यह है उग्रवाद और बीच वाला है आतंकवाद जब आतंकवाद परिभाषित कीजिए आतंकवाद की फोटो बनाइए ठीक है इन साइगर उग्रवाद के लिए एक्स्ट्रीमिजम इन साथ लिए वॉइलेंस बिहार में वका भव हो जाता हुआ था, बॉयलेंस बोयलेंस, बॉयलेंस, और आतंकवाद के लिए क्या है? टेररिज्म, ठीक है, अब एकदम सिंपल, इससे ना कोई दिक्कत नहीं आएगी, जब भी मैं पूछे आतंकवाद, ऐसा चित्र बनाईए, समझा दीजिए, हिंसा का उसने हिंसा की या नहीं की? चोरी और डगैती में इंतरपता है न? इनमेंसे किसमें हिंसा होती है? डगैती में, चोरी में हिंसा नहीं होती है, चोरी चुक्के से हो जाती है, और जब धरले से हो, मार, पिटाई, कुटाई के साथ से तो उसके बोलते हैं डगैती, ठीक है?
तो पांच सो में से करिए साथ हैं जिन्हें पेशा दस साल में एक मुक्का छपड़ ना खाया है ना मारा है तो भी बात ली भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है जल्दी आपकी जीवन में वो कमी दूर होगी ठीक है तो इससे पांच से कर दें तो बाती से खर चुके हैं यह शिकार हो चुके पर अपने हिंसा की किसी का आतंकवादी हो नहीं कहा ना सिर्फ यह का रिपोर्ट लिखानी है ना आपने यह कहा कि मार बिटाई हुई है इस तरह कि मार दिया नाकों मुक्का मर दिया, खुड़ निकल गया, ये सब हुआ न, वो हिनसा है उग्रबात का मतलब होता है, विचारों के सर पर किसी उग्रबात का समर्थन करना बहत उग्र, एक तरफा, जिसमें दूसरे सामाजिक समुदायों या दूसरे समुदायों के प्रती तस हिष्णुता शामिल हो, ये उग्रबात है, एक्स्ट्रीमिजम हमेशा हिनसा से यूपत नहीं होता है, जैसे तिलक को याद कीजिए, तिल तो जब कोई व्यक्ति विचारों में उग्र हो, हिंसा का सहारा न रहता हो, वो है उग्रवादी. कोई व्यक्ति हिंसक हो सकता है बिना विचार धारा के भी, जैसे छोटा-मोटा, डकेत, मार पिटाई करने वाला, राह चलता लूटेरा, वो सब हिंसक लोग हैं. जब हिंसा और उग्रवाद मिक्स हो जाएं, तब उसको बोलते हैं आतकगवाद.
पर उग्रवाद में एक विचार धारा नहीं थे, तो अपनी कुछ मांगों के लिए उग्रता पूर्ण विचारधारा और हिंसा का प्रयोग करता है और जन मानस पर भय का माहौल पैदा करता है तो उसे आतक्वाद उस क्रियावेदी को आतक्वाद जाते हैं तो वैसी छोटे वाला या बड़े वाला? छोटे वाला ज्यादा दुष्ट है इस समामने में, बड़े वाला फिर भी लीगल लौफल तरीके से बात करता है, प्रवीन तोगडिया दूसरा एक्जांपर हो गया, राज ठाकर हो सकता है, कि नाये कुमार हो सकता है, मैं अपने अवज़ल गुरु हो सकता है कह रहे है जोर्ज बुश माना बात तो सही है लेकिन फिर भी बात है नहीं कि उस पर विवाद को क्यों आमंतित करें तो बड़ा तरह हो गया था मैं किताब में आग लगा दूँगा, लिशने वाले को आग लगा दूँगा, अगर उसने ऐसी बात बोली, भरत सिंह को आतंकवात भी कह रहा है, और मेरा मन में कहा था कि मैं लिशने वाले को आग लगा दूँगा, मैं क्या हो जाता हूँ उसके बाद, मैं भूल जाता हूँ अगर केमल इतना मान लें तो किसी देश की आजादी के लिए होने वाले हिंसक आंधोरन को रियब कांटिकारी किस्म का आतंकवाद मान सकते हैं। मुहमद कर साहब यहाँ है आतंकवादी है। आतंकवादी। बागत सिंह हमारे लिए क्रांतिकारी है। ब्रिटिश हिस्टोरियंस के इतिहास में बागत सिंह की भूमिका क्या है। अतंकवादी है। यही होता है। अपना क्रांतिकारी दूसरे का अतंकवादी है। अपना अतंकवादी दूसरे का क्रांतिकारी है। लेकिन बात एक ही है नकसलवादी, दरसलमाववादी ये तो है नकसलवादी, माववादी, लेनिनवादी इस सब में अंतर तो नहीं के बिराबर है ये तीनों लोग मार्क्सवादी विचारधारा के बेस पर हिनसक गतिविधिया करते हैं तो मजहवी आतंकवाद हो, भाषाई आतंकवाद जैसे शीलंका में चल रहा था, तमिल सिंगली के बीच में चल रहा था, इसी तरह से वो धर्म पे हो सकता है, मुसल्मान, सिख, जैसे पंजाब में इसाथ सिख आतंकवाद था, तो धर्म पे हो सकता है, भाषा पे हो सकता है, इसलिए नकसलवाद भी शुद्ध रूप से आतंकवाद का उदाहरण है। अगर आप आतंकवाद में ग्रेडिंग करना चाहें, अच्छा आतंकवाद, थोड़ा कम अच्छा आतंकवाद, बुरा आतंकवाद, काफी बुरा आतंकवाद, बहुत ही बुरा आतंकवाद, तो उन आतंकवादों में रिलेटिवली कम बुरा आतंकवाद नकसलवाद ह