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शब्द शुद्धि का महत्व

कि नमस्कार साथियों आप सभी का एक बार पुना स्वागत है आज हमारा एक नया टॉपिक रहेगा हिंदी व्याक्तन के अंतरगत और आज का टॉपिक का नाम है सब्द सुध्धि कई सारे परीक्षाओं जो प्रत्योगी परीक्षा होती रहती हैं उनमें जाता है तो इसी टॉपिक पर बात करने वाले हैं और मैं आप लोग बताने वाला हूं किसी सब्द को सुध्य रूप में कि सब्द सुध्धि से तात्परिय है सब्द का सुध्ध रूप ठीक है ना सब्द का सुध्ध रूप अब आपके मन में यह आ होगा कि इस सब्द के सुध रूप को हम कैसे निर्धारित करेंगे तो सब्द का सुध रूप निर्धारित होता है कि से व्याकरण से इस निर्धारित होगा व्याकरण और हमको पता है हिंदी भाषा का एक विक्षित और परिविष्ठित और मानक जिस रूप में लिखा जाना चाहिए उस रूप में लिखना ही सब्द सुध्धि कहलाता है अर्थात जिस वर्ण का जिस सब्द का उचारण जिस रूप में हो रहा है उसको ठीक उसी रूप में ही लिखेंगे तभी वह सुध्ध सब्� ठीक जैसे एक मैं लिख दूं यहां पर क्या लिख दूं संकर और यहां पर मैं क्या लिख दूं संकर और मैं यहां पर क्या लिख दूं संकर और मैं आपको पूछूंगा तीनों में से सही कौन सा है तो आप क्या बोलोगे यह वाला सही है और यही सही है यह परश्न संकर में कौन सा रहेगा तालव्य सा रहेगा लेकिन यह दोनों क्यों गलत है और कैसे गलत है तो इसका निर्धारण होगा संस्कृत्र में यह संस्कृत्र जितनी भी मतलब जो हमारा व्याकरण का जो जितना भी हमारा संस्कृति तो इसका निधारण करेगा संस्कृति का व्याकरण प्लेड है ना दूसरा हम देखेंगे वर्तनी जैसे वर्तनी एक सब्द हमारे पास क्या है ग्रीहणी और इसी को मैं और लिख दूं क्या ग्रीहणी और इसी को मैं और लिख दूं क्या ग्रीहणी यह देखो अब तीनों में से कौन सा सही सब्द है तो आपको ध्यान होगा सही सब्द कौन सा है ग्रीहणी अब यही सही कैसे होगा तो इसका भी कारण है क्या व्याकरण अ है और इसमें वर्तनी कैसे लगेगी अर्थाब इस वर्तनी कैसे इसमें फिट होगा कैसे सेट होगा कौन सा वर्तनी लगाएंगे उसका आधार क्या है उच्चारण तो हिंदी व्याक्रम में वर्तनी का जो सबसे बड़ा आधार है वह माना जाया है उच्चारण जैसे हम किसी सब्दों को उच्चारण करते हैं उस सब्दों को हम वैसे ही अ लिखते हैं तो जैसे लिखना है वैसे बोलना है और जैसे बोलना है वैसे ही लिखना है अगर मैं इसको ग्रहणी को मैं हमें मात्रा नहीं लगा रहा हूं और अड़ा में बड़ी मात्रा लगाकर लिख रहा हूं तो व्याकरण कहता है यह व्यक्ति क्योंकि हम ग्रहणी उच्चारण नहीं करते हम ग्रहणी उच्चारण करते हैं तो व्याक्रण का सबसे बड़ा आधार वर्तनी का सबसे बड़ा आधार क्या है उच्चारण और यह भी क्वेश्चन आपके हिंदी में पूछा जा चुका है तो यहां पर मैं आपको बताऊंगा कुछ ऐसे सद्ध है जिनको हम समान्यत या बहुत गलत लिखते हैं और यहां पर हमको समझ में भी नहीं आता यह गलत कैसे है करके ठीक है तो इन सब्दों को अपन देखेंगे एक सब्द है स्रिंगार एक आपका सब्द है शाप एक सब्द है सन्यासी एक सब्द है आपका चांवल एक सब्द है अ कि द्वारे का एक सब्द है अगली अभी देखो यह कुछ ऐसे कामन सब्द है समान्य सब्द है जिनको हमेशा हम गलत कारण करते हैं या गलत लिखते हैं और यहां पर जितना भी मैं सब्द लिखा हूं यह सब असुध्य रूप में बहुत समझने का प्रयास करते हैं श्रिंगार सब्द कभी भी जब भी स्रा में री की मात्रा लग जाए कि तब इस तरह का यह वाला जो डंडा है इसको हमको हटाना पड़ता है और यही व्याकरण में सुधा रूप माना जाएगा अब उसके हटने का पीछे रिजन क्या है देखो यह जो सब्सक्राइब और किससे मिलकर बना है और यहां पर लगी है और री में भी आपका क्या होता है रकवचारण होता है तो जब हम स्रिंगार बोलते हैं तो दोन है तो यहां पर दो राख चारण हम नहीं कर पाते इसीलिए यह असुध हो गया तो उसका सुधा रूप कैसे बनेगा तो यह जो डंडी लगा हुआ है श्रा में यह वाला जो डंडी है इसको माना गया है राख प्रतिनिधि और इसको यहां पर डंडी को हटा दिए अर्थात एक रख कट गया यहां पर केवल री के रूप में रहा है और हम उसको चारण आगे देखो एक सब दे यहाँ पर लिखा है सराप कि हम भले ही स्राप बोल देते हैं लेकिन इसका सुधा रूप क्या है साप कभी भी स्राप नहीं होता साप होता है अगला देखो एक सब्द है सन्यासी आपको लग रहा होगा सब यह तो हंड्रेट परसेंट सही गलत कहां से गलत नहीं बिल्कुल तो मैं कहूंगा यह गलत है और जब भी हम सन्यासी बोलते हैं तो एक्ट्रॉल में सन्यासी नहीं होता हमको थोड़ा सा जोर देना रहता है और जोर कहां लगेगा यहां और जोर के कारण ही लग जाता है अनुस्वार सन्यासी आपको क्या बोलना है सन्यासी नहीं सन्यासी यह इसका सुधावचारण है कि अगले देखो चामल अब यहां पर हम भले ही चामल बोलते हैं लेकिन वर्तनी क्या कहता है चामल यहां पर चंद्र बिंदु है वो गायब हो जाएगा सुध रूप हो जाएगा चावल द्वारिका आप में से कितनों भी लोगों ने यह बोला भी होगा लिखा भी होगा बोलते सुना भी होगा द्वारी का लेकिन द्वारी का होता नहीं है होता है द्वार का ठीक वैसे ही अहलिया ना होकर क्या होता है अहलिया और एक और कामन सब्द है जिसको हम समाने रूप से गलत करते हैं और वह है आपका सहस्त्र और यह सहस्त्र ना होकर क्या होता है यह होता है सहस्त्र यह देखो यह समे जो आपको सही रूप ��ता ही होना चाहिए बार तरीक्षा में पूछे जाते हैं इनको हम गलत करके जाते हैं जो कि नहीं होना चाहिए अब मैं आपको एक प कि कि ठीक है चलो तो चलिए पीडीएप निकल गया है ना यहां पर स्टार्ट करते हैं ऐसे बहुत सारे सद्ध जिनको हम समाने रूप से गलत लिखते हैं और इनका सुध रूप क्या होगा इसको आज हम देखेंगे चलो तो यह तो साफ अहिलिया का भी मैंने बता दिया स्राप पर बता दे दोएर का भी हो गया श्रोत हां देखो एक मैंने बताया था आपको सहस्र अभी श्रोत का कैसे बन जाएगा तो यह स्त्रोत न होकर के क्या हो जाएगा श्रोत अगला देखो अनधिकार यह जो अनधिकार सब्द है यह दो सब्दों से मिलकर बना है मतलब इस संधी है अन प्लस अधिकार यह संधी सब्द है अब यहां पर देखेंगे आ और न जुड़ा हुआ है यहां पर आ है तो जब यहां पर आ जुड़ रहा है तो यहां पर आ नहीं आएगा और यह अनाधिकार न होकर होगा यह क्या होगा अनाधिकार आपकी मात्रा हट जाएगी अनाधिकार जिसके अधिकार नहीं है अगला देखो स्रिंगार यह मैंने बता दिया हां एक बहुत इंपोर्टेंट सब्द है अगनासय लिखा क्या है अगनासय अब जब भी आपको किसी सब्द के वर्तनी में डाउट हो तो आप सीधा चले जाना कहां पर संधी में अगर आपका संधीर स्ट्रॉंग है तो यह देखो अग्नी प्लस क्या हो जाएगा आशाई अब यहां पर देखिए प्लस भिन्नस्वर और जब भी इप्लस भिन्नस्वर आता है तो यह का निर्माण होता है लेकिन इस सब्दम यह नहीं है इसलिए वर्तनी गलत है अब यहां पर आप अलिग दो गालिक लो ना आधा हो जाएगा यह आपकी मात्र सव यह तो यह अग्नासय नहों तो क्या बनेगा अग्नियासय सुध्धरूप है अग्नासय गलत है आपका अग्नियासय सुध्धरूप है और अग्नासय सुध्धरूप क्यों है संदी की वजह से क्लियर है ना चलो अब बहुत सारे सब्द हैं आगे बढ़ते हैं कि अगला देखेंगे चामल यह भी मैंने बता दिया चामल नहीं होकर क्या होगा चामल प्रणियासी नहीं होकर क्या होगा सन्यासी अगला देखो कवियित्री अपने चरण करते हैं क्या नहीं यह क्या हो जाएगा कवजित्री कवित्री नहीं होगा अगला देखो ग्रीहडी तो अभी मैंने बताया था आपको अगला देखेंगे कुमुदिनी क्या लिखा है कुमुदनी तो यह कुमुदनी नहीं होता है ना यह क्या होगा द में छोटी मात्रा लग जाएगी और यह होगा कुमुदनी अगला देखो अनुग्रहित यह ऐसा सब्दा है जिसको हम बार-बार गलत करके आते हैं यह अनुग्रहित नहों करके क्या होता अनुग्रहित हमें बड़ी मात्रा होगा और गमि रारेट लगकर री लगता है अनुग्रहित वापिस नाम कोई सब्द नहीं होता यह होता है क्या वापस प्लेट है आगे बढ़ते हैं और एक सब्दा को आप देखते जाएगा अगर आपको नोट सबनाना रहेगा वीडियो को रोक करके आप पॉज करके वीडियो मना सकते हैं पहला सुधरूप क्या हो जाएगा पहला ठीक तीरसकार ठीक तो तीरसकार भी गलत लिखा है आपका साथ चेंज हो जाएगा और मुर्धन्य न होकर दंति सा तीरसकार जैसे भाषकार में होता वेरी इंपोर्टेड अंतर कथा तो अंतर कथा नहीं होता यह संस्कृत का सब्सक्राइब कि तथसम सब्द और यह होता है अंतर कथा यह कई बार आपके परिवार में पूछ चुका है व्यापन अंतर कथा आशिरवाद बिल्कुल सही है अगला फिर देखेंगे दुरावस्था अब यह देखो एक सब्द है दुष प्लस अवस्था यहां पर विशर के संदी का निर्माण होगा और चुकी उपके बाद आया है यह द है कि दम छोटू मात्र लगा है इसको मैं ठीक से लिख देता हूं और उनके बाद यहां पर विशर्ग और विशर्ग के आया है इसी करण रखनी रमाण होगा तो इसको दूकदू रख रहा अब यह आइस में आकर मिल जा रहा है तो रहो गया पूरा अववा आधा सा मिले था तो दुरावस्था ना होकर यह होगा दुरवस्था बहुत इंपोर्टेंट है ध्यान रखना अगले देखो बीमार छोटा एक मात्र नहीं रहेगा बड़ा एक मात्र रहेगा बीमार निरदय निर्दय नहीं होता एक्शुअल में जो सुध सब्द है वह है निर्दय यह सुध सब्द निर्दय आगे देखते हैं निरोग यह एक संधी का नियम है और संधी का नियम के तहत ही वर्तनी निर्धारित होती है संधी का नियम क्या कहता है अगर छोटी की मात्रा के बाद रहा है जैसे यह टूटेगा कैसे निख प्लस रोग यह संधिया देखो विशर के संधिया तो तो यहां पर मात्रा को आपको बड़ा करना पड़ेगा निरोग लिखने पर आप तो यह लिख सकते हैं अगर आपको बड़ा ही की नहीं करना है तो फिर विशर्ग सुरक्षित रखना है यह दोनों सही है निरोग लेकिन यह वाला जो लिखा यह बिल्कुल गलत अगला देखो निर्दोसी ऐसा कोई सब्द नहीं होता एक्शन में होता है क्या निर्दोस ठीक है नर्क नरक यहाँ पर लिखा है लेकिन यह गलत लिखा है यहाँ रा क्या हो जाएगा पूरा हो जाएगा और नरक नहीं होता नरक होता है कि अंतरध्यान नहीं होता यह होता है अंतरधान यह भी आपका विशर्ग संदि है रकनिर्मार अंतरधान अंतरधान संदि पढ़ना बहुत जरूर है दोस्तों अगर आपको सही वर्तनी समझना है तो अगला देखो क्या लिखा है तो स्वास्थ नहीं होता यह होता है क्या यह आपका हो जाएगा स्वास्थिया यह देखो सब यादा रहेगा था भी यादा रहेगा हाँ अगर आप स्वस्थ लिखेंगे क्या लिखेंगे स्वस्थ मैं स्वास्था हूं यह सही है लेकिन आप स्वास्था लिखेंगे तो स्वास्था नहीं होकर के स्वास्थ्य होता है मेरा वास्त्य अच्छा ठीक भरम अब यहां पर देखो नरक में यह रारेप नहीं रहेगा रापूरा रहेगा लेकिन भरम में रापूरा रहेगा यह भरम ना होकर क्या होता है भ्रम मुझे मति भ्रम हो गया था या मैं इस भ्रम में जी रहा था तो भ्रम यहां पर ठीक है कि अगला देखो सद्रिश भी गलत है और यह कम से कम देशों बार पूछ चुका है विभिन्न परीक्षाओं में और सद्रिष्य नहीं होगा यह होगा सद्रिष्य करता होता है के समान के जैसे आगे बढ़ते हैं अगला पर सुधीम देखो चर्मोत कर्ष और चर्मोत कर्ष में यहां पर आप देखेंगे रा जो है वह पूरा हो जाएगा और यह आपका लिखाता है चर्मोत कर्ष पर तो रा को आधा नहीं करना है रा यहां पूरा हो जाएगा अ तत्व यह देखो आपको लग रहा होगा कि तत्व तो बिल्कुल सही लिखा है लेकिन मैं बताऊंगा यह गलत लिखा है और तत्व में दो ता नहीं यहां पर तीन ता रहेंगे यह देखो और जब आप पुस्तक वगरह में देखते हैं ना तो पुस्तक में क नहीं होगा तब तो अगला लिखो प्रदर्शनी यह प्रदर्शनी नहीं होता प्रदर्शनी होता है अगला देखो दमपत्ति और दमपत्ति थोड़ा सा गलत दिखाएगा इसके सुधा में हम जाएंगे तो यह जाएगा दमपति नहों करके होता है दमपति मतलब दोनों पति और पत्नी तत्वाधान ठीक तत्वाधान अब यह क्या होगा तत्वाधान नहीं हो तत्वावधान होगा कि क्या होगा तत्वावधान वह यहां पर डबल हो जाएगा दो बार हो जाएगा तत्व धान न होकर तत्व अवधान तत्व प्लस अवधान कि तत्वावधान यह सुधरूप है जो पड़ी नहीं लिखा है यहां पर ठीक है अगला देखो काली दास की मात्रा है यह गलत है अल्लाह में छोटी मात्रा यह आपका हो गया सुधा रूप आगे बढ़ते हैं ऐसे बहुत सारे सद्ध हैं जो समाने रूप से अपन गलत करके आ जाते हैं ठीक है अगला देखो एक ठीक है ना आप साइंस में पढ़े होंगे एच्छी को और अनेच्छी क्रियाएं ठीक है ना तो देखो एच्छी यहां पर लिखा है लेकिन यह थोड़ा सा गलत है यह एक नहीं होकर क्या होगा आज चिक यह आपका बनेगा विद्वान तो सही लिखा बताओ विद्वान में क्या गलती है तो विद्वान में एक ही गलती है यहां पर क्या नहीं लगा है अलन्द विद्वा और न विद्वा ठीक है अगला देखो परलौकिक तो परलौकिक नहीं होता यह होगा आपका परलौकिक परलौकिक नहोंकर क्या होगा पारलौकिक अब यहीं पर एक चीज आप देखना जहीं पर आपको मैं एक चीज बता रहा हूं या देखो यह सब्द कैसे बना है पर लोक प्लस एक इसमें प्रत्या लगा है तो जब कि यह बन गया यहां बदलावा गया ठीक अगले देखो अर्थ प्लस एक पिछली प्रत्य जोड़ दो तो यह क्या हो जाएगा अर्थिक नहोंकर यह क्या बनेगा आर्थिक ले रहे और देखो धर्म प्लस एक तो यह आपको लग रहा है क्या धर्मिक होना लेकिन नहीं होगा यह बनेगा धार्मिक वैसे ही वर्स प्लस एक यह क्या बन जाएगा आपका वारसिक तो जब भी एक प्रत्या लगेगा तब पहला का जो वार्ण है वहाँ पर एक मात्रा बढ़ जाएगी अगला देखो तो तीन ठोरिस में देख लो उद्योग प्लस एक अगला देखो इतिहास प्लस एक तो ज क्लियर है ना और ठीक ऐसे ही एक आपका प्रत्या है क्या करण प्रत्या है तो जब करण प्रत्या बनेगा लगेगा तब आपकी वर्तनी चेंज हो जाती है कैसे तो एक सब्द देखो हम कैसे लिखेंगे सुधी अब इसमें करण जोड़ दिए तो यह क्या हो जाएगा यहां पर मात्रा हो जाएगा बड़ी की यह हो जाएगा सुधी करण एक हमारे पास सब्द है क्या विद्धि अ अब इसमें भी हम करण जोड़ देंगे तो यही बन जाएगा विध्धी करण ठीक है तो करण प्रते जब भी जोड़ेगा तो छोटी मात्रा बड़ी मात्रा में कन्वर्ट हो जाएगी एक प्रते जब भी जोड़ेगा तो पहले वाले वार है ठीक है और एक और है आपका समास प्लस एक यह क्या बन जाएगा सामास यह बन जाएगा यह समास चलो अगला देखो बता दोगे व्यावहार प्लस एक अभी देखो जितना परिवर्तन हुआ उस अधार परिवर्तन क्या होगा यहां पर और व्यावहार नहोंकर यह क्या हो जाएगा व्यावहारिक नहोंकर व्यावहारिक आ की मात्रा अब वह चीज है हल संबंधी असुध्य अल यह हल को यह बन क्या बोलते हैं हलन्त कि ठीक है ना तो हल संबंधिया इसको हलंद लिख देता हूं हल से होने वाले अंत को हलंद कहते हैं हलंद संबंधिया अब हलन्त संबंधियत सुद्धि कैसे है तो ऐसे कुछ हमारे पास ऐसे कुछ सब्द है जहां पर यदि हम हल नहीं लगाएंगे मतलब हलंत नहीं लगाएंगे तो वह गलत हो जाएगा वर्तनी के दृष्टि को जैसे एक सब्द है विद्ध्वान कि विद्वान है क्या सब्द है विद्वान ठीक एक सब्द है सम्मत एक सब्द है अकस्मत एक सब्द है किस्मत ठीक है एक सब्द है प्रहलाद न तो देखो प्रहलाद में हलंद कहां लगेगा हमें किस्मत में हलंद तमें अकसमात में हलन तामे समवत में हलन तामे विद्वान में हलन नामे ठीक है ना और देखो हनुमान में हलन नामे ठीक है जी तो ऐसे ये वाणना है ज कि सब्द और देख लिख लेंगे अपने एक सब्द है समविद यहां भी हलंद लगेगा एक सब्द है आपका परिषद यहां भी लगेगा एक सब्द है आपका विधिवत यहां भी हलंत लगेगा ठीक है घृतय बान यहां भी हलंत लगेगा और एक सब्द है आपका पृथक प्री थक यहां भेलन लगेगा एक सब्द है पश्चात यहां इतने सब्द है जहां पर आपको हलंत लगाना है और यहां पर अब यह लगने का कारण लगने का सबसे बड़ा कारण है वह बला अर्थात उच्चारण बलागार से तात्पर यह क्या है उच्चारण जैसे हम बल का प्रयोग करते हैं वैसे ही किसी सब्द की वर्तनी चेंज हो जाती है और वैसे ही किसी सब्द को लिखा जाता है जैसे यहां पर देखो हनुमान अब हनुमान को चरण करोगे क्या होगा हनुमान आपका पूरा जोर है ना यह आखिर मात्रा में आ रही है और इसी कारण ना का जोर कम हो जा रहा है ना को हम पूरा चरण नहीं कर पा रहे हैं इसलिए न के नीचे हलंद यहां पर भी देखो पश्चात अब क्या बोल रहे हो पश्चात है तो यहां पर सबसे ज्यादा जोर लग रहा है चा चीज की चा में आप मात्रा लगी है और तक चरण पूरा ना होने के कारण यहां पर प्रण लगा है अगला देखो समविद्ध क्या हम बोल रहे हैं समविद्ध तो समविद्ध बोलने से द पूरा विश्वरित नहीं हो रहा है इसलिए हलंग परिशत तो परिशत बोलने से सा यहां पर है और सा के बाद दा तो दाव तनव चरण नहीं हो रहा है अकस्मात यहां पर तव चरण नहीं हो रहा है किसमत यहां पर तनी हो रहा है प्रहलात कि हम बोलते क्या है प्रहलात यह ऐसे रहेगा प्रहलात तो हां यहां काम उच्चारण हो रहा है सबसे अधिक चारण क्या रहे लाख और द प्रहलात प्लेयर है तो इसलिए दम उच्चारण हलन्त नहीं लगते यहां पर हम विश्वानत लगा हुआ है और हल का सबसे बड़ा कारण है बलाघात जिसको हम उच्छारण कहते हैं तो यह कुछ अगर आपको कोई सद्द गलत ल�