हेलो गाइ मैं आपका भाई दोस्त एजुकेटर ऑफ इकोनॉमिक्स लव कौशिक स्वागत करता हूं आपका कॉमर्स वाला में और दोस्तों आज की क्लास के अंदर माइक्रो इकोनॉमिक्स का पहला पहला चैप्टर जिसका नाम है इंट्रोडक्शन टू माइक्रो इकोनॉमिक्स वन शॉट में कवर अप होने वाला है इसके ए टू जेड टॉपिक्स चाहे वो स्केरस टी अपॉर्चुनिटी कॉस्ट माइक्रो मैक्रो के बीच का डिफरेंस सेंट्रल प्रॉब्लम्स या प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व और इसके अलावा जो भी छोटे-छोटे टॉपिक्स हैं सारे इस वीडियो के अंदर कवर अप हो जाएंगे आपको ध्यान में एक बात रखनी है कि हो सकता है कि आप किसी ऑथर की रेफरेंस बुक फॉलो कर रहे हो जैसे कि टीआर जैन व के ओरी सुभाष डे संदीप गर्ग राधा बहुगुणा एटस हो सकता है किसी और की हो सकता है कि उन बुक्स के अंदर इस चैप्टर के दो से तीन टुकड़े कर रखे हो यानी इस बड़े चैप्टर को उन्होंने दो से तीन पार्ट में डिवाइड किया हो लेकिन इस क्लास के अंदर आपके वो सारे चैप्टर्स जो यूनिट वन में आते हैं सब कवर अप हो जाएंगे मैं बिल्कुल बेसिक स्टार्ट करने वाला हूं आपको बिल्कुल एंड तक बने रहना है ताकि आपका यह चैप्टर फुल फ्लेच तरीके से अच्छे से कंप्लीट हो जाए स्टार्टिंग के अंदर मैं आपको कुछ ऐसे वर्ड्स बताऊंगा जो आपको देखने में बिल्कुल सिमिलर सिमिलर से लगते हैं लेकिन उनका मतलब मेरे दोस्त अलग होता है तो आप देखोगे रा चारों वर्ड्स यह बिल्कुल सेम सेम से लग रहे हैं लेकिन इनका मतलब बिल्कुल डिफरेंट है जैसे कि आप देखो पहला लिखा है इकोनॉमिक दोस्त इकोनॉमिक का मतलब होता है मनी रिलेटेड अगर मैं कभी भी यह वर्ड यूज करूंगा इकोनॉमिक तो उसका मतलब हो जाएगा पैसों से रिलेटेड बात हो रही है जैसे कि मैं बोलूं मेरा दोस्त बहुत इकोनॉमिक माइंडेड है इसका मतलब यह है कि वो पैसा कमाने के पीछे पड़ा रहता है पैसों की आदत है उसको अगर मैं बोलूं यह एक्स वाई जड कंपनी का मोटिव इकोनॉमिक है यानी यह कंपनी प्रॉफिट कमाना चाहती है पैसा कमाना चाहती है यह सोशल वेलफेयर को इंपॉर्टेंस नहीं देती जैसे कि मैं बोलू हमारे देश की सरकार का इकोनॉमिक मोटिव नहीं होता तो हमारे देश की सरकार पैसा कमाना नहीं चाहती भाई वो सोशल वेलफेयर करना चाहती है कितना आसान मीनिंग है इस वर्ड को यूज करेंगे अपने कंटेंट में आगे दूसरा है इकोनॉमिकल इकोनॉमिकल का मतलब होता है सस्ता इंग्लिश में बोले तो चीप और सही शब्दों में इसको बोलो तो अफोर्डेबल जिस चीज को आप अफोर्ड कर सकते हो बोलते हो हां यार यह बजट में चीप है चल जाएगी जिसको अफोर्ड नहीं सकते बोलते यार य आउट ऑफ बजट है राइट अगला वर्ड है इकॉनमी इकॉनमी अपने आप में एक बहुत भयंकर टॉपिक है मतलब बड़ा टॉपिक है इसको अभी डिस्कस करते हैं और अगला है इकोनॉमिक्स यह दोनों वाइड और बड़े टॉपिक्स है इसको एकएक करके डिस्कस करेंगे सबसे पहले प आते हैं दोस्त इकोनॉमी क्या होता है राज इकॉनमी का मतलब होता है एरिया एक ऐसा एरिया जहां पर हम लोग रहते हैं और पैसा कमाते हैं अर्न करते हैं कुछ ना कुछ बहुत आसान शब्दों में इसकी डेफिनेशन बना सकते हो कोई माइका लाल चैलेंज नहीं करेगा आपके पूरे नंबर आएंगे एग्जाम के अंदर क्या लिखा है इकॉनमी के बारे में इट रेफर्स टू द एरिया वेयर पीपल लिव एंड अर्न जहां पर लोग रहते हैं और पैसा कमाते हैं अब यार हर देश में पैसा कमाने के तरीके अलग-अलग होते हैं फॉर एग्जांपल मैं आपको बताता हूं अमेरिका के अंदर पैसा कमाने का तरीका अलग है पैसा कैसे कमाते हो धंधा करके प्रोडक्शन करके कुछ ना कुछ कमोडिटी को प्रोड्यूस करोगे या उसको सेल परचेज में लाओगे या माल इन्वेस्ट करोगे पैसा इन्वेस्ट करोगे तभी तो पैसा कमाओगे अमेरिका में अलग तरीके से कमाते हैं चाइना में तरीका थोड़ा डिफरेंट है इंडिया में तरीका थोड़ा डिफरेंट है तो इस तरीके से हमने बोल दिया ये जो इकॉनमी है ना यानी ये जो एरिया है पैसा कमाने का इसके अलग-अलग टाइप्स होते हैं तो पूरी दुनिया को पूरी दुनिया में जितनी भी कंट्रीज हैं उन सबको तीन टाइप्स ऑफ इकोनॉमी के अंदर डिवाइड किया हुआ है उनके नाम अगर आप देखो तो आपको दिखाई देंगे दोस्त पहली होती है मार्केट इकॉनमी इसको हम कैपिट इसिक इकॉनमी भी बोलते हैं 10वीं क्लास में शब्द सुना होगा फ्री मार्केट इकॉनमी इसका एक और नाम है एंटरप्रेन्योर इकॉनमी इसका एक और नाम है और लेजस फेयर इकॉनमी इसका एक और नाम है लेजस फेयर एक फ्रेज है जैसे इंग्लिश में होते है ना फ्रेज ऐसे ही एक फ्रेज है ग्रीक वर्ड है इसका मतलब बाद में बताऊंगा क्योंकि अभी मीनिंग नहीं बता रहा अभी टाइप्स गिनवाला हूं दूसरी टाइप ऑफ इकॉनमी होती है सोशलिस्टिक इकॉनमी इसको प्लान इकॉनमी भी बोलते हैं इसको कमांड इकॉनमी भी बोलते हैं और थर्ड टाइप ऑफ इकॉनमी मिक्स्ड इकॉनमी कहलाती है देखो दोस्त मैं इसको एक बहुत छोटे से एग्जांपल से लेकर चलूंगा फिर आपको उसकी क्लेरिटी बहुत अच्छे तरीके से होगी दोस्त देखना अगर मैं बोलूं इकॉनमी के बारे में भाई जैसे देश होता है ना तो देश मत समझो तुम आप समझो घर की बात हो रही है तो इकॉनमी को आप बोल सकते हो कहानी घर-घर की बस यह सोचते हुए चलो अब आप सोचोगे तो आपको बताऊंगा घर के अंदर राज मान लो मॉम डड है यह मान के चलो यह एक देश की इकॉनमी की सरकार है अब एक देश के अंदर सरकार का बहुत बड़ा रोल होता है ना हम इंडिया में रहते हैं तो हमें सरकार के बारे में पता है कितना बड़ा रोल रहता है जब चाइना के लोग बोलते हैं तो बोलते हैं सरकार का बहुत ही ज्यादा बड़ा रोल है अमेरिका के लोग बोलते हैं सरकार का बहुत कम रोल है वहां पर तो समझना जरा और दूसरे घर के अंदर बात करूं मॉम डैड के अलावा तो बोल दो किड्स बच्चे भाई बहन वगैरह तुम सब तो इसको बोल सकते हो यह देश की जनता है पब्लिक है अब देखो यार बहुत सारे तरीके की फैमिली होती है जैसे कि एक ऐसी फैमिली हो सकती है जहां पर मॉम डैड की ही चलती है घर के अंदर क्या प्रोड्यूस होगा मतलब खाने में क्या बनेगा कौन डिसाइड करता है मॉम डैड क्या क्या सामान खरीदना है कौन डिसाइड करता है मोम डेड पैसे कहां जमा कराने हैं कौन से बैंक में अकाउंट खुलवाना है फिक्स्ड डिपॉजिट करवाना है शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना है कौन डिसाइड करता है मॉम डैड तो ऐसी ही एक टाइप ऑफ इकॉनमी होती है जहां पर सब कुछ गवर्नमेंट डिसाइड करती है दोस्त यह इकॉनमी चाइना में चलती है रशिया में चलती है क्यूबा चेकोस्लोवाकिया बहुत सारी कंट्रीज में चलती है तो ऐसी इकॉनमी को बोलते हैं सोशलिस्टिक इकॉनमी अच्छा जनरली ऐसा ही होता है बच्चे बोलेंगे लेकिन दोस्त मेरी बात मान राज्य कुछ ऐसे घर भी होते हैं जहां पर मम्मी पापा की कम चलती है बच्चों की ज्यादा चलती है जहां पर बच्चे सयाने हो जाते हैं मम्मी पापा थोड़े हो सकता है कि एक्सेप्ट कर रहे हो कि जो बच्चे बोल रहे हैं वो मान लेंगे जहां पर बच्चों की चलती है बच्चे डिसाइड करते हैं घर के अंदर क्या कंज्यूम करेंगे क्या प्रोड्यूस करेंगे घर का पैसा कहां पर इन्वेस्ट होगा तो उस टाइप ऑफ इकॉनमी को जहां पर जनता जनता के द्वारा बनाई गई मार्केट मार्केट मैंने शॉर्ट में लिखा है ये डिसाइड करती है तो ऐसी इकॉनमी अमेरिका में है जापान में है जर्मनी में है दोस्त ऐसी इकॉनमी को बोलते हैं मार्केट इकॉनमी यानी कैपिट सिक इकॉनमी यहां पर खूब चलती है मार्केट की सरकार का रोल ना के बराबर होता है और जब बात करोगे कुछ फैमिलीज ऐसी भी होती है जहां पर थोड़ी बहुत पेरेंट्स की चलती है थोड़ी बहुत बच्चों की चलती है मिक्स मिक्स होके चलते हैं दोनों एक दूसरे को मिलाजुला करर डिसाइड करते हैं कि क्या करना है दोस्त जहां पर दोनों की चलती है सरकार की भी और मार्केट की भी उसे बोलते हैं मिक्स्ड इकॉनमी और ये कहां पर है राज्य ये है हमारा प्यारा देश भारत भारत के अंदर क्या प्रोड्यूस करना है कहां पर पैसा इन्वेस्ट करना है थोड़ा बहुत सरकार भी डिसाइड कर रही है थोड़ा बहुत मार्केट भी डिसाइड कर रही है अब फॉर एग्जांपल अच्छी-अच्छी बातें करूंगा आपसे आपको जेनुइन टारगेट करूंगा देखो एक देश के अंदर बहुत सारी चीजों का प्रोडक्शन किया जाता है चाहे मोबाइल फोन हो लैपटॉप हो सब्जियां हो है ना फर्नीचर हो या गहने यानी ऑर्ट्स हो गोल्ड के क्या प्रोड्यूस करना है बहुत सारी चीजें प्रोड्यूस की जाती है किसी-किसी देश में गन प्रोड्यूस की जाती है खुलेआम मार्केट में अलाउड है बेच लो इंडिया में अलाउड है नहीं अमेरिका में अलाउड है काफी सारे देशों में ये चरस गांजा बेचना सीधा अलाउड है इंडिया में अलाउड है नहीं तो किस देश में कौन सी बिजनेस एक्टिविटी करनी है यह डिसाइड अगर सिर्फ और सिर्फ सरकार कर रही हो तो वो देश सोशलिस्टिक इकॉनमी है अगर क्या चीज प्रोड्यूस करनी है कौन सी बिजनेस एक्टिविटी करनी है यह मार्केट डिसाइड कर रही हो तो वो देश कैपिट इसिक इकॉनमी यानी मार्केट इकॉनमी है अमेरिका जापान जर्मनी ऐसे देश हैं लेकिन दोस्त कुछ चीजें जब सरकार ने डिसाइड की हो जैसे कि सरकार ने डिसाइड किया इंडिया ये नहीं होगा कुछ चीजें मार्केट ने डिसाइड की हो हम जैसे प्राइवेट बंदों ने डिसाइड की हो तो मिक्स होके चल रहा है व इंडिया है तो एक एक करके थोड़ा डिटेल में जाते हैं ताकि आपके एग्जाम रिलेटेड कंटेंट यहां पर कवर अप हो दोस्त नंबर वन पर आते हैं मार्केट इकॉनमी कैपिट इकॉनमी होती है यह एक ऐसी इकॉनमी होती है जहां पर सारे के सारे इकोनॉमिक डिसीजंस इकोनॉमिक डिसीजन मतलब पैसा कमाने वाले डिसीजन मार्केट के द्वारा लिए जाते हैं सरकार का रोल नहीं होता तो देखो क्या लिखा है इट रेफर्स टू द इकॉनमी वेर ल इकोनॉमिक डिसीजन आर टेकन बाय द मार्केट ओनली नो रोल ऑफ गवर्नमेंट इकोनॉमिक डिसीजन कौन से पैसा कमाने वाले डिसीजन भाई क्या प्रोड्यूस करना है क्या परचेस करना है कंज्यूम करना है और कहां पर पैसा इन्वेस्ट करना है यह वो वाले डिसीजन है ओके रिपोर्ट है अब मेरी बात सुनना जरा दोस्त मैं आपको आगे एक टॉपिक पढ़ाऊंगा जिसका नाम है इकोनॉमिक प्रॉब्लम्स हर देश के अंदर इकोनॉमिक प्रॉब्लम होती है वह आगे पढ़ाऊंगा उस प्रॉब्लम को सॉल्व कैसे करना है वह कंट्री टू कंट्री डिपेंड करता है अब भाई चाइनीज इकॉनमी सोशलिस्टिक इकॉनमी है यहां पर सरकार सॉल्व करेगी इकोनॉमिक प्रॉब्लम्स को अमेरिका की इकॉनमी मार्केट इकॉनमी है यहां पर सरकार का रोल नहीं है तो मार्केट ही सॉल्व करेगी और इंडिया की इकॉनमी मिक्स्ड इकॉनमी है य मार्केट और सरकार दोनों मिलकर सॉल्व करेंगी मार्केट माट की तुम्हे एक अच्छी बात बताता हूं मार्केट के अंदर होते हैं दो तरीके के लोग एक होता है कंज्यूमर बायर जो सामान परचेस करता है यह डिमांड करता है इसके पास फोर्स है डिमांड करने की दूसरा बंदा होता है सेलर वो सप्लाई करता है माल बेचता है इसके पास फोर्स है सप्लाई की तो दो लोगों पे फोर्स है एक के पास डिमांड की फोर्स है एक के पास सप्लाई की फोर्स है डिमांड और सप्लाई के बेसिस पर यहां पर प्रॉब्लम्स को सॉल्व किया जाता है और दोस्तों डिमांड और सप्लाई के बेसिस पे जब प्रॉब्लम सॉल्व होती है तो इस सॉल्व करने के तरीके को बोलते हैं प्राइस मैकेनिज्म अच्छा ये जो प्राइस मैकेनिज्म डिमांड सप्लाई के टॉपिक्स हैं वो आगे की यूनिट्स में आएंगे यहां पर सिर्फ छोटा सा नाम यूज किया गया है इसलिए मैंने भी कर दिया तो मार्केट इकॉनमी की डेफिनेशन तो फर्स्ट पॉइंट में हो गई है दूसरे पॉइंट के अंदर लिखा है इकोनॉमिक प्रॉब्लम्स अगर मार्केट इकॉनमी में आ जाए तो कैसे सॉल्व होती है तो दीज आर सॉल्वड बाय द मार्केट फोर्सेस मार्केट की फोर्सेस से सॉल्व होती है एक फोर्स होती है डिमांड की दूसरी फोर्स होती है सप्लाई की और जो ये सॉल्व करने का तरीका है इसे बोलते हैं प्राइस मैकेनिज्म कितनी आसान तरीके से हो गया है ना लेकिन जब ये डिमांड और सप्लाई दोनों कांसेप्ट को समझ लोगे तब अच्छे तरीके से बात पता चलेगी यूनिट टू में डिमांड है यूनिट थ्री में सप्लाई है और जो लास्ट यूनिट है माइक्रो इकोनॉमिक्स की वहां पर मार्केट के बारे में बताया हुआ है ठीक है जी ऐसे देशों में ऐसी इकॉनमी का सबसे मेन मोटिव होता है प्रॉफिट कमाना प्रॉफिट मैक्सिमाइजेशन एग्जांपल यूएसए और जापान कितना आसान है भाई कितना आसान है अगर मैं बात करूं प्लान इकॉनमी के बारे में चाइना रशिया चेकोस्लोवाकिया सोशलिस्टिक इकॉनमी तो ये एक ऐसी इकॉनमी है जहां पर सारे इकोनॉमिक डिसीजन सरकार के द्वारा लिए जाते हैं भाई अगर चाइना और रशिया में हम रहते ना तो अगर मैंने डिसाइड कर लिया कि मेरे को यार वीट का प्रोडक्शन करना है या राइस का प्रोडक्शन करना है ऐसा नहीं होता सरकार बताती है कि किस चीज की कमी है वो चीज का प्रोडक्शन करना है जिस चीज की कमी होती है उस चीज का प्रोडक्शन करवाती है सरकार अनाउंसमेंट करती नोटिफिकेशन निकलती है तो लोग उसको फॉलो करते हैं कि गवर्नमेंट के ऑर्डर्स क्या है क्योंकि यहां के देशों के अंदर गवर्नमेंट प्रॉफिट कमाना नहीं चाहती यहां के देशों के अंदर गवर्नमेंट चाहती है कि पूरे देश का भला हो अब देखो ना अमेरिका में उस चीज को प्रोड्यूस ज्यादा किया जाता है जिसमें ज्यादा प्रॉफिट हो रहा हो लोगों को ऐसी कम तैसी कराए कंज्यूमर्स वेलफेयर ऐसी तैसी कराने गया कोई मतलब नहीं है चाइना रशिया में ये सोचा जाता है कि जिस चीज की कमी पड़ रही है उस चीज पर पहले फोकस करो ध्यान रखना तो यहां पर सोशल वेलफेयर का मोटिव बहुत इंपोर्टेंट है तो लिखा है दोस्त इट रेफर्स टू द इकॉनमी वेयर ऑल इकोनॉमिक डिसीजंस आर टेकन बाय द सेंट्रल गवर्नमेंट देयर इज नो रोल ऑफ मार्केट ओके अगर यहां पर कोई इकोनॉमिक प्रॉब्लम्स आ गई तो यह सॉल्व कैसे होंगी सॉल्व कैसे होंगी इधर क्या करते हैं ना बहुत सारे मिनिस्टर्स मिलके अपना एक ग्रुप बनाते हैं उस ग्रुप को बोलते हैं प्लान अथॉरिटी या सेंट्रली प्लान अथॉरिटी यह फिर प्लानिंग करते हैं प्लानिंग के के बेसिस पे कोई पॉलिसी बनाते हैं पॉलिसी को देश में अप्लाई करते हैं और फिर प्रॉब्लम को सॉल्व करते हैं डिमांड सप्लाई के कोई चक्कर नहीं है तो सॉल्वड बाय सेंट्रली प्लान अथॉरिटी ऑन द बेसिस ऑफ प्लानिंग लिख भी दिया लो जी आपके लिए काम आसान हो गया ठीक है जी यहां का मेन ऑब्जेक्टिव होता है सोशल वेलफेयर एग्जांपल चाइना और रशिया भैया इन दोनों को मिक्स कर दो तो इंडिया की तरह एक मिक्स्ड इकॉनमी बनेगी अगर मिक्स्ड इकॉनमी के बारे में जानना चाहते हो तो ये सारी फीचर्स मिक्स हो जाएंगी दोनों की तो मिक्स्ड इकॉनमी इंडिया की ऐसी इकॉनमी होती है जहां पर इकोनॉमिक डिसीजंस मार्केट भी लेती है और गवर्नमेंट भी लेती है इकोनॉमिक प्रॉब्लम्स मार्केट भी सॉल्व करती है और गवर्नमेंट भी अपने अपने लेवल प सॉल्व करते हैं मेन मोटिव प्रॉफिट मैक्सिमाइज करना होता है ये भी होता है अडानी अंबानी टाटा प्रॉफिट कमा रहे हैं और सोशल वेलफेयर भी होता है सरकार भी अपने हिसाब से चलती है तो यार जे इंडिया इसका बेस्ट एग्जांपल है तो तीन टाइप ऑफ इकॉनमी हो गई हो गया जी ये टॉपिक तो मैंने बोला था इकॉनमी एक वाइड टॉपिक है जो आपको करना है राइट ये हो गया तो अब फर्ज बनता है इकोनॉमिक्स आपको समझा दूं लेकिन दोस्त इकोनॉमिक्स की डेफिनेशन समझाने से पहले आपको समझना होगा एक शब्द जिसे बोलते हैं स्केयर सिटी दोबारा बोलो क्या बोलते हैं स्केयर सिटी ये दिख रहा है स्केयर सिटी ये बटवे में पैसा नहीं है तो यहां है पैसों की स्केयर सिटी स्केयर सिटी का मतलब क्या होता है स्केर सिटी को आप नॉर्मल भाषा में बोल सकते हो शॉर्टेज जब किसी चीज की कमी हो प्यार की कमी हो धोखे की नहीं होनी चाहिए किसी चीज की कमी हो तो बोलते हैं स्केयर सिटी इकोनॉमिक्स का वर्ड आ गया नया है ना ठीक है जी अब से आप को अगर किसी चीज की स्केयर सिटी हो जाए तो आप उसके लिए शॉर्टेज वर्ड यूज मत करना स्केरस टी ही वर्ड यूज करना ठीक है चलो जी ये स्केरस टी कब फील होती है आप पहले सिचुएशन को देखो यहां पर पैसा चाहिए इसके पास पैसा नहीं है यहां पर लोगों को पानी चाहिए और पानी की कमी हो गई बहुत कम पानी आ रहा है पीने वाले बहुत सारे लोग हैं यहां पर लोगों को ऑक्सीजन चाहिए और ऑक्सीजन के सलेंडर खाली पड़े हैं तो यहां पर ऑक्सीजन की स्केर सिटी है इधर वाटर की स्केर सिटी थी इधर पैसे की स्केर सिटी थी स्केर सिटी क्या होता है स्केरस होता है कमी होना कमी कब लगती है तुम्हें कब कमी खलती है भाई कब लगता है यार यह चीज कम है मेरे पास तब लगता है जब तुम्हें वो चीज चाहिए ज्यादा मतलब तुम उसको पाने की डिमांड जदा करते हो लेकिन दोस्त वो अवेलेबल कम होती है फॉर एग्जांपल आपको चाहिए 000 आपके पास है 00 तो कितना रुपया कम है आपके पास 800 कम है तो बोल सकते हैं 800 की स्क्वेयर सिटी हो गई समझे तो यह वो सिचुएशन होती है जहां पर डिमांड ज्यादा है रिसोर्सेस की लेकिन उसकी अवेलेबिलिटी यानी उसकी सप्लाई कम है जैसे कि मैं बोल सकता हूं कि जो स्पेस है ना अंतरिक्ष वहां पर ऑक्सीजन की स्केर सिटी है बोल सकता हूं किसी किसी बंदे के पास प्यार की स्केर सिटी होती है तुम भी कमेंट सेक्शन में बता सकते हो तुम्हारे पास किस चीज की स्केर सिटी है और मैं फिर ऊपर वाले से दुआ करूंगा कि आपकी वो स्केर सिटी खत्म हो जाए आपके पास वो चीज पूरी कंप्लीट हो जाए अब देखना जरा स्केर सिटी की डेफिनेशन क्या लिखी है ये लिखी है जी स्केयर सिटी रेफर्स टू अ सिचुएशन वेयर डिमांड फॉर रिसोर्सेस इज मोर देन देयर सप्लाई सीधा-सीधा बोल रहा है डिमांड मोर है किससे सप्लाई से डिमांड इज मोर देन सप्लाई है इवन एट जीरो प्राइस लेवल चाहे वो चीज आपको फ्री में क्यों ना मिल रही हो तब भी उस चीज की स्केरस टी हो सकती है यानी देखो बहुत सारी बुक्स के अंदर यह डेफिनेशन कंप्लीट नहीं लिखी है यहीं पर खत्म कर दिया उस डेफिनेशन को लेकिन दोस्त ये लाइन मिलाकर ये डेफिनेशन कंप्लीट होती है आपको सच्ची बात बता रहा हूं कहने का मतलब ये जब तुम ज्यादा चाहते हो वो कम है तो स्केर सिटी हो गई हो सकता है वो चीज फ्री में मिल रही हो जैसे कि मैं बोलता हूं यार वाटर की स्केर सिटी हो सकती है हो सकती है ब्लड की भी स्केर सिटी हो सकती है लोगों में कई लोगों के शरीर में ब्लड की कमी भी है अब देखो मैं ऐसी एक लेमन एग्जांपल ू तो भंडारा भाई मैंने देखा दूर भंडारा बट रहा था भंडारा आलू पूरी का भंडारा हो रहा था भाई मैंने गया मैंने कहा भूख लगी है मैं भी भंडारा खाने चला जाऊं जब मैं भंडारा खाने पहुंचा तो भंडारा खत्म हो चुका था यानी मेरे लिए वोह चीज फ्री की थी जीरो प्राइस लेवल था अब मैं उसकी डिमांड कर रहा था लेकिन भंडारा खत्म तो यहां पर मेरे लिए भंडारे की आलू पूरी की स्केर सिटी हो गई समझ गए ना तुम ओके रिपोर्ट है दोस्तों अगर आपको लग रहा है कि मैं धीरे-धीरे पढ़ा रहा हूं तो आप इसकी स्पीड भी इंक्रीज कर सकते हो आपके पास ऑप्शन होता है आप इसकी स्पीड इक्रीज कर सकते हो ठीक है चलो जी स्केर सिटी हो गया अब आपको इकोनॉमिक्स का मतलब समझाना चाहूंगा उसके लिए आपको एक सिचुएशन एज्यूम करनी होगी सोचो कि तुम्हारा जन्मदिन है तुम्हारा ही अपना ही सोचो किसी और का मत सोचना उसका मत सोचना अपना अपना सोचना कि तुम्हारा जन्मदिन है जब दोस्त जन्मदिन है तो तुमने अपने दिमाग में प्रोग्राम भी बना लिया है कि यार जन्मदिन है तो पार्टी करेंगे घूमेंगे फिरेंगे नाचेंगे गाएंगे ऐश करेंगे बढ़िया लेवल की पार्टी करेंगे दोस्तों को बुलाएंगे फुल फन करेंगे मेरे दोस्त ने पार्टी दी थी तो मैं भी पार्टी दूंगा मोजाई मोजा क्या करेंगे मोजाई मोज्जा और मोजाई मोजा करने के लिए अपने को बहुत सारा खाना पीना अरेंज करना होगा यार दोस्तों के लिए क्या-क्या खाएंगे छोले भटूरे राजमा चावल समोसा मुर्ग मुसल्लम रोगन जोस शामी कबाब बिरयानी जूस कोकाकोला पेप्सी थम्स अप माजा फ्रंटा कुछ भी मतलब जो जो हो सकता है तुमने वो सोच लिया है और भाई तुमने अपने पक्के पक्के दोस्तों को इनवाइट करने का प्लान बना लिया है हां भाई तुमने सोच लिया है इकोनॉमिक्स का मतलब समझने के लिए कि तुम्हारा बर्थडे है तुम्हारा बर्थडे है तो तुमने प्लान कर लिया इतने सारे दोस्तों को मुझे बुलाना है पार्टी में ये ये चीजें ऑफर करेंगे ये ये चीजें खिलाएंगे पिलाएंगे बढ़िया तरीके से सब सोच लिया है फिर तुमने सोचा कि इसके लिए जरूरत पड़ेगी पैसों की मोटे माल की जरूरत पड़ेगी तो भाई आपने सोचा इस चीज के लिए जरूरत पड़ने वाली है 00 की पैसा तो तुम्हारे पास नहीं है तुम तो स्टूडेंट रे अब इसका जुगाड़ कहां से होगा डिमांड करी है तुमने 10000 की पापा के पास गए पापा पापा मेरे को पार्टी करनी है मेरा बर्थडे है मौज मारूंगा दे दो 00 पापा ने पकड़ा कान उठाया डंडा बोला 10000 मांगेगा दो दिए थप्पड़ और फिर साथ में जब तुम रोने लगे तो पापा जी ने फिर एक 500 का नोट दे दिया तुम्हें मनाने के लिए अब तुम्हारा दिमाग घूमा यार मैंने तो अपने दोस्तों के बारे में सोच रखा था कि पार्टी जबरदस्त करनी है 10000 का बजट होगा डिमांड तुम्हारी 00 है सप्लाई हो गई 500 की पापा की तरफ से बड़ी मुश्किल से वो भी है ना यहां पर हो गई तुम्हारे पास पैसों की स्केर सिटी सोचो ना 10000 की डिमांड थी 00 की सप्लाई हुई है कमी कितने की है 9500 की तो 9500 की जब स्केर सिटी होगी यह शॉर्टेज होगी तब तुम्हारा दिमाग घूमेगा और तुम अपने डिसीजन बदलो बदलो नहीं बदलो हां अब तुम सबको नहीं बुलाओगे सिर्फ अपनी प्यारी प्यारे पार्टनर को बुलाओगे हो सकता है कोई महिला मित्र हो या हो सकता है कोई पुरुष मित्र हो आप उसको इनवाइट करोगे चल यार कॉफी प चलते हैं इतने में कहानी नक्की अब जो करनी होगी पार्टी सामने वाली पार्टी देगी पार्टी अपना तो हो गया 500 का बजट था बता दिया पापा ने धोया है अच्छा भाई तो तुमने अपने डिसीजन बदले दोस्त राज्य जब किसी भी चीज की स्केर सिटी होती है ना तो हमें वहां पर अपने डिसीजन चूज करने पड़ते हैं हमारे पास बहुत सारे डिसीजन होते हैं ना बहुत सारी चॉइस होती है हमें कुछ ना कुछ सिलेक्शन करना होता है दिमाग चेंज करना होता है और जो यह फिर तुम्हारे दिमाग में पॉलिसी घूम रही थी ना यह जो आपने डिसीजन मेकिंग करी है यहां पर इसी चीज को बोलते हैं इकोनॉमिक्स अच्छा सर आपने तो इमेजिनेशन में ले गए प्रैक्टिकल बताओ ना कुछ प्रैक्टिकल सुन लो भाई सरकार के बारे में बात सुन लो देखो जी गवर्नमेंट के बारे में सुनो गवर्नमेंट लोगों से टैक्स वसूल है सरकार ने सोचा इस बार ₹ करोड़ का टैक्स देगी पब्लिक पब्लिक में निकले लोग कंजूस लोगों ने दिया 70 करोड़ का टैक्स सरकार क्या सोच रही थी 100 करोड़ का टैक्स आएगा पब्लिक से इधर सड़क बनेगी इधर हॉस्पिटल इधर स्कूल बनेगा इधर बिजली की सप्लाई होगी पैसा लगाएंगे बढ़िया इंप्रूवमेंट करेंगे डेवलपमेंट करेंगे लेकिन भाई लोगों ने टैक्स कम दिया तो सरकार को अब स्केयर सिटी हो गई फंड्स की तो सरकार अब यहां पर सोचेगी जब स्केयर सिटी की प्रेजेंस में अपने डिसीजंस बदलने पड़े बढ़िया जो पहले सोच रखा था उससे कॉम्प्रोमाइज करना पड़े तो जो भी सरकार सोच रही है पॉलिसी बना रही है दिस इज कॉल्ड इकोनॉमिक्स काफी सारी बुक में लिखा है कि इकोनॉमिक्स ह्यूमन बिहेवियर है हां भाई ये ह्यूमन बिहेवियर है इंसान का बिहेवियर ही बदल गया जब चीजों की स्केरस टी हो गई नहीं जब इकोनॉमिक्स की शुरुआत हुई थी दोस्त 1776 के अंदर एक किताब लिखी गई वेल्थ ऑफ नेशंस जिस बंदे ने किताब लिखी उसका नाम था एडम स्मिथ इन्हें बोलते हैं फादर ऑफ इकोनॉमिक्स यह कहते थे इकोनॉमिक्स इस साइंस ऑफ वेल्थ वेल्थ का मतलब होता है प्रॉपर्टी पैसा पैसों की साइंस को तुम स्टडी बोल सकते हो इकोनॉमिक्स इ द स्टडी ऑफ वेल्थ प्रॉपर्टी के पैसे के बारे में सोचना इकोनॉमिक्स है रिसोर्सेस के बारे में सोचना इकोनॉमिक्स है लेकिन यह पुराने जमाने की बात है इकोनॉमिक्स धीरे धीरे अपडेट होती गई है आज के टाइम में वाइड एक्सेप्टेड डेफिनेशन आपके सामने लिखी है यह रही मीनिंग ऑफ इकोनॉमिक्स आप पेपर में लिख आओ कोई माइका लाल नहीं जो आपके डेफिनेशन को गलत कर दे तो इकोनॉमिक्स रेफर्स टू मेकिंग चॉइस इन द प्रेजेंस ऑफ स्केर सिटी जब तुम हमारे पास स्केर सिटी हो पापा ने 00 कम दिए तो इस स्केर सिटी की प्रेजेंस में जो चॉइस आपने लिए है सिर्फ अब अपने क्लोज मित्र को बुलाया है बाकी सबको हटा दिया खाने में सिर्फ कुछ बिस्किट रखे हैं और एक कॉफी है तो दिस डिसीजन मेकिंग प्रोसेस इज कॉल्ड इकोनॉमिक्स कितना मस्त है ना यार कितनी आसानी से इकोनॉमिक्स की डेफिनेशन याद हो गई तो बस इसी आसानी से पढ़ने वाले हैं हम आगे के टॉपिक्स भी दोस्त आगे के टॉपिक्स भी अब आप बताऊ सबसे बड़ी इकोनॉमिक प्रॉब्लम मतलब टॉपिक चेंज होते जा रहे हैं आप समझना पेपर में क्वेश्चन आएगा सबसे बड़ी इकोनॉमिक प्रॉब्लम क्या है तो हम बोलेंगे चॉइस ही सबसे बड़ी इकोनॉमिक प्रॉब्लम है तो यहां लाइन लिखी है प्रॉब्लम ऑफ मेकिंग चॉइस इज नोन एज मेन इकोनॉमिक प्रॉब्लम सबसे बड़ी इकोनॉमिक प्रॉब्लम यही है हमारी जिंदगी में हमें डगर डगर पर चॉइस लेनी पड़ती है क्यों क्योंकि जिंदगी टाइम पैसा रिसोर्स यह सब लिमिट में अवेलेबल है अनलिमिटेड नहीं है इसलिए हमें चॉइस लेनी पड़ती है यार एक बात बताओ आपके पास अगर अनलिमिटेड पैसा हो यह तो अंबानी पे भी नहीं है तो आप तो जो चाहे वो कर दोगे है ना शहद की नदियां भा दोगे 70 हूरें आ जाएंगी आप मोटा पैसा खर्च कर दोगे अब तो बड़ी से बड़ी सेलिब्रिटीज को नचाओ ग सभी कुछ अवेलेबल करा दोगे अगर अनलिमिटेड पैसा हो तो लेकिन पैसा लिमिट में है तो अपने को सोचना पड़ता है कि हां यार पार्टी करनी है तो दो तरीके की रोटी होनी चाहिए दो तरीके की नान होनी चाहिए चार सब्जियां होनी चाहिए है ना दो मीठा होनी चाहिए दो चार स्नैक्स होने चाहिए एक दो कोल्ड ड्रिंक होनी चाहिए या फिर जैसा पैसा है उसके हिसाब से हम सोचने लग जाते हैं सोचने लग जाते हैं ना तो हम अपने रिसोर्सेस के हिसाब से अपने डिसीजंस को बनाते चलते हैं अब देखो जब बात आएगी कि रिसोर्स क्या होता है तो दोस्त रिसोर्स का मतलब तुम्हारा पैसा तुम्हारी प्रॉपर्टी तुम्हारा फर्नीचर तुम्हारा टाइम सब कुछ रिसोर्स है 10वीं क्लास जब पास करी थी तो तुम्हारे पास चॉइस थी आर्ट्स लेनी है साइंस लेनी है कॉमर्स लेनी है ऐसा नहीं है कि आर्ट साइंस कॉमर्स एक साथ कर लो चॉइस जब 12थ पास कर लोगे तो चॉइस होती है कौन सी यूनिवर्सिटी कौन सा कोर्स में एडमिशन लेना है सारे दुनिया जहान के कोर्स एक साथ नहीं होते तुम सीए सीएस सीएमए डॉक्टर इंजीनियर एक साथ नहीं बन सकते नहीं बन सकते सबके लिए टाइम फ्रेम है सब टाइम के हिसाब से होते हैं तो यहां पर क्योंकि हमारे पास स्केयर सिटी है इसलिए हमें स्केयर सिटी की वजह से चॉइसेज लेनी पड़ती है तो दोस्त दोनों बातें अलग-अलग हैं अगर मैं बोलूं मेकिंग चॉइस तो यह सबसे बड़ी इकोनॉमिक प्रॉब्लम है अगर मैं बोलूं स्केयर सिटी की प्रेजेंस में हमें चॉइस लेनी पड़ती है तो वह इकोनॉमिक्स है दोनों लाइने अलग-अलग हैं देखना दोबारा सेम मत समझना यहां लिखा है इको की डेफिनेशन इट रेफर्स टू मेकिंग चॉइस इन द प्रेजेंस ऑफ़ स्केर सिटी और अगला यह ये जो इकोनॉमिक प्रॉब्लम है ये सिर्फ कितनी है पुराने वाली स्लाइड प आ ग ये सिर्फ इतनी है सबसे बड़ी इकोनॉमिक प्रॉब्लम यही है हमें चॉइस क्यों लेनी पड़ती है तीन नंबर का क्वेश्चन पेपर में आता है भाई यह जो सबसे बड़ी इकोनॉमिक प्रॉब्लम है जिसको यहां लिखा है यह क्यों आती है क्यों आती है भाई बताओ क्यों आती है हम सब कुछ नहीं हासिल कर सकते क्या हां यार हम सब कुछ हासिल नहीं कर सकते हमें सिलेक्शन करना पड़ता है हमें चूज करना पड़ता है ऐसा क्यों क्योंकि उसके पीछे रीजन है रीजन प्यारे प्यारे समझा देता हूं आपको लिखे हुए हैं दोस्त सबसे पहला रीजन आपको बताऊंगा यहां पर बिकॉज रिसोर्सेस आर लिमिटेड हमारे पास रिसोर्सेस लिमिटेड है अगर जिंदगी में जवानी हमेशा के लिए बरकरार रहती टीन एज हमेशा के लिए बरकरार रहती ये लड़कपन हमेशा के लिए बरकरार रहता तो साइंस भी करता आर्ट्स भी करता कॉमर्स भी करता डॉक्टर इंजीनियर सीए सीएस सब बन जाता लॉयर भी बन जाता कभी-कभी आईएस ऑफिसर भी बन जाता सब कुछ बन जाता कम वक्त ये समय लिमिटेड है ना एज बीती रहती है तो हमें उस लिमिटेड टाइम फ्रेम के अंदर ही चीजें अचीव करनी होती है रिसोर्स लिमिटेड है भाई हमारे पास अनलिमिटेड नहीं है और दूसरी प्रॉब्लम यह है कि हमारी वांट्स अनलिमिटेड है हम सोचते बहुत है यह भी चाहिए वो भी चाहिए ए चाहिदा ओ चाहिदा चाहिदा मेन मेनू चाहिदा चाहिदा चाहिदा चाहिदा चाहिदा मेनू सब कुछ चाहिदा है यार सब कुछ अच्छा दिखने वाला सब चाहिए होता है समझ रहे हो ना मैं क्या कह रहा हूं मैं तुम्ह व ले जा रहा हूं उस दुनिया में जहां तुम्हारी इच्छाएं बहुत एक्सप्लोर हो जाती है भाई मेरे को चाहिए चाहिए हमारी बंड्स अनलिमिटेड है हमारे पास रिसोर्स लिमिटेड है सबसे बड़े रीजन यह है और दोस्त अब सोचना शुरू करो मान लो कि एक बच्चे ने थ पास करी है वह पहले ही सोच के बैठा था कि मुझे कॉमर्स लेनी है पहले ही सोच के बैठा था साइंस और आर्ट्स के बारे में सोचता ही नहीं है तो इसके पास चॉइस की प्रॉब्लम है क्या नहीं जिसकी वांट अनलिमिटेड नहीं है उसके पास चॉइस की प्रॉब्लम नहीं है लेकिन तुमसे ही पूछ लू ना अगर मैं बताओ यार सीए बनना अच्छा है तुम बोलोगे हां डॉक्टर बनना अच्छा है तुम उसको भी हां बोलोगे आईएएस ऑफिसर अच्छा है तुम उसको भी हां बोलोगे तुम सबको हां बोलोगे हमारी इच्छाएं बहुत सारी है ना ठीक है अब चलो भाई रिसोर्स लिमिटेड है मतलब टाइम तो जिंदगी में लिमिटेड ही है राइट इसको एक और एग्जांपल से समझते हैं भैया देखो आप जानते हो मिल्क दूध है दूध से क्या-क्या बनाया जा सकता है दूध से तुम बना लो दही लस्सी पनीर घी चीज चाय कॉफी इसको सब्जी में भी इस्तेमाल कर सकते हैं सीधा ग्रेवी बना सकते हैं शाई पनीर की है ना इससे शेक बना सकते हैं बहुत सारे यूस है तो हमारे पास दूध भी अनलिमिटेड क्वांटिटी में अवेलेबल नहीं है मतलब अनलिमिटेड दूध नहीं है इस धरती पर और किसी इंडिविजुअल पर्सन के पास भी अनलिमिटेड दूध नहीं है लेकिन दोस्त हमारी वांट्स अनलिमिटेड रहती है किसी बंदे को अब मैं अगर पूरी दुनिया के मिल्क के बारे में बात करूं तो किसी बंदे को लस्सी चाहिए किसी को दही चाहिए किसी को घी चाहिए किसी को कॉफी चाहिए किसी को चाय चाहिए सबकी वांट्स सेटिस्फाई नहीं हो सकती सबको सब कुछ नहीं मिल सकता क्योंकि जो दूध है वो लिमिट में अवेलेबल है चलो दोस्त यह लिमिट में अवेलेबल है समझ में आ गया लोगों की वांट्स अनलिमिटेड है समझ में आ गया अब एक बात बड़ी समझनी है अगर मान लो दूध बोलता कि भाई तुम मुझसे सिर्फ चाय बना सकते हो ना तो कॉफी बना सकते मतलब अजूम करो कि दूध से सिर्फ चाय बनती ना कॉफी दही पनीर चीज कुछ नहीं बनता तो तुम्हारे दिमाग में चॉइस आती क्या कभी भी चॉइस नहीं आती क्योंकि जो हमारे पास रिसोर्स है ना उसके बहुत सारे इस्तेमाल होते हैं मेनी यूजेस होते हैं इसलिए हमारा मन चंचल है और बहुत सारी चीजों के बारे में सोचता है मैं बोल जो हमारे पास रिसोर्स है उसके अल्टरनेटिव यूजेस है मेनी मेनी यूस है 10वीं क्लास के बाद तुम्हारे पास तीन ऑप्शन है आर्ट्स साइंस कॉमर्स इसलिए तुम सोचते हो अगर ऑप्शन ही सिर्फ कॉमर्स का होता तो सोचने की प्रॉब्लम ही नहीं आती यह इकनोमिक प्रॉब्लम अराइज होती नहीं बिल्कुल नहीं होती राज्य बिल्कुल नहीं होती तो इकोनॉमिक प्रॉब्लम अराइज होने के तीन बड़े-बड़े कारण हमारी वांट्स बहुत ज्यादा है रिसोर्सेस लिमिट में है हमारे पास और रिसोर्सेस के बहुत सारे यूज भी है अगर एक ही यूज होता तो भी प्रॉब्लम नहीं आती ठीक है जी अब देखो पेपर में क्वेश्चन आया कि बताओ इकोनॉमिक प्रॉब्लम्स के रीजन कौन-कौन से हैं एक बच्चे ने ये तीन रीजन लिख दिए टीचर ने उसको पूरे नंबर दे दिए दूसरे बच्चे ने दो रीजन लिखे पहला रीजन लिखा स्केयर सिटी और दूसरा रीजन लिखा यही वाला अल्टरनेटिव यूज वाला टीचर ने इसको भी पूरे नंबर दे दिए अब वो दोनों बच्चे चिंटू दोस्त थे एक साथ बैठे और दोनों ने देखा अबे मैंने ऐसे लिखा है तीन पॉइंट टीचर ने पूरे नंबर दिए वो कहती है मैंने ऐसे लिखे दो पॉइंट टीचर ने पूरे नंबर दिए टीचर पागल है दोनों ने अलग अलग आंसर लिखा है फिर भी पूरे नंबर दे दिए उनको यह पता होना चाहिए टीचर पागल नहीं है इस क्वेश्चन को अटेंप्ट करने के दो तरीके हैं या तो आप तीन रीजन लिखो या दो लिख दो क्योंकि जो मेरे दो पॉइंट्स है ना इन दोनों का मतलब स्केर सिटी है देखो स्केर सिटी क्या होता है वो सिचुएशन जहां पर डिमांड ज्यादा सप्लाई कम तो अब देखिए ह्यूमन वांट यानी लोगों की डिमांड अनलिमिटेड है बहुत ज्यादा है रिसोर्स अवेलेबल कम है यानी सप्लाई कम है तो डिमांड ज्यादा सप्लाई कम इन दोनों पॉइंट को मर्ज करके बोल सकते हो इन दोनों पॉइंट को मर्ज करके बोल सकते हो तो या तो आप दो पॉइंट बनाओ एक यह वाला और दूसरा यह वाला या आप तीन पॉइंट बनाओ एक दो तीन आपकी मर्जी है जैसा लिखना चाहो वैसा लिख सकते हो ठीक है दोस्त एक क्वेश्चन और क्रिएट कर देते हैं पर एग्जाम में आ जाता है भाई इकोनॉमिक प्रॉब्लम के बहुत सारे रीजन होते हैं तीन रीजन गनवाले किन एक मेन जड़ से रीजन तो होता होगा रूट कॉज ऑफ इकोनॉमिक प्रॉब्लम यह एमसीक्यू में बहुत छाया होता है इसका आंसर आपको गेस करना है अब तुम यहां तक पहुंच गए तो आप समझो रूट कॉज सबसे मेन रीजन इन तीनों में कौन सा है दैट इज स्केर सिटी सॉर्टेड है जी दोस्त यह टॉपिक भी खत्म हो गया इसके बाद देखो ना जो यह चैप्टर है इंट्रोडक्शन टू माइक्रो इकोनॉमिक्स इसके अंदर ना बहुत सारे टॉपिक्स हैं तो जैसे मैंने सबसे पहले आपको टाइप्स ऑफ इकॉनमी पढ़ाया वो साइड हट गया फिर मैंने आपको पढ़ाया इकोनॉमिक्स की डेफिनेशन और स्केर सिटी का टॉपिक और इकोनॉमिक प्रॉब्लम यह भी साइड में हटा दो इसके बाद हम स्टार्ट करेंगे अपॉर्चुनिटी कॉस्ट और दोस्तो ये जो अपॉर्चुनिटी कॉस्ट का टॉपिक ता है ना ये बड़ा इंपोर्टेंट टॉपिक रहता है एग्जाम में आ जाता है तीन नंबर का क्वेश्चन देखो लग क्या रहा है यहां पर वर्ड लिखा है अपॉर्चुनिटी अपॉर्चुनिटी का मतलब क्या होता है मौका और मौके की यहां लिखी है कॉस्ट आपने अगर कोई मौका मिस कर दिया ना तो मिस करने की जो कॉस्ट होगी उसको बोलते हैं अपॉर्चुनिटी कॉस्ट देखो कॉस्ट का मतलब वैसे खर्चा होता है यहां पर अपॉर्चुनिटी कॉस्ट का मतलब है अफसोस करना आप समझ गए अफसोस करने को बोलते हैं अपॉर्चुनिटी कॉस्ट फॉर एग्जांपल मानो कि आपके पास दो ऑप्शन है या तो आप आलिया के साथ शादी करो या आप कृति के साथ शादी करो आपने अगर कृति के साथ शादी कर ली तो आप आलिया को मिस करोगे अगर कर रहे हो मिस तो आलिया की जो वैल्यू थी वो अपॉर्चुनिटी कॉस्ट हो गई अगर आलिया के साथ शादी की तो कृति को मिस करोगे तो वो अपॉर्चुनिटी कॉस्ट हो गई थोड़ा फॉर्मल होते हैं एगजाम एग्जाम पे आते हैं मान लो आपके पास दो ऑप्शन है या तो देखो रिसोर्स हमेशा लिमिट में होते हैं इसको तो मान के चलना आपके पास लिमिटेड रिसोर्स है और आपके पास दो ऑप्शन है या तो आप एक कार का प्रोडक्शन कर लो एक कार बना दो ऐसी या दोस्त आप बना दो 50 लैपटॉप्स 50 लैपटॉप कंप्यूटर्स बना दो दो ऑप्शन है आपके पास इतने ही पैसे हैं अगर आपने एक कार बनाई 50 लैपटॉप बनाने की अपॉर्चुनिटी मिस कर दी तो जिसको मिस कर दिया इसकी वैल्यू अपॉर्चुनिटी कॉस्ट होगी लेकिन अगर आपने लैपटॉप बनाना चूज किया तो मिस किसको किया एक कार को तो उस कार की वैल्यू अपॉर्चुनिटी कॉस्ट हो गई अरे और देखो ना देखो देखो देखो अपॉर्चुनिटी कॉस्ट के बारे में और समझाता हूं आपको मैं मान लो आपके पास दो ऑप्शन है ऑप्शन ए नौकरी करके 00 परडे डे कमाओ अच्छा ऑप्शन है ऑप्शन बी बिजनेस करके 000 पर डे कमाओ बहुत अच्छा ऑप्शन है तो यार तुम दोनों में से एक ही चूज कर सकते हो अगर आपने बिजनेस करना चूज कर लिया तो क्या चूज नहीं किया अरे भाई यह चूज नहीं किया तो नौकरी की वैल्यू यानी न नौकरी नहीं नौकरी की वैल्यू अपॉर्चुनिटी कॉस्ट हो गई 00 लेकिन अगर आपने यह चूज कर लिया होता तो जो चूज नहीं किया यार जिसको तुम मिस करोगे हां मेरे पास इसको पाने का मौका था लेकिन यार मिस कर रहा हूं आज उसको तो उसकी वैल्यू अपॉर्चुनिटी कॉस्ट हो गई ठीक है जी और बताऊ तो डेफिनेशन तुम बना सकते हो अपॉर्चुनिटी कॉस्ट की तो इट रेफर्स टू द वैल्यू ऑफ सेकंड बेस्ट अल्टरनेटिव यूज ऑफ अ कमोडिटी कमोडिटी या फिर रिसोर्स मानो कि आपके पास कुछ रिसोर्स है जिसके बहुत सारे यूस हैं जैसे कि 50 लैपटॉप या एक कार तो आप बेस्ट बेस्ट वाला ऑप्शन तो चूज कर लेते हो जो सेकंड बेस्ट रह गया ना उसकी वैल्यू को मिस करते हो तो बस उसकी वैल्यू को ही बोलते हैं अपॉर्चुनिटी कॉस्ट लेकिन दोस्त तुम फसो कहां पर जब पेपर में आएगा तुम्हारे पास तीन ऑप्शन है ठीक है जी पहला ऑप्शन डेली 1000 कमाओ दूसरा ऑप्शन डेली 2000 कमाओ तीसरा ऑप्शन डेली 3000 कमाओ तो यह बोला है कि एक चलाक ब ब ने चालाक बंदे को बोलते हैं रैशनल बंदा रैशनल कंज्यूमर ने यह चूज कर लिया तो बताओ अपॉर्चुनिटी कॉस्ट क्या है तो यहां पर जो चूज नहीं किया वो तो बहुत सारे हैं दो है तो दोनों को जोड़ दूं क्या नहीं नहीं नहीं जो चूज कर लिया उसको तो साइड हटा दो जो बचे हुए हैं उनमें से देखो बेस्ट कौन है सबसे हाईएस्ट वैल्यू किसकी है तो इन दोनों में हाईएस्ट वैल्यूज की है ना ये होगा अपॉर्चुनिटी कॉस्ट यानी हो सकता है आपके पास रिसोर्स हो रिसोर्स के बहुत सारे यूज हो एक आप चूज कर लोगे जो नहीं चूज किए वो बहुत सारे हैं इन सब में जो बेस्ट बचा हुआ है उसकी वैल्यू को बोलेंगे अपॉर्चुनिटी कॉस्ट ये एग्जाम में फसाने वाला टेक्निकल क्वेश्चन था इसलिए बोलता हूं कि बेसिक से एडवांस तक कराऊंगा फसो ग नहीं यहां पे तो एक और डेफिनेशन बन रही है अपॉर्चुनिटी कॉस्ट की हो सकता है कि आपकी रेफरेंस बुक में ये वाली लिखी हो तो लिखा है इट रेफर्स टू द वैल्यू ऑफ नेक्स्ट बेस्ट अल्टरनेटिव यूज ऑफ अ कमोडिटी अल्टरनेटिव मतलब बहुत सारे मेनी हर कमोडिटी के हर रिसोर्स के मेनी यूज होते हैं आपकी लाइफ में जो टाइम है उसके भी बहुत सारे यूज है तो आपने एक चूज कर लिया जो नेक्स्ट वाला बेस्ट बचा हुआ था उसकी वैल्यू को बोल देंगे और ध्यान रखना जब जब बच्चा अपॉर्चुनिटी कॉस्ट की डेफिनेशन लिख के आता है तो गलती कहां करता है वो वो यार ये लिखना मिस कर देता है वैल्यू तो इसलिए मैंने सर्कल किया हुआ है बहुत सारे बच्चों में गलतियां पाई जाती है जैसे कि अकाउंटेंसी के सब्जेक्ट में अगर मैं देखता हूं ना तो जब बच्चों से बातें होती है तो सबसे बड़ी गलती पता क्या लगती है कांसेप्ट समझने के बाद अकाउंटेंसी के अंदर जो वर्किंग नोट्स बनाए जाते हैं ना यार वो वर्किंग नोट्स बच्चे पता है पेलम पाली कहीं भुचर मुर रारा करके निकाल देते हैं बहुत सारे गलत गलत से गड़बड़ गड़बड़ करके वर्किंग नोट्स बनाते हैं और फिर ढूंढते हैं अरे वो वैल्यू कहां गई तो बच्चों की कैलकुलेशन मिटक इसलिए होती है क्योंकि वो ऑर्गेनाइज्ड तरीके से वर्किंग नोट्स नहीं बनाते तो आपको वर्किंग नोट्स बहुत साफ सुथरे ऑर्गेनाइज तरीके से बनाने चाहिए ताकि जिस वैल्यू की आपको जरूरत हो वो वैल्यू आपको मिल जाए इकोनॉमिक्स में बंदे कुछ वर्ड्स मिस कर जाते हैं वो मैं बता देता चलो जी सर्ड है अपॉर्चुनिटी कॉस्ट का टॉपिक ही हो गया खत्म अब दोस्त आपको मैं बताऊंगा एक मस्त सा कांसेप्ट है यह अलग ही कांसेप्ट है सेंट्रल प्रॉब्लम्स सेंट्रल प्रॉब्लम्स का एक नाम और है इसे बोलते हैं प्रॉब्लम ऑफ एलोकेशन ऑफ रिसोर्सेस एलोकेशन ऑफ रिसोर्सेस हमारे तुम्हारे या किसी भी देश में पूरी दुनिया के अंदर सभी देशों के अंदर तीन तरीके की सेंट्रल प्रॉब्लम होती है एक होती है व्हाट व्हाट व्हाट व्हाट टू प्रोड्यूस मतलब क्या प्रोड्यूस करें दूसरी होती है हाउ टू प्रोड्यूस मतलब कैसे प्रोड्यूस करें तीसरी होती है फॉर हूम टू प्रोड्यूस किसके लिए प्रोड्यूस करें कहने का मतलब क्या यहां पर प्रोडक्शन की बात हो रही है कोई ना कोई कमोडिटी का प्रोडक्शन किया जा रहा है तो क्या बनाना है कैसे बनाना है किसके लिए बनाना है यह तीन प्रॉब्लम्स को सेंट्रल प्रॉब्लम्स बोलते हैं और यकीन मानिए यह तीनों प्रॉब्लम्स प्रॉब्लम ऑफ चॉइस की वजह से आई है इनके अंदर चॉइस आएगी तो आपको यह पढ़नी है सबसे पहले प आते हैं व्हाट टू प्रोड्यूस प दोस्त देखो सबसे पहली प्रॉब्लम व्ट टू प्रोड्यूस यह समझने के लिए पहले आपको जानना है फॉर एग्जांपल यू आर अ प्रोड्यूसर तुम कुछ ना कुछ प्रोड्यूस करना चाहते हो और भाई कोई भी देश हो कोई भी हो बिना प्रोडक्शन के चलती नहीं है हर देश में कुछ ना कुछ बनाया जाता है तो यार जब हम सोचते हैं ना मुझे कुछ ना कुछ प्रोड्यूस करना है तो यार हमारे सामने अनलिमिटेड गुड्स आ जाती है बहुत सारी गुड्स है यार मैं गन बना लू तो देखना पड़ेगा मेरे देश में गन बनाना अलाउड है या नहीं है चरस बेच लू देखना पड़ेगा मेरे देश में अलाउड है या नहीं है छोले बटोरे बना लू राजमा चावल बना लू वीट प्रोड्यूस करू राइस प्रोड्यूस करू लैपटॉप प्रोड्यूस करूं या ट्यूबलाइट पंखा कैमरा घड़ी टीवी क्या प्रोड्यूस करूं अरे ऑमलेट बनाने लग जाऊं क्या हां क्या मुझे बनाना है आई हैव मेनी ऑप्शंस तो वी हैव टू मेक चॉइस कि मुझे क्या प्रोड्यूस करना है तो कौन सी कमोडिटी मुझे प्रोड्यूस करनी है इसकी चॉइस बनानी है तो ये एक बहुत बड़ी प्रॉब्लम होती है हर एक प्रोड्यूसर इवन हर एक देश की गवर्नमेंट के साथ ये प्रॉब्लम होती है काफी देशों के अंदर कुछ कुछ ऐसी चीजें हैं जो प्रोड्यूस करने अलाउड है काफी देशों के अंदर कुछ-कुछ ऐसी चीजें हैं जो प्रोड्यूस करने अलाउड नहीं है तुम समझ सकते मैं ज्यादा नहीं बोलूंगा इस बारे में कौन सी चीजों के बारे में य बात हो सकती है कमेंट सेक्शन में बता सकते हो आप कोई दिक्कत नहीं है चलो जी दोस्त एक बार मान लो कंट्री ने डिसाइड कर लिया कि भैया यह एक्स वाई जड कमोडिटी बनानी है तो राज्य साथ में एक प्रॉब्लम खड़ी हुई है इसकी कितनी क्वांटिटी बनानी है भाई क्वांटिटी कितनी प्रोड्यूस करनी है तुम बोलोगे यार मान लो मोबाइल फोन बनाना है तुम इंडिया में मोबाइल फोन बनाना चाहते हो कितने पीस बनाओगे तुम बोलोगे इंडिया की जनसंख्या 140 करोड़ है मैं 20 करोड़ मोबाइल फोन बना दूं ए तुके बनाओगे क्या अरे तुम देखोगे एल कितने बनाता है samso.tk अगर एक बार डिसाइड भी कर लिया कि एक्स वाई जड कमोडिटी का प्रोडक्शन करना है तो साथ में एक बसूरी है कि उसकी कितनी क्वांटिटी हमें प्रोड्यूस करनी है और तुम बोलोगे सर तुमने समझा तो दिया तीन नंबर की ये प्रॉब्लम आएगी लिखूंगा कैसे राज्य कंटेंट पेश कर रहा हूं ना ये रहा तुम्हारे सामने कंटेंट तीन नंबर में आएगा तीन नंबर में ऊपर से लेक नीचे तक उतार देना कोई माइक आ लाल नहीं जो तुम्हारा नंबर काट ले चलो जी व्हाट टू प्रोड्यूस की प्रॉब्लम तीन नंबर में आएगी तो सबसे पहले मीनिंग लिखोगे इट रेफर्स टू द प्रॉब्लम ऑफ मेकिंग चॉइस ये प्रॉब्लम चॉइस की है कौन सी ऑफ द गुड टू बी प्रोड्यूस्ड कौन सी गुड का मुझे प्रोडक्शन करना है इन एन इकॉनमी क्योंकि देयर आर मिलियंस ऑफ गुड्स टू बी प्रोड्यूस इन एन इकॉनमी एक देश के अंदर प्रोड्यूस करने के लिए हमारे पास मिलियंस लाखों ऑप्शन अवेलेबल है फॉर एग्जांपल कौन-कौन से ऑप्शन अवेलेबल अवेलेबल है भाई हवा में तीर तो नहीं मार रहे नहीं भाई ऑप्शन अवेलेबल है जैसे कि कैपिटल गुड्स प्रोड्यूस कर सकता हूं जैसे कि मशीन हो गया ट्रैक्टर हो गया कैपिटल गुड्स वो गुड्स होती है जो दूसरी गुड्स को प्रोड्यूस करने में हेल्प करें मशीनरी रिलेटेड ही मान लो कंज्यूमर गुड्स प्रोड्यूस कर सकता हूं जो कंज्यूमर डेली दुकान प जाके खरीदता है चीनी खरीदता है ना टूथपेस्ट खरीदता है ना नहाने का साबुन खरीदता है ना वो सब चीजें या मैं वॉर टाइम गुड्स को प्रोड्यूस कर सकता हूं धर ध गन बॉम टैंकर अगर अलाउड है तो तो हमें डिसाइड करना होगा कि कौन सी कमोडिटी को प्रोड्यूस करना है हमारे देश के हिसाब से अगर एक बार डिसाइड भी कर लिया राज्य तो लिखेंगे वंस द सिलेक्शन अबाउट द गुड टू बी प्रोड्यूस इज मेड गुड के बारे में सिलेक्शन ले लिया कि क्या करना है देन नेक्स्ट प्रॉब्लम अराइज अगली प्रॉब्लम साथ में चिपकी हुई है इसका नाम है हाउ मच टू बी प्रोड्यूस्ड उसकी कितनी क्वांटिटी हाउ मच मतलब व्ट क्वांटिटी ऑफ दैट कमोडिटी शुड बी प्रोड्यूस्ड अब तुम इसको प्रॉब्लम नंबर टू मत बोलना यह सारी मिला केर प्रॉब्लम नंबर वन है ठीक है जी चलो जी डिसाइड कर लिया भैया मान लो कोई भी कमोडिटी बनाने का अगली प्रॉब्लम हमारे पास है व्ट टू प्रोड्यूस करने के बाद वट टू प्रोड्यूस हो गया अगली प्रॉब्लम है राज हाउ टू प्रोड्यूस हाउ टू प्रोड्यूस देखो जी यह कहा जाता है कि हाउ टू प्रोड्यूस भी चॉइस की प्रॉब्लम है लेकिन चॉइस किस चीज की प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी की चॉइस पेपर में क्वेश्चन आता है प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी की चॉइस से रिलेटेड कौन सी प्रॉब्लम है तो हाउ टू प्रोड्यूस है हमारे पास दो तरीके की प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी अवेलेबल होती है एक ऐसी प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी जिसमें लेबर ज्यादा लगती है और कैपिटल कम इस्तेमाल होती है दूसरी ऐसी है जिसमें लेबर का इस्तेमाल कम होता है कैपिटल का इस्तेमाल ज्यादा होता है और ज्यादा ज्यादा मतलब मोर दोस्त मोर को बोलते हैं इको में इंटेंसिव ठीक है जी जिस टेक्नोलॉजी में लेबर ज्यादा यूज होती है इस टेक्नोलॉजी को बोलते हैं लेबर टेक्नोलॉजी लिट फुल फॉर्म लिखूंगा अभी जिसमें कैपिटल ज्यादा यूज होती है उस टेक्नोलॉजी को बोलते हैं कैपिटल इंटेंसिव टेक्नोलॉजी कैपिटल का मतलब पैसा या मशीनरी मशीनरी वर्ड ज्यादा अच्छा है कैपिटल गुड्स वाली आ गई ना तो देखो यार अब तुम स्वेटर बनाओगे स्वेटर दोनों तरीके से बनता है लेबर यानी हाथ से भी बनता है और वह मशीन से भी बनता है तो डिपेंड करता है कि आप कमोडिटी को ऐसी टेक्नोलॉजी से बनाना चाहते हो या फिर ऐसी टेक्नोलॉजी से बना बना चाहते हो लेकिन कुछ गुड्स ऐसी हैं फॉर एग्जांपल अगर आप वीट और राइस का प्रोडक्शन करना चाहते हो वो तो फार्म पे ही होगा खेतों में होगा वहां तुम्हें लेबर चाहिए होगी है ना लेकिन अगर आप कोई हाईटेक प्रोडक्ट बनाने लग गए जैसे कि लैपटॉप है मोबाइल फोन है वहां लेबर से ज्यादा मशीन का काम है तो डिपेंड करता है कि आपने कौन सी गुड्स प्रोड्यूस करनी है उसके हिसाब से आप लेबर इंटेंसिव या कैपिटल इंटेंसिव टेक्नोलॉजी को चूज करोगे अब ये वाला क्वेश्चन हाउ टू प्रोड्यूस को एक्सप्लेन करो तीन नंबर का आ गया पेपर में भाई तीन नंबर का आ गया उस्ताद हाउ टू प्रोड्यूस तो सबसे पहले तो ऊपर नाम ठीक करेंगे यह हाउ टू प्रोड्यूस है तो जब ये आएगा तो आप लिखोगे हरे रंग का यूज करेंगे अब इट रेफर्स टू द प्रॉब्लम ऑफ चॉइस रिलेटेड टू प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी एक नंबर यही मिल जाएगा आपको यह प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी को चूज करने की प्रॉब्लम है चॉइस की प्रॉब्लम है देख रहे हो यह वर्ड फिर आ गया क्योंकि सबसे बड़ी इकोनॉमिक प्रॉब्लम तो चॉइस की है फिर बताओगे कि टू टाइप्स ऑफ प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी होते हैं एक लेबर इंटेंसिव टेक्नोलॉजी एल आईटी मैंने लिखा था पीछे एक कैपिटल इंटेंसिव टेक्नोलॉजी सीआईटी लिख दिया अब इन दोनों का मीनिंग लिख दो एआईटी रेफर्स टू द प्रोडक्शन टेक्नीक वेयर मोर लेबर एंड लेस कैपिटल इज यूज्ड कैपिटल की जगह काफी सारी रेफरेंस बुक में मशीनरी भी लिखा हुआ है तो मैं सारी गाइडेंस देता हूं आपको और कैपिटल इंटेंसिव टेक्नोलॉजी कौन सी होती है जिसमें मोर कैपिटल और लेस लेबर इज यूज्ड एग्जांपल भी दे सकते हो यहां पर यार फॉर एग्जांपल एग्रीकल्चरल गुड्स एग्रीकल्चरल गुड्स मतलब वीट राइस और य एग्जांपल दे दो हाईटेक प्रोडक्ट एग्जांपल के तौर प जैसे कि मोबाइल फोन या लैपटॉप लिख दो ठीक है बस ठीक है भाई थर्ड प्रॉब्लम आ गई फॉर हमम टू प्रोड्यूस मम मतलब कौन बंदा हम माल किसके लिए बना रहे हैं भाई मोबाइल फोन देश के अंदर बनाए जा रहे हैं एल के महंगे महंगे फोन आते हैं तो हमें डिसाइड करना है जो माल बना रहे हैं वह किसके लिए बना रहे हैं व रिच के लिए बना रहे हैं या पूर के लिए बना रहे हैं भाई दोनों के अलग अलग इंपॉर्टेंस है अगर तुम रिच के लिए बनाओगे तो भाई एक्सपेंसिव माल बनाओगे पूर के लिए बनाओगे तो थोड़ा इकोनॉमिकल यानी चीप माल बनाओगे यही तो है ना अब देखो दोस्त एक में मान लो इंडिया के अंदर 3.9 ट्रिलियन डॉलर का माल बनाया जाता है कितने का 3.9 ट्रिलियन डॉलर का माल इंडिया में बनाया जाता है एग्जांपल के तौर पर बोल रहा हूं तो यह इंडिया में बनाए जाने वाली माल की वैल्यू है यानी गुड्स भी बनाई जाती है सर्विस भी प्रोवाइड की जाती है एक देश में जितने भी रुपए का माल बनाया जाता है उसकी वैल्यू को बोलते हैं जीडीपी और दो दोस्त जब यह जीडीपी बढ़ता है ना तो बोलते हैं देश तरक्की कर रहा है ग्रोथ हो रही है ठीक है तो जब हम अमीरों के लिए सामान बनाते हैं तो महंगा महंगा सामान बनता है जीडीपी की वैल्यू जल्दी बढ़ती है तो बोलते हैं हम देश की ग्रोथ पर फोकस कर रहे हैं लेकिन ग्रोथ को छोड़ो जब तुम सस्ता सस्ता सामान बनाओगे लोगों तक अवेलेबल होगा तो ऐसा माना जाएगा लोगों तक तुम सामान पहुंचाकर उनके पास फैसिलिटी प्रोवाइड कर रहे हो तो उनका वेलफेयर हो रहा है अगर सोचो मोबाइल फोन सिर्फ अमीरों पे होता तो ये वेलफेयर इनका नहीं होता क्योंकि मोबाइल फोन से जो फायदे हैं वो गरीबों को भी होने चाहिए तो सस्ता फोन बनना चाहिए तो सस्ता ही बनता है महंगा ही बनता है समझ रहे हो तो ये भी चॉइस की प्रॉब्लम है जो भी आप सामान बना रहे हो यू विल हैव टू मेक चॉइस अगर आपकी प्रेफरेंस इकोनॉमिक ग्रोथ है तो आप महंगा बाल बनाओगे अगर आपकी प्रेफरेंस लोगों का वेलफेयर है तो आप सस्ता माल बनाओगे तो जब भी ये आए फॉर होम टू प्रोड्यूस की प्रॉब्लम तो आप लिखोगे दिस प्रॉब्लम इज रिलेटेड विद द चॉइस बिटवीन सोशल इक्वलिटी सोशल इक्वलिटी मतलब गरीबों के लिए सामान बना रहे हो थोड़ा सा अमीरों पे भी फोन है गरीबों प भी फोन है तो इक्वलिटी हो जाएगी सोशल एंड जीडीपी ग्रोथ या फिर इकोनॉमिक ग्रोथ इफ गुड्स आर प्रोड्यूस्ड फॉर पुअर गरीबों के लिए माल बनाया तो सोशल इक्वलिटी विल इंक्रीज हम अगर एक्सपेंसिव गुड्स बनाकर अमीरों के लिए माल बनाया तो जीडीपी विल इंक्रीज यू विल हैव टू डिसाइड यू विल हैव टू मेक अ चॉइस राइट अब दोस्त इस प्रॉब्लम को को हम बोलते हैं प्रॉब्लम ऑफ इनक्व ऑफ इनकम देश के अंदर इनिक्वालिटी है इस वजह से ये प्रॉब्लम भी आई है इन इक्वलिटी ऑफ इनकम की प्रॉब्लम अब तुम बोलोगे सर मैं संदीप गर को फॉलो करता हूं वहां पर इस वाले को ऐसे नहीं लिखा वहां पर पर्सनल डिस्ट्रीब्यूशन लिखा हुआ है और फंक्शनल डिस्ट्रीब्यूशन लिखा हुआ है तो यार पर्सनल और फंक्शनल को हटा के अगर तुम ये वाली एक्सप्लेनेशन भी लिखोगे टीआर जन व की होरी में लिखी हुई है तो आपको तब भी पूरे नंबर मिल जाएंगे इतना बसोड़ भी पढ़ने का फायदा ही नहीं है ठीक है कंटेंट तो वही है सब ठीक है ठीक है जी ठीक है सर अब मैं आपको फिर से याद दिलाता हूं कि हम टाइप्स ऑफ इकॉनमी कर चुके हैं वो ज्यादा इंपॉर्टेंट क्वेश्चन नहीं आता वहां से हम कर चुके सेंट्रल प्रॉब्लम्स तीन तरीके की होती है सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट यही है इकोनॉमिक प्रॉब्लम का मतलब कर चुके हैं स्केर सिटी कर चुके हैं इकोनॉमिक्स की डेफिनेशन कर चुके हैं अब आते हैं इकोनॉमिक्स कितने तरीके की होती है भाई ठीक है इस पे आते हैं फिर उसके बाद पहुंचेंगे प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी गर्व पे तो दोस्त सबसे पहले आप देख पा रहे हो तुमने सुना होगा कि इकोनॉमिक्स में थ्योरी होती है थ्योरी भी होती है प्रैक्टिकल भी होती है डायग्राम भी होते हैं उस थ्योरी में कुछ लाइंस लिखी होती है हां यार थ्योरी तो हिंदी में भी इंग्लिश में भी इको में भी बिजनेस में भी अकाउंट्स में भी होती है उस थोरी तो लाइ तो लिखी होगी हा तो भैया कुछ लाइंस ऐसी होती है जो फैक्ट को बताती है कि क्या हुआ है व्हाट इज हैपेंड एक्चुअली क्या हुआ है और कुछ लाइन ऐसी बताती है कि क्या होना चाहिए भाई क्या हुआ है या क्या हो गया है कुछ फैक्ट को बताएगी प्रेजेंट को बताएगी कुछ फ्यूचर के बारे में बताएगी कि क्या होना चाहिए फॉर एग्जांपल मैं बोल रहा हूं मेरा नाम लव कौशिक है फैक्ट है है ना मेरा नाम लव ही होना चाहिए ये सजेशन है ठीक है तो ऐसे ही इंडिया एक ओवर पापुलेटेड कंट्री है बहुत ज्यादा पॉपुलेशन है इंडिया में ये फैक्ट है है ना बोल दो इंडिया में अमीर लोगों पे बहुत ज्यादा ही टैक्स लगना चाहिए तो एक सजेशन है तो इंग्लिश बोलती है इको मत समझो अब इंग्लिश बोलती है कि जिस लाइन में सजेशन यानी ओपिनियन होती है उस लाइन में मोडल यूज होता है शुड बी यानी रिच पीपल शुड बी मोर टैक्स अमीर लोगों प ज्यादा टैक्स लगना चाहिए ठीक है या शुड बी को तुम लिख सकते हो ऑट टू बी है ना तो दोस्त बहुत सिंपल लाइन में आपसे बोलना चाहता हूं इकोनॉमिक्स की थ्योरी की लाइंस को अगर मैं डिवाइड करके देखूं जिस लाइन में व्ट इज यूज होता है उसको बोलते हैं पॉजिटिव इकोनॉमिक्स जिस लाइन में शुड बी या ऑटो बी यूज होता है उसे बोलते हैं नॉर्मेटिव इकोनॉमिक्स नॉर्मेटिव इकोनॉमिक्स मतलब सलाह दी जा रही है पॉलिसी बनाने की है ना और ये फैक्ट को डिस्कस किया जा रहा है कि क्या एक्चुअली सिचुएशन चल रही है देश के अंदर वो पॉजिटिव इकोनॉमिक्स तो दोनों ही जरूरी होती है पॉजिटिव इकोनॉमिक्स और नॉर्मेटिव इकोनॉमिक्स तो एग्जाम के अंदर कभी-कभी इसके बीच में डिफरेंस आ जाता है तो बहुत प्यार से समझाऊ ये लो जी ठीक है जी ये आपकी पॉजिटिव इकोनॉमिक्स ये आपकी नॉर्मेटिव इकोनॉमिक्स तीन पॉइंट आप याद कर सकते हो प्यारे-प्यारे एग्जांपल से समझना स्टार्ट करेंगे डिटेल में समझ में आएगा एग्जांपल पॉजिटिव का द रेट ऑफ इंफ्लेशन एट प्रेजेंट इ 6 पर येय एग्जांपल लिखा हुआ है सच में होना हो मतलब अभी 6 पर की इन्फ्लेशन चल रही है महंगाई चल रही है सच्ची बात है पॉजिटिव इकोनॉमिक्स है इंडिया इज ओवर पॉपलेट इंडिया में बहुत ज्यादा पॉपुलेशन है सच्ची बात है पॉजिटिव इनमस है व्हाट शुड बी द गुड रेट ऑफ इंफ्लेशन बी एक महंगाई का इन्फ्लेशन रेट कितना होना चाहिए शुड बी तो यार जहां पर ओपिनियन आ रही है पर्सनल जजमेंट है ना कि क्या होना चाहिए तुम बोलोगे 6 पर होना चाहिए मैं बोलूंगा 4 पर होना चाहिए ठीक है नॉर्मेटिव इकोनॉमिक्स है रिच पीपल शुड बी मोर टैक्स्ड अमीर लोगों पर ज्यादा टैक्स लग जाना चाहिए यू शुड ओबे द ट्रैफिक रूल्स चाहिए चाहिए मतलब जो चीज होनी चाहिए ऐसी वाली बातें आ गई तो आ गई तुम्हारी नॉर्मेटिव इकोनॉमिक्स राइट तो डेफिनेशन पे आ जाते हैं पॉजिटिव इकोनॉमिक्स डील्स विद फैक्चर सिचुएशन ये फैक्चर सिचुएशन के ऊपर डील करता है जैसे कि मैं बात करूं ये सारी लाइन काट के तुम लिख सकते हो काटो मचाए इसमें मेन लिख देना अ दे डिस्क्राइब द एक्चुअल सिचुएशन लाइक व्हाट इज इतना लिख देना बस व्हाट इज एक्चुअल सिचुएशन को ये व्हाट वुड भी ऐसे सच्ची बात होती है व्हाट वाज भी होता है लेकिन आप इसको अवॉइड कर सकते हो एग्जाम रिलेटेड इतना इंपॉर्टेंट नहीं है नॉर्मेटिव इकोनॉमिक्स डील्स विद द आइडियल सिचुएशन ऑफ व्हाट शुड बी और व्हाट ऑट टू बी नॉर्मेटिव इकोनॉमिक्स बोलता है कि क्या बेहतर होना चाहिए क्या आइडियल बेहतर सिचुएशन होनी चाहिए क्या बढ़िया होना चाहिए चाहिए के ऊपर बात करता है जजमेंट के ऊपर बात करता है तो नॉर्मेटिव में बोलते हैं इट इवॉल्व द पर्सनल वैल्यू जजमेंट हां खुद की जजमेंट इसमें वैल्यू करती है ठीक है लेकिन यहां पर कोई जजमेंट नहीं है इट डज नॉट इवॉल्व एनी पर्सनल वैल्यू जजमेंट जब इंडिया ओवर पॉपुलेशन दोगे मतलब क्या ओपिनियन देना चाहते हो यहां पर ओपिनियन की वैल्यू नहीं होती यहां पर ओपिनियन की वैल्यू होती है लेकिन दोस्त तुम यहां पर सलाह दे रहे हो क्या दे रहे हो सलाह क्या होना चाहिए इसको वेरीफाई नहीं कर सकते तुम यहां पर जो हो चुका है ना इंडिया में इन्फ्लेशन रेट 6 पर है इंडिया की पॉपुलेशन 140 करोड़ से ज्यादा है इसको वेरीफाई कर सकते हो तो फैक्ट है सच सिचुएशन या सच डिस्क्रिप्शन कैन बी वेरीफाइड यस यह वेरीफाई हो सकती है लेकिन यह वेरीफाई नहीं होंगी सच सिचुएशन या ऐसी डिस्क्रिप्शन कैन नॉट बी वेरीफाइड ये डिबेटेबल भी हो सकती है ठीक है ओके रिपोर्ट है यह वर्ड मत लिखना यहां पर ओके रिपोर्ट इतना बता दिया अब हो गया आपका टॉपिक पॉजिटिव और नॉर्मेटिव इकोनॉमिक्स का अब बच्चा बोलेगा सर माइक्रो और मैक्रो के बीच का डिफरेंस राज्य इस पे आएंगे इस लेकिन एक बार मेरे कहने से ना एक छोटी सी बात रह गई है दोस्त यह पॉजिटिव इकोनॉमिक्स और नॉर्मेटिव इकोनॉमिक्स की अगर बात की जाए तो पॉजिटिव इकोनॉमिक्स को हम लोग डिस्क्रिप्टिव इकोनॉमिक्स भी बोलते हैं लेकिन बात आए नॉर्मेटिव इकोनॉमिक्स की तो इसको बोलते हैं प्रिस्क्रिप्शन पे जब दवाई लेने जाते हैं तो वह कुछ मेडिसिन को ओपिनियन देता है कि ये दवाइयां ले लेना आप इस दवाइयों से ठीक हो जाओगे ऐसा ही बोलता है है ना हो जाने चाहिए तो यहां पर डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन की बात की है मैंने ऐसी ही ओपिनियन यानी सलाह यानी एडवाइस वाली जो लाइंस होती है थ्योरी में वो प्रॉपर्ली नॉर्मेटिव इकोनॉमिक्स के नाम से जानी जाती है अब आएंगे मेन मुद्दे दोस्तों एक्चुअली इकोनॉमिक्स की दो ब्रांचेस हैं एक को बोलते हैं माइक्रो एक को बोलते हैं मैक्रो पूरी टोटल इकोनॉमिक्स को दो पार्ट में डिवाइड किया रनार फ्रिस्क ने इकोनॉमिस्ट का नाम है इन्होंने माइक्रो मैक्रो दो पार्ट में इकोनॉमिक्स को डिवाइड किया था तो आप देखोगे कि कितनी आसानी से आप इस चीज को समझ लोगे मैं यहां प्यार से लिखने जा रहा हूं मैंने एक तरफ लिखा है मेरे दोस्त ये माइक्रो वर्सेस थोड़ा अच्छा सा डिजाइन बनाएंगे ये लो वर्सेस मैक्रो दोनों के बीच का डिफरेंस आपको यू चुटकियों में समझ में आ जाएगा देखो जी अब हल्की इतनी चिद्दी सी छठी क्लास वाली पांचवी क्लास वाली मैथ चलेगी देखो ये ए है तो ए से ए काट दो सी से सी काट दो आर से आर काट दो ओ से ओ काट दो बचा कौन ककन रंग बदलेंगे आई बचा है यहां पर और इधर बचा है ए बस इन दोनों से आपको माइक्रो और मैक्रो के बीच का डिफरेंस बिल्कुल क्रिस्टल क्लियर हो जाएगा देखो जरा आई का मतलब होता है राज इंडिविजुअल और ए का मतलब होता है एग्रीगेट ये एग्रीगेट वाला वर्ड है ना बच्चों को परेशान करता है एग्रीगेट का मतलब अगर गल करके देखोगे तो व बताएगा इसका मतलब होता है कंबाइंड इकोनॉमिक्स में इसका मतलब होता है टोटलिटी टोटलिटी इन टोटल जब चीजों को देखोगे सम टोटल देखोगे किसी चीज का तो उसको बोलते हैं एग्रीगेट तो अब समझते हैं इकोनॉमिक्स में जब हम इंडिविजुअल यूनिट्स की स्टडी करते हैं तो उस इकोनॉमिक्स को बोलते हैं माइक्रो इकोनॉमिक्स इंडिविजुअल नाम आ गया जैसे कि मैं बात करूं कोई भी इंडिविजुअल सिंगल कमोडिटी के बारे में बात करते हैं किसी सिंगल कमोडिटी की डिमांड चाहे वो इंडिविजुअल डिमांड हो मतलब अकेले बंदे की या पूरी मार्केट डिमांड हो है तो एक ही कमोडिटी की डिमांड अगर मैं बात करूं इंडिविजुअल मार्केट की इंडिविजुअल फर्म की है ना मार्केट और इंडस्ट्री सेम वर्ड होता है ध्यान रखना किसी भी एक कमोडिटी की दुकान माइक्रो इकोनॉमिक्स है उस एक कमोडिटी की पूरी मार्केट भी माइक्रो इकोनॉमिक्स है उस एक कमोडिटी की प्रोडक्शन एक्टिविटी भी माइक्रो इकोनॉमिक्स है तो एक कमोडिटी के बारे में जब भी पढ़ते जा रहे हो एक कंज्यूमर एक प्रोड्यूसर सब पढ़ रहे सब माइक्रो इकोनॉमिक्स है यह इंडिविजुअल यूनिट्स की स्टडी को माइक्रो इकोनॉमिक्स बोलते हैं कुल मिला के भैया लेकिन मैं पूरे देश में जितने भी गुड्स बनाई जाती है मैं बोलता हूं टोटलिटी में एग्रीगेट लेवल पर जितनी भी ल गुड्स एंड सर्विसेस की बात करता हूं उन सबकी डिमांड को क्या बोलते हैं मान लो एक देश में हजारों लाखों गुड्स की डिमांड होती है तो उन एक कमोडिटी की बात नहीं कर रहा सारी कमोडिटीज की उन सबकी डिमांड को टोटल कर दो उसको बोलते हैं एग्रीगेट डिमांड और आप समझ सकते हो वो टोटल डिमांड एक देश की है यह जो एग्रीगेट डिमांड का कांसेप्ट है ना यह आएगा डिटरमिनेशन ऑफ इनकम एंड एंप्लॉयमेंट वाले चैप्टर में मैक्रो इकोनॉमिक्स में लेकिन आपको यहां समझना पड़ रहा है चलो जी अकेले बंदे की इनकम इंडिविजुअल माइक्रो इकोनॉमिक्स का हिस्सा बनेगी लेकिन पूरे देश की इनकम नेशनल इनकम होती है वो मैक्रो इकोनॉमिक्स का हिस्सा बनेगी तो यहां पर छोटी छोटी चीज आपको समझनी थी अब देखो दोस्तों शायद थोड़ा एक्स्ट्रा साउंड क्रिएट हो रहा है लेकिन उसको कंप्रोमाइज करके अपनी स्टडी पर फोकस करो लो जी माइक्रो इकोनॉमिक्स का एक नाम और है इसको हम बोलते हैं थ्योरी ऑफ प्राइस या फिर प्यार से बोल दो प्राइस थ्योरी मैक्रो इकोनॉमिक्स का एक नाम और है इसको बोलते हैं थ्योरी ऑफ इनकम एंड एंप्लॉयमेंट मैक्रो इकोनॉमिक्स जब पढ़ते हैं तो वहां पर यह चैप्टर भी पूरा का पूरा बना बनाया आता है तो लेट अस स्टडी द डिफरेंस बिटवीन माइक्रो इकोनॉमिक्स एंड मैक्रो इकोनॉमिक्स विद क्रिस्टल क्लियर पॉइंट्स जिस हिसाब से आपको एग्जाम में लिखने भी है तो नंबर वन पे देखोगे आपको मिलेगी प्यारी सी डेफिनेशन इधर माइक्रो की इधर मैक्रो की तो इट इज द स्टडी ऑफ इंडिविजुअल इकोनॉमिक यूनिट इन एन इकॉनमी या फिर ऑफ एन इकॉनमी एक इकॉनमी के अंदर इंडिविजुअल यूनिट्स को यानी एक कमोडिटी डिमांड एक कमोडिटी की सप्लाई एक कमोडिटी की मार्केट ये सब माइक्रो इकोनॉमिक्स है लेकिन जब मैं बात करूं इट इज द स्टडी ऑफ इकोनॉमी एज अ होल होल मतलब टोटलिटी एंड इट्स एग्रीगेट इसके सब टोटल कांसेप्ट को पढ़ना तो जब ऐसी लाइन लिखी हो तो दिस इज द डेफिनेशन ऑफ मैक्रो इकोनॉमिक्स और आजकल तो बहुत आसान भाषा में मैक्रो इकोनॉमिक्स की डेफिनेशन दी जाती है मैक्रो इकोनॉमिक्स इज द स्टडी ऑफ इकॉनमी एज अ होल इतना बोल दो कोई नंबर नहीं काटेगा अच्छा जी माइक्रो इकोनॉमिक्स में हम डील करते हैं इंडिविजुअल इनकम इंडिविजुअल प्राइस और इंडिविजुअल आउटपुट मतलब आउटपुट क्या इंडिविजुअल फर्म ने कितना प्रोडक्शन किया है एक कमोडिटी का प्रोडक्शन कितना है चाहे वो फर्म में हो चाहे मार्केट में हो कुछ भी हो एक ही कमोडिटी है यहां पर हम डील करते हैं पूरे देश की इनकम के बारे में ये अकेले की इनकम ये नेशनल इनकम ये अकेली कमोडिटी का प्राइस और दिस इज द जनरल प्राइस ये जनरल प्राइस को हम जनरल प्राइस लेवल भी बोलते हैं एक्चुअली ऐसा होता है एक देश के अंदर जितनी भी गुड्स होती है ना उन सबका एक एवरेज प्राइस निकालते हैं उस एवरेज प्राइस को बोलते हैं जनरल प्राइस लेवल ओके अब यहां अकेला आउटपुट पढ़ा जाता है य नेशनल पूरे देश का आउटपुट पढ़ते हैं ठीक है अ ये रूरल नहीं है ये लेवल है जनरल प्राइस लेवल ओके हां जी माइक्रो इकोनॉमिक्स की मेन सेंट्रल प्रॉब्लम होती है एलोकेशन ऑफ रिसोर्स अभी तुम बोलोगे यार ये एलोकेशन ऑफ रिसोर्स की कौन सी प्रॉब्लम हो गई अरे सेंट्रल प्रॉब्लम्स को बोलते हैं प्रॉब्लम ऑफ एलोकेशन ऑफ रिसोर्स या प्रॉब्लम ऑफ रिएलोकेशन ऑफ रिसोर्स एक ही बात है यहां पर प्राइस डिटरमिनेशन भी एक बड़ी प्रॉब्लम है माइक्रो इकोनॉमिक्स में बिल्कुल लास्ट वाले चैप्टर में प्राइस डिटरमिनेशन का एक टॉपिक आता है वहां पर ऐसा होता है डिमांड कर्व ऐसा होता है सप्लाई कर्व इन दोनों के बेसिस पे प्राइस को डिटरमाइंड किया जाता है खैर ये स्टडी तुम बाद में पढ़ोगे लेकिन माइक्रो इकोनॉमिक्स में ये डिसाइड करते हैं इधर दोस्त मैक्रो इकोनॉमिक्स में नेशनल इनकम की डिटरमिनेशन को मेन मुद्दा माना गया है यही पढ़ते हैं यही मेन चीज है अगर तुम देखोगे माइक्रो इकोनॉमिक्स के मेन टूल्स कौन से हैं टूल्स मतलब हथियार यहां पर डिमांड और सप्लाई ही मेन हथियार है किसी भी कमोडिटी की डिमांड और उसकी सप्लाई के ऊपर गेम खेलते हैं डिमांड और सप्लाई के ऊपर आगे चैप्टर्स आएंगे फर्स्ट चैप्टर में इसका जिक्र नहीं किया हुआ और यहां पर हम देखते हैं कि इसके मेन टूल्स है देश की टोटल डिमांड एग्रीगेट डिमांड मतलब टोटल डिमांड एग्रीगेट सप्लाई मतलब टोटल सप्लाई ओके रिपोर्ट है फिर मैंने बता दिया माइक्रो इकोनॉमिक्स का दूसरा नाम क्या है प्राइस थ्योरी मैंने लिखा नहीं है तो ये आपको लिखना पड़ेगा इसका दूसरा नाम है थ्योरी ऑफ इनकम ए एंप्लॉयमेंट राइट और दोस्त ये डिस्कस करती है हाउ इक्विलियम कंज्यूमर और या फिर प्रोड्यूसर का इक्विलियम या फिर इंडस्ट्री का इक्विलियम अटन किया जाए सिंपल बोलता हूं माइक्रो इकोनॉमिक्स में हम डिस्कस करते हैं कि एक कंज्यूमर का इक्विलियम कैसे आएगा एक प्रोड्यूसर का इक्विलियम कैसे आएगा और पूरी इंडस्ट्री का इक्विलियम कैसे आएगा अगर आपको ध्यान हो आपने ये चैप्टर्स पढ़ रखे हो और बाद में आप डिफरेंस समझ रहे हो तो मैं बताता हूं कंज्यूमर का इक्विलियम वहां पर नहीं आता जहां पर उसकी यूटिलिटी मैक्सिमाइज होती है माइक्रो इकोनॉमिक्स में पढ़ते हैं प्रोड्यूसर का इक्विलियम वहां नहीं आता जहां एमआरएमसी बराबर होते हैं और सेकंड कंडीशन भी होती है मार्केट का इक्विलियम वहां नहीं आता जहां मार्केट डिमांड और सप्लाई बराबर होती है खैर ये आगे आते हैं मैंने एडवांस में बता दिया आपको और इधर हम देखते हैं कि हमारे देश में इनकम एंड एंप्लॉयमेंट का इक्विलियम लेवल कितना आएगा इक्विलियम का मतलब होता है बेस्ट लेवल कितनी बेस्ट होनी चाहिए बस इतना जान के चलो आपको माइक्रो और मैक्रो के बीच के यहां पांच डिफरेंस लिखे हुए मिले हैं छठे नंबर में मैंने बता दिया कि का दूसरा नाम क्या है उसका दूसरा नाम क्या है आप कोई भी चार डिफरेंस याद कर सकते हो आपका कांसेप्ट क्लियर हो जाएगा दोस्त अब आता है बड़ा मेन कांसेप्ट कांसेप्ट ऑफ प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व या फिर प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी फ्रंटियर ये दोनों नाम यही है इसको अब आपको बताता हूं इसको प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी बाउंड्री भी बोलते हैं और दोस्त इसको ट्रांसफॉर्मेशन कर्व भी बोलते हैं आप कितने सारे नाम इसके जान जाओगे देखो ये है क्या यह बड़ा ही मजेदार कांसेप्ट है देखो दोस्त इसको एक सिचुएशन के हिसाब से अजूम करके चलेंगे आप इस कांसेप्ट को पूरे ग्राफिक तरीके से समझने वाले हो ग्राफ यहां पर जानना बहुत जरूरी होता है डायग्राम की यहां पर नॉलेज आएगी आपको कुछ एक्स्ट्रा ही एडिशनल जानने को मिलेगा अभी तक जितना भी पढ़ा है वो सब एक तरफ अब जो पढ़ाऊंगा वो सब एक तरफ क्योंकि एग्जाम में इस टॉपिक से क्वेश्चन जरूर आता है और आपको मजा भी आने वाला है चलो जी दोस्तों यह क्या है दिस इ पीस ऑफ लैंड लैंड है खेत है मान लो आप भी अजूम कर लो कि हम कोई लैंड के बारे में बात करेंगे और मैंने यहां पर एप्पल और ग्रेप्स दो गुड्स आपको दिखाई है आप भी अजूम कर लो अपने दिमाग के अंदर किसी ना किसी दो कमोडिटी के बारे में बात करने वाले हैं अब दोस्त अगर तुम्हें ये कांसेप्ट आसानी से समझना है ना तो अपने आप को मान के चलो तुम एक प्रोड्यूसर हो तुम कुछ प्रोड्यूस करने वाले हो फर्म हो जैसे कि जैसे एक फार्मर नहीं होता फार्मर भी प्रोड्यूसर होता है एक फैक्ट्री का मालिक भी प्रोड्यूसर होता है तो आप अपने आप को एक प्रोड्यूसर मान के चलो और लैंड के साथ में दो गुड्स अजूम करो यानी आप यह अजूम करके चलो कि आपके पास एक फिक्स्ड पीस ऑफ लैंड है ये लैंड है आपके पास और आपको यहां पर दो गुड्स प्रोड्यूस करनी है एक का नाम मैंने एप्पल रख दिया या फिर गुड एक्स एक का नाम मैंने वा रख दिया गुड एक्स मतलब गुड का मतलब कोई सामान होता है इसको कमोडिटी भी बोलते हैं आपको पता होना चाहिए इतना तो देखो जी मैं य बोलता हूं बेसिक्स के लिए स्टार्टिंग में आप मेरे साथ खेलते रहो जो खिला रहा हूं इधर तुम एक्स को प्रोड्यूस कर रहे हो इधर वा को प्रोड्यूस कर रहे हो आधे एरिया में एक्स बना रहे हो आधे एरिया में वा बना रहे हो मैं आपसे पूछता हूं अगर आपका दिल किया कि बाबा मेरे को एक्स का प्रोडक्शन बढ़ाना है एक्स का प्रोडक्शन बढ़ाना है तो राजवा का प्रोडक्शन कम होगा क्या कम होगा या नहीं होगा भाई तुम एक्स का प्रोडक्शन बढ़ाना चाहते हो तोवा का प्रोडक्शन कम होगा नहीं होगा अब यहां पर बहुत सारी थॉट्स आएंगी तुम ये सोच सकते हो सर एक्स का प्रोडक्शन बढ़ाना है तो हम और जमीन खरीद लेंगे एक्स का प्रोडक्शन बढ़ा लेंगे लेकिन मैं बोलता हूं नहीं नहीं हम जो यह कांसेप्ट पढ़ रहे हैं ना उसमें हमारी एक अजम है कि जो हमारे पास रिसोर्स है जैसे कि लैंड एक रिसोर्स है यह रिसोर्स कांस्टेंट रहेंगे आप लैंड और ज्यादा परचेस नहीं कर सकते तो आप बोलोगे सर ठीक है लैंड और ज्यादा परचेस नहीं करेंगे एक बढ़िया हाई डेफिनेशन मशीन लाएंगे हाई टेक्नोलॉजी वाली वो इतनी ही जगह पर पहले से ज्यादा प्रोडक्शन कर देगी तो मेरी दूसरी अजमन यहां पर है कि आपकी प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी भी नहीं बदलेगी जैसी है वैसी ही रहेगी हम ये भी एज्यूम करके चल रहे हैं कि प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी रिमेंस कांस्टेंट तो अब बताओ x का प्रोडक्शन अगर तुम बढ़ाओ तो y का कम होगा नहीं होगा अब तुम्हारे मन में आएगा हां सर x का प्रोडक्शन बढ़ाना है तो y की ही जगह घरनी पड़ेगी इधर x का प्रोडक्शन करेंगे तो यस दोस्त एक का प्रोडक्शन बढ़ाने से y का प्रोडक्शन कम हो जाएगा हो जाएगा नहीं हो जाएगा जब हमारे पास लिमिटेड रिसोर्स और कांस्टेंट टेक्नोलॉजी होती है तो एक का प्रोडक्शन बढ़ाते हो तो दूसरे का प्रोडक्शन कम हो जाता है हो जाता है य एक बेसिक कांसेप्ट है जिसको आप ध्यान में रखोगे अभी थोड़ा और आगे चलते हैं मान लो वही एक पीस ऑफ लैंड है आपके पास लिमिटेड रिसोर्स है इधर एक्स का प्रोडक्शन कर रहे हो उधर वा का प्रोडक्शन कर रहे हो अब आपसे क्वेश्चन पूछा गया है कि अगर आपने एक्स का प्रोडक्शन कम कर दिया तो बताओ y का प्रोडक्शन बढ़ेगा नहीं बढ़ेगा आप बोलोगे एक् का प्रोडक्शन कम कर दिया कम कर दो इस वाली जगह पर हम कुछ भी प्रोड्यूस नहीं करेंगे y का प्रोडक्शन क्यों बढ़ेगा अरे मैं बोलता हूं यहां पर अंपन है देखो अंपन बहुत सारी आएंगी कि अगर आप एक कमोडिटी का प्रोडक्शन कम करते हो तो दूसरे का बढ़ेगा क्यों क्योंकि जो आपके पास यह खाली रिसोर्स बचेगा ना आपने एक्स को कम कर दिया तो हम इसको वेस्ट नहीं करेंगे हम इसको भी यूज करेंगे हम बोलते हैं फुलर यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्स फुलर यूटिलाइजेशन को फुल एंप्लॉयमेंट भी बोलते हैं भैया फुल सोर्स यूज करेंगे अच्छा तो x का कम करने से ये वाला यूज करना पड़ेगा तो कोई बंदा बोलता है भैया कि z को प्रोड्यूस कर दो एक्सवा ये खाली जगह बची है तो z को प्रोड्यूस कर दो तो यहां पर एक एक और अजमन है हम ये अजूम करके चल रहे हैं कि हम सिर्फ दो गुड्स की बात करेंगे तो आपके भेजे में बात घुस नहीं चाहिए कि x का प्रोडक्शन आपने कम कर दिया कोई तीसरी कमोडिटी यहां पर प्रोड्यूस कर नहीं सकते जगह को तुम खाली छोड़ नहीं सकते तो y को ही यहां पर प्रोड्यूस करना पड़ेगा तो x का प्रोडक्शन कम करने से y का बढ़ जाता है कुल मिला के जो मैं टॉपिक आपको पढ़ाने वाला हूं उसके अंदर आपके भेजे में एक बात घुस चाहिए कि एक का प्रोडक्शन अगर आप कम करते हो तो दूसरे का बढ़ जाता है और एक का बढ़ाते हो तो दूसरे का कम हो जाता है तो दो कमोडिटी का प्रोडक्शन आप एक साथ नहीं बढ़ा सकते क्योंकि दोनों गुड्स का प्रोडक्शन इधर एक्स बना रहे हो इधर वा बना रहे हो दोनों का बढ़ाओ ग तो दोनों के लिए जमीन ज्यादा खरीदनी पड़ेगी तो हम बोल रहे हैं इट इज नॉट पॉसिबल हम अजूम करके चल रहे हैं कि रिसोर्स लिमिटेड है और लिमिटेड रिसोर्स में क्या-क्या पॉसिबल हो सकता है उसकी स्टोरी पढ़ रहे हैं उससे रिलेटेड हमारा एक कांसेप्ट आगे आएगा जो कि प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व का होगा तो हमने अज्यू क्या-क्या कर लिया पहले तो ये देख लेते हैं उसकी लिस्ट होनी चाहिए क्योंकि पेपर में क्वेश्चन आता है जो प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व का कांसेप्ट है अभी थोड़ी देर में तुम्हारे सामने आ जाएगा लेकिन उसकी अंश क्या है हमारी लैंड यानी रिसोर्स लिमिटेड है हम रिसोर्स का फुलर यूटिलाइजेशन करेंगे दिस इज नोन एज ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन या फिर फुल एंप्लॉयमेंट ऑफ रिसोर्स एंप्लॉयमेंट का मतलब यहां पर यूज करना है प्रोडक्शन की जो टेक्नोलॉजी है वो भी कांस्टेंट रहेगी यानी ये भी नहीं बदलेगी और ओनली टू गुड्स हम प्रोड्यूस करेंगे ठीक है चौथे वाली अजम अभी थोड़ी देर में आपको समझ में आएगी क्योंकि मैं पढ़ा नहीं रहा अभी एक एग्जांपल से समझाता हूं देखो मेरे दोस्त आप प्यार से देखना इधर मैंने लिखा गुड एक्स इधर मैंने लिखा गुड वा अब मैं आपके सामने पॉसिबिलिटी शो करता हूं कि एक कमोडिटी का प्रोडक्शन अगर बढ़ाने लगे तो दूसरी का कम हो हो जाएगा बिल्कुल हो जाएगा तुम्हारा दिल कहता है और मेरा मन भी कहता है ऐसा होता ही है ठीक है जैसे कि मान लो आप x का प्रोडक्शन जीरो कर रहे हो वन कर रहे हो टू कर रहे हो थ्री कर रहे हो फोर कर रहे हो तो y का प्रोडक्शन मान लो 10 है न है आठ है सात है छ है कम हो सकता है है ना एकएक बढ़ा रहे हो एकएक कम हो जाएगा अब जरूरी नहीं है कि एकएक बढ़ाने से एकएक ही कम हो डिपेंड करता है कि दोनों गुड्स कौन-कौन सी है एक का साइज बड़ा दूसरे का छोटा भी हो सकता है राइट तो ये सिचुएशन भी पॉसिबल है लेकिन ये वाली सिचुएशन जो बता रहा हूं मैं मान लो एक् का प्रोडक्शन 0 1 2 3 4 बढ़ता जा रहा है वा का प्रोडक्शन 10 ये एक इंक्रीज हुआ ये एक डिक्रीज हो गया ये एक और इंक्रीज हुआ अब ये दो डिक्रीज हो गया यह एक और इंक्रीज हुआ अब ये तीन डिक्रीज हो गया ये एक और इंक्रीज हुआ अब ये चार डिक्रीज होके जीरो हो गया यानी यह पॉसिबिलिटी भी है वो पॉसिबिलिटी भी थी ये पॉसिबिलिटी भी है ये वाली पॉसिबिलिटी हमारे सिलेबस में है यहां पर जब तुम एक्स का प्रोडक्शन बढ़ाए जा रहे हो एक एक एक एक तो y का प्रोडक्शन बहुत फास्टर रेट से देखो ना पहले 10 में से न गया एक रिड्यूस हुआ फिर न में से सात गया दो रिड्यूस हुआ फिर सात में से चार गया तीन रिड्यूस हुआ फिर चार में से जीरो गया चार रिड्यूस हुआ आप इसकी एक एक क्वांटिटी को बढ़ाने के लिए वा की ज्यादा से ज्यादा क्वांटिटी सैक्रिफाइस कर रहे हो यहां पर एक लॉ काम में आता है वह चैप्टर नंबर टू में पढ़ते हो आप कंज्यूमर में लॉ ऑफ डिमिनिशिंग मार्जिनल यूटिलिटी लेकिन दोस्त मैं यहां पर आपको समझाना चाहूंगा कि जितने रिसोर्स आपने गुड x में लगाए हुए थे है ना कुछ रिसोर्स आपने गुड y में लगाए हुए थे अब आप y से हटाकर x में रिसोर्स लगाओगे देखो ना इधर x कर रहे हो इधर y कर रहे हो आप x का प्रोडक्शन बढ़ाओ ग तो इसके रिसोर्स इसकी तरफ जाएंगे ना जाएंगे ना तो सेटलमेंट में थोड़ा समय लगता है स्टार्टिंग में आप एक यूनिट बढ़ाने के लिए इसकी एक ही यूनिट सैक्रिफाइस कर रहे थे अब आपको एक और यूनिट इसकी बढ़ानी होगी ना तो इसके लिए ज्यादा यूनिट सैक्रिफाइस करनी पड़ेंगी आपको दिस इज द रूल आप अंदर और डेप्थ में मत जाओ वरना सीए की इकोनॉमिक्स में पहुंच जाओगे सीए वाली इकोनॉमिक्स में नहीं पहुंच रहे अपना स्कूल लेवल के इकोनॉमिक्स में रहते हैं बस इतना ध्यान रखो मैं आपको एक बात समझाना चाहूंगा अगर मैं इस डाटा को ग्राफ पे प्लोट कर दूं मान लो इधर मैं x की वैल्यूज और इधर y की वैल्यूज लिख दूं x की वैल्यू 0 1 2 3 4 यहां पर लिखूं और y की वैल्यू रो से लेक 10 तक लिखूं और आठवी क्लास की तरह एक ग्राफ बनाऊ तो मेरे पास एक ऐसा कर्व आएगा इसके ऊपर पॉइंट्स होंगे कौन से होंगे तो अनलिमिटेड पॉइंट्स लेकिन मैं पॉइंट्स यहां से ले लेता हूं मान लो एक पॉइंट जी और 10 वाला होगा मतलब एक्स की वैल्यू य जीरो है यवा की वैल्यू 10 है फिर न और ना एक् की वैल्यू यहां वन है और इधर नान है ऐसे कुछ पॉइंट्स जैसे कि 0 10 0 10 ना 27 34 40 तो ये कुछ दो गुड्स के प्रोडक्शन के अलग अलग कॉमिनेशन है अगर दो गुड्स के प्रोडक्शन के अलग अलग कॉमिनेशन को आप ग्राफ प प्लोट करोगे तो एक ऐसा कर्व आएगा दिस कर्व इ कॉल्ड प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी फ्रंटियर या प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व तो आपसे कोई डेफिनेशन पूछ ले भैया प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व क्या होता है तो हम बोलेंगे यह एक ऐसा कर्व होता है जो दो गुड्स के प्रोडक्शन के अलग अलग कॉमिनेशन दिखाता है और हमने अम कर रखा है यहां पर बहुत सारी चीजों को दो अजमन सबसे इंपॉर्टेंट है कि रिसोर्स लिमिटेड रहेंगे और टेक्नोलॉजी कांस्टेंट रहेगी तो यहां पर इसकी प्यारी सी डेफिनेशन लिखी हुई है प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी फ्रंटियर या कर्व कुछ भी बोल दो प्यार से लिखा हुआ है इट इज अ कर्व शोइंग डिफरेंट कॉमिनेशन ऑफ प्रोडक्शन ऑफ टू गुड्स दो गुड्स के प्रोडक्शन के डिफरेंट कॉमिनेशन मतलब वेरियस कॉमिनेशन अलग-अलग कॉमिनेशन मैंने तो यहां पर चार पांच दिखाए हैं आपको ये रहे हो तो कितने भी सकते हैं ये सब यहां पर दिखाए जाएंगे राइट गुड्स आउट ऑफ आउट ऑफ गिवन रिसोर्स एंड कांस्टेंट टेक्नोलॉजी अगर आपने ये नहीं लिखा ना आउट ऑफ गिवन रिसोर्स एंड कांस्टेंट टेक्नोलॉजी तो टीचर आपके नंबर काट लेगा भेजे में रखना इधर एक बात को अब दोस्त अगर इन दोनों की वैल्यूज को लेकर मैं एक प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व बनाता इस वाले केस में तो हमारा प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व ऐसा बनता तो आप बोलोगे सर ऐसा होता है असली में प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व या ऐसा होता है मैं बोलूंगा राज्य कैसा भी हो सकता है डिपेंड करता है कि आपको डाटा कैसा गिवन है लेकिन हमारे सिलेबस में यही वाला है अब यह वाला कैसा है आप देखो भाई देखो प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व के बारे में बताता हूं यह कर्व कुछ इस तरीके का है तो इसको बोलते हैं नीचे गिर रहा है यह नीचे गिर रहा है तो यह डाउन वर्ड स्लोपिंग है ओके देखो जी कर्व अगर ऐसा हो ना इसके दोनों मुंह ओरिजिन को ऐसे घेर रहे हो बिच्छू के डंक की तरह तो बोलते हैं कैसा है कॉनकेव टू ओरिजिन अगर ऐसा होता तो बोलते हैं यह अपना पिछवाड़ा दिखा रहा है ऐसे करके ओरिजिन को तो इसको बोलते कॉन्वेक्स और अगर सीधी लाइन है तो ना तोय कॉनकेव ना कॉन्वेक्स है सम कुछ भी हो सकता है ओके ट है तो यह वाला प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर् कैसा है यह कॉनकेव है तो अब मैं बताऊंगा आपको कि प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर् कैसा भी हो सकता है ऐसा भी था और भी हो सकता है आप समझना कि ऐसा कब होगा कैसा है ये कॉनकेव टू ओरिजिन पेपर में क्वेश्चन आएगा यह कैसा है डाउन वर्ड स्लोपिंग स्ट्रेट लाइन यह कैसा है कॉन्वेक्स अच्छो अच्छो का दिमाग खराब हो जाता है कांसेप्ट को डाइजेस्ट करने में बाबा ये कॉनकेव होता है बिकॉज ऑफ इंक्रीजिंग एमआरटी मार्जिनल रेट ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन ये स्ट्रेट लाइन होता है बिकॉज ऑफ कांस्टेंट एमआरटी अब तुम बोलोगे सर ये एमआरटी क्या है हां यही मुझे समझाना है और ये कॉन्वेक्स भी हो सकता है बिकॉज ऑफ डिक्रीजिंग एमआरटी अब समझेंगे एमआरटी का कांसेप्ट इसकी वजह से ऐसा कैसे है लेकिन एक बात ध्यान रखना जब जब तुमसे पूछेंगे कि पीपीसी की कुछ फीचर्स बताओ तो हमारे सिलेबस में यही वाला पीपीसी पढ़ना है यानी पीपीसी की फीचर्स आ गई कि पीपीसी भाई कितनी फीचर्स है बीपीसी की हम बोलेंगे दो फीचर है एक तो ये डाउन वर्ड स्लोपिंग होता है ऐसे डाउन वर्ड स्लोपिंग है यह लेफ्ट हैंड से राइट हैंड की तरफ गिरता जा रहा है है ना और एक ये कॉनकेव टू पॉइंट ऑफ ओरिजिन है कॉनकेव कहने का मतलब ऐसे इसके दोनों मुंह ने ओरिजिन को घेरा हुआ है लेकिन अब मैं आपको यहां पर यह बताने वाला हूं दोस्त कि ये एमआरटी नाम की चिड़िया क्या है और इसकी वजह से यह अपना प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व कॉनकेव क्यों है इसके लिए आपको डाटा को समझना पड़ेगा जो मैंने आपको ये डाटा बनवाया है ना ये यहां पर और ये यहां पर इधर अपने को एमआरटी कैलकुलेट करनी है अब आपको कुछ एमआरटी के बारे में इंफॉर्मेशन दे दूं एमआरटी की फुल फॉर्म है मार्जिनल रेट ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन और दोस्त इसका दूसरा नाम मार्जिनल अपॉर्चुनिटी कॉस्ट है यह अपॉर्चुनिटी कॉस्ट नहीं है मार्जिनल अपॉर्चुनिटी कॉस्ट है तो तो इसको आप शॉर्ट में भी लिख सकते हो एमओ सी या फिर एम आरटी कुछ भी लिख सकते हो मतलब आपकी मर्जी है इसको कैलकुलेट कैसे करते हैं तो एमआरटी में यूज करूंगा इसका फार्मूला होता है अगर आपके पास दो गुड्स है तो ऊपर लिखो चेंज इन प्रोडक्शन ऑफ गुड वा वा मतलब वो वाली कमोडिटी जिसका प्रोडक्शन कम हो रहा है वो एक्स भी हो सकती है वा भी हो सकती है अपॉन चेंज इन द प्रोडक्शन ऑफ गुडस अब दोस्त इसको ऐसे भी लिख सकते डिवाइड वाले निशान को आप रेशो भी कर सकते हो कोई फर्क नहीं पड़ रहा तो दोनों फॉर्मूले हैं ऊपर डिक्रीजिंग यानी सैक्रिफाइस नीचे गेनिंग यानी इंक्रीजिंग वाला आना चाहिए बस आपको यह बता देता हूं कि जो ये टेबल्स हमने बनाई थी ये लो जी ये वाली टेबल बनाई थी अब इधर आप समझ लो इसको मैं हटा देता हूं इधर एमआरटी की वैल्यू कैलकुलेट करता हूं कैसे निकालू डेल्टा y इ डेल्टा एक् ये डेल्टा का मतलब होता है डिफरेंस गैप तो y में डिफरेंस सबसे पहले कैलकुलेट करेंगे अकेली y की वैल्यू है तो अकेली वैल्यू से डिफरेंस का पता नहीं लगता दो वैल्यूज होनी चाहिए स्टार्टिंग में डैश अब 10 से न हुआ है y कितना डिफरेंस है एक न से आठ वन आ से सातवन सात से 6 वन वन वन का डिफरेंस है बीच में निशान था ये रेशो का इधर रेशो लगा दो अब x में डिफरेंस देखो 0 1 2 3 4 वव इंक्रीज हो रहा है ये वव वववव तो आप देख पा रहे हो ये एमआरटी की वैल्यू कांस्टेंट है और जब एमआरटी की वैल्यू कांस्टेंट होती है ये प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी स्ट्रेट लाइन होता है तुम पूछोगे सर इसके पीछे लॉजिक क्या है दिस इज द मैथमेटिकल लॉजिक जब किसी एक यूनिट को बढ़ाओ ग और दूसरी यूनिट को एक-एक ही सैक्रिफाइस करोगे जितना तुम x को बढ़ा रहे हो उतना ही y को सैक्रिफाइस कर रहे हो कभी भी जिंदगी में ग्राफ प्लोट करके देख लेना स्ट्रेट लाइन आएगा तो आपसे कोई पेपर में पूछ ले कि प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व स्ट्रेट लाइन हो सकता है क्या तुम बोलोगे यस वो पूछेंगे कब हो सकता है आप बोलोगे तब हो सकता है जब हमारी एमआरटी कांस्टेंट होगी जब तुमने बोल दिया उसको कि एमआरटी कांस्टेंट होगी तो वो खुद समझ जाएगा कि इसको एक-एक बढ़ाएंगे तो ये एक-एक ही कम होगा ट्स इट आपको ज्यादा मतलब बिल्कुल ही डेप्थ के अंदर घुसा घुसा के बताने की जरूरत नहीं है लव सर ने ये लेक्चर में बोला था ये सारी कहानी बता दो अरे टेक्निकली चलो पूरे नंबर मिलेंगे इकोनॉमिक्स में खास बात यही तो है बच्चे कई बार सोचते हैं भाई जितना पेलते हैं आंसर उतना पेलते जाओ दे दनादन लिखते जाओ टीचर नंबर दे ही देगा घंटा दे देगा टीचर को चाहिए स्ट्रेट टू द पॉइंट डायरेक्ट आंसर उसने जो पूछा उसका जवाब दो पूरे नंबर ले जाओ कहानी खत्म घुमाओ फिरा मत यहां पर कोई हिस्ट्री पॉलिटिकल साइंस नहीं है कि तुम पेलते जाओगे चलो जी इसकी बात कर लो यहां बात कर रहे हैं प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी हमारा ऐसा था तो इधर भी एमआरटी को एक बारी कैलकुलेट करके दिखाई देता हूं दिखा देता हूं मेरे गोलू व बो बाबू मैं दिखाता हूं कि कैसे इसको कैलकुलेट करते हैं ठीक है मेरे गोलू को इको आ जाएगी है ना अच्छी वाली इनम सीख जाएगा गोलू सीखो ग इधर लिखेंगे एमआरटी ये डेल्टा वा ये डेल्टा एक्स ठीक है जी कैलकुलेट करेंगे स्टार्टिंग में कोई चेंज नहीं है ड अा सिंगल वैल्यू है अब y में 10 से 9 में एक न से सात में दो का डिफरेंस 7 - 4 3 4 - 0 4 बीच में लगाएंगे रेशो का निशान अब देखो जी x में चेंज 1 1 1 का चेंज है वव इंक्रीज हो रहा है तो आप कुल मिला के देखो 1 2 3 4 ये बढ़ता जा रहा है ना तो यहां पर एटी इंक्रीज हो रहा है आपसे एग्जाम में बहुत इंपोर्टेंट क्वेश्चन पूछ लेता है प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व कॉनकेव क्यों होता है क्यों होता है तो आप बोलोगे एमआरटी के इंक्रीज होने की वजह से अब जो बच्चा इंटेलिजेंट होगा उसको रीजन बताएंगे पहला क्वेश्चन पेपर में जो आ सकता है कि पीपीसी डाउन वर्ड स्लोपिंग क्यों होता है तो ये इसलिए होता है आप लिखोगे क्योंकि एक का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए दूसरे का कम करना पड़ता है यह डाउन वर्ड स्लोपिंग ही होगा चाहे ऐसा हो चाहे ऐसा हो चाहे ऐसा हो ये तीनों डाउन वर्ड स्लोपिंग है क्योंकि एक का प्रोडक्शन बढ़ाओ तो दूसरे का कम होगा ही होगा अब पीपीसी कॉनकेव क्यों होता है इट इज बिकॉज ऑफ इंक्रीजिंग एमआरटी ट्स इतना लिखने में नंबर मिल रहे भाई हा वो बात दूसरी है कि आपसे अलग से कोई क्वेश्चन पूछ ले एमआरटी होती क्या है तो आप बताना एमआरटी के बारे में डेफिनेशन य इसको मैं थोरी में कन्वर्ट कर देखो इ को सीख जाओगे तुम थोड़ी सी लैंग्वेज बनाना य क्या लिखा है चेंज इन प्रोड गुड बाय एमआरटी रेफर्स टू चेंज इन प्रोडक्शन ऑफ गुड वा या न जो मर्जी लिख दो डिवाइड के निशान को बोलते हैं इको में ड्यू टू ड्यू टू फिर नीचे क्या लिखा है चेंज इन प्रोडक्शन ऑफ गुड टू या गुड एक्स जो तुम्हारा मन करे ये डेफिनेशन है एमआरटी की अरे किसी को बताना मत कि इतनी आसानी से इसको लफ सर याद करा देते हैं पूरे फॉर्मूले की लैंग्वेज क्रैक कर दी है इतने तो बहुत सारे फार्मूले बनेंगे इको में सबके डेफिनेशन ऐसे बन जाएगी हां जैसे इको में हर एक कर्व के स्लोप का नाम होता है ऐसे दोस्त ये ना प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व का स्लोप भी है स्लोप ऑफ प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व या पीपीएफ प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी फ्रंटियर यही मान लेना जैसे आप आगे पढ़ोगे इंफर कर्व के स्लोप का नाम होता है एमआरएस बजट लाइन के स्लोप का नाम होता है एम आरई तो प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी फ्रंटियर के स्लोप का नाम होता है एमआरटी या एमओ जैसे मर्जी बोल देना तो एक नंबर का एमसीक्यू अगर आ गया तो तुम इसको कर सकते हो स्लोप एक टेक्निकल वर्ड है जो मैथमेटिक्स में ज्यादा सिखाया जाता है स्लोप के बारे में मैं बताया हूं जब जब तुम सुनो स्लोप के बारे में तो दोस्त मेरे स्लोप बोलो या इसको ग्रेडिएंट भी बोलते हैं आप ज्यादा मैथमेटिकल हो रहे हो तो इसके दो मतलब होते हैं एक कर्व की शेप कैसी है शेप मतलब वो ऐसे नीचे की तरफ गिर के डाउन वर्ड स्लोपिंग है क्या या ऊपर की तरफ जाके अपवर्ड स्लोपिंग है क्या ऐसा आपको डिमांड कर्व दिखेगा आगे ऐसा आपको सप्लाई कर्व दिखेगा ये भी डाउन वर्ड स्लोपिंग है ये भी डाउन वर्ड स्लोपिंग है सब नीचे गिर रहे हैं समझ रहे जितना नीचे गिर रहा है सब डाउन वर्ड स्लोपिंग एक होता है इस शेप की मैथ्स में वैल्यू निकालना दोस्त वैल्यू के लिए होता है फार्मूला और फार्मूले का कुछ ना कुछ नाम होता है जैसे प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी गर्व के स्लोप का नाम एमआरटी है एम आरटी क्या बोला मैं एम आरटी सॉर्टेड तो उसी तरीके से इसको बस याद कर लो ज्यादा इसके अंदर मैथ्स के अंदर बात जैसे कि एक पेपर में क्वेश्चन आ सकता है भाई बहुत बार आया भी हुआ है लिखा है फ्रॉम द शेड्यूल्ड पीपी शेड्यूल्ड मतलब एक टेबल गिवन है प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी की आप इवेलुएट करो यहां पर एमआरटी को एमआरटी निकालो तो भाई आपको यहां पर एक्स दिया है यहां परवा दिया है एक्स की वैल्यू और वा की वैल्यूज तो आप ऐसे लिख लेना जैसे मैंने सिखाया जीरो से लेकर चार तक 0 2 3 4 इधर लिख लेना वा 14 13 11 8 च 14 13 11 8 च इधर एमआरडी निकाल लो भाई वो बोल रहा है ना इवेलुएट एमआरडी स्टार्टिंग में ड कैसे निकलेगा डेल्टा y डेल्टा एक्स तो पहले डेल्टा वा निकालो 14 में से 13 गए एक 13 में से 11 गए दो 11 में से आठ गए तीन आ में से चार गए चार फिर ये बीच में दिख रहा था झंडू चमन परास रेशो का निशान हां जी ये लगा दिया डेल्टा एक् निकालो x की एक एक वैल्यू बढ़ रही है 1 1 1 1 हो गया एमआरटी यहां पर इंक्रीज कर रही है आपको दिख रहा है तो ने तो बोल दिया इसकी वैल्यू को इवेलुएट करो कैलकुलेट कर दिया आप इतना और कमेंट कर देना भैया यहां पर एमआरटी बढ़ रही है बढ़ रही है तो प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व होगा कॉनकेव टू ओरिजिन यानी ऐसा बनाने के लिए नहीं बोला खत्म कहानी और सुनो ये प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व का यूज क्या है दोस्त मेरे देखो आज के टाइम में तो मैं यह आपको इकोनॉमिक्स के पॉइंट ऑफ व्यू से पढ़ा रहा हूं लेकिन कंपनी भी देखो अगर एक कंपनी हर कंपनी के पास अनलिमिटेड पैसा नहीं है वो लिमिट में रिसोर्स होते हैं अगर मान लो वो दो चीज का प्रोडक्शन कर रही है यहां पर मान लो नहाने का साबुन है और यहां पर मान लो छोले भटूरे है कंपनी के पास पैसा तो लिमिटेड है तो वो देखती है अपना प्र पॉसिबिलिटी कर्व ड्र करके तो वय चेक करेगी मान लो ये वाला पॉइंट बोल रहा है कि इतने तो भटूरे बन सकते हैं छोले भटूरे इतने नहाने के साबुन बन सकते हैं अगर आप नहाने के साबुन कम कर दोगे तो भटूरे ज्यादा बन सकते हैं हां तुम्हें भी तो पता ही है अगर भाई यहां से तुम रिसोर्स कम कर दोगे तो इसको ज्यादा बना लोगे और अगर तुम्हारा दिल करा कि नहाने का साबुन ज्यादा बनाना है इधर आना है तुम्हें तो ये टक्कर मारो यहां भी टक्कर मारो तो तुम्हें भटूरे कम करने पड़ेंगे यही तो बोलता है पॉसिबिलिटी कर्व का कांसेप्ट तो चेक करती है कंपनी यूज करती है रियल लाइफ के अंदर इसको अप्लाई करती है और यह प्रोडक्शन इंजीनियर्स का काम है टेक्निकल काम है वो कॉमिनेशन बना के देते हैं कि इतना रिसोर्स में इतना प्रोडक्शन गुड एक्स का होगा इतना प्रोडक्शन गुड वा का होगा एक्स का बढ़ाओ तो y का इतना कम हो जाएगा वो ऐसे पूरी टेबल बना के देते हैं रियल लाइफ में यूज होता है और अगर देश के बेसिस पर देखोगे तो कंट्री के बेसिस प इस चैप्टर में सोचा गया है मान लो यह एक देश का प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व है तो हम बताते हैं अगर दो गुड्स के बारे में अगर आप बात करो कि एक देश मान लो सिर्फ दो ही चीज बना पा रहा है बनाता तो लाखों चीजें हैं लेकिन दो चीज के बारे में सोच के चलो तो बोलते हैं भाई यह बाउंड्री है यह हरे रंग की लाइन बाउंड्री है इसके बाहर अगर कोई पॉइंट है यह बोलता है कि इतना प्रोडक्शन y का हो जाएगा इतना प्रोडक्शन x का हो जाएगा तो ये जिस भी देश की बाउंड्री है प्रोडक्शन की बाउंड्री उस देश के लिए पॉसिबल ही नहीं है इस पॉइंट पे आना यानी इतने रिसोर्स उसके पास है ही नहीं तो कोई भी पॉइंट इस बाउंड्री से बाहर होगा तो वो देश के लिए अची वेबल होगा ही नहीं अगर मान लो इस पॉइंट की बात कर रहे हैं तो बोलते हां y का प्रोडक्शन इतना हो जाएगा एक का इतना हो जाएगा कितना यहां कोई ना कोई नंबर होगा 100 200 500 किलो कुछ ना कुछ तो होगा ये तो हम ग्राफिकली पढ़ रहे हैं तो हां यह पॉइंट वो कंट्री प्रोड्यूस कर सकती है और उसके पास रिसोर्स की बाउंड्री यह है तो कुछ रिसोर्स उसके पास बच भी जाएंगे लेकिन दोस्त अगर मैं आपसे बोलूं एक देश का पीपीसी ये है और इस देश ने डिसाइड कर लिया कि इस वाले पॉइंट प प्रोड्यूस करना है तो y का प्रोडक्शन इतना करेगा एक् का इतना करेगा तो इसका मतलब यह है कि इस देश के सारे रिसोर्स इस्तेमाल हो रहे हैं क्यों क्योंकि प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व के ऊपर कोई भी पॉइंट हो यह बोलता है सारे रिसोर्स यूज करके तुम एक्स का इतना बना सकते हो वा का इतना बना सकते हो सारे रिसोर्स यूज करोगे इस वाले पॉइंट प तो एक्स तुम्हारा थोड़ा कम हो जाएगा लेकिन दोस्त वा इंक्रीज हो जाएगा लेकिन पीपीसी का हर एक पॉइंट यही बोलता है कि रिसोर्स तुम्हारे सारे यूज हो जाएंगे तो एग्जाम में एक क्वेश्चन आया हुआ है तीन नंबर का कहता है एक प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी फ्रंटियर ड्र कर दो अच्छा जी ड्र कर दो उसम दिखना चाहिए फुलर यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्स और अंडर यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्स दो ही पॉइंट बताऊंगा अभी यह लो जी पीपीसी मैंने ड्रा कर दिया यहां पर कोई बोल रहा है फुलर तो इसके ऊपर कोई भी पॉइंट मार्क कर दो एक दो तीन ए बी सी ये तीनों पॉइंट दिखा रहे हैं फुलर यूटिलाइजेशन बस तो आप बोल दो एनी पॉइंट ऑन पीपीसी शोज फुलर यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्स स्वाहा हो गया बो गोलू इको सीखेगा लोज बोलता है अंडर यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्स या फिर अंडर एंप्लॉयमेंट ऑफ रिसोर्स पीपीसी के अंडर कोई भी पॉइंट बना दो प क कितने मर्जी बना दो बस बोल दो एनी पॉइंट बिलो पीपीसी शोज अंडर यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्सेस दैट्ची राइट वड शिफ्ट हो जाएगा तो मुझे अब आपको समझाना है कि देख प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर् शिफ्ट भी हो सकता है कॉसेस ऑफ शिफ्ट इन प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी फ्रंटियर ठीक है जी पहली बात दो रीजन है पहला रीजन है अगर तुम्हारे रिसोर्स चेंज इन रिसोर्सेस रिसोर्सेस इंक्रीज या डिक्रीज हो जाए तो प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर् शिफ्ट हो जाएगा दूसरा दसरा है चेंज इन प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी अगर आप प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी को बदल दो तो भी रिसोर्स प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी का शिफ्ट हो जाएगा कैसे कैसे कैसे अब मैं आपको बताता हूं देखो भैया यह प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व है पुराना मान लो पुराना अब यह राइट वर्ड शिफ्ट हुआ है यानी इस चीज का प्रोडक्शन आप पहले से ज्यादा कर सकते हो और इसका भी पहले से ज्यादा कर सकते हो मतलब तुम्हारे पास रिसोर्स बढ़ गए होंगे तो इसके दो रीजन हो सकते हैं पहला कि इंक्रीज इन रिसोर्स और बुक में लिखा होता है इसको कभी-कभी ग्रोथ इन रिसोर्स या दूसरा इंप्रूवमेंट हो गई है तुम्हारी टेक्नोलॉजी में इंप्रूवमेंट इन प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी लेकिन दोस्त अगर ऐसा आ गया तुम्हारा प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर् य है और नए वाला अंदर चला गया तो इसके दो रीजन हो सकते हैं आप देखोगे कि आप गुड्स का प्रोडक्शन पहले से कम कर पा रहे हो यहां से नीचे आ गए ना तो इसके दो रीजन हो सकते हैं इसके पहला तो आपके रिसोर्सेस कम हो गए हैं इसे बोलेंगे डिक्रीज इन रिसोर्सेस या फिर दूसरा प्रोडक्शन की जो टेक्नोलॉजी है वो खराब हो गई है आउटडेटेड हो गई है बेकार हो गई है इनएफिशिएंट हो गई है आउटडेटेड टेक्नोलॉजी अब इसके ऊपर ही घमासान मचा होता है एग्जाम के अंदर एग्जाम में क्वेश्चन आता है कि एक कंट्री में या एक इलाके के अंदर फ्लड आ गई तो बताओ पीपीसी कैसे होगा शिफ्ट तो हम बोलेंगे फ्लड आ गई ना तो वहां के रिसोर्स वहां की फैक्ट्रियां तबाह हो गई वहां के खेत खराब हो गए तो वहा के रिसोर्सेस डिस्ट्रॉय हो गए हैं तो उसका प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर ऐसे पीछे चला जाएगा इस ये पीछे जाने वाले को बोलते हैं लेफ्टवर्ड शिफ्ट लेफ्टवर्ड या इनवर्ट शिफ्ट ऐसे आगे चला गया तो इसको बोलते हैं राइट वर्ड शिफ्ट राइट वर्ड या फॉरवर्ड शिफ्ट है ना तो आपको यह बात समझनी होगी अब ऐसे एग्जांपल दे दे के बोलते हैं ना तो मैंने आपके लिए बहुत मस्त टेबल बनाई है देखो दोस्त अगर पेपर में क्वेश्चन आया कि रिसोर्स इंक्रीज हुए टेक्नोलॉजी इंप्रूव हुई गवर्नमेंट का स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम आया एजुकेशन फॉर ऑल का प्रोग्राम आया क्लीन इंडिया कैंपेन आया योगा एनहैंसमेंट प्लान आया बेटी बचाओ बेटी पढ़ो आया मेक इन इंडिया आया या इंक्रीज इन फॉरेन कैपिटल इन सबकी वजह से ये रियल लाइफ एग्जांपल है और ये दो थ्योरिया है बाकी सब रियल लाइफ प्रोग्राम है इन सबकी वजह से प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी का राइट वर्ड शिफ्ट होगा याद करके रख लेना एक साथ टेबल बना के दे दी लेकिन अगर आया रिसोर्स डिक्रीज हो गए टेक्नोलॉजी ऑब्सोलेटे हो गई आउट डेट हो गई या कहीं पर नेचुरल क्लाइमेट अर्थ को फ्लड सुनामी डाउट या लोग माइग्रेट कर गए तुम्हारा देश छोड़कर कहीं और चले गए तो तुम्हारे देश में प्रोडक्शन कम हो जाएगा कहीं वर हो गया यूक्रेन की तरह आतंकवाद है पाकी चोरों की तरह तो इनका प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी का पीछे शिफ्ट हो जाएगा लेफ्ट वर्ड लेकिन दोस्त अगर आया कि देश के अंदर रिसोर्स ट्रांसफर हुए हैं रिसोर्स ट्रांसफर मतलब आप दो गुड्स बनाते थे एक्स और वा आपने कुछ रिसोर्स एक्स में से हटा के वा पर लगा दिए तो यार इससे पीपीसी शिफ्ट नहीं होगा अगर आपने एक्स में से रि सोर्स हटा दिए तो आप यहां पहुंच गए x का प्रोडक्शन कम हो जाएगा है ना और y का प्रोडक्शन ज्यादा हो जाएगा ऐसे ही हो सकता है एक का प्रोडक्शन कम और दूसरे का प्रोडक्शन ज्यादा फॉर एग्जांपल मैं इसको और अच्छे से क्लियर कर देता हूं मान लो आप यहां प्रोड्यूस कर रहे हो x इतना आपने x के रिसोर्स कम कर दिए तो देखो y का प्रोडक्शन बढ़ जाएगा एक् का कम हो जाएगा पीपीसी शिफ्ट नहीं हुआ या फिर अनमल मेंट इरेडिकेशन प्रोग्राम चलाए हैं गवर्नमेंट ने जैसे कि नरेगा इरेडिकेशन का मतलब होता है दूर करना बेरोजगारी को दूर करने के सरकार जो प्रम चलाती है इससे पीपीसी शिफ्ट नहीं होता क्यों बच्चों को ये बात बहुत रेयरली समझ में आती है देखो पहली बात तो आपको भेजे में घुसा नहीं होगी अगर किसी कंट्री के अंदर बेरोजगारी है तो उसने अपने रिसोर्सेस को पूरा इस्तेमाल नहीं किया ह्यूमन हम जैसे लोग भी तो रिसोर्स होते हैं तो कंट्री पहले ही अंदर है मतलब कंट्री ने अपने रिसोर्स पूरे यूज नहीं किए तो वो पीपीसी प है ही नहीं वो कहां है अंदर है अगर सरकार बेरोजगारी दूर कर रही है तो मतलब रिसोर्सेस को यूज कर रही है हम जैसे लोगों को नया दे रही है तो हम पीपीसी की तरफ जा रहे हैं तो एंप्लॉयमेंट जनरेशन जो प्रोग्राम होते हैं या फिर बेरोजगारी को दूर करने के जो प्रोग्राम होते हैं उसकी वजह से इकॉनमी मूव करती है प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व की तरफ उससे हमारे पास कोई रिसोर्स नहीं बढ़ जाते है फॉर एग्जांपल मान लो एक देश में 100 लोग है 60 लोगों की नौकरी लगी हुई है तो ये देश के सारे रिसोर्स यूज होने का पीपीसी है 60 लोगों की नौकरी है तो देश यहां पे है अब सरकार नौकरियां बढ़ा रही है यहां पहुंचेंगे तो हम कहीं यहां पहुंच जाएंगे या यहां या यहां जैसे मर्जी मूव करें लेकिन पीपीसी के ऊपर आ जाएंगे एक एग्जाम में क्वेश्चन आता है कभी-कभी कि लिखा होता है ट्रू फॉल्स बताना है बस आपको एन इकॉनमी ऑलवेज प्रोड्यूस ऑन पीपीसी यस और नो एक इकॉनमी हमेशा पीपीसी के ऊपर प्रोडक्शन करती है हम बोलेंगे ये लाइन गलत है ये डिपेंड करता है कि इकॉनमी ने अपने रिसोर्स सारे इस्तेमाल किए हैं या नहीं किए हैं तो हम बोलेंगे इफ एन इकॉनमी इज नॉट यूजिंग इट्स रिसोर्सेस एट देयर ऑप्टिमम देन इकॉनमी विल प्रोड्यूस सम वेयर इनसाइड बीबीसी और अगर इकॉनमी अपने रिसोर्स सारे यूज कर ले तो इकॉनमी प्रोड्यूस करेगी पीपीसी के ऊपर इससे बाहर नहीं जा सकती इकॉनमी इससे बाहर नहीं जा सकती क्योंकि आउट ऑफ रीच हो गया इतने रिसोर्स तो है ही नहीं समझे बात को यह एक डिफरेंट क्वेश्चन हो गया अब एक कांसेप्ट आ जाता है फुलर यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्सेस कहीं लिखा है मैंने हा ये अशन थी ना फुलर यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्स को दोस्त इकॉनमाइजिंग ऑफ रिसोर्स भी बोलते हैं इकोनोमाइजर एग्जाम के अंदर क्वेश्चन आया हु व्ट इ ऑफ रिसोर्स आप लिख देना इट मींस फुलर यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्सेस या इट मींस फुल एंप्लॉयमेंट ऑफ रिसोर्स या इट मींस कंप्लीट यूज ऑफ रिसोर्स या इट मींस एफिशिएंट यूज ऑफ रिसोर्स जो लैंग्वेज यूज करनी हो वो यूज कर लेना और दोस्त आपको यहीं से दिख गया होगा हमने अजूम कर रखा था हमारी एमआरटी बढ़ रही है एमआरटी बढ़ रही है तभी हमारा पीपीसी कॉनकेव है लेकिन एक बार पेपर में क्वेश्चन आया ये लिखा हुआ था नो रिसोर्स इज इक्वली एफिशिएंट फॉर द प्रोडक्शन ऑफ बोथ द गुड्स कहता है दो गुड्स का प्रोडक्शन कर रहे हो आप x का और y का कहता है जो एक रिसोर्स होता है ना वो दोनों गुड्स के प्रोडक्शन के लिए बराबर की औकात नहीं रखता यानी मान लो आप दो चीजें बना रहे हो एक पिस्टल और एक गेहूं तो जो आपके पास रिसोर्स है लैंड तो लैंड गेहूं और पिस्टल को बनाने में बराबर की कामयाब नहीं है पिस्टल को बनाने में तो कुछ और चाहिए ना तो कोई रिसोर्स दोनों गुड्स को बनाने के लिए इक्वली एफिशिएंट नहीं होता ठीक है इसी वजह से जब तुम एक का प्रोडक्शन बढ़ाते रहते हो एक एक एक एक तो दूसरे का तेजी से गिरता रहता है तभी हमारी एमआरटी राइज कर रही थी कुछ छोटा सा लॉजिक यहां से भी कनेक्ट कर सकते हो तो पेपर में क्वेश्चन क्या आया था ये लाइन लिखी हुई थी और पूछा था बताओ ये लाइन कौन से कर्व की अंपन है पीपीसी कर्व की अंपन है मतलब पीपी कर्व की अंपन है बस इतना ही पूछा था पेपर में क्वेश्चन आ जाएगा एमआरटी राइज क्यों होती है वई एमआरटी राइज तो उसका रीजन यही लाइन है अब तुम बोलोगे सर यह चैप्टर हो गया क्या मैं बोलू हां हो गया फिर पेपर में क्या करना है यस पेपर के लिए तैयार कर रहे हो तो मेरी पहली आपसे गुजारिश है कि आप इन चीजों को छोड़ के ही मत जाना अगर तुम इसको छोड़ के जा रहे हो तो सबसे बड़ा नुकसान कर रहे हो तो इंपॉर्टेंट इंपोर्टेंट चीज देखो दोस्त पहला क्वेश्चन सबसे पहले आप बात करके जाओगे इकोनॉमिक प्रॉब्लम के बारे में इकोनॉमिक प्रॉब्लम प्रॉब्लम ऑफ चॉइस है इसके रीजन इसके रीजन आपको ध्यान रखने है तीन रीजन है ह्यूमन वंड अनलिमिटेड है रिसोर्स लिमिटेड है रिसोर्सेस के अल्टरनेटिव यानी मल्टीपल यूज होते हैं हर एक सेंट्रल प्रॉब्लम तीन सेंट्रल प्रॉब्लम इसको प्रॉब्लम ऑफ एलोकेशन ऑफ रिसोर्स भी बोलते हैं हर एक सेंट्रल प्रॉब्लम आपको तीन नंबर में एक्सप्लेन करनी आनी चाहिए थर्ड नंबर पर प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी कर्व के बारे में सबसे इंपॉर्टेंट इसकी फीचर्स ही है फीचर्स में आपको लॉजिक पता होना चाहिए भया फीचर है पीपीसी डाउन वर्ड स्लोपिंग होता है हा होता है लेकिन पेपर में नंबर तब मिलेंगे जब बताओगे गोलू क्यों होता है एक का प्रोडक्शन बढ़ाएंगे तो दूसरे का कम हो जाता है इस वजह से दोनों गुड्स का प्रोडक्शन एक साथ नहीं बढ़ा सकते ठीक है इस वजह से डाउन वर्ड स्लोपिंग होता है फिर ये कॉनकेव होता है क्यों कॉनकेव होता है बिकॉज ऑफ इंक्रीजिंग एमआरटी भाई इतनी बातें तुम्हें ध्यान रखनी रखनी होंगी ठीक है ये तीन क्वेश्चन सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट है लेकिन ट्रेंडिंग क्या है अब इस हाई ऑर्डर थिंकिंग स्किल्स के जमाने में टीचर और बोर्ड फोकस करता है कि बच्चे को एप्लीकेशन क्वेश्चन आने चाहिए रियल लाइफ में पता होना चाहिए तो दोस्त मेरे आपको प्रोडक्शन पॉसिबिलिटी क का कुछ एग्जांपल देता है और आपसे पूछता है बताओ कहां शिफ्ट होगा मेरा पीपीसी तो कैसा एग्जांपल देता है इसका हिंट पूरी प्रॉपर टेबल के अंदर आपको दिया हुआ है प्लीज इस टेबल के एग्जांपल्स को थोड़ा भेजे के अंदर घुसाना ताकि आपको ध्यान रहे मैं एक्सप्लेन भी कर देता हूं जैसे देखो दोस्त ये लिखा है एजुकेशन और हेल्थ के बारे में बात हो रही है एजुकेशन का लेवल बढ़ेगा अभी तुम देखो तुम पढ़ रहे हो अभी तुम देश में नौकरी नहीं कर रहे जब एजुकेटेड हो जाओगे तो देश के रिसोर्स बन जाओगे तो तुम्हारी वजह से ज्यादा प्रोडक्शन हो जाएगा प्रोडक्शन हो जाएगा तो बोलेंगे कि हां भाई एक रिसोर्स इंक्रीज हुआ है अभी तुम रिसोर्स की काउंटिंग में नहीं हो अभी तो तुम खर्चे की काउंटिंग में हो तो रिसोर्स इंक्रीज हो जाएगा तो तुम्हारी वजह से जो देश का प्रोडक्शन बढ़ेगा तो पीपीसी में कुछ इजाफा होगा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का मतलब यह है कि लड़कियां एजुकेटेड हो जाएंगी तो एक एडिशनल अभी लड़कियों को काफी सारी जगह पर पढ़ने नहीं दिया जाता कॉलेज नहीं जाने दिया जाता लेकिन उन जगहों पर भी जाएंगी कॉलेज नौकरी भी करेंगी तो कुछ एक्स्ट्रा हमारे देश में आएगा अभी जो नहीं आ रहा वह आने लगेगा है ना मे इन इंडिया हमारे देश में आके इन्वेस्टमेंट करो प्रोडक्शन करो जैसे कि एल कंपनी इंडिया में प्रोडक्शन करवा रही है टा कंपनी i बना रही है तो हमारे देश में कुछ ज्यादा चीजों का प्रोडक्शन होगा तो बढ़ेगा तो ऐसे कुछ एग्जांपल्स पेपर के अंदर आ सकते हैं और आपको ध्यान रखने होगा कि इन सभी एग्जांपल का लेनदेन सिर्फ दो पॉइंट से होगा या तो रिसोर्स बदल रहे होंगे या प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी बदल रही होगी सिर्फ दो पॉइंट से होगा यह आपको ध्यान रखना है ओवरऑल यह पूरा चैप्टर मेरी तरफ से कंप्लीट होता है दोस्त जिस तरीके से आपको चैप्टर कराया है उस तरीके से कर लेना आपका ईच एंड एवरी कांसेप्ट यहां पर इस चैप्टर का कवर अप कराया गया है उम्मीद करता हूं आप सभी बच्चों को पसंद आएगा बस इस तरीके का प्यार बनाए रखना और प्यार बना रहना चाहिए लव यू एवरीवन जय हिंद जय कॉमर्स जय भारत नमस्कार धन्यवाद बाय बाय