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सॉल्यूशंस का परिचय और प्रकार

[संगीत] अरे क्या प्रॉब्लम है डोंट वरी आई हैव अ सॉल्यूशन अरे हां आई हैव अ सॉल्यूशन केमिस्ट्री के सॉल्यूशंस के [संगीत] लिए हेलो एवरीवन मुझे उम्मीद है कि आप सभी अच्छे हैं और आज मैं लेकर आई हूं क्लास 12थ केमिस्ट्री सॉल्यूशंस का वीडियो और मैं हूं रोशनी फ्रॉम ह द फ्री लर्निंग प्लेटफॉर्म जहां पर आप फिजिक्स केमिस्ट्री मैथ्स बायोलॉजी सब कुछ पढ़ सकते हो अब्सोल्युटली फॉर फ्री एट learn.com तैयार है सभी लोग लेट्स गेट स्टार्टेड तो सबसे पहला सवाल कि भाई सॉल्यूशन होता क्या है सॉल्यूशन होता है होमोजीनस मिक्सचर ऑफ टू और मोर दन टू कंपोनेंट्स बोलने का मतलब है कि अगर हम दोती चा पाच छ कितने भी चीजों को एक दूसरे के साथ मिला दें और उससे अगर हमें एक होमोजीनस मिक्सचर मिलता है तो उसे हम सॉल्यूशन कहते हैं अब आप पूछोगे कि होमोजेनियस मिक्सचर क्या होता है मैम होमोजीनस होमो बोले तो सेम होमोजीनस मतलब एक ऐसा मिक्सचर जिसका कंपोजीशन पूरे मिक्सचर में यूनिफॉर्म हो जिसकी प्रॉपर्टीज पूरे मिक्सचर में यूनिफॉर्म हो बोलने का मतलब एक एग्जांपल लेते हैं मेरे इस हाथ हाथ में है एक पानी का गिलास और मेरे इस हाथ में है सल्ट ठीक है अब मान लो पानी में मैं थोड़ा सा सल्ट मिलाती हूं ठीक है अब इसे अगर मैं अच्छे से मिला दूं क्या होगा मुझे क्या मिला मुझे मिला सॉल्ट सॉल्यूशन ठीक है ये सॉल्यूशन क्यों है क्योंकि ये जो मिक्सचर हुआ इसमें हमने दो कंपोनेंट्स मिक्स किया सॉल्ट और वाटर है ना नमक और पानी दो चीजों को मिलाया बट मिल जाने के बाद इनका जो मिक्स है देखो पूरा यूनिफॉर्म है चाहे ऊपर देखो बीच में देखो नीचे देखो हर जगह आपको एक यूनिफॉर्म सॉल्ट सॉल्यूशन मिल रहा है आपको ऐसा नहीं कि कहीं पे सॉल्ट है कहीं पे वाटर है ऐसा नहीं है राइट सो दिस इज एन एग्जांपल ऑफ अ होमोजेनियस मिक्सचर एंड दिस इज एन एग्जांपल ऑफ अ सॉल्यूशन दूसरी तरफ अगर आप एग्जांपल ले लो मिक्सचर का ये मिक्सचर कौन सा वाला मिक्सचर है जो नमकीन मिक्सचर होता है राइट जिसे हम चाय कॉफी के साथ अक्सर ही लेते हैं तो इसको अगर आप देखो इसमें भी हम दो से अधिक चीजों को दो या दो से अधिक चीजों को साथ में मिला रहे हैं राइट इसमें मूंगफली भी है सेव भी है गठिया भी है और भी बहुत तरह की चीजें हैं है ना लेकिन इसमें फर्क क्या है इसका जो कंपोजीशन है ये यूनिफॉर्म नहीं है कहीं तो गठिया ज्यादा है कहीं तो मूंगफली ज्यादा मिलेगी एंड मतलब देयर इज नो यूनिफॉर्म ये एक दूसरे के साथ मिल कर के एक सिंगल फॉर्म नहीं बन रहे हैं इसके अंदर सारे जो कॉम्पोनेंट्स हैं वो हमें अलग-अलग अलग-अलग ही दिख रहे हैं राइट तो ये किस तरह का मिक्सचर हुआ हुआ यह होमोजेनियस मिक्सचर नहीं है इसीलिए यह जो है सॉल्यूशन का एग्जांपल नहीं है तो बच्चों बात करते हैं कुछ सॉल्यूशन के एग्जांपल्स के बारे में जो हमें हमारे आसपास देखने को मिलते हैं पहला एग्जांपल एयर हवा हमारे आसपास जो हवा है इसके अंदर क्या है गैसेस है ऑक्सीजन है नाइट्रोजन है कार्बन डाइऑक्साइड है राइट तो ये क्या है एयर ये बेसिकली मिक्सचर ऑफ गैसेस है और अगर आप देखो ऐसा थोड़ी है कि यहां पर अरे यहां पर सारे ऑक्सीजन है अरे वहां पर सारे नाइट्रोजन है ऐसा तो है नहीं राइट सो ये यूनिफॉर्म एक मिक्सचर है इसीलिए एयर क्या एग्जांपल है एयर सॉल्यूशन का एक एग्जांपल है एग्जांपल लो आप टी कॉफी शुगर सॉल्यूशन सॉल्ट सॉल्यूशन जूस फ्रेश जूस जूस भी अगर आप देखोगे तो वो बिल्कुल अच्छे से मिक्स्ड होता है राइट पानी के साथ जो भी फ्रूट होता है वो बिल्कुल अच्छे से यूनिफॉर्म मिक्स्ड होता है राइट सो फ्रूट जूसेयो सारे क्या एग्जांपल्स हैं चाय है कॉफी है जिसके अंदर हम मल्टीपल कंपोनेंट्स को मिक्स कर रहे हैं चाय पत्ती है चीनी है दूध है पानी है सारी चीजों को मिक्स करके हम एक यूनिफॉर्म कंपोजीशन वाली लिक्विड बना रहे हैं राइट सो दैट इज आल्सो एन एग्जांपल ऑफ सॉल्यूशन बात अगर करें कोल्ड ड्रिंक की राइट थम्स अप कोका कोला पेप्सी वगैरह वगैरह बहुत सारे कोल्ड ड्रिंक्स मार्केट में अवेलेबल होते हैं इनकी अगर हम बात करें तो क्या ये सॉल्यूशन है बिल्कुल सॉल्यूशन है इनके अंदर भी देखो कितने सारे कंपोनेंट्स होते हैं पानी होता है चीनी होता है फ्लेवरिंग एजेंट होता है कार्बन डाइऑक्साइड होता है जिसकी वजह से वो फिज होती है उसके अंदर राइट तो इतने सारे चीजों से मिल कर के हमें एक ऐसा लिक्विड मिलता है जो यूनिफॉर्म कंपोजीशन का होता है जो होमोजेनियस मिक्सचर है सो कोल्ड ड्रिंक इज आल्सो एन एग्जांपल ऑफ अ सॉल्यूशन अब आप सोच रहे होंगे कि अभी तक मैंने जो भी एग्जांपल्स दिए मोस्टली मैं अधिकतर लिक्विड एग्जांपल्स दे रही हूं राइट जैसे कि जूस जैसे कि टी कॉफी शुगर सॉल्यूशन सॉल्ट सॉल्यूशन लेकिन जब हम सॉल्यूशंस की बात करेंगे तो इसमें हम सॉलिड वाले भी देखेंगे गैस वाले भी देखेंगे और लिक्विड वाले भी देखेंगे तो सॉलिड्स में जैसे मान लो एग्जांपल लेते हैं हम ब्रास का ब्रास ब्रास किस चीज से बना होता है आई एम प्रेटी श्यर आप में से अधिकतर लोगों को पता होगा कि ब्रास क्या है एलॉय है जिसे हम कॉपर और जिंक दोनों को मिला के बनाते हैं लेकिन कॉपर और जिंक दोनों मिल कर के जब ब्रास बना देते हैं तो उसका कंपोजीशन यूनिफॉर्म होता है राइट ऐसा नहीं कि एक तरफ कॉपर बैठा है दूसरी तरफ जिंक बैठा है नो नॉट लाइक दैट वो यूनिफॉर्म एक दूसरे के साथ मिल जाता हैं और ब्रास बनाते हैं सो ब्रास इज आल्सो एन एग्जांपल ऑफ अ सॉल्यूशन बात करो ब्रोस की जिसके अंदर कॉपर और टीन होता है वहां पर भी सेम कहानी कॉपर और टीन बिल्कुल एक दूसरे के साथ ब्लेंड होके मिक्स हो जाते हैं एंड दैट्ची बना रहे हैं किसी भी सॉल्यूशन के दो कंपोनेंट्स होते हैं मतलब दो टर्म्स हम यूज करते हैं किसी भी सॉल्यूशन के अंदर पहला होता है सॉल्वेंट और दूसरा होता है सॉल्यूट ठीक है देखो एकदम मैच करता हुआ नाम है सॉल्यूट सॉल्वेंट और ये दोनों मिला के बनाते हैं सॉल्यूशन ठीक है ओके तो समझते हैं कि ये होते क्या है सॉल्वेंट क्या होता है वो वाला कॉम्पोनेंट ध्यान से सुनना वो वाला कंपोनेंट जो सबसे ज्यादा क्वांटिटी में उस सॉल्यूशन में प्रेजेंट है उसको हम बोलेंगे सॉल्वेंट जैसे कि लेट अस सपोज अगर मैं इस सॉल्यूशन की बात करूं जो कि सॉल्ट सॉल्यूशन है मैंने क्या किया पानी लिया पानी के अंदर मैंने आधा चम्मच नमक डाल दिया सॉल्ट डाल दिया तो ये क्या बन गया ये बन गया सॉल्ट सॉल्यूशन अब मुझे बताओ इस सॉल्यूशन के अंदर कितने कंपोनेंट्स हैं दो सॉल्ट और वाटर कौन सा कंपोनेंट ज्यादा क्वांटिटी में है वाटर यानी कि वाटर क्या है यहां पर सॉल्वेंट दूसरा कंपोनेंट जो भी सॉल्वेंट के अलावा बाकी जो भी कंपोनेंट्स होते हैं वो सारे सॉल्यूट होते हैं तो यहां पर सॉल्यूट क्या है सॉल्ट अब एक बहुत इंटरेस्टिंग बात ये होती है कि किसी भी सॉल्यूशन का जो फिजिकल स्टेट होगा मतलब कोई भी सॉल्यूशन सॉलिड होगा या लिक्विड होगा या गैस होगा पता है ये कौन डिटरमाइंड करता है ये डिटरमाइंड करता है सॉल्वेंट क्योंकि सॉल्वेंट ही उसमें सबसे ज्यादा क्वांटिटी में है राइट जैसे कि अभी-अभी हमने क्या देखा हमने अभी-अभी देखा ये सॉल्ट सॉल्यूशन ये सॉल्ट सॉल्यूशन कौन से स्टेट में है लिक्विड स्टेट में है क्यों है लिक्विड स्टेट में क्योंकि इसका जो सॉल्वेंट है जो ट वाटर है वो लिक्विड स्टेट में है चलो फटाफट से एक डेमो देखते हैं कि यह बात कहां तक सही है तो चलो बच्चों करते हैं एक छोटा सा प्यारा सा क्यूट सा एक्सपेरिमेंट ठीक है यहां पर है मेरे पास एक ग्लास जिसके अंदर है वाटर यानी कि पानी हम क्या करेंगे यहां से लेंगे एक चम्मच शुगर और उसे हम डाल देंगे इस पानी में ठीक है तो अब मुझे यह क्या मिल गया मुझे यह मिल गया शुगर सॉल्यूशन तो अगर इस शुगर सॉल्यूशन की बात करूं तो इसमें सॉल्यूट क्या है शुगर क्योंकि वो कम क्वांटिटी में प्रेजेंट है और सॉल्वेंट क्या है पानी राइट और मैंने क्या बोला था कि किसी भी सॉल्यूशन का फिजिकल स्टेट कौन डिसाइड करता है सॉल्वेंट यानी कि पानी पानी यहां पर लिक्विड स्टेट में है इसीलिए ये पूरा सॉल्यूशन इज इन लिक्विड स्टेट अब एक दूसरा एग्जांपल लेते हैं अब हम एग्जांपल लेंगे शुगर का देखो इस कटोरी में मैंने लिया है कुछ शुगर और ये शुगर कौन से स्टेट में है ओबवियसली सॉलिड स्टेट में है अब हम क्या करेंगे हमें शुगर में डाल देंगे एक चम्मच पानी ठीक है अब क्या हुआ क्या मुझे क्या मिला अभी अभी भी मुझे मिला तो सॉल्यूशन क्योंकि मैंने शुगर और पानी को मिक्स किया लेकिन यहां पर ज्यादा क्वांटिटी में क्या है ज्यादा क्वांटिटी में है शुगर और इसी वजह से यह वाला जो मेरा सॉल्यूशन है यह सॉलिड स्टेट में है क्योंकि यहां पर सॉल्वेंट क्या है शुगर है एंड शुगर इज इन सॉलिड स्टेट एंड देयर फॉर दिस सॉल्यूशन इज इन सॉलिड स्टेट तो बच्चों इन जनरल हमें ये समझ में में आता है कि किसी भी सॉल्यूशन में एक सॉल्वेंट होता है और एक या एक से अधिक सॉल्यूट होते हैं ठीक है अच्छा अब अगर सॉल्यूशन मेरा ऐसा हो जिसमें सिर्फ एक सॉल्यूट और एक ही सॉल्वेंट है तो इस तरह के सॉल्यूशन को हम कहते हैं बाइनरी सॉल्यूशन बाय मतलब टू मतलब ऐसे सॉल्यूशन के अंदर सिर्फ दो ही कंपोनेंट्स हैं जैसे कि सॉल्ट सॉल्यूशन जिसमें सिर्फ सॉल्ट और पानी है शुगर सॉल्यूशन जिसमें सिर्फ शुगर और पानी है राइट तो इस तरह के जितने सॉल्यूशंस होंगे उन्हें हम क हैं बाइनरी सॉल्यूशंस तो बच्चा पाटी अब टाइम आ गया है कि हम सॉल्यूशंस को कैटेगरी इज कर देते हैं ठीक है अभी-अभी थोड़ी देर पहले मैं बात कर रही थी कि सॉल्यूशन का फिजिकल स्टेट क्या होगा सॉलिड होगा लिक्विड होगा या गैस होगा बेस्ड ऑन दैट हम सॉल्यूशंस को कैटेगरी इज कर सकते हैं इंटू थ्री टाइप्स सॉलिड सॉल्यूशंस लिक्विड सॉल्यूशंस एंड गैसियस सॉल्यूशंस तो चलो फटाफट से देखते हैं कि सॉलिड लिक्विड और गैसियस सॉल्यूशंस क्या होते हैं तो सबसे पहले बात करते हैं गैसियस सॉल्यू के बारे में गैसियस सॉल्यूशंस मतलब ऐसे सॉल्यूशंस जो गैसियस स्टेट में हो वो गैसियस स्टेट में क्यों है क्योंकि उनमें जो सॉल्वेंट है दैट इज अ गैस एगजैक्टली तो गैसियस सॉल्यूशन वैसे सॉल्यूशंस होंगे जिनका सॉल्वेंट जो है वो हमेशा एक गैस होगा ठीक है तो इसमें हमारे तीन ऑप्शंस हो सकते हैं एक ऑप्शन हो सकता है कि लेट्स से सॉलिड इन गैस जैसे कि कमफोरा यानी कि करपूर जो कि एक सॉलिड है इसको अगर हम मिला देते हैं किसके साथ नाइट्रोजन गैस के साथ तो जो सॉल्यूशन मिलता है दैट इज अ गैसियस सॉल्यूशन दूसरा ऑप्शन हो सकता है लिक्विड इन गैस जैसे कि क्लोरोफॉर्म इन नाइट्रोजन गैस क्लोरोफॉर्म एक लिक्विड होता है राइट क्लोरोफॉर्म कहां पाया जाता है जनरली जब हम क्लोरीन से वाटर को डिस इंफेक्शन करते हैं जो कि आप सभी को पता ही होगा राइट कि क्लोरीन से हम वाटर को डिस इंफेक्शन करते हैं तो उस प्रोसेस के दौरान क्लोरोफॉर्म बनता है ये एक लिक्विड होता है जिसका स्लाइटली स्वीट टेस्ट होता है प्लेजट स्मेल होता है इसे हम इंडस्ट्रियल पर्पसस में काफी यूज़ करते हैं तो क्लोरोफॉर्म और नाइट्रोजन का जो यह मिक्सचर है इससे हमें मिलता है एक गैसियस सॉल्यूशन तीसरा ऑप्शन है गैस एंड गैस इसका एग्जांपल आप बताओगे मुझे एब्सलूट एयर अराउंड अस हमें पता है राइट जो हवा हमारे आसपास है इट इज अ मिक्सचर ऑफ गैसेस ऑक्सीजन नाइट्रोजन ये सारे गैसेस मिल कर के बनाता है एयर सो दिस इज एन एग्जांपल ऑफ गैस इन गैस दैट इज गैसियस सॉल्यूशंस तो अब बात कर ने वाले हैं हम अबाउट लिक्विड सॉल्यूशंस तो लिक्विड सॉल्यूशंस वो होते हैं जिनका सॉल्वेंट होता है लिक्विड एगजैक्टली इनफैक्ट इस लेसन के अंदर हम आगे जाके डिटेल में डिस्कस करने वाले हैं अबाउट लिक्विड सॉल्यूशंस ओनली ठीक है तो लिक्विड सॉल्यूशंस में भी हमारे पास तीन ऑप्शन होते हैं सॉलिड एंड लिक्विड लिक्विड एंड लिक्विड गैस एंड लिक्विड ठीक है तो सॉलिड एंड लिक्विड से शुरुआत करते हैं जैसे कि लेट्स से शुगर इन वाटर ठीक है जैसे कि ग्लूकोज इन वाटर सॉ सॉलिड एंड लिक्विड है अ लिक्विड एंड लिक्विड की अगर बात करें तो इथेनॉल इन वाटर राइट इथेनॉल व्हिच इज लिक्विड दैट इज एल्कोहल व्हिच इज लिक्विड इन वाटर व्हिच इज लिक्विड तो ये एग्जांपल हो गया लिक्विड इंड लिक्विड का एंड गैस इंड लिक्विड जैसे कि ऑक्सीजन डिजॉल्वेशन होते हैं जितने भी ऑर्गेनिस्ट मस पानी के नीचे रहते हैं उन्हें ऑक्सीजन कहां से मिलता है फ्रॉम द ऑक्सीजन डिजॉल्ड्रिंग सॉलिड इन सॉलिड लिक्विड इन सॉलिड गैस इंड सॉलिड तो सॉलिड एंड सॉलिड की अगर हम बात करें तो एग्जांपल कुड बी कुड बी कॉपर इन गोल्ड इनफैक्ट देखा होगा कि गोल्ड की सोने की जो ज्वेलरी बनती है राइट फॉर एग्जांपल दीज बैंगल्स और द रिंग्स ईयररिंग्स जो भी ज्वेलरी बनती है आपने देखा होगा दुकान में दुकानदार को ऐसा बोलते हुए कि 22 कैरेट गोल्ड का ज्वेलरी बनता है लेकिन 24 कैरेट गोल्ड का ज्वेलरी नहीं बनता है सो बेसिकली जो प्योर गोल्ड होता है उसके हम ज्वेलरी नहीं बना पाते हैं तो जो थोड़ा कम प्योर होता है उसको हम कम प्योर कैसे बनाते हैं उसमें कॉपर को मिक्स करके एंड दैट्ची ल गोल्ड तो जिस गोल्ड की ज्वेलरी बनती है वो कम प्योर होता है क्योंकि उसमें हम कॉपर मिक्स करते हैं तो कॉपर गोल्ड दोनों क्या है सॉलिड है दोनों को मिक्स करके हम बनाते हैं एक सॉल्यूशन व्हिच इज एन एग्जांपल ऑफ अ सॉलिड इन सॉलिड सॉल्यूशंस ठीक है अब बात करेंगे लिक्विड एंड सॉलिड इसका एग्जांपल है मरकरी व्हिच इज लिक्विड मरकरी का एक एलॉय होता है कॉल्ड अमलगम मतलब मरकरी को जब हम दूसरे मेटल्स के साथ मिक्स करते हैं तो हमें एक एलॉय मिलता है अमलगम ठीक है और अमलगम को जब हम मिक्स करते हैं विद सोडियम तो हमें जो सॉल्यूशन मिलता है दैट इज अ लिक्विड इन सॉलिड सॉलिड सॉल्यूशन ठीक है क्यों क्योंकि सोडियम सॉलिड है लेकिन हम इसमें मिक्स क्या कर रहे हैं एमल गम जो कि मरकरी का एक एलॉय है सो इट इज लिक्विड ठीक है और तीसरा ऑप्शन होता है गैस इन सॉलिड जैसे कि हाइड्रोजन मिक्स्ड विद पैलेडियम सो पैलेडियम तो सॉलिड है लेकिन हाइड्रोजन गैस है इनफैक्ट एक इंटरेस्टिंग फैक्ट बताती हूं रूम टेंपरेचर पे पैलेडियम जो है वह अपने वॉल्यूम से 900 टाइम्स ज्यादा वॉल्यूम ऑफ हाइड्रोजन को अब्जॉर्ब कर सकता है जस्ट इमेजिन मतलब अपने से भी 900 टाइम्स ज्यादा हाइड्रोजन वो एब्जॉर्ब कर सकता है दैट्ची सॉल्यूशंस क्या होते हैं कितने टाइप के सॉल्यूशंस होते हैं ये सब तो हमने सीख लिया अब बारी है सीखने की कंसंट्रेशन ऑफ अ सॉल्यूशन के बारे में सॉल्यूशन का कंसंट्रेशन होता क्या है तो कंसंट्रेशन बेसिकली हमें यह बताता है कि किसी भी सॉल्यूशन के अंदर सॉल्यूट और सॉल्वेंट किस मात्रा में प्रेजेंट है कितना सॉल्यूट है कितना सॉल्वेंट है इस बारे में बताता है हमें कंसंट्रेशन ठीक है जैसे कि लेट असस सपोज मेरे हाथ में ये गिलास है जिसके अंदर सॉल्ट सॉल्यूशन है मतलब पानी में नमक मिलाया हुआ है पहले मैंने क्या किया सिर्फ एक चम्मच नमक डाला इसमें दूसरे केस में थोड़ी देर बाद मैंने क्या किया इसी के अंदर मैंने 20 चम्मच नमक डाल दिए 20 टेबल स्पून ठीक है तो अब यह बताओ दोनों ही केस में मेरा ये जो सॉल्यूशन है ये तो सॉल्ट सॉल्यूशन ही है इसके अंदर सॉल्ट और पानी ही है लेकिन फर्क क्या है फर्क है इसके कंसंट्रेशन में राइट पहले केस में नमक बहुत कम है पानी बहुत ज्यादा है तो हम उसे कहेंगे कि सॉल्यूशन बहुत डाइल्यूट है दूसरे केस में सॉल्ट बहुत ज्यादा है तो हम क्या कहेंगे कि यह जो सॉल्यूशन है यह बहुत कंसंट्रेटेड है समझ रहे हो आप मेरी बात को राइट तो इसीलिए जबी भी हम कंसंट्रेशन ऑफ सॉल्यूशन की बात करेंगे हम बेसिकली उस सॉल्यूशन के कंपोजीशन की बात कर रहे कि इस सॉल्यूशन के अंदर जो भी कॉम्पोनेंट्स प्रेजेंट है वो कितने क्वांटिटी में कितने मात्रा में प्रेजेंट है ठीक है अब कंसंट्रेशन को एक्सप्रेस करने के दो तरीके हो सकते हैं एक तो क्वालिटेटिवली दूसरा क्वांटिटेशन क्वालिटेटिवली मतलब ऐसा बोल के कि ये ज्यादा डाइल्यूट है ये कम डाइल्यूट है ये ज्यादा कंसंट्रेटेड है ये कम कंसंट्रेटेड है राइट बट साइंस के टर्म्स में दिस इज नॉट अ ग्रेट आइडिया क्योंकि इसमें हम एगजैक्टली प्रेसा इजली हम बता नहीं रहे हैं कि भैया इस सॉल्यूशन का कंसंट्रेशन कितना है लेकिन वही जब हम क्वांटिटेशन मेजरमेंट की बात करते हैं तो वहां पर हम स्पेसिफिक नंबर्स के साथ बताते हैं कि इस सॉल्यूशन का कंसंट्रेशन कितना है राइट समझ रहे हो बात को तो यहां पर से शुरू हो रहा है एक बहुत ही धांसू जबरदस्त वाला टॉपिक जो कांसेप्चुअली समझना भी बहुत जरूरी है और साथ ही साथ आपके एग्जाम के पॉइंट ऑफ व्यू से कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स के पॉइंट ऑफ व्यू से भी बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है ठीक है तो यहां पर हम क्या सीखेंगे हम कुछ मेथड्स सीखेंगे कि कौन-कौन से तरीके हैं कौन-कौन से ऐसे वेज हैं जिससे हम सॉल्यूशन के कंसंट्रेशन को क्वांटिटेशन मेजर कर सकते हैं तो प्यारे बच्चों अभी हम डिस्कस करने वाले हैं कुछ ऐसे मेथड्स जिनके हेल्प से हम सॉल्यूशन के कंसंट्रेशन को क्वांटिटेशन मेजर कर पाएंगे तो शुरुआत करेंगे हम हम इस कहानी की विथ मास परसेंटेज उसके बाद वॉल्यूम परसेंटेज उसके बाद मास बाय वॉल्यूम परसेंटेज उसके बाद पार्ट्स पर मिलियन मोल फ्रैक्शन मोलालिटी एंड मोलालिटी तो ये सात चीजों के बारे में अभी हम डिटेल में डिस्कस करेंगे कि किस तरीके से इन सारे अलग-अलग टर्म से इन सारे अलग-अलग तरीकों से हम एक सॉल्यूशन के कंसंट्रेशन को क्वांटिटेशन मेजर कर सकते हैं तो चलो बच्चों शुरुआत करते हैं मास परसेंटेज से मास परसेंटेज यानी कि यहां पर हम किसी भी कंपोनेंट की मास की बात करेंगे और उसका परसेंटेज के टर्म्स में ठीक है जैसे कि लेट्स से एक सॉल्यूशन के अंदर एक सॉल्यूट है मुझे उस सॉल्यूट का मास परसेंटेज निकालना है कैसे निकालेंगे मास ऑफ द सॉल्यूट बाय मास ऑफ द सॉल्यूशन इं 100 परसेंटेज है तो इन 100 तो करना ही है है ना इसी तरीके से अगर सॉल्वेंट का मास परसेंटेज निकालना है तो कैसे निकालेंगे मास ऑफ द सॉल्वेंट बाय मास ऑफ द सॉल्यूशन * 100 ठीक है तो इसे हम डिनोट कैसे करते हैं जनरली हम इसे डिनोट करते हैं विद w बाड फॉर एग्जांपल अगर मैं ऐसे कहूं कि 10 पर सॉल्यूशन ऑफ ग्लूकोज इंड वाटर मतलब मेरे पास एक ऐसा सॉल्यूशन है जो ग्लूकोज और वाटर से बना हुआ है और इसका मास परसेंटेज कितना है 10 पर अब मैं ये 10 पर मास परसेंटेज की बात कर रही हूं ये कैसे पता चलता है 10 पर के बगल में हम ब्रैकेट में लिख देते हैं w / w ठीक है w रिप्रेजेंट मास अब आप बोलोगे कि मास है तो m होना चाहिए था ना बट m होता नहीं है इसे हम w से डिनोट करते हैं सो w बाड मतलब मास बाय मास मास बाय ऑफ द कंपोनेंट बाय मास ऑफ द सॉल्यूशन ठीक है तो इसका मतलब क्या हुआ अगर मैं कहती हूं 10 पर w बाड सॉल्यूशन ऑफ ग्लूकोज इन वाटर इसका मतलब ये हुआ कि हमारे पास 10 ग्राम ग्लूकोज है जिसे हम पानी के साथ मिलाते हैं सो दैट पूरा का पूरा जो सॉल्यूशन है वो कितने ग्राम का होगा 100 ग्रा का होगा ठीक है तो यानी कि 10 ग्राम ऑफ ग्लूकोज को हम 90 ग्रा ऑफ वाटर के साथ मिला के बना रहे हैं 100 ग्रा ऑफ ग्लूकोज सॉल्यूशन ठीक समझ में आ गया अब बात करेंगे हम वॉल्यूम परसेंटेज के बारे में एगजैक्टली मास परसेंटेज की तरह है बट यहां पर हम बात करेंगे कंपोनेंट के वॉल्यूम के बारे में ठीक है तो अगर मुझे किसी भी कंपोनेंट का वॉल्यूम परसेंटेज निकालना है तो कैसे निकालेंगे वॉल्यूम ऑफ दैट कंपोनेंट बाय वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन मतलब पूरे सॉल्यूशन के वॉल्यूम में कितना वॉल्यूम उस पर्टिकुलर कॉ कंपोनेंट का है * 100 क्योंकि परसेंटेज है है ना तो मतलब अगर मुझे सॉल्यूट का वॉल्यूम परसेंटेज निकालना है तो क्या होगा वॉल्यूम ऑफ़ द सॉल्यूट बाय वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन * 100 सॉल्वेंट का निकालना है तो वॉल्यूम ऑफ़ द सॉल्वेंट बाय वॉल्यूम ऑफ़ द सॉल्यूशन * 100 ठीक है तो इसे हम कैसे डिनोट करते हैं v / v से तो अगर मैं कहूं कि हमारे पास एक सॉल्यूशन है जो हमने बनाया है इथेनॉल विथ वाटर के साथ ठीक है इसमें हम वॉल्यूम परसेंटेज का यूज़ करेंगे क्योंकि इसमें देखो जो मेरा सॉल्यूट और सॉल्वेंट है दोनों ही लिक्विड है तो इसीलिए हम यहां पर इनके वॉल्यूम के टर्म्स में बात करना ज्यादा प्रेफर करेंगे ठीक है सो इफ आई से कि हमारे पास है 10 पर v / v सॉल्यूशन ऑफ इथेनॉल इन वाटर इसका मतलब क्या हुआ इसका मतलब यह हुआ कि हमारे पास एक ऐसा सॉल्यूशन है जिसमें 10 मिलीलीटर ऑफ इथेनॉल को हमने पानी के साथ मिलाया सच दैट जो सॉल्यूशन मेरा बना जो रिजल्टिंग सॉल्यूशन है उसका वॉल्यूम कितना है 100 मिलीलीटर ठीक है तो समझो बातों को समझो कि वॉल्यूम परसेंटेज का मतलब क्या है मास परसेंटेज का मतलब क्या है तभी आगे जाके जब न्यूमेरिकल्स सॉल्व करोगे तो चीजें आसान लगेंगी तो अब बात करेंगे हम मास बाय वॉल्यूम परसेंटेज मास बाय वॉल्यूम यानी कि यहां पर हम बात करेंगे कि किसी भी कॉम्पोनेंट का कितना मास प्रेजेंट है पर 100 मिलीलीटर ऑफ द सॉल्यूशन मतलब सॉल्यूशन के एक गिवन वॉल्यूम में उस कॉम्पोनेंट का कितना मास प्रेजेंट है दैट्ची है तो इसे हम इनफैक्ट मास बाय वॉल्यूम परसेंटेज को जो है इसे हम मेडिसिन और फार्मेसी इंडस्ट्री में काफी यूज करते हैं इस टर्मिनोलॉजी को और इसे हम डिनोट कैसे करते हैं देखो मास परसेंटेज को डिनोट किया था w बाड से वॉल्यूम परसेंटेज को डिनोट किया था v / v से मास बाय वॉल्यूम परसेंटेज कैसे डिनोट करेंगे गेस w / v से एगजैक्टली तो अगर मैं कहती हूं लेट अस से कि मेरे पास एक 1 पर w / v सॉल्यूशन ऑफ इन वटर है तो इसका मतलब क्या हुआ इसका मतलब यह हुआ कि वन 1 पर की बात कर रही हूं मैं यानी कि 1 ग्रा ऑफ को हमने पानी के साथ इस तरीके से मिलाया कि जो रिजल्टिंग सॉल्यूशन है उसका वॉल्यूम कितना है 100 एए राइट तो इस तरीके से समझेंगे हम मास बाय वॉल्यूम परसेंटेज तो बच्चों अब हम डिस्कस करने वाले हैं पार्ट्स पर मिलियन जिसे शॉर्ट फॉर्म में हम कहते हैं पीपीएम ठीक है इसे हम कब यूज़ करते हैं जब हमारा कोई कंपोनेंट एक सॉल्यूशन के अंदर बहुत ही ट्रेस क्वांटिटी में प्रेजेंट हो मतलब बहुत ही कम क्वांटिटी में प्रेजेंट हो ठीक है मतलब इट इज लाइक कैसे बताऊ इट इज लाइक लेट्स से एक एग्जांपल लेते हैं ठीक है एक एग्जांपल लेते हैं लेट असस सपोज एक क्लास है जहां पर हर दो बच्चे के लिए एक टीचर है सो द टीचर स्टूडेंट का जो रेशियो है दैट्ची के लिए एक टीचर है मान लो एक क्लासरूम है जहां पर हर 10 बच्चे के लिए एक टीचर है राइट तो मतलब टीचर का नंबर काफी कम हो गया कंपेयर्ड टू बच्चे क्योंकि 10 बच्चे के लिए एक ही टीचर है मान लो एक सिचुएशन है जहां पर 100 बच्चे के लिए एक टीचर है मतलब 100 स्टूडेंट्स अगर है तो उनके लिए एक ही टीचर है तो अब टीचर का जो क्वांटिटी है टीचर का जो नंबर है य और कम हो गया है ना क्योंकि अगर स्कूल में पूरे स्कूल में अगर हज बच्चे हैं तो हर 100 बच्चे के लिए एक ही टीचर है यानी कि उस पूरे स्कूल में सिर्फ 10 टीचर होंगे है ना अब मैंने बोला नहीं हज बच्चों के लिए सिर्फ एक टीचर है तो उस केस में अगर उस स्कूल में हजार बच्चे हैं तो एक ही टीचर रहेगा पूरे स्कूल में समझ रहे हो तो यहां पर जब हम पार्ट्स पर मिलियन की बात करते हैं हम कहते हैं कि 1 मिलियन बच्चों के लिए एक टीचर है पार्ट्स पर मिलियन पर मिलियन बच्चों के लिए सिर्फ एक ही टीचर है तो सोच के देखो कि जो टीचर है वो कितने कम है तो इसीलिए पार्ट्स पर मिलियन हम तब यूज करते हैं जब कोई कंपोनेंट बहुत ही कम क्वांटिटी में सल में प्रेजेंट हो ठीक है इसे कैलकुलेट कैसे करते हैं तो इसे कुछ ऐसे कैलकुलेट करेंगे कि किसी भी कॉम्पोनेंट का अगर हमें पार्ट्स पर मिलियन निकालना है तो उसके लिए हम कहेंगे कि नंबर ऑफ पार्ट्स ऑफ दैट कंपोनेंट उस कंपोनेंट के कितने पार्ट्स हैं डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ पार्ट्स ऑफ ऑल द कंपोनेंट्स इन द सॉल्यूशन उस सॉल्यूशन के अंदर जितने भी कंपोनेंट्स हैं उनके कितने पार्ट्स हैं और इसे किससे मल्टीप्लाई कर देंगे 100 नहीं 100 नहीं यहां हम परसेंटेज की तो बात ही नहीं कर रहे हैं किसकी बात कर रहे हैं पर न की बात कर रहे हैं इसीलिए इसे मल्टीप्लाई करेंगे हम 1 मिलियन से यानी कि 10 टू द पावर 6 से तो बहुत सिंपल वर्ड्स में से याद रखो जैसे हम परसेंट की बात करते हैं जभी भी हम परसेंटेज की बात करते हैं दैट इज ऑलवेज पर 100 मतलब हर 100 चीज के लिए कितना जैसे अगर मैंने बोला कि 5 पर बच्चे जो हैं वो बीमार हैं मतलब हर 100 बच्चे में से पांच बच्चा बीमार है सो जभी भी हम परसेंटेज की बात करते हैं इट इज पर 100 उसी तरह जभी भी हम पीपीएम की बात करेंगे इट इज पर मिलियन दैट इज पर 10 टू द पावर 6 कहां पे इसका यूसेज देखा जाएगा जैसे अगर हम मैं अपने आसपास के चीजों से एग्जांपल्स लूं तो फॉर एग्जांपल एटमॉस्फेयर में पोल्यूटेंट्स का कंसंट्रेशन एटमॉस्फेयर में मोस्टली क्या है गैसेस हैं ऑक्सीजन है कार्बन डाइऑक्साइड है नाइट्रोजन है इस तरह के गैसेस हैं बट इन्हीं के बीच में क्या है पोल्यूटेंट्स भी हैं जो पोल्यूशन क्रिएट करते हैं लेकिन पोल्यूटेंट्स ट्रेस क्वांटिटीज में है राइट तो तो उन्हें हम मेजर कर सकते हैं बाय यूजिंग पीपीएम दैट इज पार्ट्स पर मिलियन तो बच्चों अब हम डिस्कस करने वाले हैं मोल फ्रैक्शन व्हिच इज अ वेरी इंटरेस्टिंग कांसेप्ट और यहां पर हम मोल फ्रैक्शन की पूरी कहानी पढ़ते हैं इन द कांसेप्ट ऑफ नंबर ऑफ मोल्स ठीक है तो अगर मैं एक सॉल्यूशन के अंदर किसी कॉम्पोनेंट का मोल फ्रैक्शन निकालना चाहूं तो कैसे निकालू कीी नंबर ऑफ मोल्स ऑफ दैट कॉम्पोनेंट डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ मोल्स ऑफ ऑल द कंपोनेंट्स इन द सॉल्यूशन ठीक है मतलब उस सॉल्यूशन के अंदर जितने भी टोटल नंबर ऑफ मोल्स हैं उसमें से कितना नंबर ऑफ मोल्स उस पर्टिकुलर कॉम्पोनेंट का है ये बताता है मोल फ्रैक्शन ठीक है तो मोल फ्रैक्शन को हम डिनोट करते हैं एक ग्रीक लेटर से जो कुछ-कुछ x के जैसा दिखता है बट वो x है नहीं उसे हम कहते हैं काई और वो कुछ यूं दिखता है ठीक है तो अब यहां पर एक और इंपॉर्टेंट चीज बताती हूं एक एग्जांपल लेते हैं लेट अस टॉक अबाउट अ बाइनरी सॉल्यूशन बाइनरी सॉल्यूशन क्या होता है जिसके अंदर सिर्फ दो ही कंपोनेंट होते हैं ठीक है तो मान लो एक बाइनरी सॉल्यूशन है जिसके अंदर दो कॉम्पोनेंट्स है a और b ठीक है तो a का अगर मैं मोल फ्रैक्शन निकालूं तो क्या होगा काई a इ इक्वल टू नंबर ऑफ मोल्स ऑफ a डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ मोल्स ऑफ a प्लस नंबर ऑफ मोल्स ऑफ b उसी तरीके से अगर मैं काई बी निकालू मोल फ्रैक्शन ऑफ b तो क्या हो जाएगा जगा n ब दैट इज नंबर ऑफ मोल्स ऑफ b डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ मोल्स ऑफ a प्लस नंबर ऑफ मोल्स ऑफ b साफ-साफ दिख रहा है कि अगर मैं काई ए और काई बी को ऐड कर दूं अगर मोल फ्रैक्शन ऑफ a और मोल फ्रैक्शन ऑफ b को मैं ऐड कर दूं तो मुझे क्या मिलेगा वन एगजैक्टली तो बोलने का मतलब है कि जब कभी भी हम इस तरह के बाइनरी सॉल्यूशंस की बात करेंगे जभी भी हम इस तरह के सॉल्यूशंस की बात करेंगे तो जो मोल फ्रैक्शन का सम होगा ऑफ ऑल द कंपोनेंट्स दैट विल बी इक्वल टू वन तो चलो बच्चों मोल फ्रैक्शन का एक एग्जांपल देखते हैं कैलकुलेट द मोल फ्रैक्शन ऑफ एथिलीन ग्लाइकोल c2h 6o 2 इन अ सॉल्यूशन कंटेनिंग 20 ऑफ c6 c2h 6o 2 बाय मास क्वेश्चन को समझेंगे बहुत ध्यान से ठीक है कितना है यह एथिलीन ग्लाइकोल इस सॉल्यूशन में कितना है 20 पर बाय मास ठीक है तो हम मान लेते हैं लेट अस एज्यूम हम एज्यूम कर लेते हैं कि हमारे पास कितना सॉल्यूशन है वी हैव 100 ग्रा ऑफ सॉल्यूशन यह हमने अजूम कर लिया तो अगर मेरे पास सॉल्यूशन टोटल 100 ग्रामस का है क्योंकि हम ग्राम्स क्यों अजूम किए क्योंकि यहां पर बाय मास दिया हुआ है हमारे पास तो हमने अजूम किया हमारे पास 100 ग्राम सॉल्यूशन है इसका 20 पर क्या होगा एथिलीन ग्लाइकोल राइट तो यानी कि 100 ग्राम में से 20 ग्राम्स क्या होगा थिन ग्लाइकोल और बाकी 80 ग्रामस क्या होगा बाकी 80 ग्राम होगा वाटर क्योंकि ये सॉल्यूशन किससे किससे बना है इथ न ग्लाइकोल एंड वाटर इन दोनों को मिला कर के बना है हमारा ये सॉल्यूशन ठीक है यहां तक क्लियर है ओके अब हम क्या करेंगे ये जो दोनों चीजें हैं वाटर और एथिलीन ग्लाइकोल इन दोनों का हम मोलर मास निकाल लेंगे क्यों निकाल रहे हैं क्योंकि मोल फ्रैक्शन कैलकुलेट करने के लिए बच्चों हमें जरूरत पती पड़ती है नंबर ऑफ मोल्स की और नंबर ऑफ मोल्स के लिए हमें क्या चाहिए होता है गिवन मास बाय मोलर मास यानी कि हमें मोलर मास की जरूरत है तो चलो अब हम क्या करें कैलकुलेट करेंगे हम कैलकुलेट करेंगे मोलर मास किसका मोलर मास कैलकुलेट करेंगे सबसे पहले कैलकुलेट करेंगे एथिलीन ग्लाइकोल का यानी कि c2h 6o 2 इसका मोलर मास क्या होगा कार्बन का 12 यहां पर दो एटम्स है हाइड्रोजन का वन यहां पर सिक्स एटम्स हैं और ऑक्सीजन का होता है 16 यहां पर दो एटम्स हैं राइट अब मोलर मास कैसे निकालते हैं आई डोंट थिंक हम मुझे समझाने की जरूरत है 11th में केमिस्ट्री में हमने ये चीजें पढ़ रखी है तो ये मेरा निकल के आता है 62 ग्राम पर मोल ठीक है अब ठीक इसी तरीके से मोलर मास हम निकालेंगे वाटर का यानी कि h2o तो ये हो जाएगा हाइड्रोजन का वन दो एटम है और ऑक्सीजन का 16 यानी कि 18 ग्राम पर मोल मोलर मास निकाल लिया अब मैंने क्या बोला था हमें किसकी जरूरत पड़ती है नंबर ऑफ मोल्स की ठीक है तो अब हम क्या निकालेंगे अब हम निकालेंगे नंबर ऑफ मोल्स क्योंकि मोल फ्रैक्शन निकालने के लिए नंबर ऑफ मोल्स की जरूरत पड़ती है तो सबसे पहले निकालेंगे नंबर ऑफ मोल्स ऑफ एथिलीन ग्लाइकोल यानी कि c2h 6o 2 कितना हो जाएगा नंबर ऑफ मोल्स गिवन मास यानी कि गिवन मास यानी कि 20 ग्रा डिवाइडेड बाय मोलर मास यानी कि 62 ग्रा पर मोल तो 20 / 62 दैट इज 322 मोल्स ठीक है अब ठीक उसी तरीके से हम क्या निकालेंगे नंबर ऑफ मोल्स ऑफ वाटर क्या हो जाएगा गिवन मास यानी कि 80 ग्राम डिवाइडेड बाय मोलर मास यानी कि 18 ग्राम पर मोल तो ये हो जाएगा 4.44 4 मोल्स यह नंबर ऑफ मोल्स निकल गए हमारे अब हम सीधा-सीधा मोल फ्रैक्शन निकाल सकते हैं तो अब इस स्टेप में हम कैलकुलेट करेंगे मोल फ्रैक्शन मोल फ्रैक्शन को हम डिनोट करते हैं ग्रीक लेटर का से तो सबसे पहले निकालते हैं काई ऑफ एथिलीन ग्लाइकोल यानी कि c2h 6o 2 तो इसका मोल फ्रैक्शन क्या हो जाएगा नंबर ऑफ मोल्स ऑफ एथिलीन ग्लाइकोल c2h 6o 2 डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ मोल्स ऑफ एथिलीन ग्लाइकोल प्लस नंबर ऑफ मोल्स ऑफ वाटर ठीक है अब ये सारी वैल्यूज तो हमने यहां पर निकाल ली है दोनों के नंबर ऑफ मोल्स है ना तो ये क्या हो जाएगा ये हो जाएगा 322 डिवाइडेड बा 322 + 4.44 4 तो यह वैल्यू निकल के आ जाएगी 0.06 ठीक उसी तरीके से अब हम क्या निकालेंगे अब हम निकालेंगे मोल फ्रैक्शन ऑफ़ वाटर तो यह क्या हो जाएगा नंबर ऑफ मोल्स ऑफ़ वाटर डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ़ मोल्स ऑफ़ एथिलीन ग्लाइकोल प्लस नंबर ऑफ मोल्स ऑफ़ वाटर तो यह हो जाएगा 4.4 44 / 322 + 4.44 4 तो यह वैल्यू निकल कर के आ जाएगी पॉट 932 ठीक है इनफैक्ट एक अल्टरनेटिव वे ये भी था चूंकि ये मेरा किस तरह का सॉल्यूशन था बाइनरी सॉल्यूशन जिसमें दो ही चीजें थी राइट वाटर और एथिलीन ग्लाइकोल तो एक बार हमने एथिलीन ग्लाइकोल का मोल फ्रैक्शन निकाल लिया तो वाटर का मोल फ्रैक्शन निकालने का एक तरीका और था और वह क्या था वन में से सबस्टैक कर दो 0.06 वह भी हमारे पास एक ऑप्शन था हम वह भी कर सकते थे तो वहां पर भी जो हमारा आंसर आता वह उतना ही आता दैट इज़ 0.93 2 जो कि हमें अभी मिला है ठीक है क्योंकि हमें पता है कि मोल फ्रैक्शन का जो सम होता है सारे कॉम्पोनेंट्स का दैट इज़ इक्वल टू 1 क्लियर तो समझ में आ गया कैसे देखो मोल फ्रैक्शन निकालते हैं चलो आगे बढ़े तुम्हारा आंसर आया क्या तो बच्चा बाटी मुझे उम्मीद है कि यहां तक तो गाड़ी मस्त चल रही होगी अब हम डिस्कस करने वाले हैं एक बहुत ही इंपॉर्टेंट बहुत ही उं टॉपिक पे व्हिच इज मोलर मोलालिटी होता क्या है मोलर भी एक टेक्निक होता है एक तरीका होता है जिससे हम एक सॉल्यूशन के कंसंट्रेशन को क्वांटिटेशन माइन कर सकते हैं तो मोलेरिटी कुछ हम इस तरीके से डिफाइन करते हैं कि किसी भी सॉल्यूट का कितने नंबर ऑफ मोल्स प्रेजेंट हैं पर लीटर ऑफ द सॉल्यूशन ठीक है मतलब यहां पर हम दो चीजों को कनेक्ट करते हैं पहली चीज है नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट और दूसरी चीज है वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन ठीक है मतलब सॉल्यूशन के इतने वॉल्यूम में जो मेरा सॉल्यूट है उसके कितने नंबर ऑफ मोल्स हैं ठीक है एंड दैट इज मोलर मोलर को हम कैपिटल m से डिनोट करते हैं इनफैक्ट मोलर का जो यूनिट है दैट इज कैपिटल m जिसे हम पढ़ते हैं मोलर से ठीक है जैसे मान लो अगर मैं कहती हूं कि मेरे पास सोडियम हाइड्रोक्साइड का सॉल्यूशन है जिसकी मोलालिटी है 0.25m इसे कैसे पढ़ेंगे 0.25 मोलर सोडियम हाइड्रोक्साइड सॉल्यूशन और इसका मतलब क्या हुआ अगर मैंने बोला कि 0.25 मोलर सोडियम हाइड्रोक्साइड सॉल्यूशन इसका मतलब यह हुआ कि 0.25 मोल्स ऑफ सोडियम हाइड्रोक्साइड इज डिजॉल्ड्रिंग अगर मुझे कभी भी कैलकुलेट करना हो तो मैं कैसे कैलकुलेट करूंगी नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन इन लिटर्स ठीक है तो स्पेसिफिक वेज हैं राइट जैसे मोल फ्रैक्शन एक तरीका है जैसे पार्ट्स पर मिलियन एक तरीका है जैसे कि मास प एक तरीका है उसी तरीके से मोलर भी एक तरीका है जिससे हम एक गिवन सॉल्यूशन के कंसंट्रेशन को डिफाइन कर सकते हैं चलो एक एग्जांपल देखें तो चलो देखते हैं मोलर का एक एग्जांपल कैलकुलेट द मोलर ऑफ अ सॉल्यूशन कंटेनिंग 5 ग्रामस ऑफ na4 मिलीलीटर सॉल्यूशन ठीक है तो मोलर होता क्या है अभी अभी सीखा हमने मोलर के लिए मुझे क्या चाहिए मुझे चाहिए नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय मुझे क्या चाहिए मुझे चाहिए पर लीटर ऑफ द सॉल्यूशन करेक्ट तो यानी कि इसमें मुझे क्या चाहिए सॉल्यूशन का जो वॉल्यूम है यह दोनों चीजें मुझे चाहिए होती है ठीक है तो यहां पर मेरा सॉल्यूट क्या है मोल्स ऑफ यहां पर सॉल्यूशन नहीं होगा बच्चों यह सॉल्यूट है सो सबसे पहले तो नंबर ऑफ मोल्स ऑफ हम निकालते हैं एओ कैसे निकालेंगे गिवन मास यानी कि 5 ग्रामस डिवाइडेड बाय मोलर मास ऑफ ए अब एओ का मोलर मास कितना होगा तो एओ की अगर हम बात करें तो सोडियम इज बेसिकली 23 ग्राम ऑक्सीजन का हो जाएगा 16 और हाइड्रोजन का व तो यह कुल मिला के हो गया 40 ग्रा पर मोल ये इसका मोलर मास हो गया तो नंबर ऑफ मोल्स कैसे निकालेंगे 5/40 ठीक है व्हिच इज इक्वल टू 1225 मोल्स तो ये क्या निकल गया ये नंबर ऑफ मोल्स निकल गया अब दूसरी चीज मुझे क्या चाहिए मुझे चाहिए तो ऊपर का न्यूमरेशन तो मैंने निकाल लिया दूसरा मुझे क्या चाहिए वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन ठीक है तो वॉल्यूम ऑफ सॉल्यूशन की अगर मैं बात करूं तो गिवन वॉल्यूम कितना है 450 एए ठीक है इसे हम कन्वर्ट करेंगे किसमें पर लीटर में राइट वैसे ही मोलेरिटी कैलकुलेट करते हैं तो इसीलिए क्या करेंगे 1 लीटर इज 1000 मिलीलीटर तो इसीलिए डिवाइडेड बाय 1000 कर देंगे तो यह मेरा आ गया वॉल्यूम अब बिंदास कैलकुलेट कर सकते हैं हम मोलर तो मोलर क्या हो जाएगा 1225 मोल्स डिवाइडेड बाय 450 बा 1000 तो ये 1000 ऊपर आ गया ठीक है सो दिस कम्स आउट टू बी 278 m ठीक है ये m क्या है मोलर ऐसे ही हम इसका यूनिट यूज करते हैं राइट उसको हम कैसे पढ़ेंगे 278 मोलर मतलब इसका जो सॉल्यूशन का जो मोलालिटी है दैट इज 0.27 ठीक है सिंपल था ज्यादा मुश्किल नहीं था तो अगर एक बार आपको ये पता चल जाए कि मोलेरिटी होता क्या है तो थोड़ा क्वेश्चन को ध्यान देके आप देखोगे ना तो सबसे पहले तो कोई भी क्वेश्चन इस तरह का सॉल्व करो तो पहले ये लिख लो कि भैया मोलेरिटी हम निकालते कैसे हैं फिर देखो क्या-क्या निकालना है फिर स्टेप बाय स्टेप फिर स्टेप बाय स्टेप एक-एक चीजें निकालो एंड दैट्ची फाइंड मोलेरिटी तो प्यारे बच्चों मोलालिटी तो सबको समझ में आ गया होगा अच्छे से अच्छे से समझ आया ग्रेट अब हम बात करने वाले हैं मोलालिटी के बारे में देखो नाम बिल्कुल सिमिलर है सिर्फ आ की जगह एल है अभी तक पढ़ था मोलेरिटी अब पढ़ेंगे मोलालिटी अब नाम इतने सिमिलर है तो बच्चे कंफ्यूज हो ही जाते हैं बट आप नहीं होगे इसकी गारंटी है ठीक है तो मोलालिटी क्या होता था अभी जो पढ़ा था हमने उसमें हमने पढ़ा था नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट पर लीटर ऑफ द सॉल्यूशन है ना मतलब कितना सॉल्यूट का नंबर ऑफ मोल्स है पर वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन ठीक है यहां पर जब हम मोलालिटी की बात करेंगे यहां हम सॉल्यूशन की बात ही नहीं करेंगे हम किसकी बात करेंगे सॉल्वेंट की सॉल्वेंट और सॉल्यूशन में फर्क तो समझते हो है ना सॉल्यूशन मतलब सॉल्यूट सॉल्वेंट मिलके जो बना और सॉल्वेंट मतलब सिर्फ सॉल्वेंट तो मोलालिटी कहता है नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट पर केजी ऑफ द सॉल्वेंट मतलब यहां पर हम सॉल्वेंट की मास के टर्म्स में बोलते हैं कि कितने नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट है यही फर्क है मोलालिटी और मोलालिटी में ठीक है अब आप याद कैसे रखोगे कुछ मेमोरी टिप होना चाहिए वरना कंफ्यूज हो गए मोलालिटी में आता है एल मोलालिटी में तो r आता है तो मोलालिटी में एल आता है एल मतलब लिक्विड यहां पर हम लिक्विड सॉल्यूशंस की ही तो मेजर्ली बात कर रहे हैं तो ए मतलब लिक्विड लिक्विड मतलब सॉल्वेंट ठीक है तो जहां पर हम सॉल्वेंट के टर्म्स में बात करते हैं दैट इज मोलालिटी जहां पर हम नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट पर केजी ऑफ सॉल्वेंट की बात करते हैं दैट इज मोलालिटी ऐसे याद रखना है आपको मोलालिटी को हम डिनोट करते हैं स्ल m से इसका जो यूनिट है उस उसमें हम स्ल m भी यूज करते हैं और मोल्स पर केजी भी यूज कर सकते हैं मोल्स मतलब नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट पर केजी मतलब पर केजी ऑफ सॉल्वेंट इजी था अब एक एग्जांपल लेते हैं लेट अस सपोज मैंने बोला कि मेरे पास दिया हुआ है 1m सॉल्यूशन ऑफ केसी इज डिजॉल्ड्रिंग एथेनोइक एसिड इन 75 ग्रामस ऑफ बेंजीन ठीक है मतलब ये जो सॉल्यूशन हम बना रहे हैं इसमें थेनो इक एसिड है और इसमें क्या है इसमें बेंजीन है ठीक समझ आई बात ओके अभी-अभी हमने क्या पढ़ा मोलालिटी के बारे में पढ़ा तो मोलालिटी हम कैसे निकालते हैं कि नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट यानी कि इसमें नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट हमें चाहिए होता है बट इन टर्म्स ऑफ किसका जैसे कि मोलेरिटी में पर यूनिट वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन होता था यहां पर क्या होगा पर यूनिट मास ऑफ द सॉल्वेंट तो बच्चों क्वेश्चन को देख कर के आपको पता ही चल रहा होगा कि सॉल्यूट कौन सा है सॉल्वेंट कौन सा है देखो 2.5 ग्राम थेनो इक एसिड है जबकि 75 ग्राम बेंजीन है तो कम कौन है इथेनॉल एसिड तो ये सॉल्यूट है बेंजीन हमारा क्या है सॉल्वेंट है ठीक है अब चलो स्टेप बाय स्टेप चीजें निकालते हैं सबसे पहले क्या निकालेंगे हम लेट अस फाइंड आउट नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट और सॉल्यूट क्या है थेनो इक एसिड दैट इज ch3cooh तो ये क्या हो जाएगा इसका गिवन मास यानी कि 2.5 ग्रा डिवाइडेड बाय इसका मोलर मास ch3cooh का मोलर मास निकालते हैं कार्बन का हो जाएगा 12 हाइड्रोजन का वन लेकिन तीन एटम्स है कार्बन का हो गया 12 ऑक्सीजन का हो गया 16 लेकिन दो ऑक्सीजन है हाइड्रोजन का हो गया वन तो यह टोटल हो गया 60 ग्राम पर मोल ठीक है यह मोलर मास हो गया तो नंबर ऑफ मोल्स क्या हो जाएगा 2.5 बा 60 यानी कि 0417 मोल्स तो ये नंबर ऑफ मोल्स निकल गया अब स्टेप नंबर टू में क्या निकालेंगे तो देखो पहली चीज तो निकल गई न्यूमरेशन वाली नेक्स्ट चीज क्या निकालनी है मास ऑफ सॉल्वेंट ठीक है तो मास ऑफ सॉल्वेंट क्या है हमारे लिए बेंजीन c6 ए6 मास ऑफ सॉल्वेंट कौन से यूनिट में चाहिए होता है हमें केजी में चाहिए होता है तो यहां पर दिया हुआ है 75 ग्राम्स तो ग्राम्स को केजी में कन्वर्ट करेंगे तो 75 / 1000 केज ठीक है तो अब हमने दोनों चीजें निकाल ली है अब हम क्या निकाल सकते हैं बिंदास मोलालिटी एग्जैक्ट तो मोलालिटी कितना हो जाएगा 0417 नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय मास ऑफ सॉल्वेंट यानी कि 75 बा 1000 तो ये 1000 इधर आ जाएगा इसकी वैल्यू निकालेंगे तो इट विल बी 556 मोल्स पर केजी या फिर स्ल ए कुछ भी आप लिख सकते हो तो ये हो जाएगी इसकी मोलालिटी ये तो बहुत आसान था क्यों बच्चों तो बच्चों हमने सारे के सारे सात तरीकों के बारे में डिस्कस कर लिया चाहे मास परसेंटेज हो वॉल्यूम परसेंटेज हो मोलेरिटी मोलालिटी मोल फ्रैक्शन पार्ट्स पर मिलियन सब कुछ के बारे में डिस्कस किया और हमने देखा सारे अलग-अलग तरीके हैं सबके अपने-अपने मेरिट्ज हैं अपने-अपने डीमेट हैं ठीक है अगर हम कंपेयर करें कुछ तरीकों को जैसे फॉर एग्जांपल अगर हम मोलालिटी और मोलालिटी इन दोनों को अगर हम कंपेयर करें तो और अगर मैं पूछूं कि कौन सा ज्यादा बेटर मेथड है तो एज सच बेटर या खराब तो कुछ है नहीं दोनों के अपने-अपने फायदे नुकसान हैं फॉर एग्जांपल अगर मैं मोलेरिटी की बात करूं तो मोलालिटी जो है ये टेंपरेचर डिपेंडेंट है क्यों क्योंकि मोलेरिटी में हम किसकी बात करते हैं नंबर ऑफ मोल्स पर यूनिट वॉल्यूम ऑफ सॉल्यूशन और वॉल्यूम जो चीज है ये टेंपरेचर पे डिपेंड करता है याद है हमने ये एक्सपेरिमेंट किया था बैलून के साथ जैसे-जैसे टेंपरेचर बढ़ा वैसे-वैसे वॉल्यूम बढ़ा बलून इन्फ्लेट हो गया जैसे-जैसे टेंपरेचर घटा वैसे-वैसे बलून पिचक गया वल वॉल्यूम कम हो गया राइट तो वॉल्यूम जो है वो टेंपरेचर पे डिपेंड करता है और इसीलिए मोलालिटी जो है यह भी टेंपरेचर पे डिपेंड करता है दूसरी तरफ जब हम मोलालिटी की बात करते हैं तो ये टेंपरेचर इंडिपेंडेंट है क्यों क्योंकि यहां पर हम नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट पर केजी ऑफ सॉल्वेंट की बात करते हैं यानी कि यहां पर हम सिर्फ मास की बात कर रहे हैं एंड मास इज इंडिपेंडेंट ऑफ टेंपरेचर राइट तो इसीलिए ऐसा देखा गया है कि जो साइंटिस्ट्स होते हैं जो रिसर्चस होते हैं वो मोलालिटी का यूज़ वैसी जगहों पे करते हैं जहां पर टेंपरेचर डिपेंडेंस से कोई फर्क ना पड़े कोई ऐसी जगह पे अगर उन्हें जरूरत पड़े जहां पर यू नो टेंपरेचर के बहुत फ्लक्ट एश हो रहे हैं वहां पर वो क्या यूज़ करते हैं वहां पर वो यूज़ करते हैं मोलालिटी क्योंकि मोलालिटी को टेंपरेचर से कोई फर्क नहीं पड़ता तो बच्चा बाटी इसी के साथ हमने सीख लिया है अबाउट सॉल्यूशंस हमने सीख लिया अबाउट कंसंट्रेशन ऑफ सॉल्यूशंस मोलेरिटी मोलालिटी वगैरह वगैरह बट आई थिंक ये पूरी जो भी हमने चीजें अभी तक पढ़ी जो भी कॉन्सेप्ट्स हमने अभी तक पढ़े ये और थोड़े मजबूत होंगे जब हम दो-चार क्वेश्चंस देखेंगे तो चलो कुछ क्वेश्चंस देखें देखते हैं प्रॉब्लम नंबर वन य क्वेश्चन कहता है कि कैलकुलेट द मास परसेंटेज ऑफ बेंजीन एंड कार्बन टेट्राक्लोराइड इफ 22 ग्रा ऑफ बेंजीन इज डिजॉल्ड्रिंग ट करेंगे पहले मास परसेंटेज ऑफ बेंजीन फिर मास परसेंटेज ऑफ कार्बन टेट्राक्लोराइड ठीक है ओके तो चलो सबसे पहले कैलकुलेट करते हैं हम मास परसेंटेज ऑफ अ लेट्स से बेंजीन ठीक है बेंजीन यहां पर क्या है बेंजीन है यहां पर सॉल्यूट क्योंकि 22 ग्राम्स ऑफ बेंजीन है और कार्बन टेट्रा क्लोराइड कितना है 122 ग्रा तो कार्बन टेट्रा क्लोराइड यहां पर क्या है सॉल्वेंट तो मास परसेंटेज ऑफ बेंजीन क्या हो जाएगा मास ऑफ बेंजीन बाय टोटल मास ऑफ द सॉल्यूशन राइट मास ऑफ बेंजीन बाय मास ऑफ सॉल्यूशन इं 100 मास परसेंटेज है तो भैया 100 से तो मल्टीप्लाई करना ही पड़ेगा है ना तो बेंजीन का मास यहां पर कितना दिया हुआ है 22 ग्राम्स और टोटल सॉल्यूशन का मास कितना हो जाएगा सॉल्यूट और सॉल्वेंट के मास को हम ऐड कर देंगे यानी कि 22 ग्रा प् 122 ग्रा * 100 तो ये आ जाएगा 15.2 पर चलो अब कैलकुलेट करेंगे हम मास परसेंटेज ऑफ द सॉल्वेंट और सॉल्वेंट यहां पर क्या है कार्बन टेट्राक्लोराइड ccl4 तो ये क्या हो जाए ये हो जाएगा मास ऑफ ccl4 व्हिच इज 122 ग्रा डिवाइडेड बाय मास ऑफ द सॉल्यूशन व्च इज 22 + 122 सॉल्यूट प्लस सॉल्वेंट का मास * 100 और ये आ जाएगा इज लेबल्ड एज 10 परड बाड ड बाड है यानी कि यह क्या है मास बाय मास यानी कि यहां पर हम मास परसेंटेज की बात कर रहे हैं व्हाट वुड बी द मोलालिटी एंड मोल फ्रैक्शन ऑफ ईच कंपोनेंट इन द सॉल्यूशन इफ द डेंसिटी ऑफ द सॉल्यूशन इज 1.2 ग्रा पर मिलीलीटर देन व्हाट शैल बी द मोलेरिटी ऑफ द सॉल्यूशन तो बच्चों यहां पर हमारे पास जो गिवन है वो क्या है 10 पर w बाड यही हमारे पास गिवन है ठीक है यहां पर जो सॉल्यूशन है उसमें क्या-क्या है ग्लूकोज है और वाटर है तो ग्लूकोज हमारा सॉल्यूट है और वाटर हमारा सॉल्वेंट है ठीक है यह बना रहा है हमारा सॉल्यूशन तो लेट अस सपोज हम मान लेते हैं क्योंकि यहां परसेंटेज में बात हो रही है तो हम मान लेते हैं कि जो सॉल्यूशन है वो 100 ग्राम सॉल्यूशन है हमारे पास ग्राम्स में क्यों लिया क्योंकि यहां w बाड है मास के टर्म्स में बात हो रही है ठीक है तो अगर सॉल्यूशन 100 ग्राम का है तो ग्लूकोज कितना ग्राम होगा उसमें 10 ग्रामस और वाटर कितना ग्राम्स होगा बाकी का पूरा वाटर होगा यानी कि 90 ग्राम ठीक है अच्छा डेंसिटी यानी कि रो ऑफ द सॉल्यूशन जो है वह दिया हुआ है कितना 1.2 ग्राम पर मिलीलीटर यह चीजें मेरे पास गिवन है और मुझे क्वेश्चन निकालने क्या बोल रहा है क्वेश्चन कह रहा है कि तुम निकालो मोलेरिटी की वैल्यू तुम निकालो मोलालिटी की वैल्यू और तुम निकालो मोल फ्रैक्शन की भी वैल्यू एकएक करके चीजों को पिक करेंगे तो देखो सबसे पहले मजेदार चीज यह है कि मुझ मेरे पास सॉल्यूशन का डेंसिटी है और मेरे पास इस सॉल्यूशन का मास भी है क्योंकि मास मैंने अजूम किया 100 ग्राम ठीक है तो मैं चाहूं तो बड़ी आसानी से वॉल्यूम निकाल सकती हूं क्योंकि हमें पता है डेंसिटी इज मास बाय वॉल्यूम तो यानी कि वॉल्यूम ऑफ सॉल्यूशन जो होगा वो कितना हो जाएगा वो हो जाएगा मास बाय डेंसिटी यानी कि 100 ग्राम बाय 1.2 ग्राम पर मोल तो यानी कि यह हो जाएगा यह 100 ग्राम यह 100 ग्राम पर मिलीलीटर ठीक है तो यह आ जाएगा 0833 लीटर ठीक है जो मिलीलीटर में आया उसको मैंने वापस लीटर में चेंज कर दिया लीटर में क्यों किया क्योंकि मोलेरिटी वगैरह कैलकुलेट करेंगे तो फिर से हमको लीटर में चाहिए होगा सॉल्यूशन का वॉल्यूम ठीक है ये हो गया अब हम क्या करेंगे देखो क्या हम कर रहे हैं ये सोचते रहो कि हम क्यों कर रहे हैं सॉल्यूशन का वॉल्यूम क्यों निकाला क्योंकि भैया जब भी हम मोलर निकालने जाएंगे तो उसमें मुझे सॉल्यूशन का वॉल्यूम चाहिए होगा उसके बिना हम कुछ नहीं कर सकते मोलालिटी निकालने जाएंगे तो मुझे नंबर ऑफ मोल्स पता होने चाहिए सॉल्यूट का वरना फिर से हम कुछ भी नहीं कर पाए आंगे है कि नहीं अब नंबर ऑफ मोल्स निकालने के लिए मुझे क्या निकालना होगा मुझे मोलर मास निकालना होगा है ना तो चलो सबसे पहले एक-एक करके काम करेंगे पहले मोलर मास निकाल लेते हैं किसका मोलर मास निकालेंगे सबसे पहले ग्लूकोज का निकाल लेते हैं मोलर मास ग्लूकोज क्या होता है c6 h12 o6 तो इसका मोलर मास क्या हो जाएगा कार्बन का 12 होता है यहां पर छह एटम है हाइड्रोजन का वन होता है यहां पर 12 एटम्स है ऑक्सीजन का 16 होता है यहां पर सिक्स एटम्स है तो ये हो जाएगा 180 ग्रा पर मोल उसी तरीके से अब बारी है वाटर की यानी कि h2o तो इसका मोलर मास क्या होगा हाइड्रोजन का वन दो एटम है ऑक्सीजन का 16 तो यानी कि 18 ग्राम पर मोल मोलर मास निकाल लिया अब हम नंबर ऑफ मोल्स निकाल सकते हैं तो चलो नंबर ऑफ मोल्स भी निकाल लेते हैं नंबर ऑफ मोल्स निकाल लिया तो मतलब समझो कि सारा काम हो गया उसके बाद बस फॉर्मूले में वैल्यूज बिठाने हैं और कैलकुलेट करने हैं ठीक है तो नंबर ऑफ मोल्स भी हम सबसे पहले निकालते हैं ग्लूकोज का c6 h12 o6 का तो क्या हो जाएगा इसका नंबर ऑफ मोल्स जो गिवन मास है यानी कि 10 ग्राम्स डिवाइडेड बाय मोलर मास यानी कि 180 ग्रा पर मोल ठीक है उसी तरीके से अब दूसरी बारी किसकी है तो इतना मोल्स हो जाएगा उसी तरीके से हम निकालते हैं यह है नंबर ऑफ मोल्स ऑफ ग्लूकोज ऐसे ही निकालते हैं नंबर ऑफ मोल्स ऑफ वाटर क्या हो जाएगा जो गिवन मास है गिवन मास क्या है 90 ग्रामस तो ये हो जाएगा 90 डिवाइडेड बाय मोलर मास यानी कि 18 तो 90 / 18 ठीक है नंबर ऑफ मोल्स भी निकाल लिया बस इतना कर लिया मतलब हमने अपनी सारे रॉ मैटेरियल्स तैयार कर लिए हैं खाना बनाने से पहले जो भी चीजें चाहिए होती है वो सारा रेडी है अब बस फार्मूला लगाओ और वैल्यूज डालो बस उतना ही काम बचा है तो चलो फटाफट से एक-एक वैल्यू निकालते चले जाते हैं ठीक है तो सबसे पहले लेट अस से हम बात करते हैं मोलालिटी की तो मोलालिटी हम कैसे निकालते हैं नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट ठीक है नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट सॉल्यूट क्या है यहां पर ग्लूकोज डिवाइडेड बाय वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन ठीक है तो ये क्या हो जाएगा नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट हमने यहां पर निकाला हुआ है 10 बा 180 डिवाइडेड बाय वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन हमने यहां पर निकाला था 0833 ठीक है तो इसकी वैल्यू कैलकुलेट करेंगे तो ये आ जाएगा 67 m तो ये इसकी मोलालिटी हो गई अब बात करते हैं मोलालिटी की मोलालिटी क्या होता है मोलालिटी होता है नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट यानी कि नंबर ऑफ मोल्स ऑफ c6 h12 o6 डिवाइडेड बाय मास ऑफ द सॉल्वेंट ठीक है यानी कि मास ऑफ वाटर जो कि हम लेते हैं केजी में ठीक है तो नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट तो वही वाला यूज करेंगे जो निकाल रखा है ट इज 10 बाय 180 डिवाइडेड बाय मास ऑफ वाटर इन केजी मास ऑफ वाटर कितना है 90 ग्राम बट 90 ग्राम को केजी में कन्वर्ट करेंगे सो 90 बा 1000 ठीक है इसकी वैल्यू निकालेंगे तो इट कम्स आउल ए ये हो जाएगी मोलालिटी या फिर मोल्स पर केजी यह भी निकल गया अब बचा क्या अब बचा मोल फ्रैक्शन ठीक है तो मोल फ्रैक्शन मुझे किसका निकालना है ईच कंपोनेंट का निकालना है ठीक है तो चलो मोल फ्रैक्शन को हम काई से डिनोट करते हैं तो मोल फ्रैक्शन ऑफ c6 h16 क्या हो जाएगा नंबर ऑफ मोल्स ऑफ स 6h 1226 डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ मोल्स ऑफ c6 h12 o6 प्लस नंबर ऑफ मोल्स ऑफ वाटर ठीक है तो यह क्या हो जाएगा यह हो जाएगा 10 बा 180 जो नंबर ऑफ मोल्स ऑफ c6 h12 o6 है और नंबर ऑफ मोल्स ऑफ वाटर है 90/1 सो दिस डिवाइडेड बाय 10/10 + 90/1 तो जब इसकी वैल्यू हम कैलकुलेट करेंगे इट कम्स आउट टू 01 ठीक उसी तरीके से अगर हम मोल फ्रैक्शन ऑफ वाटर कैलकुलेट करें तो यह हो जाएगा नंबर ऑफ मोल्स ऑफ वाटर यानी कि 90/1 डिवाइड बाय 10/10 + 90/1 इसको आप खुद से कैलकुलेट कर लो और इस तरीके से आप मोल फ्रैक्शन दोनों का निकाल सकते हो ठीक है तो देखो क्या किया हमने सिंपली फार्मूला पुट किया बट उस फॉर्मूले की जो चीजें है ना उन सब की वैल्यूज हमने पहले ही निकाल ली फ्रॉम द गिवन वैल्यूज ठीक समझ में आ रहा है कि किस तरीके के क्वेश्चंस पूछे जा सकते हैं इनसे बच्चों देखते हैं प्रॉब्लम नंबर थ्री अ सॉल्यूशन इज ऑब्टेंड बाय मिक्सिंग 300 ग्रा ऑफ 25 पर सॉल्यूशन एंड 400 ग्रा ऑफ 40 पर सॉल्यूशन बाय मास कैलकुलेट द मास परसेंटेज ऑफ द रिजल्टिंग सॉल्यूशन तो यहां पर पिक्चर कुछ और है यहां पर हम दो सॉल्यूशन को मिला कर के एक तीसरा सॉल्यूशन बना रहे हैं ठीक है जिसमें से एक सॉल्यूशन क्या है थ्री एक सॉल्यूशन का हम कितना ले रहे हैं 300 ग्रा ले रहे हैं 25 पर सॉल्यूशन का 400 ग्रा ले रहे हैं 40 पर ऑफ द सॉल्यूशन का ठीक है और ये सब कुछ परसेंटेज किस बेसिस पर है बाय मास तो हमें निकालना है मास परसेंटेज ऑफ द रिजल्टिंग सॉल्यूशन ठीक है तो देखो एकदम धीरे-धीरे करेंगे तो सबसे पहले तो हम बोलेंगे कि भैया टोटल मास ऑफ द सॉल्यूशन कितना होगा बताओ आप बताओ टोटल मास कितना होगा एक सॉल्यूशन 300 ग्रा का है मतलब एक सॉल्यूशन 300 ग्राम है दूसरा 400 ग्राम है तो टोटल मास कितना हो जाएगा 700 ग्राम ठीक है ओके अब निकालते हैं हम टोटल मास सब कुछ मास में ही बात करेंगे क्योंकि कैलकुलेट क्या करना है मास परसेंटेज कैलकुलेट करना है राइट अब निकालते हैं टोटल मास ऑफ सॉल्यूट भाई सिर्फ सॉल्यूट की बात करेंगे कितना सॉल्यूट है उसमें अब आप बताओ सॉल्यूट कितना है 25 पर ऑफ द सॉल्यूशन बोल रहा है मतलब कि सॉल्यूट कितना है 20 तो टोटल जो 300 ग्राम है उसका सिर्फ 25 पर ही सॉल्यूट है है ना तो मतलब 25 पर ऑफ 300 उसी तरह से 40 पर ऑफ 400 प् 40 पर ऑफ 400 ठीक है तो ये आ जाएगा 235 ग्रा ये हो जाएगा टोटल मास ऑफ द सॉल्यूट तो 700 ग्रा जो है यह सॉल्यूशन का टोटल मास है इसमें से जो सॉल्यूट है उसका मास कितना है 235 ग्रा ठीक है बस हो गया हमारा हमारी कहानी खत्म हो चुकी है अब हम कैलकुलेट करेंगे मास परसेंटेज ऑफ द सॉल्यूट सो मास परसेंटेज ऑफ सॉल्यूट इन रिजल्टिंग सॉल्यूशन क्योंकि जो रिजल्टिंग सॉल्यूशन है उ वो उसका टोटल मास है 700 ग्रा ठीक है इस ये सॉल्यूशन का मास है इसके अंदर सॉल्यूट कितना है 235 ग्राम तो मुझे मास तो पता चल ही गया ना कितना हो जाएगा ये ये हो जाएगा मास परसेंटेज कैसे निकालते हैं मास ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय मास ऑफ सॉल्यूशन इन 100 ऐसे ही तो निकालते हैं तो ये क्या हो जाएगा मास ऑफ सॉल्यूट 235 है मास ऑफ सॉल्यूशन 700 है और इन 100 तो ये आ जाएगा 33 57 पर तो यह हो जाएगा सॉल्यूट का मास परसेंटेज ठीक इसी तरीके से हम कैलकुलेट करेंगे मास परसेंटेज ऑफ सॉल्वेंट इन द रिजल्टिंग सॉल्यूशन वो क्या हो जाएगा वो हो जाएगा मास ऑफ सॉल्वेंट डिवाइडेड बाय मास ऑफ सॉल्यूशन * 100 दैट इज वन वे तो मास ऑफ सॉल्वेंट कितना होगा अगर सॉल्यूशन का मास 700 है तो सॉल्यूट का सॉल्वेंट का मास कितना होगा 700 - 235 अब अब इतना लंबा कैलकुलेशन करने से अच्छा है कि भैया पूरा सॉल्यूशन परसेंटेज में निकाल रहे हैं राइट तो अगर पूरा सॉल्यूशन 100 ग्राम का है जिसमें से 33.5 7 जो है वो सॉल्यूट है तो सॉल्वेंट कितना हो जाएगा इसको हम सीधा-सीधा ऐसे ही तो कर सकते हैं 100 में से सबस्टैक कर दो ना 33.5 7 परसेंटेज की बात कर रहे हैं राइट यानी कि पर 100 आउट ऑफ 100 ही होता है परसेंटेज तो आउट ऑफ 100 अगर सॉल्यूट 33.5 7 है तो बाकी जो जो बचा वो सारा सॉल्वेंट है है ना तो सॉल्वेंट का मास परसेंटेज हो जाएगा 66.4 3 पर आप चाहो तो वैसे भी कर सकते हो मास ऑफ सॉल्वेंट जिसमें आप करो 700 - 235 डिड बा 700 * 100 वो भी कर सकते हो बट अननेसेसरी वो फिर से लंबा कैलकुलेशन होगा इसको आप सीधा-सीधा ऐसे ही कर सकते हो तो इस तरीके से हमने मास परसेंटेज ऑफ सॉल्यूट मास परसेंटेज ऑफ़ सॉल्वेंट निकाल लिया और मुझे उम्मीद है कि इन क्वेश्चंस के साथ आपको आईडिया लगा होगा कि कैसे क्वेश्चंस फ्रेम हो सकते हैं इन कांसेप्ट के ऊपर बेस ये तो बहुत आसान था क्यों बच्चों हम सभी ने नोटिस किया है यह चीज कि अगर हमारे पास एक गिवन लिक्विड हो उसके अंदर सारे सब्सटेंसस डिजॉल्ड्रिंग नोटिस करती हूं कि यह सॉल्ट जो है यह पानी में डिजॉल्ड्रिंग ऑयल वेजिटेबल ऑयल तो मैं क्या देखती हूं कि ये डिजॉल्ड्रिंग मैटर मैं इसे कितना मिलाने की कोशिश कर लूं बट स्टिल हम क्या देखते हैं कि ऑयल का जो है एक अलग से लेयर बना हुआ है और ऑयल जो है वो पानी में डिजॉल्वेशन कहानी कुछ ऐसी है कि सब्सटेंसस जो है वो सबके साथ डिजॉल्ड्रिंग इनफैक्ट हम इसे कहते हैं लाइक डिजॉल्ड्रिंग तो ऐसे बच्चों का ना आपस में अच्छा गैंग बन जाता है जो सारे स्टूडियस बच्चे हैं वो सारे साथ में बैठकर पढ़ते हैं पढ़ाई की डिस्कस करते हैं ग्रुप स्टडीज वगैरह करते रहते हैं तो उन्हें मजा आता है वो एक दूसरे के साथ मिक्स अप हो जाते हैं उसी तरह से जो पार्टी लवर्स होते हैं जिन्हें डांस गाना म्यूजिक पार्टी करना ये सब अच्छा लगता है ऐसे बच्चे अपने ही जैसे बच्चों के साथ लाइक माइंडेड बच्चों के साथ अपना गैंग बना लेते हैं और पार्टी करते रहते हैं है कि नहीं तो ठीक उसी तरीके से जो एक तरह की चीजें होती हैं वो एक दूसरे के साथ डिजॉल्ड्रिंग जरूरत नहीं है राइट ये तो बच्चों वाली चीजें हो गई क्योंकि हम 11 से पढ़ते आ रहे हैं पोलर नॉन पोलर राइट पोलर मॉलिक्यूल किसे कहते हैं हम जिन मॉलिक्यूल के अंदर एक पोलैरिटी होती है किस वजह से होती है ये पोलैरिटी इन मॉलिक्यूल के अंदर दो ऐसे एटम्स होते हैं जिनकी इलेक्ट्रोनेगेटिविटी में बहुत फर्क होता है एक बहुत ज्यादा इलेक्ट्रोनेगेटिव होता है तो शेयर्ड इलेक्ट्रॉन को अपनी तरफ खींचता है तो हल्का सा नेगेटिव चार्ज आ जाता है उसमें और दूसरा बेचारा उससे इलेक्ट्रॉन दूर चला जाता है तो उसमें थोड़ा पॉजिटिव चार्ज आ जाता है तो कुल मिला के उस मॉलिक्यूल के अंदर एक पोलैरिटी आ जाती है और हम पोलर मॉलिक्यूल कहते हैं ठीक है यह तो हमें पता ही था तो अब होगा क्या यहां पर जो पोलर मॉलिक्यूल है वो पोलर मॉलिक्यूल में डिजॉल्ड्रिंग दूसरा एग्जांपल हमने क्या देखा वाटर एंड ऑयल इसमें वाटर तो पोलर था लेकिन ऑयल क्या था नॉन पोलर इसीलिए ये डिजॉल्ड्रिंग है और हमारा ये जो ऑयल है ये भी नॉन पोलर है तो नॉन पोलर नॉन पोलर डिजॉल्ड्रिंग क्या चीज होती है राइट तो सॉल्युबिलिटी को हम कुछ ऐसे डिफाइन करते हैं कि मैक्सिमम अमाउंट ऑफ अ सब्सटेंस दैट कैन बी डिजॉल्ड्रिंग ऑफ सॉल्वेंट यानी कि अगर मेरे पास एक गिवन अमाउंट ऑफ सॉल्वेंट है उसमें हम कितना मैक्सिमम उस पर्टिकुलर सब्सटेंस को डिजॉल्ड्रिंग साल्ट ऐड किया इसे मिला दिया और हमने क्या देखा कि यह पूरा का पूरा सल्ट इसमें डिजॉल्ड्रिंग वो इसमें [प्रशंसा] से इतना पानी है इतना पानी जो है एक मैक्सिमम अमाउंट ऑफ सॉल्ट ही डिजॉल्ड्रिंग बच्चों यहां पर एक बहुत ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह है कि जब हम सॉल्युबिलिटी की बात करते हैं तो हम एक फिक्स्ड अमाउंट ऑफ सॉल्वेंट में उसकी बात करते हैं ठीक है हम एक फिक्स्ड टेंपरेचर में एक फिक्स्ड प्रेशर में उसकी बात करते हैं बोलने का मतलब है कि अगर इतना ही सॉल्वेंट रहे अगर ऐसा ही टेंपरेचर और ऐसा ही प्रेशर रहे तो जितना मैक्सिमम अमाउंट ऑफ सॉल्ट इसमें डिजॉल्ड्रिंग यानी कि उसके अंदर कुछ तो ऐसी जगह है जिसको आप सीट में कन्वर्ट कर सकते हो ठीक है मे बी उसका जो डिक्की वाला स्पेस है वो सीट में कन्वर्ट हो सकता है ठीक है तो आपके पास उस एक्सटेंड करने के ऑप्शन से दो एक्स्ट्रा सीट आपको मिल सकती है यानी कि नॉर्मली उस कार का जो कैपेसिटी था वो कितना था फाइव सीटर का लेकिन जब आपने उसके डिक्की को भी सीट में कन्वर्ट कर दिया तो उसकी कैपेसिटी कितनी हो गई सेवन सीटर का है ठीक उसी तरीके से जब हम सॉल्युबिलिटी की बात करते हैं हम कहते हैं कि एक गिवन अमाउंट ऑफ सॉल्वेंट में कितना मैक्सिमम सॉल्यूट जा सकता है दैट इज सॉल्युबिलिटी अब मैंने बोला नहीं मेरे पास तो एक्सटेंडेबल कार है नहीं हम क्या करेंगे हम इस ग्लास में और पानी मिलाएंगे हम पानी की क्वांटिटी डबल कर देंगे जैसे ही ऐसा करेंगे हम क्या देखेंगे कि ये थोड़ा सा और सॉल्ट डिजॉल्ड्रिंग जैसे ही उसका टेंपरेचर बढ़ने लगेगा आप क्या देखोगे उसकी सॉल्युबिलिटी भी बढ़ जाएगी वो सॉल्ट उसमें डिजॉल्ड्रिंग चीज है ये कुछ फैक्टर्स पे डिपेंड जरूर करते हैं जैसे कि नेचर ऑफ सॉल्यूट एंड सॉल्वेंट किस तरह का सॉल्यूट और किस तरह का सॉल्वेंट हम ले रहे हैं टेंपरेचर टेंपरेचर कैसा है राइट टेंपरेचर आप बढ़ा दोगे घटा दोगे तो सॉल्युबिलिटी भी चेंज हो जाएगी और तीसरा है प्रेशर प्रेशर को भी अगर आप बढ़ाओ ग या घटाओ तो सॉल्युबिलिटी आपकी चेंज हो जाएगी तो बच्चों सॉल्युबिलिटी के अंदर हम एगजैक्टली क्या डिस्कस करने वाले हैं जैसा कि मैंने पिछले वीडियो में ही बताया था कि इस लेसन में हमारा जो मेन एजेंडा है ना हमारा जो मेन फोकस है वो रहेगा लिक्विड सॉल्यूशंस पे राइट यानी कि सारे ऐसे सॉल्यूशंस जिनका सॉल्वेंट जो है दैट इज लिक्विड ठीक है तो यहां पर हम सॉल्युबिलिटी डिस्कस करेंगे फॉर सॉलिड इन लिक्विड लिक्विड इन लिक्विड गैस इन लिक्विड ये तीनों कैटेगरी के सॉल्यूशंस के लिए हम डिस्कस करेंगे सॉल्युबिलिटी तो सबसे पहले डिस्कस करेंगे हम सॉल्युबिलिटी ऑफ सॉलिड इन लिक्विड ठीक है तो सॉलिड इन लिक्विड वाले सॉल्यूशंस को डिस्कस करेंगे ठीक तो होता क्या है हम यह देखते हैं कि अगर एक लिक्विड में हम एक सॉलिड को डालते हैं डिजॉल्वेशन में उसका कंसंट्रेशन बढ़ जाता है बोलने का मतलब जैसे मान लो इस पानी में मैंने मिलाया सॉल्ट क्या डाला मैंने नमक डाला तो क्या हुआ इसमें से काफी सारा नमक जो है इसके अंदर जाके डिजॉल्वेशन है वो बढ़ गया इस सॉल्यूशन में राइट तो इस प्रोसेस को हम कहते हैं डिसोल्यूशन डिसोल्यूशन कहां से आया है ये वर्ड डिजॉल्ड्रिंग सबसे मजेदार बात यह है कि यहां पर एक प्रोसेस और हो रहा है हम ये भी नोटिस कर रहे हैं कि एक पॉइंट पर आने के बाद मैं जो सॉल्ट डाल रही हूं वो सारा का सारा सॉल्ट इसमें डिजॉल्वेशन के अंदर कुछ ऐसा हो रहा है कि काफी सारे सॉल्ट के पार्टिकल्स ऐसे होते हैं जो एक दूसरे के साथ मिल कर के अपना ग्रुप बना लेते हैं और इस सॉल्यूशन को छोड़ देते हैं तो सॉल्यूशन को छोड़ देते हैं यानी कि वह सॉल्यूशन में डिजॉल्वेशन के नीचे ऐसे अलग से पड़े हुए हमें दिख रहे हैं राइट तो ये जो प्रोसेस है जिसमें मेरा जो सॉल्ट का पार्टिकल है वो सॉल्यूशन को छोड़ के आ रहा है दैट इज कॉल्ड क्रिस्टलाइजेशन सिर्फ सॉल्ट के साथ ही नहीं शुगर के साथ भी आप करोगे तो आपको सेम चीज दिखेगी ठीक है हम सॉलिड इन लिक्विड की बात कर रहे हैं है ना तो सॉल्ट इन वाटर शुगर वाटर कुछ भी एग्जांपल आप ले सकते हो तो बच्चों यहां दो प्रोसेसेस चल रही थी कौन-कौन से दो प्रोसेस पहला डिसोल्यूशन जिसमें सॉल्ट जो है पानी में जाके डिजॉल्ड्रिंग बना के इस पानी में से निकल के आ जा रहा है ठीक इसे समझने के लिए हम लेंगे एक स्टोरी का एग्जांपल मैंने बात की थी कि पार्टी लवर्स वाली गैंग ऐसे बच्चों का एक गैंग जिन जिनमें सबको जो है ना जो एकदम पार्टी लवर्स हैं जिनको पार्टी करने में बड़ा अच्छा लगता है डीजे बजाओ डांस करो म्यूजिक चलेगा एंड दे एंजॉय दैट ठीक है तो अब लाइक माइंडेड बताया था मैंने जो जितने बच्चों को इस तरह की पार्टीज अच्छे लगते हैं वो सारे साथ में हो जाएंगे उनका एक गैंग बन जाएगा ठीक बन गया गैंग अब क्या हो रहा है लेट्स से धीरे-धीरे उस गैंग में और भी बच्चे जुड़ते जा रहे हैं और ज्यादा बच्चे आते जा रहे हैं आते जा रहे हैं आते जा रहे हैं जैसे कि उस ग्लास में मैं और ज्यादा सॉल्ट डालती जा रही थी डालती जा रही थी ठीक उसी तरह से इस गैंग में और ज्यादा पार्टी लविंग बच्चे आते जा रहे हैं ठीक है जैसे-जैसे इतने ज्यादा बच्चे आते जा रहे हैं क्या हो रहा है उस गैंग के अंदर भी छोटे-छोटे ग्रुप्स बन जा रहे हैं उस गैंग के अंदर भी कुछ बच्चे आपस में बोल रहे हैं नहीं यार मुझे ना ऐसा वाला म्यूजिक नहीं पसंद आ रहा है मुझे वैसा वाला म्यूजिक पसंद आ रहा है राइट समझ रहे हो बात को अब क्या हो रहा है कि उस बड़े से गैंग के अंदर में कुछ-कुछ बच्चे आपस में छोटे-छोटे ग्रुप्स बना के उस गैंग को छोड़ के निकल जा रहे हैं राइट समझ में आ रहा है ना डिसोल्यूशन मतलब ज्यादा से ज्यादा बच्चे उस गैंग को जवाइन कर रहे हैं क्रिस्टलाइजेशन मतलब अंदर से छोटे-छोटे ग्रुप्स बना के बच्चे उस गैंग से निकलते चले जा रहे हैं राइट समझ आ रही है बात तो एक तरफ बच्चे जुड़ रहे हैं गैंग में दूसरी तरफ से बच्चे निकल रहे हैं गैंग से है ना तो एक ऐसा पॉइंट आ जाता है जिसे हम केमिस्ट्री में कहते हैं इक्विलियम जब जितने बच्चे उस गैंग में आ रहे हैं नए घुस रहे हैं लेट्स से 10 बच्चे गैंग में घुसे दूसरी तरफ और बच्चे उधर से गैंग से निकल गए और उसी स्टेट को हम क्या कहते हैं इक्विलियम तो ऐसे ही सिचुएशन में क्या होगा जितने सॉल्यूट के पार्टिकल्स सॉल्यूशन के अंदर आ रहे हैं उतने ही सॉल्यूट के पार्टिकल्स सॉल्यूशन को छोड़ के बाहर भी तो जा रहे हैं है कि नहीं तो इस इक्विलियम को टू बी मोर स्पेसिफिक हम किस तरह का इक्विलियम कहते हैं इन्हें हम कहते हैं डायनामिक इक्विलियम क्योंकि इस इक्विलियम के अंदर इधर से बच्चे आ रहे हैं उधर से बच्चे जा रहे हैं तो डाय िक है स्टैटिक नहीं है तो मूवमेंट तो हो रही है लेकिन नेट नेट जो है सॉल्यूट का जो कंसंट्रेशन है उस सॉल्यूशन में दैट इज कांस्टेंट तो इस स्टेट में ऐसी स्थिति में हम कहते हैं कि यहां पर किस तरह का इक्विलियम सेटअप हो गया है डायनामिक इक्विलियम तो इसे हम अगर इक्वेशन के टर्म्स में लिखें तो हम लिख सकते हैं कि सॉल्यूट प्लस सॉल्वेंट गिव्स सॉल्यूशन बट दिस इज इन डायनेमिक इक्विलियम मतलब सॉल्यूट और सॉल्वेंट मिलके एक तरफ सॉल्यूशन बना रहे हैं दूसरे तरफ सॉल्यूशन में से सॉल्यूट और सॉल्वेंट अलग-अलग होके निकल जा रहे हैं तो मेरे प्यारे बच्चों इसका मतलब है कि वो जो हमारे पार्टी लवर्स का गैंग था ना उस गैंग का नेट साइज अब बढ़ नहीं रहा है जितने बच्चे जॉइन कर रहे हैं उतने ही बच्चे छोड़ के जा रहे हैं राइट और ऐसी ही स्थिति में ये जो एक सॉल्यूशन है जिसके अंदर अब ये इससे ज्यादा सॉल्यूट डिजॉल्वेशन को हम क्या कहते हैं सैचुरेटेड सॉल्यूशन सैचुरेशन मतलब यार अब मतलब मेरा बिल्कुल लिमिट आ चुका है मेरा बिल्कुल मैक्सिमम हो चुका है अब जो है इसके आगे मैं डिजॉल्ड्रिंग टेंपरेचर एक कांस्टेंट प्रेशर और एक गिवन अमाउंट ऑफ सॉल्वेंट की और दूसरी तरफ कोई भी ऐसा सॉल्यूशन जिसके अंदर अंदर हम अभी भी उसमें और भी सॉल्यूट डिजॉल्ड्रिंग इन लिक्विड का टेंपरेचर इफेक्ट मतलब इस सॉल्युबिलिटी पर टेंपरेचर का क्या असर होगा और यहां पर हम डिस्कस करेंगे लेच अटलियर्स प्रिंसिपल तो जिन बच्चों ने मेरे साथ केमिस्ट्री 11थ में भी पढ़ी है उन्होंने मेरे साथ लेच अटलियर्स प्रिंसिपल पढ़ा होगा इक्विलियम वाले चैप्टर में याद है याद है याद है सोचो सोचो नहीं याद है कोई बात नहीं अभी हम फिर से डिस्कस करेंगे तो लेज अटलियर्स प्रिंसिपल ये कहता था कि अगर हमारे पास कोई भी ऐसा सिस्टम है जो फिलहाल इक्विलियम पर है ठीक है और ऐसे सिस्टम के ऊपर अगर हम कुछ भी चेंज करते हैं फॉर एग्जांपल फिलहाल मैं एकदम शांति में हूं इक्विलियम में हूं अचानक से कुछ तो कंडीशंस चेंज हो गए भैया प्रेशर बढ़ा दिया टेंपरेचर बढ़ा दिया कुछ तो कर दिया तो ऐसे केस में जो इक्विलियम है वो उस तरफ शिफ्ट होता है जिस तरफ वो इस चेंज को अपोज कर सके मतलब जो मेरा सिस्टम है ना वो हमेशा इक्विलियम में ही रहना चाहता है वो वहां से उसे नया कुछ चेंज नहीं चाहिए तो इसीलिए सिस्टम हमेशा उस डायरेक्शन में शिफ्ट होगा जिस तरफ वो इस नए चेंज को अपोज कर सके ठीक ये ले च टेलियस प्रिंसिपल कहता था अब आते हैं हम इस कॉन्टेक्स्ट में सॉल्युबिलिटी के कॉन्टेक्स्ट में तो सॉल्युबिलिटी के कॉन्टेक्स्ट में लेच अटलियर्स प्रिंसिपल हमें दो बातें बताता है ठीक है ध्यान से सुनना यह दो बातें बताता है पहली बात कि अगर हमारा डिसोल्यूशन का जो ओवरऑल प्रो प्रोसेस है डिसोल्यूशन क्या होता है पता है ना सॉल्ट मिला रहे हैं पानी में सॉल्ट उसमें डिजॉल्ड्रिंग इज डिसोल्यूशन तो अगर मेरा ये पूरा डिसोल्यूशन का जो प्रोसेस है ये अगर एंडोर्स है एंडोर्स मतलब इसमें एनर्जी हीट जो है अब्जॉर्ब हो रही है तो ऐसे केस में टेंपरेचर इंक्रीज होगा सॉल्युबिलिटी भी इंक्रीज होगी अगर हमारा डिसोल्यूशन का प्रोसेस केस नंबर टू अगर डिसोल्यूशन का प्रोसेस एजोम है यानी कि नेट उसमें से एनर्जी रिलीज हो रही है तो वहां पर अगर हम टेंपरेचर को बढ़ाएंगे तो सॉल्युबिलिटी डिक्रीज होगी बस ये दो बातें थी अब बातें तो बस ये दो ही थी बहुत से बच्चों ने शायद टेक्स्ट बुक से ये पढ़ के याद भी कर लिया होगा रट लिया होगा मेमोरी टिप बना लिया होगा लेकिन क्या आपको यह समझ में आया कि ऐसा होता क्यों है और वही समझना सबसे ज्यादा जरूरी है कि जो कि हम अभी समझेंगे ठीक है तो हम बहुत ही मजेदार स्टोरी के साथ समझेंगे कि ये दोनों चीजें इस तरह से क्यों होती है तो सबसे पहले डिस्कस करेंगे हम अगर डिसोल्यूशन का प्रोसेस एंडोर्स हो पहले तो ये समझो डिसोल्यूशन एंडोर्स है इसका मतलब क्या हुआ इसका मतलब हुआ कि नेट नेट ये जो प्रोसेस है अब इस प्रोसेस के दौरान दो चीजें हो रही थी राइट एक तरफ जो सॉल्ट है वो पानी में जाके मिल रहा था दूसरी तरफ जो सॉल्ट है वो सॉल्ट सॉल्यूशन को छोड़ के निकल आ रहा था राइट तो बातें हो रही थी हमने डिस्कस किया था करेक्ट तो यानी कि एक तरफ बॉन्ड्स बन रहे थे दूसरे तरफ ब बंड्स टूट रहे थे अगर हम आपके पार्टी वाले गैंग की बात करें तो पार्टी लवर्स की जो गैंग थी उसमें एक तरफ बच्चे जॉइन कर रहे थे दूसरी तरफ बच्चे उस गैंग को छोड़ के जा रहे थे तो एक तरफ बॉन्ड बन रहे थे एक तरफ बॉन्ड टूट रहे थे राइट तो जब मैं कह रही हूं कि मेरा ओवरऑल डिसोल्यूशन जो है दैट इज एंडोर्स एंडोर्स मतलब यहां पर जो नेट नेट जो हीट है वो एब्जॉर्ब हो रही है तो इसका मतलब है कि जितने बॉन्ड्स बन रहे हैं क्योंकि जब बॉन्ड्स बनते हैं तो क्या होता है एनर्जी रिलीज होती है बॉन्ड्स बन रहे हैं दोस्ती हो रही है अरे यार और भी बच्चे आ गए हैं गैंग में चलो और डांस करते हैं और म्यूजिक बजाते हैं राइट तो एनर्जी और बढ़ जाती है ऐसे सोचो बॉन्ड्स बनेंगे तो एनर्जी रिलीज होती है लेकिन जब हम बॉन्ड्स टूटने की बात करते हैं तो बॉन्ड को तोड़ने के लिए हमेशा एनर्जी देनी पड़ती है यानी कि जो बॉन्ड टूट रहा होता है वो एनर्जी क्या करता है वो हीट को एब्जॉर्ब कर रहा होता है तो इसका मतलब जो बच्चे उस गैंग में घुस रहे हैं वह क्या कर रहे हैं एनर्जी रिलीज कर रहे हैं लेकिन जो बच्चे उस गैंग को छोड़ के जा रहे हैं उन्हें हमें एनर्जी देनी पड़ रही है क्योंकि हम उनके बॉन्ड को तोड़ रहे हैं उस गैंग से उस बच्चे की बॉन्ड को तोड़ रहे हैं तो उन्हें हमें एनर्जी देनी पड़ रही है ठीक है समझ आ गई बात अब हम कह रहे हैं कि डिसोल्यूशन का ओवरऑल प्रोसेस इज एंडोर्स यानी कि इस केस में जितना एनर्जी बॉन्ड फॉर्मेशन में रिलीज हो रहा है उससे कई ज्यादा एनर्जी अब्जॉर्ब हो रहा है दूसरी तरफ बॉन्ड के टूटते वक्त यानी कि इस केस में बच्चों को ग्रुप से निकलने के लिए ज्यादा एनर्जी चाहिए हो रही है वही मेरा सिचुएशन है अभी का राइट अगर मैं कहती हूं कि डिसोल्यूशन इज एंडोर्स रहे हो तो अभी का मेरा सिचुएशन क्या है कि जो बच्चे उस गैंग को छोड़ के निकल जा रहे हैं उन्हें ज्यादा एनर्जी की जरूरत है राइट दैट्ची में मैं कहती हूं कि भाई मैं टेंपरेचर बढ़ा रही हूं अब आप मुझे बताओ सॉल्युबिलिटी का क्या होगा टेंपरेचर बढ़ा रही हूं मैं बाहर से यानी कि मैं बाहर से एनर्जी दे रही हूं तो बच्चों को गैंग को छोड़ के जाने के लिए एनर्जी की जरूरत ज्यादा थी और अब मैं बाहर से वही एनर्जी दे रही हूं समझ रहे हो वही एनर्जी मैं बाहर से प्रोवाइड कर दे रही हूं कि भाई ये लो एनर्जी अब क्या होगा ये बच्चे निकलते जाएंगे दूसरी तरफ और बच्चे आते जाएंगे यह बच्चे निकलते जाएंगे उधर से और बच्चे आते जाएंगे और यह जो मेरा प्रोसेस है यह कंटिन्यूड रहेगा यानी कि जैसे-जैसे मैं बाहर से एनर्जी देती जा रही हूं वैसे-वैसे ज्यादा बच्चे जो हैं इसमें डिजॉल्ड्रिंग मैं यह कह सकती हूं कि जैसे-जैसे मैं टेंपरेचर को बढ़ाऊ वैसे-वैसे सॉल्युबिलिटी बढ़ेगा कब जब मेरा डिसोल्यूशन का ओवरऑल प्रोसेसेस एंडो धर्मिक समझ आई बात पक्की बात अमेजिंग चलो आगे देखें अब दूसरे केस में हम कहते हैं कि हमारा डिसोल्यूशन का जो ओवरऑल प्रोसेस है दैट इज एग्जोटिवली रिलीज हो रही है वो कई ज्यादा है कंपेयर्ड टू जितनी एनर्जी बॉन्ड को तोड़ने के लिए चाहिए ठीक है यानी कि इस केस में क्या हो रहा है जो बच्चे अंदर आ रहे हैं उस गैंग के अंदर जो बच्चे एंट्री मार रहे हैं वो कई ज्यादा है उनमें एनर्जी व्हेन कंपेयर टू जितनी एनर्जी छोड़ के जाने वालों को चाहिए तो यानी कि अभी का जो मेरा सिस्टम है इसमें क्या हो रहा है इसमें अंदर ऑलरेडी बहुत एक्सेस एनर्जी है समझ रहे हो पिछली बार क्या था एनर्जी की जरूरत थी एनर्जी की कमी थी क्योंकि जो छोड़ के जाने वाले थे उनके पास एनर्जी की कमी थी अब की बार क्या है कि एनर्जी एक्सेस में है क्योंकि जो बच्चे घुस रहे हैं उनके पास ऑलरेडी बहुत ज्यादा एनर्जी है तो मेरे सिस्टम में ऑलरेडी बहुत सारा एक्स्ट्रा एनर्जी है ठीक है यह मेरा सिचुएशन है अब मैंने क्या किया वही किया टेंपरेचर को बढ़ाया और मैंने पूछा कि बताओ सॉल्युबिलिटी का क्या होगा अब मैंने जब टेंपरेचर को बढ़ाया यानी कि मैंने हीट एनर्जी दिया बाहर से मतलब यार सिचुएशन कुछ ऐसी है कि ऑलरेडी ही सिस्टम के अंदर इतना सारा एक्स्ट्रा हीट एनर्जी है अब बाहर से भी कोई एनर्जी दे रहा है हमको नहीं चाहिए एनर्जी बाहर वाला राइट क्योंकि ऑलरेडी इतना एक्स्ट्रा एनर्जी है यार अब मुझे और नहीं चाहिए तो ऐसे केस में क्या होगा जब ऐसा सिचुएशन होगा तो जो ये डिजॉल्ड्रिंग जो है ना हमेशा वही काम करता है जिससे वो चेंज को अपोज कर सके ताकि वो इक्विलियम के और पास जा सके यहां पर क्या हो रहा है ऑलरेडी इतना एक्स्ट्रा हीट था उसके ऊपर से और आप एक्स्ट्रा हीट दे रहे हो मुझे नहीं चाहिए इतना एक्स्ट्रा हीट तो इसीलिए मैं क्या करूंगी अब जिस प्रोसेस से और एनर्जी रिलीज हो जैसे ही मैं और डिजॉल्ड्रिंग तो जो ये डिजॉल होने का प्रोसेस है ना ये कम होता जाएगा क्योंकि सिस्टम अपने अंदर और एक्स्ट्रा एनर्जी रिलीज नहीं करना चाहता है और इसी वजह से जब वो डिजॉल्वेशन का प्रोसेस एजोम होता है उस समय अगर हम टेंपरेचर को बढ़ाते हैं तो सॉल्युबिलिटी रिड्यूस अमेजिंग बच्चों अगर ये दोनों चीजें आपको समझ में आ गई ना तो ट्रस्ट मी आपको तो मजा आया ही होगा मुझे डबल मजा आ गया ठीक है चलो आगे बढ़ते हैं तो टेंपरेचर की कहानी तो खत्म हुई अब देखते हैं कि प्रेशर का क्या इफेक्ट होता है ऑन सॉल्युबिलिटी ऑफ सॉलिड्स एंड लिक्विड्स तो हम नोटिस करते हैं कि प्रेशर का एक्चुअली कुछ खास इंपैक्ट होता ही नहीं है क्यों क्योंकि जब हम सॉलिड्स और लिक्विड्स की बात करते हैं तो हम देखते हैं ये इन जनरल ही बहुत ज्यादा इनकंप्रेसिबल होते हैं फॉर एग्जांपल लेट अस सपोज ये डब्बा है मेरे हाथ में इसको अगर मैं कंप्रेस करने की कोशिश भी करती हूं ना ये अपने आप में में ही बहुत रिजिल होता है तो ये कंप्रेस होना नहीं चाहता है आसानी से राइट लेकिन वहीं अगर मैं गैसेस की बात बात करूं तो उनको अगर हम प्रेस करते हैं कंप्रेस करते हैं तो दे आर हाईली कंप्रेसिबल वो कंप्रेस हो जाते हैं राइट तो चूंकि प्रेशर का इंपैक्ट जो है ना वो सॉलिड्स और लिक्विड्स में इतना दिखता नहीं है एंड देयर फोर यहां पर जब हम सॉल्युबिलिटी की बात करेंगे तो यहां भी प्रेशर का कुछ खास असर पड़ता नहीं है तो प्यारे बच्चों अब हम डिस्कस करने वाले हैं अबाउट सॉल्युबिलिटी ऑफ गैसेस इन लिक्विड्स तो इससे पहले कि हम इस टॉपिक को स्टार्ट करें आप मुझे यह बताओ कि कहां पर आपने देखा है एक गैस एक लिक्विड में में सॉल्युबल है या फिर एक गैस डिजॉल्ड्रिंग पे जोर डालो जल्दी सोचो एगजैक्टली एक्वेटिक लाइफ ये जो मछलियां होती है मछली जल की रानी है मछलियां या और भी जितने भी एक्वेटिक लाइफ फॉर्म्स होते हैं उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है तो उन्हें वो ऑक्सीजन कहां से मिलता है जो ऑक्सीजन पानी में डिजॉल्ड्रिंग हैं कि गैस जो है वो लिक्विड में डिजॉल्ड्रिंग अलग-अलग होती है कुछ गैसेस ऐसे होते हैं जो वाटर में हाईली सॉल्युबल होते हैं जैसे कि हम सबसे पहले डिस्कस करेंगे कि सॉल्युबिलिटी ऑफ गैस इंड लिक्विड जो है यह किस तरीके से प्रेशर के साथ चेंज होता है तो प्रेशर इफेक्ट पहले डिस्कस करेंगे क्योंकि मैंने पहले ही बताया था कि गैसेस के ऊपर जो है ना प्रेशर का इंपैक्ट दिखता है क्यों क्योंकि गैसेस जो है ये हाईली कंप्रेसिबल होते हैं ठीक है तो हम ये देखते हैं कि गैसेस की जो सॉल्युबिलिटी है इट इंक्रीजस विद इंक्रीज इन प्रेशर जैसे-जैसे प्रेशर बढ़ाओ ग वैसे-वैसे सॉल्युबिलिटी बढ़ेगा कैसे इसका बोलने का मतलब क्या है एक छोटा सा इलस्ट्रेशन देखो लेट अस सपोज कि हमारे पास ये तीन कंटेनर है बिल्कुल एगजैक्टली सेम तीन कंटेनर है इन तीनों कंटेनर में मैंने सेम लिक्विड सेम क्वांटिटी में डाल रखा है ठीक है तो कंटेनर नंबर टूथ सेम साइज का है इसके अंदर सेम लिक्विड है सेम क्वांटिटी है और इस लिक्विड के ऊपर लेट्स से इन तीनों में हमने एक सेम गैस रखा हुआ है लेट्स से कार्बन डाइऑक्साइड गैस हमने इस बॉटल के इस कंटेनर के अंदर हमने रख रखा है इस लिक्विड के ऊपर ठीक है अब हम कहते हैं कि इन जो ये जो तीनों कंटेनर्स टूथ है इनके जो प्रेशर्स हैं ये अलग-अलग है लेट्स से पहले वाले कंटेनर का प्रेशर है p दूसरे वाले का है 2p तीसरे वाले का है 4p ठीक है तो प्रेशर जो है यह अलग-अलग है तीनों कंटेनर्स के ठीक तो इनकी जो सॉल्युबिलिटी होगी वो कैसी होगी तो सॉल्युबिलिटी सबसे ज्यादा होगी थर्ड कंटेनर की उसके बाद सेकंड कंटेनर की और सबसे कम सल बिलिटी होगी फर्स्ट कंटेनर की ऐसा क्यों क्योंकि प्रेशर जो है वह सबसे ज्यादा है थर्ड कंटेनर में उससे कम है सेकंड कंटेनर में और उससे भी कम है फर्स्ट कंटेनर में ठीक है तो सिंपल शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि जो सॉल्युबिलिटी है किसी भी गैस की एक लिक्विड के अंदर वो इंक्रीज होता जाएगा जैसे-जैसे प्रेशर इंक्रीज होगा वो डिक्रीज होता जाएगा जैसे-जैसे प्रेशर डिक्रीज होगा और यही बात कही थी हेनरी भाई साहब ने इन हेनरीज लॉ तो चलो हेनरीज ल लॉ देखते हैं तो चलो बच्चों अब हम डिस्कस करते हैं हेनरीज लॉ तो हेनरीज लॉ ये कहता है कि सॉल्युबिलिटी ऑफ अ गैस डिपेंड्स ऑन द पार्शियल प्रेशर ऑफ द गैस प्रेजेंट अबोव द सरफेस ऑफ अ लिक्विड और सॉल्यूशन मतलब जैसा कि ये पिक्चर हमने अभी-अभी देखा था कि इस कंटेनर में जो गैस है जो कि एक लिक्विड के ऊपर है या एक सॉल्यूशन के ऊपर है इस गैस का जो सॉल्युबिलिटी होगा ये किससे डायरेक्टली प्रोपोर्शनल होगा इसके पार्शियल प्रेशर से ठीक है तो हम देखते हैं कि सॉल्युबिलिटी डायरेक्टली प्रोपोर्शनल हो होता है पार्शियल प्रेशर के पार्शियल प्रेशर डायरेक्टली प्रोपोर्शनल होता है मोल फ्रैक्शन के राइट तो मतलब ये तीनों चीजें आपस में कनेक्टेड है अगर हम हेनरीज लॉ को मैथमेटिकली देखें तो हम देखते हैं कि पार्शियल प्रेशर जिसे हम स्मल p से डिनोट करते हैं इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू काई काई बोले तो मोल फ्रैक्शन काई एक ग्रीक लेटर होता है जो स्मॉल काई जो होता है वो x के जैसा दिखता है थोड़ा बहुत तो p इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू काई जिसे हम लिख सकते हैं p इ इ k * काई यहां पर के क्या है ये एक कांस्टेंट है जिसे हम कहते हैं हेनरीज कांस्टेंट अब मैं बता दूं कि हेनरीज कांस्टेंट की जो वैल्यू है ये अलग-अलग सब्सटेंस के लिए अलग-अलग गैसेस के लिए इसकी अलग-अलग वैल्यूज होती हैं तो हम कह सकते हैं कि हर एक गैस का एक कैरेक्टरिस्टिक हेनरीज कांस्टेंट होता है तो हेनरीज लॉ के एक्सप्रेशन पे अगर हम थोड़ा अच्छे से फोकस करें तो हम क्या देखते हैं दिस इज p इ इक्वल टू k * का मान लो मैं बात करती हूं एक ऐसे सिचुएशन की जहां पर प्रेशर मेरा कांस्टेंट है लेट्स से आई एम टॉकिंग अबाउट अ गिवन प्रेशर एक पर्टिकुलर गिवन प्रेशर में ठीक है अगर मैं देखूं तो हेनरीज कांस्टेंट और मोल फ्रैक्शन जो है ये इन्वर्सली प्रोपोर्शनल होंगे राइट एक गिवन प्रेशर पे क्यों क्योंकि p = k * काई है इसका मतलब है काई विल बी इक्वल टू p / k राइट तो अगर p मेरा कांस्टेंट है तो k और काई ये दोनों क्या हो गए इन्वर्सली प्रोपोर्शनल यानी कि अगर के की वैल्यू ज्यादा होगी अगर हेनरीज कांस्टेंट की वैल्यू ज्यादा होगी तो मोल फ्रैक्शन की वैल्यू कम होगी अगर मोल फ्रैक्शन की वैल्यू कम होगी तो सॉल्युबिलिटी कम होगी राइट हमने देखा था ना अभी तुरंत कि सॉल्युबिलिटी डिपेंड करता है प्रेशर पे प्रेशर डिपेंड करता है मोल फ्रैक्शन पे तो मोल फ्रैक्शन जैसे-जैसे चेंज होगा सॉल्युबिलिटी वैसे-वैसे चेंज होगी तो एट अ गिवन प्रेशर अगर हेनरीज कांस्टेंट ज्यादा तो मोल फ्रैक्शन कम तो सॉल्युबिलिटी कम ठीक है यह बात क्लियर हो गई अब इस बात का एक बहुत ही मजेदार एग्जाम या एप्लीकेशन देती हूं आपने नोटिस किया है कि ये जो एक्वेटिक लाइफ की हम बात कर रहे थे फॉर एग्जांपल मछलियां ठीक है ये हमेशा कोल्ड वाटर को ज्यादा प्रेफर करती है राद देन हॉट वाटर अधिकतर केस में आप देखोगे कि ये कोल्ड वाटर ज्यादा प्रेफर करती है ऐसा क्यों क्योंकि मछलियों को क्या चाहिए होता है इन्हें चाहिए होता है ऑक्सीजन डिजॉल्ड्रिंग ठीक है कि नहीं अब देखो क्या होता है ऑक्सीजन की अगर हम बात करें तो इसका भी एक कैरेक्टरिस्टिक के की वैल्यू होती है यानी कि एक हेनरीज कांस्टेंट का एक स्पेसिफिक वैल्यू होगा ऑक्सीजन के लिए और हम देखते हैं कि के की जो ये वैल्यू है जैसे-जैसे टेंपरेचर बढ़ता है के की वैल्यू भी बढ़ती है ठीक है तो अगर के की वैल्यू बढ़ जाएगी तो क्या होगा मोल फ्रैक्शन कम हो जाएगा सॉल्युबिलिटी कम हो जाएगी तो इसका मतलब अगर मछलियां गर्म पानी में रहती हैं राइट अगर गर्म वाटर वार्म वाटर में रहेंगी तो टेंपरेचर ज्यादा होगा केच की वैल्यू कम होगी मोल फ्रैक्शन कम होगा सॉल्युबिलिटी कम होगी तो यानी कि गर्म पानी में ऑक्सीजन की जो सॉल्युबिलिटी है पानी में वो कम होगी तो मछलियों को कम ऑक्सीजन अवेलेबल होगा है ना तो इसीलिए मछलियां प्रेफर करती हैं कि वो कोल्ड वाटर्स में रहे तो बच्चों एक और एप्लीकेशन देखते हैं जहां पर हमें ना ये सॉल्युबिलिटी ऑफ गैस इन लिक्विड देखने को मिलता है और उसमें हमें प्रेशर का रोल भी देखने को मिलता है सोचो सोचो सोचो सोचो कोल्ड ड्रिंक ये जो थम्स अप कोका कोला पेप्सी कोई सी भी कोल्ड ड्रिंक की बात कर लो कोई सी भी सोडा वाटर की बात कर लो अगर आप देखोगे तो इसमें क्या होता है उसमें आपको बबल्स मिलते हैं देखने को सो लेट अस से अगर मैं इस सोडा वाटर बॉटल की बात करूं जो अभी सील्ड है ठीक है तो आप क्या देखोगे अंदर अगर ध्यान से देखो ना इसमें आपको छोटे-छोटे बबल्स दिखते हैं राइट है ना ये बबल्स क्या है इसके अंदर कार्बन डाइऑक्साइड को डिजॉल्वेशन देखो ये बिल्कुल हाई प्रेशर में सील्ड रहता है ये बॉटल हाई प्रेशर क्यों प्रेशर को अगर हाई रखोगे तो सॉल्युबिलिटी भी हाई होगा हेनरीज लॉ यार है ना तो इसको हमने हाई प्रेशर में सील किया ताकि कार्बन डाइऑक्साइड की इस लिक्विड में जो सॉल्युबिलिटी है वो एकदम ज्यादा रहे इसीलिए देखो एकदम कार्बन डाइऑक्साइड इसमें सॉल्युबल फॉर्म में दिख रहा है हमें ठीक है लेकिन जैसे ही हम इस बोटल को ओपन करते हैं तो क्या होता है ये जो हाई प्रेशर है वो प्रेशर एकदम से डिक्रीज हो जाता है प्रेशर एकदम से डिक्रीज हो जाता है तो सॉल्युबिलिटी भी एकदम से क्या होती है डिक्रीज हो जाती है और सॉल्युबिलिटी डिक्रीज हो जाती है तो क्या होता है हम देखते हैं कि इसमें से बबल्स निकल के आते हैं जैसे ही आप इसे खोलते हो इसकी सील को खोलते हो तो जो बबल्स हैं वो ऐसे यूं ऊपर से निकलते हुए आते हुए आपको दिखते हैं एंड दोज बबल्स आर नथिंग बट कार्बन डाइऑक्साइड गैस तो बच्चों अब हम देखेंगे एक और बहुत इंटरेस्टिंग एग्जांपल इसी कांसेप्ट का व्हिच इज स्कूबा डाइविंग स्कूबा ड्राइवर्स देखा होगा आपने अगर आप कोई टूरिस्ट प्लेस में गए हो यूं पूरा एकदम सिलेंडर विलेडर के साथ मास्क वास्क लगा के एकदम त र हो के हम समुंदर के नीचे चले जाते हैं बहुत नीचे जाके वहां के नीचे जो एक्वेटिक प्लांट्स हैं जो एक्वेटिक लाइफ है उसको एकदम पास से देखते हैं एंड एंजॉय करते हैं सो दैट्ची है तो अब होता क्या है देखो यहां पर बहुत क्रिटिकल है बहुत इंपॉर्टेंट है तो जब वो स्कूबा डाइवर्सिटी देखो लॉजिकली सोचो मान लो बिल्कुल मेरे ऊपर कोई यूं प्रेशर लगा है तो क्या होगा मैं बिल्कुल पिचक जाऊंगी राइट अगर बहुत जोर से प्रेशर लगाया जाए इन अ सिमिलर वे जब ये स्कूबा डावर्स एकदम नीचे चले जाते हैं तो बाहर का जो एक्सटर्नल प्रेशर है वो बहुत ज्यादा होता है इतना ज्यादा होता है कि बॉडी के जो इंटरनल ऑर्गन्स हैं जैसे चेस्ट है लंग्स है ये सारे कोलप्पन के पीछे ना ऐसे से सिलेंडर्स लगे होते हैं एंड दैट्ची है तो ये जो एयर ब्रीद इन कर रहे हैं लेट दैट बी एट अ वेरी हाई प्रेशर तो एक हाई प्रेशर एयर जो है वो ब्रीद इन करते हैं ताकि ठीक है बाहर से बहुत हाई प्रेशर है एक्सटर्नल प्रेशर अब हमने क्या किया ब बॉडी के अंदर भी एक हाई प्रेशर क्रिएट कर दिया तो अंदर का जो हाई प्रेशर है वो बाहर के हाई प्रेशर को बैलेंस करेगा राइट बाहर से इसको ऐसे पिचका की कोशिश कर रहा है अंदर का प्रेशर जो है वो यूं उसे अपोज कर रहा है राइट तो इस तरीके से हम यह डेप्थ में जो हाई प्रेशर का जो लफड़ा है उसे हम सॉल्व कर लेते हैं चलो ठीक है अभी के लिए तो ये सॉल्व हो गया लेकिन अब ये जो ड्राइवर्स हैं ये वापस ऊपर उठके सरफेस पे भी तो आएंगे पूरे टाइम ये नीचे तो रहेंगे नहीं तो जैसे-जैसे ये ऊपर सरफेस की तरफ आएंगे क्या होगा बाहर का जो एक्सटर्नल प्रेशर है वो कम होता जाएगा जैसे-जैसे बाहर का प्रेशर कम होता जाएगा तो जो वो अंदर ब्रीद इन कर रहे थे वो जो एयर का प्रेशर था वो भी कम होता जाएगा राइट और प्रेशर के साथ क्या लिंक्ड है सॉल्युबिलिटी इससे पहले तक प्रेशर बहुत ज्यादा था तो सॉल्युबिलिटी भी बहुत ज्यादा थी तो एज अ रिजल्ट ये जो गैसेस हमारे एटमॉस्फेयर में होता है जैसे कि नाइट्रोजन वगैरह ये सब कुछ क्या हो रहा था नाइट्रोजन ऑक्सीजन सब कुछ हाईली सॉल्युबल था तो ये अंदर हमारे ब्लड में बिल्कुल सॉल्युबल हो गया अच्छे से अब ऑक्सीजन तो भाई बहुत सारे मेटाबॉलिक प्रोसेस में यूज हो गया लेकिन नाइट्रोजन का का क्या अब क्या हुआ जैसे ही वो बंदा सरफेस पे आने लगा तो नाइट्रोजन की सॉल्युबिलिटी कम होने लग गई समझ रहे हो ना बात को पहले तो नाइट्रोजन पूरा सॉल्युबल हो गया जब वो डेप्थ पे था क्योंकि प्रेशर अधिक था लेकिन जैसे वो सरफेस पे आ रहा है तो उसकी सॉल्युबिलिटी कम हो रही है तो नाइट्रोजन किस फॉर्म में निकल के आ रहा है बबल्स के फॉर्म में जैसा हमने अभी-अभी सोडा के बोतल में देखा राइट जैसे ही ढक्कन खोला तो प्रेशर कम हुआ प्रेशर कम हुआ तो अंदर का जो डिजॉल्ड्रिंग ठीक उसी तरह वही चीज होता है हमारे बॉडी के अंदर जैसे ही वो डावर्स कूबा डाइवसन का जो डिजॉल्ड्रिंग दिस इज वेरी डेंजरस ये जो नाइट्रोजन बबल्स होते हैं ये कई बार कैपिलरीज को ब्लॉक कर देते हैं कैपिलरीज आर बेसिकली ब्लड वेसल्स जो पतले पतले वेसल्स होते हैं जो हमारे बॉडी के अंदर ब्लड को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसपोर्ट करते हैं उनको ब्लॉक कर देते हैं और इससे कई बार इंसान के लिए यह लाइफ थ्रेटनिंग भी हो सकता है तो ऐसा ना हो इसके लिए क्या किया जाता है कि ये जो एयर होता है जो सिलेंडर्स होते हैं इन स्कूबा ड्राइवर्स के पास इसके अंदर जो एयर होता है उसे हम डाइल्यूट कर देते हैं डाइल्यूट कर देने से क्या होता है कि उसके अंदर जो नाइट्रोजन का कंसंट्रेशन है वो काफी कम हो जाता है तो उसमें हम मिला देते हैं हीलियम ताकि नाइट्रोजन का कंसंट्रेशन काफी कम हो जाए और इस तरह की लाइफ थ्रेटनिंग सिचुएशन अराइज ना हो तो बच्चों सॉल्युबिलिटी ऑफ गैस इन लिक्विड के बारे में हमने काफी सारी चीजें पढ़ी हेनरीज लॉ पढ़ा जो कि न्यूमेरिकल्स के लिए काफी इंपॉर्टेंट होता है तो चलो देखते हैं क्वेश्चन हेनरीज लॉ कांस्टेंट फॉर co2 इन वाटर इज 1.67 * 10 पावर 8 पास्कल्स एट 298 केल्विन ठीक है कैलकुलेट द क्वांटिटी ऑफ़ co2 इन 500 मलीर ऑफ सोडा वाटर व्हेन पैक्ड अंडर 2.5 एटमॉस्फेयर कार्बन डा ऑक्साइड प्रेशर एट 298 केल्विन ठीक है तो यह सोडा बॉटल वाली कहानी तो हमको समझ में आ गई है कि भैया हम हाई प्रेशर के अंदर इसको बंद कर देते हैं और इसी वजह से जैसे ही हम इसकी ढक्कन को खोलते हैं तो हमें वो बबल्स दिखते हैं व्हिच इज नथिंग बट कार्बन डाइऑक्साइड ठीक है तो चलो अब यहां पर लगाएंगे हम हेनरीज लॉ ठीक है क्या-क्या दिया हुआ है हेनरीज लॉ कांस्टेंट इज गिवन यानी कि के की वैल्यू यहां पर दी हुई है 1.67 * 10 टू पावर 8 पास्कल्स और क्या दिया हुआ है प्रेशर इज़ गिवन जज़ 2.5 एफर तो इसे भी अगर मैं पास्कल में कन्वर्ट करूं तो यह कितना आ जाएगा 2.5 * 1.01 * 10 ^ 5 पास्कल्स ठीक है तो यह आ जाएगा 2.53 3 * 10 पा 5 पास्कल्स ठीक अब हम लोग लगाएंगे हेनरीज लॉ तो तो हेनरीज लॉ क्या कहता है हेनरीज लॉ कहता है कि प्रेशर ऑफ co2 विल बी इक्वल टू हेनरीज कांस्टेंट इनटू काई काई क्या होता है मोल फ्रैक्शन राइट सिंपल सा यही तो होता है हेनरीज लॉ ठीक है चलो अब यहां पर देखो प्रेशर हमें पता है के एच की वैल्यू यानी कि कांस्टेंट की वैल्यू हमें पता है तो यानी कि बड़ी आराम से हम यहां पर काई की वैल्यू निकाल सकते हैं ठीक है तो काई की वैल्यू क्या हो जाएगी प्रेशर यानी कि 2.53 3 * 10 टू पावर 5 पास्कल्स डिवाइडेड बाय के कांस्टेंट यानी कि 1.67 * 10 टू पावर 8 तो ये काई की वैल्यू निकल कर के आ जाएगी 0.0012 ठीक है तो हमने क्या निकाला मोल फ्रैक्शन निकाला निकालना क्या है ये तो मोल फ्रैक्शन हो गया मुझे निकालना क्या है कैलकुलेट द क्वांटिटी ऑफ co2 मुझे एग्जैक्ट इसकी क्वांटिटी की बात करनी है मतलब मुझे ग्राम्स में बताना है कि भैया इतना ग्राम co2 था उसमें है ना तो अब वो बताने के लिए आई एम प्रिटी श्यर आप सबको समझ में आ रहा होगा कि मोल फ्रैक्शन काफी काम आने वाला है राइट इस मोल फ्रैक्शन को हम क्या लिख सकते हैं तो अगर हम देखें तो मोल फ्रैक्शन को हम लिख सकते हैं नंबर ऑफ मोल्स ऑफ co2 ये किसका मोल फ्रैक्शन है co2 का सो नंबर ऑफ मोल्स ऑफ़ co2 डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ मोल्स ऑफ co2 प्लस नंबर ऑफ ऑफ मोल्स ऑफ वाटर है ना तो नंबर ऑफ मोल्स ऑफ कार्बन डाइऑक्साइड डिवाइडेड बाय टोटल नंबर ऑफ मोल्स ऑफ़ कार्बन डाइऑक्साइड एंड वाटर यहां पर कार्बन डाइऑक्साइड और वाटर ये दो ही चीजें तो है नाउ दिस इज इक्वल टू 0.0012 ठीक है यहां तक भी सब क्लियर है अब हमें यह भी पता है कि भैया जब हम डाइल्यूट सॉल्यूशन की बात करते हैं कि भाई उसमें पानी बहुत ज्यादा है और सॉल्यूट काफी कम है वहां पर हम इस चीज को थोड़ा सा और सिंपलीफाइड वर्जन में लिख सकते हैं क्योंकि उस केस में क्या होगा co2 जो है इसके नंबर ऑफ मोल्स वाटर के मुकाबले काफी कम होंगे तो इसीलिए इसे मैं क्या लिख सकती हूं नंबर ऑफ मोल्स ऑफ co2 डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ मोल्स ऑफ h2o समझ रहे हो ना नंबर ऑफ मोल्स बहुत सारे नंबर ऑफ मोल्स ऑफ वाटर के साथ थोड़े से नंबर ऑफ मोल्स ऑफ कार्बन डाइऑक्साइड ऐड किया तो ये एडिशन इज ऑलमोस्ट नेगलिजिबल तो इसीलिए इसको हम गायब कर सकते हैं दिस इज इक्वल टू 0.0012 ठीक है अब हम क्या निकालेंगे यहां से मेरा टार गट है निकालना नंबर ऑफ मोल्स ऑफ co2 इसकी वैल्यू हमें निकालनी है देखो कैसे निकालते हैं उसके लिए मुझे जरूरत पड़ेगी नंबर ऑफ मोल्स ऑफ वाटर की वाटर के नंबर ऑफ मोल्स ऑफ मोल्स हम कैसे निकालेंगे गिवन मास ऑफ वाटर डिवाइडेड बाय द मोलर मास ऑफ वाटर ठीक है तो यहां पर देखो गिवन दिया हुआ है क्या बिल्कुल दिया हुआ है मेरे पास दिया हुआ है ना 500 एए ऑफ सोडा वाटर राइट तो मतलब वाटर का वॉल्यूम दिया हुआ है और मुझे क्या पता है डेंसिटी इज इक्वल टू मास बा वॉल्यूम और वाटर की डेंसिटी तो वन होती है है ना तो इस केस में हमें क्या पता है गिवन मास वाटर का कितना है 500 ठीक है और मोलर मास कितना होता है 18 राइट हाइड्रोजन का वन उसके दो एटम्स हैं ऑक्सीजन का 16 तो कितना हो गया 18 ग्रास तो यह हो जाएगा 18 500 / 18 ठीक है तो यह नंबर ऑफ़ मोल्स ऑफ़ वाटर हो गया अब मैं आराम से नंबर ऑफ़ मोल्स ऑफ़ co2 निकाल सकती हूं जो कि हो जाएगा 0.0012 * नंबर ऑफ मोल्स ऑफ़ वाटर दैट इज 500 / 18 तो इसकी वैल्यू निकल कर के आ जाएगी हमारी ठीक है सो दिस कम्स आउट टू बी 0.042 तो ये क्या निकला ये निकला नंबर ऑफ मोल्स ऑफ़ co2 तो पहले देखो स्टेप बाय स्टेप जा रहे थे हम सबसे पहले हमने निकाला मोल फ्रैक्शन ऑफ co2 फिर उससे हमने निकाला नंबर ऑफ मोल्स ऑफ़ co2 बट मुझे निकालना है क्वांटिटी ऑफ co2 यानी कि मुझे निकालना है एग्जैक्ट अमाउंट ऑफ co2 तो अब देखो हमें क्या पता है नंबर ऑफ मोल्स किसी भी चीज का नंबर ऑफ मोल्स कितना होता है जो गिवन अमाउंट होता है या फिर गिवन मास होता है कुछ भी कह लो गिवन अमाउंट गिवन मास डिवाइडेड बाय मोलर मास है ना यही होता है तो यहां से हम कह सकते हैं कि जो क्वांटिटी ऑफ co2 या अमाउंट ऑफ co2 होगा वो कितना होगा वो हो जाएगा नंबर ऑफ मोल्स ऑफ co2 * मोलर मास co2 का मोलर मास कितना होगा चलो यहां पर देखते हैं co2 है तो कार्बन का हो जाएगा 12 ऑक्सीजन का हो जाएगा 16 बट ऑक्सीजन के दो एटम्स है सो 32 + 12 44 हो जाएगा ठीक है तो दिस इनटू 44 तो यानी कि 042 * 44 व्हिच इज इक्वल 1.84 ग्रा तो ये हो जाएगा क्वांटिटी ऑफ स एग्जैक्ट ग्राम्स में कितना co2 था इस सोडा वाटर के बोटल के अंदर ठीक है तो इसको हमने कितने स्टेप में किया इसको हमने तीन स्टेप में किया सबसे पहले मोल फ्रैक्शन निकाला उसके बाद नंबर ऑफ मोल्स निकाला और उसके बाद निकाला एग्जैक्ट अमाउंट ऑफ co2 ये तो बहुत आसान था क्यों बच्चों तो बच्चों अब हम डिस्कस करने वाले हैं हमारा अगला इंपॉर्टेंट टॉपिक जो कि है वेपर प्रेशर ठीक है इससे पहले कि हम समझे कि वेपर प्रेशर क्या होता है पहले मैं थोड़ा सा कॉन्टेक्स्ट दे देती हूं कि यहां पर हम क्या बातें करेंगे तो वेपर प्रेशर जो हम डिस्कस करेंगे ये भी हम लिक्विड सॉल्यूशंस के लिए करेंगे स्पेशली हम सॉलिड इन लिक्विड एंड लिक्विड इन लिक्विड ये दो तरह के सॉल्यूशंस के लिए डिस्कस करेंगे शुरुआत करेंगे लिक्विड इन लिक्विड सॉल्यूशंस के साथ उसमें भी हम स्पेसिफिकली कंसीडर करेंगे बाइनरी सॉल्यूशंस मतलब ऐसा सॉल्यूशन जिसके अंदर सिर्फ दो कंपोनेंट है और वो दोनों कंपोनेंट लिक्विड हैं और वो दोनों कैसे लिक्विड्स हैं दोनों वोलेटाइल लिक्विड्स हैं अब आप पूछोगे वोलेटाइल क्या होता है वोलेटाइल और नॉन वोलेटाइल सब्सटेंसस क्या होते हैं वोलेटाइल वो चीजें होती हैं जो वेपो आइज हो जाती हैं जैसे कि फॉर एग्जांपल लेट्स से केरोसिन या पेट्रोल या ईथर इन चीजों को अगर आप हीट करोगे तो यह अपने वेपर फॉर्म में कन्वर्ट हो जाते हैं दूसरी तरफ अगर आप ऐसी चीजों की बात करो जैसे कि शुगर शुगर को अगर आप हीट करोगे तो यह वेपराइज नहीं होगा सो शगर इज अ नॉन वोलेटाइल सब्सटेंस ठीक है अब आप सोच रहे होंगे कि मैम वेपर प्रेशर पढ़ना है तो यह तो बताओ वेपर प्रेशर होता क्या है राइट तो चलो अब देखते हैं कि वेपर प्रेशर क्या होता है नाम पे ध्यान दो वेपर प्रेशर यानी कि एक ऐसा प्रेशर है जो कौन एजर्टन एजर्टन प्रेजेंट है तो लेट्स से एक लिक्विड है उसके ऊपर जो वेपर प्रेजेंट है वो जो प्रेशर एजर्टन ठीक और अच्छे से समझेंगे लेट अस सपोज कि हमारे पास एक कंटेनर है ठीक है एक बर्तन है जो ऊपर से खुला हुआ है ओपन कंटेनर ठीक है इसके अंदर मैंने पानी लिया पानी को मैंने गर्म किया गर्म किया गर्म किया पानी को क्या होगा पानी के साथ ये वेपराइज होगा ये वाटर वेपर में चेंज हो जाएगा ठीक है लेकिन चूंकि मेरा कंटेनर खुला है तो क्या होगा ये वाटर वेपर ये उड़ जाएगा गायब हो जाएगा भाग जाएगा राइट तो यहां पर हम वेपर प्रेशर को डिस्कस कर ही नहीं सकते क्योंकि यह जो वेपर है ना यह तो चला जा रहा है भाई यह कोई प्रेशर एजर्टन रहा है लेकिन मान लो मेरे पास सेम सेटअप है लेकिन ये जो कंटेनर है ये क्लोज्ड है कंटेनर ऊपर से बंद है अब क्या होगा अब मैं पानी को हीट कर रही हूं हीट कर रही हूं हीट कर रही हूं तो वाटर जो है वो वाटर वेपर में कन्वर्ट होगा लेकिन वेपर के पास भागने के लिए जगह ही नहीं है बेचारा वेपर अब ये क्या करेगा ये सारा प्रेशर किस पे एजर्टन राइट और इसी प्रेशर को हम कहते हैं वेपर प्रेशर बात समझ आई आसान था बहुत बढ़िया अब सोचने वाली बात यह है कि जब हमने पानी को हीट किया तो पानी वाटर वेपर में कन्वर्ट हुआ बट वाटर के कौन से वो मॉलिक्यूल थे जो वटर वेपर में कन्वर्ट हुए सोचो ध्यान से सोचो अगर बहुत ध्यान से आप सोचोगे इस बारे में तो इस कंटेनर के अंदर जितने भी वाटर के मॉलिक्यूल थे जो वाटर के मॉलिक्यूल सरफेस पर थे एकदम ऊपर थे उनकी एनर्जी सबसे ज्यादा थी क्योंकि जो अंदर वाटर मॉलिक्यूल थे उनको तो आसपास के वाटर मॉलिक्यूल ने यू नो खींच तान के रखा हुआ था राइट उ उनको हर तरफ से कोई ना कोई खींच रहा था अब अगर मान लो मुझे हर तरफ से कोई खींच के रखेगा तो मैं ओबवियसली आगे नहीं बढ़ पाऊंगी राइट तो कुछ वैसा ही हो रहा था अंदर के वाटर मॉलिक्यूल के साथ लेकिन जो वाटर मॉलिक्यूल ऊपर सरफेस पे थे इनके पास सबसे ज्यादा एनर्जी है ये सबसे ज्यादा फ्री है कंपैरेटिव ठीक है इसी के वजह जसे चूंकि ज्यादा एनर्जी है ज्यादा जोश में है तो ये फुर हो जाते हैं जैसे ही आप इसे हीट करते हो तो कहने का मतलब है कि हमेशा जभी भी आप किसी लिक्विड को हीट करते हो तो सरफेस पे जो मॉलिक्यूल होते हैं वो वेपराइज कर जाते हैं आप फर्द हीट करते रहते हो तो क्या होता है फिर से जो नीचे के मॉलिक्यूल थे वो सरफेस पर आ जाते हैं फिर वो वेपराइज हो जाते हैं फिर उसके बाद अगला जो सरफेस पे आता है वो वेपराइज होता है एंड दिस प्रोसेस कंटिन्यूज ठीक है यहां तक भी बात समझ में आई अमेजिंग अब देखो अब हम समझेंगे यह लिक्विड लिक्विड सॉल्यूशन का केस जहां पर मैंने बोला कि मैंने दो लिक्विड्स लिए सच दैट कि दोनों वोलेटाइल लिक्विड्स हो अब आप सोचो कि मैंने वोलेटाइल लिक्विड ही क्यों लिया सोचो थोड़ा सा सोचो यार अगर मैं वोलेटाइल लिक्विड लूंगी तभी तो वो लिक्विड जो है वो वेपर फॉर्म में कन्वर्ट होगा जब वो वेपर फॉर्म में कन्वर्ट होगा तभी तो वो वेपर प्रेशर एजर्टन अगर वो नॉन वोलेटाइल उसमें से कोई कंपोनेंट होगा या दोनों कंपोनेंट अगर नॉन वोलेटाइल होंगे तो कोई वेपराइज होगा ही नहीं तो फिर वेपर प्रेशर की बात मैं कैसे कर पाऊंगी है कि नहीं तो इसलिए शुरुआत करेंगे हम एक ऐसे सिचुएशन से जहां पर मेरे पास दो लिक्विड्स हैं दोनों वोलेटाइल लिक्विड्स हैं और हम वेपर प्रेशर की बात करेंगे तो बच्चों हम ये देखते हैं कि ये जो कहानी है ना अपनी जिसमें हमारे पास एक लिक्विड है हम उसको हीट कर रहे हैं वो वेपराइज हो रहा है ये जो कहानी है हमारी इस कहानी में हम देखेंगे कि एक ऐसा स्टेज आ जाता है जब एक इक्विलियम एस्टेब्लिश हो जाता है लिक्विड फेज और वेपर फेज में ठीक है तो फिलहाल मेरे पास क्या है मेरे इस क्लोज्ड कंटेनर के अंदर क्लोज्ड कंटेनर याद रखना है क्योंकि वेपर प्रेशर की बातें सिर्फ क्लोज्ड कंटेनर में ही हो सकती है तो लेट्स से कि मेरे इस क्लोज्ड कंटेनर के अंदर एक ऐसा सॉल्यूशन है जिसके अंदर दो ही लिक्विड्स हैं ठीक है और ये दोनों लिक्विड्स कैसे हैं ये वोलेटाइल लिक्विड्स हैं लेट्स से वन और टू ये दोनों मेरे कंपोनेंट्स हैं इस सॉल्यूशन के अंदर ओके ठीक है अब अगर मैं इस सॉल्यूशन को हीट करूं तो क्या होगा ये जो लिक्विड्स हैं ये वेपराइज होंगे अपने वेपर फॉर्म में जाएंगे अब इसी कंटेनर के अंदर नीचे लिक्विड है ऊपर वेपर है एक तरफ लिक्विड से वेपर बन रहा है दूसरी तरफ ये जो वेपर है ये वेपर के पास भी तो मतलब कुछ और करने का है नहीं तो इसमें से भी कुछ-कुछ वेपर जो है वापस कंडेंस होके लिक्विड फॉर्म में आ रहे हैं राइट तो एक डायनामिक इक्विलियम यहां पर सेटअप हो जा रहा है इधर लिक्विड से वेपर उधर वेपर से लिक्विड लिक्विड से वेपर वेपर से लिक्विड ये एक डायनामिक इक्विलियम वाली स्टेट आ जा रही है जहां पर लिक्विड फेज और वेपर फेज जो है ये इक्विलियम पर है ठीक अब बात करेंगे हम वेपर प्रेशर की तो यहां पर जो टोटल वेपर प्रेशर होगा वो कितना होगा जो टोटल वेपर प्रेशर है वो किसके वजह से है दोनों कंपोनेंट की वजह से है राइट सो टोटल वेपर प्रेशर विल बी इक्वल टू द पार्शियल प्रेशर ऑफ कंपोनेंट वन प्लस पार्शियल प्रेशर ऑफ कॉम्पोनेंट टू इन दोनों के कंट्रीब्यूशन से ही टोटल वेपर प्रेशर आ रहा है है कि नहीं तो बच्चों एगजैक्टली यहीं पर एगजैक्टली यहीं पर आता है राउट्स लॉ तो राउल्ट एक फ्रेंच केमिस्ट थे जिन्होंने एक बहुत ही इंपॉर्टेंट एक बहुत ही बेसिक रिलेशनशिप एस्टेब्लिश किया बिटवीन पार्शियल प्रेशर एंड मोल फ्रैक्शन ठीक है तो राउट्स लॉ ये कहता है कि अगर हमारे पास कोई भी ऐसा सॉल्यूशन हो जिसके अंदर वोलेटाइल कॉम्पोनेंट्स हैं जैसा कि इस केस में है जैसा कि अभी हम किस सॉल्यूशन की बात कर रहे हैं एक ऐसे बाइनरी सॉल्यूशन की बात कर रहे हैं जिसमें दोनों लिक्विड कॉम्पोनेंट्स हैं और दोनों ही वोलेटाइल लिक्विड्स हैं तो ऐसे एक सॉल्यूशन के अंदर किसी भी एक कॉम्पोनेंट का पार्शियल प्रेशर जो है इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू इट्स मोल फ्रैक्शन मतलब अगर मैं कॉम्पोनेंट वन की बात करूं तो कॉम्पोनेंट वन का जो पार्शियल प्रेशर होगा p1 ये किसके डायरेक्टली प्रोपोर्शनल होगा कॉम्पोनेंट वन के मोल फ्रैक्शन के यानी कि k1 सो p1 इज़ डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू k1 ठीक उसी तरीके से p2 इज़ डायरेक्टली प्रोपोर्शनल का2 ठीक है बच्चों यहां पर एक बात बहुत ध्यान से समझना है कि जो i1 और का2 है ये मोल फ्रैक्शन है वन और टू के इन द लिक्विड फेज मतलब इस सॉल्यूशन के अंदर वन और टू कंपोनेंट का जो मोल फ्रैक्शन है ये वो वैल्यूज है ठीक है यहां तक क्लियर है अब ये तो मैंने डायरेक्टली प्रोपोर्शनल की बात की अब इस डायरेक्टली प्रोपोर्शनल को हम इक्वलिटी में चेंज कर सकते हैं बट एक कांस्टेंट का इवॉल्वमेंट आ जाएगा राइट तो p1 इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू k1 इसको हम ये भी लिख सकते हैं कि p1 इ इक्वल टू p1 नॉ i1 अब ये p1 नॉ जो कांस्टेंट है ये कौन सी वैल्यू है सो p1 नॉ इज बेसिकली प्रेशर पार्शियल प्रेशर ऑफ कॉम्पोनेंट वन इन इट्स प्योर फेज प्योर फेज का मतलब मतलब अभी तक हम सॉल्यूशन की बात कर रहे थे राइट मतलब मेरा जो कंटेनर था उसके अंदर कॉम्पोनेंट वन और टू दोनों थे जब वन और टू दोनों होते हैं और जब दोनों वेपराइज होते हैं तो जो उनका प्रेशर वो जो एजर्टन का जो पार्शियल प्रेशर होता है वो p1 p2 होता है लेकिन अगर मैं ऐसा अज्यू करूं कि मेरे पास एक कंटेनर है जिसमें सिर्फ वन कंपोनेंट है कंपोनेंट टू तो है ही नहीं यानी कि ये किस फेज में है मेरा कंपोनेंट वन जो है ये प्योर फेज में है इसके साथ कोई और है नहीं इंटरेक्ट करने के लिए तो वैसे केस में ये जो प्रेशर एजर्टन नॉ ये जो नॉट हम लगाते हैं इस नॉट का मतलब ही होता है कि हम प्योर फेज की बात कर रहे हैं कि अगर ऐसा होता कि यह वाला कंपोनेंट एक अकेला ही रहता इस कंटेनर के अंदर तब वह p1 नॉ प्रेशर एजर्टन गए तो ये जो p1 नॉ जो वैल्यू है ना दैट विल बी लाइक अ कांस्टेंट वैल्यू फॉर अ पर्टिकुलर कंपोनेंट इन इट्स प्योर फॉर्म ठीक बात समझ में आ गई सबको ये समझना बहुत जरूरी है कि p1 क्या है और p1 नॉट क्या है p1 क्या है किसी भी कंपोनेंट का पार्शियल प्रेशर जब वो किसी और कंपोनेंट के साथ सॉल्यूशन फेज में है p1 न क्या है किसी भी कंपोनेंट का पार्शियल प्रेशर जब वह अपने प्योर फॉर्म में है ठीक ओके ठीक इसी तरीके से जो कॉम्पोनेंट टू है उसके लिए भी हम कह सकते हैं कि p2 इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू का2 इसको हम लिख सकते हैं p2 इ इ p2 नॉ का2 जहां पर p2 नॉ क्या है प्रेशर इन इट्स प्योर फॉर्म ओके तो अब अगला सवाल यह था कि हम टोटल वेपर प्रेशर को कैसे कैलकुलेट करेंगे टोटल वेपर प्रेशर बोले तो अगेन मैं सॉल्यूशन की बात कर रही हूं टोटल वेपर प्रेशर बोले तो कितना टोटल प्रेशर एजर्टन वन और कॉम्पोनेंट टू का वेपर्स ऑन टॉप ऑफ दैट लिक्विड सरफेस तो यहां पर हम यूज़ करेंगे डाल्टन लॉ ऑफ पार्शियल प्रेशर डाल्टन लॉ ऑफ पार्शियल प्रेशर हमने क्लास 11थ में भी पढ़ा था जो कहता है कि टोटल प्रेशर इज इक्वल टू द सम ऑफ द पार्शियल प्रेशर्स ऑफ द कंपोनेंट्स यानी कि p टोटल जो है दैट विल बी p1 + p2 अगर हमारे सॉल्यूशन के अंदर दो कॉम्पोनेंट्स हैं वन एंड टू ठीक है चलो मैथमेटिकली देखते हैं तो चलो कैलकुलेशन पे फोकस करते हैं अभी तक हमने क्या सीखा हमने सीखा राउट्स लॉ और राउट्स लॉ ने हमें हमें क्या बताया कि जो प्रेशर होता है यह किसके प्रोपोर्शनल होता है मोल फ्रैक्शन के तो इसीलिए इसे हम कैसे लिख सकते हैं p1 इ इक्व ू p1 न i1 ठीक है जहां पर ये जो p1 नॉ है ये क्या है ये है वेपर प्रेशर ऑफ द प्योर कंपोनेंट मतलब अगर हमारे पास दो कॉम्पोनेंट है वन और टू यहां पर हम दो कंपोनेंट्स लेंगे वन और टू लेट्स से एक सॉल्यूट है दूसरा सॉल्वेंट है ठीक है तो अगर प्योर सॉल्वेंट की मैं बात करूं प्योर कंपोनेंट की बात करूं तो उसका जो वेपर प्रेशर होता मतलब एज्यूम इंग कि यहां पर सिर्फ ब्लू बॉल्स होते सिर्फ ब्लू वाले बॉल्स होते तो उस केस में प्रेशर कितना होता p1 नॉ लेकिन जब ब्लू के साथ रेड भी आ गया है तो ब्लू वाले बॉल्स का वेपर प्रेशर कितना है p1 ठीक है यह बात तो समझ में आती है ठीक उसी तरीके से दूसरे कॉम्पोनेंट के लिए भी हम राउट्स लॉ के हिसाब से लिख सकते हैं ऐसा ठीक है अब मुझे क्या निकालना है मुझे तो निकालना है टोटल वेपर प्रेशर दोनों के अलग-अलग वेपर प्रेशर से मैं खुश नहीं हूं तो इसीलिए टोटल निकालने के लिए जैसा कि मैंने अभी बताया हम लगाते हैं डाल्टन लॉ ऑफ पार्शियल प्रेशर तो डाल्टन लॉ कहता है कि जो टोटल वेपर प्रेशर होगा वो क्या हो जाएगा वो सम ऑफ द पार्शियल वेपर प्रेशर होगा ये डाल्टन लॉ हमेशा से ही कहता है तो बस यहां पर मैथमेटिकली मैं ये राउट्स लॉ के हिसाब से इनकी वैल्यूज रिप्लेस करूंगी तो इसे मैं लिख सकती हूं p1 न i1 + p2 नॉ का2 ठीक है अब देखो इसे मैं क्या लिख सकती हो अब ये जो जिस सॉल्यूशन की मैं बात कर रही हूं ये किस तरह का सॉल्यूशन है ये एक बाइनरी सल है क्यों क्योंकि इसमें दो ही कंपोनेंट्स है वन और टू और जब कभी भी हम इस तरह के सॉल्यूशन की बात करते हैं तो यहां पर सम ऑफ द मोल फ्रैक्शन ऑफ द टू कॉम्पोनेंट्स इज ऑलवेज इक्वल टू वन यह भी हमें पता है बेसिक सी बात है तो यानी कि मैं काव के बदले में 1 माइ का2 भी लिख सकती हूं अब ऐसा मैं क्यों कर रही हूं थोड़ी देर में बताती हूं तो ये हो जाएगा p1 नव माइ का2 प् p2 न का2 अब इसे मैं क्या लिख सकती हूं p1 नॉ - p1 न का2 प् p2 नॉ का2 ठीक है अब अगर इन दोनों टर्म्स को देखो तो इन दोनों में क्या कॉमन दिख रहा है इन दोनों में काईट कॉमन दिख रहा है तो इसे मैं लिख सकती हूं p1 न प्लस p2 न - p1 न का2 ठीक है ये मेरा p टोटल का एक्सप्रेशन आ गया ठीक है अब देखो इस एक्सप्रेशन को देखते हुए आप क्या कह सकते हो देखो जो टोटल वेपर प्रेशर है यहां पर साफ-साफ क्या दिख रहा है कि ये जो मेरा टोटल वेपर प्रेशर है ये किसके ऊपर डिपेंड कर रहा है ये किसी एक कंपोनेंट के मोल फ्रैक्शन पे ही डिपेंड कर रहा है मतलब दैट इज द ब्यूटी कि जो टोटल मेरा वेपर प्रेशर है ऐसे तो टोटल वेपर प्रेशर इन दोनों के वजह से है दोनों कंपोनेंट्स वन एंड टू के वजह से है लेकिन इस एक्सप्रेशन से हम देख रहे हैं कि मेरा जो टोटल वेपर प्रेशर है वो इन अ वे सिर्फ एक कंपोनेंट के मोल फ्रैक्शन पे ही डिपेंड कर रहा है देखो p टोटल जो है ये का2 के ऊपर ही डिपेंड कर रहा है ठीक है सो ये हमारा एक इंपॉर्टेंट कंक्लूजन रहा जैसे जब हमने टोटल वेपर प्रेशर को कैलकुलेट किया तो बच्चों जब राउट्स लॉ के हेल्प से हमने वेपर प्रेशर और मोल फ्रैक्शन को प्लॉट किया ग्राफिकली प्लॉट किया तो हमें एक बड़ा ही इंटरेस्टिंग सा ग्राफ मिला जो कि आपको स्क्रीन पर दिख रहा है बट बहुत से बच्चों को ये ग्राफ समझ में नहीं आता है कि ये ग्राफ आया कहां से ठीक है तो चलो समझते हैं बड़े ही आराम से ठीक है तो राउट्स लॉ ने हमें क्या बताया था कि अगर हमारे पास एक सॉल्यूशन में दो कंपोनेंट्स हैं कॉम्पोनेंट वन और कंपोनेंट टू तो कंपोनेंट वन का जो पार्शियल प्रेशर है वो उसके काव यानी कि मोल फ्रैक्शन से डायरेक्टली प्रोपोर्शनल होगा जिसे हम लिखते हैं p1 = p1 न की1 उसी तरह कंपोनेंट टू के लिए p2 जो होगा यानी कि उसका जो प्रेशर वेपर प्रेशर हो दैट विल बी इक्वल टू p2 नॉ का2 ठीक है यानी कि जैसे-जैसे काव बढ़ेगा मोल फ्रैक्शन बढ़ेगा वैसे-वैसे इसका वेपर प्रेशर बढ़ेगा जैसे-जैसे काईट बढ़ेगा वैसे-वैसे उसका वेपर प्रेशर बढ़ेगा तो हमने x एक्सिस के अलोंग ले लिया है मोल फ्रैक्शन और हमने वा एक्सिस के अलोंग ले लिया है वेपर प्रेशर ठीक है अब देखो एक ही ग्राफ में हम दोनों कॉम्पोनेंट्स को प्लॉट करेंगे ठीक है हम क्या कह रहे हैं कि लेट अस सपोज कि इस वाले पॉइंट पर ध्यान ध्यान से सुनना इस वाले पॉइंट पर मैं कहती हूं कि मेरे पास लेट्स से कि मेरे उस बीकर में मेरा जो यह वाला बीकर है ना लेट अस से इस बीकर में मेरे पास सिर्फ ब्लू वाले बॉल्स हैं ठीक है अभी फिलहाल मेरे पास सिर्फ ब्लू वाले बॉल्स हैं तो यानी कि इसके अंदर रेड वाले बॉल्स है ही नहीं राइट तो यानी कि मेरे पास सिर्फ वन कंपोनेंट है टू वाला कंपोनेंट अभी है ही नहीं तो यानी कि मोल फ्रैक्शन फर्स्ट कॉम्पोनेंट का हो जाएगा वन क्योंकि सारा का सारा वही कॉम्पोनेंट है और टू का हो जाएगा जीरो क्योंकि टू फिलहाल मेरे पास है ही नहीं ठीक है अब मैंने क्या किया इसके अंदर जो है अब मैं रेड वाले कॉम्पोनेंट को डालने लग जाती हूं ठीक है तो जैसे-जैसे इसके अंदर रेड वाले कॉम्पोनेंट आने लगते हैं तो क्या होगा अब का2 जो है वो जीरो से धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा राइट और काई वन की जो वैल्यू है वो धीरे-धीरे वन से घटने लगेगा वन तो इसलिए था क्योंकि सारे कॉम्पोनेंट्स वन के ही थे अब उसमें से कुछ कंपोनेंट्स ब्लू के भी हैं राइट तो इसीलिए अब काव की वैल्यू वन से घटने लगेगी का2 की वैल्यू वन से बढ़ने लगेगी एंड लेट अस से कि धीरे-धीरे करते-करते ऐसा हो जाता है कि इस बीकर के अंदर सिर्फ और सिर्फ रेड वाले बॉल्स ही रह जाते हैं लेट्स से तो तब क्या होगा रेड वाले बॉल्स यानी कि काई टू की वैल्यू वन हो जाएगी और काई व की वैल्यू रो हो जाएगी ठीक है ये मेरा सिचुएशन है ठीक है तो अब देखो अब हम ग्राफ कैसे प्लॉट करेंगे सबसे पहले फोकस करो वन कॉम्पोनेंट पे वन कॉम्पोनेंट के साथ क्या हो रहा है काव की जो वैल्यू है वो वन से लेकर के घटती जा रही है जीरो पे तो अगर काव डिक्रीज हो रही है तो p1 क्या होगा वो भी डिक्रीज होगा इसीलिए देखो इसका जो ग्राफ है ना यह भी डिक्रीज हो रहा है इस ग्राफ को अगर फोकस करो तो ये ग्राफ भी जो है ये घट रहा है ठीक है और ये कुछ इस तरीके से घट रहा है देखो i1 के साथ कैसे-कैसे घटेगा काव की जो मिनिमम वैल्यू है अगर हम इसकी मिनिमम वैल्यू की बात करें तो i1 की मिनिमम वैल्यू रो है काव की मैक्सिमम वैल्यू क्या है वन है तो जब i1 की वैल्यू रो होगी तो p1 की वैल्यू क्या हो जाएगी रो इस इक्वेशन के हिसाब से जब i1 की वैल्यू वन होगी तो p1 की वैल्यू क्या हो जाएगी p1 नॉ तो यानी कि प्रेशर का जो मिनिमम वैल्यू होगा वो जीरो होगा और जो मैक्सिमम वैल्यू होगा वो p1 नॉ होगा और वही यहां पे हो रहा है देखो i1 जब वन था तो प्रेशर का वैल्यू कितना था p1 काव की वैल्यू जब रो है तो प्रेशर की वैल्यू भी जीरो है तो p1 न से लेकर के 0 तक ये घटती जा रही है ये ग्राफ समझ में आ गया अब बात करते हैं कंपोनेंट टू की ठीक है तो कंपोनेंट टू के केस में का2 की वैल्यू यहां रो है और काईट की वैल्यू यहां वन है यानी कि ये रो से लेके वन बढ़ रहा है राइट तो यहां यानी कि इस केस में जो मेरी मिनिमम वैल्यू है वो क्या है का2 की वैल्यू जीरो है और जो मेरी मैक्सिमम वैल्यू है वो क्या है का2 की वैल्यू वन है तो ये रो से वन तक बढ़ रही है जब इसकी वैल्यू जीरो होगी तो p2 की वैल्यू जीरो होगी जब इसकी वैल्यू वन होगी तो p2 की वैल्यू क्या होगी p2 न तो यानी कि प्रेशर की जो वैल्यू है ये रो से p2 नॉ तक इंक्रीज होनी चाहिए और देखो वैसा ही हो रहा है अगर इस ग्राफ को देखो तो ये जीरो से कहां तक बढ़ रहा है ये जीरो से ले करके p2 नॉ तक बढ़ रहा है तो ये मेरा सेकंड कंपोनेंट का ग्राफ हो गया ठीक है तो p1 और p2 के ग्राफ्स सबको समझ में आ गए होंगे ठीक है और जब इन्हीं दोनों को हम ऐड कर देते हैं तो मुझे मिल जाता है p टोटल देखो ये प टोटल का ग्राफ है राइट तो p टोटल की जो वैल्यू है ना वो कौन-कौन से दोनों वैल्यूज के बीच में रहती है ये p1 न से p2 नॉ के बीच में इसकी वैल्यू लाई करती है ठीक ठीक है सबको समझ में आ गई बात क्यों ऐसा क्यों होगा क्योंकि मान लो p टोटल क्या है p1 + p2 है अगर p1 की वैल्यू लेट्स से रो है लेट अस एज्यूम देखो p टोटल जो होगा वो क्या होगा p1 + p2 होगा ये तो सही है लेकिन अब मैंने बोला कि p टोटल की वैल्यू जीरो क्यों नहीं हो सकती क्योंकि जब p1 की वैल्यू रो होगी तो p2 की वैल्यू क्या होगी p1 जब रो होगा तो काव 0 होगा जब i1 0 होगा तो का2 क्या होता है उस समय वो मैक्स मैक्सिमम होता है तो इसीलिए जब p1 की वैल्यू रो होगी तो p2 की वैल्यू p2 नॉट हो रही होगी उसी तरह जब p1 की वैल्यू मैक्सिमम होती है p1 नॉ उस समय p2 की वैल्यू रो होती है तो यानी कि कभी भी ऐसा सिचुएशन नहीं आएगा जब p टोटल रो आएगा राइट तो p टोटल की जो वैल्यू है वो p1 नॉ से लेकर के p2 नॉ ये दोनों वैल्यूज के बीच में ही कुछ ना कुछ वैल्यू होगी तो बच्चों अभी तक हम जभी भी डिस्कस कर रहे हैं जो कुछ भी हमने डिस्कस किया वेपर प्रेशर का मैंने हर जगह स्पेशली मेंशन किया कि ये जो मोल फ्रैक्शन है k1 और का2 ये कौन से फेज में है सॉल्यूशन फेज में मतलब i1 और का2 जो है मोल फ्रैक्शन ऑफ कॉम्पोनेंट वन और कॉम्पोनेंट टू इन द सॉल्यूशन सॉल्यूशन के अंदर कितना पहला कॉम्पोनेंट है और कितना दूसरा कॉम्पोनेंट है वो बता रहा था अब ये क्यूरियोसिटी मुझे हो ही सकती है कि यार कॉम्पोनेंट वन और कंपोनेंट टू चूंकि दोनों वोलेटाइल हैं तो वो दोनों ही वेपर फेज में जा रहे हैं व्हाट इफ आई वांट टू नो कि वेपर फेज में इनका कंपोजीशन कितना है जो वेपर है मतलब उस लिक्विड के ऊपर कंटेनर में जो वेपर है उस वेपर में कितना वन है और कितना टू है तो वेपर फेज का कंपोजीशन मुझे कौन बताएगा तो यहां पर फिर से हमारे रेस्क्यू के लिए आता है डाल्टन लॉ तो डाल्टन लॉ हमें ये कहता है कि बच्चों अगर तुम्हें p1 p2 की वैल्यू पता है एज्यूमंगा वन और टू और मुझे पता है दोनों के पार्शियल प्रेशर्स हैं p1 और p2 ठीक है अब डाल्टन नॉल ने ऑलरेडी हमें p टोटल भी बता दिया क्योंकि p1 + p2 से मैं p टोटल निकाल सकती हूं तो डाल्टन कहता है कि वेपर फेज में वन और टू का जो कंपोजीशन होगा जो मोल फ्रैक्शन होगा वो हम ऐसे निकालते हैं कि y1 यानी कि मोल फ्रैक्शन ऑफ द फर्स्ट कंपोनेंट इन वेपर फेज इसको हम y से डिनोट कर रहे हैं टू अवॉइड कंफ्यूजन y1 विल बी इक्वल टू p1 / बा p टोटल y2 विल बी इक्वल टू p2 / बा p टोटल मतलब चूंकि मैं वेपर फेज की बात कर रही हूं तो वेपर फेज में जो भी वेपर के कॉम्पोनेंट्स हैं वह क्या कर रहे हैं वो प्रेशर एजर्टन मैं कंपोनेंट वन का जानना चाह रही हूं कि वो कितना प्रेजेंट है तो इसका मतलब है वो कितना प्रेशर एजर्टन द टोटल प्रेशर सो p1 / p टोटल अगर मैं कॉम्पोनेंट टू की बात कर रही हूं तो कॉम्पोनेंट टू कितना प्रेशर एजर्टन द टोटल प्रेशर दैट इज़ p2 / p टोटल राइट तो इस तरीके से हम कैलकुलेट कर सकते हैं कंपोजीशन इन वेपर फेज तो बच्चों अब यहां पर हम एक चीज नोटिस करते हैं कि थोड़ी देर पहले कुछ टाइम पहले हमने एक लॉ पढ़ा था व्हिच वाज हेनरीज लॉ जो हमें बता रहा था कि जो प्रेशर होता है वो किसके प्रोपोर्शनल होता है मोल फ्रैक्शन के अभी-अभी हमने पढ़ा राउट्स लॉ जो हमें ये बताता है कि प्रेशर जो है पार्शियल प्रेशर जो है वो किसके प्रोपोर्शनल होता है मोल फ्रैक्शन के लेकिन अगर हम दोनों के मैथमेटिकल एक्सप्रेशन को देखें तो उनमें कुछ सिमिलरिटी है तो कुछ डिफरेंसेस भी हैं जैसे हेनरीज लॉ कहता है कि p इज इक्वल टू के * काई जहां पर के क्या है हेनरीज कांस्टेंट दूसरी तरफ राउट्स लॉ कहता है कि p1 इज इक्वल टू p10 * का ठीक है तो यहां पर हम क्या देखते हैं फर्क किस चीज का है फर्क कांस्टेंट का है हेनरीज लॉ का जो कांस्टेंट है दैट इज हेनरीज कांस्टेंट जो अलग-अलग कॉम्पोनेंट्स के लिए जिसकी वैल्यू अलग-अलग होती है यहां राउट्स लॉ में जो p1 नॉ है ये किसकी वैल्यू है ये वैल्यू है प्रेशर ऑफ दैट कंपोनेंट इन इट्स प्योर फॉर्म तो हम कह सकते हैं कि रावल्स लॉ जो है यह हेनरीज लॉ का ही एक स्पेशल केस है जहां पर ये जो हेनरीज कांस्टेंट है उसकी वैल्यू क्या हो जाती है व उसकी वैल्यू हो जाती है p1 नॉ तो ऐसा एक केस जहां पर हेनरीज कांस्टेंट की जो वैल्यू है दैट वैल्यू बिकम द वैल्यू ऑफ प्रेशर ऑफ़ दैट कॉम्पोनेंट इन इट्स प्योर फॉर्म तो वो बन जाता है राउल लॉ तो एक तरीके से राहुलस लॉ और हेनरीज लॉ बातें एक ही करते हैं बट हम कह सकते हैं कि राउल लॉ हेनरीज का ही एक स्पेशल केस है तो बच्चों चलो अब हम डिस्कस करते हैं वेपर प्रेशर का ही यह कांसेप्ट बट इन सॉलिड एंड लिक्विड सॉल्यूशंस मतलब ऐसे सॉल्यूशन में जिसमें सॉलिड लिक्विड के अंदर है ठीक है अब यहां पर हम तीन सिचुएशन को देखेंगे ठीक है पहला सिचुएशन मेरे पास एक प्योर सॉल्वेंट है ठीक है मतलब मेरे पास एक ही कंपोनेंट है जो कि एक सॉल्वेंट है ठीक है कोई सॉल्यूट है ही नहीं ठीक तो ऐसे केस में क्या होगा वेपर प्रेशर मतलब क्या जो सॉल्वेंट के मॉलिक्यूल हैं सरफेस पे वही मॉलिक्यूल हैं उनको गर्म करेंगे तो वही मॉलिक्यूल वेपराइज होंगे और फिर वही वेपर प्रेशर एजर्टन वेपर प्रेशर होगा ठीक अब मैंने क्या किया मैंने इसमें सॉल्यूट ऐड किया ठीक है अब सॉल्यूट भी दो तरह के हो सकते हैं वोलेटाइल सॉल्यूट हो सकते हैं नॉन वोलेटाइल सॉल्यूट हो सकते हैं मान लो अभी के लिए कि मैंने पहले इसमें नॉन वोलेटाइल सॉल्यूट ऐड किया नॉन वोलेटाइल मतलब ये ऐसा सॉल्यूट है जैसे कि शुगर जो वेपो आइज होगा ही नहीं ठीक है जैसे ही मैंने इसे ऐड कर दिया तो क्या होगा अब शुगर तो वेपराइज नहीं होगा बट चूंकि शुगर को भी ऐड कर दिया है तो इस शुगर के काफी सारे मॉलिक्यूल भी सरफेस पे रहेंगे मतलब सरफेस पे चूंकि शुगर और वाटर का सॉल्यूशन है तो सरफेस पर सिर्फ वाटर के मॉलिक्यूल तो रहेंगे नहीं उसमें शुगर के भी मॉलिक्यूल रहेंगे है ना तो अब क्या हुआ अब ये जो शुगर वाले मॉलिक्यूल हैं भाई ये लोग वेपराइज तो होंगे नहीं लेकिन मेरा सरफेस का काफी सारा जगह तो घेर लिया पहले अगर सरफेस पे 10 वाटर के मॉलिक्यूल थे तो अब मेरे सरफेस पे छह या सात ही है क्योंकि बाकी जगह शुगर के मॉलिक्यूल ने ले लिया राइट तो इसका मतलब अब जब मैं हीट करूंगी तो कम वाटर मॉलिक्यूल वेपराइज होंगे तो इसीलिए जो वेपर प्रेशर एजर्टन होगा तो जैसे ही मैंने सॉल्यूट ऐड कर दिया तो मेरा वेपर प्रेशर कम हो गया अब तीसरा सिचुएशन लो कि मान लो मैंने इसमें एक ऐसा सॉल्यूट ऐड किया जो वोलेटाइल है मतलब कि वो खुद भी वेपराइज होगा चलो मान लिया वो खुद भी वेपराइज होगा लेकिन स्टिल जो मेरे नंबर ऑफ सॉल्वेंट मॉलिक्यूल सरफेस पर हैं वो तो कम ही होंगे है कि नहीं क्योंकि कुछ म कुछ जगह तो वो सॉल्यूट के मॉलिक्यूल ले लेंगे भले कि वो भी वेपराइज होंगे बट स्टिल जो मेरा सॉल्वेंट की वजह से जो वेपर प्रेशर था सॉल्वेंट वेपराइज होने की वजह से जो वेपर प्रेशर था वो तो मेरा कम ही होगा क्योंकि एनीवेज किसी भी सॉल्यूशन में सॉल्यूट और सॉल्वेंट का क्वांटिटी तो सेम नहीं होता है सॉल्वेंट होता ही वो है जो ज्यादा क्वांटिटी में प्रेजेंट हो राइट तो इसीलिए वेपर प्रेशर भी ज्यादा डोमिनेट कौन करे सॉल्वेंट अब यहां पे क्या हो रहा है सॉल्यूट सॉल्वेंट दोनों वोलेटाइल है लेकिन चूंकि सॉल्यूट ने काफी जगह ले लिया सरफेस का तो कंपेयर्ड टू द प्योर सॉल्वेंट स्टेट यहां पर मेरा वेपर प्रेशर क्या हो गया घट गया सो इरेस्पेक्टिव ऑफ कि सॉल्यूट वोलेटाइल है या नॉन वोलेटाइल व्हाट वी सी इज किसी भी प्योर सॉल्वेंट स्टेट में जो वेपर प्रेशर होता है और जब हम उसमें कोई सॉल्यूट ऐड कर देते हैं तब जो वेपर प्रेशर होता है वो हमेशा कम होता है तो बच्चों हमने दोनों केस देखे सॉलिड इन लिक्विड भी देखा लिक्विड इन लिक्विड भी देखा राइट तो कुल मिला के राउट्स लॉ का हम एक जनरल फॉर्म दे सकते हैं जो जनरल फॉर्म यह कहता है कि किसी भी सॉल्यूशन के अंदर पार्शियल प्रेशर ऑफ ईच वोलेटाइल कंपोनेंट इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू इट्स मोल फ्रैक्शन तो बच्चों अब हम डिस्कस करने वाले हैं अबाउट आइडियल एंड नॉन आइडियल सॉल्यूशंस क्या होते हैं ये अ यार किसी भी क्लास में ऐसा जरूर होता है आप सभी ने ने नोटिस किया होगा कि यार टीचर ने कुछ रूल्स बनाए होते हैं अब क्लास के अंदर दो तरह के बच्चे होते हैं कुछ होते हैं बिल्कुल एकदम गुड स्टूडेंट्स जो उन रूल्स को फॉलो करते हैं कुछ ऐसे होते हैं जो शैतान बच्चे होते हैं जो उन रूल्स को फॉलो नहीं करते हैं तो यहां पर भी हमारे पास जो ये दो कैटेगरी हैं आइडियल और नॉन आइडियल सॉल्यूशंस की ये भी वही वाले सॉल्यूशंस है जिनमें से कुछ ऐसे हैं जो राउट्स लॉ को फॉलो करते हैं यानी कि आइडियल सॉल्यूशंस दूसरी तरफ कुछ ऐसे शैतान बच्चे हैं जो राउट्स लॉ को फॉलो नहीं करते हैं और उन्हें हम कहते हैं नॉन आइडियल सॉल्यूशंस ठीक है तो आइडियल सॉल्यूशंस की कुछ कैरेक्टरिस्टिक देखते हैं जैसे एक आइडियल सॉल्यूशन में कुछ ऐसा होता है कि जब हम कॉम्पोनेंट्स को मिक्स करते हैं सॉल्यूशन बनाने के लिए राइट एक सॉल्यूशन बनेगा तो उसमें कम से कम दो कंपोनेंट तो होंगे सो ड्यूरिंग दैट टाइम ना तो कोई हीट इवॉल्व होता है ना ही कोई हीट एब्जॉर्ब होता है ना हीट लेना ना हीट देना यानी कि डेल्टा ए की वैल्यू क्या होती है जीरो ठीक उसी तरीके से हम ये देखते हैं कि डेल्टा v की वैल्यू भी जीरो होती है डेल्टा व बोले तो चेंज इन वॉल्यूम मतलब कंपोनेंट्स का जो टोटल वॉल्यूम होता है वही वॉल्यूम होता है सॉल्यूशन का मतलब वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन इज इक्वल टू सम ऑफ द वॉल्यूम्स ऑफ द कंपोनेंट्स ठीक अब भाई अच्छे बच्चे सब थोड़ी होते हैं कम ही होते हैं मार्केट में अच्छे बच्चे है ना तो ठीक उसी तरीके से रियलिटी में बिल्कुल परफेक्ट आइडियल सॉल्यूशन तो रेयर होता है लेकिन नियर आइडियल सॉल्यूशन के कुछ एग्जांपल्स की बात हम कर सकते हैं जैसे कि सॉल्यूशन ऑफ ब्रोमो एथेन क्लोरो इथेनॉल आइडियल सॉल्यूशन मतलब भाई वो तो आइडियल है ही नहीं तो उसे उसने तो रॉल्ट्स लॉ को फॉलो ही नहीं करना तो इनके केस में हमें दो तरह के डेविएशन देखने को मिलते हैं कुछ ऐसे सॉल्यूशंस होते हैं जिनका वेपर प्रेशर जो है वो राउल्ट लॉ के हिसाब से जो एक्सपेक्टेड वेपर प्रेशर होना चाहिए उससे ज्यादा होता है दूसरी तरफ कुछ ऐसे होते हैं जिनका वेपर प्रेशर जो है राउट्स लॉ के हिसाब से जो एक्सपेक्टेड वेपर प्रेशर होना चाहिए उससे कम होता है तो जिनका वेपर प्रेशर एक्सपेक्टेड से ज्यादा होता है वो पॉजिटिव डेविएशन शो करते हैं जिनका एक्सपेक्टेड से कम होता है वो नेगेटिव डेविएशन शो करते हैं अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस तरह का डेविएशन नॉन आइडियल सॉल्यूशंस शो करते क्यों हैं चलो समझते हैं तो चलो बच्चों सबसे पहले देखते हैं कि पॉजिटिव डेशन क्यों होता है तो भाई चाहे पॉजिटिव डेविएशन की बात करें या नेगेटिव डेविएशन की बात करें तो इनका जो कॉज होता है ना इनका कॉज होता है इनके मॉलिक्यूलर लेवल के इंटरेक्शन पे मतलब मतलब यह कि अंदर क्या है सॉल्यूट है सॉल्वेंट है राइट सॉल्यूट सॉल्यूट के पार्टिकल्स के बीच में एक बॉन्डिंग है सॉल्वेंट सॉल्वेंट के बीच में एक बॉन्डिंग है और सॉल्यूट सॉल्वेंट के बीच में भी एक बॉन्डिंग है राइट सब एग्री करते हो तो हमारे पास ये तीन तरह के इंटर रिएक्शंस है a a bb4 या फिर सॉल्वेंट सॉल्वेंट इंटरेक्शन है वो ज्यादा स्ट्रांग है कंपेयर्ड टू सॉल्यूट सॉल्वेंट समझो बात को मतलब सॉल्यूट सॉल्वेंट का इंटरेक्शन अगर स्ट्रांग होगा तो वो सॉल्यूशन की तरह एजिस्ट करेगा क्योंकि सॉल्यूट में सॉल्यूट और सॉल्वेंट दोनों साथ में है तो दोनों को साथ में रहने के लिए दोनों के बीच का जो बॉन्डिंग है वोह बहुत तगड़ा होना चाहिए लेकिन यहां पर हम देखते हैं कि सॉल्यूट सॉल्वेंट का जो बॉन्डिंग है उससे कई ज्यादा स्ट्रांग सॉल्यूट सॉल्यूट और सॉल्वेंट सॉल्वेंट का बॉन्ड है तो इस वजह से क्या हो रहा है कि ये जो पार्टिकल्स हैं चाहे सॉल्यूट के या सॉल्वेंट के इनके लिए स्केप करना ज्यादा इजियर है क्योंकि सॉल्यूट सॉल्वेंट वाला जो बॉन्ड है ना सल के अंदर वो काफी कमजोर है बॉन्ड अगर कमजोर होगा तो भाई छोड़ो और भागो यह आसान होता है है ना तो इसीलिए इस केस में पार्टिकल्स का एस्केप कर जाना ज्यादा आसान है और जैसे ही पार्टिकल्स एस्केप करते हैं वेपराइज होते हैं तो वेपर प्रेशर बढ़ता है सो दैट्ची इंटरेक्शन होता है सॉल्यूट सॉल्यूट सॉल्वेंट सॉल्वेंट का भी उतना ही इंटरेक्शन होता है सबका जो वो बॉन्डिंग का लेवल है वो बराबर होता है ठीक है तो ये रीज़न था हमारे पॉजिटिव डेविएशन का पॉजिटिव डेविएशन का एक एग्जांपल लेते हैं लेट्स टेक द एग्जांपल ऑफ इथेनॉल एंड एसीटोन तो इथेनॉल यानी कि c2h 5o का अगर हम स्ट्रक्चर देखें तो इनके बीच में हमें देखने को मिलता है हाइड्रोजन बॉन्डिंग एसीटोन जैसे ही आता है तो यह क्या करता है इनके कुछ-कुछ हाइड्रोजन बॉन्डिंग को तोड़ देता है जैसे ही ये बॉन्डिंग टूट जाती तो क्या हो जाता है बहुत सारे वेल्ले मॉलिक्यूल अवेलेबल हो जाते हैं वेल्ले मॉलिक्यूल जैसे ही अवेलेबल हो जाते हैं तो उन्हें आप हीट करोगे तो वो वेपराइज कर जाएंगे और वो वेपराइज कर जाएंगे तो वेपर प्रेशर बढ़ जाएगा और वो हमें शो करेगा पॉजिटिव डेविएशन अब बारी है नेगेटिव डेविएशन की तो नेगेटिव डेविएशन में जस्ट अपोजिट होता है यहां पर ए इंटरेक्शंस जो है यानी कि सॉल्यूट सॉल्वेंट इंटरेक्शंस जो है ये बहुत स्ट्रांग होते हैं और चूंकि ये बहुत स्ट्रांग होते हैं इसीलिए सॉल्यूट या सॉल्वेंट के पार्टिकल्स के लिए इस स्केप करना इतना आसान नहीं होता है ठीक है अगर a भागना चाहेगा तो कहीं ना कहीं से b पकड़ लेगा b भागना चाहेगा a पकड़ लेगा राइट क्योंकि ए ब का जो बॉन्डिंग है वो काफी स्ट्रांग है तो इस वजह से इजली एस्केप नहीं करते हैं एस्केप नहीं करते हैं तो वेपर प्रेशर कम होता है वेपर प्रेशर कम होता है एक्सपेक्टेड से इसीलिए नेगेटिव डेविएशन नेगेटिव डेविएशन का एक एग्जांपल लेते हैं फेनॉल एंड एनलिन का तो फेनॉल और एलन का अगर हम स्ट्रक्चर देखें तो हम देखते हैं कि इनके बीच में एक स्ट्रांग बॉन्डिंग एजिस्ट करती है बिटवीन देन नाइट्रोजन एटम का जो लोन पेयर है और जो मेरा हाइड्रोजन है सो दोनों मॉलिक्यूल के बीच में एक इंटर मॉलिक्यूलर बॉन्डिंग एजिस्ट करती है जिसके वजह से इन दोनों का आपस में काफी स्ट्रांग बॉन्डिंग होता है एंड बिकॉज़ ऑफ दैट इनका वेपर प्रेशर कम होता है तो अभी तक जो भी हमने पॉजिटिव और नेगेटिव डेविएशन पढ़ा उसमें हमने जो भी देखा अब उसी को हम ग्राफिकली देखते हैं इस प्लॉट को हमने पहले ही समझ लिया था थोड़ी देर पहले राइट इस प्लॉट में हमने समझा था कैसे हम ये p1 p2 और p1 + p2 बनाते हैं तो यहां पर देखो क्या फर्क हो रहा है जब हम पॉजिटिव डेविएशन की बात कर रहे हैं तो जो वेपर प्रेशर है वो मेरे एक्सपेक्टेड वेपर प्रेशर से ज्यादा है देखो एक्सपेक्टेड तो ये ग्रीन वाले डॉटेड लाइंस थे राइट जो हमने पढ़ा था लास्ट टाइम कि भाई काई की वैल्यू जैसे-जैसे बढ़ रही है प्रेशर की वैल्यू भी वैसे-वैसे बढ़ रही है बट देखो यहां पर जो ब्लू लाइंस हैं ये मेरे वेपर प्रेशर है जो कि एक्सपेक्टेड से ज्यादा है तो ऐसा एक प्लॉट बनता है पॉजिटिव डेविएशन का जब नेगेटिव डेविएशन की बात करते हैं तो देखो जो ब्लू वाले प्लॉट्स हैं वो क्या है वो कम है मेरा जो एक्सपेक्टेड वेपर प्रेशर है उससे वो कम है तो इस तरीके से नॉन आइडियल सॉल्यूशन के जो प्लॉट्स हैं वो डिफर करते हैं तो बच्चों अभी हमने क्या देखा कि नॉन आइडियल सॉल्यूशंस जो हैं ये पॉजिटिव डेविएशन और नेगेटिव डेविएशन ये दोनों तरह के डेविएशन शो कर सकते हैं तो जब कोई नॉन आइडियल सॉल्यूशन पॉजिटिव डेविएशन शो करता है तो उसे हम मिनिमम बॉइज यो ट्रोप्स भी कहते हैं ठीक उसी तरीके से जब एक नॉन आइडियल सॉल्यूशन शो करता है नेगेटिव डेविएशन तो उसे हम मैक्सिमम बॉयलिक पस भी कहते हैं अब सबके दिमाग में क्वेश्चन आ रहा होगा कि ये एजियो ट्रोप्स क्या है ये मैक्सिमम बॉयलिक मिनिमम बॉयलिक पस क्या है तो बच्चों एजियो ट्रॉप्स जो है ये एक स्पेशल क्लास ऑफ लिक्विड मिक्सचर है एक ऐसे स्पेशल तरह के मिक्सचर्स होते हैं लिक्विड्स के जो कि बाइनरी मिक्सचर्स होते हैं यानी कि उनमें दो लिक्विड कंपोनेंट्स ही होते हैं और इनकी खास बात यह होती है कि इनका का जो कंपोजीशन होता है ना मतलब दोनों कंपोनेंट का जो कंपोजीशन है वो लिक्विड फेज में और वेपर फेज में सेम होता है एज अ रिजल्ट दे बॉईल एट अ कांस्टेंट बॉयलिक यही इनकी खास बात होती है इसीलिए इनका एक अलग से इस तरह के स्पेशल मिक्सचर्स का एक अलग से नाम दे दिया गया है एजियो ट्रोप्स अब आप पूछोगे कि ठीक है ये तो समझ में आ गया बट ये मैक्सिमम बॉयलिक और मिनिमम बॉयलिक का क्या फंडा है तो जैसा कि मैंने बताया जो नॉन आइडियल सॉल्यूशंस पॉजिटिव डेविएशन शो करते हैं उन्हें हम कहते हैं मिनिमम बॉयलिक एजियो ट्रोप्स ऐसा क्यों कहते हैं क्योंकि जब हम इनका कांस्टेंट प्रेशर फेज डायग्राम बनाते हैं तो हम देखते हैं कि इनका जो टेंपरेचर का प्लॉट होता है इट गोज थ्रू अ मिनिमम इसीलिए इनको कहा जाता है मिनिमम बॉइज यो ट्रोप्स दूसरी तरफ जब हम बात करते हैं मैक्सिमम बॉयलिक पस की वहां पर जब हम उनका प्रेशर फेज डायग्राम बनाते हैं कांस्टेंट प्रेशर फेज डायग्राम बनाते हैं तो हम देखते हैं कि टेंपरेचर गोज थ्रू अ मैक्सिमम एंड दैट इज़ व्हाई दे आर कॉल्ड मैक्सिमम बॉयलिक एजोट्रॉफी के लिए इतना डिटेल काफ़ी है इससे ज्यादा डिटेल में हम अभी नहीं घुस ऑन एजियो ट्रॉप्स चलो देखते हैं एक क्वेश्चन द वेपर प्रेशर ऑफ़ प्योर लिक्विड्स a एंड b आर 450 एंड 700 ममी रिस्पेक्टिवली एट 350 केल्विन फाइंड आउट द कंपोजीशन ऑफ़ द लिक्विड मिक्सचर इफ टोटल वेपर प्रेशर इज़ 600 ममी ऑफ़ मरकरी आल्सो फाइंड द कंपोजीशन ऑफ़ द वेपर फेज़ ठीक है तो बहुत ध्यान से हमें समझना है यहां पर देखो यहां मैंने पिक्चर भी बना रखी है सो दैट आपके लिए थोड़ा सा इजी हो मान लेते हैं कि ये जो रेड वाले बॉल्स है ना दे रिप्रेजेंट द लिक्विड ए और ये जो ब्लू वाले बॉल्स है दे रिप्रेजेंट द लिक्विड बी ठीक है तो देखो यहां पर इस कंटेनर में सारे रेड बॉल्स है यानी कि ये प्योर ए रिप्रेजेंट कर रहा है इस वाले कंटेनर में सारे ब्लू बॉल्स है तो यानी कि ये प्योर लिक्विड बी रिप्रेजेंट कर रहा है और यहां पर रेड और ब्लू दोनों है तो यानी कि ये मेरा सॉल्यूशन को रिप्रेजेंट कर रहा है ठीक है क्लियर है यहां तक ओके अब मेरे पास दिया हुआ क्या-क्या है मुझे दिया हुआ है प्योर लिक्विड का वेपर प्रेशर यानी कि प न की वैल्यू दी हुई है प बी नॉ की वैल्यू दी हुई है ठीक है तो ए का है 450 मिलीमीटर ऑफ मरकरी बी का है 700 मिलीमीटर ऑफ मरकरी ठीक है यह मेरे पास दिया हुआ है ओके और क्या दिया हुआ है एक और प्रेशर दिया हुआ है च इज द टोटल वेपर प्रेशर यानी कि प टोटल की वैल्यू भी दी हुई है च इ इक्वल टू 600 मिलीमीटर ऑफ मरकरी ठीक है तो अभी देखो हमने जो भी चीजें सीखी है अभी तक उन्ही कांसेप्ट को लगाएंगे यहां पर तो राउल्ट लॉ डाल्टन लॉ को मिलाकर हमने यह सीखा था कि जो टोटल वेपर प्रेशर होता है वो क्या होता है प प्लस प बी यानी कि पार्शियल प्रेशर ऑफ ए प्लस पार्शियल प्रेशर ऑफ बी जिसको हम राउट्स लॉ के हिसाब से क्या लिख सकते थे इसको हम लिख सकते थे प नॉ का ए प्स p बी न काई बी ठीक है ये हमने सीखा था राइट इसको फदर हम क्या लिख सकते थे इसको फदर हम ऐसे लिख सकते हैं प न k a + pb-2 हमने पढ़ी है राइट क्योंकि इसमें दो ही कॉम्पोनेंट्स है a और b तो k a + k b विल बी इक्व 1 ठीक है तो यहां तक भी सही है अच्छा इसके बाद हम क्या कर सकते हैं अब इसमें हम देखते हैं कि हमारे पास कौन-कौन सी वैल्यूज दी हुई हैं अगर हम इस पूरे एक्सप्रेशन को देखें तो भाई मुझे प टोटल पता है मुझे प नॉ पता है मुझे प बी नॉ पता है यानी कि बड़े आराम से मैं काई ए की वैल्यू निकाल सकती हूं मोल फ्रैक्शन ऑफ a की मैं वैल्यू आराम से निकाल सकती हूं तो जब निकाल सकती हूं तो निकालती हूं ना है ना तो p टोटल है 600 प न की वैल्यू है 450 इन का ए प्लस p बी न की वैल्यू है 700 इन माइन का ठीक है अब इस इक्वेशन को हम सॉल्व करेंगे सिंपल तरीके से 450 का ए प् 700 माइ 700 का ठीक है तो यहां से हमें काई ए की वैल्यू मिलती है 4 ये मोल फ्रैक्शन ऑफ ए है मोल फ्रैक्शन ऑफ ए मिल गया तो मोल फ्रैक्शन ऑफ बी क्या हो जाएगा मान मोल फ्रैक्शन ऑफ a यानी कि 1 - 0.4 यानी कि 0.6 तो अब काई ए और काई बी मिल गया इसका मतलब मुझे क्या मिल गया मुझे मिल गया कंपोजीशन ऑफ द लिक्विड मिक्सचर है ना कि लिक्विड मिक्सचर में कितना a है और कितना b है यह बताने के लिए दोनों का मोल फ्रैक्शन काफी है राइट तो ये मुझे क्या बता रहा है ये मुझे बता रहा है कंपोजीशन ऑफ लिक्विड मिक्सचर ठीक है लेकिन इतना काफी नहीं है क्वेश्चन मुझसे यह भी पूछ रहा है कि आल्सो फाइंड द कंपोजीशन ऑफ द वेपर फेज वेपर फेज में इसका क्या कंपोजीशन होगा व भी निकालो ठीक है मतलब कि जब ये वेपर बन जाएंगे दोनों तो वेपर में जा वेपर फेज में जाके इनका क्या कंपोजीशन होगा और वो मुझे बताता है डाल्टन लॉ ठीक है अब वो बताने के लिए मुझे क्या निकालना पड़ेगा उसको बताने के लिए मुझे निकालना पड़ेगा प और p ब की वैल्यू तो प की वैल्यू क्या हो जाएगी p न ए का ए उसी तरह से p ब की वैल्यू हो जाएगी p न ब काई ब ठीक है अब ये सारी वैल्यूज मुझे पता है पन a की वैल्यू पता है 450 का ए की वैल्यू है 0.4 तो ये हो जाएगा 180 मिमीर ऑफ मरकरी उसी तरह से p नॉ बी की वैल्यू है 700 काई बी की वैल्यू है 0.6 तो ये हो जाएगा 420 ममी और मरकरी ठीक है तो ये प और p ब हो गया अब हम क्या निकाल सकते हैं अब हम बात करेंगे किसकी अब हम बात करेंगे वेपर फेज की ठीक है तो जब हम वेपर फेज की बात करेंगे तो यहां पर मेरा मोल फ्रैक्शन क्या हो जाएगा यहां का जो मोल फ्रैक्शन क्योंकि वेपर फेज में इनका प्रेशर a और बी का प्रेशर कितना है प और p ब है राइट जब हम लिक्विड मिक्सचर की बात कर रहे थे तो वहां पर तो हमने यह वाला कांसेप्ट ले लिया था राइट कि p + pb2 के फॉर्म में ऐसे लिख सकते हैं करेक्ट लेकिन जब हम वेपर फेज की बात कर रहे हैं तो वहां पर हम प और pb02 नॉ तो नहीं ले सकते हैं है ना तो हम कह सकते हैं कि मोल फ्रैक्शन ऑफ a जो है वो क्या हो जाएगा प्रेशर ऑफ a डिवाइडेड बाय प्रेशर ऑफ a प्लस प्रेशर ऑफ b ऐसे निकाल सकते हैं हम उसी तरह से मोल फ्रैक्शन ऑफ बी क्या हो जाएगा प्रेशर ऑफ बी डिवाइडेड बाय प्रेशर ऑफ a प्लस प्रेशर ऑफ b ठीक है हालांकि एक निकल जाने के बाद दूसरा तो वन माइनस करके ही निकाल लेते हैं हम तो सबसे पहले चलो इसकी वैल्यू निकालते हैं तो ये क्या हो जाएगा 180 डिवाइड बा 180 + 420 सो दिस कम्स आउट टू बी 0.3 अब ये 0.3 हो गया तो काई बी क्या हो जाएगा 1 - 0.3 व्हिच इज 0.7 तो समझ में आ गया कंपोजीशन का फर्क जब हम लिक्विड फेज की कंपोजीशन की बात करते हैं तो हम ये कहते हैं कि ये जो लिक्विड फेज से जब ये वेपर फेज में जा रहा है तो मोल फ्रैक्शन की जो हम बात करते हैं ना ये जो काई ए और काई बी होता है ये लिक्विड फेज का मोल फ्रैक्शन होता है लेकिन जब हम वेपर फेज की बात करते हैं इसका मतलब जब ये वेपराइज हो चुके हैं जब इनके वेपर्स बन चुके हैं तो ये जो वेपर्स यहां पर बने हैं इन वेपर्स में मोल फ्रैक्शन कितना है ये इस वाले वेपर फेज में काई ए और काई बी की वैल्यू क्या है ठीक है तो जब हम इस वेपर फेज में काई ए और काई बी की वैल्यू निकालते हैं तो वहां पर हम इनका पार्शियल प्रेशर देखते हैं क्योंकि ए और बी साथ में ही तो हो रहे हैं वेपराइज राइट तो वहां पर हम उनका प्योर लिक्विड फेज में उनकी वैल्यूज का कुछ काम नहीं है हमको हमको देखना है कि दोनों का पार्शियल प्रेशर कितना है प और p ब इतना है ठीक है तुम्हारा आंसर आया क्या कोलिगेटिव प्रॉपर्टीज नाम ही है काफी भारी भरकम कोलिगेटिव इसका मतलब क्या होता है तो पहले तो वर्ड का ओरिजिन देखते हैं कोलिगेटिव वर्ड को अगर आप तोड़ो तो इसमें दो हिस्से हैं को मतलब टुगेदर निगेटिव आया है एक वर्ड से जिसका मतलब होता है टू बाइंडर टू बाइंडर साथ में ठीक है तो कोलिगेटिव प्रॉपर्टीज ऐसी प्रॉपर्टीज होती हैं जो डिपेंड करती है ऑन द रेशियो ऑफ नंबर ऑफ सॉल्यूट पार्टिकल्स टू द नंबर ऑफ सॉल्वेंट पार्टिकल्स ध्यान से सुनना ये ऐसे प्रॉपर्टीज हैं जो सॉल्यूट के नेचर पे डिपेंड नहीं करता है जो डिपेंड करता है कि कितने सॉल्यूट पार्टिकल्स थे कंपेयर्ड टू द नंबर ऑफ सॉल्वेंट पार्टिकल्स उस पे डिपेंड करता है ठीक है मतलब अगर मैं एक स्टोरी का एग्जांपल लूं तो लेट अस सपोज कि एक दुकान है अब उस दुकान में बैठने वाला जो दुकानदार है वो कुछ भी कुछ भी किसी भी चीज का दुकान है सामान बेच रहा है तो कितने लोग उस दुकान में आके सामान खरीद रहे हैं उसके ऊपर डिपेंड करता है कि उस दुकानदार को कितना फायदा हो रहा है कितना प्रॉफिट हो रहा है ठीक है अब जो कस्टमर्स आ रहे हैं वह कस्टमर्स बहुत गुस्से वाला है या बहुत शांत है या फिर लंबा है मोटा है पतला है कैसा भी है उससे क्या फर्क पड़ता है उस दुकानदार के प्रॉफिट को उससे कुछ फर्क नहीं पड़ता है राइट तो दुकानदार का जो प्रॉफिट है वो किस चीज पे डिपेंडेंट है वो डिपेंडेंट है ऑन द नंबर ऑफ कस्टमर्स बाइंग थिंग्स जितने लोग नंबर ऑफ लोग जो सामान खरीद रहे हैं उसके ऊपर डिपेंडेंट है ठीक उसी तरीके से कोलिगेटिव प्रॉपर्टीज ऐसी प्रॉपर्टीज हैं जो सॉल्यूट पार्टिकल्स के नंबर पर डिपेंडेंट है सॉल्यूट किस तरह का है किस नेचर का है उससे उसको कोई मतलब नहीं है ठीक है तो बच्चों कोलिगेटिव प्रॉपर्टीज के अंदर हम चार कोलिगेटिव प्रॉपर्टीज को आज डिटेल में डिस्कस करेंगे ठीक पहला रिलेटिव लोरि ऑफ वेपर प्रेशर वेपर प्रेशर क्या होता है यह हमने पिछले वीडियो में देख लिया था दूसरा प्रॉपर्टी एलिवेशन इन बॉयलिक तीसरा डिप्रेशन इन फ्रीजिंग पॉइंट और चौथा ऑस्मोटिक प्रेशर ठीक है तो चलो शुरू करें तो बच्चों शुरुआत करेंगे रिलेटिव लोरि ऑफ वेपर प्रेशर से देखते हैं कि यहां पर हम क्या डिस्कस करेंगे तो भाई राउल्ट जो थे जिन्होंने राउट्स लॉ दिया था उन्हीं राउट्स ने यह भी कहा था कि जो लोरि ऑफ वेपर प्रेशर है यह डिपेंड करता है ऑन द नंबर ऑफ सॉल्यूट पार्टिकल्स सॉल्यूट पार्टिकल्स कितने नंबर में है कितनी संख्या में है उस परे डिपेंड करता है ना कि सॉल्यूट के नेचर पे ठीक है कैसे एक सिचुएशन लेते हैं मान लो हमारे पास एक सिचुएशन है जहां पर प्योर सॉल्वेंट है ठीक है दूसरा सिचुएशन है जहां पर प्योर सॉल्वेंट नहीं है सॉल्वेंट के पार्टिकल्स एक सॉल्यूशन में है इसका मतलब उसमें कुछ सॉल्यूट भी है ठीक है इन दोनों केसेस में मेरे वेपर प्रेशर में क्या चेंज आ रहा है पहले केस में जब उस प्योर सॉल्वेंट है तो सरफेस पर सारे सॉल्वेंट के पार्टिकल्स हैं जो हाई एनर्जी में है हीट करोगे तुरंत वेपराइज होंगे वेपर प्रेशर ज्यादा होगा दूसरे केस में जहां पर थोड़े बहुत सॉल्यूट पार्टिकल्स भी हैं क्या हो गया सरफेस पे कुछ-कुछ जगह सॉल्यूट पार्टिकल्स ने ले लिया यार तो अब सॉल्वेंट के पार्टिकल्स पहले से कंपैरिजन में कम है तो इसीलिए यहां पर वेपर प्रेशर भी पहले के कंपैरिजन में कम है तो बोलने का मतलब है कि सॉल्यूट का कंसंट्रेशन जैसे ही मैंने बढ़ा दिया सॉल्यूशन में जब प्योर सॉल्वेंट था तो उसमें सॉल्यूट था ही नहीं अब जब मैंने सॉल्यूट उसमें डाल दिया तो सॉल्यूट का कंसंट्रेशन बढ़ा दिया जैसे ही नंबर ऑफ सॉल्यूट पार्टिकल्स बढ़ गए तो ओवरऑल मेरा वेपर प्रेशर क्या हो गया डिक्रीज हो गया इसीलिए हम बात कर रहे हैं लोवर ऑफ वेपर प्रेशर की समझ आ रही है बात तो अगर मैं उन्हीं शॉपकीपर की बात करूं वापस से अगर मैं स्टोरी में वापस जाऊं तो ये सिचुएशन कुछ ऐसा है कि यार उसके दुकान में ना लोगों की भीड़ तो बहुत हो रही है ठीक है बट अब उस क्राउड के अंदर बहुत सारे ऐसे बच्चे आ गए हैं दुकान में जिनके पास पैसे ही नहीं है अब वोह दुकान में तो घूम फिर रहे हैं सामान देख रहे हैं सामान उठा के बास्केट में डाल भी रहे हैं लेकिन सामान वो खरीद नहीं पा रहे हैं क्योंकि उनके पास पैसे ही नहीं है तो इसका मतलब ये जो बच्चे हैं ये सिर्फ दुकान का जो एरिया है उसी को कवर कर रहे हैं राइट बट वो एज उसके प्रॉफिट में कुछ कंट्रीब्यूट नहीं कर रहे हैं इनफैक्ट काफी ऐसे बच्चे हैं जो आ रहे हैं पैसे लेक नहीं आ रहे हैं ऊपर से वो अपने पेरेंट्स को बोल रहे हैं नहीं पापा यहां पर ये सामान अच्छा नहीं है चलो दूसरे दुकान से लेंगे और वो उनको भी लेके चले जा रहे हैं तो बेसिकली क्या हो रहा है कि पहले जितने की सेल हो रही थी अब उससे भी कम की सेल हो रही है क्योंकि इन बच्चों की वजह से एक तो उन्होंने जगह घेर लिया और उस चक्कर में ये काफी लोगों को भगा दे रहे हैं काफी नए सारे कस्टमर्स आ रहे हैं तो उन्हें दिख रहा है कि यार ये तो जगह भरा हुआ है हमारे लिए जगह ही नहीं है तो जो पोटेंशियल बायर्स हैं वो आ ही नहीं पा रहे हैं राइट तो कुल मिला के कहानी कुछ यूं है कि इस सिचुएशन में हो क्या रहा है कि मेरा जो वेपर प्रेशर है भैया वो घट जा रहा है तो चलो अब देखते हैं मैथमेटिकली तो लेट अस सपोज इनिशियली सिचुएशन कुछ ऐसा था और बाद में जाके लेटर सिचुएशन ऐसा हुआ मतलब इनिशियली क्या था मेरे पास सिर्फ सॉल्वेंट था प्योर सॉल्वेंट ठीक है और लेट अस से कि उस टाइम पर यह जो सॉल्वेंट था इसका जो वेपर प्रेशर था वो था p1 नॉ ठीक है प्योर सॉल्वेंट का जनरली हम नॉट लगा देते हैं वेपर प्रेशर डिनोट करने के लिए बाद में हमने क्या किया बाद में हमने इसमें ऐड कर दिया क्या नॉन वोलेटाइल सॉल्यूट अब भैया नॉन वोलेटाइल सॉल्यूट तो वही है जो कुछ कंट्रीब्यूट नहीं करता है क्योंकि वो वोलेटाइल है ही नहीं राइट तो वो वेपराइज हो ही नहीं रहा है तो इस केस में लेट अस सपोज कि मेरा जो फाइनल वेपर प्रेशर है वो कितना हो जाएगा p1 ठीक है अब आप पूछोगे कि यहां पर फिर जो मेरा सॉल्वेंट था उसका वेपर प्रेशर चेंज क्यों हुआ वो इसलिए हुआ क्योंकि देखो ना ये ऊपर का लेयर में अब सिर्फ ब्लू बॉल्स नहीं है रेड बॉल्स ने भी इतना सारा जगह खा लिया है राइट तो सरफेस पर मेरे ब्लू बॉल्स कम है अब चूंकि कम है तो वेपराइज भी ये कमी हो रहे हैं देखो यहां पर सिर्फ तीन ही बॉल्स दिख रहे हैं यहां पर एक दोती च पा छ थे है ना तो यहां हमको साफसाफ यह दिख रहा है कि भाई वेपर प्रेशर मेरा रिड्यूस हो गया है बट देखना यह है कि कितना रिड्यूस हुआ है राइट तो अब अगर मैं रिडक्शन की बात करूं मतलब अगर मैं पूछूं कि भाई कितना रिड्यूस हुआ तो उसे हम डेल्टा p1 से डिनोट कर सकते हैं डेल्टा p1 क्या होगा पहले जितना था वच वाज p1 नॉ और अभी कितना है च इज p1 ठीक है इतना लोअर हुआ है इतना घटा है इतना रिड्यूस हुआ है ठीक है इसको क्या लि लिख सकते हैं हम यहां पर हेल्प लेंगे राउट्स लॉ का ठीक है राउट्स लॉ ने हमें हमें क्या बताया था राउट्स लॉ बताता था कि जो p1 है दिस इज इक्वल टू p1 नॉ i1 राइट कि मतलब ये जो वेपर प्रेशर है ये मोल फ्रैक्शन से डायरेक्टली प्रोपोर्शनल है यही बता था राउट्स लॉ है ना तो बस वही लिखेंगे यहां पर हम क्योंकि यहां पर मेरा सारा फोकस किस पे है एक्सप्रेशन मुझे निकालना है हाउ डू आई कैलकुलेट रिलेटिव लोअर ऑफ वेपर प्रेशर सो p10 - p1 की जगह हम लिख सकते हैं p10 i1 तो इसे हम फरदर लिख सकते हैं p10 * 1 - k1 ठीक है 1 - k1 क्या हो जाएगा अब यहां पे जो सॉल्यूशन है इसमें कितने कॉम्पोनेंट्स हैं दो ही कॉम्पोनेंट है वन एंड टू तो मतलब k1 + का2 = 1 यानी कि 1 - k1 को हम लिख सकते हैं p10 का2 तो बच्चों ये जो वैल्यू हमने कैलकुलेट करी यह किसकी वैल्यू है डेल्टा p1 यानी कि लोअर ऑफ़ वेपर प्रेशर कितना कम हुआ बट मुझे कौन से वैल्यू पे इंटरेस्ट है मुझे इंटरेस्ट है रिलेटिव लोअर ऑफ़ वेपर प्रेशर तो लोअर और रिलेटिव लोअर में क्या फर्क है रिलेटिव लोअर मतलब कितना घटा विद रेस्पेक्ट टू विथ रिलेटिव टू जो इनिशियल वैल्यू थी उसे हम कहते हैं रिलेटिव लोअर तो रिलेटिव लोरि का मतलब हुआ डेल्टा p1 विद रिस्पेक्ट टू विद रिलेटिव टू इनिशियली जो वैल्यू थी इनिशियली क्या थी p1 न ठीक है तो चलो इसकी वैल्यू अब हम कैलकुलेट करेंगे तो यह क्या हो जाएगा देखो डेल्टा p1 की वैल्यू क्या है ये है p1 न बा का2 तो इसको लिखेंगे p1 न बा का2 डिवाइडेड बा p1 न तो ये कैंसिल हो जाएगा तो ये क्या हो जाएगा का2 काटू मतलब मोल फ्रैक्शन ऑफ टू यानी कि मोल फ्रैक्शन ऑफ द सॉल्यूट ये टू किसके लिए है टू सॉल्यूट के लिए है यहां पर ठीक है तो ये जो काईट है इसको ध्यान देना है ये क्या है दिस इज मोल फ्रैक्शन ऑफ सॉल्यूट तो भाई ये जो सॉल्यूट था ना मतलब देखो ये साफ-साफ मैथमेटिकली हमें बता रहा है कि ये जो वेपर प्रेशर की रिलेटिव लोरि हो रही है ये किसके वजह से हो रही है सॉल्यूट के मोल फ्रैक्शन से तो बेस्ड ऑन कि तुमने कितना सॉल्यूट डाला डिपेंड करेगा कि तुम्हारा वेपर प्रेशर कितना कम हुआ तो समझ में आया यह कोलिगेटिव प्रॉपर्टी क्यों है क्योंकि यह नंबर ऑफ सॉल्यूट पार्टिकल्स पे डिपेंड करता है ठीक है क्लियर हो गई बात अब ये जो का2 है इसको हम क्या लिख सकते हैं जब आप क्वेश्चन सॉल्व करोगे तो काम आएगा मोल फ्रैक्शन मतलब नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ मोल्स ऑफ़ सॉल्यूट प्लस नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्वेंट ठीक है क्लियर है तो ये हमारा सबसे इंपॉर्टेंट रिलेशन था यहां पर दैट इज़ डेल्टा p1 / p1 न यानी कि रिलेटिव लोंग ऑफ वेपर प्रेशर इज इक्वल टू द मोल फ्रैक्शन ऑफ द सॉल्यूट दिस इज सुपर डुपर इंपॉर्टेंट अब यहां पर हम बात करते हैं एक एक्सेप्शन केस की अब मान लो मैं एक ऐसे सिचुएशन की बात कर रही हूं जहां पर जो मेरा सॉल्यूशन है वोह बहुत डाइल्यूट सॉल्यूशन है डाइल्यूट सॉल्यूशन का मतलब क्या होता है डाइल्यूट क्या होता है मतलब जिसमें आप पानी बहुत डाल देते हो बेसिकली जिसमें आप सॉल्वेंट बहुत डाल देते हो मतलब ऐसे सॉल्यूशन में जो हमारा सॉल्यूट का नंबर ऑफ मोल्स है वो नंबर ऑफ मोल्स ऑफ़ सॉल्वेंट के मुकाबले काफी कम है यही मतलब होता है डाइल्यूट सॉल्यूशन का तो डाइल्यूट सॉल्यूशन के केस में हम एक और एप्रोक्सीमेशन कर सकते हैं जस्ट टू सिंपलीफाई आवर कैलकुलेशंस और वो यह है कि डेल्टा p1 / p10 यानी कि रिलेटिव लोंग ऑफ वेपर प्रेशर जो कि का2 के बराबर है इसको हम n2 / n1 + n2 ना लिख के हम लिख सकते हैं n2 / n1 ऐसा क्यों क्योंकि चूंकि n2 जो है वो n1 से बहुत छोटा है इसका मतलब है n1 + n2 जब हम करेंगे तो n1 इतना बड़ा है और उसके साथ में एक छोटा सा n2 है तो इसको हम काइंड ऑफ नेगलेक्ट कर सकते हैं तो इसीलिए जो डिनॉमिनेटर में n1 + n2 था उसको हम सिर्फ n1 भी लिख सकते हैं इफ वी आर टॉकिंग अबाउट अ डाइल्यूट सॉल्यूशन ठीक है समझ में आ गया मैथमेटिकली अमेजिंग अब देखते हैं एक क्वेश्चन क्वेश्चन कहता है कैलकुलेट द मास ऑफ अ नॉन वोलेटाइल सॉल्यूट मोलर मास 40 ग्रा पर मोल व्हिच शुड बी डिजॉल्ड्रिंग यहां पर क्या है एक नॉन वोलेटाइल सॉल्यूट है मेरे पास और मेरा सॉल्वेंट क्या है ऑक्टेन ऑक्टेन मेरा सॉल्वेंट है ऑक्टेन क्या होता है याद करो ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में पढ़ा था एल्केन ऑक्टेन ऑक्ट मतलब आठ इसमें आठ कार्बन होंगे और एन है मतलब ये एल्केन है तो हाइड्रोजन कितने हो गए स n2n + 2 यानी कि 18 c8 ए1 ये है मेरा ऑक्टेन ठीक है ओके अब यहां पर क्या दिया हुआ है यहां पर दिया हुआ है कि इसका वेपर प्रेशर जो है इज रिड्यूस्ड टू 80 पर ठीक है तो मान लो मान लेते हैं कि इनिशियली ये लेट्स से इनिशियल सिचुएशन है तो लेट्स से इनिशियली जो मेरा वेपर प्रेशर था दैट इज p1 नॉ ठीक है लेटर बाद में जाके मेरा वेपर प्रेशर कितना हो गया यह रिड्यूस हो गया और यहां पर जो मेरा वेपर प्रेशर है p1 वो कितना है वो 80 पर ऑफ p1 न है ठीक है यानी कि 80 ऑफ p1 न ठीक है क्लियर है ओके ओके अब आगे बढ़ेंगे अब देखेंगे हम इनके बीच में हमने रिलेशन तो ऑलरेडी निकाला था है कि नहीं हमने क्या देखा हमने देखा था कि रिलेटिव लोरि ऑफ वेपर प्रेशर जो कि यह होता है डेल्टा प यानी कि लोरि विथ रिलेटिव टू इनिशियली जो वैल्यू थी दैट इज इक्वल टू क्या हो जाएगा यह हो जाएगा डेल्टा पव क्या होगा पहले जो था माइनस अब जो हो गया है डिवाइडेड बाय p1 न ठीक है समझ आ रही है बात अब देखो यहां पर हम क्या लिख सकते हैं यहां पर हम लिख सकते हैं p1 न माइनस p1 की जगह हम क्या लिख सकते हैं 8 p1 तो 0.8 p1 न डिवाइडेड बाय p10 तो इसे हम लिख सकते हैं 0.2 p10 डिवाइडेड बा p10 तो ये कैंसिल हो जाएगा सो दिस इज 0.2 ठीक है ये डेल्टा p1 / p1 न की वैल्यू निकल गई लेकिन अभी-अभी हमने जो एक्सप्रेशन निकाला था उस एक्सप्रेशन के हिसाब से अभी-अभी जो हमने देखा था मैथमेटिकली उसके हिसाब से यह जो रिलेटिव लोरि ऑफ़ वेपर प्रेशर है दैट इज इक्वल टू का2 यानी कि न मोल फ्रैक्शन ऑफ़ द सॉल्यूट ठीक है अब डेल्टा p1 / p1 नॉ की वैल्यू तो हमने निकाल ली है 0.2 तो यानी कि हम कह सकते हैं कि 0.2 इज इक्वल टू नंबर ऑफ़ मोल्स ऑफ़ सॉल्यूट नंबर ऑफ़ मोल्स ऑफ़ सॉल्यूट नॉट नंबर ऑफ़ मोल्स मोल फ्रैक्शन ऑफ़ सॉल्यूट इसे हम कैसे निकाल सकते हैं n2 टू दैट इज नंबर ऑफ़ मोल्स ऑफ़ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट प्लस नंबर ऑफ़ मोल्स ऑफ़ सॉल्वेंट ऐसे निकाल सकते हैं ठीक है अब मुझे किसकी जरूरत पड़ेगी नंबर ऑफ मोल्स की जरूरत पड़ेगी तो चलो यहां साइड में पहले नंबर ऑफ मोल्स निकाल लेते हैं ठीक है लेट अस से हम बात करते हैं सॉल्यूट की तो सॉल्यूट का नंबर ऑफ मोल्स कितना होगा गिवन मास डिवाइडेड बाय मोलर मास अब गिवन मास इज समथिंग जो मुझे कैलकुलेट करना है तो लेट अस से उसे हम x मान लेते हैं डिवाइडेड बाय मोलर मास कितना दिया हुआ है 40 तो n2 की वैल्यू हो जाएगी x बा 40 नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्वेंट की बात करते हैं सॉल्वेंट यहां पर क्या है ऑक्टेन तो इसका गिवन मास कितना है 114 ग्राम और इसका मोलर मास कितना होगा c8 ए1 है ठीक है तो इसका मोलर मास हम कैलकुलेट कर लेते हैं c8 h 18 कार्बन का कितना है कार्बन का होता है 12 * 8 एटम्स है हाइड्रोजन का होता है 1 * 18 एटम्स है तो ये हो जाएगा 96 + 18 दैट इज़ 100 ठीक है तो यहां पर इसका मोलर मास 114 तो गिवन मास भी 114 मोलर मास भी 114 तो यानी कि इसका n1 की वैल्यू हो जाएगी वन ठीक है तो मैंने n1 की वैल्यू और n2 की वैल्यू यानी कि नंबर ऑफ मोल्स ऑफ़ सॉल्यूट और सॉल्वेंट हमने निकाल लिया है तो यहां पर हम वही वैल्यूज डाल देंगे तो यह हो जाएगा 0.2 इइ x बा 40 डिवा बाय 1+ x बा 40 अब ये क्या है ये एक सिंपल सा एक्सप्रेशन है एक इक्वेशन है जिसमें मुझे x की वैल्यू निकालनी है इसको आप कैलकुलेट करोगे तो x की वैल्यू निकल करके आ जाएगी 10 ग्राम एंड दैट इज द आंसर सिंपल ज्यादा मुश्किल तो नहीं था राइट तो एक बार आपको कांसेप्ट समझ में आ जाता है ना तो उसके बाद न्यूमेरिकल सॉल्व करना भी बहुत आसान हो जाता है ठीक है चलो आगे बढ़े ये तो बहुत आसान था क्यों बच्चों तो बच्चों अब हम बात करने वाले हैं दूसरे कोलिगेटिव प्रॉपर्टी की जो कि है एलिवेशन ऑफ बॉयलिक ठीक है तो एलिवेशन ऑफ बॉयलिक ये कहता है कि किसी भी सॉल्यूशन का जो बॉयलिक होता है वो हमेशा ज्यादा होता है कंपेयर्ड टू प्योर सॉल्वेंट का बॉयलिक पॉइंट ठीक है मतलब प्योर सॉल्वेंट जैसे मान लो प्योर पानी है उसका जो बॉयलिक होगा उसी पानी में अगर आप कुछ सॉल्यूट मिला के सॉल्यूशन बनाओ तो उस सॉल्यूशन का जो बॉयलिक होगा वो ज्यादा होगा इसीलिए एलिवेशन ऑफ बॉयलिक एलिवेशन मतलब कोई चीज का एलीवेट हो जाना बढ़ जाना ठीक है अब सवाल ये उठता है कि ऐसा क्यों होगा बॉयलिक पॉइंट बढ़ क्यों जाएगा ठीक है समझते हैं सबसे पहले ये समझो कि कोई भी सब्सटेंस बॉईल कब होता है कोई भी लिक्विड आपके पास अगर हो वो बॉईल तब होता है जब उस लिक्विड का वेपर प्रेशर एटमॉस्फेरिक प्रेशर के बराबर हो जाता है यह बात आपको ध्यान रखनी है कोई भी लिक्ड क्विड बॉयल कब करता है जब उसका वेपर प्रेशर एटमॉस्फेरिक प्रेशर के बराबर हो जाता है तब वो बॉईल करने लगता है ठीक समझना है लेट अस से यह लिक्विड का वेपर प्रेशर है और यह एटमॉस्फेरिक प्रेशर है जब दोनों बराबर हो गए तो यह लिक्विड बॉईल करने लगेगा ठीक है अब मान लेते हैं कि मेरे पास एक प्योर सॉल्वेंट है ठीक उस प्योर सॉल्वेंट का लेट्स से बॉयलिक क्या है ये है क्योंकि इस टेंपरेचर पर इसका वेपर प्रेशर एटमॉस्फेरिक प्रेशर के बराबर है अब मैंने क्या किया इस प्योर सॉल्वेंट में कुछ सॉल्यूट मिला दिया तो क्या बन गया सॉल्यूशन बन गया लेकिन जैसे ही मैंने उसमें सॉल्यूट मिलाया तो क्या हुआ उसका वेपर प्रेशर लोअर हो गया अभी देखा था ना लोरि ऑफ वेपर प्रेशर सॉल्यूट मिलाते ही वेपर प्रेशर क्या होता है कम हो जाता है तो इसका भी वेपर प्रेशर कम हो गया लेकिन भैया इसका वेपर प्रेशर कम हो गया तो यानी कि अब जो है जिस टेंपरेचर में ये पहले बॉईल हो रहा था उस टेंपरेचर पे अब बॉयल नहीं हो रहा है क्योंकि उस टेंपरेचर में तो अब इसका वेपर प्रेशर एटमॉस्फेरिक प्रेशर के बराबर है ही नहीं इसका मतलब मुझे और टेंपरेचर बढ़ाना पड़ेगा बढ़ाना पड़ेगा बढ़ाना पड़ेगा बढ़ाना पड़ेगा फाइनली एक टेंपरेचर आएगा जहां पर इसका वेपर प्रेशर एटमॉस्फेरिक प्रेशर के बराबर होगा और जब वो बॉईल करेगा इसका मतलब अब जो मेरा ये सॉल्यूशन है ये उसी टेंपरेचर पे बॉईल नहीं कर रहा है अब मुझे इसे और हीट करना पड़ रहा है तो यानी कि इसका जो वो बॉयलिक है वो अब एलीवेट हो गया है वो अब बढ़ गया है राइट तो चलो मैथमेटिकली देखें तो यहां पर भी देखते हैं बच्चों दोनों सिचुएशन सो लेट अस से कि इनिशियली और बाद में बॉयलिक कितना हो रहा है लेट अस सपोज कि इनिशियली जब यह प्योर सॉल्वेंट था देखो इसमें कोई सॉल्यूट नहीं है तो जब यह प्योर सॉल्वेंट था तो उस केस में लेट अस सपोज इसका बॉयलिक था t ब नॉ प्योर के लिए ना यह नॉट यूज़ करते हैं याद रखो बाद में जाके हमने क्या किया इसके अंदर हमने सॉल्यूट ऐड कर दिया तो इस केस में अब ये प्योर सॉल्वेंट नहीं है अब यह सॉल्यूशन है और अब इसका जो बॉयलिक है यह हो गया t ब ठीक है अब मुझे यहां क्या जानने में इंटरेस्ट है कि एलिवेशन इन बॉयलिक कितना इंक्रीज हुआ बॉयलिक पॉइंट ठीक है तो एलिवेशन को लेटस से हम डिनोट करते हैं डेल्टा t ब से डेल्टा मतलब एनी चेंज एनी डिफरेंस तो डेल्टा t ब कितना हो जाएगा जो बाद में बॉयलिक है माइनस जो पहले बॉयलिक पॉइंट था क्योंकि बाद वाला बॉयलिक ज्यादा था एलीवेट हो रहा है बॉलिंग पॉइंट यहां पर ठीक है ओके अब देखो एक्सपेरिमेंटली ऐसा पाया गया है कि ये जो चेंज इन बॉयलिक है या फिर ये जो इंक्रीज इन बॉयलिक है डेल्टा t ब यह डायरेक्टली प्रोपोर्शनल है m से m क्या है मोलर कंसंट्रेशन ऑफ द सॉल्यूशन पढ़ा था ना मोलालिटी मोलालिटी राइट तो यह वही मोलर कंसंट्रेशन ऑफ़ द सॉल्यूशन है मतलब मोलालिटी है उस सॉल्यूशन का ठीक है तो इससे हम एक एक्सप्रेशन लिख सकते हैं कि भाई हमको ना यह डायरेक्टली प्रोपोर्शनल नहीं चाहिए इसको हम इक्वल टू में चेंज कर देंगे यहां पर एक कांस्टेंट डाल देंगे ठीक है अब इस कांस्टेंट को हम क्या कहते हैं यह जो केबी है इस केबी को हम कहते हैं बॉलिंग पॉइंट एलिवेशन कांस्टेंट या फिर मोलर कांस्टेंट ठीक है त क्लियर है तो यह हमारा एक इंपॉर्टेंट एक्सप्रेशन है कि एलिवेशन इन बॉलिंग पॉइंट जो होता है ट इ इक्वल टू मोलर कांस्टेंट मल्टीप्ला बाय मोलालिटी ठीक है अब देखो ये आपको और किस तरीके से काम आ सकता है अब देखो मोलालिटी जो है यहां पर मोलालिटी यानी कि ए यह मोलालिटी क्या होता है यह हमने पढ़ा था नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय क्या होता है मोलालिटी इसमें एल है यानी कि लिक्विड यानी कि सॉल्वेंट तो नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय मास ऑफ सॉल्वेंट इन केजी ठीक है यही होता है तो इसे हम क्या लिख सकते हैं नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट सॉल्यूट के नंबर ऑफ मोल्स हम कैसे निकालेंगे गिवन मास ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय मोलर मास ऑफ सॉल्यूट सॉल्यूट को हम टू से ही रिप्रेजेंट कर रहे हैं ठीक है डिवाइडेड बाय मास ऑफ सॉल्वेंट सॉल्वेंट का मास हो जाएगा w1 इन केजी अब यहां पर लेट अस सपोज कि मैंने w1 और w2 इन दोनों को लेट्स से मैंने ग्राम्स में लिया है तो अगर यहां पर मुझे केजी में चाहिए तो w1 डिवाइड बा 1000 ये हो जाएगा ठीक है ये हो जाएगी m के लिए वैल्यू अब इसी वैल्यू को अगर हम इस डेल्टा t ब के एक्सप्रेशन में डाले तो मुझे क्या मिलेगा मुझे मिलेगा डेल्टा tb2 * m यानी कि ए * w2 * 1000 डिवाइडेड बाय m2 * w1 ये एक्सप्रेशन मुझे मिलेगा राइट क्योंकि मैंने क्या किया स्मल m की जगह ये लिख दिया पूरा तो अब w2 / m2 * 1000 बा w1 ऐसे ही होगा राइट तो ये आ गया अब देखो ये कैसे काम आएगा जब हम न्यूमेरिकल सॉल्व करेंगे तो अब मान लो मेरे पास गिवन मास दिया हुआ हो सॉल्यूट सॉल्वेंट का और अगर मेरे पास एलिवेशन इन बॉयलिक पॉइंट दिया हुआ हो तो हम मोलर मास निकाल सकते हैं सॉल्यूट का अगर मेरे पास मोलर मास दिया हुआ है और मुझे निकालना है कि भई कितना सॉल्यूट मेरे पास दिया हुआ है तो हम वो भी निकाल सकते हैं बाई फाइंडिंग आउट w2 तो बेसिकली इस एक्सप्रेशन में ना सारी वैल्यूज आपको दी हुई होंगी कोई एक वैल्यू दिया हुआ नहीं होगा वो आप निकाल सकते हो ठीक है तो ये आपका मैथमेटिकल एक्सप्रेशन है फॉर एलिवेशन ऑफ बॉयलिक पॉइंट समझ आया क्वेश्चन का करेंगे क्वेश्चन कहता है द बोइंग पॉइंट ऑफ बेंजीन इज 3532 3 केल्विन व्हेन 1.80 ग्रा ऑफ़ अ नॉन वोलेटाइल सॉल्यूट वाज डिजॉल्ड्रिंग पॉइंट इज रेज्ड टू 3541 केल्विन ठीक है तो बॉयलिक पहले इतना था अभी इतना हो गया है देखो इंक्रीज हो गया है 3532 से 354 111 हो गया है कैलकुलेट द मोलर मास ऑफ द सॉल्यूट ठीक है यानी कि मुझे m2 की वैल्यू निकालनी है सॉल्यूट है तो उसको हम ट से डिनोट करते हैं है ना ओके अब देखो यहां पर एलिवेशन है वो कितना हो रहा है डेल्टा टी बी इंक्रीज इन बोलिंग पॉइंट कितना है 34.1 माइ 3323 ठीक है च इज 0.88 तो ये डेल्टा टी भी है ओके अभी तक हमने क्या पढ़ा कि एलिवेशन इन बलिंग पॉइंट जो होता है दैट इज इक्वल टू kbmc.gov.in कितना सो दिस विल बी 88 / 2.53 मोल्स पर केजी ठीक है अभी कैलकुलेट नहीं किया क्योंकि और कैलकुलेशन अभी करनी बाकी है ठीक है ये तो मोलालिटी हो गया लेकिन मुझे क्या पता है मोलालिटी को हम क्या लिख सकते हैं मोलालिटी इज बेसिकली नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट यानी कि गिवन मास ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय मोलर मास ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय मास ऑफ द सॉल्वेंट इन के यानी कि w1 डिवाइड बा 1000 क्योंकि देखो यहां पर भी जितनी मासे दी हुई है दे आर ऑल इन ग्राम्स राइट तो इसीलिए 1000 से डिवाइड भी किया ठीक है एंड दिस इज इक्वल टू 88 / 2.53 अब यहां पर m2 मुझे निकालना है ठीक है लेकिन क्या w1 w2 मुझे पता है बिल्कुल पता है 1.80 ग्राम ऑफ नॉन वोलेटाइल सॉल्यूट यानी कि दिस इज w2 90 ग्रा ऑफ बेंजीन यानी कि दिस इज w1 ठीक है तो चलो वैल्यूज डालते हैं तो यहां पर w2 की वैल्यू हो जाएगी 1.80 डिवाइडेड बाय m2 * 1000 डिवाइड बा w1 की वैल्यू है 90 दिस इज इक्वल टू 88 / 2.53 तो यहां से हम कह सकते हैं कि कि m2 इ इक्व टू 1.80 * 1000 * 2.53 डिवाइडेड बाय 90 * प8 सो दिस इज इक्वल टू 58 ग्रामस पर मोल तुम्हारा आंसर आया क्या अब हम डिस्कस करेंगे तीसरे कोलिगेटिव प्रॉपर्टी को व्हिच इज डिप्रेशन इन फ्रीजिंग पॉइंट नाम से पता चल र है कि फ्रीजिंग पॉइंट में डिप्रेशन यानी कि फ्रीजिंग पॉइंट सॉल्यूशन का जो है वो कम होगा कंपेयर टू द फ्रीजिंग पॉइंट ऑफ द प्योर सॉल्वेंट प्योर सॉल्वेंट का जो फ्रीजिंग पॉइंट है उसी सॉल्वेंट में सॉल्यूट मिला के जब सॉल्यूशन बनाएंगे तो उसका जो फ्रीजिंग पॉइंट होगा वो कम होगा ये डिप्रेशन क्यों होता है इसके लिए फिर से समझेंगे कि फ्रीजिंग पॉइंट क्या होता है फ्रीजिंग पॉइंट वो वाला टेंपरेचर होता है जब एक लिक्विड सॉलिड में चेंज हो जाता है जैसे कि अगर हमारे पास पानी है पानी को जब हम लो टेंपरेचर टेंपरेचर कम करते जाएंगे करते जाएंगे करते जाएंगे पानी का जैसे ही एक टेंपरेचर ऐसा आएगा जब पानी क्या होगा बर्फ में कन्वर्ट हो जाएगा एंड दैट इज द फ्रीजिंग पॉइंट ठीक है तो फ्रीजिंग पॉइंट को में होता क्या है किसी भी सब्सटेंस का वेपर प्रेशर जो है लिक्विड फेज में जब वो सॉलिड फेज के वेपर प्रेशर के बराबर हो जाता है तब वो फ्रीज करता है ठीक है मतलब लिक्विड फेज फेज का वेपर प्रेशर इज इक्वल टू सॉलिड फेज का वेपर प्रेशर तब वो जो है वो फ्रीज करता है एंड दैट इज द फ्रीजिंग पॉइंट ठीक है अब इसको ऐसे समझो कि मैंने क्या किया लेट्स से एक मेरे पास प्योर सॉल्वेंट है ठीक है अब ये प्योर सॉल्वेंट को मुझे फ्रीज कराना है तो मैंने टेंपरेचर घटाया घटाया घटाया घटाया घटाया फाइनली एक ऐसा टेंपरेचर आया जब इस प्योर सॉल्वेंट का जो वेपर प्रेशर है वो इसके सॉलिड फेज के वेपर प्रेशर के बराबर हो गया ठीक है तो ये इसका फ्रीजिंग पॉइंट हो गया अब मान लो इस प्योर सॉल्वेंट में मैंने कुछ सॉल्यूट ऐड कर दिया जैसे ही सॉल्यूट ऐड कर देंगे तो इस प्योर सॉल्वेंट का जो वेपर प्रेशर है वो अपने आप ही थोड़ा कम हो जाएगा क्योंकि सॉल्यूट ऐड करने से वेपर प्रेशर लोरि होती है वेपर प्रेशर कम हो जाती है अब चूंकि वेपर प्रेशर ही इसका कम हो गया है तो इसको फ्रीज करने के लिए इसका ऑलरेडी वेपर प्रेशर कम हो गया है ठीक है अब इस इस वेपर प्रेशर को इसके सॉलिड फेज के वेपर प्रेशर के बराबर करने के लिए मुझे टेंपरेचर को और नीचे लेके जाना पड़ेगा राइट जब टेंपरेचर और नीचे जाएगा तभी जाके यह जो लोर्ड वेपर प्रेशर है यह इसके सॉलिड फेज के वेपर प्रेशर के बराबर होगा तो यानी कि क्या हो रहा है पहले अगर मान लो यह 0 डिग्री पे फ्रीज हो रहा था अब जो है यह 0 डिग्री से भी कम टेंपरेचर पर फ्रीज हो रहा है राइट तो यानी कि इसका फ्रीजिंग पॉइंट में क्या हो रहा है डिप्रेशन हो रहा है एंड दैट्ची है तो डिप्रेशन इन फ्रीजिंग पॉइंट का जो कांसेप्ट है ये बिल्कुल एलिवेशन इन बॉयलिक की तरह ही है तो इनिशियली हमारे पास लेट्स से प्योर सॉल्वेंट है ठीक है और उस समय पे मेरा जो फ्रीजिंग पॉइंट है लेट्स से दैट इज t ए न फ्रीजिंग पॉइंट टेंपरेचर है इसीलिए टी फ्रीजिंग के लिए एक एफ लगा दिया और प्योर की बात कर रहे तो t ए नॉ लेटर बाद में जाके जब हमने इसमें ऐड किया क्या सॉल्यूट तो क्या हुआ फ्रीजिंग पॉइंट चेंज हो गया ये हो गया tf1 में जो फ्रीजिंग पॉइंट घट के हो गया ठीक है अब यहां पर भी हम देखते हैं एक्सपेरिमेंटली ऐसा पाया गया है कि ये जो डिप्रेशन इन फ्रीजिंग पॉइंट है दिस इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू द मोलर कंसंट्रेशन यानी कि मोलालिटी तो इसीलिए यहां पर हम डेल्टा tf1 देखो बिल्कुल एलिवेशन एंड बॉलिंग पॉइंट की तरह ही है लेकिन ये जो कांस्टेंट है इसको हम क्या कहेंगे इसका ओबवियसली अलग नाम देंगे इसका नाम होगा फ्रीजिंग पॉइंट डिप्रेशन कांस्टेंट अब इसके कुछ नाम और भी हैं जैसे इसको हम मोलर डिप्रेशन कांस्टेंट भी कहते हैं जब बॉयलिक एलिवेशन की बात की थी तो वहां पर हम इस केब को कहते थे मोलर कांस्टेंट इसीलिए के ए को डिफरेंट करने के लिए इसको हम कहते हैं मोलर डिप्रेशन कांस्टेंट इसका एक नाम और है व्हिच इज क्रायोस्कोपिक कांस्टेंट अरे सारे नाम पता होने चाहिए क्योंकि कई बार न्यूमेरिकल्स में मान लो आपको लिख दिया गया कि द क्रायोस्कोपिक कांस्टेंट इज इतना आपको समझ ही नहीं आएगा कि क्रायोस्कोपिक कांस्टेंट होता क्या है राइट तो यह सारे जो नाम है यह सब केएफ के ही नाम है ठीक है अब अगर हम इस कांस्टेंट के यूनिट की बात करें केएफ की अगर हम यूनिट की बात करें तो इसका यूनिट है केल्विन केजी पर मोल ठीक है ओके अब देखो यहां पर हम हम न्यूमेरिकल्स में इसको कैसे यूज कर सकते हैं हालांकि कुछ खास बताने के लिए नहीं है क्योंकि एलिवेशन ऑफ बॉयलिक हमने कर लिया है तो आपको ऑलरेडी आईडिया है राइट तो यहां पर हम क्या कर सकते हैं ये जो मोलालिटी है इसको हम क्या लिख सकते हैं नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट यानी कि गिवन मास ऑफ सॉल्यूट बाय मोलर मास ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय द मास ऑफ सॉल्वेंट इन केजी केजी है इसीलिए बाय 1000 कर देंगे एज्यूमंगा मस में ले रहे हैं अब इसी वैल्यू को हम इस एक्सप्रेशन में रिप्लेस कर देंगे तो मेरा डेल्टा tf2 * 1000 क्योंकि इसको हम क्या लिख सकते हैं w2 * 1000 डिवा बा w1 * m2 और ठीक पहले की तरह इस एक्सप्रेशन को यूज कर सकते हैं हम कोई भी वैल्यू निकालने के लिए जैसे कुछ कांस्टेंट दिया हुआ है w1 w2 दिया हुआ है आप m2 निकाल सकते हो कभी m2 दिया हुआ है डेल्टा tf2 दिया हुआ है तो आप w1 निकाल सकते हो तो बेसिकली इस एक्सप्रेशन के हेल्प से कोई भी वैल्यू अगर अननोन है तो उसको हम निकाल सकते हैं कैसे चलो एग्जांपल देखते हैं उससे पहले यह जो कांस्टेंट्स हमने दो डिस्कस किए आ होप कंफ्यूज नहीं हो रहे हो के ए क्या है और केब क्या है तो केब क्या है बॉयलिक एलिवेशन कांस्टेंट जिसे हम मोलर कांस्टेंट भी कहते हैं के क्या है फ्रीजिंग पॉइंट डिप्रेशन कांस्टेंट जिसे हम मोलर डिप्रेशन कांस्टेंट भी कहते हैं ठीक है तो इन्हें हम कैलकुलेट कैसे करते हैं इन टर्म्स ऑफ फ्रीजिंग पॉइंट एंड बॉयलिक देखो r * m1 * t ए स्क्वायर tf5 राइट डिवाइडेड बा 1000 * डेल्टा h फ्यूजन तो यहां पर क्या है गैस कांस्टेंट जिसकी वैल्यू कांस्टेंट रहती है m1 है मोलर मास ऑफ़ सॉल्वेंट क्योंकि देखो यहीं से पता चलता है कि ये जो कांस्टेंट्स है इनकी वैल्यू सॉल्वेंट पे डिपेंड करती है tf4 क्या है एंथैल्पी ऑफ फ्यूजन ऑफ द सॉल्वेंट ठीक है तो ये सारी चीजें जिसके ऊपर ये डिपेंड करती है दे आर ऑल ऑफ द सॉल्वेंट इसीलिए k केब की वैल्यू सॉल्वेंट के नेचर पे डिपेंड करती है ना कि सॉल्यूट पे ठीक है दिस एक्सप्रेशन यू कैन कीप हैंडी कि बाय चांस कोई न्यूमेरिकल ऐसा आ जाए जिसमें आपको इस एक्सप्रेशन का यूज करना पड़ जाए ठीक है चलो डिप्रेशन इन फ्रीजिंग पॉइंट का बच्चों एक बहुत ही मजेदार और इंटरेस्टिंग एग्जांपल देती हूं मैं ठीक है नॉर्मली हम सभी को पता है कि पानी बर्फ में फ्रीज किस टेंपरेचर पे करता है 0 डिग्री पे ये हम सभी को पता है ठीक है लेकिन आप नोटिस करोगे कि जो सी वाटर होता है समुंदर का जो पानी होता है वो 0 डिग्री के नीचे भी लिक्विड फॉर्म में ही रहता है वो फ्रीज नहीं करता है 0 डिग्री के नीचे भी ऐसा क्यों होता है सी वाटर में क्या होता है सॉल्ट तो सी वाटर जो है वो प्योर वाटर नहीं होता है प्योर सॉल्वेंट नहीं होता है उसमें हमने एक सॉल्यूट मिलाया हुआ होता है उसमें सॉल्ट मिला देते हैं जैसे ही सॉल्ट मिला देते हैं तो उसका वेपर प्रेशर कम हो जाता है एज अ रिजल्ट उसका जो फ्री फ्रीजिंग पॉइंट है जिस पॉइंट पर वह फ्रीज करेगा वह पॉइंट भी और कम हो जाता है तो वह जीरो डिग्री पर फ्रीज नहीं करता है वो उससे भी कई कम टेंपरेचर पर जाके ही फ्रीज करता है इसीलिए हम देखते हैं कि सी वाटर जो है वो 0 डिग्री के नीचे भी फ्रीज नहीं करता है तो क्वेश्चन यहां पे कह रहा है कि 1 ग्राम ऑफ अ नॉन इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूट डिजॉल्ड्रिंग पॉइंट ऑफ बेंजीन बाय 0.40 केल्विन ठीक है तो यानी कि यहां पर फ्रीजिंग पॉइंट कि कितना कम हो गया डेल्टा t ए जो है दैट इज 0.40 केल्विन फ्रीजिंग पॉइंट डिप्रेशन कांस्टेंट ऑफ बेंजीन इज 5.12 केल्विन केजी पर मोल यानी कि ये किसकी वैल्यू है ये केएन सेंट की वैल्यू है फाइंड द मोलर मास ऑफ द सॉल्यूट यानी कि मुझे क्या निकालना है m2 की वैल्यू निकालनी है और क्या-क्या वैल्यू दी हुई है 1 ग्राम ऑफ नॉन इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूट यानी कि गिवन मास ऑफ सॉल्यूट है w2 की वैल्यू है ये ये कितने में डिजॉल्ड्रिंग ठीक है तो ये सारी चीजें हमारे पास दी हुई है ओके तो चलो अब हम एक्सप्रेशन को लिखते हैं हमें क्या पता था कि डेल्टा f * m हम लिख सकते हैं अब मोलालिटी क्या होता है ये हम सभी को पता है मोलालिटी क्या होता है नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट दैट इज गिवन मास ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय मोलर मास ऑफ सॉल्यूट दिस एंटायस ऑफ सॉल्वेंट इड केजी यानी कि w1 डिवाइड बा 1000 अजूम मिंग कि ये जो गिवन मासे है दे आर इन ग्राम्स यस एंड दैट इज व्हाट इट इज तो इसे हम लिख सकते हैं kf2 इन 1000 डिवाइडेड बाय w1 इन m2 ठीक है तो अब यहां से हम लिख सकते हैं कि m2 की जो वैल्यू होगी दैट विल बी इक्वल टू k ए इन w2 * 1000 डिवाइडेड बाय w1 इन डेल्टा t ए ठीक है तो ये वैल्यूज डालते हैं 5.12 न w2 क्या है 1 ग्राम इन 1000 डिवाइडेड बाय w1 क्या है 50 ग्राम और डेल्टा टीए क्या है 0.40 तो इसकी वैल्यू निकल के आ जाएगी 256 ग्राम पर मोल तो यह हो जाएगा मोलर मास ऑफ द सॉल्यूट तो प्यारे बच्चों अब हम स्टार्ट करने वाले हैं हमारा चौथा कोलिगेटिव प्रॉपर्टी जो कि है ऑस्मोटिक प्रेशर ऑस्मोटिक प्रेशर को समझने के लिए हमें सबसे पहले समझना होगा ऑस्मोसिस ऑस्मोसिस किसे कहते हैं तो बचों ऑस्मोसिस एक ऐसा फेनोमेन होता है जिसके अंदर हम देखेंगे कि जो हमारा सॉल्वेंट पार्टिकल्स होता है उनकी मूवमेंट होती है ठीक है तो ये ऑस्मोसिस में हमारे पास एक मेंब्रेन होता है एक समझ लो एक पर्दा होता है नॉट एगजैक्टली पर्दा बट समझ लो एक छलनी जैसे हमारे पास चाय एक छलनी होती है राइट आप चाय बना के उसमें छान हो तो चाय पत्ती ऊपर रह जाती है लेकिन जो लिक्विड है वो पास हो जाता है राइट तो एक समझो इसी तरह का एक छलनी होता है जिसे हम सेमी परमेबल मेंब्रेन कहते हैं भारी भरकम सा नाम है फिर से मेंब्रेन मतलब एक तरीके से एक वॉल समझो सेमी परमेबल मतलब सेमी मतलब आधा परमेबल मतलब परमिट करना मतलब जो आधे चीजों को जाने देता है आधे चीजों को परमिशन नहीं देता है ठीक है तो किन चीजों को परमिशन देता है जो बहुत छोटे साइज के पार्टिकल्स हो जैसे कि सॉल्वेंट के पार्टिकल्स किसको जाने नहीं देता है सॉल्यूट के पार्टिकल्स जो स्लाइटली बड़े साइज के होते हैं जनरली ठीक है तो मतलब एक ऐसा सेटअप जहां पर एक सेमी परम बल मेंब्रेन हो बीच में जो सिर्फ सॉल्वेंट के मॉलिक्यूल को जाने देता हो और सॉल्वेंट के मॉलिक्यूल जो है वो एक ऐसे रीजन से मूव करेंगे जहां पर उनका कंसंट्रेशन अधिक है मतलब जहां पर ज्यादा सॉल्वेंट है वहां से ये मूव करेंगे उस तरफ जहां पर कम सॉल्वेंट है ठीक है मतलब इट इज लाइक लेट अस सपोज एक पार्टीशन बनी हुई है एक तरफ ऐसे लोग हैं जिनके पास जो अमीर लोग हैं उनके पास बहुत पैसे हैं दूसरी तरफ ऐसे लोग हैं जो बहुत गरीब है जिनके पास पैसे नहीं हैं तो आईडियली कैसा होना चाहिए तो ये जो मेंब्रेन है बीच का जो वॉल है यह सिर्फ पैसे को फ्लो करने देगा इंसान को नहीं पैसे को फ्लो करने देगा फ्रॉम अमीर टू गरीब मतलब फ्रॉम ऐसा रीजन जहां पर पैसा बहुत ज्यादा है टू ऐसा रीजन जहां पर पैसा कम है ठीक है तो कुछ ऐसा ही यहां पर होगा कि सॉल्वेंट के पार्टिकल्स मूव करेंगे फ्रॉम रीजन ऑफ इट्स हाई कंसंट्रेशन जहां सॉल्वेंट का कंसंट्रेशन ज्यादा है टू ऐसा रीजन जहां पर सॉल्वेंट का कंसंट्रेशन कम है अब सवाल ये उठता है कि ये मूवमेंट कब तक हो होती रहेगी जब तक दोनों तरफ का कंसंट्रेशन बराबर ना हो जाए राइट मतलब एक तरफ अमीर है एक तरफ गरीब है पैसे का फ्लो भैया तब तक चलता रहेगा जब तक दोनों पार्टी बराबर रिच ना हो जाए तो मतलब जो बहुत अमीर है वो थोड़े कम अमीर हो जाएंगे जो गरीब है वो थोड़े अमीर हो जाएंगे तो मतलब दोनों साइड जब बराबर हो जाएंगे तो ये पैसे का मूवमेंट रुक जाएगा ठीक है तो इसी फिनोम को हम कहते हैं ऑस्मोसिस जैसे ही हम ऑस्मोसिस की बात करते हैं सोच के देखो कि क्या हमारे डे टू डे लाइफ में हमें हीं पे ऑस्मोसिस देखने को मिलता है बिल्कुल मिलता है कभी नोटिस किया है जब घर में कोई बुके आता है या फिर आप बाहर से फूल का गुलदस्ता खरीद के लाते हो और उसे आप क्या करते हो एक वा फ्लावर वास में पानी में उसको डाल के रख देते हो उससे क्या होता है जो फूल है वो जल्दी मुरझा नहीं है वो कई दिनों तक फ्रेश रहते हैं ऐसा क्यों या फिर कई बार ऐसा होता है हल्का सा मुरझाया हुआ फूल को भी अगर आप पानी में डाल दो तो वो वापस से थोड़ा खिला खिला सा हो जाता है क्यों होता है ऐसा यहां हां पर भी वही चीज होती है जो पानी है वो जहां पर पानी ज्यादा है वहां से जहां पर पानी कम है उस डायरेक्शन में फ्लो करने लगता है एंड एज अ रिजल्ट वो जो फूल या फिर वो जो स्टेम जिसके अंदर पानी बिल्कुल ड्राइड अप हो गया था पानी ही नहीं था उसमें थोड़ा सा पानी आ जाता है एंड दैट्ची जो हैं वो ऑस्मोसिस और डिफ्यूजन में बहुत कंफ्यूज होते रहते हैं बहुत लोगों को लगता है कि अच्छा ऐसा ही कुछ तो हमने डिफ्यूजन के बारे में भी पढ़ा था अपने जूनियर क्लासेस में तो भैया वो कंफ्यूजन मैं यहीं के यहीं क्लियर कर देती हूं देखो ऑस्मोसिस क्या होता है जिसमें स्पेसिफिक पार्टिकल्स की मूवमेंट होती है यानी कि मूव कौन करता है सिर्फ सॉल्वेंट के पार्टिकल्स ही मूव कर पाते हैं क्योंकि बीच में होता है एक सेमी परमेबल मेंब्रेन लेकिन जब हम डिफ्यूजन की बात करते हैं तो डिफ्यूजन उस फेनोमेन को कहते हैं जहां पर पार्टिकल्स मूव करते हैं फ्रॉम रीजन ऑफ हाई कंसंट्रेशन टू रीजन ऑफ लो कंसंट्रेशन ऐसा कुछ नहीं है कि सिर्फ सॉल्वेंट मूव करेंगे ऐसा कुछ नहीं है कि सिर्फ सॉल्यूट मूव करेंगे मतलब अगर मैं सेम सेटअप को लूं तो डिफ्यूजन के केस में क्या होगा इधर से इधर एक सॉल्वेंट जो है जहां सॉल्वेंट ज्यादा है वहां से जहां सॉल्वेंट कम है उस तरफ मूव करते रहेंगे सॉल्यूट के जो पार्टिकल्स है वो भी मूव करते रहेंगे जहां सॉल्यूट ज्यादा है वहां से मूव करेंगे जहां सॉल्यूट कम है उस तरफ मूव करते रहेंगे ठीक है तो यहां पर क्या होता है कि नेट दोनों तरफ से मूवमेंट चल रही ही है सॉल्यूट में मूव कर रहे हैं सॉल्वेंट में मूव कर रहे हैं तो नेट मूवमेंट जिस तरफ हो रही है उसे हम कहते हैं कि नेट नेट डिफ्यूजन इस तरफ हो रहा है मतलब अगर ज्यादा मूवमेंट सॉल्यूट के तरफ है तो हम कहेंगे कि भैया नेट नेट डिफ्यूजन राइट से लेफ्ट हो रही है नेट नेट डिफ्यूजन लेफ्ट से राइट हो रही है ठीक है मतलब नेट मूवमेंट की बात करते हैं बट एज सच यहां पर दोनों ही पार्टिकल्स मूव कर रहे होते हैं और यहां पर सेमी परमेबल मेंब्रेन का कुछ काम नहीं होता है तो ऑस्मोसिस समझ में आ गया तो आई थिंक अब हम समझ सकते हैं कि व्हाट इज ऑस्मोटिक प्रेश ऑस्मोटिक प्रेशर एक ऐसा प्रेशर होता है जो सॉल्वेंट के इस मूवमेंट को जस्ट स्टॉप कर सकता है कि रुक जाओ राइट कैसे स्टॉप करेगा देखो ये सॉल्वेंट का मूवमेंट कैसा हो रहा था लेट अस सपोज हमारे पास एक कंटेनर है बीच में एक सेमी परमेबल मेंब्रेन है एक तरफ प्योर सॉल्वेंट है और दूसरे तरफ सॉल्यूशन है ठीक है मूवमेंट किसकी होने वाली है सॉल्वेंट की तो सॉल्वेंट किधर से किधर मूव करेगा जहां पर सॉल्वेंट का हाई कंसंट्रेशन है किधर सॉल्वेंट ज्यादा है प्योर सॉल्वेंट में ओबवियसली क्योंकि वहां तो सिर्फ सॉल्वेंट ही सॉल्वेंट है तो मेरा जो सॉल्वेंट के पार्टिकल्स हैं वो प्योर सॉल्वेंट से सॉल्यूशन की तरफ मूव कर रहे हैं टॉय टॉय टॉ टॉ मूवमेंट चालू है मुझे इस मूवमेंट को रोकना है रोकने के लिए मैं क्या कर सकती हूं मैं एक प्रेशर लगा सकती हूं दूसरे तरफ मतलब सॉल्यूशन के साइड अगर मैं एक प्रेशर लगा दूं पोजिंग प्रेशर तो क्या होगा मेरा ये जो मूवमेंट है सॉल्वेंट का वो जस्ट स्टॉप हो मतलब उतना ही प्रेशर लगाओ कि ये जो मूवमेंट हो रहा है ना सॉल्वेंट का वो बस स्टॉप हो जाए तो वो मिनिमम प्रेशर जो है दैट इज कॉल्ड ऑस्मोटिक प्रेशर तो ऑस्मोटिक प्रेशर जो है ये डिपेंड करता है किस पे सॉल्यूशन के कंसंट्रेशन पे मतलब कितना प्रेशर मुझे लगाना है हाउ डू आई डिसाइड दैट वो डिसाइड करूंगी मैं बेस्ड ऑन कि उस सॉल्यूशन का कंसंट्रेशन कितना है क्योंकि सॉल्यूशन का जो कंसंट्रेशन होगा वो मुझे बताएगा कि भैया कितने सॉल्वेंट मॉलिक्यूल मूव करेंगे या कब तक मूव करेंगे राइट सो बेस्ड ऑन द कंसंट्रेशन ऑफ द सॉल्यूशन हम डिसाइड करेंगे कि कितना प्रेशर लगाना है ताकि सॉल्वेंट का जो मूवमेंट है वो जस्ट रुक जाए एंड दैट्ची ठीक है और मोलर को यहां पर हम डिनोट करते हैं कैपिटल सी से ठीक है और यहां पर सिर्फ मोलर ही नहीं इस इसमें टेंपरेचर का भी रोल होता है सो बेसिकली ऑस्मोटिक प्रेशर का जो एक्सप्रेशन होता है दैट इज इक्वल टू सटी जहां पर सी क्या है मोलेरिटी है r है गैस कांस्टेंट और टी है टेंपरेचर सो दिस इज हाउ वी कैलकुलेट ऑस्मोटिक प्रेशर ठीक है अब देखो मोलेरिटी को हम क्या लिख सकते हैं c जो है ये क्या होता है नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉली ट पर यूनिट वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन राइट तो नंबर ऑफ मोल्स ऑफ़ सॉल्यूट उसको आप n2 लिख सकते हैं डिवाइडेड बाय v इज द वॉल्यूम ऑफ़ द सॉल्यूशन * r * t राइट तो इसे हम फर्द लिख सकते हैं कि पा * v = n2 rt1 * t तो यहां से भी अगर हम देखें तो हम मोलर मास ऑफ सॉल्यूट को निकाल सकते हैं इन टर्म्स ऑफ ऑस्मोटिक प्रेशर सो मोलर मास ऑफ़ सॉल्यूट क्या हो जाएगा w2 आटी डिवाइडेड बाय पा v अब इस एक्सप्रेशन को याद करने की कोई जरूरत नहीं है इट इज नॉट टू मेमोराइज आई एम जस्ट टेलिंग कि यहां से हम कैसे न्यूमेरिकल्स में अप्लाई कर सकते हैं याद रखना है सिर्फ इसको दिस इज द ओनली थिंग यू नीड टू रिमेंबर बाकी तो पता ही है मोलेरिटी क्या होता है यह तो पता ही है नंबर ऑफ़ मोल्स ऑफ़ सॉल्यूट बाय वॉल्यूम ऑफ़ द सॉल्यूशन तो वो हम जब क्वेश्चन को सॉल्व करें तब अपने आप डालते चले जाएंगे और सॉल्व होता जाएगा तो बच्चों अभी तक हमने चार कोलिगेटिव प्रॉपर्टीज डिस्कस की और हम ये नोटिस करते हैं कि ये जो ऑस्मोटिक प्रेशर वाला प्रॉपर्टी है यहां पर कुछ चीजें थोड़ी अलग है कुछ चीजें एक तरीके से कह सकते हैं कि थोड़ा सा एडवांटेजियस है जैसे कि ऑस्मोटिक प्रेशर जो है ये मोलेरिटी पे डिपेंड करता है ना कि मोलालिटी पे ठीक है एक तो उसका वो एडवांटेज है इसके अलावा दूसरा एडवांटेज यह है कि ऑस्मोटिक प्रेशर के केस में ये जो भी प्रेशर की मेजरमेंट्स होती हैं दे हैपन अराउंड द रूम ट टेंपरेचर्स ठीक है तो चलो आगे बढ़ते हैं तो बच्चों ऑस्मोटिक प्रेशर के कांसेप्ट से रिलेटेड एक बहुत ही इंपॉर्टेंट प्रैक्टिकल कांसेप्ट अभी हम डिस्कस करेंगे हम ये देखते हैं कि अगर हमारे पास दो ऐसे सॉल्यूशन हो जिनका ऑस्मोटिक प्रेशर बिल्कुल सेम है ठीक है एट अ पर्टिकुलर टेंपरेचर तो हम ऐसे सॉल्यूशंस को कहते हैं आइसोटोनिक सॉल्यूशंस आइसो मतलब सेम और अगर दोनों का ऑस्मोटिक प्रेशर बिल्कुल सेम है खुद सोच के देखो दोनों सॉल्यूशन का बिल्कुल सेम है तो मेरा सॉल्वेंट किधर किधर फ्लो करेगा किधर भी फ्लो नहीं करेगा क्योंकि दोनों तरफ जो है उसका कंसंट्रेशन बिल्कुल सेम है ऑस्मोटिक प्रेशर दोनों तरफ सेम है सो दोनों तरफ बैलेंस आउट हो रहा है सो देयर फोर नेट नेट जो सॉल्वेंट की मूवमेंट है वो किधर भी नहीं होगी ठीक है यहां पर एक बहुत प्रैक्टिकल एग्जांपल लेंगे आप लोगों ने सुना होगा राइट कि बहुत बार जैसे लोगों की तबीयत खराब हो जाती है डिहाइड्रेशन हो जाता है तो हॉस्पिटल में एडमिट हो जाते हैं और उन्हें पानी चढ़ाया जाता है ऐसे ही कहते हैं हम सलाइन वाटर का ड्रिप दिया जाता है राइट इंट्रा वनस इंजेक्शन के थ्रू जो है नमक का पानी बॉडी के अंदर भेजते हैं राइट क्या होता है तो बहुत अच्छे से समझो देखो ऐसे ही अगर हम बॉडी के अंदर पानी भेज देंगे तो हमारे सेल्स के अंदर अगर पानी घुस जाएगा तो क्या हो जाएगा सेल्स स्वेल अप हो जाएंगे दिक्कत आ जाएगी राइट अगर कुछ हम ऐसा सॉल्यूशन भेज दें जिसका प्रेशर कम हो तो क्या होगा सेल्स के अंदर से पानी निकल के आ जाएगा तो सेल्स श्रिंक हो जाएंगी तब भी दिक्कत हो जाएगा राइट तो आप समझ रहे हो बारीकी से कि हाउ क्रिटिकल इट इज टू डिसाइड कि जो सॉल्यूशन हम भेज रहे हैं उस सॉल्यूशन का कंसंट्रेशन कितना होना चाहिए तो हम क्या करते हैं कि जो हमारे ब्लड सेल्स हैं उसके अंदर जो फ्लूइड है राइट उस फ्लूइड का जो कंसंट्रेशन है उस फ्लूइड का जो ऑस्मोटिक प्रेशर है उसी के इक्विवेलेंट ऑस्मोटिक प्रेशर का सॉल्ट सॉल्यूशन हम भेजते हैं तो उसी के इक्विवेलेंट प्रेशर का जो सॉल्ट सॉल्यूशन होता है दैट इज 0.9 पर सॉल्ट सॉल्यूशन मतलब सॉल्ट सॉल्यूशन हम एगजैक्टली 0.9 पर कंसंट्रेशन का ही भेजना है अगर इतने कंसंट्रेशन का भेजेंगे तो क्या होगा कि ब्लड वेसल के अंदर जो फ्लूइड है उसका ऑस्मोटिक प्रेशर और ये 0.9 पर सॉल्ट सॉल्यूशन या सलाइन सॉल्यूशन का ऑस्मोटिक प्रेशर सेम है तो ऐसे केस में ना तो सेल्स के अंदर से पानी निकल के आएगा ना ही बाहर से पानी सेल्स के अंदर घुसेगा सो दिस इज एन एग्जांपल ऑफ आइसोटोनिक सॉल्यूशन ठीक है लेकिन मान लो ऐसा हुआ कि हम ने जो सॉल्यूशन भेजा जो सेलाइन सॉल्यूशन भेजा उसका जो कंसंट्रेशन है वो 0.9 पर से ज्यादा है तो इसका मतलब इसका जो सॉल्यूशन का कंसंट्रेशन ज्यादा है मतलब इस सॉल्यूशन में सॉल्ट ज्यादा है कभी भी हम सॉल्यूशन का कंसंट्रेशन बोलते हैं मतलब उस सॉल्यूशन में जो सॉल्यूट है उसका कंसंट्रेशन ज्यादा है ठीक है सॉल्यूट का कंसंट्रेशन ज्यादा है तो आप मुझे यह बताओ कि सॉल्वेंट किधर से किधर फ्लो करेगा पानी किधर से किधर फ्लो करेगा जिधर पानी ज्यादा है राइट तो अगर जो पानी मैंने भेजा उसमें सॉल्ट ज्यादा है मतलब उसमें पानी कम है कंपेरटिवली तो पानी ज्यादा ब्लड सेल्स के अंदर है तो ऐसे केस में पानी कहां से कहां फ्लो करने लगेगा ब्लड सेल्स के अंदर से बाहर की तरफ फ्लो करने लगेगा तो ब्लड सेल्स क्या हो जाएंगे ये श्रिंक हो जाएंगे बात समझ में आई तो ऐसे केस में मेरे ब्लड सेल्स श्रिंक हो जाएंगे और इस तरह के सॉल्यूशन को हम कहेंगे हाइपरटॉनिक सॉल्यूशन ठीक है हाइपर मतलब ज्यादा हाइपरटॉनिक सॉल्यूशन क्यों क्योंकि इस सॉल्यूशन का जो सॉल्यूट का कंसंट्रेशन था वो ज्यादा सा दैट दैट इज व्हाई इट इज हाइपरटॉनिक सॉल्यूशन अब इसका उल्टा केस भी हो सकता था ऐसा भी हो सकता है कि जो सेलाइन सॉल्यूशन हम भेज रहे हैं उसका जो कंसंट्रेशन है वो 0.9 पर से कम है यानी कि उसका जो सॉल्यूट का जो कंसंट्रेशन होना चाहिए था उससे कम है उसमें सॉल्यूट का कंसंट्रेशन तो यानी कि इस केस में मेरे सॉल्वेंट का मूवमेंट किधर से किधर होगा फ्लूइड का मूवमेंट किधर से किधर होगा बाहर से ब्लड सेल्स की अंदर यानी कि यहां पर मेरे जो सेल्स है वो स्वेल अप कर जाएंगे राइट यहां पर सेल्स मेरे स्वल हो जाएंगे और इस तरह के सॉल्यूशंस को हम कहेंगे हाइपोटोनिक सॉल्यूशंस ठीक है तो यहां पर हमने तीन तरह के सॉल्यूशंस की बात की आइसोटोनिक सॉल्यूशन हाइपरटॉनिक सॉल्यूशन एंड हाइपोटोनिक सॉल्यूशंस तो चलो देखते हैं एक प्रॉब्लम ऑन ऑस्मोसिस 200 सेंटीमीटर क्यूब ऑफ एन एक्वा सॉल्यूशन ऑफ अ प्रोटीन कंटेंस 1.26 ग्राम ऑफ प्रोटीन ठीक है यानी कि इस प्रोटीन का सॉल्यूशन है जिसमें 1.26 ग्रा ऑफ प्रोटीन है तो यह 1.26 ग्रा क्या है ये गिवन मास ऑफ द सॉल्यूट है तो यह w2 की वैल्यू है ठीक है और 200 सेमी क्यूब ऑफ द सॉल्यूशन यानी कि ये क्या है ये वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन है द ऑस्मोटिक प्रेशर ऑफ सच अ सॉल्यूशन एट 300 केल्विन ये टेंपरेचर है इज 2.57 * 10 टू द पावर -3 बार यानी कि ये वैल्यू किसकी है पाई की दैट इज ऑस्मोटिक प्रेशर कैलकुलेट मोलर मास ऑफ द प्रोटीन प्रोटीन जो कि मेरा सॉल्यूट है इसका मोलर मास निकालना है यानी कि m2 की वैल्यू निकालनी है तो थोड़ी देर पहले हमने क्या देखा कि ऑस्मोटिक प्रेशर पाई जो होता है दैट इज इक्वल टू सटी जहां पर c क्या है स इज मोलेरिटी दैट इज नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट यानी कि गिवन मास ऑफ सॉल्यूट बाय मोलर मास ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन च इज v ठीक है और यह वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन किसम इन लीट्स दिस इन r * t ठीक है अब अगर हम इसे देखें तो यह जो सारी वैल्यूज है ये सारी वैल्यूज हमारे पास दी हुई है वॉल्यूम ऑफ द सॉल्यूशन जो 200 सेंटीमीटर क्यूब है इसको हम लीटर में अगर चेंज करें तो इट विल बी 0.2 लीटर ठीक है तो अब ये सारी वैल्यूज डाल देते हैं w2 की वैल्यू है 1 26 डिवाइडेड बाय m2 इज समथिंग जो हमें कैलकुलेट करना है इनटू r की वैल्यू कांस्टेंट होती है सो r इज 083 लीटर बार मोल इवर्स केल्विन इवर्स ठीक है इनटू t की वैल्यू है 300 केल्विन डिवाइडेड बाय वॉल्यूम कितना है 0.2 लीटर ठीक है और ये पाई की वैल्यू दी हुई है 2.57 * 10 टू द पावर -3 तो बेसिकली देखो सारी वैल्यूज दी हुई है सिर्फ m2 नहीं पता है तो इसे जब हम कैलकुलेट करेंगे तो m2 की वैल्यू निकल के आएगी 6122 ग्राम्स पर मोल तो कैलकुलेशन जो है वो आप खुद से कर सकते हो आई एम मोस्टली ट्राइट गाइड यू ऑन द अप्रोच टू सॉल्व द क्वेश्चन ठीक है तो कैलकुलेशन आप खुद से कर लो अगर कोई मिस्टेक्स भी रही तो यू कैन रेक्टिफाई देम ऑन द कैलकुलेशन पार्ट ठीक है तो ये था ऑस्मोसिस का प्रॉब्लम यह तो बहुत आसान था क्यों तो बच्चों ऑस्मोसिस समझ में आ गया अब हम ऑस्मोसिस से ही रिलेटेड एक कांसेप्ट समझेंगे व्हिच इज कॉल्ड रिवर्स ऑस्मोसिस और रिवर्स ऑस्मोसिस जिसे हम शॉर्ट फॉर्म में कहते हैं आरो ये आरो जो है ये एक बहुत ही ऐसा इंपॉर्टेंट कांसेप्ट है जो हमारे डे टू डे लाइफ में बहुत काम आता है इनफैक्ट अगर आपके घर में वाटर प्यूरीफायर हो तो आपने यह टर्म सुना होगा आरओ घर पे आरो लगा हुआ है राइट सो व्हाट इज दिस रिवर्स ऑस्मोसिस तो रिवर्स ऑस्मोसिस में क्या होता है अभी-अभी हमने क्या देखा ऑस्मोसिस में क्या होता होता है कि मेरा सॉल्वेंट का पार्टिकल जो है अपने हाई कंसंट्रेशन से लो कंसंट्रेशन की तरफ मूव करता है ठीक है मैंने कहा कि अगर मुझे इस सॉल्वेंट के मूवमेंट को रोकना है तो मैं क्या करूंगी एक प्रेशर लगाऊंगी जिसे हम ऑस्मोटिक प्रेशर कहते हैं और ऑस्मोटिक प्रेशर उतना ही प्रेशर होता है जिससे यह सॉल्वेंट का मूवमेंट सिर्फ रुक जाए अब मान लो अगर मैं यह प्रेशर को इंक्रीज करती रहूं ज्यादा प्रेशर लगाऊ तो क्या होगा सॉल्वेंट का मूवमेंट पहले तो रुक जाएगा बट उसके बावजूद भी आप अगर इधर प्रशर लगाओगे तो उल्टे डायरेक्शन में सॉल्वेंट मूव करने लग जाएगा है कि नहीं पहले क्या हो रहा था कि मेरे सॉल्वेंट के पार्टिकल्स सॉल्वेंट साइड से सॉल्यूशन साइड में मूव कर रहे थे ठीक है फिर मैंने ऑस्मोटिक प्रेशर लगाया उतना लगाया जिससे ये मूवमेंट स्टॉप हो जाए ठीक है स्टॉप हो गया उससे भी ज्यादा प्रेशर लगा दिया अब क्या होगा मूवमेंट उल्टे डायरेक्शन में शुरू हो जाएगी यानी कि जो मेरा सॉल्वेंट है वो सॉल्यूशन वाले साइड से प्योर सॉल्वेंट वाले साइड में मूव करने लग जाएगी रा राट तो सोच के देखो इससे होगा क्या इससे होगा ये कि इधर से सॉल्यूशन वाले साइड से वाटर जो है साफ पानी जो है वो निकलता चला जाएगा प्योर सॉल्वेंट के तरफ राइट तो मेरा वाटर क्या हो रहा है एक तरीके से प्यूरिफाई हो रहा है एंड रिवर्स ऑस्मोसिस का दिस इज वन ऑफ द ग्रेटेस्ट प्रैक्टिकल यूटिलिटी कि ये डी सलीनेशन ऑफ वाटर के काम आता है मतलब वाटर में से सॉल्ट को हटाने के काम आता है वाटर में से गंदगी को हटाने के काम आता है तो चलो देखते हैं एक क्वेश्चन अभी तक हमने चारों के चारों कोलिगेटिव प्रॉपर्टीज पढ़ लिए हैं और उन्हीं के ऊपर बेस्ड करके है यह क्वेश्चन टू एलिमेंट्स a एंड बी फॉर्म कंपाउंड्स हैविंग फार्मूला ab2 एंड ab4 व्हेन डिजॉल्ड्रिंग पॉइंट बाय 2.3 केल्विन वेयर एज 1 ग्राम ऑफ ab4 लोअर्स द फ्रीजिंग पॉइंट बाय 1.3 केल्विन तो यहां पर हम दो चीजों की बात कर रहे हैं एक ab2 और दूसरा ab4 ठीक है तो यहां पर हम देख रहे हैं हम ab2 कितना ले रहे हैं ये हम ले रहे हैं 1 ग्राम ऑफ ab2 इन 20 ग्रा ऑफ बेंजीन और ये हम कितना ले रहे हैं 1 ग्राम ऑफ ab4 इन 20 ग्राम ऑफ बेंजीन ठीक है उससे कितना लोअर हो रहा है मतलब डेल्टा t ए जो है उसकी वैल्यू इस केस में है 2.3 केल्विन और डेल्टा t ए की वैल्यू इस केस में है 1.3 केल्विन ठीक मोलर डिप्रेशन कांस्टेंट फॉर बेंजीन इज 5.1 केल्विन केजी पर मोल तो ये किसकी वैल्यू है दिस इज द वैल्यू फॉर केएफ मोललता है ठीक है तो यहां पर हम कैसे शुरुआत करेंगे तो शुरुआत हम करेंगे उसी से जो हमें पता है जैसे कि हमें कौन कौन सी चीजें पता है हमें एक रिलेशनशिप पता है कि डेल्टा टी ए इ इ kf2 के केस में और ab4 के केस में ठीक है तो अगर ए2 के केस में हम लगाए लेट अस से दिस इज केस वन एंड दिस इज केस टू ठीक है तो सबसे पहले बात करते हैं केस वन की यानी कि हम बात करेंगे ए2 की तो ab2 के केस में अगर हमें डेल्टा टीए की वैल्यू पता है के ए की वैल्यू पता है तो फिर m की वैल्यू क्या हो जाएगी मोलालिटी क्या हो जाएगी ये हो जाएगी डेल्टा t ए डिवाइडेड बाय kf2 ठीक है अब ये मोलालिटी होता क्या है मोलालिटी नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय मास ऑफ सॉल्वेंट अब देखो नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट कैसे निकालेंगे हम ये क्या है w2 राइट गिवन मास ऑफ सॉल्यूट दैट इज नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट निकालने के लिए गिवन मास ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय मोलर मास ऑफ़ सॉल्यूट लेट्स से व्हिच इज m1 ठीक है दिस एंटायस ऑफ़ द सॉल्वेंट जो कि दिया हुआ है 20 ग्रा तो ये हो जाएगा 20 / 1000 क्योंकि मास हम केजी में लेते हैं सो दिस इज इक्वल टू 2.3 / बा 5.1 ठीक है तो इसे जब हम सॉल्व करेंगे तो इसको सॉल्व करने के बाद मुझे क्या मिलेगा यहां से मुझे मिलेगा m1 की वैल्यू व्हिच इज 11.8 7 ग्राम पर मोल यह एव क्या है यह है मोलर मास ऑफ द सॉल्यूट लेकिन मुझे निकालना क्या है एटॉमिक मास ऑफ ए एंड बी मुझे ए और बी का एटॉमिक मास निकालना है ठीक है तो अभी यह हमने निकाला ए1 च इज व्ट च इ मोलर मास ऑफ द सॉल्यूट ठीक है ठीक इसी तरीके से य अब हम आते हैं केसट प तो केस टू इ ए4 ठीक है अब देखते हैं ab4 के केस में तो ab4 के केस में भी सेम चीज होगी मोलालिटी विल बी इक्वल टू डेल्टा tf.exe डिवाइडेड बाय क्या हो जाएगा मास ऑफ द सॉल्वेंट दैट इज 20 ग्रा डिवाइडेड बाय 1000 सो दिस इज इक्वल टू 1.3 / 5.1 आंसर अलग आएगा क्योंकि यहां पर जो डेल्टा टीए की वैल्यू है वो अलग है पहले 2.3 थी अभी 1.3 है तो इसे जब हम कैलकुलेट करते हैं तो हमें m2 की वैल्यू मिलती है व्हिच इज 196.168 तो बच्चों यह देखो ध्यान से कि ये m1 और m2 क्या है m1 है मोलर मास ऑफ ab2 m2 क्या है मोलर मास ऑफ ab4 राइट तो ये m1 क्या है इस बात को ध्यान से समझो बहुत बच्चे क्या करेंगे इसी को आंसर लिख देंगे दिस इज मोलर मास ऑफ ab2 ये m2 क्या है दिस इज मोलर मास ऑफ ab4 बट मुझे क्या निकालना है मुझे तो निकालना है एटॉमिक मास ऑफ a एंड बी ठीक है अब कैसे निकालेंगे देखो यहां पर अब हम एक बहुत ही सिंपल एंड इंटरेस्टिंग ट्रिक लगाएंगे ठीक है मोलर मास ऑफ ab2 कितना होना चाहिए कैसे निकालेंगे हम ab2 का मोलर मास लेट अस सपोज कि a का एटॉमिक मास हैल ए ठीक है लेट अस से a का एटॉमिक मास जो है वो कितना हैल a ब का एटॉमिक मास हैल बी ठीक है यह मैंने मान लिया तो ab2 का मोलर मास उस लॉजिक के हिसाब से कितना होना चाहिए a प् 2 बी ठीक है लेकिन मैंने क्या बोला a प् 2b इ मोलर मास बट मोलर मास की वैल्यू तो मैंने यहां पर निकाली है सो दिस शुड बी इक्वल टू 11087 ठीक उसी तरीके से अगर मैं ए4 की बात करूं अगर मैं मान लू कि ए का मोलर मासल ए बी का मोलर मास बी का एटॉमिक मासल बी तो ए4 का मोलर मास होगा a प् 4b और इसकी वैल्यू मैंने यहां पर ऑलरेडी कैलकुलेट कर रखी है मोलर मास वहि इज 196.168 - 8528 एंड फाइनली आई गेट बी इ इक्वल टू 42.6 4 ठीक है इतना ग्राम्स पर एटम्स तो यह क्या हो गया यह हो गया एटॉमिक मास अब एक की वैल बी की वैल्यू मिल गई तो a की वैल्यू आप आराम से कैलकुलेट कर सकते हो a हो जाएगा 11087 - 2 * 4264 व्हिच विल कम आउट टू बी 25.599800 तो इस तरीके से हम ए और बी के एटॉमिक मासे निकाल सकते हैं तो देखो ऐसा नहीं मुश्किल था लेकिन इस क्वेश्चन पे अधिकतर बच्चे क्या गलती करेंगे वो यहां पर मोलर मास तक तो निकाल लेंगे और मोलर मास के बाद जो है उनकी गाड़ी रुक जाएगी क्योंकि उन्हें लगेगा कि यह मोलर मास निकाल लिया यही निकालना था बट निकालना था एटॉमिक मास तो इसीलिए बहुत ध्यान से क्वेश्चन को पढ़ना है तुम्हारा आंसर आया क्या तो बच्चों अब एक आखरी टॉपिक हम डिस्कस करेंगे इस लेसन का व्हिच इज एनॉय मोलर मास एनॉय यानी कि ये नॉर्मल नहीं है कोई भी ऐसा मोलर मास जो उसके एक्सपेक्टेड वैल्यू से या तो कम है या फिर ज्यादा है उसे हम कहते हैं एनॉय एनॉनएसिस एसिड ठीक है एसिटिक एसिड यानी कि इथेनॉल एसिड एसिटिक एसिड और बेंजीन का अगर हम सॉल्यूशन देखें इन दोनों का कॉम्बोस एसिड जो है बेंजीन में जाकर के हमेशा डाइमर बनाता है मतलब दो एसिटिक एसिड जो है साथ में मिलकर के एक यूनिट बना देता है डाइमर मतलब दो मोनोमर मिलके बनाते हैं डाइमर तो देखो स्ट्रक्चर को इसमें देखो दो एसिटिक एसिड के यूनिट्स हैं ठीक है तो चूंकि ये डाइमर बनाता है तो होता क्या है कि जो नंबर ऑफ मॉलिक्यूल हम कैलकुलेशन के हिसाब से एक्सपेक्ट करते हैं और जो नंबर ऑफ मॉलिक्यूल एक्चुअली में हमें मिलता है उनमें फर्क होता है क्योंकि ये डाइमर बना लेता है तो बेसिकली दो यूनिट ने मिलकर के एक बना बना दिया है पार्टिकल राइट तो उसमें डिस्क्रिपेंसीज आती है एंड दैट इज वयर दिस एनॉय मोलर मास कम्स इन टू पिक्चर तो इस प्रॉब्लम का सॉल्यूशन निकालने के लिए वंट हॉफ ने निकाला एक फैक्टर जिसे हम डिनोट करते हैं स्मल आ से और उसे हम कहते हैं वेंट हॉफ फैक्टर क्योंकि वेंटॉप ने निकाला है ठीक है तो इस फैक्टर का काम ही ये होता है कि ये हमें ये बताता है कि कितना एक्सटेंट मतलब एसोसिएट या डिसोसिएट अगर हो रहा है कोई भी मॉलिक्यूल तो किस एक्सटेंट तक हो रहा है है तो इसे मैथमेटिकली हम कैसे डिफाइन करते हैं i की जो वैल्यू होती है वंट ऑफ फैक्टर की जो वैल्यू होती है दैट इज़ इक्वल टू नॉर्मल मोलर मास बाय एनॉनएसिस आते हैं जब जितना होना चाहिए उतना नहीं होता है राइट सो नॉर्मल बाय एनॉय है दैट इज़ वेंट ऑफ फैक्टर अगर कोलिगेटिव प्रॉपर्टीज के टर्म्स में बात करो तो ऑब्जर्व्ड कॉलगेट प्रॉपर्टी डिवाइडेड बाय कैलकुलेटेड कोलिगेटिव प्रॉपर्टी अगर हम बात करें नंबर ऑफ मोल्स के टर्म्स में डिसोसिएशन के बाद और डिसोसिएशन से पहले तो हम कह सकते हैं टोटल नंबर ऑफ मोल्स ऑफ पार्टिकल्स आफ्टर डिसोसिएशन [प्रशंसा] डिवाइडेड बाय टोटल नंबर ऑफ मोल्स ऑफ पार्टिकल्स बिफोर डिसोसिएशन तो यह कुछ अल्टरनेटिव वेज है टू डिफाइन वंट ऑफ फैक्टर ठीक है और वंट ऑफ फैक्टर को हम इन कोलिगेटिव प्रॉपर्टीज में भी इवॉल्व करते हैं अब आप पूछोगे कि कोलिगेटिव फैक्टर में ये कैसे आते हैं देखो अभी तक हमने कोलिगेटिव कितनी प्रॉपर्टीज पढ़ी है हमने चार कोलिगेटिव प्रॉपर्टीज पढ़ी है राइट और देखो उन चारों में कैसे यह आता है शुरू करते हैं रिलेटिव लोरिन ऑफ वेपर प्रेशर से उसको हम मैथमेटिकली कैसे डिनोट करते थे लोवर ऑफ वेपर प्रेशर विथ रिलेटिव टू द इनिशियल वेपर प्रेशर ये था रिलेटिव लोरि ऑफ वेपर प्रेशर जो कि किसके बराबर होता था का2 यानी कि मोल फ्रैक्शन ऑफ द सॉल्यूट जिसे हम कैसे लिखते थे नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट डिवाइडेड बाय नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट प्लस सट लेकिन डाइल्यूट सॉल्यूशन के केस में हम n2 बा n1 लिखते थे नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्यूट बाय नंबर ऑफ मोल्स ऑफ सॉल्वेंट लेकिन वंट ऑफ वेक्टर कहां आ जाता है इसी के साथ हम आ से मल्टीप्लाई कर देंगे टू इंक्लूड वेंट ऑफ फैक्टर उसी तरीके से अगर हम बात करते हैं एलिवेशन इन बॉयलिक की तो डेल्टा t ब इ इक्वल टू क्या होता था kbmc.gov.in बात करते हैं तो यह क्या होता था ये उतना हमें नहीं मिल रहा है वो क्यों हो रहा है वो इसकी वजह से हो रहा है इस आई की वजह से हो रहा है एंड [संगीत] दैट्ची सॉल्यूशंस सैंपल पेपर्स एंड ऑनलाइन टेस्ट्स एब्सलूट फ्री ऑफ कॉस्ट इतना ही नहीं लर्न हब क्लास 11 12 youtube1 एंड 12th क्लास 11थ के बच्चों के लिए अथर्व बैच मंडे टू फ्राइडे एट 4:30 पए और क्लास 12थ के बच्चों के लिए अनंत बैच मंडे टू फ्राइडे एट 6 पए अगर आप या आपके जान पहचान का कोई तैयारी कर रहा है नीट या जेईई का तो हमारे youtube4 जीत जेई पे जीत का कंप्लीट कोर्स एब्सलूट फॉर फ्री इनमें चैप्टर्स की डिटेल एक्स नेश लाइव क्लासेस ढेर सारे क्वेश्चंस और प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस डिटेल में कवर्ड है और तो और यू कैन आस्क ऑल योर डाउट्स अब्सोल्युटली फॉर फ्री एट आस्क क्वेश्चन सेक्शन ऑफ लर्न हब हमारा एंड पप भी है आप वन ऑन वन क्लास लेना चाहते हो तो है लर्न हब स्वयं एट अ वेरी अफोर्डेबल प्राइस लर्न हब फ्री है पर बेस्ट है तो बचा पाटी इसी के साथ हम आ चुके हैं इस वीडियो के एंड तक और उसी के साथ हम आ चुके हैं सॉल्यूशंस चैप्टर के भी एंड तक अगर आपके कांसेप्ट हुए हैं क्रिस्टल क्लियर तो कमेंट्स प जरूर लिख के बताना कि कांसेप्ट हुआ क्रिस्टल क्लियर मैं आपको जल्दी ही मिलती हूं अगले वीडियो के साथ अगले टॉपिक के साथ और आप तब तक प्रैक्टिस करते रहो खूब मजे से पढ़ते रहो एंड