लूंगा इसके लिए बड़ा होमवर्क किया है मैंने कि आपको यह वीडियो कम से कम समय में मिलेगा और ज्यादा से ज्यादा कंटेंट डिलीवर होगा तो आप इस वीडियो को पूरा देखिए और अपने कांसेप्ट को डेरिवेशंस को न्यूमेरिकल्स को बहुत ही मजबूत कर लीजिए केवल यही नहीं बेटा ये डिटेल वन शॉट में जैसा मैं यहां पे शो कर रहा हूं आपको वन सारे कांसेप्ट कवर कर करने वाला हूं डेरिवेशंस न्यूमेरिकल्स इसका पीडीएफ भी आपको मिल जाएगा तो जो बच्चे इसका पीडीएफ लेना चाहते हैं करंट इलेक्ट्रिसिटी का जिससे कि वो नोट्स प्रिपेयर कर सके उनको कुछ नहीं करना है अरविंद एकेडमी ऐप को डाउनलोड कर लीजिए लिंक डिस्क्रिप्शन में दिया है यहां पर मैंने कोर्स बना दिया है फ्री पीडीएफ के नाम पर यहां स्टोर सेक्शन में जाइएगा इसे और ये क्लास 12थ फिजिक्स फ्री पीडीएफ से काफी ज्यादा दाम कर दिया है जैसे कि कोई भी बच्चा इसको खरीद ना सके और इसके अंदर जो कंटेंट है वो सब ओपन है यानी फाइलें आप जाएंगे क्लिक करेंगे तो डाउनलोड हो जाएंगी और अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं इसमें मैं कई तरह के कंटेंट फ्री में जो आपको देने वाला हूं वो देता रहूंगा आपके लिए भी एक जगह से डाउनलोड करना आसान होगा और मेरे लिए भी इसको मैनेज करना काफी आसान होगा तो जो बच्चे पीडीएफ चाहते हैं वो यहां से इसको डाउनलोड कर सकते हैं दूसरी बात अपडेट्स के लिए आप अरविंद एडमी भी जानकारी वहां देता रहूंगा और जो बच्चे चाहते हैं कि उनके 97 पर आ जाए क्योंकि उनको डाउट्स आते हैं डाउट की क्लेरिटी उनको चाहिए तो उनके लिए अपना है द्रोणा बैच ये दे क्लास 12थ वाले बच्चों के लिए द्रोणा 2.1 है 11थ वालों के लिए 1.0 और ये फुल लाइव कोर्स है 2024 25 के लिए बेटा इसमें किसी भी प्रकार का आपका डाउट जब मैं पढ़ाऊंगा लाइव क्लासेस होंगी कोई भी डाउट आपको आता है ऐसा क्यों कर दिया गया वैसा क्यों कर दिया गया डेरिवेशन में ऐसा क्यों किए हैं कौन से इंपॉर्टेंट डेरिवेशन हैं कौन से इंपोर्टेंट टॉपिक हैं कौन से इंपॉर्टेंट न्यूमेरिकल्स हैं किसी भी तरह का डाउट आप मुझसे सॉल्व करा सकते हैं और मैं आपको बता दूंगा कि भाई इसको इस तरीके से करना ज्यादा बेनिफिशियल है जिससे आप कम एफर्ट में 97 पर से भी ऊपर नंबर ला सकें तो जो बच्चे द्रुना बैच को में लेना चाहते हैं या एनरोल करना चाहते हैं वो अरविंद एकेडमी ऐप को डाउनलोड कर लीजिए स्टोर सेक्शन में जाइएगा वहां ना बैस दिख जाएगा क्लिक करके आप जब उसको क्लिक करेंगे तो आई एम इंटरेस्टेड का बटन दिख दिखेगा क्लिक करेंगे तो आपको whatsapp2 क्लियर कीजिए सीबीएससी में तो टॉप कीजिए कीजिए और आने वाले एग्जामिनेशंस के लिए नीट या जेई के लिए अ बढ़िया तैयारी भी यहीं से हो जाएगी क्योंकि फंडामेंटल सारे क्लियर होंगे चलिए बात को तुरंत स्टार्ट करते हैं यानी कि पढ़ाई की बात जिस वजह से ये वीडियो बन रहा है वन शॉट को लेके तो करंट इलेक्ट्रिसिटी देखिए इससे पहले आप लोगों ने जो हम लोगों ने पढ़ाई की है वो पढ़ाई की थी चार्जेस एट रेस्ट जब चार्जेस रुके हुए होते हैं तो फिजिक्स में वो जो ब्रांच होती है जो उसकी स्टडी करती है उसको बोलते हैं इलेक्ट्रोस्टेटिक्स तो इलेक्ट्रोस्टेटिक्स क्या है जहां पर चार्जेस रुके हुए होते हैं तब हम उसकी स्टडी करते हैं हमारे कोर्स में चैप्टर नंबर वन और चैप्टर नंबर टू इलेक्ट्रोस्टेटिक्स के अंदर आता है इलेक्ट्रिक चार्जेस एंड फील्ड्स और दूसरा वाला पोटें इलेक्ट्रोस्टेटिक पोटेंशियल एंड कैपेसिटेंस ये दोनों चैप्टर इलेक्ट्रोस्टेटिक्स में थे लेकिन अब हम लोग क्या करने वाले हैं यहां पर इस चैप्टर में जो करंट इलेक्ट्रिसिटी है चार्जेस इन मोशन आपको मिलेगा यानी चार्जेस चल रहे होंगे मूव कर रहे होंगे जिसकी वजह से जो इ जो इफेक्ट होगा उसको हम सारा चीज समझने वाले हैं तो ये चैप्टर का नाम इसीलिए कंट इलेक्ट्रिसिटी है ये इलेक्ट्रोस्टेटिक से अलग है ये बात आपको समझ में आईकट करंट इलेक्ट्रिसिटी के बारे में कुछ और जानकारी कि करंट को बोलते क्या है तो करंट में एक डेफिनेशन है वो यह बोलती है कि किस जिस कंडक्टर में करंट फ्लो हो रही है उसका हम एरिया ले लेंगे परपेंडिकुलर डायरेक्शन में फ्लो ऑफ चार्ज से जिस डायरेक्शन में चार्ज फ्लो हो रहे हैं उससे परपेंडिकुलर डायरेक्शन में आप एरिया ले लीजिए उससे पर यूनिट टाइम जितना चार्ज फ्लो हो रहा है उसको ही इलेक्ट्रिक करंट आप बोलते हैं आपने क्लास 10 में पढ़ा था i = q / t तो q / t क्या होता है रेट ऑफ फ्लो ऑफ चार्जेस लेकिन एक इंपॉर्टेंट बात ध्यान रखनी है कि रेट ऑफ फ्लो कैसा होना चाहिए जो आपने एरिया लिया है चार्जेस का फ्लो उससे परपेंडिकुलर डायरेक्शन में होना चाहिए तो i = q / t लगाते हैं तो ये यहां पे देखिए मैंने नोट्स के लिए डेफिनेशन भी लिख दी है कि अगर इलेक्ट्रिक करंट क्या होती है बोलना पड़े लिखना पड़े तो आप लिख भी सकते हैं यहां से और देखिए दो तरह की करंट होती है बेटा एक होती है इंस्टंटे नियस करंट किसी क्षण कि किसी पल किसी टाइम पर जो करंट आपको मिलती है उसे बोलते हो d क अप dt1 t तो भाई एक पर्टिकुलर टाइम में कितना चार्जेस फ्लो हुआ है तो रेट ऑफ फ्लो ऑफ चार्जेस और इंटेंटली इस क्षण कितनी करंट फ्लो हुई है दैट इज d क बा होंगे या आपको अंदाजा शायद ना हो खैर एक कदम और आगे बढ़ाते हैं अब यहां पर एसआई यूनिट करंट की हम जानते हैं एंपियर होती है एसआई यूनिट करंट की एसआई सिस्टम में और 1 एंपियर की जो डेफिनेशन है वो जब आप मूविंग चार्जेस एंड मैग्नेटिज्म पढ़ते हैं वहां पर 1 एंपियर को डिफाइन किया जाता है चैप्टर नंबर फोर में वो डेफिनेशन आपकी आती है तो जब हम चैप्टर नंबर फोर करेंगे तो 1 एंपियर की डेफिनेशन आपको बढ़िया से समझा देंगे जिससे एग्जामिनेशन में पूछी जाए तो आप शानदार तरीके से इसको लिख पाएं खैर 1 एंपियर = 1 कूलाम / 1 सेकंड जैसा आप जान रहे हैं एंपियर इज दी एसआई यूनिट ऑफ करंट इलेक्ट्रिक करंट अब इलेक्ट्रिक करंट में डायरेक्शन की बात करते हैं देखिए सटासट सारी चीजें टू द पॉइंट देखिए अभी तक हम लोग बात करते थे कि भाई कन्वेंशनल करंट जो थी वो पॉजिटिव चार्ज जिस डायरेक्शन में फ्लो करता है उस डायरेक्शन में हम बोलते हैं कि इलेक्ट्रिक करंट फ्लो हो रही है ये कहानी एक्चुअली जब इलेक्ट्रॉन खोजा गया था उससे पहले ही मान ली गई थी 189 97 में आपको जैसा पता है जे जे थॉमसन ने इलेक्ट्रॉन का इन्वेंशन किया था तो 18971 रामायण लिख दी गई थी अब जब इलेक्ट्रॉन खोज लिया गया तो पता ये चला कि भाई पॉजिटिव चार्ज तो फ्लो ही नहीं करता है फ्लो तो नेगेटिव चार्ज करता है तो अब यह हुआ कि अब क्या करें इतनी हमने महाभारत लिखी है क्या उस महाभारत को बदला जाए तो उन्होंने कहा नहीं बदलने की जरूरत नहीं है हम लोग यही करंट की डायरेक्शन को मानेंगे यानी पॉजिटिव चार्ज चलने की डायरेक्शन को कन्वेंशनल करंट की डायरेक्शन मानेंगे और इलेक्ट्रॉन जिस दिशा में जा रहा है उसको हम इलेक्ट्रॉनिक करंट कह देंगे तो जब इलेक्ट्रॉन सुपर हीरो पिक्चर में आ गए दोनों होता है आप जानते हैं ना किसी भी वायर में अगर कोई करंट जा रही है तो आप लिखते हैं 5 एंपियर की करंट है और इस डायरेक्शन में फ्लो हो रही है तो मैग्नी ट्यूड डायरेक्शन होने के बाद भी करंट को हम स्केलर क्वांटिटी बोलते हैं ऐसा क्यों करते हैं क्योंकि किसी भी क्वांटिटी को वेक्टर क्वांटिटी होने के लिए तीन चीजें तीन कंडीशन को फुलफिल करना चाहिए एक तो उसके अंदर मैग्निटिया दरा उसको वेक्टर लॉ फॉलो करना चाहिए अगर ये तीन चीजें वो फॉलो करता है तो हम बोलते हैं क्या है कि वो क्वांटिटी एक वेक्टर क्वांटिटी है तो ये जो हमारी इलेक्ट्रिक करंट होती है ये वेक्टर लॉ फॉलो नहीं करती मैग्नी ूड्स तो होल्ड करती है लेकिन वेक्टर लॉ फॉलो नहीं करती इस वजह से मैग्निटिया स्केलर क्वांटिटी है बहुत बढ़िया इसको भी आप नोट करते रहिएगा जहां डेरिवेशन या सवाल आएंगे वहां मैं नोट करने का का पूरा आपको समय भी दूंगा वैसे य पीडीएफ आपको मिल भी जाएगा कैसे मिलेगा यह मैंने प्रेजेंट इस वीडियो लेक्चर के शुरू में बताया है इसका पीडीएफ कैसे ले सकते हैं एक न्यूमेरिकल आ जाता है उसको बढ़िया से पढ़ के समझेंगे और इसका जवाब देंगे हम लोग लिखा है 10 की पावर 20 इलेक्ट्रॉन ईच हैविंग ए चार्ज ऑफ दिस वन पास फ्रॉम ए पॉइंट ए टुवर्ड्स अनदर पॉइंट b a से b की तरफ ये इलेक्ट्रॉन भाई साहब जा रहे हैं कितने न इतने इलेक्ट्रॉन एक इलेक्ट्रॉन पर चार्ज हमको मालूम भी रहता है दिया भी है इतने समय में जाते हैं अभी पूछ रहे हैं यहां पर व्हाट इज द करंट इन एंपियर भाई करंट बताओ एंपियर में कितनी है और साथ में व्हाट इज डायरेक्शन इस करंट का डायरेक्शन तो हम और आप जान पाए सवाल के माध्यम से कि ए से बी की तरफ इलेक्ट्रॉन जा रहा है तो हमारी इलेक्ट्रिक करंट किधर हो जाएगी आ बी बी टू ए दिस इज द डायरेक्शन ऑफ आ जो इलेक्ट्रिक करंट की डायरेक्शन होती है व पॉजिटिव चार्ज के चलने की डायरेक्शन होती है जब नेगेटिव चार्ज इधर जा रहा है तो पॉजिटिव चार्ज य मानते हैं उसका उल्टा आ रहा है इसलिए i इज द डायरेक्शन करंट की डायरेक्शन कहां से कहां तक हो गई b टू a तो डायरेक्शन तो पता चल गई भाई अब रही बात मैग्नी ट्यूड की तो हम ये जानते हैं कि i = q / t होता है और q की जो वैल्यू होती है बेटा वो q = n क्वांटा इजेशन ऑफ चार्ज आपने पढ़ रखा है q = अ t अब यहां पर वैल्यू रख दीजिए n की वैल्यू हो गई 10 की पावर 20 ये दे रखा था इलेक्ट्रॉन पे पाए जाने वाला चार्ज 1.6 * 10 की पावर -1 और ये रहा टाइम जो कि हो गया 0.1 सेकंड अब इसको सिंपली आप कैलकुलेट कर लीजिए 160 एंपियर की करंट आ गई तो आपका आंसर मिल चुका है 160 एंपियर बहुत ही भयानक करंट 160 एंपर की करंट और साथ में इसका डायरेक्शन b2a तो इस तरह के सवाल आवे तो प्यार से ऐसे कर लीजिएगा मैं हटता हूं इसको नोट कर लीजिए आप तो इसको इस तरीके से आप कर सकते हैं मेरे ख्याल से आप नोट कर पाए होंगे चलिए एक कदम और आगे बढ़ाते हैं बेटा अब यह आंसर हो गया मैंने ब्रैकेट थोड़ा सजाया बजाया है जिसे आपको पसंद आ जाए पढ़ने का मन करे फायदा उठा पाए ओम्स लॉ की बात करते हैं बेटा जी तो ओम्स लॉ आप क्लास 10थ में भी पढ़े हैं वो ये क्या बोलता है कि अगर किसी कंडक्टर में हम पोटेंशियल डिफरेंस बढ़ा रहे हैं अक्रॉस दी एंड्स ऑफ दी कंडक्टर तो वहां पर करंट की वैल्यू उसी के प्रोपोर्शनल बढ़ने लगती है बशर्ते कि उसकी फिजिकल कंडीशंस टेंपरेचर वगैरह ना बदले यह इंपॉर्टेंट पहलू होता है लिखा है प्रोवाइडेड दैट द टेंपरेचर एंड द अदर फिजिकल कंडीशन रिमेंस अन चेंज फिजिकल क कंडीशन मतलब हो गया प्रेशर ना बदले वगैरह वगैरह चीजें ना बदले तो v इज प्रोपोर्शनल टू i होता है ध्यान रखिएगा यह हमारा क्या हो जाता है ओम्स लॉ तो यह ओम्स लॉ हो गया और अगर प्रोपोर्शनैलिटी कांस्टेंट r इंट्रोड्यूस कर देते हैं तो इसको रेजिस्टेंस बोलते हैं v = ir1 में पढ़ा हुआ है तो फट से समझ गए होंगे v इज प्रोपोर्शनल टू i हां कंडीशन जरूर लिखिए टेंपरेचर और एंड अदर फिजिकल कंडीशन रिमेंस कांस्टेंट तब v इज प्रोपोर्शनल टू i होने वाला है अब देखिए रेजिस्टेंस की बात क्या थी वहां पर v = था तो r को लिख सकते हैं v / i यानी रेजिस्टेंस क्या होता है अगर हम फील करना चाहे क्या होता है तो अपोजिशन टू दी करंट होता है जब चार्जेस एक जगह से दूसरी जगह फ्लो करते हैं तो वो टकराते हैं आयन से उ उन्हीं से तो मेटल में वो जो एटम था उससे निकले तो आयन बन गया है ये मान लीजिए ये एटम था एक इलेक्ट्रॉन था अब इसमें से क्या हुआ इलेक्ट्रॉन फुदक के बाहर आ गया तो ये आयन बन गया पॉजिटिव और ये सा इलेक्ट्रॉन तो इलेक्ट्रॉन जब चलेंगे तो इस पॉजिटिव आयन से टकराते हैं खुद इलेक्ट्रॉन इलेक्ट्रॉन की भी टक्कर हो सकती है उस दशा में इलेक्ट्रॉन को आगे बढ़ने में रेजिस्टेंस मिलता है क्योंकि टक्कर होती है जैसे एक आप रेलवे प्लेटफॉर्म पे जाएं भीड़ बहुत ज्यादा हो तो अपनी बोगी में जाने के लिए टकरा टकरा के जाना पड़ता है भीड़ को करते हुए तो वो अपोजिशन टू द करंट जो है उसी को हम बोलते हैं रेजिस्टेंस और इसके जो मैग्निटिया है तो दैट इज द रेजिस्टेंस और कॉज आपने समझ ही लिया लगातार इनकी जो टक्कर होती हैं पॉजिटिव आयन से और और इलेक्ट्रॉनों वगैरह से भी वही अपोजिशन होता है किसी में ज्यादा किसी में कम उसी हिसाब से r को डिफाइन करते रहते हैं एसआई यूनिट क्या होती है बेटा आपको बहुत अच्छी तरह मालूम है ओम शांति ओम ओम इज दी एसआई यूनिट ऑफ रेजिस्टेंस बहुत ही अ छोटी बात है जिसे आप जरूर जानते होंगे और ये देखिए फिक्स रेजिस्टेंस को इस तरीके से खाते हैं और वेरिएबल रेजिस्टेंस अगर है तो रेजिस्टेंस बना के एक एरो लगा देते हैं ऐसा जिससे कि हम रेजिस्टेंस को बदल सकें रियू स्टेट वगैरह जब यूज करते हो ना जहां पे वेरिएबल रेजिस्टेंस होता है आप घटा बढ़ा सके तो उसका सिंबल ऐसे बना देते हैं आप एक्सपेरिमेंट भी लैब में करेंगे तो वहां भी फिगर फगर बनानी पड़ेगी खैर तो रेजिस्टेंस के बारे में आपको जानकारी यहां से मिली होगी एक कदम और बढ़ते हैं कि भाई ये जो रेजिस्टेंस होता है इनको कौन-कौन से फैक्टर इंपैक्ट करते हैं रेजिस्टेंस किन-किन पे डिपेंड करता है और यहीं से एक चीज निकल के आएगी रेजिस्टिविटीज हम स्पेसिफिक रेजिस्टेंस या रेजिस्टिविटीज सेंस यानी आर किन पे डिपेंड करता है तो आ डिपेंड करता है लेंथ पर जितनी ज्यादा लेंथ होगी उतना ज्यादा रेजिस्टेंस होगा क्योंकि उतनी टक्कर वो ज्यादा खा जाएगा एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुंचने में दूसरा एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन अगर बड़ा कर देंगे तो रेजिस्टेंस कम हो जाएगा भाई चौड़ी रोड कर दोगे अगर तो दो की जगह चार गाड़ियां निकल जाएंगी वहां से बिना टकराए तो रेजिस्टेंस कम हो जाता है और एक तीसरी चीज रो रेजिस्टिविटीज सेंस अगर इन तीनों को रेजिस्टिविटीज करेंगे तो जो रेजिस्टेंस r है इन दो तीनों चीजों को मिला दें तो एक फार्मूला बन जाता है r = रो ए / a और ये फार्मूला हमको बढ़िया तरीके से याद होना चाहिए ऑलरेडी आप क्लास 10थ में इस फॉर्मूले को पढ़ चुके हैं तो मुझे उम्मीद कहीं ना कहीं दिमाग में किसी कोने में पड़ा जरूर होगा बस कोने से ढूंढकर बाहर निकालना है खैर अब यह इसकी जो एसआई यूनिट होती है रो की रो क्या है रेजिस्टिविटीज रेजिस्टेंस इसकी यूनिट जैसे यहां पे देखेंगे तो ओम मीटर इज द यूनिट आराम से आप निकाल सकते हैं कोई टेंशन नहीं अब ये जो रेजिस्टिविटीज थोड़ी कर लेते हैं कि ये रेजिस्टिविटीज पर डिपेंड करती है तो एक तो ये डिपेंड करती है नेचर ऑफ मटेरियल पर कि भैया आपने कॉपर का वायर लिया है एलुमिनियम का लिया या लोहे का लिया तो जिस किस नेचर का वायर है इस पर रेजिस्टिविटीज पर डिपेंड करती है कि अगर टेंपरेचर को घटाए बढ़ाएंगे बढ़ाने पर रेजिस्टिविटीज है तो रेजिस्टिविटीज पर डिपेंड करती है टेंपरेचर बढ़ाओ ग तो रेजिस्टिविटीज ऑफ मेटल्स और टेंपरेचर घटाने पर रेजिस्टिविटीज जाएगी रेजिस्टिविटीज पर डिपेंड नहीं करती लेंथ बढ़ाने पर रो नहीं बदलेगा r बदलेगा a एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन घटाने बढ़ाने पर रो नहीं बदलेगा r बदलेगा ठीक तो रेजिस्टिविटीज सिवि की कहानी है फर्क समझते रहिएगा r एक अलग चीज है और रेजिस्टिविटीज है पहचान ही चुके होंगे मालूम भी है आपको लेकिन कोर्स में है इसलिए जानकारी आपको होना बहुत आवश्यक है खैर इस बात को पकड़ में आई होगी आपको एक कदम और आगे ले जाते हैं अब एक नया टर्म मिलता है जो आज से पहले आपने शायद नहीं पढ़ा है करंट डेंसिटी अब करंट डेंसिटी क्या होता है करंट डेंसिटी ये जो लिखा है ये डेफिनेशन है कि एग्जाम में कैसे लिखेंगे समझा मैं यहां देता हूं देखिए ये q बाटी है ना तो ये बोल रहे हैं कि चार्जेस पर यूनिट टाइम पर यूनिट एरिया फ्लोइंग परपेंड टू द एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन इज नोन एज ए करंट डेंसिटी फिर से रिपीट कर रहा हूं कि किसी भी क्रॉस सेक्शन एरिया के परपेंडिकुलर नॉर्मल जो चार्जेस फ्लो हो रहे हैं वह चार्जेस पर यूनिट टाइम एंड पर यूनिट सरफेस एरिया अगर आप ले लेते हैं तो उसे आप जे जे इज द सिंबल ऑफ करंट डेंसिटी से बताएंगे पर यूनिट चार्ज पर यूनिट एरिया या यहां पर देखिए आ गया i अप ए यानी करंट पर यूनिट एरिया जो कि नॉर्मल डायरेक्शन में हो क्रॉस सेक्शन एरिया के उसे हम बोलते हैं करंट डेंसिटी एक इंटरेस्टिंग चीज क्या होती है जो आपको भूलना नहीं है कि करंट डेंसिटी एक वेक्टर क्वांटिटी होती है और इसका जो डायरेक्शन होता है पॉजिटिव चार्ज के मोशन की डायरेक्शन में होता है अब आप ये कह सकते हैं कि i के डायरेक्शन में होता है क्योंकि i को भी तो आप यही मान के चल रहे हो कि पॉजिटिव चार्ज का डायरेक्शन जो होगा वही i का डायरेक्शन होगा तो तो आप इस तरीके से समझ सकते हैं कि करंट डेंसिटी का डायरेक्शन करंट डेंसिटी का डायरेक्शन करंट की ही दिशा में होगा लेकिन है ये वेक्टर क्वांटिटी इसलिए देखिए इस पे j के ऊपर हम लोग एक वेक्टर साइन लगा देते हैं और करंट को लिखते हैं करंट डेंसिटी डॉट प्रोडक्ट ऑफ एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन जो a रहा इसका हिसाब किताब a वेक्टर तो इसको आप याद करके रखिएगा करंट डेंसिटी इज अ वेक्टर क्वांटिटी चार्ज पर यूनिट एरिया पर यूनिट टाइम परपेंडिकुलर टू द सरफेस ऑफ दी जहां से ये पास हो रहे हैं चार्जेस और इसकी यूनिट की बात की जाए तो आप आराम से निकाल सकते हैं j का मतलब है एंपियर अपॉन पर मीटर स्क्वायर ये देखिए लिखा है ये डायमेंशन हो गई तो करंट डेंसिटी को थोड़ा पकड़ के रखिएगा क्योंकि इसका इस्तेमाल अभी वेक्टर फॉर्म ऑफ ओम्स लॉ में किया जाएगा खैर आप समझ गए होंगे जे को तो इसको भी आप नोट कर सकते हैं और ये तो पीडीएफ मिलेगी ही आपको एक कदम बढ़ जाते हैं चलिए हम लोग अब बात करते हैं कंडक्टेंस की तो कंडक्टेंस बड़ी सिंपल सी बात है भैया कोई टेंशन की बात नहीं कंडक्टेंस को g लिखते हैं जो रेजिस्टेंस का रेसिप कल होता है 1 / r रेजिस्टेंस कंडक्टेंस देखिए कैसा वो मिल रहा है कहते सुर मिल रहे हैं रेजिस्टेंस कंडक्टेंस रेजिस्टेंस कंडक्टेंस याद हो जाएगा आपको 1 / r = g ये कंडक्टेंस हो गया अच्छा ये मैं नाटक क्यों कर रहा था क्योंकि अभी आपको कुछ कंडक्टिविटी मिलेगी तो ये कंडक्टेंस था और अगला आ जाता है कंडक्टिविटी तो कंडक्टिविटी क्या होता है रेजिस्टिविटीज प्रोकल तो रेजिस्टिविटीज रेजिस्टिविटीज क्टिंग सरताल बैठ रहा है तो 1 / रो = सिगमा और इसका आप जो एसआई यूनिट लेते हैं उसे ओम -1 मीटर -1 या सेमेंस मीटर -1 आप कहते हैं कंडक्टिविटी का यूनिट तो कंडक्टिविटी = 1 / रेजिस्टिविटीज एक कदम अब देखिए वेक्टर फॉर्म ऑफ ओम्स लॉ आता है तो आपको थोड़ा ध्यान रखना चाहिए कि जो ओम्स लॉ होता है उसके दो फॉर्म होते हैं एक होता है स्केलर फॉर्म एक होता है वेक्टर फॉर्म तो स्केलर फॉर्म क्या होता है मैंने आपको समझाने के लिए देखिए बनाया है v = आ जो आप पढ़ते आए हैं जो पढ़े हुए हैं तो v = आ इज दी स्केलर फॉर्म किसका ओम्स लॉ का दूसरा जो फॉर्म होगा वेक्टर फॉर्म ओम्स लॉ का वो होता है e = रो * j यहां रो क्या है रेजिस्टिविटीज क्या है करंट डेंसिटी e क्या है इलेक्ट्रिक फील्ड तो इसमें देखिए वेक्टर क्वांटिटीज का इस्तेमाल किया गया है तो वेक्टर लॉ इसमें कोई भी क्वांटिटी वेक्टर नहीं है v स्केलर आ स्केलर r स्केलर स्केलर फॉर्म और इसी को घुमा के 1 अपन इधर e / रो लिख दोगे तो कंडक्टिविटी ये दोनों एक ही इक्वेशन है इसको हम प्रूफ भी करेंगे अभी कंडक्टिविटी j = सिमा * a ये वेक्टर फॉर्म होता है आप के एग्जामिनेशन में यह लिखने को भी आता है और इसका डेरिवेशन भी आता है वेक्टर फॉर्म ऑफ ओम्स लॉ क्या होता है एक्सप्लेन राइट और डिराइवर द एक्सप्रेशन तो इसको हम अभी डिराइवर करते हैं आपके लिए तो यह समझ में आ गई होगी बात कि भाई वेक्टर फॉर्म है क्या चीज आखिर दो दो फॉर्म हो गए स्केलर वेक्टर वेक्टर फॉर्म आप देख पा रहे हैं चलिए फटाफट इसको देख लेते हैं कि जो वेक्टर फॉर्म होता है इसको हम डिराइवर कैसे करेंगे तो यहां पर मैंने लिख दिया डेरिवेशन वेक्टर फॉर्म ऑफ ओम्स लॉ उसके लिए सबसे पहले कंडक्टर ले लेते हैं और यहां कंडक्टर में मैंने देखिए लिख भी दिया है कि कंडक्टर ले लीजिए जिसकी लेंथ देखिए एल है यहां से यहां तक एल क्रॉस सेक्शन एरिया ए है इसको एक बैटरी से कनेक्ट किए हो जिसका वोल्टेज v है और इलेक्ट्रिक फील्ड जो बैटरी जनरेट कर रही है वो e इस डायरेक्शन में जनरेट कर रही है जैसे कई बच्चे लिखने में दिक्कत फील करते हैं तो उसको भी मदद लेकर आप इसका कार्यक्रम बना सकते हैं अब यहां पर देखिए क्या है कि पोटेंशियल डिफरेंस अक्रॉस द एंड्स ऑफ द कंडक्टर इन एंड्स पर पोटेंशियल डिफरेंस कितना क्रिएट हो गया v v और e में क्या रिलेशन हो जाएगा v = e * l या आप हम जानते ही हैं e = dvd-r हो गया दूसरा देखिए ओम्स लॉ से ओम्स लॉ से v = है तो i हमने पकड़ा इस r की जगह रो ए बा a पुट कर दिया तो ये वैल्यू हो गई i रो ए बा a अब यहां पर पहली और दूसरी इक्वेशन में v है ना इक्वेट कर दीजिए इसको बड़ा सिंपल कहानी तो इक्वेटिंग इक्वेशन वन एंड टू ये इक्वेशन वन थी v = e * l ये इक्वेशन ट थी v = i रो अप रो ए बा a ये तो v बराबर है तो दोनों को बराबर कर देंगे तो ये e * ए हो गया और यहां पर ये एक्सप्रेशन यहां आ गया आ रो ए बा ए यहां से देखिए ये एल और एल गया कट तो ये वैल्यू क्या बन गई हमारी e = i / a * रो बढ़िया कोई समस्या ही नहीं है और i अप a को आप लिखते हो j करंट डेंसिटी चर्चा की थी ना अब ये तो अभी वेक्टर नहीं लिखा है तो अब वेक्टर की चर्चा करें ये तो केवल मैग्नी ूड्स टी की डायरेक्शन किधर होगी इज़ सेम एज़ इलेक्ट्रिक फील्ड डायरेक्शन क्योंकि जो इलेक्ट्रिक फील्ड होता है उसी डायरेक्शन में तो पॉजिटिव चार्ज चलते हैं करंट तो उसी डायरेक्शन में चलेगी तो पॉजिटिव चार्ज के चलने की दिशा करंट डेंसिटी की दिशा होती है और वही इलेक्ट्रिक फील्ड की दिशा है यानी करंट डेंसिटी का डायरेक्शन और इलेक्ट्रिक फील्ड का डायरेक्शन सेम है इसलिए हम यहां पर इसको सिंपली वेक्टर के फॉर्म में e = j रो लिख देते हैं अगर उल्टी डायरेक्शन में होता तो यहां लगाते वेक्टर फॉर्म में e = j * रो और इसी को यहां पे देखिए मेंशन कर लिया ये क्या है वेक्टर फॉर्म ऑफ ओम्स लॉ दो इक्वेशन लिखी थी एक आ गई अब दूसरे में क्या करेंगे इस रो को ये 1 अपन रो e के नीचे ले आएंगे तो e 1 अप रो = j 1 अप रो रेजिस्टिविटीज सिवि का उल्टा करोगे तो क्या आ जाती है कंडक्टिविटी अभी आपको गाना सुनाया था रेजिस्टिविटीज सेंस कंडक्टेंस तो यहां पर कोई दिक्कत नहीं देखिए मजा लीजिए और एकदम दिमाग में बैठेगा आपके कोई समस्या नहीं e सिमा = j इसको सिग्मा लिख दिया है ये हमारी जो इक्वेशन बन गई j = सिगमा * e ये तीसरी और चौथी जो इक्वेशन है यही हमारी वेक्टर फॉर्म ऑफ ओम्स लॉ है इसी य यही वेक्टर फॉर्म ऑफ ओम्स लॉ क्या होता है और उसका डेरिवेशन आपके सामने मौजूद है बिल्कुल सटीक मैं हटता हूं इसको स्क्रीनशॉट ले लीजिए कई बच्चे लेना चाहते हैं अदर वाइज पीडीएफ तो कैसे मिलेगा आपको यह मैंने इस वीडियो की शुरुआत में बताया है उसको देख लीजिए और आप पीडीएफ पूरा इसका ले सकते हैं फिर भी आप स्क्रीनशॉट लेना चाहते हैं तो मैं हट जाता हूं जैसे आप नोट करना चाहे या स्क्रीनशॉट लेना चाहे तो आगे बढ़ सकें खैर यह बात आपके जहन में आ गई है एक कदम और आगे बढ़ते हैं अब देखिए लिमिटेशन ऑफ ओम्स लॉ की बात करते हैं जिसमें नॉन ओमिक कंडक्टर्स भी आएंगे तो ओमिक कंडक्टर्स या नॉन ओमिक कंडक्टर्स किस चिड़िया का नाम है तो पहली बात यह जो ओमिक कंडक्टर होते हैं वो ओम्स लॉ फॉलो करते हैं जो कंडक्टर्स ओम्स लॉ फॉलो करते हैं उनको ओमिक कंडक्टर्स बोला जाता है एग्जांपल के तौर पर मेटलिक कंडक्टर विथ स्मॉल करंट कोई कंडक्टर ले लीजिए उसमें कम करंट फ्लो करिए तो वो ओम्स लॉ फॉलो करते हैं ज्यादा करंट फ्लो करोगे तो गर्म हो जाएगा जिसकी वजह से उसके डायमेंशन बदल जाएंगे फिर ओम्स लॉ फॉलो नहीं कर पाएगा तो कम करंट पे स्मॉल करंट पर जो कंडक्टर हो होते हैं वो ओम्स लॉ फॉलो करते हैं ओम्स लॉ फॉलो करने वाले ओमिक कंडक्टर दूसरी बात बड़ी इंपॉर्टेंट पॉइंट है इसको मैंने बोल्ड भी किया है ध्यान रखिएगा अगर कोई ओम्स लॉ फॉलो कर रहा है कंडक्टर तो जो v और i आ का ग्राफ होता है वो स्ट्रेट लाइन ग्राफ होता है और ओरिजिन से पास होता है तो सीधी रेखा आनी चाहिए स्ट्रेट लाइन और ओरिजिन से पास होनी चाहिए ई ग्राफ में तभी वो ओम्स लॉ फॉलो करेगा अगर ऐसा नहीं हो कि सीधी लाइन ना मिले कर्व मिल जाए या आपको सीधी लाइन मिले लेकिन ओरिजिन से ना जाए तो वह ओम्स लॉ नहीं फॉलो करेगा ओमिक रेजिस्टेंस नहीं होगा तो यहां देखिए लिखा है द वी आई ग्राफ फॉर ओमिक कंडक्टर इज ए स्ट्रेट लाइन पासिंग थ्रू दी ओरिजिन इस बात को जरूर पकड़ के रखिएगा वेरी इंपॉर्टेंट सवाल बनते हैं इसके ऊपर दूसरी बात नोट जो मैंने किया है कि जो ओम्स लॉ है वो अधिकतर कंडक्टर अधिकतर सब्सटेंस फॉलो करते हैं लेकिन ये फंडामेंटल फंडामेंटल लॉ ऑफ नेचर नहीं है ऐसा नहीं है कि सब फॉलो करेंगे करना जरूरी है सारे कंडक्टर्स को तो दिस इज नॉट द फंडामेंटल लॉ ऑफ द नेचर यह बात ध्यान रखिएगा अधिकतर फॉलो करते हैं लेकिन सब फॉलो नहीं करते अब जो नहीं फॉलो करते हैं उनको बोलते हैं नॉन ओमिक रेजिस्टेंस या नॉन ओमिक कंडक्टर्स कई एग्जांपल्स है उनमें से वो जो आपके कोर्स में आप पढ़ेंगे उसका अंदाजा मैं दे देता हूं आपको देखिए ये जैसे यहां पे लिखा हुआ है मेटलिक कंडक्टर्स ऑन हीटिंग या हाई करंट लिख दीजिए हीटिंग की जगह हाई करेंट्स तो अगर मेटलिक कंडक्टर को हाई करंट फ्लो करा दोगे तो उसके बाद वो ओम्स लॉ फॉलो नहीं करेगा इस तरीके से ये घूम जाएगा गर्म हो जाएगा घूम जाएगा नॉन ओमिक बिहेवियर हो गया सीधी लाइन ओरिजिन से जाए तभी ओमिक लॉ है ओम्स लॉ फॉलो कर रहा है ओमिक रेजिस्टेंस है दूसरी बात पीएन जंक्शन डायोड ये आप पढ़ेंगे सेमीकंडक्टर में चैप्टर नंबर 14 में तो मैं यहां पर आपको ज्यादा नहीं एक स्ट्रक्चर दिखा रहा हूं इस टाइप का वहां पर आपको डायग्राम मिलता है तो ये नॉन लीनियर ग्राफ है पीएन जंक्शन डायोड का पीएन जंक्शन घबराने की कोई जरूरत नहीं जब 14 नंबर चैप्टर पढ़ेंगे तो बड़े प्रेम से आपको यह सब बातें समझ में आ जाएगी तो ये भी ओम्स लॉ फॉलो नहीं करता और जो मेटलिक कंडक्टर्स हैं हाई करंट फ्लो करोगे तो वो भी ओम्स लॉ फॉलो नहीं करेंगे तो जो ओम्स लॉ फॉलो नहीं करेंगे वो क्या हो गए नॉन ओमिक कंडक्टर्स बढ़िया इसको भी आप समझ गए एक कदम और आपके लिए स्पेशल ये ग्राफ क्यों है ये नॉन ओमिक कंडक्टर का ग्राफ है लेकिन यहां पर हाईलाइट मुझे क्या करना था नेगेटिव रेजिस्टेंस रीजन ये आजकल केस स्टडी में या सवालों में पूछ लेते हैं यही बात मैंने हाईलाइट की है नेगेटिव रेजिस्टेंस रीजन किसे कहते हैं भाई ये देखिए कर्व तो हम ये किसका कर्व बना हुआ है एग्जांपल के तौर पे गैलेनिस इड एलईडी जो होता है एलईडी बल्ब वगैरह उसके एलईडी बनाने के लिए इसका इस्तेमाल होता है गैलेनिस इट का लेकिन गैलेनिस आर्सेनाइट जो होता है है उसका ई ग्राफ जब बनाते हो तो नॉन लीनियर है मतलब सीधी लेखा नहीं है जब स्ट्रेट लाइन नहीं है तो हम पहले ही कह देंगे भाई नॉन ओमिक बिहेवियर है नॉन नमक रेजिस्टेंस है समझ गए लेकिन इसमें एक कानून और आ जाता है जिसे बोलते हैं नेगेटिव रेजिस्टेंस रीजन ये क्या होता है देखिए रेजिस्टेंस की बात हम जब कहते थे तो क्या बोलते थे v बढ़ाओ ग तो आ बढ़ेगा इज ए पॉजिटिव रेजिस्टेंस रीजन बोलते हैं लेकिन अगर कहीं ऐसा हो जाए कि v बढ़ाने पर आ घटने लगे तो उस उसको हम नेगेटिव रेजिस्टेंस रीजन बोलते हैं इसमें देखिए इस रीजन में यहां से यहां तक में आप v बढ़ा रहे हैं ये v है और ये जो आई है आई इज डिक्रीजिंग देखो कम हो रहा है तो v बढ़ाने पर अगर आई घट रहा है तो यह क्या है नेगेटिव रेजिस्टेंस रीजन इसको ध्यान रखिएगा आप अगर v बढ़ाने पर आ बढ़ रहा है तो तो वो बढ़ता ही है नॉर्मली तो पॉजिटिव रेजिस्टेंस रीजन तो ये रीजन यहां पर इतना जो टुकड़ा आपको दिख रहा है दिस वन ये कौन सा रीजन है देखिए हाईलाइट भी किया है नेगेटिव रेजिस्टेंस रीजन इसका मतलब मैंने आपको बता दिया समझते हुए कि v बढ़ाने पर आ घट जाए तो नेगेटिव रेजिस्टेंस रीजन कहलाएगा ये फंडा भी आपको क्लियर होना चाहिए मेरे ख्याल से बात पकड़ में आई होगी एक कदम और आगे बढ़ते हैं हम लोग अब आ जाता है भाई सुपर कंडक्टिविटी तो सुपर कंडक्टिविटी क्या होता है सुपर कंडक्टिविटी होता है जब कोई कंडक्टर पूरी तरीके से अपनी रेजिस्टिविटीज सेंस को छोड़ देता है कंप्लीट छोड़ देता है तो उसे बोलते हैं सुपरकंडक्टर क्या सुपरकंडक्टर होते हैं इसका आंसर है जी हां होते हैं एग्जांपल के तौर पे मरकरी लिखा हुआ है यह सुपरकंडक्टिविटी क्या है कंप्लीट लॉस ऑफ रिसिविंग बाय सर्टेन मेटल्स एंड एलॉयज कुछ ऐसे मेटल या एलॉयज होते हैं कि उनको ठंडा करते जाएं तो एक पर्टिकुलर टेंपरेचर पर आकर वो उनके अंदर कंप्लीट लॉस ऑफ रेजिस्टिविटीज है और वह सुपर कंडक्टर बन जाते हैं जैसे मरकरी मरकरी की बात करें तो 4.2 केल्विन एगजैक्टली लिखेंगे तो 4.18 लिखते हैं 4.18 या 4.2 केल्विन पर अगर हम मरकरी पारे को ठंडा करते आए तो यहां पर क्या दिख रहा है r की वैल्यू जीरो है कंप्लीट लॉस ऑफ रेजिस्टविटी उस समय यह सुपर कंडक्टर बन जाता है अभी तक ये ये 4.2 के काफी छोटा टेंपरेचर है अभी साइंटिस्ट इन्वेंशन करने पर लगे हैं कि रूम टेंपरेचर पर ऐसे मटेरियल इजाद कर सके बना सके जो सुपर कंडक्टर्स हो अभी तक सफलता नहीं मिली है जैसे ही सफलता मिल जाएगी आप देखेंगे दुनिया नई दुनिया हो जाएगी क्यों क्योंकि जो सुपर कंडक्टर्स होते हैं उनकी स्पीड बहुत बढ़ जाएगी आप एक जगह से दूसरी जगह डाटा ट्रांसमिशन करेंगे लॉस ही नहीं होगा आपका जल्दी तो बहुत ज्यादा चीजें बदल जाएंगी बहुत फायदेमंद होगा हमारे लिए लेकिन अभी तक हम लोग रूम टेंपरेचर पर सुपरकंडक्टर्स रूम टेंपरेचर का मतलब मोटे तौर पर 300 केल्विन 300 केल्विन पर आप सुपर कंडक्टर वाली चीज बना सके ऐसा संभव नहीं हो पाया है साइंटिस्ट लगे हैं उम्मीद करते हैं जल्दी कुछ ना कुछ होगा तो आप समझ गए होंगे कि सुपर कंडक्टिविटी का मामला क्या है सुपर कंडक्टिविटी का मतलब है कंप्लीट लॉस ऑफ रेजिस्टिविटीज सेंस अच्छा यहां पर एक टर्म आता है क्रिटिकल टेंपरेचर वो टेंपरेचर जिस पे एक नॉर्मल कंडक्टर सुपर कंडक्टर बन जाता है इन ए जीरो मैग्नेटिक फील्ड ध्यान रखिएगा य देखो वर्ड्स लिखा हुआ है इन ए जीरो मैग्नेटिक फील्ड फिर से एक बार एक कंडक्टर जिस टेंपरेचर पर नॉर्मल कंडक्टर से सुपर कंडक्टर बन जाए इन दी एब्सेंट ऑफ मैग्नेटिक फील्ड उस टेंपरेचर को बोलते हैं हम लोग क्रिटिकल टेंपरे टेंपरेचर या ट्रांजीशन टेंपरेचर तो क्रिटिकल टेंपरेचर किसे कहते हैं याद रखिएगा मकरी के केस में कितना हो गया है 4.2 केल्विन या 4.18 केल्विन ठीक है समझ में आ गई होगी बात चलिए एक कदम और आगे बढ़ाते हैं बड़ी शानदार तरीके से पढ़ाई चल रही है मजा आ रहा है आप भी समझ रहे होंगे एक होता है मेजर इफेक्ट देखिए सारे सारे कांसेप्ट मैं आपको बताऊंगा विथ इन वेरी लेस टाइम यू विल एंजॉय कम समय में सारी चीज सारे डेरिवेशन न्यूमेरिकल वगैरह सब तो मेजन इफेक्ट की बात करते हैं देखिए मेजन इफेक्ट क्या होता है जब हम लोग किसी कंडक्टर को किसी क्रिटिकल टेंपरेचर से कम ठंडा उससे भी ज्यादा ठंडा कर देते हैं क्रिटिकल टेंपरेचर क्या था कि वो नॉर्मल कंडक्टर सुपरकंडक्टर बन जाए तो एक सुपरकंडक्टर हमने लिया उसको उसके क्रिटिकल टेंपरेचर से कम ठंडा कर दिया इन दी प्रेजेंस ऑफ मैग्नेटिक फील्ड तो हम क्या देखते हैं कि मैग्नेटिक फील्ड इसको एक्सपेंशन करती है छोड़ के चली जाती है अंदर से नहीं जाती यहां ध्यान रखिएगा टेंपरेचर क्रिटिकल टेंपरेचर से कम रख रखा गया है अगर आप क्रिकट क्रिटिकल टेंपरेचर से ज्यादा रखेंगे तो ये मैग्नेटिक फील्ड ऐसे दिख रही है लेकिन जैसे ही आप बड़ा कर देंगे छोटा कर देंगे टेंपरेचर बाहर से चली जाएगी इन्हीं सब फंडों पर बेस्ड ये देखिए मैनर इफेक्ट लिखा भी है जो मैंने बताया कि किसी भी सुपर कंडक्टर को क्रिटिकल टेंपरेचर से कम और ठंडा कर दीजिए उससे कम टेंपरेचर ले आइए और मैग्नेटिक फील्ड वहां लगा दीजिए तो मैग्नेटिक फील्ड उसको छोड़ के चली जाएगी ये जो जापान में चलती नहीं है वो ट्रेनें एलिवेटेड हवा में जो चलती है पटड़ पे नहीं चलती मैग्नेटिक फैक्ट से ऊपर चलती हैं उनमें यही सब प्रिंसिपल इस्तेमाल किए जाते हैं क्योंकि वो हवा में चलती हैं तो उसमें रगड़ फग होती नहीं तो जल्दी खराब नहीं होती हैं झटके नहीं लगते बहुत तेज स्पीड हो जाती है क्योंकि वो पटरी के ऊपर तो चल नहीं रही है पटरी से ऊपर चलती है हवा में आपको पता होगा तो यहां पर ये यही सब कांसेप्ट वहां लगाए जाते हैं हो सकता है आने वाले कुछ सालों में इंडिया में भी ऐसा देखने को मिले डेवलप तो हो ही रहे हैं धीरे-धीरे हम लोग खैर बात समझ में आई होगी कि मेजन इफेक्ट का क्या हालचाल है आपको समझ में आना चाहिए कोई चीज छूटे ना चलिए अगले टॉपिक प चलते हैं अब आता है कैरियर्स ऑफ करंट चार्ज कैरियर्स देखिए अलग-अलग तरह के मैटेरियल्स हमारे पास होते हैं जैसे मेटल्स है इन सेमीकंडक्टर्स हैं इलेक्ट्रोलाइट्स है इनके अंदर जो चार्ज कैरियर्स होते हैं वो अलग-अलग होते हैं किनम क्या होता है इसका जिक्र कर लेते हैं फटाफट सॉलिड्स के अंदर बात करें जो मेटलिक कंडक्टर्स होते हैं उनके अंदर फ्री इलेक्ट्रॉन चार्ज कैरियर होते हैं तो सॉलिड्स मेटल के अंदर फ्री इलेक्ट्रॉन इज द चार्ज कैरियर दूसरा लिक्विड्स की बात करेंगे इलेक्ट्रोलाइट तो इलेक्ट्रोलाइट के अंदर आपको पॉजिटिव एंड नेगेटिवली चार्ज आयस ये आपको मिल जाएंगे चार्ज कैरियर उसके बाद अगर हम बात करें गैसेस में तो आयनाइज्ड गैसेस में पॉजिटिव एंड नेगेटिव आयस एंड इलेक्ट्रॉन आर द टोटल चार्ज कैरियर जो गैसेस होती हैं पॉजिटिव आयन नेगेटिव आयन और इलेक्ट्रॉन भी जो होते हैं वो टोटल चार्ज कैरियर का काम कर करते हैं अगली बात इन वैक्यूम ट्यूब्स फ्री इलेक्ट्रोंस एमिटेड बाय द हीटेड कैथोड एस चार्ज कैरियर जो वैक्यूम ट्यूब्स होती हैं उसमें फ्री इलेक्ट्रॉन इज द चार्ज कैरियर क्योंकि चार्ज कैरियर का मतलब है जो चार्ज कैरी करेगा और उसी से डेवलप होगी आपकी करंट तो यह अंदाजा होना चाहिए कि यह जो तीन चार वैरायटी मैंने लिखी है मेटल्स है लिक्विड्स है इलेक्ट्रोलाइट्स है गैसेस हैं वैक्यूम टू इसमें कौन-कौन से चार्ज कैरियर अपना रोल निभा रहे हैं उम्मीद है बात पकड़ते बनी होगी एकदम आगे और बहुत शानदार और एक्सट्रीमली इंपॉर्टेंट टॉपिक आपके सामने आ गया है जिसे बोलते हैं ड्रिफ्ट वेलोसिटी तो हम यह भी समझेंगे कि ड्रिफ्ट वेलोसिटी क्या होती है और इसका डेरिवेशन भी बहुत इंपॉर्टेंट है आइए बिना देर किए इसकी शुरुआत कर लेते हैं कि ड्रिफ्ट वेलोसिटी क्या होती है देखिए ड्रिफ्ट वेलोसिटी होती है एवरेज वेलोसिटी गेंड बाय फ्री इलेक्ट्रॉन ऑफ ए कंडक्टर मतलब जब आप आपको समझाता हूं इस तरीके से कि यह जो गाढ़ी लाइने दिख रही है ना ये थर्मल वेलोसिटी ऑफ इलेक्ट्रॉन है यानी एक कंडक्टर लिया है आपने और उस कंडक्टर में जो इलेक्ट्रॉन है वो शांति से बैठा नहीं रहता रूम टेंपरेचर उसके लिए काफी टेंपरेचर है उस पर उसकी थर्मल वेलोसिटी होती है थर्मल वेलोसिटी समझते हैं ना जो टेंपरेचर या हीट की वजह से है ये इलेक्ट्रॉन देखिए ए से बी ए से इधर गया इधर टक्कर खाया फिर इधर भागा फिर इधर भागा फिर इधर भागा ऐसे इसकी वेलोसिटी होती है जिसे हम बोलते हैं थ वेलोसिटी लेकिन दिक्कत क्या है कि ये जो वेलोसिटीज होती है ये रैंडम वेलोसिटीज होती है एक इलेक्ट्रॉन अगर इधर भाग रहा है तो दूसरा इलेक्ट्रॉन इधर भाग रहा है तीसरा उधर भाग रहा है चौथा नीचे भाग रहा है तो इन इनका नेट निकालते हैं जब नेट वेलोसिटी तो नेट वेलोसिटी जीरो आती है यानी अगर एक कंडक्टर आप लेते हैं उसमें कोई बैटरी नहीं लगाए अभी उस कंडक्टर में जो इलेक्ट्रॉन है वो चल तो रहे हैं लेकिन उसका नेट इफेक्ट जीरो है इसलिए उस समय कोई भी करंट फ्लो नहीं होती तो नेट वेलोस थर्मल वेलोसिटी का जो एवरेज होता है वह एवरेज कितना होता है शून्य क्योंकि वोह डायरेक्शन रैंडम होती है यह भी बात और यह रैंडम वेलोसिटी ना बहुत ज्यादा होती है आपको यह 10 की पा 5 मीटर पर सेकंड आपको बताने के लिए यहां पर देखिए मैंने कुछ चीजें लिखी हैं ये इलेक्ट्रॉन की जो वेलोसिटी है थर्मल एनर्जी की वजह से व 10 की पावर 5 मीटर पर सेकंड करीब-करीब आप देखें तो 100 किमी 1 सेकंड एक सेकंड में 100 किलोमीटर जाता है इतनी तेज लेकिन भ भ बहुत सारी टक्कर होती है उसमें ठीक लेकिन अब क्या होता है कि जब उसी कंडक्टर पर आप इलेक्ट्रिक फील्ड लगा देते हो उसी कंडक्टर पर य अगर बनाए यह जैसे कंडक्टर ले लिया आपने इसी कंडक्टर पर आपने क्या किया एक बैटरी लगा दी भैया कि चलो हम तो इलेक्ट्रिक फील्ड लगा रहे यह इलेक्ट्रिक फील्ड लगा दी तो अब ये जो इलेक्ट्रॉन बड़बड़ा के एट रैंडम चक्कर लगा रहा था ये इलेक्ट्रॉन इसके पर इलेक्ट्रिक फील्ड लगे होने की वजह से फोर्स लगता है इलेक्ट्रिक फील्ड की अपोजिट डायरेक्शन में फोर्स लगता है आप जानते हैं कि इलेक्ट्रिक फील्ड में अगर नेगेटिव चार्ज रखा है तो अपोजिट डायरेक्शन में फोर्स खाता है तो फोर्स खाने की वजह से इलेक्ट्रिक फील्ड इधर है तो ये अब ये डॉटेड लाइन क्या है आफ्टर इलेक्ट्रिक फील्ड उसकी चाल दिखा रहे हैं पहले यहां से यहां पहुंचा था अब ये इलेक्ट्रिक फील्ड लगा तो देखिए यहां पहुंचा और टक्कर खाया ये थोड़ा सा खिसक रहा है इधर यह पहले यहां थोड़ा आगे बढ़ा फिर देखिए यहां तक पहुंचा था अब इलेक्ट्रिक फील्ड पहुंचा तो ये यहां पहुंच गया इलेक्ट्रिक फील्ड के अपोजिट डायरेक्शन में खिसक रहा है इंग्लिश खिसकने को क्या बोलते हो ड्रिफ्ट करना ड्रिफ्टिंग हो रही इलेक्ट्रॉन की फिर इलेक्ट्रॉन यहां पहुंचा था फिर अगली चक्कर यहां मारी फिर टक्क मारी तो ये बी पहुंच रहा था विदाउट इलेक्ट्रिक फील्ड विथ इलेक्ट्रिक फील्ड कहां पहुंचा बी ड तो इतना इसने क्या किया खिसक गया ड्रिफ्ट कर गया इसी की एव एज इसी ड्रिफ्टिंग की एवरेज वेलोसिटी जब हम निकालते हैं तो उसे बोलते हैं ड्रिफ्ट वेलोसिटी बात समझ में आ ये डि वेलोसिटी कितनी होती है बहुत ही कम 1 मिलीमीटर पर सेकंड या पव मिलीमीटर पर सेकंड के ऑर्डर का मामला होता है ये देखिए बहुत ही कम ड्रिफ्ट वेलोसिटी क्या है 1 मिलीमीटर पर सेकंड इट इ सो लेस एक मिलीमीटर पर सेकंड का ऑर्डर होता है और लक्सेशन टाइम का कांसेप्ट अभी हम बताने वाले हैं तो जो आपकी ड्रिफ्ट वेलोसिटी होती है वो एवरेज वेलोसिटी होती है ध्यान रखिएगा एवरेज वेलोसिटी गेड बाय द फ्री इलेक्ट्रोंस ऑफ द कंडक्टर इन दी अपोजिट डायरेक्शन ऑफ दी एक्सटर्नली अप्लाइड इलेक्ट्रिक फील्ड इलेक्ट्रिक फील्ड इस डायरेक्शन में है तो ड्रिफ्ट आपको इस डायरेक्शन में मिली अपोजिट तो एवरेज वेलोसिटी हो गया मामला कंप्लीट ठीक है अब क्या होता है इस फार्मूले में देखिए डिफ्ट वेलोसिटी ऑफ इलेक्ट्रॉन लिखा हुआ है तो v इ माइल e टा m तो ये टऊ क्या चीज है टऊ होता है रिलैक्सेशन टाइम रिलैक्सेशन टाइम का मतलब दो लगातार होने वाली टक्कर के बीच में एवरेज टाइम जो लगता है टू सक्सेसिव कोलिजन के बीच में जो समय मिलता है इसको जैसे मान लीजिए एग्जांपल के लिए मैं इसको टऊ वन कह रहा हूं यहां से यहां टक्कर लग रही थी तो टऊ वन इसी तरह इसका टऊ वन किसी का टा टू किसी का टऊ थ्री सबका एवरेज ले लोगे तो टऊ आ जाएगा तो व्हाट इज टऊ टा हा इज द टाइम बिटवीन टू सक्सेसिव कोलीज संस तो दो सक्सेसिव कोलिजन के बीच में जो टाइम मिलता है इलेक्ट्रॉन को रिलैक्स करने का क्योंकि इन दोनों के बीच में तो टक्कर नहीं हुई तो इलेक्ट्रॉन महाशय रिलैक्स थे उसको हम बोलते हैं रिलैक्सेशन टाइम ये यहां पर देखिए अ लिख भी दिया है रिलैक्सेशन टाइम क्या है द एवरेज टाइम दैट लैप्स बिटवीन टू सक्सेसिव कोलिजन ऑफ एन इलेक्ट्रॉन इज कॉल्ड रिलैक्सेशन टाइम इट इज डिनोटेड बाय टा ध्यान रखिएगा यह टा वन टाटू हर इलेक्ट्रॉन की टक्कर कब हो रही है यह किसी को नहीं मालूम कोई जल्दी टकरा जाएगा कोई देर में टकराएगा कोई बहुत जल्दी टकराएगा तो इन सबका टा वन टा टू टा थ्री का एवरेज ले लेते हैं तो वो रिलैक्सेशन टाइम बन जाता है मेरे ख्याल से काफी मैंने इस पे आपको बताने की कोशिश की जिससे ड्रिफ्ट वेलोसिटी आप समझ सके अब इसके डेरिवेशन की तरफ चलते हैं बेटा हम लोग और डेरिवेशन में स्टार्ट करने से पहले थोड़ी इसके अंदर का मामला समझाते हैं आपको देखिए ये जो इलेक्ट्रॉन था यहां पर उसकी थर्मल वेलोसिटी u1 थी जब आप इलेक्ट्रिक फील्ड लगा देते हैं ध्यान दीजिएगा इलेक्ट्रिक फील्ड आपने मान लीजिए इधर लगाया तो ये इलेक्ट्रॉन पर इलेक्ट्रिक फील्ड के अपोजिट डायरेक्शन में फोर्स लगता है तो ये इलेक्ट्रॉन एक्सीटे मोशन में चला जाता है भाई फोर्स लगेगा तो एक्सीलरेशन होगा लेकिन दूसरी टक्कर जैसे ही जिस आयन से टकराएगा उस समय तक इसकी वेलोसिटी हो जाती है v1 ड्यू टू एक्सीलरेशन बढ़ जाती है u1 से v1 और यहां टकराकर फिर वो नई वेलोसिटी से इनिशिएटिव वेलोसिटी होती है फिर से समझ लीजिए u1 तो बहुत इंपॉर्टेंट बात बता रहे हैं इन दो इन लगातार टक्कर के बीच में एक्सटेट मोशन है इस टक्कर इस टक्कर के बीच में इलेक्ट्रॉन कैसा मोशन करेगा एक्सीलरेटेड दो टक्कर के बीच में दो लगातार होने वाली टक्कर के बीच का जो मोशन है वो एक्सटेट मोशन है इलेक्ट्रॉन का लेकिन ओवरऑल ओवर ऑफ वेलोसिटी जब निकालते हैं इलेक्ट्रॉन की तो एवरेज वेलोसिटी जो व गेन करता है उसे हम बोलते हैं ड्रिफ्ट वेलोसिटी वो एक्सीलरेटेड वेलोसिटी नहीं होती ड्रिफ्ट वेलोसिटी क्या होती है एवरेज वेलोसिटी एक्सीलरेशन नहीं होता उसमें ओवरऑल ओवरऑल का मतलब टोटल जब यहां से चलके वहां तक पहुंचेगा क्योंकि हर बार टक्कर खाके उस ड्रिफ्ट वेलोसिटी को छोड़ देता है फिर चलता टक्कर खाके छोड़ दिया फिर चला टक्कर काके छोड़ दिया तो टोटल हिसाब किताब क्या आता है वेलोसिटी वो एक्सीलरेटेड मोशन नहीं होता जबकि दो टक्कर के बीच में जो मोशन हो रहा है वो एक्सीलरेटेड मोशन है ए आपको दिखाई पड़ रहा है ये फर्क समझना जरूरी है अच्छी कांसेप्ट क्लेरिटी के लिए चलिए इसका डेरिवेशन करते हैं आगे बढ़ते हैं हम लोग तो यहां पर लिख दिया है इफ u1 u2 य n हमने पकड़ लिए हैं इलेक्ट्रॉन और उनकी ये थर्मल वेलोसिटीज हैं u1 u2 u3 u4 इसी तरह ये थर्मल वेलोसिटीज का एवरेज ले लो देन एवरेज वेलोसिटी ऑफ इलेक्ट्रॉन इन सबका एवरेज लेंगे तो u1 + u2 प् u3 करके डिवाइडेड बाय n कर देंगे ये एवरेज है य तो आपको पता था क्योंकि ये रैंडम मोशन करते हैं कोई लेफ्ट जाता है तो कोई राइट जाता है कोई अप जाता है तो कोई डाउन जाता है तो सब एक दूसरे की वेलोसिटी को खत्म कर देते हैं तो नेट वेलोसिटी कितनी हो जाएगी रो तो नेट थर्मल वेलोसिटी या एवरेज थर्मल वेलोसिटी विल बी रो आप ये बात समझ गए यहां पर अब अगली चीज हम लोग शुरू करते हैं दस देयर इज नो नेट फ्लो ऑफ चार्ज इन एनी डायरेक्शन इससे क्या चीज साबित हुई कि कोई नेट फ्लो ऑफ चार्ज किसी पर्टिकुलर डायरेक्शन में नहीं होता इसलिए इसमें इस समय कोई करंट नहीं फ्लो हो रही होती है अब क्या किया आपने अब आपने एक इलेक्ट्रिक फील्ड लगा दिया इलेक्ट्रिक फील्ड कैसे लगाया बैटरी लगा दी सपोज करिए तो उस समय क्या होगा नाउ इन दी प्रेजेंस ऑफ एन एक्सटर्नल इलेक्ट्रिक फील्ड e जब एक्सटर्नल इलेक्ट्रिक फील्ड e लगा देते हैं तो इन इलेक्ट्रॉनों पर इलेक्ट्रिक फील्ड की विपरीत दिशा में फोर्स लगने लगता है नाउ इलेक्ट्रॉन विल एक्सपीरियंस ए फोर्स इन अपोजिट डायरेक्शन बात समझ में आती है इलेक्ट्रॉन पे जो फोर्स लग रहा है वो इलेक्ट्रिक फील्ड की विपरीत दिशा में लग रहा है और कितना लग रहा है f = qe2 - e * e f = qe2 इलेक्ट्रॉन हैविंग रैंडम वेलोसिटी u1 एक्सेलेरेट्स फॉर टाइम टा व बिफोर इट सफर्स नेक्स्ट कोलिजन यहां पर u1 था अगली टक्कर से पहले इसने समय लिया टा वन और एक्सीलरेटेड मोशन ए लगा यह वेलोसिटी u1 से v1 हो गई यही बात यहां पर थ्योरी में लिखी जैसे आप घबराए ना फिर से पढ़ के दिखा रहा हूं इफ एन इलेक्ट्रॉन हैविंग रैंडम वेलोसिटी u1 u1 वेलोसिटी यहां पर है एक्सलरेट फॉर टाइम ट वन इतने टाइम के लिए टा वन के लिए वो एक्सीलरेट होता है बिफोर इट सफर्स नेक्स्ट कोलिजन वो टाइम क्या है रिलैक्सेशन टाइम दो टक्कर के बीच के लगने वाला समय देन इट विल अटन ए वेलोसिटी v1 तो यहां पर य वेलोसिटी एक्सीलरेटेड मोशन में v1 इसने टेन कर ली अब ये वेलोसिटी कितनी हो जाएगी तो साहब आप v1 = u u + ए लगा दीजिए जो फार्मूला हम लोग क्योंकि ये एक्सीलरेशन या कांस्टेंट है इसलिए काइनेटिक वाला फार्मूला लग गया v1 = u1 इशल वेलोसिटी a * टाव एक दो सक्सेसिव क्लोजन के बीच का इसी तरह अदर्स के लिए कोई दूसरा इलेक्ट्रॉन होगा तो v2 = टू भाई सारी वेलोसिटीज अलग-अलग हो सकती हैं उसकी u2 थी और टाइम पीरियड रिलैक्सेशन टाइम ट था तो v2 = u2 + a2 अब कंटिन्यूड यानी अगली स्लाइड में हम जाएंगे इसी वेलोसिटीज को हम एक साथ लिखेंगे ये समझ में आई बात ना यहां से यहां तक एक्सीलरेशन मिला u1 से v1 आया टा व टाइम लगाते हुए इस इक्वेशन को लिख लिया चलिए इसको आप नोट कर सकते हैं पॉज करके बेटा अगली स्लाइड जब आएगी तो पीछे नहीं करना पड़ेगा खैर आप नोट कर पाए होंगे अगला कदम चलते हैं हम लोग यहां पर देखिए v ये वही फॉर्मूले सारे इक्वेशंस लिख ली v1 = u1 + a1 v2 = u2 + a2 और इसी तरीके से n इलेक्ट्रॉन थे तो एवरेज वेलोसिटी वडी ऑफ ऑल एन इलेक्ट्रॉन विल बी यह कितनी हो जाएगी सब v1 v2 v3 v ए को जोड़ दीजिए और n से डिवाइड कर दीजिए दिस इज द एवरेज वेलोसिटी और यही एवरेज वेलोसिटी हमारी ड्रिफ्ट वेलोसिटी कहलाती है अब देखिए यहां पर वडी लिखा v1 की जगह हमने पुट कर दिया u1 प् ए1 इसी v2 की जगह हमने पुट कर दिया u2 प् ए2 यहां से इसी तरह सबकी वैल्यू रखते गए लास्ट वाले के लिए v1 की जगह पुट कर कर दिया un8 n / n अब यहां पर हम क्या करेंगे u1 u2 ट ए तक अपॉन n यह भी बात आपकी समझ में आ गई अब पहली इक्वेशन में हम ये जान चुके थे कि यह क्या है थर्मल वेलोसिटीज का एवरेज ये तो जीरो आ चुका था आपने थर्मल वेलोसिटीज का एवरेज निकाला था तो वो एवरेज वेलोसिटी क्या आई थी जीरो तो दिस इज जीरो फ्रॉम इक्वेशन वन पीछे जो थी और ये क्या था एवरेज रिलैक्सेशन टाइम एक इलेक्ट्रॉन का टा वन है दूसरे का टा टू है तीसरे का टाथ है सबको जोड़ जाड़ के एवरेज ले लीजिए तो रिलैक्सेशन टाइम क्या हो गया एवरेज रिलैक्सेशन टाइम और एवरेज रिलैक्सेशन टाइम का मतलब मैंने बताया था दो सक्सेसिव कोलीज संस दो लगातार होने वाली टक्कर के बीच में जो समय मिलता है या लगता है उसे हम रिलैक्सेशन टाइम कहते हैं अब यहां पर यह वैल्यू हो गई ऊ इज द रिलैक्सेशन टाइम तो वडी की वैल्यू हो गई a * टा अब यह जो a था एक्सीलरेशन जो पीछे निकाला था हम लोगों ने वो एक्सीलरेशन की वैल्यू य यहां पर पुट कर देते हैं a की जगह - e अप m तो vd0 - e / m ये ड्रिफ्ट वेलोसिटी का हमारा फार्मूला बेटा निकल आया बट नोट कर लीजिए तो वडी इज एन एवरेज ध्यान रखना है कि ये एवरेज वेलोसिटी होती है ओवरऑल नॉट एन एक्सीलरेटेड वेलोसिटी ओवरऑल एक्सीलरेटेड वेलोसिटी ओवरऑल ये नहीं होती ये क्या होती है बेटा एवरेज वेलोसिटी एक्सीलरेटेड केवल दो कोलिजन के बीच होता ओवरऑल नहीं होती इसको भी आप नोट कर लीजिए अच्छे से तो मेरे ख्याल से आप यह नोट कर पाए होंगे इसको नोट कर लीजिए जिससे अगली चीज हम आगे लेके बढ़े नोट कर लिए होंगे आप चलते हैं एक कदम और आगे डिफ्ट वेलोसिटी की बात हम लोग सीख चुके हैं क्या होता और क्या इसका डेरिवेशन है अब एक और बड़ी इंपॉर्टेंट आपसे रिलेशन पूछा जाता है i = ए एडी इसका डेरिवेशन भी आता है और इस पे न्यूमेरिकल भी आते हैं उससे फार्मूला भी पूछा जाता है यह रिलेशनशिप किसका है करंट और डिफ्ट वेलोसिटी के बीच का रिलेशन बिटवीन इलेक्ट्रिक करंट एंड ड्रिफ्ट वेलोसिटी आइए इसको डेरिवेशन से सीख भी लेते हैं और यहां पर j के फॉर्म में लिखेंगे तो i अप a ज होता है ये देखिए लिखा है ना तो ये i अप ए लिख दीजिए इस a को नीचे ले आइए एडी और इसको j लिख सकते हैं j = ए वडी अब ये वडी और ज के बीच में जो इनका डायरेक्शनल अप्रोच है वो लगा सकते हैं अब ज = एडी इस तरीके से फार्मूला बन गया इसका डेरिवेशन हम लोग कर लेते हैं कि करंट में और वडी में कैसा कैसे यह फार्मूला आया है आइए डेरिवेशन करते हैं तो ये डेरिवेशन है i = एडी का यहां पर क्या किया एक हमने कंडक्टर ले लिया उससे एक सेल लगा रखा है v वोल्ट का सेल है एल इसका लंबाई है क्रॉस सेक्शन एरिया ए है और इलेक्ट्रिक फील्ड जिस पर लग रहा है वो e है यही बात यहां पर लिख दिया था लेट पोटेंशियल डिफरेंस लाइट अक्रॉस ए कंडक्टर ऑफ लेंथ एल एंड क्रॉस सेक्शन एरिया ए बढ़िया ई सेट अप इनसाइड द कंडक्टर इलेक्ट्रिक फील्ड अंदर सेट अप हो जाएगा e = v बा ए ये इलेक्ट्रिक फील्ड और पोटेंशियल डिफरेंस के बीच का फार्मूला हम जानते ही हैं अब देखिए इलेक्ट्रॉन विल मूव अपोजिट टू e विद डि वेलोसिटी यहां जो इलेक्ट्रॉन है वो उसकी डि वेलोसिटी क्या डि वेलोसिटी से वो आगे बढ़ेगा इलेक्ट्रॉन ट वेलोसिटी काफी कम होती है तो आगे बढ़ता है इलेक्ट्रॉन अब उस की अपेक्षा में लेट नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन पर यूनिट वॉल्यूम n है मान लीजिए इस कंडक्टर के अंदर पर यूनिट वॉल्यूम नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन कितने हैं n इसको इलेक्ट्रॉन डेंसिटी भी कहते हैं एक यूनिट वॉल्यूम में कितने इलेक्ट्रॉन हैं दूसरा नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन इन लेंथ l अब इस l में कितने इलेक्ट्रॉन हो जाएंगे तो एक वॉल्यूम में थे n तो इसका वॉल्यूम कितना हो गया a * l तो a * l में कितने हो जाएंगे n * इतने इलेक्ट्रॉन इस कंडक्टर में है जो कि एल लेंथ का है टोटल चार्ज इन लेंथ एल ऑफ द कंडक्टर भाई एक इलेक्ट्रॉन पर चार्ज होता है e इतने इलेक्ट्रॉन है तो e से मल्टीप्लाई कर दीजिए यह टोटल चार्ज हो गया न ए किसके अंदर इस कंडक्टर के अंदर अब देखिए ऑल द इलेक्ट्रॉन एंटर्स एट द राइट एंड विल पास थ्रू द लेफ्ट हैंड यहां से जितने अंदर जाएंगे वही उतने इलेक्ट्रॉन यहां से बाहर निकलेंगे क्योंकि इसके अंदर वो इलेक्ट्रॉन जो घुसे यहां पे वह धीरे-धीरे बढ़ के यहां से बाहर जाएंगे क्योंकि अंदर कहीं गो डाउन तो है नहीं रिजर्वायर तो है नहीं कि वहां इकट्ठा हो सके इलेक्ट्रॉन तो जितने इलेक्ट्रॉन राइट हैंड से घुसे धीरे-धीरे कुछ समय में वो लेफ्ट हैंड से निकल जाएंगे वो समय जो लग रहा है वो टाइम टी ले लीजिए इतने समय में वो इलेक्ट्रॉन यहां जितने घुस र थे t टाइम बाद यहां पर बाहर निकले t टाइम में वो t टाइम कितना होगा डिस्टेंस अपॉन वेलोसिटी क्योंकि ड्रिफ्ट वेलोसिटी की एवरेज वेलोसिटी है तो स्पीड इक्वल टू डिस्टेंस अपॉन टाइम का फार्मूला लगा सकते हो तो टाइम इक्वल टू डिस्टेंस अपॉन वेलोसिटी यानी l अप v यह आपको मिल गया टाइम कि वह जो चार्ज थे इलेक्ट्रॉन थे व घुसे और t टाइम बाद यहां से निकले हुए हैं अब देखिए करंट आ क्या होती है q बाटी q है ऊपर से ये इतना चार्ज e ए और टाइम कितना l / v d ए ए कैंसिल हो गया vd0 एडी बड़ा इंपॉर्टेंट फार्मूला है करंट और ड्रिफ्ट वेलोसिटी के बीच का रिलेशन दिखाता मैं हटता हूं इसको आप स्क्रीनशॉट ले लीजिए या पॉज करके नोट कर लीजिए बेटा उम्मीद है इसको अच्छे से आप नोट कर पाए होंगे इसका पीडीएफ अगर आपको चाहिए तो मैंने ऑलरेडी इस वीडियो के शुरू में बताया है कि इसका पीडीएफ आप कैसे डाउनलोड कर सकते हैं देख लीजिए एक मिनट लगाकर और वैसे डाउनलोड कर लीजिए खैर आगे की बात लेके चलते हैं अब डिडक्शन ऑफ ओम्स लॉ फ्रॉम ड्रिफ्ट वेलोसिटी की बात करते हैं देखिए ओम्स लॉ का डिडक्शन क्या था कि v अप आ एक कांस्टेंट वैल्यू होगी और इसी कांस्टेंट वैल्यू को ओम्स बताते थे ओम्स लॉ के अनुसार रेजिस्टेंस होता है जो कि m ए अप ए स्क्वा टा ए ये हम प्रूफ करेंगे तो हम पहले यह प्रूफ करेंगे कि v / i कांस्टेंट होता ऑन द बेसिस ऑफ ड्रिफ्ट वेलोसिटी तो ओम्स लॉ प्रूफ हो जाएगा फिर कंपेयर करके r की वैल्यू इतनी निकाल देंगे जो कि हमको फॉर्मूले के तौर पे याद भी रखना है तो डिडक्शन ऑफ ओम्स लॉ फ्रॉम ड्रिफ्ट वेलोसिटी ये बात समझने की है आइए देखते हैं इसको भी तो डेरिवेशन हो गया डिडक्शन ऑफ ओम्स लॉ फ्रॉम ड्रिफ्ट वेलोसिटी अब यहां पर जैसा कि फोटो मैंने पहले बनाया था कंडक्टर है एक बैटरी v लगा रखी है इलेक्ट्रिक फील्ड लग गया लेंथ l क्रॉस सेक्शन एरिया यह बात आप पहचान रहे हैं ड्रिफ्ट वेलोसिटी कितनी थी बेटा e केवल मैग्निटिया अब देखिए आगे वी आल्सो नो दैट i = एडी ये फार्मूला भी हमने पढ़ रखा है i = एडी पुट वैल्यूज ऑफ वडी फ्रॉम वन यहां से जो वडी की वैल्यू आई है ये इस वडी की वैल्यू यहां पर पुट कर दीजिए इसमें तो ये देखिए क्या बन जाएगा i = ए और इस वडी की जगह ये वैल्यू टा एए टा एए पुट कर दी हमें तो आ और वडी में रिलेशन चाहिए था वडी से ओम्स लॉ प्रूफ करना था हमें v और i का रेशियो चाहिए तो देखिए v भी यहां पर है i भी इसका रेशो ले लेते हैं अब यहां पर i की वैल्यू क्या आ गई मल्टीप्लाई करके लिख लिया है n स् एटा m ए अप m ए अब यहां पर v ये v है ये i है तो v अप i कर लो तो ये चला जाएगा m ए ए स्टा * a अब देखिए ये क्या कांस्टेंट है तो आंसर है यह कांस्टेंट है फॉर ए गिवन सैंपल क्योंकि यह मास ऑफ चार्ज कैरियर यानी मास ऑफ इलेक्ट्रॉन है जो बदलेगा नहीं लेंथ ऑफ कंडक्टर फिजिकल कंडीशन अगर आप सेम रखते हो टेंपरेचर वगैरह नहीं बढ़ता तो लेंथ नहीं बढ़े घटेगी वो भी कांस्टेंट हो गई वॉल्यूमेट्री इलेक्ट्रॉन डेंसिटी पर यूनिट वॉल्यूम कितना इलेक्ट्रॉन है नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन वो भी फिक्स है n इलेक्ट्रॉन पे चार्ज फिक्स है रिलैक्सेशन टाइम भी नहीं बदलता अगर टेंपरेचर नहीं बदल रहे हो तो और क्रॉस सेक्शन एरिया भी कांस्टेंट है तो ये सारी चीजें क्या हो गई बेटा कांस्टेंट हो गई ये क्या चीज हो गई कांस्टेंट और यही तो ओम्स लॉ बताता है कि v अप i कांस्टेंट होना चाहिए तो एट ए फिक्स्ड टेंपरेचर द क्वांटिटीज m एल एई टऊ एंड ए ऑल हैव कांस्टेंट वैल्यूज फॉर ए गिवन कंडक्टर इसलिए हमारा क्या हो गया v / i = कांस्टेंट और यही तो r के बराबर होता था ओम्स आप बताए थे तो ये हमारा ओम्स लॉ प्रूफ हो गया अब यहां पर हम क्या करेंगे दिस प्रूव्स ओम्स लॉ अब यहां पर हम कंपेयर कर देंगे r को इससे तो ये देखिए v अप आ कांस्टेंट v अप आ = r ये r हमारा इसके बराबर हो गया ये फार्मूला हो गया r = m ए अप ए स् टा * a ये फार्मूला हमको याद कर लेना है जगह-जगह इस्तेमाल होगा बढ़िया तो ये रेजिस्टेंस का फार्मूला भी निकल आया और यह मैंने क्या डिराइवर किया है ड्रिफ्ट वेलोसिटी से ओम्स लॉ का प्रूफ हर चीज मैं करा रहा हूं आप इसको नोट डाउन कर लीजिए मैं हटता हूं जिससे कोई भी चीज कम ना रह जाए मेरे ख्याल से आप इसको नोट कर पाए होंगे पॉज करके और रेजिस्टेंस का फार्मूला भी चलते हैं एक कदम आगे अब रेजिस्टिविटीज सेंस निकाला था रो निकालते हैं तो रो के लिए हम जानते हैं r = m ए अप n स् टा * a होता है अभी देखा और रो का एक फार्मूला हमको और पता है r = रो ए / a इन दोनों को कंपेयर कर दीजिए तो देखिए l और ए तो कट जाएगा केवल m ए स् बचेगा तो यहां पर रो की वैल्यू क्या हो गई m ए स् * टा ये रेजिस्टिविटीज होना चाहिए m ए स् * टा जैसे फार्मूला या कोई चीज आए तो काम बन जाए आपका और यहां से आप देख सकते हैं कि यह रो किस पे डिपेंड कर रहा है एक तो ये डिपेंड कर रहा है इलेक्ट्रॉन डेंसिटी पर नंबर ऑफ इलेक्ट्रोंस पर यूनिट वॉल्यूम पर कंडक्टर बदलने पर अलग-अलग तरह के कंडक्टर में इलेक्ट्रॉन डेंसिटी अलग-अलग होती है तो यह नेचर ऑफ मटेरियल या नेचर ऑफ कंडक्टर पर डिपेंड कर गया दूसरी बात हम बोलते थे टेंपरेचर तो जब टेंपरेचर बताओगे तो मेटल में रिलैक्सेशन टाइम घट जाता है जैसे ही आप टेंपरेचर राइज करते हो टऊ विल बी जल्दी जल्दी टक्कर होगी क्योंकि वो स्पीड बढ़ेगी उसकी तो जल्दी टकराने पे टऊ कम हो जाएगा जब टऊ घटेगा तो रो बढ़ जाएगा तो यह किस पे टेंपरेचर पे भी डिपेंड कर रहा है जो इंटर लिंक है रिलैक्सेशन टाइम से तो यह बात भी आपकी समझ में आ गई कि हां भाई रो जो होता था जो बात हम पहले कहते थे कि नेचर ऑफ कंडक्टर पर डिपेंड करता है और रिलैक्सेशन टाइम पर व बात यहां पर सिद्ध हो रही है बढ़िया मस्त एकदम लॉजिकल बात चल रही है तो इसको भी आप नोट कर सकते हैं रेजिस्टविटी वाली बात चलिए एक कदम और आगे बढ़ाते हैं यह एक न्यूमेरिकल सा आ गया इसको कर लेते हैं बहुत आराम से हो जाएगा लिखा है कॉपर वायर हैज ए रेजिस्टेंस ऑफ 10 ओम एंड एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन इज 1 मिलीमीटर स्क्वायर ए पोटेंशियल डिफरेंस ऑफ 10 वोल्ट एसिस्ट अक्रॉस द वायर v दे रखा है r दे रखा है a दे रखा है पूछ क्या रहे हैं कैलकुलेट द ड्रिफ्ट स्पीड ऑफ इलेक्ट्रॉन इफ द नंबर ऑफ इलेक्ट्रॉन पर क्यूबिक मीटर इज दिस वन n ब दे रखा है आइए देखते हैं हमें निकालना है वडी तो ये एक रिलेशन हमें मालूम है i = डी ये फार्मूला हमको पता है यहां पर देखिए क्याक पता है इलेक्ट्रॉन पता है n पता है एरिया क्रॉस सेक्शन पता है वडी निकालना आ नहीं पता है अगर हमें आ पता चल जाए तो वडी निकाल लेंगे बाकी ये सारी चीजें गिवन है e पता रहता है इलेक्ट्रॉन प कितना चार्ज है इलेक्ट्रॉन डेंसिटी ये देखो दे रखा है एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन ये देखो दे रखा है आई नहीं दे रखा है लेकिन आ के लिए v और आ दे रखा है देखिए v दे रखा है और r दे रखा है तो आप जानते हैं ओम्स लॉ से ये रिलेशन बनता है तो i की जगह v अप r लिख के काम सेट कर लेंगे इतने बुद्धिमान तो आप भी हैं और हम भी हैं तो कुछ नहीं करना वी आल्सो नो दैट v = आ तो i = v बा r यहां पर आ निकालने के लिए v बा r का इस्तेमाल कर लीजिए पुट दिस वैल्यू इन द इक्वेशन नंबर वन तो ये वैल्यू देखिए आ की क्या बन गई v अप r = e एडी देख रहे हैं आप तोडी की वैल्यू क्या हो गई v अप यह नीचे आ जाएंगी अब इसमें कुछ नहीं करना वैल्यूज पुट कर दीजिए v की जगह 10 वोल्ट इलेक्ट्रॉन प चार्ज था 1.6 * 10 की पावर -1 n है वॉल्यूम मेट्रिक चार्ज डेंसिटी ये एरिया ऑफ क्रॉस सेक्शन 1 मिलीमीटर स्क्वायर था तो 10 की पावर माइ 6 हो गया रेजिस्टेंस 10 ओम ये 10 ओम हो गया अब इसको मल्टीप्लाई और सॉल्व कर डालिए सॉल्व करेंगे तो ये वैल्यू आ जाएगी 0.07 * 10 की पावर -3 मीटर पर सेकंड इसको काफी छोटी वैल्यू है मिलीमीटर में लिख दीजिए तो 0.07 मिलीमीटर पर सेकंड ये देखिए डि वेलोसिटी काफी कम है और आपके सामने हाजिर है इस तरीके से आप इसको नोट कर सकते हैं सवाल खत्म हो गया ये बोर्ड में आ भी चुका है तो ये देखिए कितना सरल है बस एक थोड़ा सा सीधे फॉर्मूले वाले भी सवाल आते हैं आई डायरेक्ट ना देके थोड़ा घुमा दिया था आपको जो आप कर लेंगे तो इस न्यूमेरिकल को आप नोट कर लीजिए जैसे आपके दिमाग तक या बुद्धि तक ये बात पहुंच जाए चलिए एक कदम आगे बढ़ाते हैं हम लोग और चालू रहते हैं अब मोबिलिटी ऑफ चार्ज कैरियर्स इन रिलेशन विद करंट अब मोबिलिटी क्या चीज होती है बेटा तो मोबिलिटी क्या होती है आइए देख लेते हैं मोबिलिटी का को म से दिखाते हैं इसका मतलब होता है पर यूनिट इलेक्ट्रिक फील्ड यानी इलेक्ट्रिक फील्ड का एक यूनिट लगाओ भाई इलेक्ट्रिक फील्ड बड़ी ज्यादा v अप l होता है वोल्ट पर मीटर लिख दो तो वोल्ट पर मीटर अगर लगा रहे हो तो 1 वोल्ट पर मीटर आपने इलेक्ट्रिक फील्ड लगाई उस समय जो ड्रिफ्ट वेलोसिटी आपको मिलती है वही उसकी मोबिलिटी कहलाती है फिर से एक बार एक यूनिट इलेक्ट्रिक फील्ड लगाने पर जो उसकी ड्रिफ्ट वेलोसिटी मिलेगी वही उसकी मोबिलिटी कहलाए गी इसे आप याद कर लीजिए जिससे हम जान सकते हैं कौन सा चार्ज कितना मोबिलिटी रखता है कितनी तेजी से आगे बढ़ सकता है ये समझने वाली बात है द मोबिलिटी ऑफ ए चार्ज कैरियर क्योंकि चार्ज कैरियर तरह-तरह के होते हैं केवल इलेक्ट्रॉन ही थोड़े होता है आप पढ़ेंगे सेमीकंडक्टर में 14वें चैप्टर में होल्स भी होते हैं तो यह सारी बातें मतलब तरह-तरह के चार्ज कैरियर के लिए तो द मोबिलिटी ऑफ ए चार्ज कैरियर इज द ड्रिफ्ट वेलोसिटी एक्वायर्ड बाय इट इन ए यूनिट इलेक्ट्रिक फील्ड e की वैल्यू वन कर दो उस समय जो वडी होगा वह म के बराबर होगा वो मोबिलिटी के बराबर हो जाएगा और एसआई यूनिट ऑफ मोबिलिटी क्या मीटर स्क्वायर वोल्ट पर वोल्ट -1 सेकंड -1 और यहां से फार्मूला i = n v को म * e पुट कर दीजिए तो ये रिलेशन बन जाता है i = n a म ये भी कहीं-कहीं इस्तेमाल होता है जो आप आसानी से टैकल कर स सकते हैं तो मोबिलिटी ऑफ चार्ज कैरियर आप समझ गए पर यूनिट इलेक्ट्रिक फील्ड के लिए कितना ड्रिफ्ट वेलोसिटी है वही उसकी मोबिलिटी कहलाती है बहुत सरल सी बात है कुछ खास बात नहीं है खैर ये भी आप समझ गए अब आगे बढ़ते हैं अब टेंपरेचर डिपेंडेंस ऑफ रेजिस्टविटी यह जो पार्ट हम करने वाले हैं यह भी आजकल बहुत पूछा जाता है यानी क्या कि जो रो होता है टेंपरेचर बढ़ाने पर उसके हालचाल क्या होते हैं आइए समझ लेते हैं य रो की वैल्यू है m / ए स्क्वा * टा इसको पकड़ के रखिए अब मेटल्स के केस में क्या होता है मैं आपको बता चुका हूं मेटल के केस में होते हैं फ्री इलेक्ट्रॉन चार्ज कैरियर तो जब उसमें टेंपरेचर बढ़ाते हैं तो उन इलेक्ट्रॉनों की स्पीड बढ़ जाती है तो जल्दी टकरा जाते हैं तो जल्दी टकरा जाएंगे तो रिलैक्सेशन टाइम हो जाएगा कम जब रिलैक्सेशन टाइम कम हो जाएगा तो रेजिस्टिविटीज गी बढ़ यानी टेंपरेचर बढ़ने पर रेजिस्टिविटीज है इन केस ऑफ मेटल्स इन मेटल्स रो इंक्रीजस विद टेंपरेचर बात समझ में आपकी आई होगी मेटल्स में टेंपरेचर बढ़ाने पे रेजिस्टिविटीज हैं जैसे कि सेमीकंडक्टर तो सेमीकंडक्टर में क्या होता है टेंपरेचर बढ़ाने पर इसकी रेजिस्टिविटीज जाती है क्योंकि इसमें नंबर ऑफ चार्ज कैरियर कम होते हैं तो जब आप टेंपरेचर बढ़ाते हैं तो रिलैक्सेशन टाइम पर ज्यादा इंपैक्ट नहीं पड़ता नंबर ऑफ चा कैरियर बहुत बढ़ जाते हैं यहां पर उल्टा खेल होता है सेमीकंडक्टर में सेमीकंडक्टर में क्या होता है कि जो नंबर ऑफ चार्ज कैरियर्स है ए पर यूनिट वॉल्यूम यह कम होते हैं तो जब आप टेंपरेचर बढ़ाते हो तो टऊ पर कुछ तगड़ा इंपैक्ट नहीं पड़ता लेकिन किस पर पड़ता है नंबर ऑफ चार्ज कैरियर ज्यादा पैदा हो जाते हैं तो ए बढ़ जाने से हमारा क्या होता है रो कम हो जाता है तो सेमीकंडक्टर में टेंपरेचर बढ़ाने पर रेस्ट टी घट जाती है मर मैं सिंबॉलिक लिखूं तो इसमें लिख सकते हो टेंपरेचर बढ़ाने पर टेंपरेचर को टी से ही लिख रहा हूं रेजिस्टिविटीज की बात करेंगे तो टेंपरेचर बढ़ाने पे रेजिस्टिविटीज जाएगी सेमीकंडक्टर में और तीसरी इलेक्ट्रोलाइट्स की बात करें तो टेंपरेचर बढ़ाने पर रेजिस्टिविटीज जाती है टेंपरेचर बढ़ाने पर रेजिस्टिविटीज जाएगी क्योंकि जो इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन होता है उसका कंसंट्रे कम हो जाता है तो इस वजह से उसकी जो रेजिस्टिविटीज सेंस है वो अपोजिशन टू द करंट कम हो जाता है क्योंकि इलेक्ट्रोलाइट की विस्कोसिटी या कंसंट्रेशन घट जाता है तो ये मामला है थोड़ा इसको पकड़ के चलना होगा टेंपरेचर डिपेंडेंस आगे भी इसको इसको आप नोट कर लीजिए आगे की रमायण भी हम लोग चालू रखते हैं बड़ी इंटरेस्टिंग है और इंपॉर्टेंट भी है अब देखिए यहां फार्मूला जो मेटल्स होते हैं नॉर्मली बहुत से मेटल्स आप देखेंगे लीनियर ग्रो करते हैं है ना तो ये रो जो रेजिस्टिविटीज बढ़ाने पर इस रिलेशनशिप से एस्टेब्लिश होती है रो है किसी टेंपरेचर t पर और t नॉ पर रो नॉ है तो रो = रोन 1 + अल्फा t - t न ये फार्मूला है और इसी से आप अल्फा निकाल लो तो ये आ जाएगा रो - रोन रो न t - t न अल्फा क्या होता है कफिट ऑफ रेजिस्टिविटीज आपको याद कर लेनी चाहिए यहीं से देखिए अल्फा मे बी डिफाइंड एज द इंक्रीज इन दी रेजिस्टिविटीज रेजिस्टिविटीज पर यूनिट रेजिस्टिविटीज रोज नॉट से डिवाइड कर रहे हो रेजिस्टिविटीज इन टेंपरेचर यानी एक डिग्री राइज पर पर रेजिस्टिविटीज हो रहा है दस इट नोन एज ए अल्फा और अल्फा क्या है कफिट ऑफ रेजिस्टिविटीज इसी तरह r क्योंकि रो के प्रोपोर्शनल होता है इसलिए r का भी फार्मूला ऐसे ही बन जाता है एक फार्मूला बनता r = r न 1 प् अल्फा t और दूसरा फार्मूला बन जाता है r2 = r1 1 प् अल्फा t2 - t1 तो ये आपका रेजिस्टेंस और रेजिस्टिविटीज डिपेंडेंस है टेंपरेचर बढ़ाने पर रेजिस्टिविटीज सेंस आपका बढ़ जाता है किस तरह बढ़ता है वो यहां पर चर्चा की गई है इन इक्वेशंस की मदद से हम एक भी इसका एग्जांपल भी करेंगे जिससे क्लेरिटी हमारी बढ़ जाए खैर ये बड़ा इंपॉर्टेंट ग्राफ है समझिए एग्जाम में आ भी चुका है ये यहां पर ग्राफ देखिए रेजिस्टिविटीज मेंस कह दीजिए r का मैं रेजिस्टिविटीज है जो मेटल्स होते हैं ये देखिए कॉपर हमारा मेटल्स है तो मेटल में जैसे-जैसे आप टेंपरेचर बढ़ाते हैं उसके बाद बहुत तेजी से आपका रेजिस्टिविटीज टेंपरेचर डिपेंडेंस रेजिस्टिविटीज होता है अल्फा पॉजिटिव होता है इसका ये देखिए लिखा है फॉर मेटल्स अल्फा इज पॉजिटिव और इसकी एक सब्सटेंशियल वैल्यू भी होती है ध्यान रखना मेटल्स के लिए अल्फा पॉजिटिव है इसका यह मतलब है कि टेंपरेचर बढ़ाने पर रेजिस्टिविटीज से बढ़ती है लेकिन इन केस ऑफ नाइक्रोम नाइक्रोम क्या है रेजिस्टर्स है या एलॉय से मिलकर बनाए गए हैं द रेजिस्टिविटीज की वीक टेंपरेचर डिपेंडेंस होती है यानी टेंपरेचर बढ़ाने पर तेजी से इसकी रेजिस्टविटी नहीं बढ़ती यहां ध्यान दीजिएगा य टेंपरेचर 50 केल्विन का डिफरेंस है फिर 50 से 100 यहां डिफरेंस 200 200 का है 200 200 केल्विन उसमें भी अगर आप 200 केल्विन तक आ रहे हैं तो देखिए यहां से बस यहां तक पहुंचा है यहां 200 केल्विन जाएंगे तो यहां से 200 केल्विन यहां होगा कहां पहुंच गया है इससे क्या साबित किया जा रहा है कि जो माक्रम वायर होता है उसमें टेंपरेचर बढ़ाने से उसकी रेजिस्टिविटीज नहीं बढ़ती यानी टेंपरेचर डिपेंडेंस कम होता है ये ग्राफ लिख के आपसे पूछते हैं कि कौन किसका ग्राफ है एमसीक्यू में या बनाइए ग्राफ तो मेटल्स के केस में आप दिखाएंगे टेंपरेचर बढ़ाने प रेजिस्टविटी तेजी से बढ़ रही है और नाइक्रोम के केस में टेंपरेचर बढ़ाने पर रेजिस्टिविटीज डिपेंडेंस नाइक्रोम का काफी कम होता है ये क्लेरिटी रखनी होगी हमको अच्छा आगे की बात करते हैं सेमीकंडक्टर यहां जो कहानी लिखी है इसको छोड़ दीजिए मैं समझा चुका हूं कि क्या होता है सेमीकंडक्टर में इसका अल्फा नेगेटिव होता है अल्फा नेगेटिव होने का मतलब कि अगर आप टेंपरेचर बढ़ाएंगे तो इसकी रेजिस्टविटी घटती है दिस इज द ग्राफ ऑफ सेमीकंडक्टर ये आपको मालूम होना चाहिए ऐसा क्यों होता है इस इक्वेशन से इसको याद करने की भी जरूरत नहीं है 14 चैप्टर में घोट लेना घोट पाना तो इससे यह बताने की कहानी चल रही है n क्या है नंबर ऑ चार्ज कैरियर्स n न का मतलब है कांस्टेंट और यह आयनाइजेशन पोटेंशियल है वो आप तब समझेंगे जब सेमीकंडक्टर पढ़ेंगे और बोल्ट्स मेंट कांस्टेंट और एब्सलूट टेंपरेचर यहां से यह साबित कर रहे हैं कि टेंपरेचर बढ़ाने पर ये n बढ़ जाता है नंबर ऑफ चार्ज कैरियर्स पर यूनिट वॉल्यूम तो n बढ़ने की वजह से आपकी रेजिस्टिविटीज जाती है यह बात इससे साबित होती है यानी अल्फा नेगेटिव है टेंपरेचर बढ़ाओ ग तो सेमी कंडक्ट टर की रेजिस्टिविटीज जाएगी ये डिटेल लिखा हुआ है उस बारे में मैंने आपको यहां बता दिया है अल्फा नेगेटिव टेंपरेचर बढ़ाने पर n बढ़ जाएगा जिससे रेजिस्टिविटीज को जरूर दिमाग में याद रखना चलिए एक कदम और आगे बढ़ाते हैं बेटा अब इलेक्ट्रोलाइट में क्या होता है जैसे मैंने बताया था कि इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन के अंदर जैसे ही टेंपरेचर बढ़ाओ उसका कंसंट्रेशन कम हो जाता है आपस में जो इनके फोर्सेस लग रहे होते हैं इंटर एटॉमिक इंटर आयस वाले फोर्सेस वो वीक पड़ जाते हैं तो फ्लो ऑफ चार्ज इजी होता है तो टेंपरेचर बढ़ाने पर रेजिस्टिविटीज जाती है इलेक्ट्रोलाइट्स के अंदर ये कहानी इसकी है अब यूज ऑफ एलॉयज इन मेकिंग स्टैंडर्ड रजिस्टर्स जो स्टैंडर्ड रजिस्टर्स हम बनाते हैं उसमें एलॉय का इस्तेमाल क्यों किया जाता है यह भी आपसे पूछते हैं आपको वो इसलिए किया जाता है कि एलॉयज लाइक कांस्टेंटा एंड मैग्निन आर यूज्ड फॉर मेकिंग स्टैंडर्ड रेजिस्टेंस कॉइल बिकॉज दे हैव सर्टेन बेनिफिट्स एलॉय के कुछ बेनिफिट है जो हम रजिस्टर वायर बनाते हैं रजिस्टर वायर क्यों बनाते हैं घर में जैसे कि आप जानते होंगे ब्रेड टोस्टर होता है गीजर होता है प्रेस करने वाला आयरन होता है इन सब में हीटिंग डिवाइस चाहिए होती है आपको रूम हीटर होता है तो वो किस चीज का हम बनाएं वो एलॉयज का बनाते हैं क्यों बनाते हैं एलॉयज का इसकी बात कही जा रही है तो क्यों क्योंकि जो एलॉयज होते हैं हाई वैल्यू ऑफ रेजिस्टिविटीज आप करंट फ्लो करेंगे तो रेजिस्टिविटीज होने की वजह से हीट ज्यादा रिलीज करते हैं तो जल्दी गर्म हो जाएगा चीज जो हमें चाहिए दूसरी बात इसका वेरी स्मॉल टेंपरेचर कफिट होता है मतलब अल्फा कम होने की वजह से ज्यादा टेंपरेचर बढ़ने पर ज्यादा इसका रेजिस्टिविटीज कम है या ज्यादा है अल्फा उसके रेजिस्टिविटीज फर्क नहीं आता यह हमारे लिए अच्छी बात है कि जो हम बना के दे रहे हैं हमें मालूम है कि ये रेजिस्टिविटीज पास तीसरी बात एटमॉस्फेरिक कंडीशन से का इन पर असर बहुत कम पड़ता है सर्दी जाड़ा बरसात अगर है तो एलायस की जो रेजिस्टिविटीज कंडीशन से डिस्टर्ब नहीं होती साथ में जो कॉपर वायर से इनको जोड़ते हो उनका क कांटेक्ट पोटेंशियल कम होता है क्योंकि रेजिस्टर वायर जो लगाओगे मान लो आपने प्रेस में लगाया आयरन में तो जोड़ो ग तो कॉपर वायर से ना कॉपर या एलुमिनियम वायर से जब बिजली में प्लग करोगे तो कांटेक्ट पोटेंशियल भी कम होता है जहां पर बांधते हो जोड़ते हो इनको जिससे आप का वेस्टेड ऑफ एनर्जी नहीं होती तो ये कुछ खास बातें हैं इसलिए कि आपसे पूछी जाती हैं इसलिए मैं कोई चीज छोड़ नहीं रहा हूं कि एलॉयज का इस्तेमाल हम क्यों करते हैं रजिस्टर बनाते वक्त तो इसमें यह खूबियां होती हैं इसलिए हम इसका उपयोग करते हैं चलिए खैर ये बात समझ गए होंगे अब एक एग्जांपल लेते हैं एनसीआरटी का ये 3.4 जो टेंपरेचर डिपेंडेंस ऑफ रेजिस्टिविटीज सवाल को पढ़ते हैं पहले द रेजिस्टेंस ऑफ दी प्लैटिनम वायर ऑफ ए प्लैटिनम रेजिस्टेंस थर्मामीटर एट दी आइस पॉइंट इज 5 ओम आइस पॉइंट का मतलब होता है 0 डिग्री सेंटीग्रेड जहां बर्फ जम रही है तो r यहां पर देखें तो r नॉ की वैल्यू दे रखी है 5 ओम 0 डिग्री पर दूसरा कह रहा है स्टीम पॉइंट पर स्टीम पॉइंट क्या होता है 100 डिग्री सेल्सियस इस 5.23 ओम r1 है 5.23 ओम r 100 कैसे समझे स्टीम पॉइंट बोला था स्टीम पॉइंट होता 100° है इसलिए समझ गए आगे लिखा है व्हेन द थर्मामीटर इज इंसर्टेड इन ए हॉट बाथ किसी गर्म चीज में मान लीजिए थर्मामीटर हमने डाल दिया उसका टेंपरेचर लेने के लिए उस समय उसका जो रेजिस्टेंस है वो मिला है 5.79 ओम अब r पता है लेकिन टेंपरेचर बताओ कितना है हॉट बात का तो यहां पर कहानी क्या है यह सवाल ऐसे सवाल कई बार आते रहते हैं और यह तो इंपॉर्टेंट बहुत ज्यादा है क्योंकि एनसीआरटी का एग्जांपल है चलिए इसको करके देखते हैं यूजिंग फार्मूला rt0 r न 1+ अल्फा t जो आपको अभी पढ़ाया है अब इसी में फॉर केस वन इसकी कहानी में लगाया हमने r1 = r न 1 प् अल्फा t ये t था 100 100 लगा दिया यहां से हम अल्फा निकालने की कोशिश करते हैं तो अल्फा कितना हो जाएगा इसी फार्मूले से r1 - आन अप आन * 100 वैल्यू रख दी 5.23 - 5 अप 5 * 100 अब इसको थोड़ा सा ऊपर आ गया 0.23 अप 5 * 100 ये अल्फा आ गई है अब हम केस टू के लिए इस्तेमाल करते हैं फार्मूला लगाते हैं फॉर केस टू ये वाला जो केस है यहां पर भी r t = r न 1 प् अल्फा t अब आटी की वैल्यू t हो जाएगी यहां बात करें r इसी से निकाल रहे rt-pcr / 0.23 सॉल्व करेंगे 3456 डिग्री सेंटीग्रेड ये आपका यहां पर टेंपरेचर आ गया और यही आपका आंसर है इस तरह से ये सवाल होते हैं बड़े इंपॉर्टेंट है शांति से देख लीजिए मैं हटता हूं नोट कर लीजिए जिससे क्लेरिटी बनी रहे इसको आप ध्यानपूर्वक क्या बोलते हैं पॉज करके स्क्रीनशॉट आप ले लीजिए बेहतर रहेगा उम्मीद है आप इसको नोट कर पाए और हां इसका पीडीएफ अगर चाहिए जो चाहिए होता है अक्सर आप पूछते हैं तो इस वीडियो के शुरू में मैंने आपको बताया है किस तरह से इसका पीडीएफ आप ले सकते हैं आप देख लीजिए एक मिनट और पीडीएफ आपका हो जाएगा अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कीजिए खैर आइए चलिए एक कदम और आगे बढ़ाते हैं अब हीटिंग इफेक्ट ऑफ करंट पे आते हैं हम लोग हीटिंग इफेक्ट ऑफ करंट आप जूल्स ल ऑफ हीटिंग से जानते ही हैं जब हाईयर पोटेंशियल से लोअर पोटेंशियल में करंट फ्लो होती है तो करंट फ्लो होने से कोलीज संस होते हैं इलेक्ट्रॉन जब फ्लो करेंगे तो वो आयन से टकराएंगे और अपनी काइनेटिक एनर्जी लूज कर देते हैं काइनेटिक एनर्जी लूज करते जाते हैं हर स् कोलिजन में वह काइनेटिक एनर्जी क्या हो जाती है हीट के फॉर्म में दिखनी शुरू हो जाती है दिखने का मतलब निकलने लगती है इसे इसमें जो लॉ लगता है उसे बोलते हैं जूल्स लॉ ऑफ हीटिंग तो जूल्स लॉ ऑफ हीटिंग के बेसिस पर h = v या आ स्क आटी या v स्क t / r ये फार्मूला आपको पता है जूस लॉ ऑफ हीटिंग भी आप जानते हैं तो करंट फ्लो होने से हीट पैदा होगी कितनी हीट पै होगी इस फार्मूले से हम निकाल सकते हैं आइए एक कदम आगे बढ़ाते हैं इलेक्ट्रिकल पावर इलेक्ट्रिक पावर आप इलेक्ट्रिक पावर जानते हैं p = w बा t होता है तो / t में v या आ स्क आ या v स्क अप r हो जाएगा ये फार्मूला भी आपको पता है एसआई यूनिट इसकी होती है वट और कमर्शियल यूनिट पावर की होती है हॉर्स पावर एक हॉर्स पावर 746 वाट के बराबर होता है पावर क्या होता है रेट ऑफ इलेक्ट्रिकल एनर्जी पर यूनिट यूनिट टाइम वो पावर हो जाती है और 1 हर्स पावर 746 वाट के बराबर होगा ये पकड़ के रखिए कमर्शियल यूनिट ऑफ पावर है हमारे घरों में जो कमर्शियल यूनिट ऑफ इलेक्ट्रिकल एनर्जी होती पावर की तो हॉर्स पावर थी कमर्शियल यूनिट ऑफ एनर्जी की बात करें हमारे घर में जैसे 200 यूनिट का बिल आता है या 400 यूनिट का बिल आता है या 800 यूनिट का बिल आता है वो क्या होता है यूनिट का मतलब होता है 1 किलोवाट आवर किलोवाट आवर जो होता है वो एनर्जी की यूनिट होती है किलोवाट जो यूनिट है वो पावर की है किलोवाट आवर किसकी यूनिट है एनर्जी की यूनिट है 1 किलोवाट आवर कितने के बराबर होता है 3.6 * 10 की पावर -6 जूल के बराबर होता है तो यह बात पकड़ के रखिएगा किलोवाट ववर इज दी यूनिट ऑफ एनर्जी ये कमर्शियल यूनिट ऑफ एनर्जी है बिजली का कनेक्शन होगा नया मीटर होगा यह पुराना मॉडल है अब तो डिजिटल मीटर्स आते हैं तो वहां पर आपको दिखाई पड़ेगा अब इलेक्ट्रिकल एनर्जी की बात कर लीजिए इलेक्ट्रिकल एनर्जी का मतलब है w इ याड लिखो या इलेक्ट्रिकल एनर्जी है तो e लिखो e = p * t ये v हो गया आ स्क आटी एसआई यूनिट होती है जूल आप जानते हैं एसआई सिस्टम में जितनी भी प्रकार की एनर्जी है सबकी यूनिट एसआई यूनिट जूल बोली जाती है यह बड़ी अच्छी बात एसआई यूनिट की है पावर रेटिंग में क्या होता है आजकल जब आप बाजार से बल्ब लाते कोई भी डिवाइस लाते होंगे ये मान लो एक टेढ़ा मेढ़ा बल्ब बना देते हैं यहां पर यह बल्ब है तो यहां पर आप देखते हो लिखा रहता होगा 100 वाट 230 वोल्ट बेसिकली यहां रेंज लिखी होती है 220 से 240 वोल्ट तो इसका कहने का यह पावर रेटिंग है कह रहे हैं कि 230 वाट का अगर इसको वोल्टेज सप्लाई करोगे तो यह 100 जूल पर सेकंड एनर्जी खाएगा या यह इसका जो पावर है यह 100 वाट का आपको मिलेगा अगर इसको आप 230 वोल्ट की सप्लाई करोगे तो 100 वाट पावर आपको देगा दिस इज द पावर रेटिंग जितने भी अप्लायंस आप आजकल इस्तेमाल करते हैं टीवी फ्रिज एसी गीजर जो भी यूज करते हो सब में पावर रेटिंग वाशिंग मशीन सब में पावर रेटिंग लिखी मिलती है इस पावर रेटिंग से आपको अंदाजा लग जाता है कौन सा प्लांस कितनी बिजली खाने वाला है और आप देखते होंगे फाइव स्टार रेटिंग थ्री स्टार रेटिंग फोर स्टार रेटिंग रहता है ना तो ये रेटिंग्स भी जो रहती है इसी बेसिस पे होती है और एक मजेदार बात आपको बताऊं कि ये रेटिंग भी हर साल बदलती है यानी आज कोई आप एसी खरीद के लाए फाइव स्टार रेटिंग है बिजली बचाएगा हो सकता है 3 साल बाद वह फाइव स्टार ना रह जाए फोर स्टार रह जाए क्यों क्योंकि गवर्नमेंट ने अपने स्टैंडर्ड को और ऊंचा कर दिया है यह स्टैंडर्ड बदलते रहते हैं एनर्जी एफिशिएंट चीजें बन रही है ना तो आज का फाइव स्टार का स्टैंडर्ड कुछ और है आज से अगले साल या उसके अगले साल फाइव स्टार रेटिंग का स्टैंडर्ड कुछ और होगा तो आज जो डिवाइस आप लेके बैठे हैं फाइव स्टार वह जन्म भर के लिए फाइ स्टार नहीं रहती है हो सकता है अगले स् अगले साल फर स्टार रह जाए उसके अगले साल थ्री स्टार रह जाए क्योंकि ज्यादा एफिशिएंट चीजें बनने लगी हैं गवर्नमेंट के पैरामीटर्स बढ़ गए हैं खैर आप समझ पाए होंगे एक मजेदार बात थी मैंने कहा आपसे शेयर करूं खैर पावर रेटिंग भी आप नोट कर पाए आगे चलते हैं ये देखिए क्या है पावर कंसंट इन ए कॉमिनेशन ऑफ अप्लायंसेज ये कॉमिनेशन ऑफ अप्लायंसेज में जब पावर सोर्स को हम सीरीज में लगाते हैं तो ये पावर का फार्मूला 1 / p 1 / p1 + 1 / p2 + 1 / p3 चलता है जब ये प पलल में लगाते हैं तो p = p1 + p2 + p3 चलता है यह सीरीज और पैरेलल की कहानी है इसका भी डेरिवेशन जल्दी से मैं आपको दिखा देता हूं तो आइए देखते हैं डेरिवेशन पावर कंजमेशन सीरीज कॉमिनेशन के अंदर पावर का क्या फार्मूला निकलता है यह देखिए मान लीजिए तीन बल्ब लेके आए हैं जिसका जो कंपनी ने बनाया है इसका पावर p1 p2 p3 और सेम वोल्टेज प चलने के लिए कंपनी बना रही है वही वोल्टेज आप दे रहे हैं घर पे अब तो रेजिस्टेंस ऑफ थ्री बल्ब्स क्या हो जाएगा इनका रेजिस्टेंस निकालो तो r1 की वैल्यू होती है v स् / p1 इसी तरह रेजिस्टेंस r2 हो जाएगा v स् / p2 और इसी तरह r3 हो जाएगा v स् / p3 फार्मूला आप जानते ही r = v स् / p ये r1 r2 r3 क्या है इन तीनों बल्ब के अलग-अलग रेजिस्टेंस हैं r1 r2 r3 अब देखिए क्या होता है क्योंकि ये बल्ब जो लगे हुए हैं सीरीज कॉमिनेशन में तो सीरीज कॉम्बिन में तो जो रेजिस्टेंस होता है ये तीनों सीरीज r1 + r2 + r3 जुड़ जाता है हमने सिंपली इसको जोड़ दिया अब देखिए आगे इफ p इज द इफेक्टिव पावर ऑफ दी कॉमिनेशन मान लीजिए इस पूरे कॉमिनेशन का जो इफेक्टिव पावर है वो p है तो आप क्या लिख सकते हैं v स् / p ये r की जगह v स् / p और यहां जो r1 की वैल्यू यहां से पुट कर दी r2 की वैल्यू यहां से पुट कर दी r3 की वैल्यू यहां से पुट कर दी तो v1 स्क्वा अप p1 प् v2 स्क अप p2 v3 स् अप p3 ये लिख दिया यहां पर अब यहां पर देखिए क्या है सारा ये ये सॉरी ये v1 नहीं है ये v है ये v1 गलत लिख गया है सारे ये v है तो ये v आपस में कट जाएंगे v स्क और वैल्यू आ जाएगी 1 अप p = 1 अप p1 + 1 अप p2 प् 1/3 तो ये सीरीज की कहानी थी जैसा दिख भी रहा है सीरीज में पावर का ये फार्मूला लगता है ये डेरिवेशन हो गया इसको नोट कर लीजिए आप फिर मैं पैरेलल वाले का भी डेरिवेशन आपको करा देता हूं आप इसको नोट कर पाए होंगे ऐसी मुझे उम्मीद है आगे चलते हैं पावर कंजमेशन तो पावर कंजमेट p3 अब यहां पे रेजिस्टेंसस जैसे पिछली बार निकाले थे वैसे रेजिस्टेंसस निकाल दिए हैं v स् / p1 ये v है तो सब पे v मिलेगा हमको v स् / p2 और v स् अप p3 अब क्योंकि पैरेलल कॉमिनेशन में रेजिस्टेंसस इस तरह से कनेक्ट होते हैं इक्विवेलेंट रेजिस्टेंस 1 अप r = 1 / r1 + 1 / r2 + 1 / r3 अब यहां पर हमने क्या किया मल्टीप्लाई कर दिया v स्क से तो v स् / r v स् / r1 v स् / r2 + v स् / r3 और इससे ये चीज ये पावर हो गई इफेक्टिव पावर ये p1 ये p2 ये p3 तो ये फार्मूला अ लगेगा आपके किसके लिए जब आपकी लासेस पैरेलल कॉमिनेशन में लगे हुए हैं तो पैरेलल कॉमिनेशन में अप्लायंसेज है तो p1 प2 p3 जोड़ मारिए कैसे आ रहा है यह भी मैं राइवल बन जाए पूरी तरह मैं हटता हूं इसको पॉज करके स्क्रीनशॉट ले ले या नोट करट डालिए एक कदम और आगे बढ़ाते हैं अब देखिए आगे बात करते हैं एफिशिएंसी ऑफ सोर्स ऑफ ईएमएफ तो हमेशा एफिशिएंसी सोर्स की क्या रहती है आउटपुट पावर अपॉन इनपुट पावर तो की वैल्यू यानी एफिशिएंसी आउटपुट पावर अपॉन इनपुट पावर हमेशा याद रखिए जितना इनपुट दे रहे हो कितना वो आउटपुट दे रहा है अब एप्लीकेशन ऑफ हीटिंग इफेक्ट ऑफ करंट जो हीटिंग इफेक्ट होता है करंट का इसके हम लोग क्योंकि हम लोग ह्यूमंस या साइंटिस्ट क्या होते हैं कोई ना कोई जुगाड़ ह्यूमिडिटी के फायदे का ढूंढ निकालते हैं तो हीटिंग इफेक्ट का हमारे लिए फायदा क्या है एप्लीकेशन क्या है पहला हाउसहोल्ड हीटिंग प्लांसेस बनाते हैं जैसे कि नाइक्रोम यूज यूज करते हैं आपने देखा हो होगा और क्यों यूज करते हैं वो भी हीटिंग एलिमेंट के लिए कि मेल्टिंग पॉइंट इसका हाई होता है रेजिस्टिविटीज होती है इसकी टेंसा इल स्टें ज्यादा होती है जिससे हम लोग इससे पतले पतले वायर बना सकते हैं दूसरा इट इज नॉट इजली ऑक्सीडक्सी जन की प्रिंस में जल्दी यह जलता नहीं ऑक्सीडो तो जल जाएगा तो नाइक्रोम वायर का इसलिए इस्तेमाल करते हैं हीटिंग एलिमेंट के लिए हीटर हीटर में लगाते हैं एग्जांपल क्या जैसे रूम हीटर है या गीजर है तो रूम गीजर ब्रेड टोस्टर य किस पर काम कर रहे हैं हीटिंग इफेक्ट ऑफ करंट में दूसरी बात समझिए तो इनसेंट इलेक्ट्रिक बल्ब जो पीला वाला बल्ब नहीं होता था कई बच्चे भूल जाते हैं तो मैं लिख देता हूं पीला वाला बल्ब पीला वाला बल्ब आजकल कम यूज होता है लेकिन फिर भी यूज होता है इसमें भी यह जो टंगस्टन वायर होती थी वो गर्म होकर हीट होके रोशनी क्रिएट करती है तो वो हीटिंग इफेक्ट ऑफ था तीसरा इलेक्ट्रिक फ्यूज घरों में फ्यूज लगते हैं तो जब ज्यादा करंट बहती है फ्यूज में तो फ्यूज जल जाते हैं तो अपने अप्लायंस को बचा लेते हैं घरों के अंदर आजकल इलेक्ट्रिक फ्यूज की जगह एमसीबी लगाए जाते हैं मिनिएचर सर्किट ब्रेकर्स वो मैग्नेटिक इफेक्ट पर काम करते हैं तो एमसीबी लगाए जाते हैं और यह जो इलेक्ट्रिक फ्यूज है यह जो खंबे से कनेक्शन आया होगा आपका जहां पर मीटर लगा होगा उसके बगल में पोर्सलिन लगी वो लगा होता मिट्टी का बना के फ्यूज लगाते हैं वहां अभी भी फ्यूज लगते हैं ठीक तो फ्यूज क्या करते हैं हीटिंग इफेक्ट पर काम करते हैं सेफ्टी डिवाइस होती है ज्यादा करंट की फ्लो होगा तो यह फ्यूज के वायर गर्म होंगे गर्म होके जल जाएंगे जिससे सर्किट ब्रेक हो जाएगा और आपके अप्लायंस सुरक्षित रहेंगे तो ये एप्लीकेशन है हीटिंग इफेक्ट ऑफ करंट का तो बच्चों चलिए इसके आगे चलते हैं बहुत ही इंटरेस्टिंग टॉपिक यानी शुरू होता है अपना सेल तो सेल में सबसे पहली चीज क्या होती है इलेक्ट्रोमोटिव फोर्स ये देखिए जैसा कि इसके नाम में है ना इलेक्ट्रोमोटिव फोर्स ये फोर्स एक्चुअली होता नहीं है ये मिसनोमर है यहां पे लिखा हुआ है मिसनोमर का मतलब क्या होता है कि नाम से जो ये लगता है असल में वैसा नहीं होता जैसे क्लास 11थ में आपने एक यूनिट पढी थी लाइट ईयर ईयर लिखा है जैसे लग रहा है समय की यूनिट है लेकिन वो डिस्टेंस की यूनिट हुआ करती थी यानी मिसनोमर का मतलब जैसा नाम है वैसा काम ना होना तो इलेक्ट्रोमोटिव फोर्स जो होता है वो फोर्स नहीं होता है इसका इले इसका ओरिजिन जो होता है वो एनर्जी से जुड़ा हुआ ओरिजिन है तो यहां पर ईएमएफ होता क्या है एक यूनिट पॉजिटिव चार्ज को मान लीजिए यहां से यूनिट पॉजिटिव चार्ज चला तो कंप्लीट वन राउंड कंप्लीट करने में यहां तक आने में एक चक्कर कंप्लीट करने में जितना वर्क डन सेल करता है वो उसका ईएमएफ होता है ईएमएफ की दो तरह की डेफिनेशंस हम बताते हैं एक तो यह बता रहे हैं एक स्पेशल केस ऑफ पोटेंशियल डिफरेंस बताएंगे तो ईएमएफ की डेफिनेशन क्या हो गई लिखी हुई है कि एक यूनिट पॉजिटिव चार्ज को एक कंप्लीट राउंड लगाने में जहां से चला वहीं तक आ जावे लगाने में जो वर्क डन लगता है उसे हम ईएमएफ बोलते हैं यानी इसका जो ओरिजिन एक तरह का एनर्जी से लिंकेज वाला मामला है ईएमएफ को किताबों में ऐसे e लिखा जाता है e = w / q दैट इज द ईएमएफ ये देखिए यहां पे लिखा हुआ है इसकी डेफिनेशन जो मैंने आपको समझाई कि यहां से चले तो पूरा चक्कर लगा के वापस यहीं पर आ जावे अच्छा दूसरी बात एक होती है टर्मिनल पोटेंशियल डिफरेंस टर्मिनल पोटेंशियल डिफरेंस क्या होता है कि यूनिट पॉजिटिव चार्ज को इस टर्मिनल से a और बी दो टर्मिनल है यहां से चले और यहां तक आ जाए जितना वर्क डन करना पड़ेगा एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक आने में उसको हम बोलते हैं टर्मिनल पोटेंशियल डिफरेंस पर यूनिट पॉजिटिव चार्ज जितना वर्क डन करना पड़ेगा वो टर्मिनल पोटेंशियल डिफरेंस है या हम सिंपली ये कह सकते हैं टर्मिनल a और b का जो डिफरेंस होता है उसे हम बोलते हैं पोटेंशियल डिफरेंस ठीक बाकी एनर्जी के सेंस में मैंने बताया यूनिट पॉजिटिव चार्ज को a से b तक ले जाने में जितना वर्क डन लगा वो उसका पोटेंशियल डिफरेंस होगा यानी टर्मिनल पोटेंशियल डिफरेंस तो v v से लिखते हैं इसको जैसे पोटेंशियल ड्रॉप अक्रॉस a ब तो इसको टर्मिनल पोटेंशियल डिफरेंस लिखा जाता है अब जो सेल के केस में क्या होता है कि जब हमारी डिस्चार्ज ऑफ द सेल हो रहा होता है उस समय यह फार्मूला वैलिड होता है आप देखेंगे ई ईएफ v से बड़ा होता है कई किताबों में लिखता है कि e हमेशा v से बड़ा होता है हमेशा नहीं बड़ा होता है इन द केस ऑफ डिस्चार्ज ऐसा होता है डिस्चार्ज का मतलब जब हम बैटरी का इस्तेमाल कर रहे हैं जैसे मोबाइल फोन में बात कर रहे हैं तो बैटरी डिस्चार्ज हो रही है तो उस समय यह कंडीशन लगेगी ईएफ v से बड़ा होगा तो v = e - आ आ जाएगा r क्या है इंटरनल रेजिस्टेंस अभी हम बात करने वाले हैं इसका और दूसरा इन केस ऑफ चार्जिंग जब बैटरी चार्ज कर रहे होगे आप उस समय य ये इक्वेशन पलट जाती v = e + आ जाता है उस समय v बड़ा होता है e से ध्यान रखिएगा डिस्चार्ज जब मोबाइल आप चार्जर में लगाते हो तो यह कहानी होती है ये यहां पर देखिए लिखा है और इसी का एक स्पेशल केस निकाला है इस इक्वेशन में अगर i की वैल्यू कर दो तो v बराबर e हो जाएगा तो यहां से हम एक और डेफिनेशन कह देते हैं कि ईएफ जो होता है वह इस स्पेशल केस ऑफ पोटेंशियल टर्मिनल पोटेंशियल डिफरेंस होता है जब उसमें कोई करंट फ्लो नहीं हो रही हो आ जीरो जब सेल में कोई करंट फ्लो नहीं होती तो उसमें टर्मिनल पोटेंशियल डिफरेंस और ईएमएफ दोनों बराबर हो जाते हैं ये स्पेशल केस ऑफ टर्मिनल पोटेंशियल डिफरेंस है उम्मीद है यह बात आपके समझ में आ होगी अब बात करते हैं इंटरनल रेजिस्टेंस ऑफ द सेल की उसमें जो फार्मूला आपने देखा था v = e - i यह क्या था यह था इंटरनल रेजिस्टेंस ऑफ दी सेल यह क्या होता है बेटा यह देखिए एक सेल बना रखा है a और बी करते हुए इलेक्ट्रोलाइट है तो जब कोई मान लीजिए इलेक्ट्रॉन यहां से यहां जा रहा है तो जब इलेक्ट्रॉन इलेक्ट्रोलाइट में से गुजरता है तो इसको कितना अपोजिशन टू द करंट झेलना पड़ता है यह इसका इट ल रेजिस्टेंस कहलाता है यानी इलेक्ट्रोलाइट में जब जाएगा एक एक कैथोड एक एनोड से कैथोड या कैथोड से एनोड जब जावेगा तो उस समय कितना पोजिशन टू द करंट झेलना पड़ रहा है इसे बोलते हैं इंटरनल रेजिस्टेंस ऑफ द सेल ये किन चीजों पे डिपेंड करता है वो मैं यहां लिखने वाला हूं और आपसे पूछा भी जाता है आजकल कि इंटरनल रेजिस्टेंस ऑफ द सेल किन चीजों पे डिपेंड करता है तो देखते हैं किन-किन चीजों पे डिपेंड करता है एक तो नेचर ऑफ द इलेक्ट्रोलाइट इस इलेक्ट्रोलाइट का नेचर कैसा है किस क्वालिटी का है किस नेचर का उस पे डिपेंड करेगा दूसरा इलेक्ट्रोलाइट के कंसंट्रेशन पर अगर यह कंसंट्रेशन ज्यादा है तो रेजिस्टेंस इंटरनल रेजिस्टेंस ज्यादा होगा कंसंट्रेशन कम है तो r कम होगा अगली बात डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू द डिस्टेंस इन दोनों एनोड कैथोड के बीच में डिस्टेंस कितना है ये जो डिस्टेंस है अगर यह डिस्टेंस ज्यादा है तो रेजिस्टेंस ज्यादा डिस्टेंस कम तो रेजिस्टेंस कम अगली बात प्लेट्स कितनी अंदर डीप है यानी इलेक्ट्रोलाइट के अंदर कित ये देखिए इतनी डूबी हुई है ना यहां पे इतनी डूबी हुई है तो अगर यह ज्यादा डूबी हुई है ज्यादा एरिया डूबा हुआ है तो आपका रेजिस्टेंस इंटरनल कम हो जाएगा कम एरिया डूबा है तो रेजिस्टेंस ज्यादा हो जाएगा और अगली बात कि इट इंक्रीजस विद द डिक्रीज इन द टेंपरेचर अगर यह टेंपरेचर इसमें बढ़ा देते हो तो रेजिस्टेंस कम हो जाएगा टेंपरेचर घ घटा देते हो तो रेजिस्टेंस बढ़ जाएगा इंटरनल रेजिस्टेंस की बात कर रहे हैं तो ये पूरी चीज आपको इंटरनल रेजिस्टेंस ऑफ द सेल क्लियर होनी चाहिए जो मैं एक-एक चीज आपके सामने रखता चल रहा हूं चलिए एक कदम और आगे बढ़ाते हैं अब रिलेशन बिटवीन आरवी जो फार्मूला निकला था अभी देखा था हम लोगों ने ई आर में रिलेशन उसका भी डेरिवेशन आपको करके मैं दे रहा हूं एक यहां पे एक सर्किट ले लीजिए सेल लगा इंटरनल रेजिस्टेंस है r है और ये करंट आ फ्लो कर हो रही है इसके अंदर अब देखिए यह कंसीडर लिखा है ना कंसीडर द सेल ऑफ़ ईए e एंड इंटरनल रेजिस्टेंस r कनेक्टेड टू एन एक्सटर्नल रेजिस्टेंस r बढ़िया बाय डेफिनेशन ऑफ़ e क्या होता है e हमने पढ़ा था कि प्लस से आप पूरा एक यूनिट पॉजिटिव चार्ज चलकर प्लस तक आए एक कंप्लीट चक्कर में जो वर्क डन करना पड़ेगा यूनिट पॉजिटिव चार्ज के लिए वह ईएमएफ कहलाएगा वही बात यहां लिखी है अब इस बात को दो हिस्सों में तोड़ लेते हैं एक तो हम हिस्सा लिखते हैं ए से बी जाने में जितना वर्क डन करना पड़ा यूनिट पॉजिटिव चार्ज पर प्लस इस सेल के अंदर बी से ए आने में जितना हमको वर्क डन करना पड़ा यूनिट पॉजिटिव चार्ज के लिए इन दोनों का जोड़ इसके बराबर हो जाएगा भाई इसको क्या किया तोड़ लिया ए से बी तक जाने में यूनिट पॉजिटिव चार्ज पर वर्क डन और बी से ए आने में यूनिट चार्ज पर वर्क डन यह लिख लिया है अब इसी वर्क डन को हम लिख देते हैं v प्स वड ए से बी तक जाने में जो वर्क करना पड़ा है यूनिट पॉजिटिव चार्ज पर वो v है और बी टू ए अंदर ड है तो e = v प्वी ड ओम्स लॉ से हम जानते हैं कि इसमें कितनी पोटेंशियल ड्रॉप होगा v = आ * आ आ करंट हो रही है आ इसका रेजिस्टेंस है और यहां पर कितना ड्रॉप होगा इसमें भी सेम करंट है तो i * आ v ड अब यहां पर हम ये वैल्यू इसके अंदर पुट कर देते तो e इ ये आ आ गया और यह irrfan-khan-whatsapp-status हो रहा है इसकी वैल्यू दूसरी देखिए एंड फ्रॉम आल्सो फ्रॉम वन इक्वेशन वन की बात करें इससे v की वैल्यू क्या हो जाएगी e - v ' e - v ' और v ' की जगह लिख दिया तो ये फार्मूला क्या हो गया यहां पर देखें e = v + न केस ऑफ डिस्चार्ज ऑफ सेल तो इस तरीके से ये देखिए डेरिवेशन हो जाता है पूरी कि भाई यह फार्मूला कैसे डिराइवर हुआ और यह करंट आपने कैसे यहां पर निकाली है तो इसको भी नोट कर लीजिए सारे डेरिवेशंस मैं आपको करा दे रहा हूं कुछ कमी नहीं रह जाएगी तो नोट कर लीजिए इसको मेरे ख्याल से आप इसको नोट कर पाए होंगे चलिए एक कदम और आगे बढ़ाते हैं अब स्पेशल केस जो मैं से बनाया था कि ये फार्मूला निकला था अगर यहां पे i की वैल्यू रो पुट कर दोगे तो e बरा v हो जाएगा तो ईएमएफ एक स्पेशल केस होता है पोटेंशियल डिफरेंस का जब एक सेल में करंट नहीं फ्लो हो रही होती है तो उस समय v बरा e होता है और जब करंट फ्लो हो रही होती है तो हमेशा e से बड़ा होता है ये डिस्चार्ज ंग वाला केस है और जब चार्जिंग की बात करोगे तो इसका उल्टा हो जाता है जैसे मैंने आपको बताया था तो ये बात भी आपको कांसेप्ट क्लियर कर रही होगी स्पेशल केस के रूप में अब कैरेक्टरिस्टिक कर्स फॉर ए सेल मतलब एक सेल को जब हम इस्तेमाल करते हैं तो उसकी फंक्शनिंग समझना चाह रहे हैं कि वो फंक्शन कैसे करता है जब भी कैरेक्टरिस्टिक की बात की जाती है हम ग्राफ की बात करते हैं ज आप जानते हैं सेल के केस में चार पैरा मीटर है एक ई है एक v है एक आई है और एक आर है य आर मतलब एक्सटर्नल लोड की हम बात कर रहे हैं स्मल आर भी होता है इंटरनल रेजिस्टेंस लेकिन उसकी बात सेल के अंदर की ही कर रहे हैं तो हम यहां प ग्राफ समझेंगे e वर्सेस आवी वर्सेस आरवी वर्सेस आई इसी को बोलते हैं कैरेक्टरिस्टिक करेक्टिव ग्राफ ग्राफ्स दो पैरामीटर के बीच में आइए जल्दी से देख लेते हैं ये पहला ग्राफ देखिए क्या है वर्सेस r ग्राफ r को r का मतलब है एक्सटर्नल लोड ये देखिए r इस सर्किट में ये एक्सटर्नल लोड r है इंटरनल रेजिस्टेंस स्ल r ये ईएमएफ तो ये r को बढ़ाने बढ़ाते चले जाओगे तो भी ईएमएफ पर कोई फर्क नहीं पड़ता है ध्यान रखिएगा r एक्सटर्नल लोड कितना लगा हुआ है इससे ईएमएफ का कोई मतलब नहीं है ईएमएफ विल नॉट चेंज वी विल चेंज वी चेंज होगा लेकिन e नहीं चेंज होगा तो ये देखिए r बढ़ाते जा रहे हो e नहीं चेंज हो रहा तो e स्टेबल है तो हमेशा ध्यान रखना e की वैल्यू r पे डिपेंड नहीं करती दूसरी बात ग्राफ के रूप में देखिए अगर आ v वर्सेस r है ये v है इधर बेटा और ये r है तो आप जब आप रेजिस्टेंस एक्सटर्नल रेजिस्टेंस को जीरो कर देते हो उस समय v की वैल्यू भी रो निकल आती हैय देखिए ये जो v = आ फॉर्मूला था e / r + r * r और ऊपर नीचे कपि r से डिवाइड किया तो ये बन गया e 1 प् r / r अब इसमें r टेंडिंग टू रो कर दोगे तो नीचे वैल्यू क्या हो जाएगी यहां इनफिनिटी डिनॉमिनेटर में इनफिनिटी तो v0 यानी r = 0 पर v0 ये पॉइंट मिल गया दूसरा r की वैल्यू अगर r के बराबर कर दो तो ये वन आ जाएगा r / r यानी 2 e / 2 यानी r = r होगा तो e / 2 मिलेगा आपको और r की वैल्यू इनफिनिटी कर दोगे नीचे तो ये वैल्यू हो जाएगी v बराबर e यानी r की वैल्यू इंफिनिटी पहुंचाओ ग तो e बराबर v मिलेगा कुल मिला के यह भले इतना ना आप याद रखें इस ग्राफ को जरूर याद रखें क्योंकि ये ग्राफ पूछे जाते हैं आपसे यह ग्राफ कौन सा है v वर्सेस r v ऐसा दिखा रहे हैं और r ऐसे तो v वर्सेस r ग्राफ ऐसा बनेगा एक तीसरा ग्राफ और आपके सामने आता है जिसे v वर्सेस आई ग्राफ बोलते हैं v का मतलब है पोटेंशियल डिफरेंस जो यहां पर ड्रॉप हो रहा है तो इसका ड्रॉपिंग हम देख रहे हैं i से i और v में यह ग्राफ आता है स्ट्रेट लाइन कैसे स्ट्रेट लाइन आता है बेटा v = e - आ फार्मूला होता है इन केस ऑफ डिस्चार्ज तो v इसको पहले लिख लिया - r + e ये y इसको कंपेयर कर दो y x + c से तो y की जगह v है तो y एक्सिस पे v आ गया x की जगह आप ले क्या रहे हो r फिक्स है ये i हो गया इसकी जगह x है तो x एक्सिस प i ले रहे हो तो यह जो स्लोप है m वह माइनस आ रहा था यानी यह यह देखिए स्ट्रेट लाइन आ गया स्ट्रेट लाइन कर्व है इसका जो स्लोप होता है व्हिच इज - r इस स्ट्रेट लाइन का और इंपॉर्टेंट चीज यह भी ध्यान रखिए जब आप i की वैल्यू रो कर देते हो तो यह जो पॉइंट मिलता है वह आपको ईएमएफ ऑफ द सेल मिलता है यह कई के स्टडी में या ग्राफ में आपसे पूछते हैं तो यहां पर i की वैल्यू जैसे ही रो करोगे i 0 करते ही जो v है वह e के बराबर हो जाएगा यह बात भी ध्यान रखिएगा यह ग्राफ किसका है v वर्सेस आई ये ग्राफ इंपॉर्टेंट है तीनों ग्राफ में से कोई ना कोई अक्सर पूछ लेते हैं तो इसको भी आप नोट कर लीजिए पॉज करके या स्क्रीनशॉट ले लीजिए चलिए एक कदम और आगे बढ़ाते हैं एक सवाल आता है उस सवाल को हम लोग करेंगे यहां पर तो लिखा है ए बैटरी ऑफ ईएफ 3 वोल्ट एंड इंटरनल रेजिस्टेंस आर इज कनेक्टेड इन सीरीज विथ ए रजिस्टर ऑफ 55 ओम इसका फिगर बना लेते हैं तो आपको समझाना आसान होगा मीटर ऑफ रेजिस्टेंस व ओम द मीटर रीड 50 मिली एंपियर ड्र द सर्किट बोल रहा है इन्होंने यह जो कहा था बैटरी का ईएफ तीन है उसका इंटरनल रेजिस्टेंस आर है सीरीज में कनेक्टेड है 55 ओम का रेजिस्टेंस बैटरी ई आर 55 ओम रेजिस्टेंस और एक अमीटर कनेक्टेड था जिसका खुद का रेजिस्टेंस एक मीटर तो हमेशा सीरीज में ही लगता है मीटर की रीडिंग दे रखी है 50 मिली एंपियर इसकी जो रीडिंग है 50 मिली एंपियर तो एक तो कह रहा था सर्किट डायग्राम बनाओ सर्किट डायग्राम तो हमने बना दिया बेटा दिस इज द सर्किट डायग्राम अब कह रहे हैं कि कैलकुलेट द वैल्यू ऑफ स्मल r निकालो तो ये टोटल रेजिस्टेंस ऑफ द सर्किट कितना मिल गया 55 ये सीरीज में है 1 ओम इसका और r इसका तो 55 + 1 प् r यानी टोटल रेजिस्टेंस कितना है 56 प् आ टोटल आर करंट इन द सर्किट कितनी है 50 मिली एंपियर जो कि य रीडिंग दे ही रहा था 50 * 10 की पावर -3 एंपियर अब रेजिस्टेंस की वैल्यू होती है ईए अपॉन करंट यह फार्मूला हम जानते ही हैं तो ये वैल्यू आ गई 56 प् r जो निकाली है वहां से इ 3 अप 50 ये करंट की वैल्यू 50 * 10 की पावर -3 और यहां से आ गया 56 प् r इसको सॉल्व करोगे तो आ जाएगा 60 तो r की वैल्यू कितनी आ गई 6 - 56 चच इज 4 ओम तो ये ये आपका 4 ओम इसका आंसर आ गया यही आपको निकालना था कि सर्किट बनाओ जो कि बना दिया और 4 ओम इसका इंटरनल रेजिस्टेंस होगा इस तरह से यह निकलेगा थोड़ा सा ध्यान पूर्वक इन न्यूमेरिकल को कर लेना चाहिए इसको नोट कर लीजिए आप मेरे ख्याल से आप नोट कर पाए होंगे अब चलते हैं ये जो सेल्स होते हैं इनके कॉमिनेशन की बात करते हैं कॉमिनेशन हम तीन तरीके से करते हैं सीरीज पैरेलल एंड मिक्स्ड कॉमिनेशन यह जो कॉमिनेशन ऑफ सेल को आप बैटरी बोलते हैं ये आपको पता ही है तो हम एकएक करके देखेंगे कि सीरीज कॉमिनेशन में क्या हालचाल है पैरेलल में क्या है और मिक्स्ड ग्रुपिंग में क्या हालचाल है आइए देखते हैं कॉमिनेशन ऑफ सेल सीरीज कॉमिनेशन की बात करते हैं सीरीज कॉमिनेशन किसे कहते हैं सीरीज कॉमिनेशन में क्या होता है कि एक बैटरी का नेगेटिव टर्मिनल दूसरी बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल से कनेक्टेड होता है फिर अगर तीसरी बैटरी होती तो इसका नेगेटिव उसके पॉजिटिव से कनेक्ट होता है ऐसे कॉमिनेशन को हम सीरीज कॉम्बिन बोलते हैं सीरीज कॉमिनेशन में अगर दो बैटरी हमने लगाई है e1 e2 और इनके इंटरनल रेजिस्टेंस है r1 r2 तो e इक्विवेलेंट आता है e1 + e2 r इक्विवेलेंट होता है r1 + r2 अभी इसको हम डिराइवर भी करके भी दिखाएंगे कि कैसे फार्मूला आया है तो e इक्विवेलेंट e1 + e2 r इक्विवेलेंट r1 + r2 और अगर ये सेम पोलटी थी अगर कोई बैटरी पलट के लगा दी गई है यहां देखिए प्लस माइनस है माइनस प्लस है यहां देखिए प्लस माइनस प्लस माइनस है ना ये देखिए पलटी हुई है तो इस e2 को हम फार्मूले में - e2 से रिप्लेस कर देते हैं ये e2 की जगह हम - e2 रख देंगे ये बन जाएगा तो कहीं पर भी अगर पोलैरिटी पलटी गई है तो उसको माइनस लगा के लिख दिया जाना चाहिए अपोजिट पोलटी की बात है सीरीज कॉमिनेशन में e इक्विवेलेंट और r इक्विवेलेंट कितना होता है ये आपके सामने यहां पर आ गया है चलिए देखते हैं फार्मूला आया कहां से है इसका डेरिवेशन तो डेरिवेशन है कॉमिनेशन ऑफ सेल्स इन सीरीज कॉमिनेशन तो सीरीज कॉमिनेशन हम बनाते हैं यह दो मैंने सेल लिए हैं e1 r1 e2 आ2 ये e11 e2 क्या है ईएफ r1 आ2 इनके इंटरनल रेजिस्टेंस है और यह मैंने एक डायग्राम बनाया उसको मैं भी समझाता चलूंगा इसी के इक्विवेलेंट एक हमें बैटरी चाहिए जो यह काम कर रही है वही यह काम करे तो इसका ईएफ इंट लिख दिया है इसका इंटरनल रेजिस्टेंस आ इक्विवेलेंट लिख दिया है और ए और सी के बीच में ए स के बीच में वही करंट हमने ड्र की यहां से भिजवाई है तो हम देखते हैं e इक्विवेलेंट और आ इक्विवेलेंट कितना निकलता है आइए देखते हैं यहां पर लेट य इस पॉइंट इस पॉइंट और इस पॉइंट का जो पोटेंशियल डिफरेंस है वोवी बवी स ले लेते हैं इसका इसका v ब इसका v स ठीक अब पोटेंशियल डिफरेंस हम लिखते हैं का ए ए का मतलब माइनस v बी हम जानते हैं फार्मूला हमने डिसचार्जिंग वाला पढ़ रखा था इव माइनस आव फार्मूला हो जाता है v = e माइ आ तो यहां हो गया माइन v ब = e1 य पर बैटरी वव है माइनस आव आई करंट है इसके अंदर यह करंट जो यहां जा रही है वही करंट यहां है वही करंट यहां है इसी तरीके से v बी स की बात करो तो ये हो गया v ब माइन v स इ इक्वल टू इसमें सेल है e2 - ir2 यह दोनों लिख दिया अब हम क्या करते हैं न पोटेंशियल डिफरेंस बिटवीन ए एंड सी a और सी का पोटेंशियल डिफरेंस की बात करें तो v ए को लिखोगे माइ v स और थोड़ी सी तिकड़म कर लेते हैं यहां पर इस माइ v स को लिख लेते हैं va-vb माइ v ब घटा हैं और प्लस v ब जोड़ देते हैं तो इसको लिख दिया va-vb प् v ब माइन v vcp-dcv को लिख लिया va-vb और vcp-dcv ir2 देख पा रहे हैं इसको हमने थोड़ा सा रिअरेंज कर लिया v का मतलब है e1 + e2 यहां से देखिए - ir1 + r2 इस तरीके से हमने इसी को अरेंज कर लिया v ए को अब हम क्या करते हैं इन इक्विवेलेंट कॉमिनेशन इसके अंदर हम लगा देते हैं v और e वाला तो v ए का मतलब क्या हो जाएगा e इक्विवेलेंट माइ i * r इक्विवेलेंट भाई यही तो लगेगा ना v का मतलब e इक्विवेलेंट - i * r लेंट अब इस दूसरी इक्वेशन और पहली इक्वेशन को हम कंपेयर कर देते हैं तो कंपेयरिंग इक्वेशन नंबर वन और इक्वेशन नंबर टू तो हमें यहां साफ तौर पे e इक्विवेलेंट की जो वैल्यू है वो e1 + e2 मिल गई और r इक्विवेलेंट की जो वैल्यू है r ये r1 + r2 मिल गया तो यह फार्मूला हमारा डिराइवर हो गया दो सेल के लिए इसी को हम जनरलाइज कर सकते हैं e इक्विवेलेंट का मतलब है e1 + e2 एंड सो ऑन n तक और r इक्विवेलेंट का मतलब है r इक्विवेलेंट लिख दीजिए r1 + r2 + rn3 कॉमिनेशन में जब भी सेल को जोड़ा जाएगा e इक्विवेलेंट की वैल्यू इस तरह निकलेगी e1 + e2 करते हुए और r इक्ट r1 + r2 करते हुए अब ये जो सीरीज कॉमिनेशन था ये इसका प्रूफ हो गया अब अगला प्रूफ होता है कि सीरीज कॉमिनेशन में मैक्सिमम करंट जो ड्रॉ होती है उसकी वैल्यू निकालो तो आइए चलते हैं फटाफट की वैल्यू देखते हैं यानी कंडीशन फॉर मैक्सिमम करंट फ्रॉम ए सीरीज कॉमिनेशन ऑफ सेल्स क्या होता है यह मैं बताऊंगा फिर उसका डेरिवेशन करूंगा यहां पर देखिए n सेल्स लगे हैं सीरीज कॉमिनेशन में ए सेल्स है सारे सेल्स आइडेंट कल इन नेचर हैं अलग-अलग इसलिए नहीं गए नहीं लिए गए हैं कि ज्यादा रायता घुल जाएगा हमारे सिलेबस के बाहर हो जाएगा तो सिलेबस के अकॉर्डिंग ये आइडेंट कल सेल्स है यानी सब हर सेल का ईएमएफ e और इंटरनल रेजिस्टेंस स्मल r है और एक्सटर्नल रेजिस्टेंस कैपिटल आर ये आई करंट फ्लो हो रही है इसके अंदर अभी देखेंगे तो करंट की वैल्यू यह आएगी ए अप r प् ए ए नंबर ऑफ सेल्स और आई मैक्स की वैल्यू आएगी ए अपन आ जब यह एक्सटर्नल रेजिस्टेंस यह एक्सटर्नल रेजिस्टेंस की वैल्यू य ए क्या होगा टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस से काफी ज्यादा य ए क्या है टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस तो एक्सटर्नल रेजिस्टेंस की वैल्यू जब टोटल इट ल रेजिस्टेंस से काफी ज्यादा होती है तो हमें मैक्सिमम करंट मिलती है और उसकी वैल्यू होती है ne1 r यह कंडीशन देखिए यहां पर मैंने लिख दी है जैसे आप भूले नहीं कि एक्सटर्नल रेजिस्टेंस मस्ट बी मच हाईयर देन दी टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस तो ये कंडीशन ऑफ मैक्सिमम करंट है इन सीरीज कॉमिनेशन और आ मैक्स कितनी मिलेगी ne1 r अब ये इसका डेरिवेशन कि आखिर ये निकला कैसे आइए उसको देख लेते हैं तो ये हम लोग कर रहे हैं डेरिवेशन फॉर कंडीशन फॉर मैक्स करंट इन सीरीज कॉमिनेशन अब इसमें एक हमने सीरीज कॉमिनेशन में ए सेल्स लगाए हुए हैं सीरीज में जैसे मैंने समझाया था सभी इक्विवेलेंट सेल है आइए शुरू करते हैं बात को टोटल ईएफ ऑफ ए सेल सीरीज में कितना आ गया सारे सेल एक के बाद एक सेम पोलटी में है तो टोटल वैल्यू हो गई n न e सबका सिंगल का e है सारे ऐसे ई कितने बार जुड़ेंगे n बार तो e प् e + e कितने बार n बार तो n n हो गया टोटल ईए दूसरी बात करें टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस कितना हो जाएगा सबका इंटरनल रेजिस्टेंस भी r आ है सीरीज में जुड़ रहे हैं r1 + r2 + r3 तो ये सब हो गए n टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस n टोटल ईएमएफ ऑफ द सेल n इन सीरीज कॉमिनेशन अब अगली बात देखिए टोटल रेजिस्टेंस इन द सर्किट क्या है r एक था बाहर और टोटल इंटरनल निकला ् n हो गया टोटल रेजिस्टेंस इन द सर्किट अब करंट आ इन द सर्किट कितना हो गया टोटल ईएमएफ अपॉन टोटल रेजिस्टेंस यही करंट होती है टोटल ईएफ हो गया ए टोटल रेजिस्टेंस हो गया r + n आ यह देखिए ऊपर से वैल्यू रख दी है अब इस केस में स्पेशल केस बनाएंगे हम लोग यह तो करंट की वैल्यू निकल आई इतनी करंट है लेकिन यह मैक्सिमम कब है तो हमने एक बार स्पेशल केस में लिया r की वैल्यू n से काफी बड़ी तो ये जब r की वैल्यू n आ से काफी बड़ी होगी तो n बहुत छोटा होगा इसको नेगलेक्ट कर देंगे तो ne1 r हो जाएगा ne1 r का मतलब क्या है n टाइम्स करंट फ्रॉम वन सेल भाई एक सेल से कितनी करंट मिलती जब r काफी बड़ा होता है n से e / r और यहां n अप r है तो ये n टाइम्स करंट है एक सेल से जो करंट मिल रही थी उससे अच्छा इसकी दूसरी कंडीशन लेते हैं जब r की वैल्यू n आ से काफी छोटी है उस समय देखिए यहां पर ये r इससे छोटा है इस कैपिटल r को छोड़ दो तो n अप n आ जाएगा और ये n ए यहां पे जाएगा कट तो e अप r ये तो वही करंट है जो सिंगल सेल से मिल रही थी क्योंकि जब n आल r से बड़ा है तो उस समय सिंगल करंट सिंगल सेल से भी जो करंट मिलेगी e अप r मिलेगी तो इससे तो कोई फायदा ही नहीं हुआ जो सिंगल सेल से करंट मिल रही थी वही सीरीज से मिली तो हमने सीरीज कॉमिनेशन किया क्यों तो ये तो बात ही खत्म हो गई तो मैक्सिमम करंट किससे मिली हमको मैक्सिमम करंट इससे मिली तो यहां पर हमें ध्यान कर लेना है कि कंडीशन क्या हो गई यह कंडीशन हो गई मैक्सिमम करंट की कि एक्सटर्नल रेजिस्टेंस टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस से काफी बड़ा होना चाहिए और मैक्सिमम करंट की वैल्यू ne1 होने वाली है ये सीरीज कॉमिनेशन में मैक्सिमम करंट की कंडीशन और मैक्सिमम करंट कितनी है यह पता चलता है अब हम पैरेलल कॉमिनेशन की बात करेंगे इसको आप अच्छ अच्छे से नोट कर लीजिए मेरे ख्याल से आप नोट कर पाए होंगे चलिए आगे की बात करते हैं अब कॉमिनेशन ऑफ सेल्स इन पैरेलल कॉमिनेशन की बात करते हैं पैरेलल कॉमिनेशन में क्या होता है कि जो सेल्स लगे होते हैं उनका पॉजिटिव सिरा एक जगह कनेक्टेड होता है और नेगेटिव सिरा एक जगह कनेक्टेड होता है एक जगह मतलब सब साथ में तो ये प्लस प्लस वाले एक जगह कनेक्टेड और माइनस माइनस वाले एक जगह कनेक्टेड ऐसे कॉम्बिन को हम बोलते हैं पैरेलल कॉमिनेशन सुविधा के लिए मान लीजिए e1 r1 e2 r2 पैरेलल कॉमिनेशन में है तो अगर दो सेल की चर्चा की जाए यह अक्सर इस परे सवाल आता है इसलिए अलग से लिख दिया है तो e इक्विवेलेंट कितना निकालो e1 r2 + e2 * r1 अप r1 + r2 अगर दो सेल की बात की जाए इसका डेरिवेशन भी अभी हम करेंगे वो भी बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है तो अगर दो सेल का इक्विवेलेंट में पूछे तो खट से से निकाल देना लेकिन दो से ज्यादा का अगर पूछे तो इन जनरल ये चीज ये रूल फॉलो होता है e इक्विवेलेंट / r इक्विवेलेंट = e1 / r1 + e2 / r2 प् सो ऑन और क्योंकि ये पैरेलल कॉमिनेशन में रेजिस्टेंस जुड़े हैं तो 1 / r इक्विवेलेंट = 1 / r1 + 1 / r2 एंड सो ऑन इन जनरल e इक्विवेलेंट निकालो ग तो e1 / r1 + e2 / r2 ऊपर / 1 / r1 + 1 / r2 नीचे इन जनरल ये वैल्यू बनती है ये कहानी किसकी है पैरेलल कॉमिनेशन की यह फॉर्मूले कहां से आए हैं इसका हम डेरिवेशन करेंगे वो डेरिवेशन आपके लिए काफी महत्त्वपूर्ण है दो के लिए फट से निकल जाएगा इससे लेकिन ध्यान रखना होगा तो ये था कंक्लूजन अब हम देखेंगे कि यह फार्मूला कैसे आया फिर मैक्सिमम करंट कैसे निकालते हैं उसकी भी चर्चा करेंगे आइए चलते हैं डेरिवेशन देखते हैं कॉम्बिन ऑफ सेल्स इन पैरेलल तो ये पैरेलल कॉमिनेशन में दो समीकरण हमने बना दिए दो सेल पैरेलल लगे e1 r1 e2 r2 और यहां ए बी सीडी आपको दिखाई पहा करंट आई गई इसमें i1 आ2 इसमें i1 आ2 फिर मिल गई आ चली गई यही दो सेल का इक्विवेलेंट हमने एक बना दिया है a और सी के बीच में e इक्विवेलेंट और यहां रेजिस्टेंस नहीं दिखाया है रेजिस्टेंस आ इक्विवेलेंट समझ लीजिए करंट वही आई है चलिए इसको राइवल पोटेंशियल डिफरेंस ले रहे हैं b1 b2 के बीच में इस वाले सेल के लिए तो v = vb12 ऊपर वाले से ले रहे हैं तो लिखा e1 माइनस आईव आव इक्ट आईव इ य से आव निकाल लो इस वाली इक्वेशन से तो आव = e1 माइ v अप आव हो गया बराबर अभ नीचे वाली आर्म ले रहे हैं तो v = vb12 पोटेंशियल डिफरेंस दोनों में सेम होगा पैरेलल है लेकिन इस आ में से लेके जाओगे तो e2 माइ आ2 आ2 य देखिए e2 माइ ir2 जो फार्मूला होता था यहां से i2 आपने निकाला इस इक्वेशन से तो i2 = e2 - v / r2 आ गया आप यह जानते हैं कि यह i1 i2 को जोड़ो ग तभी i बनने वाला है तो i1 + i2 की वैल्यू i होनी चाहिए जोड़ दीजिए तो i = i1 + i2 यानी e1 - v / r1 + e2 - v / r2 इन दोनों को जोड़ दिया तो ये देखिए वैल्यू कैसे बन गई i = e1 r1 यहां से अलग कर लिया + e2 r2 - v 1 / r1 + 1 / r2 यह i अब थोड़ा सा इसको हम रिअरेंज करेंगे यहां पर तो देखिए थर्ड में इसी को यहां दूसरे बार यहां लेके आए यहां एलसीएम ले लीजिए आप r1 r2 r1 प् r2 ऊपर और इस टर्म को इधर ले लीजिए और इस आ को उधर भेज दीजिए तो ये वैल्यू हो गई v r1 प् r2 r1 r2 और यहां पे भी एलसीएम ले लिया था r1 r2 नीचे आ जाएगा r e1 r2 प् e2 r1 देख पा रहे हो ना यहां ए कुछ नहीं किया एलसीएम ले लिया है और यह i इधर से इधर से i इधर गया था तो ये - i लिख दिया गया है अब हम लोग क्या करेंगे इस पूरे टर्म से पूरी इक्वेशन को डिवाइड कर देते हैं क्योंकि हमें अकेला v चाहिए कंपेयर करना है तो ये v बना और इससे आप डिवाइड करोगे इस पूरे टर्म को इससे डिवाइड करोगे r1 r2 कट जाएगा r1 + r2 बचेगा और यहां पे - आ के नीचे ही लिखोगे तो r1 r2 ऊपर चला जाएगा r1 + r2 ये बन जाएगा अब ये इक्वेशन हमारी आ गई अब इसके लिए हम इक्वेशन लिख देने वाले हैं कंपेयरिंग विद v = e इक्ट - आ इक्विवेलेंट ये किसके लिए थी ये इसके लिए इक्वेशन है यहां पे कंपेयर आपने किया तो e इक्विवेलेंट क्या आ गया ये आ गई वैल्यू e1 r2 + e2 r1 r1 + r2 और r इक्विवेलेंट क्या हो गया r1 r2 r1 + r2 जो मैंने बताया था दो सेल के लिए अब दो सेल के लिए वैल्यू आ चुकी है इन जनरल बात की जाए हम लोग तो इन जनरल इन सिंपलर वे जैसे क्योंकि ये तो दो सेल के लिए बढ़िया है लेकिन तीन चल तीन सेल चार सेल पांच सेल हो तो ऐसे ही याद रख पाना मुश्किल होगा उसको आसान भाषा में याद करने के लिए e इक्ट अप r इक्विवेलेंट लगा देते हैं तो e1 / r1 + e2 / r2 एंड सो ऑन 1 अप r इक्विवेलेंट का मतलब 1 अप r1 + 1/2 एंड सो ऑन और e इक्विवेलेंट निकालना हो तो e1 r1 प् e2 r2 प्लस करके आप लिख सकते हैं और ऐसे ही यहां लिख सकते हैं तो ये पूरी वैल्यू यह डेरिवेशन आ गया कि दो सेल या दो से ज्यादा सेल लगाए जाए तो इक्विवेलेंट e इक्विवेलेंट r इक्विवेलेंट क्या निकलेगा ये फार्मूले आपके सामने हैं ये डेरिवेशन मैंने जैसे बताया था ये काफी इंपॉर्टेंट है अब इसी में बात की जाएगी कि भाई मैक्सिमम करंट कैसे ड्र करोगे तो इसको पहले नोट कर लो स्क्रीनशॉट लेना चाहो तो ले लो बेटा अब चलते हैं यहां पर देखते हैं कि पैरेलल कॉमिनेशन में मैक्सिमम करंट की कंडीशन क्या होगी तो कंडीशन फॉर मैक्सिमम करंट फ्रॉम ए पैरेलल कॉमिनेशन ऑफ ए सेल्स तो यहां देखिए एम सेल्स लगाए गए हैं सब आइडेंट कल सेल है जैसे कि रायता ना घुले जैसे मैंने सीरीज कॉमिनेशन में लिया था ये एक्सटर्नल लोड है यहां से देखिए आई करंट जा रही है वापस आई जा रही है करंट में और e एक सेल का ईएमएफ r इंटरनल रेजिस्टेंस एक सेल का टोटल आ जो निकलेगी वो m अप ए प् आ होगी या e अप r + r बा m और कंडीशन मैक्सिमम करंट की होगी कि जो एक्सटर्नल रेजिस्टेंस है यह टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस है ये टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस से कम होना चाहिए सीरीज में क्या था एक्सटर्नल रेजिस्टेंस टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस से ज्यादा होना चाहिए बहुत इसमें क्या है एक्सटर्नल रेजिस्टेंस टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस से बहुत कम होना चाहिए और जब मिक्स्ड ग्रुपिंग करेंगे तो दोनों बराबर होना चाहिए याद करने का तरीका ठीक तो यहां पर आ मैक्स की वैल्यू क्या होगी ए अप r और जब कपिल r की वैल्यू वेरी वेरी लेस दन r बा r बा n है ये लिखा है कंडीशन कि एक्सटर्नल रेजिस्टेंस मस्ट बी मच स्मॉलर देन दी नेट इंटरनल रेजिस्टेंस अब इसका बात आती इसके डेरिवेशन की तो इसके डेरिवेशन को करते हैं ये तो आ गया कंक्लूजन कि पैरेलल जब ग्रुपिंग है उसमें मैक्सिमम करंट की वैल्यू कितनी होगी और उसकी कंडीशन क्या है आइए देख लेते हैं इसकी इसका ये डेरिवेशन कैसे आया है तो ये देखिए पुराना ही फोटो लगाया है जो आपको समझा रहे थे यहां शुरू करते हैं सिंस m इंटरनल रेजिस्टेंस कनेक्टेड इन पैरेलल यह m जो है इंटरनल रेजिस्टेंस जो r आ थे वह पैरेलल में कनेक्टेड हैं इसलिए वह टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस को आप अगर 1 / r ' कह देते हैं तो 1 / r + 1 / r को जोड़ मारो m टर्म्स के क्योंकि ये सारे r r r r m बार जुड़े हुए हैं तो यहां पर 1 / r ' की वैल्यू हो गई m / r जोड़कर तो r ' की वैल्यू हो गई r / m ये क्या है टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस अब यहां पर देखिए टोटल रेजिस्टेंस कितना हो गया r + आड तो r था एक्सटर्नल और r ड था टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस व्हिच इज r अप m अब यहां पर टोटल ईएमएफ कितना है क्योंकि सारे सेल जो है पैरेलल कॉमिनेशन में है तो एक का e है दूसरे का भी तो पैरेलल कॉमिनेशन में सबका पोटेंशियल डिफरेंस सेम बना होता है इसलिए इसका नेट इफेक्ट भी e ही आएगा पैरेलल कॉमिनेशन में तो बिकॉज़ ऑल सेल्स कनेक्टेड इन पैरेलल तो इनका नेट रिजल्ट भी क्या होगा e ही क्योंकि सारे के सारे पैरेलल कॉमिनेशन में हैं तो i की वैल्यू क्या हो गई टोटल / टोटल रेजिस्टेंस e / r + r / m तो ये वैल्यू हो गई यहां पे m ले लीजिए एलसीएम तो m / m + r यह हो गई i अब हम स्पेशल केस की बात करेंगे यह रिजल्ट i का तो निकाल लिया है स्पेशल केस क्या होगा अगर r की वैल्यू r / m से काफी छोटी है तो इसको आप नेगलेक्ट कर देंगे ये m ऊपर चला जाएगा m अप r हो जाएगा यह करंट कौन सी है m टाइम्स करंट है सिंगल सेल से मिलने वाली क्योंकि सिंगल सेल में जब कैपिटल r काफी छोटा होगा उस समय एक सेल से जो करंट मिलेगी वो e बा r मिलेगी और यहां आपको कितनी मिल रही है m अप r m टाइम्स करंट है सिंगल सेल से तो ये बात यहां पे बनी अगर आप इसी का अपोजिट कंडीशन ले लेते हैं कि इफ r इज मच ग्रेटर दन r / m तो इसको नेगलेक्ट कर दोगे e / r आ जाएगा और ये क्या करंट बाय सिंगल सेल क्योंकि अगर यह r काफी छोटा होता हैप r की अपेक्षा तो सिंगल सेल से जो करंट मिलेगी e / r मिलने वाली है तो ये सिंगल सेल से करंट है तो यहां पर हमें समझ में आ गया कि मैक्सिमम करंट जो थी वो i = m / r है और कंडीशन हमारी ये है जो मैंने बताई थी कि टोटल एक्सटर्नल रेजिस्टेंस टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस से काफी कम होना चाहिए r बा एम क्या है टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस से काफी कम होगा तो मैक्सिमम आई मिलेगी इन पैरेलल कॉमिनेशन इसको भी आप नोट कर लीजिए अब अगली बात जो आएगी ना वो आएगी मिक्स्ड कॉमिनेशन क्या सीरीज पैरेलल दोनों इसको आप नोट कर पाए होंगे ऐसी मुझे उम्मीद है अब अगला केस आता है जिसे बोलते हैं कंडीशन फॉर मैक्सिमम करंट फ्रॉम मिक्स्ड कॉमिनेशन मिक्स्ड कॉमिनेशन में क्या है ए सेल्स लगे हैं सीरीज में और ए रोज है य सीरीज भी है पैरेलल भी है तो ए सेल्स यानी एक दोती च पा 6 ए और ऐसे कितने रोज है ए तो यह आपकी कहानी है सारे आईडेंटिकल सेल है ई और आर एक सेल का ईएफ e और रेजिस्टेंस स्मल आर है कैपिटल आर इसका एक्सटर्नल लोड है इसमें सिचुएशन क्या होती आ की वैल्यू होती है m ए अप ए प् n आ या ये वैल्यू लिख लीजिए और आ मैक्स जो होता है वो ए अप 2r या n अप 2r होता है जब हमारा एक्सटर्नल लोड टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस के बराबर होता है यहां पर क्या हो जाएगा इसका भी निकालेंगे तो टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस कितना आएगा n आ अप m तो r = n अप m होगा तो मैक्सिमम करंट मिलेगी आपको तो ये कंडीशन हो गई एक्सटर्नल रेजिस्टेंस मस्ट बी इक्वल टू दी टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस ये टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस ये एक्सटर्नल लोड तो मिक्स्ड कॉमिनेशन में बराबर होना चाहिए एक्सटर्नल लोड और टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस और मैक्सिमम करंट की वैल्यू m अप 2r या n अप 2r जब आप n लेंगे तोप r पे चले जाइएगा 2r में और जब m लेंगे रोज में तो 2r पे इंटरनल इसको याद कर लीजिएगा मतलब ये कंडीशन कैसे निकलती है आइए इसको भी झट से देख लेते हैं तो डेरिवेशन है कंडीशन फॉर मैक्सिमम करंट मिक्स्ड कॉमिनेशन के लिए ये फिगर हमारे सामने थी और ये हम समझ चुके थे अब यहां पर टोटल नंबर ऑफ सेल कितना हो गया m इन ए एक सीरीज में ए है और ए रोज है उसके बाद नेट ईएफ ऑफ ईच रो एक रो का ईएमएफ कितना है सीरीज में ए ई ए टाइम्स तो ए हो गया अब उसके बाद ऐसी रोज सब पैरेलल में है ए रोज एस एम रोज आर इन पैरेलल सो नेट ईएफ ऑफ द कॉमिनेशन इ एनी ए ए पैरेलल में है तो टोटल का भी ए हो गया क्योंकि पैरेलल कॉमिनेशन में तो ईएफ सेम रहते हैं एक का ए है सीरीज का दूसरे का भी ए तीसरे का भी n ऐसे m लगे हुए हैं लेकिन सबका ए है पैरेलल में है तो कॉमिनेशन का भी टोटल ईएमएफ n ही n और e हो गया ये भी आप समझ गए नेट इंटरनल रेजिस्टेंस ऑफ ईच रो एक रो का नेट इंटरनल रेजिस्टेंस n आ क्योंकि हर का r है ना इस r आ को n टाइम जोड़ो तो n आ जाएगा अब ये n हमारे पैरेलल में लगे m टाइम्स तो इसको निकालना पड़ेगा हमको एज एम सच रोज आर इन पैरेलल सो टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस आर ड ऑफ दिस कॉमिनेशन भाई n आ इसका है n इसका n इसका ये सारे पैरेलल में है तो पैरेलल वाला फार्मूला लगाना पड़ेगा ये फार्मूला लगा दिया 1 अप आड 1 अप n + 1 अप n कहां तक m टर्म्स तक m टर्म्स तक क्योंकि यह कितना ने थे m टर्म्स अब इनको आप 1 अप आड करोगे जोड़ो ग तो m अप n आ आ जाएगा आड की वैल्यू हो गई n आ अपन ए यहां आप देख पाए अभी टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस क्या हो गया आड n आ अप m अब यहां टोटल रेजिस्टेंस ऑफ द सर्किट कितना है r प् आड यानी r प् n आ अप m ये r में टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस जो हमने निकाला है वो जोड़ दीजिए क्या है इसमें अब करंट निकालते हैं करंट थ्रू r आ है टोटल ईएफ अपन टोटल रेजिस्टेंस टोटल ईएमएफ था यहां से ए टोटल रेजिस्टेंस कितना है बेटा r + n अप m अब इसको थोड़ा सिंपलीफाई कर लेते हैं य एलसीएम ले लिया m + n हो गया ये m ऊपर चला गया m एंड e अब ये आ आई है अब इसके स्पेशल केस हमको बनाने पड़ेंगे इसलिए मैंने कंटिन्यूड लिख दिया अगली स्लाइड पर है तो m ए / m + n अगली स्लाइड पर देखते हैं क्या हालचाल बनता है अब ये देखिए हमारी करंट आ चुकी थी m ए अप ए ् n आ अब यहां पर इस करंट को अगर मैक्सिमम होना है तो ये डिनॉमिनेटर को हमें मिनिमम करना पड़ेगा तभी तो होगा यानी m ् n आ को मिनिमम करना पड़ेगा तो मिनिमम करने के लिए हम क्या तिकड़म इस्तेमाल करेंगे थोड़ी तिकड़म देखिए ये m ् n आ मिनिमम करना है तो ए प् n आ को हमने लिख लिया m को अंडर रूट ए का स्क्वायर भाई स्क्वायर करोगे रूट हट जाएगा ए आ जाएगा n आ के ऊपर लिख दिया रूट ए आ का होल स्क्वायर लिख सकते हो असल बात इसमें हमें ए प् बी का होल स्क्वायर बनाना है उसके लिए तिकड़म कर रहे हैं अब यहां अगले स्टेप पर क्या किया हमने इस वैल्यू को कॉपी पेस्ट किया इसमें 2ab घटाया और जोड़ा -2 ए प्स 2 अंडर रट ए ए आ -2 ए प् 2ab जोड़ घटा दिया अब यहां पर इतनी वैल्यू को आप साथ में ले ले इतनी a स्क प् ब स् - 2ab तो a - b काल स्क्वायर हो गया और ये + 2ab यहां हो गया बात समझ में आई दिख रहा है ना ये a स् + b स् - 2ab तो a - b का स्क्वा ये a था ये b था और ये + 2 √ आ मैक्सिमम होगा तो लिखा एज द परफेक्ट स्क्वायर कैन नॉट बी नेगेटिव सो m + n विल बी मिनिमम इफ दिस वैल्यू इ जीरो अब जीरो होने का मतलब क्या है अंडर रूट m = √ n इसको इधर ले जाओ रूट हटा दिया m बरा n तोप r की वैल्यू n अप m मिल गई दिस इज द कंडीशन फॉर मैक्सिमम करंट ये कंडीशन अचीव हो गई तो ये कंडीशन क्या है एक्सटर्नल रेजिस्टेंस की वैल्यू टोटल इंटरनल रेजिस्टेंस ऑफ द सेल के बराबर हो ये कंडीशन क्या है मैक्सिमम करंट की कंडीशन है और कंडीशन फॉर मैक्सिमम करंट ये आ गई जो लिखी मैंने और आ मैक्स कितना आया एप 2r या ne2 आ याद रखिएगा m है रोज n है नंबर ऑफ सेल्स तो ये वैल्यू यहां पर ऐसे लिख दी गई है इसको पकड़ के रख याद कर लीजिएगा बेटा यह कहानी सेट हो गई तो यहां पर ये कंडीशन और i मैक्सिमम की वैल्यू भी आप निकाल पाए हैं तो इस को आप नोट कर लीजिए पॉज करके जिससे कि आप बढ़िया तरीके से परफॉर्म कर पाएं आगे चलते हैं बेटा ये आप नोट कर पाए होंगे ऐसी मुझे पूरी उम्मीद है अब अ आता है क्रिस्टऑफ लॉ की कहानी ये डेरिवेशन आप पूरी तरह सीख चुके हैं ये मिक्स्ड की कहानी थी उम्मीद है पकड़ पाए होंगे मिक्स्ड कॉमिनेशन में मैक्सिमम करंट कब मिलती है उसके हालचाल आपके सामने लिखा है व बता गए डेरिवेशन सारे इंपॉर्टेंट हैं आने चाहिए अब आता है किचऑफ लॉ ये भी बड़ा इंटरेस्टिंग लॉ है इस पर सवाल वगैरह भी बनते रहते हैं आइए पहले देख लेते हैं किचऑफ लॉ कहता क्या है तो फर्स्ट लॉ या जंक्शन रूल हमारा बोलता है इसको फर्स्ट लॉ भी बोलते हैं जंक्शन रूल भी बोलते हैं केसीएल भी बोलते हैं क्रश ऑफ करंट लॉ यह बताता है कि किसी भी जंक्शन पर आने वाली करंट बराबर जाने वाली करंट तो आने वाली करंट है जैसे i1 प् आ2 और जाने वाली है i3 प् i4 और इसको लिखते क्या है समेशन आ = 0 समेशन आ में प्लस माइनस कहा जाता है वो आप लिख दीजिएगा उसमें फसने ही नहीं कि जंक्शन पर आने वाली को प्लस लिया और जाने वाली को माइनस कहा जोड़ जाड़ के बराबर जीरो सिंपल आने वाली करंट बराबर जाने वाली करंट खत्म यह जो कॉफ लॉ होता है यह कंजर्वेशन ऑफ चार्ज पर बेस्ड होता है ये ध्यान रखिएगा ये अक्सर पूछा जाता है दिस लॉ इज बेस्ड ऑन कंजर्वेशन ऑफ चार्जेस अब क्रॉफ का दूसरा लॉ होता है सेकंड लॉ या लूप रूल या क्रॉफ वोल्टेज लॉ ये क्या बोलता है कि किसी भी क्लोज लूप के अराउंड अभी मैं दिखाऊंगा एक सवाल करके क्लोज लूप के अराउंड जो पोटेंशियल डिफरेंस है उसका अलजेब्रिक सम हमारा जीरो आता है अभी हम जब इसको ऐसे नहीं समझ पाएंगे जब हम सवाल सॉल्व कराएंगे तब आप पकड़ पाएंगे कहां कैसे ले रहे हैं तो किसी भी क्लोज लूप में क्लोज लूप होना चाहिए उसमें डेल्टा व की वैल्यू आप जोड़ेंगे सब तो शून आनी चाहिए यह बेस्ड होता है कंजर्वेशन ऑफ एनर्जी पर यह भी क्लियर होना चाहिए यह क्रिस्टऑफ लॉ बड़े काम का ल लॉ है क्योंकि आप सभी सर्किट को सिंपल सीरीज सर्किट या रे पैरेलल सर्किट में तोड़ नहीं सकते हैं तो जब कॉम्प्लेक्शन ऑफ लॉ लगा कर आप जाने वाली किसी भी आर्म में जाने वाली करंट निकाल सकते हैं इक्विवेलेंट रेजिस्टेंस निकाल सकते हैं किन्हीं दो पॉइंट के बीच का पोटेंशियल डिफरेंस निकाल सकते हैं यह सारे काम क्रॉफ लॉ करके आपको देता है चलिए इसलिए बड़ी ही पावरफुल लॉ है दो ही लॉ है सिंपल से जो आपके सामने है अब इसमें एक छोटा सा साइन कन्वेंशन भी ध्यान रखिए जो मैं बता रहा हूं उसको देखिए हो सकता है टीचर ने आपको कुछ और बताया हो वो भी सही बताए होंगे क्योंकि अगर कहीं पर लिखा हुआ है मान लीजिए x बरा y तो हो सकता मैं x = y बोल रहा हूं और आपके टीचर x - y = 0 बोल रहे हो दोनों बात सही है तो उससे घबराइए नहीं कई किताबें कई तरह से कहती हैं मैं जो बात कह रहा हूं इसको इस्तेमाल करेंगे तो कभी गलती नहीं होगी किसी भी तरह के सवाल में इसीलिए मैं यह बता रहा हूं तो पहला क्या करना है आपको कोई क्लोज लूप लेना है और उसमें क्लॉक वाइज या एंटी भाई लूप होगा तो या क्लॉक वाइज चलो या एंटी क्लॉक वाइज चलो डिसाइड कर लो जिधर भी जाना आपको छूट है आप क्लॉक वाइज या एंटीक्लॉक वाइज अपनी इच्छा अनुसार मूव कर सकते हैं दूसरी बात अगर रास्ते में सेल पड़ रहा है बै सेल आ रहा है तो सेल अगर आ रहा है प्लस माइनस देख रहे हैं और सेल में आप इस तरह मूव कर रहे हैं प्लस टर्मिनल के तौर पर तो हमेशा प्लस e लेना है प्लस e ईएमएफ जो है सेल का प्लस e लेना है साइन लगाते वक्त और अगर आप प्लस माइनस में माइनस टर्मिनल की तरफ जा रहे हैं तो माइनस ही करना है ये प्लस टर्मिनल का मतलब है अपर पोटेंशियल पे जा रहे हैं तो प्लस e लोअर पोटेंशियल पे जा रहे हैं तो माइनस ही इन द केस ऑफ सेल जैसे मैंने बताया आप कोई दूसरी किताब पढ़ेंगे या टीचर साहब आपके पढ़ा रहे होंगे हो सकता है उसको यह - e कह दे आप वो कह दे या इसको प्लस ही कह दें उससे घबराना नहीं है क्यों क्योंकि यहां पर मैंने बताया कि यह कहानी एक ही है वोह भी सही कह रहे हैं मैं भी सही कह रहा हूं जबकि जो मैं सही कह रहा हूं अगर ऐसा फॉलो करते हैं तो कहीं कोई गलती नहीं होने वाली आपसे इसी को फॉलो करें ज्यादा मजा आएगा आगे बात करते हैं रेजिस्टेंस अगर आपका पढ रहा है तो रेजिस्टेंस में करंट की डायरेक्शन देखते हैं करंट जिस दिशा में है उसी दिशा में आप जा रहे हैं तो यहां पोटेंशियल ड्रॉप क्या होगा - आ v = आ होता है तो माइनस साइन लगा देंगे - आ कम पोटेंशियल की तरफ पोटेंशियल डाउन हो रहा है अगर आप रेजिस्टेंस में करंट इस तरफ जा रही है आप उल्टी दिशा में आ रहे हैं करंट की उल्टी दिशा में तो पोटेंशियल आप अप कर देंगे इत नी आपके सिलेबस के अनुसार इतनी चीजें आप जानेंगे तो क्रिस्टऑफ लॉ आसानी से लगा पाएंगे उम्मीद है आप बात समझ पाए होंगे पूरी कि कहानी क्या है इनको आप ऐसे ही फॉलो कीजिए आसानी रहेगी अब इसको बेहतर मैं हट गया हूं स्क्रीनशॉट ले सकते हैं इसको बेहतर समझने के लिए मैं एक सवाल आपके सामने लाता हूं इस सवाल को मैं करके दिखाऊंगा जिससे आपकी सुपर क्लेरिटी बन जाए आइए करते हैं सवाल को फाइंड द करंट इन ईच ब्रांच इन द गिवन फिगर ये एक पर फिगर है सर्किट है अब इस सर्किट में अगर आप सीरीज पैरेलल निकालने जाएंगे तोड़ना चाहेंगे तो नहीं तोड़ पाएंगे एक छोटा सा यह छोटा कॉम्प्लेक्शन नहीं है छोटा कॉम्प्लेक्शन फर्स्ट लॉ जो क्रिस्टऑफ का फर्स्ट लॉ है जिसे आप क्रिस्टऑफ करंट लॉ बोलते हैं क्रिस्टऑफ करंट लॉ क्या बोलता है किसी भी जंक्शन पर आने वाली करंट जाने वाली करंट की बराबर होगी जंक्शन क्या होता है वो पॉइंट जहां पर दो से ज्यादा कंडक्टर मिल रहे हो तो वह जंक्शन कहलाएगा उस आने वाली बराबर जाने वाली करंट उस बेसिस पर हम अपने मन से इसमें करंट को फ्लो करा देते हैं बिल्कुल नहीं डरना है जो मन में आए वह करंट को फ्लो कराना है बस इतना ध्यान रखना है कि नंबर ऑफ वेरिएबल हमें कम से कम रखने हैं क्योंकि जितने नंबर ऑफ वेरिएबल हम बढ़ा देंगे अननोन उतनी इक्वेशन चाहिए होंगी सॉल्व करने के लिए तो हमारा काम बढ़ जाएगा निकल तो तब भी आएगा काम बढ़ जाएगा खैर शुरू करते हैं सी केयरफुली इन दी डायग्राम मैं यहां पर अब जो फोटो चमकाने वाला हूं वहां पर बायफर केशन ऑफ करंट है और ये बायफर केशन ऑफ करंट आ गई दए से आ गई तो घबराना नहीं है मैं समझाता हूं इसको यहां पर देखिए इससे इस वाले सेल से हमने एक i1 करंट निकाली और इस सेल से मैंने i2 निकाली प्लस वाले से निकाली कहीं से निकाल सकते हो इधर की जगह इधर से भी निकालो ग तो भी दिक्कत नहीं माइनस में रिजल्ट आ जाएगा बस वो हम समझ जाएंगे हम लोग तो हमने इस वाले सेल से i1 निकाली इससे i2 निकाली ये i1 यहां तक i1 पहुंची यहां से ये i2 पहुंची अभी आने वाली i1 i2 है तो जाने वाली कितनी होगी इन दोनों का जोड़ आने वाली बराबर जाने वाली ये जंक्शन है ना दो तार से ज्यादा तीन तार जुड़ रहे हैं जंक्शन हो गया को जंक्शन क्या होता है जहां दो से ज्यादा तार जुड़ते हैं दो तार जुड़ रहे होते तो सेम य करंट होती लेकिन तीसरा तार भी जुड़ा है तो ये i2 यहां से आई i1 यहां से आई दोनों जुड़कर i1 + i2 चली गई आने वाली बराबर जाने वाली अब इसमें क्योंकि एक ही तार है तो i1 + i2 यहां तक पहुंची अब इसी इस वायर में इस सेल से i1 निकली थी तो i1 आनी चाहिए तो यहां से i1 टूट गई आने वाली i1 + i2 इसमें i1 होनी चाहिए तो i1 चली गई इसमें i2 चली गई क्योंकि जितनी निकली करंट है उतनी ही करंट इसमें आनी चाहिए अगर इसमें i2 थी तो इसमें i2 होनी चाहिए यहां भी i2 होनी चाहिए यहां i2 का मतलब यहां i2 होनी चाहिए और इसी तरह यहां पर अगर i1 है तो यहां i1 होनी चाहिए तभी तो जाएगी तो यहां से i1 + i2 आ रही थी i1 इधर निकल गई i2 इधर निकल गई ये हमने क्या लगाया क्रिस्टोफ करंट लॉ यह बायफर केशन ऑफ दी करंट लगा दिया अब क्रॉफ का सेकंड लॉ लगाने जा रहे हैं हम लोग सेकंड लॉ क्या है केवीए आइए शुरू करते हैं पहले लेना होगा क्लोज लूप तो फॉर क्लोज लूप क्लोज लूप देखिए जिस बेसिस पे लिखा है वैसे ही मूव करेंगे हम लोग एडी a d c b a a से शुरू हुए a पे खत्म हुए क्लोज्ड a d c b a और जैसे लिखा वैसे ही मूव करेंगे यहां क्या कर रहे हैं अप्लाई कर रहे हैं केवीएल यानी क्रिस्टोफ का सेकंड लॉ लूप लॉ चलिए शुरू करते हैं यहां पर देखिए इधर से इधर जा रहे हो मैं यहां लिखता हूं तब आपको नजर आएगा साफसाफ यहां ए से बी ज जैसे ए सेडी इधर से इधर जाएंगे तो ए सेडी गए मैंने बताया था कि करंट की डायरेक्शन में आप जाओगे तो पोटेंशियल ड्रॉप होता है यानी माइनस साइन आ जाता है तो मा i * r 4 * i1 प् i2 माइनस के साथ देखो करंट की डायरेक्शन में चलोगे पोटेंशियल ड्रॉप यानी माइनस साइन -4 i1 प् आ2 i * r पोटेंशियल ड्रॉप होता है v होता है तो माइनस लिख दिया अब फिर इसके बाद इधर चले तो इसमें तो जो वायर था कोई रेजिस्टेंस था नहीं तो कोई पोटेंशियल ड्रॉप नहीं कोई दिक्कत नहीं हुई फिर स से आगे बढ़े जिस डायरेक्शन में करंट है उसी डायरेक्शन में जा रहे हो फिर पोटेंशियल ड्रॉप i * r तो माइनस का 2 आव आ जाएगा -2 आव करंट की डायरेक्शन में चल रहे हो तो माइनस -2 इन i1 अब यहां सेल आ गया आप इधर से आ रहे हो प्लस टर्मिनल की तरफ जा रहे हो तो प् 12 प् 12 बराबर 0 बस लग गया लॉ कुछ नहीं करना है अब आपकी टीचर हो सकता बताए हो कि 12 को इधर रखना है तो माइनस प्लस चेंज कर दिया हो उसे नहीं घबराना है जो मैं बता रहा हूं इसको फॉलो करो सुख ही सुख मिलेगा कोई दिक्कत नहीं होगी ठीक है तो जहां पर करंट की डायरेक्शन में जा रहे हो माइनस करंट के अपोजिट डायरेक्शन में जा रहे हो प्लस सेल के पॉजिटिव टर्मिनल पर जा रहे हो प्लस माइनस की तरफ जा रहे हो माइनस बात खत्म अब इसी को थोड़ा सा रिअरेंज कर लेते हैं इस इक्वेशन को तो इसको हमने रिअरेंज किया देखिए यहां -4 से मल्टीप्लाई कर दिया -4 i1 और ये दो था तो -6 i1 आ गया -4 आ2 और + 12 बराबर 0 अब यहां माइनस से हमने मल्टीप्लाई किया और इसको इधर ले गए तो ये हो गया 6 प्लस 4 आ2 बराबर 12 इधर ग थे तो माइनस था माइनस से मल्टीप्लाई किया प्लस हो गया यह डिवाइड हो रहा है कितने से दो से तो दो से डिवाइड कर दिया 3 आव 2 आ2 प् 6 ये इक्वेशन नंबर वन यहां पर देखिए दो अननोन है हमारे पास तो कम से कम दो इक्वेशन हमको चाहिए इसको सॉल्व करने के लिए हमेशा कोशिश करिएगा कि जो अननोन अननोन का मतलब आव आ2 जो मान रहे हो यह बिना बात के ज्यादा मत मानिए ज्यादा मानेंगे तो ज्यादा इक्वेशन लगेगी तो मुसीबत होगी निकालने में जितने कम में काम चल जाए उतना बढ़िया है ठीक है अब दूसरी इक्वेशन के लिए हमें दूसरा क्लोज लूप लेना है तो ये देखिए क्लोज लूप ले लिया ए f ए एडी e ए ए ये क्लोज रूप ले लिया समझ में आया होगा जैसा लिखा है वैसे ही मूव करेंगे अब इसमें केवीएल लगा रहे हैं चलिए शुरू कीजिए ए सेडी गए हमने देखा था जिस डायरेक्शन में जा रहे हैं उसी डायरेक्शन में करंट है तो माइनस आ जाएगा तो -4 आव प् आ2 तो -4 i1 प् आ2 आगे बढ़े यहां पर आए केवल तार था तो कोई पोटेंशियल ड्रॉप नहीं करंट की डायरेक्शन में ही चले हो तो फिर माइनस तो -1 * आ2 -1 * आ2 और यह सेल की प्लस की तरफ चल रहे हो तो ् 6 बरा 0 अब इसको रिअरेंज कर लीजिए -4 i1 -4 आ2 और एक i2 इधर का -5 आ2 प् 6 = 0 अब माइनस से मल्टीप्लाई कर दिया तो वैल्यू हो गई यहां क्या 4 i1 प् 5 आ2 = 6 इन पहली दूसरी इक्वेशन को साइमल असली सॉल्व करना है और i1 आ2 का आंसर निकाल लेना है देखिए निकाल लेते हैं यहां पर देखिए 3 i1 प् 2 i2 बराब 6 था यहां 4 i1 प् 5 आ2 बरा 6 था अब यहां पर हमने क्या किया पहले को पांच से मल्टीप्लाई कर दिया 10थ वाला मामला है i2 भगाने के लिए पहले को पांच से मल्टीप्लाई किया दूसरे को दो से मल्टीप्लाई किया तो पहली इक्वेशन पांच से मल्टीप्लाई किया तो 15 i1 + 10 i2 = 6 से म पाच से मल्टीप्लाई किया 30 दूसरे को दो से किया तो 8 i1 10 i2 और यह 12 घटा दीजिए तो यह देखिए कट गया तो यह आ गया 7 i1 30 में से 12 गया 18 तो i1 की वैल्यू हो गई 18 / 7 एंपर तो इस जहां पर i1 जा रहा है इस ब्रांच में व करंट निकाल पाए 18/7 एंपियर i2 निकाल लेते हैं तो i2 के लिए फ्रॉम i1 3 i1 + 2 i2 = 6 i1 की वैल्यू पुट की कर दी 18/7 + 2 i2 = 6 तो 2 आ2 की वैल्यू हो गई 6 माइनस इसकी वैल्यू 54 अप 7 यानी 42 - 54 बा 7 और i2 की वैल्यू आ गई यहां से - 12/2 * 7 यानी - 6/7 एंपियर यह माइनस साइन का क्या मतलब है कि हमने i2 इधर माना था लेकिन असल में i2 उल्टी है बात समझ में आ रही है क्या यह माइनस आने का मतलब है कि जो हमने माना था करंट उसकी विपरीत दिशा में एक्चुअल करंट है तो एक्चुअल करंट इसमें ऐसे जा रही है हमको शुरू में थोड़ी पता था हमने तो मान लिया था कुछ भी मान लो लेकिन निकलेगा सही तो यहां पर हमें निकल के आया - 16/7 एंप माइनस का मतलब जो अजमन था करंट का उसकी विपरीत दिशा में करंट जा रही है बात समझ में आई होगी और इस इसमें i2 करंट है तो ये भी ब्रांच मालूम पड़ गई ये i1 + i2 निकालना है तो ये i1 + i2 आप जोड़ दीजिए 18/7 और - 6/7 12/7 एंपियर की करंट आपकी इसमें जा रही है ये प्लस है तो ये करंट बिल्कुल दुरुस्त है जिस डायरेक्शन में मानी है प्लस आने का मतलब जो हमने माना था वो सही है माइनस आने का मतलब जिस डायरेक्शन में हमने माना था उसके अपोजिट डायरेक्शन में करंट है ये यहां पर देखिए आपका आंसर निकल आया ब्रांचेस में करंट इस तरह से क्रॉफ लॉ का पूरा सवाल आप लगा सकते हैं बड़े प्यार से तो इसको नोट कर लीजिए पूरी एक एक स्टेप मैंने आपको समझा दिया है आइए अगले चरण में प्रवेश करते हैं हम लोग और वीट स्टोन ब्रिज की बात करते हैं जो वीट स्टोन ब्रिज होता है किस काम में आता है यह किसी अननोन रेजिस्टेंस का रेजिस्टेंस आप निकाल सकते हैं क्विकली एंड एक्युरेटली कहीं हाईलाइट होगा ये यानी कि बहुत जल्दी और बहुत सही तरीके से आप किसी अननोन रेजिस्टेंस का रेजिस्टेंस निकाल सकते हैं जैसे यहां प क आर एस एक बनाया हुआ है सिस्टम अरेंजमेंट है ट स्टोन ब्रिज का प क आ मालूम है s अननोन नहीं मालूम तो इसको हम बैलेंस कंडीशन में लाकर s की वैल्यू निकाल लेते हैं जब ये बैलेंस कंडीशन में होता है तो उस समय ए और बी सेम पोटेंशियल पर होते हैं इस आर्म में गैल्वेनोमीटर लगा इस आर्म में कोई करंट नहीं फ्लो होती और उस सिचुएशन में ये कंडीशन होती है बैलेंस कंडीशन यानी p / q = r / s इसका प्रूफ भी इंपॉर्टेंट है अभी हम लोग करने वाले हैं p / q = r / s ये है यहां पर क्या बैलेंस्ड कंडीशन याद रखिए ये जो आर्म्स होती है जो p और q को होल्ड कर रही होती हैं इनका नाम नॉर्मली बोलते हैं रेशियो आर्म इसके बाद आर्म कंटेनिंग आर ये जो आर कंटेन कर रही है उसको बोलते हैं स्टैंडर्ड आर्म और तीसरी जहां पर रेजिस्टेंस अननोन होता है इसको बोलते हैं अननोन आर्म नामकरण है कहीं कोई किताब पढ़े और आ जाए सामने तो ऐसा ना लगे कि पता नहीं क्या नामकरण चल रहा है इसलिए यह बातें कही गई है तो समझ गए होंगे अगर बैलेंस अगर ये बैलेंस कंडीशन नहीं है बैलेंस कंडीशन होने का मतलब इस ए बी में कोई करंट नहीं जाएगी ए और बी का पटल सेम होगा तभी तो करंट नहीं जा रही है अगर यह बैलेंस कंडीशन नहीं हुई यह नहीं हुआ तो करंट जाएगी फिर हमें कच ऑफ लॉ लगाना पड़ेगा अगर बैलेंस कंडीशन नहीं हुई तो कच ऑफ लॉ लगा के सवाल निका लोगे और बैलेंस कंडीशन हुई तो चीजें सरल हो जाएंगी बैलेंस कंडीशन के लिए यह होना जरूरी है अब हम लोग डेरिवेशन करेंगे कि यह बैलेंस कंडीशन में यह कंडीशन आ कहां से गई आइए देखते हैं उसका डेरिवेशन करते हैं हम लोग तो डेरिवेशन ऑफ बैलेंस कंडीशन वीट स्टोन ब्रिज ये वीट स्टोन ब्रिज हमने एक बनाया है ये अरेंजमेंट होता है चार रेजिस्टेंसस का जैसे आप देख पाए बीच में गैल्वेनोमीटर है और यह पी क्य आर एस ए बी सीडी नाम दे दिए ईएमएफ और करंट इस तरह से जा रही है अब यहां पर देखिए अप्लाई कर रहे हैं क्रिस्टोफ का करंट लॉ पहला लॉ फर्स्ट लॉ तो हम यहां पर क्या करेंगे करंट का बायफर केशन करेंगे अब हम अगला क्लिक मारेंगे जब तो वेरियस ब्रांचेस में करंट आपको दिखाई पड़ेगी यह देखिए करंट यहां दिख रही है कैसे करंट बनाई यह करंट आई जा रही थी दो ब्रांचेस में i1 और आ2 बायफर केट कर गई आने वाली करंट बराबर जाने वाली करंट आने वाली थी आ जाने वाली i1 प् आ2 यानी i = i1 प् आ2 ठीक अब यहां पर यह आव करंट यहां तक गई अब इसमें आव में से मान लीजिए गैल्वेनोमीटर वाली ब्रांच में ई गई है तो यहां पर i1 - आ लिख सकते हैं आप भाई आने वाली जो करंट i1 थी i1 में से टा दो तो i1 - धर चली गई ई यहां तक आई है i2 यहां आई है ये i2 और ई मिलके i2 + ई इधर से चली गई यहां से i1 - ई i2 + ई दोनों को जोड़ो ग मिल जाएगा i1 + i2 जो कि i के बराबर है शांति से देख लीजिए पॉज करके देख लीजिए जिससे समझ में आए कि किस तरह से करंट डिस्ट्रीब्यूटर हैं करंट आप कैसी भी डिस्ट्रीब्यूशन कर सकते हैं जैसे यहां पर मैंने यह आव किया था इसी आ2 को आप आ माइ आव भी लिख सकते थे हमने चीज सिंपल रखने के लिए अभी य सिंपल आ जाएंगी क्योंकि मैं कर चुका हूं पहले इसलिए इसको i2 लिख दिया वरना अगर आप चाहे तो इस आ2 को यहीं पर आप कह सकते हैं कितना आ में से आईव भाई आईव चले गी तो बची कितनी आ माइ आव यह भी ले लीजिए कोई समस्या नहीं है तो इसको ले लीजिए चाहे ये लिख लीजिए कोई प्रॉब्लम नहीं आगे चलते हैं अब हम लगाएंगे क्रिस्टोफ का वोल्टेज लॉ केवीएल सेकंड रूल की बात कर रहे हैं केवीएल वो कौन सा क्लोज लूप ले रहे हैं ए बीडी ए ए बीडी ए ये क्लोज लूप जिस तरह से लेटर्स लिखे हैं उसी तरह से मूव करेंगे यानी ए से बी जाएंगे बी से डी जाएंगे डी से ए जाएंगे जैसे कोई कंफ्यूजन हमको और एग्जामिनर को ना हो चलिए शुरू करते हैं जाना यहां से a से b गए इसमें करंट i1 थी इस p इसका रेजिस्टेंस की वैल्यू थी जिस डायरेक्शन में आप जा रहे हैं उसी डायरेक्शन में करंट है तो पोटेंशियल ड्रॉप हो जाएगा - i1p यहां से जिस डायरेक्शन में आप जा रहे हैं उसी डायरेक्शन में करंट है पोटेंशियल ड्रॉप हो जाएगा ये जी क्या है रेजिस्टेंस गैल्वेनोमीटर का तो - आ * g फिर आप d से a जा रहे हैं यहां पर जिस डायरेक्शन में आप जा रहे हैं अपोजिट डायरेक्शन में करंट है तो ये प्लस हो जाएगी i2 * r करंट की डायरेक्शन में माइनस करंट के अपोजिट डायरेक्शन में प्लस ये वैल्यू यहां पर बन गई i1p - आ ई नज प् i2r = 0 बढ़िया अब देखिए इसी को थोड़ा माइनस अरेंज कर लिया माइनस से मल्टीप्लाई वगैरह करके i1p + आ = i2 * r अब दूसरा क्लोज लूप लिया हमने बी सीडी बी बी सीडी बी इस तरह से मूव करेंगे तो चलिए जिस तरह लिखा है उसी तरह से मूवमेंट करेंगे बी से सी सी से डीडी से बी तो बी से सी गए हम लोग जिस डायरेक्शन में जा रहे हैं उसी डायरेक्शन में करंट है ड्रॉप पोटेंशियल यानी q इन आव माइन आ माइनस में तो माइनस में आईव माइन आईजी इन क फिर c सेडी जिस डायरेक्शन में करंट है उसके अपोजिट जा रहे हैं प्लस हो जाएगा i2 प् ई * s प्लस में i2 प् आ इन s प्लस में आ गया देखिए प्लस लिगा हुआ है फिर डी से बी जा रहे हैं फिर इस करंट के अपोजिट जा रहे हो डी से बी है ना डी से बी जा रहे हो ना तो करंट के अपोजिट फिर प्लस हो जाएगा तो यह हो जाएगा ई नज यह करंट के अपोजिट अगर आप जा रहे हैं तो यह प्लस हो जाएगा बेटा यह प्लस हो गया d से b जा रहे हो ना d से b ये ई * g प्स हो गया बात समझ में आ गई अब यहां पर देखिए क्या हुआ इन दी बैलेंस्ड कंडीशन ई की वैल्यू रो होती है भाई बैलेंस्ड कंडीशन में क्या होगा कि इसमें कोई करंट नहीं जाएगी यानी ई की वैल्यू रो होनी चाहिए अब इन दोनों इक्वेशंस में ई की वैल्यू रो पुट कर दीजिए आप अब देखिए इक्वेशन वन जो है जिसमें 0 पुट करोगे तो i1p = i2r आ जाएगा क्योंकि ई तो 0 हो गई इसी तरीके से इसकी इक्वेशन में देखो यहां पर पुट करोगे 0 तो यह वैल्यू हो जाएगी i1 q - i1 q और यह 0 + i2s ये तो ़ हो गया + i2s ब - i1 q इसको उधर ले जाओ तो i1 q = i2s बात समझ में आई अब क्या करो इन दो इक्वेशंस को आपस में डिवाइड कर दो i1p = i2r i1 q i2s को तो i1p / i1 q i2r / i2s यहां से देखिए i1 i1 i2 i2 कैंसिल हो जाएगा तो p / q = r / s यह आपकी बैलेंस्ड कंडीशन मिल गई तो वीट स्टोन ब्रिज की बैलेंस्ड कंडीशन p / q = r / s होगी और इसका मतलब क्या होगा मतलब यह होगा कि इस ब्रांच में कोई करंट नहीं जाएगी यह दोनों सेम वोल्टेज पर हैं कैसे निकलती है मेरे ख्याल से आप इसको नोट कर पाए होंगे एक कदम आगे चलते हैं हम लोग अब देखिए सेंसिटिविटी ऑफ वीट स्टोन ब्रिज क्या होता है सेंसिटिविटी का मतलब होता है कि इसमें जो रेजिस्टेंसस लगाए हैं आपने पी क्यू आर एस इनको थोड़ा सा भी चेंज करो तो गैल्वेनोमीटर बहुत तेजी से डिफ्लेक्शन शो करें इसको बोलते हैं सेंसिटिविटी ऑफ दी गैल्वेनोमीटर ये कब मैक्सिमम होती है जब p क आर ए सेम ऑर्डर के होते हैं यही बात लिखी है देखिए यहां पर वीट स्टोन ब्रिज इज सेड टू बी सेंसिटिव इट शोज ए लार्ज डिफ्लेक्शन इन द गैल्वेनोमीटर फॉर ए स्मॉल चेंज ऑफ रेजिस्टेंस इन द रेजिस्टेंस आर्म तो रेजिस्टेंस आर्म में कहीं भी चेंज करोगे तो आपको लार्ज डिफ्लेक्शन गैल्वेनोमीटर में मिले ये सेंसिटिविटी है और यह सेंसिटिविटी ज्यादा कब होगी जब सेम ऑर्डर के रेजिस्टेंसस आप लेंगे तो रेजिस्टिविटीज जाता है रेजिस्टविटी मैक्सिमम कब होती है तब होती है जब सेम ऑर्डर के आपको मिल जाए अगली बात करते हैं एडवांटेज क्या है वीट स्टोन ब्रिज मेथड का कि भाई इसका हम रेजिस्टेंस जो अननोन का निकाल रहे हैं इससे फायदा क्या मिलता है तो सबसे कुछ फायदे आपके सामने पहला ये नल मेथड है नल मेथड का मतलब है कि इस वाली आर्म में कोई करंट नहीं जा रही है इससे फायदा क्या होता है कि जो गैल्वेनोमीटर का रेजिस्टेंस है और इंटरनल रेजिस्टेंस ऑफ द सेल है उसका कोई इंपैक्ट इस पर नहीं पड़ता वरना गैल्वेनोमीटर का अपना रेजिस्टेंस या इंटरनल रेजिस्टेंस ऑफ द सेल भी इंटरफेयर करते तो वैल्यू सही ना निकलती क्योंकि यह नल मेथड है इसलिए इसके अंदर गैल मटर का रेजिस्टेंस कितना है कितना नहीं इंटरनल रेजिस्टेंस ऑफ द सेल कितना है कितना नहीं इससे कोई लेना देना नहीं होता दूसरी बात इस मेथड के अंदर अमीटर या वोल्टमीटर इस्तेमाल नहीं किए जाते इसलिए अमीटर एंड वोल्ट मटर के रेजिस्टेंस भी इसके अंदर इंटरफेयर नहीं करते हैं तो आपकी रीडिंग एक्युरेटली निकलती है तीसरी बात बात करी जाए कि की बहुत ही अगर आप अननोन रेजिस्टेंस आर्म की रेशियो को काफी बढ़ा देवे r बा ए का रेशियो इसी तरह p बा क का रेशियो तो काफी एक्युरेटली आप अननोन रेजिस्टेंस की वैल्यू निकाल सकते हैं तो ये इसके फायदे हैं कि एडवांटेजेस क्या है वीट स्टोन ब्रिज के जिससे पूरी बात आप समझ चाए यह भी आप नोट कर सकते हैं और जैसा मैं बताया हूं कि इसका पीडीएफ चाहिए अगर आपको पूरा अधिकतर बच्चों को चाहिए होता है तो वीडियो के शुरू में मैंने बताया है कि प पीडीएफ डाउनलोड कैसे करें आप देख लीजिए और आपको लगता है कि पीडीएफ लेना है तो ले लीजिए कोई दिक्कत नहीं है लेकिन आपको बाद में आप कमेंट करके पूछते हैं कैसे डाउनलोड जबक वीडियो में बताए हुए हैं इसलिए बताना पड़ता है खैर आप ये समझ गए होंगे एक कदम और लेक चलते हैं इंपॉर्टेंट नोट है ट स्टोन ब्रिज का क्या इंपॉर्टेंट नोट है कि अगर इस समय इस समय यह बैलेंस्ड कंडीशन मान लीजिए अचीव्ड है बैलेंस्ड कंडीशन में अगर इस गैल्वेनोमीटर और इस सेल को इंटरचेंज कर द इंटरचेंज करने का मतलब गैल्वेनोमीटर की जगह यह सेल लगा दो और सेल की जगह गैल्वेनोमीटर लगा दो तो भी इसकी बैलेंस कंडीशन नहीं हटती है अगर पहले बैलेंस था और आपस में इंटरचेंज कर दि हो गैल्वेनोमीटर और सेल को तो भी बैलेंस्ड कंडीशन बनी रहेगी इसी वजह से इन दोनों आर्म को कंजुल आर्म्स बोलते हैं यह जो आर्म है बीडी यहां पर देखि देखिए दैट इज वई द आर्म बीडी एंड एसी बीडी आर्म और यह एसी आर्म को हम कंजुल आर्म्स बोलते हैं इनकी अदला बदली करी जा सकती है आपके अक्सर सवाल बनता है इसलिए बता रहे हैं कि इनकी अदला बदली कर देंगे तो भी बैलेंस कंडीशन में कोई चेंज नहीं आएगा उम्मीद है बात पकड़ पाए होंगे इंपॉर्टेंट चीज थी इसलिए बताया अब आपके पास वीड स्टोन बीज ना तीन मॉडल के होते हैं कभी-कभी टीचर लोग नहीं बताते भूल जाते हैं यार किसी वजह से नहीं हो पाता होगा लेकिन यह जानना जरूरी है एक तो वीट स्टोन ब्रिज आपने दर्शन किए ही सिंपल वीट स्टोन ब्रिज दूसरा यह भी एक वीट स्टोन ब्रिज है सेम मैंने उसी करेस्पॉन्डिंग्ली में प लगा है ए और डी के बीच में आ है ए और डी के बीच में में r है बी और सी के बीच में q है बी और सी के बीच में q है और डी और सी के बीच में s है डी और सी के बीच में ऐसे और जी जहां लगा वहां लगा हुआ है तो यही चीज ये है बस इसका चेहरा बदला गया है इसलिए दिखा रहा हूं कि अगर क्वेश्चन आपके सामने आ जाए तो इसको देखकर विचलित नहीं हो जाना है कि पता नहीं क्या है ये ये भी वीट स्टोन ब्रिज है कैसे व तोड़ के दिखाया है तीसरा फॉर्म ये भी एक वट स्टोन ब्रिज है इसको भी पहचान रहिए कहां कौन सा है करेस्पॉन्डिंग्ली और यहां ब्रिज के रूप में ये जी यहां पे ब्रिज लगा अगर इसको आप ऐसे पकड़ के ऐसे खोल देंगे वही बन जाएगा ये ए सी को पकड़िए वायर को सी को इधर करिए ए को इधर करिए ये सेम वही चीज बन जाएगी जो उधर वाली है खैर एनीवे ये बताने का मकसद था कि आपके नॉलेज में आ जाए कि भैया ये तीन-तीन तरह के वीट स्टोन बज होते हैं गच्चा देने के लिए बीच वाला आ जाए या और तगड़ा गच्चा देने के लिए किनारे वाला आ जाए तो आपके तोते ना उड़ जाए इसलिए आप पढ़ रहे हैं अरविंद सर से तो मजबूत चीज़ पढ़िए है है ना इसको आप नोट कर लीजिए तीन तरह के व्हिट स्टोन ब्रिज अब इसमें एक सवाल लेते हैं हम लोग व्ट स्टोन ब्रिज का यह जैसे मैंने दिखाया था यह फट से पहचानो व्ट स्टोन ब्रिज है अब इसमें कह रहा है कैलकुलेट द करंट ड्रॉन फ्रॉम द बैटरी बाय द नेटवर्क ऑफ़ द रेजिस्टर शोन इन द फिगर इसमें कितनी करंट जा रही है यह हमको निकालना है इस वट स्टोन ब्रिज को मैंने सिंपलीफाइड व्ट स्टोन ब्रिज में तोड़ दिया है जैसे आपको दिक्कत का सामना ना करना पड़े देखिए यहां पर ए से बी में एक ओम है ए से बी में एक ओम है यह आर्म होती है आपकी ब्रिज वाली खैर ए से लेकर डी के बीच में दो ओम है ए से बच के डी में दो ओम है ये आर में बीच वाली थी बी सेडी के बीच में 5 ओम फिर बी से सी के बीच में दो ओम और यह रही डी से सी के बीच में 4 ओम जहां दो बार प्रैक्टिस करेंगे धड़ाधड़ बनाने लगेंगे प्रैक्टिस नहीं होगी पहली दफा थोड़ी दिक्कत लगती है 4 वोल्ट की बैटरी सारे रेजिस्टेंस अब सबसे पहले जब ट स्टोन ब्रिज मिले तो आपको पहले यह देखना है कि ये बैलेंस तो नहीं है बैलेंस्ड है तो काम आसान हो सकता है और नहीं बैलेंस है तो क्रिस्ट ऑफ लॉ लगाना पड़ेगा चलिए देखते हैं तो यहां पर p बा क निकालते हैं p अप q 1 अप 2 हो गया फिर हम लोग r बा s निकालेंगे ये 2/4 ये दो था ये चार था ये भी 1/2 आ गया है तो p बा क और r बा s यहां पर इक्वल आ गया है यानी य क्या है बैलेंस्ड ट स्टोन ब्रिज है अगर यह बैलेंस्ड स्टोन ब्रिज है तो ये जो बीच वाली आर्म है 5 ओम की यह हमारे लिए किसी काम की नहीं है इससे कोई करंट नहीं जाएगी यह इनफेक्टिव ब्रांच है तो यहां पर ये चीज मेंशन कर दी नो करंट इन 5 ओम दिस रेजिस्टेंस इज इनफेक्टिव ठीक इसका मतलब है कि इसको भूल जाना है यह अब हमारे किसी काम का नहीं है तो केवल यह देखिए ये दोनों आपस में सीरीज में है अब यहां पर मैंने मेंशन भी किया ए एंड बीसी आर इन सीरीज ए एंड बसी सीरीज तो 1 प् 2 ओम 3 ओम हो गया r ए स इसी तरीके से एडी एंडडी स सीरीज में है तो ये एडी एंडडी स आर इन सीरीज तो r एसी कितना हो गया 2 प् 4 यानी 6 ओम अब ये पूरी आर्म यह पूरी आर्म पैरेलल में है तो यहां पर ये मेंशन कर लीजिए r ए स आर एडीसी आर इन पैरेलल दिख रहा है कि ए स और एसी इसको भूल जाओ ये दोनों पैरेलल में है तो पैरेलल का रेजिस्टेंस का फार्मूला r नेट कितना होगा r1 r2 / r1 + r2 ये वैल्यू आई थी तीन ये छ तो 3 * 6 / 3 + 6 यानी वैल्यू आ गई 2 ओम अब हम यहां पे v = लगा दो i = v / r नेट v था 4 ओम v का मतलब ईएमएफ 4 वोल्ट और ये वैल्यू हो गई कितनी दो r नेट तो ये वैल्यू हो गई 2 एंपियर और यहां पे कितनी करंट ड्रॉन हो रही है 2 एंपियर की इस तरीके से निकालेंगे ये बैलेंस कंडीशन थी इसलिए बहुत मोहब्बत से निकल आया अगर बैलेंस कंडीशन नहीं होती तो हम कॉफल लगाते तब निकालते तो इसको आप नोट कर लीजिए पॉज करके तो उम्मीद है कि इसको आप पॉज करके नोट कर पाए होंगे अच्छे से तो आगे की बात करते हैं बेटा हम लोग जो बच्चे मेरे साथ खत्म हो गया चैप्टर जो बच्चे मेरे साथ जुड़ना चाहते हैं द्रोणा बैच में जो अपने डाउट्स को क्लियर करना चाहते हैं इस डेरिवेशन में ऐसा क्यों हुआ इस सवाल में ऐसा क्यों हुआ सर यह मेरा छूट गया बैकलॉग कैसे करूं क्या इंपॉर्टेंट डेरिवेशन है क्या इंपॉर्टेंट सवाल है किस तरीके से करने पर काम बनेगा वो सारे डाउट्स मैं क्लियर कर दूंगा तो जो बच्चे इंटरेस्टेड हैं वो मेरी द्रोणा क्लास में ज्वाइन हो सकते हैं और शानदार नंबर ला सकते हैं और जो बच्चे ना में जवाइन करना चाहते हैं वो अरविंद अकेडमी ऐप को डाउनलोड कर लीजिए उसके स्टोर सेक्शन में जाइए वहां आई एम इंटरेस्टेड वो कोर्स में जाइएगा दना में आई एम इंटरेस्टेड का बटन दिखेगा क्लिक करेंगे तो आपको एसएमएस मैसेज टेक्स्ट मैसेज भी आ जाएगा पेमेंट के लिंक के साथ पेमेंट करते ही आपका तुरंत ही द्रोणा बैच एक्टिवेट हो जाएगा और आप मेरे साथ पढ़ाई कर सकेंगे सारे डाउट क्लियर कर सकेंगे तो थैंक यू वेरी मच अगर आपको वीडियो आपके लिए फ्रूटफुल लगा हो जो कि जरूर लगा होगा इतने कम टाइम में इतना कंटेंट मेरे ख्याल से आप अमेज्ड होंगे ये देखकर सॉलिड कांसेप्ट क्लेरिटी के साथ तो वीडियो पसंद आया हो तो लाइक कीजिएगा शेयर कीजिएगा और हां अरविंद अकेडमी चैनल को सब्सक्राइब करना मत भूलिए थैंक यू वेरी मच विश यू ऑल द बेस्ट गॉड ब्लेस यू बाय बेटा