स्कूल्स में आपने किताब में फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स पढ़ा होगा स्कूल वाली फिजिक्स वही फिजिक्स होती है जो की सबसे सिंपल प्रकार की होती है एक बॉल को एक स्पेसिफिक एंगल्स से फेंकने पर ग्रेविटी का उसे पर क्या असर होगा क्या डायरेक्शन होगा कितने टाइम में नीचे आएगा ये तो पता किया जा सकता है कन्वेंशनल फिजिक्स के द्वारा इसे कन्वेंशनल फिजिक्स कहते हैं वही जानी-मानी फिजिक्स जो की स्कूल कॉलेजेस और यूनिवर्सिटी में पढ़ जाती है चंद का पोजीशन हर समय अलग-अलग होने के बावजूद भी एक रॉकेट को कितने स्पीड पे भेजना है और वो रॉकेट को इस तरह टाइम किया जाता है की वो चंद पे ही एग्जैक्ट उसी जगह पर लैंड करता है जहां पर मिशन बना होता है बहुत कुछ को इनफेक्ट वेदर को भी प्रोडक्ट किया जा सकता है कन्वेंशनल फिजिक्स के द्वारा लेकिन दिक्कत तब आती है जब हम थोड़े देर शांत बैठकर यह सोचते हैं की जॉन लेवल पर एकदम एटम के लेवल पे मैटर किस तरह बिहेव करता है अगर एटम्स से ये दुनिया बनी है तो दुनिया की फिजिक्स सूक्ष्म लेवल पे भी कम करनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होता क्वांटम फिजिक्स चेक क्वांटम मैकेनिक्स दोनों एक ही चीज हैं उसका मतलब सिंपली ये होता है दुनिया में हर चीज को हम जब छोटे स्टार पर देखते हैं तो वो हमारे लिए सेंस नहीं बनाती इस दुनिया में हर चीज अगर बेसिकली देखें तो एटम से बनी होती है परमाणु आप मैं आपका घर आपका स्कूल बस आपका टेबल आपका मोबाइल सब कुछ एसेंशियल एटम्स ही है जो की एक स्पेसिफिक वाइब्रेशन पर डांस कर रहा है वह आइटम टेबल के फॉर्म में आपको दिख रहा है जिन तीन पार्टिकल से एटम बना होता है इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन और न्यूट्रॉन ये तो सॉलिड होते हैं फिजिकल होते हैं बट दिक्कत यह है जो मैंने अभी लाइन कहा फिजिकल होते हैं यही असल में नहीं होता है साइंटिस्ट जब एक्चुअल में स्टडी करते हैं इन पार्टिकल्स की तब उन्हें यह वेव की तरह दिखता है मैटर को बेसिक लेवल पे देखने पे हर चीज लिक्विड की तरह दिखता है इसे ही वेव फंक्शन कहते हैं और इसी को पार्टिकल वेव ड्यूलित भी कहते हैं मतलब आपका टेबल एक्चुअल में एक वेव है और क्वांटम फिजिक्स की माने तो वो जब चाहे तब कुछ भी बन सकता है एक ही समय पर दो जगह भी हो सकता है मैटर की एक अजीब प्रॉपर्टी सामने आती है जब हम गहरे स्टार पर इस दुनिया को समझने की कोशिश करते हैं इससे यह पता चलता है की यूनिवर्स कितनी रैंडम है तो जो क्लासिकल फिजिक्स पढ़ते हैं हम लोग वो सब रोंग प्रो हो जाती है जब हम एक्चुअल में एटम्स को स्टडी करते हैं इमेजिन करो की पूरा यूनिवर्स एक लिक्विड की तरह है एक समुद्र की तरह और उसे समुद्र में जो एक लहर निकल रही है वो समुद्र का ही पार्ट है बट क्योंकि वो ऐसे उछाल कर निकल रही है वो इंडिविजुअल हमें अलग दिखता है लेकिन वह समुद्र ही होता है समुद्र का ही पाठ होता है और जितने भी वेव्स हैं सब एक्चुअल में समुद्र ही है वेव के फॉर्म में उभर रहे हैं जो की अपने आप में इंडिविजुअल अलग है लेकिन वो समुद्र से ही कनेक्टेड है और दीप तरह से आप देखो तो आपको यह पता चलेगा की वो समुद्र ही है जो की वेव के फॉर्म में नजर ए रहा है जो अपने आप में एक अलग एंटी बना रहा है इंडिविजुअल एंटी लेकिन वो बेसिकली समुद्र है वैसे यह यूनिवर्स एक समुंद की तरह है और आप हम गली में मौजूद एक कुत्ता जंगल में मौजूद एक शेर आपका जूता आपका मोबाइल आपके मामा आपकी चाची कोई बड़ा पॉलीटिशियन एक कैदी जो जेल में है एक अमीर इंसान जो की एक शानदार कोठी में रह रहा है एक गरीब इंसान जो की सड़क पे भीख मांग रहा है बेसिकली ये सब इस यूनिवर्स नामक समुद्र से ही निकले हैं जो की दिख रहा है अलग-अलग लेकिन इनका सोर्स एक ही है इसलिए यह कहा जाता है की हम सब एक हैं एक्चुअल में और हम सब जुड़े हुए हैं अब जो भी इंसान के बारे में सोचते हो वो आपसे एक्चुअली में बेसिक लेवल पर कनेक्टेड है और आपके थॉट्स उसे पर्सन को इफेक्ट करते हैं जिस तरह वो लहर समुद्र से जुड़ा हुआ है और एक्चुअल में समुद्र ही लहर के फॉर्म में अपने आप को लता है उसी तरह यह यूनिवर्स अपने आप को इतना डायवर्सिफाई किया हुआ है लेकिन लेकिन असल में ऑल इसे वैन और यहीं पर बात आती है स्पिरिचुअलिटी और क्वांटम मैकेनिक्स की को रिलेशन की स्पिरिचुअलिटी मतलब आत्मा और बाकी चीजों की स्टडी जिसको की सुडो साइंस कहा जाता है मतलब आत्मा होता है इसका कोई मैथमेटिकल प्रूफ नहीं है लेकिन जब कन्वेंशनल फिजिक्स के घमंड से आगे जाकर क्वांटम मैकेनिक्स को वैज्ञानिक पढ़ते हैं तब उन्हें यह पता चलता है की आत्मा परमात्मा भूत प्रेत जितनी चीजों की बात की जाती है इस दुनिया में सब असल है रियल है जिस वेव जिस समुद्र की बात की गई है क्वांटम मैकेनिक्स में उसे ही स्पिरिचुअलिटी में जी ओ दी गोद कहते हैं ऑल इसे वैन देर इसे नथिंग एक्सेप्ट डेट वैन डेट वैन इसे अलसो कॉल्ड गोद अल्लाह भगवान वाहेगुरु जीसस या फिर कोई भी नाम ले लो इसलिए चाहता है की भगवान हर जगह मौजूद है और आप और हम भगवान के ही पार्ट है जिस तरह लहर समुद्र से ही उभर कर अपने आप को एक रूप देती है लेकिन वो एसेंशियली समुद्री होती है लहर के फॉर्म में वैसे हमारी ये दुनिया है हमारे दुनिया के जीरो पॉइंट जीरो जीरो जीरो जीरो जीरो वैन परसेंट लोगों को यह एक्सपीरियंस होता है जिसे इन lightenment कहते हैं जो की बुध भगवान को हुआ था और दुनिया में हजारों लोगों को ये हुआ है और उसे एक्सपीरियंस में लोग अपने ही विशाल रूप का अनुभव करते हैं एक्चुअल में हम इंडिविजुअल लहर हैं अलग-अलग इंसान हैं बट एसेंशियली गोद का ही एक रूप है बस अपने एंटरटेनमेंट के लिए गोद अलग-अलग वैरायटी बनकर जी रहे हैं क्रेज़ी क्वांटम मैकेनिक्स में एक डबल स्लिट एक्सपेरिमेंट नाम के एक्सपेरिमेंट आर्टिकल भी है सिंपलीफाई करके बोलो तो चेयर भी है और जैसे की मैंने कहा वो चेयर के साथ-साथ हर कुछ है वो जो चाहे वो बन सकता है और सबसे में बात ये पता चलती है 6 एक्सपेरिमेंट से की वो इलेक्ट्रॉन तभी बनता है जब उसका कोई ऑब्जर्वर होता है जब हम उसे देख रहे होते हैं तो इससे ये थ्योरी निकलती है की जब आप किसी चीज को देख रहे होते हो तभी वो होती है और संस्कृत का एक श्लोक है यथा दृष्टि तथा सृष्टि मतलब जिस तरह आप इस दुनिया को देखोगे वो वैसे ही बन जाएगी एंड एक्चुअल में साइंटिफिकली ये बात क्वांटम मैकेनिक्स में पता चली है जब आप देखते हो किसी चीज को तब वो सॉलिड रूप में रहती है इससे हमारी माइंड की शक्तियों के बारे में पता चलता है की हमारी थॉट्स की ताकत कितनी है डबल स्लिट एक्सपेरिमेंट साफ-साफ ये बताती है की इस दुनिया में एक्चुअल में कुछ भी एक्जिस्ट नहीं करता बल्कि जब आप इसको ऑब्जर्व करते हो तब आपके थॉट्स के हिसाब से ये दुनिया अपने आप को मोड कर लेती है क्वांटम इरेज़र इस एक्सपेरिमेंट में यह पता चला की फ्यूचर से एक इलेक्ट्रॉन दूसरे इलेक्ट्रॉन को कॉन्टैक्ट कर सकता है एंड इसका मतलब यह की भविष्य पस्त को इफेक्ट करता है फ्यूचर पस्त को चेंज कर सकता है आप क्या करने वाले हो इसका थॉट अगर आपके मैन में अभी है तो इसका असर पस्त में भी होता है बैक इन टाइम जा के इलेक्ट्रॉन वेव या पार्टिकल फंक्शन के रूप में एक्ट करते हैं एक क्लासिक एग्जांपल डन तो कभी आपको ऐसा फुल हुआ है की फ्यूचर से आपको कोई मैसेज फुल हो रहा है जैसे की माइंड में फुल हो रहा है की आज से 10 साल बाद शायद मैं ब्रॉक हो जाऊंगा तो इसलिए मुझे अभी मेहनत करनी चाहिए नॉलेज के इन करनी चाहिए नहीं तो भविष्य बहुत डार्क है फ्यूचर की चिंता सतना और बाकी चीजों का रिलेशन इसी थ्योरी के साथ है इसका मतलब आपके फ्यूचर सेल्फ की सोच आपके पास यानी अभी को कम्युनिकेट कर सकती है क्वांटम intenglement एंड सुपरपोजिशन क्वांटम intenglement एक्सपेरिमेंट यह शो करता है की दो ऑब्जेक्ट्स जो की एक्चुअल में कभी कनेक्ट हुए द कभी ना कभी मिले द वह जिंदगी भर के लिए samhauk कनेक्टेड रहते हैं एवं आफ्टर दे आर सेपरेटेड यानी अलग होने के बावजूद भी मतलब अलग रहने के बावजूद भी वो दोनों जिंदगी भर के लिए कनेक्टेड हो जाते हैं और एक कट्ठा हॉट दूसरे के थॉट को इफेक्ट करता है क्वांटम सुपरपोजिशन कृष्ण भगवान की कहानी में आपने आपने इस कहानी को जरूर सुना होगा की कृष्ण एक समय पे ही दो जगह रहते द दुनिया की इसी मिस्टीरियस प्रॉपर्टीज का ज्ञान हमें पुराने स्क्रिप्चर्स भी देती है