नहीं बस अब जाइए देखिए ये पहले जम ब कोई च च करना [संगीत] हेलो एंड जय हिंद स्टूडेंट वेलकम बैक टू योर ओन चैनल सर तरुण पानी एक्सक्लूसिव चैनल फॉर आईसीएससी बोर्ड स्टूडेंट्स और हां आपने कहा हमने बनाया आपके ही कहने पर ये सारे लेटेस्ट वीडियोस आ रहे हैं आपने कहा सर मेटालर्जी एक बार और तो ये लीजिए आज आपके लिए है केमिस्ट्री का चैप्टर मेटालर्जी हम आपके लिए सारे सब्जेक्ट्स सारे सब्जेक्ट्स इसी चैनल पर कवर कर रहे हैं बस आपको करना क्या है चैप्टर का नाम लिखना है और आगे लिख देना है बाय सर तरुण रूपानी हां चेक करके देखिए अपने सारे सब्जेक्ट्स के लेसंस आप यहीं पा जाएंगे एक चैनल है आपका अपना जहां पर आपको सब कुछ एक जगह मिल जाएगा सारे नोट्स मिल जाएंगे हमने आपके के लिए ही [संगीत] [संगीत] whatsapp2 कंटेंट्स है बट आपके लिए मेरे सुपरस्टार्स के लिए ये सब कुछ एब्सलूट फ्री है हां आप दूसरे किसी बहुत सारे ऐसे यूट्यूब हैं बहुत सारे ऐसे ऐसे एजुकेशनिस्ट हैं जो आपको लेसन बेच रहे हैं नोट्स बेच रहे हैं और ढेर सारे पैसे ले रहे हैं पर हमारे यहां आपको ये सब कुछ एब्सलूट फ्री मिल रहा है तो चलिए बारी है आज मेटालर्जी की और बात करेंगे जब हम मेटल्स की बात करते हैं तो आपके दिमाग में क्या आता है जरा ऊपर देखो तो तुम्हें फैन दिखाई देगा और आसपास थोड़ा ध्यान दो तो मेटल के बहुत सारे ऑब्जेक्ट दिखाई देंगे जैसे दरवाजे का कुंडा डोर के नॉब एलुमिनियम के हो सकते हैं मेटल के हो सकते हैं और तो और आपके पास पास जो डिवाइसेटी हो उसके फ्रेम यूजुअली क्या होते हैं प्लास्टिक एंड मेटल के कॉमिनेशन के बन रहे हैं उसका स्टैंड मेटल का होता है क्या कहते हैं आपके कंप्यूटर का सीपीयू मेटल की बॉडी का का बना हुआ है तो आपके आसपास बहुत सारा मेटल है तो कैसे पहचानेंगे ये मेटल है और कौन सा मेटल धरती में सबसे पहले सबसे पहला मेटल जो इंसानों ने यूज किया हां ये आपसे क्वेश्चन है मेरा आपको बताना है नेम द फर्स्ट मेटल व्हिच वाज यूज्ड बाय ह्यूमन बीइंग्स पहला मेटल जो इंसानों ने इस्तेमाल करना शुरू किया आपको बताना है चलिए मैं अभी बताऊंगा स्टार्ट करते हैं मेटालर्जी के साथ हां बने रहिएगा अभी बताऊंगा तो जब हम बात करते हैं मेटल्स की तो मेटल्स की पहचान है कि वो हाई मेल्टिंग बॉलिंग पॉइंट वाले होते हैं उसमें एक अलग सा लस्टर होता है अलग सी चमक होती है जरा गोल्ड देखिए हां आपके यस अगर गर्ल्स है तो ईयर रिंग पहना है है ना या फिंगर रिंग होगा या अपने मदर्स को देख लीजिए उनके पास ढेर सारे क्या होंगे गोल्ड के र्मेंस से तो एक मेटलिक शाइन होती है लस्टर होती है मेटल्स की पहचान हाई मेल्टिंग बॉलिंग पॉइंट होती है डक्टिलिटी होती है अ दे कैन बी चेंज इनटू थिन वायर्स और मेलेबल होती है मेटल्स में दे कैन बी चेंज इन टू थिन शीट्स ऑन बीइंग बीटन तो ये सब पहचान है मेटल्स की पर हम मेटल्स निकाले कैसे क्या मेटल्स अवेलेबल है हां अर्थ इज दी बिगेस्ट सोर्स ऑफ दी हमारी धरती हमारी धरती मां ये हमारा अर्थ क्रस मेटल का सोर्स है तो क्या मेटल मेटल के रूप में पाया जाता है जी नहीं मेटल मेटल पहले मिनरल्स के रूप में पाया जाता है मिनरल्स आर [संगीत] केमिकल कैसे आवाज नहीं जा क्या आवाज जाती बहुत कमलिए कैन वी हियर इट क्या हम सुन पा रहे [संगीत] हैं चलिए आर वी एबल टू ड ट र यह कोशिश यही है कि साउंड आपके पास पहुंच पाए चलिए स्टार्ट करते हैं तो जब हम मेटल्स की बात करते हैं तो मेटल्स हमारे और आपके लाइफ का एक बहुत इंपोर्टेंट पार्ट है और क्योंकि मेटल जिस ओरिजन स्टेट में हमको मिल रहे हैं हां वो वो कंबाइंड रूप में मिल रहे हैं मिनरल्स के रूप में मिल रहे हैं मिनरल्स आर केमिकल कंपोजीशन फाउंड इन द अर्थ क्रस्ट पर वो मिनरल्स मेटल नहीं होते हैं पर मिनरल्स जिसमें मेटल निकाला जा सकता है प्रॉफिटेबली उन्हें कहते हैं हम लोग ओर ओर कच्चा धातु होता है कच्चा मिनरल होता है जिसको हमको प्यूरिफाई करना होता है और मेटल बनाना होता है यही इस चैप्टर का टॉपिक भी है मेटल एनर्जी जिसमें हम मेटल्स को एक्सट्रैक्ट करते हैं प्योर फॉर्म में निकालते हैं उनके ओर से ओर से जो कि कच्चा धातु होता है हमारी अर्थ क्रस्ट में पाया जाता है उससे मेटल बनाते हैं इस प्रोसेस को कहते हैं मेटालर्जी तो मेटालर्जी में प्रोडक्शन प्यूरिफाईज का भी मैन्युफैक्चर पढ़ेंगे हमारी धरती में 118 यस 118 एलिमेंट्स पाए गए हैं और ये एलिमेंट्स मेटल्स नॉन मेटल्स और मेटल इड के रूप में तीन रूप में पाए जाते हैं तो मेटल्स तो आप जान गए हैं और हमारा चैप्टर क्योंकि मेटल एनर्जी पर है थोड़ा ध्यान से समझेंगे तो मेटल्स जो कि मैंने कहा हमारे बहुत काम के आने वाले हैं उनमें सबसे पहला मेटल जो इंसानों ने एक्सट्रैक्ट किया यूज किया वो था कॉपर सर कॉपर क्यों आप ये पूछेंगे तो कॉपर वाज अवेलेबल इन लार्ज क्वांटिटी नियर द सरफेस एंड दैट वाज अवेलेबल इन दी नेटिव स्टेट अनकंबाइंड स्टेट में इजली कॉपर पाया जा रहा था इसीलिए हमने कॉपर का यूज किया अर्ली मेंस ने सबसे पहले कॉपर को ही इस्तेमाल किया तो मेटल्स क्या होते हैं मेटल्स वो एलिमेंट होते हैं जो इलेक्ट्रो पॉजिटिव होते हैं यस क्योंकि वो डोनर होते हैं वो इलेक्ट्रो पॉजिटिव होते हैं वो इलेक्ट्रॉन लूज करते हैं मैंने कहा डोनर्स होते हैं इनमें हाइड्रोजन एक ही अकेला नॉन मेटल है जो पॉजिटिव है इसीलिए इलेक्ट्रो केमिकल सीरीज में जिसको हम एक्टिविटी सीरीज कहते हैं जिसमें डिक्रीजिंग ऑर्डर ऑफ एक्टिविटी सबसे एक्टिव मेटल सबसे ऊपर और सबसे रि लीस्ट रिएक्टिव मेटल सबसे नीचे रखा गया है इस सीरीज को कहते हैं हम लोग रिएक्टिविटी सीरीज या एक्टिविटी सीरीज चलो बात करते हैं नॉन मेटल की तो अपोजिट है मेटल का है ना नॉन मेटल कैसा होता है नेगेटिव होता है ठीक है और वो गेन ऑफ इलेक्ट्रॉन करता है बात करते हैं अकेंपोरा है सारे मिनरल्स मेटल्स में पाए जाते हैं मेटल्स कंबाइंड के रूप में और नेटिव रूप में फ्री स्टेट में पाए जाते हैं सर ये फ्री स्टेट में कौन से मेटल पाए जाते हैं वो मेटल्स जो रिएक्ट टी सीरीज में सबसे नीचे हैं हां जैसे गोल्ड प्लैटिनम सिल्वर ये जो बहुत नीचे पाया जाता है रिएक्टिविटी में जल्दी रिएक्टिव नहीं करते नोबल मेटल्स होते हैं ये पाए जाते हैं नेटिव स्टेट में इसीलिए महंगा भी है गोल्ड प्लैटिनम बहुत महंगा है गोल्ड से भी महंगा प्लैटिनम है उसकी ज्वेलरी बनती है समझ गए ना इसीलिए क्योंकि ये जल्दी क्या होता है खराब नहीं होते हैं इनकी शाइन नहीं जाती है जल्दी इसीलिए अब बात करते हैं अगर कंबाइंड स्टेट में है तो हमें तो मेटल चाहिए हमें कार्बन हमें कार्बन डाइऑक्साइड या कार्बोनेट या सल्फाइड के साथ मिला हुआ मेटल नहीं चाहिए हमें आयरन सल्फाइड नहीं चाहिए आयरन कार्बोनेट नहीं चाहिए हमें सिर्फ आयरन चाहिए तो कंबाइंड स्टेट में मेटल जब पाया जा रहा है तो इसके जो कॉमिनेशन है अर्थात इसमें जो कंबाइन किया हुआ नॉन मेटल पार्ट है इससे हमें सेपरेट करना है इसी सेपरेट करने को प्यूरिफाई करने को कहते हैं मेटालर्जी लिर अब मेटल्स लेस रिएक्टिव होंगे तो क्या होगा इसका मतलब है कि वो इजली नेटिव स्टेट में पाए जाएंगे जैसे कि मैंने एग्जांपल दिया गोल्ड प्लैटिनम और जो मेटल एक्टिव होंगे रिएक्टिव होंगे वो ऑक्साइडस कार्बोनेट्स क्लोराइड के साथ पाए जाएंगे जैसे आप जो घर में रोज खा रहे हैं नमक खा रहे हैं क्या कहते हैं वो जो नमक खा रहे हैं वो एक्चुअली सोडियम खा रहे हैं आप क्योंकि वो है [संगीत] [संगीत] [संगीत] सुनिए ऑल मिनरल्स डू नॉट फॉर्म ओर ध्यान से सुनिए मिनरल्स जिसमें से मेटल्स निकाला जा सकता है प्रॉफिटेबली फायदे इस में जिसका बहुत फायदा होने वाला है निकालने पे उसको कहते हैं ओर तो ऑल ओर आर मिनरल्स बट ऑल मिनरल्स डू नॉट बिकम ओर ठीक है आइए कुछ और का एग्जांपल से समझाते हैं जैसे एलुमिनियम की बात करें क्योंकि इस चैप्टर में में एलुमिनियम का एक्सट्रैक्शन है बहुत डिटेल में आपको एक-एक स्टेप बताऊंगा तो एलुमिनियम का सबसे कॉमन ओर सबसे मेजर ओर है बॉक्साइड al2 o3 2h 2o नंबर फार्मूला दोनों याद होना चाहिए और कौन सा र है क्रायो आइड भी इसका ओर है जिसको हम कहते हैं सोडियम एलुमिनियम फ्लोराइड और कोरंडम ये तीनों ओर्स है कॉमन ओर्स ऑफ एलुमिनियम है बट मोस्ट कॉमन मोस्ट पॉपुलर ओर कौन सा है बॉक्साइड ठीक है आयरन की बात करते हैं अगला मेटल है आयरन आयरन का सबसे मेजर ओर है एमटाइम क्या इसके अलावा भी कोई और है जी हां आयरन के और भी बहुत सारे ओर्स है अब हेमेटाइट में रेड हेमेटाइट ब्राउन एटाइड ये दो पाए जाते हैं जिसमें सिर्फ थोड़ा सा चेंज है रेड हेमेटाइट क्या होता है सिर्फ फेरिक एनाइड एनाइड मतलब ड्राई होता है फेरिक ऑक्साइड होता है जबकि ब्राउन कलर क्यों आ जाता है क्योंकि इसमें मॉइश्चर आ जाता है समझ गए तो इसे कहते हैं हाइड्रेटेड ये रहा मॉइश्चर 3h 2o दूसरा कौन सा है मैग्नेटाइट मैग्नेटाइट इज ट्राई फेरिक टेट्रा ऑक्साइड fe3 o4 ये सब ओर्स ऑफ आयरन है दो और कर लेते हैं आयरन पायराइट एंड सिडाइन चलिए अगला एलिमेंट अगला मेटल कौन सा है जिंक आपको ओर के नाम पूछे जा सकते हैं आपसे पूछा जा सकता है कि उसका मेजर ओर कौन सा है तो जिंक का सबसे मेजर ओर है जिंक ब्लेंड जड ए एस जिंक सल्फाइड को कहते हैं जिंक ब्लैंड और भी कोई ओर है जिंक के जीहा जिंक जिंकाइट जैसे जिंक ऑक्साइड कहते हैं या कैलामाइन तो ये तीन ओर्स है आइए कैसे कैसे इस मेटल को निकाले इन ओर से क्या कोई टेक्निक है हां कोई स्टेप है हां स्टेप है ना पांच स्टेजेस से गुजरना पड़ेगा फाइव स्टेप्स से गुजरना पड़ेगा एक एक्सट्रैक्शन ऑफ मेटल करने के लिए मैंने कहा मेटल जो कंबाइंड स्टेट में पाए जा रहे हैं उनको पांच स्टेज से गुजरना होगा ताकि हम उसको प्योर रूप में पा सके कैसे क्या स्टेजेस है पहली बात करते हैं क्रशिंग एंड ग्राइंडिंग ऑफ वर इसमें क्या होता है मेटल्स को जो रॉक के रूप में पाए जाते हैं लंप ऑफ रॉक बड़े बड़े पत्थर बल्डर के रूप में पाए जाते हैं पहाड़ों से धरती से खोद के निकाले जाते हैं उनको हम क्रश कर देते हैं कुछ देते हैं बड़ी-बड़ी मशीने होती है और उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर देते हैं इस प्रोसेस को कहते हैं पोलराइजेशन क्या चीज कहते हैं पहले स्टेप को क्रशिंग चूरा बनाना ग्राइंडिंग पिस देना जितना ज्यादा ग्राइंड कर लेंगे उसकी सरफेस एरिया बढ़ जाएगी सरफेस एरिया बढ़ने से क्या होगा जल्दी से उसको क्या कर पाएंगे रिमूव कर पाएंगे और कंसंट्रेट कर पाएंगे इसीलिए ग्राइंडिंग मतलब कुचल के चूरा बना देना उसका ठीक है तो तो इस प्रोसेस को कहते हैं पहले स्टेज को कहते हैं हम लोग पलव इजेशन सेकंड स्टेज की बात करते हैं जिसमें हम कंसंट्रेशन या ड्रेसिंग दो नाम बोल दिया मैंने कंसंट्रेशन या ड्रेसिंग ऑफ ओर इसमें क्या होता है ओर को और और प्यूरिफाई कर पाते हैं ओर के अंदर मौजूद जो इंप्योरिटीज है गैंग पार्टिकल्स है गैंग मतलब गंदगी उसको रिमूव करना जो सिलिकॉन है उसके आसपास तो इस प्रोसेस में सेकंड प्रोसेस में सेकंड स्टेज में क्या करते हैं उसके अंदर की जो गैंग पार्टिकल है जो रॉकी इपज है जैसे मैंने कहा सिलिका पार्टिकल्स है टस्ट पार्टिकल्स है उसको रिमूव करते हैं और रिमूव करने के प्रोसेस को कहते हैं कंसंट्रेट करना या ओर की ड्रेसिंग करना ड्रेसिंग करना ओर को ड्रेस पहना देना जी नहीं ऐसा कुछ नहीं है बस कहने का अंदाज है ड्रेसिंग ओर करना तो जो ओर ड्रेसिंग करेंगे कैसे करेंगे पहला मेथड आइए देखते हैं स्क्रीन पर ये मेथड का नाम है हाइड्रोलिक वाशिंग करना या ग्रेविटी सेपरेशन करना क्या होता है इस मेथड में इस मेथड में जो ओर होते हैं क्रश ओर जो स्टेप नंबर वन से आया था स्टेप नंबर वन में जिसमें पलव हुआ था ओर को क्रश और ग्राइंड कर दिया था उसको एक बड़े से एक बड़े से टेबल में जो कि बहुत तेजी से क्या करता है मूव करता है शिफ्ट करता है दिखा ना ये टेबल बहुत तेज से मूव करता है इसमें बहुत सारे क्या क्या बना दिए हैं ग्रुप्स बना दिए क्या बना दिए गए हैं ग्रुप्स बना दिए गए ध्यान से देखिएगा इसको कहते हैं ग्रुप्स बना दिए गए इस ग्रुप्स में वाटर को तेजी से फ्लश किया जाता है वाटर को तेजी से पास करते हैं और जो पार्टिकल्स है जिसमें डस्ट पार्टिकल है जिसको हम कहते हैं गैंग पार्टिकल है वो हल्के होते हैं हल्के होने की वजह से क्या होता है वो रिमूव हो जाते हैं और बचता कौन है बचता ता है ओर पार्टिकल जो ओर होते हैं वो हैवी होते हैं हैवी होते हैं तो वो इस ग्रुव के बीच में सेटल हो जाते हैं इसीलिए गंदगी अर्थात डस्ट अर्थात गैंग हल्की होने की वजह से लाइट होने की वजह से लेस डेंस होने की वजह से वो वानी के साथ बाहर रिमूव हो जाते हैं तो इस तरीके से हम कंसंट्रेशन कर सकते हैं क्या यूज किया इसमें डेंसिटी के डिफरेंस का इस्तेमाल किया द प्रिंसिपल यूज्ड इज डिफरेंस इन दी डेंसिटी ऑफ ओर एंड दी एंड द गैंग पार्टिकल्स तो और गैंग पार्टिकल्स से अलग-अलग होता है गैंग पार्टिकल्स जो गंदगी होती है वो हल्का होता है पानी के बहाव में ऊपर ही ऊपर से निकल जाती है और जबकी ग्रुप्स बने होते हैं उस ग्रुप्स में डेंसर जो और होते हैं भारी होते हैं वो नीचे बैठ जाते हैं सो इस प्रोसेस को कहते हैं हम लोग हाइड्रोलिक वाशिंग या ग्रेविटी सेपरेशन क्या यूज किया दिखाना डेंसिटी का इ ध्यान दिया डेंसिटी ऑफ द ओर जो कि हैवी होते हैं और डेंसिटी ऑफ जो गैंग पार्टिकल है वो हल्का होता है इसलिए रिमूव हो जाता है कहां यूज करते हैं किस मेटल में यूज करते हैं आयरन और टिन में यूज करते हैं अगला आता है मैग्नेटिक सेपरेशन नाम से ही समझ में आ रहा है इसमें एक मैग्नेट का इस्तेमाल होने वाला है और ये उन सब्सटेंस में ही यूज कर पाएंगे जो मैग्नेटिक मटेरियल है जैसे आयरन हो गया [संगीत] कोबेल्को मैग्नेट द्वारा इन्फ्लुएंस होते हैं तो इसमें क्या करना होता है इस मेथड में देखते हैं कि एक मटेरियल ऐसा होगा जो जो क्या होगा मैग्नेटिक पार्टिकल होगा और एक नॉन मैग्नेटिक पार्टिकल होगा क्या करना है देखिए ओर को क्रश करना है स्टेप नंबर वन था पोलराइजेशन क्रशिंग द ओर एंड ग्राइंडिंग द ओर उस ग्राइंडेड ओर को क्या करेंगे पास कर देंगे एक बड़े से बेल्ट पे इस बेल्ट को दो दो व्हील से कनेक्ट किया गया है दो व्हील कौन-कौन सा है एक नॉन मैग्नेटिक रोलर है और एक मैग्नेटिक रोलर है तो इस बेल्ट में इस बेल्ट में ये ओर जब पास होगा तो क्योंकि ये मैग्नेटिक बेल्ट है यहां पर यहां पे मैग्नेटिक सॉरी रोलर लगा हुआ है इससे आयरन पार्टिकल चिपक जाएंगे या मैग्नेटिक पार्टिकल चिपक जाएंगे ये जाकर के पीछे कलेक्ट होंगे और जो नॉन मैग्नेटिक पार्टिकल होगा वो यहां आके कलेक्ट हो जाएगा ठीक है नॉन मैग्नेटिक पार्टिकल अलग कलेक्ट हो जाएगा एंड दिस विल हेल्प टू सेपरेट तो हेल्प करता है कंसंट्रेशन किसम कंसंट्रेशन में यूज करते हैं जब टन स्टोन को सेपरेट करना चाहते हैं विथ आयरन पटी समझ गए हां इस मेथड का नाम है मैग्नेटिक सेपरेशन क्योंकि इसमें मैग्नेटिक प्रॉपर्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं अब अगला आ रहा है कंसंट्रेशन ये तीन एग्जांपल्स है सिर्फ कंसंट्रेशन के तीसरा मेथड है कंसंट्रेशन के अंदर फ्रॉक लोशन फ्रॉक मतलब झाग होता है क्या झाग होता है इसके लिए क्या करेंगे देखिए एक बड़ी सी टैंक होगी उस टैंक में क्या करेंगे क कंप्रेस्ड एयर पास करेंगे क्या कंप्रेस्ड एयर पास करेंगे किस प्रिंसिपल पे काम करता है ये फ्रोथ रोटेशन फ्रोथ रोटेशन में फ्रोथ मतलब होता है झाग बनाना इसमें जो क्रस ओर होता है जिसको हम पलव इज ओर कहते हैं जब चूर कर देते हैं स्टेप नंबर वन से उस ओर को इसमें पुट कर देते हैं इस बड़ी से टैंक में और इस टैंक में क्या रखा होता है पाइन ऑयल और वाटर ध्यान से सुनिए पाइन यल ऑयल और वाटर जो पाइन ऑयल है ऑयल है वो क्या करता है फ्रोथ के रूप में झाग के रूप में बबल के रूप में ओर पार्टिकल को कैरी कर लेता है इसमें ओर हल्का होता है लेस डेंस होता है और ये रहा वो ओर पार्टिकल ये है वो सल्फाइड ओर पार्टिकल जो कि हल्के होते हैं वो झाग के रूप में झाग जैसे आपके घर में मम्मी अगर सर डाल देती पानी में बहुत सारा झाग निकल आता है ना वैसे ही झाग को कहते हैं फ्रोथ फ्रोथ के साथ जो र पार्टिकल है सल्फाइड वाले पार्टिकल है वो ऊपर रह जाते हैं और पानी में क्योंकि मैंने कहा था वाटर में ऑयल मिलाया गया है वाटर में कौन डिसोल्व हो जाता है गैंग पार्टिकल डिजॉल्ड्रिंग और पार्टिकल ऊपर रह गया र को अलग से ऊपर से कलेक्ट कर लेते हैं इस मेथड का नाम नाम है फ्रोथ फ्लोटेशन क्या प्रिंसिपल यूज किया गया है डिफरेंस इन दी क्या प्रिंसिपल है प्रिफरेबल वेटे बिलिटी ऑफ ओर ओर अलग मटेरियल से बेट हो रहा है मैंने कहा पाइन यल से बट हो रहा है और गैंग पार्टिकल अर्थात गंदगी बट हो रही है पानी से चलिए आगे बढ़ते हैं स्टेप नंबर थ्री मैंने कहा था पांच स्टेप कर रहे हैं अभी हमने सिर्फ दो स्टेप किए पहला पोलराइजेशन किया दूसरा किया हम लोग ने कंसंट्रेशन अब स्टेप नंबर थ्री है एक्सट्रैक्शन का कन्वर्जन ऑफ दी ओर इनटू ऑक्साइडस क्यों ओर को ऑक्साइड में कन्वर्ट करना है पहला चीज और ये है क्यों तो ऑक्साइड को फिर क्या करना यस ऑक्साइड से मेटल बनाना थोड़ा आसान हो जाता है दैट इज वई इट इ अब कैसे करेंगे इसके अंदर भी दो तरीका है मतलब हमें क्या करना है जो ओर मिल गया कंसंट्रेट हो कर के कंसंट्रेट कर दिया था ना आपने तीन मेथड से फ्रोथ रोटेशन पढ़ा जस्ट ना तो जब आप कंसंट्रेट कर लेंगे उसमें को क्या करना है ऑक्साइड में कन्वर्ट करेंगे और ऑक्साइड को कन्वर्ट करने से रिड्यूस करना आसान हो जाता है अर्थात मेटल ऑक्साइड से मेटल निकालना इजी होता है इसलिए कर रहे हैं अब सबसे पहला टेक्निक है ऑक्साइड बनाने के लिए रोस्टिंग रोस्ट करना अरे आजकल रोस्ट वीडियो बहुत चल रहे है नहीं नहीं वो रोस्टिंग नहीं जिसमें किसी का मजाक उड़ाते हैं किसी के पीछे पड़ जाते हैं नहीं नहीं वो रोस्टिंग नहीं है रोस्टिंग आपने देखा होगा रोस्टेड चिकन के रूप में आपने सुना होगा बहुत सारे लोग चिकन खाना पसंद करते हैं या रोस्टेड मीट खाना पसंद करते हैं रोस्टेड फिश खाना पसंद करते हैं इवन रोस्टेड पनीर भी आता है सही सुन रहे हैं हां एक लोहे की रड में पनीर को लगा कर के टुकड़ों को लगा कर के भट्टी में यस जो जो तवे वाली भट्टी होती है उसम पका देते हैं क्या कहते हैं रोस्टेड तो हीटिंग इन दी सरप्लस या एक्सेस ऑफ एयर इज कॉल्ड एज रोस्टिंग तो इससे क्या होगा क्या फायदा मिलेगा इससे जो ओर है वो ऑक्साइड ओर हो जाएगा क्या फायदे होंगे और रोस्टिंग से रोस्टिंग से उसके अंदर का मॉइश्चर रिमूव हो जाएगा उसके अंदर की ऑर्गेनिक मटेरियल खत्म हो जाएगी रिमूव हो जाएगी अगर उसके अंदर कोई इंप्योरिटी होगी वो उड़ जाएगी जैसे सल्फर होगा तो सल्फर डाइऑक्साइड बन के उड़ जाएगा फास्फोरस होगा तो फास्फोरस पेंटा ऑक्साइड बनके तो वोलेटाइल इंप्योरिटीज क्या हो जाएगी उसकी रिमूव हो जाएगी अगर वो सल्फाइड और होगा तो वो मेटल सल्फाइड बन जाएगा और रोस्टिंग से एक और फायदा मिलता है ओर पोरस बन जाते हैं इसमें स्मॉल स्मॉल पोर बन जाते हैं जिसके बाद वो जल्दी से क्या करता है मेटल में कन्वर्ट हो सकता है दूसरा मेथड हां हमें ऑक्सीडेशन करना है मेटल का पहला मेथड बताया है रोस्टिंग जिसमें मैंने बताया कि हम सरप्लस एयर में अर्थात एंडेंजर में क्या करते हैं हीट करते हैं अब यहां पर क्या करना है एब्सेंट ऑफ एयर में एक बंद जार के अंदर एक बंद जार के अंदर बाहर से हीट करना और इतना हीट करना कि वो बस मेल्ट हो जाए इस प्रोसेस का नाम रखा गया है कैल्सीनेशन ये कब काम आता है ये काम आता है कार्बोनेट ओर्स में काम आता है या हाइड्रो हाइड्रेटेड ऑक्साइडस में काम आता है मतलब ओ ओर्स में काम आता है और कार्बोनेट ओर्स में काम आता है हम इस प्रोसेस को कहते हैं कैल्सीनेशन रोस्टिंग का ठीक उल्टा है रोस्टिंग में एब्सेंट ऑफ एयर नहीं प्रेजेंस ऑफ एयर होती है एंडेंजर होती है और यहां पे कैंसलेशन में क्या होता है एकदम एयर नहीं एक्सेंस ऑफ एयर में करना इसके लिए कौन-कौन सा मेटल यूज़ करते हैं मैंने कहा मेटल कार्बोनेट्स होगा या मेटल ऑक्साइडस होगा चलिए सॉरी मेटल हाइड्रोक्साइड होगा चलिए एक एग्जांपल देखते हैं जैसे जिंक कार्बोनेट है अब इसको हीट करेंगे इन एक्सेंस ऑफ एयर तो देखिए ये मेटल ऑक्साइड में चेंज आगा कार्बन डाइऑक्साइड तो रिलीज हो जाएगी और उड़ जाएगी तो इस तरीके से मॉइश्चर रिमूव कर सकते हैं वाटर ऑफ हाइड्रेशन रिमूव कर सकते हैं और और अदर इंप्योरिटी रिमूव करते हैं वो सारे फायदे जो रोस्टिंग में है वही सेम फायदे कैल्सीनेशन में भी मिलते हैं ठीक है अब हो गए स्टेप थ्री खत्म मैंने कहा था टोटल पांच स्टेप है चौथा स्टेप आ रहा है अब ऑक्साइडस से मेटल बनाना है मेटल ऑक्साइडस बन चुका था स्टेप नंबर थ्री में अब स्टेप नंबर फोर इस मेटल ऑक्साइडस को मेटल बनाना है अर्थात इनका रिडक्शन करना पड़ेगा इसमें से ऑक्सीजन रिमूव करना है ऑक्सीजन चुराना है हमें तो जब हम चुराना चाहते हैं तो एक तरीका है रिड्यूस एजेंट का इस्तेमाल कर लो जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड का इस्तेमाल कर लो हाइड्रोजन का इस्तेमाल कर लो ये लोग क्या करते हैं ये लोग बहुत ही स्ट्रांग रिड्यूस एजेंट है नतीजा ये ऑक्सीजन मेटल से रिमूव कर सकते हैं और उसे मेटल में कन्वर्ट करते हैं हमें आयरन ऑक्साइड नहीं चाहिए हमें एलुमिनियम ऑक्साइड नहीं चाहिए हमें एलुमिनियम चाहिए हमें आयरन चाहिए समझ गए ना अभी तो हमने उसको ऑक्साइड बनाया था स्टेप नंबर थ्री में अब स्टेप नंबर फोर में उसको क्या बनाएंगे सिर्फ मेटल बनाएंगे अब कोई हाईली एक्टिव मेटल होगा तो जैसे कि एलुमिनियम बहुत बदतमीज होता है सही सुन रहे हैं बहुत बदतमीज होता है अपने ऑक्सीजन के बॉन्ड को छोड़ता ही नहीं है क्योंकि वो उनके साथ स्ट्रांग एफिनिटी रखता है अर्थात स्ट्रांग अट्रैक्शन रखता है एलुमिनियम उसी तरह से सोडियम पोटेशियम भी है जो कि रिएक्टिव मेटल्स हैं ये इतने रिएक्टिव है कि ये अपने ऑक्साइडस को छोड़ते ही नहीं है इसका मतलब है कि अगर आप इसको रिमूव करना चाहते हैं तो रिड्यूस एजेंट इसको रिमूव मू नहीं कर पाएगा तो इनके लिए क्या करना पड़ता है इलेक्ट्रोलिटिक रिडक्शन जब इनका बॉन्ड बहुत स्ट्रांग है ऑक्सीजन के साथ इनकी एफिनिटी फॉर ऑक्सीजन बहुत स्ट्रांग है इसलिए डस्टिंग एजेंट इसको रिड्यूस नहीं कर पाते हैं अर्थात एलुमिनियम ऑक्साइड को एलुमिनियम नहीं बना पाता है तो मैंने कहा ऐसे लोगों को बिजली का झटका दो सही सुन रहे हैं क्या देना है इनको इलेक्ट्रोलिटिक रिडक्शन करो जब प्यार से नहीं मानते हैं तो उंगली टेढ़ी कर देते हैं हम लोग चलिए एक एग्जांपल से समझाते हैं कि क्या होता है जब इलेक्ट्रोलिटिक रिडक्शन होता है सोचिए कि प् आयरन सॉरी पोटेशियम ब्रोमाइड का एग्जांपल से समझते हैं पोटेशियम ब्रोमाइड है ठीक है पोटेशियम ब्रोमाइड जो कि आप जानते हैं पोटेशियम मोस्ट रिएक्टिव मेटल है है ना सबसे रिएक्टिव मेटल है अब उसको ब्रोमाइड के साथ कंबाइन स्टेट में देखिए ब्रोमाइड के साथ है अब इसको जब हीट इलेक्ट्रोलिटिक रिडक्शन करेंगे तो ये पोटेशियम और ब्रोमाइन आयस में ब्रेक होगा पोटेशियम आयस जो कि मेटल आयस है वो इलेक्ट्रॉन गेन कर लेंगे और पोटेशियम मेटल बन जाएंगे क्योंकि एक इलेक्ट्रॉन गेन कर रहा है तो ब्रोमाइन एक इलेक्ट्रॉन लूज कर रहा है ब्रोमीन क्या बन जाएगा ब्रोमीन एक एक एक लिक्विड के रूप में एनोड में कलेक्ट हो जाएगा ब्रोमाइन रूप में ब्रोमाइन लिक्विड वेपर के रूप में और कैथोड में मेटल कलेक्ट होगा याद रखिएगा मेटल्स जो कि इलेक्ट्रो पॉजिटिव होते हैं वो हमेशा क्या कर करते हैं नेगेटिव नेगेटिव प्लेट पे जाके कलेक्ट होते हैं क्या नेगेटिव प्लेट या नेगेटिव इलेक्ट्रोड में जाके कलेक्ट होते हैं और नेगेटिव इलेक्ट्रोड का नाम होता है कैथोड क्यों क्योंकि मैंने कहा मेटल्स इलेक्ट्रो पॉजिटिव होते हैं जबकि ये जो बाद वाला पोर्शन होता है जो कि नेगेटिव इलेक्ट्रोनेगेटिव नॉन मेटल्स इलेक्ट्रोनेगेटिव होते हैं ये चले जाते हैं पॉजिटिव एनोड की तरफ ध्यान दीजिएगा इस बात को ठीक है आइए एलुमिनियम की बात करते हैं तो एलुमिनियम को भी ऐसे ही करते हैं इलेक्ट्रोलिसिस करना पड़ता है अगर एलुमिनियम ऑक्साइड है तो वो भी क्या हो जाएगा यस रिड्यूस एजेंट से एलुमिनियम ऑक्साइड को एलुमिनियम नहीं पा सकते ठीक है और अगर मेटल मिडल में हो तो मतलब सल्फाइड ओर को पहले ऑक्साइड बनाते हैं ऑक्साइड को क्या करते हैं रिड्यूस कर देते हैं ठीक है ना इस तरीके से क्या कर सकते हैं यही प्रोसेस कार्बोनेट ओर में भी हो सकता है ठीक अब आते हैं अगर मेटल एकदम कम रिएक्टिव है बहुत कम रिएक्टिव है तो क्या करेंगे अगर मेटल बहुत कम रिएक्टिव है बहुत लीस्ट रिएक्टिव है तो बस रिड्यूस ंग एजेंट का इस्तेमाल करो हां जैसे कार्बन का इस्तेमाल कर सकते हैं कार्बन मोनोऑक्साइड का इस्तेमाल कर सकते हैं हाइड्रोजन का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि वो सबसे लीस्ट हां लीस्ट क्या है ऑक्सीडो रहा है सबसे कम रिएक्टिव है तो उसको सेपरेट करना सबसे आसान है कई बार सिर्फ हीटिंग अलोन से ही क्या होता है अर्थात सिर्फ हीट ही कर दो तो भी वो ऐसा कर सकता है जैसे मरकरी का एग्जांपल लेता हूं जैसे गोल्ड ल्ड का एग्जांपल लेता हूं उनको उनको रिड्यूस करना सबसे आसान है मरकरी का ऑक्साइड है बा आप आप हीट कर दीजिए तो मरकरी अलग हो जाएगा और ऑक्सीजन क्या हो जाएगा गैस के रूप में उड़ जाएगा ठीक है आइए तो बात कर रहे थे रिएक्टिव मेटल्स की तो मैंने कहा रिएक्टिव मेटल्स द हाईली रिएक्टिव मेटल्स जो होते हैं वो स्वयं भी एक रिड्यूस एजेंट के रूप में काम कर सकते हैं इसमें सबसे अच्छा एग्जांपल होगा एलुमिनियम का क्यों ये जो रिएक्टिव मेटल है जैसे मैंने कहा एलुमिनियम पोटेशियम कैल्शियम ये बहुत रिएक्टिव है एक्टिविटी डिजीज में बहुत ऊपर पाए जाते हैं सबसे ऊपर पाए जाते हैं पोटेशियम तो ये दूसरे मेटल्स को डिस्प्लेस कर सकता है क्योंकि ये हाईली एक्टिव है तो लेस रिएक्टिव मेटल्स को क्या करता है ये डिस्प्लेस कर सकता है जैसे कि आप देखेंगे इस मैग्नीशियम ऑक्साइड को एलुमिनियम ने क्या कर दिया इसका ऑक्सीजन रिमूव कर दिया देखिए मैग्नीशियम ऑक्साइड को मैंगनीज बना दिया और खुद क्या बन गया एलुमिनियम ऑक्साइड तो रिडक्शन कर दिया एलुमिनियम ने इसका ऑक्सीजन चुरा लिया रिमूव कर दिया क्योंकि एलुमिनियम मैग्नीशियम से ज्यादा रिएक्टिव है समझ गए तो एक बहुत पावरफुल रिड्यूजिंग एजेंट के रूप में एलुमिनियम काम आता है क्या आपको पता है जब जो रेल गाड़ियों की पटरियां होती है जब वो बीच से क्रैक हो जाती है रेल की पटरी में अगर क्रैक पड़ जाता है यहां पर क्रैक पड़ गया है तो कैसे जोड़ते क्या पटरी को उखाड़ देते हैं जी नहीं उस रेल की पटरी को एलुमनो थेरेपी क्या एलुमनो थेरेपी से जॉइन कर दिया जाता है कैसे करते हैं वहां पर जहां पर से रेल की पटरी टूट गई है या वहां पर रेल की पटिया बीच में नहीं है ट्रैक वहां गायब है तो वहां पर मिक्सचर ऑफ एलुमिनियम एंड आयरन ऑक्साइड को हीट कर देते हैं इग्नाइट कर देते हैं और एक एसोर्ट रिएक्शन पैदा होता है जिसमें आयरन ऑक्साइड ये आयरन ऑक्साइड आयरन बन जाता है क्योंकि एलुमिनियम इसको भी रिड्यूस कर देता है इस आयरन ऑक्साइड को रिड्यूस कर देता है और आयरन बना देता है ये मोल्टन आयरन ये पिघला हुआ आयरन यहां पर आक के क्या होता है इकट्टा हो जाता है रेल की पटरियां वापस पूरी बन जाती है यस दिस प्रोसेस इज नोन एज एलुमनो थेरेपी हां या थर्मी थेरेपी मैं बोल रहा हूं अच्छा शब्द नहीं होगा थर्मी थेरेपी नहीं थर्मी एल मिनो थर्मी क्योंकि एलुमिनियम इसमें यूज हो रहा है टू मेल्ट मेटल्स एलुमिनियम की मदद से आयरन को मेल्ट करा दिया गया और आयरन मोल्टन आयरन क्या हो गया हार्ड हो जाएगा वापस ठंडा होने प सो रेल की पटरियों का एग्जांपल दिया मैं चलिए आगे बढ़ जाते हैं इलेक्ट्रो [संगीत] रिफाइनिशिव सेल लेनी पड़ती है इस इलेक्ट्रोलिटिक सेल में इलेक्ट्रिक एनर्जी का इस्तेमाल करना पड़ता है ताकि ये केमिकल रिएक्शन हो सके ठीक है इसमें इलेक्ट्रोलिटिक सेल में तीन पार्ट होते हैं एक इलेक्ट्रोलाइट होता है एक ऐसा लिक्विड होता है जो कंडक्टर होता है हम कहते हैं लिक्विड कंडक्टर और दो इलेक्ट्रोड्स होते हैं कैथोड नेगेटिव और एनोड पॉजिटिव ध्यान ये देना होता है हमेशा कि जो इंपोर होगा वो हमेशा एनोड की तरफ होगा क्या चीज इंपोर हमेशा कहां मिलेगा एनोड में होगा और प्योर होगा मेटल वो हमेशा कहां होगा कैथोड में ध्यान देंगे इपर एनोड में और प्योर कैथोड में इलेक्ट्रोलाइट कौन सा यूज करेंगे इलेक्ट्रोलाइट उसका सल्ट यूज करेंगे जिस मेटल को हम लोग प्यूरिफाई करना चाहते हैं जिसका हम रिफाइनेंस डस्ट रिमूव करेंगे अपनी गंदगी रिमूव करेंगे नाम होगा एनोड म जैसे सिल्वर कॉपर गोल्ड निकल इन सबको रिफाइनिशिव पढ़ेंगे हां मैंने कहा था पांच स्टेप में कोई मेटल एक्स्टेक्स्ट होगा अभी मैंने पांचों स्टेप्स आपको बता दिए लास्ट स्टेप पढ़ा था इलेक्ट्रो डिफाइनिंग अब हम लोग एलुमिनियम के बारे में पढ़ेंगे वैसे एक चीज बता दूं कि एलुमिनियम धरती में सबसे ने वाला मेटल और सबसे महंगा था आज से 100 साल पहले यस एलुमिनियम राजा महाराजा लोग यूज करते थे एलुमिनियम के प्लेट में खाना खाने में हां आज से 100 150 साल पहले एलुमिनियम को राजा और महाराजा ही सिर्फ यूज कर पाते थे क्योंकि एलुमिनियम वेरी वेरी कॉस्टली हुआ करता था गोल्ड से भी महंगा होता था तो ऐसा क्या हो गया कि आज एलुमिनियम इतना सस्ता हो गया है कि कैदियों का कैदी समझ ग ना प्रिजनर्स का थाली प्रिजनर्स की प्लेट एलुमिनियम की है घर में एलुमिनियम के बड़े-बड़े कनस्टर है डब्बे हैं जिसमें मम्मी आटा चावल रख रही है आपका प्रेशर कुकर देख लीजिए आपके घर की कढ़ाई देख लीजिए आपके घर का डोर नॉब हैंडल देख लीजिए ढेर सारे ऐसे सब्सटेंस है मेटल्स है सॉरी ऐसे ऐसे यूटेंसिल्स है जो एलुमिनियम के बने हैं तो आज कॉमन कॉमन मेटल के रूप में एलुमिनियम यूज हो रहा है ऐसा क्या हो गया तो कमाल है इसका एक्सट्रैक्शन एलुमिनियम को एक्स्टेक्स्ट करने पे पहले 2000 प्लस डिग्री 2000 से ज्यादा डिग्री लगती थी एलुमिनियम को एक्सट्रैक्ट करने में जिसके लिए बहुत एनर्जी लगती थी और कॉस्ट ऑफ एक्सट्रैक्शन बहुत ज्यादा था नतीजा एलुमिनियम बहुत महंगा मेटल था पर यही यही एलुमिनियम का एक्सट्रैक्शन हॉल हेरोल्ड प्रोसेस से सस्ता हो गया इसका प्रोडक्शन कॉस्ट बहुत कम हो गया इसलिए ये बहुत चीप मेटल हो गया वैसे भी मैंने बताया एलुमिनियम धरती का मोस्ट एंडेंदु मिनियम एलुमिनियम ऑक्साइड के रूप में पाया जा रहा है इसीलिए उसको रिमूव करना एक्सट्रैक्ट करना आपको समझना है आइए समझते हैं कैसे हम बनाते हैं धरती से मिला हुआ एलुमिनियम ऑक्साइड जो बॉक्साइड के रूप में पाया जाता है उसकी बात कर रहे हैं तो हॉल सेरोल ने इस मेथड को डेवलप किया जिससे आज एलुमिनियम हर घर में इस्तेमाल हो रहा है इतना सस्ता है मैंने कहा कि इसके हम बहुत सारे यूजेस कर रहे हैं इवन एरोप्लेन की बॉडी इवन आजकल कार मोटर साइकिल्स को भी एलुमिनियम के फ्रेम में बनाया जा रहा है तो एलुमिनियम को बनाने का एक्सट्रैक्शन का सस्ता मेथड चीप मेथड निकाला हल रइड ने तो एलुमिनियम को बनाते हैं बॉक्साइड ओर से और बॉक्साइड ओर है al2 o3 2h 2o नंबर याद कर लीजिएगा इसमें बॉक्साइड में 60 पर अमोनियम ऑक्साइड है बाकी सब इसमें गैंग पार्टिकल है इंप्योरिटीज है सबसे पहला स्टेप है इस बॉक्साइट ओर को एलुमिना में कन्वर्ट करना चलिए चार स्टेप पढ़ेंगे आपको चारों स्टेप ध्यान से देखना है है ना पहला स्टेप इस बॉक्साइड ओर को al2 o3 2h 2oo को इसको पहले ग्राइंड करना है पहले इसको क्रश कर देना है हीट करना है क्या होगा इससे फायदा मिलेगा इसके अंदर जो इंप्योरिटीज वोलेटाइल नेचर की है जैसे सल्फर है तो सल्फर डाइऑक्साइड बन जाएगी फास्फोरस है फास्फोरस डाइऑक्साइड बन जाएगी और भाप बनके उड़ जाएगी तो वोलेटाइल इटस चले गई अब अब क्या बचा अब इसमें ऐड करना है अंडर प्रेशर कस्टिक सोडा कस्टिक सोडा को बोलते हैं सोडियम हाइड्रोक्साइड हाई प्रेशर में इस ओर में ऐड करना है कस्टिक सोडा क्या होगा इससे इससे सोडियम मेटा एलुमिनेट क्या सोडियम मेटा एलुमिनेट प्रोड्यूस होगा ये सोडियम मेटा एलुमिनेट हमें चाहिए स्टेप नंबर टू में जो सोडियम मेटा एलुमिनेट बना है इसको हम फिल्टर कर लेंगे इसको कलेक्ट कर लेंगे और इसको सोडियम मेटा एलुमिनेट को और पानी ऐड करेंगे और 50 डिग्री टेंपरेचर तक हीट करेंगे 50 डिग्री टेंपरेचर पे सोडियम मेटा एलुमिनेट को हीट करेंगे पानी ऐड करने के बाद क्या होगा ये चेंज हो जा आएगा एलुमिनियम हाइड्रोक्साइड ये रहा सोडियम मेटा एलुमिनेट ऐड किया पानी टेंपरेचर यूज किया हां सोडियम मेटा एलुमिनेट ओ ओ ओ ओ ओ सोडियम मेटा एलुमिनेट ऐड किया पानी टेंपरेचर लिया 50 डिग्री सेंटीग्रेड क्या बन गया सोडियम हाइड्रोक्साइड मुझे इसकी जरूरत नहीं है और ये बन गया एलुमिनियम हाइड्रोक्साइड स्टेप नंबर थ्री में बना लिया हमने एलुमिनियम हाइड्रोक्साइड मुझे वो नहीं चाहिए मुझे एलुमिनियम ऑक्साइड चाहिए अभी याद करिए एलुमिनियम ऑक्साइड बनाना है अब इसको क्या करेंगे एलुमिनियम हाइड्रोक्साइड को फिल्टर करेंगे वाश करेंगे ड्राई करेंगे और हीट करेंगे 1000 डिग्री तक देखा फिर से क्या करना है इसको हीट करना है 1000 डिग्री तक कितना 1000 डिग्री तक हीट करेंगे और प्रोड्यूस होगा एलुमिनियम ऑक्साइड देखिए अभी भी एलुमिनियम नहीं मिला है अभी भी एलुमिनियम नहीं मिला है फोर स्टेप में अभी सिर्फ एलुमिनियम ऑक्साइड मिला है फोर स्टेप में अभी इसको क्या बनाना है एलुमिनियम बनाना है ठीक है ना अब एलुमिनियम ऑक्साइड से इस ऑक्सीजन को रिमूव करना है क्या करेंगे क्या रिड्यूस ंग एजेंट लगा देंगे जैसे कार्बन का इस्तेमाल कर लेंगे इसका ऑक्सीजन रिड्यूस करने के लिए या हाइड्रोजन या कार्बन मोनोऑक्साइड जवाब है इन तीनों का कोई काम नहीं है रिड्यूस ंग एजेंट इसका ऑक्सीजन रिड्यूस नहीं कर पाएगा ऑक्सीजन रिमूव नहीं कर पाएगा क्यों ब बिकॉज ऑफ द ग्रेट एफिनिटी ऑक्सीजन के प्रति प्रति इसका अट्रैक्शन बहुत ज्यादा है क्योंकि ये हाईली रिएक्टिव मेटल है एलुमिनियम बहुत स्ट्रांग अट्रैक्शन रखता है ऑक्सीजन के प्रति इसलिए उसको रिमूव नहीं कर पाएंगे तो मैंने कहा था जो प्यार से ना माने उसको करंट दे दो मतलब अब एलुमिनियम को करंट देंगे इलेक्ट्रोलिटिक रिडक्शन करेंगे इसका क्या करेंगे क्या मेथड है इलेक्ट्रोलिटिक रिडक्शन करेंगे आइए इसको कैसे करेंगे इसके लिए एक इलेक्ट्रोलिटिक टैंक की जरूरत पड़ने वाली है इस टैंक में तीन 1 3:1 तीन मटेरियल का इस्तेमाल करना है 1 3:1 एलुमिना वन क्रायो आइड ्र और फ्लोरोस परर वन तो 1 3:1 के स्टेप में तीनों मिक्सचर को क्रश करेंगे तीनों मिक्सचर को क्रश करेंगे और इस इलेक्ट्रोलिटिक टैंक में जिसमें कार्बन के रूप में एनोड है और कार्बन की लाइनिंग के रूप में कैथोड है तो एनोड और कैथोड दोनों ही कार्बन लाइनिंग से बना हुआ है ध्यान से देखिए इसमें एनोड में लिखा हुआ है ग्रेफाइट या कार्बन ठीक है और कैथोड में भी कैथोड में भी कार्बन लाइनिंग है बनी हुई स्लोपिंग टैंक देखिए ध्यान से ये टैंक की जो सरफेस है वो स्लोपिंग है ठीक है क्या करना है हमको इस टैंक को अब इलेक्ट्रिसिटी पास करनी है इसने क्या होगा इसी में एलुमिनियम मोल्टन एलुमिनियम के रूप में प्रोड्यूस होगा ऊपर यहां पर क्या करेंगे और एनोड मट डाल देंगे और इसमें क्या करेंगे कार्बन या कोक पार्टिकल्स और डाल देंगे ऊपर ताकि हीट लॉस ना हो आइए समझते हैं इस फाइनल स्टेप को जिसम हम एयम ऑक्साइड को एलुमिनियम बनाना है इलेक्ट्रोलिटिक रिडक्शन से तो इस रेक्टेंगल टैंक को आयरन की बनी टैंक को गैस कार्बन से कवर किया गया है इसमें मोल्टन एलुमिना है [संगीत] 13:1 यहां क्या रेशो देख लेना तीन सब्सटेंस का यूज किए है अभी बताएंगे कि ये तीनों ही क्यों यूज कर रहे हैं क्यों फ्लोरोस पर यूज कर रहे हैं क्रोक काड है ना जानना चाहते हैं ना और क्या यूज कर रहे हैं पाउडर्ड कोक कोक को यस टेंपरेचर कितना है 950 यही सबसे कमाल की बात है कि सिर्फ 950 डिग लग रहा है इससे पहले जब ये हॉल रल्स प्रोसेस नहीं था तो इसको 2000 डिग्री से ज्यादा टेंपरेचर लगता था इसीलिए एलुमिनियम बहुत महंगा होता था और कितना वोल्टेज चाहिए 566 वोल्ट बस वोल्टेज ज्यादा नहीं चाहिए तो क्या हो रहा है इसमें रिएक्शन आइए समझते हैं तो क्रायो आइट जो कि na3 al6 ये ब्रेक हो जाता है एलुमिनियम सोडियम और फ्लोरोस्कॉपी इलेक्ट्रोकेमिकल सीरीज इनसे एक रूल है ना कि लोअर द इलेक्ट्रोकेमिकल सीरीज विल बी डिस्चार्ज फर्स्ट क्योंकि जो मेटल की एक्टिविटी सीरीज होती है उसमें एलुमिनियम नीचे है इन दोनों से इस सोडियम से भी नीचे है कैल्शियम से भी नीचे है इसीलिए ये पहले डिस्चार्ज हो जाता है ठीक है ना और आप जानते ही है एलुमिनियम लोअर होने की वजह से डिस्चार्ज हो जाएगा हम इसे कहते हैं प्रेफरेंशियल डिस्चार्ज और कैथोड में जाकर के कलेक्ट हो जाएगा जबकि ऑक्सीजन क्या होगी ऑसी ऑक्सीजन प्रोड्यूस होगी एनोड में यहां पर कौन प्रोड्यूस होगी एनोड में ऑक्सीजन आइए देखें क्या रिएक्शन होता है कैथोड में तो कैथोड में एलुमिनियम क्या करती है एलुमिनियम जो आयन के रूप में है वो इलेक्ट्रॉन गेन करके एलुमिनियम मेटल के रूप में कलेक्ट हो जाती है सो मैंने हमेशा बताया था कि मेटल्स हमेशा कहां जाते हैं क्योंकि वो इलेक्ट्रो पॉजिटिव होते हैं वो नेगेटिव टर्मिनल पे जाके कलेक्ट हो जाते हैं और नेगेटिव टर्मिनल क्या होता है कैथोड याद है ना मेटल्स हमेशा याद रखलो इस बात को दिमाग में बढा लो कि इलेक्ट्रो पॉजिटिव होते हैं और इलेक्ट्रोलिटिक रिडक्शन के दौरान वो क्या करेंगे हमेशा पॉजिटिव है तो नेगेटिव टर्मिनल प जाके कलेक्ट हो जाएंगे जबकि एनोड में क्या हो जाएगा जो कि ग्रेफाइट रॉड लगी हुई थी वो रॉड पतली होने लगेगी एनोड जो एनोड में रॉड लगी हुई है वो कार्बन मोनोऑक्साइड से गेन बन जाएगी मतलब होती कार्बन है कार्बन होती है ऑक्सीजन ए ड करने पर शुरुआत में कार्बन डाइऑक्साइड नहीं कार्बन मोनोऑक्साइड बनती है बट बाद में यह कार्बन मोनोऑक्साइड फदर ऑक्सीडर्म डाइऑक्साइड बन जाती है तो इस तरीके से एनोड की रड जो है धीरे धीरे रिप्लेस करनी पड़ेगी क्योंकि वो बर्न हो जाती है क्योंकि वो जल जाती है और क्या होता है ऑक्सीजन रिलीज होता है क्या होता है ऑक्सीजन रिलीज होता है क्लियर समझ में आ गया इलेक्ट्रोलिटिक रिडक्शन में क्या होता है एलुमिनियम के कैसे एलुमिनियम ऑक्साइड एलुमिनियम में बन जाता है देखा कैथोड में एलुमिनियम ऑक्साइड एलुमिनियम बन जाता है ठीक है और आप देखने कि स्लोपिंग टैंक थी उससे एलुमिनियम को एक्सट्रैक्ट किया जा सकता है अब आता है सर क्रायो लाइट क्यों यूज करते हैं तो क्रायो लाइट इसका मेल्टिंग टेंपरेचर रिड्यूस करता है क्या मेल्टिंग टेंपरेचर जो 2050 हुआ करता था वो सिर्फ 950 हो जाता है क्योंकि क्रायो आइड से इसकी कंडक्टिविटी इंप्रूव हो जाती है हीट कंडक्टिविटी बढ़ जाती है फ्लोरोस्कॉपी इंप्रूव करते हैं इसीलिए कम टेंपरेचर में ही ये मेल्ट हो जाता है इसीलिए मैंने कहा ये मेथड बहुत फेवरेबल है और तो और कोक क्यों ड़कते हैं ताकि क्या हो वेस्टेज ऑफ हीट ना हो लॉस ऑफ हीट ना हो इसलिए ऊपर क्या करते हैं कोक को स्प्रिंकल कर देते हैं पूरे टैंक में और तो और बर्निंग ऑफ एनोड को बचाने के लिए भी कोक लगाना पड़ता है चलिए ये पार्ट तो आपको क्लियर हो गया पांच स्टेप में हमने सीख लिया एलुमिनियम का एक्सट्रैक्शन अब आ रहे हैं अलोय क्या होता है जरा ध्यान से अपनी यर रिंग को देख लो हा या नोज नोज में लोगों ने पहना होता है या लोग ने बैंगल पहना होता है तो वो जो गोल्ड हम खरीद रहे हैं बाजार में वो प्योर गोल्ड नहीं खरीद रहे 24 कैरेट गोल्ड बहुत सॉफ्ट होता है तो मेटल्स जब र स् में नेचर में पाए जा रहे हैं उनमें जरूरी नहीं है वो प्रॉपर्टी हो जो मुझे चाहिए तो डिजायर्ड प्रॉपर्टी लाने के लिए मेटल को अलोय बना देते हैं तो गोल्ड को हार्ड बनाना है हमें तो हम क्या करेंगे गोल्ड में थोड़ा सा इंप्योरिटी ऑफ कॉपर मिला देंगे या थोड़ा प्यूटी ऑफ सिल्वर मिला देंगे जिससे क्या हो जाएगा गोल्ड हार्ड हो जाएगा तभी वो क्या हो जाएगा आपके जो जो आपका जो ज्वेलरी है आपकी वो बहुत लंबे समय तक चलेगी वरना खराब हो जाएगी और आयरन की बात करूं आपसे तो आयरन तो जल्दी रस्ट कर जाता है ब समस्या है इसकी कहीं भी रख देंगे अगर आयरन को आपने पॉलिश नहीं किया है पेंट नहीं किया तो पक्का है जंक लग जाएगी तो कैसे बचाए एलॉय बना दे आयरन को स्टील बना दो स्टेनलेस स्टील बना दो अरे उसम क्रोमियम मिला दो कार्बन मिला दो मैंगनीज मिला दो बन जाएगा स्टील और कभी जंक नहीं खाएगा तो अलोय बनाते हैं हम लोग जान मुझ का कैसे दो या दो से अधिक मेटल को और नॉनमेटल को फ्यूज कर मेल्ट कर बना देते हैं हम लोग एलॉय समझ गए अब गोल्ड का एग्जांपल मैंने दे ही दिया अब अमोर्स एलॉय क्या होते हैं ये एलॉयज यूज़ होते हैं ट्रांसफार्मर को बनाने के लिए जब हम मेटल्स को मेल्ट कर देते हैं और फिर अचानक ठंडा कर देते हैं तो उस अलॉयू लाय यह बनाने में काम आता है ट्रांसफॉर्मर जो बिजली के ट्रांसफॉर्मर होते हैं ना जिसमें बहुत हाई वोल्टेज होता है उसको बनाने में काम आता है कुछ एलॉयज ऐसे होते हैं जो सिर्फ 51 डिग्री टेंपरेचर से लेकर के 260 डिग्र तक टेंपरेचर की रेंज याद कर लीजिए इस रेंज में वो मेल्ट हो जाते हैं कम टेंपरेचर में ही मेल्ट हो जाते हैं इन्हें हम फ्यूजल लॉय कहते हैं हां आपको पता होगा सोल्डरिंग में काम आता है सोल्डर मेल्ट है ना जो दो तारों को जोड़ने के लिए मैकेनिक यूज करते हैं बिजली मिस्त्री यूज करते हैं या बिजली के समानु में जब आयरन की एक रॉड की मदद से है ना वो आयरन की सोल्डरिंग रॉड की मदद से उन लोग क्या करते हैं पिलाते हैं उसका यूज करते हैं किसका यूज करते हैं फ्यूज बल मेटल्स का ये जल्दी मेल्ट कर जाते हैं अगेन स्टील में 10 पर ऑफ एलिमेंट में क्या-क्या है क्रोमियम है मोली बिडनल है निकल है और कार्बन भी है ये स्टील अलोय स्टील बन जाती है मैंने बताया आयरन तो जल्दी रस्ट हो जाता है पर स्टील रस्ट नहीं होती है अच्छा अमलगम कैसा अलाय होता है अगर मरकरी मरकरी के साथ कोई और मेटल मिला दिया जाए अब मरकरी के साथ जिंक मिला दे मरकरी के साथ गोल्ड कोई भी वर्ड में एक मरकरी होना जरूरी है मरकरी और कुछ और मरकरी जिंक मरकरी गोल्ड मरकरी कुछ और तो मरकरी के साथ अगर किसी को बनाएंगे अलोय तो उसका नाम होगा अमलगम मतलब मरकरी इसमें एक मेन एलिमेंट है दूसरा एलिमेंट कोई और होगा समझ गए वो एलिमेंट मेटल या कोई दूसरा नॉन मेटल हो सकता है जो दांत वाले डॉक्टर्स होते हैं देखा तुमने कोई लोग सोने के दांत लगा के चलते हैं आपने देखा होगा उनके दांत नकली होते हैं सोने के दांत होते हैं वाइट नहीं होते हैं गोल्डन कलर के होते हैं वही है वही है डेंटल अमलगम जिसमें मरकरी सिल्वर टिन अलोय बना देते हैं या मरकरी और गोल्ड मिला देते हैं दांत लंबे समय तक चलता है आपने देखा होगा जरूर से अच्छा अलोय के फायदे क्या है तो अलोय आयरन को स्ट्रेंथ देता है मैंने कहा स्टील बना देता है ब्रास एक बहुत ही स्ट्रांग मेटल है अगर हम ब्रास की बात करें तो तो ब्रास बना है कॉपर और जिंक से हां ब्रास की मूर्तियां बनती है ब्रास के कॉइंस बनते हैं ब्रास के बर्तन बनते हैं हां आपके घर में बहुत सारे ब्रास के बर्तन है पता करिएगा हां ब्रास की बोटल है आपके घर में ब्रास के ताे व उसकी बहुत सारे मेटल्स है आपके घर में और और एग्जांपल दू एलुमिनियम ब्रॉन्ज है गोल्ड जैसा दिखता है निक्रोम की बात करो जो कि हीटिंग वायर के रूप में काम आता है आपके घर में हीटर अगर होगा जो ठंडी में लगाते हैं हम लोग हां ना जिसमें से रोशनी निकल रही होती है और खूब थू खूब गर्मी निकल रही होती है है आपके घर में हीटर हां बिजली वाला हीटर उसकी बात कर रहा हूं उसमें निक्रोम मायर लगी हुई है वो हीट पाते ही क्या होने लगता है एकदम रोशनी देने लगता है और खूब खूब गर्मी देने लगता है वो निक्रोम वायर है वो किसके बना है निकल आयरन और क्रोमियम से बना है देखिए निक रोम देखिए क्रोमियम भी है आयरन भी है और निकल भी है और एक और एग्जांपल देता हूं कोब लॉय ये किससे बना हुआ है टंगस्टन कार्बन और कोबेल्को होता है मेटल कटिंग में काम आता है कोबोल य बेल मेटल से बेल्ट बनती है बेल बेल घंटिया बनती है एलको बना है एलुमिनियम निकल और कोबल देखिए सब स्पेलिंग उसी के अंदर है एल से एलुमिनियम ए से निकल सी से कोबल ठीक है और देखिए सोल्डर सोल्डर मतलब शोल्डरिंग तारों को जॉइन करने वाला मेटल्स को बिजली के मेटल्स को जॉइन करने वाला लेड और टिन का बना हुआ है क्योंकि इसकी मेल्टिंग पॉइंट कम है ये फूजिबल एलॉय है ठीक है इस जल्दी पिघल जाता है टाइप मेटल ये प्रिंटिंग के काम आता है जो प्रिंटर्स होते हैं हां जो छपाई करते हैं उनके लिए टाइप मेटल काम आता है उसी तरह से एक सोडियम एमएल गम है अर्थात सोडियम और मरकरी का मिक्सचर तो ढेर सारे क्या है एलॉयज के रूप है है ना एलॉयज बनाते क्यों है तो मैंने कहा कलर चेंज करने के लिए अपीयरेंस बनाने के लिए जैसे मैंने कहा एलुमिनियम ब्रॉन्ज एकदम गोल्ड लगता है कोई आप और मैं तो पहचान भी नहीं पाएंगे इसको गोल्ड ही समझेंगे और या तो उनकी केमिकल एक्टिविटी को चेंज करने के लिए एलॉय बना देते हैं उसम जैसे कि सोडियम एमल गम और या तो कास्टिंग करने केलिए था शेप देने के लिए कुछ मेटल्स की बॉलिंग पॉइंट मेल्टिंग पॉइंट कम करने के लिए लॉय बनाना पड़ता है जैसे कि मैंने कहा शोल्डर में इसमें लेड का और टिन का इस्तेमाल हो रहा है ये जल्दी से क्या होता है पिघल जाता है ये फूजिबल मेटल बन जाता है इसलिए मैंने कहा तारों की शोल्डरिंग करने के काम आता है बिजली के कंपोनेंट जुड़वाने में मदद करता है कभी-कभी हार्डनेस इंक्रीज करने के काम आता है जैसे मैंने कहा ब्रास और या तो कभी-कभी रेजिस्टेंस हाई करने के लिए भी अलोय का बनते हैं जैसे कि निक्रोम जैसे मैंने बताया कि हमारे घर में जो हीट्स है वो उसमें निक्रोम की वायर लपेटी होती है और जब वो हम जलाते हैं तो देखते हैं बहुत तेजी से रोशनी भी आ रही है उसमें से बहुत ब्राइटनेस भी होती है उसमें और प्लस बहुत सारी बहुत सारी गर्मी लगती है उसमें से बहुत सारी हीट निकलती है क्योंकि वो हाई रेजिस्टेंट वायर होती है तो बनाते कैसे हैं मैंने कहा फ्यूज बल करके अर्थात पिगला करके बना सकते हैं और या तो बाय कंप्रेसिंग फाइनली डिवाइडेड मेटल्स कंप्रेस करके या पिगला दो दो तरीके से बना सकते हैं एलॉय आइए जो एलॉयज एज अ सॉलिड सॉल्यूशन यूज हो रहे हैं उनका एग्जांपल देख लेते हैं ब्रास ब्रास में जिंक और कॉपर का इस्तेमाल होता है ब्रास जिंक और कॉपर से मिलके बनी है अब आपको ये याद करना पड़ेगा क्या याद करना है ये ध्यान से मेरी बात सुन लीजिएगा आपको इसमें याद करना है एलॉय का नाम एलॉय में कौन-कौन से मेटल्स यूज हुए हैं आपको एलॉय की प्रॉपर्टीज ज्यादा करने की जरूरत नहीं है आपको मेन यूज करना है कि किस जगह वो यूज हो रहा है जैसे ड्यूरल मिन ये एलुमिनियम से बना एलॉय है देखिए ड्यूरल मिन एल आ रहा है इसमें देखिए देखिए एल आ रहा है तो एलुमिनियम इसमें सबसे मेन कंपोनेंट है और कौन है इसमें कॉपर है मैग्नीशियम है मैंगनीज है मिन से पता चल जाना है देखिए एम आई एन मिन से मिन से मैग्नीशियम मैंगनीज पहचान लेंगे ल में क्या काम आता है एयरक्राफ्ट बने हैं यस हवाई जहाज इससे बने हुए हैं हवाई जहाज की बॉडी से बनी हु है क्योंकि बहुत हल्का होता है मटी टूल्स बने हुए हैं औजार जो होते हैं और हमारे घर का प्रेशर कुकर भी तो आपसे बन जाएगा एमसीक्यू कि प्रेशर कुकर किस लॉय से बना है तो ड्यूरल मिन से स्टेनलेस स्टील की बात करते हैं स्टेनलेस स्टील बनी है आयरन क्रोमियम निकल और कार्बन से हां मैंने कहा आपकी मेरी जो खाने की थाली है कटोरी है प्लेट है जिसम हम खाना खा रहे हैं वो किसकी बनी है स्टेनलेस स्टील की बनी है चम्मच आपका किसका बना है हां एकदम चमकता है स्टेनलेस अर्थात जिसमें स्टेन ना लगे दाग ना लगे इसीलिए तो हम खस में खाना खाते हैं क्या करते हैं मैंने कहा घर के बर्तन आपके घर का चाकू कटलरी ऑना मेंटल पीस और इवन डॉक्टर के सर्जिकल इक्विपमेंट्स डॉक्टर जब ऑपरेशन करता है तो स्टेलस स्टील के इक्विपमेंट से करता है जिंक और कॉपर से बनता है ब्रास और ब्रास काम आता है डेकोरेटिव मटेरियल बनाने में स्क्रूज बनाने में हैंडल्स बनाने में और बहुत सारे काम आते हैं म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स भी बनते हैं ब्रास से ये आया ब्रोंज इसमें भी क्या है इसमें भी है कॉपर है टिन है और जिंक है हां ब्रॉन्ज भी बहुत कॉमन है ब्रॉन्ज की स्टैचू उस बनती है मेडल्स बनता है ब्रॉन्ज मेडल मिलता है ना गोल्ड सिल्वर और ब्रोंज थर्ड प्राइस जो होता है वो ब्रोंज होता है याद है आपको तो ब्रॉन्ज तो मेडल्स मिलते हैं स्ट यूटेंसिल्स बनते हैं बिरिस बनते हैं कॉइंस बनते हैं और आखरी लॉय है आपका लेड का लेड का लॉय बना हुआ है सोल्डर या फ्यूज मेटल हां मैंने कहा था सोल्डरिंग के काम आता है इसमें हम लेड और टिन का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इसकी मेल्टिंग पॉइंट रिड्यूस हो जाती है इसलिए जल्दी पिघल जाता है थोड़ा सा हीट करने पिघल जाता है किस काम आता है सोल्डरिंग पर्पस के काम आता है अर्थात मेटल ऑब्जेक्ट्स को जो बिजली वाले होते हैं उनको आपस में कंबाइन करने के काम आता है करंट पास करने में काम आता है और इससे फ्यूज भी बनते हैं फ्यूज वायर जो हमारे घर की बनी हुई है ना जिससे बि की सप्लाई अगर एक्सेस आती है तो घर में आने से रुक जाती है क्योंकि फ्यूज वायर अपने आप को ब्रेक कर लेती है वो भी बना है किससे लेड से सो दिस ब्रिंग्स टू द एंड ऑफ दी एंटायस मेटालर्जी इन द न्यू वे आपके लेटेस्ट सिलेबस के अकॉर्डिंग हर कुछ एक ही जगह आज के ही एक अकेले वीडियो में आपको कहीं भी कुछ भी और नहीं देखना है और आपके ही प्यार से आपके ही विश्वास से ये दमदार लेसन वीडियो में हमने बनाया है एक रिक्वेस्ट करूंगा कि अपने पास मत रखो क्योंकि इसके लिए बहुत एफर्ट लगाते हैं और मैं आपके लिए सर तरुण रूपानी आपके लिए डेडिकेटेड है आपको बेस्ट ऑफ द बेस्ट कंटेंट लाके देने के लिए डेडिकेटेड है हम आपके लिए बेस्ट रिसोर्स लेसन वीडियोस के रूप में लेसंस के रूप में आपके लिए स्ट्रेटेजी बना रहे हैं और ढेर सारा और एक्सक्लूसिव कंटेंट आने वाला है सब कुछ सिर्फ और सिर्फ मेरे सुपर स्टार्स के लिए बस आपसे चाहिए ढेर सारा 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