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Documentary Photography Lecture Notes

झाल का हैं तो कमेंट बॉक्स के बारे में बताने से पहले एक ही को क्या होती है कैसे करी जाती है आप यह कुछ पिक्चरें देख लो यह पिक्चर है लेकिन भी फोटोग्राफर फोटो जर्नलिस्ट डाक्यूमेंट्री फोटोग्राफर रघु राय की 1984 में भोपाल में एक गैस ट्रेजेडी हुई थी यह स्टोरी उसके बारे में कुछ पिछड़ों को आप शायद पहचानते हो कि इन तस्वीरों को देखकर अगर आपके दिल में आपके दिमाग में कुछ भावनाएं जाती हैं कोई इमोशन चाहते हैं कुछ फीलिंग जाती है कि यह पिक्चर में कुछ कहानी कहती हैं कि अगर यह पिक्चर इन देखकर आप देख सकते हो अगर इन तस्वीरों को देखकर आपका दिमाग कुछ सोचने के लिए मजबूर हो जाता है इन पिछड़ों को देखकर अगर आपको सिर्फ रिलेट कर पाते हो इन पिछड़ों को देखकर अगर आपको लगता है कि यह एक कहानी बयान कर रही है इन पिक्चर को देखकर अगर आपको लगता है कि यह अश्लील अश्लील पिक्चर्स है तो कि आप आ चुकी हो डॉक्यूमेंट ठीक है तो यहां पर अनोखे आपको इन पत्तों को देखकर बहुत कुछ सोचना पड़ रहा होगा अगर आप जानते नहीं हो रघु राय कौन है तो आप जाकर इंटरनेट पर सर्च करोगे तो कहीं पर भी अगर आप टाइप करोगे रघु राय तो आपको मिल जाएंगे अब हम जानते हैं कि डॉक्यूमेंट्री फटॉग्रफी क्या होती है तो सबसे पहले जो यह शब्द है डोकुमेंट्री उसका क्या मतलब होता है डॉक्यूमेंट्री का मतलब यह डॉक्यूमेंट का मतलब होता है दस्तावेज़ यानी कि आप ऑफिशियली किसी चीज को रिकॉर्ड कर रहे हो जो के 15 के ऊपर पर स्टे जो के सच्चाई के ऊपर पेस्ट है अब हम इस चीज को कैसे भी रिकॉर्ड कर सकते हैं हम इस चीज को लिखे रिकॉर्ड कर सकते हैं हम उसकी पिक्चर बना सकते हैं पिक्चर का मतलब हम मूवी बना सकते हैं और अगर हम बात करते हैं डोक्यूमेंट्री फोटोग्राफी की तो हम पिक्चर्स के जरिए कि कहानी को रिकॉर्ड कर सकते हैं पितरों के द्वारा जो रिकॉर्ड कर आ जाता है उसको सिंपल और आसान शब्दों में डॉक्यूमेंट्री फटॉग्रफी कहते हैं यानी कि हमें डॉक्यूमेंट करना है किसी चीज को किसी एलिमेंट को किसी ऑब्जेक्ट को किसी स्टोरी को लोगों को किसके द्वारा पिक्चर्स के द्वारा डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी इस बेस्ट ऑन रियल थिंग्स एंड रियल लाइफ इट्स बेस्ट ऑन फैक्ट वह शख्स के ऊपर Play Store होती है डोक्यूमेंट्री फोटोग्राफी स्ट्रेट फॉरवर्ड होती है और उसको मैंने प्लेट नहीं कहा जाता है यानी कि जो चीज जैसी है आप उसको वैसा दिखाते हो उसको व हिसार रिकॉर्ड करते हो तो हम समझ चुके हैं कि डोक्यूमेंट्री फोटोग्राफी किस तरह की होती है और उसका मतलब क्या होता है अब हम जानते हैं कि डॉक्यूमेंट्री घोटालों की अगर आपको करनी है तो उसकी डिफरेंट झांकियां स्टेज है क्या-क्या करना पड़ता है प्रोसेस क्या होता है कहां से शुरू होता है कैसे शुरू होता है पहली चीज हमें एक डॉक्यूमेंट्री प्रॉब्लम है अगर हम जाना चाहते हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहला स्टेप होता है हमें सेलेक्ट करना है अपना सब्जेक्ट हमें सेलेक्ट करना है अपनी थीम हमें सेलेक्ट करना है कि हम डॉक्यूमेंट्री ₹5 किस बारे में करने जा रहे हैं डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी किसी चीज के बारे में भी हो सकती है किसी आदमी के बारे में हो सकती है किसी इवेंट के बारे में हो सकती है कोई प्रोडक्ट के बारे में हो सकती है कोई आपदा के बारे में हो सकती है आप किसी भी चीज के बारे में हो सकती है तो सबसे पहले आप सेलेक्ट करोगे कि मेरा यह सब्जेक्ट होने वाला है तो आपने जब डिसाइड कर लिया कि मुझे डॉक्यूमेंट्री फटॉग्रफी इस चीज के बारे में करनी है तो फिर आप करते हो अपनी रिसर्च यानी कि उस चीज के बारे में इस टॉपिक को आपने सेलेक्ट कर रहा है उसके बारे में सब कुछ जान लेना कि वह चीज क्या है कैसी है कहां मिलती है गया होता है तो उसके आगे-पीछे हिस्ट्री सब कुछ जानना बहुत जरूरी है क्योंकि जब आप डेफिनेटली फोटोग्राफी कर रहे हो तो आपको उसके अन हंसना होता है आपको उसको जीना होता है आपको यह फोल्ड करना होता है कि आप उसका पार्ट हो तो उसके लिए आपको रिसर्च करनी बहुत जरूरी है यह नहीं कि आप अधीन होकर कहीं पर भी पहुंच गए और पिक्चर खींचना चालू कर दिया जब तक आप रिसर्च नहीं करोगे आप की डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी कंप्लीट नहीं हो पाएगी वह जस्टिफाई नहीं करेगी वह साथ के ऊपर बेस नहीं होगी और वह हवाई मतलब आप दारू के हवाई निकले होंगे वह कि जब आपने पूरी रिसर्च कर ली जब आपने पूरा सब कुछ जान लिया कि क्या चीज है कैसे हैं कहां है तो उसके बाद जाती है तीसरी स्टेज के अगर आपका ऐसा सब्जेक्ट है जिसमें आपको किसी चीज की परमिशन लेनी है कहीं जाना है सपोच आप किसी डॉकयार्ड पर जा रहे हो या किसी ऐसे एरिया में जा रहे हो जहां पर परमिशंस की जरूरत होती है तो आप अपनी परमिशंस के लिए लोगों को घंटा करोगे परमिशंस लोगे के अच्छा मैं यहां पर आऊंगा मैं तो यह ऐसी पिक्चर्स लेनी है ताकि जिस दिन आप वहां पर जा रहे हो जब भी आप वहां जा रहे हो तो आप खुलकर अपना काम कर सको ऐसा नहीं है कि आपने सोचा के यहां आना मैं आर्मी बेस के ऊपर डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी करना चाहता हूं लेकिन जब वहां पहुंचे तो वहां पर तो ₹5 लाख नहीं है तो फटॉग्रफी अगर अलाउड नहीं है तो उसके लिए पहले आपको परमिशन लेनी पड़ेगी पर सारे सब्जेक्ट ऐसे नहीं होते हैं जहां पर आपको परमिशंस की जरूरत पड़ती है कई बार कुछ ऐसे सब्जेक्ट्स है जहां पर आप डायरेक्ट 121 किसी से रिलेट करते वह या किसी बंद किसी इंसान के बारे में आप कोई डॉक्यूमेंट बल्कि कर रहे हो तो आप उससे परमिशंस लोगे पर कई ऐसी चीजें हैं जैसे कि अगर आप एक फोटो स्टोरी कर रहे हो या डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी कर रहे हो किसी बाजार के बारे में या कोई रैली के बारे में हो सकता है वहां पर आपको परमिशंस की जरूरत ना हो लेकिन यह चीज आपको पहले से सोच लेना है कि हां मुझे यहां पर परमिशन की जरूरत है तो फिर वहां पर आप परमिशंस लेकर जाओगे ताकि आप अपना काम बेझिझक और अच्छी तरह कर पाओ जब एक बार आपको परमिशंस मिल गई आपने रिसर्च कर लिया आपने टॉपिक ढूंढ लिया उसके बाद आता है कि आप यह सेलेक्ट करो कि आपका जो सब्जेक्ट है वह किस तरह का है आपको वहां पर वाइड एंगल पिक्चर चाहिए आपको Play Services चाहिए आपको ज़ूम लेंस चाहिए होगा तो आप अपना इक्विपमेंट डिसाइड करते हो इक्यूपमेंट के साथ आप अपने दिमाग में एक यह इमेज में बना लेते हो कि आपको इस प्रोजेक्ट को या इस स्टोरी को किस तरह से करना है आपको बिल्कुल वाइट पर्चेस करनी है कलर पिक्चर्स करनी है मोनो करो मोनोक्रोम करनी है सीट ऑन करना है तू आप अपने आपको पहले से प्रिपेयर करोगे कि मैं कौन सा रिक्रूटमेंट यूज करूंगा कौन से लेंस यूज करूंगा क्या मुझे वहां पर लाइट की जरूरत पड़ेगी क्या मुझे अ कलर में करनी है क्या मुझे ब्लैक एंड व्हाइट में करनी है बहुत सारी स्टोरीस ऐसी होती है यह डॉक्यूमेंट्री फटॉग्रफी ऐसी होती है जहां पर आप एक दिन में पूरा काम कर करा सकते हो पर कई स्टोरीस ऐसी होती हैं यहां पर एक ही जगह आपको बार-बार जाना होता है या कई ऐसी फोटो स्टोरी साफ करते हो या और डोक्यूमेंट्री फोटोग्राफी कर रहे होते वह जहां पर वह पीरियड हो सकता है 10 साल का हो 3 साल का हो चार साल का हो 5 साल का होया आपको कहीं पर ट्रैवल करना पड़ेगा तो आप यह पहले से सब कुछ प्लान कर लें कि आपका यह जो प्रोजेक्ट है यह कितने दिन का प्रोजेक्ट होने वाला है तो यह टाइम प्रेम आपको डिसाइड कर लेना है पहले से कि आपका जो प्रोजेक्ट है वह कितना लंबा चलेगा इसके बाद जो मर जाती है वह स्टेज होती है कि आपने यह पूरी स्टोरी कर ली आपने यह पूरी डोक्यूमेंट्री रूपी का जो अपने टॉपिक लेकर आता आपने पूरा शूट कर लिया अब उसके बाद कि जो स्टेज है कि आप पिक्चरों को एडिट करोगे आपने हो सकता है 575 कीजिए आपने हो सकता है कि पूरे साल अगर आपने प्रोजेक्ट करें तो आपके पास 10,000 फीचर हैं फिर आप बैठोगे आपकी स्टोरी के हिसाब से आप उनमें से पिक्चर्स निकालोगे पिक्चर्स को एडिट करोगे पिक्चर्स को एक रख लें और बनाओगे कि हां मेरी यह 10 पिक्चरें में निकाल लूंगा या 20 पिछड़े निकाल लूंगा तो आप उसमें से वह पिक्चर्स 34 करते हो यह प्रोसेस बहुत लंबा हो सकता है और अगर आप का प्रोजेक्ट बहुत लंबा है तो आप इसको जब जब आप शूट करते हो उसके बाद आओ और अपने पैरों को शार्टलिस्ट कर लो और एक फोल्डर अलग से बनाओ और उसमें अपनी पिक्चर भेजो फाइनली रिलेटिड है उनको रख दो सात कि जब आपका पूरा प्रोजेक्ट खत्म होगा तो आपके पास फाइनल सिलेक्टेड पिक्चर्स होंगी क्योंकि अगर आप एक साथ बैठके अगर उस पिक्चर्स को सौंठ और करने लगे तो हो गया भैया बहुत लंबा काम हो जाएगा और कि आपका कोई छोटा प्रोजेक्ट है एक दिन का दो दिन का तीन दिन का तो आप सारी पिक्चर्स को एक साथ लेकर फिर उनमें से पिक्चर्स निकालना डाट करते हो डॉक्यूमेंट्री फटॉग्रफी में एक बहुत इंपोर्टेंट चीज होती है व होता है कि आपकी स्टोरी का टाइटल क्या है टाइपिंग उन आप बहुत जरूरी है क्योंकि मुझे टाइटल होगा वह पूरी स्टोरी का एक सार होगा तो आपको बैठकर यह दिमाग में सोचना है कि आपकी इस स्टोरी का टाइटल क्या होगा जिससे कि आपका जो गिवर है वह आपकी पिक्चर की तरफ या इसको स्टोरी की तरफ अट्रैक्ट होगा तो एक टाइटल होना चाहिए और प्लस हर डोक्यूमेंट्री प्रॉब्लम फ्री में एक पूरा आइटम जाता है जो कि उस पूरी फोटो स्टोरी का जो कि आपने करी है पिक्चर्स तो हैं लेकिन उन पिक्चर्स के साथ एक राइट अप होगा जो उस पूरी स्टोरी के बारे में बताएगा कि यह क्या है किस बारे में है कौन है इस पर जज ने और कौन क्या कर रहा है तो वह पूरी एक कहानी को बयान करेगा वह ऐसा नहीं है कि बचा इस पेज का होना चाहिए वह अवार्ड का हो सकता है दोस्तों वोट का हो सकता है 300 वोट का उस पर लेकिन किसी भी फोटोस स्टोरी का एक इंपोर्टेंट पार्ट होता है उसका राइड तो राइट अपन टाइटल आपको खुद लिखना होगा पर कई जगह ऐसे भी है वह फोटोग्राफर जो खुद अच्छे से नहीं लिख पाते हैं तो वह कुछ और लोगों को हेल्प करते हैं जो और write-up करते हैं उनके लिए यह पूरा आइटम तो हो गया लेकिन हर पिक्चर के साथ उसका एक कैप्शन भी जाएगा कि इस पिक्चर में क्या हो रहा है दूसरी पिक्चर में क्या हो रहा है कौन है इस पिक्चर में अगर आप डेफिनेटली प्रॉफिट कर रहे हो तो आपको सेक्शंस लिखना बहुत जरूरी है और जब यह सारा प्रोसेस हो जाता है आपने फाइनली पिक्चरें सेलेक्ट कर ली है आपका write-up रेडी है आपका टाइटल रेडी है फिर क्या है फिर इंपोर्टेंट है कि जिस तरह हम एक मूवी बनाते हैं जिस तरह एक पिक्चर होती है उसका एक ट्रेलर होता है वैसे ही डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी में आपकी एक इमेज होती है जो कवर इमेज होती है जो के पूरी स्टोरी की कहानी एक पिक्चर के अंदर आ जाती है तो वह आपको सेलेक्ट करना है कि आपकी नेम इमेज क्या होगी उस स्टोरी के बेसिस पर फिर उसके बाद जो सारी पिक्चर्स है वह उसकी सपोर्ट इन पिक्चर्स होंगी क्योंकि वहां से आपका व्यूअर आपकी स्टोरी के अंदर घुसे का और फिर वह अंदर-अंदर अंदर-अंदर जाता जाएगा आपकी सारी पिक्चर्स जब आप लेआउट करते हो सपोच आपने 10 पिक्चरें मतलब सेलेक्ट करना है तो आप एक फोटो स्टोरी कर रहे हो तो वह सारी पिक्चर्स इंटरकनेक्टेड होनी चाहिए उनका एक लो होना चाहिए आपकी पिक्चर जो मेन पिक्चर है वहां से आपका भी और उसमें एंटर करें फिर उसके बाद दूसरी पिक्चर तीसरी पिक्चर चौथी पिक्चर तो बीच का जो कंटेंट है वह इसकी सपोर्ट इन पिक्चर्स हैं एंड वर्ब एंड होगा जैसे यह मूवी एंड होती है वैसे ही आपकी स्टोरी भी एक तरफ प्रॉपर पिक्चर के ऊपर एंड होगी जहां पर उस पूरी पिक्चर उस पूरी स्टोरी की कहानी एयरप्लेन मोड ऑफ कर एक हो जाएगी यह जो लिया है वह बहुत बहुत इंपोर्टेंट होता है क्योंकि अगर आप अपनी पिक्चर्स तितर-बितर करके दिखा रहे हो वह किसी फॉर्मेट में नहीं है वह किसी और फ्लोर में नहीं है तो आपका फ्यूचर फटक जाएगा और वह कहानी का इंपैक्ट नहीं आएगा तो किसी भी डोक्यूमेंट्री फटॉग्रफी में लेआऊट बहुत इंपोर्टेंट है इंटरकनेक्शन ऑफ द पिक्चर्स बहुत इंपोर्टेंट है और एक स्लो स्लो एक से दूसरी पिक्चर पर दूसरी पिक्चर से तीसरे पिक्चर पर तीसरी फीचर से चौथी पिक्चर पर किस तरह से आप पहुंचेंगे वह ले और बहुत जरूरी है और वह करने के लिए आपको बहुत-बहुत टाइम बिताना पड़ता है आप अपनी पिक्चर खोलेंगे उनको देखेंगे कि अच्छा यह पहली पिक्चर आएगी तो उसके बाद ही वाली पिक्चर आएगी फिर इसके बाद योनि पिक्चर आएगी और पिक्चर यहां पर एंड होगी और जब आप यह फाइनल पर फ्लैट कर रहे हो ट्राइ कि आप क्वेश्चसं को रिपीट ना करो यह ज्योति प्रचंड नहीं होने चाहिए आपकी जो पूरी स्टोरी है वह एक पूरी कहानी बयान करती है लेकिन आपकी जो इंडिविजुअल पिक्चर है वह भी एक कहानी कह रही होती है तो जब आप तो कमेंट्री प्रॉफिट कर रहे हो तो आप इन चीजों का बहुत ध्यान रखोगे कि आपकी सारी पिक्चरें जोड़कर एक स्टोरी बोलें और जो अलग-अलग पिक्चर्स हैं जो सेपरेट फीचर्स हैं जो उस स्टोरी का पार्ट है वह अपनी कहानी खुद बोले यह बहुत इंपोर्टेंट है जब आप शूट कर रहे होते हो एक चीज का ध्यान रखना है कि आप फोकस रहो जिस चीज के बारे में आप शूट करने गए हो जिस चीज के बारे में आप शूट कर रहे हो जो आपकी स्टोरी है जो आपका टाइटल है आप उसी के ऊपर फोकस करो फोन ऐसा नहीं भावनाओं में बहकर उधर कुछ और निखर है तो आप उसकी पिक्चर खेत से लग जाओ आपको अपनी स्टोरी को पकड़ के रखना है आपको उस कनेक्शन को बनाए रखना है और जिस चीज के बारे में आप शूट कर रहे हो जो स्टोरी आफ बयान करना चाहते हो आप उसके बारे में ही सूट करो इधर-उधर नहीं भटकना है इन चीजों का जो चीज़ें बताए हैं जो वह चलो आपको बताया है यही प्रोसेस अपने किसी भी डोक्यूमेंट्री फारुखी को अप्रोच करने का उसको एक्जीक्यूट करने का और उसको एक अच्छे मुकाम पर लाने का अगर आप नए हो आपने कभी डोक्यूमेंट्री फोटोग्राफी नहीं करी है आपने कभी फोटो स्टोरी नहीं करी है आपने फोटो ऐसे नहीं कर रहा है इन चीजों को फॉलो कर आप किसी भी टॉपिक को लेकर कोई भी छोटा सा एक टॉपिक ले और उसके ऊपर काम करना चालू करें प्रोसेस वही रहेगा कोई भी आप कोई भी एक सब्जेक्ट चुनों और उसके ऊपर काम करना चालू करो और फिर उन सारी पिक्चर्स को एक साथ रखकर देखो कि वह फोटो स्टोरी बन रही है या नहीं बन रही है तो यह प्रोसेस है जिसे आप अगर करते हो तो आप भी डॉक्यूमेंट्री फटॉग्रफी में एंटर कर सकते हो आप डॉक्यूमेंट्री प्रॉब्लम ठीक कर सकते हो इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में मैं कुछ लिंक्स दूंगा जो आप जाकर देख सकते हो कि कुछ स्टार्स हैं जिन्होंने कुछ अपना काम करा है कि डॉक्यूमेंट्री फटॉग्रफी किस तरह से करी जाती है कितनी पिक्चर्स होती हैं कि आप लोग होता है क्या ओरिमीत होती है कैसे उनकी ओर राइट आप सोते हैं क्या टाइटल होता है तो उसे आपको काफी हेल्प मिलेगी अंत में मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि डॉक्यूमेंट्री फटॉग्रफी भी किसी और फटॉग्रफी की तरह है क्योंकि इसके साथ जुड़ा है वो डीटॉक्स रूपी तो जो यह सारी चीजें जो मैं बता रहा हूं वह तो यहीं और उसके साथ आपके जो स्टाइल है जिस तरह से आप शूट करते हो जो आप ओम प्रदर्शन करते हो जिस तरह से आप अपनी पिक्चर्स को ट्रीट करते हो आपकी पिक्चर्स ने जिस तरह से आप मूड क्रिएट करते हो जिस तरह से एस्थेटिकली अपनी पिक्चर्स को फ्रॉम बनाते हो वह सारे फैक्टर्स तो चाहिए ही चाहिए ऐसा फटॉग्रफर आपको अपने इनपुट्स देने हैं और यही एवं होता है एक डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफर का कि वह एक सीरीज आफ पिक्चर्स लेता है उनको ज्वाइन करता है उनकी एक स्टोरी आपके सामने प्रेजेंट करता है और उस स्टोरी का इंपैक्ट आपके ऊपर पड़ता है आपको उस स्टोरी के बारे में इंफॉर्मेशन मिलती है राइट द्वारा पिक्चर के द्वारा और वह आपके ऊपर बेस्ट होती है वह सच्चाई के ऊपर पेश होती है वह चल प्रेजेंटेशन है उस सीन का उस ऑब्जेक्ट का उस इंसान का उस इवेंट का बस इतनी सी बात है और यही है तो कमेंट्री फोटोग्राफी और यही है डाक्यूमेंट्री फॉलो की कि रोल्स बाकी आप मेहनत करते रहोगे आप जितना इस चीज के ऊपर काम करोगे आपका काम उतना स्ट्रांग होता जाए जो का और लिंक जरूर चेक करिएगा नीचे जो कि इन लिंक के द्वारा आपको काफी हेल्प मिल सकती है तो यही थी मीणा तो कमेंट बॉक्स लड़की की कहानी यहीं है डोक्यूमेंट्री प्रॉपर्टी और यही है एक्सपोजर जिसके द्वारा आप कहानियां प्रस्तुत कर सकते हो लोगों के सामने यह कहानी यहीं पर समाप्त करता हूं मिलते हैं फिर हम अगले कार्यक्रम में तब तक के लिए नमस्कार तिलहन एक सफेद तरह से खैर बाबा हैं चाहो तो और कुछ सुनाओ