हेलो हेलो नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप लोग आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है हमारे ब्रांड न्यू चैनल अनअकैडमी अभियान में जहां पर हम शुरू करने जा रहे हैं वापस से अपने आधुनिक भारत की सीरीज मॉडर्न हिस्ट्री की सीरीज को हम यहां वापस से कंटिन्यू करेंगे सबसे पहले आप मुझे बताइए आप लोग कैसे हैं और क्या आप मेरी आवाज सुन का रहे हैं दोस्तों क्या मेरी वॉइस क्लियर है ऑडियो वीडियो क्लियर है इसके बाद फिर मैं कमेंट को आगे रखना हूं फिर हम शुरू करते हैं हमारा आज का सेशन जल्दी बताइए इस एवरीथिंग गुड ऑडियो और वीडियो सही है बहुत दोनों के बाद हम स्मार्ट बोर्ड से पढ़ाई कर रहे हैं और बढ़त दाल दीजिए क्योंकि लगातार ये क्लास चलने वाली है दोस्तों बढ़िया है सब बढ़िया सबसे पहले आप सभी लोगों को महात्मा गांधी जयंती की बहुत-बहुत शुभकामनाएं शास्त्री जी की जयंती की बहुत-बहुत शुभकामनाएं आज इस दिन को दोस्तों हम लोगों ने इसी लिए चुनाव है क्योंकि दो महान लोगों का आज जन्मदिन है उनकी जयंती है और इसी उपलक्ष्य में हमने भी अपने चैनल को आज स्टार्ट किया है जैसा आप जान रहे हैं की हमारे चैनल पर कर लोगों की टीम है और ये एक्रॉस डी स्टेट सबसे अच्छे टीचर्स की टीम है दोस्तों और यहां पर सामंती सर है जो आपको डेली करंट अफेयर्स का सेशन ले रहे हैं सुबह 8:00 मेरा सेशन होगा रोज 2:45 पर मॉडर्न हिस्ट्री का सेशन होगा मुकेश सैनी सर आएंगे और मुकेश सैनी सर आपको इंडियन पालिटी पढ़ाएंगे 4:15 पर इंडियन पालिटी का उनका सेशन होगा और इंडियन ज्योग्राफी लेकर के ए रहे हैं नूर आलम सर तो दोस्तों साड़ी तैयारी आपको इस प्लेटफॉर्म पर कराई जाएगी आप किसी भी स्टेट पीएससी की तैयारी कर रहे हो या वनडे एग्जामिनेशन की तैयारी कर रहे हो यह सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म रहेगा जहां पर आप बहुत अच्छे तरीके से ऑपरेशन कर सकते हैं ना सिर्फ यहां पर आपके लेक्चर होंगे बल्कि इनका रिवीजन भी होगा 1 मिनट में आपको प्लानिंग समझा दे रहा हूं सोमवार से शुक्रवार तक हमारी लगातार कक्षाएं होंगे शनिवार का जो दिन रहेगा उसे दिन रिवीजन होगा संडे को स्पेशल संडे रहेगा और संडे को हम करंट अफेयर्स की बातें कर रहे होंगे मैं एमपी से हूं तो मैं मध्य प्रदेश के करंट अफेयर्स लेकर के आऊंगा नूर आलम सर अप के करंट अफेयर्स लेकर के आएंगे और मुकेश सैनी सर आपके लिए राजस्थान के करंट अफेयर्स लेकर के आएंगे जल्द ही दोस्तों बिहार और झारखंड से भी दो टीचर हमारे साथ जुड़ने वाले हैं तो वो आपको बिहार और झारखंड का करंट अफेयर्स प्ले कर भी आएंगे ये एक जीएस स्पेशल का बैच है जो लगभग दो से तीन महीने में पूरा होगा मैं हिस्ट्री जैसे ही मॉडर्न हिस्ट्री खत्म होगी इसके बाद हम असिएंट हिस्ट्री स्टार्ट करेंगे और फिर मिडिवल हिस्ट्री स्टार्ट करेंगे तो पुरी इतिहास को मैं यहां पर कर कराऊंगा इस प्रकार से पालिटी मुकेश सैनी सर कर कराएंगे और नूर आलम सर आपको इंडियन और ज्योग्राफी इसी प्लेटफॉर्म पर विदाउट अन्य कॉस्ट आपको कर कराएंगे दोस्तों बस आपसे एक छोटी सी रिक्वेस्ट है हमारा नया चैनल है इसे सब्सक्राइब कीजिए शेर कीजिए अपने दोस्तों के साथ वीडियो को लाइक कीजिए और हमारा हौसला बधाइयां अच्छा कंटेंट लाने की जिम्मेदारी हमारी है बहुत सर कंटेंट मैंने युटुब पर और स्पेशल क्लासेस पर दिया हुआ है इसी को हम और आगे बढ़ाएंगे आप सब लोगों के सपोर्ट के साथ चलिए दोस्तों शुरू करते हैं अभियान को चलिए शुरू करते हैं हमारे इस पहले वीडियो को वीडियो शुरू करने से पहले मैं आपको बता डन की यह हमारा ऑफिशल टेलीग्राम चैनल है अभियान अनअकैडमी अभियान आप लिखेंगे यह हमारा ऑफिशल टेलीग्राम चैनल है जहां पर एक दिन पहले आपको बता दिया जाएगा की कल कौन सा टीचर कौन सा टॉपिक पढ़ा रहा है और अगर कल क्लास नहीं है तो उसकी जानकारी भी आपको इस चैनल को मिल जाएगी साथ ही साथ पीएफ जो सबसे बड़ी दिक्कत आपको पीएफ की होती है तो आप हमारे चैनल को खोलिएगा इस चैनल पर यहां पर एक आईकॉन बना हुआ है वहां पर गूगल ड्राइव की लिंक दी गई है दोस्तों एक क्लिक में वन क्लिक में आपको सभी टीचर्स की साड़ी पीएफ मिल जाएगी आज से एक साल के बाद या 5 साल के बाद भी आप ये लेक्चर देखो जी तो यहां आपको एक पीएफ लिंक मिलेगी तो पीएफ की साड़ी समस्याएं हमने खत्म कर दी हैं कई बार ये होता है की आप लोग लेक्चर बाद में देखते हैं पीएफ आपको नहीं मिलता है हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़िए वहां पर तो आपको पीएफ प्रोवाइड कराई ही जाएगी लेकिन आप हमारे चैनल आईकॉन पर भी जा सकते हैं वहां पर टेलीग्राम और पीएफ दोनों की लिंक दी गई है उसको जरूर आप जॉइन कर लीजिए प्लीज हमारे चैनल को सब्सक्राइब कीजिए एक और बात बता डन ये मेरा पूरा एक शेड्यूल है दोस्तों एक तो मैं मॉडर्न हिस्ट्री की क्लास लेकर के ए रहा हूं जो हमारी युटुब पर होगी रोज 2:47 पर दूसरा जो एक क्लास में स्टार्ट किया हूं वो 11:00 बजे सुबह एक टेस्ट सीरीज है यह क्लास नहीं है ये एक टेस्ट सीरीज है और इसमें डेली टॉपिक वाइस टेस्ट हम और आज पहले टेस्ट था इसकी जानकारी भी मैंने अपने टेलीग्राम चैनल पर दाल दी थी दोनों टेलीग्राम चैनल पर मैंने आपको बता दिया था अब जो कल का टॉपिक है वो मैं आपको बता डन दोस्तों की कल जो हमारा टेस्ट होगा वो कैबिनेट मिशन से संविधान सभा तक का टेस्ट होगा कैबिनेट मिशन से कांस्टीट्यूएंट असेंबली तक का टेस्ट होगा स्पेशल क्लास सुबह 11:00 हो रही है स्पेशल क्लास के लिए आप अनअकैडमी पर मुझे फॉलो कर सकते हैं लिंक आपके डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दी गई है तो यहां पर आप दोपहर आई सुबह 11:00 और मेरे साथ एक टारगेटेड तैयारी आप कीजिए हर दिन में आपको टास्क दूंगा वो टास्क आपको खुद पढ़ करके आना है आप लुसेंट और घटना चक्र से उसको पढ़िए अभी सैनी सर भी स्टार्ट कर रहे हैं उनके साथ भी आप पढ़ सकते हैं और रोज 11 बजे वहां पर टेस्ट होगा अगेन यह सोमवार से शनिवार तक होगा संडे को इसमें कोई टेस्ट नहीं लिया जाएगा दोस्तों ठीक है और एक और बात बता डन दोस्तों की दोस्तों यह हम यहां से स्टार्ट कर रहे हैं और ये टॉपिक है भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन इंडियन नेशनल मूवमेंट और यह हमारी इकाई आठ होगी यह हमारी यूनिट 1 होगी आप में से बहुत से लोग जो नए जुड़े हैं का रहे होंगे सर ये यूनिट 8 क्यों लिखा हुआ है इकाई आठ क्यों लिखा हुआ है यहां पर इकाई वन क्यों नहीं लिखा हुआ है इसका करण समझिए इससे पहले की जो कक्षाएं हैं इससे पहले की जो लेक्चर है वो मैंने स्पेशल क्लास में कर कारण देखिए दोस्तों क्या है जो हमारा आधुनिक भारत का इतिहास है जो मॉडर्न इंडियन हिस्ट्री है तो उसके दो पार्ट है आधुनिक भारतीय इतिहास को हम दो हसन में बैठ करके देखते हैं एक वो इतिहास जो की 1885 के पहले का है बिफोर 1885 के पहले की हिस्ट्री है ओके 1885 के पहले की हिस्ट्री है और एक वो इतिहास जो की 1885 के बाद का है ओके और जो इतिहास 1885 के बाद स्टार्ट हुआ है जो हिस्ट्री 1885 के बाद हमको पढ़ने हैं दोस्तों तो इस इतिहास को तुम कहते हैं इंडियन नेशनल मूवमेंट इस इतिहास को हम कहते हैं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन ठीक है उसको हम क्या बोलते हैं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नाम हम इसको देते हैं और यह जो इतिहास है यह 1885 के पहले का इतिहास है इसमें हम पढ़ने हैं की किस प्रकार से यूरोपीय कंपनियां भारत में आई किस प्रकार से उत्तर वृद्धि मुगल शासको का अंत हुआ अराइवल ऑफ यूरोपीय कंपनी ठीक है इसमें हम मुगल रुलर्स के बड़े में पढ़ने हैं फिर हम ये भी पढ़ने हैं की भारत में किस प्रकार से संस्कृत धार्मिक सुधार आंदोलन शुरू किया गए कल्चरल और रिलिजियस रिफॉर्म मूवमेंट स्टार्ट किया गए तो ये साड़ी चीज मैं अपनी स्पेशल क्लास में कर कर चुका हूं प्लीज वहां जाकर के आप देखिए और बहुत से लोग होंगे जो वहां पर जुड़े हुए थे बहुत डिटेल में मैंने आज साड़ी चीज को पटाया है टेस्ट भी कन्वर्ट कराए हैं तो वहां जाकर के आप इनको देख सकते हैं यहां पर जो हम मॉडर्न हिस्ट्री पढ़ने वाले हैं वह हम स्टार्ट करेंगे भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन से इंडियन नेशनल मूवमेंट से यहां पर हम हिस्ट्री स्टार्ट करेंगे सर इसमें हम क्या-क्या पढ़ेंगे तो इसमें सबसे पहले हम पढ़ेंगे भारतीय राष्ट्रवाद का उदय राइस ऑफ इंडियन नेशनलिज्म की आखिरकार राष्ट्रवाद क्या होता है इसका उदय क्यों हुआ कैसे कांग्रेस के पहले की संस्थाओं ने परी कांग्रेस इंस्टीट्यूशन ने इंडिया में चीजों को आगे बढ़ाया सुरेंद्रनाथ बनर्जी की इंडिया संगठन ओके दादा भाई नौरोजी की लंदन संगठन इन्होंने किस प्रकार से कम किया उसके बड़े में हम पढ़ रहे होंगे दूसरा जो हमारा चैप्टर इसमें निकाल कर के आएगा वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बड़े में निकाल कर के आएगा इंडियन नेशनल कांग्रेस के बड़े में निकाल करके आएगा हम पढ़ेंगे की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का निर्माण किस प्रकार से हुआ और उसकी गतिविधियां किस प्रकार से आगे बढ़नी चली गई फिर हम बात करेंगे भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के चरणों की हम डिस्कस करेंगे ऑफ इंडियन नेशनल मूवमेंट अब आपने पढ़ा होगा कई बार किताबें में एक उदारवादी चरण है जिसको हम लिबरल फेस बोलते हैं एक क्रांतिकारी चरण है जिसको हम रिवॉल्यूशनरी बोलते हैं और फिर एक गांधीवादी चरण है जिसको हम गांधियन स्टेज या गांधियन एरा बोलते फैज बोलते हैं तो इन तीनों चरणों को हम डिस्कस करेंगे सभी क्रांतिकारी की बात करेंगे सभी उदारवादियों की बात करेंगे और गांधी जी और उनके साथ जो गतिविधियां हुई उन सबको हम इस फैज में डिस्कस करेंगे और आखिरी पार्ट हमारा होगा वो होगा स्वतंत्रता और विभाजन इंडिपेंडेंस और डिवीजन भारत को स्वतंत्रता किस प्रकार से मिली और भारत का विभाजन किस प्रकार से हुआ इस बड़े में हम बात करेंगे पुरी कोशिश रहेगी की आने वाली 20 से 25 कक्षाओं में 25 घंटे के अंदर आपके ये सारे टॉपिक खत्म करवा दिए जाए विद एमसीसी एमसीसी इस बार डेली बेसिस पर होंगे आज जो क्लास होगी कल की क्लास स्टार्ट होने से पहले पांच एमसीसी आपको दिए जाएंगे तो विद एमसीसी हम इन चीजों को कंडक्ट चलिए शुरू करते हैं सभी लोग तैयार होंगे और एक छोटा सा आपके दिमाग में आइडिया बन गया होगा की हम क्या पढ़ने वाले हैं और किस प्रकार हम चीजों को पढ़ने वाले हैं शुरू करते हैं दोस्तों और सबसे पहले हम बात करते हैं भारतीय राष्ट्रवाद का उदय राइस ऑफ इंडियन नेशनलिज्म ठीक है अब यहां पर एक शब्द निकाल कर के आगे और शब्द है राष्ट्रवाद शब्द है राष्ट्रवाद शब्द है नेशनलिज्म ओके ये शब्द यहां पर निकाल कर के आया सर आखिरकार इसका मतलब क्या होता है राष्ट्रवाद का मतलब क्या होता है तो दोस्तों राष्ट्रवाद का मतलब ये होता है की जैसे मां लीजिए ये एक क्षेत्र है ये पूरा का पूरा इलाका है और इस इलाके में बहुत सारे लोग र रहे हैं ये मां लिया की ये कर पांच लोग यहां पर र रहे हैं ठीक है इस एरिया के अंदर ये लोग र रहे हैं जब ये लोग आपस में एक दूसरे से जब ये लोग आपस में एक दूसरे से संस्कृत रूप में जुड़ जाते हैं जब एक दूसरे से आपस में कल्चरल जुड़ जाते हैं और इस पूरे क्षेत्र को एक इकाई माने लगता हैं एक यूनिट माने लगता हैं दोस्तों तो इसी को कहा जाता है राष्ट्रवाद इसी को कहा जाता है नेशनलिज्म जैसे की हम बहुत से लोग मध्य प्रदेश में रहते हैं बहुत से लोग दिल्ली में रहते हैं बहुत से लोग तमिलनाडु में रहते हैं कुछ लोग मिजोरम अरुणाचल में रहते हैं जम्मू-कश्मीर में रहते हैं लेकिन हमारी भाषा भी अलग-अलग है हमारे रहने का तरीका भी अलग-अलग है लेकिन एक चीज जो हमको जोड़े रखती है वो ये है की हम सब भारतीय हैं हम सब इंडियन है हमारे कलर अलग हो सकते हैं हमारी भाषा अलग हो शक्ति है लेकिन अगर हमारे देश के लिए जब बड़ी कुछ भी करने की बड़ी आएगी तो सबसे पहले हम इंडियन हैं सबसे पहले हम भारतीय हैं देखो तो राष्ट्रवाद की परिभाषा कुछ इस प्रकार आप दे सकते हैं जब एक व्यक्ति जब एक व्यक्ति अपनी प्रति अपनी भाषा अपने क्षेत्र से ज्यादा महत्व राष्ट्र को देता है तो उसे राष्ट्रवाद कहा जाता है वह परसों गिव्स मोर इंपॉर्टेंट तू एन नेशन इंसटिड ऑफ इट्स लैंग्वेज रीजन और कलर दें दिस इस नॉन आज डी नेशनलिज्म इसे ही राष्ट्रवाद कहा जाता है ठीक है तो अब ये भारतीय राष्ट्रवाद क्या है इंडियन नेशनलिज्म क्या है देखिए भारतीय राष्ट्रवाद से हमारा मतलब ये है दोस्तों की देखिए हमारे यहां पर शुरू से ही शुरू से ही भारत एक यूनाइटेड कंट्री था लेकिन भारत में अलग-अलग छोटे-छोटे राज्य हुआ करते थे ये पुरी कहानी हम लोग जानते हैं एक समय आया जब प्राचीन इतिहास हम पढ़ने हैं तो हम मौर्य के बड़े में पढ़ने हैं जब मौर्य थे तो पूरा भारत इंटीग्रेटेड हो गया जब मौर्य गए तो फिर भारत छोटी-छोटी टुकड़ों में बांट गया फिर वापस से गुप्त साम्राज्य फिर भारत यूनाइटेड समय भी ऐसा ही हुआ तो भारत में क्या था भारत शुरू से एक राजपूत था लेकिन भारत के लोगों के अंदर यह भावना पैदा करना की मैं बंगाल से नहीं हूं मैं मध्य प्रांत से नहीं हूं मैं भारतीय हूं इसी को कहा जा रहा है राष्ट्रवाद इसी को कहा जा रहा है नेशनलिज्म तो क्या हुआ जब अंग्रेज भारत में आए जब ब्रिटिशर्स इंडिया में आए तो ब्रिटिशर्स ने क्या किया इंडिया का पॉलीटिकल इंटीग्रेशन किया भारत का क्या किया भारत का राजनीतिक एकीकरण कर दिया भारत के कई रियासतों को खत्म करके उन्हें राज्यों में बदला उन्हें प्रोविंस में बदला और इंडिया का पॉलीटिकल इंटीग्रेशन कर दिया ठीक है और इस पॉलीटिकल इंटीग्रेशन के अलावा क्या हुआ जब ब्रिटेन के लोग भारत में आए तो उन्होंने भारत में एक और कम किया वो था हमारा ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम वह था हमारा परिवार इन्होंने परिवहन को सुचारू रूप से आगे बड़ा दिया ठीक है तो इसकी वजह से क्या हुआ दोस्तों इसकी वजह से भारत के अलग-अलग क्षेत्र के लोग एक साथ आपस में जुड़ने लगे और उनके बीच में विचारों का आदान-प्रदान होने लगा उनके बीच में थॉट का एक्सचेंज होने लगा ये तो एक करण था जो की ब्रिटिश का पॉजिटिव रीजन आया दूसरी दिक्कत ये थी की जो हमारे यहां पर ब्रिटिश रूल हुआ जो हमारे यहां पर ब्रिटेन का शासन हुआ तो उन्होंने कॉलोनियल पॉलिसी को अपनाया उन्होंने ऑफ नेवेशिक नेशन को अपनाया खाओगे सर सर ये उपनिवेश का मतलब क्या होता है कॉलोनी का मतलब क्या होता है तो मेरे दोस्त जब एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्रपति सिर्फ उसके आर्थिक संसाधनों का दोहन करने के लिए कब्जा करता है तो इसे उपनिवेशवाद कहा जाता है इसे कॉलोनियलिज्म कहा जाता है फिर से रिपीट करता हूं जब एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र पर सिर्फ आर्थिक संसाधनों का दोहन करने के लिए शासन करता है तो उसे कॉलोनियलिज्म कहा जाता है उसे ही उपनिवेशवाद कहा जाता है तो ये चीज आपको याद रखती है तो ब्रिटेन के लोग भारत क्यों आए थे तो ब्रिटेन के लोगों का भारत आने का सिर्फ एक पर पास्ता की भैया हमें कैसे भी करके यहां पर मैक्सिमम प्रॉफिट अर्न करना है जितना ल सकते हो भारत को लूटो और यहां से अधिकतम धन राशि को लेकर के यहां से बाहर निकाल जो तो इसके लिए उन्होंने कॉलोनियल पॉलिसी को अपनाया इसके लिए उन्होंने औपनिवेशिक नेशन को अपनाया इसमें क्या-क्या शामिल था तो इसमें उनकी लैंड रिवेन्यू पॉलिसी शामिल थी इसमें उनकी भू राजस्व नीति शामिल थे और भू राजस्व नेशन में हम डिस्कस किया हैं पुराने कलासन में की भू राजस्व नेशन में स्थाई बंदोबस्त परमानेंट सेटलमेंट रैयतवाड़ी और महालवाड़ी इन तीनों की तीनों नेशन में किसने का बहुत ज्यादा शो हुआ फार्मर्स का इन तीनों में बहुत ज्यादा एक्सप्लोइटेशन किया गया एक तरफ किसने का शोषण हुआ दूसरी और जमींदार वर्ग तैयार हुआ दूसरी और एक जमींदार क्षेत्र तैयार हुआ और यह वही जमींदार वर्ग है जो हमेशा अंग्रेजन से वफादार रहेगा जो हमेशा अंग्रेजन का क्या रहेगा लॉयल रहेगा और जब भारत में क्रांति की बात होगी तो ये जमींदारी वर्ग हमेशा ब्रिटेन का साथ देगा क्रांतिकारी के साथ भी धोखा करेगा राष्ट्रवादी जितने भी आंदोलन होंगे सबके साथ ये धोखा करेगा यह पॉइंट आपको याद रखना है दूसरी चीज यहां पर आपको याद रखना है इनकी एडमिनिस्ट्रेशन पॉलिसी जो इनकी प्रशासनिक नीतियां थी उन्होंने भी भारत को बहुत ज्यादा प्रभावित किया जो इनका एडमिनिस्ट्रेशन पॉलिसी थे उससे भी इंडिया को बहुत दिक्कत हुई अगर इसके बाद हम कुछ और कर्म की बात करें तो एक इनकी सोशल रिलिजियस पॉलिसी थी सामाजिक और धार्मिक नीतियां थी किस प्रकार से जबरन धर्मांतरण की बात कहीं गई इसी मिशनरियों को बढ़ावा दिया गया यह सारे कम किया गए जिसकी वजह से भी भारत में बहुत ज्यादा असंतोष था और याद रखना की रिलिजन को लेकर के हमेशा से ही भारत में सेंटीमेंट आगे रहते हैं तो ये चीज बहुत ज्यादा अफेक्ट कर गई तो जब ब्रिटेन के लोग जब ब्रिटेन के लोगों ने इतने सारे कम किया उन्होंने अपनी औपनिवेशिक नीतियां चलाई उन्होंने पश्चात शिक्षा और चिंतन इसको हम डिस्कस करेंगे सामाजिक धार्मिक सुधार आंदोलन भारत में हो गए प्रेस और समाचार पत्र भारत में चलने लगे राजनीतिक संस्थाएं भारत में बने लगी इतने सारे कम जब इंडिया में हुए तो भारत के लोग जो की संस्कृत रूप से अलग-अलग है कल्चरल लोग अलग-अलग हैं लेकिन उनके बीच में एक जुड़ाव होने लगा उनके बीच में ये भावना आने लगी की हम भारतीय हैं और यह चीज यही से निकाल कर के आई और इसी को कहा जा रहा है भारतीय राष्ट्रवाद का उदय इसी को कहा जा रहा है प्राइस ऑफ इंडियन नेशनलिज्म ओके इसमें एक पॉइंट आपको याद रखना है दोस्तों की इसमें सबसे बड़ा योगदान निभैगी पेस्ट चैप्टर शिक्षा और चिंतन इसमें सबसे बड़ा रोल प्ले करेगी वेस्टर्न एजुकेशन और थिंकिंग क्योंकि भारत के लोग जब ब्रिटेन यहां पर आया ब्रिटेन ने अंग्रेजी शिक्षा स्टार्ट कर दी आपको पता ही होगा मैं कॉलेज एक मैकाॅली मिनट करके आया था तो मैं कॉलेज मिनट के बाद भारत में अंग्रेजी शिक्षा शुरू हो गई इंग्लिश एजुकेशन स्टार्ट हो गई अब जैसे ही इंडिया में इंग्लिश एजुकेशन को स्टार्ट किया गया तो भारत के लोग बाहर भी जान लगे पढ़ाई करने के लिए ये अमेरिका जान लगे यूरोप जान लगे वहां पर यह पढ़ाई करने के लिए जान लगे और जब यहां पढ़ाई करने के लिए गए तो वहां पर इन्होंने स्वतंत्रता को देखा लिबर्टी को देखा सामान्य को देखा इक्वलिटी को देखा इन सभी चीजों को इन्होंने वहां पर देखा और जब ये चीज उन्होंने वहां पर अच्छी और भारत के साथ इसका कंपेयर किया इंडिया के साथ जब इसका कंपैरिजन किया तो इन्होंने पाया की भारत में ये चीज नहीं हो रही है तो पाश्चात्य शिक्षा का इसमें बहुत बड़ा योगदान होगा क्योंकि वही लोग भारत आएंगे और यही लोग भारत में सुधार आंदोलन को शुरू करेंगे रिफॉर्मर्स मूवमेंट की बात करेंगे आप जितने भी सुधार आंदोलन उठा लीजिए चाहे राजा राममोहन राय की आप बात कर ले जिन्होंने आत्मीय सभा और ब्रह्म समाज की स्थापना की एजुकेटेड थे हाली एजुकेटेड थे ईश्वर चंद्र विद्यासागर की बात कर लीजिए जिन्होंने विधवा पुनर विवाह को शुरू करवाया थोरी मैरिज के लिए एक्ट पास कराया था इसके अलावा चाहे आप सर सैयद अहमद खान की बात कर लीजिए आप सुरेंद्र नाथ बनर्जी की बात कर लीजिए जिन्होंने इंडिया संगठन की स्थापना की और ये सभी इंडिया संगठन है दोस्तों जी इंडिया संगठन ने सिविल सेवा के रिफॉर्म की बात की थी सिविल सेवा किस सुधरो की बात की थी जितनी भी लोग आपको मिलेंगे हाली एजुकेटेड थे और जो वेस्टर्न थिंकिंग से बहुत ज्यादा प्रभावित थे और इंडिया में उन चीजों को इन्फ्लुएंस करना चाहते थे और आखरी में सबसे बड़ा जो योगदान यहां पर दिया है वो योगदान दिया है राजनैतिक संस्थाओं ने पॉलीटिकल इंस्टीट्यूशन में क्या हुआ भारत में अलग-अलग लोगों ने राजनीतिक संगठनों की स्थापना करना शुरू कर दिया पॉलीटिकल इंस्टीट्यूशन बनाना स्टार्ट कर दिया और ये राजनीतिक संगठन दो प्रकार के थे दोस्तों एक तो था इंडियन नेशनल कांग्रेस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और आपको पता ही है की 1885 में 1885 में इंडियन नेशनल कांग्रेस को बनाया गया था इसका एस्टेब्लिशमेंट किया गया था और इंडियन नेशनल कांग्रेस वो आधार बंटी है जी आधार पर भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को खड़ा किया जाता है जी बेस पर या जी फाउंडेशन पर इंडियन नेशनल मूवमेंट को स्टार्ट किया जा रहा है कांग्रेस के बहुत साड़ी कहानी होगी जो हम आगे की कक्षाओं में पढ़ रहे होंगे लेकिन क्या सिर्फ कांग्रेस ही थी क्या सिर्फ कांग्रेसी अवेलेबल थी नहीं कांग्रेस के पहले भी कुछ राजनीतिक संस्थाएं थी उन्होंने भी इसमें बहुत बड़ा योगदान दिया है जिनको कहा जाता है कांग्रेस पूर्व राजनीतिक संस्थाएं जिनको कहा जाता है परी कांग्रेस इंस्टीट्यूशन और आज की क्लास में हमें इन्हीं कांग्रेस पूर्व राजनीतिक संस्थाओं को पढ़ना है हमें इन्हीं परी कांग्रेस इंस्टीट्यूशन की बात करनी है तो ये बताइए क्या यहां तक आपको टॉपिक क्लियर हुआ भारतीय राष्ट्रवाद क्या है भारतीय राष्ट्रवाद के उदय के करण और तीसरा अब हम पढ़ने के लिए जा रहे हैं कांग्रेस पूर्व संस्थाओं की बात करने जा रहे हैं परी कांग्रेस इंस्टीट्यूशन की बात करने के लिए जा रहे हैं बताइए दोस्तों क्लियर है यहां तक जल्दी बताइए फिर अपना आगे बढ़ते हैं बढ़िया तो आगे बड़ा जाए अगले पार्ट पर चले स्पेक्ट्रम बुक उसे कीजिए स्पेक्ट्रम और घटना चक्र ऑब्जेक्टिव के लिए चलिए दोस्तों तो आगे बढ़ते हैं अगले पार्ट पर ए जाते हैं ओके इसके बाद हम आगे बंधन तो हमें ये देखना होगा की ये जो कांग्रेस पूर्व की संस्थाएं हैं इनका उद्देश्य क्या था तो देखिए दोस्तों कांग्रेस पूर्व बहुत साड़ी संस्थाओं का गठन किया गया कांग्रेस से पहले भी भारत में अलग-अलग पॉलीटिकल इंस्टीट्यूशन हुआ करते थे जैसे आपने नाम सुना होगा इंडिया संगठन का आपने लैंड 100 सोसाइटी के बड़े में सुना होगा आपने बंगाभाषा प्रकाशक समिति के बड़े में भी सुना होगा एक-दो इंस्टीट्यूशन और थे जिसको बॉम्बे कमेटी और मद्रास कमेटी कहा जाता था बहुत सारे इंस्टीट्यूशन बनाए गए 20 50 से ज्यादा आपको राजनीतिक संस्थाएं देखने के लिए मिलती है लेकिन यहां पर पांच या छह राजनीतिक संगठन ऐसे हैं जींस अक्सर एग्जाम में सवाल आते हैं तो उनको हमें ना सिर्फ पढ़ना है बल्कि आज की इसी क्लास में उनको याद भी कर लेना है पर यह समझना जरूरी है की कांग्रेस और कांग्रेस से पहले जो संस्थान आए उन दोनों के बीच में अंतर क्या है उन दोनों के बीच में बेसिक डिफरेंस क्या है देखिए सबसे बड़ा बेसिक डिफरेंस यही है की कांग्रेस से पहले जो संगठन थे वो एक क्षेत्र विशेष में हुआ करते थे बंगाल उनका इलाका हो गया या फिर बिहार उनका इलाका हो गया तो एक पर्टिकुलर रीजन में ही वो क्या होते थे उनका इमिटेशन थी की वो क्षेत्रीय संगठन है वो एक रीजनल इंस्टीट्यूशन है लेकिन जब कांग्रेस का गठन किया गया और जब कांग्रेस पिक्चर में आई दोस्तों तो कांग्रेस एक ऐसा संगठन थी जो किसी एक क्षेत्र का संगठन नहीं थी बल्कि उसका विस्तार पूरे के पूरे भारत में था बल्कि उसका विस्तार पूरे के पूरे इंडिया में था इसीलिए कहा जाता है की कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी थी क्योंकि पूरे इंडिया में वो फेल गई धीरे-धीरे लेकिन कांग्रेस से पहले जितनी भी संस्थाएं बनेगी वो साड़ी संस्थाएं एक क्षेत्र में सीमित रहेगी दूसरी बात यह है मेरे दोस्त की इनका तरीका क्या था तो इन्होंने कभी भी बड़ा आंदोलन नहीं किया या कोई बड़े स्टार पर सरकार का विरोध नहीं किया ये सरकार से रिक्वेस्ट किया करते थे ये क्या करते थे ये इनको पत्र लिखा करते थे यह जाकर के दरख्वास्त किया करते थे ये मुलाकातें किया करते थे की देखिए साहब ये चीज अच्छी नहीं हो रही है यह हम आपसे रिक्वेस्ट कर रहे हैं इसको ठीक कर दीजिए तो ये बेसिक फज है कहते है ना ये स्टार्टिंग का फैज है ये इन्फेंट फेस कहलाता है ये सबसे पहले चरण है जो आपको यहां देखने के लिए मिल रहा है तो अगर आप इनके क्रियाकलापों की बात करें तो इनके कुछ उद्देश्य थे पहले उद्देश्य इनका यह था की भारतीयों आ प्रशासन में भारतीयों की भागीदारी को बढ़ाना इंक्रीज पार्टी से पेशेंट ऑफ इंडियन इन डी एडमिनिस्ट्रेशन इसका मतलब ये था मेरे दोस्त की जो सिविल सर्विसेज के एग्जामिनेशन थे या फिर जो इंडियन एडमिनिस्ट्रेशन की पोस्ट थी उसमें भारतीयों की संख्या बहुत कम थी अब दो प्रकार से प्रशासन होता है एक तो होता है विधायिका जो की लेजिसलेशन पावर हुआ करती थी ठीक है और दूसरा यहां पर होता है एडमिनिस्ट्रेटिव बॉडी जिसमें आपके पूरे अधिकारी आते हैं जिसमें आपके पूरे ऑफिस पर आते हैं तो पहले डिमांड इन्होंने की ना सिर्फ भारतीयों को विधायिका में जगह दी जाए ना सिर्फ इंडियन को लेजिसलेशन में जगह दी जाए बल्कि भारतीयों को इन पोस्ट पर भी जगह दी जाए इन नौकरियां पर भी भारतीयों को जगह दी जाए ये पहले डिमांड इन्होंने यहां पर राखी दूसरी इनकी डिमांड ये रही दोस्तों की प्रशासनिक व्य में कमी की जाए यहां पर जो एडमिनिस्ट्रेटिव एक्सपेंडिचर है उसको रिड्यूस किया जाए क्योंकि आप लगातार ब्रिटेन से अधिकारियों की नियुक्ति कर रहे हैं भारत में उनकी सैलरी भी ज्यादा होती थी उनके अलाउंस भी ज्यादा होते थे तो इसको रिड्यूस किया जाए क्योंकि ये सर पैसा अल्टीमेटली जा कहां से रहा था ये सर पैसा अल्टीमेटली भारत के ख़ज़ाने से निकाल कर के जा रहा था जिसे दादा भाई नौरोजी ने क्या कहा था धन निष्कासन सिद्धांत कहा था ड्रेन ऑफ वेल्थ थ्योरी कहीं थी याद रखिएगा 1857 के आसपास दादा भाई नौरोजी इस बात का प्रतिपादन कर चुके हैं की देखिए भारत से पैसा किस तरह से इंग्लैंड किया जा रहा है जिसे धन निष्कासन सिद्धांत कहा गया था ड्रेन ऑफ बिल थ्योरी कहा गया था बाद में उन्होंने किताब लिखी पावर्टी और दी उन ब्रिटिश रूल ऑफ इंडिया जिसमें इन सभी बटन को विस्तार से बता दिया गया तीसरा रीजन था की भारत में आधुनिक शिक्षा का प्रसार किया जाए मॉडर्न एजुकेशन को इंडिया में स्प्रेड किया जाए अंग्रेजन ने भारत में अंग्रेजी शिक्षा शुरू कर दी 1833 के अधिनियम के द्वारा आपको पता पद रहा होगा सो ये 1813 के अधिनियम के द्वारा एजुकेशन पर एक्सपेंडिचर स्टार्ट किया गया 33 के बाद और चीजों को आगे बढ़ाया गया लेकिन एक बड़ी प्रॉब्लम यहां पर यही नजर ए रही थी की बड़ी स्टार पर इसका विकास नहीं हो पाया था बहुत सीमित स्टार पर शिक्षा का विकास था और उसको बड़े लेवल पर एक्सपेंड नहीं किया गया था तो ये अगली डिमांड थी की भारत में शिक्षा का प्रचार प्रसार किया जाए इन संस्थाओं का आधार क्षेत्रीय अथवा स्थानीय था तो ये आपकी कांग्रेस पूर्व संस्थाओं के उद्देश्य होंगे ठीक है तो हमने क्या पढ़ लिया साहब हमने सबसे पहले डिस्कस कर लिया राष्ट्रवाद क्या होता है जब एक व्यक्ति अपने क्षेत्र अपनी संस्कृति अपनी भाषा से ज्यादा अपने राष्ट्र को महत्व देता है तो उसे राष्ट्रवाद कहा जाता है जब एक इंडिविजुअल अपनी लैंग्वेज अपने कलर अपने रीजन की जगह पर प्रायोरिटी किसको देता है नेशन को देता है तो उसे नेशनलिज्म कहा जाता है हमने ये भी देख लिया की भारत में राष्ट्रवाद के उदय के करण क्या थे आखिरकार भारत में राष्ट्रवाद के राइस के करण क्या थे व्हाट वास डी रीजन बिहाइंड डी राइस ऑफ इंडियन नेशनलिज्म फिर तीसरी नंबर पर हमने ये देखा की परी कांग्रेस इंस्टीट्यूशन के ऑब्जेक्टिव क्या थे जो कांग्रेस से पहले राजनीतिक संस्थाओं की स्थापना की गई उनकी प्रकृति उनका नेचर और उनका ऑब्जेक्टिव उनका उद्देश्य क्या था प्रकृति क्या थी तो नेचर में दोस्तों आप बता देंगे की इनका नेचर स्थानीय था इनकी प्रकृति कैसी थी लोकल या रीजनल थी बेहतर शब्द होगा रीजनल वर्ल्ड का इस्तेमाल करें दूसरा आपने यहां पर क्या बता दिया की इसके ऑब्जेक्टिव क्या थे तो ऑब्जेक्टिव यही थे की जो हमारा ब्रिटिश एडमिनिस्ट्रेशन है तो उसमें इंडियन को जगह दी जाए जो हमारा एडमिनिस्ट्रेशन एक्सपेंड है उसको कम किया जाए एक और ऑब्जेक्ट क्या था की यार जो इंडियन है इंडियन है तो उनको मॉडर्न एजुकेशन प्रोवाइड कराई जाए उनको आधुनिक शिक्षा दी जाए तो इतने टॉपिक हमने कर कर लिए तो ये तो हो गया साहब हमारा आज का कॉन्सेप्ट वाला पार्ट ये हो गया हमारा कांसेप्चुअल एलिमेंट साड़ी चीज डिस्कस हो गई अब हमें ये डिस्कस करना है की प्रमुख राजनीतिक संस्थाएं कौन-कौन सी थे मेजर पॉलीटिकल पार्टी कौन सी थी जो कांग्रेस के पहले इस्टैबलिश्ड थे अब थोड़ा फेक्चुअल इनफॉरमेशन है धैर्य बनाए रखेंगे और चीजों को पढ़ने रहेंगे कहानी के रूप में पढ़ेंगे कोशिश करना है यही पर याद हो जाए तो साथ में दोहराते रहिएगा मेरे दोस्त ओके तो सबसे संस्था जो आपको देखने मिलेगी और यह टेबल बनाकर दे दिया है मैंने आपको पीएफ में आपको मिल जाएगा टेबल मिल जाएगी हमेशा की तरह ऐसा कर दिया ठीक है सबसे पहले संस्था थी जिसका नाम था कोलकाता यूनिटेरियन कमेटी क्या नाम था कोलकाता यूनिट एरिया कमेटी थी इसको 1823 में इसकी स्थापना की गई थी 1823 में इसे एस्टेब्लिश किया गया था और इसकी स्थापना कोलकाता वाले इलाके में की गई थी और इसके संस्थापक सदस्यों में इसके फाइंडिंग मेंबर्स में राजा राममोहन राय थे द्वारकानाथ टैगोर थे और विलियम एडम थे तो ये आप ये का सकते हैं बहुत ही प्रोटो इसको तो पॉलीटिकल ऑर्गेनाइजेशन बस कहा जाता है ऐसे कुछ बड़े कम इसने किया नहीं पढ़ चूंकि हमें पढ़ना है एग्जाम में पूछा क्या है तो याद रखिएगा कोलकाता यूनिटेरियन कमेटी इसकी स्थापना 1823 में की गई थी और उतना इंपॉर्टेंट नहीं है 1823 में इसकी स्थापना की गई थी राजा राम मोहन राय द्वारका टैगोर और विलियम एडम के द्वारा अब यहां पर दो बातें समझिए की ये पार्टी ने उतना ज्यादा कम क्यों नहीं किया इसके दो स्पेसिफिक रीजन थे पहले रीजन इसका ये था की जो राजा राममोहन राय हैं उनका ज्यादा ध्यान राजनीतिक सुधरो पर नहीं था ज्यादा फॉक्स उनका पॉलीटिकल रिफॉर्म पर नहीं था उनका ज्यादा फॉक्स था सामाजिक सुधार पर ज्यादा उनका फॉक्स था सोशल और रिलिजियस रिफॉर्म मूवमेंट पर वो सभी के लिए आंदोलन कर रहे थे और जो दूसरी कोपरा थाएं चल रही थी उसके लिए वो लगातार आंदोलन कर रहे थे ये इसका एक रीजन होगा दूसरा रीजन ये हो जाएगा की इस समय भारत में कहते हैं की राष्ट्रीय चेतन नहीं थी इंडिया में एक नेशनलिज्म की फीलिंग नहीं थी की वह राष्ट्रीय मुद्दों को समझ सके वो नेशनल इश्यूज को समझ सके तो यहां पर याद रखेंगे कोलकाता यूनिट एरिया कमेटी कोलकाता में ही इसकी स्थापना राजा राममोहन राय द्वारकानाथ टैगोर और विलियम एडम के द्वारा की गई थी आगे बढ़ते हैं अगले पार्ट पर आते हैं जो अगली कमेटी है उसका नाम है बंगाभाषा प्रकाशक सभा वेरी मैच इंपॉर्टेंट इसको याद रखेंगे अगली कमेटी है बंगाभाषा प्रकाशक सभा और इसी 1836 में 1836 में कोलकाता में ही इसे एस्टेब्लिश किया गया था अच्छा एक बात आप और समझिएगा देखिए भारत में अगर आप पूरे-पूरे भारत की बात करें तो इंडिया में ज्यादातर इस कोलकाता वाले इलाके में ही आंदोलन की शुरुआत होगी एवं जब कांग्रेस की भी स्टार्टिंग होगी तो ज्यादातर यही के लोग पार्टिसिपेट करेंगे इसका एक बहुत बेसिक रीजन है एक तो ब्रिटिश भारत का 1911 से पहले 1911 से पहले यह ब्रिटिश भारत का एडमिनिस्ट्रेटिव हैडक्वाटर था प्रशासनिक केंद्र था ये इसका पहले करण है और दूसरा करण यही पर ये अब चुकी है एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन था तो जितनी भी एजुकेशन रिफॉर्म हुए या जितने भी आप कहे ट्रेडिंग अपॉर्चुनिटी आई वो इसी इलाके में सबसे ज्यादा आएंगे तो इसी इलाके में कुछ जमींदार वर्ग निकले और यही से कुछ स्कॉलर भी निकाल कर के आएंगे और यही स्कॉलर जब बाहर गए इन्होंने चीजों को पढ़ा फिर ये भारत वापस आए और भारत में वापस आने के बाद इन्होंने अलग-अलग संस्थाओं का निर्माण किया अलग-अलग इंस्टीट्यूशन को इन्होंने एस्टेब्लिश किया फिर दूसरा रीजन आपको ये देखने मिलेगा बम बंबई वाला इलाका देखने मिलेगा और तीसरा आपको मद्रास क्योंकि ये तीन वो इनिशियल जगह है ठीक है बॉम्बे में उसे समय गुजरात का रीजन भी आएगा तो बंगाल मुंबई और मद्रास यह तीन वो इनिशियल इलाके थे जहां और ब्रिटेन ने ज्यादातर अपना एडमिनिस्ट्रेटिव कंट्रोल रीजन रखा और ज्यादातर एक्टिविटी ब्रिटेन की यही पर की गई तो आपने देखा कोलकाता यूनिट एरिया कमेटी भी कोलकाता में बनाई गई थी और दूसरा जो है बंगाभाषा प्रकाशक सभा इसको भी कोलकाता वाले रीजन में एस्टेब्लिश किया गया इसको राजा राममोहन राय के अनुयायियों ने सम्मिलित रूप से बनाया था और इसके बड़े में एक ही बात इंपॉर्टेंट है की ये बंगाल में स्थापित प्रथम राजनीतिक संगठन है आईटी इसे दी फर्स्ट पॉलीटिकल ऑर्गेनाइजेशन एस्टेब्लिश डी बंगाल ये प्लीज याद रखिएगा ये प्रश्न एक बार ए चुका है की बंगाल में स्थापित पहले राजनीतिक संस्था कौन सी थी विच वास डी फर्स्ट पॉलीटिकल इंस्टीट्यूशन इस्टैबलिश्ड इन डी बंगाल डू रिमेंबर आईटी वैसे डी बांग भाषा प्रकाशक सभा इस्टैबलिश्ड बाय दी फॉलोअर्स ऑफ राजा राम मोहन राय और आईटी वज क्रीटेड इन दी 1836 इन दी कोलकाता एक्सेप्ट्स ठीक है करण वही रहेगा की क्या करना है की सुधार के लिए क्या करना है तो सुधार के लिए रिक्वेस्ट करना है वही कार्य है की अलग से मूवमेंट नहीं करेंगे पर ब्रिटिश गवर्नमेंट के पास जाना है और रिफॉर्म के लिए हमें रिक्वेस्ट करना है ठीक है और साथ ही साथ क्या करना है देश में पॉलीटिकल अवेयरनेस फैलाना है देश में राजनीतिक जागरूकता को हमें फैलाना है चलिए अगली सभा की हम बात करते हैं याद रखते जाएगा कोलकाता यूनिटेरियन सभा पहले राजा राममोहन राय द्वारकानाथ टैगोर दूसरा बांग भाषा प्रकाशक सभा 1836 और इसको बनाया गया बनाया था राजा राममोहन राय और उनके अनुयाई ने यही पर याद हो जाएगा बस फॉक्स रखें रहना मेरे दोस्त साड़ी चीज आपको यही पर याद हो जाएगी आगे बढ़ते हैं अगले क्वेश्चन पे चलते हैं ये बड़ी इंपॉर्टेंट सोसाइटी है और इसका नाम है लैंड होल्डर सोसाइटी बहुत इंपॉर्टेंट है अगेन आईटी इस वेरी मैच इंपॉर्टेंट लैंड होल्डर सोसाइटी या कई बार इसको जमींदारी संगठन भी कहा जाता है लैंड होल्डर सोसाइटी होगी या जमींदारी संगठन इसको कहा जाता है इसकी स्थापना भी कोलकाता वाले इलाके में की गई थी द्वारका नाथ टैगोर और दूसरे लोगों ने मिलकर के इसके स्थापना की थी अब यहां पर आप देखें तो यहां पर लिखा गया है जमींदारी एसोशियस अब जो चीज जमींदारों के लिए बनाई जा रही है मेरे दोस्त तो उसका कम भी क्या होगा वो किसके हितों की रक्षा करेगी तो निश्चित सी बात है वो जमींदारों के हितों के लिए ही कम करेगी वो जमींदारों के लिए ही क कर रही होगी तो आप खाओगे सर जमींदारों को क्या दिक्कत ए रही थी तो जमींदारों को क्या हुआ था जो लैंड रिवेन्यू सिस्टम बनाए गए थे तो उसमें आपको याद होगा एक सूर्यास्त कानून पड़ा था हम लोगों ने ठीक है सनसेट लो हमने उसमें पढ़ा था तो कई बार जमींदारों से जमीनों को छीना जा रहा था उनके भी अधिकारों को दबाया जा रहा था तो जमींदारों ने यूनाइटेड होके एक संगठन बनाया था और इस संगठन का नाम था जमींदारी अप्रिशिएसन या लैंड होल्डर सोसाइटी याद रखिएगा जमींदारी संगठन का हेड क्वार्टर या इसको बनाया कोलकाता वाले इलाके में गया था द्वारकानाथ टैगोर ने यहां पर प्रमुख भूमिका निभाई थी और ये जमींदारों के हितों की रक्षा करता था उससे भी बड़ी बात ये है की ये भारत में पहले बार संगठित रूप से राजनीतिक क्रियाकलाप इसने आरंभ किया था अब यहां पर एक शब्द है संगठित रूप से यहां पर एक शब्द आया ऑर्गेनाइज अब इससे पहले क्या था तो इससे पहले जो हमने बांग भांग भाषा प्रकाशक सभा की बात की और उससे भी पहले हमने कोलकाता यूनिट एरियाज सोसाइटी की बात की तो इन्होंने क्या नहीं किया इन्होंने संगठन नहीं बनाया इन्होंने ऑर्गेनाइजेशन नहीं बनाया सर संगठन का मतलब क्या होता है संगठन का मतलब ये होता है लोगों को जोड़ना उसे संगठन से आप एक बहुत बड़ा ऑर्गेनाइजेशन बना लिए जैसे आज भारत में पॉलीटिकल परियों हैं तो इनके बड़े-बड़े संगठन हैं इनका बड़ा बड़ा ऑर्गेनाइजेशन है पर ऐसा कम इन दोनों नहीं किया ऐसा कम करेगी लैंड होल्डर सोसाइटी जमींदारी संगठन और जमींदारी संगठन भारत में पहले बार संगठित रूप से राजनीतिक क्रियाकलापों को आरंभ करेगी ऑर्गेनाइज होकर इंडिया में पॉलीटिकल एक्टिविटी को स्टार्ट करेगी जिसको द्वारिका नाथ टैगोर और दूसरे लोगों के द्वारा स्थापित किया गया था अगली जो सभा है वो ब्रिटिश इंडियन संगठन है कंफ्यूज नहीं होना है मेरे दोस्त देखो यह ब्रिटिश इंडियन संगठन है इंडियन संगठन अलग है आईटी इस ब्रिटिश इंडियन संगठन ब्रिटिश इंडियन संगठन इसे 1851 में कोलकाता में इसे भी स्थापित किया गया था कर संस्थाएं चारों कलकत्ता में देखो एक चीज यही पर याद हो जाएगी कोलकाता यूनिट एरिया राजा राममोहन राय वाली कोलकाता में है बंगाभाषा प्रकाशक सभा कोलकाता में राजा राममोहन राय लैंड होल्डर सोसाइटी कोलकाता में है द्वारकानाथ टैगोर और इसके बाद ब्रिटिश इंडिया संगठन यह भी कोलकाता हैं और बेसिकली होगा यह की लैंड होल्डर सोसाइटी को ही आगे जाकर के ब्रिटिश इंडिया संगठन के नाम से जाना जाएगा कैसे बनेगी तो दोस्तों दो अलग-अलग सोसाइटी थी एक का नाम था लैंड होल्डर सोसाइटी हमने यहां पर देख लिया और दूसरा था बंगाल ब्रिटिश इंडिया सोसाइटी इन दोनों का मर्जर हो गया लैंड होल्डर सोसाइटी और बंगाल ब्रिटिश इंडिया सोसाइटी का मर्जर हो गया और इन दोनों के मर्जर से जो नई सोसाइटी बनी या जो नया पॉलीटिकल ऑर्गेनाइजेशन बना उसका नाम रखा गया ब्रिटिश इंडियन संगठन 1851 में और इसमें दो लोगों की भूमिका सबसे ज्यादा थी एक द्वारिका नाथ टैगोर और दूसरे थे राधाकांत देव द्वारकानाथ टैगोर और राधाकांत राधाकांत देव के बड़े में आपको याद ए रहा होगा राधाकांत देव ने धर्म सभा की स्थापना की थी और यह वही व्यक्ति है जिन्होंने सती प्रथम का समर्थन किया था और उन्होंने जो सती के इवोल्यूशन के लिए जो कानून आया था सती प्रथम को समाप्त करने के लिए जो कानून आया था उसका इन्होंने विरोध किया था तो याद रखेंगे दोस्तों लैंड फोल्डर सोसाइटी लैंड होल्डर सोसाइटी और बंगाल ब्रिटिश इंडिया सोसाइटी मिलकर के ही क्या बनाएंगे ब्रिटिश इंडिया संगठन बनाएंगे याद रखिएगा इंडियन संगठन अलग है ब्रिटिश इंडियन संगठन तीन और कर संस्थान हो गए अब आगे बढ़ते हैं खत्म करते हैं क्लास को 2 दिन पॉइंट इसके बाद अगला है लंदन इंडियन संगठन सोसाइटी और एक है ईस्ट इंडिया संगठन तो ये दोनों याद रखिएगा प्रीलिम्स में पूछे गए हैं लंदन इंडियन सोसाइटी और ईस्ट इंडिया संगठन इन दोनों को ही लंदन में एस्टेब्लिश किया गया था भारत के बाहर और दोनों को ही दादा भाई नौरोजी के द्वारा स्थापित किया गया था तो दादा भाई नौरोजी ने भारत में संस्थाओं की स्थापना की थी कांग्रेस के फाइंडिंग मेंबर में से एक रहे हैं लेकिन भारत से बाहर जाकर के भी इन्होंने कई संस्थाओं की स्थापना की थी और यह भी आपको याद रखना है दादा भाई नौरोजी ब्रिटिश पार्लियामेंट में चुनाव जीते थे और ये फिल्म बेरी से चुनाव जीत करके ब्रिटिश पार्लियामेंट गए थे यह भी हम लोगों ने पहले पढ़ा हुआ है जब हम दादा भाई नौरोजी के बड़े में बात कर रहे थे तो दादा भाई नौरोजी ने लंदन में दो संस्थान बनाए थे दोनों का नाम आपको याद रखना है लंदन में दो इंस्टीट्यूशन इन्होंने बनाए थे एक है लंदन इंडियन संगठन लंदन इंडियन संगठन और दूसरा आपका है ईस्ट इंडिया संगठन तो देखिए कंफ्यूज नहीं होंगे ब्रिटिश इंडियन संगठन कोलकाता जो जमींदारों के हितों के लिए कम कर रही है लंदन इंडियन संगठन और ईस्ट इंडिया संगठन यह दोनों लंदन में स्थापित की गई है और यह दोनों दादा भाई नौरोजी के द्वारा स्थापित की गई है छोटा-छोटा कन्फ्यूजन नाम को लेकर के हो जाता है इस कन्फ्यूजन से हमें यहां पर बचाना है चलिए आगे बढ़ते हैं अगले पार्ट पर अगला यहां पर दिया गया है इंडियन संगठन इसको तो यह बोलते हैं ना अपनी भाषा में ये मा इंपॉर्टेंट है मेरे दोस्त ये बहुत बहुत ज्यादा जरूरी है इसको मत भूलिएगा इसका नाम है इंडियन संगठन इंडियन संगठन को भी कोलकाता में स्थापित किया गया था सुरेंद्रनाथ बनर्जी और आनंद मोहन बस के द्वारा 2 मिनट कहानी सुनिए साड़ी चीज आपको समझ में आएंगे देखिए एक शिक्षक कुमार घोष थे और उन्होंने 1875 में एक इंडियन लीग की स्थापना की थी दो मिनट में आपको अच्छे से समझा देता हूं इस तरीके से आप समझिए देखिए 1875 में 1875 में सेशन कुमार घोष इन्होंने किसकी स्थापना की इन्होंने इंडिया लीग की स्थापना की इंडिया लीग की स्थापना की आगे जाकर के 1876 में एक व्यक्ति दो व्यक्ति यहां पर आते हैं और एक का नाम था सुरेंद्र नाथ बनर्जी और दूसरे व्यक्ति का नाम था आनंद मोहन बस अब आपको दोस्तों एक बात बता डन की जो सुरेंद्रनाथ बनर्जी हैं वो एक आईसीएस ऑफिसर थे वो एक इंडियन सिविल सर्वेंट के ऑफिसर थे जिन पर झूठी आप लगाकर इनको बर्खास्त कर दिया गया था इनको डिसमिस कर दिया गया था ओके तो ये सुरेंद्रनाथ बना लेकिन जो है वह एक्स आई एस आई आईसीएस ऑफिसर थे इंडियन सिविल सर्वेंट के ऑफिसर थे जिन पर झूठ आप लगाकर के उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था तो सुरेंद्रनाथ बनर्जी और आनंद मोहन बस इन्होंने मिला करके एक सभा बनाई जी सभा का नाम था इंडिया संगठन क्या नाम था इंडिया संगठन इसका नाम था और इन्होंने तीन बटन के लिए कार्य किया संगठन तीन चीजों पर केंद्रित थी सबसे पहले जो इनका आंदोलन था वह था सिविल सेवा में आयु को लेकर के सिविल सेवा में आयु को लेकर के आगे को लेकर के आपको याद होगा दोस्तों की एक समय ऐसा आया था जब सिविल सेवा का परीक्षा देने का न्यूनतम आयु मिनिमम आगे 19 एयर कर दिया गया था तो सुरेंद्रनाथ बनर्जी ने इंडिया संगठन के द्वारा इसी डिमांड को बार-बार रखा इसी मांगों को बार-बार रखा की सिविल सेवा की न्यूनतम आयु को बढ़ाया जाए इसको मैक्सिमम आगे बढ़ाया दिया इसको आगे कर दिया जाए मैक्सिमम इसे 90 मतलब 19 के पेपर नहीं दे सकते तो इस आयु को बढ़ाया जाए इसके अलावा आपको याद होगा एक आते आया था 18 आ 1878 के आसपास एक एक्ट आया था जिसका नाम था वरना कलर प्रेस एक्ट ठीक है और वर्नाकुलर प्रेस एक्ट के द्वारा जो भारतीय अखबार थे जो इंडियन न्यूज़पेपर थे उनको बन कर दिया गया था उन पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगा दिए गए थे तो इसका विरोध भी वो कर रहे थे तो जो इंडिया संगठन है ये बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट ऑर्गेनाइजेशन है जो की सुरेंद्रनाथ बनर्जी और आनंद मोहन बस के द्वारा बनाई गई थी इसने सिविल सेवा की आयु को बढ़ाने के लिए बहुत बड़ा आंदोलन चलाया था और बाद में दोस्तों यही इंडिया संगठन 1886 में 1886 में यह मर्ज हो जाति है किसके साथ याद रखिएगा ये मर्ज हो जाति है इंडियन नेशनल कांग्रेस के साथ यह मर्ज हो जाति है भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ तो सुशील कुमार घोष ने इंडिया लीग बनाई थी इंडिया लीग आगे जाकर के इंडिया संगठन में तब्दील होती है और इंडिया संगठन 18 राशि में 1886 में कांग्रेस के साथ मर्ज हो जाति है और आगे जो कांग्रेस पर आप जानते हैं की बड़ा संगठन बंता है और बहुत सारे आंदोलन को ये आगे बढ़ता है यहां पर कुछ जानकारी लिखी हुई है वो ध्यान से आप पढ़े इंडिया लिख के बड़े में यहां लिखा हुआ है इंडियन सोशल ले लिया अनेक ने तो सिविल सेवा परीक्षा की आयु बड़ा आयु सीमा ठीक है वरना कलर प्रेस एक्ट कांग्रेस में इसका विलय हो जाता है 18806 में तो दोस्तों इस प्रकार हमारी प्रमुख संस्थान थे एक बार रिवीजन करेंगे फिर चीजों को खत्म करेंगे सबसे पहले हमने क्या पढ़ा तो सबसे पहले हमने कलकत्ता यूनिटेरियन सोसाइटी के बड़े में पढ़ा इसको कोलकाता में ही बनाया गया था ठीक है इसको कोलकाता में ही बनाया गया था ठीक है कोलकाता वाली इसको बनाया गया था राजा राममोहन राय साथ में रिवीजन कीजिएगा राजा राममोहन राय द्वारकानाथ टैगोर और दूसरे लोगों के द्वारा इसे बनाया गया था दूसरा हमने डिस्कस किया बांग भाषा प्रकाशक सभा ठीक है इसे भी कलकत्ता वाली रीजन में बनाया गया था और इसे राजा राममोहन राय के फॉलोअर्स के द्वारा बनाया गया था इनके नेतृत्वकर्ताओं के बनाया था और इसमें आपको याद रखना है की ये बंगाल का फर्स्ट पॉलीटिकल ऑर्गेनाइजेशन था बंगाल की पहले राजनीतिक संस्था का नाम इसको दिया जाता है फिर इसके बाद हम लोगों ने क्या डिस्कस किया तो आप लोगों को याद ए रहा होगा हमने लैंड होल्डर सोसाइटी के बड़े में बात की जिसको जमींदारी संगठन भी कहा जाता है जमींदारी संगठन भी कोलकाता वाले इलाके में बनाया गया था ठीक है द्वारकानाथ टैगोर की इसमें बहुत बड़ी भूमिका थी द्वारकानाथ टैगोर की और इसने क्या किया था इसे कहा जाता है की यह इंडिया का यह इंडिया का फर्स्ट ऑर्गेनाइज्ड पॉलीटिकल पार्टी इसको कहा गया था की इसमें संगठन किया गया था लोगों का तो पहले संगठित प्रयास किया गया था बाद में आपको याद रखना है की एक ब्रिटिश इंडिया संगठन बनाया गया अगेन ये भी कोलकाता में ही बनाया गया था ठीक है और इसमें दो लोगों का योगदान था एक तो राधाकांत जी का योगदान था और दूसरा इसमें द्वारकानाथ टैगोर का योगदान था और इन दोनों का एक ही कम था वो कम था जमींदारों के इंटरेस्ट को प्रोटेस्ट करना जमींदारों के हितों की रक्षा करना ये इन दोनों का कम था और यहां पर याद रखेंगे की जो ब्रिटिश इंडिया संगठन है वो बंगाल संगठन और लैंड होल्डर सोसाइटी इन दोनों का मर्जर हो करके ब्रिटिश इंडिया संगठन की स्थापना की गई थी फिर हमने दादा भाई नौरोजी के बड़े में बात की और दादा भाई नौरोजी ने दो संस्थान बनाए और दोनों ही सन उन्होंने लंदन में बनाए एक संस्थान का नाम था लंदन इंडिया सोसाइटी और दूसरे संस्थान का नाम क्या था दोस्तों तो दूसरे इंस्टीट्यूशन का नाम था ईस्ट इंडिया संगठन ये दोनों ही संस्थान उन्होंने लंदन में बनाए थे अवेयरनेस को बढ़ाने के लिए फिर हमने एक और संस्थान की बात की इंडिया संगठन की हमने बात की जो की 1876 में सुरेंद्र नाथ बनर्जी और आनंद मोहन बस के द्वारा बनाया गया और ये सबसे इंपॉर्टेंट ऑर्गेनाइजेशन रहेगा इसे भी कोलकाता में बनाया गया था और आगे जाकर के 1886 में कांग्रेस में इसका विलय हो जाएगा तो दोस्तों ये हमारे कांग्रेस के पहले स्थापित सभी महत्वपूर्ण संस्थान थे एक पीपीटी आप देख सकते हैं इस प्रकार से मैंने पुरी पीपीटी तैयार कर दी है अब इसकी पीपीटी आपको कहां पर मिलेगी तो इसके लिए हमारे टेलीग्राम चैनल को आप जॉइन कर लीजिए अभियान को अनअकैडमी अभियान आप सर्च मिलेंगे एक मिनट टेलीग्राम चैनल शिवम गुप्ता पीएफ वहां भी आपको मिल जाएगी तो दोनों जगह आपको ये पीपीटी मिल जाएगी एक बात और बता डन दोस्तों अनअकैडमी पर एमपीपीएससी के लिए मेरे कोर्सेज स्टार्ट हो चुके हैं बढ़िया कोर्स अभी पॉलीटिकल खत्म होने वाला है और ज्योग्राफी का कोर्स में 21 तारीख से स्टार्ट कर रहा हूं प्लीज अनअकैडमी को जॉइन करें कोई भी सब्सक्रिप्शन लेने के लिए आप मेरा कोड उसे करें सीजी लाइव अनअकैडमी के जो एमपीपीएससी के प्राइस है वो भी बढ़ाने वाले हैं तो जल्दी सब्सक्रिप्शन लीजिए मेरा कोड उसे करें सीजी लाइव ताकि आपको 10% का डिस्काउंट मिल सके और हमारे नए चैनल को प्लीज लाइक करें शेर करें और 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