Hello everyone, आज हम पढ़ने वाले Class 10 Science का Chapter 6 जिसका नाम है Life Process यह जो Chapter है वो काफ़ी Interesting Chapter है क्योंकि इसके अंदर हम अपनी Life की जो Process होती है उन्हें हम Visuals और Animation की मदद से समझने वाले हैं तो चली स्टार्ट करते हैं तो सबसे पहले हम जानते हैं कि life process क्या होती है तो the process which maintain body functions and necessary for survival are called life process मतलब कि ऐसी process जो हमारे body के functions को maintain करती है और हमारे survival के लिए जरूरी होती है उन्हें हम life process कहते हैं तो हमारी बॉडी में चार में लाइफ प्रोसेस होती हैं जो कि है नूट्रिशन मतलब खाना बनाना, रेस्पिरेशन मतलब कि सांस लेना, ट्रांसपोर्टिशन मतलब बॉडी में सबस्टेंस का एक जगे से दूसरी जगे ट्रांसपोर्ट होना और एक्सक्रेशन मतलब कि ब� तो nutrition is a process by which organism obtain nutrients from food and utilize them to obtain energy for their daily activities, building and repairing their tissues मलब nutrition एक ऐसी process होती है जिसमें organism food से energy obtain करते हैं अपनी daily activities के लिए ताकि वो अपने tissues को build और repair कर सके यहाँ पर एक term है nutrients तो nutrients be substance होते हैं जो लिबिंग बॉडी की प्रॉफर ग्रोथ और मेंटिनेंस के लिए जरूरी होते हैं जैसे की कार्वो आइड्रेट, प्रोटीन, बिटामिन्स, मिनरल्स, एक्सेक्टरा तो अब हम देखते हैं कि nutrition कितने types के होते हैं तो nutrition basically दो type के होते हैं जो कि है autotropic nutrition और heterotropic nutrition तो सबसे पहले हम समझते हैं autotropic nutrition को तो it is a process in which an organism prepares its own food from a simple inorganic material like water and carbon dioxide in the presence of sunlight मतलब autotropic nutrition एक ऐसी process होती है जिसमें ओर्गेनिज्म अपना खाना सिंपल इन ओर्गेनिक मटेरियल जैसे की पानी और कारवन्डाई ओक्साइड से बनाते हैं संलाइट की प्रजेंस में और जो ओर्गेनिज्म ओर्टोट्रॉपिक न्यूट्रेशन से खाना बनाते हैं उन्हें हम ओर्टोट्रॉप्स कहते तो अब हम समझते हैं दूसरे टाइप के न्यूट्रेशन को जो कि है हैट्रोट्रॉपिक न्यूट्रेशन तो इट इस दा प्रोसेस इन विच ओरगेनिज्म डिपेंड अपन दा अधर ओरगेनिज्म फोर फूट टू सर्वाइब मतलब कि ये एक ऐसी प्रोसेस होती है जिसमें ओरगेनिज्म अपने फूट के लिए दूसरे ओरगेनिज्म पर डिपेंड रहता है तो जैसा कि आप जानते हैं कि हम human beings अपने food के लिए दूसरी चीजों पर depend रहते हैं जैसे कि wheat, rice, vegetables, meat, etc. और जो plants होते हैं वो अपना खाना खुद बना लेते हैं वो किसी पर depend नहीं रहते हैं तो अब हम कुछ organisms की nutrition process को अच्छे समझते हैं तो सबसे पहले हम समझते हैं nutrition in plants मतलब कि जो plants होते हैं उनमे nutrition कैसे होता है तो plants auto-drop nutrition से खाना बनाते हैं यह तो हम जानते हैं पर यहां हमें उस process को देखना है कि plants actual में खाना कैसे बनाते हैं तो plants जो हैं वो photosynthesis process से अपना खाना बनाते हैं तो यह प्रोसेस जिसमें ग्रीन प्लांट्स कंवर्ट सिंपल इन औरगेनिक मटेरियल कारबन डाय ओक्साइड और वाटर इंटो कॉंप्लेक्स औरगेनिक फूड मटेरियल ग्लूकोस इन प्रजेंस आप क्लोरोफिल और संलाइट इस कॉल्ड फोटो सिंथेसिस मतलब ऐसी प्रोसेस जिसमें ग्रीन प्लांट्स सिंपल इन औरगेनिक मटेरियल जैसे की वाटर और कारबन डाय ओक्साइड को कॉंप्लेक्स औरगेनिक मटेरियल ग्लूकोस में कंवर्ट कर देती है संलाइट और क्लोरोफिल की प्रजेंस में तो इस प्रोसेस को हम फोटो सिंथेसिस कहते हैं तो 6 CO2 plus 6 H2O gives C6H12O6 plus 6 O2 in the presence of chlorophyll and sunlight तो यहाँ पर आप देख सकते हो कारबन बाय ओक्साइड और बार्टर के 6 मॉलिकूल मिलकर गलूकुस बना रहे हैं और इसके साथ ओक्सिजन के 6 मॉलिकूल से रिलीज हो रहे हैं sunlight और chlorophyll की presence में तो अब हम देखते हैं कि जब photosynthesis process होती है तो हमें कौन कौन से events देखने को मिलते हैं तो सबसे पहले जो event है वो है absorption of light energy by chlorophyll तो photosynthesis में सबसे पहले जो light energy जो की sunlight से आ रही होती है वो chlorophyll के दौरा absorb की जाती है उसके बाद दूसरा जो event है वो है conversion of light energy into chemical energy and splitting of water in hydrogen and oxygen तो जब light energy chlorophyll के दौरा absorb कर ली जाती है तो वह chemical energy में convert हो जाती है और जो water molecules हैं वो hydrogen और oxygen में तूट जाते हैं और तीसरा जो event है वो है reduction of carbon dioxide to carbohydrates तो water के split होने के बाद जो carbon dioxide है वो carbohydrates में reduce हो जाते है अब reduction क्या होता है ये तो हमने पहले chapter में पढ़ लिया है reduction का मतलब होता है oxygen का remove होना या फिर hydrogen का जुड़ना तो यहाँ पर जो carbon dioxide है उसमें hydrogen add हो रहा है और वो carbohydrates form कर रहा है तो इन events को देखने के बाद आपको photosynthesis के events तो समझ में आ गए होंगे तो अब हम एक important terms को समझते हैं जो के chloroplast तो these are the small organelles found in plant cell इट्स contain chlorophyll which absorb sunlight for photosynthesis तो chloroplast जो है वो एक small organelle होता है जो की plant cell में पाया जाता है जिसमें की chlorophyll भरा होता है तो guys आपको ये याद रखना है की जो chlorophyll होता है वो chloroplast cell में पाया जाता है जो की photosynthesis के दोरान sunlight को absorb करता है तो चलिए अब हम heterotropic nutrition को थोड़ा detail में समझ लेते हैं तो heterotropic nutrition क्या होते हैं ये तो आप पहले ही समझ चुके हैं तो यहाँ पर हम ये समझेंगे कि heterotropic nutrition कितने types के होते हैं तो heterotropic nutrition तीन types के होते हैं saprophytic nutrition, parasitic nutrition और holozoic nutrition तो चलिए अब हम एक एक करके इन तीनों को समझते हैं तो सबसे पहले हम समझते हैं saprophytic nutrition को तो the mode of nutrition in which organism obtain food from dead and decaying organic matter मतलब की ऐसे nutrition जिसमें organism जो है वो अपना food मरे हुए और सड़े हुए organic matter से obtain करते हैं उसे हम saprophytic nutrition कहते हैं और जो organism saprophytic nutrition से खाना बनाते हैं उन्हें हम saprophytes कहते हैं जैसे की bacteria, fungi, etc. ये जो हैं वो dead or decaying organic matter से खाना बनाते हैं इसकी बाद heterotropic nutrition का जो दूसरा type है वो है parasitic nutrition तो it is the type of nutrition in which the organism live on or inside the body of their host and derive food from them without killing them मतलब ये एक ऐसा nutrition होता है जिसमें organism जो है वो host organism के अंदर या उसके उपर रहकर अपना nutrition पूरा करते हैं बिना उसको मारे तो ऐसे nutrition को हम parasitic nutrition कहते हैं तो अब आप सोच रहे होंगे कि host organism कौन से organism होते हैं तो ये बो organism होते हैं जिन पर रहका जो छोटे छोटे parasitic organism होते हैं वो अपना खाना बनाते हैं और जो organism parasitic nutrition से खाना बनाते हैं वोने हम parasite कहते हैं जैसे कि mosquito, lice ये दोनों जो organism होते हैं वो अपने खाने के लिए host organism पर depend रहते हैं जैसे कि mosquito humans पर और कुछ pet animals पर और lice भी humans और pet animals का कुछ चूज कर अपना खाना बनाते हैं और तीसरा जो टाइप है हेड्रोट्रॉपिक न्यूट्रेशन का वो है होलो जोइक न्यूट्रेशन The mode of nutrition that involves ingestion, digestion, absorption and assimilation of liquid or solid organic material मतलब कि ऐसा न्यूट्रेशन जिसमें organism liquid or solid organic material का ingestion करते हैं यानि कि खाते हैं उसके बाद उस खाने को absorb करते हैं फिर उसे energy लेते हैं फिर जो best बनता है उसे बाहर निकाल देते हैं For example, amoeba, human wings, etc. तो चलिए अब हम समझते हैं हैट्रोड्रॉबिट न्यूट्रेशन के कुछ एक्जामपल्स को तो सबसे पहले हम समझते हैं कि जो अमोईवा होता है उसमें न्यूट्रेशन कैसे होता है तो अमोईवा जो है वो अपना खाना है और ये एक यूनि सेलुरर ओर्गनिज्म होता है तो अमोईवा जो है वो एक एक्वाटिक ओर्गनिज्म होता है एक्वाटिव ओर्गनिज्म का मतलब पानी में रहने तो अमोईवा जब भी कोई खाने वाली चीज को देखता है तो वह फ्लोइट करते हुए उसके पास जाता है और अमोईवा के अंदर एक finger-like projection की एक structure पाई जाती है जिसको pseudo-podia कहते हैं तो pseudo का मतलब होता है false और podia का मतलब होता है pair वो अमोईवा के false पेरों का काम करता है तो जब भी कोई food particle अमोईवा के पास आता है तो अमोईवा pseudo-podia की help से उस food material को engulf कर लेता है मतलब घीर लेता है और उसे अपने अंदर ले लेता है और इस food material को amoeba अपने temporary stomach क्यानी की food vacuole में भेज देता है जहांपर उस food particle का digestion होता है और उससे जो energy release होती है उसे amoeba अपनी life process को continue करने के लिए इस्तमाल करता है और last में जो best बचता है उसे amoeba ऐसा structure बना कर भार फैक देता है इस process को हम agitation कहते हैं agitation का मतलब होता है अनि use substance को भार निकालना तो अब हम एक और organism के अंदर nutrition को समझते हैं जो कि nutrition in human beings तो human beings में जो nutrition होता है वो काफी complex process के दौरा होता है जिसमें की 5 process होती हैं जो के ingestion, digestion, absorption, assimilation and excretion तो चली ही समझते हैं इनको तो सबसे पहले हम food को अपने हाथों से अपने मूँ में रखते हैं और इस process को हम ingestion कहते हैं और जैसे ही खाना मूँ में पहुँचता है वहीं से digestion की जो process होती है वो सुरू हो जाती है वो food को छोड़े छोड़े parts में break कर देते हैं उसकी बाद जो हमारे mouth में tongue होती है वो food को test करती है और food को mouth के अंदर rotate करती है और उसके बाद हमारे माउथ में एक ग्लैंड पाई आती है जैसे स्लाइवरी ग्लैंड बोलते हैं वो स्लाइवर प्रडूस करती है जिसमें की स्लाइवरी या माइलेस नाम का एक इंजाइम पाया जाता है जोकि फूड में प्रजेंट कुछ स्टार् और यहां तक जो process हो रही है वो हमारे mouth के अंदर हो रही है जब food को चवा लिया जाता है और इसमें present कुछ starch को sugar में convert कर दिया जाता है तो जो food होता है वो esophagus जिसे हम food pipe भी कहते हैं जो की एक tubular structure होता है जो की mouth को stomach से connect करता है जैसा की आप इस diagram में भी देख सकते हो बेसिकली इट इस दा कॉन्ट्रेक्शन एंड एक्सपेंशन मूवमेंट ऑफ वॉल्ड ऑफ फूड पाइप मतलब कि फूड पाइप की बॉल्ड का कॉन्ट्रेक्शन और रिलेक्सेशन के मूवमेंट को पेरिस्टेलेटिक मूवमेंट कहते हैं जो कि फूड को स्टोमक में प और जो गैस्टेक जूस होते हैं वो तीन सबस्टेंस रिलीज करते हैं जो की है SCL, Pepsin and Mucus तो जो SCL है वो germs को kill करता है जो की food के साथ body में enter हो जाते हैं और दूसरा काम होता है SCL का medium को acidic करना जिससे pepsin जो है वो protein को digest कर पाए क्योंकि pepsin तबी digest कर पाएगा जब acidic medium होका तो basically pepsin भी एक enzyme होता है जो की protein को smaller molecules में breakdown करता है तीसरा जो जूस है वो है म्यूकस तो म्यूकस जो है वो स्टोमक को SCL के हारबोल एफेक्ट से परवेंट करता है अगर म्यूकस सिक्रेट नहीं होगा तो SCL जो है वो हमारे स्टोमक की बॉल्स को डैमेज क और फूड जो है अब वो तीनों गैस्टिक जूस से मिक्स होने के बाद स्टोमक्स से निकल कर स्माल इंटेस्टाइन में पहुँच जाता है जो कि एलिमेंटरी कैनल का सबसे लॉंगेस्ट पार्ट होता है पहली है लीबर से वाइल और पैनक्रिया से पैनक्रियाटिक चूस ये दोनों जो चीजें वे गैल ब्लाइटर में स्टोर रहती हैं जो वाइल जूस होता है वो फूड को एलकिलाइन यानि की बेसिक कर देता है क्योंकि जब फूड स्टोमक से आता है तो वे एसेडिक होता है और पैनक्रियाटिक जूस में एक इंजाइम होता है ट्रिप्सिन जो की सिर्फ बेसिक मीडियम में ही काम करता है और इस प्रोसिस को हम इमल्सिफिकेशन भी कहते हैं फूड पर बायल जूस और बायल सॉल्ट के एक्सन के बाद जो पैंक्रियास जो है वो एक पैंक्रियाटिक जूस सिक्रेट करता है जिसमें तीन चीज़े आती है पैंक्रियाटिक हमाईलेस, ट्रिपसिन और लिपेस तो जो पैंक्रियाटिक हमाईलेस होता है वो बचे को कार्बो आइड्रेट या स्टार्च को सुगर में ब्रेक डाउन कर देता है क्योंकि कुछ स्टार्च तो मुँ में पहले ही डाइजेस्ट हो चुका था और जो ट्रिपसिन होता है वो प्रोट और जो लिपीज होता है वो फेट को फेटी एसिड में और ग्लेसरोल में कनवर्ट कर देता है और स्माल इंटेस्टाइन की जो बॉल्स होती है उसमें भी बहुत सारी बेरियस ग्लेंड्स प्रिजेंट होती हैं जो की इंटेस्टाइनल जूस सिगरेट करती हैं और जो इंटेस्टाइनल जूस होता है उसमें भी बेरियस नमर्स ओप इंजाइम्स पाए जाते हैं जो की डाइजिशन को कम्प्लीट करते हैं अब हम मूव करते हैं थर्ड प्रोसेस की ओर जो की है एब्सॉप्शन तो जब food completely digest हो जाता है तो वह water soluble हो जाता है और काफी छोड़े छोड़े parts में break हो जाता है तब small intestine के अंदर जो बिलाई होती है अब आप सोच रहे होंगे बिलाई क्या होती है तो बिलाई जो है वो finger like projection होती है जो की food के absorption के लिए surface area को increase करती है तो बिलाई जो है वो food को absorb करती है और उस absorb food को blood vessel को supply कर देती है तो absorption के समझने के बाद अब हम समझते हैं चौधी process को जो किया है assimilation मतलब कि absorb food से energy लेना तो जब food blood vessels में absorb हो जाता है तो वे हमारी हर एक cell तक पहुँचता है और जिससे cell energy obtain करते है तो अब एक सवाल आता है कि क्या हम जितना खाना खाते हैं उस पूरे खाने को यूटिलाइज कर पाते हैं तो इसका जबाव है बिल्कुल नहीं तो फिर उस खाने का क्या होता है तो जो बेश्ट पार्ट स्माल इंटेस्टाइन में बचता है जिसे हमारी बॉडी यूज़ नहीं कर पाती वो बेश्ट पार्ट स्माल इंटेस्टाइन से लाज इंटेस्टाइन में आ जाता है जहांपर जो लाज इंटेस्टाइन की जो ब� तो इस तरह से जो human wings होते हैं उनके अंदर nutrition complete हो जाता है तो चलिए अब हम समझते हैं दूसरे टाइप की लाइट प्रोसेस को जो की है रेस्पिरेशन तो हम लोग तो रेस्पिरेशन का मतलब केवल सांस लेना समझते हैं पर अक्चुली में रेस्पिरेशन सांस लेने के साथ साथ कुछ और भी होता है तो आए जानते हैं की रेस्पिरेशन क्या होता है तो सिंपली हम कह सकते हैं तो आए जानते हैं की रेस्पिरेशन क्या होता है ऐसी process जिसमें food का breakdown होता है oxygen और respiratory enzyme की presence में energy को release करने के लिए और इसमें breathing भी सामिल होती है क्योंकि जब हम सांस लेंगे तब ही तो body के अंदर oxygen आएगी और जो food होता है वो mostly glucose में breakdown होता है इसलिए respiration में mostly जो energy release होती है वो glucose से होती है तो आएगे जानते हैं कि जो respiration होता है वो कितनी stage में होता है तो जो respiration होता है वो 2 stages में होता है जो की है external respiration और internal respiration तो जो external respiration होता है वो दो steps में complete होता है तो पहला step है breathing तो breathing एक ऐसी process होती है जिसमें organism oxygen को inhale करता है मतलब अंदर लेता है और carbon dioxide को exhale करता है मतलब बाहर निकालता है और external respiration में दूसरा जो step होता है वो है gases exchange तो इस step में oxygen जो है वो lungs से blood में diffuse हो जाती है मतलब की oxygen लंग से बुलड में पहुँच जाती है और जो कार्बन डाई ओक्साइड होती है वो बुलड से लंग्स और जो plants होते हैं उनके अंदर gases exchange stomata के help से होता है जो की leaps के ऊपर present रहती है तो अब हम देखते हैं respiration की दूसरी stage को जो की है internal respiration तो इसके अंदर gases का exchange arterial, blood और body cells के बीच में होता है अब हम देखते हैं कि जो respiration होता है वो कितने types का होता है तो respiration दो type का होता है aerobic respiration और anaerobic respiration तो पहले हम समझते हैं aerobic respiration को तो it is the complete breakdown of food in the presence of oxygen it releases large amount of energy in the form of ATP molecules मतलब ऐसी प्रोसेज जिसमें food का complete breakdown होता है oxygen की presence में और इस प्रोसेज में काफी जादा amount में energy निकलती है ATP molecules की form में for example human beings, plants, etc. तो यहाँ पर एक term आया है ATP तो चलिए समझते हैं कि ATP क्या होती है तो ATP का मतलब होता है adenosine triphosphate यह जो है वो energy की currency होती है हर एक cell की जो energy release होती है respiration में वो ATP के molecule बनने के लिए होती है तो अब हम aerobic respiration की equation को summarize करके देखते हैं तो aerobic respiration की जो process होती है वो cytoplasm में start होती है और mitochondria तक चलती है तो अब आप इस reaction को देखिए glucose gives pyruvate plus energy in cytoplasm and pyruvates gives carbon dioxide plus water plus 38 ATP energy in the presence of oxygen in mitochondria तो सबसे पहले जो food है यहां हम कहें glucose जो है वो cell के cytoplasm में जाता है और वहाँ पर वो pyruvate में convert हो जाता है और उसके साथ कुछ energy भी release होती है तो pyruvate जो है वो living cells को energy provide करता है crab cycle के थूरू और इसका formula होता है C3H4O3 तो अब आप लोग कहोगे crab cycle क्या होती है तो इसे हमें नहीं पढ़ना है यह हम अगली class में पढ़ेंगे तो pyruvate जो है वो microchondria के अंदर oxygen की presence में है कारवन और वाटर को फॉर्म करता है और साथ में लार्ज अमाउंट में एनरजी को रिलीज करता है यह जो प्रोसेस है इसमें 80P के 38 मॉलिक्यूर रिलीज होते हैं जिसे हमारी बॉडी यूज करती है और जो कारवन डाय ओक्साइड और वाटर होता है और दोस्तों यह जो सारी रियक्शन है वो सेल के अंदर हो रही है इसलिए इसे सेलूलर रेस्परेशन भी कहते हैं तो अब हम समझते हैं respiration के दूसरे type को जो की है anaerobic respiration तो it is the incomplete breakdown of food occurring in the absence of oxygen releasing small amount of energy मतलब ऐसी process जिसमें food का incomplete breakdown होता है oxygen की absence में और इस process में काफी कम energy release होती है for example yeast, bacteria, human muscle, etc. जब anaerobic respiration microorganism में होता है उससे हम fermentation कहते हैं और anaerobic respiration में जो product form होता है उसके आदार पर इसे दो form में divide किया जाता है पहला है alcoholic fermentation तो इस process के अंदर जो sugar होती है उसका incomplete breakdown होता है ethanol और carbon dioxide form करने के लिए यह जो process है इसका इस्तमल beer, wine और cheese बनाने के लिए किया जाता है और यह जो process है वो mainly east में देखने को मिलती है तो चलिए अब हम alcoholic fermentation की reaction को देखते हैं तो आब आप reaction को देखिए तो alcoholic fermentation में सबसे पहले glucose जो है वो cytoplasm के अंदर pyruvate में convert हो जाता है और कुछ amount में energy release होती है और उसके बाद pyruvate जो है वो oxygen की absence में ethanol और carbon dioxide में convert हो जाता है और इस process में less amount में energy release होती है जो की होती है ATP के two molecules तो आप यहाँ पर देख सकते हो कि जो anaerobic respiration होता है उसमें aerobic respiration की comparison में काफी कम energy release होती है और anaerobic respiration का दूसरा जो form है वो है lactic acid fermentation तो lactic acid fermentation के अंदर sugar जो है वो lactic acid और energy के अंदर breakdown हो जाती है oxygen की कमी में for example some bacterias who turns milk into curds मतलब की ऐसे bacterias जो की दूद को दही में जमा देते हैं तो दोस्तों आपने कई बार notice किया होगा कि जब भी हम लंबे समय तक heavy physical exercise करते हैं तो हमारे muscles में pain होने लगता है तो ऐसा सिलिए होता है क्योंकि हमारे muscles में जो glucose होता है वो lactic acid में convert हो जाता है तो आईए अब हम इस reaction को देखते हैं तो lactic acid formation में सबसे पहले जो glucose होता है वो pyruvate में change हो जाता है और कुछ amount में energy भी निकलती है pyruvate form होने के बाद जो muscle cells होते हैं उनमें कम oxygen होने के कारण lactic acid form हो जाता है और less amount में energy release होती है जो की होती है 280p तो अब हम कुछ ओर्गेनिज्म के अंदर रेस्पिरेशन की जो प्रोसेस होती है उसे हम समझते हैं तो सबसे पहले हम समझते हैं रेस्पिरेशन एंड प्लांट्स तो अभी तक हमने जो भी पढ़ा है उससे आपको ये तो बदा चल चुका होगा कि प्लांट्स जो हैं वो फोटो सिंथेसिस से अपना खाना बनाते हैं और ओक्सिजन रिलीज करते हैं breathing या gases exchange और दूसरा phase है release of energy तो जो plants होते हैं उसके तीन parts में gases का exchange होता है और वो तीन parts है leaves, stem और roots तो plants की जो leaves होती है उनमें tinny pores पाए जाते हैं जिनने हम stomata कहते हैं जैसा कि आप इस image में भी देख सकते हूँ और इनके आसपास guard cell पाए जाते हैं जो की stomata की opening और closing को regulate करते हैं और जो stomata होता है वो सबी leaps में पाया जाता है जो की gases को exchange करता है इसी के साथ जो plants की stem होती है उसमें भी छोटी-छोटे lenticles पाया जाते हैं जो की gases को exchange करते हैं और plants की जो roots होती हैं उनमें भी roots here present होते हैं जो की diffusion की process से gases का exchange करते हैं तो ये थे total तीन तरीके plants में gases exchange के या हम कह सकते हैं breathing के तो अब हम देखते हैं कि जब plants के अंदर oxygen पहुँच आती है तो वो energy कैसे release करते हैं तो respiration process के दोरान plants की cell में जो glucose होता है जो की photosynthesis process में form होता है वो oxygen के साथ मिलकर carbon dioxide और water form करता है और साथ में energy release करता है इसे हम इस reaction के दोरा भी समझ सकते हैं तो आप इस reaction को देख सकते हो जिसमें glucose जो है वो oxygen के साथ मिलकर carbon dioxide प्लस water बना रहा है और साथ में energy को release कर रहा है तो चलिए अब हम समझते हैं जो human beings होते हैं उनमें respiration की process कैसे होती है तो जो human beings होते हैं उनमें respiration की process होती है वो काफी complex होती है और ये जो है वो human respiratory system के दौरा complete होती है तो आप सबसे पहले इस diagram को ध्यान से देखो ये human respiratory system है तो हम respiration की पूरी process को हम इसी diagram के थूरू समझने वाले हैं तो सबसे पहले ये जो है वो हमारे nostril से enter करती है और जब ये हमारे nostril में enter करती है तो nostril जो है वो ये ये को filter करता है और dust particle को lungs में पहुचने से रोगता है उसके बाद एर जो है वो हमारे फेरिंग्स और लेरिंग्स की हेल्प से ट्रेकिया में पहुँच जाती है जिसे हम बिंड पाइप भी कहते हैं ट्रेकिया जो है वो एर को लंग्स तक पहुचाता है तो लंग्स के तीन में पार्ट्स होते हैं ब्रोंकाई, ब्रोंकियोल्स और एल्बुलाई तो ट्रेकिया जो है वो एर को ब्रोंकाई तक पहुँचाता है और उसकी बाद एर फाइनली एल्बुलाई में पहुँच जाती तो यहाँ तक जो process आपने देखी इस process को हम कहते है inhalation of air मतलब की ear को अंदर लेना तो जब ear albolae के अंदर पहुँच जाती है तो हमारी chest cavity ear से fill हो जाती है और हमारी जो chest cavity है वो expand हो जाती है मतलब की चौड़ी हो जाती है जैसा कि हम महसूस भी करते हैं जब हम सास अंदर लेते हैं तो हमारी chest expand हो जाती है यानि की बड़ी हो जाती है अब हम देखते हैं कि जब inhalation हो जाता है तो उसके बाद air का albuli के अंदर क्या होता है तो albuli जो होती है वो respiration में gases exchange की site होती है तो inhalation के बाद दूसरी जो process होती है वो होती है exchange of gases जो कि albuli में होती है तो gases की exchange को समझने के लिए हमें albuli के diagram को देखना पड़ेगा तो albuli जो है वो एक balloon like structure होती है जो कि gases की exchange के लिए surface provide करती है और जो एलबुलाई की वॉल्स होती हैं वो बुलड वैसल से कनेक्ट रहती हैं जैसा कि आप इस डाइग्राम में भी देख सकते हो तो अब आप समझो कि जो एलबुलाई है उसके अंदर जो गैस है वो है ओक्सीजन और बुलड वैसल जो की एलबुलाई से कनेक्ट हैं उसमें बुलड के साथ सथ कौन सी गैस फ्लो हो रही हैं CO2 तो जो एलबुलाई की जो बॉल्स होती हैं वो काफी थिन होती हैं तो एलबुलाई की जो बॉल्स हैं उसके द्वारा जो ओक्सिजन है वो बुलड में डिफ्यूज हो जाती है और बुलड में से जो कारवन डाई ओक्साइड होती है वो एलबुलाई में पहुँच जाती है तो अब सबाल यह आता है कि जब ऑक्सीजन बुलड में पहुँच जाती है तो ऑक्सीजन का क्या होता है तो जब ऑक्सीजन बुलड में पहुँच जाती है तो वह हुईमो गलोबिंग से जुड़कर एक ओक्सी हीमो गलोबिंग नाम का एक पिगमेंट वना लेती है जिसकी बाद बुलड इनको डिफरेंट सेल्स और टिसूस तक लेकर जाता है और जो हुईमो गलोबिंग होता है वो रेड कलर का पिगमेंट होता है जो की बुलड में पाया जाता है जो की ओक्सीजन को हर एक सेल्स और टिसूस के अंदर लेकर जाता है तो इसकी आगे जो process होती है वो हम transportation में पढ़ेंगे तो अब हम बापस एलवलाई के तरफ चलते हैं और ये देखते हैं कि जो कारवन डायक्सड एलवलाई में है वो बॉडी से वार कैसे निकलती है तो जब ओक्सियन बॉडी में एंटर हो जाती है तो CO2 जो है वो एलवलाई से ट्रेकिया में पहुँच जाती है और उसके बाद CO2 जो है वो नॉस्ट्रिल के द्वारा बाहर निकल जाती है और इस प्रोसेस को हम एक्सलेशन कहते हैं और जब CO2 बॉडी से बाहर निकलती है तो अभी जो आपने तीन process देखी, inhalation, exchange of gases and exhalation, ये हमारी body के अंदर बहुती जल्दी healthy चलती हैं, और ये तीनों मिलकर humans के अंदर, तो अब हम समझते हैं तीसरी life process को जो की है transportation, तो transportation का मतलब होता है, किसी भी substance का एक जगह से दूसरी जगह moment होना, तो जब transportation की process होती है, तो कुछ useful और कुछ waste product form होते हैं, तो जो useful product होते हैं उन्हें body के हर एक cell में transport होने की जरूरत पड़ती है तो चलिए अब हम देखते हैं कि जो organism होते हैं उन्हें transportation की process किस प्रकार से होती है तो सबसे पहले हम समझते हैं transportation in humans मतलब जो human beings होते हैं उन्हें substance कैसे transport होते हैं तो जो human beings होते हैं उन्हें transportation दो system से होता है जिसमें से पहला है bullet और दूसरा है lymph जिसे हम tissue fluid भी कहते हैं तो सबसे पहले हम समझते हैं बुलड के बारे में कि जो बुलड है इसमें होता क्या है ये कौन-कौन से चीजों से मिलकर बना होता है यह सिंपली हम कह सकते हैं हम पढ़ने वाले हैं components of blood कि बुलड जो है वो basically किन-किन components से मिलकर बना होता है तो बुलड mainly चार components से मिलकर बना होता है plasma, RBC, WBC and platelets तो अब हम इन चारों components को अच्छे से समझ लेते हैं तो हम start करते हैं plasma से तो plasma जो है वो straw colored fluid होता है straw color मतलब yellowish color जैसा कि आप इस diagram में भी देख सकते हो जिसमें 90 से लेके 92% water होता है और 6 to 8% protein होता है और इसके साथ साथ इसके अंदर minerals, vitamins भी पाए जाते हैं और जितने बची हुए components हैं जैसे कि RBC, WBC, platelets वो सब प्लाज्मा में डिजॉल्व रहते हैं तो आब हम समझते हैं बुलड्स के नेक्स्ट कंपोनेंट को जो कि है आरबीसी यानि की रेड बुलड्स है जिनने हम एराइत्रो साइट्स भी कहते हैं ये जो हैं वो कुछ इस प्रिकार से दिखते हैं जो कि सेप में बाई कॉनकेब होते हैं और इनके अंदर नूकलेस नहीं होता है और नाई कोई और सेल औरगनिल्स होती है और आरबीसी के अंदर एक बहुती इंपोर्टेंट आइरन रिच पिगमेंट पाया जाता है जो कि है हीमो ग्लोबिन जो की ऑक्सीजन के साथ मिलकर ऑक्सी होमी गलोबिन फॉर्म करता है और ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट में काफी मदद करता है तो अब हम समझते हैं बुलड के तीसरे कंपोनेंट को जो की है WBC यानि की वाइट बुलड से जिनने हम लूकोसाइट भी कहते हैं ये जो हैं वो फैवोसाइटिक सेल होते हैं जो की बॉड़ी की हेल्प करते हैं इनफेक्शन से फाइ� और ये बॉड़ी को प्रोटेक्ट करते हैं हार्वफुल फॉरे तो अब हम देखते हैं बुलड के चौथे कंपोनेंट को जो की है प्लेटलेट्स जिने हम थ्रोम्बोसाइट भी कहते हैं इनका जो फंक्सन होता है वो है क्लोटिंग ओफ ब्लड मतलब कि खून का ठक्का जमना आपने नोटिस किया होगा कि जब हमारे चोट लग जाती है या तो बुलड के बारे में तो हमने समझ लिया और ये भी जान लिया कि बुलड बॉडी में फ्लो होता है लेकिन बुलड जो है वो बॉडी में अपने आप ही तो फ्लो नहीं होता होगा ना तो बॉडी में कोई ना कोई ऐसा ओरगन तो होता ही होगा तो जो ओरगन पूरी बॉडी को बुलड पंप करता है वो होता है हर्ट तो हर्ट जो है वो बुलड को बुलड बैसल के थूरू पंप करता है तो चलिए आप हम हर्ट के बारे में अच्छी से समझ लेते हैं तो हाट जो है वो एक muscular organ होता है जो कि cardiac muscle से बना होता है cardiac muscle जो है वो special muscles होती हैं जो कि सिर्फ हाट में पाई जाती हैं और हाट जो है वो chest cavity में located रहता है जातर लोग ये सुचते हैं कि हाट जो है वो chest cavity में left side में present होता है लेकिन guys ऐसा नहीं है हाट जो है वो chest cavity के center में present होता है वो तो किवल left side की तरब थोड़ा tilted होता है मतलब कि जुका हुआ होता है तो अब हम heart की anatomy को देखते हैं मतलब यह देखते हैं कि जो heart होता है उसके अंदर क्या क्या पाया जाता है तो अब आप इस diagram को देखिए तो यह diagram उस condition का है जब हमने heart को दो इसो में काड दिया तो यह जो heart के आसपास वाले muscles है वो है cardiac muscle क्योंकि heart जो है वो एक muscular organ है तो दोस्तो आपको यहाँ पर चार chambers दिख रहे होंगे तो जो उपर वाले chambers होते हैं उन्हें atrium बोला जाता है और जो नीचे वाले chambers होते हैं उन्हें ventricles बोला जाता है ये जो height में उपर की right side में जो chamber है वो right atrium और left में जो chamber है वो left atrium और नीचे की side ये वाला जो chamber है वो right ventricle और ये वाला जो chamber है वो left ventricle तो आपको यहाँ पर एक लेयर दिख रही होगी यह जो लेयर है वो इस ट्यूब के पीछे भी है इस लेयर को सेप्टा बोला जाता है तो यह जो है वो बेसिकली पार्टीशन है अब आप कहोगे कि कैसा पार्टीशन है तो यह जो है वो है राइट एट्रियम और यह है राइट वेंट्री का और यह है लेफ्ट एट्रियम और यह है लेफ्ट वेंट्री का तो जो सेप्टा लेयर होती है वो right portion और left portion की बीच में layer होती है जो कि right portion के material को left में जाने से और left portion के material को right में जाने से रोकती है तो guys यहाँ पर जो आपको चीज दिख रही है वो है valve तो valve क्या होती है तो valve एक ऐसी चीज होती है जो किसी भी liquid को one way flow allow करती है जैसे कि मालो right atrium में कोई fluid है तो वो valve की मदद से right ventricle में आ जाता है लेकिन वो दोबारा उपर right atrium में नहीं जा पाता है तो heart जो होता है उसमें total 4 valve होते हैं और ये सब जो हैं वो bun-with flow को allow करते हैं तो चारो valve इस जगह पर होते हैं जो कि blood के back flow को रोकते हैं ये जो आपको दिख रही है वो है pulmonary artery जो कि impure blood को flow करती है और ये है pulmonary vein जो कि pure blood को transport करती है और हमारा जो हाट होता है उसके चारो तरफ एक लेयर होती है जिसे हम पेरी कार्डियम कहते हैं जो की हाट को प्रोटाइट करती हैं और उसे सेब देती हैं तो आब हम देखते हैं कि जो हमारा हाट है वो काम कैसे करता है सबसे पहले जो डी ओक्सिजनेटेड बुलड होता है वो बॉडी से हाट के राइट एट्रियम में आता है डी ओक्सिजनेटेड बुलड यानि की वो बुलड जो कारवन नहीं ओक्साइट को कैरी करता है और ये बुलड बीन्स में फ्लो होता है राइट अर्टरी में बुलड आने के बाद जो बाल्व होती है वो ओपन हो जाती है और हार्ट एक्सपेंड हो जाता है और बुलड राइट बेंट्रिकल में पहुँच जाता है राइट बेंट्रिकल में बुलड के पहुँचने के बाद जो बाल्व होती है वो बंद हो जाती है और हार्ट फिर से कॉंट्रेट होने लगता है जिससे जो राइट बेंट्रिकल है वो बुलड को पल्मोनरी आर्टरी के थुरू लंग्स तक पहुँचा देते हैं तो जो deoxygenated bullet lungs में पहुचा था वो अब oxygenated हो जाता है उसके बाद जो oxygenated bullet होता है वो left atrium में लाया जाता है pulmonary vein के थूँ left atrium में bullet के आने के बाद वो valve के थूँ left ventricle में आ जाता है उसके बाद उस bullet को सभी body parts में pump कर दिया जाता है arota के थूँ तो यहाँ पर आपने देखा कि जो blood होता है वो heart में दो बार circulate होता है तो blood की heart में दो बार circulation की process को हम कहते हैं double circulation तो चलिए इसे हम diagram की help से समझते हैं तो यह आपको उपर जो organ दिख रहा है वो lungs है जो की deoxygenated blood को oxygenated blood में convert करता है और आपको जो heart से blue कलर की जो blood vessel दिख रही है वो है pulmonary arteries जो की heart से deoxygenated blood को lungs तक ले जाती है और ये जो आपको red कलर की blood vessel दिख रही है जो की lungs से heart को connect कर रही है ये है pulmonary vein जो की oxygenated blood को lungs से heart तक ले जाती है और ये वाली blood vessel जो आपको दिख रही है ये है arota जो की oxygenated bullet को heart से पूरी body में transport करती है और ये वाली जो blood vessel है वो है bainakya जो की body से deoxygenated bullet को heart तक लेकर जाती है तो इसी तरह से double circulation की process अमारी body में continue चलती रहती है और ये जो process है वो काफी fast होती है अमारा heart एक minute में 5 liter blood pump करता है तो चलिए अब हम समझते हैं bullet vessels के बारे में तो ये basically एक pipe की तरह काम करती हैं जिनसे की bullet हमारी body में flow करता है तो हमारी body में mainly दो type की bullet vessels पाई जाती हैं जो की are arteries और beans तो पहले हम समझते हैं arteries को तो these are the thick bullet capillaries which carry oxygenated bullet in our body these are red in color मतलब की जो ये arteries होती हैं वे thick bullet capillaries होती हैं जो की human body में oxygenated bullet को transport करती हैं और ये red color की होती हैं लेकिन जो arteries होती हैं उनमें एक inspection होता है जो की है pulmonary artery का तो pulmonary artery जो है वो एक पातर ऐसी artery होती है जो की deoxynated bullet को carry करती है तो चली अब हम समझते दूसरी bullet vessels को जो की है bees तो these are the thin bullet capillaries which carry deoxynated bullet in the body these are blue in color अगला कि ये thin blood capillaries होती हैं जो कि body में deoxygenated blood को carry करती हैं लेकिन जो bean होती है उनमें भी exception होती है जो कि ये pulmonary bean जो कि एक मातर ऐसी bean होती है जो कि body में oxygenated blood को transport करती है तो यहाँ पर हमारा blood के दौरा जो transportation होता है वो खतम होता है तो आब हम समझते हैं हमारी body के दूसरी transportation को जो कि है lymph का तो lymph जो है वो भी transportation fluid होता है तो चलिए अब हम ये देखते हैं कि जो lymph होता है वो form कैसे होता है तो हमारी जो capillaries होती हैं वो smallest bullet vessels होती हैं जो की connection form करती है arteries और beans के बीच में और जो capillaries का main function होता है वो है bloods और tissue cells के बीच में material का exchange करना तो capillaries की जो balls होती है उनके pores में से कुछ amount में plasma, protein और blood के cell निकल जाते हैं tissue के intercellular space में जो की lymph form करते हैं और lymph जो है वो colorless fluid होता है मतलब lymph का कोई color नहीं होता है तो अब हम lymph के कुछ functions को देखते हैं तो lymph के दो main function होते हैं तो पहला है absorption and transport of fat from intestine मतलब lymph जो है वो हमारी intestine से fat को absorb करता है और उसे body में transport करता है और दूसरा function है it drain away the excess tissue metabolism मतलब कि जो tissues में excess metabolism होता है यानि कि जो tissue में जो waste product form होता है तो lymph उस waste product को remove कर देता है तो इसी के साथ हमारे transportation in human खतम हो जाता है जिसमें कि हमने bullet और lymph जो कि दोनो transportation fluid होते हैं body के उनके बारे में पड़ा तो अब हम समझते हैं कि जो plants होते हैं उनमें transportation कैसे होता है तो जो plants होते हैं उनमें transportation का जो काम है वो tissue करते हैं और दो type के tissue होते हैं जो की plants में पाए जाते हैं transportation के लिए जिनका नाम है xylem and phylum इन दोनों के बारे में आपने class 9 पर थोड़ा बहुत पढ़ा होगा तो चलिए एक एक करके समझते हैं इन दोनों tissues को तो सबसे पहले हम समझते हैं xylem tissue को तो xylem are the tissue present in plants that carries water and food upward from the root तो xylem ऐसे tissue होते हैं जोगी plants में food और water को root से उपर की ओर ले जाते हैं and it's allow only unidirectional transport and it only transport of parts मतलब कि जो xylem है वो सिर्फ unidirectional transport यानि कि एक direction में transport को allow करता है और ये सिर्फ उपर की ओर ही transport करता है और यह प्रिंसिपल पर जाया पर जाता है मतलब कि जो जायलम होता है वो ट्रांस्परेशन के प्रिंसिपल पर वर करता है अब ये transpiration क्या होता है तो it is the process of loss of water as vapor from aerial parts of plants मतलब कि transpiration एक ऐसी process होती है जिसमें कि water loss होता है vapor के form में plants के aerial या उपर वाले parts से इस process में जो leaps होती हैं वो एक vacuum create करती हैं जिससे water उपर की तरफ flow करता है और leaps के stomata से वो vapor में convert होकर बाहर निकल जाता है तो अब हम समझते हैं दूसरे टाइप के transportation tissue की जो की है phylum तो phylum are the tissues that transport food from leaves to other parts of plants मतलब phylum एक ऐसा tissue होता है जो की leaves में जो खाना बनता है उसे plants की जो other parts होते हैं उन तक पहुँचाता है और it allows bidirectional flow it can transport upward as well as downward यानि की जो phylum होता है वो bi-directional flow allow करता है जिससे food upward और downward दोनों direction में जा सकता है and it works on the principle of translocation तो जो phylum होता है वो translocation के principle पर काम करता है तो आएए जानते हैं कि आकर ये क्या होता है translocation तो the transport of food from leaf to other parts of plants is called translocation मतलब कि food का leaf से plants के दूसरे parts में transport होना इसी process को हम translocation कहते हैं तो इसी के साथ हमारी तीसरी life process जो कि या transportation वो खतम होती है तो अब हम समझते हैं चौथी और आगरी लाइब प्रोसेस को जो की है एक्सक्रेशन तो दा बाय लोजिकल प्रोसेस ओफ रिमूवल ओफ हार्मफूल नाइट्रोजिनिस मेटाबॉलिक बेश्ट फ्रॉम दा वाडी इस कॉल्ड एक्सक्रेशन मतलब की ऐसी प्रोसेस जिसमें जो हार्मफूल मेटाबॉलिक बेश्ट होते हैं उन्हें बाडी से रिमूव किया जाता है उस प्रोसेस को हम एक्सक्रेशन कहते हैं अब metabolic activities जैसे की digestion, respiration, etc. तो जो metabolic activities में जो metabolic waste बनता है, वो तीन type का होता है, जो की है digestive waste, respiratory waste, और nitrogenous waste. तो जो digestive waste होता है, वो digestion की process में form होता है, और इसके बारे में हम nutrition में पढ़ चुके, और जो respiratory waste होता है, वो respiration में form होता है, तो जो respiration होती है, उसमें CO2 form होती है जो कि lung से होती है हमारे मूँ से या नाक से निकल जाती ये भी हम respiration में पढ़ चुके हैं और nitrogenous waste वो waste होते हैं जो कि हमारे blood में dissolve होते हैं जैसे कि urea, uric acid, water, etc तो ये nitrogenous waste होते हैं तो इने कैसे बार निकाला जाएगा इसी के बारे में हम इस excretion वाले topic में पढ़ें तो सबसे पहले हम समझते हैं human excretory system को इसे हम diagram की help से काफी अच्छे से समझते हैं तो human excretory system consists of one pair of kidney, one pair of ureters and one urinary bladder and one urethra तो human excretory system में आते हैं एक kidney का pair यानि की दो kidney और दो ureters और एक urinary bladder और एक urethra तो अब हम इन चारों के functions को समझते हैं उसके बाद हम इन्हें डाइग्राम से भी समझेंगे तो सबसे पहले हम kidney को समझते हैं तो kidney is the reddish brown bean shaped organ located in the upper retroperitoneal region of the abdomen उस main function is filtration of blood and removal of waste मतलब kidney जो है वो reddish brown color की एक bean shaped organ होती है जो की abdomen के retroperitoneal region में located रहती है रेट्रो पेरेटोनियल रीजन का मतलब कि एब्डोवन के पीछे वाला एनाटोमिकल स्पेस और किडनी का में फंक्सन होता है बलड को फिल्टर करना और बेस्ट को रिमूव करना हमारी बॉडी से तो हमारी दो किडनी होती है तो किडनी के बाद जो अगला ओर्गन होता है पूमन एक्सक्रेटरी सिस्टम में वो है यूरेटर्स तो यूरेटर्स भी पेर में होते हैं यानि कि दो यूरेटर्स होते हैं पूमन बॉडी के अंदर तो यूरेटर्स आर टू थिन ट्यूब बिच ड्रेन आउट यूरेइन फर्म किडनी टू ए यूरेइनरी ब्लेडर तो Ureters जो हैं वो दो पतली tubes होती हैं जो kidney में जो urine form होता है जो कि bullet का एक beast product होता है उसे transfer कर देता है urinary bladder में तो urinary bladder जो है उसमें urine जो है वो temporary store रहती है लास्ट औरगन है Urethra तो it transmit urine outside the body तो Urethra जो है वो urinary bladder में जो urine store रहती है उसे body से बाहर निकालती है तो चलिए अब हम इस पूरी process को diagram के help से समझते हैं तो ये जो left और right साइड में जो bean shaped organ दिख रहे हैं वो है kidney तो जो kidney है इसके अनेर bullet आता है renal arteries के तुरूज जो कि ये arota आपको दिख रहा है इससे connected होती है और ये आपको red color की दिख रही है तो दोनों kidney में जो bullet है वो renal arteries से आता है तो जब kidney में bullet आ जाता है तो kidney उस bullet को filter कर देती है और उसमें जो waste बनता है urine उसको अलग कर देती है और जो blood filter हो चुका है वो renal vein जो की bainakiva से connected होती है जो की आपको blue color की दिख रही है उससे बापस चला जाता है तो आप blood तो filter होकर बापस चला गया तो जो based या urine बनता है वो इस वाली pipe से जो की है ureter उससे urinary bladder में पहुँच जाता है और जो ureter है वो दोनों kidney से connect रहता है urinary bladder तक तो urinary bladder में urine की आने के बाद वो वहाँ पर temporary store रहता है उसके बाद वो यूरित रासे बॉडी से बाहर निकल जाता है तो यहाँ पर आमारे human excretory system में जो process होती है वो खतम होती है आपने पढ़ा कि जो kidney होती है वो blood को filter करती है लेकिन question यहाँ पर यह अराइज होता है कि आकर kidney के अंदर ऐसा क्या होता है जिससे वो blood को filter करती है तो kidney के अंदर filtration unit होती है जिसे हम nephron कहते हैं तो हर एक kidney के अंदर approximately एक मिलियन यानि की दस लाग फिल्ट्रेशन यूनिट होती हैं जिन्हें हम नेफरोन्स कहते हैं तो नेफरोन्स आर फिल्ट्रेशन यूनिट्स आफ किड़नी इट कंसिस्ट आफ ट्यूब बिच इस कनेक्टेड टू डक एंड अकप सेव स्ट्रक्चर देट इस बूम एंड कैप्सूल मतलब कि नेफरोन जो है वह किड़नी की फिल्ट्रेशन यूनिट होती है जिसमें यह तो woman capsule जो है वो blood को filter करता है और urine को collect करता है उसके बाद nephron का अगला part है henle's loop तो henle's loop जो होता है वो long u-shaped portion होता है जो की glucose, amino acid और water का re-absorption करता है उसके बाद urine जो है वो duct के थुरू ureter में enter हो जाती है और वो urinary bladder में collect हो जाती है तो चलिए nephron के अंदर की पूरी process को हम डायग्राम के तुरू समझ लेते हैं तो यहाँ पर आपको जो ये cup like structure दिख रहा है वो है Bowman capsule और ये जो Bowman capsule है वो connect होता है इस वाली yellow tube से और इन tubes के आसपास जो आपको red और blue color की small tubes like structure दिख रही है ये है blood capillaries जो blue वाली है वो है renal vein और जो red वाली है वो है renal artery उसके बाद ये tube जो है वो connect होती है duct से तो अब आप देखिए यहाँ पर इस डक्ट से एक नेफरोन कनेक्ट है और ऐसे ही यहाँ पर दूसरा नेफरोन कनेक्ट है और यहाँ पर यहाँ पर अगले ऐसे ही काफी सारे नेफरोन डक्ट पर कनेक्ट है तो सबसे पहले जो रीनल आर्ट्री होती है उससे बुलड जो है वो बोमन कैप्सूल में पहुँचता है वहाँ पर बुलड जो है वो फिल्टर होता है और यूरिन को कलेक्ट किया जाता है उसके बाद इनको इन ट्यूब से हैनले लूप तक पहुचाया जाता है हैं ने लूफ के अंदर जो बूमन कैप्सूल में बुलड फिल्टर हुआ है उससे ग्लूकोस और अमीनो एशिड और जो यूरिन है उससे वाटर दी एब्जॉर्व होता है और जो बचा हुआ जो बेश्ट होता है वो इस ट्यूब से डक्ट में आ जाता है उसके बाद यूर तो अब हम समझते हैं कि जो प्लांट्स होते हैं उनमें एक्सक्रेशन की प्रोसेस कैसे होती है तो जो प्लांट्स होते हैं उनमें तीन टाइप्स का वेश्ट फर्म होता है जो कि है गैसवर्स वेश्ट जिसमें की ओक्सीजन और CO2 आती है जो कि फोटो सिंधेसिस और रेस्पिरेशन में फर्म होती है दूसरा है लिक्विड वेश्ट जिसमें की वाटर आता है और तीसरा है सॉलिड वेश्ट जो कि प्लांट्स की लीब्स और बार्क्स में स्टोर ���ो जाता है तो अब हम ये देखते हैं कि प्लांट्स इन वेश्ट को रिमूव कैसे करते हैं तो plants जो gases waste होते हैं उन्हें stomata के थुरू बाहर निकाल देते हैं और जो liquid waste होता है जो की water होता है वो plants उसे भी stomata के थुरू transpiration की process से remove कर देता है इसके अलावा plants अपनी old leaves और barks को अपनी body से अलग करके जो solid waste होता है उसे remove कर देता है तो यहाँ पर खतम होता है हमारा excretion in plant तो दोस्तो अब हमने चारो lie process को अच्छी से समझ लिया और इसी के साथ हमारा यह chapter यहाँ पर खतम होता है I hope आपको यह chapter समझ में आ गया होगा अगर आपको यह video पसंद आई तो आप इस video को like कर सकते हो और चाहो तो आप इस channel को subscribe भी कर सकते हो class 10 की science की videos और आगे देखने के लिए