तो आज की वीडियो में अपन देखेंगे सीएससी वर्सेस सीएससी विथ स्पेशलाइजेशन तो भाई साहब क्या सब्जेक्ट में डिफरेंसेस होते हैं प्लस जब आप जॉब ले जाओगे प्लेसमेंट लेने जाओगे तो आपको क्या अंतर देखने को मिलेगा जब आप ये दोनों अलग-अलग ब्रांचेस में रहेंगे ये सारी चीजें बाबा मैं एकदम डिटेल तरीके से बताऊंगा और वीडियो के एंड में बाओ मैं अपना एक पर्सनल ओपिनियन भी बताऊंगा कि आपको क्या चीज चूज करना चाहिए प्लस एक बोनस कंटेंट है बीच में आपके लिए कि यार यदि आप नॉन सीएससी ब्रांच के मान लो नहीं मिली अपन दोनों को ये वाली ब्रांच कोईसी भी इन दोनों में से तो आप कैसे सीएससी के सब्जेक्ट्स पढ़ सकते हैं तो इसीलिए बाबा वीडियो पूरा एंड तक बढ़िया तरीके से देखना सारे आपके दिमाग में जो जो डाउट्स आ रहे हैं वो सब अपन क्लियर कर देंगे तो लेट्स स्टार्ट दी वीडियो तो देखो बाबा सबसे पहली बात तो ये देखते हैं कि ये सीएससी और ये सीएससी विथ स्पेशलाइजेशन चीज क्या है तो सीएससी तो बाबा सिंपल है यार कंप्यूटर साइंस वाली ब्रांचेस तो जैसे आपको पता है इंजीनियरिंग में यार अलग-अलग ब्रांचेस होती है कंप्यूटर साइंस मैकेनिकल इलेक्ट्रिकल सिविल इलेक्ट्रॉनिक्स तो उसी में से एक ब्रांच थी भाई साब कंप्यूटर साइंस बहुत टाइम से चलते हुए आ रही है तो होता क्या था ना कि जब अपन कंप्यूटर साइंस की मान लो आप डिग्री लेते थे पहले तो आपको यार फंडामेंटल्स और जितने भी कंप्यूटर साइंस के सब्जेक्ट सारे होते थे वो पढ़ा दिए जाते थे और फिर क्या होता था जब जॉब लेने की बारी आती थी तो आपको यार कई सारे डोमस अपने लिए खुल जाते थे फॉर एग्जांपल आप यार मशीन लर्निंग एंड एआई रिलेटेड जॉब कर पाते थे जिसमें यार बेसिकली ऐसे आप वेदर फॉर कास्टिंग वाली टाइप की चीजें होती है तो ये मतलब मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ही लग रहा है तो उस वाली डोमेन में जाया जा सकता था या तो फिर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग जिसमें आप यार या तो वेबसाइट बनाओगे या आप ऐप बनाओगे इतनी सारी ऐप यूज़ करते हैं अपन फोन में या फिर साइबर सिक्योरिटी बाबा जैसे हैकिंग वकिंग करने में लोगों को बहुत शौक होता है तो आपकी कंपनी है कोई सर्वर हैक ना कर ले कोई मतलब आपकी डाटा ना लीक कर दे उसके लिए यार फिर साइबर सिक्योरिटी के एक्सपर्ट्स चाहिए रहते हैं ऐसे ही सिमिलरली डेटा साइंस होता है क्लाउड कंप्यूटिंग होता है आईओटी होता है तो अब होता क्या था ना कि आपने फंडामेंटल सीख लिया उसपे बेस्ड ये सारे डोमेन होते थे बट आपको ना यार जब भी आप कंपनी में जाते थे तो या तो आपको सिलेक्ट होने के लिए पहले खुद से इनके डोमेन के बारे में पढ़ना रहता था या तो फिर आप एक बार सिलेक्ट हो जाते थे कंपनी सिलेक्ट कर लेती थी और फिर आप काम करते रहते थे और साथ बाय साथ सीखते रहते थे तो पहले ये चीज थी तो कॉलेजों ने क्या डिसाइड करा ना क्यों ना अपन एक ऐसी चीज करें कि यार अपन फंडामेंटल ऑफ कंप्यूटर साइंस तो पढ़ा ही रहे लेकिन कोई भी एक पर्टिकुलर डोमेन पकड़ते हैं और उसके भी सब्जेक्ट दे देते हैं तो बंदे को उसकी भी थोड़ी बहुत नॉलेज आ जाएगी तो जॉब करने में आपको आसानी आएगी है कि नहीं तो इसी सोच से बाबा इन लोगों ने बनाया सीएससी विथ स्पेशलाइजेशन तो आप देखोगे कि आपको अलग-अलग टाइप के सीएससी विद स्पेशलाइजेशन मिलेंगे कॉलेजेस के हिसाब से आपको मिलेगा कंप्यूटर साइंस विद मशीन लर्निंग कंप्यूटर साइंस विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर साइंस विद साइबर सिक्योरिटी ऐसे ही करके इन सबका कॉमिनेशन अपना बन सकता है मतलब समझ रहे हो आप तो यही है यार सीएससी विथ स्पेशलाइजेशन तो ये तो अपन को मोटा-मोटा समझ में आ गया अब बात करते हैं भाई साहब सब्जेक्ट लेवल पे क्या अंतर होता है ठीक है तो सब्जेक्ट लेवल पे यदि आप सीएससी सिर्फ कंप्यूटर साइंस नॉर्मल वाली देखोगे तो उसमें ना अपने होते हैं सीएस के जो कोर सब्जेक्ट्स जो कि सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट होते हैं आपके प्लेसमेंट्स को क्रैक करने के लिए किसी चीज को भी मतलब जो फंडामेंटल होता है ना वो यही वाले सब्जेक्ट्स होते हैं तो इसमें यार आपको डेटा स्ट्रक्चर्स होते हैं एल्गोरिथम्स होते हैं डीबीएमएस बोले तो डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम फिर होता है ओस ऊप्स उप्स बोले तो मतलब ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग और फिर आता है सिस्टम डिजाइन तो ये सारे या सबसे मेन सब्जेक्ट होते हैं अब मैंने पूरी एक डिटेल पूरा भी बता रखा है कि कौन-कौन से आप सब्जेक्ट्स पढ़ोगे 4 साल के अंदर इस वीडियो में आप जाके देख सकते हो लेकिन मोटा-मोटा यदि मेरे को आपको इस वीडियो के लिए आईडिया देना है तो यही सब सारे इंपोर्टेंट सब्जेक्ट्स होते हैं अब जब अपन बात करेंगे सीएससी विथ स्पेशलाइजेशन में तो उसमें क्या होता है ना कि सीएस के कोर्स सब्जेक्ट्स तो होंगे ही होंगे लेकिन जैसे कि अपन ने डिस्कस करा स्पेशलाइजेशन के सब्जेक्ट्स भी होते हैं तो आपने जैसे मान लो मशीन लर्निंग एंड एआई चूज करा है तो उससे रिलेटेड अब आपके सब्जेक्ट्स होंगे एंड ये सब्जेक्ट्स यार कब आते हैं यदि आप मतलब डिफरेंस देखोगे ना तो आप सीएससी और यदि सीएससी विथ स्पेशलाइजेशन में हो तो आपके ना फर्स्ट सेकंड ईयर ऑलमोस्ट एकदम सेम जाते हैं कोई सब्जेक्ट में अंतर नहीं होता है लेकिन थर्ड ईयर से यार फिर आपके सब्जेक्ट चेंज होना चालू होते हैं और ये जो स्पेशलाइजेशन वाले सब्जेक्ट्स हैं फिर ये आपके थर्ड ईयर से आने लग जाते हैं तो नॉर्मल सीएससी वालों को दूसरे सब्जेक्ट्स आते हैं आपको ये वाले सब्जेक्ट आने लग जाते हैं अब ये सुनते से सबसे पहला तो डाउट अपन को ये दिमाग में आता है तो ऐसा है क्या भैया कि मान लो यदि मैं सीएससी लिया तो मैं मान लो एक साल में आठ सब्जेक्ट पढ़ रहा हूं और यदि मैंने सीएससी में स्पेशलाइजेशन लिया तो मेरे को आठ सब्जेक्ट तो पढ़ने ही पड़ेंगे प्लस ये चार स्पेशलाइजेशन वाले भी पढ़ने पड़ेंगे तो मेरे को तो ज्यादा पढ़ना पड़ रहा है तो बाबा इसका आंसर है कि ऐसा कुछ नहीं होता है देखो अपन ने यहां पे डिस्कस करा है सीएस के कोर सब्जेक्ट्स अब इसके अलावा भी बहुत सारे थोड़े लेस इंपॉर्टेंट सब्जेक्ट्स भी होते हैं जो कि यार मैंने उस वीडियो में पूरा डिस्कस करा है तो उनके रिप्लेसमेंट में बाबा ये वाले सब्जेक्ट्स आते हैं तो ऐसा कुछ नहीं कि आपको इधर ज्यादा सब्जेक्ट पढ़ने पड़ रहे और इधर कम पढ़ने रहते हैं सब्जेक्ट्स ऑलमोस्ट इक्वल रहता है तो यदि जो मतलब लोड वाले लेने की बात हो कि यार बहुत ज्यादा लोड आ जाएगा आप पे तो ऐसा नहीं कि सीएस व स्पेशलाइजेशन में आपको लोड आएगा वैसा कुछ भी सीन नहीं होता है अब बाबा अपने दिमाग में आते हैं दो डाउट्स सबसे पहला तो क्या नॉन सीएससी वाला बंदा भी सीएस कोर के सब्जेक्ट को पढ़ के फिर अच्छी प्लेसमेंट ले सकता है और दूसरा डाउट कि यार जब मान लो मैं नॉर्मल सीएस वाला सब्जेक्ट ले लिया मैं सीएससी में ही हूं सिर्फ तो यार मैं क्या फिर ये स्पेशलाइजेशन वाले सब्जेक्ट तो पढ़ ही नहीं पाऊंगा कि ऐसा होता है क्या तो अपन एक-एक करके देखते हैं तो सबसे पहला डाउट चाहे बाबा आप सी सएससी वाले ब्रांच के हो या नॉन सीएससी वाले ब्रांच के हो आपके जो जितने भी कोर वाले जो सब्जेक्ट्स है ना इसके लिए आपको यार भते रिसोर्सेस मिल जाएंगे ऑनलाइन कई सारे रिसोर्सेस है जिसमें से एक तो बाबा ऐसा रिसोर्सेस है जहां पे आपको जितने भी कोर्स सब्जेक्ट्स है ना वो यार आईआईटी के प्रोफेसर्स खुद एकदम डिटेल तरीके से पढ़ा रहे होंगे तो यार ये जो आपका कोर्स है ना उसको जब आप कंप्लीट कर लोगे तो आपको आईआईटी गवाहाटी एक माइनर डिग्री भी दे रहा होगा जिसकी वजह से यार आप जब यहां जॉब में अप्लाई करोगे तो अपना जो पोर्टफोलियो प्रोफाइल दिखाओगे वो एकदम खतरनाक तरीके से स्ट्रांग हो जाएगा क्योंकि आपके पास टैक वाला भी आ गया एंड साथ ही साथ ये आपको यार जॉब एश्योरेंस भी दे रहे हैं तो आपको यार जॉब्स के लिए फिर इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा मान लो अपना यार कॉलेज इतना अच्छा नहीं है कि ऑन कैंपस तगड़ी प्लेसमेंट्स आ रहे हैं तो यार आपको जॉब एश्योरेंस जब मिल जाता है तो आपको यार अपॉर्चुनिटी मिलती है बैठने के लिए और अपने स्किल्स को शोकेस करने के लिए तो ये एक प्रोग्राम बहुत ही अच्छा है नॉन सीएससी स्टूडेंट हो या सीएससी आपको यार कोर सब्जेक्ट्स पढ़ने का तो इस आईआईटी गुवाहाटी के प्रोग्राम का लिंक बाबा मैं आपको डिस्क्रिप्शन में दे दूंगा तो आप जरूर से जाके चेक आउट कर सकते हैं तो पहला डाउट तो अपना क्लियर हो गया अब आता है बाबा दूसरा डाउट कि यार एक नॉर्मल सीएससी वाला बंदा स्पेशलाइजेशन कर सकता है या नहीं कर सकता तो बाबा इसके लिए अपन को समझना होगा कि यार देखो कॉलेज में ना एक बढ़िया चीज भी होती है आपके सिलेबस में ना क्या करा गया है अब चेंजेज कॉलेज ने एक नई चीज एक नया प्राणी लेके आए हैं इलेक्टिव नामक अब क्या होता है ना आपकी जब थर्ड फोर्थ ईयर में फर्स्ट सेकंड ईयर में तो आपके सारे सब्जेक्ट्स मतलब जो जो सिलेक्टेड होते हैं वही होते हैं बट थर्ड फोर्थ ईयर में ना यार आपका मतलब फ्लेक्सिबल लाने के लिए क्या करा है ना कॉलेज वालों ने एक इलेक्टिव रख दिया है अब इलेक्टिव में बेसिकली ना आप देखोगे तो कई सारे अलग-अलग डोमेन के सब्जेक्ट्स होते हैं है ना मशीन लर्निंग के सब्जेक्ट सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग साइबर सिक्योरिटी डेटा साइंस बेसिकली ऐसे जो स्पेशलाइजेशन के डोमस थे इन सबके आपको अलग-अलग सब्जेक्ट हो और भी इससे भी अलावा बहुत सारे सब्जेक्ट होते हैं तो ऐसे कई सारे सब्जेक्ट होते हैं एंड अब आप उसमें से यार कोई भी एक दो सब्जेक्ट्स पिक कर सकते हो हर सेमेस्टर में सेमेस्टर मतलब यार बाबा एक साल में दो सेमेस्टर होते हैं तो एक-एक सेमेस्टर में आपको चॉइस दी जाती है कि आप अपने इच्छा से कोई भी सेमेस्टर में मतलब ये कोर्सेस सिलेक्ट कर लो तो अब इस वजह से जैसे मान लो मेरे को यार मशीन लर्निंग सीखनी है मशीन लर्निंग करनी है तो यार मैं जो ये इलेक्टिव है उसमें मशीन लर्निंग रिलेटेड वाले सब्जेक्ट्स ले लूंगा और फिर यार बाबा मैं मशीन लर्निंग वाली चीज पढ़ लूंगा उसमें अच्छी तरीके से तो इस प्रकार से यार बाबा आप भी ये मतलब कोई भी जो आपके इंटरेस्ट में आ रहा होगा उनको सिलेक्ट करके पढ़ सकते हो इस रामबाड़ा से ठीक है तो ये वाला डाउट अपना हो गया क्लियर अब बात करते हैं बाबा जॉब्स एंड प्लेसमेंट्स की तो देखो मैं आपको एकदम ना ग्राउंड रियलिटी बताता हूं मैं खुद भी अभी 2 साल पहले प्रॉपर मतलब इंटर्नशिप प्लेसमेंट लेके निकला हुआ हूं और अभी भी मैं जॉब मार्केट को देख रहा हूं तो सीन क्या होता है ना कि जितने भी टॉप एमएनसी कंपनीज होती है उनका क्या सीन है कि वो ना यार जेनेरिक मतलब उनके पास कितने सारे प्रोजेक्ट्स चल रहे होते हैं बड़ी-बड़ी कंपनीज में तो उनको ऐसा नहीं होता कि हम यार जब फ्रेशर्स ले रहे किसी को तो एकदम डोमेन स्पेसिफिक फ्रेशर्स लेंगे कि यार मतलब फ्रेशर को एमएल एआई आना चाहिए या फ्रेशर को साइबर सिक्योरिटी आना चाहिए वो क्या करते हैं यार उनको चाहिए फ्रेश टैलेंट यंग टैलेंट जिनका दिमाग एकदम बढ़िया चल रहा है फ्रेश आइडियाज है तो वो इसीलिए क्या करते हैं ना प्रोजेक्ट स्पेसिफिक कभी भी नहीं लेते हैं एक जेनेरिक आपको इंजीनियर्स को रिक्रूट करते हैं एंड फिर आपको यार हर इंजीनियर्स को अलग-अलग प्रोजेक्ट में अलाइन कर देते हैं और आपको यार प्रोजेक्ट के हिसाब से मतलब ट्रेनिंग दी जाती है कि इसके हिसाब से आप ये ये चीजें सीखो और साथ ही साथ फिर आप काम करना स्टार्ट कर देते हो तो जितने भी आप यदि एमएनसी देखोगे ना तो मैक्सिमम यार ऐसे ही रिक्रूट करती है तो इसीलिए बाबा जब भी अपन यार फ्रेशर होते हैं ना तो आपके जो सीएस कोर सब्जेक्ट्स होते हैं वही सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट होते हैं क्योंकि यदि आपको वो कोर सब्जेक्ट्स आते हैं कंपनी आपको उससे ही इंटरव्यू के क्वेश्चंस पूछती है सारे आपके जो कोडिंग राउंड ये सब होंगे वो सब उससे ही होते हैं तो इसीलिए आप चाहे यार आप फिर सीएससी हो या सीएससी विथ स्पेशलाइजेशन दोनों में आपको सस कोर सब्जेक्ट्स पढ़ाए जा रहे हैं तो आपके लिए यार वो बराबर बिल्कुल बात होती है कोई अंतर नहीं आता है तो बाबा फिर मतलब क्या है सीएसी स्पेशलाइजेशन का तो इसमें क्या होता है ना कभी-कभार क्या होता है कि कुछ एनसीज प्रोजेक्ट स्पेसिफिक यार फ्रेशर्स को भी लेती है या स्टार्टअप्स होते हैं वो तो यार बहुत ज्यादा कभी-कभी ऐसा होता है कि स्पेसिफिक लेते हैं कि यार इस डोमेन का बनना चाहिए हमें तो जैसे फॉर एग्जांपल यार कोई मशीन लर्निंग के लिए ही लेना चाह रहा है फ्रेशर को तो जिसके पास फिर सीएससी विच मतलब स्पेशलाइजेशन होगी मशीन लर्निंग की तो यार उसको ऑफकोर्स ज्यादा थोड़ी सी प्रायोरिटी मिलेगी क्योंकि यार उसके पास उसकी डोमेन नॉलेज भी है तो ये सीन होता है यार बाबा अपने जॉब्स एंड प्लेसमेंट का बेसिकली यार 1920 का ही फर्क होता है तो अब आपके दिमाग में सबसे बड़ा डाउट आ रहा है भैया फिर ये तामझाम है क्यों मतलब बनाई क्यों ऐसी ब्रांच फिर जब कोई फर्क ही नहीं आ रहा ठीक है तो यार इसके दो सबसे बड़े कारण है सबसे पहला कारण तो आप देखो ध्यान से सुनना आप क्या होता है ना कि अपने पास जैसे सीएससी नॉर्मल वाला कैसे ये मशीन लर्निंग या ये साइबर सिक्योरिटी वाले सब्जेक्ट पढ़ पाता है इलेक्टिव के थ्रू अब होता क्या है ना कि जब आप सीएससी नॉर्मल वाले स्टूडेंट हो और आपके थर्ड ईयर और फोर्थ ईयर में इलेक्टिव्स के लिए आपको चूज करना रहता है तो यार एक सीएससी बंदे के लिए ना हर अलग-अलग मान लो ये मशीन लर्निंग है सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग है साइबर सिक्योरिटी है तो इनके ना एकदम लिमिटेड सीट होते हैं मान लो सबके 10 10 10 10 सीट होते हैं तो अब क्या होगा कि आपने मान लो थर्ड ईयर में तो मशीन लर्निंग वाले सब्जेक्ट पकड़ लिए और आपको यार सीट मिल भी गई और आपने बढ़िया तरीके से पढ़ लिया लेकिन जब फोर्थ ईयर में आप गए और आपको इलेक्टिव चूज करने की बारी आई क्योंकि इतने लिमिटेड सीड होते हैं मान लो अपन को मशीन लर्निंग का नहीं मिला तो आपको भाई साहब फिर डेटा साइंस या क्लाउड कंप्यूटिंग वाला लेना पड़ेगा तो इससे हुआ क्या कि यार आपने मशीन लर्निंग के ही जो इंपोर्टेंट सब्जेक्ट होते हैं वो नहीं पढ़ पाए लेकिन यही यदि अपना यार सीएससी विथ मान लो मशीन लर्निंग होता तो आपके जो सब्जेक्ट होते हैं वो तो यार पक्के से मशीन लर्निंग वाले ही होते हैं तो आपने यार मशीन लर्निंग के जितने इंपॉर्टेंट वाले जो मोटे-मोटे सब्जेक्ट होते हैं वो कवर कर लिए होते हैं और दूसरा रीजन तो बाबा ये है कि यार कॉलेज वालों ने ना सिंपल यार सीड बढ़ाने की एक ये टेक्निक ढूंढी है क्योंकि यार कंप्यूटर साइंस में मान लो एक लिमिटेड नंबर ऑफ स्टूडेंट्स को ले पाते हैं और सीएस क्योंकि यार अब इतनी ज्यादा डिमांड में सबको कंप्यूटर साइंस ही चाहिए तो यार कॉलेज ने बेसिकली विद स्पेशलाइजेशन कर कर के ऐसे अलग-अलग ब्रांच बना ली और कंप्यूटर साइंस की अब एक तरीके से सीड बढ़ा दी है तो ये सीन होता है तो अब यदि मैं आपको एक ऑनेस्ट एडवाइस दूं एज मतलब जिसने यार 4 साल पूरे कवर कर लिए कॉलेज के और अभी 2 साल इंडस्ट्री में भी हूं तो यार मेरे हिसाब से तो बाबा अपन को सीएसई मिल रही है या सीएससी विथ स्पेशलाइजेशन मिलल रही है कोई भी आप उठा लो बिना दिमाग लगाए क्योंकि दोनों में ही अपन को यार जो सीएस के जो फंडामेंटल सीएस कोर वाले जो सब्जेक्ट्स है जो अपन ने देखे वो तो भाई साहब आपको पढ़ाई जाएंगे ठीक है इसके अलावा आप यार कोई भी आपको कोई भी डोमेन जो पसंद आ रही होगी कॉलेज में उसके लिए यार ऑनलाइन इतने सारे रिसोर्सेस हैं कहीं से भी पढ़ के अच्छे तरीके से प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट बना सकते हो और अपनी प्रोफाइल तगड़ी कर सकते हो तो उस बात का अपन को टेंशन बिल्कुल भी नहीं लेना ऑफकोर्स यार बाबा जैसे मान लो मैं जब 12थ के बाद कॉलेज में गया था तो यार मेरे को थोड़ी पता था कि यार मेरे को मान लो मशीन लर्निंग ही पसंद आ रही होगी या साइबर सिक्योरिटी पसंद आएगी तो ऐसे आप मान लो स्पेशलाइजेशन ले लिए कि भाई सीएससी विथ साइबर सिक्योरिटी अब इतना नहीं पसंद आ रहा तो क्या हुआ हैं आपने यार सीएस फंडामेंटल्स पढ़े हैं साथ ही साथ आप ऑनलाइन कुछ और दूसरा मान लो मशीन लर्निंग की इच्छा हो गई मशीन लर्निंग के प्रोजेक्ट जैसा बना लेना और फिर आप उस पर्टिकुलर प्रोफाइल में अप्लाई कर देना तो अपनी कोई भी दिक्कत नहीं आएगी तो बाबा ये था अपना सीएससी वर्सेस सीएसी विथ स्पेशलाइजेशन का डिफरेंस आई होप यार आपको ये वीडियो हेल्पफुल लगी होगी एंड यदि लगी है तो बाबा सब्सक्राइब कर देना और लाइक कर देना इस वीडियो को एंड आपको फ्यूचर में कौन से डाउट्स या कौन से कंटेंट चाहिए आप कमेंट में लिखो मैं बना के आपके लिए लेके आता हूं टिल देन अपन मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में बा बाय