प्रस्तुति प्रस्त� अब accounting in consignment क्या होती है उसकी बात करते हैं different situation आने पर हमें different journal entry बनानी होगी और उनी journal entries के basis पर हमारा finally consignment account, consigner account अकाउंट टंशानी अकाउंट यह सारे अकाउंट में बनाने होगी जो नेसेस्ट्री जर्नल एंट्री में रिक्वाइड होगी सबसे पहले हमें consignment के इलिए स्टार्ट करना है तो गुड्स की जरूरत है तो सबसे पहली एंट्री है वेन गुड्स सेंट ऑन कंसाइनमेंट और कंसाइनमेंट बेसिस एट कॉस्ट इसमें दो सिचुएशन होगी एक हम कंसाइनमेंट को जो स्टार्ट करेंगे वह एट कॉस्ट शुरू होता है तो कंसाइनर कंसाइनी को एक सामान भेजता है तो सबसे पहले तो मेटर की कॉस्ट पुछ खर्चे when? गुड सेंट ऑन कंसाइनमेंट बेसिस एड कॉस्ट एक इसमें एड इनवाइस पैस भी होगा और एक एड कॉस्ट दो सिचुएशन इसके सबसे पहले अगर हमने सामान भी जा तो यह सारा का सारा सामान चल पड़ा है कंसाइमेंट में अब एक चीज बता दूं कंसाइमेंट अकाउंट हम जितने कंसाइमेंट होते हैं उन सब के लिए सेपरेट मेंटिन करते हैं सोचो हमने एक अपना लोकेशन बारी डेली अब हम अपना सामान अलग लोकेशन पर भेजना चाहते हैं बेचना चाहते हैं हमने डिसाइड कि कि अब ही हम आगरा में सामान बेचेंगे यह बिल्कुल वैसे जैसे ब्रांच के अंदर होता है हमने फैसला किया कि हम आगरा के साथ जैपुर में भी सामान बेचेंगे हमने डिसाइड किया हम मुंबई में भी सामान बेचेंगे तो आपको अगरा का अलग, जैपूर का अलग और मुंबई का अलग है। भी खर्चे उस कंसाइमेंट से बिलॉग करते सबको एक जगह खटा करेंगे यहां पर लेकिन हम नॉर्मल ट्रेडिशनल अकाउंटिंग फॉलो निकलते जब भी हम कोई ऐसा काम करते हैं जो कि इसके अंदर हमें अलग से प्रोफिक्ट रूप से प्रेट अकाउंटिंग इसके कंसाइमेंट से बिलॉग करेगा अलग से बनाएंगे इसका भी कंसाइमेंट अकाउंट तो कौन सा आगरा कंसाइनमेंट अकाउंट और इस कंसाइनमेंट के ऊपर जितना भी खर्चा और जितनी भी इंकम आगरा वाले हमें देंगे वह सभी यहां पर अकाउंट कर देंगे तो जो बुट सेंड करेंगे वह भी यहां पर खर्चा होगा खर्चे तो बचा कर देंगे क्रेडिट कर देंगे और अगर प्लोजिंग तो बचा आपको फाइनल अकाउंट कर चुके हैं फाइनल अकाउंट में ओपनिंग स्टोक डेबिट में आते हैं प्लोजिंग स्टॉप क्रेडिट में तो जो प्लोजिंग तो का वह क्रेड करके एक तरह इसलिए जो भी सामान आप इस कंसाइमेंट भेजेंगे उसके लिए इंडिवीजियल कंसाइमेंट अकाउंट ही आपको यूज करना है क्योंकि हमारे अलग-अलग कंसाइमेंट चल रहे होंगे तो आपने जो भी सामान भेजा बताओ आपकी लागत है नहीं तो आप क्या करें अकाउंट बनाएंगे जो भी आपकी लोकेशन होगी उसके साथ से और उसमें उसे खर्चे की तरह दिखा देंगे तो हमारी consignment account debit to, क्या भेज रहे हैं हम वहापे, good sent on consignment यहां पर at cost की बात हुई है तो आप at cost amount लिखेंगे but sometime हम ये सामान cost के उपर नहीं बलकि कौन से price पर भेजते हैं invoice price जिसके पर मुझे सेर करना चाहते हैं ऐसा कई बार होते हैं कि सामान की लागत होती है 100 रुपे की और ध्यान रखना सामान भेजने का मतलब वो बिकानी है सामान भेजने का मतलब वो बिकानी है लेकिन हमने सोचा कि इसे बेचेंगे तो कितने में बेचेंगे रुपीज 150 में यह हमारी cost और यह हमारी invoice price तो पहला तरीका जो है वो है किस basis पर हमने भेजा उसे at cost तो यह जब तक बिक नहीं जाता तब तक इसे सेलिंग प्राइस पर थोड़े दिखा सकते हैं जब बिक जाएगा तो हम सेल पर दिखाएंगे, Invoice price फिलहाल आप मान लीजिए Sale price है, Invoice जिस price का बनेगा वो price, और Invoice तो Sale price का बनेगा, clear है, तो यह हमारी कास्ट हमें एंट्री कितने की करनी चाहिए सोखी लेकिन कभी-कभी क्या होते हम इसको इनवाइस प्रेस पर शो करते क्योंकि इन्वाइस प्रेस पे कब जाना चाहिए जब sale हो जाये अभी तो sale हुआ नहीं नहीं बट हम कई बार इसे इनवाइस प्रेस पर दिखाते इसका कारण जो यह है वह यह है कि हम अपने जो डिटेल्स हम जो फिल करते हैं उसके अंदर हर बार हम अपनी कॉस्ट को लीक नहीं करना चाहते हैं हम बताना नहीं चाहते कि चलता है कि वह सामान कितने कर और कल को लोगों के मन में भावना जाती है यह सो रुपए का सामान डेढ़सों का पाकर रखना चाहते हैं इसलिए जो बिल जनरेट करते हैं जो सामान का डिस्पैश निकलता है वह सो रुपए के रेट पर नहीं निकालते बल्कि कितने का ��िकालते हैं डेट सो का आप अपनी इंफॉर्मेशन को हाइड करके रखना चाहते ऐसी situation में क्या करते हैं good sent on consignment cost की बज़े क्या कर सकते हैं कौन से price पर भी show कर सकते हैं at invoice price अगर invoice price हो गया तो थोड़ी सी adjustment 150 पर दिखा दूँगा पचास पर लेकिन यह असलियत मुझे तो बता है दुनिया को पता हो या ना पता हो मुझे तो बता है इस सामान सो का है 150 का नहीं है लेकिन मैंने show क्या कर दिया उसको कि 150 के मैं बताना नहीं चाहता कितने का clear बात समझा रही है तो जब भी आप इसे invoice price पर दिखाओगे तब आपको internally एक adjustment की ज़रूब पड़ेगी इसको जितना बढ़ा के आपने दिखाया उतना आपको हटाना होगा आना पड़ेगा और अकाउंट में हटाने का मतलब यह नहीं बाद में फ्लूट लगा कि फीगर बदल देंगे कि भी आप पहले जब वेन गुड सेंट ऑन कंसाइमेंट वेट कॉस्ट बेसिस तो आपने सब एक एंट्री किया गुड सेंट ऑन कंसाइमेंट जिसमें इसके अंदर इसका एक B part create हो जाएगा, लेकिन जाने में बी पार्ट सिर्फ कब create होगा, जब invoice price होगा, वरना B part create नहीं होगा, क्या करेंगे हम, हम इसको reverse करेंगे, कितना reverse करेंगे, और यह एंट्री कितने से होनी चाहिए यह एंट्री फिलहाल फर्स्ट केस में तो होगी नहीं सेकंड केस में होगी और सेकंड केस में कितने की होगी रुपीज 50 की जो स्टार मार्क लगाया है उसके कारण होगी क्योंकि ये सामान था 100 रुपे का और दिखाया कितना गया 150 तो चेक करो कि इसमें दूसरी एकदम रिवर्स है और रिवर्स हो ठीक है अच्छा एक चीज और नोटिस करना कि यहां पर जब यह एंट्री की गई है तो तो कंसाइनी इसकी कोई भी अकाउंटिंग नहीं करेगा कंसाइनी क्यों करेगा कंसाइनी किसले अपने इसको जाइन के बिजनस इसको प्रोफिट कमाने के लिए क्या है या कमिशन कमाने के लिए कमिशन तो बाद जब कमिशन की होगी तब वह बात शुरू करेगा अब यह सारी लागत किसकी है अब यह सारी कंसाइनर की कॉस्ट इसे कंसाइनर तो हर चीज का हिसाब लिखें तो यहां पर लिखा तो एंट्री करता है लेकिन कोई नहीं करेगा अब दूसरी सिट्यूएशन इसके अंदर है, when expenses are पेड बाइ कंसाइनर जब इस कंसाइन में खर्चा होगा और इसकी पेमेंट कौन करेगा कंसाइनर करेगा इसने जो भी खर्चा किया इसी कंसाइनमेंट के ना तो फिर से किसको डेबिट करेगा सेम कंसाइनमेंट अकाउंट को अलग अकाउंट खोल देगा तो बाद पता ही चलेगा इस कंसाइनमेंट पर कितना खर और बताइए एजेंट को इससे कोई वास्तः है क्या? एजेंट इसका वाला इसकी कोई भी एंट्री नहीं करेगा जब मेरा खर्चा होगा तो मैं एंट्री करना शुरू करूँगा क्योंकि मुझे reimbursement लेना है जब तक इसका खर्चा तो तक वो entry नहीं है नहीं करेगा, clear है?
फिर उसका तीसरी situation, when expenses are paid by consignee when expenses are paid by consignee अब consignee की pocket से पैसा निकला और जब पैसा निकला तो बिल्कुल दर्ज कर देगा, वो record कर देगा क्योंकि बाद में उसकी क्या चाहिए? reimbursement चाहिए नहीं तो इसका मतलब अगर खर्चा हो गया तब यह जब तक इसका खर्चा नहीं हो तब तक वह एंट्री नहीं करेगा और यह कहते है इसकी पैसे की वसूली करेंगा मैं, किस से करूँगा वसूली, consigner से, तो यह जिससे वसूल करेगा उसको अपना asset या data बनाएगा, consigner account debit to cash या bank, जो भी इसके expense होंगे उनके लिए वो उस consigner को response बनाएगा, अ� कि प्लेयर बास में आ गई है अच्छा यह क्या एंट्री करेगा यह से पैसे मांग रहा तो वह खर्चा तो हो गया चाहिए अपनी खर्चा मानेगा और कौन से अकाउंट को फिर डेबिट करेगा वो डेबिट करेगा फिर से कंसाइनमेंट अकाउंट और क्रेडिट किसको करेगा जिसने इसकी पेमेंट की है और जो पैसे वापस लेगा इससे को लेगा उससे पैसे कंसाइन खुद का पैसा नहीं लगा लेकिन किसी को पैसे तो देने पड़ेगी, किसको पैसे देने पड़ेगी, उसको consigner को पैसे देने पड़े� प्रॉब्लम होती है ऐसे सिट्वेशन में कंसाइनी कहते तुम्हारा माल तो बिक नहीं रहा वापस भेज रहो और वापस भेजेगा तो फिर इसको पैसा इसको गुड्स वापस मिलेगा यह एंट्री क्या करेगा फोर्ट सिट्वेशन हमारी for situation जब goods return हो जाता है when goods return by consigning कभी माल वापस भी के लेना पड़ते हैं पहली बात हमने सामान एट कॉस भेजा या इनवाइस प्राइस देजा इसके उपर अगर समान वापस आ जा तो क्या करना इसी entry को उल्टा कर देना तो हम एक एकाउंट को जहां तक एड्रेस कर सकते हैं वहां तक एड्रेस करते हैं क्या करेंगे इसी एंट्री को रिवर्स कर देंगे तो बताओ कि एंट्री होनी चाहिए हमारी एंट्री होनी चाहिए गुड सेंट और consignment account debit to consignment account और हम कौन से रेट पर एंट्री करेंगे? रुपीज 100 ही एंट्री करेंगे बट समझेगे होगे आप?
अगर invest प्रेज़ बेजा तो 100 150 और 150 हमारे लिए प्रॉब्लम है क्योंकि इस सामान जब तक बिका नहीं तब तक हमें हक नहीं बनता इसको 150 पर दिखाने का तो अगर 100 में दिखाया तो बात खतम हो जाएगी लेकिन अगर 150 में दिखाया आपने तो फिर इसका भी reverse effect लेना पड़ेगा और इसका reverse effect लूँ तो बताओ कौन सी entry निकलेगी इसके अंदर इसकी entry निकलेगी Consignment Account Debit to Goods Sent on Consignment or है और यह सिर्फ तब एंट्री करनी पड़ेगी जब आपने उसको इन वाइस प्राइस पर दिखाया होगा वरना एंट्री करने की जाएगी और कौन करेगा इंट्री इन जिसका सामान है एजेंट का तो इससे कोई वास्तव नहीं है इजेंट तो बस जब वरना वह नहीं करता जिसका प्रॉफिट लॉस होगा वह क्लियर बात से और अगली से सिट्रिशन इसके बाद क्या है वेन गुड सोल बाइक कंसाइनी अब उसके बाद कंसाइनी को भी देखो मैंने कंसाइनर ने खर्चा कर दिया कंसाइनी का भी खर्चा हो गया भी सामान जो खराब वापस आ गया लेकिन जो सामान उसके पास वह तो कम से कम बेशना से तो अगली सिट्यूशन फिर सिट्यूशन है वेन गुड्स ए शोल्ड बाइट कंसाइनी जब सामान बेचेगा इसमें कंसाइनी थोड़ी बेचेगा एजेंट क्यों बनाया उसने खुद ही अगर उसे बेचना तो अपना जो सामान है अपनी दिखाने वह बेच रहा है अब यहां पर सारा सामन किसको बेचना होगा कंसाइनी जब कंसाइनी सामन बेचेगा ध्यान रखना उसके पास पैसा आने वाला है लेकिन पैसा उसका नहीं है यह सारा पैसा किसका है यह सारा पैसा consigner का है cash तो जो जरूर लेगा? Cash Account Debit, चेक मिलेंगे तो Bank Account Debit, अगर कुछ उधारमाल भी बिका, उधारमाल वो सिरफ किसकी परमिशन से बेच सकते है तो डेटर भी क्रिएट होंगे वह इसके डेटर थोड़ी कर लेंगे किसके डेटर क्रिएट हो रहे हैं कंसाइनर के मालिक का ही होगा जो हमारा माल थोड़ी बिका ये बोलेगा, क्या बोलेगा, किसका माल बिका, कंसाइनर का माल बिका, इसलिए सारे पैसे को डालेगा किसके अकाउंट में, कंसाइनर्स अकाउंट, और ये लेबिटी है, और ये उसकी असेट, इतने पैसे काटने का फ़रनों से अधिकार मिल गया ह 2. Income होगे, Income तो किसी भी Nominal Account में Credit की जाती है, यहाँ पे उन Nominal Account कुछ होगा, जिसमें उसे क्रिएट करें और कौन से लिखेगा जो भी सेल हो चुका है चैनल भी कहा चाहिए उधार भी कहा वह सेल की वैल्यूसेट्री कर देगा और इस सेल के ऊपर इजन का क्या बन जाएगा कमिशन जो किसके अंदर अगली एंट्री होगी और जब सामान बेग गया तो उसे क्या कहेगा भाईया अब तेरे को कमिशन मिलेगा जो बिसेल हुई वेन कमिशन इस अलाउड टू कंसाइन इव कि यह उनको मिशन लाव करेंगे तो क्या होगा पहली बात इसके लिए प्रॉफिट है इसके लिए नुकसान है इसको देना देगा उसको मिलेगा तो जब नुकसान हो गया तो फिर से किसको डेबिट करेगा वह कंसाइनमेंट अकाउंट और किसको देना है इस पैसा तेरा हो जाएगा यह क्या करेगा यह कि मैं वसूल लूंगा किससे वसूल लेगा यह कंसाइनर से यही तो इसका मेन परपस है जिसके लिए उसने बिजनेस के अंदर सपोर्ट दिया है तो यह उसको यहां पर सर्फ कमिशन से प्रॉफिट होगा इससे तो कमिशन इसको प्रॉफिट अभी निकारना पड़ेगा अब इसका प्रॉफिट तो रेमिटेंस लेगा यह से पैसे भी वसू लेगा अगली एंट्री देखो तो वहीं ऐसे सेवन्थ एंट्री किस चीज की जब हमें वहां के बाकी पैसे return कर, जिसे लिखा है when any remittance received from consigning. कि एनी रेमिटेंस रिसीव फ्रॉम कंसाइनी जब मैं कंसाइनी से किसी भी किसम की रेमिटेंस किसी भी किसम की मनी लेकिन कुछ पैसा अडवांड लेते हैं, कई बार हम उसकी जमानत के उपर उससे अडवांड्स भी पैसा माँग लेते हैं, और उसको भ के बाद भी हो सकती है अगर कभी भी हो इसे तो cash मिलेगा या तो या तो bank मिलेगा या तो bills of exchange मिलेगा, bills receivable ठीक है? इन वे से कुछ भी मिल सकता है, कहां से कौन देगा ये?
सब consignee को देना होगा और वो क्या entry करेगा इसकी? वो कहेगा मैंने consigner को दिया बन जाते हैं, clear है, next situation इसमें है, for any kind of normal loss, इस situation के लिए यहाँ पे कोई भी entry नहीं लिखी गई है, मैं future में detail में समझाओंगा कि इसकी क्यों कोई entry नहीं होती है, लेकिन अगर किसी भी किसम का normal loss होता है, तो ना consignors की कोई entry करेगा books of account में ना ही consign जिसमें लिखा हुआ है for any kind of normal loss फिर इसमें सीधा 9 situation दिवुई है नाइन सिचिशन में abnormal loss कुछ वहाँ पे आग लग जाए चोरी हो जाए spoilage हो जाए नुकसान और भी वजह से हो सकता कि अब नॉर्मल लॉस अगर कोई अब नॉर्मल लॉस हो गया कोई एक्सीडेंटल लॉस पहली बात नुकसान अगर हो गया तो इसका नुकसान होगा एजेंट का क्या नुकसान वह तो मालिक है नहीं वह तो सामान बिकने के बाद कि नुकसान किसका होगा जो कंसाइनर था कि कंसाइनर को नुकसान होगा और नुकसान होगा तो फिर से किसको क्या जाएगा वह इस पहले बाद बता दूं मैं यह जितने भी अब नॉर्मल होते ना वह अपने प्रोफेट लॉस अकाउंट में देते हैं किसी भी घटना से हमारा अब नॉर्मल हो जाए उसे हम उस इवेंट क�� लोग निबर की कहां पर transfer करते हैं अपने profit and loss account में तो अगर हमारे abnormal loss हो गया तो हम जितना भी नुकसान हुआ उसका burden consignment में नहीं डालेंगे क्योंकि ये एक bad luck लौकसान है अगर consignment डाला आपने जाता हूं कि आपने नुकसान को डाला नुकसान जो हो गया उसे कंसाइम में डाल दिया और फाइनल रिजल्ट कंसाइम में दिखाया नेट लॉस हो गया जस्ट एन एग्जांपल में बोलता हूं कि इसे हमने कंसाइम में भेजा था जिसमें हमने एक लाख का खर्चा किया था और हमारे इसके अंदर जो सेल हो गई है वह 90 हजार पे की सेल हो गई है तक सामान का खर्चा कितना है एक लाख सेल कितने के हो गई है 90 जार और हमारा 50 यार पे का स्टॉक भी बचा हुआ है सारा बताई ये consignment बड़िया चल रहा है या घटिया चल रहा है बड़िया चल रहा है क्योंकि एक लाख का माल भेजा था, नब्बे का तो बिक गया, और अभी पचास राख का स्टॉक बचाया, फ्यूचर में ये भी बिकेगा, जब बिकेगा तो ये भी कैश बन जाएगा, और अभी फिलार के हिसाब से देखे, तो आपका सामान एक लाख चालीस जार वैल्यू और ये closing stock है, कितने का profit आ रहे है, 40,000, ये काम करने में फैदा हो रहे है या नहीं हो रहे है, मिलकुल हो रहे है, लेकिन मैं कहता हूँ कि तुम्हारा bad luck, किसी वज़य से factory के अंदर या उसके showroom के अंदर आग लग दिया, यह नहीं कि अन्यम बहुले कि उसने चोरी कर लिया अब तुम्हारा स्टॉक विल्कुल गायब हो गया हो गया गायब अब असर क्या पड़ेगा पर करने लगोगे तो कोई लागत तो हमारी आई एक लाख और सेल से में कितनी कलेक्शन हुई 90,000 इसका मतलब 10,000 पर हमें क्या हो गया लॉस हो गया बलो हो गया लॉस नहीं हो गया अगले साल यह कंसाइमेंट नहीं करेंगे क्योंकि यहां पर तो नुकस अगले साल वहाँ पर सामन भेजेंगे नहीं, क्यों? क्योंकि यहाँ पर नुकसान होता है, बोलो यह आपका conclusion यह हो जाएगा नहीं हो जाएगा, कि यह consignment नहीं भेजेंगे, वहाँ पर नुकसान हो जाएगा, लेकिन यह तो bad luck था भाई, consignment आपका बढ़िया चल रहा था, त जिससे कि कंसाइमेंट अपनी जनिन कम बता सके और हम डिसाइड कर सके फ्यूचर में कंसाइमेंट कंटिन्यू करना है नहीं करना है तो आप ऐप से क्या करेंगे आपको अच्छा 40,000 का सामान डिस्ट्राइड हो गया ना तुम 40,000 पर का सामान ठीक है सब्सक्राइब करें और यहां पर इसे नाम से लिखें जिससे आपका कंजाइम फिर से क्या शो करेगा कि आपको प्रॉफिट हो रहा नतीजा क्या होगा आप क्या करेंगे अब नॉर्मल लॉस का अकाउंट डेबिट करेंगे और किसके अकाउंट को क्रेड करेंगे कंसाइनमेंट अकाउंट को क्रेड करेंगे और अगर ध्यान से देखिए तो इफेक्ट क्रेड से में क्लोजिंग स्टोक का नमट के उसके नाम जाएगा अब नॉमर लॉस और आपका तंसे में फिर से क्या दिखाएगा कि आपको क्या हो रहा था था यह में पता चल रहा है उसके लिए closing stock का replacement लेस्मेंट क्या होना चाहिए अब नॉर्मल थी ठीक है बात से में आगे तो इसलिए अजीब सा लगता है लॉस हो गया तो कंसाइमेंट की इनकम सेट में दिखाया हमने रिजन यह कि हम इसे पीड़ की डेबिट सेट में शिफ्ट करना चाहते हैं तो जाएगी हमारी insurance company account debit insurance company को debit करेंगे टू अब नॉर्मल लॉस या फिर इंचॉरेंस क्लिक जितनी वसूली हो जाएगी उतना हम अब नॉर्मल लॉस के अंदर इफेक्ट कम कर देंगे loss का भी और उसके insurance claim का भी और दोनों ही situation में agent अपने पास कोई भी accounting entry नहीं नहीं करेगा प्लेरेबल नेक्स्ट उसके बाद फिर आखरी सिचुएशन है मैं यहाँ पे लिख देता हूँ टेंथ सिचुएशन वो है फाइनली जब यह सारा कुछ हो जाएगा तो हमारा अगर आप इस प्रोफिट होगा तो फाइनल एंट्रीस में दोनों लिखिए तब भी अब इस प्रोफिट अगर आप इस प्रोफिट शॉज लॉस अशॉज पहले प्रॉफिट अगर वह प्रॉफिट शो करता है तो क्या होगा इस कंसाइनमेंट के प्रॉफिट अपना बिजनेस का प्रोफिट क्योंकि हमने अपना बिजनेस फिल्म तो इस कंसाइनमेंट में जो प्रोफिट होगा वह तब निकलेगा और debit सेट से हम shift करेंगे, consignment को debit करके, कहाँ पर, to profit and loss, और अगर loss हो गया, तो क्या करेंगे, इस entry को reverse कर देंगे, और reverse entry, इन केस ऑफ लॉस अच्छा एजेंट क्या करेगा इसकी एंट्री एजेंट को कोई वास्ता नहीं है क्योंकि इसको तो प्रमिशन इतनी इसमें accounting होनी है अब उसके बाद बाकी की बात करेंगे