Okay, hello MSC, hello everyone, welcome back to my channel. तो आज हम continue करते हैं molecular orbital theory के lecture पे, जिस पे आज हमारा कौन सा lecture चल रहा है, lecture number 3 चल रहा है, जिस पे हमने आज particularly किस पे बात करनी है, molecular orbital theory की help से हमने MOT diagram बनाना है किसका, square planer complex का, कोई भी आपको square planer complex देंगे, देखो complex नहीं, यह है coordinate compound, square planer coordinate compound आपको दिया जाएगा, उस coordinate compound का आपने क्या करना है, MOT diagram बनाना है, with the help of molecular orbital theory, ओके, तो हमारा यह third lecture चल रहा है, first lecture पर हमने MOT पहले तो समझ लिया था, देखिए, मैंने आपको पहले भी बोला है, MOT पर आपको postulate लिखने की कोई जरवत नहीं है, आप MST level पर हैं, maybe आपसे question ऐसा आजाएगी, particularly किसी octahedral का example देगा, octahedral coordinate compound का example देगा, and then MOT diagram बनाने को बोला है, ओके, और एक condition ऐसे भी आ सकते हैं, या फिर आपको पूरा MOT diagram derive कैसे करते हैं, बनता कैसे हैं, वो चीज़ आपको explain कर दी जाएं, ओके, तो देखो, जो भी बनेगा, बट आपको क्या करना है, थोड़ा सा अगर आप introduction देना चाहते हैं, तो आप postulates वगर नहीं लिखे, आप बस वो यहाँ मैं बताओ नोट्स तो आपको शेयर कर दूंगी बच जो वह यह नोट्स है जो मैंने आपको फर्स्ट लेक्शन पर एक्सप्लेंट कीजिए ओके तो आप यह किसी के आगे भी एड कर सकते हैं चाहिए आपको ऑक्ट्रा हेडर कॉर्डिनेट कंपॉर्ण द टेटरा द और उसका आपको molecular orbital diagram कैसे बनाएंगे, अब देखो, पहले सबसे simple चीज मैं आपको बता देती हूँ, कि देखो, square planer जो आपका coordinate compound होता है, coordinate compound मतलब कि आपका compound है, वो matter और ligand के combination से बनेगा, अगर आप octa की बात करने हैं, octahedral coordinate compound है, तो आपका formula क्या हो जाता है, ML6, अगर आप tetrahedral बोल रहे हैं, तो इसका formula हो जाता है ML4, और square planer बोल रहे हैं, तो... उस case में भी आपका formula होता है ML4, okay, but ML4, ML4 दोनों coordinate compound का formula तो होता है, but इनकी geometry जो है वो अलग-अलग होती है, ML4 में एक geometry क्या हो सकती है आपकी, आपको पता है tetrahedral हो सकती है, एक में geometry आपकी क्या होगी, square planer होगी, समझ मा आ रहा, तो यही difference है, ठीक है, अगर इनकी geometry अलग-अलग है तो obvious बात है इनका molecular orbital diagram भी अलग-अलग होगा, समझ मा आ रहा है, मैं आपको बताना क्या चाहिए, मैं कह रही हूँ, आपके बास, सपोस ML4 आपके पास कोई फॉर्मुला है, ML4 फॉर्मुले का आप दो टाइप की कॉडिनेट कमपाउंड बना सकते हैं, कौन-कौन से, एक तो आपका ये टेट्राइड्रल हो गया, अब आप खुद ही सोचिए कि आपको structure तो पता है, आपका दोनों, suppose किजी ये वाला जो structure है, ये वाले structure, दोनों में आपके metal भी common है, ligand भी common है, बट ये अलग-अलग type की geometry क्यों शो कर रहा है, तो अलग-अलग type की geometry शो करने का reason है, ये because of ये ligand जो आप बाहर से approach करा रहे हैं, इन ligands की वज़े से, कैसे, आपका suppose center पे क्या, ये आपकी axis है, ये क्या represent कर रहा है, अब देखो मैटल के अंदर अलग-अलग टाइप के ओर्बिटल होंगे, कौन-कौन से, molecular orbital theory पर देखो, hope आपने previous lectures देखे होंगे, आपको बहुत अच्छी से explain हो जाएगा, अगर आपने previous lectures देखे होंगे, तो मैंने आपको क्या बोला था, मैटल में, CFT के case में तो सिब D orbit लेते थे, लेकिन जब आप molecular orbital theory का use करते हैं, molecular orbital diagram बनाते हैं, S orbit, P orbit और D और तीनों को लेना होता है, तो आप देखो मैटल के बास S orbital भी है, P, B है और D, B है, अब देखो S और्बिटल में number of orbit एक मिलेंगे, P में कितने मिलेंगे, तीन मिलेंगे, और D में कितने मिलेंगे, फाइब, तो overall metal के बास number of orbit कितने, नाई, ओके, तो यहाँ पर को center पर आपको metal को represent करना होता है, आपके metal के पास 9 orbital है तो सोचे यहाँ कितने सारे orbital होंगे, अब देखो यह तो metal हो गया, metal का तो कुछ काम नहीं है, metal तो दोनों case में बीच में present है, center में present है तो metal को छोड़िये, अलग-अलग geometry कराने का reason किसका, यह ligands की वचन से, ligand अगर अलग-अलग जग़े से approach करेंगे त� लेकिन अलग-अलग geometry किसके वाज़ से हो रही है? इस ligand की वाज़ से कैसे?
देखें होता क्या है? अगर मैं आपको tetrahedral के case की बात बताओ ना tetrahedral के case में जो आपके ligands होते हैं ना वो हमेशा क्या होता है? वो कभी भी axis से approach नहीं करते हैं वो क्या है?
axis के बीच में non-axial portion से इतना attack करते हैं यानि कि approach करते हैं यानि कि अगर आप tetrahedral structure बनाएंगे उसमें आपने 4 ligand का approach कराना है यह है 4 ligand 1, 2, 3, 4 इन चार्ड लिगन का अप्रोच कराना है किसकी और मैटल की और, ओके, तो मैटल के क्या है, अंदर ओर्बिट है, ओके, यहाँ पर को नंबर आफ ओर्बिट प्रेजेंट है, सपोस यहाँ भी ओर्बिट लगा दिया, यहाँ भी ओर्बिट है, यहा� coordinate के बीच में यह आपका y है यह आपका x है यह आपका z है तो इन axis को छोड़ के between the axis से approach करें यहां से ligand approach करने लग गया यहां से इन चारे position में से किसी चार place से अगर ligand ने approach करके metal के orbit के साथ लेकिन अगर मैं इसका उल्टा कर दू इसका उल्टा कैसा कर दू देखिए अगर आपका center पर तो metal के axis present है और यहाँ पर को number of axis है यहाँ हर जगह है लेकिन इस case में अगर दूसरे case में क्या है ligand आपके in between the axis छोड़ने के बजाए कहाँ axis से approach करें वो भी कौन सी एक यहां से तो दो ligand यहां से होगे और दो ligand बचे वो दो ligand कहां से approach करेंगे x-axis से यहां से और यहां से तो उस case में जो आपकी geometry बनेगी ना वो बनेगी आपकी square planar geometry समझ वा है मतलब कि अलग-अलग geometry का reason क्या है reason यह है कि अगर आपकी approach करेंगे अगर in between the axis करेंगे तो उस case में जो आपकी geometry बनेगी वो क्या बनेगी आपकी tetrahedral लेकिन अगर आपके ligand कहां से attack करने लगे कहां से approach करने लगे एक्सिस से अप्रोच करने लगे तो उस केस पर जो आपकी जॉमेट्री बनेगी वो आपकी क्या बनेगी स्क्वायर प्लेनर तो यह इनका डिफरेंस होता है समझ वाह यह किसका डिफरेंस है लिगेंड्स की वजह से अलग-अलग आपको जॉमेट्री मिल लिया पहली चीज क् तो जितने reducible representation मिलेंगे वैसे ही आपका क्या बनेगा molecular orbital diagram, तो देखो अब दुबारा अगर मैं आपने नहीं देखा है तो मैं आपको roughly explain कर देती हूँ, देखे, molecular orbital diagram क्या होता है, molecular orbital diagram होता है, आपका MO diagram क्या होता है, molecular orbit क्या होता है, पहले आप वो समझ चीज़े, molecular orbit मतलब अगर आपके दो atomic orbit, atomic orbit, atomic orbit combined हुए तो आपका क्या बनाएंगे, molecular orbit बनाएंगे, जैसे कैसे धपोजबा हाइड्रोजन का है रिस्ट्रेक्ट मैं बात करूँ तो H2 आपका क्या एक मॉलिक्यूल है तो H2 जो आपका molecular orbit, H2 के जो आपका orbit होगा उससे आप atomic orbit नहीं कहेंगे, उससे आप क्या बोलिक्यूल orbit क्यों, क्योंकि वो molecule का orbit है, atom का तो नहीं है, लेकिन य तो इस molecule में जो orbit होगा, उसे आप बोलेंगे molecular orbit, और इसके अधर, यह आपका जो molecule है, उसके अंदर जो atoms है, कौन-कौन से, दो hydrogen है, एक hydrogen है, इनके जो orbit होगे, आप उन्हें क्या बोलेंगे, atmic orbit, तो molecular orbital theory क्या कहती है, कि आपने क्या करना होता है, दो atoms, जो आपके दो atoms है, उनके orbit को आपने attach कराना होता है, overlap कराना होता है, जैसे यह overlap होंगे, तो आपका क्या बना देंगे, product मतलब कि आपका बना देंगे molecular orbit, अब देखो यहाँ पर को मौटी एक और चीज बोलती, यह तो बीबीटी ने भी बताया था कि आपके दो आटमिक औरबिट कमबाइन करते हैं और कमबाइन करके एक मौलिकुलर औरबिट बना लेता है, यानि कि ओवरलाप करके, समझ भाए कैसे ओवरलापिंग हु इस साइटोजन के पास भी एक लेक्टोन है, जैसे इनके बीच में ओवरलापिंग हुई, तो यहाँ पर से आपका H2 मॉलेक्यूल बन गया, लेकिन यह तो VBT ने भी बताया था, लेकिन MOT ने क्या बताया, MOT यह बोलता है, कि जितने नंबर के आपके एटमिक ओर्बिट हों� जितने नंबर के अट्मिक ओर्बिट हैं उतने नंबर की मॉलिकुलर ओर्बिट, दो नंबर के अट्मिक ओर्बिट, तो दो नंबर की ही मॉलिकुलर ओर्बिट होने चाहिए, लेकिन इस मॉलिकुलर ओर्बिट में से एक आपका बॉंडिंग ओर्बिट होगा, एक होगा एं� क्योंकि bonding orbit जो है वो आपका जादा stable होते है, compare to anti-bonding, तभी जब आप molecular orbital diagram अगर आपने कभी देखा है, इससे पहले हमने tetra-idol, octa-idol कभी देखा था, तो हमने क्या किया था, कुछ ऐसे diagram बनाया थे, उपर एक box जाला था, नीचे एक box जाला, ये क्या होता है, आपका bonding orbit होता है, ये होता है आपका anti-bonding orbit, और इनको हम क्या energy profile diagram रिप्रेजेंट करते हैं, कि bonding orbit आपको नीचे रख रहा है, आपने अपने bonding orbit को कहा रखा, नीचे रखा, इसका मतलब क्या हुआ, bonding की energy कम है, अब आपको पता है, जिसकी energy कम होते है, वो ज़्यादा stable होते है, तो अब विश्वी बात है, bonding ज़्यादा stable होगा, तो bonding orbit में ही सबसे पहले electron को fill किया जाते है, तब जाके आप anti bonding में रखते है मैं बार सेम चीजें रिपीट नहीं करूंगी ठीक है क्योंकि अगर आप स्क्वायर प्लेनर देखें तो अब इसी बात तो आप वहां से चीजें अगर आपको और अच्छे से बढ़नी है तो वहां से आप देख सकते हैं अभी के लिए इतना अब देखो अब आपने molecular orbit बना रहा है square planar complex में, तो square planar complex में atoms को कौन-कौन से डूडिंग है, कौन-कौन से atoms आपकी होते हैं, obvious सी बात है, square planar complex किसका आप बना रहे है, coordinate compound को, और आपको पता है coordinate compound में सिर्फ दो टाइप की atoms आपको मिलेंगे, एक तो itself fatal हो जाएगा, ligate, यानि कि आपको दो atoms तो मिल गए न, एक atom मिला आपको metal, लिगेट, ओके, अब आपने क्या करना है, metal का भी atomic orbit निकालना है, ligand के भी atomic orbit निकालना है, और इन दोनों को add कर देना है, यानि कि overlap कर देना है, अगर इनकी overlapping होगी, तो आपका क्या बन जाएगा, यहाँ पर बन जाएगा product, यानि कि एक metal का orbit है, दूसरा ligand का orbit है, तो आपके दो molecular orbit बनेगे, इन molecular orbit में से एक क्या होगा, bonding molecular orbit होगा, एक होगा आपका anti bonding molecular orbit, और इनको जब आप एक energy profile diagram में proper way में explain करेंगे, वो ही होता है आपका molecular orbit diagram, फ़ौरण, square planar coordinate compound इतने चीज़ clear है समझ बाया है तो वोई चीज़े देखे जो मैंने आपको last lecture पर बताई थी अब देखो अब आपने बोला metal आपका एक atom हो गया ligand आपका एक atom हो गया अब देखो इन दोनों में से मतलब की metal आपका एक atom क्या हो गया metal हो गया एक atom हो गया ligand ओके यानि कि अब आपने metal की भी orbit निकाल लें है लिगन के भी क्या निकालना है और बिट निकाल और इन दोनों को कंबाइन करके मॉलेकुलर और बिट को बना देना यही चीजें तो वह ने बोला अब देखो मैटल के अंदर क्या होते हैं कितने और बिट होते हैं और लिगन के अंदर कितने S orbit, P orbit और D orbit, तीनू का contribution करती है, लेकिन CFT ने क्या किया था, सिर्फ D orbit का contribution किया था, लेकिन metal क्या है, वो तीनू orbit को contribute करती है, क्योंकि metal है, कोई भी आप transition metal लीजिए, transition metal का क्या करेंगे, electronic configuration करेंगे, तो आपको मिल जाएगा कि इनके valence shelf पे आपको तीन type के orbital मिलेंगे, एक S orbital मिलेगा, एक P orbital मिलेगा, एक D orbital मिलेगा, तो obvious सी बात है कि आप इस metal के पास कितने orbital है, तीन type के orbital है, और इन में अगर आप number of orbit को count करना चाहेंगे, तो आपको कितने number की orbit मिलेगी, S में 1 orbit होती है, P में 3 orbit होती है, और D में कितनी होती है, 5, तो overall आपके पास कितनी होगी, 9 orbit होगी, तो समझ बाया है, कि metal के पास number of orbit कितनी होती है, 9 orbit होती है, बट आपके पास ligand कितने है, obvious भी बात है, square planar coordinate compound है, तो number of ligand कितनी है, 6, sorry, number of coordinate का, तो कितना, कितने आपकी पस्तिति ने कितने फॉर ओके तो फोर लिगेंट है तो अब आपको क्या है अपरोच करने को फोर लिगेंट को अप्रोच देखो फोर लिगेंट जब आपका अपरोच करेगा ना सपोस्ट मैंने क्या बोला ऑफ टाइटर इस प्रेडेट के अगली है यह y-axis होकी तो यहां से ligand approach कर रहा है तो एक ligand यहां से करेगा एक ligand यहां से ओके तो total number of आपको metal की जहां पर आपके ligand को approach करना है कितनी orbit 6, 4 orbit 6 समझ में आया, समझ मारा न, यह चीज समझ मारे मैं बताती पहले से बोलती हुए आरही हूँ, आपको यहां कितनी orbit 6 metal तो 9 में से कौन सी चार आपकी उर्बिट होंगी, जो आपकी यहाँ पर को बॉंडिंग में, या फिर बोल सकते हैं, molecular orbital diagram बनाने में, involve होंगी, वो कैसे पता चलेगा, उनका experimental way, तो अगर आप calculate करना चाते हैं, तो आपको क्या बनानी होती, character table, तो character table बनाएंगे, कि आपका square planar coordinate compound है, point group निकालेंगे, और number of symmetry निकालेंगे तो आपको पढ़ा चलेगा उसमें E यानि की identity भी है, C4 axis भी है, वो भी कितनी 2, C2 axis भी है, C2 dash axis भी है, C2 double dash axis भी है, I यानि की center of symmetry भी है, S4 axis भी है, sigma H यानि की horizontal plane भी present ���ै, sigma V यानि की vertical plane भी present है, dihedral plane भी present है, यानि की आपके पूरे square planer complex में क्या है, number of symmetry क तो यह देखो यह काफी डिफिकल्ट चीज होती है कि आप किसी भी ऑक्ट्राइडल टेट्राइडल या फिर स्क्वायर प्लेनर कॉर्डिनेट कंपाउंड का क्या बना सकें आपको क्या करना है बताएं स्क्वायर प्लेनर तो स्क्वायर प्लेनर होगा चेंज तो होगा नहीं तो आप क्या कर सकते आपको क्या निकलेगा, irreducible representation निकलेगे, irreducible representation मतलब कि आपको पता चलेगा कि कौन-कौन से orbit है जो की bonding में involved होंगे, कौन-कौन से orbit जो है वो bonding में involved नहीं होंगे, तो कौन-कौन से होंगे, A1G, एक होगा B1G, एक होगा EU, अब आप बोलेंगे A1G, B1G, EU क्या है, देखो अगर आपके ऑर्बिटल को नाम दिये हुए, कैसे नाम दिये हुए, तो देखे न, जैसे आपको अभी तक इतना मालूम था न, जैसे आपको अगर आपने टेट्रा हैडल, ऑक्टर हैडल नहीं भी देखे, जैसे आपको फिर भी इतना मालूम है न, जैसे अगर आपकी पास कोई D तो हम इन orbitals को नाम देने हैं, तो similarly आपने क्या करना है, square planer में भी आपकी square planer जो आपका compound है, उसमें जो metal है, जो आपका metal होगा, metal में भी तो अलग-अलग orbital present होगे, कौन-कौन से होगे, S orbital present होगा, P orbital present होगा, D orbital present होगा, तो इन orbitals के अंदर जो आपके orbital present है, S में एक orbital present है, P में तीन orbital present है, और D में पाँच orbital present है, तो इन orbitals को नाम देने हैं, तो नाम कैसे देंगे, आपको बोला गया हर case में अलग होता है, थोड़ा से difference होता है, तो देखो S के case में, S में आपको S orbital को क्या नाम देना है, आपको square planer आपके पास कोई complex है, उसमें जो आपका metal atom है, metal atom का जो S orbit है, उसको आपने क्या नाम देना है, उससे आप बोलेंगे A1G, similarly आपका अगला क्या है, P orbit होगा, P orbital में कौन orbit होगे, आपके P orbital में क्या होगा, एक Px होगा, एक Py होगा, एक Pz होगा, तो यह बोल रहा है कि PX और PY को तो आप बोलिए EU, लेकिन PZ को आपको क्या बोलना होगा, A to U, इतनी चीज समझ भाई, अगला है, अब आपका होगा अगला D orbit, D orbit में number of orbit क्या होगे, एक होगा DXY, एक होगा DYZ, एक होगा आपका DZX, अगला क्या होता है DX square, Y square, और अगला होता है आपका DZ square, तो यह क्या बोल रहा है कि Z square, particularly आपका individual DZ square को आपने क्या नाम देना है, इसको बोला है A1G, और अगला क्या है आप बोल रहा है, अगला यह बोल रहा है कि DX2Y2 को एक नाम दो, यह बोल रहा है इस ओर्बिट को आपने किस नाम से पुकारना, आपको बोला है B1G, अगला अगला यह बोल रहा है कि बचेवे यह जो तीन और्बिट है तीन और्बिट भी अलग-अलग रहता है कैसे यह बोल रहा है DXY को तो आप एक नाम देंगे इसे बोलेंगे B2G और यह DYZ और DZX इसको आप क्या नाम देंगे इस और्बिट को बोलेंगे EG तो आपने यह नाम बी वन जी निकला और ईयू निकला, इसका मतलब कि आपके बस एवन जी औरबिट, बी वन जी औरबिट और ईयू औरबिट बॉंडिंग में इंवाल्व होंगे, इसके अलावा कोई भी औरबिट बॉंडिंग में इंवाल्व नहीं होगा, तो यह औरबिट कौन-कौन से हैं, और आपका एक DZ square orbit bonding में involved होने वाला है, दूसरा क्या था A1G और क्या था B1G, B1G कौन-कौन से हैं, देखो B1G एक यह है और एक ही है B1G, इसका मतलब क्या हुआ, कि आपका S orbit भी bonding में involved करेगा, DZ square भी करेगा, और DX square, Y square यह भी bonding में involved होगा, और एक और बचा, अगला आपका पी एक्स और पी वाइट तो इसका मतलब आपके ऊपर के क्या है यह चार और बिट कौन-कौन से एक एक्स और बिट आपका एक एक्स और बिट एक पी एक्स पी वाइट एक पी एक पी एक्स और बाइट यह और बिट है जो बॉंडिंग में इन्वॉल्व होंगे इनके अलावा भी कोई और बिट यह जो बचेवे लेकिन orbital कितने है 4, और इसका मतलब कि ये orbital तो आपकी bonding में involved है, लेकिन ये बचेवे orbital bonding में involved नहीं है, इतनी चीज़ clear है, अब देखो, अब इनने क्या कर रखा है, आपको एक बार मैं इसका structure दिखाओ, देखो, ये theory material वो ही है, जो मैंने आपको समझाई थी, कि वो सारा जो मै तो क्या होता है इस साइड आपका metal represent किया जाता है और इस साइड आपका ligand ओके अब आप क्या करेंगे metal की orbit दिखाएंगे और ligand की orbit दिखाएंगे आपको पता है metal में तो क्या होता है पहले दिखाने आपको सारे orbit है bonding में कौन involve हो रहा है नहीं हो रहा है वो हम बाद में रखे क्योंकि देखें ये क्या है आपका energy profile diagram है ये क्या represent कर रहा है energy को अब आप खुदी देखें 3D और 4S में किसकी energy जादा होगी obvious थी बात है जिसका principal quantum number जादा होगा किसका है 4 का है ok 3 और 4 में क्या होगा 4 जादा होगा यानि कि 4S जादा होगा ok अब देखो 4S और 4P में कौन जा� और इसको आप कैसे देख सकते हैं, जब भी आप क्या करेंगे न, इलेक्ट्रोनिक कॉंट्रोगेशन बनाएंगे, आपने कोई भी D ब्लॉक एलिमेंट ले दिया, उसका आपने बनाएंगे इलेक्ट्रोनिक कॉंट्रोगेशन, तो आप हमेशा देखेंगे, 3D पहले आता है, 4s आपका जो orbital है इसकी भी सारे orbit को निकालो, 4p आपका जो orbital है इसकी भी सारे orbit को निकालो और इनका नाम दिखा दो कैसे, देखो 3d में आपके क्या होते हैं, 5 orbital होते हैं, 3d आपका जो orbital है इसमें 5 orbit होते हैं कौन-कौन से, एक होता है ये dx square, एक होता है dx square y square, एक होता है dx y, dy z dx square y square को बोलेंगे b1g और इसको ये dxy इसको क्या बोलते है b2g और dxz और dyz को बोलते है eg similarly आप s का करेंगे तो f का तो एक ही नाम है क्या है a1g और p का क्या नाम है p का दो p का भी क्या है दो set में orbit होते हैं कौन से पहला set किसका था pxy pz का pxy px और py का ओके तो pxy और py px और py का क्या नाम होता है eu होता है और बचा हुआ पीजेड और बिट जो होता है इसका नाम क्या होता है एटी यू ओके एटू यू ओके अब देखो इतने सारे और बिट आपने यहां पहले दिखा देने है समझ में है लेकिन बॉंडिंग में कौन-कौन से पार्ट और बिट आपकी इंवॉल्व हो यह कैसे पता चला जब आ� आपने इन तीन ओर्बिट को तो bonding में दिखाना है, लेकिन इसके अलावा जो आपके ओर्बिट बने ना कैसे, एक तो बद्दे देखो, A1G involved है, B1G involved है, B2G तो involved नहीं है ना, इसको आपने non bonding दिखाना है, जैसे आपको मैंने पहले दिखाया था ना, non bonding कैसे दिखाना है, वै इससे क्या है bonding में involve नहीं कराना है तो इससे क्या बनाएंगे आप non-bonded और non-bonded कैसे बनाते हैं वैने आपको दिखाया था देखो bonding वाला तो नीचे चले जाता है anti-bonding वाला उपर आ जाता है ये देखो bonding वाला नीचे anti-bonding वाला उपर लेकिन non-bonding को अगर किसी और बिट की energy क्या होती है आपकी actual और बिट से कम हो जाती है अगर बढ़ जाती है तो anti-bonding और बिट अगर remain same रहती है तो इसे बोलता है non-bonding orbit इतनी चीज़ समझ भाई तो यहाँ पर आप देखेंगे आपको वो ही orbit मिलेंगे दे� यहाँ पर क्या बोल रहा है यह आपका जो बी टू जी और बिट है इसको देखो आपके डॉटेड लाइन करके बी टू जी यहीं सोकरा इसे कोई तोड़ा नहीं है इसे सिंपली क्या बी टू जी रिप्रेजेंट करें ठीक है अगला है इजी भी आपका एज़ टीज र यह आया, अब देखो अब आपके bonding orbit देखते हैं, जो bonding में involved है, उनका क्या काम है, ठीक है, तो देखो पहला orbit देखते हैं, हमने पहला लिया, suppose यह, A1G orbit लिया, अब देखो A1G orbit क्या है, देखो A1G आपके पास यहां भी है, ठीक है, तो A1G, A1G इन matter में से एक का A1G तो क्या बनाएगा, bonding बनाएगा, एक का A1G non-bonding, कैसे, देखो, आपने इसका A1G लिया, इसको यहां से ऐसे draw किया, एक मिनिट मैं इसको थोड़ा सा wedge कर देती हूँ, देखे, आपने क्या किया, इसको ऐसे draw किया, यहां से, नीचे की और यह आपने draw किय इसका A1G जो है वो anti bonding इस A1G से साथ नहीं बनाएगा, किस के साथ बनाएगा, उपर वाले A1G, कैसे, देखो आपने क्या किया है, इसको ले गए anti bonding में, इसका जो बाई यह है, देखो यह आपका नीचे आया, देखो कहा जा रहा है, यह नीचे आया, यह गया आपका, इसके सा दूसरे एवन ���ी से क्या बनाएंगे, anti bonding, अब देखो अभी आधा दूदा तो रहेगा नहीं, यह क्या करेगा, अपने आपको भी dotted line से क्या होगा, उपर की ओर शो करेगा, और इसका उपर की ओर आपने represent किया, इसका नीचे की ओर, इससे जो orbit बने ना, इन दोनों के combination से एक लेकिन यहाँ आपके 2 है, तो आपने क्या बोला, चलो तुम एक आप बना लो bonding, एक तुम बना लो anti bonding, लेकिन एक तो बनाएंगे नहीं, एक orbit क्या है, 2 तो बनाएगा, यानि कि इसका जो उपर वाला orbit होगा, इसका उपर नीचे वाला orbit combine करके एक क्या बनाएंगे, non bonding orbit, simple आप लिगेन का बीवन जी लिंगी, लिगेन का बीवन जी कहाँ है, यह है, ठीक है, लिगेन का बीवन जी को कहाँ किया, आपने उपर की ओर देखो, यह इसका बीवन जी, आपने इसे उपर की ओर ड्रॉप किया, इसके बीवन जी को नीचे की ओर ड्रॉप किया, देखो, आ� similarly अब आप क्या करेंगे यह तो आपके non-bonding में involved होगे यह भी आपने करा लिए आप उपर देखो यह भी आपका non-bonding में अब आपका क्या बचा है EU बचा EU मतलब EU भी आपका क्या बनाएगा bonding anti-bonding इससे आप कैसे दिखाएंगे देखेंगे EU के पास क्या है दो orbit है तो यह तो लाइन ऐसे ड्रॉबी यहां से यह क्या बनाएगा उपर इस पर एंटी बॉंडिंग बना दे नीचे आप ड्रॉब कीजिए यहां तो यह बनाएगा आपका बॉंडिंग पोर्शन समझ में तो सिंपल है आपको थोड़ा यहां पर कोई गिचर कि नोन बॉंडिंग है ठीक है बचेवे आपके जो बॉंडिंग वाले उनको रिप्रेजेंट कर लीजिए अगर दो हैं तो दो मैसेज एक को बॉंडिंग में डालिए एक को एंटी बॉंडिंग में डालिए ठीक है इतनी चीज समझ अब देखो अगर मैं आपको वापस से थिवरी पर ले जाओ ना तो थिवरी पर आपको वोई चीज मिलेगी जो मैंने आपको समझा दिया है समझ मैं तो थिवरी यह आपको मैं शेयर कर देती हूं क्योंकि देखिए आप बोलेंगे मैं आदा अदूरा नहीं छोड़ रही हू तो repeat करना हुआ, खाली वीडियो को बढ़ाना हुआ, लेकिन चीज़े सारी वो ही है, समझ वा है, तो molecular orbital diagram मैंने आपको समझा दिया, orbit कौन-कौन से involved होंगे समझा दिया, theory आप यह कर सकते हैं, समझ वा है, अगर फिर भी problem होगी तो आप मुझे बता दीजिएगा, तो hope आपको समझ में आएगा, हम अभी इसको lecture को यहीं पर finish करते हैं, तो अभी lecture को finish कर दें यहीं पर, मिलेंगे हम लोग next, तो MOT के तो यह तीनों finish हो गया, octahedral, tetrahedral और square planar complex, अगर example भी देखते होंगे, तो हम बात कर लेंगे, तो अभी lecture को यहीं finish करेंगे, मिल देंगे next वीडियो पर, तब तक ले