बड़े से बड़ा मोधी समर्थक भी अपना गुस्सा जाहिर करने लगा सरकार के खिलाफ। देखकर ऐसा लगता है कि सारी टैक्स वसूलीय सरकार मिडल क्लास लोगों से करती हैं और जो इनके करोड़पती अरबपती दोस्त होते हैं, इनकम इनिकॉलिटी की इतनी बुरी हालत बृतिश राज के समय भी नहीं थी। बजट वो अलग ही लेवल का था। बड़े से बड़ा मोधी समर्थक भी अपना गुस्सा जाहिर करने लगा सरकार के खिलाफ। इन ट्वीट्स को देखिये, 17 जून तक जो लोग कह रहे थे कि हमें तो डिक्टेटर मोधी देखना है। 23 जुलाई तक आते आते ये कहने लगे, 23 जुलाई तक आते आते कहने लगे, वर्ष गवर्मेंट आफ सीन इन टर्म्स अफ टैक्स इशू। अगर मैं एक पास देता हूँ, उसके बाद निर्मला टैक्स लेती है। अगर मैं एक पास देता हूँ, तो अगर मैं एक पास देती हूँ, तो अगर मैं एक पास देती हूँ। जो भी आपको salary मिलती है, आप उस पे 30% direct tax पे करते हो। बच्चे हुए पैसे को अगर आप invest करते हो, और investment में अगर आप जल्दी से पैसा कमा लेते हो, तो आप 20% tax पे करते हो। Slowly पैसा कमाते हो, तो 12.5% tax, और अगर आपका नुकसान, तो नुकसान आपका है। सवाल यहां यह उठता है कि क्या ये बजट सही में इतना बुरा है? आइए आज के वीडियो में दोस्तों इसे गेहराई स जुरुबात करते हैं उस चीज से जिसे सबसे ज्यादा क्रिटिसाइज किया जा रहा है। Capital Gains Tax ये टैक्स तब लगता है जब आपको ये अपना एसेट बेचते हैं, जैसे कि घर हो गया या जमीन हो गई, Capital Gains Tax को दो हिस्सों में डिवाइड किया जाता है। एक साल से कम के पीरिड में, तो उसे Short Term कहा जाता है, और जो Tax तब लगता है, उसे Short Term Capital Gains Tax कहा जाता है। शॉर्ट में कहा जाये तो STCG लेकिन अगर आप अपनी इन्वेस्ट्मेंट्स को एक साल से ज्यादा समय के लिए रखते हैं तो उसे लॉंग टर्म पीरियड कहा जाता है और ऐसे केस में टैक्स लगता है लॉंग टर्म कैपिटल गेंज टैक्स LTCG 5% से पहले ये 15% होता था अब 20% कर दिया गया है दाई परसेंट से। पहले ये 10% होता था, अब ये 12.5% पर है। लेकिन इस केस में सरकार ने exemption को भी बढ़ा दिया है। पहले एक लाग के exemption होती थी, अब ये 1.25 लाग के exemption कर दी गई है। यानि कि एक साल में अगर आपका profit 1.25 लाग से नीचे है, तो आपको ये tax नहीं भरना होगा। जो भी लोग stock market और mutual funds में अपने पैसे को invest करते हैं, इसके लावा जो लोग futures और options में trading करते हैं, उनके लिए भी बड़ी बुरी ख़बर है। इनकी trading पर एक securities transaction tax लगाया जाता है। Futures पर पहले ये tax हुआ करता था 0.0125% of the transaction value, अब ये बढ़ा कर 0.02% कर दिया गया है। और options पर पहले ये होता था 0.0625% of the option premium, अब इसे बढ़ा कर सीधा 0.1% of the option premium कर दिया गया है। अब लेकिन सरकार के perspective से अगर देखा जाए, तो क्या justification हो सकती है इन सारी taxes को बढ़ाने के? इसका जवाब छुपा है दोस्तों, शायद से Economic Survey 2023-2024 में. एकनोमिक सर्वे अगर आप नहीं जानते, एक एन्यूअल रिपोर्ट होती है, हर साल इसे प्रेजेंट किया जाता है, बजट के आने से पहले, और इसे बनाया जाता है, Economics Division of the Department of Economic Affairs के द्वारा, under the guidance of India's Chief Economic Advisor.
Finance Minister Nirmala Sitharaman ने, 22 जुलाई को, बजट से एक दिन पहले, इफ एक्विटी मार्किट क्लेम्स उन दे रियल एकॉनमी आर एक्सेसिवली हाई, इट इस आ हार्बिंजर अफ मार्किट इंस्टेबिलिटी रेज़र देन मार्किट रेजिलियन्स। अगर stock market उपर जा रहा है तो development हो रही है देश में लेकिन अब कहा जा रहा है कि stock market का उपर जाना कोई इंडिकेटर नहीं है। अगर स्टॉक मार्केट ज्यादा ही उपर जा रहा है, तो इससे मार्केट इंस्टिविलिटी हो सकती है। क्लियरली सरकार इस चीज़ को यहां डिसकरेज करना चाहती है। बेरोजगारी की समस्या पर डीटेल में बात करी है, इन्होंने क्लियरली लिखा है कि साल 2030 तक हर साल हमें 78.5 लाक जॉब्स क्रिएट करनी पड़ेंगे CMIE डेटा के अनुसार अनिम्प्लॉयमेंट रेट 20-24 के एज ग्रुप में 44.49% तक पहुच चुका है अर्ली 2024 में। इसी रिपोर्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स की भी बात करी गई है। दिखा है कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स की वज़े से बहुत बड़ी अंसर्टिनिटी क्रिएट होती है। हर स्किल लेवल पर, चाहे लो स्किल लेवल का वर्कर हो, uncertainty देखने को मिलती है artificial intelligence के आने से इन्होंने साफ शब्दों में लिखा AI is the biggest disruption for the future of work यहाँ पर दोस्तों अगर आप अपने आपको upskill करना चाहते हो artificial intelligence की field में तो मैं अपना chat GPT course recommend करना चाहूंगा यह साड़े पाँच घंटे का course है जिसमें मैंने AI chatbots का theory और practical दोनों समझाया है आप अपनी productivity और efficiency को कई गुना बढ़ा सकते हैं chatbots का इस्तिमाल करके चैप्टर 4 में इसके personal use cases भी बताया है कैसे कैसे आप fitness, health और अपने घर के कामों में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. Chapter 5, Business Owners के लिए है, जिसमें आप इसके जरिये अपने business की marketing, listing करना सीख सकते हैं. Market Research और Customer Feedback Management करना सीख सकते हैं. और इतना ही नहीं, regularly मैं इस course में नए lessons add करता रहता हूँ.
आप मेंसे जो लोग इस course को अलड़ी खरीच चुके हैं, उन सब के लिए ये updates completely free of cost रहेंगे. Latest update में अब chapter 8 add कर दिया गया है इस course में, उसके पहले 4 lessons अलड़ी live हो चुके हैं, और 4 lessons. अगले महीने आ रहे हैं। स्क्रीन पर आप कुछ लोगों के रिव्यूज देख सकते हैं, जिन्नोंने स्कोर्स को लिया है, उन्हें कितना हेल्पफुल लगा। अगर आप इंटरेस्टेड हैं, कूपन कोड यूज़ कीजिए, लर्न 43, 43% ऑफ पाने के लिए, Non-financial assets पे लगने वाला long-term capital gains tax, उपर-उपर से अगर आप देखोगे, तो सरकार ने actually में कम कर दिया है.
पहले ये 20% हुआ करता था, अब ये सिरफ 12.5% है. आप सोचोगे ये तो अच्छी ख़बर होनी चाहिए, सरकार ने indexation के benefits हटा दियें. Indexation का मतलब है, कि आपके property के price पर लगने वाले capital gains tax को, inflation को account में लेकर consider किया जाएगा. यानि कि आज से 20 साल पहले अगर आपने 20 लाख का कोई मकान खरीदा था, और inflation से adjust करके, उस 20 लाख की कीमत आज के दिन 60 लाख रुपए हो जाती है, तो आपको tax कम देना पड़ेगा, क्योंकि उस 60 लाख की value को baseline की तरह consider किया जाएगा, उससे आपका profit निकाला जाएगा, यह होती है indexation, तो उस 20 लाख की कीमत, आज भी 20 लाख रुपए ही कंसीडर करी जाएगी वो बेसलाइन बन जाएगा और आपको टैक्स उतनी एक्स्टर रकम पर देना पड़ेगा सरकार ये क्यों कर रही है इसके पीछे एक कारण बताय जा सकता है तीन गुना कर देगे ये election के time पर Manoj Tiwari ने interview दिया था जिसमें वो बड़े खुशी-खुशी कह रहे थे कि Modi 3.0 के आने के बाद अपनी constituency में वो हर property की कीमत दो से तीन गुना बढ़ा देगे पर ये तो गलत हो जाएगा न क्यों? अब देखो, मनोज तिवारी जैसे लोगों के लिए तो इसमें फाइदा है। जिन लोगों के पास इतना पैसा है कि उन्होंने दो, तीन, चार, पाँच प्रॉपर्टीज खरीद रखी हैं। प्रॉपर्टी के प्राइजेस इतने उपर जाय जा रहे हैं, कि वो अफ़ोड़ी नहीं कर सकते घर खरीदना.
यहाँ भी जब प्रॉपर्टी प्राइजेस ओवर वैल्यूड हो जाते हैं इस तरीके से, इसे एक रियल एस्टेट बबल कहा जाता है. अगर आपनी प्रॉपर्टी साल 2001 से पहले खरीदी है, अब exactly जो benefit मिल रहा है tax के कम होने से 20% से 12.5% होने से और जो नुकसा हो रहा है, indexation benefit के हटने से. इससे overall आपको फाइदा होगा या नुकसान, ये एक example से समझते हैं.
Assume कर लो कि आपने साल 2004 में, 20 लाक रुपए खर्च करके एक property खरीदी दी. Inflation से adjust करके, उस 20 लाक रुपए की आज की value होगी, 64.2 लाक रुपी. ये कैसे calculate हुई?
CII value decide करके. CII होता है cost inflation index, जो की asset के prices की हर साल की inflation calculate करता है. हर साल income tax department CII के numbers release करती है, और base year यहाँ पे साल 2001 को लिया जाता है। साल 2004 में जब हमने property खरीदी, उस साल की CII value थी 113, और इस साल की CII value है 363, तो 363 divided by 113 होता है 3.21, और इसी number को हम multiply करेंगे, अपनी 20 लाख रुपए की cost से, inflation adjusted value निकालने के लिए, अपने घर की आज के दिन। अब ये घर कितने में बिकता है?
Center for Social and Economic Progress की studies के अनुसार, housing prices इंडिया में 9.3% के annual rate से बढ़ते रहे हैं, 1991 से लेकर 2021 के बीच में. अगर हम यही trend assume कर लें, तो इस घर का selling price हो जाएगा आज के दिन 1.24 करोड रुपीज. यानि कि 2004 में हमने एक property खरीदी 20,00,000 की, 2024 में हम इस property को बेच रहे हैं, 1.24 करोड रुपीज की cost में. पुराने सिस्टम में इंडेक्स सेशन को कंसिडर किया जाएगा तो 1.24 करोड माइनस 64.2 लाख हुआ 60 लाख रुपीज और इस पर पुराने वाला लॉंग टम कैपिटल गेंस टैक्स लगा जाएगा 20% का जो की होता है करीब 12 लाख रुपे का टैक्स हुआ हमारे लिए अभी के सिस्टम की बात करें तो इंडेक्स सेशन के बेनेफिट्स चले गए तो हम 1.24 करोड माइनस 20 लाख करेंगे जो की होता है 1.04 करोड रुपीज और इस पर अभी का नया लॉंग टम कैपिटल गेंस टैक्स लगा जाएगा जिससे कि हमारा overall tax निकलेगा 13,00,000 रुपीज का। तो ये एक बड़ा realistic example है realistic prices के साथ, इस specific case में आप देख सकते हो कि करीब 1,00,000 रुपे का नुकसान हो रहा है, नए system के आने के बाद। कई लोगों ने concern जताया है कि क्योंकि नए system इतना नुकसान दायक है, लोग tax बचाने के लिए cash में dealing करने लगेंगे, जिसकी वज़े से black money की circulation और भी भट जाएगे। जिन्नोंने पिछले 23 सालों में delayed projects में investment करी हैं। कई सारे ऐसे housing projects हैं, societies हैं, जहांपर लोगों ने apartments खरीदे, लेकिन वो बने ही नहीं, 5-10 साल delay हो गए, और unless उन properties का price एकदम से drastically बढ़ जाए, इन लोगों को तो और भी ज्यादा नुकसान होगा, बस इकलोता फाइदा इस policy का जो सरकार उमीद कर सकती है, वो यह है कि property prices में जो speculation देखी जा रही है, property prices इतनी तेजी से नहीं बढ़ेंगे, और शायद lower middle class लोगों को घर afford करने का एक मौका मिल पाएगा.
फिर आते हैं हम Angel Tax पर, वो Tax जो Startups पर लगाया जाता है, जब भी Startups अपने Fresh Shares इशू करते हैं, अपने Company के Fair Market Value से उपर के प्राइस पर, और नए वज़ेट में सरकार ने इस Tax को हटाने का प्रपोस किया है, ये एक अच्छा फैसला है, Congress Leaders का तो कहना है, कि उनकी ये Demand काफी समय से रही थी, फिरा इंकम टैक्स पर तो उसमें कुछ बहुत चोटे से माइनर चेंजिस किये गए हैं, जो एक चोटे से स्केल पर फाय� जैसे कि standard deduction को 50,000 से बढ़ा कर up 75,000 रुपीस तक कर दिया गया है slabs में भी थोड़ा सा change आया है पहले 3-6 लाख रुपे की yearly income पर 5% का income tax लगता था अब 3-7 लाख रुपे की income पर 5% का tax लगेगा similarly 10% tax rate का जो slab था वो पहले 6-9 लाख की range में था अब वो 7-10 लाख की range में 15% tax का भी पहले 9-12 लाख की range थी अब 10-12 लाख की range है बाकि आगे के tax rates में कोई बदलाव नहीं आया, exactly आपके लिए यहाँ पर कितना फाइदा होगा, वो depend करता है कि आपको कितने deductions मिल रहे हैं, section 80D, 80TTA, 80TTB के अंडर, exactly आपकी annual income कितनी है, लेकिन मोटे-मोटे तोर पर कहा जाये, तो एक middle class आदमी के लिए negligible फाइदा है इस चीज में भी, इसे आप पिछली सरकारों से compare करो, तो यह एक interesting chart mint ने बनाया है, साल 2006 और 2012 के बीच में, कितनी बार 0% और 30% का slab, उपर बढ़ाया गया था, मिडिल क्लास लोगों के फाइदे के लिए. लेकिन यही स्लैब्स, पिछले 12 सालों से चेंज नहीं किये हैं सरकार ने. सिमिलर चीज कैपिटल गेंज टैक्स के लिए भी कही जा सकती है.
क्या आप जानते हो, साल 2004 में, तो लोंग टर्म कैपिटल गेंज टैक्स 0% पर था. सिर्फ 2018 में ही, नई मोदी सरकार इस टैक्स को वापस लेकर आई. जिसे आप बढ़ाकर 12.5% पर कर दिया गया है। यह एक और बड़ा मुद्धा है, जिसपर सरकार को क्रिटिसाइज किया जाता है, क्योंकि एक साल में अगर आपकी तन्खवा 15 लाख रुपए से ज्यादा है, तो आपका मैक्सिमम टैक्स रेट अपलाई होता है, 30% का, है कि लोगों ने और opposition parties ने मोधी सरकार को अडानी अमबानी की सरकार करके पुकारा है उसके पीछे यही कारण है देखकर ऐसा लगता है कि सारी tax वसूली ये सरकार middle class लोगों से करती है और जो इनके करोड़पती अरबपती दोस्त होते हैं ये चीज एक और data point में जलगती है budget documents में हमें देखने को मिलता है कि सरकार के पास जो कमाई हो रही है वो 19% पैसा income tax से आ रहा है 18% GST से आ रहा है और सिरफ 17% corporate tax से आ रहा है अब इस ग्राफ को देखिए, हमेशा ऐसा नहीं होता था। 2014-15 और उससे पहले, majority share सरकार का actually में corporate tax से आता था। यानि कि companies पर लगाए जाने वाले tax से। धीरे-धीरे सरकार corporate tax को कम करती गई है ओवर दिये। और ज्यादातर अपनी tax वसूली instead करती गई है, income tax payers से। Finance Minister ने एक 5 schemes की बात करी, जिनके लिए 2 लाख करोड रुपे का outlay रखा गया है। पहला है first time employment support, जो लोग अपनी पहली नौकरी करने जा रहे हैं, और जो सरकार के APFO में registered हैं, उन्हें up to 15,000 रुपीज मिल सकते हैं सरकार से. दूसरा, manufacturing के sector में specifically और benefits दिये गए हैं, employees और employers दोनों को. तीसरा, employer support प्रोवाइड किया गया है, ताकि encourage किया जा सके और employers को, कि वो और employees hire करें, सरकार up to 3,000 रुपीज पर month, APFO में contribute करेगी employers के बिहाफ़ पर.
कि एक skilling scheme launch होगी, जिसमें 20,00,000 youth को, वो अगले 5 सालों में skilled बनाएंगे। और पाँचवा सबसे interesting सरकार ने कहा है, कि internship opportunity सरकार provide करेगी, एक करोड youth के लिए, top 500 companies में, for 12 months. ये point बड़ा interesting इसलिए है, क्योंकि Congress के manifesto में, exactly same चीज लिखी गई थी, top companies में internship opportunities provide किया जाना, जो दोनों तरफ की parties favor कर रही हैं, कि implementation actually में कितनी करी जाती है, आल्रेडी आप 24 जुलाई की ये स्टेट्मेंट देख सकते हो फाइनांस मिनिस्टर की, कि ये जोब स्कीम है, ये कंपनीस के लिए कंपलसरी नहीं होगी, बलकि उनके लिए बस एक नज होगी, उस वीडियो को जाकर देख सकते हो। और फाइनली जो आखरी पॉइंट आता है, जिसे एक और बार बहुत ज्यादा क्रिटिसाइज किया जा रहा है, वो है अलग-अलग स्टेट्स में पैसों की डिस्टिब्यूशन। इस बज़ेट में सरकार ने, अमरावती की डेवलप्मेंट के लिए। 60,000 करोड रुपीज खर्च करेगी सरकार, अलग-अलग इंफरस्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में बिहार में, एक्सप्रेस वेस, पावर प्लांट, हेरिटेज कॉरिडोर्स, नए एरपोर्ट्स बनाने में, और 11,500 करोड रुपे, स्टेट को दिये जा रहे हैं, यह बात बड़ी साफ है कि बीजेपी अपनी माइनोरिटी गवर्मेंट में अपने एलाइस, टीडीपी और जेडीओ को खुश रखने की कोशिश कर रही है, इतना सारा पैसा इन दो स्टेट्स को एलोकेट करके, एक समय पर बीजेपी की सरकार इसी तरीके से फेवर किया करती थी गुजरात और उत्तर प्रदेश की स्टेट्स को, एसे conclusion में आपको देश में बढ़ रही income inequality का ये chart दिखाना चाहूँगा, जिसमें आप देख सकते हो कि over the years, जैसे अमीर लोग और अमीर होते गए हैं, गरीब और गरीब होते गए हैं, और पिछले 10 सालों में, ये situation बच से बढ़तर ही होती गई है, top 10% लोगों का share पूरे देश के income में बढ़ता गया है, और middle class का जो share था, इस इशू को एड्रेस करने के लिए, ये जरूरी है कि सरकार, मिडल क्लास लोगों की ग्रोथ पर फोकस करें। छोटे बिजनसिस को प्रमोट किया जाए, बड़ी-बड़ी कॉर्परेट कंपनीस को प्रमोट करने की जगे। क्या ही हो जाएगा उनका। इस article को देखें दोस्तों, income inequality की इतनी बुरी हालत, British राज के समय भी नहीं थी। सोच सकते हो। यह सिर्फ आने वाला time ही बताएगा, कि सरकार की ये नई policies, चीजों को कितना बहतर बनाती हैं, और कितना बत्तर। और artificial intelligence को अगर आप और गहराई से समझना चाते हो,