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Understanding Halogen Derivatives in Chemistry

हेलो बच्चों कैसे हो सब लोग सो आई वेलकम यू ऑल टू दिस अमेजिंग प्लेटफार्म पीडब्ल्यू केस य पीडब्ल्यू महाराष्ट्र इस चैनल पे आप सबका वेलकम है और हम यहां पे देख रहे हैं एकलव्य 2.0 महाराष्ट्र एचएससी 12थ बोर्ड का सब कुछ हम लोग यहां पे कवर करने वाले हैं तो अगर आप लोग भी आने वाले महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड के एग्जाम यानी जो भी 2025 की एग्जाम है उसके लिए अगर प्रिपेयर कर रहे हो तो यह यहां पर अब आपको मिलने वाला है मौका सभी स्टेट बोर्ड के सिलेबस यानी किसी भी सब्जेक्ट का आप देख लो फिजिक्स केमिस्ट्री बायोलॉजी मैथमेटिक्स सब सब्जेक्ट्स के आपको एक लवय 2.0 महाराष्ट्र इस बैच में मिलने वाला है कंटेंट पूरा का पूरा एम महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड से ओरिएंटेड तो आप लोगों को अगर महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड का थोड़ा भी स्ट्रेस आ रहा था थोड़ा भी टेंशन अगर आ रहा था तो अब देख लो आप लोगों को बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम लेकर आए आपके लिए पूरा का पूरा महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड का सिलेबस उसका प्रिपरेशन यहां पे एकदम तगड़ा सा होने वाला है बट उसके लिए आपको करना क्या होगा यहां से अगर कंटेंट आ रहा है तो वहां पर भी आपकी तरफ से प्रिपरेशन में कमी नहीं रहनी चाहिए प्रिपरेशन जबरदस्त होगा तभी उसका आउटपुट मिलेगा ठीक है तो इसीलिए जो भी कंटेंट यहां पे आ रहा है बेटा सभी कंटेंट पूरा का पूरा अच्छे से मन लगाकर देखो अच्छे से टाइम इस चीज को दो एक-एक कांसेप्ट को समझ के धीरे-धीरे धीरे अच्छे से इन कॉन्सेप्ट्स को कवर करो महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड का आपका तैयारी बिल्कुल हो जाएगा सो इसीलिए स्टार्ट कर रहे हैं हम केमिस्ट्री का डिस्कशन केमिस्ट्री की टेक्स्ट बुक जो है महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड की टेक्स्ट बुक उसे लगता है तो आप साथ लेकर बैठ जाना टॉपिक वाज टॉपिक हम जाने वाले हैं स्टार्ट करेंगे ए से जाएंगे उस टॉपिक के जड तक स्टार्ट हम कर रहे हैं बेटा ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के पार्ट से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के इस पार्ट में हम देख रहे हैं हैलोजन डेरिवेटिव्स वाला टॉपिक हैलोजन डेरिवेटिव्स को कभी-कभी हेलो एल्केन और हेलो अरीन इस नाम से भी देखने के लिए मिल सकता है अलग-अलग बुक्स में अलग-अलग नाम हो सकते हैं बट हमारे महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड की बुक की नहीं मैं अलग-अलग बुक्स की बात कर रही हूं तो टॉपिक का नाम भले ही बदल जाए बेटा पढ़ने के लिए चीजें तो सेम रहने वाली है तो हैलोजन डेरिवेटिव्स ये जो टॉपिक है ये ऑर्गेनिक केमिस्ट्री का पार्ट है यहां से हम अपनी शुरुआत कर रहे हैं तो इस टॉपिक में हम पढ़ने क्या-क्या वाले हैं एक बार उस परे एक झलक ल देख लेते हैं क्लासिफिकेशन स्टार्ट करेंगे हैलोजन डेरिवेटिव्स का नोमेनक्लेच्योर क्लेचर कैसे होगा क्या रूल्स होंगे कैसे अलग-अलग कंपाउंड्स के नाम दिए होंगे वह हमें पढ़ना है मेथड्स ऑफ़ प्रिपरेशन देखने है बेटा एल्किल लाइड्स को प्रिपेयर करने के मेथड अब एल्किल हैलाइड यह वर्ड क्या है कहां से आया अब शायद आपको क्लू नहीं मिलेगा बट जैसे ही मैं आपको क्लासिफिकेशन बताऊंगी आपको सब कुछ क्लियर हो जाएगा कि एल्किल लाइड्स होते क्या हैं उनका मेथड्स ऑफ प्रिपरेशन में हम देखने के वाले हैं फिजिकल प्रॉपर्टीज देखनी है बेटा एल्किल लाइड्स की और अरिल लाइट्स की भी फिजिकल प्रॉपर्टीज केमिकल प्रॉपर्टीज इनके बीच का फर्क मैंने ऑलरेडी जब सम बेसिक कॉन्सेप्ट्स ऑफ केमिस्ट्री अभियान 2.0 इस बैच में पढ़ाया था वहां पे मैंने फिजिकल प्रॉपर्टीज कौन से होते हैं केमिकल प्रॉपर्टीज क्या होते हैं और कौन सेकन से होते हैं वो मैंने ऑलरेडी बताया था तो फिजिकल प्रॉपर्टीज में मेल्टिंग पॉइंट बॉयलिक पॉइंट यह सब कुछ हमें पढ़ना है कैसे तरह का बॉन्ड होता है किस तरह के यह मॉलिक्यूल होते हैं यह सब कुछ हमें फिजिकल प्रॉपर्टीज में कवर करना है फिर हमें ऑप्टिकल आइसोमरिज्म के बारे में भी पढ़ना है ऑप्टिकल आइसोमरिज्म क्या होता है क्या आपके लिए अगर यह वर्ड न्यू है बेटा अगर यह न्यू वर्ड है आपके लिए आज के लेक्चर में आपका यह पूरा क्लियर हो जाएगा कभी भी आपको ऑप्टिकल आइसोमरिज्म के बारे में कोई दिक्कत आनी नहीं वाली है ठीक है आगे चलते हैं और क्या है बेटा केमिकल प्रॉपर्टीज देखने हैं हमको अल्कल लाइड्स के भी और अरिल लाइड्स के भी यानी एल्काइन लाइड्स और अरिल हैलाइड अब मैंने ये दो नाम आपके सामने रख दिए आपको थोड़ा बहुत झक आर होगी कि यार मैम ये क्या नाम है जब तक मैं आपको उसके पीछे का जो भी छुपा हुआ राज है वो नहीं बताती तब तक तो नहीं समझ आएगा बट फिर भी मैंने ये नाम यूज किए क्योंकि इस पूरे चैप्टर में हम सिर्फ और सिर्फ एल्काइन लाइड्स और अराइल हैलाइड की ही बात करने वाले हैं फिर हम रिएक्शन करने वाले हैं एक्टिव मेटल्स के साथ यानी अलग-अलग तरह के केमिकल रिएक्शंस होने वाले हैं बेटा ब अलग-अलग तरह के केमिकल रिएक्शंस केमिकल प्रॉपर्टीज हमें यहां पढ़ने मिलने वाले हैं पर किसके बेटा हैलोजन डेरिवेटिव्स के या फिर एल्काइन लाइड्स और अराइल लाइड्स के तो स्टार्ट करते हैं बेटा क्लासिफिकेशन से कहां से स्टार्ट करते हैं क्लासिफिकेशन से अब यहां पे आपको हेडिंग क्या दिख रही है क्लासिफिकेशन ऑफ हैलोजन डेरिवेटिव्स नीचे हेडिंग क्या है बेटा क्लासिफिकेशन ऑफ मोनो हैलोजन कंपाउंड्स तो बात ऐसी है बात ऐसी है मैं तीन स्ट्रक्चर आपके सामने लिख देती हूं तीन मॉलिक्यूल के फॉर्मूले में आपके सामने यहां पर लिख रही हूं मान लो यह ch3cl है फिर मैं और एक लिख रही हूं यह ch2 cl2 है मान लिया और और एक बेटा देख लो chcl3 है बेटा देखो फर्क क्या है तीनों में क्या आपको तीनों भी जो कंपाउंड्स जो मैंने फॉर्मली यहां लिखे हैं स्क्रीन पे क्या आपको उनमें कार्बन दिखाई दे रहा है यस क्या आपको उन में हाइड्रोजन दिखाई दे रहा है यस क्या आपको उनमें स मतलब क्लोरीन भी दिखाई दे रहा है यस तो क्लोरीन है क्या बेटा क्लोरीन है क्या क्लोरीन आपके पीरियोडिक टेबल में ग्रुप नंबर 17 में होता है अगर पीरियोडिक टेबल अभी ओपन कर सकते हो तो कर लेना बेटा ढूंढो ग्रुप नंबर 17 यानी अगर आप पीरियोडिक टेबल के राइट साइड में चेक करोगे ग्रुप 17 होता है ग्रुप 18 अपना लास्ट ग्रुप है उससे पहले वाला जो जो ग्रुप है ग्रुप 17 उसमें होते हैं अपने हैलोजन ग्रुप नंबर 17 म का असता बा आपले सगे जो एलिमेंट्स असतात तन्ना अपन हैलोजन अस मन तो बरोबर हैलोजन में फ्लोरीन होता है क्लोरीन होता है ब्रोमीन होता है और आयोडीन होता है हम पढ़ रहे हैं ऑर्गेनिक केमिस्ट्री ऑर्गेनिक केमिस्ट्री मतलब क्या होती है बेटा ऑर्गेनिक कंपाउंड्स की केमिस्ट्री ऑर्गेनिक कंपाउंड्स मतलब ऐसे कौन से कंपाउंड्स होते हैं बेटा ऑर्गेनिक कंपाउंड्स मतलब वो कंपाउंड्स जिनमें कार्बन होता है ऐसे कंपाउंड्स जो कार्बन से बनते हैं जिनमें कार्बन होता है उन्हें हम ऑर्गेनिक कंपाउंड्स कहते हैं कार्बन के साथ आपको ज्यादातर कौन दिखता है बेटा जुड़ा हुआ हाइड्रोजन के बिना कार्बन दिखना थोड़ा सा मुश्किल होता है तो ऑर्गेनिक कंपाउंड्स अगर आप देखते हो ऑर्गेनिक कंपाउंड्स में अगर कार्बन है बेटा तो उसके पीछे पीछे हाइड्रोजन तो होगा ही होगा तो जो कंपाउंड्स जो कंपाउंड्स कार्बन और हाइड्रोजन इन दो एलिमेंट से ही बनते हैं उन्हें हम कहते हैं क्या उन्हें हम कहते हैं क्या हाइड्रोकार्बंस हाइड्रोकार्बंस म्हणजे काय बाला जे पण असे कंपाउंड्स असतात की जे फक्त कार्बन आणि हाइड्रोजन या दोन एलिमेंट्स ने बनले असतात तना अपन हाइड्रोकार्बन अस नाव दिलेला है उन हाइड्रोकार्बंस में से उन हाइड्रोकार्बंस में से क्याक है बेटा हाइड्रोकार्बन में हाइड्रोकार्बन में होते हैं आपका सिर्फ कार्बन होता है और कार्बन के साथ साथ हाइड्रोजन जुड़ा होता है और और भी पता एक ही कार्बन तो नहीं होगा है ना अलग-अलग हाइड्रोकार्बंस अगर आप देखते हो उनमें अलग-अलग कार्बन होंगे अलग-अलग तरह के कार्बन होंगे कुछ हाइड्रोकार्बंस होंगे जिनमें कार्बन कार्बन के बीच सिर्फ सिंगल बॉन्ड होगा कुछ हाइड्रोकार्बंस होते हैं जिनमें आपके कार्बन और कार्बन के बीच डबल बॉन्ड होगा कुछ हाइड्रोकार्बंस होंगे जिनमें कार्बन और कार्बन एटम्स के बीच में ट्रिपल बॉन्ड होगा अलग-अलग तरह के हाइड्रोकार्बंस होते हैं और अलग अलग तरह के हाइड्रोकार्बंस मतलब ही वो बने तो किससे हैं बेटा पर सिर्फ कार्बन और हाइड्रोजन से बने सिर्फ कार्बन और हाइड्रोजन से हैं कार्बन और हाइड्रोजन का बॉन्ड तो वहां होगा ही होगा जैसे कार्बन और कार्बन का आपस में बॉन्ड होगा वैसे ही कार्बन का हाइड्रोजन से भी बॉन्ड होगा इन हाइड्रोकार्बंस में से इन हाइड्रोकार्बंस में से किसी भी एक को ले लो एक हाइड्रोजन को बाहर निकाला एक हाइड्रोजन को बाहर निकाला और उसके जगह अगर मैंने हैलोजन लगा दिया क्या किया मैंने बेटा मान लो इस हाइड्रोजन को मैंने बाहर निकाल के उस हाइड्रोजन की जगह मैंने हैलोजन लगाया अब बोलोगे बेटा मैम हैलोजन में तो फ्लोरीन क्लोरीन ब्रोमीन आयोडीन होते है आपने ये एक्स यहां क्यों लिखा बेटा बेटा जब आप स्पेसिफिक हैलोजन फ्लोरीन सिर्फ आप क्लोरीन या सिर्फ ब्रोमीन की बात करते हो तब हम f स ब उनके सिंबल्स लिखते हैं पर जब हम सभी हैलोजन के बारे में कॉमन बात करते हैं एक स्पेसिफिक हैलोजन की बात जब नहीं हो रही होती है तो हम कैपिटल x से हैलोजन सिखाते हैं मैंने यहां कैपिटल एक्स लिखा है कार्बन पे यानी यहां पे आपका हैलोजन वो कोई भी हो सकता है फ्लोरीन क्लोरीन ब्रोमीन आयोडीन कोई भी हैलोजन कार्बन के साथ क्या हो चुका है अब जुड़ चुका है यानी आपने शुरुआत की थी हाइड्रोकार्बन से हाइड्रोकार्बन में से एक हाइड्रोजन को निकाला एक हाइड्रोजन को निकाला और उसकी जगह एक हैलोजन को लगाया क्या बन गया बेटा आपका वो जो अब आपका कंपाउंड बना है जिसमें आपको कार्बन और हैलोजन का बॉन्ड दिखाई दे रहा है उसे कहते हैं हम हैलोजन डेरिवेटिव हैलोजन डेरिवेटिव मतलब क्या होता है यह हैलोजन डेरिवेटिव्स मतलब ऐसे कंपाउंड्स ऐसे ऑर्गेनिक कंपाउंड्स जिनमें आपका कार्बन हैलोजन बॉन्ड होगा कौन सा बॉन्ड होगा बेटा कार्बन हैलोजन वाला बॉन्ड होगा आपको अगर कभी भी कहीं पर भी एग्जाम में किसी भी जगह पे चाहे वो स्ट्रेट बोर्ड की एग्जाम हो या फिर सीईटी की भी एग्जाम हो किसी भी एग्जाम में नीट की ले लो जे डई की ले लो कहीं भी आप जाओ अगर आपको कार्बन और हैलोजन का बॉन्ड दिखा किसी भी हैलोजन का अगर आपको यह बॉन्ड दिखाई दिया तो समझ लेना कि बेटा आपको हैलोजन डेरिवेटिव्स वाले टॉपिक का सारे कांसेप्ट जो है वो तुरंत याद करने होंगे अगर आपके दिए गए क्वेश्चन में कार्बन हैलोजन का बॉन्ड हुआ मतलब एक कोई तो हैलोजन डेरिवेटिव की बात वहां हो रही होगी यानी आपको तुरंत पूरा का पूरा हैलोजन डेरिवेटिव टॉपिक जो है वो अपने दिमाग में बैकग्राउंड में चलाना पड़ेगा रेडियो की तरह बैक टू बैक जो भी पॉइंट्स पढ़े हैं पूरे इस हैलोजन डेरिवेटिव्स टॉपिक के सभी पॉइंट्स को एकएक करके याद आ जाएंगे आपको जैसे ही आप कार्बन हैलोजन बॉन्ड देखोगे कार्बन हैलोजन बॉन्ड कहीं भी दिखे बेटा तुरंत याद करना हैलोजन डेरिवेटिव्स वाला अपना ये टॉपिक तो बात ऐसी है बात है बेटा कार्बन और हैलोजन का बॉन्ड जो है वह बहुत तरह का हो सकता है सही बात है अब जैसे देखो यहां पर कार्बन पर एक हैलोजन है यहां पर कार्बन प इस पूरे स्ट्रक्चर में आपको दो हैलोजन दिखाई दे रहे है दो क्लोरीन है इस वाले में आपको तीन हैलोजन दिखाई दे रहे हैं मतलब तीन क्लोरीन है वहां पर क्या अलग-अलग तरह के हैलोजन डेरिवेटिव्स नहीं है यह बिल्कुल है एक पहले वाला कौन सा है बेटा सिंगल हैलोजन वाला एक हैलोजन होने वाला उसे हम कहते हैं क्या बेटा इसी वाले कंपाउंड्स को इन्हीं कंपाउंड्स को हम कह देते हैं मोनो हैलोजन कंपाउंड्स मोनो हैलोजन कंपाउंड्स मतलब कौन से कंपाउंड्स होते हैं बेटा ये मोनो हैलोजन कंपाउंड्स मतलब ऐसे हैलोजन डेरिवेटिव्स जिनमें सिर्फ एक कार्बन हैलोजन बॉन्ड होगा एक ही कार्बन और हैलोजन का बॉन्ड वहां आपको देखने मिलेगा अगर दो हैलोजन हुए तो क्या नाम देंगे मैम तो दो हैलोजन अगर हुए यानी दो कार्बन और हैलोजन के बॉन्ड्स अगर वहां हुए तो उसे डाई हैलोजन कंपाउंड बोलेंगे क्या बोलेंगे बेटा मोनो हैलोजन मतलब एक हैलोजन कार्बन बॉन्ड डाई हैलोजन मतलब दो कार्बन हैलोजन के बॉन्ड्स मिलेंगे ट्राई हैलोजन मतलब तीन कार्बन हैलोजन के बॉन्ड्स होंगे पॉली हैलोजन मतलब ढेर सारे तीन से भी ज्यादा अगर हुए कार्बन और हैलोजन के बॉन्ड्स तो उसे हम पॉली हैलोजन कंपाउंड्स कह देंगे तो देखो बेटा मोनो हैलोजन हो गया पॉली लोजन हो गया डाई हैलोजन ट्राई हैलोजन अलग-अलग तरह के कंपाउंड्स हमने देखे किसके बेसिस पे देखे नंबर ऑफ हैलोजन के बेसिस पे हैलोजन डेरिवेटिव्स के टाइप्स किस बेसिस पे किए हमने कितने हैलोजन आपके स्ट्रक्चर में आपको दिखाई दे रहे हैं उस टाइप उस बेसिस पर हमने टाइप्स बनाए बराबर है ठीक है अब बात ऐसी है आपकी टेक्स्ट बुक में आपको ज्यादातर अगर एग्जांपल्स दिखेंगे तो वो आपको दिखने मिलेंगे मोनो हैलोजन वाले जो भी हम लोग केमिस्ट्री पढ़ वाले हैं जिस भी तरह की केमिस्ट्री आगे हम देखने वाले हैं फिजिकल प्रॉपर्टीज केमिकल प्रॉपर्टीज जो कुछ भी हम आगे पढ़ेंगे बेटा इस चैप्टर में इस चैप्टर में पूरा का पूरा वो बेस्ड होगा आपके मोनो हैलोजन कंपाउंड्स पे मोनो हैलोजन कंपाउंड्स के ऊपर ही पूरा आपका यह चैप्टर ज्यादातर डिपेंडेंट है डाई हैलोजन ट्राई हैलोजन या तीन से ज्यादा हैलोजन होने वाले जो पॉली हैलोजन कंपाउंड्स हैं वो आपको बहुत ही कम देखने मिलेंगे स्पेसिफिक जगह हो हो बेटा जहां वो आपको देखने मिलने वाले हैं यानी हमें डिटेल में क्या पढ़ना है बेटा मोनो हैलोजन कंपाउंड्स को पढ़ना है तो उनके क्लासिफिकेशन से अब हम शुरुआत करते हैं तो पहला टाइप क्या है बेटा एल्काइन लाइड्स जिन्हें हम हैलो एल्केन भी कहते हैं अब एल्काइन हैलाइड या फिर हैलो एल्केन मैंने आपको देखो मैंने एल्काइन हैलाइड और अरिल लाइड्स में ये दो वर्ड्स यूज कर रही थी वही है बेटा ये एल्काइन हैलाइड एल्काइन हैलाइड या फिर हैलो एल्केन दोनों शब्दों का मतलब सेम है कैसे होते हैं बेटा ये अगर आप एक एल्केन ले लो अब एल्केन क्या होता है क्या वो मुझे बताने की जरूरत है चलो नहीं भी है तो भी बता देती हूं एल्केन मतलब ऐसे हाइड्रोकार्बन जिनमें कार्बन कार्बन का सिंगल बॉन्ड होता है जिनमें कार्बन कार्बन का डबल बॉन्ड होगा उन्हें हम एल्कीन कहेंगे जिनमें कार्बन कार्बन के बीच ट्रिपल बॉन्ड होगा उन्हें हम एल्काइन कहेंगे तो ये जो कार्बन कार्बन सिंगल बॉन्ड वाले अपने हाइड्रोकार्बंस हैं इन्हें हमने एल्केन कह दिया उस एल्केन में से क्या कार्बन हाइड्रोजन का बॉन्ड नहीं होगा बिल्कुल होगा एल्केन में से हाइड्रोजन निकाला उसकी जगह एक हैलोजन को रखा बन गया आपका एल्किल हैलाइड या जिसे हम हैलो एल्केन भी कहते हैं यानी जिनके बारे में हम पूरे डिटेल में इस चैप्टर में पढ़ने वाले हैं वो है अपने ये पहले वाले एल्काइन लाइड्स एल्काइन लाइड्स मतलब वो हैलोजन डेरिवेटिव्स जो एल्केन से बनते हैं एल्केन में से एक हाइड्रोजन को नि निकाल के उसकी जगह जब एक हैलोजन आता है तब हैलो एल्केन या फिर एल्काइन हैलाइड बनता है और उसी का डिटेल स्टडी हमें करना है बी बेटा दूसरा क्लासिफिकेशन क्या है अलाइक लाइड्स अब अलाइक लाइड्स क्या होते हैं विनाइलिक लाइड्स क्या होते हैं अगला देखो क्या है बेटा बेंजाइलिक लाइड्स फिर यहां पे विनाइलिक है हैलो एल्काइन है और अरिल हैलाइड या फिर हैलो रीन है अराइल लाइड्स और एल्काइन लाइड्स हमें डिटेल में देखने हैं यानी आपको इंपॉर्टेंट कौन सा है बेटा ये सिक्सथ वाला और यह फर्स्ट वाला फर्स्ट और लास्ट जो है आपके वो इंपॉर्टेंट है बट बाकी बीच में जो है उनको इग्नोर नहीं करना है हो सकता है कोई सवाल इस पर भी आ जाए पर बाकी पूरा टॉपिक में आपको यह नहीं देखने मिलेंगे सिर्फ फर्स्ट और सिक्स्थ वाला जो है ना यहां पर यह दोनों देखने मिलने वाले हैं तो बेटा अब एलाइक लाइड्स क्या होते हैं अलाइक लाइड्स मतलब अलाइक लाइड्स मतलब ऐसे हैलोजन डेरिवेटिव्स ऐसे हैलोजन डेरिवेटिव्स जिनमें आपके कार्बन और हैलोजन का बॉन्ड तो होगा पर ये कैसे वाला कार्बन होना चाहिए बेटा ये जो कार्बन है जिसने हैलोजन के साथ बॉन्ड बनाया है वो एक अलाइक कार्बन होना चाहिए कैसा कार्बन होना चाहिए वो अलाइक कार्बन होना चाहिए अब अलाइक कार्बन क्या होता है तो ध्यान से सुनो बेटा ध्यान से सुनो जो भी कार्बन आपके डबल बॉन्ड वाले कार्बन है ये देखो यहां पे डबल बॉन्ड दिखाई दे रहा है यस डबल बॉन्ड वाले दोनों कार्बन से जो डायरेक्ट अगला वाला कार्बन जुड़ा होता है उसे हम अलाइक कार्बन कहते हैं डबल बॉन्ड वाले यह दोनों हैं इससे अगला ये कार्बन जुड़ा है ये हो गया आपका अलाइक कार्बन जब इस अलाइक कार्बन ने हैलोजन से बॉन्ड बनाया तो वो आपका अलाइक हैलाइड उसका नाम हो गया अगला है बेटा बेंजाइलिक हैलाइड अब बेंजाइलिक अलाइड मतलब हैलाइड मतलब क्या होता है बेंजाइलिक हैलाइड मतलब ऐसे हैलोजन डेरिवेटिव्स जिनका बॉन्ड बेंजाइलिक कार्बन के साथ होता है कार्बन और हैलोजन वाला बॉन्ड जो है कार्बन और हैलोजन वाला बॉन्ड जो है उसमें आपका जो कार्बन है वो बेंजाइलिक कार्बन होना चाहिए अगर बेंजाइलिक कार्बन और हैलोजन का बॉन्ड होगा आपके मॉलिक्यूल में आपके कंपाउंड में तो आप उसे बेंजाइलिक एलाइड कहोगे अब जैसे अलाइक कार्बन कौन सा था बेटा डबल बॉन्ड वाले कार्बन से अगला कार्बन अब बेंजाइलिक कार्बन कौन सा है बेटा बेंजाइलिक कार्बन मतलब वो कार्बन जो बेंजीन रिंग से अगला कार्बन होगा बेंजीन रिंग वाले छह कार्बन को छोड़ दो बेटा 1 2 3 4 पा और छह इन छह को छोड़ के जो अगला कार्बन होगा जो बेंजीन पे जुड़ा होगा उस कार्बन का नाम होता है बेंजाइलिक कार्बन और ये बेंजाइलिक कार्बन का बॉन्ड किसके साथ होता है आपके हैलोजन के साथ तब हम उसे बेंजाइलिक हैलाइड कहते हैं अगला क्या है बेटा विनाइलिक हैलाइड अब विनाइलिक हैलाइड जो है वो थोड़ा अलाइक और विनाइलिक में यूजुअली कंफ्यूजन होता है पर नहीं होना है बेटा देखो जो भी कार्बन आपके कार्बन कार्बन डबल बॉन्ड वाले दोनों कार्बन हैं इन दोनों कार्बन को हम विनाइलिक कार्बन कहते हैं जो भी कार्बन आपका एल्कीन होगा बराबर है एल्कीन अगर होगा एल्कीन में कार्बन कार्बन के बीच डबल बॉन्ड होगा हर एल्कीन में कार्बन कार्बन डबल बॉन्ड होता है दो कार्बन वहां पे आपस में डबल बॉन्ड बनाते हैं उन दोनों कार्बन को बेटा आप विनाइलिक कार्बन कह सकते हो और जब उन दोनों में से किसी एक कार्बन का बॉन्ड हैलोजन के साथ होता है तो उसे हम विनाइलिक हैलाइड कहते हैं यानी कार्बन कार्बन डबल बॉन्ड जो दो कार्बन बना रहे हैं वो हुए विनाइलिक कार्बन उन परे हैलोजन अगर लगाया तो विनाइलिक हैलाइड बन गया और अगर अगर आपने इन दोनों कार्बन को छोड़ के उनसे अगले कार्बन जो विनाइलिक नहीं अलाइक होते हैं अलाइक कार्बन पे जब हैलोजन जुड़ेगा तो आपका अलाइक हैलाइड बन जाएगा ठीक है अगला है बेटा हैलो एल्काइन हैलो एल्काइन अब एल्काइन शब्द जैसे हैलो एल्केन क्या था हैलो एल्केन मतलब एल्केन में से एक हाइड्रोजन निकाला हैलोजन लगाया हैलो एल्केन बना अब हैलो एल्काइन बनने के लिए क्या कर रहा होगा बेटा हैलो एल्काइन बनने के लिए एक एल्काइन लेना होगा एल्काइन यानी कार्बन कार्बन का ट्रिपल बॉन्ड वहां होना चाहिए और उन दोनों कार्बन में से ही किसी एक कार्बन का बॉन्ड हैलोजन के साथ होना चाहिए क्या आपको यहां दिखाई दे रहा है वो बॉन्ड यस तो ये हो गया आपका एलो एल्काइन लास्ट जो सबसे इंपॉर्टेंट भी है इस टॉपिक में हमें देखना भी है बहुत ज्यादा जिसके बारे में वो है अराइल लाइड्स उनका दूसरा नाम क्या बेटा हैलो अरिल्स अरिल लाइड्स या फिर लोरीन मतलब वो हैलोजन डेरिवेटिव्स वो वाले हैलोजन डेरिवेटिव्स जिनमें आपका कार्बन हैलोजन का बॉन्ड जो होता है जो भी कार्बन और हैलोजन का बॉन्ड होता है व आपके बेंजीन वाले कार्बन के साथ होता है यानी जब आपके बेंजीन वाले छह कार्बन में से कोई एक कार्बन हैलोजन से बॉन्ड बनाता है तो आपका अरल हैलाइड या हैलो एरिन बनता है जब बेंजीन के छह कार्बन को छोड़ के अगला कार्बन बॉन्ड बनाता है हैलोजन के साथ तो उसे हमने बेंजाइलिक हैलाइड कहा था और बेंजीन के छह में से कोई एक कार्बन जब हैलोजन से जुड़ता है तो वो अपना अरिल हैलाइड या फिर हैलो अरीन होता है हमें कौन से दो पढ़ने हैं बेटा हमें एल्काइन हैलाइड पढ़ने हैं जो एल्केन से बनते हैं और हमें अरिल लाइड्स पढ़ने हैं यह अरिल लाइड्स किससे बनते हैं बेटा आपने बेंजीन रिंग से बनते हैं बेंजीन रिंग कैसी होती है बेटा बेंजीन रिंग कैसी होती है यह होती है बेंजीन रिंग मैं यहां पर ड्रा कर रही हूं जिसको पता है बहुत बढ़िया बात है बेटा ये हुई बेंजीन रिंग बेंजीन में होता क्या है बेटा छह कार्बन होते हैं और छह कार्बन छह हाइड्रोजन के साथ ऐसे बॉन्ड बनाते हैं यह हुआ आपका बेंजीन रिंग तैयार ठीक है तो यह हो गए आपकी बेंजीन रिंग तैयार इस बेंजीन रिंग में छह हाइड्रोजन आपको दिखाई दे रहे हैं छह कार्बन के ऊपर यस इसमें से एक हाइड्रोजन को हटाएंगे हैलोजन को लगाएंगे बन गया आपका अरिल हैलाइड तो इन दोनों अल्कल और अरिल लाइड्स के बारे में हमें डिटेल में सब कुछ देखना है यह था बेटा क्लासिफिकेशन अब चलते हैं नोमेनक्लेच्योर क्लेचर पे अब नोमेनक्लेच्योर है जो अपने सभी डॉक्यूमेंट पे होता है ऑफिशियल वाला जो स्कूल कॉलेज सब जगह यूज़ होता है दूसरा आपके घर का एक पेट नेम होता है बराबर है वैसे ही ऑर्गेनिक कंपाउंड्स जो होते हैं बेटा उनके भी हमें दो नाम देखने के लिए मिलते हैं एक होता है उनका कॉमन नेम दूसरा होता है उनका आईयूपीएसी नेम अब जो पूरी दुनिया में चले जो सबके लिए कॉमन हो जो सब लोग इस्तेमाल करेंगे वो होगा आपका आईयूपीएसी नेम और ऐसे नाम जो सिर्फ और सिर्फ मतलब ज्यादा उनका नाम तो भले ही कॉमन नेम है बेटा पर वो कॉमन नहीं होते स्टैंडर्ड नहीं होते वो स्टैंडर्ड कौन है आपके आईयूपीएसी ने कौन सा फॉलो करोगे अभी से आगे जब भी ऑर्गेनिक केमिस्ट्री पढ़ोगे अलग-अलग ऑर्गेनिक कंपाउंड्स देखोगे तो उनके आईयूपीएसी नेम्स को देखना उनके आईयूपीएसी नेम्स को लिखना भूलना मत वो इंपॉर्टेंट है पर इसका मतलब यह भी नहीं है कि कॉमन नेम्स को इग्नोर कर देना है ठीक है तो आईयूपीएसी नेम अगर हम एल्काइन लाइड्स और अरिल लाइड्स दोनों के लिए रूल्स अगर देखते हैं तो आपका कॉमन नेम जो होता है एल्काइन हेलाइड्स का वोल्का अकाल हैलाइड ऐसे ही लिखना है मतलब जो भी एल्काइन ग्रुप होता है बेटा जिस भी एल्काइन ग्रुप पे आपका हैलोजन जुड़ा हुआ है उस एल्काइन ग्रुप का नाम आपको पहले लिखना होगा और उसके पीछे जो भी हैलोजन जुड़ा है उस हैलोजन का हैलाइड की तरह नाम आपको लिख देना होगा पर आईयूपीएसी नेम में क्या करोगे बेटा आईयूपीएसी नेम में पहले हैलोजन का नाम लिखोगे वो भी हेलो की तरह यानी क्लोरीन हुआ तो क्लोरो लिखना ब्रोमीन हुआ तो ब्रोमो लिख देना आयोडीन हुआ तो आयोडो आ जाएगा फ्लोरीन हुआ तो फ्लोरो आएगा हैलो हेलो की तरह लिखना है पूरा हैलोजन नाम नहीं लिखना है और इसके पीछे आप क्या करोगे बेटा जो भी एल्केन से वो बना है जिस भी एल्काइन हैलाइड किससे बना है बेटा एल्केन से बने जिस एल्केन से आपके एल्काइन बने हैं उस एल्केन का नाम पीछे आ जाएगा अब अगर हम अराइल लाइड्स की बात करें अरियल हेलाइड्स की अगर मैं बात करती हूं तो उनका कॉमन और आईयूपीएसी नेम सेम होता है पर फर्क क्या है बेटा देखो सेम क्या है बेटा पहले सेम क्या है वो देख लो हेलो अरीन हेलो अरीन सेम होगा बेटा जैसे हमने यहां पे देखा कॉमन नेम एल्काइन हैलाइड होता है पर आईयूपीएसी नेम क्या होता है हैलो एल्केन होता है यहां पे वैसा नहीं है बेटा यहां पे दो नाम नहीं लिए लिखने हैं उनके कॉमन और आईयूपीएसी नेम लगभग सेम है हेलो अरीन हेलो अरीन ठीक है एग्जांपल के साथ बताती हूं एग्जांपल के साथ बताऊंगी और फिर मैं आपको यह डाय हैलोजन डेरिवेटिव वाला एक्सप्लेन करूंगी एक एग्जांपल लेते हैं बेटा ठीक है चलो एल्काइन हैलाइड के लिए मान लो मैंने एक एल्काइन हैलाइड लिया ये वाला ch3 ch2 ch2 के ऊपर स क्या आपको यहां पे कार्बन कार्बन के सिंगल बॉन्ड्स दिखाई दे रहे हैं यस यानी ये एल्केन ही था जिससे आपका ये हैलोजन डेरिवेटिव बना है अगर डबल बॉन्ड होता मतलब ये आपका एल्केन नहीं एल्कीन होता अगर ट्रिपल बॉन्ड होता यहां पे तो एल्काइन होता तो हमें तो एल्कन वाला देखना है तो यह है आपका स्ट्रक्चर क्लोरीन है यहां पर बेटा क्लोरीन है यानी हैलोजन डेरिवेटिव तो यह होगा और कौन से वाला हुआ एल्काइन अलाइड हुआ सेम तरीके से एक काम करती हूं अरिल अलाइड वाला भी एक स्ट्रक्चर बना लेते हैं और उसका भी नाम देख लेते हैं उसका कॉमन नेम भी क्या होगा आईयूपीएसी नेम भी क्या होगा ये क्या बेंजीन रिंग प सीधा-सीधा एक हैलोजन लगा है यस तो अरिल अलाइड हो गया अब इसका कॉमन नेम कैसे लिखना है वो देखो एल्काइन हैलाइड की तरह लिखना है एल्काइन हैलाइड की तरह लिखना है अब एल्काइन ग्रुप कौन सा है बेटा यहां पे एल्काइन ग्रुप यानी कार्बन वाला ग्रुप तो एक काम करेंगे बेटा एक काम करेंगे कार्बन एटम्स गिन लेंगे कितने हैं आपके इस कार्बन वाली जो चेन है हैलोजन को छोड़ के कितने कार्बन है वो गिनो स्ट्रेट चेन में क्या तीनों कार्बन यहां स्ट्रेट चेन में है यस तो इन तीनों का हमने एक कार्बन गिन लिए एक दो और तीन तीन कार्बन वाला एल्काइन ग्रुप यहां पर है एल्काइन ग्रुप मतलब कौन सा ग्रुप होता है बेटा एल्काइन ग्रुप मतलब जब आप एक एल्केन से शुरू करते हो एल्केन में से जब आप एक हाइड्रोजन को बाहर निकालते हो तब जो पीछे बचता है ना बेटा तब जो पीछे बचता है उसे एल्काइन कहते हैं उसे बोलते हैं एल्काइन ग्रुप और इस एल्काइन ग्रुप पे हैलोजन आके जुड़ता है तब जाके आपका पूरा एल्काइन हैलाइड बनता है यानी ये क्लोरीन यहां जुड़ने से पहले ये क्लोरीन यहां जुड़ने से पहले यहां कौन होगा बेटा इस कार्बन का बॉन्ड क्लोरीन के साथ बनने से पहले यहां और एक हाइड्रोजन था तीन कार्बन वाला एल्केन कौन सा हुआ प्रोपेन हुआ बराबर है तीन कार्बन वाला एल्केन कौन सा हुआ प्रोपीन हुआ तो प्रोपीन से बनने वाला एल्काइन ग्रुप कौन सा होगा बेटा तीन कार्बन वाला एल्काइन ग्रुप मतलब हो गया आपका प्रोपाल ग्रुप प्रोपाल हो गया ठीक है अब पीछे हैलाइड का नाम भी लगाना है है ना उसके बिना तो नाम अधूरा रहेगा कौन सा हैलोजन है यहां पे देखो क्लोरीन है तो क्लोरीन का हैलोजन की जगह हैलाइड लिखना है तो क्लोरीन की जगह क्लोराइड लिखेंगे क्या लिखेंगे क्लोराइड लिखेंगे यानी यानी अब क्या तीन कार्बन बेटा स्ट्रेट चेन में है तीनों कार्बन एक लाइन में है यस तो इसके सामने एक छोटा सा n बना देना यह जो स्मल n होता है बेटा यह स्मल ए या आइसो या फिर नियो ये जो प्रोपाल के आगे n क्यों लगाया मैंने क्योंकि तीन कार्बन एक स्ट्रेट चेन में थे इसलिए अगर ये तीनों एक स्ट्रेट लाइन में नहीं होते एक स्ट्रेट चेन में नहीं होते अगर कोई भी ब्रांच वहां होती तो हमें फिर डिपेंड करता है बेटा ब्रांच के ऊपर आइसो या नियो हम यूज कर सकते हैं पर यह आइसो ए यो यह कब यूज करोगे बेटा जब आप कॉमन नेम लिखोगे तो याद रखना याद रखना कॉमन नेम लिखते वक्त आप n आइसो या फिर नियो लगा सकते हो पर आईयूपीएसी नेम में यह अलाउड नहीं है आईयूपीएसी नेम में एन आइसो नियो नहीं चलता तो अब बेटा ठीक है मैम आपने इसका कॉमन नेम बता दिया कौन सा नेम है ये ये इसका कॉमन नेम है c ए लिख रही हूं मैं ठीक है अब इसका आईयूपीएसी नेम भी तो बताओ मैम आईयूपीएसी नेम भी तो बताओ तो आईयूपीएसी नेम बताने के लिए आपको क्या करना है बेटा आईयूपीएसी नेम बताने के लिए कार्बन को पहली बात नंबर दे दो जितने भी एक स्ट्रेट चेन में कार्बन है उन्हें नंबरिंग दे दो कैसे जिस भी कार्बन पे आपका हैलोजन क्लोरीन अटैच है बेटा उस कार्बन से नंबर देना शुरू करो अभी इस कार्बन पे आपका क्लोरीन जुड़ा है मतलब इस कार्बन से हम नंबर वन 2 3 इस तरफ आएंगे अगर क्लोरीन इस कार्बन पे जुड़ा होता ना बेटा तो मैं इसे वन फिर इसे टू इसे थ्री दे दी नंबरिंग उस तरफ से शुरू करनी है जिस तरफ से आपका हैलोजन पास होगा अब मेरा हैलोजन इस तरफ से पास था इसलिए मैंने नंबरिंग राइट से लेफ्ट की तरफ किए बीच में से शुरू नहीं कर सकते या तो राइट से लेफ्ट आ सकते हैं यानी सॉरी राइट से लेफ्ट आ सकते हैं या फिर लेफ्ट से राइट हम आ सकते हैं तो बेटा वन पे क्लोरीन है अभी आईयूपीएसी नेम लिखते वक्त क्या करना है पहले हैलोजन का नाम लिखना है पहले हैलोजन का नाम लिखना है पर हैलोजन का पूरा नाम नहीं लिखना है सिर्फ हेलो लिखना है हेलो हेलो वाला हेलो नहीं यह हेलो वाला हेलो भी नहीं है गरबा वाला ये हेलो मतलब हेलो है ये हेलो मतलब हैलोजन वाला हेलो तो कैसे देंगे बेटा कैसे देंगे हैलोजन का कौन सा हैलोजन है देखो क्लोरीन है क्लोरीन के लिए हेलो मतलब क्या लिखेंगे क्लोरीन के लिए लिख देंगे क्लोरो क्लोरीन के लिए क्या लिखेंगे क्लोरो अब बेटा एल्केन कौन सा है तीन कार्बन वाला एल्केन क्या होता है आपका प्रोपेन होता है तो इसका नाम क्या आ गया क्लोरो प्रोपेन आ गया ओके बेटा ठीक है पर बेटा अब नंबरिंग क्यों दी थी मैम हमें गिनना तो आता है बिना नंबर दिए भी तो गिन सकते थे तीन कार्बन है दिख ही रहा था नंबर टूथ क्यों दिया देना है बेटा उसका भी यूज करना है तो क्या करेंगे आईयूपीएसी नेम में वनटू थ जो है यह नंबरिंग आपको उस नाम के सामने लिखनी होती है अब ये नंबर क्या बताता है बेटा 1 2 3 ये नंबर देने क्यों है इस नंबर से हमें पता चलेगा कि जो भी क्लोरीन है या जो भी हैलोजन है वो कौन से नंबर के कार्बन पे जुड़ा है अब तीन कार्बन है बेटा तीन में से आपका हैलोजन क्लोरीन फर्स्ट पे भी जुड़ा हो सकता है सेकंड पे भी हो सकता है थर्ड पे भी हो सकता है थर्ड पे तो नहीं हो सकता क्योंकि अगर वो थर्ड पे होगा यानी इस वाले पे होता तो हम नंबर ही यहां से शुरू करते यानी वन पे भी क्लोरीन हो सकता है टू पे भी क्लोरीन हो सकता है तो सिर्फ क्लोरो प्रोपेन लिख दोगे तो यानी आप आधी इंफॉर्मेशन दे रहे हो पूरी इंफॉर्मेशन पूरा आईयूपीएसी नेम लिखने के लिए 1 2 3 उससे आप आपको इंडिकेट करना पड़ेगा क्लोरीन की पोजीशन पोजीशन यानी कौन से नंबर के कार्बन से वो जुड़ा है कौन से नंबर के कार्बन पे क्लोरीन जुड़ा है बेटा वन पे तो इसका पूरा आईयूपीएसी नेम क्या आ गया वन क्लोरोप्रोपने क्या आ जाएगा वन क्लोरो प्रोपेन अब यहां आ जाओ बेटा अरिल लाइड्स के लिए देखते हैं अरिल लाइड्स में आसान है उल्टा एल्काइन एलाइड से आसान अरिल लाइड्स का है क्यों बेटा क्योंकि कॉमन नेम भी वही है आईयूपीएसी नेम भी वही है मजेदार है ये तो तो क्या करेंगे क्या करेंगे बेंजीन अरीन मतलब आपको अरीन यानी कौन सी एरोमेटिक रिंग वहां पे है अब कौन सी रिंग है बेटा ये एरोमेटिक वाली बेंजीन है तो पीछे आपका बेंजीन का नाम आएगा देखो अरीन बाद में लिखा है ना अरीन पीछे की तरफ लिखा है यानी आपका पीछे बेंजीन आएगा और इस अरीन के आगे आपको क्या लिखना होगा अरीन के आगे एक काम करते बेटा यहां पे क्लोरो नहीं पहले वाले में क्लोरीन का देखा है ना तो इस वाले में ब्रोमीन के साथ देखते हैं नाम क्या आएगा उस वाले एल्काइन एलाइन में हमने क्लोरीन को लिया तो यहां थोड़ा ब्रोमीन को भाव दे देते हैं बेंजीन यानी अरीन अरीन वाला पार्ट हो गया अब हेलो वाला पार्ट बचा है हेलो यानी मैंने आपको फिर से बोला हैलोजन के नाम से आगे का पार्ट उठा लो हेलो कर दो ब्रोमीन को ब्रोमो करेंगे ब्रोमीन को क्या कर देंगे बेटा ब्रोमीन की जगह यहां पे ब्रोमो कर देंगे यानी आपका इस वाले मॉलिक्यूल का इस कंपाउंड का अगर आप कॉमन या आईयूपीएसी नेम देखते हो सेम होगा ब्रोमो बेंजीन अगर क्लोरीन होता तो इसका नाम क्या हो जाता क्लोरो बेंजीन फ्लोरीन होता तो फ्लोरो बेंजीन आयोडीन होता तो आयोडो बेंजीन कर देते पर कॉमन और आईयूपीएसी नेम ये सेम रहते अब बात ऐसी है बेटा बात ऐसी है अब थोड़ा सा एक ट्विस्ट लेकर आते है क्या करते हैं मैंने आपसे कहा था कि हम लोग ज्यादातर पढ़ने वाले हैं मोनो हैलोजन कंपाउंड्स के बारे में मोनो हैलोजन कंपाउंड यानी ऐसे कंपाउंड जिनमें एक ही हैलोजन जुड़ा होगा बराबर है पर मान लो नोमेन क्लेचर अगर हम देख रहे हैं अरिल लाइड्स का तो उसमें कभी-कभी डाई हैलोजन डेरिवेटिव के नाम भी आपसे पूछ सकते हैं यहां पे यहां पर अब आपका कौन जुड़ा है बेटा देखो दो क्लोरीन जुड़े हैं एक ही बेंजीन रिंग पर यानी यह भी अरिल एलाइड तो हुआ बेंजीन वाले कार्बन ने हैलोजन के साथ बॉन्ड बनाया है मतलब यह अरिल एलाइड तो होगा अब इसका नाम देते वक्त डाई हैलोजन डेरिवेटिव जब बनेगा डाई हैलोजन डेरिवेटिव मतलब ऐसा अरिल हैलाइड या ऐसे वाला हैलोजन डेरिवेटिव जिसमें बेंजीन पे एक साथ दो हैलोजन लगे हो एक साथ दो हैलोजन जब बेंजीन पे होते हैं तो अपना डाई हैलोजन डेरिवेटिव होता है इस केस में कॉमन और आईयूपीएसी नेम सेम नहीं होते अलग-अलग होते हैं कॉमन नेम में आप ये ओ एमपी दिख रहा है बेटा ये ओ एमपी मतलब ऐसे ही मैंने मेरे मन से नहीं लिखा है ओ मतलब होता है ऑर्थो एम मतलब होता है मेटा पी मतलब होता है पैरा ओ इज ऑर्थो एम इज मेटा पी इज पैरा पर आईयूपीएसी नेम में आपको ये ऑर्थो मेटा पैरा ओ एमपी नहीं लिखना है आप ट 1 3 14 लिखोगे अब यह कैसे वह मैं आपको समझाती हूं क्या करो बेटा एक क्लोरीन वाले इसको पूरे इस मॉलिक्यूल को मान लो क्या बोलूंगी मैं सिर्फ इसको दूसरे क्लोरीन को थोड़ी देर के लिए भूल जाओ सिर्फ इतना पार्ट अगर मैं आपसे पूछू इसका नाम क्या होगा तो इसका नाम होगा क्लोरो बेंजीन बराबर है क्या होगा इसका नाम क्लोरो बेंजीन तो पहले इसको लिख लो क्या किया मैंने इसको मैंने लिख लिया क्लोरो बेंजीन ऐसे ठीक है पर क्लोरो बेंजीन इस नाम को देख के आपको क्या लग रहा है यानी इसमें बेंजीन है और उसपे एक क्लोरीन जुड़ा है पर क्या एक ही क्लोरीन है वहां नहीं दूसरा क्लोरीन है पर वो दूसरा क्लोरीन यहां है या यहां पर है या यहां पर है या यहां पर है कहां है क्लोरीन वो तो बताना पड़ेगा बराबर है एक क्लोरीन को तो आपने फिक्स कर दिया दूसरे क्लोरीन की पोजीशन क्या है क्या वो उससे अगले वाले कार्बन पे या उससे अगले या उससे अगले कहां है दूसरा क्लोरीन पहले क्लोरीन के तुरंत नेक्स्ट है उससे अगला है या उससे अगला है वो पोजीशन तो बतानी पड़ेगी वरना तो आधी इंफॉर्मेशन मिलेगी फिर से तो उसे क्लियर करने के लिए उसे क्लियर करने के लिए क्या करोगे बेटा पहले समझ लेते हैं ये जो ओ एमपी ऑर्थो मेटा पैरा मैंने नाम लिए थे थोड़ी देर पहले वो उसी के लिए थे कैसे करेंगे बेटा देखो आपके क्लोरो बेंजीन यानी यह वाला पूरा पार्ट है बराबर है तो एक काम कर लेना जिस कार्बन पे क्लोरीन ये वाला जुड़ा है उससे अगले दोनों कार्बन को बुलाओ ऑर्थो ये जो दोनों अगले कार्बन होंगे इस कार्बन से जिस कार्बन का क्लोरीन के साथ बॉन्ड है बराबर है उससे अगले दोनों कार्बन को ऑर्थो बुलाओ उससे अगले दोनों को मेटा बुला लेना ओके और उससे अगला जो एक बचा बेटा इकलौता उसे पैरा बोल देना यानी आपका क्लोरीन जब एक बार बेंजीन पे जुड़ गया वहां पर दो ऑर्थो होंगे उससे अगले वाले कार्बन उससे अगले को हम दोनों मेटा बोलेंगे उससे अगला जो एक बचा जो इस वाले के उल्टा साइड पर है वो हुआ पैरा अब मुझे बताओ जो यह दूसरा क्लोरीन आके जुड़ा है बेटा दूसरा क्लोरीन जो आके जुड़ा है कौन से वाले कार्बन प जुड़ा है ऑर्थो मेटा या पैरा र्थ पे बराबर है र्थ पे तो इसको ओ ड आगे कर देना ऑर्थो और दो क्लोरीन है इसलिए ऑर्थो डाई क्लोरो बेंजीन अब बेटा ये जो ऑर्थो मेटा पैरा है इससे आपको क्या समझ आता है आपको समझना है कि ये दोनों क्लोरीन एक दूसरे के ऑर्थो है ऑर्थो मतलब पासपास ये दोनों अगर मान लो यहां क्लोरीन होता मेटा पे तो इसका मतलब क्या होता दोनों क्लोरीन आपस में मेटा है मतलब एक कार्बन छोड़ के हैं अगर वो यहां होता इस पैरा पे अगर आपका दूसरा क्लोरीन होता तो यानी दोनों क्लोरीन आपके एक दूसरे के पैरा हो जाते तो ऑर्थो है या मेटा है या पैरा है कितना है वो आपको लिखना पड़ेगा ये हुआ इसका कॉमन नेम कॉमन नेम में ऑर्थो मेटा पैरा चलता है ठीक है तो ऑर्थो लिखा और कितने क्लोरीन है बेटा दो क्लोरीन तो ऑर्थो डाई क्लोरो बेंजीन ऑर्थो डाई क्लोरो बेंजीन का मतलब क्या है दो क्लोरीन आपके बेंजीन पे जुड़े हुए हैं पर वो एक दूसरे के आपस में कैसे हैं बेटा र्थ हैं र्थ यानी बगल बगल में अगर मेटा डाई क्लोरो बेंजीन आपको कह दे तो क्या करोगे बेटा एक क्लोरीन अपने मन से लगा ना दूसरे वाले को उसके मेटा पे भेज देना मेटा यानी एक कार्बन को छोड़ के लगा देना और अगर पैरा वाला कह दिया आपसे पैरा डाई क्लोरो बेंजीन कह दिया तो एक क्लोरीन को अपने मन से कहीं भी लगा दो उसके बाद दूसरे वाले को उसके पैरा यानी उल्टी साइड पे लगा देना काम खत्म पर ये क्या है बेटा कॉमन नेम आईयूपीएसी नेम में ऑर्थो मेटा पैरा नहीं चलेगा वहां पे ट 1 3 1 चलेगा अब ये क्या है बेटा चलो बता देती हूं क्या करोगे एक किसी क्लोरीन को पकड़ो मान लो यह वाला इसको वन लिख लो कार्बन को नंबर देना है बेटा जैसे यहां पे हमने आईयूपीएसी ने में नंबर दिया था कार्बन एटम्स को वैसे ही यहां भी नंबर देना है यहां नंबर देते वक्त उस कार्बन से देना जिस पर आपका क्लोरीन जुड़ा है यह जो बाकी कार्बन है इन पे तो क्लोरीन नहीं है सही है तो आप किसी भी अब दोनों पे क्लोरीन क्लोरीन है तो दोनों में से किसी भी कार्बन से नंबर देना शुरू कर देना पर एक ध्यान रखना क्या ध्यान रखोगे कि अगर आपने इस क्लोरीन को नंबर वन दिया है है तो आप इस तरफ भी टू कह सकते हो इस वाले को भी टू कह सकते हो आप इस तरफ से 1 2 3 4 करोगे इस तरफ से करोगे तो याद रखना उस तरफ से 1 2 3 4 घुमाना जिस तरफ आपका क्लोरीन या आपका दूसरा हैलोजन पास में होगा यानी अगर मैं यहां से वन यहां पे टू यहां पे टू अगर देखूं तो किस वाले साइड में टू को लेकर जाऊंगी लेफ्ट से शुरू करूंगी या राइट से तो देखो बेटा यहां पे क्लोरीन को टू मिलेगा तो ये छोटा नंबर है अगर मैं लेफ्ट से आती हूं चलो करके देख लेते हैं क्या करते हैं यहां पे थ्री लिखा यहां फोर लिखा यहां फाइव लिखा यहां पे क्या आएगा सिक्स आएगा यानी इस वाले क्लोरीन को तो वन ही मिल रहा है क्योंकि शुरू हमने उससे किया है पर इस वाले क्लोरीन को सिक्स मिल रहा है एक तरफ से इस तरफ से सिक्स आ रहा है इस तरफ से अगर मैं आऊं तो टू आ रहा है तो हमेशा याद रखना जिस तरफ से छोटा नंबर मिलता है आपके इस क्लोरीन को छोटा नंबर जहां से मिलेगा उस तरफ से नंबर देना शुरू करना यानी हम कैसे आएंगे बेटा लेफ्ट टू राइट नहीं हम राइट से लेफ्ट में आएंगे यानी राइट टू लेफ्ट ऐसे क्लॉक वाइज आएंगे इसको टू कहेंगे अब आपका क्लोरीन एक वन पे है एक टू पे है दोनों की पोजीशन लिखेंगे क्या हो जाएगा इसका आईयूपीएसी नेम इसका आईयूपीएसी नेम हो जाएगा टू वन और टू दोनों कार्बन पे आपके दो क्लोरीन लगे हैं इसलिए टू डाई क्लोरो बेंजीन क्या हो जाएगा इसका आईयूपीएसी नेम ट डाई क्लोरो बेंजीन कॉमन नेम क्या हुआ था बेटा ऑर्थ डाई क्लोरो बेंजीन आईयूपीएसी नेम हो गया है 12 डाई क्लोरो बेंजीन अब आपके लिए एक होमवर्क है मैंने ये वन टू वाला जैसे एक्सप्लेन किया एक काम करना क्लोरीन को यहां नहीं अब मेटा पे लगा के उसका आईयूपीएसी नेम लिखना और एक बार पैरा पे लगा लेना और फिर आईयूपीएसी नेम लिखना तब आपको समझ आएगा ये 1 2 1 3 1 4 मतलब क्या होता है तो ये रूल्स किसके लिए है बेटा ये रूल्स आपके डाई हैलोजन वाले डेरिवेटिव के लिए ऐसा हैलोजन डेरिवेटिव जिसमें बेंजीन पे दो हैलोजन जुड़े होंगे एक साथ एक कार्बन पे एक हैलोजन होगा और दूसरे किसी भी कार्बन पे आपका दूसरा हैलोजन होगा वो ऑर्थो हो सकता है उसके मेटा हो सकता है उसके पैरा हो सकता है यानी 1 2 1 3 या 1 पे वो हो सकते हैं तो ये थे आपके कुछ आईयूपीएसी नेम और कॉमन नेम लिखने के रूल्स बेटा दोनों एल्काइन अलाइड्स और अरीन अलाइड्स के लिए आपकी टेक्स्ट बुक में एक पूरा का पूरा चार्ट दिया है बेटा वो चार्ट को अगर ध्यान देखोगे आपको यह रूल्स बस लगाने हैं अपनी तरफ से खुद कोशिश करना कंपाउंड्स के नाम लिखने की ठीक है बिना नाम चेक किए खुद से पहले कोशिश करो यह रूल्स लगा के आपको आ रहा है या नहीं आ रहा है और आपको यह अल्काइनेस तीन कार्बन वाले को प्रोपाल कहेंगे उसमें एन और आइसो दो होते हैं चार कार्बन वाले को ब्यूटाइलिश बटाइगुडेम क्लेचर पढ़ते वक्त कोई भी दिक्कत आती है एल्काइन ग्रुप्स की तो अपने 11 स्टैंडर्ड की टेक्स्ट बुक में बेसिक प्रिंसिपल जहां पढ़े अपने ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के आईयूपीएसी वगैरह जहां पढ़ा था वहां पे आपको वो रूल्स मिल जाएंगे ठीक है तो वो एक बार एल्काइन ग्रुप्स के लिए चेक कर लेना अराइल के लिए मैंने सब कुछ आपको यहां पे बता दिया एल्काइन ग्रुप्स का नाम एक बार पता चल गया बेटा कोई दिक्कत आने नहीं वाली है यहां पे ठीक है ओके आगे चलते हैं बेटा हमें देखने हैं एल्काइन लाइड्स को प्रिपेयर करने के अलग-अलग मेथड्स अभी-अभी हमने क्या देखा एल्काइन लाइड्स मतलब वो हैलोजन डेरिवेटिव्स जिनमें आपके एल्केन से शुरुआत करते हैं हम एल्केन में से एक हाइड्रोजन को निकाला एक हैलोजन को वहां लगाया तो आपका एल्काइन हैलाइड बन गया अब उस एल्काइन हैलाइड को हम लोगों ने कितनी आसानी से बोल दिया ना बेटा एक हाइड्रोजन को निकाला हैलोजन लगाया बन गया अल्का हैलाइड बोलते वक्त आसान है यह बोलते वक्त आसानी हो रही है पर जब आप उसे असली में बनाने जाओगे तो दिक्कतें आएंगे तो उसी इसीलिए इन एल्काइन लाइड्स को बनाने का वो तरीका नहीं होता कि हाइड्रोकार्बन लिया एल्केन दिया हाइड्रोजन निकाला और हैलोजन लगा दिया इतना आसान नहीं है बेटा ये आपको कुछ अलग-अलग मेथड्स देखने होंगे हर मेथड के अपने फायदे होते हैं हर मेथड के अपने नुकसान होते हैं और अलग-अलग तरह के मेथड्स यहां पे है पहली मेथड होती है अल्कोहल से एल्काइन हैलाइड बनाने की किससे शुरुआत करनी है बेटा अल्कोहल से एल्कोहोल्स मतलब कौन से वाले कंपाउंड्स होते हैं बेटा जैसे आपका कार्बन और हैलोजन का बॉन्ड जब होगा तो उसे हैलोजन डेरिवेटिव कह देंगे हम जब आपका कार्बन हैलोजन का बॉन्ड होगा तो उसे हैलोजन डेरिवेटिव कहेंगे पर जब आपके कार्बन का बॉन्ड ओ के साथ होगा तब उसे हम अल्कोहल कहेंगे तो आपको वही करना है उन्हीं अल्कोहल से आपको शुरुआत करनी है तो अब वह कार्बन की चेन कितनी भी लंबी हो सकती है कोई भी एल्काइन ग्रुप वहां हो सकता है पर उस एल्काइन ग्रुप के साथ आपका ओ जुड़ा होगा यानी आप आरओ इस तरह से अल्कोहल को पहचान सकते हो कहीं पर भी अगर आपको यह आरओ दिखाई देता है आरओ मतलब आप किसकी बात कर रहे हो बेटा अल्कोहल की बात कर रहे हो इन अल्कोहल से एल्काइन हैलाइड बनाने के अलग-अलग तरीके हो अल्कोहल से हमें क्या बनाना है बेटा इस आरओ से हमें आर एक्स बनाना है आरओ से हमें क्या बनाना है बेटा आर एक् बनाना है यहां पर कार्बन ओ का बॉन्ड है अल्का ग्रुप प ओ ग्रुप लगा है यानी य आपका अल्कोहल हुआ इसको बदलना है आपको आर एक्स यानी अल्का हैलाइड यानी हैलोजन डेरिवेटिव में तो वो कैसे करेंगे पहला तरीका है h एक के साथ रिएक्शन करवा देना किसके साथ नीय रिएक्शन पहली h एक के साथ h मतलब आपका हाइड्रोजन एक्स मतलब आपका हैलाइड अभी अभी-अभी बताया था फ्लोरीन क्लोरीन ब्रोमीन आयोडीन किसी एक की बात अगर नहीं कर रहे हो सभी हैलोजन की अगर कॉमन बात कर रहे हो तो x लिख सकते हो सीधा-सीधा आपके हैलोजन का सामने वाले को समझ जाएगा बेटा जिसने ऑर्गेनिक केमिस्ट्री पढ़ी होगी उसे पता चल जाएगा x मतलब किसी हैलोजन की बात हो रही है तो हाइड्रोजन और हैलोजन जैसे आपको h स पता होगा क्लोरिक एसिड हाइड्रोक्लोरिक एसिड का फार्मूला होता है [प्रशंसा] के साथ जुड़ा h यानी हाइड्रोजन आयोडाइड बन गया जैसे दूसरे तरीके में फास्फोरस के हैलाइड यूज करेंगे हाइड्रोजन हैलाइड का मतलब क्या है बेटा हाइड्रोजन हैलोजन के साथ जुड़ा होता है अब फास्फोरस हैलाइड क्या होगा अरे सिंपल है मैम फास्फोरस हैलाइड मतलब हाइड्रोजन के बजाय अब फास्फोरस हैलोजन के साथ जुड़ा होगा तीसरी मेथड है बेटा बाय यूजिंग थायो निल क्लोराइड थायो निल क्लोराइड यानी इसका फार्मूला होता है socl2 थायो निल क्लोराइड का फार्मूला क्या होता है so2 होता है अब इन तीनों मेथड्स में भी आगे ढेर सारे टाइप्स है बेटा तो वो मैंने सारे यहां पर एक ही स्क्रीन पर लिखे हैं ताकि आपको ज्यादा बुक में ढूंढना ही ना पड़े एक जगह पर पूरे यह अल्कोहल से जो मेथड्स है प्रिपेयर करने के अल्का लाइड्स को सभी एक ही स्क्रीन प तो देख लेते हैं पहली मेथड है इसमें h एक् की जगह मैं क्लोरीन ले रही हूं यानी आपका h स फेवरेट सबका कॉमन है बहुत बार पढ़ा है हाइड्रोक्लोरिक एसिड यह तो मतलब नाम ऐसे रटा हुआ है उसका फार्मूला भी रटा हुआ होगा h स है पहले अल्कोहल आरओ के साथ रिएक्शन किसके प्रेजेंस में हो रही है बेटा अनहाइड्रेस जिंक क्लोराइड के प्रेजेंस में अनहाइड्रेस मतलब होता है बेटा जिसमें पानी नहीं होना चाहिए फ्री फ्रॉम वाटर मॉइश्चर नहीं होना चाहिए हाइड्रस हाइड्रेस मतलब पानी से रिलेटेड हम लोग वाटर को हाइड्रेटेड स्किन बोलते हैं राइट हाइड्रेटेड स्किन मतलब जोस स्किन की पानी कंटेंट ज्यादा होगा तो हाइड्रस इज रिलेटेड टू वाटर अन मतलब पानी के बिना मॉइश्चर के बिना वाला जिंक क्लोराइड आपको लेना है इस प्रोसेस का नाम क्या है बेटा ग्रूव्स प्रोसेस क्या नाम है प्रोसेस का ग्रूव्स प्रोसेस इस प्रोसेस में इस प्रोसेस में बनने क्या वाला है तो आपका आओ और h स यहां पर है आओ और h स में से आओ को गायब कर दो ओ की जगह स ले आओ आपने हाइड्रोजन एलाइड कौन सा लिया है बेटा h स लिया है h स लिया है h स अगर लिया है यानी हैलोजन कौन सा लिया आपने क्लोरीन लिया है यहां से क्लोरीन आके इस ओ को उड़ा देगा क्लोरीन उसकी जगह ले लेगा क्या बन गया आपका एल्काइन क्लोराइड बन गया इस प्रोसेस का नाम क्या बेटा ग्रूस प्रोसेस जिसमें हम अनहाइड्रेस जिंक क्लोराइड यूज करते हैं अगली है बेटा मिलाओ ग आरओ की रिएक्शन अल्कोहल की रिएक्शन जब आप एब के साथ करवाओ ग तो वहां आरबीआर यानी एल्काइन ब्रोमाइड बनेगा वहां एल्काइन क्लोराइड बनता है ग्रूज प्रोसेस में यहां एल्काइन ब्रोमाइड बनेगा एब की जगह आप ए और h2so फ यानी सल्फ्यूरिक एसिड भी ले सकते हो पर ये सिर्फ किसके लिए होगा बेटा यह वाली मेथड आप सिर्फ और सिर्फ प्राइमरी वाले एल्काइन हैलाइड के लिए यूज कर सकते हो प्राइमरी एल्काइन हैलाइड के लिए आप सिर्फ ए और h2so 4 इन दोनों को मिला के यूज कर सकते हो आपका एल्काइन ब्रोमाइड बन जाएगा एल्काइन क्लोराइड बनने के लिए hcl-insys और इन दोनों के साथ h3 po4 यानी फास्फोरिक एसिड ले लेंगे n k में से आपका आयोडीन आएगा h3 po4 एक एसिड है एसिड h+ देता है n में से i माइनस आया h3 po4 में से h+ आया जब आप n और h3 po4 को मिक्स करते हो उनके मिक्स करने से रिएक्शन के अंदर खुद ही h बनता है और फिर वह h जाके आपके आयोडीन जो है वोह आपके ओ को उड़ाता है यानी यानी आपके इस मेथड में क्या बनने वाला है बेटा आपकी इस मेथड में आरओ की जगह आर आ आ जाएगा यानी आपका एल्काइन बनेगा जब आपने h स लिया अल्का क्लोराइड बना एब लिया अल्का ब्रोमाइड बना ए सीधा सीधा नहीं लिया हमने हमने ए और h3 po4 या फिर आप k और h3 po4 ले सकते हो एल्काइन आयोडाइड अगर आपको बनाना होगा तो एल्काइन फ्लोराइड के लिए ऐसी कोई मेथड नहीं है एचएफ जो होता है ना बेटा एचएफ इतना ज्यादा स्ट्रांग एसिड नहीं है उसकी रिएक्टिविटी कम होती है इसलिए आप अगर एचएफ यूज करके एल्काइन फ्लोराइड बनाने की कोशिश करोगे तो वो पॉसिबल नहीं होता इसलिए सिर्फ ब्रोमाइड क्लोराइड और आयोडाइड यहां बनते हैं अब अगली मेथड है बेटा फास्फोरस एलाइड यूज करना है फास्फोरस एलाइड दो तरह के होते हैं फास्फोरस जब भी आपके क्लोरीन के साथ जुड़ता है फास्फोरस जब भी आपके क्लोरीन के साथ जुड़ता है तो वो दो तरह से जुड़ता है एक तो वो pcl3 की तरह बनता है यानी एक फास्फोरस तीन क्लोरीन के साथ जुड़ा होगा pcl3 आपको मिल सकता है या फिर या फिर pcl5 होगा यानी फास्फोरस क्लोरीन के साथ दो तरह के कंपाउंड्स बनाता है एक फास्फोरस तीन क्लोरीन के साथ मिलके pcl3 बनाएगा जिसके साथ की पहली रिएक्शन हमें देखनी है या फिर एक फास्फोरस पांच क्लोरीन के साथ मिलके pcl5 बनाएगा जो दूसरी रिएक्शन में देखनी है तो होता क्या है बेटा होता क्या है आपका आरओ जो है ना अल्कोहल उसके भी तीन मॉलिक्यूल ले लो तीन आरओ है तीन क्या है बेटा आरओ देखो ऐसे आरओ यहां पर भी आरओ तीन ले रही हूं मैं ठीक है यह तीन आरओ है इनके साथ कौन रिएक्ट कर रहा है बेटा आपका pcl3 यानी इस फास्फोरस पर कितने क्लोरीन लगे हैं तीन तीन क्लोरीन यहां पर लगे हुए हैं अब क्या करोगे बेटा क्या करोगे आपको बनाना तो अल्का क्लोराइड है नका इस स को भेज दो उसकी जगह इस नका दूसरे मॉलिक्यूल में से दूसरे स को भेज दिया तीसरे h को निकाला तीसरे स को भेज दिया फाइनली आप कर क्या रहे हो आप कर क्या रहे हो 3 आओ से 3 आओ से आपने 3rc बनाए 3 आओ मतलब 3 r होंगे उन पे तीन ओ लगे होंगे तीन आ एक आओ दूसरा एक pcl3 को जब मिलेंगे ये pcl3 में से तीन क्लोरीन जा सकते हैं बराबर है तो तीनों क्लोरीन जाएंगे तीन आरओ में से एक एक ओ को हटाएंगे तीन आ स बन जाएंगे तीन आरसी यहां बनते हैं और साथ में आपका क्या बनता है और बेटा यहां पे आपका h3 po3 यानी फास्फोरिक एसिड h3 po3 यानी फास्फोरस एसिड यहां पे बनता है तो यह बन गया आपका h3 po3 बाय प्रोडक्ट ठीक है r में हमको इंटरेस्ट है हमें इसमें इंटरेस्ट नहीं है अब बेटा रिएक्शन क्या है pcl3 के साथ तो हमने ऐसे करवा दिया अब pcl5 के साथ क्या करेंगे अब pcl5 के साथ क्या करेंगे तो pcl5 के साथ ऐसा मत समझ लेना कि पांच क्लोरीन है उसके पास तो वो पांच क्लोरीन जो है वो पाओ को निकालेंगे तो तीन की जगह अब पा आरओ ले लेंगे ऐसा नहीं होता इस रिएक्शन में एक ही आरओ आता है एक आरओ जो है एक आरओ जो है उसका ओ जो है व स से रिप्लेस होता है एक आरओ में से एक ओ जाएगा और उसकी जगह एक स आएगा अब होता क्या है ना बेटा pcl5 में से एक क्लोरीन चला गया r स हो गया चार क्लोरीन बचे हैं बराबर है चार क्लोरीन बचे हैं जो चार क्लोरीन में से एक क्लोरीन को ये आरओ वाला h ले जाएगा h जो है यहां पर वो एक क्लोरीन को ले जाएगा यानी h स बन जाएगा और बचा हुआ क्या है बेटा अभी ये ी तो बाहर गया पूरा ओ बाहर गया है मतलब o भी बाहर गया h भी बाहर गया h को तो आपने एक क्लोरीन दे दिया o का क्या o का क्या o का क्या होगा o का फास्फोरस के साथ o जाएगा बचे हुए तीन क्लोरीन अभी भी वहां है तो pocl3 बन जाएगा यानी आपका rc5 एक ही pcl5 यहां पे तीन आओ के साथ एक ही pcl3 काफी था और तीन आसी बन रहे थे यहां पांच क्लोरीन होते हुए भी यहां रिएक्शन वैसे नहीं होती जैसे हम सोचते हैं बाय प्रोडक्ट बनता है आपका तीन क्लोरीन य इस प ए3 में चले जाते हैं एक क्लोरीन आपके h के साथ चला जाता है एक ही क्लोरीन सिर्फ एक ओ को जाके रिप्लेस करता है यह हुए आपके कितने मेथड देखो एक दोती च पाच पांच मेथड्स हो गए ठीक है अब आखिरी मेथड है आपकी so2 यानी था क्लोराइड के साथ वाली इस मेथड में सेम चीज होगी बेटा इस मेथड में आपका आरओ जो है आरओ जो है वो आरओ का कन्वर्जन होता है so2 में से कौन सा हैलोजन आएगा बेटा क्लोरीन ही आएगा socl2 में क्या ब्रोमीन है यहां पे नहीं आयोडीन है क्या नहीं क्लोरीन है तो क्लोरीन आएगा r से rc2 बाय प्रोडक्ट क्या बन रहा है बाय प्रोडक्ट मतलब आपका मेन प्रोडक्ट कौन है आपका एल्काइन क्लोराइड है मेन प्रोडक्ट उसे छोड़ के और जो प्रोडक्ट बन रहे हैं वो कौन-कौन से हैं उन्हें हम बाय प्रोडक्ट कहते हैं तो वो होता है आपका so2 एक और दूसरा होता है आपका hclo2 और आरबीआर या आर आई जो भी एल्काइन हम बना रहे थे वो एल्काइन लाइड्स प्योर नहीं होंगे उनके साथ कुछ ना कुछ और भी बना ही होगा तो उनको हमें अलग से प्यूरिफाई करना पड़ेगा पर अगर आप ये थायल क्लोराइड वाली ये मेथड देखते हो थायो निल क्लोराइड वाली इस मेथड में आप socl2 के साथ जब रिएक्शन करवाते हो तो आपको so2 और क्लोराइड हमें मिलता है अब उसे सेपरेटली हमें प्यूरिफाई करने की कोई जरूरत नहीं है इसीलिए मैंने यहां पर इस मेथड पर स्टार भी लगाया बेटा यह सबसे इंपॉर्टेंट और सबसे बेस्ट मेथड है बेस्ट क्यों क्योंकि इसमें प्यूरिफाई क्लोराइड वाली ठीक है आगे चलते बेटा हाइड्रोकार्बन से हमको बना ना है क्या अब एल्काइन हैलाइड अब हाइड्रोकार्बन में आप एक एल्केन से बना सकते हो एल्केन ले लो एल्केन में से एक हाइड्रोजन को निकालना है हैलोजन को लगाना है तो क्या करना पड़ेगा हाइड्रोजन तभी बाहर जाएगा जब कोई हैलोजन आएगा यानी x2 ले लिया हमने क्या ले लिया x2 x यानी क्लोरीन ब्रोमीन कुछ भी हो सकता है तो cl2 br2 i2 ऐसे कोई भी x2 हम ले सकते हैं h9 यानी सनलाइट के प्रेजेंस में ये रिएक्शन होती है पर मैंने यहां क्या लिखा बेटा ये मेथड सूटेबल नहीं है मेथड सूटेबल नहीं है अल्का हैलाइड बनाने के लिए ऐसा क्यों ऐसा क्यों वो मैं आपको बताती हूं मान लो मैंने एल्केन सबसे छोटा वाला मीथेन ले लिया सबको पता ही होगा एक कार्बन वाला एल्केन कौन सा बेटा सबसे छोटा और सिंपल मीथेन इस मीथेन की रिएक्शन करवा दी किसके साथ क्लोरीन के साथ यह मिथेन में से एक हाइड्रोजन को निकाला मैंने एक हाइड्रोजन को बाहर निकाला ch3 बचा उसकी जगह एक क्लोरीन आ गया ch3cl बन गया यानी यहां पे क्या हो रहा है बेटा एक ये cl2 में से cl2 में से एक क्लोरीन अंदर जा रहा है पर एक क्लोरीन बच रहा है और एक हाइड्रोजन यहां से जो बाहर जाएगा वो एक हाइड्रोजन उस क्लोरीन के साथ हाइड्रोजन यहां से निकला है उन दोनों ने मिलके hc3 स जब बनेगा वहां पे और भी तो क्लोरीन होगा और क्लोरीन होगा और इसमें और हाइड्रोजन अभी तीन बाकी है तीन हाइड्रोजन अगर अभी भी यहां बाकी है तो तीन में से फिर से हम ऐसे कर सकते हैं कि तीन में से एक को निकाला दो बचे एक क्लोरीन और आ गया पहले से एक क्लोरीन था दूसरा और एक क्लोरीन यहां आ गया ch2 cl2 बन गया यहां पे भी क्लोरीन बनेगा h स क्लोरीन आएगा hc2 cl2 बना है अब य ये भी बना है वहां पे ही और उधर ही और cl2 घूम रहा होगा उसके आसपास उसके आसपास और क्लोरीन अगर घूम रहा होगा तो क्या उसे ये वाला हाइड्रोजन जो दो बचे हैं वो नहीं दिखेंगे तो वो इनको भी गायब करेगा उनकी जगह ले लेगा तो बेटा होगा क्या होगा क्या आपको ये भी मिलेगा यह भी मिलेगा और आगे और दो हाइड्रोजन जाएंगे तो और दो तरह के प्रोडक्ट्स बनेंगे यानी जितने तरह के हाइड्रोजन होंगे उतनी तरह के आपको यहां एल्काइन लाइड्स बनेंगे सारे एक साथ अब सारे एक साथ बन गए क्या हमारे लिए कोई फायदा हुआ हमें तो कोई एक ही बनाना था हमें तो इंटरेस्ट था ही नहीं बाकी सब में एक ही में इंटरेस्ट था सारे एक साथ बनने लगे तो क्या ये हमारे लिए सूटेबल ई मेथड नहीं ये सूटेबल क्यों नहीं है क्योंकि यहां पे हमें एक प्रोडक्ट्स का मिक्सचर मिलता है हम लोग बेटा यह सब कर क्यों रहे हैं अल्का हैलाइड बना क्यों रहे हैं क्योंकि उस अल्का हैलाइड का हमें कोई यूज होगा इसलिए हम उसको बना रहे हैं उसको बनाते वक्त हम बना तो रहे हैं क्योंकि उसका आगे यूज होने वाला है पर उसको बनाते वक्त ही अगर हमारी पूरी ऐसी तैसी हो जाए उसको प्यूरिफाई करने में उसको क्लीन करने में बाकी सभी बाय प्रोडक्ट्स को निकालने में तो क्या फायदा होगा उसका है ना तो फायदेमंद रिएक्शन देखनी चाहिए फायदेमंद रिएक्शन यानी वो रिएक्शन जिसमें हमें जो चाहिए वो ज्यादा बने बाकी चाहे थोड़ा बहुत बन जाए तो उसको हटा सकते हैं ठीक है पर अगर कोई रिएक्शन है जिसमें जो चाहिए वो कम और बाकी सभी ज्यादा बन रहा है क्या वो रिएक्शन फायदेमंद हुई सोचो नहीं इसीलिए ये मेथड हमारे लिए सूटेबल नहीं है अगली मेथड हम ले रहे हैं एल्कीन के साथ किसके साथ बनाएंगे एल्काइन हैलाइड अब एल्कीन से बनाएंगे अब आप बोलोगे मैम एल्कीन से एल्कीन से हाइड्रोजन को निकाल के जब हम हैलोजन लगाते हैं तो हैलो एल्कीन बनता है आप तो एल्काइन एलाइड बनाने की कोशिश करो तो फिर आपने एल्कीन क्यों लिया तो बेटा एल्कीन में एल्कीन में क्या होता है आपका कार्बन कार्बन का डबल बॉन्ड होता है बराबर है ऐसे होता है यहां पे बाकी दो बॉन्ड्स किसी के भी साथ हो हमारा मेन मोटिव है कार्बन कार्बन के डबल बॉन्ड प फोकस होना चाहिए डबल बॉन्ड में से एक बॉन्ड हमेशा सिग्मा होता है एक बॉन्ड हमेशा पाई बॉन्ड होता है सिग्मा बॉन्ड मजबूत होता है स्ट्रांग होता है ए फॉर सिग्मा एस फॉर स्ट्रांग याद रखना पाई बॉन्ड वीक होता है पाई बॉन्ड वीक होता है तो यहां पे इन दो बॉन्ड्स में से एक मान लो सिग्मा है एक क्या है आपका पाई बॉन्ड है अब पाई बॉन्ड अगर वीक है अगर वो वीक है तो उसे हम तोड़ सकते हैं बराबर है यस तो हम क्या करेंगे एल्कीन की रिएक्शन h एक के साथ करवाएंगे एल्कीन में h एक को हम ऐड करेंगे क्या कर रही हूं मैं प् h एक अब क्या होगा देखो बड़ी मजेदार सी रिएक्शन है बेटा डबल बॉन्ड में से जो पाई बॉन्ड था ना उस बॉन्ड को तोड़ दो डबल बडल बॉन्ड में से जो पाई बॉन्ड था उस बॉन्ड को यहां से तोड़ दो और क्या करो इनका देखो कार्बन कार्बन आपस में दो बॉन्ड बना रहे थे दोनों को एक बॉन्ड आपने तोड़ दिया यानी अब इनका एक-एक बॉन्ड कम हो गया दोनों का एक-एक बॉन्ड अगर कम हो गया तो वो तो वहां शांति से नहीं बैठेंगे वो क्या करेंगे ढूंढेंगे कि यार कोई और मिल जाए बॉन्ड बनाने के लिए तो क्या करेगा h एक यहां पे है ये दो चीजें हैं यहां पे तो ये एक कार्बन आपके h को ले लेगा दूसरा कार्बन आपके x को ले लेगा क्या फिर से कार्बन और कार्बन के चार-चार बॉन्ड्स पूरे हुए यस यानी हमने डबल बॉन्ड को तोड़ा डबल बॉन्ड में से भी जो पाई बॉन्ड था उसको तोड़ा पर उसकी जगह हमने दो नए बॉन्ड्स बनाए एक कार्बन का हाइड्रोजन के साथ दूसरे का हैलोजन के साथ क्या अब आपके डबल बॉन्ड बचा है यहां पे कोई नहीं डबल बॉन्ड तो गायब सिंगल सिंगल बॉन्ड है यानी एल्केन हुआ हैलोजन यहां जुड़ गया यानी ये हैलो एल्केन यानी एल्काइन एलाइड बन गया अपना काम हो गया ठीक है तो अब अब बात ऐसी आती है बात ऐसी आती है इतनी आसान नहीं है बेटा ये रिएक्शन मतलब देखने में काफी आसान है वैसे भी आसान है पर इसमें ना थोड़ा सा ट्विस्ट आता है क्या ट्विस्ट आता है एल्कीन जो होते हैं ऐसे हाइड्रोकार्बन जिनमें डबल बॉन्ड होता है कार्बन कार्बन के बीच उन्हे हम एल्कीन कहते हैं यह एल्कीन दो तरह के होते हैं देखो मैंने बनाए एक होता है सिमेट्री वाले एक होते है अनसिमिट्रिकल वाले अब मैं आपको मान लो सिमिट्रिकल का एग्जांपल दे देती हूं ch2 के ऊपर लगा है ch2 क्या यह सिमिट्रिकल हुआ आप सिमिट्रिकल है या नहीं कैसे पहचानेंगे कैसे पहचानेंगे डबल बॉन्ड को बीच में से तोड़ो यहां से तोड़ा डबल बॉन्ड को क्या तोड़ने के बाद दो इक्वल पार्ट्स मिले यस तो यह हो गया आपका सिमेट्री वाला एल्कीन एल्कीन कैसा हो गया बेटा यहां पे सिमिट्रिकल अब अगर मैं दूसरा एल्कीन यहां बनाती हूं ch2 डबल बॉन्ड स ch3 अब क्या करो बेटा फिर से इस डबल बॉन्ड को बीच से तोड़ दो यहां से तोड़ा क्या आपको दो इक्वल पार्ट्स मिले नहीं एक तरफ ch2 एक तरफ स ch3 एक तरफ एक ही कार्बन दूसरी तरफ दो कार्बन यह हुआ आपका अनसिमिट्रिकल एल्केन सिमिट्रिकल अनसिमिट्रिकल अब बात ऐसी है इन दोनों के ऊपर मान लो मैंने मुझे अब क्या होगा दोनों कार्बन यहां पे सेम है दोनों इक्वल है कोई भी h को ले कोई भी स को ले फर्क नहीं पड़ता है तो क्या करेंगे बेटा किसी भी एक को h दे दो किसी भी एक को cl2 के बजाय एक को h मिला ch3 हो जाएगा दूसरे को cl3 के बजाय ch2cl बन गया ये बन गया आपका एल्काइन हैलाइड कब जब सिमिट्रिकल एल्कीन है तो कोई दिक्कत नहीं आई किसी भी कार्बन को h किसी भी कार्बन को स लगा देना कोई दिक्कत नहीं आएगी पर अगर एल्कीन अनसिमिट्रिकल हुआ अब देखो ये दोनों कार्बन अलग हैं दोनों झगड़े कि किसको h चाहिए किसको स चाहिए अब कैसे सुनेंगे आप मॉलिक्यूल तो बात नहीं कर सकते उनसे तो नहीं पूछ सकते बेटा देखो h चाहिए क्या ऐसे तो नहीं करेंगे तो क्या करेंगे हम क्या करेंगे हम हम लगाएंगे रूल सबके लिए कॉमन है ये रूल दो रूल्स है बेटा मार्कोनिक फ्स रूल एंटी मार्कोनिक फ्स रूल किसके लिए बेटा ये अनसिमिट्रिकल के लिए सिमेटिक के लिए कोई रूल नहीं है व सिमिट्रिकल है व अपना खुश है बेटा सुखी है वो उसको कोई रूल की जरूरत नहीं है और हम भी सुखी है कोई रूल पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ी थी पर जब ये अनसिमिट्रिकल आया ना अपना काम बढ़ गया दो रूल पढ़ने पड़ेंगे मार्कोनिक ऑफस और एंटी मार्कोनिक फ्स मार्कोनिक रूल सब केस में लगा देना अनसिमिट्रिकल एल्कीन दिखा अनसिमिट्रिकल एल्कीन के साथ जैसे ही आपको एच एक दिखा मार्कोनिक रूल लगेगा ही लगेगा पर पर एक एक्सेप्शन है जब आपको h एक् की hb2 o2 दिख गया यानी एक अनसिमिट्रिकल एल्कीन दिखा अनसिमिट्रिकल एल्कीन के साथ अगर hb2 ए2 भी दिया हुआ तो एंटी मार्कोनिक ऑफस रूल लगा देना सब केसेस में लगेगा मार्कोनिक फ्स रूल वैसे तो पर अगर आपको hb2 o2 ये दिखे अनसिमिट्रिकल एजेंट के पास में अनसिमिट्रिकल एल्कीन के पास में तो तुरंत एंटी मार्कोनिक रूल लगा लेना अब एंटी मार्कोनिक रूल और मार्कोनिक रूल क्या होते हैं क्या होता है उनका मतलब वह समझ लेते हैं ठीक है चलो मैं आपको बताती हूं क्या करना है आपको मान लो यह वाला सेम एग्जांपल लेते हैं ch2 स ch3 बहुत आसान तरीके से मैं आपको बताऊंगी आपको कोई कंफ्यूजन यहां नहीं होगा h एक लेना है बेटा h एक मतलब वहां पे h का बॉन्ड होता है x के साथ ठीक है h के ऊपर हमेशा होगा डेल्टा प्लस और एक्स के ऊपर हमेशा होगा क्या डेल्टा माइनस ये क्यों होता है बेटा ऐसे इसलिए होता है क्योंकि h यानी हाइड्रोजन वो होता है पॉजिटिव हमेशा याद रखना हाइड्रोजन और हैलोजन में से ज्यादा पॉजिटिव h होता है नेगेटिव एक्स होता है क्या करोगे क्या करोगे मार्कोनिक रूल क्या आपको यहां पर एचबीआर दिखाई दे रहा है क्या आपको h2o दिखाई दे रहा है नहीं मतलब आपको मार्कोनिक रूल लगाना है कौन सा रूल लगाना है एमआर लिख रही हूं मैं मार्कोनिक रूल आपको लगाना है मार्कोनिक रूल में क्या करोगे जो भी डेल्टा प्लस वाला है जो भी डेल्टा प्लस वाला है और एक डेल्टा माइनस वाला है बराबर है दोनों कार्बन यहां पर है इन दोनों कार्बन में से किसको हमें h प्लस वाला देना है किसको हमें x माइनस वाला देना है उसकी लड़ाई यहां पे चल रही है लड़ाई सॉर्ट करने के लिए मार्कोनिक जी आए उन्होंने रूल दे दिया क्या रूल है जो नेगेटिव वाला होगा नेगेटिव यानी x होगा उसको हमेशा उसको हमेशा ऐसे कार्बन पे देना जिस पे कम हाइड्रोजन लगे होंगे और पॉजिटिव वाले को ऐसे कार्बन को देना जिस पे ज्यादा हाइड्रोजन लगे होंगे अब कैसे याद रखोगे बेटा कैसे याद रखोगे देखो h एक में h के ऊपर प्लस है h के ऊपर प्लस है यानी वही ये डेल्टा प्लस वाला है h को हमें किस कार्बन पे देना है जिस पे ऑलरेडी ज्यादा हाइड्रोजन है यानी हाइड्रोजन को hx7 जो हाइड्रोजन है उसे उठा के उस कार्बन को देना जिसके पास ऑलरेडी ढेरो हाइड्रोजन है अब बात कैसी है देखो इस वाले कार्बन को देखो इसके पास दो हाइड्रोजन है इसको देखो इसके पास एक ही हाइड्रोजन है बराबर है ज्यादा हाइड्रोजन इसके पास है मतलब इसका लगाव हाइड्रोजन से ज्यादा है तो वही जट से इस हाइड्रोजन को लेगा और जिसके पास ऑलरेडी कम हाइड्रोजन है यानी उसका लगाव हाइड्रोजन से नहीं था इसीलिए उसके पास कम है तो उसको दे देंगे x नेगेटिव वाला बचा कुचा जो है वो उसको दे दिया पहले क्या करोगे यह हुआ आपका मार्कोनिक रूल मार्कोनिक रूल में नेगेटिव यानी एक्स जाएगा उस कार्बन पर जिस पर कम हाइड्रोजन होंगे पॉजिटिव वाला ए हाइड्रोजन जाएगा उस कार्बन पर जिस पर ज्यादा हाइड्रोजन होने वाला है वन और टू में से हमने देख लिया कार्बन नंबर वन पे एक हाइड्रोजन है यानी कम हाइड्रोजन है तो क्या करेंगे इसको दे देंगे एकस और कार्बन नंबर टू पे ज्यादा हाइड्रोजन थे इसीलिए उसको को और एक हाइड्रोजन मैं यहां पे दे दूंगी और यहां पे क्या बचा बेटा आपका ch3 बचा ठीक है तो यह बन गया आपका एल्काइन हैलाइड एल्काइन हैलाइड बनाने के लिए रूल कौन सा लगाया बेटा मार्कोनिक रूल अब बेटा अगर मार्कोनिक रूल पढ़ा है तो उसके बाद एंटी मार्कोनिक कफ्स रूल आपको क्या लगता है एंटी मतलब एंटी मतलब एंटी का तो मतलब ही सबको पता है ऑपोजिट बराबर है तो एंटी मार्कोनिक ऑफस रूल यानी मैं एमआर लिख रही हूं एंड टी मार्कोनिक रूल क्या कहता है उल्टा कहता है बिल्कुल डेल्टा माइनस और डेल्टा प्लस को आपको भेजना है ना दो कार्बन के ऊपर तो डेल्टा माइनस को उस कार्बन को देना जिस परे ज्यादा हाइड्रोजन होंगे यानी पहले वाला जो केस था उसमें हमने डेल्टा माइनस को कम हाइड्रोजन वाले कार्बन को दिया था डेल्टा प्लस वाले को ऐसे कार्बन पे दिया था जिस परे ज्यादा हाइड्रोजन थे अब पूरा का पूरा सिचुएशन उल्टी हो जाएगी पर ये कब लगेगा बेटा एंटी मार्कोनिक ऑफस तभी लगेगा जब आपका एब और h2o 2 दोनों होंगे अगर मान लो h2o 2 है ही नहीं सिर्फ hb2 o2 ये दोनों दिखाई दिए तभी एंटी मार्कोनिक फ्स लगाना है यानी एंटी मार्कोनिक फ्स की अलग से पहचान क्या है बेटा एंटी मार्कोनिक फ्स की खुद से अलग से पहचान है उसे चाहिए यह स्पेशल दो लोग एंटी मार्कोनिक ऑफ जू लगाने से पहले इन दोनों को स्पेशल को ढूंढ लेना एब के साथ h22 हुआ तो ही एमआर लगाना वरना आपका मार्कोनिक रूल जिंदाबाद कैसे करेंगे बेटा मान लो यह ch2 है सेम एग्जांपल लेते हैं स है और यहां पर आपका ch3 है इसकी रिएक्शन आपको एरो के ऊपर ऐसे लिख के दे दिया h ब के साथ हो रही है और साथ में यहां पर h2o भी मौजूद है ऐसे अगर लिख के दिया तो आपको क्या समझना है बेटा h ब h22 यानी ए रूल लगेगा एंटी मार्कोनिक ऑफस रूल अगर लगेगा तो नेगेटिव यानी आपका ब है डेल्टा माइनस h यानी पॉजिटिव है तो पॉजिटिव को दे देना ऐसे कार्बन पे जिस पे कम हाइड्रोजन होंगे नेगेटिव को देना उस कार्बन को जिस पे ज्यादा हाइड्रोजन देंगे यानी ch2 के ऊपर अब क्या लग जाएगा आपका x और यहां पे स पे लग जाएगा और एक h आके यानी ch2 बन जाएगा और यह ch3 वैसे ही यानी देखो बेटा दोनों भी प्रोडक्ट्स में फर्क तो बन रहा है ना मार्कोनिक फ्स रूल में x किस पे लगा था ये पहले वाले पे एंटी मार्कोनिक फ्स में x जो है वो इस वाले कार्बन पे लगा है यानी आपके रूल के हिसाब से देखो बनेंगे दोनों बेटा जैसे h को हमने इसको दिया x हमने फर्स्ट वाले को दे दिया सही बात है पर उल्टा भी हो सकता है दोनों प्रोडक्ट बनते हैं बेटा दोनों बनते हैं जैसे h यहां गया x यहां गया इसका उल्टा भी बनता है इधर क्या बनेगा कैसे बनेगा देखो इसके साथ और क्या बनेगा आपके ch2 के ऊपर पहले h लगाया ना हमने तो उसके बजाय x आ जाएगा और यहां पर आपका ch2 था उसको h मिल जाएगा और यहां पे ch3 तो है ही बनेंगे दोनों प्रोडक्ट बेटा दोनों प्रोडक्ट बनेंगे दोनों कार्बन h एक को लेंगे एक बार ये h को लेगा ये x को लेगा एक बार ये h को लेगा ये x को लेगा दोनों प्रोडक्ट बनेंगे दोनों तरह के प्रोडक्ट बनेंगे पर मार्कोनिक रूल क्या कहता है मार्कोनिक रूल कहता है कि मेरे रूल के हिसाब हिब से जो बनेगा व ज्यादा बनेगा मेरे रूल के हिसाब से जो बनता है वह ज्यादा बनता है यानी उसे हम मेजर कहेंगे जो मेरा रूल नहीं मानता वह माइनर यानी कम बनेगा तो उसको इग्नोर करना है तो आपको कभी-कभी बोर्ड के एग्जाम में सीधा एक एल्कीन दिया जाएगा उसके साथ h एक लिख के दे देंगे कौन सा है अगर h ब h22 हुआ तो मार्कोनिक ऑफस नहीं एंटी मार्कोनिक ऑफस लगाना है ये याद कर लेना आपको दोनों प्रोडक्ट भी पूछ सकते हैं जैसे मैंने ये दोनों बनाए यहां पर भी दोनों बनेंगे बेटा पर मेजर कौन बनेगा वो आपको पूछ सकते हैं तो मेजर ये वाला होगा तो आपको दोनों प्रोडक्ट लिखने को भी कह सकते हैं या आपको कहेंगे कि इस दोनों में से दोनों नहीं लिखने आपको सिर्फ मेजर वाला लिखना है तो आपको दोनों कौन से बनते हैं वो भी पता होना चाहिए उसमें मेजर मार्कोनिक फ्स रूल से आपको डिसाइड करना पड़ेगा दोनों कार्बन डबल बॉन्ड वाले एक बार h और एक बार x को लेके दो प्रोडक्ट्स बनते हैं पर उसमें से मेजर माइनर कौन बनेगा वो डिसाइड करता है आपका मार्कोनिक फ्स और एंटी मार्कोनिक फ्स रूल हर केस में लगभग मार्कोनिक फ्स रूल लगता है एंटी मार्कोनिक फ्स रूल सिर्फ एक ही केस में लगता है इन दोनों स्पेशल दोस्तों को ढूंढ लेना ठीक है अब अगली मेथड है बेटा हमें करना है मेथड प्रिपेयर किसको करना है हमें एल्काइन लाइड्स को प्रिपेयर करना है हमको एल्काइन लाइड्स को प्रिपेयर करने के लिए हैलोजन एक्सचेंज नाम की मेथड है हमने जो मेथड देखे अभी तक उन मेथड्स में ज्यादातर क्लोरीन ब्रोमीन इनकी बात फ्लूरीन आयोडीन को ज्यादातर हमने बात नहीं की तो दो ऐसी नेम रिएक्शंस है बेटा नेम रिएक्शंस को स्पेसिफिकली एक अलग से बुक बना लो लगता है तो 100 पेजेस की 200 पेजेस की उस बुक में सिर्फ और सिर्फ नेम रिएक्शंस लिखना आप नेम रिएक्शंस यानी वो रिएक्शन जो किसी साइंटिस्ट के नाम से दी गई है जैसे यह फिंकल स्टेन रिएक्शन है फिंकल स्टीन नाम के साइंटिस्ट ने दिए और यह आपके स्वाट्स रिएक्शन है जो स्वाट्स ने दिए तो इन दोनों रिएक्शंस का क्या य वो देखो फिंकल स्टीन रिएक्शन में आसी लेना है यानी एल्काइन क्लोराइड लेना है उसकी रिएक्शन ए के साथ करवानी है क्या होगा r स में से स जाएगा आयोडीन आके लग जाएगा आयोडीन कहां से आया बेटा ये ए में से आया और दूसरी रिएक्शन है r स में जो स है उस स को हटा के एए में से जो फ्लोरीन है उसको लाके लगाया यह हो गई आपकी स्वाट्स रिएक्शन यानी जब आपके अल्का क्लोराइड से एल्काइन आयोडाइड बनता है तो वो होती है फिंकल स्ट्रन रिएक्शन एल्काइन क्लोराइड से जब एल्काइन फ्लोराइड बनता है वो होती है स्वाट्स रिएक्शन यूज क्या होता है बेटा एफ को लाने के लिए एएफ यूज होगा यहां आई को लाने के लिए ए यूज होगा ए आ सोडियम आयोडाइड ठीक है तो ये दोनों नेम रिएक्शंस है दोनों रिएक्शंस में हो क्या रहा है एक हैलोजन जा रहा है दूसरा हैलोजन आ रहा है बराबर है यहां पर भी क्या हो रहा है एक हैलोजन आ रहा है दूसरा हैलोजन जा रहा है तो हो क्या रहा है देखो यह ए आ था बराबर है ए आ ने अपना आ दे दिया पर वो अकेला तो नहीं बैठेगा तो यहां जब आ आ बनेगा आ के साथ जो ए है वो बाहर निकले हुए स को ले लेगा यानी nafa.in ने आपस में अपने हैलोजन को बदल नहीं दिया और इन दोनों ने आपस में अपने-अपने हैलोजन को बदल नहीं दिया देखो स की जगह f आया f की जगह स आया स की जगह i आया i की जगह स आया यानी इन दोनों नेम रिएक्शंस में फिंकल स्टीन और स्वाट्स रिएक्शन में आयोडाइड और फ्लोराइड ये दो एल्काइन लाइड्स बनते हैं उसमें से भी हैलोजन एक्सचेंज इस टेक्निक का नाम है हैलोजन एक्सचेंज क्यों बेटा क्योंकि दोनों आपस में हैलोजन को बदल रहे हैं है दोनों के हैलोजन जो है वो आपस में चेंज हो रहे हैं तो इसी को हम क्या कहते हैं हैलोजन एक्सचेंज वाली मेथड कहते हैं तो यह थे आपके एल्काइन लाइड्स को प्रिपेयर करने के कुछ मेथड्स तो अभी हमें क्या देखना है एल्काइन हेलाइड्स और अनिल लाइड्स का हमें डिटेल स्टडी करना है राइट सो अगर एल्काइन लाइड्स का मेथड्स ऑफ प्रिपरेशन देख चुके हैं तो अब कोई अरिल हेलाइड्स को प्रिपेयर करने के मेथड्स भी हमें देखने होंगे राइट सो एल्काइन लाइड्स के जो मेथड्स थे उसे अच्छे से देख लेना अच्छे से रिवाइज कर लेना अच्छे से समझ लेना कौन सी मेथड में क्या हो रहा है कुछ नेम रिएक्शंस भी है उन रिएक्शंस पे भी स्पेसिफिकली आपको ध्यान देना है अब स्टार्ट कर रहे हैं हम अरिल अलाइड्स को प्रिपेयर करने के मेथड यहां पे हेडिंग गलत है बेटा ठीक है तो यह नोमेन क्लेचर नहीं है यह मेथड्स ऑफ प्रिपरेशन है अरिल लाइड्स के तो जो पहली मेथड है अरिल लाइड्स को प्रिपेयर करने की वो होती है इलेक्ट्रोफिलिक सब्सटीआर पहली बात एक इलेक्ट्रोफिल क्या होता है सो एक इलेक्ट्रोफिल हम ऐसे ई के ऊपर प्लस से इंडिकेट करते हैं व्हाट इज इलेक्ट्रोफिल इलेक्ट्रो मतलब होता है इलेक्ट्रॉन आपको इलेक्ट्रॉन तो पता ही है कौन सा चार्ज होता है उन परे नेगेटिव फाइल जो है फाइल यानी पी एच आई एल ई एफ आई एल ई फाइल नहीं पी एच आई एल ई वाला फाइल मतलब होता है लविंग तो इलेक्ट्रो फाइल मतलब इलेक्ट्रॉन लविंग स्पीशीज यानी एक ऐसी स्पीशीज जिसका प्यार होता है इलेक्ट्रॉन की तरफ अब इलेक्ट्रॉन की तरफ तो नहीं बेटा हम इलेक्ट्रॉन की तरफ नहीं कह सकते बट हम इलेक्ट्रॉन पर जो नेगेटिव चार्ज होता है उसकी तरफ यानी यह इलेक्ट्रोफिल पर खुद का कौन सा चार्ज है बेटा पॉजिटिव होगा उसके ऊपर खुद के ऊपर पॉजिटिव चार्ज होगा और वह एक नेगेटिव चार्ज के पास ही अट्रैक्ट होगा हमें पता ही अपोजिट चार्जेस अट्रैक्ट करते हैं तो पॉजिटिवली चार्ज इलेक्ट्रोफिल नेगेटिवली चार्ज किसी सेंटर की तरफ अट्रैक्ट होती है ठीक है तो ये होती है अपनी इलेक्ट्रोफिल अब इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन का मतलब क्या होता है वो देख लेते हैं सब्सीट्यूशन का मतलब जैसे देखो क्रिकेट की टीम में एक्स्ट्रा प्लेयर्स हमेशा रखे होते हैं राइट क्यों होते हैं वो एक्स्ट्रा प्लेयर्स सो दैट अगर किसी प्लेयर को कोई इंजरी आ जाती है बाय मिस्टेक अगर गलती से उसको अनफॉर्चूनेटली खेलने का चांस नहीं मिलता तो उसके जगह एक कोई तो सब्सीट्यूशन होना चाहिए एक कोई तो सब्सीट्यूट होना चाहिए जिसे हम वहां पे सब्सीट्यूट करके मैच कंटिन्यू हो जाए राइट वैसे ही ठीक वैसे ही इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन में क्या होता है बेटा इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन में मान लो यह एक इलेक्ट्रोफिल है और यहां पे मैं दूसरा इलेक्ट्रोफिल अगर लेती हूं मान लो e2 वो भी एक इलेक्ट्रोफिल है तो आपका यह वाला बाहर से आने वाला e2 इलेक्ट्रोफिल जाकर इस इलेक्ट्रोफिल को यहां से रिप्लेस करे मान लो a का बॉन्ड है किस इस इलेक्ट्रोफिलिक ग्रुप के साथ a का बॉन्ड है इस इलेक्ट्रोफिल के साथ ठीक है यहां पे एक e a और e इनका दोनों का आपस में बॉन्ड है यह है अपना इलेक्ट्रोफिलिक ग्रुप तो इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन में क्या होने वाला है आपका बाहर से आने वाला यानी इनकमिंग इलेक्ट्रोफिल आके इस इलेक्ट्रोफिल को यहां से बाहर निकालेगा अब यह इलेक्ट्रोफिल बाहर जा रहा है तो इसे हम कह देंगे लीविंग ग्रुप लीविंग ग्रुप क्यों बेटा क्योंकि वो लीव कर रहा है वहां से वो वहां से जा रहा है ठीक है तो इसीलिए क्या होगा अब a का जो इलेक्ट्रोफिल पहले था उसके बजाय अब आपकी दूसरी इलेक्ट्रोफिल e2 आ जाएगी और आपका ये e जो है यहां पे ये वाला इलेक्ट्रोफिल जो है ये काम करेगा एक लीविंग ग्रुप का ये यहां से निकल जाएगा यानी क्या हुआ बेटा एक इलेक्ट्रोफिल आया उसने पहले जो ऑलरेडी एक इलेक्ट्रोफिल था उसे बाहर निकाला और उसकी जगह ले ली उसे सब्सीट्यूट कर दिया इस तरह की रिएक्शन को हम कहते हैं इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन तो जो अपनी बेंजीन रिंग है बेटा बेंजीन रिंग की तरफ पहली बात इलेक्ट्रोफिल आएगा ही क्यों तो यह प्रॉपर्टी आपको याद रखनी है बेंजीन रिंग जो होती है बेंजीन रिंग देखो ऐसी होगी बाकी के ग्रुप्स को छोड़ दो सिर्फ बेंजीन रिंग को सोचो क्या उसमें आपको तीन पाई बॉन्ड्स दिखाई दे रहे हैं यस पाई बॉन्ड्स में इलेक्ट्रॉन होंगे है ना सिंगल सिंगल बॉन्ड होता तो वो सिग्मा बॉन्ड होता सिग्मा बॉन्ड में सिग्मा इलेक्ट्रॉन होते और अपना जो अंदर पाई बॉन्ड है उनमें में भी तो दो-दो इलेक्ट्रोंस होंगे तो अब देखो बेटा बेंजीन के पास तीन पाई बॉन्ड्स हैं तीन डबल बॉन्ड्स हैं तीन पाई बॉन्ड्स मतलब कितने पाई इलेक्ट्रॉन होंगे बेटा उनमें हर बॉन्ड में दो इलेक्ट्रॉन तो टोटल बेंजीन के पास छह पाई इलेक्ट्रॉन हो जाएंगे अब 6 पाई इलेक्ट्रॉन है मतलब वो काफी इलेक्ट्रॉन रिच है बेटा काफी इलेक्ट्रॉन रिच है यानी इसे अगर हम इलेक्ट्रॉन रिच मानते हैं इलेक्ट्रोफिल क्यों नहीं आएगा इसकी तरफ इलेक्ट्रोफिल को चाहिए ही कुछ ऐसा जिसके पास इलेक्ट्रॉन ज्यादा हो क्योंकि वो इलेक्ट्रोफिलिक है वो इलेक्ट्रॉन लविंग स्पीशीज है तो इसीलिए बेंजीन रिंग जहां भी आपको दिखेगी बेटा आप लोगों को याद रखना है बेंजीन जो है मोस्टली इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन से ही रिएक्शन करती है आप बेंजीन पे एक न्यूक्लियोफिल लेकर आ जाओ बेंजीन के पास एक न्यूक्लियोफिल लेकर आओ न्यूक्लियोफिल मतलब होता है इलेक्ट्रोफिल का एगजैक्टली उल्टा न्यूक्लियोफिल यानी वो खुद न्यूक्लियस लविंग न्यूक्लियो फाइल न्यूक्लियस लविंग मतलब न्यूक्लियस पे क्या होता है बेटा प्रोटॉन होते हैं प्रोटॉन में क्या चार्ज होता है प्लस चार्ज होता है तो न्यूक्लियोफिल मतलब वो स्पीशीज वो ग्रुप जो इलेक्ट्रॉन स को नहीं उसके ऊपर खुद के ऊपर नेगेटिव चार्ज होगा या फिर वो खुद इलेक्ट्रॉन रिच होगी इसलिए वो किसी पॉजिटिवली चार्जड के पास किसी पॉजिटिवली चार्ज ग्रुप के पास अट्रैक्ट होती है न्यूक्लियोफिल इज न्यूक्लियस लविंग पॉजिटिव चार्ज लविंग बेंजीन पे क्या है बेटा बेंजीन खुद इलेक्ट्रॉन रिच है बेंजीन के पास खुद के पास इतने सारे इलेक्ट्रॉन हैं एक न्यूक्लियोफिल के पास भी खुद वो इलेक्ट्रॉन रिच है बेंजीन भी इलेक्ट्रॉन रिच है दोनों इलेक्ट्रॉन रिच इलेक्ट्रॉन रिच के आपस में आएंगे एक साथ पास नहीं सो इसीलिए बेंजीन पे न्यूक्लियोफिलिक रिएक्शंस नहीं होते न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शंस नहीं होते बेंजीन इलेक्ट्रॉन रिच होने की वजह से उसके पास एक इलेक्ट्रोल आसानी से आता है और वह इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन दिखाता है तो बेटा देखो इस रिएक्शन में हमने यहां पे क्या लिया ये ch3 ग्रुप लगा है बेंजीन पे जब बेंजीन के साथ ch3 ग्रुप जुड़ा होता है उसे हम टॉल्विन कहते हैं क्या नाम है बेटा इस पूरे मॉलिक्यूल का इसका नाम है टॉल्विन अब बात ऐसी है जब आप बेंजीन पे एक ch3 लगा है राइट कल मैंने आपको ऑर्थो मेटा पैरा मैंने आपको थोड़ी देर पहले ऑर्थो मेटा रा यह सब कुछ एक्सप्लेन किया था है ना तो देखो बेटा यहां पे क्या होगा यहां पे आपके यह दोनों क्या है यह वाले कार्बन आप और तो हो जाएंगे ch3 से अगले जो दोनों कार्बन होंगे वो र् तो हो गए ये क्या हो गए आपके दोनों मेटा हो गए उससे अगले वाले और इसके उल्टा जो होगा वो होगा पैरा तो बेंजीन पे अगर कोई अगर कोई ch3 जैसा ग्रुप लगा होता है ch3 जो है वो आपको पता ही होगा कि वो प्लस आ इफेक्ट दिखाता है जितने भी एल्काइन ग्रुप्स है बेटा जितने भी कार्बन वाले ग्रुप्स होते हैं सीधा कार्बन वाले जो ग्रुप्स होते हैं एल्काइन ग्रुप्स जिन्हें हम कहते हैं वो अगर बेंजीन पे जुड़े हो तो वो बेंजीन को और ज्यादा इलेक्ट्रॉन रिच करते हैं क्यों क्योंकि वो इलेक्ट्रॉन बेंजीन की तरफ और ढके लेंगे बेंजीन के पास और इलेक्ट्रॉन आएंगे इस एल्काइन ग्रुप ch3 से बेंजीन और इलेक्ट्रॉन रिच हो जाएगी और और जल्दी उसके पास एक इलेक्ट्रोफिल आएगा उतनी ही जल्दी इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूट वो दिखाएगा तो यहां पे आपका बेंजीन पे ch3 है यानी आपने टॉलवी लिया है बेंजीन से ज्यादा इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन किसमें देखने मिलेगा बेटा टॉलवी में क्योंकि उसमें एक ch3 ग्रुप और बेंजीन को इलेक्ट्रॉन रिच कर रहा है जिस वजह से उसकी रेट जो है रिएक्शन की बढ़ने वाली है तो बेटा होता क्या है यहां पे जो भी ch3 लगा है बेटा जो भी इलेक्ट्रॉन डोनेटिंग ग्रुप यानी ये प्लस आ वाला इफेक्ट दिखा के ये इलेक्ट्रॉन डोनेटिंग ग्रुप हो गया इसके थों पे इसके थों पे क्या आपको हाइड्रोजन दिखाई दे रहा है यस क्या आपको पैरा पे एक हाइड्रोजन दिखाई दे रहा है यस तो आपको क्या करना है बेटा आपको कुछ नहीं करना है आपको करना क्या है यहां पर आपको ऑर्थो वाले हाइड्रोजन को एक बार बाहर निकालना है क्या करना है ऑर्थो वाले हाइड्रोजन को हम एक बार बाहर निकालेंगे अब यहां पर बेंजीन तो इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन दिखाने वाला है बराबर है अब इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन में मैंने आपसे क्या कहा एक इलेक्ट्रोफिल अगर अंदर आ रहा है दूसरा इलेक्ट्रोफिल बाहर जाना चाहिए तो इलेक्ट्रोफिल आ अब यहां से ये ब्रोमीन और ए है ना बेटा ये मिलके क्या बना देंगे यहां से आपको ब प्स मिलेगा क्या मिलेगा ब प्लस यानी ब्रोमीन पे प्लस चार्ज क्या पॉजिटिवली चार्जड है ये यस मतलब क्या ये नेगेटिवली चार्ज स्पीशीज के पास अट्रैक्ट होगा यस क्या है क्या ये इलेक्ट्रोफिल होगा यस इलेक्ट्रोफिल मतलब समझ लो जिस पे भी पॉजिटिव चार्ज होता है जो भी इलेक्ट्रॉन जिसके पास कम होते हैं उसे हम इलेक्ट्रोफिल कहते हैं तो यहां जो ब प्लस है ये एक इलेक्ट्रोफिल है ठीक है ये अंदर आने वाला है ये एक इनकमिंग इलेक्ट्रोफिल है पर जब तक यह सब्सीट्यूशन कब होगा जब कोई बाहर ग्रुप निकलेगा एक इलेक्ट्रोफिल को बाहर भी जाना पड़ेगा तो इस पूरे बेंजीन में से कौन बाहर जाएगा बेटा याद रखना बेंजीन के जो h होते हैं इन h को हम h+ की तरह बाहर निकालते हैं बेंजीन के ऊपर जो h लगे हुए हैं उन h को हम h+ की तरह बाहर निकाल रहे हैं क्या h प्स की तरह जा रहा है सही सुना आपने क्या यह वो एक इलेक्ट्रोफिल का काम कर रहा है यस यानी एक इलेक्ट्रोफिल आ रहा है जो है आपका ब प् जो लीव कर रहा है इलेक्ट्रोफिलिक ग्रुप वो कौन सा है आपका h+ h+ बाहर निकला ब प अंदर आया h+ बाहर गया ब प अंदर आया तो यहां पे कौन से h+ जाएंगे बेटा देखो अब अब आप बोलोगे मैम सभी पांचों कार्बन पे आपके h+ h h एच h तो है ही है तो सबको निकालेंगे क्या नहीं बेटा सिर्फ औरतों वाले को निकाल देना एक बार ठीक है और दूसरी बार दूसरी बार एक बार औरतों वाले को निकाल दिया उसके बाद पैरा वाले को भी निकालेंगे एक बार औरतों वाले को निकालेंगे एक बार पैरा वाले को निकालेंगे यानी जब भी आप टॉल्विन पे जब भी आप टॉल्विन पे ब्रोमीन और fe2 पे क्या काम कर रहा है बेटा कैटालिस्ट का ठीक है तो ब्रोमीन इन प्रेजेंस ऑफ fe3 के जो अपोजिट में कार्बन है यानी पैरा वाला उस पे ब्रोमो लगेगा प्रोडक्ट का नाम क्या आ गया बेटा टॉल्विन में टॉल्विन में ऑर्थो पे ब्रोमो पैरा पे ब्रोमो आया तो इसका नाम जो है वो हो गया ऑर्थो ब्रोमो टॉल्विन पैरा ब्रोमो टॉल्विन दो प्रोडक्ट्स आपको मिलेंगे क्या आपका अरिल हैलाइड यहां बन गया है देखो दोनों भी क्या बेंजीन पर डायरेक्टली हैलोजन जुड़ा है यस यानी आपके अरिल लाइड्स को बनाने का हम यह तरीका अपना सकते हैं ठीक है सीधा बेंजीन लोगे बेंजीन की भी रिएक्शन हो सकती है बेटा पर क्या होता है बेंजीन के केस में यह ch3 नहीं होगा ch3 नहीं होगा तो उसपे इलेक्ट्रॉन जो है उसके खुद के जो होंगे उतने ही होंगे या एक्स्ट्रा ch3 होने की वजह से वो भी अपने इलेक्ट्रॉन बेंजीन को देके उसे और इलेक्ट्रॉन रिच कर रहा था तो जितना ज्यादा इलेक्ट्रॉन रीच होगा उतना जल्दी br1 आके यहां जुड़ जाएगा रेट बढ़ेगा रिएक्शन का इसलिए हमने टॉल्विन से शुरुआत की थी अरिल हैलाइड बनाने का पहला तरीका है इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन ये हम मोस्टली अरिल क्लोराइड्स और ब्रोमाइड्स के लिए करते हैं फ्लोराइड और आयोडाइड मैंने कल भी बोला था आपको कि अरिल फ्लोराइड और आयोडाइड जो है इनके बारे में हम लोगों को बहुत मुश्किल होता है इनके ज्यादा रिएक्शंस हमें देखने नहीं मिलते एल्काइन लाइड्स के केस में बेटा मैंने आपको थोड़ी देर पहले बताया कि फ्लुराइड्स और आयोडाइड्स के हमने नेम रिएक्शन क्यों देखे क्योंकि उनके बाकी रिएक्शंस में कमियां है बाकी रिएक्शंस बहुत कम है उनके क्लोरीन और ब्रोमीन के ढेरों रिएक्शंस है यह जो मेथड है इससे हम क्लोरीन ब्रोमीन जो है वो सीधा बेंजीन पे ला सकते हैं तो यह ब्रोमीन वाला था ऐसे ही सेम क्लोरीन वाला भी होगा जो दूसरी मेथड है बेटा दूसरी मेथड ये एक नेम रिएक्शन है तो जल्दी से अपनी जो नोटबुक आपने बनाई होगी जैसे मैंने आपको बोला था लेक्चर की शुरुआत में ही कहा था कि नोटबुक जो है आपकी उस नोटबुक में स्पेसिफिकली आपको सिर्फ नेम रिएक्शंस लिखने हैं जो भी किसी साइंटिस्ट के नाम से दिए हैं वो रिएक्शंस आपको वहां नोट करना है तो उसमें से यह और र है कि बेटा ऐड कर लो सैंड मर्स रिएक्शन क्या नाम है रिएक्शन का सैंड मर्स रिएक्शन सैन मियोस रिएक्शन में हम शुरुआत करते हैं इस कंपाउंड से क्या कंपाउंड है बेटा बेंजीन प ch3 था तो उसका नाम क्या दिया मैंने आपको टॉलवी याद कर लो अब बेंजीन पर ch3 के बजाय कौन है बेटा आपका nh2 है nh2 है इसका नाम होता है एनलिन इसका नाम क्या होता है बेटा एनलिन होता है एनलिन यानी आपके बेंजीन प nh2 लगा दो एनलिन बन गया बेंजीन पे nh2 लगा दो एनलिन बन गया इस एनलिन की रिएक्शन बेटा आपको nano2 यानी सोडियम नाइट्राइट nano2 के साथ आपको h एक लेना है h एक यानी h स एब मैंने आपको कल भी बताया था कि एक्स मतलब हम हैलोजन के लिए यूज करते हैं एक्स स एक्स इज क्लोरीन ब्रोमीन कुछ भी हो सकता है तो आपको nano2 और h स h ब ऐसा कुछ लेना है रिएक्शन कितने डिग्री पर करनी है बेटा 0 डिग्री कूलिंग कंडीशन में कूल कंडीशन में कोल्ड कंडीशंस में यह रिएक्शन होगी सन मियस रिएक्शन होगा क्या होगा क्या nh2 ग्रुप जो है सिर्फ और सिर्फ इस पार्ट में रिएक्शन होने वाली है nh2 का क्या बन गया देखो nh2 के बजाय n2 + x माइ बनेगा क्या बनेगा n2 + x - अब बेटा बात ऐसी है नाइट्रोजन को अजा भी कहते हैं नाइट्रोजन का नाइट्रोजन के लिए आपको कभी-कभी नाम लिखते वक्त कोई कंपाउंड होंगे जिसमें आपको अजा यह नाम देखने मिलेगा कौन सा ए ए अजा नाइट्रोजन को ही अजा ग्रुप या अजा ऐसे हम बोलते हैं कभी-कभी कुछ-कुछ कंपाउंड्स में तो बेटा दो नाइट्रोजन है तो डाज हो गया क्या हो गया डाय अजा ठीक है अब हुआ क्या बेंजीन पे क्या आपको बेंजीन पे रिएक्शन होने के बाद दो नाइट्रोजन यहां पे जुड़े हुए दिख रहे हैं यस पर दो नाइट्रोजन अकेले नहीं है बेटा उन परे प्लस चार्ज भी है यानी वो आयन बना है वहां पे तो इसे हम क्या कहेंगे इसे हम कहेंगे बेंजीन डाइजोन एम सॉल्ट क्या कहेंगे बेंजीन डाइजोन एम सॉल्ट क्यों नाम है ऐसा बेटा ये आपकी बेंजीन ये आपका डाइजोन एम वाला ग्रुप सॉल्ट क्यों कहा है बेटा सॉल्ट मतलब आप देख लो [प्रशंसा] पास आता है एक सॉल्ट बनता है क्या आपको प्लस माइनस सात दिख रहे हैं यस यानी क्या हम इसे सॉल्ट कह सकते हैं क्यों नहीं कह सकते यह आपका बेंजीन डायजो नियम सॉल्ट है कौन सा सॉल्ट है बेटा बेंजीन डायजो नियम सॉल्ट तो सैंड मियोस रिएक्शन की पहली स्टेप होती है एनलिन से बेंजीन डाइजोन सॉल्ट बनाना एनलिन से बेंजीन डाइजोन सॉल्ट बनाना होती है सन मियोस रिएक्शन की पहली स्टेप दूसरी स्टेप क्या है बेटा देखो ढेर सारे कंडीशंस हम यूज कर सकते हैं अलग-अलग तरह के रिएक्शंस हो सकते हैं एक बार आपका ये बेंजीन डाइजोन सॉल्ट बन गया ना बेटा इसके बहुत सारे यूसेज हो सकते हैं आप बेंजीन डाइज नियम सॉल्ट लो उसकी रिएक्शन कॉपर क्यूप्रों भी ये x है बेटा जो भी ये x है यहां पर वो एक सीधा-सीधा उस n2 प की जगह आके लग जाएगा यानी आपका यह वाला जो ग्रुप है बेटा यह उड़ जाने वाला है यह जो ग्रुप है n2 एक वाला यह निकल जाएगा देखो क्या आपको सभी जगह n2 n2 n2 दिख रहा है n2 मतलब क्या है बेटा नाइट्रोजन गैस है नाइट्रोजन गैस है वो उड़ जाएगी वो निकल जाएगी बाहर आपका बेंजीन डायजो नियम सॉल्ट अगर हम अलग-अलग तरह के रिएक्शंस उसपे करवाते हैं सभी रिएक्शंस में n2 गैस जो है वो बाहर जाती है n2 गैस बाहर उड़ जाती है निकल जाती है तो हमने यह लिया बेंजीन डाइसो नियम सॉल्ट कॉपर x के साथ क्यूप हैलाइड के साथ रिएक्शन करवाई जो भी क्यूप ये जो x होगा ना बेटा सीधा इस n2 प् x माइ को हटा देना उसकी जगह x लगा देना अगर आपने के लिया क्या लिया के लिया इस के में से आपका आ आएगा वहां पे य n2 प् x माइ बाहर जाएगा c ले लो क साइनाइड ले लो क्या होगा स ए जो ग्रुप है यह पूरा साइनो ग्रुप जो हो जिसे हम कहते हैं ये जो स ए ग्रुप है ना बेटा इसको हम क्या कहते हैं इसको हम साइनो ग्रुप कहते हैं तो ये साइनो ग्रुप आ जाएगा n2 + x माइ की जगह ले लेगा आपका यह कंपाउंड बन गया यहां पे लास्ट वाला है बेटा लास्ट वाला जो है उसमें हम एक्वियस सल्फ्यूरिक एसिड ले रहे हैं क्या ले रहे हैं एकस h2so फ डाइल्यूट h2so फ हम ले रहे हैं हीटिंग कर आएंगे क्या होगा सीधा गा n2 + x - बाहर जाएंगे यानी आपको देखना क्या है बेटा सैंड मूज रिएक्शन में क्या आपके बेंजीन पे सीधा-सीधा x यानी हैलाइड आपका आयोडाइड है ना ये सब ग्रुप्स लग रहे हैं हमें देखो हम पढ़ तो रहे हैं हैलोजन डेरिवेटिव्स तो उसमें हमें यह वाला पार्ट आपको नहीं है जरूरी हम क्या देख रहे हैं हैलोजन डेरिवेटिव्स को बनाने के तरीके तो हैलोजन डेरिवेटिव पहली दो में ही बने हैं सही है पर फिर भी बे बेटा इनको भी सैंड मज रिएक्शन में गिना जाता है कोई भरोसा नहीं है कभी भी रिएक्शन सामने आ जाए है ना तो देखो सभी सेम ही है लगभग तो इतनी कोई मुश्किल तो आएगी नहीं याद रखने में तो याद रखना क्यूप x के साथ आपका x आएगा n2 प् माइन x माइन को सीधा उड़ा देना जहां भी आपका n2 + x माइ है ना बेटा उसकी जगह पे x और k लिया तो आयोडीन लगा देना खत्म काम c ए हुआ तो साइनो लगा देना एक्स आपका सल्फ्यूरिक एसिड हुआ तो कु लगा देना n2 गैस हर जगह इवॉल्व होती है तो इन तरीकों से दो तरीकों से हमने अरिल एलाइट्स का प्रिपरेशन देखा एक थी आपकी इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन वाली ठीक है और दूसरी आपकी वहां पे र्थ पैरा प्रोडक्ट्स बनते हैं याद रखना ऑर्थ और पैरा पे बनता है अगर टॉल्विन से शुरुआत करते हो तो और आपकी सैंड मज रिएक्शन है दूसरी मेथड जिसमें आपका एक् जो है वह अलग-अलग हो सकता है क्यूप हैलाइड आपको लेना है पहली स्टेप में हमेशा याद रखना बेंजीन डाइसो नियम सॉल्ट बनता है अब बात करते हैं आगे अब हमें देखने हैं कुछ फिजिकल प्रॉपर्टीज बेटा किसके एल्काइन लाइड्स के और अरिल हैलाइड के फिजिकल प्रॉपर्टीज और केमिकल प्रॉपर्टीज में फर्क क्या है बेटा मैंने आपको बताया ऑलरेडी कि फिजिकल प्रॉपर्टीज मतलब जैसे आपका मेल्टिंग पॉइंट हो गया सॉल्युबिलिटी हो गई बॉयलिक हो गया है ना यह सब कुछ कलर हो गया टेस्ट हो गया ऑर्डर हो गया यह सब फिजिकल प्रॉपर्टीज और केमिकल प्रॉपर्टीज अगर हम बात करें केमिकल प्रॉपर्टीज में आते हैं आपके केमिकल रिएक्शंस अगर कोई भी मान लो मैंने एक एल्काइन हैलाइड लिया उस एल्काइन हैलाइड के अगर मैंने कह दिया बेटा जा इसके केमिकल प्रॉपर्टीज ढूंढ के ला तो केमिकल प्रॉपर्टीज यानी आपको उस पर अलग-अलग केमिकल रिएक्शंस करवाने होंगे और वो उसके केमिकल प्रॉपर्टीज होंगे पर फिजिकल प्रॉपर्टीज में आपको कोई रिएक्शन करवाने की जरूरत नहीं होती है या मेल्टिंग पॉइंट सॉल्युबिलिटी बॉलिंग पॉइंट कैसा बॉन्ड है कैसा टेस्ट है कैसा कलर है कैसी ऑर्डर है यह सब कुछ बता दो फिजिकल प्रॉपर्टीज हो गई तो बेटा पहली फिजिकल प्रॉपर्टी है इंटरमॉलिक्युलर फोर्सेस कौन से फोर्सेस इंटरमॉलिक्युलर फोर्सेस मान लो एक आपने एक बीकर भर के एक एल्काइन हैलाइड लिया है एक बीकर लिया उसमें पूरा आपने एल्काइन हैलाइड ले लिया आपका क्या होगा बेटा मुझे बताओ क्या होगा उसमें क्या एक ही मॉलिक्यूल होगा क्या आर एकस वाला सिर्फ एक ही मॉलिक्यूल घूम रहा होगा पूरे बीकर में नहीं ढेर सारे मॉलिक्यूल वहां होंगे आर एक आर एक आर एक आर एक आर एक जो भी आर एक आपने लिया होगा उसके बहुत सारे मॉलिक्यूल आपस में एक दूसरे के सामने आएंगे बराबर है तो उन दो मॉलिक्यूल के बीच में कैसे फोर्सेस होते हैं वो मतलब आपका इंटरमॉलिक्युलर फोर्सेस इंटर मॉलिक्यूलर दो मॉलिक्यूल के बीच के फोर्सेस तो पहले बेटा देखो बॉन्ड कैसा है आपके एल्काइन लाइड्स का अगर आप बॉन्ड देखते हो यह बहुत ही इंपोर्टेंट है मैंने आपसे बताया है कि बेटा देखो अगर कभी भी कोई सवाल आपके सामने आता है उस सवाल में अगर आपको कार्बन हैलोजन का बॉन्ड दिखता है कार्बन का किसी भी हैलोजन के साथ अगर आपको बॉन्ड दिखाई दिया आपके क्वेश्चन में तो समझ लेना जल्दी से हैलोजन डेरिवेटिव्स वाला ये टॉपिक याद कर लेना यानी बेटा कौन सा बॉन्ड इंपॉर्टेंट है हैलोजन डेरिवेटिव चाहे वो एल्काइन हो या अराइल हो किसी भी तरह का हैलोजन डेरिवेटिव ले लो कार्बन हैलोजन ब बॉन्ड को जानना जरूरी है क्योंकि वो वहां होगा ही होगा तो कार्बन हैलोजन बॉन्ड का हमने एक बार स्टडी कर लिया मतलब अपनी नैया पार है ठीक है तो कार्बन हैलोजन का ये जो बॉन्ड होता है बेटा ये कैसा होता है देखो मॉडरेटली पोलर होता है और कोवलेंको वेलेंट बॉन्ड मतलब आपको पता ही है इलेक्ट्रॉन के शेयरिंग से बनता है कार्बन की अगर हम बात करें कार्बन आयोनिक बॉन्ड नहीं कोवलेंको कार्बन हैलोजन का बॉन्ड कोवलेंको क्यों कह रहे हैं हम पोलर क्यों कह रहे हैं क्योंकि देखो बेटा कोवलेंको वेलेंट बॉन्ड एक होता है नॉन पोलर कोवलेंको उल्टा पूरा तो पोलर कोवलेंको वेलेंट बॉन्ड जैसे यहां पे बोलोगे मैम ये क्या चल रहा है यार ठीक है आपने बोल दिया ये कोवलेंको यहां पे आपको दिखने चाहिए पोल्स यानी एक आपका पॉजिटिव वाला पोल एक आपका नेगेटिव वाला पोल होता क्या है बेटा होता क्या है कोवलेंको के बीच में मान लो ये बॉन्ड बना था तो एक इलेक्ट्रॉन कार्बन ने दिया होगा एक आपके हैलोजन एक् ने दिया होगा दोनों ने एकएक इलेक्ट्रॉन दिया तो वो दो इलेक्ट्रॉन होने का चाए बेटा एकदम बॉन्ड के सेंटर में बीचोबीच होने चाहिए ना ज्यादा इसके तरफ ना ज्यादा उसके तरफ बराबर है पर ऐसा ऐसा होता नहीं है ऐसा होता नहीं है कोवलेंको दिया था फिर भी बात ऐसी होती है हैलोजन जो है हैलोजन जो होते हैं उनकी इलेक्ट्रोनेगेटिविटी कार्बन से ज्यादा होती है हम लोग जब लेफ्ट टू राइट जाते हैं लेफ्ट टू राइट जाते-जाते इलेक्ट्रोनेगेटिविटी बढ़ती है कार्बन पहले आता है लेफ्ट में होता है हैलोजन आपके राइट में है तो हैलोजन की इलेक्ट्रोनेगेटिविटी कार्बन से ज्यादा हो गई हैलोजन की इलेक्ट्रोनेट टी अगर ज्यादा है बेटा तो वो क्या करेगा इन दोनों इलेक्ट्रॉन को बीच में नहीं रहने देगा वो बोलेगा यार तुम मेरे पास आओ इलेक्ट्रोनेगेटिविटी जिसकी ज्यादा वो इलेक्ट्रॉन को अपनी तरफ खींच लेता है तो यह हैलोजन इन दोनों इलेक्ट्रॉन को अपनी तरफ खींचेगा तो अब होगा क्या बेटा होगा क्या इलेक्ट्रॉन पूरी तरह हैलोजन ने नहीं लिए पर इलेक्ट्रॉन जो है थोड़े से हैलोजन की तरफ आ गए तो अगर आप ऊपर से देखोगे एकदम अंदर घुस के नहीं ऊपर ऊपर से अगर हम देखेंगे तो हमें क्या लगेगा कि इलेक्ट्रॉन तो पूरे हैलोजन के पास है पूरा अंदर जाके नहीं देख रहे बेटा हम ऊपर से देख रहे हैं हैलोजन को भी क्या फील होगा यार ये दोनों तो मेरे पास ही आ गए पूरी तरह नहीं आए बेटा फिर भी उसने अपनी तरफ खींचा है ना थोड़ा कार्बन से दूर चले जाएंगे हैलोजन के पास आ जाएंगे तो हैलोजन को लगने लगेगा यार मेरे पास इलेक्ट्रॉन ज्यादा है ज्यादा इलेक्ट्रॉन है तो वो सोचेगा मेरे पे नेगेटिव है तो वो पार्शल नेगेटिव होगा पूरी तरह नेगेटिव कब होता अगर ये दोनों को अपनी तरफ ही ले लेता और बॉन्ड टूट जाता पर बॉन्ड है यानी इलेक्ट्रॉन अभी पूरी तरह x के पास नहीं आए तो उसको लगेगा थोड़ा-थोड़ा नेगेटिव चार्ज है यानी पार्शियल नेगेटिव जो हम डेल्टा माइनस से दिखाते हैं कार्बन से इलेक्ट्रॉन दूर गए कार्बन से इलेक्ट्रॉन अगर दूर जाने लगे तो उसको लगेगा या मेरे इलेक्ट्रॉन गए गए गए और उसे लगेगा यार मैं थोड़ा-थोड़ा सा मेरे पे पॉजिटिव चार्ज आ रहा है इलेक्ट्रोंस की कमी हो रही है पॉजिटिव चार्ज पार्शियल पॉजिटिव कार्बन पे हमेशा होगा पार्शल पॉजिटिव आपके हैलोजन पे हमेशा होगा पार्शल नेगेटिव पॉजिटिव नेगेटिव दो पोल्स वहां तैयार हुए यानी यह बॉन्ड कौन सा हुआ बेटा आपका पोलर कोवलेंको एलाइड जो या अरिल हैलाइड जो सब में कार्बन हैलोजन का बॉन्ड होगा किस तरह का बॉन्ड है वो पोलर कोवलेंको को बदलो फ्लोरीन की जगह क्लोरीन रखो क्लोरीन की जगह ब्रोमीन ब्रोमीन की जगह आयोडीन रखो बताओ मुझे सबसे बड़ी साइज किसकी होगी फ्लोरीन सबसे टॉप पे आता है फिर क्लोरीन उसके नीचे है फिर उसके नीचे ब्रोमीन आता है और सबसे नीचे पीरियोडिक टेबल में ग्रुप में होता है आयोडीन टॉप टू बॉटम फ्लोरीन से आयोडीन की तरफ हम जाते हैं तो साइज बढ़ता है साइज हैलोजन का बढ़ता है जैसे जैसे बेटा इस हैलोजन का साइज बढ़ता जाएगा हैलोजन का साइज जैसे-जैसे बढ़ेगा कार्बन और हैलोजन का जो बॉन्ड है उसकी भी लेंथ बढ़ती जाएगी बॉन्ड लेंथ क्या होगी बढ़ेगी और बॉन्ड जैसे-जैसे उसकी लेंथ बढ़ती है बॉन्ड कम जोर होता है बॉन्ड की स्ट्रेंथ कम होती है आपको पता ही होगा लंबा बॉन्ड जो है उसे तोड़ने में ताकत कम लगती है उसकी स्ट्रेंथ कम होती है वो कमजोर होता है पर छोटा बॉन्ड जो होगा जितना छोटा बॉन्ड उतना स्ट्रांग बॉन्ड एस फॉर शॉर्ट एस फॉर स्ट्रांग मैंने आपको और भी एक एस एस बताया था है ना ए फॉर सिग्मा ए फॉर स्ट्रांग बताया था अब दूसरा s स् याद करो s फॉर शॉर्ट s फॉर स्ट्रांग जितना शॉर्ट बॉन्ड उतना स्ट्रांग बॉन्ड शॉर्ट बॉन्ड होने के लिए x की साइज छोटी होनी चाहिए यानी कार्बन और फ्लोरीन का बॉन्ड सबसे मजबूत होगा कार्बन आयोडीन का बॉन्ड सबसे कमजोर होगा और लेंथ जो है वो लेंथ किसकी ज्यादा होगी बेटा कार्बन आयोडीन के बॉन्ड की लेंथ ज्यादा होगी साइज जैसे बढ़ेगी ना एटम की बॉन्ड की लेंथ बढ़ने वाली है ठीक है दूसरा पॉइंट है बेटा बॉयलिक पॉइंट का दूसरी फिजिकल प्रॉपर्टी तो याद रखना याद रखना चाहे कहीं भी चले जाओ आप किसी भी कोने में चले जाओ मॉलिक्यूल मास जब बढ़ता है मॉलिक्यूल का मास जब बढ़ता है उसका बोइंग पॉइंट बढ़ता है मॉलिक्यूलर मास बढ़ेगा तो बोइंग पॉइंट बढ़ेगा मान लो एक एल्काइन हैलाइड है जिसमें दो कार्बन और एक फ्लोरिन है क्या है उसमें दो कार्बन और एक फ्लोरिन ठीक है क्या लिया मैंने एक अल्का एलाइड लिया जिसमें दो कार्बन और एक फ्लोरिन है और दूसरा अल्का एलाइड मैंने आपको दिया जिसमें दो कार्बन और एक आयोडीन है अब बताओ बेटा उनके कार्बन तो सेम है कार्बन सेम में तो मास जो कार्बन की वजह से आने वाला है वो भी सेम होगा पर हमने जब हैलोजन बदला है किस हैलोजन का मास ज्यादा होगा बताओ फ्लोरीन से ज्यादा क्लोरीन का क्लोरीन से ज्यादा ब्रोमीन का ब्रोमीन से ज्यादा आयोडीन का टॉप टू बॉटम मास भी बढ़ता है एटॉमिक मास बढ़ता है फ्लोरीन से ज्यादा मास किसका होगा आयोडीन का तो वो एल्काइन हैलाइड जिसमें आयोडीन होगा फ्लोरीन की जगह उसका भी मास ज्यादा होगा यानी ऐसा एल्काइन हैलाइड जिसमें आपका कार्बन आयोडीन से जुड़ा है उसका मास ज्यादा ही होने वाला है उसका मास ज्यादा होगा तो बॉयलिक पॉइंट भी ज्यादा होगा पर एक पॉइंट है बेटा बॉयलिक इज इन्वर्सली प्रोपोर्शनल टू ब्रांचिंग यह फार्मूला को दिमाग में एकदम से सेव कर लो क्लिक करोम ऐसे थोड़ी देर के लिए स्टेयर करो क्लिक आंखें बंद दिमाग में सेव करो क्या है बेटा ब्रांचिंग के साथ बॉयलिक कम होता है ब्रांचिंग अगर बढ़ेगी स्ट्रक्चर में स्ट्रक्चर बंचिंग बढ़ती जाएगी तो बॉलिंग पॉइंट कम होने वाला है मान लो पांच कार्बन है आपके इस एल्काइन हैलाइड में ठीक है एक दो तीन चर पाच और इसमें फ्लोरीन लगा है ओके और एक अल्का हैलाइड मैंने आपको लिख दिया वो ऐसा है क्या यहां पर भी पांच कार्बन और एक फ्लोरीन है यस यहां पर भी पांच कार्बन एक दोती च पा हा और एक फ्लोरिन है कार्बन और फ्लोरिन अगर सेम हुए तो मॉलिक्यूलर मास सेम हो हो गया अब बॉयलिक पॉइंट कैसे कंपेयर करेंगे तो बॉयलिक पॉइंट के लिए देखो यहां सभी कार्बन और फ्लोरिन एक स्ट्रेट चेन में ब्रांचिंग है कोई नहीं यहां पे ब्रांचिंग है यहां पे ब्रांचिंग आई जैसे ही ब्रांचिंग आएगी बॉयलिक कम होगा यानी इन दोनों में से ज्यादा बॉयलिक पॉइंट होगा इस वाले का इसका कम होने वाला है बॉयलिक मास के साथ बढ़ता है ब्रांचिंग के साथ कम होता है यह है आपका आज का अगला रूल अग फार्मूला अगली बात है बेटा आपके सॉल्युबिलिटी की किसकी बात कर रहे हैं हम सॉल्युबिलिटी की तो सॉल्युबिलिटी की अगर हम बात करें तो आपके ऑर्गेनिक कंपाउंड है ये है ना एल्काइन एलाइड हो या फिर अरिल एलाइड हो देखो कार्बन है उनमें कार्बन है मतलब वो ऑर्गेनिक कंपाउंड्स है सही बात है ऑर्गेनिक कंपाउंड्स जो होते हैं वो वाटर में इनसोल्युबल होते हैं कुछ-कुछ एक्सेप्शन है जहां-जहां आएंगे मैं आपको बताती जाऊंगी पर याद रखो एल्काइन लाइड्स और कंपाउंड्स है वो वाटर में सॉल्युबल नहीं होते ठीक है आगे क्या है बेटा ऑर्गेनिक सॉल्वेंट ले लो पानी के बजाय क्या पानी में कोई कार्बन होता है क्या h2o होता है पानी का फार्मूला क्या उसमें कोई कार्बन है नहीं यानी वो ऑर्गेनिक सॉल्वेंट नहीं है तो पानी के बजाय कोई ऑर्गेनिक सॉल्वेंट ले लो ऑर्गेनिक सॉल्वेंट यानी वो सॉल्वेंट जिसमें खुद में कार्बन होना चाहिए आपके एल्काइन और रील हैलाइड खुद ऑर्गेनिक कंपाउंड्स है हैं वो किसमें डिजॉल्ड्रिंग सॉल्वेंट को ले लो उसमें डिजॉल्ड्रिंग निक सॉल्वेंट्स में वो भी सॉल्युबल होते हैं यानी एल्काइन हैलाइड हो या अरिल हैलाइड हो बेटा सभी हैलोजन डेरिवेटिव्स पानी में सॉल्युबल नहीं होते ऑर्गेनिक सॉल्वेंट्स में सॉल्युबल होते हैं ये हुई उनकी सॉल्युबिलिटी की बात अब बेटा हमें ना डाई हैलो बेंजीन जो है उनके मेल्टिंग पॉइंट और बॉयलिक के बारे में थोड़ा देखना है डाई हैलो बेंजीन का आपको मैंने थोड़ी देर पहले नोमेनक्लेच्योर मैं दूसरे वाला ले लूं उसमें मेटा वाला डाई हैलो ले लेती हूं यानी एक एक् इधर और उसके मेटा पे दूसरा एक मैंने मेटा डाई हैलो बेंजीन ले लिया अब तीसरा केस क्या करेंगे बेटा अब पैरा वाला ले लेंगे तीसरे केस में क्या करेंगे पैरा वाला ले लेंगे तो ये तीन तरह के डाई हैलो बेंजीन होते हैं ऑर्थो मेटा और पैरा इन सब में से अगर आप मेल्टिंग पॉइंट का ऑर्डर देखते हो तो मेल्टिंग पॉइंट पैरा का ज्यादा होता है औरतों का फिर पेटा का ऐसा क्यों बेटा क्योंकि ऑर्थो अगर आप पैरा वाले को देखते हो किसको देखते हो आप पैरा वाले को क्या पैरा वाले इसमें आपको यह आधा बीच में से अगर मैं कट कर दूं क्या ये दो इक्वल पार्ट्स में डिवाइड हो रहा है यस क्या इसमें सिमेट्री है यस ये सिमिट्रिकल है बेटा सिमिट्रिकल होगा तो उसके मॉलिक्यूल को अलग करना डिफिकल्ट होगा जिस वजह से उसका मेल्टिंग पॉइंट ज्यादा होगा तो पैरा वाले का डा हैलो बेंजीन में से पैरा वाले का सबसे ज्यादा होता है फिर मेटा फिर औरतो फिर मेटा पर अगर हम बॉयलिक की बात करें बेटा बॉयलिक की तो बॉयलिक लगभग उनके सेम होते हैं सिमिलर से बॉयलिक पॉइंट है ज्यादा फर्क नहीं है बॉयलिक में ज्यादा फर्क नहीं है क्योंकि मास भी उनका सेम है बेटा ब्रांचिंग की बात तो यहां आती ही नहीं है मास सेम होने की वजह से बॉयलिक लगभग सेम होता है पर मेल्टिंग पॉइंट में फर्क दिखता है मेल्टिंग पॉइंट पैरा का सबसे मैक्सिमम होगा क्योंकि उसमें सिमेट्री सबसे ज्यादा है और कोई फिजिकल प्रॉपर्टी है बेटा अब फिजिकल प्रॉपर्टीज का हो चुका है खात्मा यहीं पर फिजिकल प्रॉपर्टीज देख लिए मेथड्स ऑफ प्रिपरेशन देख लिए एल्काइन लाइड्स के अरिल लाइड्स के उनकी फिजिकल प्रॉपर्टीज की बात कर ली सॉल्युबिलिटी बॉयलिक मेल्टिंग पॉइंट उनका जो भी हमने बॉन्ड है उसका नेचर पढ़ लिया पोलर कोवलेंको की किसम बेटा हैलोजन डेरिवेटिव्स में आप लोगों ने आइसोमर्स यह शब्द तो सुना होगा आइसोमर्स मतलब हम उन कंपाउंड्स को आइसोमर्स कहते हैं बेटा जिनका मॉलिक्यूलर फार्मूला सेम होता है पर उनका स्ट्रक्चरल फार्मूला डिफरेंट होता है दो मॉलिक्यूल है उनका मॉलिक्यूलर फार्मूला सेम है सेम कार्बन है सेम हाइड्रोजन है सब मॉलिक्यूलर फार्मूला पूरा डिक्टो मैच हो रहा है पर उनका स्ट्रक्चर जो है वो अलग दिख रहा है उन्हें हम क्या कहते हैं बेटा उन्हें हम आइसोमर्स कहते हैं क्या कहते हैं उनको हम आइसोमर्स कहते हैं और यह जो फेनोमेनो है उसे हम आइसोमरिज्म कहते हैं पर बेटा ये जो ऑप्टिकल आइसोमरिज्म है ऑप्टिकल आइसोमरिज्म जो होता है वो आपके नॉर्मल आइसोमर से थोड़ा अलग है ऑप्टिकल आइसोमेट ज्म शब्द आ रहा है आइसोमेट ज्म मतलब बताइ है मॉलिक्यूलर फॉर्मूला जब तक सेम नहीं होगा तब तक और उनका स्ट्रक्चर जब तक अलग नहीं होगा तब तक हम उसे आइसोमर तो कह नहीं सकते आइसोमरिज्म के कह रहे हैं हम ऑप्टिकल आइसोमेट जम भले ही ये ऑप्टिकल शब्द आया है बेटा आइसोमेट म शब्द तो वही है आइसोमेट ज्म कब त कब होगा जब मॉलिक्यूलर फार्मूला सेम होगा यानी यहां पर भी आपको दो आइसोमर्स की ही बात करनी है दो ऐसे मॉलिक्यूल की जिनका मॉलिक्यूलर फार्मूला सेम होने वाला है पर उनमें फर्क क्या रहने वाला है वो मैं आपको बताती हूं मान लो ए और बी दो मॉलिक्यूल हैं उन्हें आप एक दूसरे के ऑप्टिकल आइसोमर्स कब कहोगे आप आप उन दोनों को एक दूसरे के ऑप्टिकल आइसोमर्स कब कहोगे उसका सवाल हम अब मैं आपको जवाब आगे दूंगी यह सवाल है पेंडिंग रखो इसे यह कांसेप्ट देखने के बाद मैं आपको बताऊंगी कि दो मॉलिक्यूल को आपस में एक दूसरे का ऑप्टिकल आइसोमर कब कहा जाता है ठीक है तो बेटा देखो पहला पॉइंट क्या है कायरल एटम का और मॉलिक्यूलर कारलेट का अब शायद से आपके लिए यह कायरल शब्द नया हो होगा मे बी ही पहली ऐकला असेल की कायरल हा शब्द पहली आला असेल तुमचा समोर तर बाया कायरल कार्बन किव कायरल एटम कायरल एटम या कायरल कार्बन का मतलब क्या है पहले वो देखो मैंने यहां पर य जो कार्बन ड्र किया है बेटा यह वाला उस परे एक स्टार लगा है यह स्टार मतलब मैंने अपने मर्जी से कुछ हाईलाइट करने को ड्राइंग का मन किया इसलिए नहीं लगाया है कायरल कार्बन को कायरल कार्बन को दिखाने का यह तरीका होता है जब भी आपका कार्बन कायरल हो उस परे एक स्टार लगा दो तो आपका कायरल कार्बन यहां पे यह वाला है अब कायरल कार्बन होता क्या है तो कायरल कार्बन मतलब वो कार्बन जिसके चार बॉन्ड्स जो वो बना रहा है वो अलग-अलग एटम्स अलग-अलग ग्रुप्स के साथ होने चाहिए यानी क्या आपको इस कार्बन पे ए बी डी और ई चार अलग-अलग ग्रुप्स दिख रहे हैं यस चार अलग-अलग ग्रुप्स अगर आपके इसका कार्बन पे होंगे तो इसे आप बिंदास कायरल कार्बन बोल देना क्या बोलोगे कायरल कार्बन बोलोगे और आपका अगर पूरा मॉलिक्यूल है मान लो उस मॉलिक्यूल में मान लो 10 कार्बन है कितने कार्बन है बेटा 10 कार्बन वाला आपका मॉलिक्यूल है उन 10 कार्बन में से हर कार्बन तो कायरल होगा या नहीं होगा वो नहीं पता अगर एक भी कायरल कार्बन उस पूरे 10 कार्बन में से कहीं हुआ तो आप आपके पूरे मॉलिक्यूल को कायरल कहोगे क्या कहोगे पूरे मॉलिक्यूल को कायरल कहोगे बेटा मान लो एक एल्काइन हैलाइड मैं ले रही हूं क्या ले रही हूं एक एल्का हैलाइड मान लो कार्बन है कार्बन के ऊपर मान लो यहां पर हाइड्रोजन जुड़ा हुआ है ठीक है और क्या है यहां पर का कार्बन पर एक क्लोरीन जुड़ा है और यहां पर आपके कार्बन पर क्या निकाल रही हूं मैं मान लो एक ch3 ग्रुप लगा दिया क्या लगा दिया एक ch3 लगा दिया और मान लो और इस कार्बन पर मैंने क्या लगा दिया अब c25 वाला ग्रुप भी लगा दिया ये कार्बन क्लोरीन का बॉन्ड आपको दिख रहा है यानी कार्बन हैलोजन का बॉन्ड है यानी हैलोजन डेरिवेटिव है क्या आपको यह कार्बन कायरल लग रहा है देखो h दो कार्बन यहां या c2h 5 है यहां ch3 है यहां स है चार अलग-अलग ग्रुप्स यहां आपके इस वाले कार्बन पे है यानी यह कार्बन कायरल हुआ तो उस पे मैं स्टार लगाऊंगी तो आपके जो हैलोजन डेरिवेटिव्स होते हैं बेटा हैलोजन डेरिवेटिव्स में हर बार जरूरी नहीं है कि कार्बन कायरल ही हो पर चांसेस हो सकते हैं कि आपका कार्बन कायरल हो सकता है इसीलिए आपको कायरल कार्बन पहचानना आना चाहिए कैसे पहचानोगे बेटा उसके चार बॉन्ड्स देख लो उसने किस-किस के साथ बनाए हैं अगर चारों भी ग्रुप अलग हुए तो उसे कायरल कहना अगर मान लो बेटा इस ch3 की जगह और एक हाइड्रोजन मैं लगा दूं इस ch3 के बजाय अगर मैंने और एक हाइड्रोजन लगाया अब दो हाइड्रोजन सेम हो गए दो हाइड्रोजन अगर सेम हो गए बे दो हाइड्रोजन अगर सेम हो गए तो अब व कायरल कार्बन नहीं होगा तो यह था कायरल कार्बन के बारे में अगला जो हमको पढ़ना है वो है प्लेन पोलराइज लाइट वाला ये टर्म क्या होती है इसका मीनिंग क्या होता है वो बेटा देखो मैं आपको ऑप्टिकल आइसोमरिज्म पूरा बताऊंगी पर उसके लिए जो इंपॉर्टेंट कुछ कॉन्सेप्ट्स है वो समझने से पहले हमें जो कांसेप्ट देखने हैं उनको पहले समझते हैं ऑप्टिकल आइसोमरिज्म में डायरेक्टली चलांग नहीं लगाएंगे उससे पहले जो जो कांसेप्ट चाहिए जो क् होना चाहिए वो क्लियर करते हैं फिर ऑप्टिकल आइसोमेट जम की तरफ जाएंगे तो बेटा दूसरा है आपका प्लेन पोलराइज लाइट अब जो ऑर्डिनरी लाइट होती है मान लो यह वाली लाइट कैसी है बेटा ऑर्डिनरी लाइट है ऑर्डिनरी लाइट में हर तरफ में उसके रेज जो है वो बिखरे होते हैं हर प्लेन में इस वाली प्लेन में उस वाली प्लेन में ऊपर नीचे हर प्लेन में आपके रेज जो है वो बिखरते हैं एक ऑर्डिनरी लाइट के कौन सी लाइट के ऑर्डिनरी लाइट के इस ऑर्डिनरी लाइट को निकोल प्रिज्म से पास करो क्या करो ऑर्डिनरी लाइट को लो और निकोल प्रिज्म में से उसे पास करो मान लो ये निकोल प्रिज्म है आपकी ऑर्डिनरी लाइट यानी नॉर्मल लाइट लो उसको यहां से पास करो निकोल्स प्रिज्म की प्रॉपर्टी क्या होती है बेटा निकोल्स प्रिज्म क्या करता है निकोल्स प्रिज्म सभी प्लेन वाले रेस को अपने थ्रू जाने नहीं देता वो सिर्फ और सिर्फ एक ही प्लेन वाले रेस को आगे जाने देगा मान लो इस प्लेन वाली ये निकोल है वो सिर्फ इस प्लेन में जाने वाली रेज को अलाव करता है ठीक है ये आई पहली रे है वो उस प्लेन में वो चला गई ये आई दूसरी ये उस प्लेन में नहीं है तो वो उसको नहीं जाने देगा वो उसको रिवर्स भेज देगा यानी अब आपकी जो भी रेज आगे मिलेंगी वो सभी इसी प्लेन में होंगी सभी एक ही प्लेन वाली रेज होंगी तो इसे हम अब क्या कहेंगे ये जो लाइट यहां पे आएगी जो निकल्स प्रिज्म में से बाहर लाइट आने वाली है उसका नाम हो जाएगा प्लेन पोलराइज लाइट निकोल्स प्रिज्म ने क्या किया ऑर्डिनरी लाइट को कन्वर्ट कर दिया है प्लेन पोलराइज लाइट में प्लेन पोलराइज लाइट यानी वो लाइट जिसमें हर डायरेक्शन में आपके रेज नहीं होते सिर्फ एक ही डायरेक्शन के रेज आपको मिलेंगे अब ये भी जरूरी नहीं है बेटा कि इसी प्लेन वाले मिलेंगे सिर्फ इसी प्लेन वाले भी हो सकते हैं वो डिपेंड करता है तो आपको सिर्फ ये समझना है आपकी देखो यही वाले जो ऐसे वाले रेज होंगे ना सिर्फ वही आगे आएंगे जो भी इससे मिलते-जुलते नहीं होंगे जो अलग तरह के होंगे वो निकोल प्रिज्म वापस भेज देगा आगे आने वाली लाइट को हम बोल देंगे प्लेन पोलराइज लाइट एक हमने समझा कायरल कार्बन कायरल एटम के बारे में दूसरा हमने समझा है अब पीपीएल मैं इसको क्या कहूंगी पीपीएल यानी प्लेन पोलराइज लाइट कह दूंगी ठीक है आगे चलते हैं अब हमें पढ़ना है ऑप्टिकल एक्टिविटी के बारे में किसके बारे में बेटा ऑप्टिकल एक्टिविटी के बारे में तो होता क्या है होता क्या है आपने मान लो एक बीकर लिया क्या किया आपने एक बीकर ले लिया मान लो यह वाला बीकर है इस बीकर में आपने एक ए नाम का सब्सटेंस लिया उसका सॉल्यूशन ले लिया यानी उसको किसी सॉल्वेंट में मिक्स किया उसका सॉल्यूशन बना लिया और वो इस बीकर में आपने ले लिया अब आपने क्या किया बेटा अब आपने क्या किया जो वो निकोल्स प्रिज्म से बाहर प्लेन पोलराइज लाइट आई थी बेटा उसमें देखो ऐसे बहुत सारे रेज होंगे वो प्लेन पोलराइज लाइट मैंने ली और उस प्लेन पोलराइज लाइट को मैंने पास करने की कोशिश की इस सॉल्यूशन में से कौन सी लाइट ले रहे हैं बेटा हम प्लेन पोलराइज लाइट ले रहे हैं प्लेन पोलराइज लाइट के रेज को हम किसम से पास कर रहे हैं बेटा इस बीकर में से जिसमें वो आपका ए वाला सॉल्यूशन है कौन सा सॉल्यूशन है बेटा ए का सॉल्यूशन आपने लिया है अब होता क्या है होता क्या है कुछ सॉल्यूशन ऐसे होते हैं कुछ कंपाउंड्स ऐसे होते हैं जो इस प्लेन पोलराइज लाइट के अब आपको वो रेज कहां दिख र है बेटा सीधा दिख रहा है ऐसे 90 डिग्री ऐसे है ना बराबर ये क्या कर देंगे जितने भी रेज उससे आएंगे आपका ए जो है वो क्या कर रहा है उसको इधर की तरफ घुमा रहा है ए ने क्या किया बेटा अब जो रेज है बेटा वो सभी फिर से एक ही प्लेन में है यानी ये भी एक प्लेन पोलराइज लाइट हुई पहले बस रेज ऐसे थे सीधा वर्टिकल लाइंस थे अब आपके रेज क्या हो गए बेटा थोड़े से बेंड हो गए ऐसे जा रहे थे रेज a में से पास होते ही व थोड़े से ऐसे बेंड हो गए यह क्या है बेटा रेज सीधा आ रहे हैं उनको एक तरफ बेंड किया जा रहा है सभी रेज को इक्वल एंगल से घुमाएगा आपका a a ने क्या किया बेटा लाइट को घुमा दिया है लाइट को किस तरफ घुमाया है देखो ऐसी थी अब वह उसने इधर क्लॉक वाइज़ की तरफ घुमा दिया यानी राइट की तरफ घुमा दिया सही बात है ओके अब बात ऐसी है बात ऐसी है आपने दूसरा और एक मान लो सॉल्यूशन लिया उसमें आपका बी है क्या है आपका बी बी का सॉल्यूशन है बी के सॉल्यूशन में से जब यह सेम पीपीएल हमने पास की अब बी ने क्या किया आपके उन पीपीएल को अब उसने इस तरफ घुमा दिया यानी जो वर्टिकल लाइंस थी अब वो किस तरफ घूम गई बेटा लेफ्ट की तरफ यानी एंटी क्लॉक वाइज घूम चुके लेफ्ट की तरफ घूम चुके हैं यानी एंटी क्लॉक वाइज है ना तो बेटा देखो हर सब्सटेंस की यह प्रॉपर्टी नहीं होती हर सब्सटेंस प्लेन पोलराइज लाइट की प्लेन को रोटेट नहीं कर सकता ए ने उसको रोटेट किया राइट की तरफ बी ने उसको रोटेट किया लेफ्ट की तरफ हर सब्सटेंस इसको रोटेट नहीं कर सकता मान लो आपने सी लिया क्या किया आपने इस बीकर में ले लिया सी इसमें से जब प्लेन पोलराइज लाइट गई तो उसमें कोई बदलाव देखने नहीं मिला वो जिस एंगल से पहले थी उधर ही वैसे ही है वो उसकी डायरेक्शन चेंज नहीं हुई सी में से पास जब हुई ये प्लेन पोलराइज लाइट तब उसकी डायरेक्शन में कोई चेंज नहीं आया उसकी प्लेन में कोई चेंज नहीं आया पर ए और बी में से पास होने के बाद उसकी प्लेन जो है वह चेंज हो चुकी है एक बार राइट की तरफ रोटेट हुई है एक बार लेफ्ट की तरफ तो इसी को इसी को इस प्रॉपर्टी को a और b की इस प्रॉपर्टी को कहते हैं क्या ऑप्टिकल एक्टिविटी दो कंपाउंड्स जो कंपाउंड्स प्लेन पोलराइज लाइट की प्लेन को रोटेट कर सकते हैं उन्हें हम कहते हैं ऑप्टिकली एक्टिव कंपाउंड्स यानी a और b ने रोटेट किया भले ही राइट की तरफ हो लेफ्ट की तरफ हो फर्क नहीं पड़ता ए और बी ने राइट को रोटेट किया लाइट की प्लेन को रोटेट किया तो उसे हम कह देंगे ऑप्टिकली एक्टिव हो जाएंगे ये दोनों क्या c ने रोटेट किया पीपीएल को नहीं सी ने पीपीएल को रोटेट नहीं किया कोई चेंज नहीं आया तो सी क्या हो गया बेटा आपका ऑप्टिकली इन एक्टिव हो जाएगा ये ए और बी ऑप्टिकली एक्टिव हो गए सी ऑप्टिकली इनक्टो एक्टिविटी मतलब वो एक्टिविटी वो प्रॉपर्टी है सब्सटेंस की जिससे वो लाइट की प्लेन को रोटेट कर सकता है क्लॉक वाइज या फिर एंटीक्लॉक वाइज वो आपके कंपाउंड पे आपके सब्सटेंस पे डिपेंड करता है वो राइट में करेगा लेफ्ट में पर वो रोटेट कर रहा है ना तो मतलब वो ऑप्टिकल एक्टिविटी दिखा रहा है मतलब वो ऑप्टिकली एक्टिव हो जाएगा नहीं रोटेट करेगा तो वो ऑप्टिकली इन एक्टिव होगा इसी को कहते हैं क्या ऑप्टिकल एक्टिविटी तो आपको क्या करना है बेटा अब एक बात हमने प्लेन पोलराइज लाइट का यूज कर लिया यहां पे आपको समझ आ गया कि उसको हमने क्यों पहले पढ़ा अब कायरल कार्बन को हमने पहले क्यों पढ़ा कायरल एटम के बारे में हमने ऑप्टिकल आइसोमरिज्म पढ़ते वक्त क्यों पढ़ा बेटा क्योंकि क्योंकि आपके जो कायरल मॉलिक्यूल होते हैं ऐसे मॉलिक्यूल जिनमें कायरल कार्बन होता है उन्हें हम कायरल मॉलिक्यूल कहते हैं आपके कायरल मॉलिक्यूल जो होते हैं कायरल मॉलिक्यूल ऑप्टिकली एक्टिव होते हैं कायरल मॉलिक्यूल ऑप्टिकली एक्टिव होते हैं यानी आपका कायरल अगर हैलोजन डेरिवेटिव आपका ऐसा है जिसमें एक कायरल कार्बन है यानी वह पूरा मॉलिक्यूल कायरल हो गया अगर वो पूरा मॉलिक्यूल कायरल हो गया तो तो वो आपकी पीपीएल को रोटेट कर देगा राइट या फिर लेफ्ट में यानी वो ऑप्टिकली एक्टिव होगा पर अगर आपके मॉलिक्यूल में बेटा कायरल कार्बन है ही नहीं कायरल कार्बन नहीं है मतलब वो मॉलिक्यूल क्या हो गया बेटा अ कायरल हो गया बिना कायरल कार्बन वाले मॉलिक्यूल को क्या कहेंगे अ कायरल मॉलिक्यूल कहेंगे अ कायरल मॉलिक्यूल लाइट को रोटेट नहीं कर सकता उसकी प्लेन को रोटेट नहीं कर सकता वो ऑप्टिकली इन एक्टिव होता है यानी क्या याद रखोगे कायरल मॉलिक्यूल ऑप्टिक एक्टिव अ कायरल मॉलिक्यूल ऑप्टिकली इनटिटर एक्टिव इन एक्टिव क्या है वो मैंने आपको बता दिया अब बात ऐसी आती है बेटा बात ऐसी आती है ए ने ए ने राइट को रोटेट किया राइट की तरफ बी ने लाइट को रोटेट किया आप लेफ्ट की तरफ यह जो रोटेशन होता है ना बेटा यह रोटेशन फिक्स्ड एंगल से होता है मान लो इसने राइट की तरफ 90 डिग्री से 30 40 डिग्री से रोटेट किया मान लो वाले ने लेफ्ट में रोटेट किया 3040 डिग्री से तो हम रोटेशन जो है वो प्लस और माइनस में गिन सकते हैं राइट की तरफ आए यानी मान लो इसे हम प्लस कह सकते हैं और जो लेफ्ट की तरफ घुमा रहा है यानी उसका रोटेशन हम माइनस कह सकते हैं ठीक है ओके तो होता क्या है होता क्या है आपका एक कायरल मॉलिक्यूल ले लो क्या ले लो एक कायरल मॉलिक्यूल ले लो मान लो ये कार्बन है इस कार्बन पे मान लो यहां पे पे ch3 है यहां पे मान लो आपका cl2 ए5 ठीक है क्या ये एक हैलोजन डेरिवेटिव है बिल्कुल है क्या इसमें कायरल कार्बन है बेटा बिल्कुल है ये ले लिया मैंने कायरल कार्बन ठीक है अब ये आप इसमें कायरल कार्बन है तो आप क्या एक्सपेक्ट करोगे कि ये ऑप्टिकली एक्टिव होगा ऑप्टिकली एक्टिव अगर ये होगा बेटा तो क्या ये राइट की तरफ रोटेट करेगा या लेफ्ट की तरफ करेगा तो बात ऐसी है बात ऐसी है पहले ये सब सोचने से पहले एक काम करो इसके बीच में एक यहां पे मिरर ले लो क्या ले लो यहां पे एक मिरर ले लो क्या किया हमने यहां पे एक मिरर ले लिया मिरर के सामने जो इसकी इमेज आएगी वो ड्रा करने की हम कोशिश करते हैं मिरर के सामने ये कैसा दिखेगा बीच में अपन मध एक आरसा ठेवून हा मॉलिक्यूल कसा दिसेल ते अप इथे काढू यात उसको हम उसकी मिरर इमेज कहेंगे ठीक है ये कार्बन है कार्बन प ये जो ch3 है उसमें तो कोई फर्क नहीं आएगा ठीक है यहां पर स था राइट में अब वो कहां चला गया बेटा लेफ्ट में h जो था वो लेफ्ट में था अब वो थोड़ा सा राइट में आ जाएगा बराबर है और यह जो आपका c2 ए5 था वो लेफ्ट में था वो भी राइट में आ गया ठीक है सिर्फ क्या होगा बेटा लेफ्ट वाले राइट में आ जाएंगे लाइट वाले लेफ्ट में आ जाएंगे यहां पर क्या आ गया आपका c2 h5 ओके क्या आपको इसमें और इसमें कोई फर्क लग रहा है लग रहा होगा तो यहां पे पर क्या अभी भी आपका कायरल कार्बन है यहां पे यस है ये रहा आपका कायरल कार्बन दोनों भी दोनों भी एक दूसरे की क्या है बेटा मिरर इमेजेस हैं दोनों भी एक दूसरे के क्या हैं मिरर इमेजेस हैं और दोनों एक दूसरे के मिरर इमेजेस तो हैं पर एक काम करो मैं एक आपको टास्क दे रही हूं क्या टास्क दे रही हूं आपको क्या करना है इनको इसको यहीं पे ही रखो ये वाले मॉलिक्यूल को यहीं रखो इस वाले मॉलिक्यूल को ऐसे उठा के यहां लाओ इसका कार्बन और इसके कार्बन जो है इन दोनों को एक दूसरे पर लेकर आओ यानी इस मॉलिक्यूल को उठाना है आपको उसकी मिरर इमेज को उठाना है और इस तरफ इसके ऊपर लेके आना है और कोशिश क्या करनी है दोनों कार्बन कार्बन एक दूसरे के ऊपर जुड़े ठीक है बेटा कार्बन कार्बन से जुड़ जाएगा ch3 ch3 से जुड़ जाएगा क्या आपका c2h के ऊपर c2h 5 आएगा नहीं c2h 5 के ऊपर h के ऊपर कुछ आएगा नहीं यहां पर स के ऊपर c2 ए5 आएगा यहां पर h यहां पर था ही नहीं यहां पर यह वाला h आ जाएगा यानी क्या आपकी दोनों मिरर इमेजेस जब आप ओवरलैप करने की कोशिश करते हो क्या वो एगजैक्टली मैच होती है नहीं कायरल मॉलिक्यूल की कायरल मॉलिक्यूल की मिरर इमेज उसके साथ सुपर इंपोसिबल नहीं होती क्या होती है वो नॉन सुपर इंपोसिबल ये ये इसकी मिरर इमेज है ये इसकी मिरर इमेज है दोनों मिरर इमेजेस आपस में एगजैक्टली सुपर इंपोसिबल नहीं है आप अपने हाथ ही देख लो बेटा क्या हमारा राइट और लेफ्ट हैंड आपस में एक दूसरे के मिरर इमेजेस हैं यस इनको सुपर इंपोज करने की कोशिश करो सुपर इंपोज एगजैक्टली मैच तो नहीं होता अपने हाथ जो है बेटा अपने हाथ भी जो हैं ये भी नॉन सुपर इंपोज बल मिरर इमेजेस हैं एक दूसरे के तो इन दोनों को ये जो दो हैं यहां पे सामने दो महारथी इन दोनों को हम एक दूसरे का क्या कह देंगे बेटा इन दोनों को हम एक दूसरे का नॉन सुपर इंपोज बल मिरर इमेज बुलाएंगे क्या बुलाएंगे एक दूसरे के नॉन सुपर इंपोज बल मिरर इमेजेस ये हैं तो इन्हें हम क्या कहेंगे बेटा इनको हम एनेंशिमर कहेंगे क्या कहेंगे इनको हम एनेंशिमर कहेंगे ये दोनों नॉन सुपर इंपोसिबल मिरर इमेजेस को हम शॉर्टकट में इनं शोमर कहते अब देखो यह कायरल है यह लाइट को रोटेट करेगा यह भी कायरल है यह भी लाइट को रोटेट करेगा पर दोनों में फर्क आएगा बेटा दोनों में फर्क आएगा हो सकता है यह वाला राइट की तरफ करे तो यह काम करेगा लेफ्ट में ये अगर लेफ्ट में कर रहा है तो यह काम करेगा राइट में दो इंसियो मर्स दो इंसियो मर्स एक दूसरे के नॉन सुपर इंपोज बल मिरर इमेजेस तो होते ही हैं पर वो एक दूसरे से अपोजिट रोटेशन दिखाते हैं अगर मान लो इस वाले ने रोटेट किया + 80 डिग्री से आपकी लाइट को तो यह एगजैक्टली 80 से ही करेगा पर माइनस में करेगा साइन जो है रोटेशन का वो अलग होगा इसका प्लस है तो इसका माइनस पर कितने डिग्री से कर रहे हैं वो एग्जैक्ट सेम होगा यह प्लस से करेगा तो ये माइनस से करेगा ये + 70 होगा ये -70 ये अगर + 100 से कर रहा है ये - 10000 से यानी दोनों के रोटेशन जो है बेटा वैल्यू सेम होगी डिग्री रोटेशन की सेम होगी साइन सिर्फ ऑपोजिट हो किसके लिए बेटा तो इनं शिमर्स के लिए आपका कायरल आप हैलोजन डेरिवेटिव ले लो उसकी मिरर इमेज निकालो अगर वो नॉन सुपर इंपोसिबल है मतलब वो इमर्स होंगे ंश मर्स है तो उनका ऑप्टिकल रोटेशन आपको प्लस माइनस में दिखेगा सेम वैल्यू अब बात ऐसी है बात ऐसी है जो आपकी लाइट को राइट की तरफ रोटेट कर रहा है उसका प्लस में होता है रोटेशन इसको कहते हैं हम डेक्सो रोटेटरी क्या कहते हैं बेटा डेक्सो अब ये जो है बेटा ये थोड़ा सा एक्सपेरिमेंटल कांसेप्ट होता है हम थियोरेटिकली नहीं बता सकते कि कौन डेक्सो है कौन नीवो है ठीक है तो आपका ये वाला क्या है बेटा डेक्सो रोटेटरी हो गया क्योंकि इसने प्लस में रोटेट किया तो याद रखना जो भी प्लस या फिर क्लॉक वाइज या फिर राइट में जो रोटेट करता है पीपीएल को वो डेक्सो रोटेटरी कहते हैं हम उसको और जो लेफ्ट में रोटेट करता है उसको हम लीवो रोटेटरी कहते हैं क्या कहते हैं उसको हम लीवो रोटेटरी कहते हैं अब इनको दिखाने के लिए पूरा लीवो और डेक्सो रोटेटरी हर बार कौन लिखेगा बराबर है तो क्या करेंगे हम डेक्स्ट्रोएंफेटामाइन यह होता है आपका ऑप्टिकल आइसोमरिज्म यह जो प्रॉपर्टी है ना बेटा ऑप्टिकल एक्टिविटी की लाइट के प्लेन को रोटेट करने की यह आपके ऑप्टिकली एक्टिव कंपाउंड्स की है आपके हैलोजन डेरिवेटिव्स में कायरल कार्बन हो सकता है वो कायरल कार्बन ऑप्टिकली एक्टिव हो सकता है आपके मॉलिक्यूल को ऑप्टिकली एक्टिव बना सकता है उसमें डेस्टो लीवो ऐसे दो इंजियो मर्स भी हो सकते हैं इसीलिए हमने ऑप्टिकल आइसोमरिज्म या अपने हैलोजन डेरिवेटिव्स में पढ़ा है ऑप्टिकली एक्टिव यह सब कुछ डेक्स्ट्रोएंफेटामाइन दोनों में बात क्या है बेटा याद क्या रखना है प्लस माइनस का फर्क होगा पर वैल्यू रोटेशन की एग्जैक्ट सेम रहेगी ठीक है अब चलते हैं आगे अब हमें पढ़ना है बेटा रिप्रेजेंटेशन होते हैं अलग-अलग रिप्रेजेंटेशन से हम बनाते हैं मॉलिक्यूल को जैसे देखो यहां पे मैंने यह सब ऐसे दिखाया दो बॉन्ड्स को सीधा एक लाइन से दिखाया एक बॉन्ड को थोड़ा बोल्ड में दिखाया यह डैश करके दिखाया ये रिप्रेजेंटेशन बेटा मॉलिक्यूल को दिखाने के दो तरह के होते हैं यह वाला जो है यह आपका दूस दूसरे वाला यानी ये होता है आपका वेज फार्मूला और यह पहले वाला है आपके यह दो यह जो है इसका है फिशर प्रोजेक्शन इसे हम क्या कहते हैं बेटा फिशर प्रोजेक्शन कहते हैं तो फिशर प्रोजेक्शन में आसान होता है स्क्वेयर यानी आपको सीधी लाइन पे कार्बन निकालने है मान लो अगर आपके मॉलिक्यूल में चार कार्बन है हम यूजुअली कार्बन कैसे निकालते हैं लेफ्ट टू राइट फिशर प्रोजेक्शन में चार कार्बन अगर है मान लो तो उनको हम टॉप टू बॉटम ऐसे लिखेंगे ठीक है और हर कार्बन पे चार बॉन्ड होंगे तो ये मान लो ये क्या करना है बस आपको जैसे हम नॉर्मली कार्बन की चेन बनाते हैं उसको मान लो वो पहले सोई हुई है उसको बस घुमा लो ऐसे खड़ा कर लो कार्बन की चेन पूरी स्ट्रेट हो गई ऐसे स्टैंडिंग है अब यस तो इसको बोल देंगे उसका फिशर प्रोजेक्शन तो फिशर प्रोजेक्शन में बात ऐसी होती है पहली बात तो आप समझ ही गए होंगे कि कार्बन जो है वो हमेशा टॉप टू बॉटम हम लिखते हैं टॉप पे लिखेंगे कार्बन और और फिर नीचे तक आएंगे हम लास्ट कार्बन तक बराबर है तो ये हुआ आपका फिशर प्रोजेक्शन देखो ऐसे होगा अब आपका ये कार्बन है एक यहां पे या जहां पे भी आपका ये इंटरसेक्ट हो रहे हैं ना लाइंस वो पॉइंट जहां पे भी आपके दो लाइंस ऐसे क्रॉस होते हैं उसको हम कार्बन मानते हैं तो ये बीच में आपका क्या है बेटा कार्बन है उसका एक बॉन्ड क्लोरीन ब्रोमीन हाइड्रोजन आयोडीन के साथ चार अलग ग्रुप्स आए मतलब कायरल कार्बन हो गया तो बेटा बात ऐसी है ये जो ऊपर नीचे वाले बॉन्ड्स हैं जो सीधे वाली लाइन पे जो बॉन्स होते हैं यानी क्लोरीन और हाइड्रोजन वाला जो बॉन्ड है वो हमेशा क्या होता है बेटा डैश वाला होता है अब डैश यानी डैश यानी इसका मतलब होता है बिलो द प्लेन क्या होता है इसका मतलब बिलो द प्लेन अब क्या होता है वो मैं आपको बताती हूं पर पहले देखो ये जो हॉरिजॉन्टल वाले होते हैं यानी राइट लेफ्ट वाले ये राइट और लेफ्ट वाले हमेशा क्या होते हैं आपके अबब द प्लेन राइट और लेफ्ट वाले हमेशा देखो क्या होते हैं आपके अबोव द प्लेन ये दोनों कैसे हैं आपके अबोव द प्लेन बिलो वाले कहां है बेटा टॉप और बॉटम वाले स्ट्रेट लाइन पे जो है वो वाले जो हॉरिजॉन्टल है राइट और लेफ्ट वाले वो होते हैं आपके अबब द प्लेन इसे कहते हैं हम फिशर प्रोजेक्शन फिशर प्रोजेक्शन बनाते वक्त हम सीधी लाइंस मार रहे हैं बस है ना उसमें हम ये नहीं बता रहे कौन अबब है कौन बिलो है पर आपके सामने कभी भी अगर यह फिशर प्रोजेक्शन इस तरह से निकाल कर अगर दिया हुआ तो आपको यही ऐसे ही मानना है कि कार्बन बीच में है मान लो कार्बन अगर इस प्लेन में है मेरे हाथ के तो आपके अबोव द प्लेन कौन है बेटा आई और ब्रोमीन आयोडीन और ब्रोमीन कहां है अबोव द प्लेन है मतलब ऊपर ऊपर वाली प्लेन में आयोडीन और ब्रोमीन होंगे कार्बन कहां है प्लेन में है हाथ की प्लेन में उससे ऊपर वाली प्लेन में आयोडीन और ब्रोमीन होंगे और क्लोरीन h कहां है बेटा क्लोरीन और हाइड्रोजन बिलो है यानी इस प्लेन के नीचे वाली प्लेन में क्लोरीन और हाइड्रोजन होंगे इसे हम क्या कहते हैं यह है अपना फिशर प्रोजेक्शन दिखाने का तरीका अब दूसरा है बेटा वेज फॉर्मूला कार्बन जो होता है अपना सिंगल बॉन्ड बना रहा है कार्बन सिंगल बॉन्ड अगर कार्बन बनाता है तो इसे हम हाइब्रिडाइज्ड आइजे कौन सा आएगा sp3 आएगा sp3 हाइब्रिड कार्बन की ज्योमेट्री देखते हो आप तो ज्योमेट्री जो है वो हमेशा टेट्रा ड्रल होती है कैसी होती है बेटा टेट्रा ड्रल तो टेट्रा ड्रल यानी चार ग्रुप्स होंगे उसके दो जो है बेटा दो हमेशा इन द प्लेन होंगे देखो बेटा तीन तरह के बॉन्ड्स होते हैं जो हम कॉमनली यूज करते हैं एक ये एक ये और एक यह वाला तीन तरह के बॉन्ड्स में से हर बॉन्ड का अपना-अपना मतलब है इस बॉन्ड का मतलब है इन द प्लेन इस बॉन्ड का मतलब क्या है इन द प्लेन यानी कार्बन ने अगर ब्रोमीन और क्लोरीन के साथ यह बॉन्ड बनाया है ऐसे वाला तो समझ लेना कार्बन जिस प्लेन में है उसी सी प्लेन में ब्रोमीन क्लोरीन होंगे जब कार्बन किसी ग्रुप के साथ किसी एटम के साथ ये वाला बॉन्ड बनाता है तो समझ लेना इसका मतलब है बिलो द प्लेन क्या है इसका मतलब बिलो द प्लेन यानी कार्बन अगर इस प्लेन में है उसके साथ क्लोरीन ब्रोमीन भी हाथ के ऊपर इसी प्लेन में होंगे पर आपका जो आयोडीन है वो कहां होगा बिलो द प्लेन होगा और अगर ये वाला बोल्ड वाला अगर आपको बॉन्ड दिखाई देता है ये बोल्ड वाला एकदम डार्क वाला तो इसका मतलब होता है अबब इसका क्या मतलब है अबब द प्लेन आपका h कहां है बोल्ड वाले बॉन्ड पे यानी इसका मतलब है h कहां होगा कार्बन के प्लेन से अबब वाली प्लेन में होगा ये होता है अपना वेज फॉर्मूला तो जो मैंने यहां पे निकाला था बेटा ये क्या है आपका वेज फॉर्मूला याद रखना कार्बन जिस प्लेन में है उसी प्लेन में दो ग्रुप्स होंगे उनको आप सिंपल लाइन से दिखाओगे बॉन्ड को जो एक ग्रुप होगा वो बिलो होगा उसे डैश से दिखाना जो अबब होगा उसे बोल्ड बॉन्ड से दिखाना बस यही है आपका यह दो तरह के रिप्रेजेंटेशन देखने थे ठीक है हो गया यह अब आपका ऑप्टिकल आइसोमरिज्म वाला कांसेप्ट आई होप क्लियर हो गया होगा बेटा ऑप्टिकल आइसोमरिज्म क्या होता है हैलोजन डेरिवेटिव्स इस टॉपिक में हमने उसे क्यों पढ़ा होगा वह सब कुछ मैंने क्लियर कर दिया अब हमें देखना है बेटा केमिकल प्रॉपर्टीज किसके हैलोजन डेरिवेटिव्स के शुरुआत करेंगे लैबोरेट्री टेस्ट से तो लैबोरेट टेस्ट मतलब अगर मान लो मैंने आपको एक कोई भी कंपाउंड दिया और मैंने बोला बेटा जा देख क्या यह एक हैलोजन डेरिवेटिव है या नहीं आपको चेक करने के लिए कहा आपको लैब में टेस्ट करना है कि वो हैलोजन डेरिवेटिव है या नहीं तो उसे टेस्ट करने के लिए आप क्या रिएक्शन करोगे यह वाली रिएक्शन करोगे ये वाली रिएक्शन रिएक्शन क्या हो रही है देखो r एक यानी आपका कोई भी एल्काइन हैलाइड है आपको वार्म करना है हीट करना है क्या होगा क्या होगा यहां पे आपका x जो है वो यहां से निकल जाएगा और उसकी जगह कौन आ जाएगा - आ जाएगा यानी x बाहर जाएगा x माइनस की तरह x की जगह ओ आ जाएगा r बन जाएगा अब बेटा देखो उसी जिस बीकर में आप ये रिएक्शन कर रहे हो उसी बीकर में आपका आओ भी बना है और x माइ भी बना है उसी सेम बीकर में आगे आप जाके डाइल्यूट hno3 यानी नाइट्रिक एसिड और agno3 यानी सिल्वर नाइट्रेट मिला दो क्या होगा x - भी वहां घूम रहा होगा उस x माइन को कौन देखेगा ये + देखेगा + x माइ को देखते ही ag8 मिलेगा अगर ये प्रेसिपिटेटर मतलब वहां x माइ था x माइनस था मतलब वहां r एक था अगर यह प्रेसिपिटेटली नहीं मिलता है मतलब x माइनस वहां नहीं है x माइनस वहां नहीं है मतलब वहां आर एकस भी नहीं है तो आप प्रेसिपिटेटर है या नहीं बन रहा है उस बेसिस पे आप क्लियर कर सकते हो कि वो आपका एल्काइन हैलाइड है या नहीं होगा तो मिलेगा प्रेसिपिटेटर नहीं मिलेगा दूसरी जो बेटा रिएक्शन है जो सबसे इंपॉर्टेंट है जो अपने हैलो एल्केन दिखाते हैं वो है न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन अभी थोड़ी देर पहले मैंने आपको इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन बताया था एक इलेक्ट्रोफिल आता है दूसरा इलेक्ट्रोफिल बाहर निकलता है अब न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन में क्या होने वाला है एक न्यूक्लियोफिल अंदर आएगा दूसरा न्यूक्लियोफिल बाहर निकल जाएगा अब बात ऐसी है बेटा यह जो कार्बन और x का बॉन्ड है कार्बन और हैलोजन का जो बॉन्ड है उसमें मैंने आपको थोड़ी देर पहले बताया था x पे हमेशा डेल्टा माइनस होता है c पे हमेशा डेल्टा प्लस होता है बराबर है x पे है डेल्टा माइनस क्या नेगेटिवली चार्ज आपको फील हो रहा है x के ऊपर यस यानी क्या मैं उसको न्यूक्लियोफिल मान सकती हूं क्यों नहीं मान सकती हूं मान सकती हूं तो ये कार्बन x वाला बॉन्ड है दूसरा न्यूक्लियोफिल आएगा बाहर से वो इस न्यूक्लियोफिलिक x को बाहर फेंके x माइ यहां से बाहर निकल जाएगा x माइ क्या होगा यहां से बाहर निकल जाएगा न्यूक्लियोफिल आके उसकी जगह ले लेगा तो ये हुई एक न्यूक्लियोफिल ने अपने x यानी x भी न्यूक्लियोफिलिक है बेटा याद रखना कार्बन और x के बॉन्ड में कार्बन कैसा है बेटा इलेक्ट्रॉन डेफिशियेंसी इन न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन में आपका रेट डिपेंड करता है दो चीजों पे आपके इस कार्बन पे भी डिपेंड करेगा आपके हैलोजन पे भी डिपेंड करेगा किस तरह का कार्बन वहां है उस पे डिपेंड करेगा और किस तरह का हैलोजन वहां है उस पे भी डिपेंड करेगा तो बात ऐसी है अगर आपका कार्बन टर्श होता है तो उसका रेट ज्यादा होता है सेकेंडरी से सेकेंडरी का ज्यादा होता है प्राइमरी से यानी ये आर ग्रुप जो है ये जो कार्बन यहां पे है इस कार्बन को अगर आप प्राइमरी सेकेंडरी टर्श तीन तरह में देखते हो तो सबसे ज्यादा कौन दिखाएगा न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन टर्श वाला फिर सेकेंडरी फिर प्राइमरी का सबसे कम होगा और अगर आप r मान लो सेम रखते हो यह कार्बन वाला पार्ट मान लो सेम रखते हो पर आप हैलोजन को बदलते हो हैलोजन अगर आयोडीन हुआ तो सबसे ज्यादा रेट फिर ब्रोमीन फिर क्लोरीन यानी रेट जो है वो रेट आपके इस पूरे पार्ट पे यानी r वाले पार्ट पे और आपके इस वाले पार्ट पार्ट पे यानी x वाले पार्ट पे दोनों पे डिपेंड करता है क्योंकि ये न्यूक्लियोफिल क्या करने वाला है बेटा ये न्यूक्लियो फाइल आके आपके कार्बन पे अटैक करेगा न्यूक्लियोफिल ने कार्बन के साथ बॉन्ड बनाना है तो जितना आसानी से न्यूक्लियोफिल कार्बन से बॉन्ड बनाएगा उतनी जल्दी रिएक्शन होगी यानी कार्बन कैसा है उस पे भी डिपेंड करेगा और जितनी जल्दी ये x यहां से निकलेगा उतनी जल्दी रिएक्शन खत्म हुई हम कह सकते हैं यानी x कैसा है वो कितनी जल्दी निकल रहा है उसपे भी रिएक्शन का रेट डिपेंड करे यानी आप यह पूरा याद कर लो यह डब्बा इस डब्बे में आपका रेट जो है न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन का उससे रिलेटेड आपकी पूरी इंफॉर्मेशन है अब बात ऐसी है आपकी टेक्स्ट बुक में यह सेम चार्ट है बेटा इस चार्ट में अलग-अलग न्यूक्लियो फाइल्स आ रहे हैं आर एक्स आर एक्स ही लिया है हमने पर इसके साथ न्यूक्लियोफिल तो अलग-अलग तरह के हो सकते हैं तो अलग-अलग न्यूक्लियो फाइल्स के साथ अलग-अलग न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन होने वाली है जैसे देखो यानी न्यूक्लियो फाइल क्या हुआ आपका - हुआ r स ए में r स में o - और + जो है वह अलग हो जाएगा यानी r स - यह हो जाएगा आपका क्या न्यूक्लियोफिल nh3 में nh3 में आपका न्यूक्लियोफिल होता है nh2 - kc1 में आपका न्यूक्लियोफिल होता है cn-cs में ncc.nic.in तो ए cnn-ibn ए स ए में केसी ए में c के ऊपर माइनस जिस पे माइनस होता है ना बेटा जिस पे माइनस होता है उसी को आपको कार्बन पे लगाना है उसी को आपको कार्बन पे लगाना है मान लो यह कार्बन है इसके ऊपर यह हैलोजन है ठीक है अगर आपका c ए माइनस है जिसमें स के ऊपर माइनस है और दूसरा आपका एसी माइनस है जिसपे n के ऊपर माइनस है तो आपको क्या करना है जिस पर माइनस है उसको कार्बन पे लगाना यानी एक बार कार्बन पे स n ऐसे लगेगा और जब n पे माइनस है तो n जाके कार्बन से बॉन्ड बनाएगा सही है तो कार्बन के साथ आपका n स जुड़ जाएगा यानी दोनों भी कंपाउंड्स अलग बनेंगे बेटा जब कार्बन के ऊपर c ए लगता है उसे हम साइनाइड कहते हैं पर जब कार्बन पे n स लगता है जब n पहले और c बाद में लगता है तो उसे हम आइसो साइनाइड कहते हैं तो दोनों केस में अलग-अलग प्रोडक्ट बनेंगे सातवा है आपका पोटेशियम नाइट्राइट लेना है पोटेशियम नाइट्राइट से आपका माइन बनेगा क्या बनेगा o माइनस बनेगा क्या बनेगा बेटा o माइन बनेगा नाइट्राइट हम इसको कहते हैं और जब agno3 होगा agno3 जब होगा तो no2 माइनस बनेगा यानी जब kno3 है पोटेशियम नाइट्रेट है तो नेगेटिव किस पे आ रहा है बेटा o के ऊपर आ रहा है तो कार्बन पे कौन लगेगा o लगेगा पर जब ए no3 लोगे agno3 में नेगेटिव किस पे है फिर से n पे है n जाके r के साथ बॉन्ड बनाएगा n जाके कार्बन के साथ बॉन्ड बनाएगा यानी देखो जब भी आप agnagaland.gov.in o लगेगा जाके कार्बन पे agno2 अगर लिया तो n लगेगा यानी याद क्या रखोगे सिंपल तरीके से कैसे याद रखना है दो ही केस है बेटा कौन से दो केसेस है o वाला एक है जिसमें o पे नेगेटिव आएगा एक है आपका no2 वाला नेगेटिव यानी ऐसे और दूसरा क्या है आपका ये cn-cs हुआ ए स ए अगर हुआ तो n ही बॉन्ड बनाता है कार्बन से अगर आपका agno2 हुआ तब भी आपका कार्बन के साथ n बॉन्ड बनाता है यानी सिल्वर नाइट्राइट हो या सिल्वर साइनाइड हो n को लगाना कार्बन पे पर जब सिल्वर को छोड़ के पोटैशियम होगा केसी ए हो या kno2 हो पोटैशियम वाले केस में पोटैशियम वाले केस में कार्बन या ऑक्सीजन को लगाना सिल्वर के केस में याद रखना सिल्वर के केस में नाइट्रोजन ही कार्बन से बॉन्ड बनाता है आइसो साइनाइड बनेगा या फिर आपका नाइट्रो एल्केन बनेगा पर सिल्वर को छोड़ के जब पोटैशियम होगा तो o के ऊपर या c के ऊपर माइनस आएगा और फिर आपका या तो साइनाइड बनेगा या फिर आपका एल्काइन नाइट्राइट बनेगा नाम भी अलग है बेटा नाम से ज्यादा इंपॉर्टेंट मैं आपको कह रही हूं क्या जरूरी है ए c बनाएगा kc1 में c ए cn2 में o ए agno2 में n ए वाले इसमें n ही बनाएगा ये याद कर लो ये चार्ट को अलग-अलग न्यूक्लियोफिल्स है बेटा अलग-अलग न्यूक्लियोफिल्स का अटैक होगा r के ऊपर x निकल जाएगा r का और उस न्यूक्लियोफिल का बॉन्ड बनेगा अब जैसे यहां - है बेटा नेगेटिव किस पे o के ऊपर तो o ही जाके आपके r के साथ बॉन्ड बनाएगा h नहीं बनाएगा जिस पे भी नेगेटिव आ रहा है ना बेटा उसका बॉन्ड r पे लगा देना यह है आपके न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शंस अलग-अलग न्यूक्लियोफिल्स आके अलग-अलग तरह से रिएक्शन करके प्रोडक्ट बनाते हैं अलग-अलग प्रोडक्ट बनेंगे क्योंकि अलग-अलग न्यूक्लियो फाइल्स आ रहे हैं अलग-अलग न्यूक्लियो फाइल्स के लिए अलग-अलग रिएजेंट दिए हैं वो टेबल में वह आपको देखने हैं पक्का कर लेना उसको अब बात ऐसी है अगर हम ये न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन का मैकेनिज्म देखें बेटा न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शंस का अगर मैं आप को मैकेनिज्म बताऊं तो ध्यान से देखो यह है आपका कार्बन का और हैलोजन का बॉन्ड ठीक है ओके और यह है दूसरा कार्बन का हैलोजन के साथ बॉन्ड बाकी तीन बॉन्ड्स यही है अब बेटा देखो इसके साथ हम रिएक्शन किसकी करवा रहे एक न्यूक्लियोफिल की न्यूक्लियोफिल कैसा है बेटा इलेक्ट्रॉन रिच है उस परे नेगेटिव चार्ज है यहां पर भी एक कोई न्यूक्लियोफिल हमने लिया मान लो सेम न्यूक्लियोफिल ले रहे हैं यहां पे हम n - लिया है नेगेटिव चार्ज नेगेटिव चार्ज है कार्बन पे कौन सा चार्ज होता है बेटा अब आपका वो एल्काइन हैलाइड हो तो डेल्टा प्लस यहां होता है डेल्टा माइनस इस कार्बन पे भी आएगा डेल्टा प्लस इस पे आएगा डेल्टा माइनस ये है आपके अलग-अलग हैलोजन डेरिवेटिव्स इनकी रिएक्शन हम करवा रहे हैं न्यूक्लियोफिल के साथ अब हैलोजन डेरिवेटिव जब भी न्यूक्लियोफिल से मिलते हैं तो मैंने आप को बोला है न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन करवानी है आ न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन मेे तुम्ही काय करता या हैलोजन एक्स ला काता बाहेर आणि न्यूक्लि फाइल ला तजी आपण लावन देतो बरोबर पर आप हे एवढे इजी पण नहीं है जर तुम्ही मैकेनिज्म पाहिल तर मैकेनिज्म खूब इंटरेस्टिंग है मैकेनिज्म बहुत ही इंटरेस्टिंग है बेटा इसका देखो कैसे बात ऐसी है यह वाला जो कार्बन है बेटा कौन से वाला यह वाला कार्बन आपको इस कार्बन प क्या तीन और कार्बन लगे हुए दिख रहे हैं यस तीन कार्बन इस पे लगे हुए हैं मतलब इसका डिग्री क्या हो गया बेटा 3° हो गया ये इस वाले कार्बन पे मान लो एक ही कार्बन और लगा हुआ है बाकी आपके हाइड्रोजन है ठीक है बाकी क्या है मान लो आपके हाइड्रोजन है तो इस कार्बन ने सिर्फ एक और कार्बन के साथ बॉन्ड बनाया है यानी इसकी डिग्री कितनी आ गई 1° एक कार्बन इस पे लगा इसलिए इसकी डिग्री वन इस पे तीन कार्बन लगे तो यह 3 डिग्री यानी टर्श हुआ इसके ऊपर टर्श और प्राइमरी जब आपका कार्बन x वाला जो बॉन्ड है मैंने अभी-अभी थोड़ी देर पहले आपको कहा कि कार्बन कैसा है वह 3° है या 1° है उस पे भी डिपेंड करेगा रेट किसका ज़्यादा होगा और जो न्यूक्लियोफिल आ रहा है उस पे तो वह करेगा ही और जो x यहां से जा रहा है उस पे भी करेगा अब इन दोनों में फर्क क्या है बेटा इधर 3° कार्बन है उधर 1° है क्या इनका रेट अलग होगा यस पन का मैकेनिज्म भी अलग होगा दोनों केसेस में न्यूक्लियोफिल आएगा x को बाहर निकाले पर तरीका अलग-अलग होने वाला है क्या तरीका होगा वो मैं आपको बताती हूं यह जो 3 डिग्री वाला है ना बेटा 3 डिग्री वाला इस 3 डिग्री वाले में सीधा-सीधा न्यूक्लियोफिल उस परे अटैक नहीं करता पहले आपका c एक वाला बॉन्ड यहां से टूटता है 3 डिग्री अगर हुआ कार्बन तो पहले वह अपना हैलोजन के साथ का बॉन्ड तोड़ेगा तो क्या होगा देखो कार्बन और x दोनों अलग हो जाएंगे 3 डिग्री कार्बन है उसपे डेल्टा प्लस था यानी बॉन्ड टूटने के बाद उस परे पूरा प्लस आ जाएगा और एक् डेल्टा माइनस था बॉन्ड टूटने के बाद उस परे पूरी तरह माइनस आ जाएगा यानी आपका क्या बना बेटा देखो कार्बन पे प्लस यानी कटाय बना है किसका कटाय कार्बन का कार्बन का कटाय बना यानी यह कार्बो कटाय बना क्या बना बेटा कार्बो कटाय बना कब हो रहा है ये बेटा जब आपका 3 डिग्री है कार्बन तब जिसका हैलोजन के साथ बॉन्ड है अगर वह कार्बन 3 डिग्री है तो ही यह होगा इसको रिएक्शन करवा दो अब एक न्यूक्लियोफिल के साथ अब क्या करना है आपको अब आपको इस कार्बन की जो कार्बो कटाय बना है इसकी रिएक्शन करवानी है न्यूक्लियो फाइल के साथ तो ये कार्बो कटाय अगर मैं और अच्छे से बनाऊं तो बेटा होता क्या है ना कार्बो कटयन को अगर हम ठीक से बनाए तो यह कार्बन जो है इस कार्बन में कार्बो कटयन यहां होता है बाकी तीनों कार्बन यहां पे इसके साथ प्लेन में लगे होते हैं जिस कार्बन प्लेन में है जो कार्बो कटाय वाला कार्बन जिस प्लेन में है उसी में ये तीन भी होते हैं तो अब होता क्या है बेटा अब होता क्या है अब ये कार्बन जो है उसपे न्यूक्लियो फाइल अटैक करने वाला है तो न्यूक्लियोफिल कहां से अटैक करेगा बेटा यहां से भी कर सकता है और वो उसी टाइम पे पीछे से भी कर सकता है कार्बन पे न्यूक्लियो फाइल को आके अटैक करना है तो वह दोनों तरफ से अटैक करेगा दो अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट्स वहां बनेंगे कैसे बनेंगे वो मैं बताती हूं देखो लिख लेते हैं यह कार्बन है इस कार्बन पर आपका यह न्यूक्लियोफिल यहां पर जब यहां से आया न्यूक्लि फाइल तब यहां आया अब तीनों कार्बन यहीं पर है ठीक है अब दूसरा इसके साथ क्या बनेगा बेटा अब न्यूक्लि फाइल लेफ्ट में नहीं अब मान लो न्यूक्लि फाइल आपका राइट में है कार्बन पर न्यूक्लि फाइल किस तरफ से जुड़ा है अब अब आपका न्यूक्लि फाइल लेफ्ट की तरफ से जुड़ा है दो अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट्स आपको दिख रहे हैं यस अगर यह कार्बो कटाय है तो इसमें ही दोनों तरफ से अटैक पॉसिबल है आगे से भी पीछे से भी अब मुझे बताओ बेटा अगर आप यहां पे देखते हो हैलोजन कहां था कार्बन के राइट में था कार्बन की राइट साइड था हैलोजन पर प्रोडक्ट में जो न्यूक्लियो फाइल है प्रोडक्ट में जो न्यूक्लियो फाइल है बेटा क्या वो आपको राइट में ही दिखाई दे रहा है क्या नहीं लेफ्ट में भी दिखाई दे रहा होगा राइट कार्बन पे हैलोजन राइट में था पर जब ये हैलोजन निकल के न्यूक्लियोफिल आया तो वो राइट में नहीं लेफ्ट में भी चला गया दो तरह के प्रोडक्ट्स वहां बने तो जब आपका न्यूक्लियोफिल सेम तरफ रहता है एक्स जहां था वहीं पे तो इसे हम क्या कहते हैं बेटा इसे हम कहते हैं रिटेंशन इसे हम क्या कहते हैं बेटा रिटेंशन कहते हैं जिस साइड न्यूक्लियो फाइल आया है अगर उसी साइड आपका हैलोजन भी था पहले तो उ उसे हम रिटेंशन कहेंगे पर जब आपका न्यूक्लियोफिल आने वाला जो है जो आया हुआ न्यूक्लियोफिल है वो x के उल्टी साइड होगा तो इसे हम रिटेंशन नहीं इवर्सन कहते हैं क्या कहते हैं इसको हम इसको हम इंवर्जन कहते हैं यानी आपका ये जो मैकेनिज्म है इस मैकेनिज्म में दो प्रोडक्ट्स बनते हैं एक में रिटेंशन होता है एक में इंवर्जन होता है एक में रिटेंशन होता है एक में इंवर्जन होता है तो बात ऐसी है बेटा बात ऐसी है इस मैकेनिज्म का नाम दिया गया है स्पेशल इस मैकेनिज्म को क्या नाम दिया गया है इसे हम कहते हैं sn1 मैकेनिज्म क्या कहते हैं बेटा sn1 मैकेनिज्म और यह वाली जो मैकेनिज्म है इसकी यह वाली स्लो स्टेप होती है पहली वाली स्टेप जो है वह इसकी स्लो स्टेप होती है पहली वाली स्टेप जो है वोह इसकी स्लो स्टेप होती है अगर आप यह वाला मैकेनिज्म देखते हो इस मैकेनिज्म का नाम होता है sn2 क्या नाम है इसका sn2 sn1 कौन दिखाता है बेटा टर्श वाला sn2 कौन दिखाता है प्राइमरी वाला तो यहां पे क्या होगा यहां पे आपका कार्बन और x का बॉन्ड टूटना शुरू होगा धीरे-धीरे कार्बन और x का बॉन्ड जो है वो धीरे-धीरे टूटना शुरू होगा एक साथ ही यहां पे क्या हुआ देखो जल्दी से तुरंत ही कार्बन और x का बॉन्ड टूट गया टाइम नहीं लिया उसने यहां पे कार्बन x का बॉन्ड धीरे-धीरे टूटता है पर ये न्यूक्लियो फाइल जो होता है ना ये स्ट्रांग होता है वो वेट नहीं करता वो वेट नहीं करता x को निकलने की वो तुरंत यहां पीछे से जाकर कार्बन के साथ अटैक करना शुरू करता है यानी एक तरफ आपके कार्बन का और x का बॉन्ड टूटना शुरू हुआ है और दूसरी तरफ आपके कार्बन का और न्यूक्लियोफिल का बॉन्ड जो है वो बनना शुरू होता है यानी कार्बन का और एक्स का बॉन्ड ना पूरी तरह टूटता है ना कार्बन और न्यूक्लियोफिल का बॉन्ड पूरी तरह जुड़ता है ये आधे आधे स्टेज में होता है या आधा टूटा हुआ या आधा बना हुआ बाकी जो तीन ग्रुप्स है बेटा कार्बन पे वो तीनों ग्रुप्स यहीं पे ही लगे होंगे यहां पर इस कार्बन पे इसे हम कहते हैं बेटा ट्रांजीशन स्टेट इसको क्या कहा जाता है इसको कहा जाता है ट्रांजीशन स्टेट अब इस ट्रांजीशन स्टेट में क्या हो रहा है बेटा न्यूक्लियो फाइल कार्बन का बॉन्ड धीरे-धीरे बनना शुरू हुआ है कार्बन और x का बॉन्ड धीरे-धीरे टूटना शुरू हुआ है ये है अपनी ट्रांजीशन स्टेट और थोड़ी देर बाद थोड़ी देर बाद इस ट्रांजीशन स्टेट का क्या होगा ये ट्रांजीशन स्टेट से आपका प्रोडक्ट आपको मिलेगा प्रोडक्ट में क्या होगा प्रोडक्ट में x बाहर जा चुका होगा प्रोडक्ट में x जो है वो बाहर जा चुका होगा और आपका न्यूक्लियो फाइल यहां आके अब पूरी तरह बॉन्ड बन चुका होगा यानी जो बॉन्ड धीरे-धीरे बन रहा था वो पूरी तरह बन चुका है कार्बन और न्यूक्लियोफिल का और जो बॉन्ड टूट रहा था वो पूरी तरह टूट चुका है बन गया आपका प्रोडक्ट इसमें देखो जिस तरफ x था बेटा जिस तरफ x था उसके तरफ नहीं है न्यूक्लियोफिल अब सिर्फ एक ही प्रोडक्ट बना है जो कि न्यूक्लियोफिल उल्टी तरफ है तो इसको हम क्या कहते हैं बेटा इसको हम कहते हैं इंवर्जन और इंवर्जन भी अगर हम स्पेसिफिकली कहे तो इसको कहते हैं वोल्डन इंवर्जन क्या कहते हैं बेटा इसको हम वोल्डन इंवर्जन कहते हैं यानी sn2 में इंवर्जन होता है जिस तरफ x था उसकी प अपोजिट साइड से न्यूक्लियोफिल लगता है अब बताओ मुझे बेटा यहां पे x तो निकला नहीं है क्या न्यूक्लियोफिल x वाली तरफ से अटैक करने आ सकता है क्या सोच के देखो न्यूक्लियोफिल पे भी नेगेटिव है x पे भी नेगेटिव है न्यूक्लि फाइल इसी तरफ से अगर जाएगा जिस तरफ x है तो वो उसको बाहर के भागा नहीं देगा वहां से इसीलिए इसी तरफ से वो नहीं आ सकता सेम साइड से अटैक नहीं होगा अटैक बैक साइड से होगा जिस तरफ x है उसकी बैक साइड से अटैक होगा कार्बन पे इस तरफ क्या है बेटा x निकल चुका है अब x यहां पे है ही नहीं कार्बो कटाय अगर बना है तो आपके न्यूक्लियोफिल को फुल फ्रीडम है आगे से भी अटैक कर सकता है फ्रंट साइड से भी अटैक हो सकता है बैक साइड से भी अटैक हो सकता है इसलिए यहां दो अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट बनते हैं यहां एक ही तरह का प्रोडक्ट बनता है एट में देखने मिलता है हमें क्या वोल्डन इवज एस एव में हमें इवज रिटेंशन दोनों तरह के प्रोडक्ट्स मिलते हैं अब बात ऐसी है बेटा बात ऐसी है अगर आपका मान लो यह कायरल कार्बन हुआ क्या हुआ यह वाला कार्बन मान लो कायरल हुआ और यह वाला भी कार्बन मान लो कायरल हुआ इस कायरल कार्बन से जब आप देखोगे और आप यहां तक आओगे आपको हमेशा इंवर्जन मिलेगा क्या मिलेगा हमेशा इंवर्जन मिलेगा यानी अगर ये डेक्सो था ये लीवो होगा आपको हमेशा sn2 में इवर्सन मिलता है अगर आप कायरल कार्बन लेते हो तो ठीक है पर अगर आप कायरल कार्बन लेते हो sn1 में sn1 में अगर कायरल कार्बन आपने ले लिया तो देखो दोनों प्रोडक्ट्स बन रहे हैं अगर ये डेक्सो हुआ मान लो राइट साइड पे एक्स है तब ये डेक्सो है मान लो यहां पे ये बनेगा ये डेक्सो है ये वाला क्या होगा वो दोनों एक दूसरे के अपोजिट है बेटा मिरर इमेजेस कायरल कार्बन कायरल कार्बन के नॉन सुपर इंपोज बल मिरर इमेजस अगर होंगे तो इनं शिमर्स होंगे यानी यहां आपका अगर ये कायरल प्रोडक्ट तो अगर ये आपका हैलोजन डेरिवेटिव कायरल हुआ तो आपको दो इनं शिमर्स मिलने वा क्या मिलने वाले हैं दो इंसियो मर्स मिलने वाले हैं और दोनों इंसियो मर्स अगर यह प्लस में करेगा रोटेशन तो यह क्या करेगा माइनस में करेगा अब आपने रिएक्शन से पहले आपका कायरल कार्बन था यहां अगर यह कायरल था तो यह ऑप्टिकली रोटेशन कर रहा होगा प्लस या माइनस कुछ भी हो सकता है पर रिएक्शन होने के बाद जो प्रोडक्ट मिलेंगे वो दोनों प्रोडक्ट तो इंश मल्स होंगे तो ये अगर प्लस में करेगा ये माइनस में करेगा तो दोनों एक दूसरे के परिना शयो मोल्स हैं तो अगर ये + 40 करेगा ये -40 करेगा ये अगर + 30 कर रहा होगा ये -30 कर रहा होगा यानी ओवरऑल अगर आप रिएक्टेंट देखोगे रिएक्टेंट अगर कायरल था तो ये ऑप्टिकली एक्टिव होगा अगर आपका मैं अगर रिएक्टेंट की बात करूं रिएक्टेंट अगर कारल कार्बन था उसमें तो ये ऑप्टिकली क्या होगा एक्टिव होगा सही है पर आपका प्रोडक्ट जो है बेटा प्रोडक्ट दोनों मिलके क्या कर रहे हैं + 30 - 30 ओवरऑल कैंसिल ओवरऑल कैंसिल या आपका जो प्रोडक्ट बनेगा प्रोडक्ट में भले ही कारल कार्बन है पर दोनों एक ऑप्टिकली इनक्टो मिल जाएंगे दोनों मिला के क्यों बेटा क्योंकि एक प्लस में करेगा एक माइनस में करेगा तो इनं शयो मर्स बनेंगे दोनों सेम बनते हैं लगभग 50 पर ये 50 पर ये क्योंकि दोनों तरफ से सेम तरह से अटैक हो सकता है तो 50 पर ये 50 पर ये अगर बनेगा ये 50° प्लस करेगा ये 50° माइनस करेगा ओवरऑल रोटेशन जीरो आएगा यानी आप रिएक्टेंट देखो कायरल है तो ऑप्टिकली एक्टिव था रोटेशन कर रहा था पर अगर आप इसमें से पास करने की कोशिश करोगे लाइट को तो आपको क्या दिखेगा देखो रिएक्टेंट लिया रिएक्टेंट का सॉल्यूशन है उसमें से पीपीएल पास किया ऑप्टिकली एक्टिव है तो या तो वो प्लस माइनस कहीं भी कर रहा होगा रोटेशन पर वो करेगा जो प्रोडक्ट एक बार आपके बीकर में बन जाएंगे प्रोडक्ट बनने के बाद वहां दोनों होंगे ये भी होगा रिटेंशन वाला इंवर्जन वाला भी होगा दोनों होंगे तो लाइट को पास करेंगे रिटेंशन वाला क्या करेगा मान लो प्लस में कर रहा है उसी लाइट को लेगा ये इंवर्जन वाला उसको कर देगा माइनस में ओवरऑल आपको क्या लगेगा लाइट जब बाहर आएगी तो ऐसे लगेगा जैसे रोटेशन नहीं हो रहा है यानी ओवरऑल आपका प्रोडक्ट ऑप्टिकली इन एक्टिव दिखेगा भले ही दोनों आपस में अकेले-अकेले अगर होते तो रोटेट करते पर दोनों को इक्वल हमने लिया दोनों को इक्वल अमाउंट्स में दोनों बने तब जाके रोटेशन ओवरऑल जीरो आया इसको हम क्या कहते हैं बेटा इसी को हम सि माइजेक हैं यह जो मिक्सचर बनता है ना बेटा दो इनं शोमर का मिक्सचर जब हम इक्वल क्वांटिटी में बनता हुआ देखते हैं उस मिक्सचर को हम कहते हैं रेसमिक मिक्सचर और इस प्रॉपर्टी को कहा जाता है रेसमाइजेशन रेसमाइजेशन मतलब जब आपके पूरे मिक्सचर का आप दोनों इंसियो मर्स का इक्वल अमाउंट में मिक्सचर लो दोनों इक्वल रोटेशन करेंगे प्लस माइनस कैंसिल होके ओवरऑल जीरो आएगा ऑप्टिकली इन एक्टिव होगा उसे कहते हैं रेसमाइजेशन और इस मिक्सचर को क्या कहेंगे बेटा दोनों प्रोडक्ट के मिक्सचर को रेसमिक मिक्सचर कहेंगे यहां देखो यहां अगर मान लो यह कायरल है आपका रिएक्टेंट अगर कायरल होगा रिएक्टेंट अगर कायरल कार्बन होगा तो आपका रिएक्टेंट ऑप्टिकली एक्टिव होगा आपके प्रोडक्ट में देखो आपके प्रोडक्ट में भी एक ही प्रोडक्ट बन रहा है तो वो भी कायरल ही होगा आपका प्रोडक्ट भी कैसा होगा बेटा यहां पे कायरल होगा यहां इसका कोई और साथी नहीं है उसको कैंसिल करने के लिए है ना तो आपका यहां पर एक ही प्रोडक्ट बन रहा है तो जो जो भी होगा वो यहां पे ऑप्टिकली एक्टिव होगा यानी दोनों रिएक्शंस में फर्क है बेटा sn1 में आपको फाइनली ऑप्टिकली इनक्टो है पर sn2 में आपको sn2 में आपको ऑप्टिकली एक्टिव ही मिलेगा प्रोडक्ट भी रिएक्टेंट अगर ऑप्टिकली एक्टिव हुआ तो रिएक्टेंट होगा कायरल तभी प्रोडक्ट कायरल होगा तभी ऑप्टिकली एक्टिव होगा अगर ऑप्टिकली एक्टिव आपका रिएक्टेंट ही नहीं है तो प्रोडक्ट के बारे में ऑप्टिकली एक्टिव कायरल की कायरल की बात करने में कोई पॉइंट नहीं रहेगा यह है आपके sn1 और sn2 sn1 मोस्टली कौन दिखाता है बेटा आपके टर्श वाले एल्काइन हैलाइड दिखाते हैं sn2 प्राइमरी वाले दिखाते हैं अब बात की जाए सेकेंडरी वालो की सेकेंडरी वाले ना इधर के ना उधर के वो क्या करेंगे सिचुएशन कैसी है sn1 अगर उनको प्रेफ बल लगा व उससे भी कर लेंगे sn2 ठीक लगा तो उससे भी कर लेंगे पर इन दोनों का फिक्स है तो इसीलिए हम बात करते हैं अब किसकी ओके यहां बात करते हैं sn1 और sn2 के फर्क की एक सेकंड यस sn1 sn2 का डिफरेंस ये देखना है तो ये टर्श वाले दिखाएंगे यहां आपके प्राइमरी वाले दिखाएंगे यहां - sn1 में इस साइड से भी लगा होगा और अपोजिट साइड से भी लगा होगा यहां पे sn2 में वो सिर्फ और सिर्फ पीछे से ही लगेगा ऑपोजिट साइड से ही लगेगा या सिर्फ इंवर्जन या इंवर्जन और रिटेंशन दोनों होने की वजह से रेसमाइजेशन होगा अगर आपका रिएक्टेंट ऑप्टिकली एक्टिव हुआ तो ही बात आएगी बेटा रेसमाइजेशन की या इंश मर्स बनने की रिएक्टेंट ही अगर ऑप्टिकली एक्टिव नहीं हुआ तो फर्क नहीं पड़ेगा फिर आपका प्रोडक्ट भी ऑप्टिकली इन एक्टिव नहीं होगा प्रोडक्ट अगर ऑप्टिकली इनक्टो है तो वहां पे क्या बात आई रेसमाइजेशन की इनं शोमर की है ना सिर्फ ऑप्टिकली एक्टिव रिएक्टेंट हुआ तभी इंवर्जन या फिर जो भी रेसमाइजेशन है वो हमें देखने मिलता है अब अगर हम फैक्टर्स बात करें कौन-कौन sn1 sn2 को अफेक्ट करते हैं तो तीन फैक्टर्स है बेटा पहला है आपका सबस्ट्रेट सबस्ट्रेट कैसा है टर्श है सेकेंडरी है या प्राइमरी है तो मैंने बताया sn1 में टर्श ज्यादा प्राइमरी सबसे कम रेट sn2 में प्राइमरी सबसे एक्टिव होते हैं टर्श सबसे लास्ट होते हैं न्यूक्लियोफिल की अगर बात करें न्यूक्लियोफिल की अगर बात करें तो न्यूक्लियोफिल sn2 वाले में स्ट्रांग होना चाहिए क्यों स्ट्रांग होना चाहिए बेटा देखो यहां पे क्या हो रहा है x के जाने से पहले ही न्यूक्लियोफिल को जल्दी जाके कार्बन से बॉन्ड बनाना शुरू करना है x के जाने का वेट अगर वो करता रहेगा यानी ये कमजोर होगा x के जाने से पहले ही अगर इसको जाके अटैक करें तो इसको स्ट्रांग तो होना पड़ेगा इसीलिए sn2 में न्यूक्लियोफिल स्ट्रांग होना चाहिए और sn1 में न्यूक्लियोफिल कैसा भी हो बेटा कार्बो कटाय बन चुका है x जा चुका है अब न्यूक्लियोफिल धीरे-धीरे भी आता है तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता है तो न्यूक्लियो फाइल sn1 के लिए वो इंडिपेंडेंट फैक्टर है उस पर डिपेंड नहीं करता पर sn2 में जरूर स्ट्रांग होना चाहिए सॉल्वेंट के पोलैरिटी की बात करें तो sn1 में आपका पोलर प्रोटिक सॉल्वेंट होना चाहिए और sn2 में आपका लो पोलैरिटी वाला नॉन पोलर अपोटेक सॉल्वेंट होना चाहिए तो आपको बोर्ड एग्जाम में सीधा-सीधा शॉर्ट नोट भी आ सकता है या आपको sn1 sn2 कंपेयर करने के लिए भी कहा जा सकता है तो आपको याद रखना है sn1 sn2 के फर्क जो डिफरेंस के पॉइंट्स हैं वो आपको याद रखने हैं मैकेनिज्म भी समझना है साथ में कौन से फैक्टर्स क्या है ये भी आप वहां लिख सकते हो कि sn1 में ऐसे सॉल्वेंट होना चाहिए sn2 में ऐसा होना चाहिए यहां पे न्यूक्लि फाइल स्ट्रांग होना चाहिए यहां पे न्यूक्लियोफिल का फर्क नहीं पड़ता है तो ऐसे पॉइंट्स आपको बनाने हैं और मेन डिफरेंस क्या है बेटा sn2 एक स्टेप में होता है यह ट्रांजिशन स्टेट जो बन रही है यह कोई सेपरेट स्टेप में नहीं बनती है यह बनती है और जट से बनता है यानी आप कह सकते हो sn2 में सेम स्टेप में अटैक भी हो रहा है सेम स्टेप में लीविंग ग्रुप भी निकल रहा है इसीलिए ये वन स्टेप वाली हुई sn1 में पहले एक स्टेप में कार्बो कटाय बनेगा फिर आगे अटैक होगा यानी ये दो स्टेप वाली रिएक्शन होती है यह हुई टू स्टेप ये हुई सिंगल स्टेप ट्रांजीशन स्टेट बनती है यहां कार्बो कटाय बनता है क्या बनता है बेटा वो याद रखना इधर ट्रांजीशन स्टेट इधर कार्बो कटाय ये थे आपके न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूट रिएक्शन के टाइप जिसे हम कहते हैं क्या sn1 और sn2 मैकेनिज्म दो अलग-अलग मैकेनिज्म है जिससे न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन होता है अब अगली बात है बेटा एलिमिनेशन रिएक्शन की एलिमिनेशन किसके रिएक्शंस पढ़ रहे हैं हम हैलोजन डेरिवेटिव्स के हैलोजन डेरिवेटिव्स में कार्बन हैलोजन का बॉन्ड तो होगा ही होगा आप अगर इसकी रिएक्शन अल्कोहलिक k के साथ करवाओ और उसे हीट कर दो तो क्या होता है बेटा देखो जिस कार्बन पर हैलोजन है उसको अल्फा कर लो जिस कार्बन जो अगला कार्बन है अल्फा से अगला जो कार्बन है उसको बीटा मानो यानी जो कार्बन हैलोजन से बॉन्ड बना रहे उसे अल्फा मानेंगे उससे अगले कार्बन को हम बीटा मानेंगे तो यह बीटा कार्बन हुआ बीटा कार्बन पर जो लगा हुआ यह हाइड्रोजन है बेटा यहां पर आपको बेस भी लेना है क्या लेना है आपको यहां पर बेस लेना है बेस के प्रेजेंस में ठीक है तो होगा क्या यहां पर आप आपका यह h जो है यहां से यह h यहां से निकलने वाला है और यहां से x निकलने वाला है यानी कौन से दो ग्रुप्स निकलने वाले हैं बेटा चलो देख लेते हैं तो कौन से दो ग्रुप्स निकलने वाले हैं आपका यहां से x निकलेगा अल्फा कार्बन से और बीटा से कौन निकलेगा h निकलेगा अल्कोहलिक k के प्रेजेंस में ये रिएक्शन होती है एक अल्फा कार्बन से एक्स जाता है बीटा से h जाता है अल्फा से एक्स बीटा से h अब दोनों का कार्बन से एक-एक ग्रुप निकल गया यानी दोनों का एक-एक बॉन्ड कम पड़ेगा तो दोनों क्या करेंगे बेटा आपस में ही सुलझा लेंगे आपस में और एक बॉन्ड एक्स्ट्रा बना लेंगे यानी यहां पे आपका एल्कीन बनेगा क्या बनेगा एल्कीन बनेगा जो बेस हमने लिया था वो क्यों लिया था बेटा ये बेस इस h+ को ले जाएगा यहां पे बेस और h+ मिल जाएंगे x माइन यहां सेपरेट हो जाएगा ये हुई आपकी बीटा एलिमिनेशन भी इसको कहा जाता है क्या कहा जाता है बेटा बीटा एलिमिनेशन तो ये है डी हाइड्रो हैलोजन डी हाइड्रो हैलोजन मतलब हाइड्रो यानी हाइड्रोजन भी निकल रहा है हैलोजन भी निकल रहा है इसलिए इसका नाम क्या है बेटा डी हाइड्रो हैलोजन एलिमिनेशन क्यों क्योंकि एलिमिनेट हो रहा है कौन h और एक्स अब बात ऐसी है मान लो यह मॉलिक्यूल लिया इस मॉलिक्यूल में जिस कार्बन पर हैलोजन है उसे अल्फा कहा पर क्या आपको यहां पे इधर भी बीटा इधर भी बीटा दिखाई दे रहा है क्या दो बीटा कार्बन आ गए अब अब ट्विस्ट आ गया क्या ट्विस्ट है बेटा ये यह वाला बीटा टू मान लो यह वाला बीटा व मान लो इसका ब्रोमीन तो निकाल लेंगे चलो ठीक है ब्रोमीन तो इस पे है तो यही जाएगा पर इसके पास वाले इस कार्बन का h निकालेंगे या इस कार्बन का h निकालेंगे अब वो कौन डिसाइड करता है तो वो डिसाइड करने के लिए सेड जफ रूल यूज होता है कौन सा रूल एलिमिनेशन जब होता है डि हाइड्रो हैलोजन जब होता है सेड जफ रूल लगता है तो अब दोनों में मैं प्रोडक्ट लिख लेती हूं फिर मैं आपको बताऊंगी कि कौन सा मेजर होगा कौन सा माइनर होगा बनते दोनों है बेटा इस वाले का h भी जाएगा ब जाएगा इस वाले से h और ब दोनों को निकाल दो दोनों प्रोडक्ट बनेंगे एक ज्यादा बनता है एक कम बनता है तो कौन मेजर होगा वो बताती हूं तो पहले निकाल लेते हैं मान लो बीटा व से निकाला यह वाले हाइड्रोजन को मैंने मान लो निकाल दिया पहले क्या बनेगा लिख लेते हैं ch3 ch2 सी के ऊपर ब तो चला गया और यहां पर ch3 से आपका h चला गया यानी डबल बॉन्ड ch2 आ जाएगा यह कब बनेगा जब बीटा व से हम निकालेंगे h को अगर बीटू से निकालना है बेटा बीटा टू से अगर निकालना है तो क्या करेंगे बीटा 2 से निकालते वक्त यहां ch3 आएगा यहां सी आएगा डबल बॉन्ड आएगा फिर सी आएगा और फिर आपका ch3 आएगा यह बना बीटू से यह बना बीटा व से सेट जफ रूल क्या कहता है बेटा सेट जफ रूल कहता है मोर सब्सीट्यूटेड एल्कीन जो है वो स्टेबल होती है मैं यहां पे लिख रही हूं सेज जफ रूल के हिसाब से कौन सा प्रोडक्ट मेजर बनेगा मोर सब्सीट्यूटेड कार्बन कार्बन डबल बॉन्ड वाला अगर मैं आपको एल्कीन बना दूं मान लो यह कार्बन कार्बन डबल बॉन्ड है ठीक है यहां पे दो बॉन्ड्स अभी भी बचे हैं ठीक है अगर मान लो यह चारों भी यहां पे हाइड्रोजन है चारों भी यहां पे हाइड्रोजन है तो इस एल्कीन को हम क्या कहेंगे क्या हाइड्रोजन को छोड़ के कोई कार्बन है यहां पे नहीं तो इसे कहेंगे अन सब्सीट्यूटेड एल्केन कोई सब्सीट्यूशन यहां नहीं है एक हाइड्रोजन को हटाया मैंने एक हाइड्रोजन को मैंने हटाया और एक कार्बन वाला ग्रुप यहां लगाया अब एक कार्बन वाला ग्रुप आया यानी ये मोनो सब्सीट्यूटेड हो गया अगर और एक हाइड्रोजन को निकाल के मैं और एक कार्बन लगाऊं तो डाई सब्सीट्यूटेड हो गया और एक हाइड्रोजन को निकाल के और एक कार्बन लगाऊ ट्राई सब्सीट्यूटेड और एक हाइड्रोजन को हटा के और एक कार्बन लगाते टेट्रा सब्सीट्यूटेड जो एल्कीन जिसमें ज्यादा सब्सीट्यूएंट्स होते हैं यानी कम हाइड्रोजन जिस कार्बन पे होते हैं डबल बॉन्ड प जब कम हाइड्रोजन होते हैं ज्यादा सब्सीट्यूशन होते हैं तो वो एल्कीन ज्यादा स्टेबल होता है तो कैसे देखेंगे अब इन दोनों में देख लेते हैं चलो देखो यहां पे डबल बॉन्ड है है ना डबल बॉन्ड वाले दोनों कार्बन पे इधर एक h है इधर एक h है यहां ch2 होना चाहिए सॉरी यहां पर दो ए है यहां पर एक ही h है एक कार्बन है ठीक है दो ए एक h एक कार्बन इस कार्बन पे दोनों हाइड्रोजन है इस वाले कार्बन पे एक हाइड्रोजन है और एक कार्बन है इधर देखो इधर आप अगर इस कार्बन को देखते हो इस कार्बन पे एक हाइड्रोजन और एक कार्बन है इस वाले कार्बन पे भी एक कार्बन और एक हाइड्रोजन है तो किसमें ज्यादा कार्बन है बेटा देखो ज्यादा सब्सीट्यूशन कहां है इस वाले में इस वाले में अगर ज्यादा सब्सीट्यूशन है तो यह हो जाएगा आपका मेजर प्रोडक्ट किसके हिसाब से लगाया बेटा ये सेड जफ रूल के हिसाब से ये भी बनेगा पर यह कम बनेगा यानी यह हो गया आपका माइनर प्रोडक्ट कौन कहता है ये यह कहता है आपका सेट जफ रूल तो आपको सेड जफ रूल कैसे करना है बेटा डबल बॉन्ड वाले कार्बन जो हैं डबल बॉन्ड वाले कार्बन पे गिन लो कितने हाइड्रोजन है और कितने उसपे कार्बन है जितने कार्बन ज्यादा उतने ज्यादा सब्सीट्यूशन यानी उतनी स्टेबल एल्कीन वो कहता है सेड जफ रूल तो ऐसे करके जब दो केसेस हो ना बेटा दो अलग-अलग बीटा कार्बन हो तो सेड जफ रूल लगाना भूलना मत आगे चलते हैं रिएक्शन विद मेटल्स बहुत ही आसान है ये बहुत ही आसान दो मेटल्स के साथ रिएक्शन करते हैं अपने एल्काइन लाइड्स एक होती है मैग्नीशियम के साथ एक होती है सोडियम के साथ मैग्नीशियम के साथ जब आर एक यानी एल्काइन हैलाइड रिएक्ट करता है तो होता क्या है बेटा r एक का ये जो बॉन्ड है ना r एक के बॉन्ड के बीच में मैग्नीशियम आके बैठ जाता है यानी r एज एक यहां बनता है इस आर एमजी एक को हम ग्रिगनार्ड रिएजेंट कहते हैं क्या कहते हैं बेटा इस रिएजेंट को ये जो आर एमजी एक बन रहा है ना इस आर एमज एक को हम ग्रिगनार्ड रिएजेंट कहेंगे कब बनेगा ग्रिगनार्ड रिएजेंट r एज एक ग्रिगनार्ड रिएजेंट तब बनेगा जब आपका r एक एल्काइन हैलाइड मैग्नीशियम से रिएक्ट करेगा यह जो r एज एक है इसमें आपको कैसे सोचना है देखो मैग्नीशियम मेटल है मेटल मैग्नीशियम है उसका बॉन्ड किसके साथ है r यानी कार्बन के साथ तो कार्बन और मैग्नीशियम के बॉन्ड में हमेशा याद रखना मेटल जो है वो प्लस होते हैं r जो है वो माइनस होता है जब r और x का बॉन्ड था r पे प्लस x पे माइनस था अब मेटल का बॉन्ड है कार्बन के साथ तो मेटल जीतेंगे मेटल प्लस लेंगे कार्बन माइनस लेगा इस आर एमजी एक यानी ग्रिगनार्ड एजेंट के साथ अगर आप कोई अल्कोहल रिएक्ट करवाते हो या आप कोई nh3 यानी अमोनिया की अगर रिएक्शन करवाते हो तो ये r एज एक जो है r एज एक में से जो r माइ है वो r - इस h+ को लेता है और इधर से भी h+ को लेता है क्या होता है बेटा r एज एक में r पे माइनस है ना वो माइनस पे यहां nh2 बचा वो nh2 मैग्नीशियम ले लेगा यहां पे आ बचा वो आ को आपका मैग्नीशियम ले लेगा यानी आपको समझना क्या है ग्रिगनार्ड रिएजेंट कब बनता है आर एक और मैग्नीशियम जब जुड़ते हैं ये ग्रिगनार्ड रिएजेंट किसी अल्कोहल या अमोनिया के कांटेक्ट में आता है तो वो तुरंत आरएच में बदलता है आरएच में बदलने के बाद मैग्नीशियम जो बचा है वो बचा हुआ मैग्नीशियम कुछ बाय प्रोडक्ट बनाता है दूसरी रिएक्शन है सोडियम के साथ आसान सबसे बेहतरीन रिएक्शन है यह दो मॉलिक्यूल ले लेना r एक के दो सोडियम ले लेना दो सोडियम को निकाल दो इन दो x के साथ क्या कर दोगे दो सोडियम को निकाल दो बाहर दो एक के साथ यहां से 2 ए एक बाहर चले गए क्या निकल गए बेटा बाहर 2 ए एक् बाहर निकल गए मेन जो प्रोडक्ट बनेगा वो क्या बनेगा ए गए x गए दोनों r एक में से x एक्स चले गए हैं आ आर बचे तो उन r और r के बीच में आपस में क्या बनेगा बेटा बॉन्ड बन जाएगा ये r और r आपस में बॉन्ड बनाएंगे यानी क्या करोगे बेटा जो भी एल्काइन एलाइड आपको दिया होगा उनके एक्स एक्स को हटा के जो भी आर आर है जो भी कार्बन कार्बन है जहां से x को निकाल रहे हो उन दोनों कार्बन कार्बन का आरआर वाला बॉन्ड बना लेना ये बन गया आपका प्रोडक्ट इस रिएक्शन का नाम क्या है बेटा वूड्स रिएक्शन अगली नेम रिएक्शन अपनी नोटबुक में नोट कर लेना वूट्स रिएक्शन इसी तरह की बेटा मान लो सेम अल्का हैलाइड नहीं लेती हूं मैं अलग अलग अल्कल हैलाइड अगर हम लेते हैं तो क्या होता है अलग अलग अल्कल हैलाइड भी हुए तो भी सेम चीज होगी यहां से ए एक् ए एक् निकल जाएगा यहां से भी n एक ए एक निकल गया ठीक है दो ए एक तो बाहर जाएंगे ही अब क्या बचा बेटा अब आपका ये आ बचेगा और यहां से क्या बचेगा आर ड बचेगा क्या करोगे आ और r ड दोनों बचेंगे तो एक काम करना एक r वैसे ही दूसरा आर भी होगा उसका बॉन्ड बना देना एक आड है तो दूसरा आड भी बना होगा उसका आपस में बॉन्ड बना देना और r और आड आपस में भी क्या कर लेंगे यहां पे बॉन्ड बना लेंगे यानी यहां तीन तरह के प्रोडक्ट्स बनेंगे बेटा जब एक ही एल्काइन हैलाइड हो उसके दो मॉलिक्यूल सोडियम के साथ रिएक्ट करें तो एक ही तरह का प्रोडक्ट बनता है पर जब दो अलग-अलग एल्काइन लाइड्स रिएक्ट कर रहे हो सोडि के साथ तो दो अलग-अलग नहीं तीन अलग प्रोडक्ट्स बनते हैं आर आर आपस में जुड़ेंगे यह आड आड आपस में जुड़ेंगे और एक बार r और आड आपस में जुड़ेंगे तीन अलग-अलग प्रोडक्ट्स यहां बनेंगे और साथ में आपका 2nx जो है वो तो बनने ही वाला है तो यह भी वुड्स रिएक्शन ही होती है सोडियम और मैग्नीशियम दोनों मेटल्स के साथ की जो रिएक्शन है बेटा वो ड्राई ईथर में ही करवानी है आपको किस में करवानी है ड्राई ईथर में ही आपको करवानी है आगे चलते हैं अब अपने हैलो अनस के रिएक्शंस बचे हैं वो देख लेते हैं पहली है बेटा हैलो अरीन की मेटल्स के साथ सेम सोडियम के साथ वाली किसके साथ सोडियम के साथ क्या करोगे सेम चीज करनी है बेटा दो अरिल एलाइड के मॉलिक्यूल है तो x निकालो यहां से दो सोडियम के साथ दो x को निकाल दो आपका यह वाला कार्बन जो है वो यहां पे फ्री हो जाएगा वैसे ही एक दूसरा आर एक जो बेंजीन वाला हैलाइड होगा उसका भी यह कार्बन फ्री होगा जहां से x को निकाला उन दोनों कार्बन का आपस में बॉन्ड बनाएंगे यानी प्रोडक्ट क्या बनेगा देखो क्या किया है बेटा जहां से x को निकाला दोनों मॉलिक्यूल के कार्बन फ्री हुए उनका आपस में बॉन्ड बनाया ये है अपनी कौन सी रिएक्शन बेटा फिटिंग रिएक्शन क्या नाम है इस रिएक्शन का फिटिक रिएक्शन यानी जब एल्काइन हैलाइड और सोडियम की रिएक्शन होती है तो उसका नाम था वूड्स रिएक्शन पर जब एल्काइन हैलाइड के जगह जब आप अरल हैलाइड के सोडियम से रिएक्शन करवाते हो तो उसका नाम बन जाता है फिटिक रिएक्शन अगली क्या है बेटा आपकी न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन मैंने आपको ऑलरेडी कहा था बेंजीन रिंग अगर आती है बेंजीन रिंग इलेक्ट्रॉन रिच होती है अब कोशिश करो न्यूक्लियोफिल को उसके पास लाने की न्यूक्लियोफिल भी इलेक्ट्रॉन रीच बेंजीन भी इलेक्ट्रॉन रिच दोनों इलेक्ट्रॉन रिच अगर हो गए तो बताओ दोनों आपस में आएंगे क्या पास नहीं अगर एक इलेक्ट्रॉन रिच है दूसरे के इलेक्ट्रॉन कम होने चाहिए तभी वो आपस में जुड़ेंगे सो न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन जो है हेलो अरीन का वो मुश्किल होता है बहुत ही मुश्किल होता है कुछ ही स्पेशल केसेस है जिसमें वो हो सकता है जैसे देखो यहां पर यह तीन रिएक्शन है बेटा तीनों में क्या होने वाला है न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन होने वाला है कैसे होगा वो मैं बताती हूं - जो है वो यहां पे - बनेगा na2 co3 से भी एक्वियस है यानी यहां पानी होगा यहां पे भी - बनेगा और यहां पे आपका वार्म वाटर लिया है यानी यहां से भी क्या आएगा आपका ohcplreporting.net थी बेंजीन आने की वजह से इनमें दिक्कत आ रही है वरना यहां पर भी न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन क्यों ना हो कार्बन x का बॉन्ड तो यहां भी है तो होता क्या है बेटा देखो होगा क्या यहां पे यहां पे आपका यह x जो है स इस स के जगह ओ आके लगेगा यानी क्या करना है आपको बस स को बस हटाना है स की जगह ओ लगाना है और जो बाकी ग्रुप है बेटा बाकी जो कुछ भी लगा है उसको छेड़ना नहीं है स को हटाना है लगाना है बाकी कोई चेंज आपको रिएक्शन में कोई भी चेंज स्ट्रक्चर में यहां पे करना नहीं है अब इन तीनों रिएक्शंस में फर्क क्या है हम इन तीनों को यहां क्यों पढ़ रहे हैं वो भी मैं आपको बताना चाहती हूं न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन यहां हो कैसे रहा है यहां रिएक्शन हो कैसे रही है आपने तो बोला था मैम बेंजीन रिएक्शन नहीं करता न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन नहीं दिखाता फिर इस वाले में न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन कैसे हुआ किस वजह से हुआ वह मैं आपको एक्सप्लेन करती हूं बट एक बार प्रोडक्ट तो देख लो बेटा प्रोडक्ट तो सब में सेम ही है प्रोडक्ट तो सब में सेम है बस क्या है स को हटाना है ओ लगाना है बाकी पार्ट जो है वो अलग है देखो इस वाले इसमें क्या है बेटा इस पहले वाले में एक no2 ग्रुप है है ना दूसरे वाले में दो no2 ग्रुप्स है तीसरे वाले में तीन no2 ग्रुप्स यहां पर लगे हुए हैं बराबर है अब क्या हुआ है सिर्फ क्लोरो बेंजीन होता सिर्फ बिना no2 के अगर होता ना क्लोरो बेंजीन तो रिएक्शन नहीं होती तो न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन नहीं होता पर जैसे ही यहां no2 ग्रुप्स आए हैं बेटा ये no2 ग्रुप्स होते हैं इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप्स no2 ग्रुप क्या होता है बेटा जैसे ch3 इलेक्ट्रॉन डोनेटिंग था वो बेंजीन पे इलेक्ट्रॉन की डेंसिटी बढ़ाता है बेंजीन को और इलेक्ट्रॉन रिच करता है ये no2 उसका अपोजिट है बेटा वो इलेक्ट्रॉन को खींच खींच के बेंजीन के बेंजीन के इलेक्ट्रॉन कम करता है यानी यह बेंजीन है इसके इलेक्ट्रॉन कितने 6 पाई इलेक्ट्रॉन है ये no2 क्या करेगा उसको कम कर लेगा अपनी तरफ खींच लेगा ये यहां पे दो no2 होंगे तो और ज्यादा खींच यहां ती no2 है तो वो और ज्यादा बेंजीन के इलेक्ट्रॉन खींच अब बेंजीन के इलेक्ट्रॉन no2 की वजह से अगर कम होते जा रहे हैं तो न्यूक्लियोफिल का आना आसान हुआ तो - तभी आ पाएगा जब यहां no2 no2 लगे होंगे एक no2 होगा तो थोड़ी मुश्किल आएगी दो होंगे और आसान हो जाएगा तीन होंगे तो तो बढ़िया ही बढ़िया है तो देखो कंडीशन भी देखो ना टेंपरेचर देखो यहां 433 केल्विन कितना ज्यादा है दो no2 आने से टेंपरेचर घट गया 403 हो गया यहां पे हीटिंग की जरूरत ही नहीं है no2 ने ही अपने आप पूरा काम कर लिया हीटिंग क्यों कर रहे बेटा हम यहां ज्यादा हीटिंग क्यों लग रही है क्योंकि रिएक्शन मुश्किल से हो रही है इसलिए हम गर्म करके कोशिश करें कि कैसे तो हो जाए यहां थोड़ी कम करनी पड़े क्योंकि no2 आ गए ना दो तो वो थोड़ा बहुत काम संभाल रहे हैं यहां तीन आ गए तो उन्होंने ही पूरा जिम्मा उठा लिया हीटिंग की जरूरत पड़ी ही नहीं वार्म वाटर भी डाल दो चलेगा यहां na2 co3 में स्विच हो गए बेस कम हो रहा है यानी कंडीशन जो है no2 ग्रुप बढ़ रहे हैं कंडीशन थोड़ी-थोड़ी लेस सीवियर होती जा रही है सबसे स्ट्रांग कंडीशन यहां है हीटिंग भी कम यहां भी और कम हुई बेस भी थोड़ा यहां बहुत ही स्ट्रांग था यहां वीक यहां तो वाटर से ही काम हो गया ऐसे करके no2 जैसे ही इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप्स जब बेंजीन पे लगते हैं तब जाके आप न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन कर सकते हो वरना बेंजीन पे न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन होना नामुमकिन है मुश्किल है बहुत मुश्किल है आगे चलते हैं अगली रिएक्शन है बेटा इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन तो होता ही होता है बेंजीन में तो अरिल लाइड्स में भी वो होगा तो बेटा देखो स्लो होता है बेंजीन के कंपैरिजन में क्यों क्योंकि आपका यहां पे स एक्स्ट्रा आ गया है बेंजीन में स नहीं होगा यहां पे स आने की वजह से स इलेक्ट्रॉन विड्रॉइंग ग्रुप का थोड़ा बहुत काम करता है वो इलेक्ट्रॉन को खींचता है जिस वजह से बेंजीन के इलेक्ट्रॉन कम कम होते जाते हैं तो आने वाले इलेक्ट्रोफिल को थोड़ी दिक्कतें आएंगी तो ये जो इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन है ना बेटा वो कौन सी पोजीशन पे होता है ऑर्थो और पैरा दोनों ऑर्थो और पैरा पे h को निकालना और इलेक्ट्रोफिल को लगाना पहला कौन सा बेटा cl2 cl2 से इलेक्ट्रोफिल मिलेगा cl1 वाला कौन सा cl1 वाला तो cl-cl प् यहां बनेगा तो cl1 से क्या होगा बेटा ऑर्थो पे एक बार वो लगेगा cl1 स है पैरा पे एक स लग गया ये हो गया आपका प्रोडक्ट तैयार कंसंट्रेटेड hno3 और h2so 4 का मिक्सचर जब आप लोगे आपका इलेक्ट्रोफिल होगा no2 प कौन सा no2 प यहां पे भी ऑर्थ और पैरा दोनों पे आपके no2 no2 लग जाएंगे ऑर्थ पे भी no2 लगेगा और पैरा पर भी no2 लगेगा ठीक है तो आपको क्या करना है बेटा अलग-अलग न्यूक्लियो फाइल्स के साथ जैसे अलग-अलग रिएक्शंस हमें देखने मिलते हैं प्रोडक्ट्स देखने मिलते हैं वैसे ही यहां पे जैसे जैसे जैसे आप बेंजीन के ऊपर कंडीशन बदलते हो क्लोरीन लेते हो तो cl1 आएगा hno3 और h2so 4 दोनों लेते हो तो no2 प् आएगा तो वो इलेक्ट्रोफिल लगेगा अगर सिर्फ कंसंट्रेटेड h2so 4 लेते हो बेटा सिर्फ कंसंट्रेटेड h2so 4 अगर आप लेते हो तो यहां से so3h प आता है कौन आता है so3h प आता है यानी आपके ऑर्थो पे भी so3h लगेगा और इसके साथ-साथ पैरा पर भी so3h लगेगा ऑर्थो और पैरा दोनों पे आपका so3h लगेगा दोनों प्रोडक्ट्स बनेंगे बेटा कोई भी इलेक्ट्रोफिल आप ले आओ ऑर्थो पैरा दोनों प्रोडक्ट्स बनते हैं एक ऑर्थो एक पैरा अलग-अलग इलेक्ट्रोफिल्स के साथ बस प्रोडक्ट अलग-अलग होगा पर दोनों औरतो पैरा यहां बनेंगे अगली है बेटा फ्रिडल क्राफ्ट्स रिएक्शन यह एक स्पेशल टाइप की इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन रिएक्शन ही होती है इसमें भी वही होता है एक प् निकलता है एक इलेक्ट्रोफिल आता है पर इसे एक साइंटिस्ट जो है जिन्होंने डिस्कवर की थी फ्रिडल क्राफ्ट नाम के उनके नाम से दि है यानी ये और एक नेम रिएक्शन आपको मिल गई है तो इसे नोट करना है आपको आपकी बुक में फ्रिडल क्राफ्ट्स अल्कान और फ्रिडल क्राफ्ट असाइन ये दो तरह के फ्रिडल क्राफ्ट्स रिएक्शन होते हैं इन रिएक्शंस में होता क्या है वो मैं आपको बताती हूं पहली वाली में आप आर एक लोगे यानी आप एक अरिल हैलाइड के साथ रिएक्शन किसकी करवा रहे हो आर एक की एक कैटालिस्ट आपको लेना है क्या होगा बेटा क्या होगा rxx100 यह बन गया आपका फ्रिडल क्रैप्स अल्कान क्यों कहा है इसे क्योंकि r यानी आपका एल्काइन ग्रुप यहां पे इलेक्ट्रोफिल की तरह आ रहा है और h को निकाल रहा है यानी इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन हो रही है पर कौन सा इलेक्ट्रोफिल आ रहा है बेटा एल्काइन इलेक्ट्रोफिल यहां आ रहा है r+ आ रहा है आप r एक के जगह अगर r स डबल बॉन्ड x लेते हो तो अब क्या होगा अब ये x और c वाला बॉन्ड टूटेगा यानी यहां पे c पे प्लस आएगा स पे अगर प् आएगा तो अब आपका इलेक्ट्रोफिल कौन सा होगा यहां पे यहां पे आपका इलेक्ट्रोफिल r+ था यहां पे आपका इलेक्ट्रोफिल r सगा जिसमें प्लस किस पे बेटा c पे आएगा o पे प्लस नहीं आएगा बॉन्ड किसका टूटा है c और x का तो x माइ निकल जाएगा c पे प्लस आएगा rcoem.in एक बार औरतों पर भी जुड़ेगा और एक बार आपको इसे पैरा पे भी लगाना है तो वो देख लेना औरतों प जो स लगा है वही सेम पैरा पे लगेगा एल्काइन ग्रुप जब लगता है उसे हम फ्रिडल क्राफ्ट अल्का कहते हैं इस ग्रुप का नाम क्या है बेटा यह ग्रुप का नाम सिर्फ आर होता है अल्का कहेंगे आर पे जब सी डबल बंड हो तो उसे अाइल ग्रुप कहा जाता है क्या कहते हैं हम उसे अाइल ग्रुप तो जब अाइल ग्रुप आके बेंजीन पर लगता है तो उसका नाम होता है फ्रिडल क्राफ्ट्स असाइनेशन फ्रिडल क्राफ्ट्स एल्काइन में एल्काइन क्राफ्ट्स अइले में अाइल ग्रुप लगेगा एल्काइन क्राफ्ट अल्कान और अइले वाले दोनों रिएक्शंस अब आती है बात कुछ ऐसे पॉली हैलाइड कंपाउंड्स है बेटा हैलोजन डेरिवेटिव्स ही है मतलब जिनके कुछ यूसेज है इंपॉर्टेंट कुछ एनवायरमेंट पे कुछ असर है कुछ हमारी हेल्थ पे भी होने वाले असर हैं जो अच्छे बुरे यूजेस उनके अच्छे हैं इसलिए हम उनको यूज करते हैं पर उनके एनवायरमेंट पे और अपनी हेल्थ पर असर बहुत बुरे होते हैं तो इसीलिए हमें उनके बारे में थोड़ा जानना है कुछ इंपॉर्टेंट कॉमन वाले हैं मैंने उनके शॉर्ट पॉइंट्स ऑलरेडी यहां निकाले बेटा सिर्फ अगर आपको बोर्ड के एग्जाम में सीधा-सीधा सवाल आ सकता है राइट अ नोट ऑन क्लोरोफॉर्म या ट्राई क्लोरो मिथेन या chcl3 इनमें से किसी भी एक या दो पे आपको पूछ सकते हैं कि उसके यूज लिख दो उसके एनवायरमेंटल इफेक्ट लिख दो या तुम्हाला विचारू शकतात की याचा आपल्या हेल्थ वरती काय इफेक्ट असतो तर अशा प्रकारे तुम्हाला बोर्ड मध्ये या टॉपिक वरती प्रश्न विचारले जातात तो त्यासाठी तुम्हाला काय कराव लागेल बानो हे जे सगे मी शॉर्ट पॉइंट्स लिहिले आहेत मैने जो ये शॉर्ट पॉइंट्स यहां लिखे हैं स्क्रीन पे इन पॉइंट्स को ही आपको पूरा सेंटेंस की तरह अच्छे से बना के फॉर्मेट करके आपको वहां शॉर्ट नोट बनाना होगा मैंने सिर्फ इपोर्ट इंपोर्टेंट जो इंपॉर्टेंट इंपोर्टेंट शब्द है वो शब्द श लिखे हैं यहां पे आपको उनको पूरे सेंटेंस में अच्छे से लिखना है जैसे देखो पहला क्या है आपका डाई क्लोरोमिथेन वो एक कलरलेस वोलेटाइल लिक्विड होता है तो आप क्या लिखोगे डाई क्लोरोमिथेन इज ए कलरलेस वोलेटाइल लिक्विड अगला पॉइंट सॉल्वेंट सॉल्वेंट क्या है बेटा ये उसका यूज है आप लिख सकते हो डाई क्लोरोमिथेन इज कॉमनली यूज्ड एज अ सॉल्वेंट यानी आपको मैंने पॉइंट्स दिए हैं उनको आपको पूरा सेंटेंस बना के लिखना है आपको अब वो लिख ते वक्त आप एग्जाम में लिख ही सकते हैं ना वो तो कोई डिफिकल्ट काम नहीं है पर मेन क्या है ये यूसेज ये इफेक्ट जो है वो याद रहने चाहिए इसीलिए शॉर्ट शॉर्ट तरीके से उनको लिख के एक पेज पे इन सबको एक साथ लिख लो देखो मैंने सब क्या लिखा है यहां जैसे यहां पे डाई क्लोरो मिथेन का और क्लोरोफॉर्म का है कार्बन टेट्राक्लोराइड का भी मैंने यहां पे पॉइंट्स लिखे हैं यूसेज हो या उसका हेल्थ पे क्या इफेक्ट है या एनवायरमेंट पे क्या इफेक्ट है वो कैसा होता है कलरलेस होता है या येलो होता है देखो जैसे वो पॉइंट्स मैंने सबके लिए यहां पे आपको बना के दिए हैं छह ऐसे कंपाउंड्स है छह कंपाउंड्स सभी छह कंपाउंड्स के अपने-अपने प्रॉपर्टीज है अपने-अपने यूसेज हैं अपने-अपने हेल्थ इफेक्ट्स हैं सभी को आपको मैंने शॉर्ट पॉइंट्स बनाए है पर आपको उन्हें सेंटेंसेस में प्रॉपर कवर करना होगा तो क्या करोगे जैसे मैंने यहां नोट किया है बेटा एक ही पेज पे छह के छह एक दूसरे के नीचे ऐसे कवर हो जाए उस तरीके से लिख छह पेजेस मत भर देना छह कंपाउंड्स के लिए क्या करोगे एक ही सेम पेज पे छह कंपाउंड्स के ऐसे बॉक्स बॉक्स बना के छह कंपाउंड्स के पूरे यूजेस पूरा सब कुछ जो भी इंफॉर्मेशन है यहां एक ही पेज पर पूरी फिट होनी चाहिए ठीक है तो ऐसे करके इन छह कंपाउंड्स के बारे में आपके सभी याद रखने हैं आपको प्रॉपर्टीज तो हमने क्या कवर किया बेटा हमने अपना पहला टॉपिक हैलोजन डेरिवेटिव्स कवर किया है अब आपका रोल क्या है आप को कुछ डीपीपी मिलेगी वो भी आपको देखनी है एक्सरसाइज के टेक्स्ट बुक के जो क्वेश्चंस होते हैं वह भी देखने हैं उनके यह लेक्चर देखने के बाद अगर थोड़ा भी कुछ डाउट आता है बेटा फिर से लेक्चर को प्ले करो दो बार देखोगे ना अपने आप पूरा क्लियर हो जाएगा एकदम क्लियर आपको क्या करना है बस प्रैक्टिस रिवीजन नोट्स बनाने कहे हैं मैंने तो नोट्स बनाओ टेक्स्ट बुक पढ़ो प्रैक्टिस करो एक्सरसाइज सॉल्व करो आपका डील डन है पूरा काम हो जाएगा ठीक है तो फिर मेरी तरफ से मैंने यह कर लिया पर आपकी तरफ से भी आना चाहिए फ फर्ट तभी आउटपुट मिलेगा बेटा तो उसके लिए क्या करोगे उसके लिए मेहनत करोगे पढ़ोगे लिखोगे बार-बार प्रैक्टिस करोगे तब जाके आपका यह सब काम होगा सो फिर मिलेंगे अगली कुछ समय में अगले टॉपिक के साथ जो होगा नेक्स्ट आपका अल्कोहल फिनोल एंड थर्स वाला तब तक के लिए जो मैंने कहा वह करते रहना इसको रिवाइज करते रहना अगले टॉपिक का वेट भी करते रहना ठीक है तो फिर मिलते हैं जल्दी तब तक के लिए सबको हैप्पी लर्निंग