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किसान और जीएसटी रिफंड पर चर्चा

जय नमस्कार मित्रों तो इकॉनमी में कुछ नया समाचार चल रहा है कि किसानों को जीएसटी रिफंड मिलना चाहिए असल में क्योंकि इस साल इलेक्शन ईयर था तो चुनाव से पहले इंटिम बजट आया था और चुनाव के बाद अभी नेक्स्ट महीने जनरल बजट आएगा तो बहुत सारे किसान संघ बोल रहे हैं कि हमें जीएसटी का रिफंड चाहिए तो यह मामला क्या है प्रीलिम मेंस और इंटरव्यू के लिए समझते हैं कुल मिलाकर चार चीजें देखनी है जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट यानी आईटीसी कैसे काम करता है इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर की प्रॉब्लम क्या है किसान को रिफंड दे दिया तो फायदे नुकसान क्या है और मेंस और इंटरव्यू के लिए कंक्लूजन एकएक करके चार मुद्दे समझते हैं सबसे पहले यह आईटीसी सिस्टम क्या है देखिए सपोज एक वीडियोग्राफर है जिसने वीडियो एडिटिंग के लिए महंगा वाला एक लाख रप का लैपटॉप एल कंपनी से खरीदा लैपटॉप पर 18 पर जीएसटी लगता है तो वीडियोग्राफर ने सीधा सरकार में डिपॉजिट नहीं करना है जीएसटी आप जानते हैं कि इनडायरेक्ट टैक्स है तो जितना भी टैक्स लगेगा एक लाख प 18000 जीएसटी तो वीडियोग्राफर टीम कुक को देगा 18000 और फिर टीम कुक ने वो 18000 सरकार में जमा करने बिकॉज जीएसटी इ एन इनडायरेक्ट टैक्स ऑन कंजमपट्टी चर हो कि वोह क मुझे शेरोशायरी की रील्स बनानी है और उसका ढ लाख रुप का वीडियो एडिटिंग का काम का बिल बने तो अब यह जो टीचर हुआ वो बायर है और जो वीडियोग्राफर है वो हो गया सेलर तो वीडियोग्राफर को पेमेंट मिलेगा ढ लाख रप और उसके ऊपर % सर्विसेस के ऊपर यूजुअली % जीएसटी लगता है तो 27000 जीएसटी टीचर ने वीडियोग्राफर को देना है तो क्या अब वीडियोग्राफर ने वह 27000 का जीएसटी सरकार में डिपॉजिट करना है जवाब है नहीं क्योंकि वीडियोग्राफर को इस स्टेज पर जीएसटी का रिफंड या कैशबैक या टेक्निकली हम बोले तो इनपुट टैक्स क्रेडिट यानी आईटीसी मिलता है यानी कि यह जो वीडियोग्राफर का इनपुट था क्या लैपटॉप उस पर जो उसने 18000 भर दिया था तोब वीडियोग्राफर ने नीचे आउटपुट जो वीडियो रील जनरेट किया उस पर जीएसटी 27000 आया तो उसमें य एडजस्ट हो जाएगा तो - 18000 यानी 9000 ही वीडियोग्राफर ने सरकार में जमा करने होंगे इसको हम बोलते हैं जीएसटी का इनपुट टैक्स क्रेडिट आपका इसमें सरकार का नुकसान नहीं हो जाएगा कि 27000 मिलने थे सिर्फ 9000 ही मिल रहे है नहीं वो ऐसे कि क्योंकि वीडियोग्राफर को अगर यह सब रिफंड लेने है तो उसने लैपटॉप खरीदा तब भी वो बिल मांगेगा और खुद जो माल बेचेगा उसका भी बिल मांगेगा और बिल बनाएगा और यह सारी चीज पे एवरी सेलर एवरी यूनिट वह खुद से सेल्फ पुलिसिंग करेंगे हर एक व्यक्ति बिल बनाएगा बिल को इंसिस्ट करेगा तो अपने आप जो ब्लैक मनी का प्रॉब्लम होता है छिपाया जाता है इनकम को ट्रांजैक्शन को वह कम हो जाता है तो सरकार को जत्थे के रूप में ज्यादा टैक्स की कमाई हो सकती है अब मुद्दे पर आते हैं कि यह जो नया बजट आने वाला है तो किसान के सब यूनियन वो कह रहे हैं कि किसान को भी ट्रैक्टर खरीदे तो उस पर जीएसटी रिफंड मिलना चाहिए अब आपके यहां मिलना चाहिए पर इसके अंदर भी कुछ पॉजिटिव नेगेटिव एस्पेक्ट है उसको हम समझते हैं मेंस इंटरव्यू के लिए देखिए अगर एक फार्मर मान लीजिए टाटा कंपनी जो कि सेलर है उससे ट्रैक्टर खरीदे 10 लाख का ट्रैक्टर है अब डिपेंडिंग कि उसका इंजन साइज क्या है यूज केस क्या है उस हिसाब से 12 से 28 जीएसटी उस परे लगता है तो जितना जीएसटी है फार्मर ने टाटा को दिया और टाटा ने जीएसटी जमा किया सरकार में और ये फार्मर यूनियन क्या बोल रहे हैं कि हमको इधर रिफंड मिलना चाहिए तो अगर रिफंड देने बैठेंगे तो ऑब्स्ट कल क्या होना चाहिए ऑब्स्ट कल क्या हो सकते हैं पहला यह जो मैंने आपको जीएसटी में बताया आपको रिफंड या आईटीसी मिलता है वह सबको नहीं मिलता वह केवल मिलता है जीएसटी रजिस्टर्ड टैक्स पेयर्स को जीएसटी रजिस्टर टैक्स पेयर बनना हो आपको तो ऐसी चीज है कि आपका नॉर्मल स्टेट में रहते हैं मतलब स्पेशल कैटेगरी स्टेट के अलावा हवाले में सालाना 4 लाख रुप की कुछ आमदनी हो फिर आप जीएसटी प रजिस्टर करेंगे आप ग्राहकों से कलेक्ट करेंगे आप जो भी इनपुट लिया उसपे देंगे और फिर वो एडजस्ट होता है तो ज्यादातर किसान एनएसओ के सर्वे के हिसाब से मुश्किल से 00 महीने का कमाते हैं साल में 1200 कमाते हो तो वह तो यह ब्रैकेट में आएंगे ही नहीं कि वह रिफंड के लिए एलिजिबल हो तो ये पहली समस्या हुई दूसरा अगर फिर भी सरकार कहे नहीं एमपन क्रिएट करते हैं और इन सबको दे देंगे इट विल क्रिएट लॉस टू द गवर्नमेंट लॉस इसलिए होगा क्योंकि एक प्रॉब्लम होता है जिसको हम कहते हैं इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर ये इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर क्या है समझते हैं सो द नेक्स्ट टॉपिक इज व्हाट इज इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर देखिए हमारा ओरिजिनल जो केस स्टडी था कि वीडियो ग्राफर ने 18 पर जीएसटी लैपटॉप का दिया बराबर और नीचे टीचर के लिए रील बनाया उस पर भी उसने 18 पर जीएसटी कलेक्ट किया और यहां पर ऊपर दिया था 18000 नीचे से कलेक्ट किया 27 तो 9000 का डिफरेंस ही उसने भरना था किसने वीडियोग्राफर ने सरकार में यानी कि यहां पर वीडियो ग्राफर ने देना था पैसा सरकार ने पैसा लेना था लेकिन मान लीजिए अगर यह अलग होते कि लैपटॉप पर 18 पर जीएसटी लगता और यह जो आप रील्स बना रहे एक प्रकार से वीडियो एडिटिंग सर्विस प्रोवाइड कर रहे हैं उस पर मान लीजिए सिर्फ 5 पर जीएसटी लगता तो प्रॉब्लम क्या होगी जो आउटपुट है वीडियो एडिटिंग सर्विस उस पर कम जीएसटी लग रहा है 5 पर और जो इनपुट था लैपटॉप उस पर ज्यादा जीएसटी लग रहा है 18 पर तो प्रॉब्लम हो जाएगी वह प्रॉब्लम ऐसी होगी कि वीडियोग्राफर ने लैपटॉप खरीदते वक्त मान लीजिए 8 का टैक्स भरा है और फिर वो कह रहा मैंने ल उस पर कस्टमर से मैंने % या र कलेक्ट किए हैं तोब जो डिफरेंस आएगा वो नेगेटिव हो जाएगा कि ग्राहक से पा रप कलेक्ट किए टैक्स के और खुद लैपटॉप के लिए 8 का टैक्स व भर के बैठा है तो डिफरेंस आएगा माइनस 1 यानी कि अब सरकार ने पैसा लेना नहीं अब सरकार ने पैसा उसको देना पड़ेगा कि गवर्नमेंट विल हैव टू गिव बैक ₹ टू द वीडियोग्राफर इसलिए आप देखो मैंने एरो राइट टू लेफ्ट बनाया है पिछली साइड आप वापस गौर करें इधर एरो कैसा था लेफ्ट टू राइट जा रहा था कि वीडियोग्राफर ने पैसा देना था ही हैड टू डिपॉजिट द टैक्स एंड गवर्नमेंट ने पैसा लेना था दे हैव टू कलेक्ट द टैक्स बट अब उल्टा हो जाएगा यहां पर सरकार ने वापस पैसा देना प मतलब टैक्स मिला तो नहीं उल्टा आप उसको ज्यादा पैसा वापस करो इस प्रॉब्लम को आप कहते हैं इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर प्रॉब्लम तो इससे सरकार का टैक्स का लॉस होगा उल्टा ना हुआ और पैसा वापस करना पड़े इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर का प्रॉब्लम जीएसटी में कब-कब होता है तब तब होता है जब आउटपुट पे जीएसटी कम हो मान लीजिए 5 पर और इनपुट पे जीएसटी ज्यादा हो मान लीजिए 12 पर या 18 पर और एग्रीकल्चर में ऐसा हो सकता है क्योंकि ज्यादातर किसानों का आउटपुट क्या होगा अनब्रांडेड वीट फ्रूट्स वेजिटेबल तो जितनी भी अनब्रांडेड चीज होती है देखिए पतंजलि का आप आटा पैक करके ब्रांड लगा दो पतंजलि आटा तो फिर टैक्स लग सकता है व्हाट एवर 5 पर या अमूल का दही है उसपे आप पैक करके लगा दो अमूल दही तो फिर उसपे लग सकता है 5 पर जीएसटी पर आप अनब्रांडेड बेचो लूज बेचो खुला छुट्टा तो उसपे कोई जीएसटी नहीं तो फार्मर का आउटपुट तो ये सब खुली और छुटी चीजें ही है एग्रीकल्चर प्रोड्यूस तो उसपे तो 0 पर जीएसटी है और जो उसने इनपुट खरीदा ये जो भी फर्टिलाइजर केमिकल पेस्टिसाइड ट्रैक्टर उसपे तो जो भी फटू 12 पर जीएसटी लगता इनपुट पे हां तो प्रॉब्लम क्या होगी इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर क्योंकि आउटपुट पे कम है इनपुट पे टैक्स ज्यादा है तो गवर्नमेंट ने ढेर सारे रुपए रिफंड में इनको देने पड़ेंगे तो एक तो यूनियन गवर्नमेंट ने स्टेट्स को भी रिफंड में पैसा देना है क्योंकि उनका भी लॉस हुआ था क्योंकि पहले वेट जो सिस्टम थी वैल्यू एडेड टैक्स सिस्टम उसमें स्टेट बोलते हमको ज्यादा कमाई थी आपका जीएसटी है उसमें हमको कम कमाई है तो उनको भी कंपनसेशन देना पड़ता है फार्मर बोले हमको भी इतना ज्यादा रिफंड दे दो तो फिर पैसा बचेगा ही नहीं सो नाउ वी कम टू दिस पार्ट की फार्मर को रिफंड मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए उसके फेवर और अगेंस्ट में आर्गुमेंट समझते हैं देखिए पहले फेवर में आर्टट पक्ष में तर्क क्या है कोर आर्गुमेंट य कि किसान बहुत गरीब है तो उनकी मदद करने की जरूरत है एनएसओ के सर्वे से पाया गया कि ज्यादातर किसान की मुश्किल से 10000 मंथली इनकम होती है तो इनको अगर ऐसा रिफंड मिलता है तो अच्छी बात होगी आप कहे नहीं एक पीएम किसान स्कीम है नहीं कि जहां पर उनको 000 मिलते हैं सालाना दैट इज नॉट इनफ करीब एक हेक्टेयर में आपको खेतीबाड़ी करनी चाहिए तो 0000 या उससे भी ज्यादा का इनपुट यह सब केमिकल फर्टिलाइजर सब लगता है चौथा मुद्दा यह जो फर्टिलाइजर मशीनरी जो भी इनपुट्स हैं उसमें कोरोना के बाद और यह यूक्रेन वॉर के बाद बहुत ज्यादा महंगाई बढ़ गई है तो इसलिए किसानों की हेल्प करने के लिए उनको रिफंड मिलना चाहिए अभी हम बात करें एंटी आर्गुमेंट कि नहीं उनको नहीं देना चाहिए क्योंकि जितना पैसा देंगे इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के चलते लॉस हो जाएगा सरकार का सरकार ऑलरेडी इनको बहुत ज्यादा सब्सिडी तो दे ही रही है मतलब फर्टिलाइजर पे सब्सिडी एमएसपी पे अनाज खरीदा उसपे सब्सिडी वो लाखों करोड़ों में जा रही है बाकी भी तो सेक्टर है हेल्थ एजुकेशन डिफेंस रोड इंफ्रास्ट्रक्चर कम्युनिकेशन आईटी उन परे भी ध्यान देना है सरकार के पास उनको भी तो खर्च करने के लिए पैसे चाहिए फिजल डेफिसिट अपनी ऑलरेडी 5 पर से ज्यादा है अब इनको और रिफंड देंगे तो फिर बैलेंस अपना बिगड़ जाएगा और क्योंकि मैंने बताया जो लिमिट होती है 40 लाख का एनुअल टर्नओवर हो तब जाके रिफंड मिलता है तो वह तो केवल बड़े किसानों को ही इसमें फायदा होगा छोटे किसान को एलिजिबल होंगे नहीं और बड़े किसान के नाम पर भी यह बहुत सारे बॉलीवुड फिल्म स्टार खुद को फार्मर क्लेम करते हैं वही सब अपना ब्लैक का वाइट करने का मनी लडिंग करने का सरकार से एक्टा रिफंड लेने का खेल खेल सकते हैं सो इट विल क्रिएट इट विल गिव बर्थ टू न्यू सेट ऑफ न्यूसेंस अब प्रश्न ये जो तुमने पढ़ा है इसका उपयोगिता क्या है प्रीलिम के अंदर उपयोगी है हां एक बार यूपीएससी ने पूछा कि जीएसटी आने से मतलब कौन-कौन सी चीज पर जीएसटी लगता है नहीं लगता है तो इस हिसाब से थोड़ी समझ होनी चाहिए इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर वो क्या चीज है एक लाइन में आपको कांसेप्ट पता होना चाहिए इस टाइप के प्रश्न प्रीलिम में एक्सपेक्टेड होते हैं मेंस के अंदर क्या उपयोगी है मैं नेक्स्ट स्लाइड में बात करूं निबंध में उपयोगी है हां 1200 शब्दों में 1000 शब्दों में आपको लखना है कि एग्रीकल्चर सेक्टर में क्या रिफॉर्म की जरूरत है तो ये सब प्लस माइनस आप बात कर सकते इंटरव्यू में वो सामने से पूछे क्योंकि समझो अगर आपका इंटरव्यू फेब्रुअरी में आए नेक्स्ट यर और तब बजट की वापस यही सब चर्चा चलती हो या उसके बाद तो हो सकता है आपका ओपिनियन पूछे तो आप क्या बोलेंगे अब बात आती है कि ठीक है प्रीलिम और एसे और इंटरव्यू में उपयोग मेंस में इसकी उपयोगिता क्या है मेंस के अंदर मैं बात करूं यह जो जीएसटी रिफंड टू फार्मर स्टैंड अलोन क्वेश्चन के रूप में तो मुझे नहीं लगता पूछेंगे कि क्या आपको लगता है जीएसटी का रिफंड फार्मर्स को देना चाहिए क्योंकि यह मुद्दा उसके ऊपर अभी इतनी चर्चा और डिबेट हुई नहीं है सिवाय के कोई डिसीजन ले सरकार या इकोनॉमिक सर्वे कुछ बोले तब यह खुद से मुद्दा बनेगा तब तक तो यह केवल एक उदाहरण के रूप में मेंस आंसर राइटिंग में उपयोग में लिया जा सकता है उदाहरण किधर मेंस पेपर टू रोल ऑफ प्रेशर ग्रुप्स कि हर एक प्रेशर ग्रुप चाहे किसानों का हो इंडस्ट्रियलिस्ट हो हमेशा अपने सेक्टर के लिए टैक्स में माफी सब्सिडी यह सब मांगते रहते हैं तो यहां पर भी यह हो रहा है दूसरा मेंस पेपर थ्री के अंदर आता है बजटिंग एंड पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट तो पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट मतलब सरकार की कितनी इनकम है कितना खर्चा है तो स्वाभाविक ये सब चीज उसमें चुनौती क्योंकि सब लोग अपनी-अपनी मांग रख रहे हैं और वो इतनी वैलिड है कि हम गरीब हैं हमारा सब इनपुट कॉस्ट बढ़ गया यूक्रेन वर के बाद तो सरकार किसको कितना पैसा दे सकते और मींस पेपर थ्री में मुद्दा एग्रीकल्चर चैलेंज सब्सिडी इशू वगैरह तो उसमें भी ये बात हो सकती है एज एन एग्जांपल नाउ लास्टली कंक्लूजन मान लीजिए फिर भी स्टैंड अलोन क्वेश्चन के रूप में पूछे मेंस के अंदर कि देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए रिफंड तो कंक्लूजन आप क्या लिखोगे सिंपल है एक्स थिंग इज क्रिएटिंग प्रॉब्लम वा इज द सॉल्यूशन बट उसके अंदर ये चीजों का ख्याल रखो एक्स थिंग इज क्रिएटिंग प्रॉब्लम कौन सी चीज समस्या कर रही है कि इकोनॉमी के अंदर अलग-अलग प्रेशर ग्रुप हैं वह हमेशा अपने सेक्टर के लिए टैक्स कट और सब्सिडी की डिमांड करते हैं उसी तरह फार्मर ग्रुप अपने लिए जीएसटी रिफंड की डिमांड कर रहे हैं हालांकि वहाई रिफॉर्म शुड बी टेकन आफ्टर ड्यू डिलिजेंस कि ये डिसीजन शुड बी टेकन आफ्टर वाइल स्ट्राइकिंग बैलेंस अमंग कुछ चीजों को आपने संतुलित रखना होगा कि सरकार की फीजल हेल्थ राजकोषीय स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना है फिजल हेल्थ ऐसे है कि फिजल डेफिसिट ऑलरेडी 5 पर से ज्यादा इतना सारा पैसा लोन में लेना पड़ रहा है ऊपर से यह और करेंगे तो और अपने घाटे जो है बढ़ जाएंगे स्ट्राइक बैलेंस विद इंक्लूसिव ग्रोथ एग्रीकल्चर की मदद करने तो सामने हेल्थ एजुकेशन बाकी भी तो सेक्टर्स हैं जहां गरीबों की और आवश्यकता है तो उन सबका भी इंक्लूसिव ग्रोथ हो वो भी तो हमको ध्यान रखना है और तीसरा एग्रेरियन डिस्ट्रेस किसानों की तकलीफ है उसका भी बैलेंस तो करना है मतलब फिजल हेल्थ इंक्लूसिव ग्रोथ और एग्रेरियन डिस्ट्रेस तीन चीजों के बीच हमें संतुलन साधते हुए अगर कुछ मदद हो सके तो वो चाहिए ग्रामर का भी आप ध्यान रखिए दो चीजों के बीच आप कंपैरिजन लिख रहे हैं तो बिटवीन शब्द का प्रयोग होता है दो से ज्यादा चीज हो तो फिर आपको अमंग लिखना है स्ट्राइकिंग बैलेंस अमंग दिस दिस दिस तीन चीजें है तो आपको अमंग शब्द करना पड़ेगा बिटवीन आप करेंगे तो ठीक नहीं है वैसी चीज है कि व प्रोफेसर रोज पढ़ता हो तो उसको तुरंत नजर में आ जाए कि ठीक नहीं जा रहा है एक दो जगह छोटी गलती तो बराबर है फिर कंटीन्यूअसली ऐसा ही आपका सब स्टैंडर्ड क्वालिटी का इंग्लिश हो एंड इट इज नॉट हेल्पिंग यू गेट हाई क्वालिटी मार्क्स यह जो इकोनॉमी है मित्रों यह मेंस पेपर वन में भी उपयोगी पॉवर्टी पॉपुलेशन अर्बनाइजेशन प्रॉब्लम मेंस पेपर टू के अंदर भी वेलफेयर स्कीम्स गवर्नेंस इश्यूज सोशल सेक्टर इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन में डब्ल्यूटीओ आईएमएफ वगैरह मेंस पेपर थ्री में तो इकोनॉमी खुद से इंक्लूडिंग एग्रीकल्चर एंड फूड प्रोसेसिंग मीस पेपर फोर में भी है कॉर्पोरेट गवर्नेंस तो इन सबको कवर करते हुए करीब 30 घंटों की एक्सक्लूसिव लेक्चर सीरीज इंक्लूडिंग सेपरेट हैंड आउटस सेपरेट मॉक टेस्ट विथ इवैल्यूएशन यह मेरा मेंस का क्वालिटी एनरिचमेंट कोर्स जुलाई अगस्ट में होने वाला है और यह एक चीज नहीं वो netflix's विथ इवेलुएशन अवेलेबल और उसपे आप डिस्काउंट कोड यूज करें ओरिजनली हो सकता है 19000 दिखाए ब आप डिस्काउंट कोड यूज करते मल ओजी देन इट विल बिकम 9999 कुछ लोग यह सोचते हैं कि भाई प्रीलिम का जीएस पढ़ लिया ना तो मेंस का भी इधर-उधर से थोड़ा-थोड़ा देख लेंगे तो काम हो जाएगा आप ऐसा मतलब कैजुअल एटीट्यूड ना रखो इसका कारण 2023 में मेंस लिखी 14000 लोगों ने फाइनल सिलेक्शन आया 11 100 लोगों का 1100 पीपल तो 13000 लोग तो फिर भी फेल ही हुए ना तो कुछ मेंस में मार्क कम पड़े होंगे कुछ इंटरव्यू में मार्क कम पड़े हो तो हल्के में मत लीजिए चाहे मेंस हो निबंध हो ऑप्शनल सब्जेक्ट हो सो दैट इज मेंस का एक्सक्लूसिव कोर्स एक बात है जो लोग 2025 26 की तैयारी करें तो उनको प्रीलिम और मेंस की 15 महीने की कंटीन्यूअस प्रिपरेशन जिसमें प्रीलिम मेंस सी सेड मॉक्स सब कुछ आ गया फॉर 24999 विद द डिस्काउंट कोड मुल ओजी सो टेक बेनिफिट ऑफ दिस लिंक इज इन द डिस्क्रिप्शन लेट्स क्रैक इट