मॉलेक्युलर बेसिस ऑफ इन्हेरिटेंस
लेक्चर 4: नोट्स
इंट्रोडक्शन
- बिना तैयारी के लेक्चर अटेंड न करें। पिछला कंटेंट रिवाइज कर आना आवश्यक है।
- पिछली क्लास में डीएनए रिप्लिकेशन देखा था।
- सेंट्रल डॉग्मा: डीएनए से आरएनए और फिर प्रोटीन।
ट्रांसक्रिप्शन
- ट्रांसक्रिप्शन: डीएनए से आरएनए बनता है।
- डबल स्ट्रैंडेड डीएनए से सिंगल स्ट्रैंडेड आरएनए बनता है।
- एंजाइम: डीएनए-डिपेंडेंट आरएनए पोलिमेरेस।
- कंप्लीमेंटेशन रूल:
- A का U से, T का A से, G का C से और C का G से जुड़ना।
- डीएनए का सिर्फ़ एक स्टैंड उपयोगी होता है। यही प्रक् रिया सिंगल-स्टैंडेड आरएनए बनाने में मदद करती है।
ट्रांसक्रिप्शन की प्रक्रिया
- डीएनए के हिस्से:
- प्रमोटर: आरएनए पोलिमेरेस की बाइंडिंग साइट।
- टर्मिनेटर: प्रक्रिया को समाप्त करने वाला।
- स्ट्रक्चरल जीन: असली क्षेत्र जो आरएनए बनाता है।
- Templates strand: डीएनए का वह हिस्सा जिसे उपयोग किया जाता है।
- Coding strand: जिससे आरएनए का सीक्वेंस मेल करता है (T को U में बदलकर)।
अलग-अलग आरएनए का प्रकार
- जेनेटिक आरएनए: जो जेनेटिक मटेरियल की तरह कार्य करता है (वायरस)।
- नॉन-जेनेटिक आरएनए: विभिन्न सेलुलर गतिविधियों के लिए बनाया गया (महत्वपूर्ण प्रकार - mRNA, tRNA, rRNA)।
- mRNA (मैसेंजर आरएनए): जेनेटिक जानकारी कैर्री करता है।
- tRNA (ट्रांसफर आरएनए): अमीनो एसिड्स को लेकर आता है।
- rRNA (राइबोसोमल आरएनए): राइबोसोम के साथ जुड़ता है।
procariots vs eukaryotes में पोलिमेरेस प्रकार
- प्रोकैरियोट्स में सिंगल आरएनए पोलिमेरेस होता है।
- यूकैरीयोट्स में तीन प्रकार के होते हैं:
- आरएनए पोलिमेरेस I: rRNA सिंथेसिस।
- आरएनए पोलिमेरेस II: hnRNA (mRNA का प्रीकर्सर) बनाता है।
- आरएनए पोलिमेरेस III: tRNA और 5s rRNA बनाता है।
समरी
- लेख और तर्क वितर्क विस्तृत रूप में ट्रांसक्रिप्शन की प्रक्रिया को समझना।
- प्रमोटर, टर्मिनेटर की पोजीशन और उनका महत्व।
- आरएनए के प्रकार और उनके कार्य।
- एन्ज़ाइम्स और उनके प्रकार प्रोकैरियोट्स और यूकैरीयोट्स में।
अगले लेक्चर में: ट्रांसक्रिप्शन की और डीटेल प्रक्रिया।