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मानव नेत्र और रंगीन संसार

Jun 29, 2024

मानव नेत्र और रंगीन संसार - शेष कक्षा विज्ञान

परिचय

  • मानव नेत्र का फेनोमेना
  • आँखों के अंदर की संरचना
  • चश्मे के पीछे का कॉन्सेप्ट
  • 10th कक्षा विज्ञान का महत्वपूर्ण अध्याय: मानव नेत्र एवं रंगीन संसार

मानव नेत्र (Human Eye)

मुख्य भाग:

  • कॉर्निया (Cornea):

    • बाहरी पारदर्शी हिस्सा
    • लाइट का अधिकतर रिफ्रैक्शन करता है
  • लेंस (Lens):

    • जेली जैसा पदार्थ
    • लेंस का प्रकार: कॉन्वेक्स या कॉन्केव
  • आईरिस (Iris):

    • आंख का रंगीन हिस्सा
    • पुपिल का आकार नियंत्रित करता है
  • पुपिल (Pupil):

    • आंख का छोटा छेद
    • प्रकाश के आवागमन को नियंत्रित करता है
  • सिलियरी मसल्स (Ciliary Muscles):

    • लेंस को स्थिति में रखते हैं और उसकी curvature को बदलते हैं
  • रेटिना (Retina):

    • आंख की परत
    • जहाँ इमेज बनती है
    • लाइट सेंसिटिव सेल्स होते हैं
  • ऑप्टिक नर्व (Optic Nerve):

    • ब्रेन को विजुअल इनफार्मेशन संप्रेषित करती है
  • ब्लाइंड स्पॉट (Blind Spot):

    • जहाँ से ऑप्टिक नर्व आई को छोड़ता है

महत्वपूर्ण अवधारणाएँ:

  • फार पॉइंट (Far Point):

    • अधिकतम दूरी जिस तक आई क्लीयरली देख सकती है
  • नियर पॉइंट (Near Point):

    • न्यूनतम दूरी जिस तक आई क्लीयरली देख सकती है
  • पावर ऑफ अकोमोडेशन (Power of Accommodation):

    • सिलियरी मसल्स द्वारा लेंस की focal length बदलना

दृष्टि दोष (Defects of Vision)

  • मायोपिया (Myopia):

    • पास का स्पष्ट दिखता है, दूर का नहीं
    • करेक्शन: कॉनकेव लेंस
  • हाइपरमेट्रोपिया (Hypermetropia):

    • दूर का स्पष्ट दिखता है, पास का नहीं
    • करेक्शन: कॉन्वेक्स लेंस

रंगीन संसार (Colorful World)

अवधारणाएँ:

  • डिस्पर्शन ऑफ लाइट (Dispersion of Light):

    • प्रिज्म द्वारा सफेद लाइट का रंगों में विभाजन
    • कारण: डिफरेंट बेंडिंग एबिलिटी
  • टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन (Total Internal Reflection - TIR):

    • लाइट का पूरे भीतर परावर्तन
    • ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग
    • शर्तें:
      • डांसर से रेयर में जाना चाहिए
      • इंसीडेंस एंगल क्रिटिकल एंगल से ज्यादा होना चाहिए
  • रेनबो फॉर्मेशन (Rainbow Formation):

    • डिस्पर्शन और TIR द्वारा
    • व्हाइट लाइट का प्रिज्म से सात रंगों में विभाजन
  • स्कैटरिंग ऑफ लाइट (Scattering of Light):

    • छोटे पार्टिकल्स की वजह से लाइट का फैलना
    • वजह: शॉर्ट वेवलेंथ

फेनोमेना और क्वेश्चन्स

बाट बटन रेड क्यों होता है?

  • रेड: सबसे ज्यादा वेवलेंथ, दूर तक देखी जाती है

प्लैनेट्स क्यों नहीं ट्विंकल करते?

  • करीब होते हैं, लाइट का ज्यादा रेफ्रैक्शन नहीं होता

स्टार्स पहली पोजीशन पर नहीं दिखते

  • एटमॉस्फेरिक रेफ्रैक्शन कारण

सन को 2 मिनट पहले और बाद में देखना

  • एटमॉस्फेरिक रेफ्रैक्शन कारण

सनराइज और सनसेट में आकाश क्यों रेड दिखता है?

  • डिस्टेंस ज्यादा, अधिक स्कैटरिंग होता है

सवाल-बंधु

  • किस कनडिशन में लाइट का टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन होगा? जवाब: 1. डांसर से रेयर में जाना 2. इंसीडेंस एंगल क्रिटिकल एंगल से ज्यादा होना चाहिए
  • स्काई ब्लू क्यों दिखता है? जवाब: स्कैटरिंग ऑफ लाइट, छोटी वेवलेंथ वाले रंग फैलते हैं
  • रेनबो कैसे बनता है? जवाब: डिस्पर्शन और टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन द्वारा

निष्कर्ष

  • पूरा चैप्टर विस्तार से समझाया गया है
  • विज्ञान का महत्व और उसका जीवन में उपयोग