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सेमीकंडक्टर की मूल बातें और उपयोग
Feb 4, 2025
सेमीकंडक्टर पर व्याख्यान नोट्स
1. सेमीकंडक्टर की मूल बातें
कंडक्टर
: वो पदार्थ जिनके पास फ्री इलेक्ट्रॉन्स होते हैं।
इन्सुलेटर
: वो पदार्थ जिनके अंदर फ्री इलेक्ट्रॉन्स नहीं होते।
सेमीकंडक्टर
: इनमे फ्री इलेक्ट्रॉन्स होते भी हैं और नहीं भी होते।
2. सेमीकंडक्टर की प्रासंगिकता
सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी उद्योग की रीढ़ है।
लगभग 99% उपकरणों में सेमीकंडक्टर का उपयोग होता है।
3. इलेक्ट्रॉन्स का नियंत्रण
कंडक्टर में इलेक्ट्रॉन्स का नियंत्रण कठिन होता है।
सेमीकंडक्टर में इलेक्ट्रॉन्स की फ्लो को नियंत्रित किया जा सकता है।
4. ऊर्जा बैंड सिद्धांत
वैलेंस बैंड
: बंधे हुए इलेक्ट्रॉन्स की ऊर्जा।
कंडक्शन बैंड
: फ्री इलेक्ट्रॉन्स की ऊर्जा।
फ्रबिडन एनर्जी गैप
: इलेक्ट्रॉन्स को वैलेंस से कंडक्शन बैंड में ले जाने के लिए जरूरी ऊर्जा।
5. सेमीकंडक्टर के प्रकार
इंट्रिंसिक सेमीकंडक्टर
: बिना डोपिंग के।
एक्स्ट्रिंसिक सेमीकंडक्टर
: डोपिंग के साथ।
N-टाइप
: पेंटावैलेंट डोपिंग, अधिक इलेक्ट्रॉन्स।
P-टाइप
: ट्रिवैलेंट डोपिंग, अधिक होल्स।
6. PN जंक्शन डायोड
डिफ्यूजन करेंट
: कंसेंट्रेशन डिफरेंस के कारण होता है।
ड्रिफ्ट करेंट
: इलेक्ट्रिक फील्ड के कारण होता है।
डिप्लेशन रीजन
: चार्ज करियर्स की अनुपस्थिति।
7. बायसिंग (Biasing)
फॉरवर्ड बायसिंग
: वोल्टेज अपोजेस पोटेंशल बैरियर को घटाता है।
रिवर्स बायसिंग
: वोल्टेज सपोर्ट पोटेंशल बैरियर को बढ़ाता है।
8. डायोड के अनुप्रयोग
रेक्टीफायर
: AC को DC में परिवर्तित करता है।
हाफ वेव रेक्टिफायर
: केवल एक हाफ का उपयोग।
फुल वेव रेक्टिफायर
: दोनों हाफ का उपयोग।
9. निष्कर्ष
सेमीकंडक्टर अपने नियंत्रित करंट का कारण अत्यधिक उपयोगी होते हैं।
विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज में व्यापक रूप से लागू किया जाता है।
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