हेलो फ्रेंड्स वेलकम टू माय पिक्चर के थ्रू जो चीजें एक्सप्लेन करना चाहते हैं तो वो चीजें लैंग्वेज का यूज़ करते हुए रिदम का यूज़ करते हुए हार्मोनी का यूज़ करते हुए पोएट्री एक्सप्लेन करती है मिमिक्री करती है तो यहां पर सेकंड लैंग्वेज में फॉर और ऑफ दोनों वर्ड दिए हुए हैं फॉर को आप काट देना गलती से लिखा गया है दिस एस्पेक्ट्स आर यूज्ड एज लर्निंग डिवाइस एंड एज ए वे टू एनालाइज एंड ड्रॉ कंक्लूजन अबाउट द वर्ल्ड और ये जो एस्पेक्ट्स होते हैं ये यूज़ किए जाते हैं लर्निंग डिवाइस के रूप में एंड इसके साथ ही इनके थ्रू ही हम इस वर्ल्ड के बारे में अच्छे से एनालाइज कर पाते हैं और अच्छे से ड्रॉ करते हुए कंक्लूजन मेन पर्पस इन राइटिंग ऑन द आर्ट ऑफ पोएट्री वाज टू प्रेजेंट एंड एक्सप्लेन द फंडामेंटल प्रिंसिपल ऑफ आर्ट तो एरिस्टोटल ने ये जो टॉपिक लिखा है ऑन द आर्ट ऑफ राइटिंग इसका मेन पर्पस क्या है कि वो आर्ट जो कला है उसके बेसिक प्रिंसिपल जो हैं उन्हें अच्छे से प्रेजेंट कर सकें उन्हें अच्छे से एक्सप्लेन कर सकें एरिस्टोटल नॉट ओनली डिस्कस अबाउट द पोएट्री बट आल्सो द बेस्ट वे टू कंस्ट्रक्ट प्लॉट इन पोयम फॉर द डिजायर्ड मैक्सिमम इफेक्ट तो एरिस्टोटल है जो उन्होंने सिर्फ पोएट्री के बारे में ही डिस्कस नहीं किया है इसके साथ ही उन्होंने अपने वर्क में जो पोएट्री है जो पोयम है उसके प्लॉट को अच्छी तरीके से कंस्ट्रक्ट करने के बारे में भी डिस्कस किया है जिससे कि हम जितना अच्छा इफेक्ट लाना चाहते हैं उतना अच्छा इफेक्ट हम ला सकें ही नेम्स डिफरेंट टाइप ऑफ पोएट्री एज एपिक ट्रेजेडी एंड कॉमेडी इसके साथ ही उन्होंने बताया है कि जो पोएट्री है उसके भी डिफरेंट टाइप्स होते हैं जैसे कि एपिक पोएट्री होती है ट्रेजडी पोयम्स होती हैं कॉमेडी पोयम्स होती हैं एरिस्टोटल क्लेम दैट पोएट्री जज वन ब्रांच ऑफ आर्ट एरिस्टोटल कहते हैं कि जो पोएट्री है वह आर्ट की एक ब्रांच है इज ए फॉर्म ऑफ इमिटेशन कि जो पोएट्री है वो एक फॉर्म है इमिटेशन की ही सेज दैट वह कहते हैं व्हेन पीपल व्यू समथिंग एंड इमिटेटर दे कैन फाइंड प्लेजर इन एंड अंडरस्टैंडिंग ऑफ दैट वर्क ऑफ आर्ट तो यहां पर जो पोएट है वो कहते हैं एरिस्टोटल है जो वो कहते हैं कि जो लोग होते हैं जब वह किसी चीज को देखते हैं उसे इमिटेटर हैं तो इससे एक तो उन्हें प्लेजर खुशी मिलती है दूसरा वह उस चीज को अच्छे से समझ पाते हैं वेदर द आर्टिस्ट इज अ पोएट अ म्यूजिशियन एंड द अदर क्रिएटर तो यहां पर जो एरिस्टोटल है वो कहते हैं कि एक जो आर्टिस्ट होता है वो एक पोएट भी होता है एक म्यूजिशियन भी होता है और क्रिएटर भी होता है पीपल स्टार्ट इमिटेटिंग थिंग्स फ्रॉम अ यंग एज एंड आर एबल टू बेटर अंडरस्टैंड द वर्ल्ड अराउंड देम बाय इमिटेशन तो एरिस्टोटल है जो वो कहते हैं कि लोग स्टार्टिंग से ही यानी कि यंग एज से ही क्या है चीजों को इमिटेटर लग जाते हैं और अच्छी तरीके से समझना शुरू कर देते हैं इस संसार में जो भी उनके आस पास चीजें हैं कैसे समझते हैं बाय इमिटेशन इमिटेशन के माध्यम से एरिस्टोटल आल्सो मेंशन द फीचर्स ऑफ अ स्टोरी तो यहां पर एरिस्टोटल ने अपने इस वर्क के अंदर जो स्टोरी है उसके कुछ फीचर्स के बारे में भी बताया है जैसे कि कोई स्टोरी है तो उसमें प्लॉट होता है कैरेक्टर्स होते हैं थॉट होता है डिक्शन होता है सॉन्ग होता है और स्पेक्ट्स होता है एरिस्टोटल एड्रेस द डिफरेंट काइंड ऑफ पोएट्री द स्ट्रक्चर ऑफ अ गुड पोयम एंड द डिवीजन ऑफ ए पोयम इनटू इट्स कंपोनेंट पार्ट तो यहां पर अपने वर्क में एरिस्टोटल ने पोएट्री के जो काइंस हैं उनके बारे में बताया है और जो गुड पोयम होती है उसकी स्ट्रक्चर कैसी होती है उसके बारे में बताया है इसके साथ ही जो पोयम है उसको क्या है कि हम अगर डिवाइड कर देते हैं डिवीजन कर देते हैं उसके पार्ट्स में कॉम्पोनेंट्स पार्ट्स में तो हम बेटर समझ सकते हैं ही डिफाइंस पोएट्री एज अ मीडियम ऑफ इमिटेशन दैट सीक टू रिप्रेजेंट और डुप्लीकेट लाइफ थ्रू करैक्टर इमोशन एंड एक्शन इसके साथ ही वो कहते हैं कि पोएट्री एक ऐसा माध्यम है इमिटेशन के थ्रू हम क्या कर सकते हैं हम रिप्रेजेंट कर सकते हैं एक लाइफ को जिसमें हम करैक्टर का यूज़ करेंगे इमोशन का यूज़ करेंगे और एक्शन का यूज करते हैं यानी कि कोई पोयम है जिसमें क्या है करैक्टर है उसके इमोशन है उसके एक्शंस हैं जिसके थ्रू हम एक लाइफ को क्या है रिप्रेजेंट करते हैं अकॉर्डिंग टू एरिस्टोटल ट्रेजेडी कम फ्रॉम द एफर्ट्स ऑफ पोइट टू प्रेजेंट मैन एज नोबल और बेटर देन दे आर इन रियल लाइफ एरिस्टोटल के अकॉर्डिंग जो ट्रेजेडी होती है उसमें क्या है कि जो पोएट्स होते हैं वो मैन को जो रियल लाइफ में वो पर्सन है उससे ज्यादा बेटर और नोबलर शो करता है कॉमेडी ऑन द अदर हैंड शो अ लोअर टाइप ऑफ पर्सन एंड रिवील ह्यूमन टू बी वर्स देन दे आर इन एवरेज जबकि जो कॉमेडी होता है उसमें क्या है कि मैन को एक लोअर टाइप में शो किया जाता है इसके साथ ही रिवील किया जाता है कि जो ह्यूमन है वो वर्स है देन दे आर इन एवरेज यानी कि वो नॉर्मल होता है उससे भी ज्यादा बुरा कॉमेडी में दिखा दिया जाता है एपिक पोएट्री ऑन द अदर हैंड इमिटेटर मैन लाइक ट्रेजेडी लेकिन जो एपिक पोएट्री होती है उसमें क्या है कि मैन को नोबल दिखाया जाता है जैसे कि ट्रेजेडी में दिखाया जाता है बट ओनली वन टाइप ऑफ मीटर अनलाइक ट्रेजेडी व्हिच कैन हैव सेवरल एंड इ नैरेटिव इन फॉर्म लेकिन क्या होता है कि जो एपिक पोएट्री होती है उसमें एक ही टाइप का मीटर यूज किया जाता है जबकि जो ट्रेजेडी है उसमें सेवरल टाइप के जो मीटर है उनका यूज किया जाता है और एक नरेट फॉर्म में लिखी जाती है क्या ट्रेजडी पॉइंट एरिस्टोटल ले आउट सिक्स एलिमेंट ऑफ ट्रेजेडी तो जो एरिस्टोटल है उन्होंने बताया है कि जो ट्रेजेडी है उसमें क्या है कि सिक्स एलिमेंट्स होते हैं कौन-कौन से होते हैं तो सेम वही पोयम वाले होते हैं प्लॉट हो गया करैक्टर हो गए डिक्शन थॉट स्पेक्टल एंड सॉन्ग प्लॉट इज द सोल ऑफ ट्रेजेडी तो यहां पर ज स्टोटल है उन्होंने कहा है कि जो प्लॉट होता है वोह क्या है कि ट्रेजेडी की सोल आत्मा होती है बिकॉज़ एक्शन इज पैरामाउंट टू द सिग्निफिकेंट ऑफ ए ड्रामा एंड ऑल अदर एलिमेंट्स आर सबसाइड तो यहां पर इन्होंने कहा है कि जो प्लॉट है वो सबसे इंपॉर्टेंट होता है और बाकी के जो एलिमेंट होते हैं वो इसके सबसाइड होते हैं ए प्लॉट मस्ट हैव अ बिगिनिंग मिडल एंड एंड कि जो प्लॉट है उसकी बिगिनिंग मिडल और एंड होते हैं इट मस्ट आल्सो बी यूनिवर्सल इन सिग्निफिकेंट हैव ए डिटरमिनेट स्ट्रक्चर एंड मेंटेन अ यूनिटी ऑफ थीम एंड पर्पस तो जो प्लॉट है उसकी एक डिटरमिनेट स्ट्रक्चर होती है और वह थीम पर्पस इन सबको अच्छे से मेंटेन करके रखता है क्लॉट आल्सो मस्ट कंटेन एलिमेंट ऑफ एस्टोनिया प्लॉट होता है उसमें भी क्या होते हैं कि कुछ एलिमेंट्स होते हैं जो कि यहां पर बताए गए हैं सबसे पहले यहां पर जैसे कि रिवर्सल है तो रिवर्सल क्या होता है रिवर्सल इज एन आइड निक ट्विस्ट और चेंज बाय व्हिच द मेन एक्शन ऑफ द स्टोरी कम फुल सर्कल तो रिवर्सल में क्या होता है एक आता है ना टर्निंग पॉइंट आता है जैसे उसे ही रिवर्सल कहते हैं एक ट्विस्ट आ जाता है एक चेंज आ जाता है जो कि उस स्टोरी का मेन एक्शन आ जाता है और उसे एक एंडिंग पॉइंट पर लेकर आता है रिकॉग्निशन अ मीन वाइल इज द चेंज फ्रॉम इग्नोर टू नॉलेज यूजी इवॉल्विंग पीपल कमिंग टू अंडरस्टैंड वन अनदर ट्रू आइडेंटिटी और जो रिकॉग्निशन होता है उसमें क्या होता है कि पहले हमें जिस बारे में नहीं पता यानी कि एक अगर आप सीरियल वगैरह देखते हो तो होता है ना कि पहले आपको किसी सच्चाई के बारे में नहीं पता फिर अचानक से एक टर्न आता है कि जो गलत हो रहा होता है वो चीजें सही हो जाती है जिस इंसान को हम गलत समझते हैं धीरे-धीरे उस इंसान की सच्चाई के बारे में पता चलते है कि ये इंसान तो सही था तो वो चीजें जैसे आपने सीरियल देखा होगा तो आपको यह चीज समझ आती होगी सफरिंग इज ए पेनफुल एक्शन व्हिच ऑफर रिजल्ट ऑफ ए रिवर्सल एंड द रिकॉग्निशन तो जो सफरिंग है वो क्या है एक पेनफुल एक्शन होता है यानी कि उसने कितना अपनी लाइफ में स्ट्रगल किया है उसके बारे में बताते हैं और यह किसके किसका रिजल्ट होता है तो रिवर्सल और रिकॉग्निशन का अ जो रिजल्ट है वो होता है ऑल थ्री एलिमेंट क्रिएट कथार्सिस और ये तीनों एलिमेंट है जो वो क्या क्रिएट करते हैं कथा र्स क्रिएट करते हैं व्हिच इज एन इंजेंडर मेंट ऑफ फियर एंड पीटी इन द ऑडियंस जिसके माध्यम से क्या होता है कि जो ऑडियंस होती है उन्हें जब सीरियल देखते हैं तो हमारे धीरे-धीरे वैसे ही इमोशंस आने लग जाते हैं तो ऑडियंस जो होती है उनके मन में क्या है कि जब वो देखते हैं तो उनमें फीयर आता है पीटी की फीलिंग आने लग जाती है पीटी फॉर अ पीटी इन द ऑडियंस पीटी फॉर द ट्रैजिक हीरो प्लाइट एंड फियर दैट हिज फेट माइट बफल अस तो यहां यहां पर क्या है कि जो हीरो है उसके प्लाइट पर उसकी जो लाइफ में चीजें हो रही होती हैं उसके लिए क्या है कि लोगों के मन में ऑडियंस के मन में पीटी दुख आने लग जाता है और डर आने लग जाता है उसके फेट को लेकर उसके भाग्य को लेकर कि अब उसकी लाइफ में क्या होगा व्हेन इट कम टू द करैक्टर जब अ जस्ट अ सेकंड हां जी व्हेन इट कम टू करैक्टर अ पोएट शुड एम फोर थिंग्स और यहां पर जो पोएट है जो एरिस्टोटल सॉरी जो एरिस्टोटल उन्होंने कहा है कि जब भी पोएट्री लिखी जाती है तो पोएट को क्या है कि कुछ फोर थिंग्स है जो उनको ध्यान में रखनी चाहिए किसी भी करैक्टर के बारे में लिखते हुए सबसे पहले क्या है फर्स्ट द हीरो मस्ट बी गुड कि जो हीरो है जो मेन कैरेक्टर है वो क्या है अच्छा होना चाहिए सेकंड द हीरो मस्ट हैव प्रायोरिटी और जो सेकंड क्या है कि जो हीरो है उसी को क्या है प्रायोरिटी दी जानी चाहिए थर्ड द हीरो मस्ट बी ट्रू ऑफ लाइफ ट्रू टू लाइफ और जो हीरो है वो लाइफ से रिलेट करना चाहिए ट्रू होना चाहिए एंड फाइनली द हीरो मस्ट बी कंसिस्टेंट और जो हीरो है वह कैसा होना चाहिए कंसिस्टेंट होना चाहिए अकॉर्डिंग टू एरिस्टोटल एरिस्टोटल के अकॉर्डिंग देयर आर अ फ्यू डिफरेंस बिटवीन ट्रेजेडी एंड एपिक तो इसके बाद जो एरिस्टोटल है उन्होंने एपिक और ट्रेजेडी है उसमें क्या डिफरेंस है उसके बारे में बताया है फर्स्ट एंड एपिक पोयम डज नॉट यूज सॉन्ग और स्पेक्ट्स तो यह कहते हैं कि सबसे पहले जो एपिक पोयम होती है वो क्या है कि उसमें हम ना तो सॉन्ग का यूज करते हैं और ना ही हम स्पेकल्स का यूज करते हैं तो पहली चीज तो यह हो गई टू अचीव इट्स कार्थिक इफेक्ट जिससे कि हम एक कार्थिक इफेक्ट क्रिएट कर सके एपिक पोएट्री इज रिटर्न और जो एपी पोएट्री है वो किसमें लिखी जाती है हेक्सामीटर में लिखी जाती है वेयर एज ट्रेजेडी ऑफें फॉर्म ऑफ मीटर टू अचीव द रिदम ऑफ डिफरेंट कैरेक्टर स्पीच इसके साथ ही इन्होंने यह बात बोली है जैसे इस मेन बात यह है कि जो एपिक होता है वो सिर्फ एक हेक्सामीटर में लिखा जाता है जबकि जो ट्रेज ट्रेजडी होती है वो बहुत ही ज्यादा अलग-अलग सेवरल टाइप के जो मीटर हैं उसका यूज़ करती है ताकि हम अचीव कर सकें करैक्टर की जो स्पीच है उसके रिदम को लेकर एरिस्टोटल कंक्लूजन द क्वेश्चन ऑफ वेदर एपिक फॉर्म और द ट्रेजेडी फॉर्म इज हाईयर पहले तो इन्होंने ये बता दिया कि एपिक और जो ट्रेजेडी है उसमें डिफरेंस होता है और डिफरेंस क्या होता है एक तो मीटर को लेकर कि जो ट्रेजेडी है उसमें बहुत अलग-अलग सेवरल टाइप के मीटर का यूज किया जाता है जबकि एपिक में सिर्फ एक ही मीटर का यूज किया जाता है और दूसरा इसका क्या डिफरेंस है तो इसमें यह कहा गया है कि जो एपिक होता है उसमें सॉन्ग और स्पैकेटरों ऑडियंस दैट रिक्वायर द जेस्टर ऑफ परफॉर्मर एंड एपिक पोएट्री वाज फॉर अ फॉर अ कल्ट वेटेड ऑडियंस व्हिच कुड फिल्टर अ नरेट फॉर्म फ्रॉम देयर ओन इमेजिनेशन तो यहां पर वो क्या कहते हैं बहुत सारे जो क्रिटिक्स हैं वो तो यह कहते हैं कि जो ट्रेजेडी है वो क्या है इनफीरियर ऑडियंस को रिक्वायर करती है जेस्टर के लिए जो भी परफॉर्मेंस होती है जबकि जो एपिक पोएट्री होती है वह क्या है एक कल्टीवेटेड ऑडियंस है जो उसे रिक्वायर करती है जिसके थ्रू क्या है कि वो एक नैरेटिव फॉर्म में ख खा जाता है क्योंकि जो एपिक होता है उसमें इमेजिनेशन होती है मीन वाइल यह है कि जो ट्रेजेडी होती है वह शॉर्ट होती है लिमिट में होती है जिसके कारण जो क्रिटिक्स हैं उनका यह मानना है कि वो इनफीरियर ऑडियंस को गेन कर पाती है जबकि जो एपिक होता है वो बहुत लॉन्ग होता है उसमें इमेजिनेशंस होती हैं जिसके कारण क्या है कि वो ज्यादा कल्टीवेटेड ऑडियंस को ले पाती है लेकिन यहां पर जो एरिस्टोटल है उन्होंने क्या बोला है कि अ जो ट्रेजेडी है वो क्या है एपिक से ज्यादा बेस्ट है क्योंकि एक तो क्या होता है कि जो ट्रेजेडी होती है वह एपिक के गुणों को भी ले लेती है और उसके खुद के भी अपने गुण होते हैं सो इस तरीके से ये आपका टॉपिक है होप फुली आपको यह जो टॉपिक है वो समझ में आ गया होगा अगर आपको कोई भी डाउट है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हो आपका डाउट दूर कर दिया जाएगा अगर आपको यह वीडियो अच्छी लगी है तो लाइक माय वीडियो सब्सक्राइब माय चैनल थैंक यू फ्रेंड्स फॉर वाचिंग माय वीडियो थैंक यू