Transcript for:
हिंदी कक्षा नोट्स: पवन दूतिका

नमिश्कार, गुड़ी विनिंग प्यारे साथियों, कैसे हैं आप सभी, उम्मीद करती हूँ, सभी प्यारे बच्चे एकदम मस्त, शानदार, जन्दा बाज और जबरदस्थ होंगे, मैं वर्षा आप सभी का स्वागत करती हूँ, आपके अपने प्यारे परिवार, आर्डव्यो टुशन क्लासेस पर, तो आज यानी 25 नवंबर से आगाज हो चुका है आपकी शानदार सीरीज, जिसका नाम है चिराग सीरीज, ये चिराग जो है आप सभी के घरों को रोशन करे और आज से ही इसकी शुरुवात हो रही है तीन बजे आपने के जी अपने साथ इंग्लिश पढ़ी है और अब चार बजे आप मेरे साथ हिंदी पढ़ रहे होंगे तो सभी प्यारे साथ ही कमेंट सेक्शन में बताइए भाईया कौन-कौन क्लास में आ चुका है एक जबरदस आपको अंग्रेजी तीन मजे चार बजे डेली में आपको सुमवार से शनिवार तक यहां हिंदी बढ़िया तरीके से पढ़ा रही हूं पांच बजे जो है आपके गणित वाले सर और आपकी प्रिय स्वाभी मैम आपको बायो प्लस मैच करा रहे होंगे मैच करा होंगे अमित सर बायो करा रही होंगी स्वाभी मैम चीज बजे आपके फीजिक्स वाले सर और साथ बजे आपके कैमिस्ट्री जादूगर जो है आपकी क्लास ले रहे होंगे और बोर्ड की परीक्षा के नंबरों को प्यारे दोस्तों अ हम इन क्लासेस से चमकाने वाले हैं ठीक है एक बार सभी कमेंट सेक्शन में जबरदस्त उत्साह दिखाएंगे और उत्साह के साथ ही आज की क्लास की हम शुरुआत भी करेंगे ठीक है तो सभी कमेंट सेक्शन में प्यार असा आज की पद्धिखंड की शुरुआत करेंगे ठीक है चलिए तो कुछ पंक्तियां सुनेंगे कि अ आरडब्लूए के हम परिंदे आसमा है हद हमारी जानते हैं चांद सूरज जिद हमारी जद हमारी हम वही जिसने समंदर की लहर पर बांध साधा हम वही जिसके लिए दिन रात की उपजी न बाधा हम वही जो शुन्य में भी शुन्य रचते हैं निरंतर हम वही जो रोशनी र उजालों का यही पैगाम ले आए हैं हम उन उजालों का यही पैगाम ले आए हैं हम है देशी है देशी हम है अब हर गांव के उस बैठे बच्चे तक आप पहुंचाएंगे जिसको शायद आपकी सुविधा नहीं मिल पाती कि वह कहीं बाहर जाकर पढ़ पाए ठीक है वह अपने घर में माता-पिता का सहयोग करता है लेकिन उसके पास आपकी इतनी सुविधा नहीं है एक हर एक बच्चे को इस मुहीम के साथ आपने जोड़ना है इस चिराग सीरीज की मुहीम के साथ जोड़ना है ठीक है तो पहली रचना पढ़ने के लिए उत्साहित है कि नहीं उत्साहित है ठीक है उत्साहा आपका कमेंट सेक्शन में दिखना चाहिए देखिए हम पद्धिखंडी की शुरुआत करने जा रहे हैं जैसे ही आप भाषा की बात करेंगे तो भाषा में होता है गद्धिया और पद्धिया गद्धिया यानि जहां पर विचार है जहां पर काम है बुद्धि का और फिर पद्धिया यानि यहां पर है भाव यानि काम है यहां पर हमारे हृदय का हमारे दिल का तो भाईया कमेंट सेक्शन में अपना दिल भेचने में कंजूसी क्यों कर रहे हो आज तो आप अपने हिरदय की जो चीज है भावना प्रधान पद्यखंड होता है तो आपकी भावनाएं कमेंट सेक्शन में दिख क्यों नहीं रही भावना प्रधान जहां पर हमारे इमोशन्स जुड़े होते हैं हम भावनात्मक रूप से जहां पर जुड़ते हैं वह होता है पद्यखंड पद्यखंड की सबसे उत्करिष्ट रचना सबसे पहली रचना पवन दूती का पवन यानी आपकी हवा दूती का यानी जो हमारा संदेश लेकर जाए अभी तो भाईया आप फटा फट वाटसप कर देते हैं टेलिग्राम कर देते हैं इंस्ट्राग्राम पर मैसेज कर देते हैं पर एक समय ऐसा भी जब ये सब थे नहीं तो अपने प्रियतक संदेश भेजा जाए तो क वायू हर दिशा में है हर जगह है उसी पवन के माध्यम से अपना संदेश राधा ने कृष्ण को भेजा है यही अंश हम आज के इस पद्धिखंड की पहली रचना पवन दूती का में पढ़ने वाले हैं ठीक है सबसे पहले देखे हम लेखक परिचे की अगर बात करें तो आ अगर कल बोर्ड परिक्षा आपकी हिंदी का एक्जाम हो और इस चैप्टर से सवाल बन जाए तो आप लोगों के बट्टे नंबर आने चाहिए ठीक है एक भी नंबर कटना नहीं चाहिए इस तरीके की तयारी इस चिराग सीरीज में होगी सबसे पहले पवन दूती कि उपाध्याय है ना आयोध्या सिंह उपाध्याय जिनको हम क्या कहते हैं हरी औध ठीक है आपके आयोध्या सिंह उपाध्याय हरी औध यह इनका है नाम अब यहां से सवाल बनेंगे भाइया इनका जन्म कब हुआ बता दो जन्म कब हुआ बता दो जल्दी एक बार जन्म बता दो और इनका समय है ना पूरा आपको जन्म समय के साथ बताना है यानि जन्म कब होता है और आप आपका निधन कब होता है बताइए जन्म कब हुआ तो आप प्यारे दोस्त कहेंगे लिखिए मेरे साथ 15 अप्रेल 1965 15 अप्रेल 1965 अच्छा मैं बात करूं इनके निधन की क्योंकि यहां से एक नंबर में सवाल पूछा जाएगा निधन की तो निधन कब हुआ है इनका अ तो मेरे साथ दोराएंगे 6 मार्च को 6 मार्च 1947 क्या कहेंगे 6 मार्च 1947 आयोध्या सिंह उपाध्याय हरियोध 1865 आ 1865 ठीक है इसको करेक्ट कर लेंगे भाईया 1865 मैं बोल रही हूं गलती से यहाँ पर उन्नीश सुपेश लिख दिया ठीक है 1865 से लेकर 1947 तक इनका समय है पंदरा अपरेल 18 तो पैंसट इनका जन्म हुआ है 6 मार्च 1947 इस विषय में प्यारे दोस्त इनका निधन होता है ठीक है इनका निधन होता है अच्छा बता दो इनका स्थान इनका अगर मैं बोलूं कि जन्म स्थान किस को पता है जन्म स्थान बताइए क्या होगा कमेंट सेक्शन में जवाब आना चाहिए कहां के है निजामाबाद आजमगड के है ना निजामाबाद कि निजामाबाद आजमगड के है यह है ना उत्तर प्रदेश आजमगड से इनका संबंध है इसके अलावा और क्या पूछा जा सकता है अब बात कर लेते हैं इनकी कुछ रचनाओं की अच्छी और इंपोर्टेंट चीज यह किस युग के हैं तो बताएंगे यह कौन से युग के हैं द्विवेदी युग के प्रतिनिधी कवी है यह द्विवेदी युग के प्रतिनिधी कवी आप से कहा जाएगा कि अयोध्या सिंह उपाध्याय हरियोध का सम्मन्ध कौन से युग से है तो क्या कहेंगे द्विवेदी युग से भाईया जब हम हिंदी साहित्य के काल को देखते हैं तो सबसे पहले आदि काल आदि यानि शुरुवात का ही काल फिर आ जाता है भक्ति फिर आ जाता है रीति फिर आता है आधूनिक काल में सबसे पहले आते हैं भारतेंदू जी फिर आते हैं द्विवेदी जी द्विवेदी से भी है शुक्ल से भी है लेकिन इनकी रचनाएं जो है सबसे अधिक द्विवेदी युग में रची गई वैसे ये ब्रच भाषा में लिखते थे लेकिन द्विवेदी जी के प्रभाव से इन्होंने खड़ी बोली में लिखना शुरू किया ठीक है तो क्या कहेंगे कि वैसे यह ब्रच भाषा में लिखते थे ब्रच भाषा का उत्तम उधारण है रस कलश इनकी एक रचना रस कलश जिसमें जो आपके ब्रच भाषा के छंद हैं उसका संकलन दिया गया है लेकिन फिर दिवेदी जी की प्रेणना से इन्होंने खड़ी बोली हिंदी में लिखना शुड़ू किया। इसी का अंश क्या है पवन दूती का प्रिय प्रवास जिसे हम हिंदी खड़ी बोली का प्रथम महाकावी कहते हैं क्या कहते हैं बताइए ये आपके खड़ी बोली का प्रथम महाकावी कहलाता है खड़ी बोली का हिंदी खड़ी बोली का प्रथम महाकावी इसे हम कहते हैं बताइए यहां तक किसी को कोई समस्या प्रवास इसके अलावा चुब्बते चौपदे और चौखे चौपदे जो रचनाएं यहां से पूछी जाती है ठीक है इसके अलावा इनकी रचनाओं के नाम देखेंगे क्या लिखेंगे चुब्बते चौपदे और चौखे चौपदे यह आपके मुहावरेदार भाषा मे कि इसके अलावा बहुत बढ़िया वैदही वनवास बता रहे करुण रस्प्रधान रचना है वैदही वनवास करुण आपके कि वैदही वनवास कैसी है कारूण रस प्रधान रचना है इसके अलावा कहेंगे पारी जात जिसमें इनके गीतों का संकलन है पारी जात रस कलश इनमें क्या है ब्रजभाषा के छंदों का संकलन है इसके अलावा भाई यह क्लास को पहले दिन ही कहा जाएगा भाईया अपने सभी साथियों तक क्लास को शेयर कर दो ठीक है ताकि हर गाउं के बच्चे तक यह फ्री क्लासेस का फायदा पहुंच सके ठीक है तो क्लास को शेयर लगा दो एक शेयर कर दो एक बार जी जान से चलिए अब पहले दाइए और कौन सी रचना है पारी जात इनके गीतों का संकलन है रस कलश ब्रच भाषा के छंदों का संकलन इसमें दिया है ठीक है इसके अलावा कुछ उपन्यास भी तो है उपन्यासों के नाम बताइए चलिए अ उपन्यास बताईए कौन-कौन से है उपन्यास अगर मैं आपसे पूछो कि नहीं दो उपन्यासों के नाम बताईए तो क्या होगा सबसे पहले उपन्यास कौन से बताए बता रहे हैं आप प्रेम अकानता इसके अलावा अधखिला फूल कि अध्यकिला पूल और फेट हिंदी के थाट तो यह कुछ आपकी रचनाएं हैं तो यहां पर देखिए अब हम यह को एक और बार दोहराते हैं कि आपके जो योध्या सिंह उपाध्याय हरिआद है इनका जन्म 1865 इस वी में होता है इनका समय 1865 से 1947 इस वी कहेंगे निजामाबाद जिला आजमगड उत्तर प्रदेश से इनका संबंध है सिक्षा इनकी शुरुवात की निजामाबाद में ही हुई और पाँच वर्ष की अवस्था में फारसी पढ़ने की इन्होंने शुरुव पहला महाकावी कहलाता है वैदही वन्वास जो कि करुण रस प्रधान कावी है पारी जात जिसमें स्फुट गीतों का संकलन है रस कलस जिसमें ब्रजभाशा के जो आपकी छंद हैं उनका संकलन है चौखे चौबते चुबते चौबते पद्य परसून ग्राम गीत जैसी महत् कावियों में लोक मंगल की भावना दिखाई देती है द्विवेदी युक्के प्रतिनिधी कवी है और मृत्यू इनकी 1947 इसवे में होती है यह आपको ध्यान में रखना है तो अब शुरू कर लेते हैं हम पवन दूती का तो हमने लेखक परीचे देख लिया लेखक परीचे जो है आपको साहितिक परीचे लिखने के लिए आता है ना पाश नमबर का उसमें तो मदद करेगा ही इसके साथ ही एक और काम लेखक होंगे या कवी होंगे यहां से भी ऑब्जेक्टी सवाल पूछे जाएंगे तो यह भी आपको पता होना चाहिए ठीक है हिंदी की क्लास रेगुलर यूपी बोर्ड की सौमवार से शनिवार चलेगी और इग्जाम पॉइंट ऑफ यू से सारी चीजें क्लास में याद कर रहे होंगे मेरा यह दावा है कि अगर आपने अभी तक हिंदी में कुछ नहीं भी पड़ा है तो भाईया तब भी चाहिए तो ऐसे ही टाप जाओगे अगर लगातार क्लास लेते रहते हो देड़ महीने का टार्गेट है जनवरी 45 दिनों में हम पूरे हिंदी के पाठ्यकरम को बढ़िया तरीके से प्रतम कर रहे होंगे बस आपको क्लास में जुड़ते रहना है क्लास के बाद कुछ भी नहीं पढ़ना सिर्फ क्लास में जो पढ़ोगे उतना इनफ होगा इसके अलावा कुछ नहीं पढ़ना ठीक है क्लास जैसे आपने जन्मतीती लिख दी निधन देख दिया आपने देख लिया कौन से प्रदेश में जन्म हुआ है रचनाओं के नाम यह किसली लिखने जरूरी है ताकि याद हो जाए भाईया हमारी कुछ फिजिकल मेमोरी भी होती है कि हमने जो लिखाना हमें याद हो जाता है मै काव्य कौन सा प्रिय प्रवास इससे अवतरित है मतलब इससे लिया गया है ठीक है हरी ओद जीने वियोगीनी राधा, जो की आपकी कृष्ण से बिछड़ गई है, है ना, कृष्ण और राधा का प्रेम, ठीके प्रेम का संसार में सर्वोत्तम उधारन, किसका प्रेम है, राधा और कृष्ण का, जहां स्वार्थ नहीं है, जहां वो केवल एक दोनों, एक दू शक्ति के मार्ग पर चलना है समाज को सही दिशा देना है तो वह अपनी प्रिया राधा को छोड़कर मथुरा जाते हैं क्योंकि वहां कंस का वद करना है कंस के कारण समाज में बहुत बड़ा वर्ग जो है वह अन्याय झेल रहा है ठीक है व्योगिनी राधा के प्रति कैसे भाव किस प्रकार को याद करती है और याद करते हुए आंसु बहाती है और फिर कृष्ण के लिए संदेश भेजती है इन भावों को यहां पर योध्या सिंह उपाध्याय ने बड़े सुंदर करीके से पिरोया है ठीक है आप महसूस करेंगे उन भावों को एक शब्द की पीड़ा को आप महसूस करेंगे तो यहां व्योगीनी राधा पवन को अपना संदेश वाहिका दूति बनाकर मैसेंजर बनाकर कृष्ण के पास संदेश भिजवाती है राधा के उदात्त चरित्र क्यों कहा है आप देखेंगे इस चैप्टर में अ राधा कहती है कि जब पवन आगे बढ़ती है तो रास्ते में तुम्हें खेतों पर काम करती भी इस्तुरियां दिखाई देंगे तुम वैसे तो किसी कहीं की बाग बगीचे की सुन्दर्ता देखकर उकमत जाना लेकिन जहां पर तुम्हें ये कृषक ललनाई दिखे थकी ह� पंक्ति की परवाह करती है उसको हर किसी की पीड़ा की परवाह है केवल अपना स्वार्थ नहीं सोच रही तो इस प्रकार इन पंक्तियों से हम राधा के उदात्य चरित्र को सोच पाते हैं और यहां पर कृष्ण से विरहक स्थिति को भी हर यह जीस कविता में दिखाते हैं ठीक है तो यह देखिए यह आपकी राधा जो कि अपने कमरे में बिल्कुल अकेली बैठी है ठीक है और खिड़की से एक ठंडी हवा की लहर आती है इसको अब हम पढ़ेंगे ठीक है आपकी रख दो पवन दूतिका में राधा का विरह हम पढ़ रहे हैं तो राधा के विरह में राधा जो है अपने कमरे में अकेली खिड़की के पास बैठी है और यहां पर अब आपके अयोध्या सिंह उपाध्याय हरियोत जी बात को कहना शुड़ू करते हैं पसंद आ रहा है समझ में आ रह वे गेह में थी अकेली, बैठी खिनना, खिनना का मतलब क्या है, दुखी, उदास, खिनना का मतलब क्या है, कि एक दिन वहाँ आपकी दुखी और उदास होकर कहां बैठी थी, यक मतलब एक दिन, गेह यानी घर में, एक दिन राधा घर में उदास होकर बैठी थी, आख के आ� तो यानि उसकी आखों में क्या थे आशू थे ठीक है उसकी आखों में आशू थे अब आशू ऐसा तो नहीं है ना कि भाईया एक आख से मैं रो रही हूं और एक आख में आशू ही नहीं ऐसा तो नहीं होता आशू आते हैं तो दोनों आखों में साथ आते हैं तो उसकी आई धीरे इस सदन में, सदन भी घर का ही परियाईवाची होता है, कि इस घर में फिर क्या हुआ, पुष्प सदगंध को ले धीरे से, कौन आई, कहा प्रात्तह वाली सुपवन, सुभा की जो ठंडी पवन होती है, वो वातायन यानी खिड़कियों से कमरे में प्रवे पुष्प वाली सुगंध के साथ वातायनों से खिड़कियों से उस सदन में प्रवेश करती है जहां राधा उधास बैठकर आखों में आसु भरकर धरा को भिगो रही है संतापो को उसके दुखों को विपल बढ़ता देख दुखिता हो धीरे बोली सदुख रस से श्रीमती राधिकायों प्यारी प्रातह पवन इतना क्यों मुझे सताती है सपर्श करती है तो राधा का दुख और बढ़ जाता है देख जब आप खुश होते ना तो बाहर अगर आपका खुशी का माहौल हो शादी पार्टी में आप गए हैं आप भीतर से खुश हैं तो आपको वह शोर शराबा नाच गाने आनंद देंगे लेकिन अगर आप भीतर से खुश नहीं है और शादी में डीजे बज रहा है वह लेकिन आपका मन करेगा कि उनको गाली दे ना उनको आपको परेशान करेगा आपको और दुखी करेगा तो ऐसे ही प्रातह काल की जो सुगंध है यह जब राधा को इसपर्श करती तो उसके संताप उसके दुख और बढ़ जाते हैं और वह क्या कहती है प्यारी प्रातह पवन तो इतना मुझे क्यों सताती है क्या तू भी कलुशित हुई काल की कुरूर्टा से कि समय तो मुझे पर आपके क्या है क्रोधी है समय मुझे पर कुरूर्टा दिखा रहा है तभी तो समय देखो समय ने मुझे क्या दिन दिखाया है कि मेरे कृष्ण मुझे छोड़कर चले गए हैं जब से गए हैं मुझे ए बताओ फोन भी नहीं उठाते हैं, कितनी कॉल सुभे से कर चुकी हूँ, कुछ ऐसी वाला हाल है, कि भाईया वो क्या कहती है, कि बताओ तुम भी क्या समय की कुरूरता से कलूशित हो चुकी हो, मैली हो चुकी हो, और तुम मुझे क्यों सता रही हो, ठीक है, जैसे कोई सहेली एक का भी जवाब नहीं आया है ठीक है और क्या है मुझे ब्लॉक कर दिया गया है ठीक है तो इस तरीके की बात यहां पर राधा की मनोष्टति है भी आजकल आप लोग इसी बातों से समझोगे कि राधा की क्या पीड़ा रही होगी आजकल तो आपकी यही पीड़ा है ना कि भाई साहब ने ब्लॉक कर दिया बहन जी ने ब्लॉक कर दिया तो वही पीड़ा यहां पर राधा की है देखो तो यहां पर आपके कठिन शब्द आपको दिखेंगे जहां पर किसी शब्द में परिशानी हो यहां पर कठिन शब्दो पंक्तियां हिंदी की पाठ्य पुस्तक में संकलित कविता योध्या सिंह उपाध्याय हरियोध द्वारा रचित पवन दूतिका सीरशक से उधरित है यह मैं आपको क्यों बता रही हूं क्योंकि दो नंबर में अगर संदर्भ आता है आपसे कि संदर्भ लिखिए तो आप क्या कहेंगे कि प्रशुद्ध पंक्तियां हमारी पाठ्य पुस्तक कविता संग्राफ की पाठ्य पुस्तक में जो कविता संकलन है उसमें योध्या सिंह उपाध्याय हरियोध द्वारा रचित पवन दूतिका से अवतरित है ली गई है ठीक है चलो अब देखिए कि इसकी व्याक्या मैंने आपको बता ही दी कि इन पंक्तियों के माध्यम से कवी हरियोध जी क्या कहते हैं कि एक दिन जब राधा घर में उदास एवं खिन्न मन के साथ अकेली बैठी हुई थी तो आंसु आकर उसकी दोनों आँखों से बहकर जमीन पर गिर रहे थे तभी प्रात्ह कालीन सुगंधित वायु रोशन दानों से होते हुए घर के अंदर प्रवेश करती है और उससे राधा का दुख और अधिक बढ़ जाता है और फिर वह वायु को डाटती है फटकार लगाता है जाती है कि हे प्रात्तह कालीन वायूत मुझे और क्यों परेशान करती है क्या तू भी समय की सक्ति से कलंकित हो गई है दूशित हो गई है समय का प्रभाव तुझ पर भी आ गया है क्या तू भी समय की बर्बरता का प्रभाव पड़ गया है कहने का आश्य है कि दुखी राधा को यह सुगंधित वायू का जो का और अधिक दुखी करता है जिससे राधा वायू की कुरूरता मान रही है और वायू से प्रश्न कर रही है क्या तुम भी कुरूर हो गई हो क्या तुम भी जो है उनकी जैसी हो गई हो या तुम भी उनकी पार्टी में शामिल हो गई हो इस तरीके का प्रश्न करती है ठीक है चलिए अब देखिए यहां पर रस कौन सा है भाईया व्योग श्रिंगार है कौन सा रस है व्योग श्रिंगार यानी कि जहां पर आपके जो नायक और नाइका नहीं आपका देखेंगे कि एक व्यक्ति कोई या तो नायक या नाइका अपने प्रिया को याद करता है यह वाले भाव जहां पर होंगे वहां पर व्योग श्रिंगार रस होता है मानवी करण अलंकार है भाईया वायू से कौन बात कर सकता है तुमने कभी करी है कि अकेले बैठ कर हवा से बात नहीं करी ना तो यानि हवा को यहाँ पर मानवी गुणों के साथ दिखाया गया है कि हवा को मानवी गुण के साथ दिखाया गया है तो मानवी करण अलंकार है ठीक है चलिए प्रस्तुत पद्यांश में कवी ने राधा की किस स्थति का वर्णन किया है इस तरीके से पाँच सवाल एक पद्यांश देकर पाँच सवाल आएंगे हर सवाल दो-दो अंकों का होगा तो आप कहेंगे कि प्रस्तुत पद्यांश में कवी ने विरहा अवस्ता वियोग अवस्ता वाली दुखी राधिका का वर्ण उसको दुख पहुंचा रही है राधिका की स्थिति का वर्णन यहां पर कभी करते हैं ठीक है चलिए नाइका ने वायु को कुरूर क्यों कहा है बताइए क्यों कुरूर कहा है क्योंकि वह क्या कर रही है वह इस अवस्था में उसके दुख पढ़ा रही है तो नाइका का मन खिन्ने एवं उदास था बड़ी उदास की थी उसकी आंखें आसूओं से भड़ी थी नाइका की स्थिति दशा में कि प्रात्तह कालीन वायु है जब सभी में उमंग एवं उत्साह का संचार कर रही थी तब वह नाइका के लिए हिर्दे विदारक फिर देविदायक ने हिर्दे चीरने वाली उसके दुखों को बढ़ाने वाली बढ़ा रही थी इसलिए उसको जरूर कहा गया है कि तुम पर मुझे दया नहीं आ रही वहीं कोई व्यक्ति उदास है और रो रहा है और तुम सामने जाकर के उसके लिए मेरे ढोलना वाला डांस कर रहे हो है ना कि मेरे ढोलना तुम बड़े उत्साहित हो लेकिन उस व्यक्ति को तो समझो क्या कहेगा कि अरे दुष्ट मैं यहां दुखी हूं आशु भा रहा हूं और तो मेरे सामने नाच रहा है तो वही वाली स्थिति राधा की है तो वह कह रहे कि बड़े कुरूर हो बड़े निष्ठुर हो तुम्हें मेरे आशु भी नहीं देखे जा रहे तुम यहां पर मेरे ढोलना कर रहे हो है ना तो इसलिए यहां पर क्रूर कहा है देखो अगला सवाल क्या है प्रस्तुत्व पद्यांश की अलंकार योजना पर प्रकाश डालिए तो क्या कहेंगे प्रस्तुत्व में पद्यांश में अनुपराश यहां वर्ण की आवृति हो रही है ठीक है क्या कहेंगे जहां वर्ण की आवृति हो रही जैसे देखेंगे आखे आशु और वर्ण की आवृति हुई आखे आशु उद्रिक युगल को भी गोते है ना उसके आशु आखों को भी गोते प्यारी प्रातह पापा वर्ण की आवृति है तो इस प्रकार अनुपरास है और हवा को यहां मानव के गुणों के साथ दिखाई पंगतियां हैं कि प्यारी प्रात्व पवन क्यों मुझे है सताती क्या तू भी कलुषित हुई काल की कुरूरता से यहां पर राधा कह रही है तो देखिए व्याक्या क्या करनी है जो आपको पंगतियों को पढ़कर समझ में आता है अगर मैं आपको पंगतियां पढ़कर समझा रही हूं वह जो कहानी आपने सुनी है उसी को आप क्या करेंगे उसी को आपको अपने शब्दों में लिख देना है एक भी शब्द रट्टा नहीं मारना ठीक है क्या कहेंगे कि यह प्रात्ता कालीन वायु मुझे तु और अधिक क्यों सता रही है क्या तू भी समय की शक्ती से कलूशित हो गई है क्या तुझ पर भी समय की कुरूरता का प्रभाव पड़ गया है कहने का आशे है कि दुखी राधा को ये सुगंधित वायू आपके वायू का जोंका क्या कर देता है और अधिक दुखी कर देता है उसके दुखों को बढ़ा देता है इसलिए वो कह रहे है कि तुम समय की कुरूरता से कलूशित हो गई हो ठीक है बियारे बच्चे पाचवा पाठकर सीर्शक एवं कवी का नाम तो दो अंक का ये सवाल आ जाएगा कि पाठ का सीर्शक है पवन दूती का कवी का नाम है अयोध्या सिंह उपाध्याय हरियोध बताइए यहां तक चीजें ग्ले है तो अगले पद्दी पर बढ़ते हैं ठीक है अगले पद्दी पर बढ़ते हैं और आगे शुरुआत करते हैं ठीक है चलिए बताइए यहां तक की चीजें क्लियर है सभी को और उत्साह है ना मन में कि आज डब्लूए के साथ आप और हमारी पहचान किससे है आपसे है तो आपके मन में उत्साह होना चाहिए अपने बोर्ड एक्जाम्स को लेकर डर वाली भावना नहीं होनी चाहिए एक्साइटमेंट होनी चाहिए कि आज आए बोर्ड एक्जाम देख लेंगे है ना बढ़िया और यह वाला आत्मविश्वास यह वाला कॉन्फिडेंस आप लोगों में चाहिए बताइए क्या कहेंगे कि आज डब्लूए के हम परिंदें जिद हमारी जद हमारी चांद सूरज जानते हैं जिद हमारी जद हमारी है ना यही वाला उत्साह बना रहना चाहिए अंत तक देखिए अब देखिए यहां पर दूसरे पद्दे पर चलते हैं इसमें क्या गहा गया है मेरी नव जलद से कंज से नेत्र वाले अब देखो यहा कि आपके सुंदरता किसमें होते निगाहों में कि निगाहें जिसे चाहें उसे हसीन कर दे और जिससे आप प्रेम करेंगे वह आपको सुंदर दिखेगा ही तो यहां राधा कृष्ण से प्रेम करती है तो उसके सौंदर यह के बारे में क्या कहती है अब दे सकती तो थोड़ा सा उनको धांचा बताना पड़ेगा ना कि ऐसे दिखते हैं कृष्ण तभी तो जाकर के जो हवा है पवन है वह अपना संदेश पहुंचा पाएगी पता चले भाई और जीजा जी पकड़ लिए है ना संदेश किसी गलत हाथ में पहुंच गया किसी और भाई साथ के पास पहुंच गया तो बड़ी गड़बड़ हो जाएगी तो इसीलिए राधा यहां पर आपके सही व्यक्ति तक और आपके जो बरसात का मौसम आएगा तो कहेंगे आस्मान में जब आप नए बादल देखते हैं तो उन नए बादलों के समान जिसका शरीर है सामले हैं कृष्ण सामले हैं आपके आप भजन सुनते हैं ना कि यशोमती मैया से बोले नंदलाला राधा क्यों गोरी मैं क् कि दिल दिवाना हो गया तो यह सामली सूरत है कृष्ण की उसी को बताती है वह सामला नहीं कहती वह कहती है नव जलद से और कंज से नित्रवाले कंज यानि कमल के समान नयन है जिनके कंज यानि कमल के समान नयन है जिसके उससे उनको पहचानना कि शरीर उनका ऐसा है जैसे कोई नवीन बादल हो ठीक है नवीन बादल हो सामले से और आंखें कैसी है जैसे कमल के समान जाकर आए ना मधुबन से एक बार जो यहां से गए हैं मथुरा तो आए नहीं है और ना भेजा संदेशा और कोई मैसेज भी नहीं भेजा कोई संदोष भी नहीं पहुंचा कि ठीक से पहुंच गए हालचाल बिल्कुल बढ़िया है ठीक है आपके यह कोई ना मधुबन से और ना भेजा संदेशा मैं रो की प्रिय विरहसे बावली हो रही हूं मेरी आंखें देखो दिन-रात रोती रहती हूँ उनको याद करके कि जाने प्रिय कैसे होंगे, जाने प्रिय ठीक होंगे कि नहीं होंगे, ठीक से पहुँचे होंगे कि नहीं होंगे, पता नहीं अपना ध्यान भी रखते होंगे कि नहीं रखते होंगे, तो इस तरीके से कहते हैं कि मैं प्रिय के विरहा से जो ही मेरा भवन तज तू अलप आगे बढ़ेगी अब भाईया डारेक्शन भी तो यह नहीं है रास्ता भी तो बताना है लोकेशन थोड़ी देगी कि भाईया इस लोकेशन को पिन कर दिया है इस लोकेशन को फॉलो करना और सीधे पहुंच जाना तो ऐसा लोकेशन का भी सिस्टम नहीं था तो दिशान रिपेश भी देना है कि पहुंचोगी कैसे रास्ता कैसे होगा आपके कृष्ण जहां रहते हैं मतुरा में वहा� तजतु अल्प यानि थोड़ा सा जैसे आगे बढ़ेगी तो शोभा वाली सुखद कितनी मंजुकुंजे मिलेंगी कहेगी रास्ते में बड़ा सुन्दर बगीचे आएगा अरे बड़ा सुन्दर मनमोहक आकरशक तो वहां तो रुक मत जाना है ना कोई सखी सहेली हो भाईया कि शोभा वाली सुखद कितनी मन जुकुण्जे मिलेंगी प्यारी छाया मृदुल स्वर से मोह लेंगी तुझे वहाँ की प्यारी छाया वहाँ के पक्षियों का कलरव जब तेरे कानों में बढ़ेगा तो तेरा मन होगा वही ठेर जाओ वहाँ की प्यारी छाया मिलेंगी तुझे वहां जाना विश्राम लेना वहां रुक मत जाना तो इसका संदर्भ इसी प्रगार आएगा कि प्रस्तुत पंक्तियां हिंदी की पाठी पुस्तक में संकलित कविता आयोध्या सिंह उपाध्याय हरियोध के द्वारा ली गई हैं ठीक है और इसके आगे इसकी व्याख्या यह ब्रज के सुन्दर मधुवन को छोड़ कर जाने की उपरांथ फिर कभी यहां नहीं आए और नहीं उन्होंने मेरे लिए कोई संदेशा भेजा। मैं अपने प्रियतम के बिछड़ने के बाद अपने दशा बड़ी दयनी हो गई है। मैं आपके क्या करती हूँ रोती रहती हूँ उनको याद करकर रोती हूँ विक्षिप्त हो रही हूँ पागल बावली मतलब पागल हो रही हूँ दिमाग काम नहीं करना मेरा अतह हे पवन तुम उनके पास जाकर मेरे दुख और कश्ट उनको अवगत कराना उनको मार्ग में आने वाली अनेक प्रकार के प्राकृतिक सौंदरिस सच्चित रहने के लिए उसको आगाह करती है कि मेरे घर से जब तुम कुछ दूरी तै कर लोगी तो अत्यंत मनोरम एवं सुख प्रदान करने वाली कुंजे मिलेंगी कुंजे यानी बगीचा मिलेगा गार्डन परन्तु तुम्हें मेरे दुख का ध्यान रखना है तुम्हें किसले भेजी गई हो और फिर जाकर के विश्णाम मत करने लगना वहाँ इस तरीके से यहाँ पर राधा दूतिका को पवन दूतिका को समझा रही है राधा पवन दूतिका से किस से प्रभावित ना होने के लि� रास्ते में पढ़ने वाली जो प्राकृतिक शोभा है जो सुन्दर लता कुञ्जे है ठीक है जो आपकी मधुर पक्षियों की कलरव है उससे प्रभावित ना होने के लिए कह रही है अगला सवाल कृष्ण के विरह में राधा की क्या दशा हो गई है तो आप कहेंगे वो रो राधा की स्थती विक्षिप्त वाली हो गई है पागलो वा प्रस्तुत पद्यांश में कृष्ण के सुंदर्य का वर्णन तो आप कहेंगे कि नवीन मेघों के समान शोभा है जिनकी और कमल रूपी नेत्रों के समान जिनके नेत्र सुंदर है तो कृष्ण का वर्णन करते हुए राधा वायू से कहते है कि कृष्ण नवीन बादलों के समान शोभा है और उनके नेत्र कैसे है कमल नयना है कमल के समान है नेत्र उनके है ना कि रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए जैसे यहां पर लिखा है कि तुम वहां रुक मत जाना शोभा वाली सुखद कितनी मंजु कुछ मिलेंगी प्यारी छाया अमृत स्वर्ष मोह लेंगी तुझे वे यह रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या करने के लिए आएगा तो जो मैं आपको समझा रही वहीं आपको लिखना है कि वहां राधा जो है वायु को मार्ग बताते पर कहती है कि रास्ते में सुंदर मधु आपकी कुछ लटा कुछ मिलेंगी वहां रुक मत जाना अ वितुएं अपनी तरफ आकरशित करेंगे पर मेरे दुखों का ध्यान में रखना और वहां पर आपके विश्राम ना करना पवन का संधि विछ्षेद करके बताइए ठीक है यह व्याकरण का सवाल हो गया तो आप क्या कहेंगे पवन आयादी संधि है इसमें ना आपके पर आयादी संधि है अब यहां पर पवन में पौजा ठीक है इसको थोड़ा सा करेक्ट करेंगे यहां पर होगा पौजा अन पौजा अन होता है तो हमारे पर पास आयादि संधी होगी ओकी जगह पर अब आ जाएगा और आपका पद क्या बनेगा पवन ठीक है चलिए अब देखिए आगे बढ़ते हैं एक बार सभी प्यारे साथी बताइए मजा आ रहा है ना पोधन अन पवन आयादि संधी मजा आ रहा है तो क्लास को लाइक कर दो पीडीएफ आपको रोजगार भी तंकित एप्लीकेशन के पीडीएफ क्लास नोट्स वाले फोल्डर पर मिलेगा ठीक है बिहार बोर्ड की हिंदी की क्लास दोपहर दो बजे होती है मंडे ट्यूज़डे और वेंसडे और और यह अभी यूपी बोर्ड चल रहा है चीज देखिए उपर देखिए यूपी बोर्ड एग्जाम दो हजार 25 चिराग सीरीज आपकी चल रही है मजा आ तो आज डब्लूए के हम परिंदे आसमा है हद हमारी चांद सूरज जानते हैं जिद हमारी जद हमारी हम वही जो जिसने समंदर की लहर पर बाध साधा हम वही जिनके लिए दिन रात की उपजीना बाधा है ना हम वही जिनके लिए दिन रात की उपजीना बाधा है हम वही जो शुन्य पर भी शुन्य रचते हैं निरंतर हम वही जो रोशनी रख देते हैं सबकी चौखटों पर ठीक है हम वही जो रोशनी रख देते सबकी चौखटों पर उन उजालों का यही पैगाम ले आए है हम है देशी हर गाव में अब छा� क्या कहती है लज्जाशीला पथिक महिला लज्जाशीला यानि जिसको थोड़ी शर्मीली टाइप की न लज्जाशीला पथिक महिला जो कहीं दृष्टि आए यानि नजर आए ऐसी महिला जो थोड़ी लज्जाशील हो शर्मीली हो आप देखते बाव में नई बहुएं आती है तो बड़ी थोड़ी शर्म होती है तो थोड़ी जिज़कती है तो ऐसी लज्जाशील जो आपकी शर्मीली महिला हो वह कहीं रास्ते में नजर आए अ तो होने देना विकृत वसना तू ना सुंदरी को विकृत मतलब खराब मत कर देना क्या उनके वस्तर हवा क्या करती है कि आपके वस्तरों को उड़ा देती है और जब आपके मान लो सर पर घूंगट रखकर कोई बहु जा रही है और अचानक तेज हवा आ जाए इसको सर से घ पथ में रास्ते में नजर आएगी तो उसके विकृत होने देना विकृत वसना तूना सुंदरी को सुंदरी के वस्तरों को वसन कहते हैं वस्तरों को उसके वस्तरों को बिगाड़ना मत उड़ा मत देना जो थोड़ी भी श्रमित यानि ठकी हुई तो गोद ले श्रांति को उसकी थकान को तू जैसे मान अपनी गोद में लेकर उसकी धीरे-धीरे थकान बिटाना जब आप बहुत ठके हुए हो मत थके होंगे तो हमारी शरीर में पसीना होगा उस पर ठंडी हवा का स्पर्श क्या देता है सुकून देता है और हमारी ठकान मिटने लगती है तो कहा कि जो थोड़ी भी श्रमित वह हो तो उसकी श्रानती गोद में ले खोना होटों की ओ कमल मुख की मलानताएं मिठा जब क्या हुआ हो मलान मुर्जहाया हुआ हो तो कोई ऐना तो उसकी क्लांट उसी मुर्जहाट को मिटाना है मानुस का चेहरा खिला आपके ऐसा लगे जैसे खिल गया हो हवा का स्पर्श पाके फिर कहती है कोई क्लांट कृषक ललना कोई क्लांट यानि ठकी हुई कृषक यानि किसान की ललना यानि स्त्री ऐसे ही कोई किसान की स्त्री खेत में दिखाई दे अ तो धीरे परस उसकी क्लांतियों को मिठाना उसको धीरे स्पर्श करके उसकी ठकान को मिठा देना जाता कोई जलत यदि हो व्योम में तो उसे ला छाया द्वारा सुकित करना तप्त भूतांगना को कोई बादल आकाश में उड़ता हो तो उसको उसके उपर उड� दुखी है ना आपके परिश्रम से ठक गए हो ऐसे स्त्री भूतांगना यहां स्त्री के लिए ऐसी स्त्री के द्वारा छाया के द्वारा उसको सुखित करना तो यह संदर्भ आपका सेम ही आएगा कठिन शब्दों को आप देख लेंगे इसका व्याक्य अगर हम देखें तो आप कहेंगे श्री कृष्ण से विरह की अगनी में जलती हुई राधा जिस पवन को दूत बनाकर कृष्ण के पास भेजती है उससे कहती है कि हे पवन अ मार्ग में यदि तुझे कोई लाजवन्ती लज़ाशील इस्त्री दिखाई दे तो उसके वस्तर को मत उड़ाना यदि वा लाजवन्ती थोड़ी थकी हुई दिखे तो उसे अपनी गोद में लेकर उसकी थकावट को दूर करना इसके साथ ही होटो तथा कमल रूपी दिखने तो उस धीमी गती से तुम उसके पास पहुँच कर अपने कोमल स्पर्श से उसकी थकावट को दूर करना। इसके साथ ही आकाश में बादल के दिखने पर बादल को समीप लाकर उसकी छाया से थकी हुई स्त्री को शिर्तलता प्रदान करना और उसे आराम भूचाना। इसके प्रश्नोत्तरों को देखेंगे इसके बाद आगे बढ़ेंगे। इसके प्रश्नोत्तरों को देख लेते हैं फिर हम आपकी आज की क्लास को एंड करेंगे इसके नेक्स्ट पार्ट को कल पढ़ेंगे। प्रति प्लेन है चिराक सीरीज का 15 जनवरी तक कोर्स बिल्कुल खत्म कर देंगे ठीक है 15 जनवरी तक कोर्स खत्म कर देंगे जिन्होंने हिंदी में कुछ नहीं पढ़ाएं वह भी सीज से आपके फायदा लेंगे और सारी चीजें खंड में जो पद्धियां उनकी व्याक्या हो ठीक है जैसे देखिए सवाल क्या बन सकते हैं कि नाईका वायु से लज्जाशील पसंद आ रहा है समझ में आ रहा है तो लाइक कर दो लाइक में कैसी कंजूसी क्या लाइक में तुमसे मोदी सरकार जो है जीस्टी मांग रही है क्या योगी जी ने क्या कहा है किसे की क्लास लाइक करोगे खासतोर पर हिंदी वाली मैम की तो क्या मिलेगा जीस्टी देना पड आप कहेंगे कि वहाँ कहती है कि लज्जाशिल महिला कोई रास्ते में दिख जाए तो उसके वस्तरों को मत उड़ाना, वे ठकी हुई दिखें तो उसके मुख की मुर्जाट को दूर करना, उसके होटों की जो आपके होट मुर्जाए होंगे उसको धीरे स्पर्श करके किसान की स्त्री काम करते हुए दिखाई दे थकी हुई दिखाई दे तो उसको धीरे स्पर्श करके उसकी थकान को मिटाना बादलों को उड़ा कर उसके उपर ले आना ताकि उसकी छाया से उसको क्या मिले आपके आनंद मिले संतोष मिले सुख मिले उसका जो आपका द� जहां पर समझ आपके क्या कर देते हैं जैसे देखिए कमल मुख कमल को ही कमल आपके मुख को ही कमल कह दिया जहां पर उपमे का उपमान पर भेद सहित आरोप हो तो आपका कमल मुख में मुख को ही कमल कह दिया है तो जहां पर जिस से तुलना की जाए उसकी तुलना की जाए पुनुरुक्ति प्रकाश आपके शब्दों का जहां पर रिपिटेशन हो रहा है पुनुरुक्ति प्रकाश है मानवी करण तो है ही पूरे पद्य में क्योंकि यहाँ पर आपके वायू को मानवी करण में प्रस्तुत किया गया है धीरे शब्द देखिए पुनुरु अलंकार लिखेंगे रेखांकित अंश की व्याख्या तो यहां पर जो रेखांकित व्याख्या में हमने पढ़ा है वहीं जो रेखांकित पंक्तियां है उसी को आप व्याख्या कर देंगे केंद्रीय भाव क्या है तो यहां पर कवीन नाईका द्वारा आयु के कहीं गई बातों के माध्यम से पर उपकार की भावना पर उपकार होता है दूसरों पर उपकार की भावना को महत्व दिया है कि हम खुद दुखी होकर भी दूसरों की खुशी का ख्याल रख रहे हैं दूसरों के दुख को दूर करने का नाईका द्वारा स्वयम के दुख से पहले दूसरों के दुख एवं कश्टों को दूर रखने का संदेश यहाँ पर दिया गया है तो इस प्रकार आपके ये हमने पूरा पवन दूतिका में अभी कम्पलीट नहीं हुआ कल ये क्लास कम्पलीट होगी 45 दिनों में चिराग सीर आपको चार बजे ठीक है कमेंट सेक्शन में अपनी प्रतिक्रिया जरूर देंगे एक कमेंट भी करेंगे और यह बताएंगे कि और आप क्या चाहते हैं वैसे मैंने यूपी बोर्ड के पाठिकरम का जो एनिमेशन वीडियो बनाना शुरू किया है समझा रखा है तो प्यारे साथियों राजव ट्विशन क्लासे चैनल पर आप विजिट करते हैं तो इसके वीडियो सेक्शन पर जाइए वहां क्रम से हर चैप्टर को दो तीन मिनट में एनिमेशन के द्वारा समझा रखा है उसको जरूर देखिए अगर वैसी ही वीडियो और चाहते हैं उनसे फायदा मिल रहा है तो कॉमेंट सेक्शन में लिखिए कि भाईया हमें और वीडियो चाहिए इस वीडियो को देखकर आफ क्लास नोट्स वाले फोल्डर में जाकर चिराग सीरीज वाले फोल्डर को खोलेंगे तो वहां मिल रहे हूं आज व ट्विशन क्लासेस ठीक है फिर आप यहां पर चिराग सीरीज पर जाएंगे सब्जेक्ट वाइस पीडीएफ अपलोड कर दें ठीक है तो इसका जिसलिए क्या है कि आज डब्लूए के हम परिंदे आसमा है हद हमारी चांद सूरज जानते हैं जिद हमारी जद हमारी और हमारी यही है कि इस बार बोर्ड परिक्षाओं में यूपी बोर्ड की परिक्षाओं में हम ना 95 प्लस प्रतीशत अंक हिंदी में लेकर आएं और एक नया इतिहास रचें कि भाईया हिंदी में सब 95 प्लस अंक लेकर आ रहे हैं ये वाला रिकॉर्ड और ओवर रॉल बाकी सब्जेक्ट की क्लासेस लेकर हर सब्जेक्ट में 90 प्लस अंक 95 प्लस अंक आप लोगों को चमकाने हैं ठीक है तो चलिए आज की क्लास को यहीं कत