हेलो माइसेल्स कैसे हो आप लोग आई होप सब बहुत अच्छे होंगे तो आज का हमारा जो सेशन होने वाला है वह वन शॉट होने वाला है फंडामेंटल यूनिट ऑफ लाइफ का जिसमें आपको मैं टिप्स एंड ट्रिक्स और पूरी माइन मैपिंग के थ्रू पूरा चाप्टर रिवाइस करवाने वाली हूं जो जनरली आप लोगों को रिवाइस करने में प्रॉब्लम आती है जनरली आप है यह आप ऑडिबल ओके तो बिना टाइम वेस्ट करें हम स्टार्ट करते हैं और लेटी बहुत सारा टाइम वेस्ट हो चुका है तो हफ्त पहले यह जान लेते हैं कि हमारा सेल क्या होता है सेल इज अ बेसिक स्ट्रक्चरल एंड फंक्शनल यूनिट ऑफ लाइफ हम सेल को बेसिक स्ट्रक्चरल फंक्शनल यूनिट कहते हैं क्योंकि यह हमारे बॉडी का स्ट्रक्चर भी बनाता है हमारी पूरी बॉडी मिलियन्स एंड फ्रिलियन्स ऑफ सेल से बनी हुई है एंड दूसरी चीज यह फंक्शनल यूनिट भी होता है क्योंकि हमारे जितने भी life process के functions है वो cell ही perform कर रहा होता है and you know that who discovered the cell first Robert Hooke थे जिन्नोंने 1665 में सबसे पहले cell को discover किया था लेकिन twist ये था कि वो cell living नहीं dead cell था और वो भी उन्होंने अपने self design microscope से मतलब observe किया था और वो भी किस से slides of cocks से तो बात यह आती है कि हमारा जो डिस्कवर किया था लिविंग सेल वह किसने किया था तो 1665 में रॉबर्ट हुक ने तो डेट सेल डिसकवर किया था बट 1674 में लुवैन हॉक आए थे जिन्होंने लिविंग सेल को डिसकवर किया था वह भी अपने ही डिसाइन माइक्रोस्कोप से आफ्टर हिम उसके बाद 1831 देख रहे हो कितना डिफरेंस है अप्रॉक्सिमेटली आइटिंग सो 150 यह इसका डिफरेंस है जिसके बाद रॉबर्ट ब्राउन आये थे जिन्होंने नूकलियस को ओब्जर्व किया था सेल के अंदर नूकलियस हमें पता है क्या होता है यह टाइप का सेल औरगनल होता है जो कि सेल के अंदर प्रेजेंट होता है 1831 के बाद 1839 में हमारे कौन आये थे परकिंजेज जी जि तो साइटोप्लाज्म और न्यूक्लियस को दोनों को मिला करके हम प्रोटोप्लाज्म कहते हैं और इसको किसने कॉइन किया था परकिंजे ने परकिंजे के बाद हमारे आयते शील्डेन एंड श्वान जी 1838 और 39 में इन्होंने सेल थेओरी को प्रपोस किया था इन्होंने कहा यह थोड़ी थ्योरी थोड़ी सी गलत थी इसको मॉडिफाई किसने किया था हमारे वर्चाव जी ने जिन्होंने यह बताया था कि सेल स्पॉंटेनियसली कहीं से भी जनरेट नहीं होते हैं सेल जनरेट होते हैं प्री एक्जिस्टिंग सेल से जो एक सेल है हमारा उसी से ही दूसरा सेल जनरेट होता है और बाकी जो थेोरी के दो पॉइंट्स उन्होंने बताया थे शील्डिन और श्वान जी ने वो तो करेक्ट थे तो क्या मॉडिफाइड थिवरी थी कि सारे ऑर्गैनिजम वन और मोर टाइप्स ऑफ सेल से बने होते हैं यह सारे सेल्स किसमें से अराइज होते हैं प्री एक्जिस्टिंग सेल्स में से और थर्ड जो था यह हमारे स्ट्रक्चर फंक्शनल परफॉर्म करते हैं वह टिस्ट क्वाइंड का मतलब बताना ठीक है हाई मैम विल यू ऑल से एक्सप्लेट माय टॉस्ट एंड तो यह थी हमारी थे थ मैं फ्लूइड सब्सक्राइब और सब्सक्राइब जबकि prokaryotic में ऐसे कोई टाइप के cell organelle नहीं present होते, इसमें जो nucleus होता है वो भी well defined नहीं होता है, इसमें जो chromatin material होता है वो ऐसे ही suspended होता है cytoplasm में, जबकि जो eukaryotic cell होते हैं, इसमें देखो proper कि सॉरी न्यूक्लियस आपको दिख रहा है जिसमें न्यूक्लियर मेंब्रेन भी होती और न्यूक्लियोलस भी होता है और सारे ही सेल ऑर्गिनल प्रेजेंट होते हैं अब मैं आपको यह बता दूं कि यह जो एक्जाम में यह जो डू प्रेपेर इस क्वेश्चन वेरी वेल्ड मूविंग ऑन टो दे नेक्स्ट पार्ट वह हमारे क्या सेल ऑर्गिनल अब हमको आता है कि हमारा जो से है वह सारे लाइफ प्रोसेस परफॉर्म करता है किसके थूं अ कि यह सेल औरगिनल्स के थ्रू यह सब औरगिनल्स क्या होते हैं यह सब सेल्यूलर स्ट्रक्चर होते हैं क्या होते हैं यह सब सेल्यूलर स्ट्रक्चर होते हैं जो कि आपका सेल का फंक्शन परफॉर्म करते हैं जैसे कि कोई बिल्डिंग बन रही है तो बिल्डिंग में बहुत सारे वह लगे होते हैं लेबर लगे होते जो अलग-अलग तरीके का काम कर रहे हैं वैसे इस सेल के अंदर भी सेल औरगिनल्स प्रेजेंट होते हैं जो डिफरेंट काम कर रहे हैं कोई प्रोटीन कोई उस प्रोटीन और लिपिट को दूसरी जगह ट्रांसपोर्ट करने का काम कर रहा होता है चलो तो देख लेते हैं यह सेल ऑर्गिनल होते कौन-कौन से सबसे पहला जो सेल ऑर्गिनल होता है यह मारा ओवरव्यू है जिसमें प्लोरोप्लास सेल वॉल मेंब्रेन गॉल्गी यह सारे सेल ऑर्गिनल होते हैं अब कुछ बहुत सेल ऑर्गिनल प्लांट भी प्रेजेंट होते हैं हमारे तो वह हम आगे देखने वाले हैं तो सबसे पहला जो हमारा सेल ऑर्गिनल आता है वह होता है प्लास मेंब्रेन अब यह जो प्लाज्मा मेंब्रेन होती है ना, यह सेल की आउटर कवरिंग होती है, जो हमारा इस सेल की बाउंडरी होती है, यही प्लाज्मा मेंब्रेन होती है, और यह एनिमल सेल में और प्लांट सेल दोनों में प्रेजेंट होती है, क्या? प्लाज्मा मेंब्रेन, और यह एक सेल दूसरे सेल से सेपरेट आउट होता है यह प्लाजमा मेंब्रेइन की वजह से और यह सेमी परमीएबल होती है सेमी परमीएबल का मतलब होता है यह कुछ बहुत समस्या कुछ बहुत सब्सक्राइब को अंदर आने देती है वह सब्सक्राइब को बाहर जाने देती है सब को अंदर आने और जाने नहीं देती है अब यह तो नहीं है कि मैं अपने माम प्लीज एक्सप्लेन यू के रियल टीव के टाइप के सेल्स होते हैं जो मॉडिफाइड सेल्स होते हैं उनमें सारे में ब्रेन ऑर्गिनल्स प्रेजेंट होते हैं न्यूक्लियर्स व्हाट वेल डिफाइन होता है ठीक है यह सब चीजें होती हैं ही बाहर जाने देते हैं सबको अलाउन नहीं करते हैं ना मूविंग ऑन टू दे नेक्स्ट हमारा ऑस्मोसिस होता है अब प्लाजमा मेंब्रेन हमारी क्या थी सेमी परमीएबल मेंब्रेन थी सेमी परमीएबल का मतलब मैंने अभी बताये कुछ बहुत सब्सक्रेंस को अंदर आने देती है कुछ बहुत सब्सक्रेंस को बाहर जाने देती है तो एक ऐसा प्रोसेस वो करवाती है जिसको हम ओस्मॉसिस लो कंसेंट्रेशन में मूव कर रहा होता देख रहा है यहां पर वाटर के मॉलिक्यूल्स कितने सारे प्रेजेंट है जबकि सेल के अंदर वाटर के मॉलिक्यूल्स कितने कम प्रेजेंट है तो हाई कंसेंट्रेशन से वाटर कहां लो करने लगेगा लो कंसेंट्रेशन में तो मूवमेंट वाटर मॉलिक्यूल्स फ्रॉम हाई कंसेंट्रेशन टू लो कंसेंट्रेशन थ्रू द सेमी परमीएबल मेंब्रेड इज नोन एस ऑस्मोसिस तो आपके एग्जाम में यह वन मांस का प्रेशन आ सकता है कि ऑस्मोसिस क्या होता है अब difference यह आता है कि osmosis और diffusion में क्या difference होता है diffusion जो होता है वो सारे state of matter में हो सकता है मतलब gases में भी हो सकता है, solid में भी हो सकता है, liquid में भी हो सकता है और diffusion के लिए हमें कोई semi permeable membrane की requirement नहीं होती है जबकि allow virus to go plasma membrane को खराब करके virus अंदर enter कर सकता है ऐसे अंदर enter करने नहीं देता है virus बहुत micro particles होते हैं तो बहुत chances होते हैं कि वो शायद enter कर भी जाएं ठीक है तो यह डिफ्यूजन यह होता है कि वह सारे स्टेट ऑफ मैटर में हो सकते हैं और उसमें सेमी परमीएबल मेंब्रेइन नहीं रिक्वायर होती है जबकि जो आपकी ऑस्मोसिस होता है ऑस्मोसिस सिर्फ लिक्विड में हो सकता है सिर्फ और सिर्फ लिक्विड में यह कंफ्यूजन होता है इसीलिए बता रही है और इसमें हमेशा एक सेमी परमीएबल है तो नेक्स्ट पार्ट वह है क्या टोनी सिटी मतलब सेल्यूशन का सेल्यूशन में इस पर सॉल्यूट का कंसंट्रेशन और सॉल्वेंट का कंसंट्रेशन क्या होता है ठीक है तो देखो तीन टाइप के सलूशन होते हैं त्री टाइप के सलूशन होते हैं एक होता है हाइपोटोनिक एक होता है आईसोटोनिक और एक होता है हा� टोनिक, जो हाइपो टोनिक होता है, इसमें क्या होता है, सेल के अंदर, सेल के अंदर पानी की कमी होती है, हाइपो टोनिक सलूशन में क्या होता है, सेल के अंदर H2O पानी बहुत कम होता है, जबकि सेल के बाहर H2O बहुत high amount में present होता है, तो अभी हमने पढ़ा ओस्मोसिस high concentration से low concentration में हो रहा है, बाहर से पानी अंदर move करने लगेगा, सेल क्या हो जाएगा स्वेल हो जाएगा ऐसे टाइप के सलूशन को हम क्या बोलते हैं हाइपोटोनिक सलूशन बोलते हैं जिसमें पानी बाहर से देखो अंदर सेल के अंदर जा रहा है और सेल हमारा बिचारा मोटा हो गया जबकि दूसरा सलूशन जो आता है वह होता है आईसोटोनिक सलूशन का आईसोटोनिक सलूशन क्या होता है ऐसा सलूशन जिसमें वाटर सेल के अंदर भी इक्वल अमाउंट में होता है और बाहर भी पानी एकदम इक्वल अमाउंट में होता है तो जितना पानी सेल बाहर जा रहा है उतना ही पानी सेल के अंदर भी आ रहा होता है तो सेल हमारा क्या है एज़ रहता है ना फूलता है ना पतला हो जाता है ऐसे टाइप के सलूशन को हम क्या बोलते हैं आईसो टॉनिक सलूशन बोलते हैं ना मुविंग ऑन टू थर्ड सलूशन जो होता है हाईपर टॉनिक सलूशन क्या होता है इसमें सेल का जो वाटर कंटेंट होता है इसमें सेल के अंदर जो पानी होता है वह बहुत जादा होता है जबकि बाहर जो हेच टू ओ का अमाउंट होता है वह और अभी हमने पढ़ा ओस्मोसिस हमेशा हाई कंसेंट्रेशन से लो कंसेंट्रेशन होती है तो पानी सेल के अंदर बहुत ज्यादा है तो वह पानी बाहर निकलने लग जाता है जिससे क्या होता है हमारा सेल जो होता है श्रिंक हो जाता है सिकोड़ जाता है ऐसे टाइप के सेल्यूशन को हम क्या बोलते हैं हाईपरटॉनिक सेल्यूशन बोलते हैं मूविंग ऑन टो दे नेक्स्ट और ग्नल जो कि हमारा होता है सेल वॉल जैसे कि प्लांट और सेल वॉल हमेशा सिर्फ और सिर्फ प्लांट सेल में प्रेजेंट होती है यह एक्सटर सबसे बाहर वाली मेंब्रेन होती है जो सेल को रिजिडिटी और मेकानिकल सपोर्ट प्रोवाइड करती है क्या प्रोवाइड करती है रिजिडिटी और मेकानिकल सपोर्ट प्रोवाइड होती करती और इससे बनी होती सेल्यूलोस बनी होती और यह सिर्फ प्लांट सेल में ही प्रेजेंट होती है किसमें प्रेजेंट होती है प्लांट सेल में ही प्रेजेंट होती है सिर्फ ठीक है एनिमल सेल में फ्रीली परमियेबल होती है फ्रीली परमियेबल का मतलब क्या होता है कि ये सारे सबसेंसेस को अंदर और बाहर जाने देती हैं वो चाहें बैक्टीरिया वाइरस पानी नमक आयंस जो भी होगा सबको अंदर और बाहर जाने देती है जबकि हमारी प्लाज्मा मेंब्रेन ऐसा कि सेल के अंदर से बाहर जा रहा था यह हमारा सेल था यहां पर एचट्रो का अमाउंट क्या था हाई था जिसकी वजह से क्या हो रहा था पानी हमारा अंदर से बाहर जा रहा था क्योंकि बाहर एचट्रो का अमाउंट लो था तो ऐसे में क्या होता है ना सेल की जो प्लाज माफिक वह होती है ना सेल वॉल होती है वह से शिक्कर जाती है प्लाजमा मेंब्रेन जो होती है सेल की वह इस तरीके से शिक्कर जाती है देख रहे देखो शिक्कर गई है इसकी प्लाजमा मेंब्रेन यह प्लाज्मा मेंब्रेन सेल वॉल्स क्या हो जाती है कंप्लीटली नहीं पार्शल डिटैच हो जाती है दूसरी अलग हो जाती है ठीक है और इसकी वजह से क्या हो जाता है हमारा जो सेल होता है वह श्रिंक हो जाता है उसका उसकी बोलते हैं अब यह आपका वन मार्क में डेफिनेशन आ सकते हैं कि प्लाज्मोलिसिस होता क्या है वें विपोर्ट द सेल इन ना हाइपर टोनिक सेल्यूशन इट लूज वाटर थ्रू द और स्मॉस लीडिंग टो द श्रिंकेज ऑफ द प्लाजमा मेंब्रेन दिस फिनॉमिनम इज नोन आफ प्लाजमो लिसिस और यह सिर्फ प्लांट सेल में होती है एनिमल सेल में इसका नाम दूसरा होता है ठीक है एनिमल सेल में प्लाजमो लिसिस नहीं होता क्रीनेशन होता है ठीक है क्या होता है है मूविंग ऑन टू द नेक्स्ट ऑर्गिनल जो कि होता है साइटोप्लाज में हमारा सेल का फ्लूइड पार्ट होता है और इसी में ही सारे सेल ऑर्गिनल प्रेजेंट होते हैं एक्सेप्ट द यह और ऐसा जिसका कुछ वह रीजन नहीं है फंक्शन नहीं है मतलब न्यूक्लियस क्या होता है न्यूक्लियस हमको पता है यह क्या होता है यह होता है हेड क्वार्टर ऑफ द सेल क्या होता है हेड क्वार्टर ऑफ द सेल क्योंकि इसके अंदर क्या प्रेजेंट होता है डीएने या फिर हेरिडिटरी मटीरियल जो अधर सेल को इंस्ट्रक्ट करता है सेल एक और अपना फंक्शन परफॉर्म करने में क्या परफॉर्म करने में अपना फंक्शन परफॉर्म करने में इसीलिए हम इसको हेड क्वार्टर या सेंट कंट्रोल सेंटर ऑफ द सेल भी बोलते हैं और इसमें फॉलोविंग पार्ट्स प्रेजेंट होते हैं जिसकी वजह से थोड़ा बहुत मटीरियल अंदर और बाहर जा सकता है ठीक है और तीसरा क्या होता है इसमें plasma membrane या sorry nuclear membrane या जिसको हम nuclear envelope भी बोलते हैं जैसे cell में plasma membrane present होती है वैसे ही nucleus में nuclear membrane present होती है ठीक है आया समझ में, now moving on to the next cell organ, जो के हमारा होता है ribosome, अब ये ribosomes क्या होते हैं, हमारे ये protein factory होते हैं, ribosome को बनाता कौन है, हमने अभी nucleus पढ़ा, nucleus में जो nucleus होता है, वही बनाता है ribosome को, forms ribosomes, और ये ribosomes क्या करते हैं, protein की synthesis करते हैं, क्या करते हैं, they form the protein, protein की synthesis करते हैं, इसलि� बाक्टरी भी बोला जाता है बस इनका इतना सा काम होता है और यह राइबोजोम आपके बहुत सारे अधर सेल ऑर्गनल में प्रेजेंट होते हैं जैसे कि एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम ऑल्सों अब हम नेक्स्ट वहीं पढ़ने वाले जो है हमारा आपके इनके ऊपर राइबोजोम्स प्रेजेंट होता है क्या प्रेजेंट होता है राइबोजोम्स यह देख रहे देखो यह यह सब क्या है राइबोजोम्स है और यह राइबोजोम्स क्या करते हैं हमारा प्रोटीन का सिंथेस करते हैं एंडो है तो हमारा दोनों का फंक्शन क्या हो गया जो रफ वाले होते हैं वह किस की सिंथेसिस करते हैं प्रोटीन की सिंथेसिस करते हैं जबकि जो स्मूथ होते हैं वह लिपिड की सिंथेसिस करते हैं और आपको एक और बात बता दूं तो यह जो लिपिड और प्रोटीन आपके बन रहे हैं यही सेल की प्लाजमा मेंब्रेन को बनाने में हेल्प करते हैं जिसको हम में ब्रेन बायोजेनिसिस भी बोलते हैं तो क्या-क्या फंक्शन हो गए हमारे मैं वॉइस लो अब आ रही है बेटा आई तरफ से माइक मैम माई किश्चू हलो ठीक है मैम एनिवल सेल में प्लाजमोलिसिस को क्या बोलते हैं क्रीनेशन बोलते हैं क्रीनेशन उसमें प्लाजमोलिसिस नहीं होता है तो हमारा क्या करता है एंडो प्लाजमिक रेटिकुलम्स प्रोटीन की सिंथिसिस करता है लिपिट की सिंथिसिस करता है डीटॉक्सिफिकेशन करता है और एवं जो प्लाजमा मेंब्रेन में प्रोटीन और लिपिट चाहिए होते हैं वो कौन सिंथिसाइज करता है एंडो प्लाजमिक रेटिकुलम भाई आप लोगों का शायद वो होगा, माइक स्लो होगा, वो वॉल्यूम कम होगी देख लो एक बार, नेक्स्ट ओर्गनेल हाता है हमारा माइटोकॉंड्रिया, जो की सबसे इंपोर्टेंट ओर्गनेल है, क्योंकि इससे क्वेश्चन बहुत आते हैं, और क्वेश्चन ये और इसके अंदर ना बहुत सारे enzymes present होते हैं जो खाने को breakdown करते हैं क्या करते हैं खाने को तोड़ते हैं खाने को तोड़ने की वजए से उसमें से energy release होती है खाना हम क्यों खाते हैं energy के लिए ताकत के लिए तो खाने को breakdown कौन कर रहा होता है mitochondria कर रहा होता है और वो breakdown करते टाइम oxidation करते टाइम वो क्या release करता है ATP release करता है और इसको हम energy भी बोलते हैं और इसलिए इसको हम powerhouse of the cell भी बोलते हैं है इसमें एक आउटर मेंब्रेन प्रेजेंट होती है इन अमेंब्रेन प्रेजेंट होती है और बहुत सारे राइबोजोम भी प्रेजेंट होते हैं इसीलिए और इसमें अपना इसके पास अपना खुद का डीएने भी होता है माइटोकोंड्रिया के पास अपना खुद का डीएने और राइबोजोम दोनों होते हैं इसीलिए हम माइटो राइबोजोम दोनों होते हैं इसीलिए हम माइटोकोंड्रिया को सेमी ऑटोनॉर्मस सेल ऑर्गनल बोलते हैं क्या बोलते हैं सेमी ऑटोनॉर्मस सेल ऑर्गनल semi autonomous का वतलब होता है कि जो अपना आधा काम खुद perform कर सकता है ठीक है दूसरा आता है chloroplast यह chloroplast जो होता है ना इसका main काम होता है food synthesis का इसलिए हम kitchen of इसे क्या बोलते है kitchen of the cell भी बोलते है kitchen of the plant cell भी बोलते है क्यों कि ये खाना food preparation में help करता है photosynthesis में help करता है और यह सिर्फ प्लांट सेल में ही प्रेजेंट होता है इसका स्ट्रक्चर कैसा होता है वह देख लेते हैं क्योंकि इसका स्ट्रक्चर पूछा जाता है यह डबल मेंब्रेन आफ होता है इसमें आउटर मेंब्रेन प्रेजेंट होती है एक इनर बोलते हैं और जब ऐसे बहुत सारे कॉइंट को आप इखटा रख दोगे बहुत सारे कॉइंट को इखटा रख दोगे तो हम इसको ग्रेना बोलते हैं क्या बोलते हैं ग्रेना बोलते हैं और यह सारे जो कॉइंट है ना आपके ये देखो इस पार्ट से अटैज है, इसको हम क्या बोलते हैं, stroma lamellae बोलते हैं, इसके अंदर जो matrix present होता है, इसको stroma बोलते हैं, और ये जो connection point होता है, ग्रैना के बीच में, उसको हम stroma lamellae बोलते हैं, क्या बोलते हैं, stroma lamellae बोलते हैं, तो ठीक है, इसका diagram अच्छे से prepare करके जाना, क्योंकि ये exam में पूछा जाता है, कि chloroplast होता क्या है, ठीक है, और ये सिर्फ plant cell में present होता है, next आते हैं, golgi complex, जो की एक और cell organelle है, और गॉलगी कॉम्प्लेक्स जो होता है वो प्रोटीन की प्रोसेसिंग करता है प्रोटीन की प्रोसेसिंग करता है सिंथेसिज अलग होता है प्रोटीन की प्रोसेसिंग अलग होती प्रोसेसिंग का मतलब यह होता है कि एंडोप्लास्मिक रेटिकुरम पूरा प्रोटीन इसको आकर दे देता है और यह फिर क्या करता है प्रोटीन को प्रोसेस करके देख समझ के उसको उन पार्ट्स पे पहुचा देता है है तो मेन काम क्या हो गया इसका प्रोटीन प्रोसेसिंग और सॉर्टिंग का ठीक है नेक्स्ट और ने आता है हमारा वैक्यूल ना प्लांट और एनिमल से दोनों में प्रेजेंट होता है लेकिन एनिमल सेल में जो वैक्यूल होता है और सेंटर में प्रेजेंट होता है और इसका मेन काम कुछ नहीं होता फूड का स्टोर होता है स्टोरेज ऑफ फूड कभी-कभी यह वेस्ट मटीरियल को भी स्टोर करता है और प्लांट सेल में नहीं सबसे बड़ा होता है प्लांट सेल में सबसे बड़ा वैक्यॉल होता है और इसका काम ना प्लांट को रिजिडिटी प्रोवाइड करना भी कहीं ना कहीं होता है ठीक है लेकिन एनिमल सेल में छोटे-छोटे वैक्यॉल प्रेजेंट होते और उसमें भी हमारा क्या करता है वह हां इस विशेष भी करता है गॉल्गी कंप्लेक्स हमारा और इसका मेन काम यह होता है फूड का और अधर मटीरियल का स्टोरेज ठीक है उसके बाद आता है लाइजोजोम स्कूल सुसाइडल बैग या फिर डाइजेस्टिव बैग भी बोलते हैं क्या बोलते हैं सुसाइडल बैग और डाइजेस्टिव बैग भी बोलते हैं क्योंकि इनके अंदर क्या प्रेजेंट होता है डाइजेस्टिव डाइजेस्टिव एंजाइन जो होते हैं जब भी हमारा सेल खराब हो गया होता है या उसको इंजरी हो गई होती है या हमारा लाइजोजोम के अंदर खराब सा मटीलर प्रेजेंट होता है तो उसको डाइजेस्ट उसको तोड़ने का काम उसको हटाने का काम क्या करता है हमारा लाइजोजोम करता है तो यह क्या करता है फूट पार्टिकल्स को डाइजेस्ट करना वेस्ट को डाइजेस्ट करना सेल के पार्ट को जो सेल हमारा खराब हो चुका है उसको भी हटाने का काम फॉरिंड फट जाते हैं बर्स्ट हो जाते हैं और उनमें से कि डाइजेस्टिव इंजाइम बाहर आ जाते हैं और उस तरह यही डाइजेस्टिव इंजाइम पूरे सेल्स को डिस्ट्रॉय कर देते हैं तो अब हमारे प्लास्टेड जाते हैं अब यह प्लास्टेड जो होते टाइप्स के होते हैं एक होते हैं क्रोमोप्लास्ट क्रोमो का मतलब कलर तो यह क्या पर कलर्ड प्लास्टेड होते हैं जैसे कि हमारा फ्रूट्स वेजिटेबल जो कलर होते हैं इसे बैंगन हो गया हमारा अ ब्रिंजल हो गया, पर्पल कलर का होता है, टमाटर हो गया, रेड कलर का होता है, हमारा पी हो गई, मटर हो गया, वो ग्रीन कलर के होते हैं, तो ये सारे जो कलर होते हैं, ये क्रोमोप्लास्ट की वज़े से आ रहे होते हैं, दूसरा होता है क्लोरोप्लास्ट, जो अभी हमने और कार्बोहाइड्रेट का स्टोरेज होता है, ये सर्फ स्टोर करते हैं फैट और ओयल और प्रोटीन को, ठीक है, तो ये तीन टाइप के प्लास्टेड्स होते हैं, जिसका आपको क्वेश्चन आ सकता है पांच मार्क्स में कि, मतलब कितने टाइप की प्लास्टेड्स होते ह एनिमल सेल में जो होते हैं, एनिमल सेल में हमारे सेंट्रियोल्स प्रेजेंट होते हैं, परोक्सिजोम्स प्रेजेंट होते हैं, और जो वैक्योल होता है न, वो स्माल होते हैं, वैक्योल क्या होते हैं, स्माल होते हैं, और इसमें न सेल वाल नहीं प्रेजेंट होती है प्लां और क्या present होता है? chloroplast present होता है, जो कि आपको animal cell में नहीं मिलता, तभी animal cell अपना खाना खुद prepare नहीं कर पाते हैं, तो बाकी सारे organelles common होते हैं, बस vacuoles large size होता है, plant cell में chloroplast present होता है, और cell wall present होती है, जबकि animal cell में centrioles, peroxisomes, और cell wall नहीं होती है, बहुत सारे होते हैं, तो ये था पूरा animal cell और plant cell का difference, और इसके सारे और गिनेल्स थे तो आई होप आज आपको यह पूरा समझ में आया होगा फंडमेंटल यूनिट ऑफ लाइफ और पूरा सा बिगनिंग के लिए माफी चाहूंगी कुछ घड़बड़ के लिए और अगर जिसको यह प्रेजेंटेशन या पीपीटी चाहिए तो उनको भी यह सेशन पसंद आया हो वह लाइक कर देना थम्स अप देखें ना माम को शेयर कर देना अपने फ्रेंड्स के साथ जिनका टेस्ट है कल और चैनल पर अगर आप नए थे तो प्लीज सब्सक्राइब करते जाना ताकि मैम का कोई भी सेशन आपसे मिस ना हो अपार्ट फ्रॉम दिस चैनल आपके और भी अलग-अलग सब्जेक्स के चैनल है जिसमें आपको 60 सेकंड्स में रिवीजन हो सकता है आपका सारे आपके सेल टिशू और बाकी सारे सब्जेक्स का भी तो उन चैनल का भी लिंक आपके डिस्क्रिप्शन बॉक्स में ही अवेलेबल है उनको भी सब्सक्राइब कर देना ताकि आपसे कोई भी अपडेट मिस ना हो I hope you like the video लाइक कर देना शेयर कर देना सब्सक्राइब भी कर देना तो फिर मिलेंगे चलते-च कि अ