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रिएक्ट इंटरव्यू तैयारी के टिप्स

तो आज बात करते हैं की रिएक्ट का इंटरव्यू अगर देने जा रहे हो तो वो कौन से थियोरेटिकल क्वेश्चंस हैं जो आपको समझ के जाना चाहिए इतना ही नहीं आपको इंग्लिश में इसके जवाब प्रिपेयर करके भी जान चाहिए अच्छे से क्योंकि कोई ना कोई किसी ना किसी इंटरव्यू में ऐसे एक-दो क्वेश्चन जरूर पूछ लेंगे जिसमें ये समझा जाएगा की क्या आप रिएक्ट कोडिंग के अलावा रिएक्ट को समझते भी हो या नहीं सबसे पहले क्वेश्चन आता है की आखिर रिएक्ट है क्या और यह बाकी के जावा स्क्रिप्ट फ्रेमवर्क से कैसे डिफरेंट है देखिए सबसे ज्यादा जरूरी चीज इसमें ये होती है की आप बताओ की रियाज जो है वो फ्रेमवर्क है ही नहीं रिएक्ट तो एक लाइब्रेरी है उसकी अपनी कुछ मान्यताएं हैं तो उन मान्यताओं के बड़े में बात करेंगे सबसे पहले चीज है की रिएक्ट एक वर्चुअल डम पे कम करता है इसका मतलब है रिएक्ट डायरेक्टली जो है वो दो को इफेक्ट नहीं करता है परफॉर्मेंस को बढ़ाने के लिए वो एक वर्चुअल डम पे कम करता है दूसरी चीज है की रिएक्ट व्यू ओरिएंटेड रिएक्ट इस बात को ध्यान देता है की आपको क्या दिखाना है यूजर को और कैसे डाटा के थ्रू उसे चीज को हम दिखा सके तीसरी चीज है की रियायत यूनिर्देशनल डाटा फ्लो में बिलीव करता है इसका मतलब होता है इसका ये मतलब होता है की पहले कई सारे फेमस ऐसे थे जिसमें बाय डायरेक्शन डाटा फ्लो होता इसमें ऐसा नहीं इसमें जो डाटा है वो पेरेंट्स से चाइल्ड के तरफ फ्लो करती है और एक ही डायरेक्शन में फ्लो करती है और चौथी चीज जो बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट है इस टाइम मैंने लास्ट में बच्चा के राखी थी वो है की एक कंपोनेंट बेस्ट आर्किटेक्चर बिलीव करता है इसका क्या मतलब है की रिएक्ट में आप छोटे-छोटे रिोजेबल कॉम्पोनेंट्स बना सकते हैं और उन कॉम्पोनेंट्स को एक साथ स्टार्ट करके पूरा का पूरा पेज डिजाइन कर सकते हैं पूरा का पूरा अप डिजाइन कर सकते हैं तो ये रेउसेबिलिटी है और ये जो कंपोनेंट है और ये कंपोनेंट भी सेल्फ स्टैंड होते हैं उनके अंदर आप ये रख सकते हो आराम से और स्टेट के थ्रू आप व्यू को मैनेज कर सकते हो तो ये तीन कर चीज बहुत इंपॉर्टेंट है एक बार और रिवाइज करेंगे पहले चीज है वर्चुअल डम दूसरा है व्यू और इंटर तीसरा डेट ऑफ फ्लो है और चौथ कंपोनेंट बेस्ड आर्किटेक्चर है ये चारों चीज रिएक्ट को बहुत यूनिक बनती है अपने टाइम के बाकी फ्रेमवर्क से अभी के फ्रेमवर्क में बाकी सारे फ्रेमवर्क में भी ये चीज हैं पर वो सब फ्रेमवर्क है उनमें सब कुछ बना बनाया समय आता है लाइब्रेरी नहीं रिएक्ट ऐसा लाइब्रेरी आपको यह सुविधा देती है की आप बाकी चीज चूज कर सको और अपना स्टॉक खुद बना सको दूसरा क्वेश्चन कई बार ये आता है की आखिर रिएक्ट का वर्चुअल डम है क्या वर्चुअल डम सुनकर यही समझ में आता है की वो एक झूठ एक दूसरा डम है टॉम क्या होता है डॉक्यूमेंट ऑब्जेक्ट मॉडल जिसमें पूरा का पूरा ट्री रेंडर होता है पूरा का पूरा व्यू ट्रेड होता है तो इस व्यू ट्री का एक कॉपी होता है रिएक्ट के पास जिसको वर्चुअल डम बोलते हैं और जब भी आप स्टेट में कोई चेंज करते हो आप प्रॉप में कोई चेंज करते हो कोई भी चेंज आता है जिससे व्यू को चेंज होना होता है तो रिएक्ट पहले वो चेंज वर्चुअल डम पर करता है वो देखा है की क्या-क्या चेंज मिनिमल क्या चेंज जरूरी है करंट डम के ऊपर और फिर बस वही चेंज करता है इससे क्या फायदा होता है इससे ये फायदा होता है की ब्राउज़र को क्योंकि पूरा डम हर बार रिपेंट नहीं करना पद रहा है तो कम कम करना पद रहा है तो रिएक्ट वर्चुअल दो के थ्रू ब्राउज़र की मेहनत बचता है ब्राउज़र की मेहनत बचाने का क्या फायदा होता है जैसे की आपका अप फास्ट हो जाता है वह क्विकली रेस्पॉन्ड करता है और वो बहुत सीमलेस लगता है यह कम करता है वर्चुअल डॉ इसी का एक पार्ट बी क्वेश्चन आता है इसको कहते हैं रिकॉन्सिलिएशन क्या है रिकॉन्सिलिएशन कुछ खास नहीं बहुत सिंपल सी चीज है की आपके पास एक रियल है और एक वर्चुअल डम है अब कुछ चेंज हुए हैं तो रियल टॉम की कॉपी वर्चुअल डम राहत है पहले अब नए चेंज से एक नया दो बन रहा है और इन दोनों के बीच में एक डिफिंग एल्गोरिथम चल रहा है डिफिंग एल्गोरिथम क्या करता है बताता है की देखो तुम्हारे पास ये पांच उंगलियां हैं मेरे पास भी है पांच उंगली है अब स्टेट चेंज के करण ये उंगली छोटी हो गई है ठीक है तो अब नया वाला स्टेट ऐसा दिखेगा तो वर्चुअल में होता अच्छा ये चीज को चेंज करने के लिए मुझे क्या करना पड़ेगा मुझे ये चीज चेंज करनी पड़ेगी जो एक्चुअल डॉग है उसके ऊपर तो ये ये जो पूरा एल्गोरिथम चला जिसमें पहले ये दोनों उंगली मिलाई गई फिर ये दोनों उंगली मिलाई गई फिर ये दोनों उंगली मिलाई गई फिर ये दोनों उंगली मिलाई गई और डिफरेंस पता चला है डिफिंग हुआ तो ये जो डिफिंग होते है इसी को रिकॉन्सिलिएशन कहते हैं पहले डिफरेंस होता है उसके बाद निकाला जाता है ये वाला पैसेंजर डम में इसको जाकर अपडेट कर कमेंट भी बोलते हैं तो इसके ऊपर हम लोग विस्तार से बात कर सकते हैं एक एक्सप्लेन वीडियो भी बना सकते हैं की आखिर रिएक्ट का वर्चुलअल्ड दो कैसे कम करता है क्या होता है फाइबर में लेकिन इतना समझना बहुत जरूरी है की रिकॉन्सिलिएशन कुछ खास नहीं है ये जो डिफरेंस चल रही है इस डिफिंग को हम रिकॉन्सिलिएशन बोलते हैं वर्चुअल डम के थ्रू अगला क्वेश्चन ये आता है की प्रॉप्स और स्टेट क्या है रिएक्ट में और डाटा कैसे फ्लो करता है ये बहुत ही सिंपल क्वेश्चन अगर आपने खूब सारे अप बनाए हैं तो आपको इनहेरेंटली समझ में आता है पर बोलना कैसे ये बहुत इंपॉर्टेंट है तो प्रोब जो है वो रीड ओनली प्रॉपर्टीज हैं जो पेरेंट्स से चाइल्ड की तरफ पास होती है और जब भी प्रॉपर्टीज में यानी की प्रॉप्स में चेंज आता है तो चाइल्ड रेंडर होता है स्टेट जो है वो इंटरनल तू एन कंपोनेंट होता है है ना उसमें जब आपको चेंज करते हो तो उसे कंपोनेंट के अंदर चेंज आता है हालांकि ये भी होता है की आप स्टेट को भी आगे एन प्रॉप पास करते हो अपना चिल्ड्रन को जो की बहुत ही आम है लेकिन इन डेट कैसे तू पर डी चिल्ड्रन चेंज नहीं कर सकता उसमें जो भी चेंज करने हैं वो पैरंट को ही करना है तो अगर आपने देर सारे एप्स बनाए हैं तो आप इस फ्लो को भी विजुलाइज कर सकते हो की प्रॉप्स रीड ओनली होता है पेरेंट्स से मिलता है या पैरंट अपने चाइल्ड को देता है तो प्रॉप्स और स्टेट ये है डाटा अभी भी डायरेक्शन है टॉप तू बॉटम ही फ्लो कर रहा है एक क्वेश्चन जो आजकल बहुत आम हो गया वो है की व्हाट इसे डी डिफरेंस बिटवीन सर्वर साइड रेंडरिंग और क्लाइंट साइड रेंडरिंग इन रिएक्ट इसका क्या मतलब होता है इसका बड़ा सिंपल सा मतलब है की रिएक्ट में आप जो पूरा का पूरा एचटीएमएल है जो आपका पूरा का पूरा मार्कअप है उसको आप सर्वर साइड भी रेंडर कर सकते हो विदाउट कमिंग तू क्लाइंट एवं था डी होल मार्कअप इस रिटन इन जावा स्क्रिप्ट आपको क्लाइंट आने की जरूर नहीं है आप नोट जीएस के इंजन के थ्रू उसको सर्वर साइड भी रेंडर कर सकते हो इससे क्या फायदे होता है इससे ये फायदा होता है जिसके बड़े में हमने बात की है नेक्स्ट वाले वीडियो में भी की सो के लिए बटर हो जाता है और फर्स्ट रेंडर जो होता है जिसमें आपको पूरा का पूरा विजुअल दिखता है वो काफी फास्ट होता है ये बहुत सारे लोग करते हैं ये कौन करते हैं जहां पर फिर डाटा हैवी साइट है और जहां पर जरूरी है जैसे की आई कॉमर्स हो गया न्यूज़ वेबसाइट्स हो गए जहां भी इन तरह के वेबसाइट है जो रिएक्ट से चल रहे हैं जो कंटेंट हैवी है वहां पर सर्वर सिड़ेंग जरूरी पद जाति है क्लाइंट साइड रिटेनिंग को आप ऐसा देख सकते हो जैसे आउटलुक एक अप है जैसे टीम है जैसे स्लैक है जैसे सिग्मा है ये सब एग्जांपल्स में आपको सर्वर साइड रीजनिंग की जरूर नहीं होती है क्योंकि यहां पर सर का सर डाटा क्लाइंट के पास आकर वापस से अच्छे से रेंडर हो सकता है और इसमें सो की जरूर नहीं होती ये कंटेंट है भी नहीं है और ये पर्सनलाइज्ड है बहुत ज्यादा आपका जो ईमेल है उसे पे कोई सो चलने की जरूर नहीं होती है तो इसलिए क्लाइंट साइड रेंडरिंग फोर अप और सर्वर साइड रेंडरिंग पर डाटा हैवी वेबसाइट इस व्हाट वे को विद व्हेन वे आर यूजिंग रिएक्ट ये समझना और समझा पन एक इंटरव्यू में बहुत जरूरी है एक और एडवांस लेवल क्वेश्चन पूछा जाता है की रेप्स क्या है रिएक्ट में देखो रेप कुछ खास नहीं है बस सिंपल चीज है की रिएक्शन अपना दो बनाता है और उसे डॉग को आप डायरेक्टली एक्सेस नहीं करते हो आपको उसमें जो भी चेंज करना होता है आप उसे स्टेट या प्रॉप्स के थ्रू करते हो डाटा के थ्रू करते हो ना की डायरेक्टली एक्सेस करते हो लेकिन कही-कहीं जैसे की एक इनपुट एलिमेंट पे फॉक्स लाने का चीज है कहीं-कहीं आपको उसको डायरेक्ट एक्सेस करने की जरूर पद जाति है उन केसेस में रेव बहुत इंपॉर्टेंट क्योंकि रेप आपको एक डायरेक्ट एक्सेस दे देता है समझना की ऐसा गेट एलिमेंट बाय आईडी होता है ना उसे तरह का एक डायरेक्ट एक्सेस आपको मिलता है जिससे आप उसे डम एलिमेंट को डायरेक्टली कंट्रोल कर सकते हो प्रोग्राम के अंदर ये जो है नहीं उसे किया जाता है जितनी ज्यादा हो सके कोशिश की जाति है की राफ्ट का उसे नहीं हो किसी कोर्ट बेस में अनलेस वो एक्सेप्शन हो और आपको उसकी जरूर पद रही हो लेकिन यह एक्सेप्शन समझना और उसको अप्रिशिएट करना बहुत जरूरी है इंटरव्यू के लिए एक और एडवांस क्वेश्चन पूछते हैं की रिएक्ट फाइबर क्या है बहुत सारे लोगों को ये नहीं पता और बहुत अच्छे से इसको समझाया जा सकता है लेकिन मैं संक्षेप में पहले समझता हूं आपको रिएक्ट फाइबर के पहले क्या होता था की जब वर्चुअल डॉग बंता था और डिफिंग होती थी तो पूरा का पूरा वो डिफेंस साइकिल एक बार में चला था इसके क्या प्रॉब्लम था की जो साइकिल चला है वह सीपीयू इंटेंसिव होता है तो सीपीयू ब्लॉक हो जाता था उसे चक्कर में रिएक्ट फाइबर ने क्या कहा की जो डिफिंग चला रहे हैं वो एक-एक करके एक-एक नोट पे चलाएंगे और उसको पाट-पाठ में तोड़ सकते हैं यानी की इसको एक-एक फाइबर में चला सकते हैं फाइबर आप समझते हो क्या होता है एक धागा होता है तो एक कपड़ा जो बंता है अगर आप सोचो की वो एक कपड़ा है तो उसके अलग-अलग धागे से वो व्यू बना हुआ है तो इन्होंने ऐसी इंजीनियरिंग की जिसमें एक-एक धागे का डिफेंड एक बार चला है और जाकर ये भी देखें की अगर मेरा सीपीयू ब्लॉग दे दो तो कहानी कोई यूजर एक्शन तो ब्लॉग नहीं है तो पहले ऐसा होता था की अगर डिफरेंशियल रही है और यूजर कहानी पे क्लिक करता है तो वो नॉन रिस्पांसिबल हो जाता है उसे क्लिक को थोड़ा समय लगता था ऐसे केसेस आपको देखने नहीं मिलते थे क्योंकि देखेंगे इतना भारी होता नहीं था बट कुछ हैवी केसेस में ये बहुत ही ज्यादा विजिबल हो जाता था इसके लिए इन्होंने क्या किया रिएक्ट 16 में पूरा का पूरा रिवाइट किया जो कर इंजन है और उसे कर इंजन को रिएक्ट करके उन्होंने ये समझाया ये दिखाए की देखो हम एक-एक करके कर रहे हैं तो अब जो है यूजर का जो एक्शन है वो कहानी भी ब्लॉक नहीं है वो पूरा का पूरा डिफिंग नॉन ब्लॉकिंग हो गया बहुत इंपॉर्टेंट कॉन्सेप्ट है इसमें मैं बहुत एक बड़ा भी बनाना चाहता हूं अगर आप लोगों को मजा आया तो जरूर से कमेंट बता दीजिएगा की रिएक्ट फाइबर में भैया हमें अच्छे समझा दो हमें अच्छे से समझना है अगला क्वेश्चन याद है की वाटर सिंथेटिक इवेंट्स इंडिया सिंथेटिक इवेंट्स भी बहुत ही एडवांस कॉन्सेप्ट है बर्ड्स को समझा जा सकता बहुत आसानी से अलग-अलग ब्राउज़र जो होते हैं वो इवेंट मैनेजमेंट अलग-अलग ढंग से करते हैं बट रिएक्ट के साथ सबसे बड़ा फायदा किया जो जैकौरी के साथ भी जिसने जक्वेरी को बहुत फेमस बनाया था वो रिएक्ट के साथ भी की वो हर ब्राउज़र पर एक जैसे एपी के साथ कम करता है अलग-अलग ब्राउज़र के लिए आपको अलग-अलग कोड लेने की जरूर नहीं पड़ती रैक इवेंट डेलिगेशन के थ्रू इस चीज को करता है और जो आप क्लिक कर रहे हो ना तो जो आपका क्लिक इवेंट है वो डायरेक्ट ब्राउज़र में ना जाके रिएक्ट के पास जाता है इसीलिए इसको सिंथेटिक इवेंट बोलते हैं और सिंथेटिक इवेंट में वो सारे के सारे एपी हैं जो नॉर्मल इवेंट में होते हैं तो आप इवेंट और टारगेट वगैरा सब कुछ कर सकते हो बट रिएक्ट इस इवेंट को खुद हैंडल करता है और फिर ब्राउज़र को देता है इसीलिए हर ब्राउज़र पे एक जैसा इवेंट सिस्टम चल पता है एक क्वेश्चन इंटरमीडिएट लेवल क्वेश्चन की हॉप्स की इंट्रोड्यूस वैज्ञानिकों बुक्स का सिंपल सा चीज है की हक से जो आपका स्टेट लॉजिक है वो रेउसाबल हो गया वो टेस्टेबल हो गया वो कंपोनेंट के बाहर निकाला जा सकता है और बाकी सारे कॉम्पोनेंट्स में उसको टेस्ट किया जा सकता है तो आप लॉजिक को अब कंपोनेंट में लॉक करने की जरूर नहीं है स्टेट लॉजिक को ये चीज से बहुत फायदा हुआ क्योंकि अब आप बुक्स को भी आगे एन लाइब्रेरी पब्लिश कर सकते हो ऐसे बहुत सारे हो उसके लाइब्रेरी हैं तो आई थिंक डी मोस्ट इंपॉर्टेंट थिंक डेट हक स्टेट बस की कोड रूसे और कंपोसिबिलिटी दोनों बहुत अच्छी हो गई इसके अलावा एक मेंटल मॉडल में भी चेंज हुआ रिएक्ट हमेशा से फंक्शनल प्रोग्रामिंग मॉडल में था लेकिन उसमें जब आपको स्टेट लगाना होता था तो आपको क्लास बेस मॉडल में जाना पड़ता था इसमें क्या हुआ की अब सब कुछ फंक्शन है कोई क्लास बेस्ड कंपोनेंट नहीं है तो आपका मेंटल मॉडल बिल्कुल सिंपलीफाई हो गया बुक से करण ठीक हो अगर फ्रंट और वेब डेवलपमेंट प्रोग्रामिंग और ऐसे कई सारे वीडियो आपको चाहिए जो आपको जब तक ले जाए तो आप शेर करना सब्सक्राइब करना और कमेंट करना मत भूलना जो भी कॉन्सेप्ट आपको टू लगा है उसे पर मैं ड्रॉ करके पूरा का पूरा वीडियो बना सकता हूं आप बस कमेंट करो की कौन से कॉन्सेप्ट पे फूल वीडियो चाहिए