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सौर प्रणाली की जानकारी और लाभ

सोलर सही है ये हम सबको पता है लेकिन सही सोलर कौन सा है यह भी जानना बहुत जरूरी है आज से 6 साल पहले हमने हमारे जोधपुर वाले घर में एक सोलर सिस्टम लगाया था आज ना सिर्फ उसकी कॉस्ट रिकवर हो चुकी है बल्कि वो सिस्टम हर साल ₹5000000 की मुफ्त बिजली भी बना रहा है इस बजट में आपने एक स्कीम का नाम सुना होगा पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना पीएम एसजी वाई के तहत सरकार बहुत ही भारी सब्सिडी इस समय सोलर लगाने पर दे रही है इस वीडियो में मैं आपको सब सब कुछ बताने वाला हूं कौन सा सोलर लगाना है कितने किलोवाट का लगाना है बैटरी लगानी कि नहीं कितना खर्चा आएगा कितनी सेविंग आएगी वारंटी मिलेगी कि नहीं मेंटेनेंस का कितना चार्ज होगा और अल्टीमेटली सब्सिडी कितनी मिलेगी ये सारी बातें आपको मिलेगी एलएलए के सिंगल वीडियो में आज से लगभग 2 साल पहले सोलर पर हमने एक वीडियो बनाया था जिसे आपने बहुत पसंद किया था तब से अब तक सोलर टेक्नोलॉजी से लेकर सब्सिडी तक बहुत कुछ बदल चुका है लेकिन एक चीज जो नहीं बदली है वो है हमारी स्पीकर तो इस वीडियो के लिए मैं फिर से आवाज देना चाहता हूं मेरी कॉलेज सीनियर मेरी दोस्त और इंडिया की नंबर वन होम सोलर कंपनी सोलर स्क्वेयर की सीईओ श्रेया मिश्रा को थैंक यू श्रेया फॉर योर टाइम और पिछले बार जब हमने वीडियो बनाया था लगभग दो साल पहले तब से सोलर में बहुत सारे बदलाव आ गए हैं इंक्लूडिंग अ वेरी न्यू स्कीम बाय प्राइम मिनिस्टर मोदी बट हम इस वीडियो में यह कोशिश करेंगे कि इवन दो जिसने पिछला वीडियो नहीं भी देखा है उनके लिए भी हम सोलर के सारे सवालों को डिमिटी फाई करें इसके अलावा मैंने कुछ ऑडियंस और कम्युनिटी में भी पोस्ट डाला था और उसमें भी मेरे पास सैकड़ों सवाल आए हैं आई एम गोइंग टू टेक सम ऑफ दोज क्वेश्चंस इन टुडेज डिस्कशन एज वेल आज का यह वीडियो देखने के बाद मुझे लगता है ऑडियंस के दिमाग में अगर वो सोलर लगवाने का सोच रहे हैं तो एक भी क्वेश्चन नहीं बचेगा ये हम कोशिश करने वाले [संगीत] हैं तो श्रेया माय फर्स्ट क्वेश्चन जब भी हम कोई बिजली का बिल देखते हैं तो उसमें हमें एक तो झटका लगता है व हमारा बिजली का अमाउंट कितना आया उसके साथ-साथ यूनिट्स मेंशन रहती है इस महीने कितना खर्चा आया और उसको बचाने के लिए लोगों को इतना तो को पता है कि घर पे सोलर लगवाना चाहिए और सोलर कुछ किलोवाट का होता है वो लगवाना चाहिए व्हाट इज द को रिलेशन बिटवीन दीज थ्री नंबर यूनिट्स अमाउंट बिजली के बिल का और किलो वट्स तो किलोवाट जो हम बोलते हैं ये सोलर की पावर रेटिंग है ये पीक पावर वो कितनी बना सकता है तो सोलर जो है एक साल में लगभग 1400 से 1450 यूनिट बिजली की प्रोडक्शन करता है तो 1 किलोवाट सोलर अगर आप लेंगे तो साल का 1400 यूनिट मान लेते हैं 2 किलोवाट लेंगे तो 2800 यूनिट मान लेते हैं एक किलोवाट सोलर जो 1400 यूनिट बनाता है वो यूनिट बोली जाती है किलोवाट आवर तो पावर इनटू टाइम उससे हम बताते हैं कि कितनी यूनिट्स ऑफ इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस हुई है तो नाउ जो यूनिट है उसको हम मल्टीप्लाई करते हैं जो भी इलेक्ट्रिसिटी रेट चल रही है हमारी स्टेट की फॉर एग्जांपल 8 चल रही है 9 चल रही है ₹ चल रही है और उससे हमारा बिजली का बिल बनता है राइट करेक्ट करेक्ट तो अगर आपकी खपत महीने की 300 यूनिट की है और आपके शहर में 0 की बिजली है तो तो आपको 000 बिजली का बिल भरना पड़ेगा फॉर एग्जांपल अगर हम एक एसी लगाते हैं घर में क्योंकि कई लोगों के सवाल है कि अब हम एडिशनल एसी लगाने वाले हैं या एक फ्रिज है तो आप कुछ एक रफ आईडिया दे सकते हैं कि एक एसी या एक फ्रिज में महीने की कितनी यूनिट्स हमारी लग जाती है तो टिपिकल ऐसे टू टूथ बीएचके को जिसमें तीन से चार लोग परिवार साथ में रहता है वो ज्यादातर परिवार 3 किलोवाट का सोलर खरीदते हैं तो ये सबसे कॉमनली सोल्ड साइज है इंडिया में जिन घरों के अंदर एक या दो एयर कंडीशनर्स है य ऐसे घरों को चार से 5 किलोवाट सोलर की रिक्वायरमेंट होती है तो अगर आपका मैं ये थम रूल समझूं तो अगर कोई छोटा घर है जिसमें ज्यादा एसी वगैरह नहीं लगे हुए हैं तो आपने बताया उनको 3 किलोवाट सोलर उनके लिए सफिशिएंट होगा मतलब उनकी सालाना रिक्वायरमेंट लगभग 4200 यूनिट्स के आसपास हो गई क्योंकि एक किलोवाट सोलर 400 यूनिट्स पर ईयर बना रहा है अगर फाइव आपने बोला कि थोड़ा घर में एक दो एसी भी लगे हुए हैं चार पांच कमरे हैं तो 5 किलोवाट का सफिशिएंट रहेगा मतलब अगर 7000 यूनिट्स आपकी सालाना खपत होती है तो हम 5 किलोवाट लगा सकते हैं इसी रेशो में हम लोग आगे बढ़ सकते श्रिया इज देर अ नंबर स्पेसिफिक नंबर या कुछ क्राइटेरियास जो आप चेक करते हो किसी भी घर में कि यार आपके पास एक क्लाइंट आया बोलेगा कि मुझे सोलर लगवाना है तो आप कितने किलोवाट का सोलर सिस्टम उसे रिकमेंड करोगे मेजॉरिटी पार्ट्स ऑफ इंडिया में राजस्थान में कर्नाटका में तेलंगाना मध्य प्रदेश महाराष्ट्र एक्सट्रा एक्सट्रा मेजॉरिटी पार्ट्स में ये 1400 से 1450 यूनिट पर किलोवाट पर ईयर बिजली बनती है लेकिन इसके कुछ एक्सेप्शन है जिन शहरों में पोल्यूशन ज्यादा है या फॉग कोहरे की ज्यादा प्रॉब्लम है वहां पर सोलर की लाइट पैनल्स पे कम पहुंचने की वजह से थोड़ी कम बिजली बनती है लेकिन वो सिर्फ 5 ही पर का फर्क है तो 1450 की जगह आप मान सकते हैं कि 1300 150 यूनिट पर किलोवाट पर ईयर बिजली बनेगी तो डिपेंडिंग ऑन आपका शहर क्या है सबसे पहले हम वहां के पावर प्रोडक्शन के हिसाब से य कैलकुलेशन करते हैं कि कितना किलोवाट कितने यूनिट बिजली बनाएगा इसके बाद क्राइटेरिया आते हैं सारे आपके घर के स्पेसिफिक तो सबसे पहले हमारे सोलर कंसल्टेंट्स हमारी टीम आपके बिल को स्टडी करेंगे हम 12 महीने महीने का एवरेज पावर प्रोडक्शन ही देखते हैं और उसके बाद हम आपके शहर के में कितना किलोवाट कितने यूनिट बनाता है उससे डिवाइड करेंगे तो ये एक क्राइटेरिया है दूसरा क्राइटेरिया जो देखना पड़ता है वो है कि आपके छत पे शैडो फ्री स्पेस कितनी है हालांकि सोलर में बहुत कम ही जगह लगती है अगर आप 1 किलोवाट सोलर को देखें तो अभी जो लेटेस्ट टेक्नोलॉजीज आ रही है उसमें लगभग 80 स्क्वायर फुट की जगह लगती है तो प्लीज इस चीज का ध्यान रखें सोलर सूरज की रोशनी से चलता है तो शैडो फ्री स्पेस को चेक करना बहुत ही जरूरी है एंड हमारे इंजीनियर्स डेफिनेटली इसे सॉफ्टवेयर के थ्रू चेक करते हैं सोलर पर हार्ड शैडो पड़ने से उसमें फायर सेफ्टी की रिस्क होती है क्योंकि वो पैनल बिजली बनाने की जगह गर्मी पैदा करने लगता है धूप ना शैडो होने की वजह से और उससे पैनल्स में आग भी लग सकती है जो तीसरी चीज हमें चेक करनी होती है वो है आपके बिजली के बिल में आपका सैंक्शन लोड या मंजूर भार कितना है इंडिया में ऐसा रूल है कि आपका सोलर आपके सैंक्शन लोड से ज्यादा नहीं हो सकता तो अगर आपका सैंक्शन लोड है 1 किलोवाट और आप लेना चाहते हैं है 3 किलोवाट सोलर तो ये हमें मैच कराना पड़ता है ये प्रोसेस भी सोलर स्क्वेयर ही आपके लिए करेगी और ये सैंक्शन लोड को इंक्रीज कराना गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के साथ इसका थोड़ा सा फीस लगता है ये हम ही करा के देते हैं अंडरस्टूड श्रेया कैन यू थ्रो सम लाइट के एक साल में जैसे हमारा हमको अपना पता है कि हम जब सर्दियों में घर में थोड़ा सा कम बिजली यूज करेंगे एसी वगैरह नहीं चलाएंगे तो कम बिजली यूज होगी और गर्मियों में हमारा पीक डिमा डिमांड होगा क्या सोलर का जो प्रोडक्शन हो रहा है अ सोलर सिस्टम से वो भी साल भर में ऊपर नीचे होता है तो ये कई बार कंफ्यूजन होता है लोगों को अ कई बार लोग ये बोलते हैं अरे दिन की पांच यूनिट बनती है छह यूनिट बनती है तो बिल्कुल सोलर से अगर आप 1400 को 365 दिन से डिवाइड करेंगे तो एवरेज आता है 3.8 यूनिट्स पर डे पर क्या ये 3.8 हर दिन होगा ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कुछ दिनों पर आपका सोलर एक एक किलोवाट सोलर से पांच पांच यूनिट बिजली 55 यूनिट बिजली भी बनेगी लेकिन जो जो बारिश के समय हो जाता है तो वहां पर 1 किलोवाट सोलर हो सकता है किसी दिन ढाई यूनिट भी बनाए डिपेंडिंग ऑन कितना क्लाउडीएमई एक्यूरेसी से हम प्रिडिक्ट कर सकते हैं ये नासा के हिस्टोरिकल वेदर डाटा और करोड़ों जो सोलर प्लांट्स लगे हैं अक्रॉस इंडिया अक्रॉस द वर्ल्ड उनके परफॉर्मेंस से इसे हमने ट्र इसे ट्रैक किया गया है तो जो 1400 यूनिट जो हम एवरेज बोलते हैं एक वेल मेंटेंड और वेल डिजाइंड सोलर के लिए ये बिल्कुल अची वेबल है तो आपने मुझे बताया कि इंडिया में तो ज्यादातर लोग घर पर अपना सोलर लगाते हैं वो 3 किलोवाट का लगाते हैं कैन यू शेयर अ मैथमेटिकल एग्जांपल कि ये अगर मेरी एवरेज यूनिट इतनी है तो मुझे कितना सोलर लगाना होगा 3 किलोवाट सोलर 1400 यूनिट बनाता है तो साल की आप 4200 यूनिट बिजली बनाएंगे अगर आप हैदराबाद तेलंगाना देखेंगे तो वहां पे ढ है अगर आप महाराष्ट्र देखेंगे तो वहां पे ₹ की भी एक यूनिट बिजली है बट इसलिए मैं एक सैंपल ले लेती हूं ₹ की बिजली का तो 4200 यूनिट अगर आप बनाएंगे तो 9 के हिसाब से आप साल भर में लगभग 38000 अपने बिजली के बिल में बचाएंगे यानी कि महीने का लगभग 000 आप आपकी बिजली के बिल में बचाएंगे तो इससे आपका पूरा का पूरा घर पूरी की पूरी जो 4200 यूनिट आपको साल भर रिक्वायर्ड है वो 100% सोलर से प्रोड्यूस हो जाएंगी और आपको यूनिट कंसंट का एक भी पैसा नहीं भरना पड़ेगा एक चारज जो आपको फिर भी भरना पड़ेगा किसी आप के फॉलोअर ने ये क्वेश्चन भी पूछा है कि मीटर का रेंटल चार्ज फिर भी भरना पड़ता है तो ये बिल्कुल सही है सोलर लगाने के बाद भी जो आपके घर में जो बिजली विभाग का मीटर है उसका लगभग 100₹ 50 का एक फिक्स्ड रेंटल चार्ज होता है जो कि आपको फिर भी भरना पड़ेगा तो ऑडियंस के बेनिफिट्स के लिए हम यहां पर स्क्रीन पर एक टेबल दिखा रहे हैं जिसमें आप अपना मंथली एवरेज यूनिट कंसंट निकाल सकते हैं या फिर अपना एनुअल कंसंट निकाल सकते हैं और उसके अकॉर्डिंग आपको कितने किलोवाट का एप्रोक्सीमेटली सोलर चाहिए वो आपको इस टेबल से देख के मिल जाएगा अभी जैसे आपने बोला कि 9 % 95 अ हम लोग बिल को रिड्यूस कर सकते हैं व्हाई नॉट 150 पर कई लोगों ने यह पूछा है कि मेरे छत तो बहुत बड़ी है मुझे घर में भले ही 3 किलोवाट चाहिए मैं 20 किलोवाट का प्लांट क्यों नहीं लगा सकता तो गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का जो पॉलिसी है वो कैप्ट कंजमेट हो या फैक्ट्री हो कहीं भी इंडिया में आप रूफ टॉप सोलर सिर्फ अपने कंसंट के लिए यानी कि आपका जो एनुअल कंजमेट करने के लिए लगा सकते हैं जो भी अगर मान लीजिए आपने साल की 4200 यूनिट बिजली बनाई लेकिन आपने खपत आपके घर की सिर्फ 3000 यूनिट है तो वो 1200 यूनिट्स का साल के अंत में क्या होगा तो वो यूनिट्स लैप्स हो जाती हैं और उस पे आपको एक एपीसीसी रेट पे सिर्फ ₹ पर यूनिट या कई शहरों में . 6 पर यूनिट आपको दिया जाता है तो टेक्निकली अगर आप देखें तो सोलर का इन्वेस्टमेंट करके बिजली ढाई ती पे बेचने का इकोनॉमिक सेंस नहीं बनता है इसलिए गवर्नमेंट ऑफ इंडिया इसे इनकरेज भी नहीं करती है हम जब सोलर डिजाइन करते हैं हम सिर्फ और सिर्फ कैपटिव कंजमेट करते हैं कि आपकी बिजली अ वेस्ट ना हो जरूरत से ज्यादा बिजली भी बना के कोई फायदा नहीं है तो गाइ बाय द वे अगर आप सोलर स्क्वेयर से फ्री सोलर कंसल्टेशन चाहते हैं तो उसका लिंक आपको नीचे डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा वहां पे आप अपनी डिटेल फिल करके सोलर स्क्वायर टीम से कनेक्ट कर सकते हैं चलिए नेक्स्ट सेक्शन की तरफ बढ़ते हैं और अब बात करते हैं डिफरेंट टाइप्स ऑफ सोलर सिस्टम्स की तो जनरली तीन तरह के सोलर सिस्टम मार्केट में अवेलेबल है एक ऑन ग्रिड एक ऑफ ग्रिड एक हाइब्रिड क्या क्या तीनों के वर्किंग में आप बेसिक डिफरेंस हमें समझा सकते हैं कई कंज्यूमर्स ये समझते हैं कि सोलर के साथ बैटरी लेनी पड़ती है तो इसे आज हम डिमिटी फाई अच्छे से करेंगे तो तीन टाइप के सोलर होते हैं वन इज ऑन ग्रेड सोलर जैसे आपने कहा ये इसके नाम से ही पता चलता है ये आपके ग्रिड से कनेक्टेड है इसमें आपको बैटरी का खर्चा नहीं करना पड़ता क्यों ऑन ग्रेड सोलर में सनसेट के बाद बिजली कहां से आती है तो यहां हम समझते हैं कांसेप्ट ऑफ नेट मीटरिंग ऑन ग्रेड सोलर एक नेट मीटरिंग फैसिलिटी का यूज करता है ये फस इंडिया पहला देश है दुनिया का जिसने घरों के लिए नेट मीटरिंग को एक लीगल राइट बनाया हुआ है नेट मीटरिंग का मतलब है कि दिन में आप जो बिजली बनाएंगे वो इंस्टंटे नियस आपका घर कंज्यूम कर लेगा जो एक्सेस बिजली है वो ग्रिड को चली जाती है और ग्रिड से बिजली सनसेट के बाद आप वापस ले सकते हैं ये जो एक्सचेंज है कि दिन में बिजली ग्रिड को दी और शाम को वापस ली ये इंडिया में एक लीगल राइट है और करेंटली कंपलीटली फ्री है तो जब आप सोलर जाते हैं तो आपको 25 साल के लिए ये नेट मीटरिंग का फैसिलिटी आपके घर को को एक बार में लॉक किया जाता है आपके लिए एक तरीके से जो ग्रिड है वही आपकी मुफ्त की बैटरी है जो ऑफ ग्रिड सोलर होता है वो कंपलीटली ग्रिड से इंडिपेंडेंट होता है उसका ग्रिड से कोई कनेक्शन नहीं होता है तो अगर आप ग्रिड से कनेक्टेड नहीं है तो आपको एक बैटरी लेनी पड़ती है जिसमें आप दिन भर में बिजली बना के आपकी बैटरी में स्टोर कर सकते हैं और सनसेट के बाद बैटरी से आप अपने घर को पावर कर सकते हैं तीसरा आता है हाइब्रिड सोलर जो कि ग्रिड से भी कनेक्टेड है और उसमें बैटरी भी है तो इसमें बैटरी का खर्चा रिलेटिवली ऑफ ग्रेडो सोलर से कम भी आता है और इससे कन्वीनियंस ऐड हो जाती है कि जब बिजली है तो आप सस्ती सोलर की बिजली यूज कर रहे हैं नेट मीटरिंग का फायदा उठा के और जब आपका बिजली ग्रिड डाउन है बिजली नहीं है तो अपनी बैटरी से बिजली ले रहे हैं सो जस्ट टू रिइटरेट दिस क्वेश्चन क्या एक ऑन ग्रिड सिस्टम में मान लीजिए बिजली चली गई तो क्या उस समय भी सोलर से सोलर जनरेशन चलता रहेगा क्योंकि कुछ जगह है जहां पर दिन में दो-तीन घंटे स्पेशली समर मंथ्स में दो-तीन घंटे भी लाइटें चली जाती है तो क्या उस समय बिजली बनती रहेगी और क्या वो बिजली जो बन रही है वो हम उससे उस समय हम यूज कर पाएंगे उस बिजली को तो ऑन ग्रिड सोलर का एक ही चैलेंज है कि जब बिजली बंद होती है तो ये सोलर में ऑटोमेटिक सेफ्टी स्विच होता है जिससे सोलर का प्रोडक्शन बंद हो जाता है ये क्यों होता है जब आपकी ग्रिड बंद है क्योंकि ये नेट मीटर्ड रूफ टॉप सोलर होते हैं अगर ग्रिड बंद में सोलर ने थोड़ी सी भी बिजली ग्रिड में पुश कर दी तो जब ग्रिड बंद है और उसमें अगर कहीं से भी बिजली आ गई तो उसमें आग लगने की रिस्क होती है इसलिए ऑन ग्रेड सोलर में बाय लॉ ये रू है और यह सेफ्टी स्विच होता है कि जैसे ही आपकी बिजली बंद हुई आपका सोलर का पावर प्रोडक्शन भी बंद हो जाता है ओके तो आपने बताया कि सबसे ज्यादा 95 पर लोग ऑन ग्रेड सिस्टम लगाते हैं और इसका मेजर रीजन ये भी है कि इसपे सब्सिडी मिलती है सब्सिडी पे हम कुछ ही देर बात करेंगे कितनी सब्सिडी मिलती है कैसे लेना है लेकिन कैन यू शेयर द कंपोनेंट्स एक ऑन ग्रेड सिस्टम हमको छत पे लगाना है हमको सबको पता है ज्यादातर लोग यही बोल देते हैं कि सोलर पैनल लगाने हैं लेकिन सोलर पैनल इंडिपेंडेंट नहीं होता उसके बाथ बहुत सारी चीजें लगती है कैन यू शेयर व्हाट ऑल कंपोनेंट्स गो इन टू बिल्डिंग अ न ग्रेड सोलर सिस्टम तो ये सबसे बड़ी यू नो मिसकंफीग्रेशन होते हैं हम ऑफकोर्स सारे कंपोनेंट्स की चर्चा नहीं कर सकते बट हम टॉप फोर कंपोनेंट्स की आज चर्चा करेंगे जिसका आपको ध्यान देना बहुत ही ज्यादा जरूरी है सबसे पहला नेचुरली जैसा आप सभी जानते होंगे इज द सोलर पैनल ये पैनल्स ही वो है जो सन लाइट्स को बिजली में कन्वर्ट करते हैं तो ये सबसे इंपॉर्टेंट इसे हम हार्ट ऑफ द सिस्टम कह सकते हैं ये इंपॉर्टेंट है लेकिन ये सफिशिएंट नहीं है सो द सेकंड कंपोनेंट इज द इनवर्टर इनवर्टर अकॉर्डिंग टू मी इज द ब्रेन ऑफ रूफ टॉप सोलर तो जो सोलर पैनल है वो डीसी इलेक्ट्रिसिटी बनाता है जो इन्वर्टर है वो उस डीसी को एसी इलेक्ट्रिसिटी में कन्वर्ट करके आपके घर के मीटर में फीड करता है और यहीं से आपके पूरे घर में बिजली आती है जिससे आप सारी सोलर की बिजली से अपने अप्लायंसेज चला सकते हैं जो तीसरी चीज जिसका आपको ध्यान रखना है वो है बैकबोन ऑफ रूफ टॉप सोलर यानी कि वो मॉड्यूल माउंटिंग स्ट्रक्चर या ढांचा जिसके ऊपर आप सोलर पैनल्स इंस्टॉल करते हैं तो जो रूफ टॉप सोलर इंस्टॉलेशंस है जब पुअर क्वालिटी के होते हैं दे आर वेरी वेरी हाईली ससेप्टिबल टू स्टॉर्म डैमेज तो यहां पर इसका इंस्टॉलेशन वर्कमैनशिप इसकी इंजीनियरिंग ये स्टॉर्म सेफ्टी के लिए बहुत हीप इंपोर्टेंट है इसको बिल्कुल भी ना इग्नोर करें चौथी चीज जिसका आपको ध्यान रखना है वो है केबल्स और उसमें भी स्पेशली डीसी केबल्स सोलर प्रोड्यूस करता है 1000 वोल्ट का डायरेक्ट करंट आई रिपीट 1000 वोल्ट का डायरेक्ट करंट आप समझ सकते हैं कि ये कितना ज्यादा फेटल हो सकता है तो इसलिए जिन केबल से इस इस करंट को पास करके आपके इनवर्टर तक लाया जाता है उसकी डिजाइन इंजीनियरिंग उसमें टेक्निकल एक्सपर्टीज बहुत ज्यादा जरूरी है इस केबल को बहुत ही नीटली ड्रेस करके न्यूट पाइप्स के थ्रू सेफली आपके इन्वर्टर तक पहुंचाया जाता है ताकि इलेक्ट्रिकल सेफ्टी में कभी भी आपके घर में कोई रिस्क ना आए कई लोकल कंपनीज जो इनडोर केबल्स होती है उसे भी यूज करते हैं इनडोर केबल के ऊपर की कोटिंग और आउटडोर केबल के ऊपर की कोटिंग अलग-अलग होती है इसलिए इस केबल की स्ट्रेंथ क्वालिटी ब्रांड और सोलर इंस्टॉल करने वाली कंपनी की इंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रिकल सेफ्टी एक्सपर्टीज बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट है तो ये चार मेजर कंपोनेंट्स हो गए इन चारों पर अपन डिटेल में और बात करते हैं क्योंकि यही सबसे बड़े क्वेश्चन होते हैं और उसमें हम लोग ऑफकोर्स जो स्ट्रक्चर है उस पर भी और डिटेल में बात करेंगे बट सबसे पहले बात करते हैं सोलर पैनल्स की तो कौन सा पैनल हमें लेना चाहिए जब हमने दो साल पहले वीडियो बनाया था तब पॉली और मोनो ये दोनों टेक्नोलॉजी इंडिया में प्रंट थी पॉली पर्क पैनल और मोनो पर्क पैनल पॉली पर्क जो टेक्नोलॉजी है वो आउटडेटेड हो गई है और अब इंडिया में सारी मैन्युफैक्चरिंग लाइंस भी उसकी ग्लोबली ऑलमोस्ट बंद हो गई है अब जो ग्लोबल टेक्नोलॉजी चल रही है वो है मोनो पर्क मोनो पर्क में भी मोनो पर्क हाफ कट बाय फेशियल यह टर्म आप सबसे कॉमनली सुनेंगे यही पैनल है जो 95 पर घरों में लग रहा है ये सबसे अच्छी और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है पिछले एक डेढ़ सालों से तो जो पॉली पर्क पैनल्स थे वो सारे ही पैनल्स आप मान लीजिए लगभग 2 मीटर बाय 1 मीटर की प्लेट होती है पॉली पर्क पैनल 350 400 वाट पर पैनल देते थे तो अगर आपको 10 3 किलोवाट सोलर लेना होता था तो लगभग आपको न से 10 पैनल्स घर पे अपने लगाने होते थे तो वर्सेस जो मोनो पर्क पैनल्स है वो 500 550 वाट पीक पर पैनल उसी दो बाय 1 मीटर की स्क्वायर प्लेट में वो लगभग 540 वाट का एक-एक पैनल होता है यानी कि अगर आपको 3 किलोवाट लेना है तो आपको पांच से छह पैनल्स ही अपने घर में रिक्वायर्ड है तो जो मोनो पर्क टेक्नोलॉजी है वो ज्यादा स्पेस एफिशिएंट है जो थर्ड टेक्नोलॉजी है व्हिच इज मोनोफर बायफेशियल जो बायफेशियल पैनल्स है उसमें दोनों तरफ ग्लास या ट्रांसपेरेंट बैक शट होती है तो वो जब सनलाइट जमीन पर आके रिफ्लेक्ट बैक करती है उससे भी थोड़ी सी बिजली ज्यादा बना पाते हैं नेचुरली दोनों तरफ से मतलब बिजली डबल नहीं हो जाती पर उससे थोड़ी सी ज्यादा बिजली की प्रोडक्शन होती है तो लगभग 1450 यूनिट तक एक वेल मेंटेन बाय फेशियल सोलर से आप पर किलोवाट बिजली प्रोड्यूस कर सकते हैं एंड बायफेशियल टेक्नोलॉजी ही है जो आजकल सबसे ज्यादा घरों में यूज हो रही है एक टॉप कॉर्न करके भी टेक्नोलॉजी आई है जिसके बारे में काफी चर्चा हो रही है टॉप कॉर्न जो टेक्नोलॉजी है वो अभी हम एडवाइज करेंगे उतनी फील्ड टेस्टेड नहीं नहीं है सिर्फ एक या दो ब्रांड्स ही इसे बना रहे हैं और अभी इस टेक्नोलॉजी में काफी काफी अगर हम सोलर के टेक्निकल एक्सपर्ट से बात करें तो सभी का ये कहना है कि इस टेक्नोलॉजी में कुछ इशू है काफी प्रॉब्लम्स फ्यूचर में आ सकती है तो इसलिए ये टेक्नोलॉजी अभी मार्केट में तेजी से आई थी लेकिन अभी उतनी प्रवंजन पर्क हाफ कट बायफेशियल ही है जो मेन टेक्नोलॉजी मार्केट में प्रवंता ऐसा इशू हमने मेरे फादर बड़े इंटरेस्टेड है न्यू टेक्नोलॉजीज में में तो जब एक फेमस कंपनी का पहला इलेक्ट्रिक स्कूटर आया तो उन्होंने फर्स्ट वर्जन उन्होंने ले लिया और हर थोड़े दिन में परेशान हो रहे हैं बाद में हमको पता चला कि सेकंड थर्ड वर्जन तक आते-आते चीजें काफी स्टेबल हो गई थी जिन्होंने फर्स्ट वर्जन लिए थे उनके सबकी दिक्कत है तो शायद यही दिक्कत सोलर के साथ भी हो सकती है तो हमें इन कंक्लूजन मोनो बाय फेशियल वाला पैनल की तरफ अभी जाना है क्या इसमें सब्सिडी अवेलेबल है इंडिया में सभी घर क्योंकि सब्सिडी काफी अच्छी अवेलेबल है प्रधानमंत्री सूर्य घर करके पूरी स्कीम हुई है उसके रहते सारे ही कंज्यूमर सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं और मोनो बायफेशियल पैनल्स डेफिनेटली इनप सब्सिडी अवेलेबल है सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए इंडिया का ये रूल है कि जो आपके पैनल्स हैं वो मेड इन इंडिया ही होने चाहिए बाकी सब कंपोनेंट्स इंडिया में बने इंपोर्टेड है उससे फर्क नहीं पड़ता लेकिन जो मेन सोलर पैनल है वो मेड इन इंडिया ही होना चाहिए इसे कहा जाता है डीसीआर पैनल डोमेस्टिक कंटेंट रिक्वायरमेंट तो इस पैनल के अंदर लगने वाला सेल भी इंडिया में बनना चाहिए इसकी असेंबली भी इंडिया में होनी चाहिए और इन पैनल्स के साथ डीसीआर मेड इन इंडिया होने का सर्टिफिकेट भी जरूरी है जब आप सब्सिडी का क्लेम करेंगे तो इट इज वेरी इंपोर्टेंट कि आपके पास वो आपकी सोलर कंपनी वो प्रूफ अपलोड करें कि आपके घर में मेड इन इंडिया डीसीआर पैनल्स ही लगाए गए हैं वरना आपको सब्सिडी इस पर नहीं मिलेगी तो श्रेया हम सब्सिडी के बारे में कुछ ही देर में बात करेंगे और हम यह भी बात करेंगे जैसा अभी आपने बोला था कि पहले 3 किलोवाट लगा लिया बाद में 5 किलोवाट कर लिया तो उस केस में क्या सब्सिडी मिलती है इज इट पॉसिबल एंड सो ऑन उसपे हम थोड़ी देर में डिस्कस करते हैं बट हमने पैनल डिस्कस कर लिया लेट्स मूव टू द नेक्स्ट द ब्रेन ऑफ सोलर सिस्टम व्हिच इज इनवर्टर कौन सी कंपनी का कैसा इन्वर्टर लगाना चाहिए आप क्या रिकमेंड करते हो सोलर स्क्वेयर क्या लगाता है तो इनवर्टर्स में वेरियस ब्रांड्स है रिशब मार्केट में अगर हम इन ब्रांड्स को देखें तो इनकी प्राइसिंग में x से लेके x - 2000 2500 पर किलोवाट तक का फर्क आ सकता है तो अच्छे में और कॉम्प्रोमाइज करने में सिर्फ आपको ₹ पर किलोवाट तक का फर्क आ सकता है जो अगर आप 3 किलोवाट ले रहे हैं तो 6000 का डिफरेंस है 5 किलोवाट ले रहे हैं तो 10000 का डिफरेंस है पर जैसा कि ऋषभ ने कहा हर साल परेशान होने की आपको प्रॉब्लम नहीं हो हम टेक्नोलॉजीज की अगर बात करें तो तीन टाइप की टेक्नोलॉजीज है इनवर्टर की स्ट्रिंग इन्वर्टर ऑप्टिमाइजर एंड माइक्रो इनवर्टर 90 पर कस्टमर्स 95 पर कस्टमर स्ट्रिंग इनवर्टर ही प्रेफर करते हैं जो कि सबसे कॉस्ट एफिशिएंट टेक्नोलॉजी है जो स्ट्रिंग इनवर्टर होता है उसमें सारे ही पैनल्स एक सिंगल स्ट्रिंग पे कनेक्टेड होते हैं जो हमने स्कूल में पढ़ा था सी सीरीज में कनेक्टेड है तो अगर मान लेते हैं आपके एक पैनल में कुछ प्रॉब्लम आई तो एक पैन जो सबसे लोएस्ट परफॉर्मिंग पैनल होगा सीरीज में सारे ही पैनल्स उतना ही प्रोडक्शन दे पाएंगे तो जो सबसे बेसिकली जो लोएस्ट परफॉर्मर है वो सबका परफॉर्मेंस नीचे खींचता है ऑप्टिमाइजर में हर दो पैनल के अंदर एक ऑप्टिमाइजर होता है सिमिलरली माइक्रो इन्वर्टर में हर पैनल पे एक माइक्रो इन्वर्टर होता है तो ये दोनों ही टेक्नोलॉजीज यू नो एक सोलर एज करके है जो ऑप्टिमाइजर टेक्नोलॉजी और एन फेज है जो माइक्रो इनवर्टर टेक्नोलॉजीज है दोनों ही काफी मोनोपोली ब्रांड्स है अपनी अपनी टेक्नोलॉजी में इस केस में जो पैनल्स है वो वो मैक्सिमम पावर प्रोडक्शन हर पैनल से खींचता है तो अगर आपके बगल में कोई शैडो आ गई एक पैनल के ऊपर तो आपका जो सबसे लोअर परफॉर्मिंग पैनल है वो आपके पूरे सोलर के परफॉर्मेंस को नहीं खींच पाएगा क्योंकि हर पैनल प एक माइक्रो इनवर्टर होगा तो उसे मैक्सिमम पावर प्रोडक्शन खींचेगा सो ये एक बेनिफिट है इस टेक्नोलॉजी का पर ज्यादा जैसा कि मैंने कहा जतर घर स्ट्रिंग इनवर्टर्स की टेक्नोलॉजी प्रेफर करते हैं तो आई एम अजूम कि आप जो भी ब्रांड रिकमेंड करते हो सबसे बढ़िया ब्रांड ही रिकमेंड करते हो कस्टमर के बिल्कुल तो सोलर स्क्वेयर ने हम टॉप ब्रांड्स के साथ ही काम करते हैं हमने पास्ट में हैवल्स के साथ काम किया है सनग्रो के साथ अभी हम काम कर रहे हैं गुड़वी के साथ हमने काम किया है एन फे सोलर एज के साथ भी हमने काम किया है हमारी टीम चाइना तक जाके एकएक चीज समझती है अगर हम इनवर्टर्स की बात करें तो ज्यादातर मेड इन चाइना होते हैं और अगर हम पैनल्स की भी बात करें तो एकएक पैनल जो सोलर स्क्वेयर प्रोक्योर करती है वो सारे ही पैनल्स फैक्ट्री में इलेक्ट्रो लुमिनेट या थर्मल इमेजिंग के इंस्पेक्शन के थ्रू ही पास होते हैं मैं दो स्टेटिस्टिक्स आपको देना चाहूंगी सोलर पैनल में फील्ड फेलियर रेट 2 से 3 पर के आसपास आता है वही इनवर्टर्स में जो अच्छी ब्रांड्स हैं जो टॉप ब्रांड्स है उनमें दो से 3 पर का मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट के चांसेस है कि आपको वारंटी क्लेम करनी पड़े लेकिन वहीं अगर आप सेकंड यर ब्रांड्स के साथ जाएंगे जो कि स्लाइटली सस्ती होंगी वहां पे 6 से 10 पर के बीच में फेलर्स की प्रॉब्लम है इसलिए टॉप ब्रांड्स के साथ जाना बहुत ही जरूरी है स्रो जो ब्रांड हम करेंटली यूज कर रहे हैं वो पूरी दुनिया में करेंटली नंबर वन ब्रांड है तो श्रेया ये तीन तरह की जो आपने टेक्नोलॉजी बताई ऑफकोर्स इसमें प्राइस का थोड़ा-थोड़ा गैप होगा स्ट्रिंग वर्सेस ऑप्टिमाइजर वर्सेस माइक्रो इन्वर्टर जो आपने बताए डज योर टीम रिकमेंड टू अ कस्टमर कि कौन से टाइप का इन्वर्टर उनके लिए सूटेबल रहेगा बिल्कुल तो आपकी छत के हिसाब से आप कितना टेक्नोलॉजी में इन्वेस्ट करना चाहते हैं आपका बजट कितना है इन सभी चीजों को ध्यान में रख के हम डेफिनेटली अपने कस्टमर्स को रे कमेंड करते हैं नोटे इड अब बात करते हैं थर्ड स्ट्रक्चर के बारे में मैंने आपके बहुत सारे सोलर स्क्वेयर के वीडियो देखे हैं और क्योंकि मैंने मैं बहुत पहले अपने घर पे मेरे ख्याल में 2017 या 18 में हमने जोधपुर वाले अपने रेजिडेंस प सोलर लगवाया था तब मैंने उस पूरे इंस्टॉलेशन प्रोसेस को देखा था जिसमें लगभग लगभग 10 15 20 दिन लगे थे पहले घर पे जो लुहार है वो काम करना है फिर सिविल वर्क वाले लोग आए कुछ दिन छुट्टी मार ली ऐसा ऐसा लेकिन जहां तक मैंने आपके वीडियोस देखे आपका एक बहुत ही मस्त वैन आता है और फटाक से इंस्टॉलेशन करके चला जाता है हाउ डिफरेंट इज सोलर स्क्वेयर इंस्टॉलेशन ऑफ द स्ट्रक्चर वर्सेस अदर कंपनीज एंड सेकंड जो आपने बात करी मुझे पता है आपको शायद आईआईटी बम्बे ने एक सर्टिफिकेट भी दिया है ऑफ साइक्लोन रेजिस्टेंट स्ट्रक्चर उसके बारे में थोड़ा सा बताइए 2020 ऑनवर्ड हमने रेसिडेंशियल सोलर करना शुरू किया है जब हमने 2020 में रेसिडेंशियल सोलर में एंटर किया तो हमारी टीम का सबसे पहला चैलेंज ये था कि अगर हम हजारों घरों में सोलर लगाना चाहे तो हम सेफ्टी एट स्केल कैसे इंश्योर करें तो हमने काफी रिसर्च करी ऑन करंट वेदर करंट विंड स्पीड्स इन इंडिया बट आल्सो ऑफ फ्यूचर रिस्क ऑफ एक्सट्रीम वेदर फिनोमेना क्लाइमेट चेंज के साथ एक्सट्रीम वेदर फिनोमेना अब कोई रेयर इवेंट नहीं बल्कि एक रेगुलर इवेंट बनता जा रहा है तो इसलिए हमने एजाज किया सोलो स्क्वा विंड प्रो माउंट वी आर द फर्स्ट कंपनी इन इंडिया टू क्रिएट दिस ट्रेड मार्क अ मॉड्यूल माउंटिंग स्ट्रक्चर्स यह मॉड्यूल माउंटिंग स्ट्रक्चर्स में पांच खास बातें हैं सबसे पहला जो आपने कहा कि यह बहुत ही जल् लग जाता है यह पूरा सोलर इंस्टॉलेशन स्टार्ट टू फिनिश इस स्ट्रक्चर को खड़ा करना सिविल वर्क करना इलेक्ट्रिकल कनेक्शन करके यह सारा का सारा काम हम आठ घंटे में लगभग खत्म कर देते हैं सेकंड कोई अनट्रेंड लेबर आपके घर की छत पर यह कंस्ट्रक्शन नहीं करती एटली यही किया था हमारे घर प और फिर उन्होंने जो उसका स्लोप था वो बहुत गड़बड़ हो गया था तो इनफैक्ट पूरा स्ट्रक्चर डिस्मेंटल किया गया और फिर से उन्होंने इंस्टॉल किया जी बिल्कुल तो अनट्रेंड लेबर एक बहुत ही नॉन इंजीनियर और अनसाइंटिफिक स्ट्रक्चर आपके घर में लगा के चली जाती है तो यह हमारे केस में बिल्कुल भी नहीं हम करते हैं सोलर स्क्वेयर विंड प्रो माउंट इज प्री फैब्रिकेटेड इन फैक्ट्रीज यानी कि इसका कॉलम एक एक मेंबर जो आप स्ट्रक्चर का इस फोटो में देख रहे हैं ये फैक्ट्रीज में प्रेसीजन मैन्युफैक्चरिंग से बनता है तो इनके मैं तीन मेन एस्पेक्ट्स बता देती हूं सबसे पहला तो ये स्टॉर्म प्रूफ और साइक्लोन प्रूफ है अप्रूव्ड बाय आईआईटी बॉम्बे 180 किमी पर आवर तक की विंड स्पीड को भी ये हैंडल कर सकते हैं सेकंड कोई अनट्रेंड लेबर अगर आपके घर पे आके मेंबर्स की अंदाजे से कैलकुलेशन करें स्ट्रक्चर को डिजाइन करें उसके अंदर काफी सारे मैनुअल एरर्स आ सकते हैं तो ये सेकंड बेनिफिट है कि इसमें ह्यूमन एरर का कोई चांस नहीं है ये जो स्ट्रक्चर्स बन के आते हैं ये इस इंक्लाइंड पे भी बन के आते हैं ताकि जो मैक्सिमम सनलाइट है वो आपके घर की छत पे कैप्चर करी जा सके जो थर्ड बेनिफिट है इसका क्योंकि ये प्री फैब्रिकेटेड है ये रेडी टू इंस्टॉल है तो तीन से चार दिन लगने की जगह या जैसा ऋषभ ने कहा उनके घर प 1015 दिन लगे गलती हुई वगैरह वगैरह वैसा कोई रिस्क नहीं है सिर्फ ठ घंटों में यह सोलर आपके घर की छत पे इंस्टॉल हो जाता है तो 9 एम हमारा क्रू अगर स्टार्ट करेगा तो 5:00 बजे तक पूरा सोलर सिविल वर्क इंस्टॉलेशन इलेक्ट्रिकल कनेक्शन सब कुछ खत्म आपके घर में हो जाता है 5 किलोवाट तक वंडरफुल वंडरफुल मतलब आज आज सुबह मेरे घर पे सोलर नहीं है आज शाम को सोलर मेरा लग जाएगा बहुत सही तो चलिए अब सबसे इंपॉर्टेंट पार्ट जो लोगों को लगता है कि यार आखिर खर्चा कितना आएगा सेविंग्स कितनी होगी उसके ऊपर बढ़ते हैं तो पहले अपन खर्चे की बात बात कर लेते हैं और से एक एग्जांपल से अपन ले सकते हैं 3 किलोवाट का पहले अपन सब्सिडी वगैरह नहीं कंसीडर करें बिना सब्सिडी के 3 किलोवाट का हमको सोलर लगाना है तो कितना खर्चा आएगा तो अगर हम 3 किलोवाट सोलर की बात करें तो सोलर एक वन साइज फिट सल सलूशन नहीं है इसलिए जो मैं प्राइसेस यहां बताऊंगी ये ये थोड़ी अंदाज प्राइसेस होंगी आपके घर की छत कैसी है रूफ का लेआउट कैसा है कितनी मंजिल है आपके घर में कितने फ्लोर्स तक केबल की हमें यू नो लेंथ लेनी पड़ेगी आपके स्टेट में कुछ गवर्नमेंट के चार्जेस भी हो सकते हैं जो अलग-अलग हो सकते हैं तो ये सारे ही फैक्टर से आपकी सोलर की प्राइस बदल सकती है लेकिन आज हम एक 3 किलोवाट का सोलर जिसमें कि आपने बाय फेशियल पैनल्स लिए हुए हैं मेड इन इंडिया सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए स्ट्रिंग इनवर्टर लिया हुआ है बेस्ट क्वालिटी का ये 6 फीट का विं प्रो माउंट लिया हुआ है 6 फीट सबसे कॉमनली लिया हुआ स्ट्रक्चर है क्योंकि वो 6 फीट के अंदर आसानी से सब फैमिली मेंबर्स चल सकते हैं एंड बहुत ही एक्सटर्नल वेदर रेजिस्टेंट हाई क् की आपने एक डीसी केबल्स भी ले रखी है बाकी 70 और कंपोनेंट्स है सबकी हम चर्चा नहीं करेंगे बट अगर आप इन सब चीजों को ले तो लगभग आपका 3 किलोवाट जो सोलर है वो 2 लाख 15000 से लेकर 225000 के बीच में आपको यह रूफ टॉप सोलर पड़ेगा यह जो सोलर है इसके अंदर 1.9 पर इस प्राइस में जीएसटी भी इंक्लूडेड है और इसके अलावा इसके अंदर यूजुअली जो डिस्कॉम के जो स्टैंडर्ड चार्जेस है वो भी इंक्लूडेड है कुछ एरियाज में ये थोड़ा बहुत बहुत आगे पीछे हो सकता है तो यह हो गया आपका लगभग 3 किलोवाट सोलर क्योंकि 540 वाट के पैनल्स आते हैं तो 3 किलोवाट एगजैक्टली अगर आप छह पैनल लेंगे इनटू आप 540 करेंगे तो लगभग आप 3.24 किलोवाट सोलर आपके घर पे लेंगे 5 किलोवाट एग्जैक्ट नहीं लेंगे 10 पैनल लगाएंगे 5 540 वाट के तो 5.4 किवा सोलर हो जाएगा आपके घर में तो अकॉर्डिंग वो प्राइस वो डेसीमल से थोड़ी ऊपर नीचे जा सकती है बट अगर मैं 3 किवा की बात करूं तो ये आपको 21 से 225000 के बीच में ये सोलर पड़ेगा अंडरस्टूड चलिए तो अब हमने ये 3 किलोवाट का सोलर लगा लिया अब इससे मेरी सालाना कितने रुपए की बिजली बनेगी और इसका जो आरओ है वो कितने दिन में मेरा निकल जाएगा तो सोलर के साथ मेंटेनेंस भी लेना बहुत ही ज्यादा जरूरी है करेंटली जो मैंने प्राइसेस बताई है वो सोलर की है इसके ऊपर मेंटेनेंस के चार्जेस ऊपर से कुछ और होंगे 10 15 हज के ये बहुत ही ज्यादा जरूरी है कि ये आप जाने कि जो 1400 यूनिट पर किलोवाट पर ईयर बताया जाता है ये सिर्फ एक वेल मेंटेन सोलर के लिए ही है सीई डब् करके एक थिंक टैंक है जिसने ये पूरी रिसर्च करी थी दिल्ली में और काफी सारे कस्टमर्स रेसिडेंशियल सोलर इंस्टिलेशन को सर्वे किया था उनका साइंटिफिकली ऑडिट किया गया था एक-एक घर पे जाके और ये पाया गया था कि 50 पर रेसिडेंशियल सोलर जो लगा हुआ है उस पे 30 पर से ज्यादा अंडर परफॉर्मेंस इश्यूज हैं और काफी सारे डैमेजेस हो चुके हैं पैनल्स में केबल्स में क्योंकि वहां पे मेंटेनेंस नहीं करी गई तो जो रिस्क है अंडर परफॉर्मेंस की वो बहुत ही रियल है इंडिया में जो सात से आ लाख घरों में करेंटली सोलर लगा हुआ है वहां पर भी ये माना जाता है कि 30 टू 50 पर घरों में बिजली जितनी बननी चाहिए उतनी नहीं बनती है लगभग 30 टू 40 पर परफॉर्मेंस कम हो जाता है अगर आप आपके सोलर को मेंटेन ना करें तो 1400 यूनिट की जगह बेसिकली आपको 30 पर कम हो गया तो 1000 यूनिट भी नहीं बनेगी आपके सोलर से और आपके सारी कैलकुलेशंस कैन गो फॉर अ टॉस तो आज हम क्यों ना यहां पे मेंटेनेंस के साथ ही 2 35000 या 0000 में हम इस सोलर की प्राइस को लेके स्टार्ट करें और उसके बाद हम इसमें कैलकुलेशन देखेंगे कि महीने की आप कितने यूनिट बिजली बनाएंगे और कितना सेव करेंगे तो इस कॉस्ट के अगेंस्ट अब आप लेंगे 3 किलोवाट सोलर जो कि आपको सालाना 1400 यूनिट बनाएगा पर किलोवाट तो टोटल हो गई 4200 यूनिट 9 की आपने बिजली ली तो 800 आप सालाना बिजली के बिल में बचत करेंगे तो ये आपकी इकोनॉमिक्स हो गई इसमें अगर आप देखें तो पा साल में आप लगभग 90 हज के आसपास बिजली के बिल में बचा चुके होंगे और जो सोलर है उसपे आपको इनिशियली सब्सिडी मिली होगी तो आपका जो ब्रेक इवन है वो पा साल के अंदर अंदर ही आ जाता है नटेड तो इसमें आपने बताया कि 10 से 15000 मेंटेनेंस लगेगा ये क्या एनुअल 10 से 15000 मेंटेनेंस का लगेगा नहीं बिल्कुल भी नहीं पा साल के लिए वन टाइम मेंटेनेंस आपको इतने समय के लिए लेनी चाहिए जब तक आपका ये इंश्योर हो जाए कि जब तक मेरा ब्रेक इवन नहीं होता मेरी मेंटेनेंस और मेरा पावर प्रोडक्शन इंश्योर्ड है एंड आईडियली आप पा साल बाद इस पैकेज को रिन्यू भी करा सकते हैं समझो मब दो से 000 पर ईयर मेंटेनेंस के तरफ जा रहा है हमारा मोटा मोटा आगे भी क्योंकि फ्यूचर में भी हमको रेगुलर मेंटेन ही रखना है तो 5 साल का मेंटेनेंस का कॉस्ट 10 से 15000 10 से 15000 बिल्कुल तो हमारा चार साढ़े साल में हमारा आरओ आई इस पर निकल के आ गया मतलब हमारा कॉस्ट ये फ्री हो गया उसके बाद ये कितने सालों तक बिजली बनाएगा वेल मेंटेन सोलर की लाइफ होती है 25 इयर्स यहां वेल मेंटेन बहुत ही ज्यादा जरूरी है क्योंकि कई बार सोलर ये बोल के बेचा जाता है कि इंस्टॉल एंड फॉरगेट कि लगा लीजिए ये तो 25 साल तक चलेगा तो जैसे आपकी गाड़ी को मेंटेनेंस की जरूरत है वैसे ही सोलर एक पावर प्लांट है और हाई वोल्टेज पावर प्लांट है इसको भी मेंटेनेंस की जरूरत है इनफैक्ट जो सोलर पैनल के मैन्युफैक्चरर्स होते हैं वो भी अपने वारंटी डॉक्यूमेंट में ये जरूर लिखते हैं कि आपकी वारंटी हम तभी ऑनर करेंगे जब आप आपके सोलर को प्रॉपर्ली मेंटेन करें तो दैट बीइंग सेड 25 इयर्स इ द लाइफ ऑफ रूफ टॉप सोलर ओके सो 25 सालों तक क्या ये सेम लेवल पर बिजली बनाता रहेगा या बिजली की कम ज्यादा बिजली कम होती चली जाएगी हर साल तो हमने यहां पे एक एक्सेल भी डिस्क्रिप्शन में हम हमने डाली हुई है जहां पे कि आप 25 सालों तक की कैलकुलेशन और आई आरआर भी देख सकते हैं जो मोनो पर् बायफेशियल पैनल्स है इसका आधे परसेंट से लीनियर पावर प्रोडक्शन कम होता है यानी कि अगर आज आपको 1400 यूनिट पर किलोवाट एक साल में दे रहे हैं 25 सालों बाद ये आपको लगभग दे रहा होगा 1200 यूनिट्स के आसपास जस्ट मेरा एक न्यू क्वेश्चन है श्रेया तो फिर 26 साल में क्या हो जाएगा एकदम से 26 साल में जीरो हो जाएगी ये क्यों होगा ऐसा फिर सी 25 साल उसको स्टैंडर्ड लाइफ बोला जाता है वारंटी भी तभी तक होती है क्योंकि 25 सालों में यूजुअली लोग इसे रिप्लेस करके नया पूरा सोलर सिस्टम लेना चाहते हैं अगर आप आईआर आर भी देखें तो 20 साल क्या और 25 साल क्या सोलर का आरआर इज फैंटास्टिक अगर हम इसे फिक्स डिपॉजिट से कंपेयर करेंगे तो की बिजली के भी हिसाब से 20 पर से भी ज्यादा आईआर आर देता है तो यूजुअली लोग प्रेफर करते हैं कि उसके बाद नई टेक्नोलॉजी नए कंपोनेंट्स अपने घर की छत पे पूरा ऐसे रिड्यू कर ले स्टेटेड लाइफ 25 साल है स्टेटेड लाइफ 25 साल है अब जो आईआर आर की बात करते हैं उससे पहले हम बात कर लेते हैं क्योंकि आई आरआर का मजा तब और ज्यादा आएगा जब हम इसमें सब्सिडी की बात कर लेंगे उसके बाद आईआर आर निकालेंगे और एक्सल कैलकुलेशन भी जनता के साथ शेयर करते हैं तो अब पहले हमने जब पिछले वीडियो में बात करी थी तब कुछ स्टेट की सब्सिडीज चल रही थी उसके बाद एक न्यू सोलर स्कीम आई और पिछले बजट के साथ पीएम एसजी वाई अनाउंस हुआ था यह पीएम एसजी वाई योजना क्या है इसमें कितनी सब्सिडी मिल रही है यह स्टेट की सब्सिडी है सेंटर की सब्सिडी सब बातें बताइए तो प्रधानमंत्री सूर्यगढ़ योजना के बारे में अगर बात करें हम तो इसके तीन मेजर कंपोनेंट्स है सबसे पहले सब्सिडीज जो पास्ट में 20222 अगर हम देखें तो काफी कन्फ्यूजिंग थी क्योंकि हर स्टेट अपना अपना सब्सिडी स्कीम निकालता था स्टेट ड्रिवन था सब्सिडी के रेट्स भी अलग-अलग थे अब प्रधानमंत्री सूर्यगढ़ योजना के बाद वन वन सब्सिडी स्कीम है इसके रहते पहले किलोवाट पे आपको 30000 सब्सिडी मिलती है सेकंड किलोवाट पे अनदर 30000 मिलती है और थर्ड किलोवाट पे अज की सब्सिडी मिलती है तो जो टोटल सब्सिडी है इंडिया में वो 78000 की मिलती है फॉर 3 किलोवाट एंड अबब चाहे आप तीन ले सात ले या 10 किलोवाट सोलर ले जो सेकंड बेनिफिट है प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का कि सोलर के रिलेटेड जो परमिट्स है वो पहले काफी स्लो हुआ करती थी प्रधानमंत्री देख सकते हैं ये जो पोर्टल है इसके रहते सारी ही परमिट्स को काफी ऑनलाइन और फास्ट ट्रैक किया गया है और कई सिटीज में आप अप्लाई करें और इंस्टंटे नियस आपको अप्रूवल मिल जाएगा नेट मीटरिंग का 60 पर कंज्यूमर्स को लोड चेंज रिक्वायर्ड होता है लोड चेंज अभी भी इस पोर्टल के थ्रू आप अप्लाई कर सकते हैं लेकिन उसका अप्रूवल अभी भी आपके डिस्कॉम से आना पड़ता है तो ओवरऑल प्रोसेस काफी स्ट्रीमलाइन कर दिया गया है ऑनलाइन कर दिया गया है पेपरलेस कर दिया गया है ये सारी परमिट्स जो है ये सोलर कंपनी ही करती है कंज्यूमर्स के लिए बट सोलर स्क्वेयर जब ये परमिट्स आपके लिए करेंगी तो ये काफी फास्ट हो जाएंगी जो तीसरा मेजर चेंज है वो ये है कि ये सब्सिडी डायरेक्ट आपके खाते में आती है इसे बोला जाता है डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ये सब्सिडी पास्ट में सोलर कंपनी के खाते में आती थी जिसमें एक एक साल लगता था बट अब ये ये जो ये जो सब्सिडी है ये आपके घर प सोलर इंस्टॉल होने के बाद बिजली विभाग का एक इंस्पेक्शन होता है जिसके बाद ये सोलर को स्विच ऑन करते हैं उसे कहा जाता है कमिश निंग तो सोलर लगने के बाद दो से तीन हफ्ते लगते हैं कमीश निंग में बिजली विभाग से वो बंदा कोई कोई इंस्पेक्टर आपके घर आएंगे सोलर को चेक करेंगे और उसके बाद उसे स्विच ऑन करेंगे जैसे ही आपका सोलर कमीशन या स्विच ऑन हो गया उसके लगभग 30 टू 40 डेज के अंदर ये सब्सिडी आपके खाते में आ जाती है सब्सिडी आपके खाते में आने के लिए आपका बैंक डिटेल्स भी हम इसी पोर्टल पे सबमिट करते हैं नोटे तो इसमें हम 3 किलोवाट या उससे ज्यादा सोलर लगा रहे हैं तो मैक्सिमम 78 के की हमको सब्सिडी मिल रही है ये सब्सिडी हमको पोर्टल के थ्रू डायरेक्टली मिल रही है उसके लिए पोर्टल में रजिस्ट्रेशन लोड सैंक्शनिंग का अपग्रेडेशन ये सारा काम अगर आपके थ्रू करा रहे हैं जो भी सोलर प्रोवाइडर है वो पूरा करवा के देना चाहिए आईडियली सभी कुछ उससे करना चाहिए इट्स अ डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर मतलब बैंक में आएगा कमीश निंग के 30 से 40 दिन के बाद आएगा और तो मैं ओवरऑल मान लू लगभग दो महीने सोलर इंस्टॉलेशन के दो महीने के अंदर-अंदर मेरे पास ये पैसा आना चाहिए इज इट ओके एब्सलूट मतलब गवर्नमेंट ऑफ इंडिया काफी कोशिश कर रही है कि इसे और भी फास्ट ट्रैक किया जाए कि हफ्ते दो हफ्ते में भी ये डिसबर्सल आ जाए प्रधानमंत्री सूर्यगढ़ योजना इंडिया की एक बहुत ही हाई प्रोफाइल और हाई फोकस स्कीम है 75000 करोड़ का बजट भी इस स्कीम के लिए निकाला गया है एक करोड़ घरों पर सोलर लगाने का इंडिया का टारगेट है अंदाज 80 से 90 हज कस्टमर्स का ऑलरेडी आई थिंक इसमें सब्सिडी क्लेम भी जा चुका है और 600 कस्टमर्स के आसपास इसमें सब्सिडी डिसबर्स होके कंज्यूमर्स को मिल भी चुकी है तो ये बिल्कुल स्कीम एक्टिव है 13 फरवरी 2024 से प्रधानमंत्री सूर्यग्रहण है जो स्टेप कंज्यूमर्स खुद कर स सकते हैं उसके बाद आती है आपकी सोलर की एप्लीकेशन एप्लीकेशन का जो स्टेप है हम एडवाइस करेंगे कि आप अगर सोलर स्क्वेयर से ले रहे हैं तो आप हमसे ही वो एप्लीकेशन करवाएं कई बार कंज्यूमर जब खुद एप्लीकेशन भरते हैं उसमें कुछ टेक्निकल डिटेल्स रंग हो जाती है और फिर एप्लीकेशन को एक मोबाइल नंबर पे एक घर पे एक ही बार आप अप्लाई कर सकते हैं तो फिर उसमें एडिट कराने में आपका काफी समय जा सकता है तो वी एडवाइज कि एप्लीकेशन आप हमारे टेक्निकल एक्सपर्ट टीम से ही करवाएं सो दैट इज नंबर टू एप्लीकेशन होने के बाद आपको वहां पे नेट मीटर का एक फीजिबिलिटी अप्रूवल दिया जाएगा जैसे ही आपका वो फीजिबिलिटी अप्रूवल हो गया तो हम तुरंत फोर्थ स्टेप आपके घर में सोलर इंस्टॉल करेंगे सोलर इंस्टॉल करने के बाद हम उसका कमीश निंग करवाएंगे वो भी हम ही कोऑर्डिनेट करेंगे बिजली विभाग के साथ आपके घर पे कमीश निंग विजिट कमीश निंग होने के बाद हम इस पोर्टल पे कमश निंग सर्टिफिकेट अपलोड करते हैं ये सर्टिफिकेट अपलोड करने के बाद सिक्सथ स्टेप है आपकी बैंक डिटेल्स डालना और उसके बाद यू आर डन आपकी सोलर से बिजली बनने लगी और महीने भर में आपके खाते में सब्सिडी भी आ जाएगी तो ये सिक्स स्टेप्स है ब्रॉडली एक ही चेंज होगा उन घरों के लिए जिन्हें लोड चेंज रिक्वायर्ड है तो फीजिबिलिटी अप्रूवल के पहले हम उनका लोड चेंज भी अप्लाई करेंगे और लोड चेंज जैसे ही उनका हो जाएगा जैसा मैंने कहा एक से 3 किलोवाट जैसे ही आपका लोड हम बढ़ा देंगे तो हम तुरंत फिर 3 किलोवाट नेट मीटरिंग फीजिबिलिटी के लिए अप्लाई कर सकते हैं तो वहां पे थोड़ा एक स्टेप ऐड हो जाता है किसी ऑडियंस ने ही पूछा था कि अब घर पे जब एक गवर्नमेंट ऑफिशियल आ रहा है तो बिना अपू बिना मिठाई खाए तो वो 78000 का बेनिफिट रिइमर्स नहीं करेगा तो क्या कस्टमर हैज टू पे एनीथिंग बिल्कुल भी नहीं एज अ कंज्यूमर आपको यहां पर कुछ भी देने की जरूरत नहीं है तो आपको नेट मीटरिंग मिलना घर पर सोलर लगना उसकी कशनिंग होना ये अब आपका लीगल राइट है तो इसमें कोई भी प्रॉब्लम नहीं आती है तो पासपोर्ट की तरह नहीं है कि वेरिफिकेशन के लिए कोई आया तो आपने अगर उसको कुछ नहीं दिया तो हो सकता है आपका पासपोर्ट रिजेक्ट हो जाए डिले हो जाए इसमें ऐसी सिचुएशन एटलीस्ट आपने इतने सारे जो लगाए उसमें नहीं फेस हुई है लोगों को नोटे इड तो अब अब आपने अब वापस हमारी जो कैलकुलेशन है उसको एक बार रिव्यू करते हैं जो आपने पहले कैलकुलेशन बताई थी कि 3 किलोवाट का जो हमारा सिस्टम लगा रहे हैं उसमें 21000 से 225000 का हमारा खर्चा आ रहा है प्लस उसमें 10 से 15000 का हमारा मेंटेनेंस कॉस्ट आ रहा है यह मैं अभी बात कर रहा हूं एट द टाइम ऑफ रिकॉर्डिंग दिस वीडियो जुलाई 2024 फ्यूचर में अपडेट भी होगी है रेट्स जैसे-जैसे समय बीतेगा इंफ्लेशन बढ़ रहा है तो रेट बढ़ती जाएगी तो मैं मेंटेनेंस को ऐड करके बोलूं तो मेरी जो खर्चा है वो 225000 से लेके 2 लाख 45000 तक के बीच में यह खर्चा आएगा फॉर किलोवाट सिस्टम इसमें से मेरी 78 के की सब्सिडी माइनस हो जाएगी तो लगभग जो मेरा खर्चा आ रहा है वो 1000 से लेकर 0000 के बीच का आ रहा है फॉर 3 किलोवाट सिस्टम बिलकुल बकुल और यह सिस्टम मेरा साल का अगर नॉर्मल स्टेट में बात करें जहां ₹ की रेट चल रही है वहां पर 8000 का और इवन मुंबई में अगर बात करें तो वहां पर अप टू 60000 का तक का मेरा बेनिफिट हो रहा है तो यहां पर 0000 की रेट के हिसाब से मैं 40 पकड़ता हूं तो 4 साल से लेके 5 साल के बीच में मेरा पूरा आरओ आई निकल जाएगा मेरा सोलर स्ट्रक्चर फ्री हो जाएगा और पांचवें साल ऑनवर्ड मुझे हर साल 0000 का बेनिफिट ये लगभग लगभग मिलने लग जाएगा अजूम दैट इलेक्ट्रिसिटी की रेट नहीं बढ़ती है और इलेक्ट्रिसिटी की रेट भी मेरे ख्याल में 3 च 5 पर ऑन एन एवरेज हर साल बढ़ती चली जाती है तो यह अमाउंट 40000 से ज्यादा भी हो सकता है फॉर कमिंग ईयर्स तो विथ सब्सिडी तो इट्स वेरी वेरी अट्रैक्टिव आई बिलीव जी आप इसमें देखें तो हम तीन से 4 पर एनुअल बिजली के रेट में एस्केलेशन बिल्कुल ले सकते हैं अनफॉर्चूनेटली क्योंकि इतना यनो इलेक्ट्रिसिटी के लिए इतनी क्राइसिस हो गई है ग्लोबली कोल इतना कम है कि कुछ शहरों में कुछ स्टेट्स में बिजली के रेट 10 और 20 और 30 पर से भी बढ़ते हुए पाए गए हैं तो ये बिजली के महंगे होने का जो ट्रेंड है ये बढ़ता ही चला जाएगा तो सबसे अच्छी बात ये है कि सिर्फ आधे परसेंट से आपका सोलर पैनल का परफॉर्मेंस नीचे जाएगा बट जो बिजली के रेट है वो कम से कम सालाना 3 से 4 पर से तो ऊपर जाएंगे जाएंगे नोटे इससे पहले कि हम कुछ ऑडियंस क्वेश्चन ले मैं लास्ट एक दो क्वेश्चन पूछना चाहता हूं आपसे एक बात है इसमें क्योंकि शुरू में अपफ्रंट पूरा के पूरा इन्वेस्टमेंट जो है वो हमारे कंज्यूमर को करना पड़ रहा है जो दो सवा लाख अगर 3 किलोवाट ले उससे ऊपर ले तो उससे भी ज्यादा इन्वेस्टमेंट होगा तो क्या यह जो अपफ्रंट इन्वेस्टमेंट है इवन दो सब्सिडी आ जाएगी लेकिन कुछ दिनों बाद आएगी अपफ्रंट इन्वेस्टमेंट के लिए कुछ ईएमआई ऑप्शन रहते हैं या कुछ लोन मिल जाता है शुरू के लिए तो सोलर स्क्वेयर का यहीं पे आता है जीरो इन्वेस्टमेंट प्लान ये जो हमारा जीरो इन्वेस्टमेंट प्लान है ये बहुत ही सिंपल है आपको 5 साल की 60 मंथ्स की यानी कि ईएमआई मिलती है इसमें इस प्लान के रहते आपका जो डाउन पेमेंट है वो आपकी सब्सिडी के बराबर होता है और आपकी जो मंथली ईएमआई है वो आपके बिजली के बिल में आप 3000 5000 जो भी बचा रहे हैं उसके बराबर होता है तो जो सोलर स्क्वेयर जीरो इन्वेस्टमेंट प्लान है इससे हमारे कंज्यूमर्स के लिए अफोर्डेबल बहुत ही ज्यादा सोलर की बढ़ जाती है ये जो ईएमआई है जो लोन है कंज्यूमर के लिए पूरा का पूरा प्रोसेस सोलर स्क्वेयर ही आपके लिए करती है आपकी सोलर कंसल्टेशन के दौरान ही हम आपका पैन कार्ड अपने सॉफ्टवेयर में डाल के इमीडिएट आपको आपकी लोन एलिजिबिलिटी के बारे में भी बता देंगे उसके आगे का पेपर वर्क भी हम ही करेंगे इसके अलावा वी आल्सो हैव अ सिक्स मंथ जीरो इंटरेस्ट ईएमआई तो अगर आप ये चाहते हैं कि मुझे इंटरेस्ट वगैरह नहीं भरना है मतलब जीरो इन्वेस्टमेंट तो ठीक है बट इंटरेस्ट नहीं भरना है तो आप छ महीने का 12 महीने का हमारा जीरो इंटरेस्ट प्लान भी ले सकते हैं और उसमें आपका जो भी अमाउंट है वो सिंपली आपको छह किस्तों में डाउन पेमेंट के बाद पे करना होगा गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने अभी पब्लिक सेक्टर बैंक से भी आसान ईएमआई रेसिडेंशियल सोलर के लिए खास करके करवाए हुए हैं जिसमें कि आपको 10 से 11 पर के बीच में लोन मिलेगा वो भी 10 साल के लिए इसमें सारे ही गवर्नमेंट बैंक्स का से ये लोन अवेलेबल है सोलर स्क्वेयर के साथ आपको एसबीआई या यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ हम आपका लोन करवा सकते हैं ओके अ वन मोर थिंग इवन दो हमने सारी चीजें मैथ समझा दी है 1400 यूनिट बनेगी इतना बेनिफिट आएगा यह वो फिर भी लोगों को 1 पर तो लगता है कि अगर नहीं बनी तो कुछ गड़बड़ हो गया तो ये तो कंपनीज है कुछ भी बोलती है अ व्हाट व्हाट वी कैन डू फॉर देम तो सोलर लेते समय काफी सारे कंज्यूमर्स को ये मन में डाउट आता है कि यार एफडी में डाला तो 7 पर पक्का है म्यूचुअल फंड में डाला तो 15 पर पक्का ही है सोलर में इन्वेस्टमेंट किया तो सच में इतनी बिजली बनेगी क्या अनसर्टेनटीज काफी ज्यादा कंज्यूमर्स को ये सवाल मन में आता है तो इसलिए सोलर स्क्वेयर ने अभी रिसेंटली लास्ट ईयर ही लॉन्च करी है फाइव ईयर सेविंग्स गारंटी विथ सो सोलर स्क्वेयर तो आप जब हमसे रूफ टॉप सोलर लेंगे 5 साल तक आपकी सेविंग्स हम गारंटी करेंगे ये जो सेविंग्स है इसके लिए कितना पावर प्रोडक्शन होगा उसका कमिटमेंट आपको हमारी टीम से मिलेगा तो आपके घर की छत पे आपके शहर पे लटटू ट्यूड से पूरा साइंटिफिक कैलकुलेशन करके हम आपको 5 साल का एक कमिटमेंट देंगे लेट्स से हमने वो कमिटमेंट दिया 1420 यूनिट पर किलोवाट पर ईयर तो अब आप सोलर आपकी छत पर हमारी जिम्मेदारी अगर आपको थोड़ी भी बिजली आपकी कम बनी तो उसे हम आपको कंपनसेटर वाह यह तो बड़ी इंटरेस्टिंग बात है कि अगर बिजली कम बनी आप इतना अच्छा मेंटेनेंस उसके साथ प्रोवाइड करोगे कि बिजली कम बनी तो उसका पैसा आप भरोगे आई एम आईम आई बिलीव दिस इज अ रियली रियली बोल्ड मूव तो मेंटेनेंस पे एक किसी बंदे ने क्वेश्चन पूछा है मैं हमारे ऑडियंस का क्वेश्चन ही आपसे पूछ सकता हूं कि एक जैसे आप अपना भी प्रोसेस बता सकते हो इन जनरल जिनके घर प सोलर लगाया उनके के लिए भी एडवाइस दे सकते हो कि हाउ ऑफ्टन मेंटेनेंस रिक्वायर्ड हर महीने चाहिए हर तीन महीने में चाहिए क्या हम खुद से ही मेंटेनेंस कर सकते हैं क्या कई लोगों को मतलब हम भी ऐसे ही करते हैं इनफैक्ट कि थोड़ी धूल आ गई तो छत पे जाके उसपे पानी छिड़क दिया तो इज इट द मेंटेनेंस व्हिच इज रिक्वायर्ड अ मेंटेनेंस में आखिरकार करना क्या होता है जो मेंटेनेंस होती है जदा उसमें तीन मेजर कंपोनेंट्स होते हैं सबसे पहला है पैनल की डीप क्लीनिंग इसे डीप क्लीनिंग कहा जाता है क्योंकि इसे एक स्पेसिफिक साइंटिफिक ब्रश से करना पड़ता है और क्लीन करने के बाद इसे एक तरीके से इसके ऊपर कहीं भी कॉर्नर में डस्ट ना जमे ये बहुत जरूरी है क्योंकि सोलर एक हाई वोल्टेज सिस्टम है 1000 वोल्ट का हम रिकमेंड नहीं करते कि आप ये क्लीनिंग खुद करें या अपने घर में किसी स्टाफ से करवाएं और दूसरी बात क्लीनिंग को अगर गलत तरीके से किया गया तो इन पैनल्स पे माइक्रो क्रैक्स भी पैदा होने की बहुत बड़ी रिस्क होती है इन माइक्रो क्रैक्स से आपका पैनल का परफॉर्मेंस भी बहुत ज्यादा डाउन जाता है साथ ही साथ जो मैन्युफैक्चरर्स है वो उसपे आपकी वारंटी भी ऑनर नहीं करेंगे दूसरा है प्रिवेंट मेंटेनेंस एंड सिस्टम हेल्थ चेक सोलर पैनल के साथ एक एक चीज को हम चेक करते हैं ये पैनल क्लीनिंग हम महीने में एक बार करते हैं जो सिस्टम हेल्थ चेक है वो हम तीन महीने में एक बार करते हैं जिसमें हम सारे ही आपके वोल्टेज करंट मैकेनिकल जॉइंट्स इलेक्ट्रिकल कनेक्शंस हरी चीज को हम इंस्पेक्ट करते हैं जो थर्ड चीज है वो है करेक्टिव मेंटेनेंस करेक्टिव मेंटेनेंस यानी कि आपने कोई ब्रेकडाउन सर्विस आपने अगर हमें कॉल किया तो हमारे बंदे ने उसे एक सर्टेन टाइम पीरियड में रिप्लेस किया सोलर स्क्वेयर सेविंग्स गारंटी के अंदर हम ये भी गारंटी करते हैं कि 5 साल तक आपको कोई भी रिपेयर रिप्लेसमेंट का एक्स्ट्रा खर्चा नहीं आएगा जैसा कि मैंने कहा है सीई डब् एंड पीवी डायग्नोस्टिक्स की रिसर्च में भी ये पता चला है कि परफॉर्मेंस जो है वो 30 पर से भी ज्यादा डाउन हो सकता है तो इससे आपका इन्वेस्टमेंट और आरओ आई पे काफी बड़ा रिस्क बन सकता है नोटे तो पते की बात ये है कि तीन चीजें हैं आपको क्लीनिंग भी करनी है सारे सिस्टम सही चल रहे हैं वो भी आपको चेक करना है और मान लो कुछ वयर एंड टियर हो गई है तो उसको टाइमली रिप्लेस करना है ये तीनों चीजें आपको करनी है और ऑफकोर्स ये आप खुद नहीं कर सकते क्योंकि इट्स अ वेरी रिस्की सिस्टम इनफैक्ट हमारे शहर की एक घटना हुई थी कि किसी बाहर वाले मजदूर को बुला के उस पर चढ़ वा के वो साफ करवा रहे थे एंड दैट लेबर फेल डाउन एंड डाइड फ्रॉम द रूफ सो ऐसी सिचुएशन से अवॉइड करने के लिए लेट्स लीव द मेंटेनेंस टू प्रोफेशनल एंड अगर आपने बताया कि यार पा साल की इसकी कॉस्टिंग 101 हज एक्स्ट्रा लग रही है सो और उससे आपका बिजली का जो प्रोडक्शन है वो मेंटेन रह है तो मुझे लग रहा है जब 30 पर नुकसान वर्सेस वन टाइम मेंटेनेंस कॉस्ट द बेनिफिट ऑफ मेंटेनेंस पेइंग दैट मेंटेनेंस कॉस्ट इज फार हायर देन रिड्यूस योर प्रोडक्शन बाय 30 40 50 पर ओके कुछ ऑडियंस क्वेश्चन लेते हैं हम सबसे पहले एक ऑडियंस ने पूछा है कि भाई हमारा जो य ये 25 साल का चलता है लेकिन जो डिस्कॉम है वो 10 से 15 साल के ही एग्रीमेंट क्यों करता है तो जो नेट मीटरिंग एग्रीमेंट है ये गलत फहमी है कि डिस्कॉम सिर्फ 10 से 15 साल के लिए करती है ज्यादातर डिस्कम्स अगर हम महाराष्ट्र देखें कर्नाटका देखें गुजरात देखें राजस्थान देखें ये सभी जगहों पे 25 साल के लिए ही नेट मीटरिंग एग्रीमेंट होता है यानी कि गवर्नमेंट की अगर कल को कोई पॉलिसी बदल भी जाए आपके जो नेट मीटरिंग जो ग्रिड को आप बिजली दे रहे हैं ले रहे हैं उसके आपको ना ही कोई चार्जेस भरने होंगे ना ही आपको उसमें कहीं भी फ्यूचर में आपके सेविंग्स प कोई रिस्क आएगी तो ये 25 साल के ही एग्रीमेंट होते हैं कुछ स्टेट्स है जैसे मध्य प्रदेश जहां प 20 साल का एग्रीमेंट होता है बट 20 से कम साल का एग्रीमेंट मैंने आज तक नहीं देखा है ठीक है सेकंड क्वेश्चन अगर मेरे घर पर मैंने अभी 3 किलोवाट का सिस्टम लगाया हु है वैसे तो अब सब्सिडी ही 3 किलोवाट प मिल रही है बट क्या फ्यूचर में अगर मैं एक्स्ट्रा लगवाना चाहूं तो पहली बात यस और नो और मान लो उसे मैंने 2 किलोवाट का लगा रखा है और उसको अब 3 किलोवाट का करना चाहता हूं तो क्या एडिशनल किलोवाट लगाने पे मुझे एडिशनल सब्सिडी मिलेगी या नहीं अगर आपने 2 किलोवाट का सोलर लगाया और आप उसमें एक किलोवाट ऐड करके तीन पे जाते हैं तो आपको जरूर उस एक्स्ट्रा किलोवाट के लिए सब्सिडी मिलेगी लेकिन क्योंकि 3 किलोवाट में सब्सिडी कैप्ड है उसके ऊपर अगर आप कुछ भी सोलर ले तो आपको सब्सिडी नहीं मिलेगी अगर आपने पास्ट में सोलर लिया हुआ है बिना सब्सिडी के और अब आप 3 किलोवाट या 4 पा किलोवाट कुछ भी और सोलर लेना चाहते हैं तो डेफिनेटली आप अपने नए सिस्टम पे सब्सिडी ले सकते हैं क्योंकि आपने पहले सोलर पे सब्सिडी नहीं ली ओके क्या इसमें वही टेक्नोलॉजी का मुझे पैनल लेना पड़ेगा व्हेन आई एम एक्सटेंडिंग माय सिस्टम या फिर नई टेक्नोलॉजी का भी सिस्टम लगाया जा सकता है बिल्कुल तो ये एक चैलेंज जरूर आता है कि जैसे अगर हम पुराना सिस्टम पुरानी टेक्नोलॉजी पे और अब नई टेक्नोलॉजी पे हम उसे एक साथ जॉइन नहीं कर सकते तो एक कंपलीटली न्यू सिस्टम ही हमें बनाना पड़ता है हम अपने पास पेयर स्टॉक रखते हैं पुरानी टेक्नोलॉजीज का भी ताकि अगर हमारा कोई ऐसा ऐसा कस्टमर हो जो कि जिसने न साल पहले हमसे पॉली पर्क लिया था और वो वारंटी क्लेम चाहे या व वो एक्स्ट्रा कैपेसिटी चाहे तो हम उनको प्रोवाइड कर सकते हैं फ्लैट वालों के लिए क्या कोई सॉल्यूशन है किसी ने पूछा है कि क्या मेरी बाहर वाली दीवारों पर सोलर लगा सकता हूं मैं कोई भी सॉल्यूशन है मुंबई में गुड़गांव में फ्लैट में रहने वालों के लिए क्या करें वो तो करेंटली अगर आपके घर में छत है तो ही आप सोलर ले सकते हैं बालकनी सोलर के ऊपर कुछ स्कीम्स निकल के आई है लेकिन बालकनी सोलर में पावर प्रोडक्शन शैडोज का इशू काफी ज्यादा होता है तो अभी ये कमर्शियली एट स्केल तो नहीं हो रहा है इंडिया में बट फ्यूचर में होप फुली कोई ना कोई सलूशन जरूर निकलेगा और जब वो निकलेगा तो इसी चैनल पे आप जरूर सुनेंगे मुझसे और ऋषभ से उसके बारे में तो सैडली अभी आप अगर फ्लैट में रहते हैं तो उसका आपके पास अभी सॉल्यूशन नहीं है लेकिन सोलर स्क्वेयर से मेरा डिस्कशन कुछ ही दिन पहले हो रहा था उनके पास एक स्कीम जरूर है जिससे वो सोसाइटीज पे सोलर लगा सकते हैं और उससे हो सकता है आपका जो मंथली मेंटेनेंस कॉस्ट जा रहा है वो कम हो जाए या एटलीस्ट वो मेंटेनेंस किसी बेटर जगह पर यूज होने लग जाए आपको ज्यादा एमेनिटीज मिल जाए और आपकी जो सोसाइटी की जो कॉमन लाइटिंग है वो पूरी की पूरी सोलर से चल सकती है हम उसका लिंक भी आपको डिस्क्रिप्शन में दे देंगे अगर आप अपनी सोसाइटी के लिए सोलर में कंसल्टेशन करना चाहते हैं तो अ उसके बाद नेक्स्ट क्वेश्चन है एक बार हमने सोलर लगा दिया उसके बाद का थोड़ा सा मैकेनिज्म बताइए कि किस तरह से अ मीटर नया लगेगा किस तरह से बिल मेरा अपग्रेडेड आएगा ये मैं क्या अपने मीटर पर जाकर चेक कर सकता हूं कि हर महीने कितना सोलर लगेगा क्या आप कोई टूल देते हो जिस पर मैं चेक कर सकता हूं इतना सोलर मेरा ब बना इस महीने वर्सेस एवरीथिंग तो इसमें तीन चीजें हैं रिशब सोलर लगने के बाद आपके घर का जो मीटर है जो एक रेगुलर मीटर होता है उसे चेंज करके एक नया मीटर लगाया जाता है जिसे कहा जाता है नेट मीटर जो रेगुलर मीटर्स होते हैं रिशब वो सिर्फ एक डायरेक्शन में चलते हैं यूनी डायरेक्शनल मीटर होते हैं वो सिर्फ पॉजिटिव में चलते हैं कि आपने बिजली कितनी खपत करी जो नेट मीटर है वो बाय डायरेक्शनल मीटर होता है वो पॉजिटिव में भी चलता है कि आपने ग्रिड से 100 यूनिट मान लीजिए ली पर नेगेटिव में भी चलता है कि आपने लेकिन ग्रिड को 120 यूनिट दी तो ये नेट मीटर लगने से आपकी बिलिंग प्रॉपर्ली हो पाती है समर्स में ज्यादातर हमने देखा है कि कंज्यूमर्स के घर में ज्यादा बिजली बन जाती है तो उन्हें नेगेटिव बिल भी आते हैं माइनस 50 यूनिट्स माइनस 100 यूनिट्स ये जो आपके नेगेटिव बिल होते हैं ये नेक्स्ट मंथ आपके बिजली के बिल में रोल ओवर होते होते एडजस्ट हो जाते हैं तो ये हो गया सबसे पहला कि नेट मीटर आपके घर में रिप्लेस किया जाता है ये नेट मीटर लगाना प्रोक्योर करना यह सारा काम भी सोलर स्वेर ही करेगी सेकंड चीज जो होती है जो आपका बिजली का बिल है वो बिजली का बिल सोलर लगने के बा बा मोस्टली तो अगले मंथ की साइकिल में ही आ जाता है कुछ जगहों पर एक से दो महीने के बाद वो बिल आता है जैसे ये बिल आता है तो आपका बिल बदल जाता है सोलर के बाद ये नेट मीटरिंग वाला बिल होता है जिसमें कि आपकी नेट एक्सपोर्ट एंड इंपोर्ट दोनों बताई जाएंगी आपको और आप बिजली के बिल में देख पाएंगे कि आपने नेट कितनी खपत करी तो मान लीजिए आपने 200 यूनिट दी ग्रिड को और आपने ग्रिड से ली 250 यूनिट तो प्लस 50 आपका बिल आएगा जो थर्ड चीज है ये बिल आपको ये नहीं आपने सोलर से बिजली कितनी बनाई क्योंकि कुछ बना के आपने खपत भी कर ली कुछ बना के आपने एक्सपोर्ट करी और कुछ आपने शाम के समय ग्रिड से ली तो ये जो बिजली का बिल है ये सिर्फ एक्सपोर्ट और इंपोर्ट बताएगा जो आपने बिजली प्रोड्यूस करी थी टोटल कितनी है वो आपको नहीं पता चलता उसके लिए हम आपको एक ऐप प्रोवाइड करते हैं जिस ऐप से आप रियल टाइम पावर प्रोडक्शन देख सकते हैं इसके अलावा जो हमारे सेविंग्स गारंटी कस्टमर्स हैं उन्हें हम मंथली एक रिपोर्ट भी भेजते हैं ताकि वो कांस्टेंटली ये देख पाए कि उन्हें कमिटेड कितना था और उसके अगेंस्ट अब तक उनका कितना बिजली का प्रोडक्शन हो चुका है तो इससे आपकी सोलर की पावर प्रोडक्शन काफी ट्रांसपेरेंटली आपके साथ आपके सामने प्रेजेंट करी जाती है ओके क्या ये जब मैंने बिल नया लगा दिया या मैंने सोलर सिस्टम लगा दिया मेरा नेट मीटर लग गया उसके बाद भी कुछ लोग बोल रहे हैं कि कोई बेस रेंट होती है वो फिर भी देनी पड़ती है इज इट ट्रू जी बिल्कुल तो आपकी बिजली के बिल में आपका जो एक मीटर का रेंटल चार्ज है क्योंकि आप ग्रिड की सर्विस यूज कर रहे हैं और बिजली विभाग का नेट मीटर यूज कर रहे हैं तो इसलिए उसका रेंटल आपको देना पड़ता है वो लगभग 100 से 00 के बीच में ही होता है जो मेरी साइकिल है वो जनवरी से लेकर दिसंबर तक रहती है कौन से महीने से स्टार्ट होती है कब तक रहती है मैं इसलिए पूछ रहा हूं जो एडिशनल यूनिट्स बनी मान लो किसी ईयर में मेरी एडिशनल यूनिट बनी वो आपने बोला कि नॉमिनल कॉस्ट पर दो ढाई तीन के कॉस्ट पर आपको उसका पेआउट मिलेगा और ये आपकी यूनिट्स लैप्स हो जाएगी और फिर से फ्रेश शुरू होगा ये फ्रेश शुरू कब से होता है जी तो ये फाइनेंशियल ईयर के साथ चलता है अप्रैल टू मार्च तो तो मार्च में आपके यूनिट्स यूजुअली लैप्स हो जाती है ओके अ कुछ लोग पूछ रहे हैं कि इन स्टेट लाइक कर्नाटका और शायद दिल्ली में भी कुछ ऐसी स्कीम्स है जहां पर आपको पहली कुछ यूनिट 100 यूनिट 200 यूनिट आपको फ्री ये स्टेट दे रहे हैं या बहुत ही सब्सिडाइज रेट पर दे रहे हैं क्या इन स्टेट्स में भी सोलर लगाना एक सही सही चॉइस है बिल्कुल क्योंकि ये जो 100 या 200 यूनिट फ्री मिलती है जैसे ही आप इसे क्रॉस करते हैं 210 220 240 तो आपको वो पूरा का पूरा रेट भरना ही पड़ता है तो यूजुअली हायर स्लैब्स में जो बिजली के खपत के स्लैब्स होते हैं 0 टू 100 100 टू 200 200 टू 500 ग्रेटर दन 500 यूनिट्स वो ऊपर के स्लैब्स में बिजली थोड़ी-थोड़ी महंगी हो जाती है तो सोलर लगाना करेंटली इतना बेनिफिशियल है और इतना चीपर है कि सोलर लाना इंडिया के हर स्टेट में वायबल ही वायबल है ठीक है अ होम चेंज करते वक्त अब ये वैसे रेयर सिचुएशन है लेकिन अगर किसी व्यक्ति ने अपना घर बदला घर बेच के नया घर ले लिया तो समय क्या यह सोलर पूरा के पूरा सिस्ट ट्रांसफर हो जाता है और नई जगह पे सेम मीटर वगैरह का प्रोसेस क्या रहता है आपने ऐसा कोई प्रोसेस अगर किया हो तो तो सोलर मॉड्यूलर टेक्नोलॉजी इसे हम निकाल के वापस लगा सकते हैं दूसरी जगह पर वापस से उसके नेट मीटरिंग वगैरह के कनेक्शंस करने पड़ेंगे और ये बिल्कुल भी पॉसिबल है लेकिन जरूर इसमें आपका सर्विस चार्ज आएगा क्योंकि अन इंस्टॉल होगा रीइंस्टॉल होगा और सिविल वर्क वापस करना होगा कोई कंपोनेंट में अगर वेयर एंड टेयर हो गया होगा ट्रांजिट में तो उसे रिप्लेस करना होगा तो थोड़ा सा इसमें सर्विस चार्ज और गवर्नमेंट की नेट मीटरिंग का चार्ज जरूर आएगा नोटे कुछ स्टेट्स में लोग बोल रहे हैं कि यूपी में शायद ऐसा है कि कुछ स्टेट सब्सिडी भी मिल रही है या हो सकता है कुछ स्टेट्स में एडिशनल फ्यूचर में भी कुछ स्टेट सब्सिडी मिले क्या हम नेशनल सब्सिडी और स्टेट सब्सिडी दोनों क्लेम कर सकते हैं दोनों में से कोई एक ही कर सकते हैं ये बिल्कुल सही बात है कि कुछ स्टेट्स सेंटर की 78000 सब्सिडी के ओवर एंड अबब और सब्सिडी दे रहे हैं ये सब्सिडीज भी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर है यूपी एक एग्जांपल है इसका जहां पे 000 पहले किलोवाट पे मिलती है 000 दूसरे किलोवाट पे भी मिलती है और उसके बाद नहीं मिलती है तो टोटल हो गया 30 किवा तो यूपी में अगर आप 3 किलोवाट सोलर लेंगे तो 78000 मिलेगी आपको सेंट्रल सब्सिडी प्लस 30000 मिलेगी आपको स्टेट सब्सिडी यानी कि टोटल आपकी सब्सिडी हो जाएगी 8000 की लास्ट क्वेश्चन मैं ले रहा हूं हमारे एक वेस्ट बंगाल के सब्सक्राइबर ने पूछा है कि हमारे स्टेट में तो नहीं मिलती नेशनल सब्सिडी ऐसा है क्या सच में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है जो प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना की जो सब्सिडी है वो इंडिया के हर एक सिटीजन के लिए अवेलेबल है सोलर स्क्वेयर की अभी सर्विसेस कहां क है इंडिया में जी यह बहुत ही जरूरी सवाल है तो आप यह मैप प देख सकते हैं हमारी सर्विसेस हमारी सर्विसेस इंडिया के एट स्टेट्स में है उत्तर प्रदेश राजस्थान गुजरात मध्य प्रदेश महाराष्ट्र हैदराबाद तेलंगाना कर्नाटका एंड दिल्ली एनसीआर हमारे कई सब्सक्राइबर ने फॉर्म भरा सोलर स्क्वेयर का लेकिन उनके पास जवाब नहीं आया आई एम शर बहुत सारी क्वेरीज आ गई होगी ऐसा क्यों करते हो आप उनके साथ एक्चुअली ऋषभ अगर वो पिन कोड हमारा सर्विसेबल नहीं होता है जैसे कि हमने हमें काफी इंक्वायरी आई थी पिछली बार उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों से बिहार से झारखंड से वेस्ट बंगाल वगैरह से जहां पर हमारी सर्विसेस करेंटली अवेलेबल नहीं है हम बहुत ही तेजी से कोशिश कर रहे हैं कि हमारी सर्विसेस इंडिया के और स्टेट्स में पहुंचे एंड आई थिंक अगले साल तक हम इंडिया के पांच और स्टेट्स में अपनी सर्विसेस खोल चुके होंगे तो वेरी सॉरी अबाउट दैट बट हमारी सर्विस जैसे ही आपके शहर में आएगी वी विल डेफिनेटली कॉल अब आपसे एक बात बोलूं हां उन्हीं से बोल रहा हूं जो वीडियो को अभी तक देख रहे हैं जो लोग वीडियो को अभी तक देख रहे हैं प्लीज कमेंट में जाके लिखो मजा आया ताकि मुझे भी पता चल जाए एंड तक कितने लोग टिके हुए हैं अगर यह वीडियो पूरा देखने के बाद आपने डिसाइड किया है अपने घर पर सोलर लगाने का तो प्लीज डिस्क्रिप्शन में जाइए सोलर स्क्वेयर का आपको वहां पर लिंक मिलेगा उस लिंक पर अपनी डिटेल्स डालिए और सोलर स्क्वायर की टीम आपको फ्री कंसल्टेशन प्रोवाइड करेगी अगर अभी तक आपके कुछ प्रश्न बचे हैं तो कमेंट में जरूर डालते जाइएगा उन पर भी हो सकता है फ्यूचर में एक डेडिकेटेड वीडियो बन जाए आज के एपिसोड में इतना ही सी यू इन नेक्स्ट वीडियो जय हिंद