तो आज के इस वीडियो में हम लोग बात करेंगे अपने एंडोक्राइन सिस्टम के पार्ट टू के बारे में जिसके अंदर हमारे टॉपिक आएंगे एड्रिनल ग्लैंड थाइरोइड ग्लैंड पैराय ग्लैंड पैंक्रियास पीनियल ग्लैंड एंड थाइमस अब इनमें जो सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट टॉपिक है वो हमारा रहेगा एड्रिनल ग्लैंड ये सबसे इंपोर्टेंट है लॉन्ग में भी हमारा आता है फिर हमारा थायराइड ग्लैंड ये दोनों ही हमारे लॉन्ग में आ सकते हैं अब जो शॉर्ट फॉर्म में आने के चांस रहते हैं वो हमारे रहेगा जैसे पैरा थाइरोइड पैंक्रियास पीनियल और थाइमस इनको हम जो है शॉर्ट में कवर करेंगे इसके अलावा जो हमारे सेक्स वाले गलैंड्स थे जैसे टेस्टिस और ओवरी तो इनको हमने जो अपनी यूनिट फिथ में बहुत अच्छे से कवर किया है तो वहां पे आपको डिटेल्स में मिल जाएंगे तो जब आप अपनी यूनिट फिफ्थ को कवर करोगे तो ये आपके ऑटोमेटिक ही कवर हो जाएंगे तो ये आपका पार्ट टू है तो पार्ट वन में हमने कवर किया था अपने एंडोक्राइन सिस्टम का इंट्रोडक्शन क्या कैसे होता है देन उसका हार्मोंस के बारे में पढ़ा था तो हार्मोंस का क्लासिफिकेशन हार्मोंस के मैकेनिज्म ऑफ एक्शन जो हमारे एक इंपोर्टेंट टॉपिक है और सबसे ज्यादा मेजर मोस्ट इपोर्ट पिट्यूटरी ग्लैंड के बारे में बात की थी तो अगर आपने पार्ट वन नहीं देखा हो तो इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में आपको पार्ट वन मिल जाएगा वहां जाके चेक आउट कर सकते हो या आप सर्च करके भी जो है देख सकते हो एंडोक्राइन सिस्टम बाय केरवेल फार्मा तो पार्ट टू को हम स्टार्ट कर रहे हैं लेकिन पार्ट वन में अगर आपने सीखा होगा तो एंडोक्राइन सिस्टम क्या होता है इसकी डेफिनेशन आप कमेंट करके लिखो और एंडोक्राइन ग्लैड्स क्या होते है इसकी भी डेफिनेशन आप कमेंट करके लिखो तो सबसे पहले हम बात करते हैं अपने पहले टॉपिक एड्रिनल ग्लैड्स के बारे में तो देखो ये जो हमारे ग्लैंड है ना इसके नाम से समझो क्या मतलब होता है यहां पे तो एड्रिनल में हमारे दो वर्ड लगते हैं एक हमारा होता है एड और एक हमारा होता है रीनल तो एड का मतलब होता है नियर और रीनल का मतलब होता है किडनी यानी कि हम सिंपल बोल सकते हैं तो ये हमारे वो ग्लैड्स है जो किडनी के पास में प्रेजेंट होते हैं अब इन्हीं एड्रिनल ग्लैंड को हम जो है सुप्रा रीनल ग्लैड्स भी बोलते हैं अब सुप्रा का मतलब होता है सुपीरियर यानी कि ऊपर यानी कि अप के बारे में बात हो रही है किसी के ऊपर है ये और रीनल मतलब होता है किडनी यानी कि सिंपली बोला जाए तो एड्रिनल ग्लैंड हमारे वो ग्लैंड हैं जो हमारे किडनी के ऊपर प्रेजेंट होते हैं यानी कि टॉप ऑफ द किडनी प्रेजेंट होते हैं तो अगर आप यहां डायग्राम देखोगे तो ये आपकी किडनी हो गई और किडनी के ऊपर यहां पे प्रेजेंट होते हैं और ये हमारे दो मतलब दो ग्लैड्स होते हैं और अगर यहां पे आप इसका स्ट्रक्चर देखोगे तो लगभग ट्रायंगुलर शेप के आपको देखने को मिलते हैं अब इसमें क्या होता है कि यहां पे दो पार्ट्स में ये हमारी पूरी जो एड्रिनल ग्लैड्स है ये डिवाइड होते हैं जो हमारा बाहर का ये वाला पार्ट आपको दिख रहा होगा ये हमारा होता है कॉर्टेक्स और जो अंदर वाला पार्ट होता है ये हमारा होता है मेडुला अब जो आप बाहर के आपको ये पूरी लेयर दिख रही होगी ना जो इन कॉर्टेक्स और मेडुला दोनों को कवर कर रही है बाहर से इसको हम बोलते हैं कैप्सूल तो अगर मैं थोड़ा सा आपको ज़ूम करके यहां दिखाऊंगा तो यहां पे देखो इस तरह बना दिया तो ये जो बाहर का पूरा एरिया है जो इस पूरे ग्लैंड को कवर कर रहा है उसको हम बोलते हैं कैप्सूल अब ये जो पार्ट है पूरा इसको हम बोलते हैं कॉर्टेक्स और ये अंदर वाला पार्ट है ये हमारा हो जाता है मेडुला अब यहां पे जो आपको कॉर्टेक्स दिख रही है ना ये कॉर्टेक्स को फर्द हम तीन पार्ट्स में डिवाइड कर सकते हैं यानी कि अगर स्ट्रक्चर एनाटॉमी के बारे में बात करें तो ये हमारा एक तो किडनी के ऊपर जो किडनी के हमारी होती है दोनों किडनी के ऊपर प्रेजेंट होते हैं थोड़े से ट्रायंगुलर शेप के होते हैं बाकी ये दो चीजों से मिलकर बने हैं एक हमारा होता है कॉर्टेक्स और एक हमारा होता है मेडुला मेडुला अंदर वाला पार्ट है कॉर्टेक्स बाहर वाला पार्ट है और कॉर्टेक्स भी हमारा बाहर से कवर होता है किससे कैप्सूल के द्वारा द्वारा कॉर्टेक्स हमारा फर्द तीन लेयर से मिलकर बना होता है तो अगर हम इसको देखें तो सबसे जो बाहर वाली लेयर होती है आउटर मोस्ट लेयर वन नंबर वाली उसको हम बोलते हैं जोना ग्लैमर सा क्या बोलते हैं जोना ग्लैमरस जो हमारी बीच वाली मिडिल लेयर होती है उसको हम बोलते हैं जोना फेसिकुलस कुलेट नाम आप समझ लेना और जो हमारी थर्ड लेयर है जो हमारी इस मेडुला के जस्ट पास में होगी यहां पे थर्ड लेयर होगी इसका नाम होता है जोन रेटिकुलरिस क्या होता है जोना रेटिकुलरिस बाकी अगर इसके डायमेंशन के बारे में बात की जाए तो लगभग ये हमारी 4 सेंटीमीटर के करीब लंबी होती है और जो इसकी थिकनेस है इस तरह आप देखोगे तो थिकनेस लगभग 3 सें मी के करीब होती है बाकी जो इसका वेट होता है ना वो हमारा होता है लगभग 4 ग्रा तो ऐसा नहीं बहुत हल्का है सिंपल 4 ग्राम का हमारा ये पूरा एड्रिनल ग्लैंड पाया जाता है तो एक तरह से आपको एनाटॉमी पता चल गई कि हमारे एड्रिनल ग्लैंड कैसे क्या होते हैं तीन लेयर होती हैं इस इसके ये सब चीजें आपको पता लग गई होंगी अब इसका मेनली काम क्या होता है तो सबसे पहली बात है कि जो हमारी बॉडी में स्ट्रेस वगैरह आता है ना बहुत ज्यादा परेशान वगैरह हो जाते हैं उस केस में ये चीज हमको क्या है कंट्रोल करती है रेगुलेट करती है उसको ठीक है बाकी ब्लड प्रेस को इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को इन सब को ये रेगुलेट करती है अब इसको थोड़ा डिटेल्स में हम आगे समझते हैं तो पहली बात ये है कि जो हमारे एड्रिनल ग्लैंड होते हैं ना ये फर्द आपको ये पता चलेगा कि दो डिवाइडेड है यानी कि एक हमारा बाहर वाला पार्ट कॉर्टेक्स होता है और अंदर वाला मेडुला यानी कि ये आपका कॉर्टेक्स है ये मेडुला है तो दो तरह दो मतलब दो पार्ट्स में मिलकर ये पूरा का पूरा बना हुआ है अब जो कॉर्टेक्स है ना वो हमारा एक आउटर मोस्ट लेयर है यानी कि बाहर वाला पार्ट है तो ये लगभग 80 से 90 पर होता है यानी कि जो पूरा का पूरा हमारा ग्लैंड है इसमें जो कॉर्टेक्स आप देख सकते हो कि ये बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है तो ये लगभग हमारा 80 से 90 पर पार्ट है अब जो मेडुला है ना वो लगभग 10 से 20 पर ही रह जाता है क्योंकि इतना बड़ा पूरा ग्लैंड है इसमें बाहर की लेयर इतनी मोटी और ये पूरे सराउंडिंग है तो ये हमारा ज्यादा मात्रा में पाया जाता है मेडुला हमारा लगभग 10 से 20 पर सिर्फ पाया जाता है अब कॉर्टेक्स जो हमारा होता है ना ये बेसिकली तीन लेयर से बन के बना है मैंने आपको बता दिया सबसे ऊपर वाली होती है जोना ग्लैमर सा फिर हमारी फेसिकुलेटेड अब यहां समझो कि ये हार्मोंस हमारे कौन-कौन से बनाते हैं तो जो पहली हमारी जोना ग्लेम है ना ये हमारी सिक्रेट करती है मिनरल कॉर्टिकोस्टेरॉइड को किसको करती है मिनरल कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स को अब ये थोड़ा आपको डिफिकल्ट स्टार्टिंग लगेगा पर सिंपल है मिनरल ये हमारी मिनरल हो गई और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स तो कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स हमारे मेन हार्मोन है जो हमारे इसके द्वारा रिलीज किए जाते हैं यानी कि सभी को मिला के हम जो है कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स बोल देते हैं फिर हमारा जो सेकंड लेयर है फेसिकुलेटेड करती है ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स को किनको ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स को और जो थर्ड लेयर हमारी रेटिकुलरिस है ये हमारी सिक्रेट करती है सेक्स हार्मोस को ठीक है अब यहां पे एक-एक करके हमें जो है इन्हीं हार्मोंस के बारे में बात करनी है तो पहला हमारा जो आता है ना मिनरल कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स ये हमारा एक मेन हार्मोन इसका मतलब मेन हार्मोन हमारा होता है एल्डेस्ट कौन सा होता है एल्डेस्ट होता है और ये सबसे ही मेन हार्मोन है जो हमारा इस पूरे के पूरे एडिनल ग्लैंड के द्वारा सिक्रेट किया जाता है अब इस एल्डेस्ट का काम क्या होता है ना इसको अच्छे से समझो तो जैसे हमारा ब्लड है तो ब्लड में आपको पता है सोडियम पोटेशियम दोनों होते हैं ठीक है अब यहां पे काम क्या होता है कि जैसे ही सोडियम पोटेशियम जो भी हमारा ब्लड है वो पूरा का पूरा किडनी में जाता ता है और किडनी में जाने के बाद वो क्या करता है यूरिन बनाता है सिंपल सी बात है और यूरिन के थ्रू जो बेस्ट है वो बॉडी से बाहर जाता है तो स्टार्टिंग में जब फिल्ट्रेशन होती है ना तो सोडियम और पोटेशियम दोनों ही हमारे फिल्टर होके किडनी में आ जाते हैं लेकिन अब यहां पे क्या होता है कि जो एल्डेस्ट है उसको पता है कि सोडियम हमारी बॉडी के लिए थोड़ा सा जरूरी है यहां पे तो ये क्या करता है सोडियम की अब्जॉर्प्शन को बढ़ा देता है इससे क्या होगा कि जो हमारा सोडियम है ना जो किडनी में आ गया अब उसको यूरिन में वापस यहां पे जाके बाहर बॉडी से बाहर निकलना था लेकिन किडनी में एल्डोस्टल क्या करेगा इस सोडियम को वापस यहां पर री एजॉर्ब करवा देता है यानी कि सोडियम हमारा फिर से जो है यहां पे ब्लड के अंदर आ जाता है क्योंकि सोडियम के काफी अच्छे-अच्छे काम होते हैं वो सब आप डिटेल्स में आगे जाके पढ़ते जाओगे तो सोडियम हमारा वापस रिअब्जॉर्ब हो जाता है किसकी मदद से एस्ट्रोन की मदद से और जो पोटेशियम है उसको क्या है कि उसकी एक्सक्रीट को ये बढ़ा देता है क्योंकि पोटेशियम अगर ज्यादा बढ़ जाता है तो हाइपर पोटेशियम हो जाएगा जो एक तरह से कैल्शियम है जो एक तरह से थोड़ा नुकसानदायक है तो ये हमारा क्या है यहां से थोड़ा सा बाहर निकालने में हेल्प करता है तो एल्ट स्टोन के ये दो म मेन काम हो गए और ये मेनली करता कहां है किडनी इंटेस्टाइन सेलेब ग्लैंड सड इन सब जगह से क्या है सोडियम की जो सेक्रेशन है उसको क्या करेगा मतलब सोडियम के अब्जॉर्प्शन को बढ़ा देगा जिससे सोडियम वापस ब्लड में आ जाएगा और पोटेशियम को बॉडी से बाहर निकालने का काम करता है ये एल्डेस्ट का काम हो गया सेकंड केस में क्या करता है अगर आपको रास सिस्टम याद होगा रेनिन एंजियोटेंसिनोजेन बेनिन का काम क्या होगा एक्चुअल में कि ये इस पूरे सिस्टम को चालू कर देगा एंजियो टेंशन को एंजियो टेंशन वन बनाएगा फिर एंजियो टेंशन वन एंजियो टेंशन टू बनाता है और एंजियो टेंशन टू हमारा बनाता है एल्डेस्ट अब इस एल्डेस्ट का काम पता है क्या होता है एल्डेस्ट एंजियो टेंसेंट सेकंड से मिलकर क्या करता है ना हमारे ब्लड वॉल्यूम को इंक्रीज कर देता है जो हमारी बॉडी में ब्लड का अमाउंट है ना उसको बढ़ा देता है और जब ब्लड वॉल्यूम इंक्रीज हो जाएगा तो ऑटोमेटिक हमारा जो ब्लड प्रेशर है वो भी यहां पे बढ़ जाएगा जो डाउन हो गया था वो हमारा बाद में बढ़ जाता है तो ये मेनली काम करता है तो जो एल्डेस्ट है उसका एक फंक्शन और हम क्या मिलता है कि ये हमारे ब्लड वाले सिस्टम में कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम में ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करता है ब्लड वॉल्यूम को बढ़ा रहा है एक्चुअल में ब्लड प्रेशर को रेगुलेट कर रहा है तो ये हमारा ये काम करता है तो एल्डेस्ट जो हमारा मेन मिनरल कॉर्टिकोस्टेरॉइड है उसके ये काम होते हैं जो आपको पता लग गया सेकंड हमारा आता है ग्लूकोकॉर्टिकॉइड क्या आता है ग्लूको कॉर्टिकोस्टेरॉइड तो ये हमारा इसमें देखो इसमें ना हमारे दो-तीन हार्मोन है तो पहला हमारा यहां पे पाया जाता है कॉर्टिसोल क्या होता है कॉर्टिसोल तो ये हमारा मेन हार्मोन है अब इसके अलावा जो स्मॉल अमाउंट है उसमें हमारा ये कॉर्टिजोन और और कार्टिस ये भी हमारे बनते हैं तो एक्चुअल में हमारे जो ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स है उसमें तीन हार्मोस हमारे बनते हैं तो इन तीनों हार्मोन को मिलाकर हम यहां पे स्टेरॉइड्स हार्मोन या फिर कर्टर इड्स हार्मोन यहां पे बोल देते हैं यानी कि तीन हार्मोन बने और तीनों को मिला के हमने क्या बोल दिया कर्टर इड्स या फिर स्टेरॉइड्स हार्मोन बोल दिया अब आपको अगर याद होगा तो हमने पिट्यूटरी ग्लैंड जो अपना फर्स्ट वाला पार्ट था उसमें देखा था कि हमारा जो हाइपोथैलेमस है वो यहां पे रिलीज करवाता है एटीए एटीए का मतलब क्या था है एड्रिनो कॉर्टिको ट्रॉपिक हार्मोन तो ये वही हार्मोन है जो हमारा क्या करे करेगा कि ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स की स्टिमुलेटिंग एड्रिनल जो ग्लैंड है उसको जाएगा और उसको स्टिमुलेटिंग ज्यादा मात्रा में आता है और ये सब निकलते हैं तो ये आप समझ गए अब इसका काम क्या होता है मेनली तो ये हमारी लाइफ के लिए बहुत एसेंशियल है क्यों एसेंशियल है क्योंकि ये हमारी लाइफ में मेटाबॉलिज्म और हमारे स्ट्रेस को रेगुलेट करता है यानी कि हमारे स्ट्रेस को कम करने का काम करता है स्ट्रेस को कंट्रोल करने का काम करता है तो ये हमारा मेन कौन सा करता है ये वाला हार्मोन करता है इसके अलावा ये हमारे ब्लड शुगर लेवल को भी इंक्रीज करता है ज हमारी बॉडी में ग्लूकोज की अगर कमी हो तो उसको बढ़ाने का काम करेगा बाकी ये एंटी इंफ्लेमेटरी की तरह भी काम करेगा यानी कि अगर इंफ्लेमेशन होता है तो उसको ये कम करेगा और इसके अलावा इम्यून सिस्टम में भी हमारा ये काम आता है तो इसके काफी अच्छे-अच्छे काम है बाकी एक यहां पे मैंने बताना भूल गया कि ये हमारे क्या कर रहा है ना रेगुलेट कर रहा है ना इसको इसीलिए ये हमारा जो होता है एड्रिनल कॉर्टेक्स वाला पार्ट ये ये हमारा लाइफ सेविंग की तरह काम करता है यानी कि अगर ये प्रोसेस रुक जाएगी ना तो बहुत ही ज्यादा सीवर नुकसान हो सकता है हमारी बॉडी में फ्लू डिसबैलेंस हो जाएगा तो इसीलिए ये हमारे लिए लाइफ सेविंग का काम करता है तो अब यहां पे आप ये दोनों यहां समझ गए होंगे तो यहां तक हमने क्या देखा कि एड्रिनल जो हमारा ग्लैंड है वो एक्चुअल में लाइफ सेविंग क्यों है क्योंकि वो एल्डेस्ट को रिलीज करता है जो हमारे फ्लूइड को मेंटेन कर रहा है बाकी ग्लूकोकॉर्टिकॉइड ये हमारा कॉर्टिको स्टोइ है जो हमारे में रेगुलेट कर रहा है मेटाबॉलिज्म वगैरह को ब्लड शुगर लेवल को इंक्रीज कर रहा है एंटी इंफ्लेमेटरी की तरह काम कर रहा है हमारे इम्यून सिस्टम को रेगुलेट कर रहा है अब जो हमारा थर्ड पार्ट है ना रेटिकुलर ये हमारे सक्रेट करते हैं सेक्स हार्मोन को लेकिन ये बहुत ही कम मात्रा में आता है मेन जो हमारे सेक्स हार्मोन है वो हमारे ओवरीज और टेस्टिस से निकलते हैं ये हमारे बहुत ही कम मात्रा में आते हैं और एंड्रोजन हमारा मेन हार्मोन है जो निकलता है यहां से एंड्रोजन हमारा एक मेल हार्मोन होता है और ये सेक्सुअल कैरेक्टरिस्टिक में जैसे पवटी वगैरह के टाइम पे काफी हेल्प करता है तो इसमें कम मात्रा में आता है तो हमने कम ही इसके बारे में पढ़ा है डिटेल्स में आपने फिफ्थ यूनिट में पढ़ ही लिया होगा तो अब हमारा आता है जो एड्रिनल एड्रिनल ग्लैंड है उसका सेकंड वाला अंदर वाला पार्ट जिसका नाम है एड्रिनल मेडुला तो सिंपल हमने कॉर्टेक्स के बारे में पढ़ लिया इसमें तीन लेयर है तीनों हार्मोन अलग-अलग सक्रेट करती हैं और सब हार्मोस के बारे में हमने अच्छे से पढ़ लिया अब जो हमारा ग्लैंड है इसका सेकंड पार्ट होता है मेडुला जो हमारा अंदर वाला पार्ट है तो इसका क्या काम है इसको देख लेते हैं तो ये हमारा एक इनर पार्ट है एडिनल ग्लैंड का और ये लगभग 10 से 20 पर ही होता है लेकिन ये हमारा एक्चुअल में वो पार्ट है जिसकी वजह से हमारे एड्रिनल मेड जो हमारा एड्रिनल ग्लैंड है ना उसको हम इमरजेंसी ग्लैंड की तरह जानते हैं यानी आप लोगों ने कभी सुना होगा इमरजेंसी ग्लैंड कौन सा है तो हमारा एड्रिनल ग्लैंड होता है और वो क्यों होता है क्योंकि उसका जो एड्रिनल मेडुला वाला पार्ट है वो हमारा क्या होता है नर्वस सिस्टम से मिलके बना होता है जो पहले वाला था वो हमारा एपिथीलियम टिश्यू से मिलकर बना है ये हमारा नर्वस टिश्यू से मिलकर बना होता है और ये एक्चुअल में कब काम करता है जब हमारी बॉडी में सिंपैथेटिक सिस्टम चालू होता है अब सिंपैथेटिक सिस्टम अगर आपको याद हो तो ये हमारा ट्रिपल एफ वाला था फाइट फ्लाइट और फाइट वाली कंडीशन थी फियर फाइट और फ्लाइट जली यानी कि जब हमारी बॉडी में डर होता है कुछ अन अब नॉर्मल चीजें होती है तब हमारी बॉडी में सिंपैथेटिक सिस्टम चालू हो जाता है और इस टाइम पे हमारा ये एड्रिनल मेडुला वाला पार्ट एक्टिवेट हो जाएगा और ये अपने दो हार्मोन को सक्रेट करता है एक हमारे होते हैं एपीनेप्री और एक हमारे होते हैं नॉन एफिन फ्रिन और एफिन फ्रिन को हम एड्रिनल बोलते हैं नॉर नफन को हम नॉर एड्रिनल बोलते हैं आप समझ रहे हो कि ये एड्रिनल ग्लैंड हमारे लिए इतना इंपोर्टेंट क्यों है क्योंकि इसमें हमारे काफी ज्यादा इंपोर्टेंट इट चीजें आती हैं अब जो हमारा एड्रीनलीन है ना ये हमारा लार्ज अमाउंट में सक्रेट होता है लगभग 80 पर जो हमारे दोनों हार्मोंस में और इसका काम क्या होता है अब आपको पता है सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम में मेनली क्या होगा हमारे हार्ट रेट इंक्रीज होती है ब्लड प्रेशर इंक्रीज होता है और एनर्जी मेटाबॉलिज्म होती है बाकी ये हमारा फाइट और फ्लाइट कंडीशन के लिए बॉडी को तैयार करता है कि बॉडी कोई भी इमरजेंसी सिचुएशन में अपने आप को ढाल सके फिर हमारे जो नोर एपीनेप्री है ये हमारा कम अमाउंट में सिक्रेट होता है लेकिन यह भी हमारे ब्लड प्रेशर को इंक्रीज करेगा हमारे हार्ट रेट को और एनर्जी मेटाबॉलिज्म जानी कि ताकत हमारे बॉडी में जल्दी-जल्दी ज्यादा बनेगी इसके अलावा य हमारे जो स्ट्रेस समय होता है ना उसके लिए रिस्पांस शो करता है और अटेंशन यानी कि कोई चीज जैसे बहुत ही ज्यादा इमरजेंसी आ गई तो पूरा अटेंशन उधर डालती है कि वो काम कैसे हमें करना है क्या करना है तो ये दोनों हार्मोन हमारे एड्रिनल मेडुला से तब एक्टिवेट होते हैं जब हमारी बॉडी में इमरजेंसी कंडीशन आती है सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिवेट होता है तो इसी वजह से इस मेडुला वाले पार्ट की वजह से हम पूरे एनल ग्लैंड को एज अ इमरजेंसी ग्लैंड की तरह जानते हैं तो ये हमारा पूरा एड्रिनल ग्लैंड के बारे में हो गया बहुत ही शॉर्ट सिंपल मैंने आपको बताया है और अगर आपको इसमें फिर भी कोई डाउट हो तो आप भाई कमेंट करके हमें पूछ सकते हो और अगर अच्छा लगा हो तो वीडियो को लाइक करो और शेयर वगैरह कर सकते हो और कमेंट करके बता सकते हो हमें तो अब हम बात करते हैं अपने सेकंड ग्लैंड थायराइड ग्लैंड के बारे में तो एक्चुअल में पहली बात क्या कि ये हमारा लार्जेस्ट एंडोक्राइन ग्लैंड है यानी कि पूरे जितने भी हमारे ग्लैंड हैं उसमें सबसे लार्जेस्ट मात्र लार्जेस्ट यानी कि बड़ा हमारा यही है और ये जो हमारी गर्दन होती है ना ट्रैकिया जैसे आप ये देखो हमारी जो जो विंड पाइप होती है ट्रैकिया बोलते हैं इसको इस तरह से सांप की तरह लपेटा हुआ होता है आगे से भी और अगर मैं पीछे से थोड़ा दिखाऊं तो इस तरह मान लो ये इसका बैक पार्ट है तो पीछे से भी ये हमारी क्या करता है ट्रैकिया को इस तरह लपेट के रखता है तो ये हमारा होता है पूरा थायराइड ग्लैंड जो काफी बड़ा हो जाता है आप यहां देख सकते हो और ये एक्चुअल में क्या करता है कि जो हमारा लेरिस है और जो ट्रैकिया है इनके फिफ्थ सिक्सथ और सेवन सर्वाइकल और वन थोरेसिक वर्टेब्रेट यानी कि जो हमारी रीड की हड्डी इसके पीछे होती है ना तो उसी हिसाब से एक लेवल बताया हुआ है कि उस लेवल पर ये प्रेजेंट होता है इसके अलावा ये हमारा 25 ग्रा का होता है यानी कि आप देख सकते हो जो हमारा पहला वाला था इससे पहले हमने क्या पढ़ा था एड्रिनल वाला वो हमारा एक 4 ग्राम के करीब था ये हमारा अकेला ही 25 ग्राम का है तो समझ सकते हो कि कितना ज्यादा हमारा बड़ा होता है ये इसके अलावा ये हमारा रफल कन शेप्ड का होता है हल्का सा आप कन एक तरह से बोल सकते हो वैसे तो मोस्टली हमारा बटरफ्लाई शेप का होता है और ये 5 सेंटीमीटर है और 3 सेंटीमीटर है लगभग लंबाई में 5 सेंटीमीटर में लगभग 3 सें मी होता है बाकी ये हमारा एच शेप्ड का होता है यानी कि बटरफ्लाई शेप ऐसे तितली हमारी होती है ना उस तरह आपने देखने को मिलता है और यान के ये इसको हम क्या बोलते हैं लोब्स बोलते हैं ये लेफ्ट लोब है ये राइट लोब्स है और ये लोब्स हमारे इंटरकनेक्ट होते हैं ना बीच में ये पार्ट दिख रहा होगा इसको हम यहां पे स्मस कहते हैं इतमस कहते हैं जो हमारे क्या करता है इन दोनों लोब्स को कनेक्ट करता है एक और बात होती है कि लगभग हमारा क्या हो रहा है कि ये जो हमारे लोब्स है ना इन लोब्स में पीछे की साइड यानी कि ये जगह हमारे चार छोटे-छोटे ग्लैड्स प्रेजेंट होते हैं जिको हम पैरा थायराइड ग्लैंड बोलते हैं पैरा थायराइड थायराइड के अंदर पैरा यानी कि उसी का एक पार्ट है हमारा पैराय इड ग्लैंड अब लगभग हमारे जब 3 मिलियन स्मॉल ओवल राउंड फंडेड शेप्ड गप फॉलिकल्स और स्ट्रोमल से टिश्यू होते हैं जो मिलकर इस पूरे के पूरे थायर ग्लैंड को बनाते हैं यानी कि अगर इसको थोड़ा सा जूम करके देखोगे तो आपको फॉलिकल्स वगैरह इस तरह के सेल्स दिखेंगे और ये पूरे थायराइड ग्लैंड को बना रहे हैं हमारे और इसके बाद जो हमारे ये हो जाएंगे ना फॉलिकल्स हो जाएंगे इनके बीच में कुछ छोटे-छोटे हमारे सेल्स पाए जाते हैं जिसको हम पैराफॉलिकुलर सेल्स बोलते हैं और ये हमारे एक्चुअल में एंडोक्राइन सेल्स होते हैं तो इनको हम पैराफॉलिकुलर सेल्स बोलते हैं तो ये थोड़ी सी एनाटॉमी के बारे में बात हो गई अब ये जो हमारे है ना ये दो टाइप्स के हमारे हार्मोंस को सक्रेट करते हैं ये हम इसके फंक्शंस के बारे में अब बात करेंगे पहला हमारा होता है थायराइड हार्मोन जिसमें t3 एंड t4 सीक्रेट किए जाते हैं और सेकंड हमारा आता है कैल्सीटोनिन अब मैं पले पहले ही आपको क्लियर कर दूं जो थायराइड हार्मोन है ना t3 t4 इनको सिंपल इतना समझो कि ये हमारी बॉडी में ग्रोथ करने में हेल्प करते हैं यानी कि अगर हमारी बॉडी में ये ज्यादा है तो हमारी बॉडी अच्छे से ग्रोथ करेगी ज्यादा ग्रोथ कर सकती है और अगर ये हमारी बॉडी में कम हो गए तो हमारी बॉडी में सूखना जैसे बहुत ज्यादा पतले हो जाते हैं दुबले पतले होने लगते हैं तो ये इसका काम करती है तो थायराइड हार्मोन के बारे में बात करें तो इसमें बेसिकली दो हार्मोंस हमारे आते हैं एक आता है t3 जिसको हम बोलते हैं ट्राई आयोडो थाइरोइड और एक हमारा आता है t4 जिसको हम बोलते हैं थायरोक्सिन क्या बोलते हैं थायरोक्सिन बोलते हैं और ये दोनों ही हार्मोन हमारे जो है आयोडीन से मिलकर बने होते हैं यानी कि इन दोनों हार्मोन में लगभग 65 पर हमारा आयोडीन प्रेजेंट होता है और वही हमारे आयोडीन ट्रैपिंग यानी कि इसमें आयोडीन ट्रैप होके मिल मिल के ये हार्मोंस हमारा बनता है तो थायराइड जो ग्लैंड है ना वो हमारे थायराइड हार्मोन को कैसे बना रहा है वो आयोडीन को ट्रैप कर रहा है पकड़ पकड़ के आयोडीन को पकड़ पकड़ के t3 और t4 यहां पे बनाते जा रहे हैं तो इस तरह हमारे थायराइड हार्मोन यहां पे बनते हैं और इसको कंट्रोल कैसे करते हैं तो अगर आपको यहां पे अब याद होगा कि हमने थायराइड स्टिमुलेटिंग जो हार्मोन है ना वो हमारा पिट्यूटरी ग्लैंड से रिलीज हो रहा था और जो पिट्यूटरी ग्लैंड जो हमारा इंटीरियर वाला पार्ट था वहां से ये रिलीज हो रहा था जैसे यहां देखो ये हमारा पिट्यूटरी ग्लैंड है और इसका जो एंटीरियर वाला पार्ट है यहां पे थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन हमारा रिलीज हो रहा है और इसको कंट्रोल कौन कर रहा है यहां पे हमारा होता है टीआरएच हाइपोथैलेमस के द्वारा निकलता है टीआरएच और उसका नाम क्या होता है थायरोक्सिन हार्मोन यानी कि ये एक्चुअल में कंट्रोल करता है किसको टीएसएस को और टीएसएस जितना ज्यादा होगा उतना ही ज्यादा हमारा क्या होगा थायराइड ग्लैंड अपने t3 और t4 हार्मोंस को बनाने का काम करता है तो ये सारा सिस्टम हमारा कनेक्टेड है जो मैंने आपको प्रीवियस वीडियो में भी बताया था अब इनके अगर फंक्शंस के बारे में बात करें तो ये बहुत जरूरी होते हैं यानी कि ये बहुत एसेंशियल होते हैं हमारी नॉर्मल ग्रोथ एंड डेवलपमेंट के लिए यानी कि आप सोच रहे हो भाई क्या ही जा रहा है क्या कर र हम सब तो ये बहुत जरूरी है और आप लोगों ने कभी-कभी देखा होगा लोगों को गोइटर हो जाता है गोइटर मतलब एक तरह से यह थायराइड ग्लैंड बहुत ज्यादा मतलब मोटा तगड़ा हो जाता है गंगा रोग जिसको बोलते हैं और इसके अलावा अगर देखा होगा आप लोगों ने बॉडी में अगर कमी हो जाती है ना आयोडीन की तो लोग कैसे बोलते हैं भाई आयोडीन की कमी हो गई और उसकी वजह से हमारी बॉडी सूखने लगती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आयोडीन वो मेन हमारा इंग्रेडिएंट्स से हमारा ये t3 और t4 यानी कि थायराइड हार्मोंस बनते हैं तो आयोडीन का बॉडी में होना जरूरी है इसीलिए हमारे हर नमक में आयोडीन पाया जाता है और जो हमारे t3 t4 को बनाने में हेल्प करता है और जिससे हमारी बॉडी में इसकी कमी ना हो क्योंकि अगर ये थायराइड हार्मोन हमारा एक मेन और मास्टर हार्मोन है अगर इसकी कमी होगी ना तो बॉडी में बहुत कुछ नुकसान हो सकता है तो ये हमारा नॉर्मल ग्रोथ एंड डेवलपमेंट के लिए जरूरी है बाकी ये हमारे स्केलेटन सिस्टम और नर्वस सिस्टम के लिए भी जरूरी है आप समझ सकते हो स्केलेटन सिस्टम पूरी बॉडी को संभाल के रखा है नर्वस सिस्टम जो हमारी पूरी बॉडी को कंट्रोल कर रहा है तो इन दोनों को बनाने में ये हमारी हेल्प करता है तो ये हमारा एक मास्टर हार्मोन है जो बाकी के ऑर्गन या सिस्टम को भी इन्फ्लुएंस करेगा बनाने में हेल्प करता है इसके अलावा ये हमारा बैजिक मेटाबॉलिक रेट ये हमारा बॉडी में कितना खाना पना किस हिसाब से क्या होना चाहिए अ कितने वेट पे कितना वेट होना चाहिए कितने हाइट पे तो ये सब चीजों को कंट्रोल करता है वीएमआर उसको ये खुद रेगुलेट करता है इसके अलावा ये मेटाबॉलिज्म करवाता है प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट फैट्स की यानी कि आप इनको बॉडी में खा लेते हो ना सिर्फ उससे काम नहीं चलता उसको मेटाबोलाइज्ड आइजे के बाद जो मेटाबॉलिज्म होता है उसको यूज यूटिलाइज करना ये सब काम हमारा ये हेल्प करता है इसके अलावा ये यूरिन आउटपुट को कंट्रोल करता है मेंटल फैसिलिटी क्योंकि नर्वस सिस्टम बनाता है तो मेंटली फैसिलिटी वगैरह इन सब को कंट्रोल करता है इसके अलावा ये हमारे जो एड्रीनलीन और नॉर एड्रीनलीन थे ना जो इमरजेंसी वाले हार्मोंस थे उनके एक्शन को भी ये इंक्रीज करने का काम करता है तो थायराइड हार्मोन हमारे एक मेन हार्मोन है जो काफी ज्यादा चीजों को यहां पे कंट्रोल कर रहा है अब इसके बाद हमारा सेकंड हार्मोन आता है कैल्सीटोनिन तो इसको भी हमारा थायराइड ग्लैंड बनाता है तो इसका मेन काम क्या होता है ना ये एक हमारा पेप्टाइड हार्मोन है थायरॉयड वाला तो हमारा स्टेरॉइड्स के अंदर आता है जो हमारा कैसे जाता है पहले वाला जो हमारे मतलब ऑयल सॉल्युबल होते हैं ना उनमें ये हमारा जाता है लिपिड सॉल्युबल में लेकिन जो कैल्सीटोनिन है ये हमारे एक पेप्टाइड हार्मोन है जानी कि वाटर सॉल्युबल होता है और ये हमारे जो पैराफॉलिकुलर वाल सेल्स थे ना जो एक और पार्ट थे मैंने आपको बताया था सेल्स के अंदर एक और पैरा फॉलिकल होते हैं ये हमारे बनाते हैं इस कैल्सीटोनिन को तो कैल्सीटोनिन नाम से समझ आ रहा होगा कि ये मेनली हमारे कैल्शियम के लेवल को रेगुलेट करता है मेनली तो ये हमारा क्या करेगा ना कि ये हमारे ब्लड के अंदर कैल्शियम के लेवल को डाउन करता है अब ये कैसे क्या काम करता है तो थोड़ा सा आपको जैसे ये पता होगा कि मान लो हमारी ये बोनस है ठीक है अब ये हड्डियां हमारी ना कैल्शियम से मिलकर बनी होती है अब जो हमारा ब्लड है ना इस ब्लड में क्या होता है कि अगर कैल्शियम की कमी होती है तो क्या होता है कि जो हमारी हड्डियां हैं इनमें से कैल्शियम क्या होता है हमारे ब्लड के पास पहुंच जाता है इस तरह ये काम करता है और इस प्रोसेस को हम कैल्शियम रिजॉस यहां पे बोन रिजॉस बोलते हैं लेकिन ये कैल्सीटोनिन क्या करता है ये इस प्रोसेस को डिक्रीज कर देगा और इसके डिक्रीज करने की वजह से क्या है कि हमारे ब्लड में कैल्शियम की क्या हो जाएगी कमी क्योंकि ब्लड में कैल्शियम जा नहीं पा रहा है लेकिन जो हमारी हड्डियां है वो अच्छी खाती सेफ रहती है और ऐसा क्यों होता है क्योंकि आप लोगों ने पैथोलॉजी में बीमारी पढी होगी ऑस्टियोपोरोसिस जिसमें हमारी हड्डियां खोखली हो जाती हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जो हमारा कैल्शियम है वो ज्यादा मात्रा में ब्लड में जाने लगता है तो अगर ये क्या करता है उसको रोक देता है तो हमारी हड्डियां मजबूत रहेंगी ठोस रहेंगी और कैल्शियम हमारा नहीं जाएगा लेकिन इसका नुकसान क्या है हड्डियां तो मजबूत हो गई लेकिन हमारे ब्लड में क्या हो गया कैल्शियम की कमी हो गई तो यह काम हमारा कैल्सीटोनिन करवाता है और इसको प्रिवेंट करने के लिए हमारा जो थायराइड ग्लैंड है उसी में प्रेजेंट होते हैं हमारे पैरा थायराइड ग्लैंड तो अब अगर हम बात करें पैराय इड ग्लैंड के बारे में तो ये हमारे चार स्मॉल ओवल शेप के ग्लैंड होते हैं जो हमारे नेक में ही प्रेजेंट होते हैं और ये पोस्टीरियर पार्ट जो हमारा थायराइड ग्लैंड है ये फ्रंट है तो इसके जो पीछे वाला पार्ट है यहां पे चार ग्लैंड हमारे प्रेजेंट होते हैं ये लगभग डार्क ब्राउन कलर के होते हैं और ये हमारे ओवल शेप्ड के हैं और बहुत ही स्मॉल होते हैं तो इनका काम क्या होता है ना कि ये हमारी बॉडी में कैल्शियम लेवल को रेगुलेट करते हैं तो मेनली क्या करते हैं कि ये एक हार्मोन को रिलीज करते हैं जिसका नाम होता है पैरा थायराइड हार्मोन पीटीएच और इनका मेन काम क्या होगा कि ये जो हमारी प्रोसेस थी यानी कि जिसमें कैल्शियम का लेवल हमारे ब्लड में कम हो रहा था ये क्या करेंगे कैल्शियम के लेवल को ब्लड में बढ़ाने का काम करते हैं क्योंकि कैल्शियम अगर हमारे ब्लड में कम हो गया तो ये बहुत से फंक्शन करता है जैसे हमारे हर्ट की कंट्रक्शन वगैरह करवाता है मसल्स कंट्रक्शन करवाता है तो इन सब में हमारा कैल्शियम का रोल होता है तो ये पैरा थायराइड के जो हमारे पैरा थायराइड हार्मोन है ये हमारे इसी कैल्शियम के लेवल ब्लड में एक्चुअल में बढ़ाने का काम करते हैं बाकी ये हमारे एपिथीलियम सेल से मिलकर बने होते हैं जिसमें दो टाइप्स के सेल पाए जाते हैं एक होते हैं चीप सेल्स और एक होते हैं ऑक्सफ सेल्स होते हैं अब एक बात और समझ लो आप लोगों ने कई-कई जगह देखा होगा पैरा थर्मल लिखा हुआ है तो पैराथू हमारा एक्चुअल में पैरा थायराइड हार्मोन ही है लेकिन ये बहुत पहले इस्तेमाल किया जाता था ये वाला वर्ड यूज़ किया जाता था लेकिन आजकल क्या है कि इसको डिस्मिस कर दिया गया है तो सही वर्ड हमारा यही है पैराय यड हार्मोन अगर आप को कहीं ये मिलता है तो उसको करेक्ट कर लेना और पैरा थाइरोइड हार्मोन ही आप यूज करना ऐसा नहीं है कि ये गलत है ये भी हमारा सही था प्रीवियसली यूज किया जाता था लेकिन आजकल ये नया चलन में है यही नाम लिखा जाता है हर तरफ तो आप भी जो है इस वाले जो ये हार्मोन है हमारा पैराय इड ग्लैंड का उसको पैराय इड हार्मोन नाम से ही जानते हैं बाकी इसको कई जगह पे कॉलेप्स हार्मोन भी कहा जाता है और ये हमारे चीप सेल्स के द्वारा सक्रेट किया जाता है अब जो हमारे ये है ना इसका मेन काम क्या होता है ये हमारे ब्लड कैल्शियम लेवल को मेंटेन करने का काम करता है क्या करता है ब्लड के जो कैल्शियम लेवल है ना उसको मेंटे मेंटेन करने का काम करता है कैसे करेगा तो तीन तरह से ये काम करता है सबसे पहली बात है जो हमारे कैल्शियम का अब्जॉर्प्शन है ना हमारे खाने पीने यानी कि हम जो भी खाना पना खाते हैं तो पेट में जाएगा और पेट से वो इंटेस्टाइन की थ अब्जॉर्ब हो जाता है तो ये क्या करता है कि जो हमारा फूड है खाना पना हम खा रहे हैं या जो भी है उनसे कैल्शियम की अब्जॉर्प्शन को इंक्रीज कर देगा इससे क्या होगा कि जो हमारा ब्लड है उसमें कैल्शियम ज्यादा मात्रा में अब्जॉर्ब होता है और हमारे ब्लड में कैल्शियम का लेवल बढ़ जाता है पहला काम दूसरा काम क्या करता है कि जो हमारी किडनी वगैरह है जो मैंने आपको यहां बताया था इस किडनी से हमारा जो कैल्शियम है जैसे यहां से फिल्टर होके यहां से फिल्टर हमारा बहुत कुछ हो जाता है तो यहां से जब कैल्शियम हमारा फिल्टर हो गया तो उसको इसमें भेजने की जगह क्या है उसको रिअब्जॉर्ब करवा देता है और कैल्शियम हमारा फिर से जो है ब्लड में आ जाता है तो ये काम हमारा करवाता है ये रीनल ट्यूबल्स या फिर किडनी जो नेफ्रॉन के अंदर होता है वहां से ऑब्जर्व करवाना और थर्ड होता है रिजॉर्ट ऑफ वनस यानी कि जो हमारी हड्डियां थी जिनसे कैल्शियम हमारा इधर जा रहा था तो इसको हमारा कैल्सीटोनिन रोक रहा था लेकिन जो हमारा ये है पैराय पीटीएच है वो क्या करेगा इसको इंक्रीज करेगा कि भाई कैल्शियम हम क्या है हड्डियों से भी यहां ले लेते हैं और ऐसा क्यों होगा कि अगर लो हड्डियों में ज्यादा हा कैल्शियम हो गया है तो उस मात्रा में क्या है कि कैल्शियम हमारा इधर से जो है ये वाला हार्मोन यहां से निकाल निकाल के ब्लड में पहुंचाने का काम करता है तो ये तीन तरह से हमारा क्या करेगा ब्लड में कैल्शियम के लेवल को बढ़ा रहा है बाकी जो हमारे पीटीएच हो गए और कैल्सीटोनिन हो गया ऊपर नीचे वाले ये दोनों क्या करते हैं कैल्शियम को लेवल को मेंटेन करेंगे अगर मान लो कैल्शियम हमारी हड्डियों में कम हो गया ब्लड में ज्यादा हो गया तो जो हमारा कैल्सीटोन है वो इसको यहां रोक देगा जिससे हमारी हड्डियां मजबूत रहेंगी और अगर मान लो कि हड्डियों में ज्यादा हो गया ब्लड में कम हो गया तो हमारा पैरा थाइरोइड हार्मोन जो पीटीएच है वो क्या करेगा इस कैल्शियम के लेवल को को यहां से ब्लड में पहुंचाने का काम करेगा तो इस तरह ये मिलजुल के जो है अपना काम करते रहते हैं अब थोड़ा सा बात करते हैं हम डिसऑर्डर्स के बारे में ये हमने किसी के बारे में नहीं पढ़ा लेकिन जो हमारा थायराइड ग्लैंड है इसके डिसऑर्डर्स कई बार जो है हमें पूछ लिए जाते हैं तो थोड़ा सा ही मैंने लिखा है बाकी आप खुद जो है इसके बारे में बनाक लिखके आ सकते हो तो थायराइड ग्लैंड में हमारे दो तीन डिसीज मतलब मेन होती है डिसऑर्डर पहला आता है हाइपर थायराइड ज्म यानी कि अगर क्या हो जाए कि जो थायराइड हार्मोन है वो ज्यादा मात्रा में सक्रेट होने लगे तो ये हो जाता है और इसकी वजह से क्या होता है आगे आप थोड़ा मैं बता देता हूं ग ग्रोत बहुत ज्यादा होने लगती है जरूरत से ज्यादा बच्चे मोटापा और ये सब चीजें होने लगती है जो भी एक नुकसानदायक होती है फिर आता है हाइपोथायरायडिज्म इसमें जो हमारा थायराइड हार्मोन है उसकी सेक्रेशन हमारी कम हो जाती है और जब इसकी कम हो जाती है तो इस वजह से क्या होता है एडल्ट्स में माक्सी डेम है और चिल्ड्रन में क्रिट निज्म इसमें क्या होता है कि बॉडी कुपोषण का शिकार आपने सुना होगा तो कुपोषित होने लगती है बॉडी बहुत कमजोर होने लगती है वीक होने लगती है तो वो हाइपोथायरायडिज्म की मदद से होती है वजह से होती है अब लास्ट हमारी आती है गोइटर गोइटर हमारे घंगा रोग होता है जिसमें क्या होता है हमारा जो ये है जो हमारा थायराइड ग्लैंड है वो बहुत ज्यादा इनलार्ज बड़ा हो जाता है और इस वजह से आपने कभी-कभी मूवीज वगैरह में या कभी किसी पिक्चर वगैरह में देखा होगा जो गर्दन ऐसी मोटी ताजी सी हो जाती है ना वो हमारी इसी की वजह से होती है गोइटर डिसीज की वजह से होती है और ये मेनली हमारी कब होती है जब हमारी बॉडी में इसकी कमी हो जाती है हाइपर यानी कि इस सेक्रेशन थायराइड हार्मोन की कमी हो जाती है इसकी कमी हो जाती है और आपने ये मेनली हमारी कब होती है जब आयोडीन की बॉडी में कमी हो जाती है क्योंकि आयोडीन की कमी हो गई तो थायराइड हार्मोस की कमी हो गई और इस चक्र में हमारे इसमें क्या हो जाता है ये पूरा हमारा इनलार्ज बड़ा हो जाता है सूज जाता है और इसी को हम यहां पे ये चीज बोल देते हैं अब बात करें अगर पैराय इड ग्लैंड के बारे में तो इसमें दो कंडीशन होगी हाइपो पैरायम इसका मतलब है कि जो हमारा पीटीएच निकल रहा था पैरा पैराय इड हार्मोन वो हमारा कम निकलेगा हाइपो मतलब कम निकलेगा जैसे हाइपर मतलब ज्यादा होता है हाइपो मतलब कम वैसे ही यहां पे हाइपो मतलब कम होगा तो यहां पीटीएच का लेवल कम होता है और अगर हमारा पीटीएच का लेवल कम होगा तो ये हमारे कैल्शियम को बढ़ाता था तो अगर ये खुद कम हो जाएगा तो हमारी बॉडी में कैल्शियम की भी कमी हो जाएगी तो इसको हम हाइपो कैल्शियम या बोल देते हैं तो ये हमारे कैल्शियम की कमी हो जाती है फिर एक डिसीज है हाइपर पैरा थायराइड जम अगर हमारी बॉडी में ज्यादा बनने लगे तो ज्यादा बनेगा तो कैल्शियम का लेवल बहुत ज्यादा हो जाएगा और ये भी हमारी बॉडी के लिए नुकसानदायक है तो ये हमारे डिसऑर्डर्स हो गए इन दोनों ही ग्लैड्स के बारे में तो आई होप आपको ये भी अच्छे से समझ आ गया होगा अब हम बात करते हैं अपने नेक्स्ट ग्लैंड पैंक्रियास के बारे में तो अब देखो मैंने आपको स्टार्टिंग में ही बताया था कि जो पैंक्रियाज है वो हमारा क्या है एक ऐसा ऑर्गन या एक ऐसा ग्लैंड है जो दोनों की तरह काम करता है यानी कि एज अ एजोक ान ग्लैंड और एज अ एंडोक्राइन ग्लैंड और यह हमारा इकलौता ही ऐसा ग्लैंड है जो दोनों की तरह काम कर गा और इसके अलावा ये जो एग्जोटिवली होता है लेकिन ये सिर्फ % हमारा क्या करेगा एंडोक्राइन ग्लैंड की तरह काम करता है अब ये ऐसा क्यों हुआ क्योंकि एजोक ाइंटिफिको वो हार्मोन रिलीज करता है यानी कि एंडोक्राइन मतलब होता है हार्मोन और एगोग्राम मतलब एक तरह से आ जाता है एंजाइम्स के बारे में बात हो रही होती है अब ये आपको इसका डायग्राम दिख रहा होगा देखो मैंने पहले ही बोला है एचपी है आपको डायग्राम बना के आना है जितना पॉसिबल हो सके बनाकर आओ सिंपल है अगर मान लो आपको लगता है भाई हर कोई जानता है तब भी आप क्या करोगे इस तरह जो है एक बना के आ जाओ कुछ भी बना के आ जाओ थोड़ा बस कर दो कि ये हमारा पेनक्रियाज है लिख दो बनाक आओ क्योंकि इसी से एक इंप्रेशन पड़ेगा और आपको अच्छे मार्क्स देखने को मिलते हैं बाकी ये तीन पार्ट्स में पाया जाता है ये हमारा हेड है ये हमारी बीच की बॉडी है और ये लास्ट में हमारा होता है टेल और इस हेड के ये वाले पार्ट को हम यहां पे नेक बोल देते हैं तो इस तरह पाया जाता है बाकी इसमें छोटे-छोटे इस तरह के सेल्स होते हैं जिसको हम पैंक्रियाज आइसोलेट या आइसोलेट ऑफ लैंग हल्स बोल देते हैं और ये मोस्टली हमारे इस टेल वाले पार्ट में ज्यादा प्रेजेंट होते हैं स्ट्रक्चर मैंने बना दिया लेकिन मोस्टली हमारे टेल वाले पार्ट में ज्यादा प्रेजेंट होते हैं अब ये हमारे जो होते हैं ना ये मेचली हमारा कहां प्रेजेंट होता है तो जैसे हमारा ड्यूटन जो होती है ना ऐसे मुड़ता है गर्दन तो उसी के इस वाले पार्ट से हमारा ये पैंक्रियाज निकलता है और ये हमारे स्टमक जो हमारा इसके इधर हमारा पेट आ जाएगा तो इस ऐसे जुड़ेगा तो पेट के पीछे साइड हमारा ये प्रेजेंट होता है और ऐसे ही समझ लो आपका पेट आगे उसके पीछे हमारा ये पैंक्रियास प्रेजेंट होता है बाकी ये हमारे जो सी शेप का ड्यूटन म होता है उससे हमारा पूरा निकलता है स्प्लीन के पास से और इसमें हेड बॉडी नेक ये पाया जाता है बाकी ये हमारा 12 से 15 सेंटीमीटर के करीब लंबा होता है और 2/2 सेंटीमीटर करीब ये थिक होता है हमारा ज्यादा थिक नहीं है लेकिन ये लंबा हमारा बहुत ज्यादा हो जाता है अब इसके बारे में बात करें तो ये हमारा एज अ ग्लैंड काम करेगा तो ग्लैंड में हमारा कौन सा पार्ट काम करता है पेनक्रियाज आइसोलेट या इसको हम जो है आइसोलेट्स ऑफ लैंगर हल्स बोल देते हैं तो इसमें मेनली तीन टाइप्स के हमारे सेल पाए जाते हैं अल्फा सेल बीटा सेल और डेल्टा सेल अल्फा सेल्स हमारा क्या करता है ग्लूकागोनोमा बीटा सेल हमारा यहां पे ये सबसे ज्यादा मात्रा में पाया जाता है और ये हमारे इंसुलिन को सक्रेट करता है इंसुलिन हमारा बहुत इंपोर्टेंट हार्मोन है बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट हार्मोन है और डेल्टा हमारे जो सेल्स होते हैं वो हमारे सक्रेट करते हैं सोमेटोस्टेटिन को तो ये हमारे बहुत कम मात्रा में होता है तो कई जगह आपको यह देखने को भी नहीं मिलेगा बहुत जगह लिख देते हैं कि अल्फा और बीटा दो ही सेल होते हैं ये ग्लूकोन और इंसुलिन को सीक्रेट करते हैं क्योंकि ये दोनों आपस में मिलके काम करते हैं लेकिन डेल्टा सेल भी हमारे एक इंपोर्टेंट सेल है तो अब हम बात करते हैं ग्लूकागोनोमा बाइन होके इसमें समझ लेते हैं कि ये एक्चुअल में काम कैसे करते हैं तो फिर से हम बात करेंगे कि मान लो ये हमारी ब्लड वेसल्स है ठीक है यहां हमारे ब्लड के बारे में बात हो रही है और यहां पे मान लो कि ये हमारा क्या है ग्लूकोज है क्या है हमारा ये ग्लूकोज है अब ग्लूकोज का आपको पता होगा कि ये मान लो हमारे सेल्स हैं ये हमारे क्या है सेल्स हैं अब यहां पे मेन काम क्या होता है कि ये ग्लूकोज हमारे सेल्स के अंदर आना होता है क्योंकि नहीं आएगा तो कोई काम नहीं है सेल्स के अंदर जब ये ग्लूकोज आ जाता है तो हमारे माइटोकांड्रिया साइटो सोला इन सब में मिलकर क्या होता है जो हमारा ग्लूकोज है ना जो हमारे सेल्स के अंदर आ जाता है देन इसकी होती है ग्लाइकोलिक और ग्लाइकोलिक क्या करता है कि ये हमारे एटीपी एनर्जी बनाता है एटीपी एनडीए ये सब आपने बायोकेमिस्ट्री में पढ़ा होगा देखो आप अगर आपको नहीं पता हो तो बायोकेमिस्ट्री हमने यूनिट वन से लेकर फिफ्थ तक पूरी कंप्लीट कर दी है और उसके नोट्स वगैरह आपको वेबसाइट पे फ्री में मिल जाएंगे और उसके जो लेक्चर हैं वो आपको हमारे चैनल पे मिल जाएंगे केरबल फार्मा पे चाहो तो सर्च करके देखो या प्लेलिस्ट की लिंक नीचे है वहां से जाके देख सकते हो पहला काम समझ ग क्या हो रहा है कि ये हमारे जो ग्लूकोज है ना ये ब्लड में आता है ग्लूकोज आया कैसे तो जो भी हम खाना पीना खा रहे हैं फूड वगैरह जो भी हम खा रहे हैं वो सारा का सारा हमारा क्या ब्रेक डाउन होके यहां पे आ जाता है कार्बोहाइड्रेट की फॉर्म में फैट की फॉर्म में प्रोटीन की फॉर्म में तो जो हमारा कार्ब्स होते हैं ना कार्बोहाइड्रेट उन्हीं से बनता है हमारा यहां पे ये ग्लूकोज क्या बनता है हमारा ग्लूकोज बनता है तो ये ग्लूकोज हमारा ब्लड में आ जाता है और इसका मेन काम क्या होता है कि हमारे सेल्स में आए और सेल्स में आने के बाद वो ग्लाइकोलिक करेगा एचएमडी सट पाथ भी करेगा और उसके बाद ग्लाइको नियोजन तो ये सब करके वो एटीपी और एनर्जी बनाता है मेन काम हो गए अब समझो कि यहां पे ग्लूकागोनोमा क्या होता है कि वो क्या करेगा इस ब्लड के अंदर हम हमारे ग्लूकोज के लेवल को इंक्रीज करता है क्या करता है इस ब्लड के अंदर हमारे ग्लूकोज के लेवल को इंक्रीज करता है लेकिन अब हम बात करें अगर इंसुलिन के बारे में तो इंसुलिन का मेनली काम क्या होता है कि वो हमारे इस ब्लड के अंदर ग्लूकोज के लेवल को डिक्रीज करता है तो इस तरह यहां पे क्या हो रहा है कि इंसुलिन क्या कर रहा है हमारे इस ब्ल हमारे इंसुलिन क्या कर रहा है कि हमारे ग्लूकोज के लेवल को ब्लड में कम कर रहा है और ग्लूकागोनोमा प्रा में होने देते हैं ना ही ग्लूकोज को बहुत ही कम मा मात्रा में होने देते हैं तो इस तरह ये दोनों क्या करते हैं एक दूसरे को काउंटर करके एक दूसरे को अपोज करके क्या करते हैं मेंटेन बैलेंस बना के रखते हैं अब यहां पे काम कैसे होता है तो जो इंसुलिन है वो मेनली काम क्या करता है कि जो ग्लूकोज हमारा ब्लड में प्रेजेंट है उसको क्या करेगा सेल्स के पास यानी कि जो इंसुलिन है वो एक्चुअल में हमारा वो मेन हार्मोन है जो क्या कर रहा है इस ग्लूकोज को यहां से अपटेक करवा रहा है अपटेक मतलब क्या यहां रिसेप्टर होगा उस रिसेप्टर को ये काम करेगा और जिससे जो ग्लूकोज है वो रिसेप्टर की मदद से हमारे सेल्स के अंदर आते हैं और सेल्स के अंदर आने के बाद जब सेल्स के अंदर आ जाए ंगे तभी वो क्या करते हैं एटीपी और एनर्जी बना पाते हैं तो इंसुलिन का मेन काम होता है कि वो हमारे इस ग्लूकोज को क्या करेगा इस ब्लड में से निकाल के हमारे सेल्स के पास पहुंचाने का काम करता है तो ये मेन हमारा इंसुलिन का काम होता है और ग्लूका कोन भी अलग-अलग चीजों से अपना क्या करता है रोल प्ले करता है तो जैसे अगर सिंपल हम एक-एक करके बात करें तो ग्लूकोज हमारा आइसोलेट ऑफ लैंगर हाल जो हमारे पैंक्रियास आइसोलेट सेल्स हैं उनके अल्फा सेल्स के द्वारा हमारा ये प्रोड्यूस किया जाता है और इसका मेन काम है कि ये हमारे ब्लड के अंदर क्या करता है ग्लूकोज के लेवल को बढ़ाने का काम करता है और इसके बाद बात करें कैसे बढ़ाता है तो एक हमारा ये करवाता है ग्लाइकोजन लाइसिन इसका मतलब क्या है तो जैसे जब हमारी बॉडी में ग्लूकोज एक्स्ट्रा हो जाता है बहुत ज्यादा हो जाता है तो ये हमारा क्या करेगा जो लीवर होता है ना इस लीवर के अंदर ग्लाइकोजन की फॉर्म में स्टोर हो जाता है कैसे होता है ग्लाइकोजन की फॉर्म में स्टोर होता है तो ग्लूकागोनोमा कर इसको तोड़ मड के अगेन इस ग्लाइकोजन को ग्लूकोज में कन्वर्ट करता है पहला काम सेकंड होता है ग्लूकोनियोजेनेसिस इसका मतलब क्या होता है कि यहां पे जैसे हमारा जब ग्लूकोज है इसने एक्शन दिखाया एक्शन दिखा के ग्लूकोज ने एटीपी एनर्जी जनरेट कर दी लेकिन ग्लूकोज बचा हुआ है ना वो पायरो वेट में कन्वर्ट हो जाता है जो नॉन कार्बोहाइड्रेट कंपाउंड है यानी कि कार्बोहाइड्रेट से ग्लूकोज बनता है लेकिन ये नॉन कार्बोहाइड्रेट है तो ग्लूकागोनोमा पाउंड को फिर से उठाएगा और फिर से ग्लूकोज में कन्वर्ट कर देगा कैसे करता है ग्लूकागोनोमा ब्ल लीवर है ना तो इस लीवर से हमारे ग्लूकोज को क्या करता है रिलीज करवाता है लीवर में जो स्टोर होता है उसको रिलीज करवाता है कहां पे ब्लड के अंदर तो ये तीन तरीके हैं जिससे हमारे जो ग्लूकोजोन है वो ब्लड के लिए ब्लड में ग्लूकोज उसके लेवल को बढ़ा रहा है पहले जो ग्लाइकोजन हमारा बन गया था लीवर में उसको ग्लूकोज में कन्वर्ट करेगा दूसरा जो नॉन कार्बोहाइड्रेट पैरो बेट थे उनको ग्लूकोज में कन्वर्ट करवाता है थर्ड जो लीवर से हमारा क्या करहा है ग्लूकोज को ज्यादा रिलीज करवाता है तो इस तरह हमारा ग्लूकोज जो है यहां पे अच्छी मात्रा में बढ़ जाता है ऐसे ग्लूका गोन काम करता है अब इंसुलिन का काम था ग्लूकोज को कम करना है तो इंसुलिन कैसे काम करता है अब इसके बारे में अगर बात करें तो इंसुलिन एक हमारा पेप्टाइड हार्मोन है जो हमारे बीटा सेल्स होते हैं जैसे जो हमारा वो था ग्लूका कोन था वो अल्फा सेल से बनता है इंसुलिन हमारा बीटा सेल से बनता है तो बीटा सेल्स ऑफ आइसोलेट ऑफ लैंगर हास जो हमारे उसके बीटा सेल से बनता है और इसका मेनली काम होता है ये ग्लूकोज का जो लेवल है उसको कम करता है ब्लड के अंदर लेकिन सेल्स के अंदर बढ़ाता है तो ये बहुत ही इंपोर्टेंट रोल है इसको कम मत समझो क्योंकि अगर इंसुलिन हमारा सही से काम नहीं करेगा ना तो ये हमारा जो ग्लूकोज है वो सेल्स में नहीं जाएगा और अगर ग्लूकोज सेल्स में नहीं गया तो हमारी बॉडी में एनर्जी एटीपी कुछ भी नहीं बनेगा और अगर कुछ भी नहीं बनेगा तो हम कितना भी खा पी ले भाई कोई मतलब ही नहीं है आप मान लो जॉब पे जा रहे हो अब जॉब पे जा रहे हो लेकिन आपको सैलरी नहीं मिल रही जब आपको सैलरी नहीं मिल रही रुपए नहीं मिल रहा तोब पे जाने का कोई फायदा है अब मत भाई वो नैतिक बातें मत करना आपको घर भी चलाना है आपको रुपया पानी भी घर पर लेके आना है रोटी रोटी भी कमानी है घर पे खाना पना भी बनाना है तो यही सब है कि अगर आपके बॉडी में एटीपी एनर्जी नहीं बनेगा तो आपकी बॉडी के जो सेल्स है वो जिंदा ही नहीं रहेंगे और धीरे-धीरे मरने लगते हैं इसीलिए ये डायबिटीज मेलाट है ना वो बीमारी हमनी इतनी खतरनाक हो जाती है क्योंकि उसमें क्या हो रहा है कि ये इंसुलिन हमारा कम हो जाता है और इंसुलिन की कम होने की वजह से क्या होता है कि जो हमारा ग्लूकोज है वो इस सेल्स के अंदर जाना बंद कर देता है और जब ग्लूकोज सेल्स के अंदर ही नहीं जा जाएगा तो सेल्स के अंदर जब तक ग्लूकोज नहीं पहुंचेगा हमें एटीपी एनर्जी नहीं मिलेगी और हमारी बॉडी में ताकत सब कुछ कम हो जाएगा और इसी वजह से लोगों को देखा होगा इंसुलिन के शॉर्ट लेते हैं बच्चों में इंसुलिन वगैरह लगता है ये दो टाइप्स के होते हैं ये सब हमने बीमारी में यानी कि पैथोलॉजी में डिटेल्स में पढ़ा है डायबिटीज के बारे में जाकर आप अच्छे से पढ़ो आपको सारी कहानी पता लग जाएगी तो इंसुलिन का मेन काम हमारे बीटा सेल से निकलता है और ये ग्लूकोज के अपटेक को बढ़ाता है यानी कि जो ग्लूकोज जहां से अपटेक हो रहा है इसको ये इंक्रीज कर देता है और इसका मेन काम यही होता है और उसके अलावा ये फैट मेटाबॉलिज और लिपिड सिंथेसिस स्टोरेज इन सब में भी हेल्प करता है और मेन क्या करेगा ग्लाइकोजन की सिंथेसिस को भी एक तरह से बढ़ाता है ग्लाइकोजन को ठीक है इसके बाद जो इसका मेन काम क्या होता है कि ये डायबिटीज मेलाट को प्रिवेंट करके रखता है जो मैंने आपको बताया जैसे ये हमारा ग्लूकोज है तो इंसुलिन क्या करेगा इस ग्लूकोज के अपटेक को बढ़ाएगा कि ये ग्लूकोज हमारा निकले और सेल्स के अंदर जाए और जब सेल्स के अंदर ग्लूकोज पहुंच जाता है उसी के बाद ग्लूकोज एटीपी और एनर्जी जो है बॉडी में बनाता है जब तक नहीं पहुंचेगा तब तक नहीं बनाएगा तो ये सब आपको यहां समझ आ गया होगा डिटेल्स में आप डायबिटीज मेलाट पथोम जाके देख सकते हो अब बात करें सोमेटोस्टेटिन के बारे में तो ये हमारे डेल्टा सेल से निकलते हैं और इसके अलावा ये हमारे हाइपोथैलेमस के द्वारा प्रोड्यूस किया जाता है और आल्सो इससे निकलता है लेकिन हाइपोथैलेमस भी इसको बनाता है अगर आपको याद होगा तो ये पता है कौन सा है ये हमारा होता है ग्रोथ हार्मोन रिलीज इनि बेटिंग हार्मोन यानी कि अगर मैं आपको यहां पे थोड़ा सा दिखाऊं क्या दिखाऊं अगर मैं थोड़ा सा आपको बैक करके दिखाऊं तो जैसे हमारा ग्रोथ हार्मोन था जो एंटीरियर पटटी बना रहा था तो इस ग्रोथ हार्मोन को रोकने के लिए हमारा यहां पे था ग्रोथ हार्मोन रिलीज इन्वेटिव फैक्टर तो इसी को हम जो है सोमेटोस्टेटिन नाम से जानते हैं और ये हाइपोथैलेमस तो निकालता ही है लेकिन साथ में हमारा क्या होता है यहां पे कि थोड़ा सा पार्ट हमारा ये इसके द्वारा जो हमारे पैंक्रियास के आइसोलेटर जो डेल्टा सेल है वो भी हमारे थोड़ा बहुत इस पार्ट को निकालते हैं तो ये हमारे मेनली काम क्या होता है कि ये हमारे इंसुलिन और ग्लूको दोनों की सेक्रेशन को रोकता है इसके अलावा ये हमारे ग्रोथ हार्मोन के सेक्रेशन को भी रोकता है तो ये एक्चुअल में ये नेगेटिव काम करता है लेकिन ये भी पॉजिटिव में आ जाता है अगर मान लो बॉडी में ज्यादा ही सेक्रेशन हो रही है इंसुलिन सबकी तो ये हमारा क्या करेगा उनको कंट्रोल करने का काम करा है इस तरह हमारा ये काम करता है अब हम बात करते हैं अपने नेक्स्ट पीनियल ग्लैंड के बारे में तो देखो ये हमारे छोटे से ग्लैंड है एग्जाम में भी कमी आते हैं ये हमारे एक स्मॉलेट एंडोक्राइन ग्लैंड होता है और ये हमारा क्या होता है जैसे हमारी जो थर्ड वेंट्रिकुलर इस स्टॉक के पास में वहां पे हमारा होता है डाई एंसी फेलिस एरिया वहां पे ये हमारा प्रेजेंट होता है और डायग्राम में मैंने आपको ये दिखाया था थोड़ा सा आपको और क्लियर हो जाएगा और आप अच्छे से देख लोगे यहां पे तो जैसे ये देखो यहां पे तो ये वाला जो हमारा है ना इसके पीछे यहां पे देखो स्टेम के पास ही है तो ये हमारा होता है पीनियल ग्रंड जहां पे और ये बहुत ही छोटा होता है मतलब ये लिटरली मान लो कि ये बहुत ही छोटा होता है एक मटर के दाने से भी थोड़ा सा छोटा ही हमारा होता है ठीक है अब ये हमारा लगभग 10 एमएम लॉन्ग होता है एमएम है भाई मिलीमीटर बहुत ही कम हो गया 1 सेंटीमीटर के करीब मान लो इसके अलावा ये हमारा रेडिश ब्राउन कलर का होता है और ये कैप्सूल के अंदर मतलब पूरा एक सराउंड होता है अब ये जो सक्रेट करता है ये हमारा सक्रेट करता है मेलाटोनिन को और मेलाटोनिन हमारा मेलानिन वगैरह को भी सक्रेट करता है तो जो मेलाटोनिन है ना वो हमारा मेन हार्मोन होता है पीनियल ग्लैंड का अब इसका काम क्या होता है तो ये हमारी बॉडी में ना बा बायोलॉजिकल क्लॉक को क्या करता है ना मेंटेन करता है बायोलॉजिकल क्लॉक एक्चुअल में क्या होती है तो इसको हम जो है सरके यन रिदम बोलते हैं और यह हम शायद आप फार्माकोलॉजी में जब आगे जाओगे तब आपको ये डिटेल्स में देखने को मिलेगा अब इसका मतलब क्या होता है ना कभी-कभी आपने देखा होगा कि जैसे मान लो सुबह आपकी 6:00 बजे आंख खुल गई तो अगले दिन बिना अलार्म के भी आपको जो है 6:00 बजे जरीब जो है आंख खुलती है और जैसे मान लो रात में आपको नींद आ रही है 11:00 बजे के करीब तो अगले दिन ऑटोमेटिक होगा कि आपको 11:00 बजे करीब ही जो है नींद आना शुरू हो जाएगी तो इन सबको मेंटेन करता है हमारा यही पीनियल ग्लैंड और ये में हमारा बॉडी की बायोलॉजिकल क्लक हो क्लॉक होती है घड़ी होती है जो हमें बताती है कि आपने मान लो कल अगर आपने दो चार बार देखा होगा अगर आप शाम को 4-5 बजे चाय पीने लगो डेली पीने लगो आप देखोगे एक हफ्ते या दो-तीन दिन बाद आपको अगले दिन अपने नहीं पियोगे ना तो अपने आप एकदम आपको अर्ज आगी या चाय का टाइम हो गया चाय पी लो चाय का टाइम हो गया आपको कोई याद नहीं दिला रहा लेकिन फिर भी आपको जो है याद आ जाता है तो इन्हीं सब चीजों को मेंटेन करता है हमारा पीनियल ग्रैंड और बायोलॉजिकल का होता है बाकी ये मोस्टली हमारा जो है स्लीव वेक पैटर्न को रेगुलेट करता है आप कितने बजे सोओगे और आप कितने बजे उठोगे बाकी आपकी भूख लगना ये सब चीजों को भी मेंटेन करता है बाकी ये थोड़ा बहुत जो है हमारा कंट्रोल करता है सेक्स हार्मोन के रिलीज को भी थोड़ा बहुत और मोस्टली ये हमारा डिक्रीज ही करता है कमी करता है डिक्रीज करता है ठीक है तो ये हमारा पीनियल ग्लैंड हो गया छोटा-मोटा और हार्मोन हमारा मेलाटोनिन हो गया इसके बाद हमारा आता है थाइमस तो थाइमस हमारा इस तरह का दिखता है तो ये हमारा स्मॉल होता है और पिंकिश ग्रे कलर का होता है लबला स्ट्रक्चर होता है थोड़ा सा लबल ऐसे लोबस वगैरह में आता है और ये हमारा थोरेसिक कैविटी में प्रेजेंट होता है यानी कि सिंपल देखो जो आपका ट्रैकिया है ना तो ट्रैकिया के आगे प्रेजेंट होता है और थायराइड ग्लैंड के थोड़ा सा नीचे प्रेजेंट होता है थायराइड ग्लैंड है उसके नीचे प्रेजेंट होगा ये हमारा ये वाला और स्ट्रक्चर में मैंने आपको यहां पे दिखाया भी है यानी कि सिंपल देखो ये थायराइड ग्लैंड है उसके नीचे हमारा ये जो है थाइमस ग्लैंड यहां प्रेजेंट होता है अब ये हमारा मेजर रोल प्ले करता है इम्यून सिस्टम में यानी कि जो हमारी इम्युनिटी वगैरह होती है ना वो हमारी इसी पे डिपेंड करती है अब ये बच्चों में क्या होता है ना ग्लैंड बहुत छोटा होता है लेकिन जैसे-जैसे वो अपने प्यूटी की तरफ जाते हैं यानी कि जो अपनी एज किशोर अवस्था की ओर जाते हैं उनका ये थोड़ा सा बड़ा होने लगता है जो हमारा ग्लैंड है थाइमस वाला और उसके बाद जैसे-जैसे बुढ़ापे की तरफ जाता एज ओल्ड होती है ये हमारा फिर से दो है थोड़ा-थोड़ा कम होने लगता है इसीलिए जो ओल्ड एज वाले पर्सन हैं उनकी इम्युनिटी कम होती है लेकिन जो एक्चुअल में आपने सुना होगा भा हट्टेड जवान हो ना तो उनकी इम्युनिटी काफी स्ट्रांग रहती है जो आपकी जज 18 के करीब 16 15 से ज्यादा 18 20 के करीब होते हैं वो सबसे कम बीमार होते हैं क्योंकि उनकी इम्युनिटी काफी स्ट्रांग होती है बाकी ये जो हमारी सक्रेट करती है इसका नाम होता है जो हमारा हार्मोन है थाइमोसिन अब थाइमोसिन का मेन काम क्या होता है कि प्लॉरी फेशन और मैच्योर करेक्शन करवाता है किसका टी सेल्स का टी सेल्स हमारे लिंफोसाइट्स होते हैं और ये हमारे वाइट ब्लड सेल्स होते हैं मतलब सिंपल देखा जाए जो हमारी इम्यून सिस्टम होता है ना उसमें फाइट लड़ाई करने वाले हमारे लिंफोसाइट्स टी सेल्स यही सब तो होते हैं तो उन्हीं सबको प्लॉरी फिकेशन और मैचुरेशन यानी कि उनको मैच्योर करवाता है बनाता कोई और ही आपको बताइए सेल्स वगैरह ये उनको मैच्योर करवा रहे हैं प्लॉरी फिकेशन उनकी मल्टीप्लाई करवाने में हेल्प कर रहे उनको और ज्यादा बनाने में हेल्प कर रहे हैं और ये हमारे वाइट ब्लड सेल्स हैं जो बाहर के जो भी सब्सटेंस होते हैं माइक्रोब्स या फॉरेन सब्सटेंस होते हैं उन सबको डिस्ट्रॉय मारने का काम करते हैं और एक्चुअल में ये हमारी बॉडी में एंटीबॉडीज बनाने का भी काम करेंगे जो हमारी इम्युनिटी को स्ट्रांग करता है तो ओवरऑल देखा जाए तो हमारे इम्यून सिस्टम के डबल डेवलपमेंट में ये बहुत मेजर रोल प्ले करते हैं थाइमस ग्लैंड अब देखो इसके अलावा जो हमारे ग्लैड्स बचे हैं ना जैसे हमारा गोनेड्स आते हैं तो ये हमारे सेक्स ग्लैड्स होते हैं जैसे ओवरीज हो गया फीमेल्स के अंदर टेस्टस हो गया मेल्स के अंदर तो ये दोनों के दोनों ना हमने फिफ्थ यूनिट ऑलरेडी कवर कर लिया रिप्रोडक्टिव सिस्टम नहीं देखे हो जाके आप सर्च करना रिप्रोडक्टिव सिस्टम बाय केरबल फार्मा आपको दोनों पार्ट वन पार्ट टू दोनों मिल जाएंगे जिसमें हमने इन सबके बारे में डिटेल में बात की है तो ये एस्ट्रोजन प्रोजेस्टेरोन टेस्टोन इन सबको अच्छे से कवर कर लिया है वैसे भी यूनिट फोर्स में ये दिया नहीं गया है आपको बता दिया अगर कभी एग्जाम में आता है तो आप वहां से पढ़ोगे भाई यूनिट छोड़ के तो जाओगे नहीं तब आपका ये ऑटोमेटिक कवर हो जाएगा इसके अलावा हमारे कुछ लोकल हार्मोन जैसे हिस्टामिन हो गया सेरोटोनिन हो गया प्रोस्टा ग्लेंडन हो गया तो ये हमारे एंटी इंफ्लेमेटरी वाले थे तो इनको हमने जो है पैथोलॉजी के यूनिट वन में ही कवर कर लिया था तो नहीं देखे हो जाके आप चेक आउट कर लेना तो अब हमारी यहां पे क्या होती है कि जो हमारी यूनिट फोर्थ है एंडोक्राइन सिस्टम की वो यहां पे कंप्लीट हो जाती है आप देख सकते हो भाई कितना ज्यादा मेहनत और ये सब लगता है टाइम लगता है यार इनको बनने में तो अब आप बताओ कि आपको एंडोक्राइन सिस्टम कैसा क्या लगा आपको सब कुछ अच्छे से समझ आया कि नहीं आया तो अगर आपको समझ आ गया होगा तो ये वीडियो भाई लाइक कर देना कमेंट करके हमें बताना थोड़ा बहुत पॉजिटिव भी बोला करो हमेशा ये नहीं दे रहे या कर रहे हैं आप आपको समझ सकते हो थोड़ा बहुत मेहनत तो लगती है तो अब आपको वीडियो कैसी लगी भा कमेंट करके बताओ बाकी कोई भी डाउट्स है कमेंट करके बोल सकते हो बाकी मैं मिलता हूं आपसे बहुत ज नेक्स्ट वीडियो में इसकी डेफिनेशन कमेंट करके लिखो तब तक के लिए जय हिंद दोस्तों बाय बाय अपना अपनी फैमिली का ख्याल रखिएगा