ओ मेरे हमजम हमजम थोड़ा थोड़ा तो गम हमको दे देना के मरहम मरहम मिल जाए हमें हाथों से तेरे आजाना के कह दें तुझसे अरहम तेरा होना है क्या मौसम मौसम रह जाओगी बाहों में मेरे ये ऐसी वैसी बाते नहीं हैं, युही लिखते गाते नहीं हैं, युही तुछ को सोचे सुभाशब हम, युही मुस्कुराते नहीं हैं, तु खुद को गर नजरों से मेरी, जो देखेगी दिल हार जाएगी जो आखों से आखे में राएगी यू डूबेगी ना पार जाएगी जो सीने पे रखेगी हातों को मेरी जाना फिर जान पाएगी तेरे नाम के ही प्याले हैं हातों में मैं हो मेरे हंदम हंदम थोड़ा थोड़ा तो गंब हमको दे दे ना के मरहम मरहम मिल जाए हमें हाथों से तेरे आजा ना के कह दे तुझसे गरहम तेरा पूना है क्या मौसम मौसम रह जाओगी बाहों में मेरे किसी को बुलाना कितना आसान है ना मतलब अब तो खरीदा भी जा सकता है पर क्या ऐसी दुनिया में तुम मुझे याद रखोगे हमेशा के लिए मेरी जानतु कितावों सी है मेरे सारे जवाबों सी है कोई पूछे जो कैसी है तू के मैं कह दूं गुलाबों सी है कि तु कमरे में महके मेरे कि तु छूले मुझे इस कदर कि तु बैठे सिरहाने कभी कि ये खाहिश भी खाबोंसी है तु दिल की नमाजों में देखे ली कि हर एक दुआवी तो तेरी है तु हसके अगर मांग लेगी जो कि ले ले ये जावी तो तेरी है कि कैसा नशा भी ये तेरा है कि कैसी विमारी ये मेरी है कि लिखने में हो गए हैं माहिर हम बारे में तेरे ओ मेरे हमदम हमदम थोड़ा थोड़ा तो गम हमको दे दे ना के मरहम अरहम दिल जाए हमें हाथों से तेरे आजा ना के कह दे तुझ से अरहम तेरा होना है क्या मोसम मोसम रह जाओगी बाहों में मेरे हमदम हमदम थोड़ा थोड़ा तो गम हमको दे दे ना के मरहम अरहम दिल जाए हमें आजाना के कहदें तुझसे अर हम तेरा होना है क्या मौसम मौसम रह जाओगी बाहों में मेरे हमारी रास्ते अब अलग हैं मैंने तुम्हें भुला दिया है और मैं चाहती हूँ कि तुम भी मुझे भूल जाओ ताकि जब हम दुबारा मिले तो अजनभी हो