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लॉजिकल रीजनिंग का परिचय और उपयोग

हलो गाइस आप सबका बहुत-बहुत स्वागत है और काफी दिनों बाद आज हम लोग मिल रहे हैं और आज से हम लोग लॉजिकल रीजनिंग को पढ़ना स्टार्ट करने वाले हैं आज के इस चैप्टर में बात करेंगे स्टेटमेंट क्या है और आर्गमेंट क्या है आगे वीडियो नहीं बना पा रहा था और मुझे बहुत ज़्यादा ग्याप हो गया वीडियो बनाने में उसके पीछे ये कोई कारण नहीं है कि मैं अब यूट्यूब पे वीडियो नहीं बनाओंगा अभी मेरी वाइरल के वज़े से तब्यात बहुत खराब हो गए और आपको पता है ठंड इतनी हो रही है कि बिना कुछ कवर किये अगर पढ़ाई कराने की कोशिश करो तो उससे भी जो होते है एक दो गंटे में तरियत खराब हो जा रही थी तो उस वज़े से एक बहुत लंबी डुरेशन तक मैं आप लोगों को नहीं पढ़ा पाया बट अब कोशिश करूँगा कि तब्यत ना खराब हो और मैं continue कर पाऊं इन वीडियोस को तो ऐसा कुछ भी नहीं है कि अब मैं यूट्यूब पे नहीं पढ़ाऊंगा यूट्यूब पे पढ़ाना मेरा पैशन है हम लोग यहाँ पे teaching aptitude, research aptitude वगैरा को हमने up to date जो है playlist बना दी है आने वाले समय में बाकी सेक्शन को भी हम कवर करेंगे और इसके लाबा इस बार जो पेपर हुए हैं उसमें जो जो नए नए टॉपिक्स आए हैं उनको भी जो हैं हम लोग यूट्यूब पे एक सिरीज बना करके कवर करेंगे ठीक है तो आई होगा आपकी कोई गलत जो फैम तो आपको पता है हमारा जो logical reasoning है वो कुछ आसान नहीं है उसमें दिमाग लगाना पड़ता है बहुत ही logical तरीके से step by step हमें follow करना होता है और logical reasoning में दो प्रकार की reasonings आप कहलो आ गई हैं एक है हमारी western वाली और एक है हमारी indian logic वाली है तो western logic है indian logic है इन दोनों को ही समझने से क्योंकि अगर आप logical reasoning को एक इमारत मानो, तो statement और argument उसके building blocks है, उसके इट पत्थर जैसे हैं, तो अगर आपने ये नहीं समझा है कि statement क्या है और argument क्या है, तो आगे भी आपको logical reasoning नहीं समझ में आएगा, तो most important ये वीडियो है, इस वीडियो को पूरा देखना, और चलिए आज का वीडियो हम लोग स्टार्ट करते हैं। चेक है लेकिन उससे पहले क्या-क्या चीज़े मैं आपको फ्री में प्रोवाइड करता हूँ उसके बारे में बात कर लेते हैं। यूट्यूब पे आपको लेक्चर्स मिलते हैं जबकि टेलेग्राम पे आपको डेल और यहाँ पर आपको उन्हीं कॉशिंस की बेसिस पर टू जा पॉइंट फ्री लेक्चर मिलेगा तो यह सबकुछ आपके लिए फ्री हैं इसके लावा यूट्यूब पर जो भी लेक्चर्स होते हैं उससे रिलेटेड नोट्स और उससे रिलेटेड जो प्रेवेसर कॉशिं� तो चलो गाईस आगे बढ़ते हैं और statement और argument क्या है इसके बारे में हम लोग थोड़ा सा बात कर लेते हैं। वो होती है statement, logical reasoning में आप जो भी चीज़ पढ़ते हो चाहे western में, चाहे indian में, उसका जो base होता है, उसकी जो सबसे चोटी इकाई होती है, सबसे पहली unit होती है, वो statement होती है, हर एक चीज़ कई statement से मिल करके बनी होती है, तो सबसे पहले इसको जाना जरूरी है कि statement का क्या मतलब तो काफी बच्चे इसे confused करते हैं preposition से, preposition grammar का term है, preposition होता है वो, ये preposition नहीं है, ये proposition है, तो ये grammar वाला term नहीं है, ये बिल्कुल अलगी चीज़ है, बस आप याद कर लो इसको कि statement का मतलब होता है proposition, तो question में कभी आपको proposition लिखा हुआ दिखेगा, कभी आपको statement लिखा हु� यह जो पूरा वीडियो है, इसमें मैं statement शब्द का use करेंगा, क्योंकि यह सुनने में जादा अच्छा लगता है और आसान होता है, proposition बार-बार बोलूंगा तो हो सकते हैं, आप लोग confused हो जाओंगे, anyways, तो statement होता क्या, statement का मतलब है कि ऐसा sentence, statement का क्या मतलब है, एक वाक्य, को� कोई जानकारी है, कोई information है, तो वो information सची भी हो सकती है और जूटी भी हो सकती है. अगर कोई वाक्य है और वो हमको कोई नई जानकारी दे रहा है या कोई भी पुरानी भी जानकारी उसके अंदर है, तो दो ही चीज़े हो सकती है ना, या तो वो जानकारी सच हो सकती है, या तो वो जानकारी जूट हो सकती है. जैसे मैं बोलूं कि मैं कल मार्केट गया, तो मैं कल मार्केट गया एक वाक्य है, अब ये बात सच भी हो सकती है, हो सकता है मैं सच बोल रहा हूँ मैकल मार्केट गया, ये ये भी हो सकता है कि ये बात जूट हो कि मैकल मार्केट गया था, दोनों बाते हो सकती हैं, तो आपको ध्यान रखना है कि ऐसा sentence जिसमें कुछ information हो, कुछ content हो, और उस information की वज़े से दो जिनमें जो information है, वो true भी हो सकती है, और false भी हो सकती है, तो ऐसे sentence को हम statement बोलते हैं, I hope आपको clear हो गया, अच्छा, अब आपके मन में आ रहा होगा, तो कि भाई ऐसे तो सभी वाक्यों को हम कह सकते हैं, कि वो true भी हो सकते हैं, false भी हो सकते हैं, नहीं भाई, ऐसे बहुत सारे वाक्य हैं, जिनको आप true या false नहीं बोल सकते, और ऐसे वाक्य कहलाते हैं, ऐसे sentences कहलाते हैं, non-statement, जैसे मान लो कोई question है, interrogative sentence है कोई, अगर मैं बोलूं क्या कल मैं मार्केट गया, अब यहाँ पे कोई इंफर्मेशन नहीं दे रहा हूँ मैं, मैं तो उल्टा ऐसा वाक्य बना रहा हूँ जो कि आपसे इंफर्मेशन माँग रहा है उल्टा, तो यहाँ पे अब इसको आप सच या जूत नहीं बोल सकते, तो कोई कहीं किसी भी sentence में अगर information होगी तो ही उसको आप true false बोल सकते हो, जहां information नहीं है इस प्रकार के वाप के interrogative imperative इनको हम non-statement बोलते हैं, और अच्छी बात यह है कि अब हम लोग जब आगे बढ़ेंगे तो हम non-statements की बात कभी भी नहीं करेंगे, क्योंकि हमारा जो भी चीज़े हम विस्तार करने वाले हैं और argument structure देखने वाले हैं उन सब में किसकी हम बात करेंगे, केवल statement या proposition की बात करेंगे, आयो पाप को समझ में आ गया? अब ये जो statement है अगर academic terms में बोलें तो एक बार फिर से देख लेते हैं statement मैंने आपको क्या बताया या academic भाषा में अगर बोलें तो statement क्या होता है जिसकी truth value होती है तो इस बात को ये शब्द समझ लेना है क्योंकि questions करने हैं और समझने हैं आसानी होती है तो statement क्या है एक ऐसा sentence है जिसकी एक truth value होती है truth value मतलब कि हम कह सकते हैं कि statement जो है या तो true होगा या तो false होगा, तो truth value का मतलब क्या है, यह truth value दो प्रकार की है, या तो कोई statement true हो सकता है और या तो कोई statement false हो सकता है, बस इतना आपको समझना था, इसके लिए मैंने आपको पूरी कहानी बताई, ताकि जड़ जो है आपकी जो foundation है, जो नीव है, वो अच्छी हो जाए, इसलिए मैंने आपे इतना time दिया, तो statement या proposition क्या है, जिसकी कोई truth value हो, और वो truth value या तो true हो सकती है और या तो false हो सकती है, अब हम बढ़ते हैं दूसरे बिल्डिंग ब्लॉक की ओर जिसका नाम है आर्ग्यूमेंट तो आर्ग्यूमेंट का मतलब होता है न्याय वाक्य या तरक है तो आर्ग्यूमेंट का जन्मली हम लोग बहुत नेगेटिव कोनोटेशन लेते हैं आर्ग्यूमेंट शब्द का कि कोई भी व्यक्ति बहस करता है तो हिंदी में या हमारे चारों और जो समाज है वो तरक वितरक वैसे तो इसका शुद्ध जो अनुवाद है वो तरक है या लेकिन डेली बोलचाल की हमारे समाजिक भाषा में हम लोग आर्गुमेंट बोलते हैं तो हमारे कहने का मतल है ना, जैसे कोई वेक्ति अधिक बोल, जादा बोल रहा है, तुम कहते हैं, रे तुम जादा argument मत दो, जो बताय जारा है उतना करो, है ना, तो हम लोग कहना चाहें कि रे तुम जादा बहस मत करो, और जो बताय जारा है उसको follow करो, है ना, तो हमारे समाज में जो argument का अर्थ ह प्रूव करने की कोशिश करते हैं तो हम आर्ग्यूमेंट का यूज करते हैं बेना आर्ग्यूमेंट का यूज किये आप अपने आपको प्रूव नहीं कर सकते आप अपनी बात को सिद्ध नहीं कर सकते तो यह जो आर्ग्यूमेंट होता है यह दो कहलो कि यह आर्ग्यूमें� कई statements से मिल करके क्या बनता है argument बनता है और argument का use हम लोग क्यों करते हैं अपनी point को अपनी बात को सिद्ध करने के लिए prove करने के लिए हम लोग argument का प्रियोग करते हैं अब argument के structure की बात की जाये तो इसके दो भाग होते हैं पहला भाग होता है argument का premise और दूसरा भाग होता है argument का conclusion पहला भाग है premise प्रिमाईस जो एक आपको जानकारी दे और conclusion दूसरा भाग कि जो पहले आपको premise में जानकारी दी गई उससे नई जानकारी क्या निकल किया या निशकर्ष क्या निकल किया तो premise का मतलब होता है पहले से दी जाने वाली जानकारी और conclusion जो होता है वो होता है नई जानकारी है ना नई जानकारी या जो हमने point बोले उनक एक premise और conclusion का यहाँ पे example दिया हुआ है यहाँ पे premise में कोई बात कही गई है क्या बात है the sun has harmful UV rays while sunscreen protects us from them कहा रहा है कुछ दो चार बातें दी गई है कहा रहा है कि सूरज में UV rays होती है और sunscreen लगाने से जो है यह कुछ facts हैं कुछ तत्य हैं और इससे एक नई जानकारी निकल के आ रही है नई जानकारी क्या निकल के आ रही है कि इसका मतलब यह है कि भाई जब भी आप बाहर निकलो जब भी आप धूप में निकलो आप संस्क्रीन जरूर लगाओ तो पहले जो पहले कुछ जानकारीयां दी गई प्रिमाईस के अंदर प्रिमाईस मतलब जो पहले से आपको दे दिया गया है पहले से जो जानकारी दे दे गई है कि धूप में यूवी रेज होती है और संस्क्रीन यूवी रेज से प्रोटेक्ट करता है और कंक्लूजिन क्या तो sunscreen लगा के जाओ, आयूब आपको समझ में आ गया क्या premise, क्या conclusion, फिर भी नहीं समझ में आया, तो मैं आपको एक सूत्र दे रहा हूँ, उसको रट लो, जब भी दो sentences के बीच में therefore लगा होगा, जब भी दो sentences के बीच में therefore लगा होगा, तो therefore के बाद conclusion आता है, और therefore से पहले premise तो ये जो इसलिए है या इंग्लिश में बोलो तो जो therefore word है ये आपको पहचानने में मदद कर देगा कि premise क्या है और conclusion क्या है। अब आप हिंदी भाषा में या इंग्लिश भाषा में कोई भी sentence या कोई भी construction बना लो जिसमें therefore आता हो या इसलिए आता हो तो आप ऐसा इसका कोई अपवाद नहीं है कुछ भी बनाओगे therefore या इसलिए कि बाद जो आएगा वो conclusion ही होगा और उससे पहले जो आएगा वो premise हो� ठीक है, तो मैं कल रात को पढ़ाई नहीं कर पाया, या मैं कल रात को homework नहीं कर पाया, या इसको ऐसे कह लो, कल रात को light नहीं आ रही थी, इसलिए मैं कल रात को homework नहीं कर पाया, अब देखो यहाँ पे भी इसलिए लग रहा है, there was no electricity yesterday, या last night, therefore I could not complete my homework, तो कहीं पे भी, कोई argument क्या है, कई सारे statements को मिलके तरक बनता है, जिससे हम अपना point prove करना चाहते हैं, या नया conclusion निकालना चाहते हैं, और इसके दो भाग होते हैं, premise और conclusion, जो कि कैसे पहचानना है आपको क्या premise, क्या conclusion, therefore के बाद जो आएगा वो conclusion होगा, और therefore के पहले जो आएगा वो premise होगा, समझ म प्रॉब्लम जो आप लोगों को थोड़ी सी सताती है या थोड़ी सी confusion जो आप लोगों सताती है कि आप लोग दो शब्दों के बीच में बहुत ज़ादा confused हो जाते हो और वो शब्द है proposition and premise क्योंकि दोनों पी पी से हैं नए नए सुने हुए शब्द हैं तो इन दोनों में आप confused हो जाते हो कि proposition क्या होता है और premise क्या होता है और इनमें क्या समानता या असमानता है तो आप लोग सोचो और comment करो भाई कि क्या हो सकता है premise proposition में क्या अंतर है तो अब समझ लो तो premise जैसे मैंने बोला ये argument का एक भाग है premise और conclusion मिला करके एक argument बनता है अब premise के अंदर जो वाक्ये हैं एक भी हो सकता है कई भी हो सकते हैं और conclusion के अंदर जो वाक्ये हैं जो sentences हैं एक भी हो सकता है कई भी हो सकते हैं ये सारे sentences जो premise में या conclusion में कहीं पे भी हैं वो सारे sentences क्या कहलाते हैं proposition या statement कहलाते हैं तो आप ऐसा कह सकते हो कि एक argument जो है उसके अंदर premise भी कई propositions से मिलके बना है, या statements से मिलके बना है, और conclusion भी एक या अनेक propositions या statements का मिलके बना हुआ होता है, शब्दा वाली को ठीक करते हुए चलना, वरना आने वाले समय में जब word meaning ही नहीं समझ में आएगे, तो question बिलकुल भी नहीं समझ में आएगा, और बिलकुल correct उनको बोल भी रहा हूँ, ताकि आप से बिलकुल भी गलती ना हो, बिल्कुल अच्छे से याद कर लो प्रिमाईस क्या है, प्रोपोजिशन क्या है और स्टेक्मेंट क्या है आयो पे समझ में आ गया, अब हम आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं अजर्शन और रीजन की अजर्शन और रीजन के भी कई सवाल जो है आते हैं हमारे एकजाम में और बच्चे बहुत ज़दा कंफ्यूज भी होते हैं अजर्शन और रीजन भी क्या है हमें तो समझ नहीं आया, पहला आप्शन सही है, दूसरा सही है, क्या सही है तो वो तो आपकी ठीक होंगी, प्लस इस पे based questions भी बहुत ज़ादा logical reasoning में भी आते हैं, तो इसको ऐसा मान लो, कि जब भी हम कोई तरक देते हैं, जब भी कोई तरक देते हैं, जब भी कोई नयाए वाक्य या argument करते हैं, तो इस argument को करने के दो तरीके हैं, एक तो जो argument ही है, ज तो assertion और reason जो है मिलकर किस से बनता है? assertion और reason से अब ध्यान से समझना कि इन दोनों की जो बाते होती हैं वो equal होती हैं जो बात हम premise conclusion में कहते हैं उसको बोलने का दूसरा तरीका है assertion and reason ऐसा कुछ assertion and reason कुछ अलग नहीं है same वही चीज है बस उसको बोलने का एक अलग तरीका है और वो क्या तरीका है कुछ नहीं है हमें पता है कि argument के अंदर premise के बाद conclusion आता है तो अगर हम इन दोनों का जो आने का क्रम है वो पलट दें, सीरियल पलट दें, तो assertion और reason बन जाता है, तो जहांपे premise था वो reason बन जाता है, assertion और reason में, और जो conclusion था वो assertion बन जाता है, कैसे बनता है और एक example से भी देख लेते हैं, अब देखो उपर जो हमने example लिया था उसको हमने ठीक पलट दिया, तो क्या बन गया, पहले आ गया कि कोई भी व्यक्ति जब बाहर निकले, तो उसे sunscreen लगाने चाहिए क्योंकि सूरज में harmful UV rays होती हैं और sunscreen जो है उससे protection देता है अब देखो वही same example है but वहाँ जो पहला statement था वो यहाँ दूसरा statement हो गया और वहाँ जो दूसरा statement था वलब पलट दिया है ना तो premise conclusion में जब आप conclusion को उपर रखके premise को नीचे रखके उसका structure बनाते हो तो वो assertion and reason का structure मन जाता है और कुछ अलग नहीं होता केवल एक difference होता है, और यह आपको मैं यहां लिखके बता दे रहा हूँ, इसको आप अच्छे से देख लो, कि therefore लगता है premise and conclusion में, therefore से पहले premise आता है, और therefore के बाद conclusion आता है, लेकिन जब आप इनकी position पलट दोगे, यानि कि conclusion जब आजाएगा आपके assertion की जगापे, और premise आजाएगा reason की जगापे, तो बीच में therefore ना आके because हो जाएगा, या क्योंकि आजाएगा, बस ये चीज अगर आपको याद हो गई तो आपको assertion reason और premise conclusion क्या होता है ये समझ में आ जाएगा, जैसे यहाँ पर भी आप देख सकते हो कि बाहर जाते time sunscreen को apply करना चाहिए क्योंकि धूप में harmful rays होती हैं और sunscreen हमें उनसे बचाता है, तो यही example same था, but करम पलटा हुआ था और तो इन दोनों के connecting points जो होते हैं, ये आपको I hope clear हो गए, प्रिमाईज conclusion के बीच में therefore, assertion reason के बीच में because, और जो conclusion है, वही assertion है, और जो प्रिमाईज है, वही रीजन है वही रीजन है ना ओके तो आपको अजर्शन और रीजन भी क्लियर हो गए अब हम आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं कैटेगोरिकल प्रोपोजीशन की अगेंड थोड़ा सा ब्राशित में करा दूं वो जाता है आप लोग अब फिर से नया टाउम देखो थोड़ा सा ब्राशित में कर लेते हैं याद करो हमने उपर प्रोपोजीशन का क्या मतलब था उसके बारे में हमने क्या बोला है हमने बोला कि जो सबसे पहली definition थी वो proposition या statement के बारे में थी है ना, तो हमने बात करी थी statement जहां कुछ information होती है और truth value है, true या false हो सकता है, वो proposition या statement होता है, सबसे पहले पहले हमने उसी की बात करी थी, तो अब हम यहाँ पे कोई proposition के नहीं, केवल categorical proposition की बात कर रहे हैं, categorical proposition एक subtype है proposition का, जिसमें limited items की बात की जाती है, limited number of items की बात की जाती है, एक certain category की बात की जाती है, जैसे जो statement एक generalized statement है वो तो दुनिया की कोई भी information हो सकती है, वो statement है, प्रोपोजिशन तो दुनिया की कोई भी जानकारी हो सकती है, लेकिन जब हम आगे बढ़ेंगे और थोड़े complex सवाल लगाएंगे तो दुनिया की कोई भ उनको सही से करने के लिए और उन लॉजिक को समझने के लिए हमें कुछ निश्चित proposition या statements को ही जानना है, दुनिया की सारी जानकारी हमारे मतलब की यहाँ पे नहीं है। जैसे all men are good ऐसे कहीं लिखा होगा, कहीं लिखा होगा, no cat is dog, तो some cats are dogs, ऐसे no all, some वाले जो आप चोटी-चोटी ऐसे questions देखते होगे, ये सारे जो statements हैं, सारे statements हैं, जो सारे sentences हैं, ये categorical proposition कहलाते हैं, जो कि certain पैटर्न को फॉलो करते हैं, तो उस पैटर्न को समझ लो भाई, यह बहुत ज़रूरी है कि भाई इसका आखिर पैटर्न होता क्या, किस पैटर्न पर यह बेज़्ड होते हैं, तो इसका पैटर्न हम देख लेते हैं, इनका स्ट्रक्चर हम लोग देख लेते हैं, तो इसमें स� गुड तो देखो चार ही वर्ड आते हैं चार ही आते हैं इसके अंदर इससे जादा नहीं होगे तो यहां समझ लो कि जैसे मैंने बोला शुरुआत में आती है quantity तो यहां पर या तो all आएगा या तो sum आएगा कभी कभी आपने देखा हो का लिखा रहता है all manner good कभी कभी लिख फिर आता है हमारा subject, अब subject मतलब कि जो doer है या जो जिसके बारे में main बात हो रही है, वो हमारा subject है sentence का या statement का, फिर आता है helping verb, कभी-कभी होगा are, कभी-कभी होगा are not, मतलब यहां बता रहा है कि statement affirmative है, सकरात्मक है, नकरात्मक है, negative है, तो इसलिए, पॉजिटिव नेगिटिव को हम कहते हैं गुण, और गुण को इंग्लिक्स में बोलते हैं quality, तो ये जो part है हमें quality दर्शाता है, और final part होता है predicate, अब इसी के basis पर कई सारे statements देखे होंगे, all dogs are cats, all trees are butterflies, इसी तरीके से आपने देखा होगा लिखे रहते हैं, तो इसका मतलब क इसका कोई formula नहीं बना सकते, यहाँ मतलब कुछ भी आ जाएगा, butterfly, tree, table, chair, जो भी डालना चाहो, question में आपको दिख जाएगा, तो ठीक है, इससे ज़्यादा मतलब नहीं, लेकिन अगर बात करें quantity की, तो यहाँ केवल दो ही शब्द आ सकते हैं, एक आ सकता है all, और एक आ सकत उसी तरीके से quality की बात करें तो वो भी दो आ सकती है, या तो ये statement positive या affirmative हो सकता है, सकरात्मक हो सकता है और या तो ये नकरात्मक हो सकता है, तो आयो आपको structure समझ में आ गया है, structure क्या है, एक बार फिर से देखो, structure ये है कि जो categorical proposition है, वो चार चीजों से मिलके बना है, quantity, subject, quality जिसमें quantity दो प्रकार की है, all आ सकता है या some आ सकता है, और quality भी दो प्रकार की है, वो statement positive हो सकता है या negative हो सकता है, है न, okay, अब हम बात करते हैं कि कितने प्रकार के ये categorical propositions बन सकते हैं, कितने प्रकार के ये बन सकते हैं, अब यहाँ पे quantities देखो दो प्रकार की है, all और some, और qualities भी दो प्रकार की है, positive और negative.

अब जब इनको हम combine करेंगे, मान लो यहां से हमने all उठा लिया, यहां से हमने positive उठा लिया, यहां से हमने sum उठा लिया, यहां से हमने negative उठा लिया, हना, यह जो हमारे पास दो quantity और दो quality हैं, जब हम इनको आपस में combine करते हैं, तो हमारे पास चार अलग-अलग options बन करके आते दूसरा option, मान लो हमने all लिया और all के साथ हमने negative quality को मिला दिया, तीसरा option, मान लो हमने sum quantity को लिया और उसके साथ positive quality को मिला दिया, और चौथा option, sum हमने quantity लिया और उसके साथ negative quality को मिला दिया, तो इन quality और quantity को जब हम combine करेंगे तो ये चार possible options हमारे पास आ जाएगे, हाना जी? तो all को हम universal भी बोल सकते हैं और sum को हम particular भी बोल सकते हैं exam की भाषा में, मतलब हमारी academic भाषा में, जैसे यहाँ पर लिखा है, all को आप बोलते हो universal और sum को आप बोलते हो particular, तो अगर कोई ऐसा categorical proposition हम design कर रहे हैं, जिसमें all है और positive statement है, तो आप इसको बोलोगे universal positive statement या universal positive statement या universal affirmative statement है ना, और इसको हम दर्शाते हैं a variable से, अब a क्यों कहते हैं, इसका कोई उत्तर नहीं है, but एक variable assign किया गया है, कि जो भी universal positive statements होंगे, उनको हम बोलेंगे a, a proposition, अगर हम subject में man लें, और predicate में good लें, तो ये बन जाएगा all men are good, all men are good, अब subject predicate में हम कुछ भी रख सकते थे, हमने यहाँ पर कर दिया है, मेरी practice बनी बहुत सालों से यही subject predicate ले रहा हूँ, अब देखो यहाँ पर positive statement रखा और all लगाया, तो यह क्या हो गया, universal positive या universal affirmative, इसको signify करेंगे A से, उसी तरीके से अगर हम all लें और quality negative ले लें, तो यह क् क्लियर हो गया, तो ये क्या हो गया, universal negative, universal negative को हम define करते हैं, e proposition से, अब अगला combination देखते हैं, अगला बना है, sum और positive का, यानि अगर हम बोले, some men are good, positive रखना है, affirmative रखना है, और sum लगाना है, तो some men are good गया, और ये हमारा signifier होगा, I से, और इसको हम बोलेंगे, particular क्योंकि all नहीं लगाना, जब all लगा होता है तो हम कहते है universal, और जब some लगता है तो हम कहते है particular, और क्योंकि positive है तो हम कहेंगे particular positive, या आप कह सकते हो particular affirmative, और उसके बाद अगला है some और negative quality, तो उससे बन जाता है some men are not good, some men are not good, अच्छा writing को mind मत करना, सब कुछ लिखा भी हुआ है, printed भी है, तो वो भी अगर आपको दिखा दूँगा, और इसको हम signify करते हैं O से, ठीक है, तो यहाँ पे क्या है, इसको हम क्या बोलेंगे, particular negative, आईओग आपको समझ में आ गया, दो प्रकार की quality, दो प्रकार की quantity में, जो structure में होती है, उनको मिला करके हम यह चार propositions बना सकते हैं, इनके नाम यहाँ पे लिखे हुए हैं, A proposition, E proposition, I proposition and O proposition, अब आज की lecture के बाद आपका homework यह है, आपका काम यह है कि आप दिमाग में याद कर लो कि AEIO का क्या मतलब होता है वरना बाद में हवाईया छूट जाएंगी जब हम लोग आगे Venn Diagram पढ़ेंगे या Square of Opposition पढ़ेंगे क्योंकि वहाँ पे आप इतनी बड़ी बात थोड़ी बोलूंगा मैं कि हाँ भाई हम लोग आज यह देखो यह Universal Positive Statement लिखा है ऐसे थोड़ी बात करेंगे कि जब हम बोलें कि यह E Proposition है यह I Proposition है यह O है तो आपको पता चल जाना चाहिए कि किसकी बात हो रही है वरना गाड़ी छूट जाएगी आग गाड़ी आगे निकल जाएगी, आप पिछला जाएगे, आपको लोगे कि क्या बात हो रही है, समझ में नहीं आ रहा है, हाँ तो कोई बहुत कठिन चीज तो मैंने आपको बता ही नहीं है, समझ में आपको आगे ही, पहले स्टेब आपका हो गया, दूसरा स्टेब जो है वो complete होगा, है ना, और इसके अलावा, logical reading, अगर आपको मेरे से पढ़ना है, हमारी app और website पे, बिना ads के, और एक systematic तरीके से, एक topic को हम लोग पढ़ते हैं, और in fact, पूरा full fledged course paper 1 का बना हुआ है, that too on the basis of previous year questions, इसके लावा test series भी है, केवल आप question की practice करना चाहते हैं, और इन सब मे आपके ऊपर इसके अलावा कोई भी आपको जानकारी चाहिए कुछ आपको इंक्वारी करनी है यहां पर चैट कर लें कॉल नहीं केवल चैट को ऑप्शन है और इसके अलावा जितने भी हमारे कोर्सेस हैं उन पर KB10 कोड जब आप लगाते हैं तो आपको 10% डिस्काउंड मि हमने आज statement और arguments को बहुत अच्छे समझा, जिसमें सबसे पहले हमने बात किये यहाँ पे statements की या propositions की, और जिसमें हमने जाना कि वही सबसे पहली चीज होती है statement या proposition, जिसकी truth value होती है, true या false, उसके बाद हमने बाप की argument की argument premise और conclusion से मिलके बना होता है, जब हमें कोई निशक उसके बाद हमने बात की यहाँ पे assertion और reason की, assertion और reason बिल्कुल premise conclusion को पलट दो, therefore की जगह because लगा दो, तो assertion and reason मन जाता है, और फिर हमने बात की categorical proposition की, जिसमें हमने बोला की हम दुनिया के सारे proposition या statements की बात नहीं करेंगे आने वाले lectures में, कुछ निश्चित category के propositions हैं, और Western और Indian logic में, और finally हम लोग यहाँ पे बात करने वाले हैं syllogism की, तो syllogism का क्या मतलब होता है ध्यान से समझ लो, syllogism एक प्रकार का argument ही है, तो अभी हमने उपर argument देखा, जिसमें premise के बाद conclusion आता है, एक प्रकार का argument ही होता है syllogism, लेकिन यह pattern को follow करता है, कि दो premises के basis पे एक conclusion न जो है हमारा proposition के हिसाब से conclusion निकल के आता है, तो syllogism में जो है दुनिया के generic statements और proposition की बात ना करके, अभी अभी जो हमने उपर categorical proposition पढ़े हैं, उनसे जो argument बनता है, और वो argument में जिसमें दो premises पे उनके basis पे conclusion निकल करके आ रहा है, ऐसा जो argument का structure है, वो syllogism कहलाता है, और आने व आने वाले जो lectures हैं, उनमें हम लोग categorical propositions की ही बात करेंगे, उसी तरीके से आने वाले lectures में जिन arguments की हम लोग बात करेंगे, वो भी syllogism pattern पे base दोंगे, क्योंकि हम लोग categorical statement या categorical proposition के हिसाब से पढ़ते हैं, और syllogism उनहीं का प्रयोग करके बना होता है, तो example देख लेते हैं, दूसरा प्रमाइस दिया है, all elephants are mammals, यह सभी हाथी भी mammals है, यह दूसरा प्रमाइस दिया है, और इन दोनों के बेसिस में एक निशकर्ष निकल करके आया है, जो की है, therefore all elephants are mammals, अभी निशकर्ष कैसे निकल के आया, सही है नहीं है, यह सब हम लोग Venn Diagram वारे लिप्चर्स में सी जरिली मैं आपको time बताता हूँ कि भाई ये देखो हमने 20 मिनट में कर लिया ये आपके 2 गंटे लगते, इस class में मैं आपको बोलूंगा कि भाई आपने जो अभी 30 मिनट में सीका है, ये आप 6 गंटे की marathon कर लो, आपको इतना clear जो है कभी नहीं पता चलेगा, क्योंकि पढ़ तो जो app और website है उस पे भी जरूर से जाएं, link description में दिया है और वहाँ पे जाके free demo को जरूर से check कर लें, तो चलिए guys आज के लिए इतना है, मिलते हैं अगले वीडियो में, तब तक के ल