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मॉलेक्युलर बेसिस ऑफ इन्हेरिटेंस (Lecture 4)

Jul 19, 2024

मॉलेक्युलर बेसिस ऑफ इन्हेरिटेंस

लेक्चर 4: नोट्स

इंट्रोडक्शन

  • बिना तैयारी के लेक्चर अटेंड न करें। पिछला कंटेंट रिवाइज कर आना आवश्यक है।
  • पिछली क्लास में डीएनए रिप्लिकेशन देखा था।
  • सेंट्रल डॉग्मा: डीएनए से आरएनए और फिर प्रोटीन।

ट्रांसक्रिप्शन

  • ट्रांसक्रिप्शन: डीएनए से आरएनए बनता है।
  • डबल स्ट्रैंडेड डीएनए से सिंगल स्ट्रैंडेड आरएनए बनता है
  • एंजाइम: डीएनए-डिपेंडेंट आरएनए पोलिमेरेस।
  • कंप्लीमेंटेशन रूल:
    • A का U से, T का A से, G का C से और C का G से जुड़ना।
  • डीएनए का सिर्फ़ एक स्टैंड उपयोगी होता है। यही प्रक्रिया सिंगल-स्टैंडेड आरएनए बनाने में मदद करती है।

ट्रांसक्रिप्शन की प्रक्रिया

  • डीएनए के हिस्से:
    • प्रमोटर: आरएनए पोलिमेरेस की बाइंडिंग साइट।
    • टर्मिनेटर: प्रक्रिया को समाप्त करने वाला।
    • स्ट्रक्चरल जीन: असली क्षेत्र जो आरएनए बनाता है।
  • Templates strand: डीएनए का वह हिस्सा जिसे उपयोग किया जाता है।
  • Coding strand: जिससे आरएनए का सीक्वेंस मेल करता है (T को U में बदलकर)।

अलग-अलग आरएनए का प्रकार

  • जेनेटिक आरएनए: जो जेनेटिक मटेरियल की तरह कार्य करता है (वायरस)।
  • नॉन-जेनेटिक आरएनए: विभिन्न सेलुलर गतिविधियों के लिए बनाया गया (महत्वपूर्ण प्रकार - mRNA, tRNA, rRNA)।
    • mRNA (मैसेंजर आरएनए): जेनेटिक जानकारी कैर्री करता है।
    • tRNA (ट्रांसफर आरएनए): अमीनो एसिड्स को लेकर आता है।
    • rRNA (राइबोसोमल आरएनए): राइबोसोम के साथ जुड़ता है।

procariots vs eukaryotes में पोलिमेरेस प्रकार

  • प्रोकैरियोट्स में सिंगल आरएनए पोलिमेरेस होता है।
  • यूकैरीयोट्स में तीन प्रकार के होते हैं:
    • आरएनए पोलिमेरेस I: rRNA सिंथेसिस।
    • आरएनए पोलिमेरेस II: hnRNA (mRNA का प्रीकर्सर) बनाता है।
    • आरएनए पोलिमेरेस III: tRNA और 5s rRNA बनाता है।

समरी

  • लेख और तर्क वितर्क विस्तृत रूप में ट्रांसक्रिप्शन की प्रक्रिया को समझना।
  • प्रमोटर, टर्मिनेटर की पोजीशन और उनका महत्व।
  • आरएनए के प्रकार और उनके कार्य।
  • एन्ज़ाइम्स और उनके प्रकार प्रोकैरियोट्स और यूकैरीयोट्स में।

अगले लेक्चर में: ट्रांसक्रिप्शन की और डीटेल प्रक्रिया।