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क्रिमिनोलॉजी का विकास और प्रवर्तन

Apr 29, 2025

क्रिमिनोलॉजी का उद्गम और विकास

परिचय

  • विषय: क्रिमिनोलॉजी का उत्पत्ति और विकास
  • पिछले व्याख्यानों में:
    • अपराध की समझ
    • क्रिमिनलिस्ट की भूमिका
    • कुछ परिभाषाओं का अध्ययन
  • वर्तमान में विषय का विस्तार और विकास पर चर्चा

क्रिमिनोलॉजी की उत्पत्ति

  • 18वीं शताब्दी में विकास:
    • अनेक मानवीय आंदोलनों ने क्रूरता और अन्यायपूर्ण दंड प्रणाली पर सवाल उठाए।
    • मानव अधिकारों के खिलाफ सजा प्रणाली की कठोरता पर विचार
  • रफाल गरोफालो:
    • 1885 में 'क्रिमिनोलॉजी' शब्द का प्रवर्तन किया।
    • विभिन्न विद्वानों ने अपराध के विभिन्न पहलुओं की पढ़ाई की।

प्रारंभिक क्रिमिनल जस्ट

  • विभिन्न विषयों से संबंधित:
    • मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, चिकित्सा से ज्ञान उठाया।
    • प्रारंभिक क्रिमिनल जस्ट को अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ माना जाता था, न कि क्रिमिनल विशेषज्ञ।

क्लासिकल क्रिमिनोलॉजी

  • दंड पर बहस:
    • 18वीं शताब्दी के मध्य में दंड की कठोरता पर विचार।
    • सामाजिक दार्शनिकों ने दंड की उचितता पर सवाल उठाया।

सिसरो बेक्वेरिया

  • यूटिलिटेरियनिज्म का विचार:
    • खुशी को प्राप्त करना और दुख से बचना मुख्य लक्ष्य।
    • दंड और अपराध के बीच संतुलन आवश्यक।

दंड का प्रभाव

  • दंड की प्रभावशीलता:
    • सार्वजनिक, निश्चित और शीघ्र दंड अपराध की रोकथाम में मददगार।

निष्कर्ष

  • प्रारंभिक क्रिमिनोलॉजी का विकास:
    • थ्योरिटिकल सब्जेक्ट के रूप में शुरुआत।
    • विभिन्न क्षेत्रों से ज्ञान अर्जित कर अपराध को समझने की कोशिश।
  • आगे के अध्ययन:
    • बायोलॉजिकल डिटरमिनिज्म, समाजशास्त्रीय क्रिमिनोलॉजी आदि।

अध्ययन निर्देश

  • व्याख्यान को समझें और उसका पुनरावलोकन करें।
  • कहानी के रूप में क्रिमिनोलॉजी के विकास को दिमाग में बिठाएं।
  • आगामी भागों में विस्तृत अध्ययन जारी रहेगा।

ध्यान दें: अगले व्याख्यान में क्रिमिनोलॉजी के विकास के आगे के पहलुओं पर चर्चा होगी।