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वीरप्पन का कुख्यात इतिहास

फाइनली इस डकैत को पकड़ने के लिए जैयल अलिथा ने एक स्टीफ बनाई यानि की स्पेशल टास्क फोर्स, जिन्दा या मुर्दा कैसे भी करके इस डकैत को पकड़ना है ये लाज चंदन की लकड़ी में ऐसा क्या है कि उसकी इतनी ज़ादा स्मगलूब होती है ये विजया कुमार साल 1985 से 1990 के बीच डेन प्राइम मिनिस्टर राजिव गांडी के स्पेशल प्रोटेक्शन गुरूप यानि की SPG का भोका धड़ी से इस डकैत में पी स्री निवास का सर धर से अलग करके उनकी हत्या कर दी और उसके बाद भी इसका दिल नहीं भरा फिर इसने अपने गैंग मेंबर्स के साथ मिलकर ये किया कि इस डकैत की गैंग के एक में गुर्गे को साम दाम दंड भेद का इस्तमाल करके दूसरा जो बड़ा एडवांटिज इस बंदे के पास था वो था जनता का साथ लेकिन हर बार की तरह शुरुशे शुरु करते हैं बात आज से 72 साल पहले की है 18 जनवरी 1952 में करनाटका में गोपीनाथम नाम के एक छोटे से गाउं में एक बच्चे का जन्म होता है मैप में ध्यान से देखो ये करनाटका है ये तमिलनाडू है और इन द इस बच्चे का जन्म एक गरीब घर में हुआ था एक ऐसा परिवार जो खेती और पशु पालन से अपना गुजारा करता था इस बच्चे का पूरा बच्चपन गोपिनातम गाउं के आसपास मौझूद घने जंगलों में बीत रहा था जैसे ये बच्चा बड़ा हो बंदूके चलाना, हंटिंग करना, यानि की जानवरों का शिकार करना इसका शौक सा बनता गया बड़े होने के बाद इस बच्चे ने रेड सेंडल वुड यानि की लाल चंदन की लकडियों की स्मगलिंग करनी शुरू कर दी 2000 से जदा हाथियों को मार कर अपने गाउं के आसपास के इलाकों के जंगलों से की थी उसका इंफ्लूएंस साल 1900 आते कई गुना तक बढ़ चुका था कहा जाता है कि ये बंदा उन जंगलों में सर्वाइब करने के लिए पर पुलिस इस बंदे को नहीं पकड़ पाई सबसे पहले अड़वांटेज इस बंदे को ये था चुकि ये तीनों स्टेट के बॉर्डर्स के जंगलों में से ही ओपरेट कर रहा था तो एक स्टेट से दूसरे स्टेट में भाग जाता था बदले में पैसे देता इस बंदे के लिए इन गाउं के लोग इनफॉर्मेंट का काम करते थे जब पुलिस वाले इस बंदे को पकड़ने का कोई भी प्लैन बनाते तो गाउं वाले पहले ही इस बंदे को इनफॉर्म कर देते थे जिसकी वज़े से पुलिस के सारे प्लैन्स पुलिस को विश्वास ही नहीं हुआ वो अलग और उपर से पुलिस ने इसके सिर पर जिन्दा या मुर्दा पकड़वाने पर चार करोड का इनाम रख दिया वो अलग 1984 में इसने एक डिनर ओर्गनाइज किया असल में ये हाल फिलाल ही प्रतियान एक्सेप्ट कर लिया और उस रात सबका भढिया खाना पीना हो जाता है। और अरेस्ट करके जेल में डाल दे श्री पी स्री निवास वो पुलिस ओफिसर जिनने कीर्ती चक्र भी मिल चुका है उन्होंने इसका चैलेंज एक्सेप्ट किया और जंगल में चले गए फिर साल 1993 में इसने दो मेजर क्राइंस किये इतना नुकसान पहुंचा दिया था कि प� अरेस्ट या इसका एंकाउंटर करने के लिए रेडी ही बैठी रहती थी रैमबो गोपाल कृष्णन ने इस चेलेंज को एक्सेप्ट किया और अपने साथ 22 पुलिस वालों को लेकर वो इस डकैत की बताई हुई लोकेशन पर जाने लगे थे भी नहीं, खेर इधर इन्होंने लेंड माइन लगा रखी थी और जैसे ही पुलिस की वैन ब्रिज पर चर्णे ही वाली थी, वैसे ही ब्लास्ट कर दिया, ये ब्लास्ट पालर ब्लास्ट नाम से जाना जाता है, पीछे जीट में बैठे हुए 1993 का पहला कांड था, अगर बात की जाए 1993 को, इसे 8 चर्वाहो पर ने उन 8 के 8 को वही मरवा दिया इनको तो आप जानते ही हो, मिस्टर पुनीत राजकुमार, फेमस कन्नडा सिनिमा एक्टर, जिनकी अभी तीन साल पहले ही हार्ट अटेक से मौत हो गई थी, इनी के फादर, लेजेंडरी कन्नडा एक्टर डॉक्टर राजकुमार को भी इस डकेट ने उनके घर में गुशकर क मिलेगा इसने डॉक्टर राजकुमार को छोटे मोटे टाइम के लिए नहीं बलकि पूरे 108 दिनों के लिए यानि की साड़े तीन से जादा महीनों के लिए अपने पास किडनैप करके रखा और फाइनली डॉक्टर राजकुमार को छोड़ने के बदले इस डकैत को 30 करोड र� एच नागपा की फैमिली ने उस कसेट को एकस्प्लोर किया तो पाया कि उसमें ये डकैत पूरा खुलासा करते हुए ये बता रहा है कि मैं भगवान की कसम खाता हूँ मैंने एच नागपा को नहीं मरवाया मिनिस्टर एच नागपा को जयल अलिथा ने मरवाया है उसने बताया कि एक दिन पुलिस ने जंगल में आके उसकी गैंग पर हमला कर दिया और मिनिस्टर एच नागपा भी उनके साथ वहीं मौझूद थे डकैत और उसके गैंग वालों ने मिनिस्टर एच नागपा को बचक पुलिस वाले पब्लिकली अनॉस करेंगे लालिथा ने एक स्टीएफ बनाई यानि की स्पेशल टास्क फोर्स इस स्टीएफ का सिर्फ एकी काम था जिन्दा या मुर्दा कैसे भी करके इस डकेत को पकड़ना है मुद्दे की बात यह है कि ये स्टीएफ सच में इतनी स्पेशल इसलिए थी क्योंकि इस स्टीएफ को इ सबसे पहला काम इस स्टीफ ने ये किया कि इस डकैत की गैंग के एक मेन गुर्गे को साम, दाम, दंड, भेद का इस्तेमाल करके अपनी तरफ कर लिया और उसे अपना इंफॉर्मेंट बना लिया अब इस डकैत को अपना इंटरव्यू देने का इसका ये ही शौक इसके उपर भारी पढ़ गया ध्यान से समझना कैसे कुमार ने notice किया कि ये डकेत जब letter पढ़ रहा था तो बार उसको आगे पीछे करके देख रहा था यानि कि definitely उसकी आँखों में कोई problem थी जिससे उसे शब्द अच्छे से दिखाई नहीं दे रहे थे के विजे कुमार को यहां से एक idea आया उन्हें पता था कि इस डकेत क पर इस डकैत को पकड़ने के पूरे इस प्लैन का नाम भी और इस डकैत को पकड़ने के पूरे इस प्लैन का नाम भी और इस डकैत को पकड़ने के पूरे इस प्लैन का नाम भी और इस डकैत को पकड़ने के पूरे इस डकैत को पकड़ने के Operation Cocoon रखा गया था जंगलों में से निकल कर ये एम्बुलेंस सिटी हॉस्पिटल में जाने के लिए तैयार है और एम्बुलेंस रवाना हो उससे पहले ही आप समझ लो कि इसमें आगे जो ड्राइवर और कोड्राइवर बैठे हुए हैं रोड को पूरी तरह से ब्लॉक करने के लिए स्टिएफ वालों ने गन्नों से भरा हुआ एक ट्रक लाकर यहां पर खड़ा कर दिया। कुछ स्कूल की छट पर, कुछ खेत में, कुछ वीकल्स के आगे पीछे वगेरा वगेरा. बस फिर क्या था? SDF वालों ने जो सोचा था, वही हुआ. रोड ब्लॉक्ड थी, इसलिए एम्बुलेंस वहाँ आकर रुक गई. डकैत नहीं माना, तो फिर वही हुआ, जो SDF वाले पहले से ही सोच कर आये थे. और ambulance के अंदर मौझूद वो डकैत और उसके दोनों साती मारे गए। ये एक real incident था और शुरु-शुरु में सब कुछ सुनने के बाद ऐसा लगता है कि कहीं ये पुष्पा मुवी की real story तो नहीं है और the answer is no. ये South India के सबसे बड़े डकैत वीरपण की real story थी। वही dressing, वही smuggling के cases, etc. आज को बहुत ज़्यादा नुकसान पहुंचाया है और उसके कामों को यंग्स्टर्स के सामने पुष्पा मूवी के थूब हीरोइक तरीके से प्रेजेंट करने से सोसाइटी में एक बहुती गलत मैसेज जाता है। प्रिजन्स को भी अपन समझें उससे पहले आप ये समझो कि ये लाल चंदन की लकडी का एक लॉग है पूरी धर्ती पर ये पेड़ मेजरली साउथ इंडिया में ही शेषे चलम के जंगलों में पाये जाते हैं इंडिया लाल चंदन के पेड़ों का सबसे बड़ा एकस्पोर अंदर लाल कलर का आपको दिख रहा है इसे बोला जाता है हाट वूड बस यह हाट वूड ही में चीज है यही ज्यादा बिकती है इसकी ही डिमांड है हाट वूड की यह सिर्फ 15 से 23 सेंटी मीटर की गर्थ बनने में ही यानि कि सिर्फ इतनी सी चोड़ाई बनने में ही 18 साल ल लाल चंदन की लकडी से बनी हुई एक चेयर दस लाख रुपे की पड़ती है लाल चंदन की लकडी में मेडिसिनल प्रापर्टीज भी होती है डाइरिया, लीवर की बिमारी और खुन की बिमारीयों की दवाईयों में भी यूज़ होता है लाल चंदन की लकडी का यूज इंशियन एजिप्शन्स डेट बॉडीस के उपर भी करते थे वो लोग डेट बॉडीस पर लाल चंदन का लेप मल देते थे ताकि बॉडी जल्दी से सडे ना लाल चंदन की लकडी का वन अफ दा में यूज पर्फ्यूम्स में होता है वो पचा से सौ रुपे में ही आ जाती है। लाल चंदन की लकडी का यूज धूब बत्ती और अगर बत्ती में तो होता ही है। इसके अलाबा हिंदू धर्म में भगवान की मूर्थी पर भी इसका लेप लगाया जाता है। आप तक समझ चुके होंगे कि इतनी सारी लाल चंदन की लकडी की स्मगली की कहानिया क्यों है इंडिया में। खेर। इस 3D animated वीडियो में मैंने बताया है कि सर रतन टाटा को स्कूल छोड़ने और लेने जो Rolls Royce आती थी, वो कभी भी उसका इस्