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एनएफसी अवार्ड की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

बिस्मिल्लाह रहमान रहीम एनएफसी अवार्ड के सिलसिले की दूसरी एपिसोड के साथ मैं जफर नकवी आपकी खिदमत में हाजिर हूं इस सिलसिले की पहली एपिसोड में मैंने एनएफसी अवार्ड का एक जनल ओवरव्यू प्रोवाइड किया और उसके बाद सेवंथ एनएफसी अवार्ड को इन डिटेल डिस्कस किया आज की इस एपिसोड में हम करंट कांस्टिट्यूशन यानी 1973 के कांस्टिट्यूशन से पहले सेंटर और प्रोविंसेस में जो रिसोर्स डिस्ट्रीब्यूशन के अरेंजमेंट थे उन्हें डिस्कस करेंगे यहां मैं यह भी बताता चलूं कि फेडरल फॉर्म ऑफ गवर्नमेंट में सेंटर और प्रोविंसेस में जो रिसोर्स डिस्ट्रीब्यूशन के अरेंजमेंट होते हैं उन्हें फिस्कल फेडरेलिज्म कहा जाता है तो अगर हम सबकॉन्टिनेंट की हिस्ट्री की बात करें तो सबकॉन्टिनेंट में 1935 में अंडर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 फेडरल सिस्टम इंट्रोड्यूस करवाया गया याद रहे कि फेडरल सिस्टम एक ऐसा सिस्टम है जिसमें पावर्स सेंटर और प्रोविंसेस में डिस्ट्रीब्यूटर्स अपनी अपनी डोमेन अपने अपने दायरा तियार में इंडिपेंडेंटली ऑपरेट करते हैं इसे उर्दू में वफा की निजाम कहा जाता है तो गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 के तहत जो पावर्स थी व सेंटर और प्रोविंसेस में डिवाइड कर दी गई इस तरह जो टैक्सेस थे वह भी सेंटर और प्रोविंसेस में डिवाइड कर दिए गए कुछ टैक्सेस सेंटर के कंट्रोल में दे दिए गए और कुछ टैक्सेस जो है वह प्रोविंसेस को दे दिए गए जो गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 का स्केड्यूल से था उसमें बुनियादी तौर पर लिस्ट थी तीन लिस्ट थी एक फेडरल लेजिसलेटिव लिस्ट थी एक प्रोविंशियल लेजिस्लेटिव लिस्ट थी और तीसरी कंकट लिस्ट थी तो इस एक्ट के तहत अ जो टैक्सेस फेडरेशन के सेंटर के कंट्रोल में दिए गए वो थे इनकम टैक्स कॉर्पोरेशन टैक्स सल ड्यूटी एक्साइज ड्यूटी एक्सपोर्ट ड्यूटीज और कस्टम ड्यूटी इनका जिक्र फेडरल लेजिसलेटिव लिस्ट में था ये जो आपको स्क्रीन पर नजर आ रहे हैं ये वो टैक्सेस हैं जो प्रोविंसेस की डोमेन में दिए गए ये सारे टैक्सेस जो है यह प्रोविंसेस कंट्रोल करते थे प्रोविंसेस कलेक्ट करते थे और इनका जिक्र जो है वह सेव कैजुअल की प्रोविंशियल लेजिसलेटिव लिस्ट में था तो अब टैक्स दो तरह के हो गए एक वह जो फेडरल गवर्नमेंट कलेक्ट कर रही थी और दूसरे व जो प्रोविंशियल गवर्नमेंट कलेक्ट कर रही थी लेकिन हम पहली स्लाइड पर वापस जाते हैं एक टैक्स जो के इनकम टैक्स था वो गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 के सेक्शन 38 के तहत वो कलेक्ट तो फेडरल गवर्नमेंट करती थी जैसे हमने अभी डिस्कस किया लेकिन उसकी सारी अमाउंट जो है वो फेडरल गवर्नमेंट ने रिटेन नहीं करनी थी बल्कि उसमें से एक शेयर जो है वो प्रोविंसेस को भी जाना था तो अब वो उसके क्या अरेंजमेंट्स होते कितना शेयर सेंटर ने रखना था सिर्फ इनकम टैक्स का और कितना शेयर प्रोविंसेस को देना था उसके लिए एक फार्मूला डिवाइज करने के लिए एक ब्रिटिश सिविल सर्वेंट और रिनाउन बैंकर सर ओटो निमायर जो बैंक ऑफ इंग्लैंड के डायरेक्टर रहे बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट के डायरेक्टर रहे उनको इंडिया बुलवाया गया एंड ही डिवाइज अ फार्मूला जिसको निमायर अवार्ड कहा गया इस अवार्ड के तहत जो इनकम टैक्स था उसका 50 पर जो है वो फेडरल गवर्मेंट ने रिटेन करना था और जो रिमेनिंग 50 पर था उसे प्रोविंसेस में डिस्ट्रीब्यूटर दिया किया गया फिर यह जो निमायर अवार्ड था यह पाकिस्तान में भी इंप्लीमेंट हुआ 1949 में गवर्नर जनरल के एक ऑर्डर के तहत जिस ऑर्डर का नाम था टाइटल था डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ रेवेन्यू ऑर्डर 1949 उसके बाद फिर इस अवार्ड को रिवाइज किया गया एक और ब्रिटिश सिविल सर्वेंट जिनका नाम सर जेरेमी रेमन था ही डिवाइज यट अनदर फार्मूला जो कि पाकिस्तान में अडॉप्ट हुआ 1952 में यानी 1952 तक पाकिस्तान में फर्स्ट अप्रल 1952 से पहले पाकिस्तान में जो निमायर अवार्ड था वो इन फोर्स रहा एंड इट वाज रिप्लेस बाय दिस रेज मैन फार्मूला और यह रेजम फार्मूला इंप्लीमेंट हुआ अंडर डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ रेवेन्यू ऑर्डर 1953 यह भी गवर्नर जनरल का एक ऑर्डर था जिसको बाद में अमेंड किया गया अंडर डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ रेवेन्यू अमेंडमेंट ऑर्डर 1954 इस रेस्मन अवार्ड के तहत जो एक मेजर चेंज लाई गई एसिस्टिंग अरेंजमेंट्स में वो यह थी के पहले सेल्स टैक्स जो है वह एक्सक्लूसिवली प्रोविंसेस कलेक्ट कर रहे थे लेकिन उस वक्त की जो सेंट्रल गवर्नमेंट थी वह जो फाइनेंशियल चैलेंज फेस कर रही थी उनको म नजर रखते हुए डिसाइड यह हुआ इस रेजम अवार्ड में कि जी सेल्स टैक्स की टोटल जो कलेक्शन है उसका 50 पर फेडरल गवर्नमेंट को जाएगा जो पहले एक्सक्लूसिवली 100% प्रोविंसेस रिटेन कर रहे थे उसमें 50 पर शेयर प्रोविंसेस को मिल गया और जो % शेयर था वह फेडरल गवर्नमेंट को मिल गया अच्छा इनकम टैक्स जो फेडरल गवर्नमेंट कलेक्ट कर रही थी वह पहले से ही डिस्ट्रीब्यूटर था 50 पर फेडरल गवर्नमेंट रख रही थी % प्रोविंसेस को जा रहा था निमायर अवार्ड के तहत अब वो जो % पाकिस्तान के प्रोविंसेस को जा रहा था उस वक्त पाकिस्तान में जो यूनिट्स है उनमें प्रोविंसेस के अलावा प्रिंसली स्टेट्स भी शामिल थी शाही रियासत भी शामिल थी तो फिर उसकी डिस्ट्रीब्यूशन ऐसे हुई कि 45 पर जो है वो इस पाकिस्तान के हिस्से में आया पंजाब को 27 पर दिया गया सिंध के हिस्से में 12 पर आया एन डब्ल्यूएफपी जिसको आज केपी कहते हैं उसके हिस्से में 8 फीसद आया बहा बहावलपुर जो है वो प्रिंसली स्टेट थी उसको 4 फीसद मिला खैरपुर प्रिंसली स्टेट थी उसको 0.6 पर मिला बलूचिस्तान की जो स्टेट्स थी उनको प 6 पर मिला और 2.8 पर जो अमाउंट थी उसकी वह रखी गई उन स्टेट्स के लिए जिन्होंने फ्यूचर में पाकिस्तान में शामिल होना था एक प्रवीन रखी गई फ्यूचर में क्योंकि किसी भी मुल्क के कांस्टिट्यूशन में यह प्रोविन रखी जाती है कि फ्यूचर में अगर कोई टेरिटरी उस मुल्क का हिस्सा बनना चाहे या ऐसे हालात हो जिसमें कोई टरी किसी मुल्क का हिस्सा बन जाए तो उसे कांस्टीट्यूशनली उस स्टेट में इनकॉरपोरेट किया जा सके तो ये 2.8 पर की जो अमाउंट थी यह फ्यूचर स्टेट अगर कोई पाकिस्तान के साथ एक्सीड करती तो उनके लिए रखी गई अच्छा उसके बाद फिर अगली जो सिग्निफिकेंट डेवलपमेंट हुई पाकिस्तान के कांस्टीट्यूशनल और पॉलिटिकल फ्रेमवर्क में वो था वन यूनिट 30 सितंबर 1955 को वेस्ट पाकिस्तान जो है वो प्रोविंस एस्टेब्लिश किया गया वेस्ट पाकिस्तान के जितने भी यूनिट थे यानी तीन प्रोविंसेस थे एन डब्ल्यूएफपी सिंध और पंजाब एक चीफ कमिशनर प्रॉविंस था बलूचिस्तान का और 10 प्रिंसली स्टेट थी बहावलपुर थी खैरपुर थी एन डब्ल्यूएफपी की चार रियासत थी सवाद चिराल दीर अम और बलूचिस्तान की चार रियासत थी कलात रान लसबेला और मकरान इन सबको मर्ज करके एक प्रोविंस बना दिया गया वेस्ट पाकिस्तान और पाकिस्तान की ईस्टर्न विंग में जो है वो ऑलरेडी एक प्रॉमिस था जिसका नाम ईस्ट बंगाल था फिर जब 1956 का कांस्टिट्यूशन आया तो उसका नाम ईस्ट पाकिस्तान रख दिया गया तो जब यह पाकिस्तान का पहला कांस्टिट्यूशन प्रोमिल गट हुआ 23 मार्च 1956 को उसमें नेशनल फाइनेंस कमीशन का इंस्टिट्यूशन बनाया गया और उसको य इख्तियार दिया गया कि वो टैक्सेस जो फेडरल गवर्नमेंट कलेक्ट करेगी लेकिन उनमें प्रोविंसेस का भी शेयर हो होगा उन टैक्सेस की डिस्ट्रीब्यूशन के लिए रिकमेंडेशन जो है वो यह नेशनल फाइनेंस कमीशन देगा ये नेशनल फाइनेंस कमीशन बनाया गया था अंडर आर्टिकल 11 नव 118 सब क्लास वन के तहत और उसमें जो टैक्सेस जिनको हमने पहली एपिसोड में डिविजिबल पूल टैक्सेस का कांसेप्ट पड़ा डिस्कस किया तो उसमें जो टैक्सेस शामिल थे जिन्होंने सेंटर और प्रोविंसेस में डिस्ट्रीब्यूटर था उसमें एक्सपोर्ट ड्यूटी ऑन कॉटन थी जूट थी टैक्सेस ऑन इनकम था अदर देन कॉरपोरेशन टैक्स उसके बाद अदर स्पेसिफाइड टैक्सेस थे टैक्सेस ऑन सेल्स एंड परचेसेस यह 1956 के कॉन्स्टिट्यूशन से पहले जो सेल्स टैक्स था वो प्रोविंसेस के पास था इस कांस्टिट्यूशन के तहत वो सेंटर के पास आ गया तो यह जो नेशनल फाइनेंस कमीशन 1956 में बना इसका जो इसने पहला अवार्ड अनाउंस किया वह 1961 में किया व्हिच वाज इंप्लीमेंटेड बाइड एन ऑर्डर ऑफ द प्रेसिडेंट ऑफ पाकिस्तान जिस ऑर्डर का टाइटल था डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ रेवेन्यू एंड रीपेमेंट ऑफ लोन ऑर्डर 1962 तो इस ऑर्डर के तहत जो इनकम टैक्स था ये वर्टिकल डिस्ट्रीब्यूशन इस तरह हुई के अ इनकम टैक्स जो है उसे 50 % शेयर किया गया सेंटर और प्रोविंसेस में सेल्स टैक्स फेडरेशन को 40 पर मिला प्रोविंसेस को 60 पर मिला एक्साइज ड्यूटी जो है उसमें 40 पर फेडरल का शेयर था 60 पर प्रोविंसेस का शेयर था इसके अलावा बाकी जो डिविजिबल पूल टैक्सेस थे तीनों वो 100% जो है वो प्रोविंसेस को चले गए अच्छा वर्टिकल डिस्ट्रीब्यूशन करंट डिस्ट्रीब्यूशन से थोड़ी इसलिए मुख्तलिफ है कि करंट हमारी डिस्ट्रीब्यूशन है उसम टोटल टैक्स जो कलेक्शन होती है उसका शेयर जैसे अभी सेथ एनएफसी अवार्ड है तो उसमें जो टोटल टैक्स कलेक्शन है उसका 57.5 प्रोविंसेस को जाता है और 42.5 फेडरेशन को जाता है लेकिन यहां थोड़ा सा अरेंजमेंट मुख्तलिफ था कि हर टैक्स में डिसाइड किया गया कि प्रोविंस का शेयर कितना होगा और सेंटर का शेयर कितना होगा और जो टोटल प्रोविंशियल शेयर बना इन सारे टैक्सेस को मिलाकर उसमें 54 पर जो है व इस पाकिस्तान के लिए रखा गया और वेस्ट पाकिस्तान जिसमें वेस्ट पाकिस्तान के तमाम यूनिट्स मर्ज हो चुके थे उनके लिए 46 पर रखा गया और यही उस वक्त जो है वह पापुलेशन की डिस्ट्रीब्यूशन थी उस पूरे पाकिस्तान की पापुलेशन का 54 पर जो है व इस पाकिस्तान पर मुश्त मिल था और जो 46 पर है वो वेस्ट पाकिस्तान पर मुश्त मिल था उसके बाद 8 जून 1962 को पाकिस्तान का दूसरा कांस्टिट्यूशन फमल गेट हो गया और इस दूसरे कांस्टिट्यूशन में भी आर्टिकल 144 में यह नेशनल फाइनेंस कमीशन का जो इंस्टिट्यूशन था इसे इंटैक्ट रखा गया यही इरा बनाया गया एनएफसी जिसे कहते हैं फिर इस एनएफसी का जो अवार्ड हुआ जो डिस्ट्रीब्यूशन फार्मूला डिसाइड हुआ वो 1964 में हुआ इसमें जो टोटल टैक्सेस थे उनमें सेंटर का शेयर 35 पर रखा गया प्रोविंसेस का शेयर जो है व 65 पर रखा गया यह वर्टिकल डिस्ट्रीब्यूशन थी जो हॉरिजॉन्टल डिस्ट्रीब्यूशन थी वो पुराने अवार्ड के मुताबिक थी यानी ईस्ट पाकिस्तान को 54 पर मिला और वेस्ट पाकिस्तान को जो है वह 46 पर मिला फिर वन यूनिट डिसोल्व हो गया फ जुलाई 1970 को हम जो क हिस्ट्री ऑफ पाकिस्तान है उसकी सीरीज में य डिस्कस कर चुके हैं कि कैसे वन यूनिट ल्व हुआ अब जब वन यूनिट ल्व हो गया तो वह जो वेस्ट पाकिस्तान का शेयर था उसने डिस्ट्रीब्यूटर तो फिर एक इंटरम अरेंजमेंट के त डिसाइड हुआ कि जो वेस्ट पाकिस्तान का शेयर था यानी 46 पर उसको वेस्ट पाकिस्तान के जो नए यूनिट्स बने थे अब चार प्रोविंसेस बन गए थे जब यह डिसोल्व हुआ वेस्ट पाकिस्तान तो उससे पहले तो 141 यूनिट थे या तीन प्रोविंसेस थे एक चीफ कम प्रो था बलूचिस्तान का और 10 प्रिंसली स्टेट थी लेकिन जब यह वन यूनिट रिजॉल्व हो गया तो फिर पाकिस्तान के चार प्रोविंसेस बन गए जैसे अभी है तो वह जो वेस्ट पाकिस्तान का शेयर था एक प्रोविंस का उसको फिर इन चार प्रोविंसेस में इस तरह से डिवाइड किया गया कि पंजाब के हिस्से में 56.5 पर आया सिंध को 23.5 मिला एन डब्ल्यूएफपी के हिस्से में 15.5 पर आया और बलूचिस्तान के हिस्से में 4.5 आया अच्छा उसके बाद फिर यह था ये तो एक इंटरम अरेंजमेंट था फिर 1971 में ही एक नेशनल फाइनेंस कमेटी बनाई गई उस नेशनल फाइनेंस कमेटी का जो यही मैंडेट था कि उसने डिसाइड करना था कि जो वेस्ट पाकिस्तान का शेयर है उसको कैसे डिस्ट्रीब्यूटर अरेंजमेंट में जो हमने अभी पिछली स्लाइड में डिस्ट्रीब्यूशन और परसेंटेजेस पड़ी प्रोविंसेस की इस नेशनल फाइनेंस कमेटी ने भी उन्हीं परसेंटेजेस को इंटैक्ट रखा फिर जो है वो 19 में 16 दिसंबर 1971 को अनफॉर्चूनेटली पाकिस्तान डिसमेंबर हो गया ई पाकिस्तान अलहदा हो गया तो फिर जो ईस्ट पाकिस्तान का शेयर था 54 पर व फिर फेडरल कमेंट ने खुद रिटेन कर लिया तो यह थी डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ रिसोर्सेस बिटवीन सेंटर एंड प्रोविंसेस प्रायर टू 1973 कांस्टिट्यूशन उसके बाद फिर जब आ गया 1973 का उसमें य नेशनल फाइनेंस कमीशन बन गया अंडर आर्टिकल 160 ऑफ द करंट कशन ऑफ पाकिस्तान इसका ओवरव्यू हम ऑलरेडी डिस्कस कर चुके हैं आज के लिए इतना ही इसके बाद जो हमारी अगली एपिसोड होगी उसमें हम करंट कांशन के तहत जो एनएससी कांस्टीट्यूट हुए उनको डिस्कस करेंगे अभी तक 10 एनएससी जो है वो कांस्टिट्यूशन इंक्लूसिव रहे कुछ इन कंक्लूजन इन कंक्लूजन को हम डिटेल से डिस्कस करेंगे और उसके बाद जो आखिरी एपिसोड होगी उसमें हम सेवंथ एनएफसी अवार्ड जो अभी करंट इन फोर्स है पाकिस्तान में उसको क्रिटिकली एनालाइज करेंगे आज के लिए इतना ही इजाजत दीजिए अल्लाह हाफिज