Hello everyone, welcome to the class guys, this is me Abhishek Sahoo, आज हम इस वीडियो में पढ़ने वाले हैं Electric charge in field in just one shot, ये वीडियो आज के इस चैप्टर का quick revision होने वाली है, 30 minutes में हम इस चैप्टर को फिनिश करेंगे और अगर आप चाहते हैं कि इस चप्टर का एक ऐसा पोर्शन हमें मिल जाए जो की इंपोर्टेंट है मोस्ट इंपोर्टेंट तो आज आप इस वीडियो के साथ टिके रहें आपके क्लास टूबल फिजिक्स का जो चप्टर फर्स्ट है इसके सभी इंपोर् इसी चैनल को आप जॉइंट करेंगे कि यही हमारा ऑपिशियल चैनल है तो विदाउट वेस्टिंग टाइम लेट्स कर स्टाइड गाइस सबसे पहले में पढ़ना है कि भी एलेक्ट्रिक चार्ज क्या होता चप्टर फास्ट है ना सारे इंपॉर्ट पॉइंट पर कवर करेंगे देखिए एलेक्ट्रिक कि जिसके कारण से वह मैटेरियल दूसरे मैटेरियल पर एलेक्ट्रोस्टाटिक फोर्स लगा सकता है मतलब किसी दूसरे मैटेरियल को या तो वह रिपेल कर सकता है या अट्रैक्ट कर सकता है तो यह किस प्रॉब्लम आपको पर एलेक्ट्रिक चार्ज के कारण तो च किसी object की property है जिसके कारण material electrostatic force लगा सकता है चाहे वो attraction का हो या फिर repulsion का charge दो type की होते है negative charge और positive charge negative charge अगर किसी body में electron जो है ना वो extra electron आ जाए जाएं तो बोलते हैं नेगेटिव चार्ज आ गया अगर किसी बॉडी में एलेक्ट्रोन सी कमी हो जाए प्रोटोनी कंपेरेजन एलेक्ट्रोन आ जाए तो नेगेटिव चार्ज है और अगर एलेक्ट्रोन निकल जाए तो पॉजिटिव चार्ज है प्लेट है चलिए नेक्स्ट अगर मास कंपेरेजन की बात करें तो याद रखना है आपको कि पॉजिटिव चार्ज बॉडी से एलेक्ट्रोन निकल जाता है और नेगेटिव चार्ज बॉडी वह होती है जिसके पास एलेक्ट्रोन आ जाता है है, है ना, तो अगर electron आ गया, तो negatively charged body का mass बढ़ जाता है, क्योंकि electron का भी तो कुछ mass होता है, और positively charged body का mass जो है घट जाता है, क्योंकि electrons में चला जाता है, तो अगर हम mass की बात करें, तो negatively charged body का जो mass होता है, ये same होता है, मतलब जादा होता है under same condition, under same, मतलब जो ह body का mass बढ़ जाएगा, ठीक है, charge की बात करें, तो electron पे charge होता है, minus 1.6, minus 19 coulomb, और proton पे charge होता है, वही चीज प्लस में, ठीक, तो charge दोनों पे same है, लेकिन mass की बात करें, तो ये देखो, electron, proton, neutron तीनों के mass mention करें हैं, जिसमें से neutron का mass जादा होता है, proton का mass उससे थोड़ा सा कम होता है, और electron का mass proton से बहुत कम होता है, clear है, चलिए, neutron पे कोई charge नहीं होता है, इसको हम बोलता है neutral या zero charge, next, अगर हम किसी बात करें, किसी body को अगर हम किसी body को charge करना चाहते हैं तो उसके तीन method होते है charging by friction, charging by conduction, charging by induction. अगर मैं कहूँ friction में क्या होता है तो friction में आप simple दो body को rub करते हैं. Rub करने से एक body से दूसरी body में अगर electron transfer हो जाते हैं तो electron electron transfer हो गए इसका मतलब body charge हो गए.
देखो charge का मतलब ही क्या होता है? किसी body पे charge कब आता है? किसी body पे charge जब आता है?
जब number of electron is not equal. इक्वल टू नंबर आफ प्रोटोन तो यह इंबैलेंस जो जाता है नंबर का तब किसी बॉडी पर चार जाता है तो ऐसा हम फ्रिक्शन द्वारा कर सकते हैं टेक नेक्स्ट चार्जिंग बाय कंडक्शन तो कंडक्शन में कॉन्टेक्ट होता है और पास यह एक मैटल है यह एक मैटल का विश्व पर है ठीक है और यह मेरे पास ना एक पॉजिटिवली चार्ज कैसी रोड इस मेटल है और यह इंसुलेटर का स्टेंड है यहां इसके पास में मैं एक लाकर के मैंने एक पॉजिटिव चार्ज रॉड को टच करा दिया तो पॉजिटिव चार्ज रॉड से यहां से एलेक्ट्रोन निकल के इसमें चले जाएंगे तो यह बॉडी में एलेक्ट्रोनी कमी होने से इसके पास पॉजिटिव चार्ज आ गया और यह हो गई न्यूट्रल है ना तो यह जो मेटल चार्ज चार्ज बाय कंडक्शन टीक है जो चार्ज बाय इंडक्शन में क्या होता है यहाँ पर हम जो है touch नहीं कराते हैं तो without touching और हम body को charge कर देते हैं जैसे कि यह मेरे पास एक rod है इस पर positive charge है अब इस rod को जब हम इसके पास में ले कर के आए touch नहीं कराई तिक तो यहाँ पर electron देखो attract हो गए तो electron तो इस side आ गए अब electron अगर इस side आ गए तो यहाँ पर क्या बचा positive charge बचा फिर हमने इन positive charge को cancel करने के लिए neutralize करने के लिए इसको earthing wire से connect कर दिया मतलब metallic wire से connect कर दिया यार्थ से तो क्या होगा कि अर्थ से एलेक्ट्रोन आएंग चार्ज कर देंगे, सिर्फ इसके पास क्या बचेगा? सिर्फ और सिर्फ इस बॉडी के पास बचेगा, नेगेटिवली च चार्ज तो हम ऐसी प्रोसेस को बोलते हैं चार्ज बाय इंडक्शन क्लियर है नाओ आगे बढ़ जाएंगे अगर हम चार्जेस की बात करते हैं तो चार्ज की बेसिक तीन में प्रॉपर्टी है एडिटिविटी आफ चार्ज कंजरवेशन आफ चार्ज क्वांटाइशन आफ जैसे normal add करते हैं minus plus ऐसे जैसे कि अगर हम इस पे हम charge देखे net charge तो आप simple algebraic addition कर सकते हैं minus 2 plus 2 0 हो गय��� ठीक है जैसे अगर हम negative charge देखें तो इसमें negative charge हो गया minus 6 q और positive charge हो गया इसमें 3 और 3 6 कि हां माइनस सिक्स और यह थ्री और 36 तो यह प्लस का सिक्स क्यों अब नेट चार्ज पर कितना बचा जीरो अगर यह वैक्टर सम होता ना यहां पर स्केलर क्वांटिटी तो एलजेब्रिक सम वैक्टर सम होता तो रिजल्ट कुछ और आता चलिए अगर हम बात करते हैं पांटेशन अपचार यह मोस्ट इंपोर्टेंट प्रॉपर्टी है तो क्वांटेशन ऑफ चार्ज क्या होता है देखो आपको बताऊं कि बेसिकली क्वांटेशन का मतलब होता है पैकेट क्या होता है पैकेट एक फिक्स पैकेट अभी क्या है एक फिक्स क्वांटिटी देखो कोई बॉडी चार्ज कब होती है जब उसमें से एलेक्ट्रोन ट्रांसफर हो जाए तब ही कोई बॉडी चार्ज होती है ना तो क्वांटिटी चार्ज है कि चार्ज हमेशा एक फिक्स क्वांटिटी में चार्ज हमेशा एक फिक्स क्वांटिटी म इंटीजर मल्टीपल चार्ज ऑन एलेक्ट्रोन 1234 क्या है यह इसको बोलते हैं इंटीजर मल्टीपल क्या बोलते हैं इंटीजर मल्टीपल तो कॉंडेशन ऑफ चार्ज कहता है कि किसी बॉडी पर जो भी चार्ज आएगा यह एलेक्ट्रोन एक एलेक्ट्रोन जो चार्ज है उसके इंटीजर मल्टीपल के बराबर होगा और यह चार्ज प्लस माइनस कुछ भी हो सकता है अगर एलेक्ट्रोन जाएगा तो पॉजिटिव आएगा तो नेगेटिव चलिए इसके बाद आप जानते हैं कि दो चार्जेस एक दूसरे को या तो अट्राक करेंगे या रेपेल करेंगे लेकिन कितने फोर्स से करेंगे इसको बताने के लिए हमारे पास कूलामलो होता है तो कूलामलो बताता है दो चार्जेस के बीच में कितना फोर्स लगेगा तो पर नाइन और अगर हम यूनिट बनाना चाहें तो यहां से वन अपन पॉइंट पर अप्सलॉन नोट की यूनिट जो होगी ना यह से बन जाएगी आफ आदे स्क्वायर अपन क्यों एन क्यों टू इज एक्वल टू यह बच गया आपके पास वन अपन पॉइंट पर अपन पर जाते हैं भी कुलाम लॉक का वेक्टर फॉर्म देखो मैं आपको बता दूं वेक्टर फॉर्म जब भी हमें लिखना होता है तो वेक्टर का मतलब है डायरेक्शन तो अगर मेरे पास मुझे बताना है कि पहले तो क्या था ना कि क्यों आप यूटर पर जानी पड़ेगी तो इसे अगर मैं कह रहा हूं कि फॉर्स ऑन 12 प्लेट है ठीक है तो देखो force on अगर मैं बोल रहा हूँ F12 vector क्या होता है तो हम इसको बोलते हैं F12 vector का मतलब है force on charge 1 by 2 जो पीछे लिखा है ना वो force लगा रहा है बस आप इतना ध्यान रखें यहाँ पे आप ये देखो ये charge मान के चलो ये Q1 charge है और ये Q2 charge है ठीक है अब Q1 पे Q2 force लगा रहा है तो किस direction में लगा रहा है इस direction में लगा रहा है न तो हम इसको बोलेंगे R कहां से लगा रहा है R2 से वन की direction है तो r21 vector तो हमने इसको लिख दिया r21 समझ ना इसको अब जिस direction में लगता है ना तो उसको unit vector का यहाँ पे into करते हैं तो r21 cap का हमने यहाँ पे into कर दिया clear है चलिए अब r21 cap को open हमें इस तरीके से करते हैं क्योंकि formula होता है a cap is equal to a vector upon उसका magnitude तो r21 का magnitude क्या है r21 vector sign नहीं लगाना याद रखिए जो distance है r21 यह r12 चाया आप 2 से से लेके 1 तक जाओ चाहे 1 से लेके 2 तक जाओ या सिंपल है इसको r लेकर दो यह बराबर है तो इस तरीके से हम इसको यह r square का into r से करेंगे तो यह नीचे बचेगा r cube और r2 1 vector को हम लिख सकते हैं तो यह हो गया इसका वेक्टर फर्म तो यह हो गया इसका वेक्टर फर्म तो यह हो गया इसका वेक्टर फर्म तो यह हो गया इसका वेक्टर फर्म तो यह हो गया इसका वेक्टर फर्म तो यह हो गया इसका वेक्टर फर्म तो यह हो गया इसका वेक्टर फर्म यह R1 वेक्टर माइनस R2 वेक्टर है और यहाँ पर उल्टा हो गया R2 वेक्टर माइनस R1 वेक्टर क्योंकि आप समझें कि F21 वेक्टर इसे एक्वल टू नेगेटिव आफ F12 वेक्टर ठीक है क्योंकि एलेक्ट्रोस्टाटिक फोर्स कॉमन फोर्स होता है दोनों चार्जेस में बराबर लगता है तो इस तरह से आप कूलाम लोग का vector form लेखते हैं clear now अभी आपको समझना है कि इसमें next होता है dielectric constant dielectric constant देखिए सर क्या होता है कि दो charges है मेरे पास इन दोनों charges के बीच में अलग medium में अलग-अलग फोर्स लगेगा तो जैसे अगर बात कर रहा हूं कि दो चार्ज के बीच में वैक्यूम में कितना फोर्स लग रहा है और दो चार्ज के बीच में किसी मीडियम में कितना फोर्स लग रहा है तो अगर हम इसका रेशो निकालते हैं तो हमें मिलता है डायलेक्टर कांस्टेंट की वैल्यू तो एफ नॉट बाय एफ एम पोर्शन यहां से मिलेगा हमें dielectric constant, dielectric constant ही कोई unit नहीं होती, clear है, now dielectric constant को करां permittivity के terms में लिखते हैं, तो इस तरीके से लिखते हैं, कि permittivity in medium upon permittivity in vacuum, तो इसी को हम बोलते हैं, क्योंकि permittivity का ratio है, तो हम इसी को relative permittivity बोलते हैं, क्या बोलते हैं, इसी को हम बोलते हैं relative permittivity, विटी, clear है, चलिए, तो permittivity of medium को हम इस तरीके से भी लिख सकते हैं, epsilon m into epsilon r, तो कहीं पे 1 upon 4 pi, अगर vacuum की जगए हमें लिखना है, तो medium की लिखना है, तो हम इस तरीके से लिख सकते हैं, और medium के लिए जब भी लिखेंगे यह r square है तो यह 1 upon 4 pi epsilon 0 into epsilon r और q1 q2 by r square हो जाता है ठीक है चलिए यहाँ पर director constant हमें बताता है कि किस medium में 4 फोर्स की वैल्यू कितने कुणा कम हो गई जैसे के की वैल्यू 2 है तो इसका मतलब vacuum में comparison में उस medium में फोर्स की वैल्यू दो कुणा कम हो गई है clear चलिए आगे पढ़ जाते हैं next हमें पढ़ना है electric field line क्या होते है देखो जो charge किसी दूसरे body पे फोर्स लगाता है तो फोर्स कैसे लगाएगा कुछ imaginary line है imaginary line है और जो की किसी medium में देना है यह लाइन ऐसी लाइन होती है कि भी इसके किसी पॉइंट पर अगर हम टेंजेंट ड्रॉक कर देते हैं तो हमें उस पॉइंट पर पॉजिटिव चार्ज पर फोर्स की डायरेक्शन देखने को मिलते हैं चलो भी समझा देता हूं मैं आपको चार्ज से बाहर की साइड नेगेटिव चार्ज के लिए इनवार्ड है और अगर हम बात कर रहे हैं किसके लिए डाइपोल के क्या है कि electric field line positive से negative की ओर जाती है देखो positive से negative की ओर जाती है clear है अच्छा और हमने कहा पड़ा कि किसी भी point पे अगर हम एक tangent draw करेंगे जैसे कि इस point पे हमने एक tangent draw करा तो इस point पे जो tangent है यह हमें बता रहा है कि positive charge पे इस direction में force लगेगा अगर positive charge यहां रखा है तो यहां पे tangent draw करेंगे तो हम पता पड़ेगा कि positive charge पे force इस direction में लगता है तो electric field line ऐसी line होती है ऐसी imaginary line होती है जिन पे तो अगर हम किसी पॉइंट पर एक टेंजेंट ड्रॉप कर दें तो हमें फोर्स की डायरेक्शन मिल जाती है चलिए तो यह तो हो गया ऑपोजिटली चार्ज के लिए को लेंट ऑपोजिट अगर हम बात करें दो सिमिलर चार्जेस के लिए तो एलेक्ट्रिफिल यह लूप नहीं बनाती मतलब पॉजिटिव से खत्म होकर नेगेटिव कहीं भी मिल जाएगा वहां पर खत्म पॉजिटिव से स्टार्ट होकर नेगेटिव पर खत्म हो जाती है क्लोज लूप नहीं बना पाती ठीक एलेक्ट्रिक लाइन जो होती है यह नेटल सर्फेस पर परपेंडिकुलर होते हैं कैसे होते हैं परपेंडिकुलर दो एलेक्ट्रिक फील आन कभी भी दूसरे अगर हम बात करें कि कोई भी चार्ज एलेक्ट्रिक फील्ड में रखा हुआ है तो उस चार्ज पर कुछ ना कुछ तो फोर्स लगे गई है ना तो ऐसे कि यह चार्ज रखा है एलेक्ट्रिक फील्ड पर तो उस चार्ज में भी कुछ फोर्स लगेगा ना तो इस फोर्स को हम क फॉर्मूला यहां से बन जाता है फ अपन क्यों नॉट ठीक है और क्यों नॉट क्या यहां पर टेस्ट चार्ज है टेस्ट चार्ज टेस्ट चार्ज मतलब इस पर फोर्स लगाया जा रहा है ठीक है इसके वैल्यू बहुत छोटी होती है चलिए आगे बढ़ेंगे तो अगर हम बात करें डाइपोल क्या होता है तो एक इक्वल एंड ऑपोजिट चार्ज के कंबिनेशन को बोलता है डाइपोल के बीच में अगर हम डिस्टेंस की बात करें तो यह जो टोटल डिस्टेंस टू एल या टू ए होती है और डाइपोल पर तीन मेन पॉइंट होते हैं अगर यह तो गए डाइपोल की एक्सेस टिक योगे डाइपोल की एक्सेस ठीक है अब डाइपोल पर तीन माइंट पॉइंट है एक होता है एक्सिएल पॉइंट जो कि इसकी एक्सिस पर कहीं भी होगा एक होता है इस डाइपोल की एक्सिस पर अगर परपेंडिकुलर बाय सेक्टर ड्रॉप करते हैं तो इस पर कहीं भी पॉइंट मिलेगा इसको बोलते हैं एक्विटोरियल पॉइंट और एक्सिएल पॉइंट नदर एक्सिएल लाइन और लेकिन उससे पहले डाइपोल की स्ट्रेंथ का इसको बताने के लिए फॉर्मूला होता है या जिसको हम डाइपोल मोमेंट भी बोलते हैं तो डाइपोल मोमेंट का फॉर्मूला क्या है पीज एक्वल टू दोनों में से किसी भी एक वेक्टर क्वांटिटी है इसलिए हमने लेंथ पर वेक्टर लगा दिया प्लेयर है चलो आप बात करेंगे कि अगर कोई positive, अगर कोई single charge है तो वो single charge किसी particular point पे कितनी electric field बना रहा है इसको हम बोलते है electric field due to point charge तो इसका formula होता है KQ by R square K की value वही 1 upon 4 पे अपसल नौट टेक अगर हम बात करें एक dipole की तो कोई dipole axial point पे कितनी electric field बना रहा है इसको हम बोलते है electric field due to dipole on axial point है R और formula क्या है K2P by R cube और यहाँ पर देखो equidorial point की बात करें तो यह हो गया let's say equidorial point P यह negative charge यह positive charge तो यहाँ से इस particular point से डिस्टेंस इसको बोलते है R क्या बोलते है R distance अगे बढ़ जाते हैं तो देखो equidorial point पे जो electric field है that is 2P by R cube और sorry axial point पे जो electric field है that is 2P by R cube और और यहाँ पर जो electric field है, that is Kp by R cube, that means axial point के गर हम बात करें, तो axial point की electric field, equatorial point की electric field से दो गुना जादा है, clear है, इसको आप ध्यान रखेंगे, चलिए, अच्छा, यहीं पर एक और point आ जाता है, कि अगर आपको electric field निकालने किसी भी general point पे, तो formula यह होन जाता है, Kp by R cube, 1 plus 3 cos square, कुछ questions पूछ ले जाते हैं, electric field, और उसके डाइपोल के रिलेशन में जैसे कि मान कर चलो आपको एक डाइपोल बना के दे दिया यह प्लस क्यों चार मानस क्यों चार उनके बीच के कुछ डिस्टेंस दे देगा आपको यह निमेरिकल वैल्यू कि कुछ ना कुछ ठीक है तो अगर आपको एलेक्ट्रिक इसी साइड जाएगी तो इस तरह से अगर मुझे निकालनी है तो यह जाती है और अगर मुझे इन किसी भी आइडर साइड निकालनी है तो यह जो नेट इलेक्ट्री फील्स निकालने के लिए यहां पर इनका सब्सक्राइब और डिस्टेंस कहां से यह डिस्टेंस लेंगे यह डिस्टेंस पॉइंट पी तक की पूरी हुई ज electric field के लिए मुझे निकालना होता है ना के q1 upon distance का square तो बई q1 से जो distance है वो distance मुझे यहाँ पे लेनी है plus के q2 से जो distance होगी वो distance मुझे यहाँ पे लेनी है clear है बस यह आपको ध्यान रखना है ठीक है distance का square यहाँ पे कर देंगे ठीक चले तो next ना पढ़ना है electric flux देखो electric flux क्या होता है जैसे मान के चलो मेरे पास एक surface है ठीक है अब यह surface electric field में रखे हुए तो इस surface से कितनी electric field line पर पेंडी कुलर ली पास हो रही है इसको हम बोलते हैं एलेक्ट्रिक फ्लक्स तो नंबर आफ एलेक्ट्रिक फ्लक्स पासिंग नॉर्मली थ्रू सर्फ इसको एलेक्ट्रिक फ्लक्स दो चीजों पर डिपेंड करता है पाई कि भी किस पर बीच में कुछ एंगल बन रहा है तो हम यहां पर कॉस्ट ले लेते हैं क्या लेते हैं कॉस्ट यह कॉस्ट यहां पर जो थीटा मेंचर करूंगा कि जो टीटा है यह एलेक्ट्रिक फील्ड और एरिया बैक्टर के बीच का एंगल है ना कि एलेक्ट्रिक फील्ड और एलेक्टर फील और एक्स एरिया के बीच का एंगल नई है ये बात आपको समझना तो जैसे अगर मैं यहाँ पे आपको बताना चाहूँ कि यहाँ पे एंगल कितना बन रहा होगा अगर एलेक्ट्रिक फिल्ड ऐसे है तो देखो एरिया वेक्टर हम ड्रॉ करेंगे तो एरिया वेक्टर भी इस डारेक् तो फ्लक्स हम इस तरीके से निकाल सकते हैं याद रखेंगे जब भी डॉट हटेगा ना स्किलर प्रोडक्ट तो कॉस्ट आता है और अगर यह तो यह अगर बड़ी सर्फेस के बात करें जैसे अगर मैं नेक्स्ट लाइट पर जाता हूं यह पाई इक्वल टू इवेक्टर डॉट ए वेक्टर हो गया मैं इसको ऐसे भी लिख सकता हूं यह वेक्टर डॉट एस वेक्टर ठीक है सर्फेस एरिया को अगर मैं इसे दिखा रहा हूं अगर छोटी सर्फेस होगी तो इन वेक्टर डॉट डीएस वेक्टर ओटर छोटी सर्फेस के लिए अगर मुझे है तो मैं इसका क्लोज इंटेग्रेशन करूंगा इवेक्टर डॉट डीएस वेक्टर ठीक है तो मुझे यह टोटल फ्लक्स मिल जाएगा टोटल फ्लक्स तो जनरली आप इस तरह से बहुत सारे किसमें फॉर्मुला देखेंगे चलो अब गॉज ने यह कहा कि भी जो भी चार्ज इसके अंदर एनक्लोज है जो भी चार्ज के अंदर एनक्लोज है उसका वन बाई एप्सालन नोट टाइम्स जो होगा होगा यह फ्लक्स जो है लिंक होगा उस बॉडी से गॉज लॉ याद रखिए सिर्फ क्लोज सर्फेस के लिए एप्लीकेबल होता है अगर सर्फेस क्लोज नहीं होती तो वहां पर हम गॉजियन सर्फेस कंसीडर करते हैं ठीक है जो कि सिमेट्रिकल यह चार्ज के चारों और तब जाकर कि हम गॉजला अप्लाई कर सकते हैं तो पाई इस इक्वल टू बाय एप्सलोन और हम अंदर आए तो नेगेटिव और अंदर जाकर बाहर चली जाए तो जीरो नेक्स्ट गॉज लॉग एप्रूव है हमें यहां से जो पाइज एकॉल टू लोग इंटेग्रेशन इवेक्टर डॉट डिएस वेक्टर डॉट आते हैं तो कॉस्ट आता है यहां पर कॉस जीरो बजने है आपको कि अगर हमारे पास एक चार्ज वायर है क्या है लॉन चार्ज वायर एलेक्ट्री फील्स इनफानेटली चार्ज वायर अब जैसे मान कर चलो यह मेरे पास एक वायर है ठीक है अब इस वायर कारण एलेक्ट्री फील्स निकालनी है तो गॉज लॉज जो है जब तक यह चार्ज वायर किसी से क्लोज नहीं होगा तो अमेज़ चार्ज वायर को सिलेंड्रिकल देखें तो ई वेक्टर एलेक्टर फील्ड तो भाई इस डायरेक्शन बनेगी तो इस तरीके से देखें और डिएस वेक्टर इस पर ऐसे होगा इस पर ऐसे होगा और डिएस वेक्टर इस पर इसी डायरेक्शन में होगा तो गर्म इस तरीके से देखें जीरो बाकी यह जो एक सर्फेस है इसके लिए अंगल बनेगा जीरो डिग्री तो तो यह simple बन जाएगा EDS cos 0 देखो यहाँ पे मैंने close का sign नहीं लगाया ना है sign नहीं लगाया क्यों क्यों क्यों क्यों क्यों क्यों क्यों और जो चार्ज है, चार्ज क्योंकि length पहला हुआ है, तो हम q को लिखते हैं, lambda है, lambda क्या है, linear charge density, तो यहां से इस तरीके से 1 by 2 pi epsilon 0 lambda by r आ जाएगा, आप इसको अच्छे समझे, इंपोर्टेंट है एलेक्ट्री फिल्म चार्ज शीट अब चार्ज शीट है चार्ज शीट कारण लेक्ट्री फिल्म निकालनी है तो फिर से वह एक काम करना है कि चार्ज शीट ले ली लेकिन गॉज लो तो सिर्फ जब लग सकता है ना जब हमारे पास यहां एक क्लोज सर्फेस होता हमने क्या किया कि इस चार्ज को एंड क्लोज करने के लिए एक सिलिंडर बना लिए क्या इस सिर्फ इस प्लेट सर्फेज पर कितना एंग्र बनेगा इस प्लेट सर्फेज पर एंग्र बनेगा 90 डिग्री क्यों कि इस बार इस पे surface area vector होगा उपर की side और electric field line होगी इस side तो यहाँ पे angle बना 90 degree और इन दोनो surface पे angle बनेगा electric field इस side और area vector भी इस side तो angle बनेगा 0 degree तो दो सरफेस पे अंगल है 0 डिग्री और उपर वाले पे अंगल है 90 डिग्री तो यहाँ पे 0 डिग्री तो कि यह कितना बच्चों रिजियो डिग्री जी रोडिग्री और यह कितना 90 तो इसके कारण तो हो जाएगा यह जीरो हो जाएगा तो इडिएस यह इतना हो गया ठीक है अब हमने डिएस का इंटेग्रेशन हुआ तो यह आ गया डिएस लेते हैं सिग्मा ए तो यहां से एलेक्टर फील्ड जो आ जाएगी किसी भी चार्च चीट के एक साइड पर दाटे सिग्मा बाय टू एप्सालन नॉट दूसरी साइड भी होगी सिग्मा बाय टू एप्सालम नॉट क्लियर है तो यह में ध्यान रखना है अगर यह ऐसा केस बनता है यह बहुत ही इंपोर्टेंट है समझिए कि यहां पर आपको समझना है कि अगर हमारे पास दो चार्ज शीट हैं अगर हम सिमिलर चार्ज शीट की बात कर रहे हैं तो इसम एक तो charges के either side और एक charges के बीच में मतलब हम इसको reason 1 बोलेंगे इसको reason 2 बोलेंगे इसको reason 3 बोलेंगे तो अगर similar charge जो है plates हैं sheets हैं तो देखो इसके कारण यहाँ पे electric field इतनी बन रही है रही है और उसके कारण दूसरे वाले कारण लेक्ट्री फील इतनी बन रही है डिस्टेंस पर डिपेंड नहीं कर रहा है ना सिग्मा वाइट टू अप्सल नॉट तो एलेक्ट्री फील सेम बनेगी तो आप यह देखो कि यह दोनों सेम डायरेक्शन एलेक्ट्रिक फील हो गई बीच है वह गई जीरो टेक्स याद रखेंगे कि भी अगर सिमिलर चार्ज प्लेट है तो साइड्स में और बीच में एलेक्ट्रिक फील कितनी बनेगी सिमिलर ली ऑपोजिटली चार्ज प्लेट जैसे कि हम नेक्स्ट चैप्टर पर पड़ता है तो अपोजिटली चार्ज प्लेट में जो एलेक्ट्रिक फील्ड है वह दोनों साइड पर बनती है जीरो और अपट्रक्ट हो जाएगी एलेक्ट्रिक फील्ड चार्ज शेल अगर हमारे पास कोई भी चार्ज शेल है तो उसके अलग-अलग पॉइंट पर चार्ज शेल या कंडक्टिंग शेल उसके अलग-अलग पॉइंट पर कितनी लेक्टर फील्ड बनेगी यह हमें समझ लेना कंडक्टिंग इस फिर को चार्ज देंगे तो वह चार्ज ऐसे बेहेव करता है जैसे मानों कि सारा का सारा चार उसके सेंटर हो तो यहां पर ना आपको समझना है यहां पर आपको समझना है कि अगर हम इस आउटसाइड एलेक्ट्रिक फील निकालते हैं तो डिस्टेंस हमेशा सेंटर से ली जाए कांसे ली जाएगी सेंटर से और कितनी डिस्टेंस होगी आर तो क्योंकि आर पॉइंट चार्ज की जितनी एलेक्ट्रिक फील बन रही है अगर हम सरफेस पर तो देखो सर्फेज पर क्योंकि चार सर्फेज पर पहला हुआ है तो हम सर्फेज आई डेंसिटी की के बारे के टर्म्स में लेखेंगे सिग्मा इंटू ए लेखेंगे चलिए अब वन अपन फॉर पैप्सल नॉट के कम लिख दिया सिग्मा को सिग्मा एरिया आफ सर्फेज जैसा है जीरो सर्फेस के अंदर चार्ज होता सर्फेस के बाहर यह सर्फेस पर चार्ज होता है ठीक है मतलब सर्फेस पर चार्ज होता सर्फेस अंदर चार्ज नहीं होता तो क्योंकि वेल्यू जीरो ने इलेक्ट्रीफील इन साइड स्पीर या मेटल कितनी हो गई जीरो टेक चलिए आगे बढ़ जाते हैं इलेक्ट्रीफील ऑन रिंग तो वह रिंग पर लेक्ट्रीफील फॉर्मुलेट से कैलकुलेट कर सकते हैं ठीक है चलिए टॉर्क करमे निकालना है टॉर्क तो अब कोई डाइपोल अगर एलेक्ट्र फील्ड में रखा हुआ है जैसे कि यहां पर तो अगर डाइपोल एलेक्ट्र फील्ड में रखा है यह पॉजिटिव पॉजिटिव को रिपेल करती है तो इस तरह से घूमने लग जाता है तो इस तो लगता है फिर टॉर्क का फॉर्मुला होता पोर्ट को दोनों ही से होते हैं उनके बीच की परपेंडिकुलर डिस्टेंस जैसे कि इस पर फोर्स लग रहा है इस डारेक्शन में और नीचे वाले पर लग रहा है इस डारेक्शन में तो इन दोनों बीच की जो परपेंडिकुलर डिस्टेंस कितनी है टूएल यह परपेंडिकुलर है यह बेस है तो यहां से हम इसको सॉल्व करके जो डाइपोल जो है हम इसको टॉर्क है तो हम इसको कैलकुलेट कर सकते हैं टेक चलिए आपको इतना समझ में आया होगा मैं आपको बता दूं कि डाइपोल में दो वह केस बनते हैं कि स्टेबल एक्कुलीब्रियम और एक अनिस्टेबल एक्कुलीब्रियम अगर मैं डाइपोल को एक मिनट अगर मेरे पास रखा है ना इस डाइटिव नेगेटिव और यह पॉजिटिव तो यहां पर समझो कि जो एंगल है ना ए डाइपोल मोमेंट और एलेक्ट्री फील्ड के बीच का यह बन रहा है जीरो डिग्री कितना जीरो डिग्री टेक तो stable equilibrium में जब हम किसी dipole को अपनी जगह से घुमाते हैं तो ये वापस से अपनी जगह पर आ जाता है लेकिन unstable में किसी dipole को अपनी जगह से घुमा दें तो ये वापस से अपनी जगह पर नहीं आएगा दोबारा से अपनी position में नहीं आएगा तो ये हो गया बई torque वाला portion वेशन टिक तो यह इस तरीके से ना इस चैप्टर वन के सभी इंपोर्टेंट पॉइंट हो जाते हैं आप इसके अलावा क्वेश्चन को अच्छे से प्रैक्टिस करिए ठीक है और आप नोट डाउनलोड कर सकते हैं आप कॉमेंट सेक्शन मुझे बता सकते हैं कि नेक्स्ट वीडियो आपको किस तरह की चाहिए थैंक यू सो मच गाइस थैंक्स अलॉट हां जी मैं कॉ