बिस्मिल्लाह इर रहमान रहीम अस्सलाम वालेकुम दोस्तों मिस्र की तारीख का एक ऐसा बदतर इंसान जो फिरौन से ज्यादा जाबिर जालिम और बदबख्त इंसान था और उसी बदबख्त इंसान की वजह से फिरौन अल्लाह तबारक व ताला की वादा नियत पर ईमान ना ला सका और फिरौन काफिर और मुशरिक मरा और हमेशा हमेशा के लिए जहन्नम बन गया दोस्तों ज्यादातर लोग यह जानते हैं कि फिरौन मिस्र की तारीख का सबसे बदतर इंसान था कि जिसने खुदाई का दावा किया और बनी इसराइल के मुसलमानों का कत्लेआम किया लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिरौन के खुदाई का दावा करने में और मुसलमानों का कत्लेआम करने और अल्लाह तबारक व ताला की वादा नियत पर ईमान ना लाने और फिरौन को काफिरों मुशरिक और जहन्नम बनाने में सबसे बड़ा किरदार उस इंसान का था कि जिसका आज हम जिक्र करने वाले हैं उसी इंसान का जिक्र अल्लाह तबारक व ताला ने कुरान पाक में भी हा मान के नाम से किया है दोस्तों आज की इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि फिरौन का सबसे खास दोस्त और फिरौन का सबसे खास वजीर हा मान कौन था और फिरौन और हा मान की मुलाकात कैसे हुई और हा मान ने बनी इसराइल के मुसलमानों पर कैसे-कैसे जुल्म और सितम करवाए और बिलार हमान फिरौन को कैसे ले डूबा और कैसे फिरौन उसकी वजह से काफिर और मुशरिक मरा और हमेशा के लिए जहन्नम बन गया दोस्तों इन तमाम तर सवालात के जवाबाइकिरण में आपको बताएंगे लिहाजा आपसे गुजारिश है कि हमारी इस वीडियो को बगैर स्किप किए आखिर तक लाजमी देखिएगा दोस्तों अल्लाह तबारक ताला ने कुरान पाक के छह मकामा पर फिरौन के वजीर हा मान का जिक्र फरमाया है हान के बारे में मुफस्सिर लिखते हैं कि हा मान मिस्र के वजीर का एक लकब हुआ करता था जो कोई भी बादशाह मिस्र का वजीर मुकर्रर होता उसको हा मान कहा जाता था जैसा कि मिस्र के तमाम तर बादशाहों को फिरौन कहा जाता था इसी तरह इन्हीं बादशाहों के वजीर को हा मान कहा जाता था और बाज रिवायत में आता है कि हा मान उस मकसूस शख्स का नाम है जो फिरौन मूसा का वजीर था और जिसका जिक्र अल्लाह तबारक ताला ने कुराने पाक में फरमाया है दोस्तों हा मान मिस्र में रहने वाला एक आम बाशिंदा था फिरौन और हा मान की पहली मुलाकात उस वक्त हुई जब फिरौन मजदूरी की तलाश में मिस्र की तरफ निकला तो एक मकाम पर फिरौन और मा मान की मुलाकात हुई और यह मुलाकात देखते ही देखते दोस्ती में बदल गई और इस तरह यह दोनों बदबख्त एक दूसरे के पक्के दोस्त बन गए दोस्तों फिरौन वह शख्स था जिसने खुदाई का दावा किया और बनी इसराइल पर बेइंतहा जुल्म ठाए अल्लाह ताला ने उसकी तरफ हजरत मूसा अलैहि सलाम को पैगंबर बनाकर भेजा और उस काम में आपका साथ देने के लिए आपके सगे भाई हारून अलैहि सलाम को भी मनसब नबूवत से सरफराज फरमाया कहते हैं कि फिरौन के बाप का नाम मास और दादा का नाम मलक रियान था और बाज ने कहा कि फिरौन का नाम मास बिन वलीद बिन रयान था और 400 बरस उसकी उम्र थी और इस मुद्दत में कभी बीमार ना हुआ था यहां तक कि कभी सर दर्द भी ना हुआ था और ना ही कभी कोई दुश्मन उस पर गालिब आया था फिरौन उसे इसलिए कहते हैं कि वह मिस्र का बादशाह था और मिस्र के तमाम फरमा रवां को फिरौन ही कहा जाता था और दूसरी वजह उसकी यह भी बयान की गई कि उस मलन ने दावा खुदाई किया था और लोगों को कहता था कि मुझे सजदा करो मैं ही तुम्हारा खुदा हूं और जो सजदा ना करता या इंकार करता उसे वह मलन कत्ल करवा दिया करता था इसी वजह से भी उसे फिरौन कहा जाता यानी किब्र तकब्बल से भरा हुआ उसने जब दावा खुदाई किया तो उसके बाद अल्लाह ताला ने उसे मसाइल फरमाया और जब वह किसी तौर ना माना तो बिलख उसे गरक नील किया गया मजकूर है कि फिरौन की पैदाइश बलख में हुई थी वहां से सहत के लिए निकला और बेयो सखना एक शहर है वहां तक आया यहां उसकी मुलाकात हा मान बेईमान से हुई जो कि इस शहर का एक बाशिंदा था उसने फिरौन से उसके मुतालिक पूछा कि तुम कौन हो और कहां से आए हो और आगे किधर का इरादा रखते हो तब फिरौन ने उसे अपना नाम और मकाम बताया और कहा कि मैं शौक सहत में निकला हूं तब हा मान बोला कि मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगा और सैर करूं चुनांचे दोनों मलोन वहां से इकट्ठे चले और मिस्र पहुंचे तब खरबूजो का मौसम था चुनांचे भूख की वजह से दोनों एक खेत में पहुंचे और खरबूजे वाले से खाने का सवाल किया तब खरबूजे वाले यानी खेत के मालिक ने कहा कि मैं तुम्हें एक शर्त पर खाने को दूंगा अगर तुम मेरे खरबूजे शहर ले जाकर बेच आओ तो बदले में मैं तुम्हें खाने को कुछ बतौर उजरत दूंगा चुनांचे फिरौन ने हा मान को वहीं छोड़ा और खुद गधों पर खरबूज से भरे बोरे लादकर शहर की तरफ चल दिया जब वह शहर के दरवाजे पर पहुंचा तो दरवाजे पर खड़े पहरेदार ने रोक लिया और पूछा कि इन बोरों में क्या है फिरौन ने कहा खरबूजे हैं चुनांचे पहरेदार ने कहा कि इनमें से कुछ खरबूजे यहां रख दो और जाओ फिरौन ने कहा कि यह मेरे मालिक के हैं उसने मुझे बेचने के वास्ते दिए हैं और मैं उनका गुलाम हूं सो मैं बिना उसकी इजाजत यह किसी को मुफ्त नहीं दे सकता पहरेदार ने कहा कि अगर ऐसा ना करो तो हम हरगिज तुम्हें शहर में दाखिल होने की इजाजत ना देंगे लिहाजा जब फिरौन ने कोई दूसरी राह ना पाई तो उनमें से चंद खरबूजे पहरेदार को बतौर रिश्वत अदा किए और शहर में दाखिल हो गया शहर में भी सूरते हाल कुछ ऐसी ही देखी शहर के अंदर जाने पर उसे बाजार में गश्त पर मामूर सिपाहियों ने रोका और उसके और उसके माल की बाबत दरयाफ्त किया फिरौन के बताने पर उन लोगों ने भी वैसा ही किया जैसे दरवाजे पर मामूर पहरेदार ने किया फिर जो माल बचा उसे बेचने के लिए वह मुनासिब जगह तलाश करने लगा लेकिन कोई दुकानदार उसे अपनी दुकान के सामने अपना माल लगाने की इजाजत ना देता बिना कुछ दिए चुनांचे यहां भी कुछ खरबूजे दिए और एक दुकान के आगे अपना माल बेचने को बैठ गया दुकानदारों ने उसे कहा कि यहां लोग जरबा से सब्ज फल सब्जी और तरकारी वगैरह खरीदते हैं और कुछ नकद पीछे नहीं रखते या अगर किसी के पास एक चीज या जिंस है तो वह उसमें से जितनी मिक तुम्हें देगा बदले में तुमसे उतनी मिक दार में तुम्हारा माल या जिंस खरीद लेगा और इस पर कोई नकदी बाकी ना रहेगी यानी अगर तुम्हारा माल कीमत में ज्यादा हो तब भी और यही हमारे शहर का दस्तूर है अलगर फिरौन ने सारे खरबूजे मुख्तलिफ अजजा और अजनास के बदले में बेचे और शहर से वापस चला और खेतों के मालिक को जो कुछ कमाया था दिया और उसके गधे उसके हवाले किए और कहा कि मुझे यह काम पसंद नहीं आया और वापस शहर की तरफ चल पड़ा और शाह मिस्र के सामने एक अर्जी पेश की और कहा कि मैं गरीबुल वतन हूं लिहाजा मुझे अपने शहर में रहने की इजाजत दी जाए बाज ने कहा कि जब इसने शहर में यह सूरते हाल देखी तो वापस जाने की बजाय शहर में ही रुक गया और एक कब्रिस्तान में कयाम किया उसे वहां रहते अभी चंद ही दिन हुए थे कि कुछ लोग कबर निकालने आ गए फिरौन ने उनसे कहा कि मैं इस गुर स्तान का दारोगा हूं लिहाजा अगर तुम यहां कब्र निकालना चाहते हो तो उसके लिए एक सोने का सिक्का मुझे देना होगा तभी कब्र निकालने की इजाजत दूंगा फिरौन की इस बात पर लोग हैरान हुए और कहा कि ऐसा कैसे मुमकिन है कि अभी चंद दिन पहले तक तो ऐसा कुछ नहीं था फिरौन ने कहा कि अब से ऐसा ही होगा मैं इस कब्रस्तान का दारोगा हूं पस अब बिना मेरी इजाजत ना तो तुम यहां कबर निकाल सकते हो और ना ही मुर्दा दफन कर सकते हो जब तक कि मुझे एक सोने का स बतौर खराज अदा ना करोगे तब चारों नाचार उन लोगों ने एक सिक्का सोने का फिरौन को अदा किया और उसके बाद कब्र निकाली बाद उसके यह सब चल निकला फिरौन उसी कब्रिस्तान में रहता और हर आने वाली मयत को दफनाने और कब्र निकालने के लिए एक सिक्का सोने का वसूल करता और बाज ने कहा कि वह मरने वाले की हैसियत के मुताबिक रकम वसूल किया करता मजकूर है एक बार शहर में कोई वाबा फैली जिससे बहुत ज्यादा लोगों की मौत हुई और इस तरह फिरौन के पास बहुत सारा माल इकट्ठा हो गया रिवायत है कि एक बार शहर का वजीर मर गया जब दरबारी उसे दफनाने के वास्ते लेकर गए तो फिरौन ने पूछा कि कौन मरा है तब उन लोगों ने बताया कि शहर का वजीर फिरौन ने जब उनसे रकम का मुतालबा किया तो वह लोग बड़े हैरान हुए और कहा कि यह कैसा कानून है फिरौन ने कहा कि मैं इस कब्रिस्तान का दारोगा हूं और एक अरसे से यहीं पर हूं और यह खराज मैं सबसे वसूल करता हूं चुनांचे शहर के लोगों ने उस बात की ताई की और कहा कि ऐसा है यह तो काफी अरसे से यहीं पर रहता है और हर आने वाली मयत को दफनाने और कब्र निकालने के लिए खराज वूलता है अलगर जब दरबारियों ने यह मामला देखा तो फिरौन को पकड़कर शाहे मिसर के पास ले गए और सारी तफसील से उसे आगाह किया तब शाहे मिसर ने फिरौन से पूछा कि यह सब क्या मामला है तुम्हें इस काम पर किसने रखा तब फिरौन ने अव्वल ता आखिर अपने शहर में आने और शहर के हालात के बारे में तफसील बयान की और बाद इसके निहायत अदब से कहा कि जब मैंने शहर के यह हालात देखे तो मुझे लगा कि इस शहर में कोई कानून नहीं जिसके पास जिस कदर इख्तियार और ताकत है वह उतना ही लोगों को लूट रहा है मैं एक गरीबुल वतन और निहायत गरीब आदमी था मेरी कुवत बाजार में बैठने की ना थी इसलिए मैं कब्रिस्तान में बैठ गया और लोगों से खराज वसूलने लगा ना किसी ने मेरे इस काम पर कोई एतजाज किया और ना ही कोई शिकायत की और जो हालात शहर के थे उसमें लोग शिकायत लेकर कहां जाते कि शिकायत दर्ज करने वालों को भी उन्हीं कुछ ना कुछ देना पड़ता इसलिए लोगों ने कम देकर लेना मुनासिब ख्याल किया चुनांचे शाह मिस्र ने फिरौन की गुफ्तगू से उसे एक दाना और दूर अंदेश फर्द ख्याल किया और उससे पूछा कि क्या तुम इस शहर के हालात को बेहतर बना सकते हो अगर तुम्हें इसका इख्तियार दिया जाए फिरौन ने इस बात की हामी भर ली और कहा कि अगर ऐसा हो जाए कि मुझे साहिबे इख्तियार बनाया जाए तो मैं शहरे मिस्र को इन सारे फित से साफ कर दूंगा अलगर शाह मिस्र ने फिरौन को मरने वाले वजीर की जगह पर मामूर किया और तमाम इख्तियार शहर के फिरौन को दिए चुनांचे फिरौन ने मिस्र का वजीर मुकर्रर होते ही हान को अपने पास शहर में बुलवा लिया और उसे अपना साथी मुकर्रर किया उसके बाद जो खराज शाही सिपाही और दरबान वगैरह दुकानदारों ताजिर और आम रियाया से वसूलते थे सब बंद किए उसके बाद ऐलान किया कि किसी भी शख्स को कोई भी शिकायत हो तो वह मेरे दरबार में हाजिर हो सकता है हर शख्स की फरियाद बिला तफरी सुनी जाएगी और उसे इंसाफ दिलाया जाएगा फिरौन के इस फैसले से शहर के दुकानदार ताजिर और आम रियाया सब बहुत खुश हुए कि एक इजाफे खराज और रिश्वत देने से उनकी जान छूट गई अब उन्हें अपने माल पर फायदा होता नजर आने लगा इसलिए लोगों के दिलों में फिरौन के लिए इज्जत एहतराम और मोहब्बत पैदा हो गई तब फिरौन ने हा मान से कहा कि मैं चाहता हूं कि अहले मिस्र मुझसे और भी ज्यादा मोहब्बत करें और मेरी इज्जत लोगों की नजर में और भी ज्यादा बढ़े और शहर के लोग मुझे न उजु बिल्लाह दर्जे में खुदा के बराबर समझे और मैं दावा खुदाई करूं और सब लोग मुझे पूजे तब तब हमान मलन ने कहा कि अभी ऐसा मुमकिन नहीं अगर तू ऐसा चाहता है तो पहले आहिस्ता आहिस्ता खलकत शहर को अपने हाथ में ला ताकि जब तू खुदाई का दावा करे तो ज्यादा लोग तेरी तरफदारी करने वाले हो तब फिरौन मलन ने कहा कि इसकी क्या तदबीर हो सकती है क्योंकि शहर के सब लोग अभी तक यूसुफ बिन याकूब अलैहि सलाम के दीन पर मुस्तहकम हैं मैं किस तरह उन्हें इस तरफ ला सकता हूं चुनांचे इस बारे में मिलकर कोई तदबीर करने लगे और बहुत सोच विचार के बाद आखिर यह तदबीर ठहरा पस फिरौन शाह मिस्र के पास गया और कहा कि मैं चाहता हूं कि रियाया पर एक साल का टैक्स जो उनसे उनके माल पर वसूल किया जाता है माफ कर दिया जाए और वह सारा जितना एक साल का बनेगा वह मैं अपनी तरफ से शाही खजाने में जमा करवाने को तैयार हूं बादशाह फिरौन की हिकमत और दाना से और अमूर वजार से बड़ा खुश था उसने कहा कि मैं नहीं चाहता कि तुम्हारा नुकसान हो और मेरा नफा हो चुनांचे एक साल का टैक्स तुम्हारी तरफ से मैं रियाया पर माफ करता हूं फिरौन ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि शाही खजाने में कोई कमी हो लिहाजा इस एक साल का टैक्स रियाया की तरफ से मैं शाही खजाने में जमा करवा दूंगा पस बादशाह कम अकल और ना फहम था फिरौन की खातिर एक साल का खजाना राया से ना लिया और कहा कि जो तुम्हारा दिल चाहे वैसा करो तब फिरौन ने दीवान और खजान चियों को बुलवाकर पूछा कि मिस्र का खजाना एक साल में रियाया से कितना वसूल होता है उन्होंने बताया कि इतना होता है पस फिरौन ने उतना रुपया हमान के हाथ शाही खजाने में अपनी तरफ से जमा करवा दिया उसके बाद सारे शहर में मनादिरा दी कि इस साल का टैक्स रियाया पर हमारी तरफ से माफ किया गया और हमने अपनी तरफ से इतना खजाना बादशाह की सरकार में शाही खजाने में जमा करवा दिया है और अलावा इसके 2 साल मजीद का खजाना टैक्स माफ करने की अपील भी सरकारे आला में पेश की सो वह भी कबूल हुई यानी अब 3 साल तक रियाया से किसी भी तरह का कोई टैक्स वसूल ना किया जाएगा पस जब यह मनादिरा मिस्र बहुत खुश हुई और गरीब गरबा जितने भी थे सभी ने फिरौन की तरक्की और खुशहाली के वास्ते दुआ मांगी और खुदा का शुक्र बजा लाए इस तरह रियाया ने फिरौन की नेकी और फराग दिली के चर्चे होने लगे और आया की नजर में उसकी इज्जत और कदर मंजिल बढ़ी पस 3 साल का टैक्स माफ होने की वजह से मिस्र की रियाया को फराग हुई बाद कुछ अरसे के शाहे मिस्र मर गया और कोई वाली वारिस तो उसका था नहीं जो तख्त पर बैठता और अमूरी सल्तनत को संभालता बस बादशाह को दफनाने के बाद तीन दिन तक ताजि अत की और चौथे रोज तमाम शहर के लोग काजी मुफ्ती आलम फाजिल गरीब गरबा छोटे-बड़े सब बादशाही दरबार में हाजिर हुए और इस बात पर गौर और फिक्र किया कि अब तख्ते शाही पर किसको बिठाया जाए क्योंकि बिना बादशाह के मुल्क ऐसे ही था जैसे कि बिना सर के धड़ चूंकि उन लोगों ने फिरौन से नेकी देखी थी कि तीन साल का खजाना रियाया पर माफ किया था और वह सारा तीन साल का खजाना अपनी तरफ से शाही खजाने में दाखिल किया था अलावा इसके वह सारे टैक्स भी माफ किए थे जो शाही सिपाही आवाम से बेवजह लूटते थे इसलिए सब उससे खुश थे और उसे अपना खैर खवा जानते थे पस यह खैर खवाई देखकर सभी ने इस बात पर इत्तफाक किया कि फिरौन ही हमारे लिए बेहतर बादशाह है और इस मरदूड को तख्त पर जा बैठाया जब यह मलोन मिस्र का बादशाह हुआ तो इसने हमा मान मलन को अपना वजीर मुंतखाब किया चूंकि इसी की तदबीर और मशवरे से फिरौन तख्ते शाही तक पहुंचा था तब कहने लगा कि अब मुल्क मिसर मुस्लिम हमारे हाथ आया और हम यहां के बादशाह हुए हमान से कहा कि पस अब कोई ऐसी तदबीर करनी चाहिए कि मखलूक अब मुझे खुदा कहे और माबूद जाने और मेरी परस्तिश करें मुझे सरदा करें लानत हो इस बदबख्त पर तब महा मान मलोन ने यह सलाह दी कि सबसे पहले पूरे मुल्क मिस्र में यह हुकम जारी करना चाहिए कि उलमा फजला जितने हैं हमारी हुकूमत में कोई तालीम ना देने पाए सब दर्स और तदरी मकू कर दिए जाएं तब आहिस्ता आहिस्ता लोग अपने दीन से दूर और बेखबर होते जाएंगे और जो आइंदा पैदा होंगे लड़के बाले सब के सब बे इल्म और जाहिल होंगे इस तरह आहिस्ता आहिस्ता सब अपने दीन से बर्गस्ता होंगे और कोई इल्म उनको दीन का ना होगा बस हा मान के कहने पर फिरौन ने सारे मुल्क में हुक्म जारी करवा दिया कि अब से हमारे मुल्क में कोई आलम फाजिल दीन की तालीम ना दे और ना ही कोई और तालीम और तमाम दर्स और तदरी बंद करवाए और हुकम जारी किया कि जो कोई तालीम सीखता सिखाता देखा गया उसे कत्ल कर दिया जाएगा इस तरह सारे मुल्क में तालीम और ताल्लुक का बाब मकू करवा दिया चुनांचे इस खौफ से सबने लिखना पढ़ना छोड़ दिया और उलमा में से जिन्होंने इसकी बात से इंकार किया उन्हें मलन ने कत्ल करवा दिया नतीजा यह हुआ कि थोड़ी ही मुद्दत में तमाम लोग जाहिल बन गए और दीन से मजहब से कोसों दूर अपने खुदा ए वाहिद को भुलाकर मिसल जानवरों के हो गए मिस्र में तब दो कौम आबाद थी एक कौम किबी और दूसरी कौम बनी इसराइल किब कौम वो कदीम मिसरी थे जो हजरत यूसुफ अलैहि सलाम से पहले से ही मिस्र में आबाद थे और बनी इस्राईल हजरत याकूब अलैहि सलाम की औलाद में से थे क्योंकि हजरत याकूब अलैहि सलाम का एक लकब इसराइल भी था इसी निस्बत से आपकी औलाद को बनी इसराइल कहा जाता है लिहाजा जब लोग मुकम्मल तौर पर जाहिल हो गए तो हा मान ने फिरौन को मशवरा दिया कि अब लोगों को बुत परस्ती की तरफ बुलाओ चुनांचे फिरौन मलन ने लोगों को बुत परस्ती पर लगा दिया तब किती कौम तो बुत परस्ती पर मायल हो गई और फिरौन की बातों पर अमल करने लगी लेकिन बनी इसराइल की कौम चूंकि अंदर से अभी भी हजरत यूसुफ अलैहि सलाम के दीन पर कायम थी सो उन्होंने बुत परस्ती से साफ इंकार कर दिया पस फिरौन मलन उन पर ज्यादती करता और किबी कौम को खूब नवाजता और कौम बनी इसराइल को उनके खादों में रखता और तमाम नीच काम बनी इसराइल के जिम्मे किए और उन पर ज ठता और इसी तरह अरसा 20 साल का गुजर गया बाद इसके लाइन ने लोगों को पुकार कर कहा कि मैं हूं तुम्हारा रब सबसे यानी उन बुतों से भी बड़ा खुदा मैं हूं सो मुझे सजदा करो और माबूद जानो और मेरी ही इबादत करो और जो कोई ऐसा करेगा उसे नवाजा जाएगा और जो इंकार करेगा उसके साथ बुरा सलूक किया जाएगा बस कौम किब ने फिरौन को पूजना इख्तियार किया और इसी तरह 40 साल का अरसा गुजरा और बाद इसके तमाम बुतों को तोड़ डाला और कहा अब से मैं तन्हा तुम्हारा रब हूं मेरी परस्तिश करो कौम किती जो फिरौन को पूजने और सरदा करने वाले थे उन्हीं पर खूब नवाजिश करता और बनी इसराइल को तकलीफ देता कि वह यूसुफ बिन याकूब अलैहि सलाम के दीन पर थे और बाउस जजिया के फिरौन उनसे किब दियों की खिदमत करवाता और तहकीक करता और जिन कामों को हकीर समझता मसलन मेहनत और भार उठाना लकड़ी चीरना चना लना घास काटना झाड़ू कशी करना और गोबर फेंकना इन सब कामों में मुकर्रर किया था और इलावा इसके उन्हें शहर और देहातों में अपने ताबीन की खिदमत में भेज देता और उनकी औरतों से अपनी औरतों की खिदमत करवाता गर्ज हर तरह से उनकी तजल करता और उनकी इज्जत और वकार ना करता एक औरत जिनका नाम आसिया था बनी इसराइल से थी और अपने अाव अजदाद के दीन पर मजबूती से कायम थी और वह अपने हुस्न खूबी और आदा तो ख साइल और आला अखलाक की वजह से शोहरत रखती थी उन्हें फिरौन ने अपने निकाह में रखा था और बाजों ने कहा कि फिरौन ने उन्हें अपनी अकीदत मन समझकर इज्जत के साथ अपने महल में रखा हुआ था मगर वह अपने दीन में मजबूत थी और कोई काम खिलाफ शरा ना करती दोस्तों यहां आपको बताते चलें कि हजूर अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वालि वसल्लम ने पांच औरतों की पाकी और बुजुर्ग बयान की एक हजरत मूसा अलैहि सलाम की मां दूसरा मरियम बिनते इमरान और हजरत खदीजातुल कुबरा बिनत खलत हुजूर पाक सल्लल्लाहु अलैहि वालि वसल्लम की जौजा एक अपनी बेटी हजरत फातिमा तो जहरा रजि अल्लाह ताला अन्हा और हजरत बीबी आसिया रजि अल्लाहु ताला अन्हा के यह सब सालेह थी अलगर कौम बनी इसराइल एक मुद्दत तक फिरौन के अजाब में और उसकी कौम की खिदमत गुजारी में गिरफ्तार रहे जनो मर्द इस कौम की खिदमत गुजारी और बार बरदारी में रहते और सब्र करते फिर भी अपने दीन के खिलाफ ना चलते और शब और रोज अल्लाह की याद और अस्तगफार में मसरूफ रहते और खुदा की इबादत करते दोस्तों फिरौन के हर जुल्मो सितम और गुनाह के पीछे सबसे बड़ा किरदार हा मान का था मिस्र की तारीख में जितने भी जुल्म हुए और जितने लोगों का कत्लेआम किया गया और जितने लोगों को बुत परस्ती के अंदर मुब्तला किया गया और जितने लोगों को फिरौन का खुदा ना मानने की वजह से कत्ल किया गया यह तमाम तर मुजलिन हा मान की मुशा वत और हा मान के हुकम पर किए गए बजहर तो मिस्र का बादशाह फिरौन था लेकिन फिरौन जो कोई भी काम करता वह अपने दोस्त हा मान की मुशा के बगैर नहीं करता था बल्कि मिस्र में होने वाली हर बुराई के पीछे हान की शैतानिया तो छुपी हुई थी हमान फिरौन को जो कोई भी मशवरा देता फिरौन वही काम करता इसी वजह से तारीख के अंदर हा मान को फिरौन से भी बड़ा जाबिर और जालिम और बदतर इंसान करार दिया गया है दोस्तों फिरौन जब मिस्र का बादशाह बना तो फिरौन ने हा मान से कहा कि मैं मिस्र के अंदर खुदाई का दावा करना चाहता हूं और चाहता हूं कि मिस्र के तमाम लोग मुझे अपना खुदा माने और मेरी पूजा करें और मेरे सामने सरदा किया करें फिरौन हा मान से कहने लगा खुदाई का दावा करने के लिए ऐसा क्या करना चाहिए कि मिस्र के तमाम तर लोग मुझे खुदा माने तो उस वक्त हा मान के मशवरे को सुनते हुए मिस्र के अंदर दीन इस्लाम की तबलीग पर पाबंदी लगाई गई और दर्स गाओं को बंद किया गया चुनांचे इस तरह हा मान के कहने पर मिस्र के अंदर दीनी दर्स गहों को बंद किया गया और दीन इस्लाम की तबलीग पर पाबंदी लगी और फिर वक्त के साथ-साथ लोग हजरत यूसुफ अलैहि सलाम के दीन से दूर होने लगे उसके बाद मिस्र के लोगों को कुफर और शिर्क में मुब्तला करने के लिए हा मान ने एक चाल चली कि मिस्र के हर घर में बुतों की पूजा शुरू करवाई और इसी तरह मिस्र के हर घर में लोग कुफर और शिर्क में मुब्तला हो गए और अल्लाह तबारक व ताला की वादा नियत को छोड़कर बुतों की पूजा करने लगे उसके बाद जब फिरौन और हामा ने देखा कि मिस्र के तमाम तर लोग अल्लाह तबारक व ताला की जात को भूल चुके हैं और अल्लाह तबारक व ताला की वहदा नियत को छोड़कर बुत परस्ती में मुब्तला हो चुके हैं तो उस हा मान ने फिरौन को यह मशवरा दिया कि अब मिस्र के तमाम लोगों को एक जगह पर इकट्ठा किया जाए और उनके सामने खुदाई का दावा किया जाए और उनको सजदा करने का हुकम दिया जाए चुनांचे फिरौन ने ऐसा ही किया मिस्र के तमाम तर लोगों को एक मकाम पर इकट्ठा किया गया फिरौन ने उन तमाम तर लोगों के सामने खुदाई का दावा कर दिया उस वक्त मिस्र का सबसे बड़ा कबीला किब दिया था और वह फिरौन को अपना खुदा मानने लगा और उसके साथ सामने सजदा करने लगा चुनांचे इसी तरह फिरौन ने मिस्र के तमाम तर लोगों के सामने खुदाई का झूठा दावा किया और इस तरह फिरौन मिस्र का झूठा खुदा बना दोस्तों रिवायत में आता है कि जब फिरौन ने खुदाई का झूठा दावा किया तो उस वक्त कुछ लोग ऐसे भी मौजूद थे कि जिनके सीने अभी भी ईमान के नूर से मुनव्वर थे और जो अभी भी अल्लाह तबारक व ताला की वहदा नियत पर ईमान रखते थे फिरौन को जब उन लोगों का पता चला तो बहुत ज्यादा गजब नाक हुआ चुनांचे उस वक्त फिरौन ने उन चंद मुसलमानों पर जुल्म और सितम करना शुरू किए और उनको अपना गुलाम बना लिया और मिस्र का सबसे मुश्किल तरीन काम और भारी भरकम काम बनी इस्राईल के उन चंद मुसलमानों से लिया जाता और उन पर बदतर इन तशदूद किया जाता इस तरह जब फिरौन और हा मान का जुल्म और सितम हद से ज्यादा बढ़ने लगा तो अल्लाह तबारक व ताला ने बनी इसराइल के हिदायत के लिए अपने प्यारे नबी हजरत मूसा अलैहि सलाम को मबस फरमाया हजरत मूसा अलैहि सलाम ने फिरौन को अल्लाह तबारक व ताला का पैगाम पहुंचाया और अल्लाह तबारक व ताला की वहदा नियत की तरफ बराया और मुसलमानों पर जुल्म और सितम करने से मना फरमाया लेकिन फिरौन अपनी सरकश से बाज ना आया और इसी तरह बनी इसराइल के मुसलमानों पर जुल्म और सितम करता रहा और अपने कुफर शिर्क पर डटा रहा रिवायत में आता है कि एक मर्तबा हजरत मूसा अलैहि सलाम फिरौन के पास तशरीफ लाए फिरौन से कहने लगे कि ऐ फिरौन अगर तू अल्लाह तबारक व ताला की वहदा नियत पर ईमान ले आए तो उसकी वजह से तेरी आखिरत तो बेहतर हो ही जाएगी लेकिन अल्लाह ताला दुनिया के अंदर तुझे चार तरह के इनामा अता फरमाए हजरत मूसा अलैहि सलाम की बात सुनकर फिरौन हजरत मूसा अलैहि सलाम से पूछने लगा वह चार नेमतें कौन सी हैं जो तेरा रब मुझे अता फरमाए फिरौन हजरत मूसा अलैहि सलाम से कहने लगा कि मुझे उन नेमतों के बारे में बताएं कि शायद मैं अल्लाह तबारक व ताला की बादा नियत पर ईमान ले आऊं चुनांचे हजरत मूसा अल सलाम ने अल्लाह तबारक ताला के हुकम से फिरौन को यह बताया कि अगर तू अल्लाह तबारक व ताला की वहदा नियत पर ईमान ले आए तो अल्लाह तबारक व ताला पहली नेमत तुझे यह अता फरमाए कि तू हमेशा तंदुरुस्त रहेगा और तू कभी बीमार ना होगा और दूसरी नेमत अल्लाह तबारक व ताला तुझे यह अता फरमाए कि अभी तू एक मुल्क का बादशाह है अगर तू अल्लाह तबारक व ताला की वादा नियत पर ईमान ले आए तो अल्लाह तबारक व ताला तुझे दो और ममाला की बादशाहत अता फरमाए उस मुल्क की बादशाहत तुझे अल्लाह तबारक व ताला की नाफरमानी करने के बावजूद मिली है तो सोच अगर तू अल्लाह तबारक व ताला की फरमाबरदार करेगा तो अल्लाह तुझे क्या कुछ अता फरमाए और अगर तू अल्लाह की वादा नियत पर ईमान ले आए तो अल्लाह तबारक व ताला तुझे दुनियावी नेमतों के साथ-साथ जन्नत के अंदर भी जगह अता फरमाए फिरौन ने जब हजरत मूसा अलैहि सलाम की बात सुनी तो फिरौन हजरत मूसा अलैहि सलाम की बातों से बहुत ज्यादा मुतासिर हुआ फिरौन ने जब हजरत मूसा अलैहि सलाम की बातें सुनी तो फिरौन हजरत मूसा अलैहि सलाम से कहने लगा कि मैं अपनी बीवी से मशवरा करूंगा उसके बाद फिरौन घर गया और अपनी बीवी हजरत आसिया से जाकर कहने लगा कि हजरत मूसा अलैहि सलाम ने फरमाया है कि अगर मैं अल्लाह ताला की वादा नियत पर ईमान ले आऊं तो अल्लाह तबारक व ताला मुझे फलां फलां नेमतों से नवाजे का यह बात सुनकर हजरत आसिया बहुत खुश हुई और फिरौन से कहने लगी कि फिरौन अल्लाह ताला की इन नेमतों पर तू अपनी जान कुर्बान कर दे और अल्लाह की वादा नियत पर ईमान लेया यह कहते हुए हजरत आसिया जारो के तार रोने लगी और कहने लगी क्या आफताब तेरा ताज होगा हजरत आसिया फिरौन से कहने लगी कि आपको किसी से मशवरा करने की कोई जरूरत ही नहीं बल्कि आपको हजरत मूसा अलैहि सलाम की ही मजलिस में अल्लाह की वहदा नियत पर ईमान ले आना चाहिए था और दावते हक को कबूल करना चाहिए था चुनांचे हजरत आसिया अल सलाम की बात सुनकर फिरौन हजरत आसिया से कहने लगा कि मैं एक बार अपने वजीर हा मान से भी मशवरा करना चाहूंगा तो हजरत आसिया फिरौन से कहने लगी कि हमा मान से मशवरा करने की कोई जरूरत नहीं क्योंकि वह इस बात का अहल नहीं लेकिन जोकि हमान फिरौन का सबसे करीबी दोस्त था और सबसे खास वजीर लिज फिरौन मशवरा करने की गरज से हा मान के पास गया और सारा माजरा बताया फिरौन हा मान से पूछने लगा कि अब मुझे क्या करना चाहिए हमान ने जैसे ही फिरौन की बात सुनी तो गुस्से से लाल पीला हुआ और जारो के तार रोने लगा और गिरेबान को फड़ने लगा और हा मान ने अपनी दस्तार को उठाकर जमीन पर मारा और शोरो गुल किया और रोते हुए फिरौन से कहने लगा कि हजरत मूसा अलैहि सलाम ने आपकी शान में माज अल्लाह यह गुस्ताखी कैसे की आपकी शान तो यह है कि तमाम कायनात आपकी वजह से चलती है और मशरिक से लेकर मगरिब तक हर चीज आपके ताबे है और दुनिया के तमाम बड़े बादशाह आपके दरबार में सरद रेज होते हैं फिरौन का हा मान फिरौन से कहने लगा हजरत मूसा अल सलाम ने आपकी तौहीन की आप अल्लाह ताला की वादा नियत पर ईमान लाएं जबकि पूरी दुनिया कायनात आपको सजदा करती है और आप पूरी दुनिया के रब हैं इस तरह हा मान फिरौन को भड़काने लगा क्या आप हजरत मूसा अल सलाम की बात मानकर एक अदना गुलाम बनना चाहते हैं खुदा से इंसान बनना चाहते हैं जबकि यह आपकी बहुत बड़ी तौहीन है अगर आपने इस्लाम कबूल ही करना है तो इससे पहले मुझे मार डालिए ताकि मैं अपनी जिंदगी में आपकी यह तोहीन अपनी आंखों से ना देख सकूं चुनांचे इस तरह हा मान फिरौन को गुरूर और तकब्बल लालच देखकर बहका लगा और दावत हक को कबूल करने से मना करने लगा चुनांचे फिरौन ने जब हा मान की यह बात सुनी तो फिरौन गरूर तकब्बल में आ गया और गरूर और तकब्बल आकर खुद को खुदा समझने लगा और दावत हक को कबूल करने से इंकार कर दिया और इस तरह फिरौन ने हा मान की बातों में आकर दावत हक को कबूल करने से इंकार किया और अल्लाह तबारक व ताला की वहदा नियत का इंकार कर दिया और इस तरह फिरौन हा मान की वजह से हमेशा के लिए अल्लाह तबारक व ताला की बारगाह से मरदूर हुआ और जहन्नम करार पाया दोस्तों जब फिरौन का जुल्म और सितम हद से बढ़ा और फिरौन बारहा समझाने के बावजूद अल्लाह तबारक व ताला की वहदा पर ईमान ना लाया और कई बार अल्लाह ताला के अजबा को देखने के बावजूद भी दावत हक को कबूल ना किया तो अल्लाह ताला ने फिरौन पर अपना अजाब नाजिल करने का इरादा फरमाया और फिरौन को गरक करने का इरादा फरमाया अल्लाह तबारक व ताला ने हजरत मूसा अलैहि सलाम की तरफ वही नाजिल फरमाई कि वह बनी इसराइल को लेकर मिस्र से रवाना हो जाएं अल्लाह तबारक व ताला फिरौन पर अपना अजाब नाजिल फरमाने वाला है चुनांचे हजरत मूसा अलैहि सलाम कौम बनी इसराइल को लेकर मिस्र से रवाना हो गए फिरौन को इस बात का पता चला कि हजरत मूसा अलैहि सलाम तमाम तर मुसलमानों को लेकर मिस्र छोड़कर जा रहे हैं तो फिरौन ने एक बहुत बड़ा लश्कर तैयार किया और हजरत मूसा अलैहि सलाम का पीछा करने लगा और फिरौन ने अपने लश्कर को यह हुक्म दिया कि हजरत मूसा अलैहि सलाम और हजरत मूसा अलैहि सलाम के साथ जितने भी मुसलमान हैं उनमें से कोई भी जिंदा ना बचे और माज अल्ला सबको कत्ल कर दे है चुनांचे उधर जब हजरत मूसा अलैहि सलाम दरिया नील के किनारे पहुंचे तो पीछे से फिरौन भी अपना लश्कर लेकर पहुंच गया हजरत मूसा अल सलाम की कौम हजरत मूसा अल सलाम से कहने लगी क्या आज हमें फिरौन से कोई नहीं बचा सकता उस वक्त हजरत मूसा अलैहि सलाम ने अपनी कौम को तसल्ली दी और फरमाया कि अल्लाह तबारक व ताला हमारे साथ है अल्लाह ने हजरत मूसा अलैहि सलाम को अपने असाए मुबारक को दरिया नील के किनारे मारने का हुकम दिया चुनांचे जैसे ही हजरत मूसा अलैहि सलाम ने अल्लाह ताला के हुकम के मुताबिक अपना असा दरियाई नील के किनारे मारा तो दरियाई नील से रास्ता बन गया और हजरत मूसा अलैहि सलाम और उनकी कौम ने दरिया ए नील को आसानी के साथ अबू कर लिया उधर जब फिरौन दरियाई नील के किनारे पर पहुंचा तो फिरौन भी अपने लश्कर को लेकर दरियाई नील के अंदर दाखिल हुआ जब फिरौन का लश्कर दरया नील के बिल्कुल दरमियान पहुंचा तो अल्लाह तबारक व ताला ने दरया नील को मिल जाने का हुक्म दिया चुनांचे दरियाई नील अल्लाह तबारक व ताला के हुकम के मुताबिक फिरौन के लश्कर की तरफ बढ़ने लगा फिरौन ने जब यह मंजर देखा और अपनी आंखों के सामने मौत आते देखी तो फिरौन बुलंद आवाज से चिल्लाया और कहने लगा कि मैं हजरत मूसा के खुदा पर ईमान लाया और मैं उस खुदा पर ईमान लाया जिस खुदा पर कौम बनी इसराइल ईमान लाई इस तरह जब फिरौन गर्क होने लगा तो दुआ मांगने लगा उस वक्त हजरत जिब्राईल अलैहि सलाम ने मट्टी को उठाया और फिरौन उनके मुंह में डाल दिया ताकि यह अल्लाह तबारक व ताला की बारगाह में दुआ को ना मांग सके और फिरौन उस वक्त अल्लाह तबारक व ताला की वहदा नियत पर ईमान लाना चाहता था लेकिन उस वक्त उसका ईमान लाना काबिले कबूल ना था क्योंकि अल्लाह ताला का अजाब उस पर नाजिल हो चुका था और तौबा का दरवाजा बंद हो चुका था उसके बाद अल्लाह ताला के हुक्म से दरियाई नील आपस में मिल गया और फिरौन और उसका पूरा लश्कर दरियाई नील में गर्क हो गया आज भी फिरौन की हनू सुदा लाश इबरत का निशान बनी मिस्र के अजाब खाने में महफूज है इस सारे वाकए को अल्लाह ताला ने कुरान पाक में बयान किया है जब फिरौन गर्क हो गया तो उसकी मौत का बहुत से लोगों को यकीन नहीं आता था तो अल्लाह ताला के हुक्म से पानी ने उसकी लाश को बाहर खुश्की पर फेंक दिया जिसका सबने मुशाहिद किया जैसा कि कुरान पाक की सूर यूनुस में अल्लाह ताला ने फरमाया आज हम तेरी लाश को पानी से निकालेंगे ताकि तू उनके लिए निशाने इबरत हो जो तेरे बाद हैं और बहुत से लोग हमारी निशानियां से बेखबर हैं दोस्तों आज भी फिरौन मुनफा सानी की हनत शुदा लाश इबरत का निशान बनी मिस्र के अजाब खाने में महफूज है रिवायत में आता है कि फिरौन और उसके लश्कर की हलाक यौमे आशूर को हुई इमाम बुखारी रहमतुल्लाह अलह ने फरमाया हजरत इब्ने अब्बास रजि अल्लाह ताला अन्हो से मरब है रसूल अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वालि वसल्लम मदीना मुनव्वरा तशरीफ लाए तो यहूद आशूरा यानी 10 मुहर्रम का रोजा रखे हुए थे तो हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वा वसल्लम ने दरयाफ्त किया यह कौन सा रोजा है जो तुम रखते हो उन्होंने कहा यह वह दिन है जब मूसा अलैहि सलाम को फिरौन पर गलबा हासिल हुआ था तो नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वा वसल्लम ने अपने असब से फरमाया तुम मूसा अलैहि सलाम के ज्यादा हकदार हो लिहाजा तुम भी रोजा रखो दोस्तो रिवायत में आता है कि हजरत मूसा अलैहि सलाम फिरौन के गर्क होने के बाद बनी इसराइल के साथ बहिर मर पार करके वादी सीना की तरफ चले रास्ते में एक ऐसी कौम के पास से गुजरे जो बुतों को पूछती थी बनी इसराइल ने जब यह देखा तो कहने लगे ऐ मूसा जैसे इन लोगों के माबूद हैं हमारे लिए भी ऐसा ही एक माबूद बना दो मूसा अलैहि सलाम ने कहा तुम बड़े ही जाहिल हो यह लोग जिस काम में लगे हुए हैं यह तबाह किया जाएगा और उनका यह काम महज बे बुनियाद है फरमाया क्या अल्लाह ताला के सिवा तुम्हारे लिए कोई और माबूद तलाश करूं हालांकि उसने तुमको तमाम जहान वालों पर फौक अत दी है हजरत मूसा अलैहि सलाम अपनी कौम को लेकर आगे बढ़े अल्लाह ने बनी इसराइल की हिदायत और रहनुमाई के लिए हजरत मूसा अलैहि सलाम को आसमानी किताब देने का फैसला किया चुनांचे अल्लाह अज्ज वजल ने आप अलैहि सलाम को 30 रातों के लिए कोहे तूर पर बुलाया जिसमें मजीद 10 रातों का इजाफा करके उसे 40 रातें कर दिया हजरत मूसा अलैहि सलाम ने कोहे तूर पर जाने से कबल अपने भाई हजरत हारून अलैहि सलाम को अपना जानशीन मुकर्रर किया हजरत हारून अलैहि सलाम भाई भी थे और नबी भी कहा जाता है कि हजरत मूसा अलैहि सलाम वक्त मुकरा पर कोहे तूर पहुंचे और परवरदिगार से हम कलाम हुए तो कहने लगे ऐ मेरे परवरदिगार मुझे अपना जलवा दिखा दीजिए मैं आपको एक नजर देख लू इरशाद हुआ तुम मुझको हरगिज नहीं देख सकते लेकिन तुम इस पहाड़ की तरफ देख रहो वह अगर अपनी जगह पर बरकरार रहा तो तुम भी मुझे देख सकोगे और जब उनके रब ने पहाड़ पर तजल्ली फरमाई तो तजल्ली ने उसके पर खचे उड़ा दिए और मूसा अलैहि सलाम बेहोश होकर गिर पड़े फिर जब होश में आए तो अर्ज किया बेशक आपकी जात पाक है मैं आपके हजूर में तौबा करता हूं और मैं सबसे पहले आप पर ईमान लाने वाला हूं इरशाद हुआ कि ऐ मूसा मैंने तुमको अपने पैगाम और अपने कलाम से लोगों में मुमताज किया है तो जो मैंने तुमको अता किया है उसे पकड़ रखो और मेरा शुक्र बजा लाओ और हमने तौरा की तख्तियां में उनके लिए हर किस्म की नसीहत और हर चीज की तफसील लिख दी दोस्तों रिवायत के मुताबिक यह हजरत मूसा अलैहि सलाम का अल्लाह अजज वजल से हम कला का दूसरा वाकया था दोस्तों रिवायत में आता है कि हजरत मूसा अलैहि सलाम जब 40 रातों के लिए कोहेतूर गए तो पीछे सामरी नामी एक किबी ने जो हजरत मूसा अलैहि सलाम का पड़ोसी था और बजहर आप अलैहि सलाम पर ईमान लाकर साथ हो गया था बनी इसराइल से सोने के जेवरात इकट्ठे करके एक बछड़ा तैयार किया जिसमें उसने हजरत जिब्राईल अलैहि सलाम के घोड़े के सुमो के नीचे की मट्टी भी शामिल कर दी यह मट्टी उसने चुपके से उस वक्त ले ली थी जब हजरत जिब्राईल अलैहि सलाम उन लोगों को दरिया पार करवा रहे थे यह बछड़ा जब तैयार हो गया तो यह कुछ कुछ बैल की आवाज निकालता था यानी जब उस में हवा दाखिल हो जाती तो उसमें से गाय या बैल की आवाज निकलती इस आवाज से सामरी ने बनी इसराइल को गुमराह किया और बोला यही तुम्हारा असल माबूद है और कुरान पाक में सूर तहा में अल्लाह ताला ने इसका जिक्र यूं किया फिर उसने उनके लिए एक बछड़ा बना दिया यानी बछड़े का बुत जिसकी गाय की सी आवाज भी थी फिर कहने लगा कि यही तुम्हारा माबूद है और मूसा अलैहि सलाम का भी लेकिन मूसा भूल गया है दोस्तों कहा जाता है कि हजरत मूसा अलैहि सलाम जब तौरा लेकर वापस आए तो देखा कि बनी इस्राइल सामरी के बछड़े की परस्तिश कर रहे हैं आप अलैहि सलाम को सख्त नागवार गुजरा गजब नाक होकर अपने भाई हजरत हारून अलैहि सलाम के सर के बाल और दाढ़ी पकड़कर उन्हें सख्त सुस्त कहा हजरत हारून अलैहि सलाम ने अर्ज किया ऐ मेरे भाई मेरी दाढ़ी और सर के बाल मत खींचो दरअसल कौम ने मुझे कमजोर ख्याल किया और और मेरे कत्ल के दर प हो गई फिर हजरत मूसा अलैहि सलाम सामरी की तरफ मतवल कत क्यों की उसने कहा मैंने फरिश्ते के नक्शे पास से मट्टी एक मुट्ठी में भर ली थी फिर उसको बछड़े के कलब में डाल दिया और मुझे यह काम भला लगा हजरत मूसा अलैहि सलाम ने कहा अच्छा जा दुनिया की जिंदगी में तेरी सजा यही है कि तू कहता फिरे कि मुझे ना छूना और तेरे लिए एक और वादा है यानी अजाब का जो तुझ से टल ना सकेगा और फिर ऐसा ही हुआ सामरी उम्र भर यही कहता रहा कि मुझे ना छूना क्योंकि उसे छूते ही छूने वाला और सामरी दोनों शदीद बुखार में मुब्तला हो जाते फिर वह इंसानों की बस्ती से निकलकर जंगल में चला गया जहां जानवरों के साथ जिंदगी गुजारी और इबरत का नमूना बन गया हजरत मूसा अलैहि सलाम ने उसके बछड़े को जलाकर दरिया में फेंक दिया दोस्तों रिवायत में आता है कि हजरत मूसा अलैहि सलाम ने जब तौरा से दर्स तदरी शुरू की तो बनी इस्राईल एक मर्तबा फिर हीले बहाने करने लगे और बोले ऐ मूसा हम यह कैसे यकीन कर ले कि यह अल्लाह का कलाम है हो सकता है कि तुमने खुद ही बना लिया हो इस सूरते हाल पर हजरत मूसा अलैहि सलाम ने एक बार फिर अल्लाह से रुजू किया अल्लाह ने फरमाया ऐ मूसा इस कौम के मुंतखाब अफराद को लेकर कोहे तूर पर आ जाओ ताकि हम उनको अपना कलाम सुना दें और उन्हें यकीन आ जाए हजरत मूसा अलैहि सलाम ने उनमें से 70 सरकता अफराद चुने और उन्हें कोहे तूर पर ले गए और जब अपने कानों से अल्लाह का कलाम सुन लिया तो बोले जब तक हम अल्लाह को खुद से ना देख ले कैसे यकीन कर ले उनकी इस हट धर्मी और सरकश पर कोहे तूर लर्ज उठा और ऊपर से शदीद बिजली कड़की जिसकी दहशत से यह सब बजहर मुर्दा होकर गिर पड़े हजरत मूसा अल सलाम ने अल्लाह जल्ला शन से दुआ की जिस पर अल्लाह ने उन सबको दोबारा खड़ा कर दिया फिर यह सब गिड़गिड़ा करर तौबा अस्तगफार करने लगे अल्लाह ने उनकी दुआ कबूल कर ली यह लोग कौम के पास वापस आए और तौहीद और हजरत मूसा अलैहि सलाम की रिसालत की गवाही दी मगर कुछ दिन ही गुजरे थे कि हसबे आदत फिर शिर्क में मुब्तला हो गए इस मर्तबा अल्लाह ताला ने उनके सरों पर कोहे तूर को मल्लक फरमा दिया जैसा कि सूर बकरा की आयत नंबर 63 में अल्लाह ने फरमाया और जब हमने तुमसे वादा लिया और तुम पर तूर पहाड़ खड़ा कर दिया और हुक्म दिया कि जो किताब हमने तुमको दी है इसको मजबूती से पकड़े रहो और जो कुछ इसमें है उसे याद रखो ताकि अजाब से महफूज रहो बनी इसराइल अपने सरों पर कोहेतूर को देखकर बहुत ज्यादा खौफ जदा हो गए कि कहीं इस बड़े पहाड़ के नीचे दबकर खत्म ना हो जाएं चुनांचे वह सर्दे में गिरकर तौबा अस्तगफार करने लगे फिर हजरत मूसा अलैहि सलाम की दरख्वास्त पर अल्लाह ताला ने एक बार फिर उन्हें माफ कर दिया दोस्तों अब बात करते हैं वादी तह में कैद के दौरान अल्लाह ताला के इनामा की जो बनी इसराइल पर हुए रिवायत में आता है कि अल्लाह रब्बुल इज्जत ने हजरत मूसा अलैहि सलाम को अर्ज मुकद्दसा यानी मुल्क शाम जाने और अपने बाप दादा की सरजमीन काफिरों से छुड़ाने का हुकम दिया हजरत मूसा अलैहि सलाम बनी इसराइल को लेकर वहां पहुंच गए उस वक्त वहां पर कौम जब्बारी का कब्जा था यह लोग अजीब खौफनाक शक्लो सूरत और हैबत नाक कदो कामत के मालिक थे उनके जुल्मो सितम और कहर जबर की दास्ताने आम थी बनी इस्राईल ने जब शहर से बाहर उनके हालात सुने तो शहर में दाखिल होने और उनसे जिहाद करने से इंकार कर दिया वह बोले कि मूसा जब तक वह लोग वहां हैं हम हरगिज वहां नहीं जाएंगे अगर लड़ना ही जरूरी है तो आप अलैहि सलाम और आपका परवरदिगार जाकर उनसे लड़ाई कर लें हम तो यहीं बैठे हैं हजरत मूसा अलैहि सलाम अपनी कौम की तमाम तर नाफरमानी हों और बेहद गियों को अब तक बड़े सब्रो तहम्मूल देते लेकिन उनके इस जवाब पर बेहद गमगीन और रंजीदा हो गए और उनके लिए बददुआ फरमाते हुए उन्हें फास कीन के नाम से पुकारा अल्लाह जल्ला शन ने अपने रसूल की दुआ कबूल फरमाई और उन्हें मिस्र और शाम के दरमियान मैदान तह में में कैद कर दिया और वह 40 साल उस मैदान में भटकते रहे हजरत मूसा अलैहि सलाम और हजरत हारून अलैहि सलाम भी उनके साथ थे जो उनकी गलतियों और नाफरमान हों पर अल्लाह से माफी तलब करते रहते जिसकी बरकत से सजा के दौरान भी अल्लाह ताला की नेमतें बरसती रही उन्होंने हजरत मूसा अलैहि सलाम से धूप की शिकायत की तो आप अलैहि सलाम की दुआ से उनके सरों पर अब्र का साया कर दिया गया फिर भूख की शिकायत की तो हजरत मूसा अलैहि सलाम की दुआ से अल्लाह ताला ने मन्नो सलवा नाजिल फरमा दिया मन एक किस्म के दाने थे जो जमीन में फैले होते थे बनी इसराइल उन्हें पीसकर रोटी बना लेते जबक सलवा एक किस्म के परिंदे थे जो दरिया की तरफ से आते थे मुद्दतों यह लोग मन्नो सलवा खाते रहे उनके कपड़े मैले होते और ना ही फटते जब उनको पानी की हाजत हुई तो वह भी अता कर दिया गया जिसका तस्करा अल्लाह ताला ने यूं फरमाया और जब मूसा ने अपनी कौम के लिए पानी मांगा तो हमने कहा कि अपनी लाठी पत्थर पर मारो उन्होंने लाठी मारी तो उसमें से 12 चश्मे फूट निकले और तमाम लोगों ने अपना-अपना घाट मालूम करके पानी पी लिया हमने हुक्म दिया कि अल्लाह की अता फरमाई हुई रोजी खाओ और पियो मगर जमीन पर फसाद ना करते फिरो लेकिन दोस्तों बनी इसराइल ने हसबे आदत नेमत खुदा वंदी की नाशक करते हुए अदना चीजों की फरमाइश कर दी जैसा कि कुराने पाक में इरशाद है और जब तुमने कहा कि ऐ मूसा हमसे एक किस्म के खाने पर हरगिज सब्र ना हो सकेगा इसलिए अपने रब से दुआ कीजिए कि वह हमें जमीन की पैदावार साग ककड़ी गेहूं मसूर और प्याज दे आप अल सलाम ने फरमाया बेहतर चीज के बदले अदना चीज क्यों तलब करते हो वादी तह में बनी इसराइल के साथ अल्लाह के दो पैगंबर हजरत मूसा अलैहि सलाम हजरत अलैहि सलाम और दो नेक बंदे हजरत यूशा बिन नून और हजरत कालेब बिन योकन भी थे और अल्लाह ताला उनके तुफैल बनी इसराइल को 40 साला कैद और सजा के दौरान भी अपनी नेमतों और इनामा से नवाजता रहा लेकिन बनी इसराइल अपने मकरू फरेब से बाज ना आए हजरत मूसा अल सलाम के दौर का एक और वाकया भी काबिले जिक्र है जो बैल जिबाह करने के हवाले से है हजरत इब्ने अब्बास रज अल्लाह ताला अन्हो और दीगर कई बुजुर्ग फरमाते हैं कि बनी इसराइल में एक बहुत मालदार बूढ़ा था जिसके भतीजे उसकी मौत के मतम थे ताकि वह वारिस बन जाए लिहाजा एक ने उसे कत्ल कर डाला और उसकी लाश फेंक दी लोगों को सुबह पता चला तो कातिल की तलाश शुरू हो गई मगर कुछ इल्म ना हो सका लोग हजरत मूसा अलैहि सलाम के पास आए तो आप अलैहि सलाम ने अल्लाह ताला से दुआ की जिस पर अल्लाह ने हुकम फरमाया कि एक गाय जिबाह करें कुराने मजीद में इस वाक को यूं बयान किया गया है और जब मूसा अलैहि सलाम ने अपनी कौम के लोगों से कहा कि अल्लाह तुमको हुकम देता है कि एक बैल जिबाह करो तो वह बोले क्या तुम हमसे मजाक करते हो मूसा अलैहि सलाम ने कहा मैं अल्लाह की पनाह मांगता हूं कि नादान बनू उन्होंने कहा अपने परवरदिगार से पूछकर बताएं कि वह बैल किस तरह का हो कहा परवरदिगार फरमाता है वह बैल बूढ़ा हो और ना बछड़ा बल्कि उनके दरमियान यानी जवान हो सो जैसा तुमको हुकम दिया गया है वैसा करो उन्होंने कहा अपने परवरदिगार से पूछकर बताइए कि उसका रंग कैसा हो मूसा अल सलाम ने कहा परवरदिगार फरमाता है कि उसका रंग गहरा जर्द हो कि देखने वालों के दिल को खुश कर देता हो उन्होंने कहा परवरदिगार से फिर दरख्वास्त कीजिए कि हमको बता दे कि वह और किस-किस तरह का हो क्योंकि बहुत से बैल हमें एक दूसरे के मुशा बेह मालूम होते हैं फिर अल्लाह ने चाहा तो हम ठीक बात मालूम हो जाएगी मूसा अल सलाम ने कहा अल्लाह फरमाता है कि वह बैल काम में लगा हुआ ना हो जमीन जोतता हो और ना ही खेती को पानी देता हो उसमें किसी तरह के दाग ना हो गर्ज बड़ी मुश्किल से उन्होंने उस बैल को जिबाह किया तो हमने कहा इस बैल का कोई सा टुकड़ा मकतूल को मारो इस तरह अल्लाह मुर्दों को जिंदा करता है और तुमको अपनी कुदरत की निशानियां दिखाता है ताकि तुम समझो अल्लाह के हुक्म के मुताबिक गाय के गोश्त का हिस्सा मकतूल के जिस्म से मिलाया गया तो वह जिंदा होकर खड़ा हो गया उसकी रगों से खून बह रहा था फिर हजरत मूसा अल सलाम ने उससे सवाल किया कि तुझे किसने कत्ल किया उसने जवाब दिया मुझे फलां भतीजे ने कत्ल किया यह कहकर वह मर गया और जैसा था वैसा ही हो गया यूं अल्लाह ताला ने उस कौम के कहने पर कातिल का पता उन्हें बता दिया दोस्तों रिवायत में हजरत मूसा अलैहि सलाम और हजरत खिजर अलैहि सलाम का एक तफसील वाकया भी मिलता है वीडियो के लंबा होने के डर से यह वाकया बयान नहीं किया जा रहा यह वाकया हम किसी और वीडियो में आपके लिए बयान करेंगे इंशा अल्लाह अलबत्ता हजरत मूसा अलैहि सलाम और कारूनीसू का तजक फरमाया है कारूनीला के जमाने में बनी इसराइल का एक बहुत अमीर कबीर लेकिन निहायत मुतकब्बीर था कुरान मजीद के मुताबिक उसके खजानो की कुंजियां कई ताकतवर लोग मिलकर बमुश्किल उठा पाते हजरत अता रहमतुल्ला अलह से रिवायत है कि उसे हजरत यूसुफ अलैहि सलाम का एक मद फून खजाना मिल गया था हिया बिन सलाम और सईद बिन मुसैला ताला अलैह ने फरमाया कि कारन सरमाया दार था और फिरौन की तरफ से बनी इस्राइल की निगरानी पर मामूर था उस ओहदे पर रहकर उसने बनी इसराइल को बहुत सताया हजरत इब्ने अब्बास रज अल्लाह ताला अन्हो की रिवायत है कि यह हजरत मूसा अलैहि सलाम का चचा जाद था बाज रिवायत में है कि कारूनीला ने मी कात के लिए मुंतखाब फरमाया था मगर उसे अपने इल्म पर नाजो गरूर पैदा हो गया था और उसे अपना जाती कमाल समझ बैठा था रूहल मानी में मोहम्मद बिन इसहाक रहमतुल्ला अल की रिवायत से नकल किया गया है कि कारूनीसू से ज्यादा उसे तौरा याद थी मगर सामरी की तरह मुनाफिक साबित हुआ उसकी मुनाफ कत का सबब दुनिया की जा हो इज्जत की बेजा हिरस थी और चूंकि पूरे बनी इसराइल की कयादत हजरत मूसा अलैहि सलाम को हासिल थी और उनके भाई हजरत हारून अलैहि सलाम उनके वजीर और शरीके नबूवत थे उसको यह हसद हुआ कि मैं भी तो उनकी बरादरी का भाई और करीबी रिश्तेदार हूं मेरा इस सियासत और कयादत में कोई हिस्सा क्यों नहीं चुनांचे मूसा अलैहि सलाम से इसकी शिकायत की हजरत मूसा अलैहि सलाम ने फरमाया कि यह जो कुछ है अल्लाह ताला की तरफ से है मुझे इसमें कुछ दखल नहीं मगर वह इस पर मुतमइन ना हुआ और हजरत मूसा अलैहि सलाम से हसद करने लगा प्यारे दोस्तों फरमान इलाही है कि एक रोज कारूनीला ठाट और शानो शौकत के साथ अपनी कौम के सामने निकला जो लोग दुनिया के तालिब थे कहने लगे जैसा मालो मता का को मिला है काश ऐसा ही हमें भी मिले यह तो बड़ा ही साहब नसीब है लेकिन जिन लोगों को अल्लाह का इल्म दिया गया था और जो साहिबे ईमान थे वह कहने लगे तुम पर अफसोस है मोमिनो और नेको गों के लिए जो सवाब और अजर अल्लाह के हां तैयार है वह इससे कहीं ज्यादा बेहतर है और वह सिर्फ सब्र करने वालों को मिलेगा दोस्तों मालूम हुआ कि कारूनीलम और दौलत से बेहद मोहब्बत थी वह जकात देता और ना अपना माल गरीबों पर खर्च करता हजरत मूसा अलैहि सलाम की बार-बार तंब के बावजूद उसका गुरूर और तकब्बल हसद बखी और गरीबों से नफरत रोज बरोज बढ़ती जा रही थी बिलार अल्लाह ताला ने उसे उसके माल दौलत समेत जमीन में दफन कर दिया सूर कस में अल्लाह ताला ने फरमाया पस हमने कारूनीसू अल्लाह ने एक अमीर कबीर मगरूर और बखी शख्स को रहती दुनिया तक इबरत का निशान बना दिया चुनांचे अल्लाह ताला का फरमान सच साबित हुआ और उसका ममी शुदा जिस्म 18981 7 को उसके जिस्म से गुलाफुल उसकी रकाबी की एक खुली अलामत थी उसने इस अमल का तफसील तस्करा और जिस्म के जायज का हाल अपनी किताब शाही ममि 1912 में दर्ज किया है इस वक्त यह मम्मी महफूज रखने के लिए तसल्ली बख्श हालत में थी हालांकि उसके कई हिस्से शिकस्ता हो गए थे उस वक्त से मम्मी कायरा के अजायब घर में सया हों के लिए सजी हुई है इसका सर और गर्दन खुले हुए हैं और बाकी जिस्म को एक कपड़े में छुपाकर रखा हुआ है कौम फिरन पर नाजिल किए गए अजबा दोस्तों उम्मते मुसलमा के लिए ना सिर्फ बायस इबरत बल्कि गौर और फिक्र की दावत भी देते हैं 58 मुस्लिम मालिक और अढ़ाई अरब मुसलमान जिस बदहाली और तनज का शिकार हैं वह अल्लाह की नाराजगी और अल्लाह से बेरा रवी की वजह से हैं नमाज पढ़ते हैं हम हज उमरा अदा करते हैं जकात देते हैं और कुरान पाक पढ़ते हैं लेकिन सूद को बुरा नहीं समझते रिश्वत लेना और देना मजबूरी गरदाना जाता है झूठ बोलना धोखा देना मामूली बात समझी जाती है नाप तोल में कमी मिलावट बेईमानी हेरफेर कारोबार का हिस्सा है अमर बिल मारूफ और नहीं अनिल मुनकर तरक्की की राह में रुकावट समझे जाते हैं अगर यह सब आमाल ही हमारी कामयाबी और कामरान का पैमाना है तो फिर गलाज के इस ढेर पर बैठकर हमें अल्लाह की मजीद नाराजगी का इंतजार करना हो होगा जो इफरा अजाब भी हो सकता है और इजतेमा भी अल्लाह पाक हम सबको ऐसे कामों से बचाए जो उसके गजब को दावत देने वाले हो आमीन तो दोस्तों यह थी हमारी आज की वीडियो उम्मीद करते हैं कि हमारी आज की यह वीडियो आप सबको पसंद आई होगी आज की इस वीडियो के मुतालिक अपनी राय का इजहार कमेंट बॉक्स में लाजमी कीजिएगा मुझे अगली वीडियो तक इजाजत दें फी अमान