बोहर एटॉमिक मॉडल
महत्व
- यह मॉडल क्लास 11 और क्लास 12 का महत्वपूर्ण विषय है, जो ITJ और NEET के लिए भी आवश्यक है।
- शॉर्टकट पढ़ने की बजाय विषय को गहराई में समझना चाहिए।
नील बोहर का योगदान
- नील बोहर ने इलेक्ट्रॉन की परिक्रमा को निश्चित आवृत्तियों में सीमित किया।
- बोहर ने कहा कि एटम का केंद्र नाभिक है।
- इलेक्ट्रॉन केवल निश्चित वृत्ताकार कक्षाओं में घूमता है।
प्रमुख बिंदु
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नाभिक का केंद्र :
- बोहर ने कहा कि एटम में एक केंद्र होता है जिसे नाभिक कहते हैं।
- रदरफोर्ड ने नाभिक की खोज की थी।
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इलेक्ट्रॉन की परिक्रमा :
- बोहर के अनुसार, इलेक्ट्रॉन केवल निश्चित कक्षाओं में घूम सकता है।
- यह रदरफोर्ड के विचारों से भिन्न है, जहां कोई भी कक्षा संभव थी।
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क्वांटाइजेशन कंडीशन :
- इलेक्ट्रॉन केवल उन कक्षाओं में घूमेगा जहाँ उसकी कोणीय संवेग (angular momentum) एक पूर्णांक गुणांक होगा।
- इसे L = n * h/2π से व्यक्त किया जाता है।
- n = शेल संख्या है।*
इलेक्ट्रॉन की गति और ऊर्जा
- केंद्रीय बल : इलेक्ट्रॉन की परिक्रमा के लिए नाभिक से इलेक्ट्रॉन के बीच इलेक्ट्रोस्टेटिक बल आवश्यक है।
- सेंट्रीपेटल बल : यह बल इलेक्ट्रॉन को नाभिक के चारों ओर घुमाता है।
इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा
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काइनेटिक ऊर्जा (K.E.) :
- K.E. = 1/2 mv²
- इसे Z² * 13.6 / n² के रूप में लिखा जा सकता है।
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पोटेंशियल ऊर्जा (P.E.) :
- P.E. = -Z² * 13.6 / n²
- यह नकारात्मक होती है क्योंकि इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर बंधा होता है।
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कुल ऊर्जा (Total Energy) :
- E = K.E. + P.E.
- E = -13.6 Z² / n² (electron volt में)
ऊर्जा स्तर
- पहले शेल (n=1) : -13.6 eV
- दूसरे शेल (n=2) : -3.4 eV
- तीसरे शेल (n=3) : -1.51 eV
- चौथे शेल (n=4) : -0.85 eV
- अधिकतम ऊर्जा 0 eV पर होती है।
संक्षेप में
- इलेक्ट्रॉन केवल विशिष्ट ऊर्जा स्तरों पर रह सकता है।
- जब इलेक्ट्रॉन ऊर्जा प्राप्त करता है, तो वह उच्च ऊर्जा स्तर पर कूदता है।
- जब वह ऊर्जा खोता है, तो वह निम्न ऊर्जा स्तर पर लौटता है।
निष्कर्ष
- बोहर का मॉडल एटम के लिए एक बेहतर समझ प्रदान करता है।
- यह इलेक्ट्रॉन की गति और ऊर्जा स्तरों को समझने में मदद करता है।
ये नोट्स बोहर एटॉमिक मॉडल और इस के महत्वपूर्ण पहलुओं का सारांश प्रदान करते हैं।